Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 10:52 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज ने तान्या की टाँगों को अपने कंधे पर रख कर उसकी चुदाई की शुरूवात की. फिर तान्या घूम गयी, और धीरज ने उसकी गान्ड को दोनो हाथों से पकड़ कर, और गान्ड की गोलाईयों को निहारते हुए, अपने लक्कड़ हो चुके लंड को पीछे से तान्या की प्यासी चूत में पेल दिया. और फिर, तान्या ने धीरज के लंड को चूस कर फिर से खड़ा किया, और उसके लंड पर बैठकर उसकी ऐसी सवारी की मानो आज उसकी ये आख़िरी चुदाई हो. शाम होते होते, वो दोनो बेहद थक चुके थे, और एक दूसरे से लिपटे हुए बेड पर लेट कर हाँफ रहे थे.

"हे भगवान! मुझे इसकी बेहद ज़रूरत थी!" तान्या लंबी साँस लेती हुई बोली. सच में मैं मज़ाक नही कर रही हूँ!

"इतना मज़ा आएगा मुझे विश्वास नही होता!" धीरज ने तान्या के उपर आते हुए, और उसको चूमते हुए जवाब दिया. "मेरे लंड को आज ना जाने कितने सालों बाद इतना अच्छी तरह चूसा है, शायद कॉलेज डेज़ के बाद, पहली बार,” धीरज ने तान्या की गर्दन को चूमते हुए और होंठों को नीचे तान्या की मस्त चूंचियों की तरफ लाते हुए जवाब दिया.

"मुझे भी तुम्हारे मस्त लंबे लंड को चूसने में बहुत मज़ा आया,"तान्या मुस्कुराते हुए बोली. "अगली बार मैं तुम्हारा पानी अपने मूँह में चूस चूस कर निकाल कर पी जाउन्गि, लेकिन आज तो मेरी चूत को तुम्हारे लंड की सेवा की ज़्यादा ज़रूरत थी." धीरज अगली बार की बात सुनकर थोड़ा खुश हो गया.

"कम ऑन. शवर ले लेते हैं," तान्या धीरज के मूँह को अपने निपल्स से दूर करते हुए बोली. "मुझे घर भी जाना है, और डिन्नर भी बनाना है."

बाथरूम में दोनो एक दूसरे के नंगे बदन पर साबुन लगाने लगे, और धीरज साबुन लगाते हुए तान्या के शरीरी के हर उभार का आनंद ले रहा था, और तान्या उसके लंड को हिलाते हुए उसके टट्टों को सहला रही थी. तान्या के कड़क चूंचियाँ धीरज के सहलाने और दबाने के कारण और ज़्यादा टाइट हो रही थी, और उन पर उसके गुलाबी निपल्स कड़े हो रहे थे. जब तक शवर के नीचे आकर दोनो ने साबुन को पानी से धोया, तब तक धीरज का लंड फिर से पूरी तरह खड़ा होकर फन्फनाने लगा था. 

"मुझे लगता है, मेरे को अगली बार का वेट करने की ज़रूरत नही है," तान्या मुस्कुराते हुए बाथरूम के फ्लोर पर घुटनों के बल बैठते हुए, और अपने होंठों के बीच धीरज के लंड को लेते हुए बोली.

हे भगवान! धीरज ना जाने कब से इस तरह तान्या से लंड को चुसवाने के सपने देख रहा था, और आज ये हक़ीक़त में हो रहा था. सारी दोपहर चुदाई करने के बाद धीरज को लग रहा था कि शायद अब उसकी गोलियों में बाहर निकालने के लिए थोड़ा भी पानी नही बचा होगा, लेकिन जैसे ही तान्या ने उसके लंड को चूसना और टट्टों को सहलाना शुरू किया, उसके लंड में फिर से टेन्षन बढ़ने लगी थी. तान्या की जीभ उसके लंड के सुपाडे पर गोल गोल घूम रही थी और वो हाथ से उसके लंड को, अपने मूँह में भरे हुए, अपने गीले होंठों के बीच आगे पीछे कर के हिला रही थी. तभी धीरज ने तान्या के बालों को एक हाथ से पकड़ा और अपना लंड उसके मूँह में अंदर तक घुसा दिया. तान्या का हाथ जो कि उसके लंड के निचले हिस्से को पकड़े हुए था, वो ही थोड़ी मदद कर पाया, नही तो धीरज उसके गले में अंदर तक अपने लंड को पेल देता. 


"ओह! बहुत मज़ा आ रहा है!" धीरः कराहते हुए बोला, और तान्या उसकी गोलिओं को सहलाने लगी. धीरज इस उत्तेजना को ज़्यादा देर बर्दाश्त नही कर पाया और उसके लंड ने अपनी सलहज के मूँह में यकायक अपना पानी छोड़ लिया. 

"आआररर्ररगज्गघह!" धीरज के मूँह से गुर्राने की आवाज़ निकली, और उसकी उम्मीद से कहीं ज़्यादा पानी उसकी गोलियों ने बाहर उंड़ेल दिया. बाथरूम की दीवार जिस पर टाइल्स लगी हुई थी, उस पर हाथ टिका कर अपना बॅलेन्स बनाते हुए, वो तान्या के मूँह के गीले होंठों के बीच अपने लंड को आगे धकेलकर अपनी गोलियों के बाकी बचे वीर्य को निकाल कर परम संतुष्टि पर पहुँचने लगा. तान्या उसके लंड से निकल रही आख़िरी बूँद तक चाट कर वीर्य को निगल रही थी. 

"थॅंक यू, धीरज," तान्या बोली, जब दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए. धीरज ने तान्या को अपनी बाहों में भर लिया, और उसके होंठों को एक धीरे से किस किया, जिस से वासना की एक पल को फिर से चिंगारी धधक उठी.

"मैने डॉली को बता दिया है कि हर वेडनेसडे को मैं मॅनेज्मेंट ट्रैनिंग्स की वजह से थोड़ा लेट हो जाया करूँगा,” धीरज ने तान्या के किस को थोड़ा सा बीच में ब्रेक करते हुए बताया, जिस से की वो नेक्स्ट वेडनेसडे का प्रोग्राम फाइनल कर ले.

"एम्म्म. मॅनेज्मेंट ट्रैनिंग अच्छा बहाना है. मुझे इस बात की खुशी है कि हम इस सब को फॅमिली के अंदर ही रख रहे हैं,” बाहर निकलते हुए तान्या ने हंसते हुए कहा. 

अगली हर रात को, सारे हफ्ते, वेडनेसडे दोपहर को उन दोनो के बीच जो कुछ हुआ, बस वही सब धीरज के दिमाग़ में घूमता रहा. सब कुछ इतना जल्दी से हुआ था, कि वो उसको समझ नही पा रहा था. धीरज ने मन ही मन डिसाइड किया कि अगली बार वो सब कुछ धीरे धीरे करेगा, लेकिन इंतेजार करना मुश्किल होता जा रहा था.

तान्या भी वही सब सोच रही थी, क्यूंकी नेक्स्ट वेनस्डे को जब उसने गेस्टहाउस के रूम का डोर खोला तब वो बिल्कुल नंगी थी!

"मैने सोचा टाइम क्यों वेस्ट किया जाए,” तान्या ने मुस्कुराते हुए, डोर को बंद करते हुए कहा, और धीरज की शर्ट के बटन खोलने लगी.

अगली हर रात को, सारे हफ्ते, वेडनेसडे दोपहर को उन दोनो के बीच जो कुछ हुआ, बस वही सब धीरज के दिमाग़ में घूमता रहा. सब कुछ इतना जल्दी से हुआ था, कि वो उसको संजों नही पा रहा था. धीरज ने मन ही मन डिसाइड किया कि अगली बार वो सब कुछ धीरे धीरे करेगा, लेकिन इंतेजार करना मुश्किल होता जा रहा था.
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03-31-2019, 10:52 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
तान्या भी वही सब सोच रही थी, क्यूंकी नेक्स्ट वेनसडे को जब उसने गेस्टहाउस के रूम का डोर खोला तब वो बिल्कुल नंगी थी!

"मैने सोचा टाइम क्यों वेस्ट किया जाए,” तान्या मुस्कुराते हुए, डोर को बंद करते हुए कहा, और धीरज की शर्ट के बटन खोलने लगी.

"बेशक, तुम सही कह रही हो!" धीरज ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा और तान्या के नंगे कंधों को अपने हाथों से पकड़ कर अपने पास खींच लिया. “तुम वाकई में बहुत खूबसूरत हो,” धीरज ने तान्या के नंगे बदन पर नज़र फिराते हुए कहा. धीरेज की आँखों में वासना भरी हुई थी, मानो वो तान्या के नंगे बदन के दृश्य को आत्मसात करना चाहता हो, उसकी कड़क चूंचियाँ, उसका पतला चिकना पेट, और ट्रिम किया हुआ झान्टो का त्रिकोण, जो उसकी चूत के उभार को छुपा रहा था. जैसे ही धीरज ने तान्या को पीछे से देखने के लिया घुमाया, उसकी नज़रें तान्या की गोरी चिकनी लंबी टाँगों पर जम गयी. जब उसकी नज़रें तान्या की गान्ड का जायज़ा ले रही थी, तब उसने एक हल्की से सीटी बजा दी.

"मुझे शरम आ रही है!" तान्या हंसते हुए बोली, और धीरज के हाथों को अपने कंधे के उपर से झटक दिया, और घूम कर धीरज के कपड़े उतारने लगी. "क्या वाकई में मैं तुम को बहुत खूबसूरत लगती हूँ?" तान्या ने अपनी आइब्रो चढ़ाते हुए पूछा, और उसने धीरज की पॅंट को घुटनों के नीचे खिसका दिया. 

"तुम इतनी खूबसूरत हो, कि बस तुम्हारी चूत में लंड पेलने के लिए बस अब मुझसे और ज़्यादा इंतेजार नही होता," धीरज ने जवाब दिया, और अपने जूते और पॅंट को उतारकर फेंक दिया. जब वो पूरा नंगा हो गया, तब तान्या ने अपनी बाहें उसके गले में डाल दी, और अपने आप को धीरज के शरीर से चिपका लिया. 

"मुझे मालूम था, तुम ये ही कहोगे!" तान्या फुसफुसाते हुए उसके कान के पास आकर बोली. “राज से पहले कॉलेज में ही बस एक बार एक लड़के ने मेरी चूत चाटी थी, राज के साथ करते करते मैं अब बोर हो चुकी हूँ, मेरी भी कुछ इच्छायें हैं. बस अब इंतेजार नही होता, बस सोच कर ही मेरी चूत पानी छोड़ रही है,” तान्या ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, और धीरज का हाथ पकड़ कर उसको बेड के पास ले गयी.

"चूत चाटने का अपना एक अल्ग ही मज़ा है, जब से मेरी और डॉली की शादी हुई है, मैं पहले दिन से चुदाई से पहले डॉली की चूत चाटना चाहता था, लेकिन डॉली को चूत चटवाना बिल्कुल पसंद नही है, उसको ये बहुत डिज़्गस्टिंग लगता है, इसलिए मैं भी डॉली के उपर चूत चटवाने के लिए ज़्यादा दबाव नही डालता," धीरज तान्या के पीछे चलते हुए बोला. लेकिन आज वो अपनी सलहज की चूत चाटने वाला था, ये सोच कर ही उसका लंड खड़ा होकर फूँकार मार रहा था.

"मुझे तो अपनी चूत चटवाने में बहुत मज़ा आता है," तान्या बेड पर चढ़कर, पीठ के बल लेटती हुई बोली. और धीरज को मानो चूत चाटने के लिए आमंत्रित करते हुए उसने अपनी दोनो टाँगें चौड़ी कर के फैला दी. 

जैसे ही धीरज, तान्या की टाँगों के बीच आया "वाउ!" उसके मूँह से अपने आप निकल गया, और वो तान्या की टाँगों के बीच पोज़िशन लेते हुए फुसफुसाते हुए बोला, “तुम्हारी चूत तो पहले सी काफ़ी गीली है.” तान्या ने अपनी दोनो जांघें चौड़ा रखी थी, और उसकी चूत से निकल रहे लिसिलीसे पानी से उसकी चूत चमक रही थी. धीरज ने नाक से एक गहरी साँस लेकर तान्या की चूत की सुगंध को सूंघ कर अपने अंदर सम्माहित करने लगा. तान्या की चूत की सुंगंध में मानो कोई नशा था, जो धीरज पर चढ़ने लगा था. हालाँकि, तान्या को और ज़्यादा गरम करने की कोई आवश्यकता नही थी, फिर भी धीरज उसकी चूत के आस पास चाट रहा था, और कुछ देर वो चूत के होंठों को चाटना अवाय्ड कर रहा था.

"म्म्म्ममम," तान्या कराह उठी, और अपनी गान्ड को इस कदर बेचैन होकर इधर उधर हिलाने लगी, जिस से किसी तरह उसकी चूत धीरज की जीभ से छू जाए. फाइनली, धीरज ने अपना चेहरा, तान्या की फडक रही चूत के उपर लाकर, उसकी चूत के छेद को नीचे से उपर तक चाट लिया. तान्या की चूत का स्वाद, और उसकी सुगंध अविश्वनिय थी, और धीरज को लग रहा था, मानो तान्या की चूत को चाटते चाटते कहीं वो झड ना जाए. 

"ओह हां! ओह धीरज!" तान्या कराह उठी, जैसे ही धीरज ने उसकी चूत के एक होंठ को अपने मूँह में भर कर चूस लिया. अपनी जीभ को तान्या की चूत के चारों तरफ घुमाते हुए, धीरज उसकी चूत के एक होंठ को मूँह में भर लेता, और फिर दूसरे को. 

"ओह भगवान! बहुत मज़ा आ रहा है!" तान्या गहरी साँस लेते हुए बोली. धीरज अपने हाथतान्या के घुटनों के नीचे ले गया, और उसकी दोनो टाँगें उपर कर दी, जिस से उसको तान्या की रसीली चूत तक पहुँचने में आसानी हो गयी. तान्या की चूत के गीले होंठों के बीच अपनी जीभ फिराते हुए, धीरज उसकी चूत से निकल रहे लिसलिसे पानी को चाटे जा रहा था, और चूत में अपनी जीभ घुसा कर तान्या का मुख मैथुन कर रहा था. 

जैसे ही धीरज ने उसकी चूत के गीले छेद में अपनी जीभ को अंदर बाहर करना शुरू किया, "ओह! धीरज! ओह! चोद दो मुझे प्लीज़!" तान्या चिल्ला उठी. तान्या की चूत पानी छोड़ कर बेहद गीली हो चुकी थी, और धीरज के अपने सिर को इधर उधर साइड में घुमाने के कारण, उसके मूँह और गालों को उसकी चूत से निकले पानी ने गीला कर दिया था. तान्या बेड पर किसी बिन पानी की मछलि की तरह तड़प रही थी, और धीरज के सिर के बालों को पकड़कर अपनी गरमा चूत को उसके मूँह पर रगड़ रही थी.

जैसे ही धीरज ने तान्या की चूत के दाने से नीचे, चूत के छेद के उपरी हिस्से को अपनी जीभ से चाटा, "ओह भगवान! हाां!" तान्या कराह उठी. धीरज ने दो उंगलियाँ तान्या की चूत में घुसा दी, और उनको अंदर बाहर करने लगा, और चूत के दाने को अपनी जीबे से च्छेड़ने लगा. जब धीरज ने चूत के दाने को अपने मूँह में भरा, तान्या मानो पागल हो गयी.

"ओह! चोद दो!" तान्या' कराह उठी, और अपने शरीरी को लहराते हुए अपनी चूत को धीरज की उंगलियों और मूँह पर घिसने लगी. "प्लीज़ डॉन'ट स्टॉप! मैं झडने ही वाली हूँ, धीरज! डॉन'ट स्टॉप!"

तान्या ने धीरज के सिर को अपने हाथ से पकड़ रखा था, और अपनी चूत को उसके मूँह पर घिस रही थी. धीरज उसकी चूत को चाटे जा रहा था, और जिस तरह से तान्या अपने बदन को लहरा रही थी, उसकी वजह से चूत के दाने को मूँह में भरे रखना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. तभी तान्या ने अपनी चूत को उसकी उंगलियों के गिर्द टाइट कर लिया, और एक ज़ोर से कराह उठी. 

"आआअरर्र्र्रररगगगगगघह!" तान्या चीखी, और धीरज के सिर को अपनी चूत के उपर दबा लिया, और वो झडते हुए, जोरों से काँपने लगी. जब तान्या ने धीरज के सिर के उपर से अपने हाथ का दबाव कम किया, तो धीरज उसकी चूत से निकल रहे रस को चाटने लगा. धीरज उसकी चूत को बहुत देर तक वैसे की चाटता रहा, और कुछ देर बाद, तान्या फिर से अपनी चूत को उसके मूँह पर गान्ड हिलाकर घिसने लगी.
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
इस से पहले की तान्या की साँस में साँस आती, धीरज उसके पेट पर किस करते हुए, उसके उपर आ गया, और उसके तने हुए कड़े निपल्स को चूसने लगा, और अपने लंड को तान्या की चूत में घुसाने की पोज़िशन बनाने लगा. धीरज ने अपनी जीभ जो चूत के रस में डूबी हुई थी, उसको तान्या के मुँह में घुसाते हुए, अपने लंड को तान्या की आमंत्रित कर रही चूत में पेल दिया. धीरज धीरे धीरे लंड को चूत में घुसाता रहा, जब तक कि वो पूरा गरम गरम चूत के अंदर नही घुस गया. तान्या की चूत से निकल रही गर्माहट वो अपने लंड पर महसूस कर रहा था, जैसे जैसे तान्या की चूत की मखमली दीवारें उसके लंड को जकड रही थी, चूत की वो गर्माहट उसके बदन में आग लगा रही थी,.

बहनचोड़!, क्या मस्त चूत है तान्या की! धीरज की जीभ, तान्या के सारे मूँह में घूम रही थी. 

धीरज ने अपने लंड को चूत में से पूरा बाहर निकाल लिया, बस चूत के होंठों के बीच सुपाड़ा ही रह गया. और फिर एक ज़ोर के झटके के साथ उसने लंड को पूरा चूत में पेल दिया, और उसकी गोलियाँ तान्या की गान्ड की गोलाईयों को छूने लगी. धीरज ने ज़ोर लगाकर अपना लंड पूरा तान्या की चूत में कुछ देर घुसाए रखा, और तान्या की चूत उसको अपने अंदर सम्माहित करके खुशी का इज़हार करने लगी. 

"ओह! धीरज!" तान्या ने किस को तोड़ दिया, और धीरज ने उसको अपने नीचे काँपते हुए महसूस किया, तान्या की चूत उसके स्थिर लंड को निंचोड़ रही थी. “मैं आज से पहले इतनी ज़्यादा बार पहले कभी...” तान्या अपना वाक्य पूरा नही कर पाई, क्यूंकी धीरज ने फिर से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करते हुए उसको चोदना शुरू कर दिया था. 

"ओह यॅ! ओह! धीरज!" तान्या ने अपनी बाहें और टाँगें धीरज के गिर्द जकड ली, और धीरज उसकी बेहद गीली हो चुकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. धीरजा का लंड पानी चोदने के लिए बेताब हो रहा था, और वो अब तान्या की चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था, वो दोनो पसीने में तर बतर हो चुके थे. 

"हे भगवान! ओह! चोद दो!" तान्या ने धीरज को अपनी बाहों में जकड लिया, और उसकी पीठ के बीच में अपने नाख़ून गढ़ाने लगी. धीरज ने तान्या की टाँगों को थोड़ा और ज़्यादा खुलता हुआ महसूस किया, जैसे ही तान्या ने अपने पैर बेड पर रखकर, अपनी गान्ड को उछालते हुए उसके झटकों का जवाब देना शुरू किया. वो दोनो चुदाई की उस बेहतरीन मंज़र पर पहुँच चुके थे, और एक दूसरे के बदन के उपर झटके मारते हुए परम आनंद को प्राप्त करने को लालायित हो रहे थे. 

"ओह!! हााआआन्णन्न्!" तान्या ने उसकी पीठ को जकड लिया, और अपनी चूत की मसल्स से उसके लंड को निंचोड़ने लगी, और साथ ही साथ उसकी चूत भी लंड से निकलते हुए वीर्य का स्वागत करते हुए फिर से पानी छोड़ कर झडने लगी. धीरज ने बिना रुके, एक आख़िरी झटका मारा, और तान्या की फडक रही चूत में अपना लावा उंड़ेलाना शुरू कर दिया. धीरज के लंड ने करीब 7-8 वीर्य की पिचकारियाँ तान्या की चूत में छोड़ दी, और फिर तान्या की चूंचियों पर अपने सिर को रखकर उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया.

दोनो एक दूसरे को बहुत देर तक भावनाओं में बहकर चूमते रहे, दोनो के बदन इतनी देर तक चुदाई करने के बाद, नॉर्मल होते हुए काँप रहे थे. दोनो सारी दुनिया से बेख़बर, बस चुदाई के बाद परम आनंद को प्राप्त कर कुछ मिनट वैसे ही लेटे रहे.

"आज से पहले कभी इतनी अच्छी..." तान्या फुसफुसाते हुए बोली, और अपनी साँसें संयत करने लगी.

"मैं भी नही," धीरज ने जवाब दिया, और जैसे ही उसके लंड ने तान्या की चूत में थोड़ी हरकत की, उसने फिर से तान्या को किस कर लिया. तान्या उसको देख कर मुस्कुराइ, और अविश्विनिय नज़रों से उसको सवाल भरी नज़रों से देखा.

"तुम को देख कर मेरा मन ही नही भरता," धीआज बोला, और अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा.

"मान जाओ धीरज," तान्या उस से रिक्वेस्ट करते हुए बोली, और अपने उपर से उसको धकेलने लगी, “तुम तो मेरी जान ही ले लोगे.” धीरज ने ना चाहते हुए, अन्मने मान से अपना लंड उसकी गरम गरम चूत में से निकाला.

“वैसे भी, आज मैने तुम्हारे उस को टेस्ट नही किया है,” तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और धीरज को बेड पर सीधा पीठ के बल लिटाते हुए, अपने घुटनों पर उसके पास बैठ गयी. उसके थोड़ा सा मुरझाए हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ते हुए, उसने अपनी जीभ मूँह से बाहर निकाली और लंड के सुपाडे पर जमा चूत के रस को चाटने लगी.

"ओह, तान्या!" धीरज गहरी साँस लेते हुए बोला, और तान्या उसकी टाँगों के बीच आते हुए, उसके पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को अपने गरम मूँह में भरने लगी. अपने होंठों के बीच लंड की आधी लंबाई तक अंदर लेकर, अपनी जीभ को लंड के निचले संवेदनशील हिस्से पर फिराने लगी. बहनचोड़! आज से पहले इतना मज़ा उसको लंड चुसवाने में पहले कभी नही आया था. तान्या उसके लंड के सुपाडे को चूसते हुए अपने हाथ से लंड को पकड़ कर उपर नीचे कर के, घूमाते हुए हिला रही थी. 

धीरज ने पानी आँखें बंद कर ली, और तकिये पर सिर टिका कर आराम से लेट गया, और तान्या उसके लंड को अपने मूँह में भर कर उपर नीचे होकर उसका मुख मैथुन करने लगी, और उसकी गोलियों को दूसरे हाथ से सहला रही थी. तान्या की चूंचियों के खड़े हुए निपल्स उसकी जांघों को छू रहे थे, और उसकी जीभ को वो अपने लंड पर महसूस कर रहा था. उसका लंड फिर से पानी निकालने को तय्यार हो गया था.

धीरज ने तान्या के सिर को अपने हाथ से पकड़ लिया, और उसके बालों में उंगलियाँ फिराते हुए, वो अपनी गान्ड बेड से उठाते हुए उछालने लगा. दोनो की आँखें मिली, और तान्या तेज़ी से उसके लंड को चूसने लगी, और उंगलियों से उसकी गोलियों को सहलाने लगी. धीरज अपना लंड अपनी सलहज के मूँह में उठा उठा के पेले जा रहा था, और बस कुछ ही सेकेंड्स के बाद उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी तान्या के मूँह में छोड़नी शुरू कर दी. धीरज ने तान्या के सिर को पकड़ रखा था, और तान्या उसके वीर्य को घूँट भरते हुए पीए जा रही थी. तान्या जब तक उसके लंड को चूसति और वीर्य को निगलती रही, जब तक कि धीरज की गोलियाँ वीर्य निकालकर खाली नही हो गयी. धीरज निढाल होकर बेड पर लेट गया, और तकिये पर सिर टिका कर ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा. 

" तान्या!" वो हान्फते हुए बोला, "मज़ा आ गया." तान्या अभी भी उसके लंड पर अपनी जीभ फिरा रही थी, और लंड की साइड में लगी वीर्य की बूँदों को चाट रही थी.

"मुझे भी बहुत मज़ा आया," वो बोली, और बेड पर धीरज की बगल में लेट गयी, और अपनी एक बाँह उसकी छाती पर रख दी. "एक साथ तुम कितनी बार लगातार हो सकते हो?" तान्या ने धीरज की साइड में उस से चिपकते हुए पूछा.

"पता नही," धीरज ने जवाब दिया, "कभी ऐसे पता करने का चान्स ही नही मिला."

"फिर तो हमको पता लगाना पड़ेगा," तान्या उसकी छाती के बालों पर हाथ फिराते हुए बोली.

"क्या क्या सोचती रहती हो तुम?” धीरज ने तान्या के कंधे में अपनी बाँह डालकर उसको अपने पास खींचते हुए कहा.

"म्म्म्मम," तान्या ने कराहने की आक्टिंग की. "चलो अब शवर ले लेते हैं.”

"हां," धीरज ने घड़ी में टाइम देखते हुए कहा. "तान्या, मैं शब्दों में बयान नही कर सकता..." तान्या ने उसको सेंटेन्स पूरा करने से पहले ही बीच में रोक दिया.

"ष्ह्ह," वो अपने होंठों पर उंगली रखते हुए बोली. "मुझे पता है," वो फुसफुसायाई, "विश्वास भी करो, मुझे पता है."

आगे बढ़कर तान्या ने धीरज को होंठो पर किस कर लिया. किस करते हुए ही, तान्या ने अपनी एक टाँग धीरज के उपर रख दी, और फिर उसके उपर आ गयी, और अपनी मुलायम चूंचियाँ उसकी छाती पर दबाने लगी, और अपनी गीली चूत को उसके मुरझाए हुए लंड पर घिसने लगी.

“जो कुछ हम कर रहे हैं, इस के हम हक़दार हैं,” वो किस को तोड़ते हुए बोली. “हमको गिल्टी फील होने की कोई ज़रूरत नही है.” 
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज ने बस अपनी गर्दन हिला दी, और उसके चेहरे को पकड़ कर फिर से अपने चेहरे के पास ले आया, और सोचने लगा, क्या चीज़ है ये तान्या भी.....
नेक्स्ट वीकेंड पर, डॉली और धीरज, बच्चों के साथ राज और तान्या के घर आ गये. रात को डिन्नर करते हुए, जब सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे, तो धीरज को अपने सामने तान्या को बैठे देख, सामान्य रहने में थोड़ी परेशानी हो रही थी. धीरज बाकी सब से पहले डिन्नर ख़तम कर के, घर के पिछवाड़े में बने लॉन में सिगरेट पीने चला गया. कुछ देर बाद तान्या भी उसके पास चली गयी.

"तुम ठीक तो हो ना?" तान्या ने हँसते हुए पूछा. "डाइनिंग टेबल पर तो तुम बिल्कुल पत्थर की मूर्ति बन कर बैठे थे," तान्या धीरज के पास आते हुए बोली.

"हां, मैं ठीक हूँ," धीरज ने जवाब दिया. "क्या तुमको ये सब अजीब नही लगता?" धीरज ने रेलिंग का सहारा लेकर खड़े होते हुए पूछा, और तान्या की टाइट जीन्स में क़ैद गान्ड की गोलाईयों पर अपनी नज़र फिराने लगा.

"हां, अजीब तो लगता है," वो बोली, और उसके पीछे खड़े होकर डाइनिंग रूम की खिड़की में से अंदर देखने लगी. "तुम यहाँ से अंदर बैठे हुए चारों को देख सकते हो ना?" तान्या ने धीरे से पूछा.

"हां," धीरज ने जवाब दिया, वो तान्या के इस सवाल से थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया.

"गुड," तान्या बोली, और धीरज के सामने आते हुए ज़मीन पर बैठ गयी. "अगर कोई बाहर की तरफ आने वाला हो तो मुझे पहले से बता देना," वो धीरज की पॅंट की ज़िप खोलते हुई बोली.

"तान्या!" धीरज धीरे से फुसफुसाते हुए बोला. "तुम को पता भी है कि तुम क्या कर रही हो?" धीरज घबराते हुए होला, लेकिन उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था. तान्या का सिर खिड़की की चौखट से नीचे था, तभी धीरज को एहसास हुआ कि, यदि वो रेलिंग का सहारा लेकर खड़ा हो जाए तो घर के अंदर का भी सब कुछ देख पाएगा, और उनमे से बाहर तान्या को कोई नही देख पाएगा.

"तुमको जितना मज़ा सिगरेट चूसने में आता है, उस से कहीं ज़्यादा मज़ा मुझे इसको चूसने में आता है,” तान्या उसकी ज़िप खोलकर पॅंट में अंदर हाथ डाल कर उसके लंड को बाहर निकालते हुई बोली. किसी तरह उसके अंडरवेर में से लंड को उसने बाहर निकाल कर उसको खुली हवा लेने के लिए आज़ाद कर दिया. “ये तो बेताब हुआ जा रहा है, देखो कितना टाइट हो रहा है,” वो लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फिराते हुए हंस कर बोली.

"बहन्चोद!" धीरज मस्त होकर कराहते हुए फुसफुसाया. "मुझे विश्वास नही होता, तुम मेरा लंड चूस रही हो." धीरज अपनी आँखें बंद कर लेना चाहता था, और तान्या के लंड के उपर जीभ घूमाने और चूसने के मादक एहसास का भरपूर आनंद लेना चाहता था, लेकिन उसने घर के अंदर खिड़की में से देखने के लिए आँखें गढ़ा रखी थी, और वो राज, डॉली और बच्चों को डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए देख रहा था.

तान्या जल्दी जल्दी धीरज के लंड को अपने मूँह में अंदर बाहर कर रही थी, और उसकी जीभ लंड के संवेदनशील हिस्सों पर चारों तरफ घूम रही थी. धीरज तान्या का सिर पकड़े हुए था, और उसके मूँह की चुदाई कर रहा था, लेकिन वो नॉर्मल दिखने का प्रयास कर रहा था, मानो कुछ हो ही ना रहा हो.

तान्या की चूत की आग को उसके पति के जीजा ने बहुत ज़्यादा भड़का दिया था. तान्या को धीरज का लंड मूँह में लेकर चूसने में मज़ा आने लगा था, और उसके वीर्य का स्वाद उसको भा गया था. 

वो बहुत देर तक धीरज के लंड को चूसना चाहती थी, और मज़े लेना चाहती थी, लेकिन उसको ये भी मालूम था कि उसको ये सब जल्दी ख़तम कर लेना चाहिए. उसकी एक्सपीरियेन्स्ड जीभ, और इस तरह खुले में लंड चूसने का रोमांच, सब कुछ धीरज को ज़्यादा देर झडने से रोक नही पाया. 

"चूस लो, तान्या!" धीरजा गहरी साँस लेते हुए बोला, और एक पल को उसकी आँखें बंद हो गयी, जैसे ही उसका लंड तान्या के मूँह में फैल कर और मोटा हो गया, और तान्या उसको मूँह से जोरदार चोदने लगी. वीर्य की एक लंबी गाढ़ी पिचकारी, तान्या के मूँह में छोड़ते हुए, उसने जैसे ही अपनी आँख खोली, वो घबरा गया, क्योंकि डॉली डाइनिंग टेबल पर नही थी.

"बेहनचोद!" धीरज बुद्बुदाया, और चारों तरफ देखने लगा. “डॉली वहाँ पर नही है!” वो फुसफुसाया, और तान्या के सिर को अपने लंड से दूर करते हुए, कमरे में अपनी बीवी को झाँक कर ढूँढने लगा. तान्या ने अभी भी उसका लंड अपने मूँह में ले रखा था, और लंड के सुपाडे को अपने होंठों में जाकड़ रखा था, जब तक कि उसके लंड ने वीर्य की आख़िरी पिचकारी उसके मूँह में नही छोड़ दी.

"पीछे घूम जाओ, और इसको अंदर घुसा लो," तान्या ऑर्डर देते हुए बोली, और तुरंत अपने पैरों पर, धीरज के बगल में इस तरह खड़ी हो गयी, जिस से रूम में से बाहर आने वाले को धीरज दिखाई ना दे. जैसे ही किसी के डोर खोलकर बाहर आने की आवाज़ हुई, “आज तो ढेर सारा माल निकाला है, कब से मेरे मूँह में छोड़ने के लिए बचा के रखा था?” वो फुसफुसाते हुए, और धीरज की गान्ड पर एक चिकोटी भरते हुए बोली, और साथ में अपने होंठों पर लगे वीर्य को भी जीभ से चाट कर सॉफ कर लिया. जो कोई अंजान व्यक्ति अपनी निर्दोष निगाहों से देखता, तो उसे ऐसा लगता मानो वो बाहर चाँदनी रात का, और ठंडी हवा का आनंद ले रहे हैं.

"लो, ये रहे दोनो!" डॉली दीदी ने ज़ोर से बोला, और राज को हाथ पकड़ कर बाहर खींच लाई. “हम को पता ही नही चला तुम दोनो यहाँ कब आ गये,” डॉली मुस्कुराते हुए बोली.

"तुम दोनो भाई बेहन तो बातों में इतने ज़्यादा डूब जाते हो, तुमको पता ही नही चलता कौन कब आया और कब गया,” धीरज, डॉली की तरफ घूमते हुए बोला, उसकी पॅंट अब बिल्कुल नॉर्मल हो चुकी थी. जैसे ही धीरज ने तान्या के चेहरे की तरफ देखा, उसके गालों पर एक उंगली फिराते हुए, ऐसे किया मानो वहाँ, खाने की कोई लगी हुई चीज़ को हटा रहा हो, जिस से तान्या समझ जाए और अपने डिंपल पर लगे वीर्य की बूँद को सॉफ कर ले. राज यानी अपने पति के करीब पहुँचने से पहले ही तान्या ने अपने गाल समय रहते सॉफ कर लिए. बेहनचोद आज तो बस बच ही गये, धीरज ने राहत भरी एक गहरी साँस लेते हुए सोचा. 

"मुझे पता है जब मैं और राज आपस में बचपन की बाते करते हैं तो तुम दोनो बोर हो जाते हो," डॉली हंसते हुए टॉपिक चेंज करते हुए बोली, और उसने प्रपोज़ किया क्यों ना किसी वीकेंड पर एक वीक के लिए सब लोग गोआ चलें.तान्या तो तुरंत तय्यार हो गयी, और अपनी आइ ब्रोव्स चढ़ा कर उसने धीरज की तरफ देखा. सब लोग इस आइडिया से सहमत थे, और तान्या और डॉली ने नेक्स्ट वीक किसी दिन लंच पर मिलकर सब तय्यारी करने के लिए मिलने का प्लान बनाया. उसके बाद धीरज और डॉली, बच्चों के साथ अपने घर चले गये.

घर पहुँच कर बेड पर लेटते हुए, धीरज को तान्या का मूँह में लेकर उसके लंड को चूसना ही उसके दिमाग़ में घूम रहा था, बस उसके बारे में सोचते हुए ही धीरज ने अपनी बीवी डॉली की गीली चूत में अपना लंड घुसा दिया. उसके दिमाग़ में तो तान्या की जीभ का उसके लंड पर घूमते हुए चाटने के बारे में सोचते हुए, वो डॉली की चूत में हमच कर अपना लंड पेलने लगा. डॉली उसका कोई साथ नही दे रही थी, लेकिन तान्या के साथ हुई चुदाई को याद कर, और उसकी चूत की मादक गंध और उसके स्वाद के बारे में सोचते हुए धीरज डॉली को चोदे जा रहा था.

डॉली को पता नही था कि धीरज के साथ पिछले कुछ दिनों में क्या कुछ हो गया है, और वो चुदाई करवाते हुए, वो भी गरम होने लगी थी, और अपने आप पर काबू रखना अब उसके लिए भी असंभव हो रहा था. डॉली के शरीर और दिमाग़ में अंतर द्वन्द चल रहा था, और जो से चुदते हुए, गरम होकर उसकी चूत भी और ज़्यादा चिकनी होने लगी थी. डॉली ने अपना दिमाग़ चुदाई से हटाकर कुछ और सोचने की तरफ लगाया, वो गोआ ट्रिप के बारे में सोचने लगी, और नेक्स्ट वीक लंच पर तान्या के साथ मिलने के बारे में. डॉली की चूत से निकल रहा रस, धीरज के लंड को चोदते हुए गीला कर रहा था, डॉली बिल्कुल चुपचाप लेटी हुई थी, और उसका भाई राज अपनी बीवी तान्या को कैसे चोदता होगा, इस बारे में सोच रही थी. 
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज अपनी बीवी की चूत को इस तरह से बहुत महीनों के बाद पहली बार फड़कते हुए देखकर थोड़ा हैरान हुआ. चूत से निकल रही गर्माहट और चिकनाई धीरज के लंड को बेकाबू कर रही थी, और वो डॉली को चोदने की रफ़्तार बढ़ाने लगा, और कोशिश करने लगा ताकि डॉली भी चुदाई का आनंद ले. अपनी बाहों के उपर बोझ डालते हुए, धीरज अपनी बीवी के चेहरे की तरफ देखने लगा, और उसकी गरम होकर भाप छोड़ रही चूत में अपने लंड को पेलने लगा. आज डॉली के चेहरे पर धीरज एक अलग ही तरह के एक्सप्रेशन्स देख रहा था, मानो वो कॉन्सेंट्रेट कर रही हो. डॉली के मन में अंतर द्वंद चल रहा था, मन ही मन एक लड़ाई चल रही थी, धीरज को विश्वास नही हो रहा था! क्या वो चुदाई से संतुष्ट होकर झडने वाली थी, शायद बहुत महीनों या सालों के बाद. बेहनचोद ये क्या हो रहा था.

धीरज ने आख़िरी बार चूत में अपने लंड का ज़ोर से झटका मारते हुए चूत में लंड को पेल दिया, और डॉली की इंतेजार कर रही चूत में लंड का लावा उगल दिया. धीरज की कुछ समझ में नही आया, और वो वैसे ही ढेर होकर डॉली की छाती के उपर लेट गया.

"थोड़ा आराम से और प्यार से किया करो, धीरज," डॉली फुस्फुसाइ, और इतनी देर से चुदाई के झटकों के महसूस करने के दौरान साँस रोके रहने के बाद, उसने एक गहरी साँस ली. डॉली ने धीरज के होंठों पर किस किया, और उसको अपने उपर से हटा दिया. और फिर वैसे ही बिना नाइट्गाउन पहने, बेड से उतरकर बाथरूम में चली गयी, और शवर चालू कर लिया. शवर के गरम और थाने पानी को मिक्स कर, उसका टेंपरेचर सेट किया, और अपने सिर को शवर की तेज बौछार के नीचे ले आई. ये सब क्या हो रहा था, उसके कुछ समझ में नही आ रहा था.

जब धीरज तान्या के गेस्ट हाउस पर नेक्स्ट वेडनेसडे को पहुँचा, तो तान्या ने एक वाइट कलर की छोटी सी ट्रॅन्स्परेंट नाइटी पहन रखी थी, और उसके नीचे पैंटी भी नही पहनी थी. वो उस झिन्झिने कपड़े में से उभर रहे तान्या के खड़े हुए निपल्स को निहारने लगा, और फिर नीचे तान्या की झान्टो के ट्राइंगल को. वो ये देख कर हैरान था कि थोड़े से कपड़े पहनना, पूरा नंगे होने से कहीं ज़्यादा सेक्सी हो सकता है.

"बताओ मेरे पास क्या है," तान्या ने पूछा,और अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे छुपा लिया. धीरज ने उसकी बात का जवाब देने से पहले रूम का दरवाजा बंद कर लिया.

"मैं देख सकता हूँ, तुम्हारे पास क्या है," वो बोला, और उसकी चूंचियों को दोनो हथेलियों में भर लिया, और उसके कड़क खड़े निपल्स को उस हल्के से कपड़े के उपर से अपनी हथेलियों में महसूस करने लगा.

"ये नही," तान्या हंसते हुए बोली, और अपने राइट हॅंड को सामने लाते हुए उसने एक छोटा सा प्लेयिंग कार्ड्स का एक छोटा सा बॉक्स दिखाया.

"देखो!" इसके बॉक्स पर क्या लिखा है, "सेक्सी कार्ड्स: प्लेफुल पोज़िशन्स तो स्पाइस अप युवर लव लाइफ".

"इसमे अलग अलग पोज़िशन्स के 52 कार्ड्स हैं," वो एग्ज़ाइटेड होकर बोली, "और हम सारे ट्राइ करेंगे." तान्या ने अपनी बाहें धीरज के गले में डालते हुए अपनी चूत के उभार को उसके लंड के उपर घिस दिया. धीरज ने उसकी पीठ पर नाइटी के अंदर हाथ डालते हुए, उसकी गान्ड की गोलाईयों को दबोच लिया, और तान्या को अपनी तरफ खींच कर और ज़्यादा चिपका लिया.

"तुम ने मुझमे ऐसा क्या देखा, जो मेरी दीवानी हो गयी हो?" धीरज ने तान्या की सॉलिड गोल गोल गान्ड को दबोचते हुए पूछा. बेहनचोद! क्या मस्त गान्ड थी तान्या की, धीरज ने मन ही मन सोचा, मन करता है मैं बस इसकी गान्ड को जिंदगी भर ऐसे ही अपनी हथेलियों में भर कर दबाता रहूं. 

“हालाँकि तुम इसके काबिल तो नही हो," तान्या ने धीरज को छेड़ते हुए कहा, , "लेकिन तुम मेरे रिश्तेदार हो!" तान्या उसके चंगुल से निकलकर दूर हटते हुए बोली, और बेड पर उसने सारे कार्ड्स फैला दिए. जैसे ही तान्या ने झुक कर कार्ड्स को इकट्ठा कर फ़ैंटना शुरू किया, उसकी वो झीनी सी नाइटी उसकी गान्ड की गोलाईयों के उपर तक चढ़ गयी.

"हम कहाँ से शुरू करें?" धीरज ने अपने जूते मोजे उतारते हुए और तान्या की मस्त गान्ड को घूरते हुए पूछा.

"कोई भी एक कार्ड खींच लो, कोई भी," तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और उसने बेड की तरफ इशारा किया. "ऐसा करते हैं हम बारी बारी से एक एक कार्ड खींचते हैं, और ऐसा तब तक करेंगे जब तक की हम थक ना जायें." तान्या एग्ज़ाइट्मेंट में अपनी एडियों पर नाचने लगी और ऐसा करते हुए उसकी झीनी से नाइटी में से दिख रही चूंचियों को उछलते हुए देख कर धीरज भी मज़े लेने लगा. आगे बढ़कर धीरज ने पॅक में से एक कार्ड खींच लिया.

"उलटी घोड़ी वाला पोज़ है ये तो," धीरज कार्ड को देखते हुए बोला. तान्या की चूंचियाँ धीरज की बाहों से दब रही थी, जब तान्या ने उसके कंधे के उपर से कार्ड को देखने की कोशिश की. कार्ड की उस फोटो में एक लड़का पीठ के बल बेड पर सीधा लेटा हुआ था, और एक लड़की उसके पैरों की तरफ मूँह कर के उसके लंड पर सवारी कर रही थी.

"ऊऊ, पीछे से घोड़ी वाला स्टाइल. मेरी चूत तो बस इमॅजिन कर के ही गीली हुई जा रही है, कितना मज़ा आएगा," तान्या बोली.

"तुम्हारी चूत तो हमेशा ही गीली रहती है, क्यों?" धीरज मज़ाक करते हुए बोला, और उसकी गोरी चिकनी जांघों के अंदुरूनी हिस्से पर हाथ फिराते हुए तान्या की चूत के गीले हो चुके होंठों पर उंगलियाँ फिरा दी.

"हमेशा नही, बस केवल जब तुम पास होते हो," वो कराहते हुए बोली, और बेड की तरफ बढ़ चली. "अब कार्ड पिक करने की मेरी बारी है." तान्या ने कार्ड के पॅक में से नीचे से एक कार्ड निकाला. "ये तो उठा कर करने वाला पोज़ है," तान्या कार्ड को देखते हुए बोली. "पता नही ये कैसे होगा," वो मुस्कुराते हुए बोली, और धीरज की तरफ कार्ड बढ़ा दिया. "क्या तुम कर पाओगे?"

धीरज ने उस कार्ड की फोटो की तरफ देखा. उस कार्ड में एक लड़का खड़ा हुआ था, और लड़की ने अपनी बाहें उस लड़के के गले में और टाँगों को उसकी कमर पर लपेट रखा था, और लंड अपनी चूत में पिलवा रही थी. लड़के ने अपनी बाहों से उसकी कमर से पकड़ कर उठा रखा था, और वो लड़की अपनी चूत को उसके लंड पर उपर नीचे होकर उछाल रही थी.

"कार्ड में नीचे छोटे से अक्षरों में लिखा हुआ है, कि यदि लड़की किसी दीवार से सहारा लगा ले, जैसे कि बाथरूम में, तो झटके मारने में उसको आसानी होगी,” धीरज उसको समझाते हुए बोला. “चलो शुरू में वैसे कर के देखेंगे, और यदि पासिबल हुआ तो दीवार से दूर होकर ट्राइ करेंगे. लेकिन पहले मेरे कार्ड वाला ट्राइ करते हैं,” धीरज सुझाव देते हुए बोला, “और फिर तुम्हारे कार्ड वाला बाथरूम में ट्राइ करेंगे.”

"ओके. चलो सबसे पहले अपने कपड़े उतार दो!" तान्या उसके शर्ट के बटन्स को खोलते हुए बोली.

"ये कार्ड वाला आइडिया वाकई में जबरदस्त है," धीरज ने तान्या से कहा. "ये आइडिया तुमको आया कहाँ से?"

"मैने कामसूत्र की किताब में बहुत सारी पोज़िशन देखी हैं, और मुझे अलग अलग पोज़िशन में सेक्स करने की बहुत पहले से इच्छा थी," तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और धीरज की शर्ट उतार कर नीचे फर्श पर गिरा दी, और उसकी कमर पर बँधी बेल्ट को खोलने लगी.
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"इन कार्ड्स में तो बस 52 पोज़िशन्स ही हैं, इसके बाद हम काम्सुत्र की और अलग अलग पोज़िशन्स ट्राइ करेंगे," तान्या धीरज को चिढ़ाते हुए बोली, और उसकी पॅंट और अंडरवेर को एक साथ नीचे कर के उतार दिया, अब धीरज का तन कर खड़ा हुआ लंड उक्से चेहरे के सामने था. तान्या ने लंड के सुपाडे की नोक को किस किया, और अपनी जीभ को नोकदार बनाकर उसको सुपाडे के छेद पर लगाने लगी, और फिर खड़े होकर उसने अपनी बाहें धीरज के गले में डाल दी.

"हम इन कार्ड्स की अलग अलग पोज़िशन्स को ट्राइ करेंगे, और देखते हैं तुम कितनी बार अपना पानी निकाल सकते हो," तान्या मुस्कुराते हुए बोली. तान्या ने धीरज को धक्का देकर बेड पर लिटा दिया, और खुद एक कदम पीछे हट गयी. तान्या ने धीरज को रिझाते हुए अपनी गान्ड को मटकाते हुए नाइटी उतारनी शुरू की. धीरज के लंड में आ रहे उछाल को देखकर वो मुस्कुराने लगी, और फिर सेक्सी अदा दिखाते हुए डॅन्स करते हुए अपनी नाइटी उतारने लगी.

"तुम बहुत खूबसूरत हो तान्या," धीरज गहरी साँस लेते हुए बोला, और तान्या ने अपनी नाइटी उतारकर फेंक दी और बेड पर चढ़ गयी.

"हां वो तो मैं हूँ!" तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और धीरज के लंड पर सवारी करने को तय्यार हो गयी, उसने धीरज से पूछा, "रेडी?"

"लगता है आज बहुत मज़ा आने वाला है," धीरज ने तान्या की मस्त गान्ड का ललचाई नज़रों से देखकर बोला, और तभी तान्या ने उसके तन कर खड़े हुए लंड पर अपनी पोज़ीशन बना ली. धीरज ने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर और ज़्यादा सीधा कर लिया, और जैसे ही तान्या थोड़ा नीचे झुकी, धीरज ने उसकी चूत के होंठों के बीच लंड को घुसा दिया.

"म्म्म्मम," धीरज की मस्ती में कराह निकल गयी, जैसे ही तान्या की गरमा गरम चूत ने उसके लंड को निगल लिया.तान्या थोड़ा आगे झुक गयी, और अपने हाथ धीरज के घुटनों पर रख दिए, जिस की वजह चूत में घुसा हुआ लंड भी तान्या के साथ आगे की तरफ झुक गया.

"ये तो अलग ही तरह का मज़ा आ रहा है," धीरज बोला, जैसे ही तान्या ने अपनी चूत में उसके लंड को जकड़े हुए उपर नीचे होकर उछलना शुरू किया.

"बहुत मज़ा आ रहा है!" धीरज फिर से बोला, और तान्या की गान्ड को अपनी हथेलियों में भर के उसको जल्दी जल्दी उपर नीचे होने में मदद करने लगा.

"हां मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है!" तान्या बोली और फिर से उसके लंड के उपर अपनी चूत उछालने लगी. धीरज भी अपनी गान्ड को उपर उछाल कर तान्या की चूत में अपना लंड और अंदर तक घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन तान्या के वजन की वजह से वो ज़्यादा हिल नही पा रहा था, इसलिए फिर वो बस लेटा हुआ तान्या को चुदाई को कंट्रोल करते हुए देखने लगा.

ये पोज़िशन वाकई में जबरदस्त थी. तान्या ना सिर्फ़ चुदाई को कंट्रोल कर रही थी, बल्कि अपनी गान्ड को गोल गोल घुमा कर धीरज के लंड को उसकी चूत इस तरह से चूस रही थी, ऐसा मज़ा धीरज को पहले कभी नही आया था.

तान्या थोड़ा और आगे झुक गयी, और धीरज के घुटनों को जकड कर पकड़ लिया, और अपनी चूत को उसके लंड के उपर घिसते हुए उपर नीचे होने लगी. मोर की तरह खुली हुई तान्या की मस्त गान्ड की वजह से धीरज को सब कुछ सॉफ सॉफ अपना लंड उसकी चूत के गीले गीले होंठों के बीच गायब होता दिखाई दे रहा था. धीरज को तान्या की गान्ड का छेद भी दिखाई दे रहा था, और उसने अपना एक हाथ तान्या की मस्त चिकनी गान्ड की गोलाईयों पर फिराते हुए, तान्या की गान्ड के छेद में एक उंगली घुसा दी. 

"ओह्ह्ह्ह, आह!" तान्या कराहते हुए कंधों के उपर दे पीछे देखते हुए बोली, और फिर विनती करते हुए बोली, "कर लो मज़े मेरी गान्ड के साथ."

"ऐसा तो कुछ उस कार्ड के उपर नही लिखा था," धीरज ने तान्या को छेड़ते हुए कहा, और अपनी पहली उंगली को मूँह में लेकर थूक से गीला करने लगा, और फिर उंगली को तान्या की गान्ड के छेद के पास ले गया. गांद के छेद पर उंगली को घुमाते हुए वो छेद को चिकना करने लगा, और थोड़ा सा अंदर घुसाने का प्रयास करने लगा, लेकिन तान्या बहुत तेज़ी से जल्दी जल्दी लंड के उपर उछल रही थी. 

"एक सेकेंड उछलना बंद करो प्लीज़," धीरज ने तान्या से कहा और उसका कहना मानते हुए तान्या उसके लंड को अपनी चूत में घुसाते हुए उस पर बैठ गयी, और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी. धीरज उसकी गान्ड में उंगली को पेंच की तरह गोल गोल घुमाते हुए घुसाने लगा. 

"म्म्म्मममम!" तान्या कराही, और अपनी गान्ड को उसकी उंगली के उपर लहराने लगी, जिस से उसका लंड भी गरम गरम चूत में गहराई तक घुसते हुए, चूत के हिलने से मचलने लगा. धीरज ने आधी उंगली तान्या की गान्ड के छेद में घुसा दी थी, तान्या फिर से उछलने लगी, और उसके लंड पर पहले से और तेज और ज़ोर से सवारी करने लगी. तान्या की गान्ड का छेद बहुत टाइट था, और धीरज को उंगली को एक झटके में अंदर घुसाने की जगह, तान्या की चूत के लंड पर चल रहे पिस्टन के साथ उपर नीचे होते हुए, गोल गोल घुमाते हुए, अंदर घुसाना पड़ रहा था.

"बेहनचोद! मैं बस झड़ने ही वाला हूँ!" धीरज ने तान्या को बताया. तान्या की चूत का उसके लंड पर उपर नीचे होकर उछल्ना, और साथ साथ तान्या की गान्ड में उंगली करने की वजह से धीरज कुछ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था. जिस तरह से हान्फते हुए तान्या उसके लंड की सवारी कर रही थी, वो भी जल्दी ही झडने वाली थी. धीरज की उंगली अब तान्या की गान्ड में आसानी से अंदर बाहर हो रही थी.

"ओह! बेहनचोद!" धीरज कराहते हुए बोला, जैसे ही झडने को हुआ उसके पैर अकड़ने लगे. एक बार फिर से लंड को चूत में अंदर तक पेलने का उसका प्रयास, तान्या के उसके उपर वजन की वजह से विफल हो गया.

"एक सेकेंड रूको, धीरज!" तान्या चीख कर बोली. "मैं भी बस होने ही वाली हूँ. मैं बेहद करीब पहुँच चुकी हूँ!" तान्या उस से रिक्वेस्ट भरे अंदाज में बोली, और वो भी अपने पानी को निकलने से रोकने का प्रयास करने लगा. तान्या ज़ोर ज़ोर से जल्दी जल्दी उपर नीचे हो रही थी, और लंड के उपर झटके मार रही थी, धीरज ने उसकी गान्ड के छेद में अंदर तक उंगली घुसा दी थी.

"मुझसे अब और नही रुका जाता!" धीरज चीख कर बोला, और तभी उसके लंड से वीर्य की पहली पिचकारी निकल गयी. धीरज नीचे लेटा हुआ चरम सुख को भोग रहा था, और तान्याकी चूत जिसमे आग लगी हुई थी, उस आग को अपने लंड से निकल रहे पानी से बुझाने में लगा था, और तान्या उसके उपर सवारी कर रही थी.

"ओह! चूऊऊओद दो !" तान्या ज़ोर से चीखी, और उसके लंड पर एक बार ज़ोर से उपर से नीचे हुई. अपनी चूत की मसल्स को लंड के उपर सिकॉड़ते हुए, एक बार फिर से झटका मार कर लंड के उपर बैठ गयी. जैसे ही तान्या की चूत ने पानी छोड़ा, धीरज ने उसकी गान्ड में से अपनी उंगली निकाल ली. तान्या की गान्ड को अपने हाथों में भरकर, वो तान्या की झडने में मदद करना लगा, और तान्या की चूत में उठ रही तरंगों का अपने लंड से साथ देने लगा.

"और ये तो अभी पहला ही कार्ड था," तान्या उसके लंड पर लंड पर से उठते हुए और अपनी साँसों को संयत करने का प्रयास करते हुए बोली.

"मैं बहुत किस्मत वाला हूँ," धीरज मुस्कुराते हुए बोला. "अभी तो 51 कार्ड्स बाकी हैं!" तान्या पलट कर सीधी हो गयी, और अपना सिर धीरज की छाती पर रख कर लेट गयी. एक टाँग धीरज के उपर रख कर, तान्या उसकी कंधों के पास चिपक गयी, और धीरज ने उसको अपनी बाहों में भर लिया. 
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"क्या हम बाकी कार्ड्स की पोज़िशन ट्राइ करते करते कहीं मर ही ना जायें?" तान्या ने एक गहरी साँस लेते हुए पूछा.

"मारने का इस से बेहतर तरीका हो ही नही सकता," धीरज हंसते हुए बोला.

"तुम ने वो जो उंगली अंदर घुसाई ना, उस से मुझे बहुत मज़ा आया," तान्या बोली. "इस का एक्सपीरियेन्स आज मैने पहली बार किया."

"वाउ! तो मुझे तुम बेवकूफ़ बना रही थी!" धीरज बोला. "जिस तरह से तुमने मुझे उंगली डालने का ऑर्डर दिया था, मुझे तो लगा, तुम को इस की आदत है."

"कुछ कार्ड्स में गान्ड मारने वाली भी पोज़िशन्स हैं, और जब भी वो कार्ड निकलेगा, मैं तो ट्राइ करने को तय्यार हूँ," तान्या धीमे से बोली.

बेहन चोद! अपनी सलहज की गान्ड मारने का मौका! हालाँकि, धीरज ने इसके बारे में सुन भी रखा था, और पॉर्न वीडियोस भी देख रखे थे, लेकिन कभी किसी की गान्ड मारने का मौका नही मिला था.

जब धीरज ने कोई जवाब नही दिया तो तान्या ने पूछा, "क्या पहले कभी अनल सेक्स किया है?" 

"नही," धीरज ने जवाब दिया, "लेकिन करने की इच्छा बहुत है."

"तो फिर, सही कार्ड्स निकालो..." तान्या हंसते हुए बोली, और थोड़ा उपर होकर धीरज को किस कर लिया.

खड़े होकर बाथरूम में चुदाई करने में ज़्यादा मज़ा नही आया, जितना मज़ा उल्टी घोड़ी वाले पोज़ में आया था, लेकिन फिर भी दोनो ने ट्राइ किया और एक दूसरे के चेहरे आमने सामने देखते हुए चुदाई करने का अपना एक अलग ही मज़ा था.

कुछ देर बाद तान्या और धीरज, नहा धोकर बेड पर लेट गये, और बातें करने लगे.

"डॉली दीदी ने आज लंच पर जब हम दोनो मिले थे तब कुछ अजीब से सवाल पूछे," तान्या ने धीरज को बताया.

"कैसे अजीब सवाल?" धीरज ने नर्वस होते हुए पूछा.

"ओह, उसको कोई शक़ नही हुआ है," तान्या धीरज को समझाते हुए बोली. "डॉली दीदी तो मेरे और राज के बारे में जानने को ज़्यादा उत्सुक थी?"

"क्या मतलब?"

"डॉली दीदी मेरे और राज की सेक्स लाइफ के बारे में जानने के लिए काफ़ी उत्सुक थी, हालाँकि उन्होने ऐसा सॉफ सॉफ कुछ नही कहा," तान्या बोली. “जिस तरह की बातें शादी से पहले सभी कुँवारी लड़कियाँ आपस में करती हैं, बस वैसी ही बातें, लेकिन शादी के बाद वैसी बातें हम दोनो ने लंबे समय के बाद की थी."

"मुझे भी घर पर थोड़ा बदला बदला सा लगता है," धीरज ने तान्या को बताया. धीरज ने तान्या को बताया कि कैसे डॉली को चुदाई में अब थोड़ा मज़ा आने लगा है, और उनकी चुदाई अब औपचारिकता से कुछ आगे बढ़ चुकी है. तान्या को विश्वास नही हुआ, जब धीरज ने उसको बताया, कि कैसे पिछले एक साल से चुदाई से पहले डॉली कैसे अपनी चूत को चिकना करने के लिए आयिल लगाती है, उसकी चूत धीरज से चुदने के लिए तय्यार होकर गीली ही नही होती.

"वो तो तुम से अपनी चूत को तुम्हारी जीभ से चटवा कर भी गीला कर सकती है?" तान्या बोली, और अपनी जीभ होंठों पर फिराने लगी. "वाकई में डॉली दीदी ईडियट हैं, उनको चुदाई के मज़े लेना आता ही नही!"

"तो तुमने डॉली को क्या क्या बताया?" धीरज ने पूछा.

"डॉली दीदी मुझसे हमारी सेक्स लाइफ के बारे में जानना चाहती थी, और कैसे मैं और राज चुदाई को और ज़्यादा इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए क्या क्या करते हैं. शायद वो ये जानना चाहती थी, कि क्या सभी की सेक्स लाइफ शादी के कुछ सालों के बाद बस एक औपचारिकता मात्र रह जाती है, और सेक्स लाइफ को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए क्या कुछ करना चाहिए. वो जानना चाहती थी कि राज मुझे किस तरह एग्ज़ाइट करता है, बस ये ही सब बातें हुई." तान्या बातें करते हुए अपने एक हाथ से धीरज के पेट को सहला रही थी. 

"मैने डॉली दीदी से झूठ बोला," तान्या ने स्थिर आवाज़ में सत्या को स्वीकार करते हुए कहा. "मैने डॉली दीदी को बताया कि उनका छोटा भाई बहुत रोमॅंटिक है और मेरी शारीरिक ज़रूरतों को बेहद सेन्सिटिव तरीके से पूरी करता है, और वो मुझे अलग अलग जगह, डिफरेंट पोज़िशन्स में चोदता है," तान्या हंसते हुए बोली. "डॉली दीदी का चेहरा तो देखने लायक था, जब मैने बताया किस तरह से राज मेरी चूत को चुदाई से पहले चाट कर गीला कर देता है." तान्या ये सब कुछ गंभीर होकर बता रही थी, और उसका हाथ अब धीरज की झान्टो की उंगलियों से कंघी कर रहा था.

"डॉली दीदी को क्या पता कि राज का नाम लेकर मैं वो सब तुम्हारे बारे में बता रही हूँ," तान्या गहरी साँस लेते हुए बोली, तान्या अपना हाथ धीरज की जांघों के बीच लेजाकर उसकी टट्टों की थैली में बंद गोलियों से खेलने लगी.

"डॉली ने फिर क्या कहा?" धीरज ने पूछा, और अपनी टाँगें फैला कर तान्या को अपनी गोलियों से खेलने के लिए और जगह बना दी. धीरज को अपनी प्रेमिका और बीवी का वार्तालाप सुनकर बहुत मज़ा आ रहा था.

"ये सब सुनकर पता नही उनको क्या हो गया," तान्या गोलियों से खेलते हुए बोली. "डॉली दीदी का चेहरा पहले तो एक दम लाल हो गया.....मुझे लगा ये सबा सुनकर उनको शरम आ रही है, लेकिन फिर मुझे लगा वो गुस्से में थी. डॉली दीदी ने तुरंत बातों का सबजेक्ट चेंज किया और फिर उठकर जाने को तय्यार हो गयी.” धीरज मज़े से बातें सुन रहा था, और तान्या के हाथ से अपनी गोलियों को सहलवाते हुए मज़े ले रहा था. उसका लंड फिर से खड़ा होकर फूँकार मार रहा था.

"मुझे तो डॉली के तुम्हारी और राज की सेक्स लाइफ के बारे में सुनकर गुस्सा होने की कोई वजह नज़र नही आती," धीरज अपने आप से बोला. "हो सकता है उसको लगा हो कि उसका सगा छोटा भाई तुम्हारी चूत को चाटने जैसे गंदे काम करता है, ये सोचकर उसको गुस्सा आया हो."

"क्या तुम को लगता है कि डॉली दीदी, अपने छोटे भाई की सेक्स लाइफ के बारे में जानकर वो भी तुम्हारे साथ कुछ नया एग्ज़ाइटिंग करने की सोचेंगी?" तान्या ने पूछा.

"पता नही, लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है, तो मैं तुम्हारा बहुत अभारी रहूँगा," धीरज बोला, और तान्या के माथे को चूम लिया.
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"धीरज," तान्या बोली, "अगर डॉली ने तुम्हारे साथ अलग अलग पोज़िशन्स ट्राइ करनी शुरू कर दी, और ओरल सेक्स के लिए भी तय्यार हो गयी..... तो क्या हम फिर भी...?" तान्या अपनी बात को पूरा नही कर पाई.

"ओह, तान्या, नही बिल्कुल नही," धीरज ने सॉफ सॉफ जवाब दिया, उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चुका था. "मैं हमारे संबंध के ख़तम होने के बारे में सोच भी नही सकता, जो तुम मेरे साथ करती हो....." उसकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी.

"क्या करते हैं हम एक दूसरे के साथ?" तान्या ने कुटिल मुस्कान के साथ पूछा. "हां, क्या कह रहे थे..." तान्या मुस्कुराइ और धीरज के बदन को चाटते हुए नीचे की तरफ आ गयी, और अपनी मुलायम चूंचियों से उसके लंड को दबा दिया, और फिर अपने होंठों के बीच धीरज के लंड को लेकर चूसने लगी.

कुछ ही देर में, तान्या अपने सिर को उपर नीचे कर कर धीरज के लंड को अपने मूँह में अंदर बाहर कर रही थी, और अपनी उंगलियों से उसकी गोलियों को छेद रही थी. धीरज अपनी कमर उछाल कर अपना लंड तान्या के मूँह में पेल रहा था, और बिना अपने आप पर नियंत्रण किए, धीरज ने उस दोपहर में तीसरी बार अपना माल तान्या की मूँह में उंड़ेल दिया.

"एक बार में तुम कितनी बार हो सकते हो, ये पता लगाना पड़ेगा,” तान्या कपड़े पहनते हुए बोली. 

"ऑफीस का काम अगले कुछ महीनों में जब थोड़ा हल्का चलेगा तब हम सारा दिन एक साथ बिताया करेंगे, तब पता लगा लेना," धीरज ने कहा, तान्या अपने बालों में कंघी करने लगी.

"इसका भी प्लान बनाएँगे," तान्या शीशे में उसको देखकर मुस्कुराती हुई बोली. "और हां, गोआ में भी तो हम एक वीक बीच पर मौज करेंगे,” तान्या कुटिल मुस्कान के साथ बोली.

"लेकिन वहाँ मेरी बीवी बच्चे और तुम्हारा पति भी होगा," धीरज उसको याद दिलाते हुए बोला. तान्या ने अपने कंधे उँचका दिए और धीरज के होंठों पर किस कर लिया.

गेस्टहाउस से जाने से पहले, तान्या ने सुझाव दिया, क्यों ना नेक्स्ट वीक के कार्ड्स भी अभी पिक कर लें, जिस से तय्यारी करने में मज़ा आएगा. धीरज सहमत हो गया, और कार्ड के पॅक में से डॉगी स्टाइल वाल कार्ड खींच लिया. कार्ड की फोटो में एक लड़की अपनी चारों हाथ पैरों पर बेड पर कुतिया बनी हुई थी, और लड़का पीछे से उसकी चूत में अपना लंड घुसा रहा था. धीरज शायद कुछ अलग करना चाहता था, लेकिन ये सोच कर कि हर वीक तान्या की मस्त चूत मिल रही है, ये ही बहुत है. 

तान्या ने मिशनरी अनल पोज़िशन कार्ड पिक किया. इस फोटो में लड़की बेड पर सीधी लेटी हुई थी, और उसकी टाँगों को उठा कर उसके सिर तक उपर कर रखा था, और उसकी गान्ड के नीच एक तकिया रख कर, एक लड़का अपने घुटनों के बल लड़की की टाँगों के बीच आधा झुक कर लड़की की गान्ड के छेद में अपना लंड घुसा रहा था. 

"मेरी गान्ड मारने के बारे में सोच कर तुमको बहुत खुशी हो रही है, है ना!" तान्या उसको चिढ़ाते हुए बोली, और मज़ाक में उसके लंड को दबा दिया. धीरज को एहसास भी नही हुआ कि उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा था.

"नेक्स्ट टाइम वॅसलीन लेकर आऊँ क्या?"धीरज ने पूछा. "मैने बहुत टाइम से किसी की गान्ड मारी नही है."

"ले आना, हो सकता है ज़रूरत पड़ जाए, पर पहले हम वैसे ही नॅचुरल लूब्रिकॅंट से ट्राइ कर के देखेंगे," तान्या उसके चेहरे पर आए अनिश्चितता के भाव देखकर हँसने लगी. "मेरा मतलब है तुम पहले वहाँ पर अपनी जीभ से सही जगह चूस चूस कर गीला कर लेना, क्यों ठीक है?" तान्या ने पूछा.

"हां वो तो मैं करूँगा ही!" धीरज बोला, और बाहर निकलने से पहले एक बार फिर से तान्या को किस कर लिया.
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उधर डॉली गुस्से में लाल हो रही थी! जब से वो तान्या से मिली थी, उसको बहुत जलन हो रही थी. वो ये बर्दाश्त नही कर पा रही थी, की डॉली को उसका छोटा भाई अलग अलग पोज़ में, अलग अलग जगह चोदता है, और उसका छोटा भाई और उसकी पत्नी की सेक्स लाइफ कितने मज़े से चल रही है, और एक उसकी सेक्स लाइफ है, जो इतनी बोर हो चुकी है, जिसमे कोई रोमांच ही नही है. वो मन ही मन अपने आप को कोस रही थी, और दाँतों को पीस कर मन ही मन बोल रही थी, साली कुतिया मेरे छोटे भाई से चुद्वा के बहुत मज़ा आता है इस रंडी तान्या को, काश धीरज भी मुझ को ऐसे ही चोदता, हमारी चुदाई भी रंगीन हुआ करती.

लेकिन डॉली बिल्कुल ग़लत सोच रही थी, वो इतनी बेवकूफ़ तो नही थी. औरत तो बिना चरम पर पहुँचे चुदवा सकती हैं, लेकिन आदमी तो पानी निकाल कर ही चुदाई के चरम पर पहुँचता है. इसका मतलब धीरज तो उसकी चूत में अपना पानी निकालकर संतुष्ट हो ही जाता होगा, बस वो ही अपने शरीर की आग को पिछले एक साल से ठंडा नही कर पा रही थी. इसका मतलब था कि धीरज, उसका छोटा भाई राज और उसकी बीवी तान्या सब चूत लंड के खेल का आनंद लेकर अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे, बस वो ही अपनी आग शांत नही कर पा रही थी. उसको अपनी सेक्स लाइफ बेहतर करने के लिए कुछ बहुत जल्दी करना बेहद ज़रूरी था. 

तान्या ने जिस तरह से राज और अपनी चुदाई के बारे में विस्तार से बताया था, डॉली को शादी से पहले के अपने वो दिन याद आ गये, जब वो अपने छोटे भाई के लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवाया करती थी, और चरम पर पहुँच कर झड़ने में कितना मज़ा आता था, जब उसकी चूत ढेर सारा पानी छोड़ देती थी. लेकिन अब उसको उन बातों के बारे में सोच कर थोड़ा ग्लानि का अनुभव हो रहा था. क्यों कि अब हम दोनो ही शादी शुदा थे. लेकिन तभी फिर से दिमाग़ में ख्याल आया, राज पर तो मेरा हक़ हमेशा रहेगा, वो मेरा है सिर्फ़ मेरा छोटा भाई.

डॉली अपने आप को शांत करने लगी, और ठंडे दिमाग़ से सोचने का प्रयास करने लगी. और सोचने लगी कि ये सब क्या है? गुस्सा, बेवफ़ाई, फ्रस्ट्रेशन, या फिर जलन जेलस्ली?

लेकिन किस से, और क्यों? तान्या से? क्यों की उसकी सेक्स लाइफ अच्छी तरह से राज के साथ चल रही है, और उसकी खुद की नही? वो अपने छोटे भाई की बीवी से जेलासी फील कर रही है ! नही बिल्कुल नही! शायद कुछ और ही वजह थी. तभी डॉली को धीरज की कार के आने की आवाज़ सुनाई दी, और वो अपने आप को संयत करने लगी.

"कैसा रहा आज का दिन?" धीरज ने किचन में घुसते हुए पूछा, जहाँ डॉली डिन्नर की तय्यारी कर रही थी.

"ठीक रहा, और तुम्हारा?" डॉली ने पूछा, और पीछे घूमकर उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.

"बहुत अच्छा!" धीरज बोला, उसने ज़्यादा एग्ज़ाइट्मेंट नही दिखाया. जब की आज अपनी सलहज की चुदाई कर के वो सातवें आसमान पर था. “तुम्हारा तान्या के साथ लंच का प्रोग्राम कैसा रहा?" धीरज ने पूछा, और सोचने लगा कि डॉली अब क्या रिक्षन देगी.

"ठीक रहा," डॉली ने बताया. डॉली की आवाज़ में ज़्यादा जोश नही था.

"गोआ चलने की डेट्स फाइनल कर ली तुम लोगों ने?" धीरज ने पूछा, हालाँकि उसको सब कुछ पहले से मालूम था.

"हां," डॉली ने झिझकते हुए बताया, और गॅस के स्टोव को बंद कर दिया, "अक्टोबर के सेकेंड वीक में चल्लेन्गे. "क्या सचमुच तुम सब के साथ चलना चाहोगे? क्यों ना कुछ दिनों के लिए बस मैं और तुम किसी शांत जगह छुट्टियाँ मनाने चलें?"

"मैने सोचा ये तुम्हारा ही आइडिया था," धीरज ने जवाब दिया, और सोचने लगा, की किस तरह लंच टाइम पर तान्या के साथ उसकी और राज की सेक्स लाइफ के बारे में जानकार डॉली के विचार गोआ जाने के बारे में बदलने शुरू हो गये हैं. 
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"हां, आइडिया तो मेरा ही था, लेकिन मुझे नही पता था, तुम इसके बारे में क्या सोचते हो," डॉली बोली, और धीरज सब समझ रहा था कि वो झूठ बोल रही है.

"मेरे ख्याल में गोआ चलना बढ़िया ही रहेगा,थोड़ा चेंज हो जाएगा" वो बोला. "और वैसे भी तुम तो अपने छोटे भाई राज से बेहद प्यार करती हो, और तान्या तो हम दोनो की दुलारी है. कुछ प्राब्लम है क्या?"

"नही तो," डॉली ने फिर से झूठ बोला. "बहुत मज़ा आएगा सब के साथ," वो चहक कर बोली. 

धीरज और डॉली की शादी के बाद बच्चे होने के बाद, दोनो के बीच वो गर्माहट नही रह गयी थी, सेक्स लाइफ में कुछ तो था, जो मिस्सिंग था.....

गोआ ट्रिप पर जाने के डिस्कशन के कुछ दिन बाद, एक रात डॉली बेड पर चढ़ कर धीरज की पीठ से चिपक गयी. धीरज को कुछ अजीब सा लगा, क्यों कि हमेशा की तरह डॉली ने कॉटन के नाइट्गाउन की जगह एक सिल्क की हल्की सी सॉफ्ट नाइटी पहन रखी थी. डूली धीरज से चिपक कर उसके कानों के पास आकर मादक आवाज़ में बोली, गुडनाइट. शायद तान्या सही कह रही थी. वो भी तान्या और राज की तरह अपनी सेक्स लाइफ में बदलाव लाना चाहती थी. धीरज ने अपनी गान्ड को उसकी सिल्की नाइटी पर घिसते हुए जवाब दिया, गुडनाइट.

ना तो धीरज ने और ना ही डॉली ने उस सिल्की नाइटी के बारे में कोई बात की, लेकिन धीरज बेड पर डॉली के आते ही उसकी तरफ फेस कर के लेट गया, और डॉली के शरीर के उभारों को उस सिल्की कपड़े में से निहारने लगा. डॉली ने अपने फेस दूसरी तरफ कर रखा था, धीरज उस से चिपक गया, और उसकी गान्ड के उपर अपने लंड को सिल्की कपड़े के उपर से ही घिसने लगा. 

ये सब कुछ चाहे कितना भी एग्ज़ाइटिंग क्यों ना हो, लेकिन धीरज के दिमाग़ में तो तान्या की गान्ड मारने के ही ख्याल आ रहे थे. धीरज इंटरनेट पर गान्ड मारने के तरीके और सावधानियाँ पढ़ रहा था, जिस से उनका गान्ड मारने के एक्सपीरियेन्स में दोनो को ही मज़ा आए. वो तो तान्या की गान्ड मारने के बारे में सोच कर ही दिन में एक बार मूठ मार लेता था. 

वेडनेसडे से एक दिन पहले, यानी अगले दिन जब उसको तान्या की गान्ड मारनी थी, उस रात को डॉली ने धीरज को अचंभित कर दिया, क्यों कि वो बाथरूम से धीरज के पास बेड पर बिल्कुल नंगी आई थी. 

धीरज दूसरी तरफ मूँह कर के लेटा हुआ था, इसलिए उसको पता नही चला की डॉली बातरूम से बेड पर एक दम नंगी आई है. डॉली बेड पर आकर धीरज की पीठ से चिपक गयी. जब उसने डॉली की चिकनी जांघों को अपनी गान्ड पर छूते हुए महसूस किया, तो वो थोड़ा पीछे डूली की तरफ खिसक गया, उसने सोचा हो सकता है डॉली की नाइटी उपर खिसक गयी हो, लेकिन जब उसने डॉली की नंगी चूंचियों को अपनी पीठ से छूता हुआ महसूस किया तब उसको यकीन हो गया कि डॉली वाकई में नंगी है.

धीरज ने मन ही मन सोचा कि डॉली ने ये सब शुरू करने के लिए कितनी ग़लत रात को चूज़ किया है. वो तो बस अपनी आँखें बंद कर के अगले दिन तान्या की गान्ड मारने के सपने देखना चाहता था. अपनी सलहज की मस्त गान्ड में अपने लंड को अंदर बाहर कर के पेलने का ख्याल ही उसको रोमांचित कर रहा था. अपनी बीवी यानी डॉली की इन मादक अदाओं से वो किस तरह निपटे, ये बहुत मुश्किल हो रहा था. धीरज ने डॉली को गुडनाइट विश किया, और फिर दूसरी दीवार की तरफ मूँह कर के लेट गया.
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03-31-2019, 10:53 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
डॉली के कुछ समझ में नही आ रहा था, कि वो क्या करे. उसने तो सोचा था कि सिल्क की पतली सी नाइटी में उसको देखकर धीरज एग्ज़ाइटेड होगा, लेकिन उसने तो उसकी नाइटी की तरफ ध्यान ही नही दिया था. कुछ रात उन दोनो के बीच वो पतली सी नाइटी ही थी, फिर किसी तरह हिम्मत कर के उसने उस नाइटी की दीवार को भी दोनो के बीच से हटा दिया था, और नंगी ही बेड पर आ गयी थी, और धीरज से चिपक गयी थी, और अपनी चूंचियाँ उसकी पीठ पर दबा दी थी, उसकी दिल जोरों से धड़क रहा था, और उसकी साँसें उखड़ने लगी थी. जाने कितने दिनों के बाद आज उसकी जांघों के बीच चूत में मीठी मीठी खुजली हो रही थी. डॉली को अपने छोटे भाई राज के साथ बिताए हुए दिन याद आने लगे, किस तरह प्यार से राज उसको चोदा करता था, और वो भी कितने मज़े से अपने सगे छोटे भाई का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवाया करती थी.

अपने छोटे भाई राज की चुदाई के बारे में सोचते हुए, और धीरज के रूखे व्यवहार के बारे में सोचते हुए वो सोने की कोशिश करने लगी, फिर उसके दिमाग़ में उथल पुथल होने लगी, क्या कभी उसकी विवाहित जिंदगी में, पति पत्नी धीरज और उसकी सेक्स लाइफ नॉर्मल हो भी पाएगी या नही. धीरज तो तान्या की गान्ड मारने के सपने देख रहा था, और इधर डॉली अपने छोटे भाई राज के साथ अपनी चुदाई को याद कर रही थी.

तान्या जल्दी जल्दी अपने गेस्ट हाउस की तरफ बढ़ रही थी, वो किसी स्कूल के बच्चे की तरह नर्वस थी, जो कि अपनी पहली डेट पर जा रही हो. उसके दिमागे में उथल पुथल मची हुई थी, वो डरी हुई थी, थोड़ा नर्वस थी, एग्ज़ाइटेड भी, और धीरज के उसकी गान्ड मारने के बारे में सोचकर गरम भी हो रही थी. वो गेस्ट हाउस पर थोड़ा जल्दी पहुँच गयी, और फिर बाथटब में नहाई, उसने सुबह से बस कुछ फ्रूट्स ही खाए थे. वो चाहती थी कि उसकी गान्ड सॉफ रहकर मरवाने को तयार रहे. 

नहाने के बाद जब सो रूम में आई, तो बंद टीवी की काली स्क्रीन में अपने आप को नंगा देखकर सोचने लगी, क्या उसको नाइटी पहन लेनी चाहिए. लेकिन फिर उसने अपने पूरे बदन पर खुसबु वाली बॉडी क्रीम लगा कर धीरज का नंगा रहकर ही इंतेजार करने का फ़ैसला किया. और फिर सोच में डूब गयी, उसको थोड़ी घबराहट हो रही थी, कुछ सोच कर उसने सलवार पहन ली. कुछ मिनट्स के बाद, उसने फिर से सलवार को उतार दिया, और फिर वो झीनी से नाइटी पहन ली. फिर कुछ देर बाद उसको भी उतारकर वो फिर से नंगी हो गयी, और जब वो कुछ सोच रही थी, तभी डोर बेल बज उठी.

धीरज का लंड तो पहले से ही खड़ा होकर पॅंट में टेंट बना रहा था, जैसे ही तान्या ने डोर खोला लंड बेकरार हो उठा. धीरज की आँखें तान्या के नंगे बदन का दीदार करने लगी, उसका चिकना बदन जो कि बॉडी क्रीम लगाने के बाद और ज़्यादा चमक रहा था. 

"तुम तो बिल्कुल मस्त माल लग रही हो," वो तान्या को बाँहों में लेकर और डोर को बंद करते हुए बोला. तान्या उसकी बाँहों में पिघलने लगी, वो उसके कपड़ों को जल्दी ही फाड़ के उतार देना चाहती थी, धीरज उसकी गान्ड की गोलाईयों को अपनी हथेली में लेकर दबा रहा था, और तान्या के मूँह में अपनी जीभ घुसा रहा था. तान्या ने अपना एक हाथ दोनो के बीच में लाकर धीरज के लंड को पॅंट के उपर से ही पकड़ लिया, और उसको हल्के हल्के दबाने लगी. धीरज के मूँह से कराहें निकलने लगी, वो उसकी गान्ड की गोलाईयों के दबाने में मस्त मज़ा आ रहा था. धीरज मन ही मन सोच रहा था कि कुछ मिनट्स के बाद वो इस गान्ड को मारने वाला है, ये सोच कर कर ही उसका लंड तान्या के हथेली में और ज़्यादा लंबा और कड़क हुआ जा रहा था.

"मैने इस बारे में कुछ रिसर्च की है," धीरज अपने कपड़े उतारते हुए बोला. "अनल सेक्स के लिए दो चीज़ें बेहद ज़रूरी हैं, एक तो ये कि इसके लिए बेहद एग्ज़ाइटेड और गरम होना बहुत ज़रूरी है, वो तो मैं देख लूँगा. और दूसरी मेरे लंड का तना हुआ रहना. दूसरे शब्दों में कहें तो, गान्ड मारने से पहले पानी मूँह या चूत में डाल कर नही निकालना है,” धीरज ने मुस्कुराते हुए कहा.

"तुमने तो सारी रिसर्च कर ली है," तान्या झेंपकर हंसते हुए बोली. "मुझे लगता है मैं अपने आप को एक भरोसेमंद के हवाले कर रही हूँ," वो बोली, और उसने अपनी बाँहें धीरज के गले में डाल दी, और तभी धीरज अपने अंडरवेर को उतारकर नीचे ज़मीन पर फेंकते हुए सीधा खड़ा हो गया. धीरज का तना हुआ लंड तान्या की टाँगों को छू रहा था, तान्या ने उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया.

"भरोसेमंद तो हूँ लेकिन ज़्यादा तजुर्बा नही है," धीरज ने तान्या को याद दिलाया, “लेकिन तुमको तजुर्बे की कमी का एहसास नही होने दूँगा." धीरज ने तन्न्या को बेड की तरफ लाते हुए कहा और बोला, "मैने प्लान बनाया है कि पहले तो मैं चाट के तुम्हारा एक दो बार पानी निकाल दूँगा," धीरज ने तान्या को बेड पर लिटाते हुए कहा, “और फिर जब तक चोदुन्गा जब तक तुम दोबारा झडने के लिए तय्यार नही हो जाती.” तान्या की खुली हुई टाँगों के बीच आते हुए धीरज ने कहा, “और फिर तुम असली कार्यक्रम के लिए तय्यार रहना.”

"म्म्म्मम," तान्या मुस्कुराइ, "लगता है आज तो जन्नत की सैर करवाने का मूड है." तान्या ने अपनी टाँगें और ज़्यादा फैला कर चौड़ी कर दी, और धीरज उसकी गोरी गोरी अन्द्रुनी जांघों को चाटने लगा, और तान्या की गान्ड पर बेबी आयिल डाल कर उसको चिकना करने लगा.

"मज़ा आ रहा है?" धीरज ने उसकी कोमल स्किन पर अपनी जीभ फिराते हुए पूछा, और उसके गीले हो चुके चूत के होंठों की तरफ बढ़ने लगा. 

सचमुच धीरज की जीभ तान्या की चूत पर अपना जादू चला रही थी. वो तान्या की चूत में उंगली घुसाने लगा और चूत के दाने को होंठों से चूसने लगा, कुछ ही देर मैं एक के बाद दोबारा झडते हुए तान्या की चूत ने पानी छोड़ दिया. 

"ओमयययययगोड!" तान्या गहरी साँस लेते हुए बोली, और बेड पर उठते हुए फिर से गिर कर लेट गयी, और धीरज उसकी चूत से निकले ढेर सारे पानी को चाटने लगा. 

"अब चुदाई शुरू करें!" धीरज ने एग्ज़ाइटेड होकर पूछा, और बेड पर उपर आते हुए तान्या के साथ उसकी बगल में लेट गया.

"चलो अब पलट जाओ,"धीरज ने तान्या के पेट को सहलाते हुए कहा. "हम अब मेरे कार्ड वाली पोज़िशन में करेंगे,जिस से चोदते हुए मैं तुम्हारी गान्ड को तेल से चिकना भी करता रहूँगा.” तान्या तो लास्ट वीक धीरज के निकाले हुए कार्ड्स में निकली डॉगी स्टाइल फोटो के बारे में बिल्कुल भूल ही गयी थी. 

"आज तो तुम पूरी प्लॅनिंग के साथ आए हो," तान्या अपनी साँसों को संयत करते हुए बोली. और उल्टा होकर अपने पेट के बल लेटते हुए, तान्या अपने आप को हथेली और घुटनों के सहारे उपर हो गयी. धीरज ने अपने हॅंड बॅग में से बेबी आयिल की शीशी निकाली, और तान्या की गोल गोल गान्ड के पीछे अपनी पोज़िशन बना ली. धीरज का लंड खड़ा होकर, उपर नीचे होकर उत्सुकता में सलामी दे रहा था. धीरज अपने लंड को तान्या की गीली होकर फडक रही चूत के सामने ले आया.

"ओह! हां!" तान्या कराह उठी, जैसे ही धीरज ने उसकी गीली गीली चूत में अंदर तक अपना लंड पेल दिया. तान्या की चूत में अंदर तक लंड को घुसाते हुए धीरज उसकी गोल गोल गान्ड पर दबाव बना रहा था, और एक उंगली को बेबी आयिल की शीशी में डुबाते हुए, वो दोनो अंगूठों से गान्ड की गोलाईयों को चौड़ा करने लगा. 

"ओह! जीजू! ओह!" तान्या ज़ोर से चीख उठी, जैसे ही उसने गान्ड के छेद पर अपनी उंगली लगाई. तान्या आगे पीछे होकर धीरज के लंड के साथ ताल से ताल मिलाते हुए, उसको अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी, और धीरज अपनी एक उंगली उसकी गान्ड के छेद में घुसा रहा था.

"ओह! चोद दो मुझे!" तान्या कराही, और थोड़ा पीछे की तरफ अपने आप को झटक दिया, जैसे ही धीरज ने अपनी दूसरी उंगली गान्ड के छेद में घुसाई. धीरज ये सोच सोच कर हैरान हो रहा था, कि कैसे इतने छोटे से छेद में उसका मूसल जैसा लंड घुस पाएगा. अपनी उंगलियों को गान्ड के छेद में गोल गोल घुमाते हुए, उसने थोड़ा सा बेबी आयिल गान्ड के छेद पर और उंड़ेल दिया, और उसके छेद को चौड़ा करने का प्रयास करने लगा.

"ओके. चलो अब सीधी लेट जाओ," धीरज बोला, और उसने तान्या की गीली पनिया रही चूत में से अपना फनफनाता हुआ लंड खींच कर बाहर निकाल लिया.

"चलो अब अपनी गान्ड के छेद को थोड़ा ढीला कर के खोलने का प्रयास करो," धीरज थोड़ा शरमाते हुए बोला, और तान्या बेड पर सीधे पीठ के बाल लेट गयी, धीरज नेतान्या की टाँगों को उपर उठाकर उसके कंधों तक मोड़ कर दबा दिया.

"अपने घुटनों को पकड़ लो," धीरज ने तान्या को निर्देश दिया, और अपने लंड को तान्या की गान्ड के छेद की सीध में लगाने लगा. जिस तरह से तान्या गठरी बनकर आधी हो गयी थी, उसके बाद धीरज उसकी गान्ड, चूत और चूंची ही देख पा रहा था. और इस मस्त नज़ारे को देख कर उसका लंड फूँकार मार रहा था.

"संभाल के," तान्या उसको सावधान करते हुए बोली. "आराम से करना, ओके," वो गहरी साँस लेते हुए बोली, वो भी जो कुछ होने वाला था उसके अंदेशे में हल्का सा काँप रही थी. जैसे ही धीरज आगे बढ़ने लगा, तान्या ने एक गहरी साँस लेकर अपनी गान्ड की मसल्स को रिलॅक्स कर दिया.

"ओके. जस्ट ट्राइ टू रिलॅक्स," धीरज बोला, वो खुद बेहद एग्ज़ाइटेड हो रहा था, उसके लंड पर प्री-कम की बूँदें टपक रही थी, और वो प्रेकुं उसकी सलहज की टाइट गान्ड को मारते हुए चिकनाहट पैदा कर उसको आनंद देने वाला था. जैसे ही धीरज ने उसकी गान्ड में अपने लंड को घुसाना शुरू किया, तान्या की गान्ड के छेद ने धीरज के लंड के सुपाडे को जकड लिया. जैसे ही धीरज ने लंड को थोड़ा और अंदर घुसाने का प्रयास किया, तान्या के पकड़ अपने घुटनों पर ढीली हो गयी.

"ओव्व्व्व!" तान्या गुर्राइ. तान्या बेचैन ही उठी, उसको लगा ये तो उसकी गान्ड ही फाड़ देगा. “शायद हमारा ये आइडिया सही नही था,” वो बोली, और अपनी गान्ड के चौड़े हो छुए छेद में से धीरज के लंड के सुपाडे को निकालने का प्रयास करने लगी.

"थोड़ा रूको तो," धीरज हान्फते हुए बोला. "बस होने ही वाला है," वो तान्या को भरोसा दिलाते हुए बोला, और तान्या के घुटनों को दबाते हुए, उसने फिर से अपने मूसल जैसे मोटे लंड को तान्या की गान्ड के टाइट छेद में घुसाने के लिए एक ज़ोर दार झटका मारा.

"ओवववव! क्या कर रहे हो, मान जाओ!" तान्या ज़ोर से चीखी, जैसे ही धीरज ने अपना लंड उसकी गान्ड की गहराई में अंदर तक घुसा दिया.

"बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज़ इसको बाहर निकाल लो!” तान्या रोते हुए बोली.

"बस एक मिनट," धीरज उस से भीख माँगते हुए बोला. "बस कुछ सेकेंड्स में सब ठीक हो जाएगा." वो अपने लंड को तान्या की गान्ड के छोटे से छेद मे घुसाकर कुछ देर वैसे ही स्थिर पोज़िशन में रहा. धीरज ने आज से पहले कभी किसी की इतनी टाइट गान्ड को अपने लंड को जकड़े हुए महसूस नही किया था. तान्या की गान्ड सिंकूड़ते हुए उसके लंड को और ज़ोर से जकड रही थी. 
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