Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 10:54 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज ने अपनी रिसर्च को याद करते हुए, और एक घुटने पर से हाथ हटाते हुए, जिस से वो तान्या की चूत के दाने को मसल सके, बोला, "ऐसा करने से तुमको आराम मिलेगा.” चूत के दाने पर अपने अंगूठे को लगाते हुए, वो चूत के दाने को गोल गोल घिसने लगा, और अपने लंड को थोड़ा सा गान्ड के छेद में से बाहर निकालने लगा. जब लंड तान्या की गान्ड में से आधा बाहर निकल आया, तो धीरज ने अपने अंगूठे को चूत में घुसा दिया, और हथेली को हल्की हल्की झान्टो के त्रिकोण पर रख दिया, जिस से चूत का दाना अब उसके अंगूठे और हथेली की बीच था. चूत के दाने को अपनी हथेली से सहलाते हुए, धीरज ने फिर से अपना पूरा लंड तान्या की गान्ड में घुसा दिया.

तान्या अपने आप को बेहद असहाय महसूस कर रही थी, गठरी बने हुए, अपने पति के जीजा से अपनी गान्ड मरवा रही थी. तान्या कुछ सोच रही थी, वो बिल्कुल हिलडुल भी नही पा रही थी, उसकी गान्ड में आग लगी हुई थी, और वो धीरज की दया के उपर निर्भर थी. लेकिन तभी उसको महसूस हुआ कि उसकी चूत में मानो आग लग गयी थी, धीरज उसकी चूत के दाने को सहला रहा था, और चूत को अपने अंगूठे से चोद रहा था. तान्या अपनी चूत को उसके अंगूठे के उपर उछालने लगी, लेकिन ऐसा करने से धीरज का लंड उसकी गान्ड में और ज़्यादा अंदर तक घुसना शुरू हो गया. बेहनचोद! इस से अच्छा तो तभी था जब उसने अपने घुटनों को मोड़ कर टाँगों को उठा रखा था. तान्या ने फिर से अपने घुटनों को पकड़ लिया, और अपनी गान्ड को धीरज के झटकों से निपटने के लिए उपर उठा लिया. 

धीरज बड़े आराम आराम से धीरे धीरे तान्या की गान्ड में लंड और और चूत में अंगूठा घुसा के मार रहा था. जब उसका लंड गान्ड में से बाहर निकलता तो वो तान्या की चूत में अनूठा घुसा देता, और जब चूत में से अंगूठा बाहर निकालता तो गान्ड में लंड पेल देता. कुछ ही देर में तान्या भी गान्ड उठा उठा के उसकी ताल से ताल मिलाने लगी.

"हे भगवान!" तान्या कराही, वो चूत और गान्ड दोनो पर हो रहे दोहरे हमले से झडने के बेहद करीब पहुँच चुकी थी. उसकी गान्ड का छेद भी अब फैल कर चौड़ा हो गया था, जिस की वजह से दर्द भी पहले से कम हो रहा था, और चूत में घुसा हुआ धीरज का अंगूठा उसकी चूत से निकल रहे रस में डूबा हुआ था.

तान्या को गान्ड मरवाने का मज़ा लेते देख धीरज ने भी एक संतुष्टि भरी गहरी साँस ली. धीरज नही चाहता था कि तान्या को किसी प्रकार का कष्ट हो, लेकिन वो उसकी गान्ड मारे बिना मानने वाला भी नही था. अब वो दोनो गान्ड मारने और मरवाने का भरपूर मज़ा ले रहे थे, और तान्या अपनी गान्ड उठा उठा के धीरज के लंड को अपने अंदर घुस्वा रही थी. 

धीरज को विश्वास नही हो रहा था, कि वो सच में अपनी सलहज तान्या की गान्ड मार रहा है.

तान्या की चूत झडते हुए धीरज के अंगूठे के गिर्द ऐंठने लगी, और वो खुद काँपने लगी. अगली बार जब धीरज ने उसकी चूत में से अंगूठा निकाला और गान्ड में लंड को पेला तो तान्या ने उसका गान्ड उछाल कर साथ नही दिया. धीरज ने तान्या की गान्ड में लंड के दो चार झटके और लगाए और फिर ढेर सारा वीर्य का पानी उसकी गान्ड में पिचकारी मार मार के उंड़ेल दिया, आज उसके गोलाईयों ने कुछ ज़्यादा ही पानी छोड़ा था. 

"बेहनचोद!" कहते हुए धीरज ने एक गहरी साँस ली, और फिर अपने ढीले हो रहे लंड को तान्या की गान्ड में से बाहर खींच लिया, और तान्या की टाँगों को बेड पर सीधा होने दिया. धीरज निढाल होकर तान्या के पास लेट गया, और हान्फते हुए तान्या की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा. 

"तुम ठीक हो ना?" धीरज ने चुप्पी तोड़ते हुए झेन्पते हुए पूछा.

"हां," तान्या ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. "मैने नही सोचा था कि ये सब होगा," वो मुस्कुराइ, "लेकिन मैं आज बहुत अच्छा वाली हुई हूँ! अब मुझे पता चला औरतों को ऐसा करवाना क्यों पसंद है, लेकिन एक बार तो ऐसा लगा रहा था जैसे तुम मेरी गान्ड को फाड़ ही दोगे."

"आइ'म सॉरी," धीरज बोला.

"ये मेरा ही आइडिया था, लेकिन जिस तरह से तुमने मेरी गान्ड छील दी है, इसको ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा." तान्या ने कहते हुए धीरज को किस कर लिया. "तुमको सॉरी फील होने की कोई ज़रूरत नही है." तान्या ने बातों का सब्जेक्ट चेंज करते हुए पूछा, “और डॉली दीदी के साथ कैसा चल रहा है?"

धीरज ने उसको बताया कैसे पहले तो डॉली ने नया नाइट्गाउन पहना था, और कल रात तो पूरी नंगी होकर ही बेड पर आ गयी थी.


"मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए था," धीरज बोला.

"हे भगवान, धीरज क्या हो गया है तुम को!" तान्या ने उसको झिड़कते हुए कहा. "क्या तुम डॉली दीदी को चुदाई की पहल करते हुए नही देख सकते हो? कहीं इतनी देर मत कर देना कि डॉली दीदी को तुम्हारा लंड पकड़कर अपनी चूत में घुसाना पड़े!"

"मेरा कल मूड ही नही था," धीरज ने करवट लेते हुए कहा. "मैं अगले दिन यानी आज तुम्हारे साथ करने के बारे में सोच रहा था..." तान्या बेड से उतर कर खड़ी हो गयी और धीरज की तरफ घूर कर देखा.

"ओह नो!" तान्या चीख कर बोली, और अपनी एक उंगली धीरज को दिखाने लगी. “ये सब ऐसे नही चलने वाला, मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड या कोई कॉलगर्ल या रंडी नही हूँ. ये तुम ग़लत कर रहे हो. मुझको तुम्हारा अपनी बीवी के प्रति ऐसा बर्ताव बिल्कुल पसंद नही है.” तान्या ने उसको प्लैन सिंपल भाषा में समझाने की कोशिश की. “तुम अपनी बीवी के साथ बर्ताव के लिए मुझे किसी तरह का एक्सक्यूस नही बना सकते हो,” तान्या वहीं पर खड़ी रहकर धीरज को खरी खोटी सुना रही थी. गुस्से में ज़ोर ज़ोर से बोलने के कारण, और बार बार मुट्ठी भींचने की वजह से उसकी चूंचियाँ उपर नीचे हो रही थी.

"मैं तुमको किसी चीज़ के लिए एक्सक्यूस नही बना रहा हूँ," धीरज धीरे से बोला, "और मुझे मालूम है कि जो कुछ मैं कर रहा हूँ वो सही है!" धीरज ने तान्या को सफाई देने की कोशिश की. "बस मेरा कल रात को मूड नही था, दट'स ऑल."

"ठीक है, लेकिन आज तुम्हारा मूड ज़रूर रहेगा," तान्या बेड के किनारे पर बैठते हुए बोली. जितनी जल्दी उसको गुस्सा आया था उतना ही जल्दी वो शांत भी हो गयी. “आज मैं तुमको तुम्हारे घर बिल्कुल तय्यार, और सेक्सी मूड में भेजूँगी,” तान्या ने सख़्त लहजे में कहा. “चलो, आओ अब शवर में नहा कर फ्रेश हो जाते हैं. तुम्हारा ये लंड बहुत शैतान है,” तान्या हंसते हुए बोली और धीरज के हिप्स पर एक चपत लगा दी, और फिर बाथरूम में घुस गयी.

धीरज भी उसके पीछे पीछे शवर लेने के लिए बाथरूम में घुस गया, अगले आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे के नंगे शरीर पर साबुन लगाते रहे. तान्या बहुत देर तक धीरज के लंड और टट्टों पर साबुन मालती रही, और खड़े हो चुके लंड पर हाथ फिराती रही, और नाखूनों से टट्टों और गोलियों को छेड़ती रही. जब दोनो ने साबुन को पानी से धो लिया, तान्या बाथरूम के फर्श पर बैठ गयी, और धीरज उसकी साँसों को अपने खड़े लंड पर महसूस करने लगा, तान्या ने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड के निचले हिस्से को पूरी लंबाई तक अपनी जीभ से चाट लिया.

"म्म्म्मम," धीरज ने अपनी आँखें बंद कर ली, जैसे ही तान्या की जीभ ने उसके लंड के सुपाडे को छूआ, और सुपाडे के मूँह पर बने छोटे से छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाकर छेद दिया. फिर लंड को अपने मूँह में लेते हुए, तान्या ने पहले लंड को अपने गालों में घुसाया और फिर अपने गले की तरफ ले गयी. बेहनचोद! वो उसको गले में घुसा रही थी! धीरज ने तान्या के बालों को पकड़ लिया और फिर से पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को तान्या के मूँह में पेलने लगा.

"ओह तान्या!" धीरज बोला, उसको अपनी गोलियों में फिर से टेन्षन महसूस होने लगी थी, और वो अपनी उंगलियों को अपनी सलहज के बालों में फँसा कर खींच रहा था.

"हुह उः!" अपने बालों में से उसके हाथ को, और मूँह में से उसके लंड को बाहर निकालते हुए तान्या मुस्कुरा कर बोली, "डॉली के लिए भी कुछ बचा लो."

"कम ऑन, तान्या!" धीरज गिडगिडाते हुए बोला. "मैं बस झड़ने ही वाला था!" 

अपनी चूंचियों को उसकी छाती से दबाते हुए और अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ते हुए तान्या ने अपनी बाहें धीरज के गले में डाल दी. 

"मुझे मालूम है, पर डॉली दीदी का भी कुछ हक़ है, धीरज," तान्या उसकी गान्ड की गोलाईयों को अपनी हथेलियों में भरते हुए और उसके लंड पर सवार होने की कोशिश करते हुए बोली. “चलो अब तुम यहाँ से चले जाओ, वो धीरज से जैसे ही दूर हुई, उसी समय दोनो जांघों में से लंड किसी स्प्रिंग की तरह बाहर निकल आया.

धीरज बस तान्या की तरफ देखता रह गया. तान्या वहीं पर शवर के नीचे नंगी खड़ी थी, उसके खड़े हुए निपल्स धीरज को चिढ़ा रहे थे, और उसकी हल्की हल्की झान्टो से धकि चूत उसको अपने पास बुला रही थी. हे भगवान! शायद तान्या सही कह रही थी, लेकिन वो सब इस वक़्त इतना इंपॉर्टेंट नही था.

"ओके," धीरज एक गहरी साँस लेते हुए बोला. "मैं डॉली को आज ज़रूर चोदुन्गा, लेकिन वो तो देर रात में होगा ना," वो दलील देते हुए बोला. "क्या हम अभी बस एक बार कर लें? तुमको मालूम है जब तक तो मैं फिर से तय्यार हो जाउन्गा."

"धीरज, ध्यान से सुनो" तान्या उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ते हुए बोली. "इसको छू कर देखो?" तान्या ने उसको पूछा, और धीरज की उंगलियों को पानी गीली गीली चूत पर घिस कर उसको एहसास करवाया. "मेरा भी तुम्हारी तरह बहुत मन कर रहा है, और मुझे ये भी मालूम है कि अगर हम अभी कर लेंगे फिर भी तुम डॉली दीदी को चोद दोगे..."

"तो फिर क्या प्राब्लम है..." धीरज ने दलील देते हुए पूछा.

"लेकिन अगर हम अभी नही करते हैं तो तुम और ज़्यादा जोश के साथ डॉली दीदी के साथ कर पाओगे," तान्या उसका हाथ हटाते हुए और शवर के नीचे से बाहर आते हुए बोली. "नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड्स निकालोगे?" तान्या ने पूछा.

"हां क्यों नही," धीरज मायूसी के साथ तान्या के पीछे पीछे शवर से बाहर आते हुए बोला.

"हे, चियर अप," तान्या बोली. "तुमने आज तीनों जगह मेरी चूत में, मेरी गान्ड में और मेरे मूँह में अपना लंड घुसाया है, मैने किसी के लिए तुमको मना नही किया,” वो अपनी पैंटी को उठाते हुए और कपड़े पहनते हुए धीरज को किस करते हुए बोली.

"तुम सही कह रही हो," धीरज भी अपने कपड़े पहनते हुए और नेक्स्ट वीक के लिए कार्ड निकालते हुए बोला. तान्या ने 69 पोज़ वाला, और धीरज ने डॉगी स्टाइल में गान्ड मारने वाला कार्ड निकाला. अपनी नज़रें उँची करे हुए धीरज ने तान्या की तरफ देखा, तान्या ने भी अपने कंधे उँचका दिए. 

"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.

"तुम्हारी बीवी तुम्हारा इंतेजार कर रही होगी," तान्या मुस्कुरा कर बोली, और फिर दोनो ने एक दूसरे को प्यार से किस किया, और फिर रूम से बाहर निकल गये.

धीरज जब घर लौट कर आया, तब तक डॉली ने डिन्नर रेडी कर रखा था.
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03-31-2019, 10:54 PM,
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डॉली दिन भर काफ़ी परेशान रही थी, धीरज के रूखे व्यवहार के कारण और अपने भाई के साथ सपने के बारे में सोच सोच कर. वो धीरज को भी सारा दोष नही दे सकती थी, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उसका खुद का मन धीरज के साथ सेक्स करने का बिल्कुल नही होता था, वो धीरज की शारीरिक ज़रूरतों का ख्याल नही रख रही थी. अब धीरज यदि ऐसा व्यवहार कर रहा था, तो इसमे ज़्यादा बुरा लगने वाली बात नही थी. जिस तरह से डॉली और धीरज शादी के बाद एक दो साल तक जिस तरह चुदाई किया करते थे, वो बहुत पुरानी बात थी, शायद वो दोनो अब एक दूसरे से बोर हो चुके थे. 

डॉली के मन में तरह तरह के विचार आ रहे थे. कहीं ऐसा तो नही कि धीरज उसकी पहल का कभी जवाब ही नही देगा? क्या उसका किसी लड़की के साथ चक्कर तो नही चल रहा? धीरज शायद अब ये मान चुका है कि उन दोनो के बीच अब सेक्स रिलेशन्स नॉर्मल नही हो सकते. कहीं वो किसी और की चुदाई तो नही कर रहा?

फिर थोड़ी देर बाद ठंडे दिमाग़ से सोचने के बाद डॉली को लगा, नही धीरज का किसी के साथ कोई चक्कर नही हो सकता, वो फिर कुछ और सोच कर चिंतित होने लगी. अगर धीरज ने उसकी चुदाई की , लेकिन अगर धीरज को डॉली की चुदाई में मज़ा नही आया तो? 

डॉली मन ही मन सोचने लगी, कि ऐसा क्यों है कि उसको अपने सगे छोटे भाई राज से चुदने या चुदाई के बारे में सोचने में तो बहुत मज़ा आता था. वो इस बारे में सपने भी देखती है. अपने सगे भाई के लंड की सवारी का ख्याल आते ही वो रोमचित हो उठती है, उसके सारे शरीर में आग लगने लगती है.

रात को डिन्नर करने के बाद, डॉली और धीरज ने थोड़ी बहुत बातें की, फिर कुछ देर टीवी पर न्यूज़ देखी, और फिर धीरज सोने के लिए बेडरूम की तरफ चल पड़ा. धीरज के मन में विचार आया, चलो कुछ देर स्टडी रूम में लॅपटॉप पर पॉर्न देख कर मूठ मार लेते हैं फिर सो जाएँगे, लेकिन तभी उसके दिमाग़ में तान्या की वो बात उसको सच लगने लगी, कि डॉली अपने आप चुदने के लिए पहल कर रही है. जैसे ही वो बेड पर लेटने को हुआ, उसने देखा डॉली बेडरूम में तेज़ी से घुस रही थी.

हल्की हल्की रोशनी में, कंबल के नीचे नंगे लेटे हुए, धीरज बाथरूम के दरवाजे का खुलने का इंतेजार करने लगा. धीरज मन ही मन सोच रहा था कि यदि उसकी बीवी आज भी पूरी नंगी होकर बाथरूम से आती है तो वो उसकी कैसे चुदाई करेगा. तान्या को जी भर के ना चोद पाने की अधूरी ख्वाइश उसके लंड में हलचल मचा रही थी. जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला, उसका लंड झटके मारने लगा.

बातरूम से आती हुई रोशनी में अपनी बीवी के संगमरमरी बदन को देख कर धीरज का लंड सलामी मारने लगा. पूर्ण रूप से नग्न डॉली बाथरूम से बेड तक आने में थोड़ा झिझक रही थी, और धीरज उसके बदन के हर उभार का एक नयी उमंग के साथ दीदार कर रहा था. डॉली के सही अनुपात में उभार लिए समस्त नंगे बदन को देख कर धीरज एक बारगी तान्या को भूल ही गया.

डॉली ने लाइट का स्विच ऑफ कर दिया, और झिझकते हुए बेड की तरफ आई. डॉली की नर्वुसनेस थोड़ा जब कम हुई, जब बेड पर चढ़ने के बाद धीरज ने डॉली के लिए पिल्लो को सही जगह खिसका दिया. डॉली अपने पति धीरज की साइड में आ कर लेट गयी, और जैसे ही एक बार डॉली की जाँघ ने धीरज के फन्फनाते हुए लंड को आक्सिडेंटली टच किया तो उसके शरीर में करेंट सा दौड़ गया. डॉली पिल्लो का सहारा लेकर बैठ गयी, और धीरज के पहल करने का इंतेजार करने लगी.

डॉली के बदन का भोग करने को बेचैन हो चुके धीरज के लिए पहल ना करना अब असंभव था, लेकिन वो कहाँ से शुरूवात करे, उसके दिमाग़ में बस ये ही कशमकश चल रही थी. धीरज ने अपनी बीवी डॉली के गाल पर एक हाथ रख कर उसका चेहरा अपनी तरफ घुमा लिया. जैसे ही धीरज के होंठों ने डॉली के होंठों को छुआ, वो डॉली के गालों को अपने हाथ से सहलाने लगा.

डॉली तो एक बार को मानो काँप ही गयी, और जैसे ही धीरज का हाथ की उंगलियाँ उसके कंधे की तरफ बढ़ी, उसके रोंगटे खड़े हो गये. अपनी बीवी को मूँह के मूँह में अब उसकी जीभ स्वच्छन्द होकर विचरण कर रही थी. धीरज ने धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर डॉली की मस्त गोल नग्न चूंचियों को दबोच लिया.

जैसे ही धीरज के हाथ के अंगूठे ने उसकी राइट चूंची के अन्द्रुनि भाग को हल्का सा सहलाया, तान्या के मूँह से "एम्म," करते हुए एक छोटी सी कराह निकल गयी. डॉली को अपने बदन का नंगा प्रदर्शन करते हुए ऐसा लग रहा था, मानो वो कितना बड़ा पाप कर रही है, लेकिन जिस तरह से अब उसका पति उसकी चूंचियों को दबा रहा था, और उसके कड़क हो चुके निपल को अपनी उंगली और अंगूठे से मसल रहा था, ये सब डॉली के बदन में आग लगा रहा था. धीरज की किस का उसी अंदाज में डॉली जवाब देने लगी, उसके दोनो टाँगें अपने आप अलग हो गयी, और उसकी जांघें अब अपने पति के खड़े लंड को छू रही थी.

धीरज अपनी बीवी की मस्त चूंचियों को दबा दबा कर अभी और खेलना चाहता था, और उसके खड़े हुए चुके निपल्स को चूसना चाहता था, लेकिन उसके मन में कहीं डर था, कि कहीं डॉली थोड़ी देर बाद कहीं ठंडी ना पड़ जाए, उसकी चुद्वाने की इच्छा कहीं कम ना हो जाए. ना चाहते हुए उसने डॉली की चुचियों को अपनी हथेलियों की गिरफ़्त से मुक्त किया, और उसके चिकने समतल गोरे गोरे पेट पर फिराते हुए, अपनी उंगलियों से डॉली की झाटों की कंघी करने लगा.

एक पल को डॉली को थोड़ी निराशा हुई, जब धीरज ने उसकी चूंचियों को जी भर के नही दबाया. जैसे ही धीरज का हाथ उसकी दोनो टाँगों के बीच आया, डॉली का दिल जोरों से धड़कने लगा. जिस तरह से उसकी उंगलियाँ चूत के बाहरी होठों पर आसानी से घूम रही थी, उसके एहसास से डॉली को लगा कि आज उसकी चूत काफ़ी चिकनी हो चुकी है, और शायद आज वेसलीन लगाने की ज़रूरत ना पड़े. 

बेहनचोद! डॉली की चूत इतनी ज़्यादा चिकनी हो गयी थी, कि अगर डॉली सर्प्राइज़्ड थी, तो धीरज को तो एक ज़ोर का झटका लगा था. जाने कब उसकी उंगलियाँ आसानी से चूत के होंठों पर सैर करते हुए कब आसानी से चूत के अंदर जा घुसी, धीरज को पता भी नही चला.

आनंद की तरंगें डॉली के शरीर में जिस तरह संचारित हो रही थी, उसके वजह से "अहह!" की आवाज़ निकालते हुए डॉली ने किस को तोड़ दिया, और अपने सिर को पिल्लो पर रख दिया. डॉली को विश्वास नही हो रहा था, कि धीरज और वो खुद सेक्स के प्रति इतने महीनों से उदासीन क्यों हो गये थे. शायद दोनो की ही ग़लती थी, वो शादी के इतने सालों बाद सेक्स को और ज़्यादा रोमांचक बनाने की जगह इसको एक रुटीन मानने लगे थे. डॉली के शरीर को धीरज का टच इतना ज़्यादा रोमांचित कर रहा था, कि वो बेड पर बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी.

धीरज अपनी बीवी की चिकनी चूत में उंगली घुमाने लगा, और उसका अंगूठा डॉली की चूत के दाने को सहलाने लगा. जैसे ही डॉली ने किस करना बंद किया, धीरज ने पास वाले निपल को अपने मूँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया, और अब वो डॉली की चूंची का चूस कर आनंद लेते हुए, उसकी चूत में उंगली कर रहा था. 

"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हःःः!" डॉली के शरीर ने धीरज के उसकी चूत में उंगली करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ढेर सारा पानी छोड़ दिया. धीरज के सिर को अपनी मुलायम चून्चि पर दबाते हुए, डॉली अपनी गान्ड उछालने लगी, और अपनी चूत को उसके हाथ के उपर घिसने लगी.
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03-31-2019, 10:54 PM,
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अपनी बीवी को चरम पर पहुँचते हुए देखकर, धीरज ने बिना झिझके चुदाई के खेल को नेक्स्ट लेवेल पर ले जाने का फ़ैसला किया. और डॉली के उपर आते हुए, धीरज ने उसकी चूत में से उंगली निकाल ली, और अपना सिर उसकी चूंची पर से उपर उठा लिया. अपने होंठों को डॉली के होंठों पर दबा कर घिसते हुए, उसने अपने जीभ डॉली के मूँह में अंदर घुसा दी, और अपने फन्फनाते लंड को उसकी चुदने के लिए बेकरार, इंतेजार कर रहे उस चिकने, गरम छेद में आसानी से अंदर घुसा दिया. 

जैसे ही डॉली ने धीरज के लंड को अपनी फड़कती हुई चूत में घुसता हुआ महसूस किया, डॉली के मूँह से "अहह!" की आवाज़ निकल गयी. डॉली और धीरज चूत में लंड के घुसने के बाद चुदाई के झटकों का एक दूसरे की ताल से ताल मिलाकर साथ देने लगे. 

धीरज को विश्वास ही नही हो रहा था, कि ऐसी गरम बीवी के साथ वो कैसे उसको बिना चोदे पिछले कुछ महीनों से एक ही बेड पर सोता रहा था. डॉली आज ना सिर्फ़ चुदने को आतुर थी, बल्कि उसका बराबर साथ दे रही थी, ऐसा लग रहा था मानो उसकी चूत अपने पति के लंड की भूखी थी. डॉली ने अपनी दोनो टाँगें इस कदर फैला कर चौड़ी कर रखी थी, ऐसा धीरज ने शादी के इतने सालों में पहले कभी महसूस नही किया था. जैसे कोई कुतिया हीट में कुत्ते के लंड की दीवानी हो जाती है, वैसा ही हाल डॉली का भी था. वो अपनी गान्ड उछाल उछाल कर धीरज का लंड अपनी चूत में पिलवा रही थी. डॉली की चुदाई करने में धीरज को आज तान्या की चुदाई से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

अपनी बीवी की गरम गरम चूत में लंड को अंदर बाहर करते रहने के बाद धीरज का लंड भी पानी छोड़ने को तयार होने लगा. डॉली तो मानो पागल ही हो गयी थी, और अपने हाथ की उंगलियों के नाख़ून धीरज की गान्ड की गोलाईयों में गढ़ा रही थी, मानो और ज़्यादा ज़ोर से चोदने के लिए कह रही हो. धीरज के लिए अब और ज़्यादा देर अपने आप को रोक पाना असंभव था. धीरज के टट्टों में गोलियाँ उपर चढ़ने लगी, और वो ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. दो तीन जोरदार झटकों के बाद अगली बार जैसे ही लंड चूत में घुसा, सुपाडे के छेद में से वीर्य के सफेद पानी की धार ने पिचकारी मारते हुए डॉली की चूत में होली खेलनी शुरू कर दी. 

डॉली भी धीरज के साथ आज ओह भगवान!! ओह भगवान!! कहते हुए झडने लगी, और उसको आज कुछ सालों बाद वैसी ही तृप्ति मिल रही थी, जैसी सालों पहले कभी अपने सगे छोटे भाई राज से चुदने पर मिला करती थी. अपने पति को अपनी चुचियों में दबाते हुए, डॉली अनगिनत बार झडति चली गयी. धीरज का मूँह उसके मूँह के उपर था, और वो उसकी जीभ की गरमाहट लेते हुए हाँफ रही थी.

जैसे ही तूफान के बाद थोड़ी शांति हुई, डॉली अपनी चूत के अंदर घुसे हुए धीरज के लंड को महसूस करने लगी, और चूत की दीवार लंड को सिकॉड़ते हुए सारे शरीर में आनंद की तरंगें प्रवाहित करने लगी. लेकिन अभी भी कहीं डॉली के दिमाग़ में राज से हुई चुदाई की पुरानी तस्वीरें घूम रही थी. कहीं कुछ बाकी था. 

डॉली की चूत जैसे ही उसके लंड को निचोड़ने लगी, धीरज बोला, "आइ लव यू." अपना थोड़ा सा सिर उपर उठाकर, धीरज ने डॉली के माथे हो चूम लिया, और फिर एक एक कर के दोनो गालों को, और डॉली की आँखों के किनारों पर आ चुके आँसू के उस पानी को देखने लगा. 

"आइ'म सो सॉरी..." डॉली फुसफुसाई.

"ष्ह... इट'स ओके," धीरज ने उसके नाज़ुक होंठों पर अपने होंठ घिस दिए. "इट'स मोर दॅन ओके... इट'स वंडरफुल." धीरज का लंड डॉली की पनिया राही चूत की गर्माहट का आनंद ले रहा था. 

"ओह, धीरज बहुत मज़ा आ रहा है.... मैने तुम्हारे साथ पिछले कुछ महीनों से चुदाई में उदासीनता दिखानी शुरू कर दी थी,,,इसीलिए मैने सॉरी कहा. डॉली की आँखों में पश्चाताप वाले भाव थे. लेकिन धीरज की आँखों में सिर्फ़ क्षमा और अपनी सेक्सी बीवी की मस्त चुदाई के बाद धन्यवाद भरे भाव थे.

"तुमने मुझे बहुत तडपाया है,"वो अपनी गान्ड हिलाकर, लंड को उसकी चूत में आगे पीछे कर एक बार फिर से खड़ा करने का प्रयास करते हुए बोला.

"आइ लव यू सो मच!" डॉली सूबकते हुए बोली, और अपनी चूत को लंड पर कसते हुए उसके लंड के मूव्मेंट्स का जवाब देने लगी. डॉली लंड को अपनी चूत में ऐसे ही घुसाए रखना चाहती थी. ओह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है धीरज. मैं आज के बाद तुम से चुदने के लिए हमेशा तय्यार रहूंगी, और तुम भी जब चाहो, जहाँ चाहो मुझे चोद सकते हो, मेरी तरफ से आज के बाद कभी मना नही होगी. डॉली मानो कसम खाते हुए बोली, “तुम आजमा कर देख लेना,” और तभी फिर से धीरज के लंड का उसकी चूत में अंदर बाहर होना शुरू हो गया. धीरज अपनी बीवी के होंठों को चूसने लगा, और दोनो के शरीर एकाकार होने लगे.



धीरज के समझ में नही आ रहा था, कि यकायक ऐसा क्या हो गया है जिसकी वजह से डॉली की सेक्स की भूख इतनी ज़्यादा बढ़ गयी है, लेकिन वो किसी प्रकार का सवाल नही पूछना चाहता था. अब जब उसका लंड फुल फॉर्म में आ चुका था, वो डॉली की चूत में अंदर तक उसको पेल कर उसकी जोरदार चुदाई करने लगा, मन ही मन वो सोच रहा था कि इस उमर में डॉली इतनी ज़्यादा चुड़क्कड़ कैसे हो गयी है, हो सकता है डॉली ओरल या अनल सेक्स के लिए भी तय्यार हो जाए, और यदि नही भी होती है तो तान्या के साथ वेडनेसडे तो है ही...

धीरः जैसी सेक्सी बीवी चाहता था जो जब चाहे तब चुदने को तयार हो, डॉली अब वैसी ही बन चुकी थी, चुदने के लिए तय्यार, नंगी होकर बेड पर उसके पास हर रात चुदने को आ जाती थी. धीरज डेली के रुटीन को चेंज करने में थोड़ा संकोच कर रहा था, लेकिन वो चुदाई में बहुत कुछ करना चाहता था, वो डॉली की चूत को चाटना चाहता था, और भी बहुत कुछ. लगातार चार रातों तक उसी एक ही स्टाइल में डॉली को नीचे लिटाकर और खुद उसके उपर चढ़कर वो उसकी चुदाई कर रहा था, लेकिन अगली रात डॉली ने रुटीन को चेंज कर धीरज को अच्मभे में डाल दिया.

बेड पर चढ़ते ही, डॉली ने धीरज को पीठ के बल बेड पर लिटा दिया, और खुद घुटनों के बल बेड पर बैठ गयी, और अपने गरम गरम होंठ धीरज के होंठों पर रख कर दबाने लगी. डॉली अपनी हथेली को धीरज की छाती पर फिराते हुए धीरे धीरे नीचे लाते हुए उसके आधे खड़े लंड के पास ले आई. जब तक डॉली उसके लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ती, तब राक धीरज बहुत एग्ज़ाइटेड हो चुका था. जैसे ही डॉली ने लंड को पकड़कर उपर नीचे करना शुरू किया, दोनो की जीभ आपस में लिपट कर अठखेलियाँ करते हुए, वो दोनो एक दूसरे को दोनो मादक अंदाज में किस करने लगे.

जैसे ही डॉली ने अपनी एक टाँग धीरज के उपर रखी, धीरज अपनी बीवी के छूने से रोमांचित हो डॉली की चूंचियाँ दबाने लगा. डॉली की चूत का मूँह लंड के ठीक सामने था, और लंड को डॉली की उंगलियों ने पकड़ा हुआ था, डॉली लंड के सुपाडे को अपनी चूत के नरम गीले होंठों पर रगड़ने लगी, और फिर उसको अपनी चूत के द्वार पर लगाकर, खुद उसके उपर आ गयी. 

बेहनचोद!! धीरज तो कितने दिनों से इसी का इंतेजार कर रहा था, डॉली खुद चुदाई करवाएगी. धीरज मन ही मन सोचने लगा, कि डॉली के साथ शायद अब फिर से सब कुछ करना संभव हो पाएगा. 

डॉली ने किस को तोड़ते हुए, वो धीरज के लंड को अपनी इंतेजार कर रही चूत में घुसाते हुए कराही, "म्म्म्मम!" जब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, वो उसके उपर बैठ गयी, और अपनी चूत की मसल्स को सिकोडते हुए, सही पोज़िशन में आते हुए अपनी चूत में लंड को फिट करने लगी. 

जिस तरह से धीरज का फनफनाता हुआ लंड डॉली की गरम चिकनी गीली चूत में घुसा हुआ था, धीरज को इस बात का बिल्कुल इल्म नही था, कि डॉली अपने छोटे भाई राज के साथ चुदाई के क्षणों को जीवंत कर रही है. धीरज तो बस अपनी बीवी के चुदाई की पहल करने की बात से ही खुश था, और उसने अपने हाथ बढ़ाकर डॉली को चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया, और उसके खड़े टाइट निपल्स को मींजने लगा.
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03-31-2019, 10:54 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
जैसे ही डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को उसके लोहे की रोड के खड़े लंड के उपर टाइट करके, थोड़ा आगे पीछे होने लगी "हां ऐसे ही!" धीरज ज़ोर से चीख कर बोला. उसकी मस्त गुदाज मम्मों को अपने अपने हाथ में भरकर मसलने लगा, और डॉली ने अपनी सवारी की रफ़्तार पहले से थोड़ा तेज कर दी.

डॉली अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालकर अपने छोटे भाई के साथ की हुई चुदाई की यादों को याद करने लगी, कैसे वो राज के लंड पर बैठकर चुदाई करवाया करती थी, वो तस्वीरें डॉली के दिमाग़ में घूमने लगी. शादी के बाद धीरज के साथ उसकी सेक्स लाइफ ठीक ठाक चली थी, और अब पिछले कुछ दिनों से वो फिर से चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी थी. लेकिन अपने भाई से चुदने का मज़ा ही कुछ और था, क्यों कि उसकी इजाज़त नही थी, और जो कुछ वो दोनो करते थे वो समाज की नज़रों में ग़लत था, शायद इसीलिए वो मज़ा कुछ और ही था. डॉली सेम वो ही मज़ा अपने पति से चुदाई के दौरान पाना चाहती थी.

जिस तरह से पागल होकर डॉली लंड के उपर बैठ कर उछल उछल कर सवारी कर रही थी, धीरज तो मानो स्वर्ग में ही पहुँच गया था. धीरज ने उसकी चूंचियों को अपने हाथ की गिरफ़्त से छोड़ते हुए उनको अपने आप उछालने के लिए आज़ाद कर दिया, डॉली उपर उठते हुए अपनी ऊट में से लंड के टिप को छोड़ कर पूरा निकाल देती, और फिर नीचे आते हुए एक बार फिर से पूरे लंड को अपनी चूत में घुसा लेती. धीरज को विश्वास ही नही हो रहा था, कि ये वो ही लड़की है जो कुछ हफ्तों पहले तक बिल्कुल ठंडी लेते हुए बस चुदाई को एक रुटीन मान कर निभाने लगी थी. धीरज ने उसके हिप्स को अपने हाथों में भर लिया, और अपनी कमर को उपर उछाल कर लंड को चूत में और अंदर तक घुसाते हुए, डॉली की ताल से ताल मिलाने लगा, और किसी तरह अपने आप को झडने से रोकने की कोशिश करने लगा. बेहनचोद ! कल तो डॉली की चूत ज़रूर चाटूंगा, धीरज मन ही मन सोचने लगा. उसको मालूम नही था, डॉली तो अपनी चूत चटवाने को कितनी ज़्यादा बेकरार थी. धीरज सोचने लगा, कि जब तान्या को इस सब का पता चलेगा तो उसका रिक्षन क्या होगा!

डॉली अपनी चूत को अपने पति धीरज के लंड पर किसी हथौड़े की तरह बरसा रही थी, और शादी से पहले के उन दिनों की यादों को ताज़ा कर रही थी, जब वो अपने सगे भाई से चुद्वाया करती थी, डॉली उन सब बातों को याद कर कराह उठी "ओह!" डॉली की चूत में आग लगी हुई थी, और धीरज का लंड उसकी चूत का पूरा लुफ्त ले रहा था, लेकिन डॉली को लग रहा था कि कहीं कुछ कमी है... अपने पति से हो रही इस चुदाई में उसके शरीर में वो आग नही लग रही जो अपने भाई से चुदने में लगा करती थी.

जैसे जैसे चुदाई अपने चरम पर पहुँचने लगी, डॉली अपनी आँखें बंद कर के अपने छोटे भाई राज के चेहरे पर आने वाले उन संतुष्टि के भाव को याद करने लगी. किसी तरह डॉली ने अपने आप पर काबू पाया, और अपनेआप को संयत किया. जैसे ही डॉली झडने को हुई, उसने अपनी आँखें खोल कर, अपने पति धीरज के चेहरे की तरफ देखा.

दोनो एक साथ झड़ने ही वाले थे, तभी धीरज चीख कर बोला "ओह! डॉली!" जैसे ही धीरज के लंड ने लावा उगलना शुरू किया, डॉली ने अपनी चूत की मसल्स को उसके लंड पर जकड लिया. धीरज अपनी कमर उछाल उछाल कर लंड को चूत में और अंदर तक घुसाते हुए, वीर्य की पिचकारी अपनी बीवी की चूत में उंड़ेल कर डॉली की चूत की आग को बुझाने की कोशिश कर रहा था.

डॉली अपने पति की छाती पर सिर टिका कर निढाल होकर लेट गयी... वो निराश थी. वो मन ही मन सोच रही थी, अब तो जो है उसी से गुज़ारा करना पड़ेगा, कोई दूसरा विकल्प था भी नही. डॉली अपने पति धीरज से बेहद प्यार करती थी. वो चुदाई के बाद अपने आप को हल्का हल्का और संतुष्ट महसूस कर रही थी. मन ही मन वो सोचने लगी, शायद ऐसी ही संतुष्टि अपने छोटे भाई से चुदाई के बाद मिला करती थी... शायद बाकी सब उसकी कल्पना है.... शायद उस समय वो कुँवारी थी... लेकिन वो उसका छोटा भाई था, इसका शायद कोई मतलब नही था. लेकिन फिर वो उसके चेहरे की कल्पना क्यों कर रही थी? डॉली की आँखों में से आँसू की बूँद टपक पड़ी, जैसे ही धीरेज ने उसकी नंगी गान्ड की गोलाईयों पर अपना हाथ फिराया. उसने किसी तरह अपने आँसू पर काबू करते हुए धीरज के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
अगले दिन जितना डॉली कोशिश कर रही थी कि उसके दिमाग़ में अपने छोटे भाई राज से चुदाई के बाद झडते हुए, शरीर में लगने वाली आग के ख्याल ना आए, उतना ही ज़्यादा वो इस बारे में सोच रही थी. वो चाहती थी उसको वैसी ही तृप्ति अपने पति से चुदाई से भी मिलनी चाहिए. और अगर ऐसा नही है, तो क्यों? वो मन ही मन इस बारे में विचार करने लगी. क्या उसका भाई ही उसको चुदाई का असली सुख दे सकता था. वो मन ही मन सोचने लगी, लेकिन ऐसा होना तो नही चाहिए?

धीरज इसके विपरीत कुछ और ही सोच रहा था. कल रात जो कुछ हुआ वो सब उसके दिमाग़ में घूम रहा था. उसकी बीवी जो चुदाई के दौरान कभी बिल्कुल ठंडी रहा करती थी, वो उसके लंड की सवारी कर रही थी, और लंड पर उछलते हुए उसकी चूंचियाँ भी किस तरह उछाल रही थी. ऑफीस में अपनी चेयर पर बैठा हुए, ये सोच कर ही उसका लंड पता नही कितनी बार खड़ा हो चुका था. आज रात क्या कुछ होगा ये सोच कर उसको इंतेजार करना मुश्किल हो रहा था. शायद आज उसको डॉली की चूत को चाटने का लंबे समय के बाद फिर से मौका मिले. 

डॉली और धीरज दोनो ही डिन्नर करते हुए थोड़ा नर्वस थे, और टीवी शोस के बारे में बातें कर रहे थे. दोनो ही बेड रूम में जाकर चुदाई करने को बेकरार थे. कुछ देर बाद जब बेडरूम में जाने का टाइम आया, तब तक धीरज का लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था, और डॉली की चूत अपना रस छोड़ कर पनिया गयी थी.

आज धीरज की सर्प्राइज़ देने की बारी थी, उसने डॉली को धक्का देकर बेड पर लिटा दिया, और उसकी चूंचियों को किस करने लगा. डॉली तो सुबह से चुदाई के बारे में सोच सोच कर पहले से ही गरम हो चुकी थी, उसने अपने पति के चेहरे को अपनी चूंचियों के बीच दबा लिया, और धीरज उसके हार्ड हो चुके निपल्स को कभी चूसने और कभी उनकी चिकोटी भरने लगा.

डॉली के इतने खुले व्यवहार के बाद धीरज की झिझक भी गायब हो चुकी थी. धीरे धीरे वो डॉली के सारे बदन को उपर से चूमते हुआ नीचे चूत के खजाने की तरफ बढ़ने लगा. 

जैसे ही डॉली को एहसास हुआ कि उसका पति धीरज क्या करना वाला है, उसने एक गहरी साँस ली. जैसे ही धीरज उसकी टाँगों को फैला कर उसकी गोरी गोरी सुडौल जांघों के बीच आया, डॉली के शरीर में करेंट सा दौड़ गया. 

धीरज ने अपनी बीवी के दोनो पैर चौड़े कर के फैला दिए, और फूली हुई चूत की तरफ ललचाई नज़रों से देखने लगा. बेहनचोद ! डॉली की चूत के लिप्स चिकने पानी निकलने की वजह से चमक रहे थे, और ये बता रहे थे कि डॉली चुदने के लिए गरम हो चुकी है. उपर की तरफ नज़र दौड़ाने पर धीरज को डॉली की कड़क होकर खड़े हो चुके निपल्स दिखाई दिए, और डॉली के चेहरे पर थोड़ी आशंका भरे भाव नज़र आए. डॉली अचकचाती हुई अपनी दोनो टाँगों को सिकोड कर पास लाने की कोशिश करने लगी, लेकिन धीरज ने अपनी जीभ को गीली चूत के द्वार के नीचे से उपर तक लेकर, अपनी जीभ को चूत के लिप्स पर दबाते हुए चाट लिया.

"ओह!" डॉली कराही, और धीरज ने फिर नेक्स्ट टाइम वैसा ही किया तो डॉली ने धीरज को और ज़्यादा जगह देने के लिए अपनी दोनो टाँगें फैला दी. डॉली को लंबे समय के बाद चूत चटवाने में अलग ही मज़ा आ रहा था. जैसे ही जीभ चूत के अंदर घुसी, डॉली ने धीरज के सिर को पकड़ लिया, और अपनी पीठ का कमान बना लिया, और धीरज के मूँह को अपनी चूत पर ज़ोर से चिपका लिया, उसकी चूत में तो मानो आग लगी हुई थी.

धीरज ने समझदारी दिखाते हुए एक लंबी साँस ली और अपनी बीवी की चूत पर पहले से और ज़्यादा तेज हमला कर दिया. डॉली की चूत से निकल रहे रस का धीरज स्वाद लेने लगा, और चूत की मादक गंध को सूँघकर अपने अंदर समाने लगा, और डॉली की झान्टो पर अपना फेस रगड़ने लगा, डॉली अपनी गान्ड उपर उछाल कर मस्ती चढ़ने का सबूत देने लगी. डॉली की चूत की गंध बेहद मादक थी, जो धीरज अपने नथूनो में सम्माहित कर रहा था, और उसकी जीभ डॉली की चूत को चोद रही थी.

जैसे ही धीरज उसके चूत के दाने की तरफ बढ़ते हुए उसको अपनी नुकीली जीभ से पहले छेड़ने लगा और फिर उसको अपने होंठों के बीच लेकर चूसने लगा, "हे भगवान!" कहते हुए डॉली चिल्लाने लगी. डॉली अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी.


जैसे जैसे डॉली झडने के करीब पहुँचने लगी, वो "ओह! ओह्ह! ओह्ह्ह! ओह!" करते हुए चीखने लगी और धीरज ने उसकी पनिया रही चूत में अपनी दो उंगलियाँ घुसा दी. डॉली पागलों की तरह अपनी चूत को धीरज के मूँह पर घिस रही थी, और अपनी उंगलियों से उसने धीरज के बाल पकड़ रखे थे, जिस से धीरज कहीं अपना मूँह दूर ना कर ले. धीरज चूत के दाने को चाटे जा रहा था, और दो उंगलियों को गरम गरम चूत के अंदर बाहर कर रहा था.

"ओह! धीरज! ओह! ऐसे ही करते रहो प्लीज़!" डॉली ने अपनी चूत को उसकी उंगलियों के उपर टाइट कर लिया, और ज़ोर ज़ोर से काँपने लगी. जैसे ही डॉली झडि उसका सिर और कंधे अपने आप बेड से उपर उठ गये, और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी धीरज की उंगलियों और हाथ पर छोड़ दिया. धीरज ने धीरे से अपनी उंगलियाँ चूत में से बाहर निकाली और अपना मूँह खोल कर चूत से निकले रस का रस्पान करने लगा. 

डॉली ढेर होकर बेड पर लेट गयी, और उसने धीरज के बालों पर से अपनी गिरफ़्त कमजोर कर दी, धीरज अभी भी उसकी चूत से निकले रस को चाट कर सॉफ कर रहा था. डॉली को बहुत महीनों या सालों के बाद इतना ज़्यादा मज़ा आया था. जो भी हुआ डॉली झडने के बाद बेहद प्रसन्न थी. शायद उतनी की प्रसन्न जितनी वो अपने छोटे भाई राज के साथ चुदाई में झडने के बाद हुआ करती थी. लेकिन वो राज के बारे में इस वक़्त क्यों सोच रही थी? 

इस से पहले की डॉली कुछ और सोचती, धीरज उसके बदन को चाटते हुए उपर आ गया, और अपने फन्फनाते हुए लंड को अपनी बीवी की आमंत्रित कर रही चूत के उपर दबाने लगा.

"ओह!" करते हुए डॉली ने आनी दोनो टांगे और ज़्यादा फैला कर चौड़ी कर ली, और अपनी बाहों को अपने पति की पीठ पर लेजाकर उसको जकड लिया, और तभी धीरज ने हल्का सा झटका लगाकर उसकी चूत मे अपने लंड का प्रवेश करा दिया. 

धीरज को तो मानो स्वर्ग मिल गया, उसकी बीवी ने अपनी चूत चटवाई, और वो अब अपनी बीवी के उपर चढ़ कर, उसकी गरम गरम चूत में अपना लंड घुसाकर मस्त चुदाई कर रहा था. वो लंड को जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा, और डॉली ने अपने होंठ उसके होंठों की तरफ बढ़ा दिए. 

बिना कुछ सोचे डॉली ने अपनी जीभ धीरज के मूँह में घुसा दी, और धीरज के झटकों का अपनी चूत को उछाल उछाल कर जवाब देने लगी. डॉली की चूत में आग लगी हुई थी, और वो अपने हाथ के नाखूनों को धीरज की पीठ पर गढ़ाने लगी, और अपने शरीर में लगी वासना की आग को शांत करने की कोशिश करने लगी.

बेहनचोद! तभी डॉली को एहसास हुआ, कि धीरज के होंठों पर लगा जूस तो उसकी खुद की चूत का है. तभी धीरज ने उसके उपर पूरी तरह आकर चूमते हुए अपनी जीभ डॉली के मूँह में घुसा दी, और उसके सिर को पिल्लो पर रख कर अपने होंठों के दबाव से दबा दिया. डॉली अब अपनी चूत के रस का स्वाद ले रही थी, और धीरज उसको तबाद तोड़ चोदे जा रहा था.

डॉली के दिमाग़ में विरोधाभासी विचार चल रहे थे. एक तरफ तो उसकी चूत अपने पति के लंड से संतुष्ट नही हो पा रही थी, साथ ही साथ वो अपनी चूत के रस को जो धीरज के होंठों पर लगा हुआ था, उसको चाट रही थी. वो मन ही मन सोचने लगी, ये क्या हो गया है उसको?

यकायक ऐसा क्या हो गया था, जिस से उसकी चुदने का इतना ज़्यादा मन होने लगा था, और वो खुद पर कंट्रोल भी नही कर पा रही थी. डॉली ने धीरज के हिप्स पर अपने हाथ रखकर और ज़्यादा अपनी तरफ खींचा, और ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने के लिए उसको प्रोत्साहित करने लगी. उसकी चूत लंड को अपने अंदर समाए हुए फडक रही थी, और वो एक बार फिर से झडने के लिए तय्यार हो गयी.
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
डॉली को झडने से ज़्यादा मज़ा, वहाँ तक पहुँचने में आ रहा था. रह रह कर उसको अपने छोटे भाई के साथ की हुई चुदाई के दौरान आने वाले मज़े के ख्याल आ जाते. लेकिन ये सब कुछ वो और उसका पति कर रहे थे, ये सब बिल्कुल अलग था, शायद इसलिए भी कि ये जायज़ था. समाज में सब पति पत्नी के बीच चुदाई को जायज़ मानते हैं, कोई पति अपनी पत्नी को मन चाहे अंदाज में चोदे किसी को कोई आपत्ति नही होती. लेकिन अगर कोई बेहन अपने भाई से चुदवा ले तो मानो क़यामत आ जाती है. आज अपने पति से चुदते हुए, डॉली अपने जिस्म की भूख को शांत कर रही थी. तभी डॉली ने धीरज के होंठों का स्वाद लेते हुए उसके मूँह जीभ में अंदर घुसा दी, और मूँह के अंदर सब जगह घूमने लगी.

जब धीरज को एहसास हुआ कि उसकी बीवी अपनी जीभ से क्या कर रही है, उसके कामुक विचारों ने तुरंत उसके लंड में हरकत पैदा कर दी, और उसके लंड ने तभी वीर्य का पानी छोड़ दिया. उसने लंड को चूत में गहराई तक पेलते हुए, चूत के दाने को अपने लंड की पूरी लंबाई से घिस कर रगड़ डाला, और डॉली भी चरम पर पहुँच गयी.

जैसे ही डॉली अच्छी तरह झडि वो चीख कर आवाज़ निकालने लगी "ओह्ह्होह्ह्ह्ह्हाआआग्ग्ग्घ्ह्ह्ह," 

एक पल को ऐसा लगा मानो वो बेहोश ही हो गयी हो. डॉली की छाती उपर नीचे हो रही थी, और उसकी चूत फडक रही थी, धीरज उसकी चूत में वीर्य की धार पर धार छोड़े जा रहा था, फिर दोनो बेड पर निढाल होकर लेट गये. धीरज अपनी बीवी के उपर लेटा हुआ था, और उसका लंड अभी भी चूत के अंदर ही था, और वो अपने लंड के उपर चूत के सिंकूडने और फैलने का आनंद ले रहा था. उसेक बाद दोनो एक दूसरे को बाहों में भर कर सो गये. 

अगली रात भी लगभग सब कुछ पिछली रात की ही तरह हुआ, धीरज ने पहले डॉली की चूत को जी भर के चाट कर उसकी चूत को पानी छोड़ने पर मजबूर किया, और फिर अपने लंड को गरम गरम, इंतेजार कर रही चूत में पेल कर भरपूर चुदाई का मज़ा लिया. डॉली को भी अपनी ऊट को चटवाना बहुत अच्छा लगने लगा था, और वो धीरज के बालों को अपनी उंगलियों से पकड़ना और फिर अपनी पीठ उठाकर, चूत को अपने पति के मूँह पर रगड़ने का डॉली ने भरपूर मज़ा लिया. जब धीरज ने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया तो डॉली ने धीरज के होंठों पर लगे अपनी चूत का रस को चाटना शुरू कर दिया. फिर दोनो एक साथ चरम पर पहुँचे, और वासना का तूफान जब शांत हुआ तब दोनो निढाल होकर थक कर सो गये.

पिछले कुछ हफ्तों से हर ट्यूसडे को धीरज की बेचैनी बढ़ जाती थी, और वो उतावला हो जाता था, क्यों कि अगले दिन वेडनेसडे दोपहर को तान्या के साथ जो कुछ होने वाला था उसका बेसब्री से इंतेजार करने लगता. लेकिन इस हफ्ते उसके दिमाग़ में बस अपनी बीवी डॉली को घर पर जी भर कर चोदने के ही विचार आ रहे थे.
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डॉली ने अपनी पैंटी पर सॅनिटरी नॅपकिन को चिपका कर उपर चढ़ाकर पहनते हुए एक गहरी साँस ली, और बाथरूम के हुक पर टाँगे अपने गाउन को उतार लिया. घूमकर उसने अपने आप को शीशे में देखा, और अपनी चूंचियों के तन कर खड़े हुए निपल्स को देखकर मुस्कुराने लगी. उसको अपने सुडौल सेक्सी बदन पर घमंड होने लगा, और पिछले हफ्ते तो धीरज ने उसकी जिस तरह चुदाई की थी, उसके बाद डॉली को लगने लगा था कि वो अब पहले से भी ज़्यादा सेक्सी हो गयी है.

एक गहरी साँस लेकर वो अपनी मस्त चूंचियों को हर साँस के साथ उपर नीचे होते देखने लगी, और अपने खड़े निपल्स को निहारने लगी. एक लंबी साँस बाहर छोड़ते हुए, वो सोचने लगी कि कैसे अब अगले कुछ दिनों तक वो चुदाई नही कर पाएगी. कितना मज़ा आता है जब धीरज उसके निपल्स को चूसता है, और उसकी वो जीभ कहाँ कहाँ पर क्या क्या नही करती. उसने नाइट्गाउन को फिर से खूँटि पर टाँग दिया, और वैसे ही बाहर निकलने को तय्यार हो गयी.

धीरज का लंड तो अपनी बीवी का बाथरूम से बाहर निकलने का इंतजार करते हुए फूँकार मार रहा था. उसको विश्वास नही हो रहा था कि डॉली में इतना ज़्यादा एक दम चेंज कैसे आ गया था, लेकिन वो इस बारे में ज़्यादा ना सोचकर अपनी खुश नसीबी का एहसान मना रहा था. बाथरूम का डोर खोलकर जैसे ही डॉली बेडरूम में आई, धीरज ने थोड़ा खिसक कर डॉली के बैठने के लिए जगह बना दी. उसने इस चीज़ पर गौर ही नही किया कि उसकी बीवी आज पूरी नंगी नही है.

जब डॉली ने अपने पति के तन कर खड़े हुए लंड को सलामी मारते हुए देखा, वो थोड़ा शर्मा कर मुस्कुरा उठी, और अविश्वास में अपनी गर्दन हिलाने लगी. ओह नो.... बेचारा... इन पीरियड्स को भी अभी होना था?

जब धीरज ने देखा कि आज डॉली ने पैंटी पहन रखी है और उसकी तरफ सवाल भरी नज़रों से देखा तो डॉली धीमे से बोली, “मेरे पीरियड्स चल रहे हैं.” 

"ओह... उः... ओह... ओके," धीरज को समझ में आ गया, डॉली उसके पास आकर बेड पर बैठ गयी. आज से पहले शादी के बाद, उन दोनो ने लगातार रोजाना कभी चुदाई की ही नही थी, जिस से मंत्ली पीरियड्स ने उनकी चुदाई में खलल डाला हो. धीरज मन ही मन सोचने लगा अभी कुछ दिन से ही तो वो रोजाना चुदाई कर रहे हैं. धीरज थोड़ा निराश तो हुआ, लेकिन फिर उसने अपनी बाहें डॉली के गले में डाल दी, और अपनी तरफ किस करने को खींचने लगा.

डॉली ने धीरज के चेहरे पर निराशा के भाव पढ़ लिए, और जैसे ही दोनो के होंठ मिले, डॉली ने अपना एक हाथ नीचे लेजाकर तने कर खड़े हुए लंड को अपनी मुट्ठी में भर कर पकड़ लिया. ऐसा करते ही धीरज के बदन में खुशी की लेहर दौड़ गयी, और वो अपनी जीभ को डॉली के मूँह में और ज़्यादा अंदर घुसाने लगा. लंड को हल्के हल्के उपर नीचे करते हुए, डॉली ने किस को तोड़ते हुए,पेट पर किस करते हुए, नीचे की तरफ आ गयी.

धीरज को एक बार विश्वास नही हुआ कि उसकी बीवी उसका लंड चूसने के लिए अपने मूँह नीचे ले जा रही है. धीरज अपनी एल्बोस के सहारे थोड़ा उपर हुआ, और डॉली को अपनी टाँगों के बीच आते हुए देखने लगा. डॉली अपने पति के फन्फनाते लंड को निहार रही थी, धीरज थोड़ा और डॉली की तरफ खिसक गया और बोला, निकाल दो इसका पानी चूस चूस के... मेरी जान.

डॉली अभी भी धीरे धीरे लंड को उपर नीचे करते हुए सहला रही थी, उसका मूँह अपने पति के तन कर खड़े हुए लंड से बस कुछ ही इंचों की दूरी पर था. वो मन ही मन सोचने लगी कि धीरज को भी लंड चुसवाने में उतना ही मज़ा आएगा जितना उसको खुदको अपनी चूत चटवाने में आता है. डॉली ने ये सब सोचते हुए, अपनी आँखें बंद कर ली, और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने पति के लंड के सुपाडे पर फिराने लगी. उसने अपने हूँठों पर जीभ फिराई और एक बार फिर से सुपाडे को चाट लिया. 
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
जैसे ही डॉली की जीभ ने धीरज के लंड को छूआ, धीरज एक बारगी कराह उठा "ओह्ह्ह यॅ!" 

डॉली को लगा कि धीरज को और ज़्यादा मज़ा देना चाहिए, उसने धीरज के लंड को थोड़ा और अपने मूँह में होंठों के बीच अंदर ले लिया.

जैसे ही डॉली की जीभ ने लंड के निचले संवेदनशील हिस्से को छूआ, धीरज के मूँह से निकल गया, "ओह!" 

डॉली ने तुरंत अपना सिर पीछे कर लिया.

"क्या हुआ?" डॉली ने पूछा, उसको लगा कहीं उस से कुछ ग़लत हो गया, जिस की वजह से धीरज को दर्द हुआ है.

"नही कुछ नही!," वो खुश होते हुए बोला, "तुम बहुत अच्छी तरह से लंड चूस रही हो!"

डॉली हल्के से मुस्कुराइ और उसने एक बार फिर से अपना ध्यान उस लंड पर केंद्रित कर दिया. लंड को अपने मूँह में अंदर लेते हुए, वो सुपाडे पर जीभ फिरा रही थी, और लंड को किसी आइस क्रीम कोन की तरह चूस रही थी.

अपने फन्फनाते हुए लंड को अपनी बीवी से चुस्वा कर धीरज तो सातवें आसमान पर था. लंड की मुलायम स्किन से डॉली की जीभ का स्पर्श पाकर उसके शरीर में तरंगें दौड़ रही थी. उसने पीठ के बल थोड़ा उपर उठते हुए, अपने लंड को डॉली मूँह में थोड़ा और अंदर तक घुसा दिया. चूस ले मेरी जान.... चूस ले मेरे लंड को.

डॉली ने लंड को मूँह में से निकाला, एक गहरी साँस ली और फिर से अपने पति के लंड को साइड से चूसने लगी. डॉली को मालूम था कि धीरज के लंड को चूस कर उसका कैसे पानी निकाल कर उसको खुश करना है. डॉली के चूसने का सीधा प्रभाव धीरज के लंड पर दिखाई दे रहा था, और वो अपने हिप्स को उछाल उछाल कर उसको और ज़्यादा डॉली के मूँह में लंड को घुसाने की कोशिश कर रहा था. 

धीरज की गोलियों में अब तनाव बढ़ता जा रहा था, टट्टों में क़ैद गोलियाँ अपने अंदर जमा सारा वीर्य बाहर उंड़ेल देने को बेताब हो रही थी. डॉली ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी, और अपने होंठों के बीच लंड के सुपाडे को जकड रखा था. डॉली ने लंड को एक हाथ से पकड़ रखा था, इसलिए धीरज उसको पूरा डॉली के मूँह में नही घुसा पा रहा था. डॉली के मुलायम होंठ और गीली जीभ लंड के सुपाडे पर सब तरफ घूम कर धीरज के लंड को पिचकारी छोड़ने के लिए उकसा रहे थे.

डॉली भी किसी रंडी की तरह अपने पति के लंड को खुश होकर चूसे जा रही थी. और खुद भी बेहद गरम हो गयी थी. जब वो धीरज के लंड को अपने मूँह में ले रही थी, तो वो सोच रही थी, कि क्या राज का लंड भी इतना ही मोटा और लंबा था? फिर वो पश्चाताप करने लगी, हे भगवान ये राज की याद बार बार क्यों आ जाती है? राज और उसके लंड के बारे में बाद में सोचेंगे, अभी तो अपने पति के लंड को चूस कर उसका पानी निकालते हैं. तभी धीरज के लंड ने वीर्य के पानी की पिचकारी उसके मूँह में छोड़नी शुरू कर दी. 

जैसे ही लंड ने डॉली के गरम गरम मूँह में वीर्य के पानी की पिचकारी छोड़ी, धीरज के मूँह से संतुष्टि की आवाज़ निकली "आर्रररगज्गघह!" धीरज अपनी पत्नी का मुख मेथुन कर के झडने के बाद बेहद खुश था, उसका शरीर अभी भी ऐंठते हुए शांत हो रहा था. 

अचानक लंड में से निकले पानी ने डॉली को थोड़ा अचम्भित कर दिया था, और उसने अपने मूँह के उपर हाथ रख लिया था. धीरज के वीर्य का पानी उसके मूँह में भरा हुआ था. डॉली को पता नही क्या हुआ, उसने वीर्य के पानी को अपनी हथेली पर थूका और बाथरूम की तरफ भाग गयी.

जब डॉली बाथरूम में घुस गयी तो"शिट!" कहकर धीरज ने एक गहरी साँस ली और अपने लंड को हिलाकर उसमे से आख़िरी कुछ बूंदे निकालने लगा. 

डॉली ने अपने हाथ और मूँह को पानी से धोया, और मन ही मन पूछने लगी, उसने ऐसा क्यों किया? अपने छोटे भाई राज के लंड से निकले वीर्य के पानी को पीने में तो उसको कभी परेशानी नही हुई. मन ही मन उसको अपनी ग़लती का एहसास हो रहा था. डॉली के निपल्स अभी भी तन कर खड़े थे, उसने एक गहरी साँस ली और बाथरूम से निकल कर बेडरूम में आ गयी.
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
धीरज अपनी बीवी को बेडरूम में आकर बेड पर उसके पास आकर बैठते हुए देखता रहा. और सोचने लगा कि उसको क्या बोलना चाहिए, लेकिन डॉली ने पहले बोलना शुरू किया.

"आइ'म सो सॉरी," डॉली अपने पति को लिपटाते हुए बोली, और उसने धीरज को होंठों पर किस कर लिया..

"सॉरी किस बात का?" धीरज ने किस को ब्रेक करते हुए पूछा. "तुमको सॉरी फील करने की कोई ज़रूरत नही है, मुझे तो बहुत मज़ा आया."

"आख़िर तक?" डॉली ने शरमाते हुए पूछा. "मैं प्रॉमिस करती हूँ नेक्स्ट टाइम मैं ऐसा नही करूँगी." नेक्स्ट टाइम? धीरज मुस्कुराते हुए नेक्स्ट टाइम के बारे में सोचने लगा.

"आइ लव यू!" धीरज ने डॉली को किस करते हुए कहा.

"मैं चाहती थी कि तुम को भी उतना ही मज़ा आए जितना तुम मुझे चाट कर देते हो." डॉली आपने पति की आँखों में देख कर बोली.

"सचमुच मुझे उतना ही मज़ा आया है!" धीरज ने जवाब दिया. "तुम को पता नही है तुम ने कितना अच्छी तरह मेरे लंड को चूसा है, तुम बेकार परेशान हो रही हो."

"मैं बस अच्छा नही करना चाहती," डॉली ने उसकी बात का विरोध करते हुए कहा. "जिस तरह से पिछली कुछ रातों से जो खुशी तुम मुझे दे रहे हो, वो सिर्फ़ अच्छे से कहीं बेहतर है. तुम देखना..." डॉली की आवाज़ थोड़ा भारी हो गयी, और उसने अपनी बाहें अपने पति के गले में डाल दी और अपने टाइट खड़े निपल्स धीरज की स्किन से दबाने लगे. धीरज ने उसको अपने से चिपका लिया, और मुस्कुराने लगा....

बच्चों के स्कूल में साइन्स एग्ज़िबिशन होने के कारण, लास्ट मोमेंट पर डिसाइड करना पड़ा कि बच्चे अपने दादा-दादी यानी धीरज के मम्मी पापा के पास ही रह जाएँगे और बस हम चारों ही गोआ ट्रिप पर जाएँगे. 

गोआ के बीच पर छुट्टियाँ मनाने जाने से पहले, डॉली और तान्या स्विम सूट की शॉपिंग करने के ले लिए एक माल में गयी. डॉली ने हमेशा वन पीस स्विम सूट ही पहना था, लेकिन तान्या ने उसको कुछ नया सेक्सी करने के लिए तय्यार कर लिया. चेंजिंग रूम में दोनो टू पीस स्विम सूट्स ट्राइ करने लगी. डॉली ने एक येल्लो कलर का फ्लवर वाला टू पीस स्विम सूट पहना, जिसमें डॉली की दोनो बड़ी बड़ी चूंचियों बड़ी मुश्किल से समा रही थी, और डॉली की गान्ड की गोलाईयों का भी ज़्यादातर हिस्सा दिखाई दे रहा था.

"मैं तो इसको कभी नही पहनूँगी," डॉली हंसते हुए अपने आप को शीशे में देखते हुए बोली.

"क्यों नही पहानोगी?" तान्या ने पूछा. "आपकी तो कितनी चिकनी छरहरी काया है, इसी को पहनना."

"क्या तुम भी पहानोगी?" डॉली ने अपने हाथों में अपनी चूंचियों को उठाते हुए पूछा, जिस से तान्या को पता चल सके कि उसकी कितनी ज़्यादा चूंचियाँ उस टू पीस के टॉप में से बाहर झलक रही हैं.

"अगर आप पहनॉगी तो मैं भी पहन लूँगी," तान्या ने जवाब दिया, और मन ही मन सोचने लगी कि धीरज क्या सोचेगा जब वो अपनी पत्नी और प्रेमिका दोनो को मॅचिंग टू पीस बिकिनी में देखेगा. हँसी मज़ाक के बीच तान्या अपने लिए कोई और बिकिनी देखने ड्रेसिंग रूम से बाहर चली गयी.

डॉली शीशे के सामने बिकिनी पहने हुए अपने आप को अलग अलग आंगल्स से देखने लगी, और सोचने लगी कि राज उसके नंगे बदन को देख कर क्या सोचेगा. ओह्ह्ह!! वो फिर से अपने पति जगह अपने भाई के बारे में सोचने लगी, ये क्या हो रहा है? और बस सोचने मात्र से उसकी चूत में खुजली उठाने लगती है?

जब तान्या लौट कर आई और डॉली की हू बहू जैसी बिकनी को पहनने लगी तो डॉली ने अपना मूँह दूसरी तरफ फेर लिया. कनखियों से शीशे में तान्या के बदन को देखते हुए, वो उसकी चूंचियों और शेव्ड चिकनी चूत को निहारने लगी. जब वो दोनो एक साथ शीशे के सामने खड़ी हुई, तब ऐसा लगा मानो दोनो जुड़वा बहनें हो. हालनकी तान्या की चूंचियों और चुतड़ों के उभार डॉली से कहीं ज़्यादा बाहर निकले हुए थे, लेकिन जिस तरह से वो दोनो अपने नंगे शरीर का प्रदर्शन कर रही थी, उस हिसाब से बहुत ही मामूली अंतर था.

"धीरज और राज को हम दोनो कुछ नही बताएँगे, उनको बीच पर सर्प्राइज़ देंगे," चेक आउट करने को खड़े हुए तान्या फुसफुसाते हुए बोली.

"ये अच्छा आइडिया है, दोनो का रिक्षन देख कर बहुत मज़ा आएगा," डॉली ने जवाब दिया, और दोनो खिलखिला कर हँसने लगी, एक दूसरे की दिमाग़ में चल रहे विचारों से दोनो अन्भिग्य थी. तान्या देखना चाहती थी धीरज अपनी बीवी और सलहज, जिसकी वो इतने दिनों से जी भर कर चुदाई कर रहा है, जब दोनो को एक सी बिकनी में देखेगा तो कैसे रिक्ट करेगा, जबकि डॉली सोच रही थी कि उसका छोटा भाई राज उसको टू पीस, यानी चड्डी और ब्रा में देखकर कैसे रिक्ट करेगा. 

देल्ही से गोआ की फ्लाइट में बैठे हुए चारों चुप चाप अपने अपने विचारों में खोए हुए थे.

डॉली को कहीं थोड़ी सी चिंता भी थी, ना जाने अगले एक हफ्ते में अपने छोटे भाई के साथ बीच हाउस में रहते हुए कहीं उन दोनो के बीच फिर से वासना का खेल ना शुरू हो जाए, और साथ ही साथ वो राज का उसको बिकनी में आध नग्न देखने पर रिक्षन देखने को भी बेताब हो रही थी. विंडो से बाहर देखते हुए डॉली के मन में अंतर द्वंद चल रहा था. 

दूसरी तरफ धीरज मन ही मन सोच रहा था कि कैसे तान्या और राज की सेक्स लाइफ को और ज़्यादा मसालेदार बनाया जाए, जिस से तान्या को कभी किसी गैर मर्द से रिश्ते बनाने का मन ही ना करे. यदि राज को पता चलेगा कि धीरज और डॉली की सेक्स लाइफ कितनी ज़्यादा अड्वेंचरस है, तो शायद वो भी तान्या के साथ अपनी सेक्स लाइफ को इंप्रूव करने के बारे में सोचने को मजबूर हो जाए. 
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मन ही मन धीरज बीच हाउस के वेबसाइट पर दिए हुए माप के बारे में सोचने लगा. फर्स्ट फ्लोर पर उपर एक दूसरे से लगे हुए दो मास्टर बेड रूम्स थे. हालाँकि चुदते हुए डॉली ज़्यादा आवाज़ तो नही निकालती है, लेकिन फिर भी जब वो झडति है तो ज़ोर से गुर्राति ज़रूर है. धीरज मन ही माँ डॉली की जोरदार चुदाई के बारे में तयारि करने लगा.

सब लोग जब बीच हाउस पर पहुँच गये तो राज और तान्या एक रूम में , और धीरज और डॉली दूसरे बेडरूम में जाकर अपना ब्रीफकेस अनपॅक करने लगे. दोनो रूम्स मे किंग साइज़ बेड बीच की दीवार से सटा हुआ था. मन ही मन धीरज सोचने लगा कि वो अपने प्लान के बारे में तान्या को बताए या नही.

फ्रेश होने के बाद , शाम को चारों एक साथ घूमने और डिन्नर करने के लिए रूम्स से बाहर निकले. पास ही में बीच पर एक रेस्टोरेंट था, वहाँ जाकर सभी नेक्स्ट वीक के प्लॅन्स के बारे में डिसकस करने लगे.

"सबसे पहले कल सुबह ही बीच पर चलते हैं," तान्या बोली, बाकी सभी सूप पीने में बिज़ी थे.

"हां ये सही रहेगा," डॉली ने तान्या की तरफ देखते हुए मुस्कुरा कर जवाब दिया. दोनो नयी बिकनी में अपना नंगा पन दिखाने को बेचैन थी.

उसके बाद सभी लोगों ने नेक्स्ट वीक के लिए घूमने फिरने के प्लान बनाए. राज ने सभी लोगों के साथ अपनी सहमति जताई, और वो सभी का साथ देने के लिए तय्यार हो गया. धीरज मौके की तलाश में था जब वो तान्या से अकेले में बात कर सके. 

रात को डिन्नर के बाद बीच हाउस की बाल्कनी में खड़े होकर चारों ने अगले दिन सुबह जल्दी उठकर बीच पर जाने के प्लान को फाइनल किया, और फिर अपने अपने बेडरूम में चले गये.

बेड पर लेटने से पहले धीरज पूरा नंगा हो गया, और डॉली के बाथरूम में से आने का इंतजार करने लगा. डॉली जब पूरी तरह नंगी होकर बेड रूम में आई, तो मूनलाइट में उसका गोर गोरा बदन दमक रहा था. डॉली को अब कोई शरम नही थी, और अपने पति को अपने नग्न शरीर को देखते हुए वो मुस्कुरा उठी, और मन ही मन खुश हो उठी कि उसका पति उसके नंगे मस्त शरीर को निहार रहा है.

"तुम बेहद खूबसूरत हो," धीरज बोला जैसे ही डॉली बेड पर उसके पास आकर लेट गयी. “मन करता है तुमको ऐसे ही नंगा करके हमेशा देखता रहूं,” धीरज ने डॉली की गान्ड की गोलाईयों को हाथो में दबोचते हुए और राइट निपल को अपने होंठों के बीच लेते हुए कहा.

"धीरज!" डॉली हंसते हुए बोली, "तान्या और राज हमारे बातें सुन लेंगे."

"हम धीरे धीरे बातें करेंगे," धीरज ने जवाब दिया, और मन ही मन सोचने लगा कि वो तो चाहता है कि वो उनकी बातें सुन लें. धीरजा का हाथ डॉली के हिप्स और जांघों के बीच सहलाने लगा, और अपने दाँतों से वो निपल को हल्का हल्का काटने लगा.

"एम्म्म," डॉली अपनी पीठ के बल, सीधे होकर लेट गयी और उसने अपनी टाँगें फैला कर जांघें चौड़ी कर दी. "देख लो कहीं उनको पता नही चल जाए" डॉली सिसकी भरते हुए बोली.

धीरज उसकी पनिया रही चूत को सहलाने लगा, और फिर चूत में एक उंगली घुसाकर अपने होंठों के बीच में डॉली के दूसरे निपल को लेकर उसको चूसने लगा.

"अहह," डॉली कराह उठी, और धीरज के सिर को अपनी चूंची पर अपने हाथों से दबाते हुए, अपनी चूत में धीरज की उंगली का आनंद लेने लगी. धीरज चूमते हुए थोड़ा नीचे आकर डॉली के गोरे चिकने पेट को चूमने लगा. और फिर चूत के पास आकर, उसने चूत में से उंगली निकाली और चूत के होंठों को अपनी जीभ से चाटने लगा, और चूत से निकल रहे लिसलिसे पानी का रस्पान करने लगा. 

डॉली ने पानी टाँगों को उपर उठाकर और चौड़ा करके फैला दिया, और धीरज ने डॉली के घुटनों के नीचे अपने बाँहें डालकर अपनी जीभ से चूत के छेद को नीचे से लेकर उपर तक चाटने लगा. 

"ओह! हां!" डॉली कराह उठी जैसे ही धीरज ने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसाई, और पनिया रही चूत के अन्द्रुनि हिस्से को चाटने लगा. “हे भगवान,” डॉली एक दम मचल उठी, और अपनी चूत को उछाल उछाल कर धीरज की जीभ से घिसने लगी. धीरज अपनी जीभ को चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर के चूत को चोदने लगा, डॉली ने उसके सिर को पकड़ लिया और अपनी चूत को उसके चेहरे के उपर घिसने लगी.

डॉली की चूत पनिया रही थी, और इस से पहले की धीरज उसकी चूत के छेद से चूत के दाने को चूसना शुरू करता, उसका चेहरा पानी से पूरी तरह भीग चुका था. धीरज ने चूत से निकल रहे चिकने पानी और अपने थूक से पहले गीला किया, और फिर उसको अपने होंठों के बीच लेकर चूसने लगा. चूत के दाने को वो अपनी जीभ से बीच बीच में छेड़ देता, और डॉली तुरंत कराह उठती.

"ओह! धीरज! ओह! हां!" डॉली के कराहने की आवाज़ तेज होने लगी थी, और वो धीरज के बालों को पकड़ कर उसके मूँह के उपर अपनी चूत को घिसने लगी. तभी उसने सोचा कहीं उसकी आवाज़ें बगल वाले रूम में राज और तान्या को सुनाई ना दे जायें, लेकिन चूत में लगी आग और वासना की आँधी के सामने वो मजबूर थी.

"ओह! हां ऐसे ही! ऐसे ही करते रहो!" वो किसी तरह अपनी गान्ड को बेड पर से उछालते हुए बोली, और चूत के दाने को धीरज की जीभ के उपर दबाने लगी. धीरज चूत के दाने को चूसे जा रहा था, और उसने अब दो उंगलियाँ डॉली की पनिया रही चूत में घुसा दी थी.

"हे भगवान! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह्ह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह हां" डॉली जो से चीखी, और अपनी दोनो टाँगें भींच ली और धीरज की जीभ को चूत के दाने से दूर कर दिया. जैसे ही वो हान्फते हुए बेड पर गिरी, धीरज ने अपने बालों को उसकी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए, फडक रही चूत में से निकल रहे पानी को चाटना शुरू कर दिया. धीरज मन ही मन सोचने लगा, ये तो बस पहला ही राउंड था.
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03-31-2019, 10:55 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मन ही मन धीरज बीच हाउस के वेबसाइट पर दिए हुए माप के बारे में सोचने लगा. फर्स्ट फ्लोर पर उपर एक दूसरे से लगे हुए दो मास्टर बेड रूम्स थे. हालाँकि चुदते हुए डॉली ज़्यादा आवाज़ तो नही निकालती है, लेकिन फिर भी जब वो झडति है तो ज़ोर से गुर्राति ज़रूर है. धीरज मन ही माँ डॉली की जोरदार चुदाई के बारे में तयारि करने लगा.

सब लोग जब बीच हाउस पर पहुँच गये तो राज और तान्या एक रूम में , और धीरज और डॉली दूसरे बेडरूम में जाकर अपना ब्रीफकेस अनपॅक करने लगे. दोनो रूम्स मे किंग साइज़ बेड बीच की दीवार से सटा हुआ था. मन ही मन धीरज सोचने लगा कि वो अपने प्लान के बारे में तान्या को बताए या नही.

फ्रेश होने के बाद , शाम को चारों एक साथ घूमने और डिन्नर करने के लिए रूम्स से बाहर निकले. पास ही में बीच पर एक रेस्टोरेंट था, वहाँ जाकर सभी नेक्स्ट वीक के प्लॅन्स के बारे में डिसकस करने लगे.

"सबसे पहले कल सुबह ही बीच पर चलते हैं," तान्या बोली, बाकी सभी सूप पीने में बिज़ी थे.

"हां ये सही रहेगा," डॉली ने तान्या की तरफ देखते हुए मुस्कुरा कर जवाब दिया. दोनो नयी बिकनी में अपना नंगा पन दिखाने को बेचैन थी.

उसके बाद सभी लोगों ने नेक्स्ट वीक के लिए घूमने फिरने के प्लान बनाए. राज ने सभी लोगों के साथ अपनी सहमति जताई, और वो सभी का साथ देने के लिए तय्यार हो गया. धीरज मौके की तलाश में था जब वो तान्या से अकेले में बात कर सके. 

रात को डिन्नर के बाद बीच हाउस की बाल्कनी में खड़े होकर चारों ने अगले दिन सुबह जल्दी उठकर बीच पर जाने के प्लान को फाइनल किया, और फिर अपने अपने बेडरूम में चले गये.

बेड पर लेटने से पहले धीरज पूरा नंगा हो गया, और डॉली के बाथरूम में से आने का इंतजार करने लगा. डॉली जब पूरी तरह नंगी होकर बेड रूम में आई, तो मूनलाइट में उसका गोर गोरा बदन दमक रहा था. डॉली को अब कोई शरम नही थी, और अपने पति को अपने नग्न शरीर को देखते हुए वो मुस्कुरा उठी, और मन ही मन खुश हो उठी कि उसका पति उसके नंगे मस्त शरीर को निहार रहा है.

"तुम बेहद खूबसूरत हो," धीरज बोला जैसे ही डॉली बेड पर उसके पास आकर लेट गयी. “मन करता है तुमको ऐसे ही नंगा करके हमेशा देखता रहूं,” धीरज ने डॉली की गान्ड की गोलाईयों को हाथो में दबोचते हुए और राइट निपल को अपने होंठों के बीच लेते हुए कहा.

"धीरज!" डॉली हंसते हुए बोली, "तान्या और राज हमारे बातें सुन लेंगे."

"हम धीरे धीरे बातें करेंगे," धीरज ने जवाब दिया, और मन ही मन सोचने लगा कि वो तो चाहता है कि वो उनकी बातें सुन लें. धीरजा का हाथ डॉली के हिप्स और जांघों के बीच सहलाने लगा, और अपने दाँतों से वो निपल को हल्का हल्का काटने लगा.

"एम्म्म," डॉली अपनी पीठ के बल, सीधे होकर लेट गयी और उसने अपनी टाँगें फैला कर जांघें चौड़ी कर दी. "देख लो कहीं उनको पता नही चल जाए" डॉली सिसकी भरते हुए बोली.

धीरज उसकी पनिया रही चूत को सहलाने लगा, और फिर चूत में एक उंगली घुसाकर अपने होंठों के बीच में डॉली के दूसरे निपल को लेकर उसको चूसने लगा.

"अहह," डॉली कराह उठी, और धीरज के सिर को अपनी चूंची पर अपने हाथों से दबाते हुए, अपनी चूत में धीरज की उंगली का आनंद लेने लगी. धीरज चूमते हुए थोड़ा नीचे आकर डॉली के गोरे चिकने पेट को चूमने लगा. और फिर चूत के पास आकर, उसने चूत में से उंगली निकाली और चूत के होंठों को अपनी जीभ से चाटने लगा, और चूत से निकल रहे लिसलिसे पानी का रस्पान करने लगा. 

डॉली ने पानी टाँगों को उपर उठाकर और चौड़ा करके फैला दिया, और धीरज ने डॉली के घुटनों के नीचे अपने बाँहें डालकर अपनी जीभ से चूत के छेद को नीचे से लेकर उपर तक चाटने लगा. 

"ओह! हां!" डॉली कराह उठी जैसे ही धीरज ने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसाई, और पनिया रही चूत के अन्द्रुनि हिस्से को चाटने लगा. “हे भगवान,” डॉली एक दम मचल उठी, और अपनी चूत को उछाल उछाल कर धीरज की जीभ से घिसने लगी. धीरज अपनी जीभ को चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर के चूत को चोदने लगा, डॉली ने उसके सिर को पकड़ लिया और अपनी चूत को उसके चेहरे के उपर घिसने लगी.

डॉली की चूत पनिया रही थी, और इस से पहले की धीरज उसकी चूत के छेद से चूत के दाने को चूसना शुरू करता, उसका चेहरा पानी से पूरी तरह भीग चुका था. धीरज ने चूत से निकल रहे चिकने पानी और अपने थूक से पहले गीला किया, और फिर उसको अपने होंठों के बीच लेकर चूसने लगा. चूत के दाने को वो अपनी जीभ से बीच बीच में छेड़ देता, और डॉली तुरंत कराह उठती.

"ओह! धीरज! ओह! हां!" डॉली के कराहने की आवाज़ तेज होने लगी थी, और वो धीरज के बालों को पकड़ कर उसके मूँह के उपर अपनी चूत को घिसने लगी. तभी उसने सोचा कहीं उसकी आवाज़ें बगल वाले रूम में राज और तान्या को सुनाई ना दे जायें, लेकिन चूत में लगी आग और वासना की आँधी के सामने वो मजबूर थी.
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