bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-24-2019, 11:58 PM,
#11
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
सोनिया नीचे देखे जा रही थी. वो ना रोने की जी तोड़ कोसिस कर रही थी.. सोनिया ने अरुण के बेड के पास स्टूल पर बैठ कर उसका हाथ थाम लिया...अरुण ने दूसरा हाथ भी उसके हाथ के उपर रख कर हल्के से दबा कर कहा..

"वाउ..आज भैया..वैसे टेन्षन क्यू ले रही है..ठीक हो जाउन्गा मैं. कुछ हुआ थोड़ी ना है.." अरुण ने सोनिया का हाथ दबाकर कहा..

बस सोनिया से अब नही संभाला गया..उसके आँसुओं का बाँध टूट गया और उसका हर दर्द हर गम हर ग्लानि उसके आँसुओं के ज़रिए उसके मन से बाहर आने लगी और वो रोते रोते ही "सॉरी भाई.. सॉरी..आइ'म रियली सॉरी..सॉरी..." कहते कहते अरुण के हाथ पर अपना सिर रख के रोने लगी. अरुण ने भी उसे रोका नही वो जानता था कि सोनिया का रोना इस समय ज़रूरी है. अरुण ने 2 मिनिट बाद उसका सिर अपने हाथ से उठाया और उसे अपने कंधे पर रख लिया..अब तो सोनिया और ज़्यादा रोने लगी.. और वो अरुण को बहुत ज़ोर से गले लगाने लगी..


अरुण के बॉडी मे पेन तो हुआ लेकिन एक खुशी भी हुई जो उसने आज से पहले कभी मशसूस नही की थी.
अरुण ने भी एक हाथ से उसका सिर धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.. सोनिया के आँसुओं से उसका पूरा कंधा भीग गया.. और बेडशीट भी..

"आइ आम सॉरी भाई आंड आइ लव यू भाई. मैं जानती हूँ मैं बहुत ही बुरा बिहेव करती हूँ आपके साथ आंड आज तक आपको भाई तो कभी कहा ही नही..आइ'म सॉरी. लेकिन मैं ये कभी नही भूलना चाहती कि आप मेरे भाई हो आंड आइ लव यू..आइ लव यू.." सोनिया ये कह के रोती रहती है..

अरुण थोड़ी देर के लिए चुप रहता है. उसकी आँखें भी हल्की सी नम हो जाती हैं..
"आइ नो सोनिया.. आइ लव यू टू..अब शांत हो जाओ.. कुछ नही हुआ.. मैं ठीक हूँ. और तुम क्यू सॉरी बोल रही हो. तुम्हारी ग़लती थोड़ी ना थी..चलो चुप हो जाओ..ष्ह..आंड बाइ दा वे ऐसे मुझे दर्द हो रहा है काफ़ी.आह.." अरुण ने उसे शांत करते हुए कहा..

दर्द की बात सुन सोनिया तुरत ही पीछे हटी और उसका कंधा सहलाने लगी..
"सॉरी भाई..अगेन पेन देने के लिए..सुबुक" अब भी उसके 2 3 आँसू निकल ही रहे थे..

अरुण ने अपने अंगूठे से उसके आँसू सॉफ किए और एक हल्की सी थपकी दे दी उसके गाल पर.. तब तक पीछे से आरोही ने आके सोनिया को हग किया आंड बोली "कोई नही सोनी.. भाई तुझे ऐसे ही माफ़ कर रहा है तो क्या मैं तुझे पनिशमेंट दूँगी बाद मे..ओके" और एक बार उसके दोनो गालों पर किस कर देती है..

"आइ'म सॉरी दी..मैने आप के साथ भी कभी अच्छे से बिहेव नही किया.." सोनिया उसे भी हग करते हुए बोलती है..

"वैसे वहाँ हुआ क्या था सोनिया..??" अरुण दोबारा सोनिया का हाथ पकड़कर पूछता है..

सोनिया कस के उसका हाथ पकड़ती है.."पहले तो सॉरी मैने उस साले विकी की बात पर भरोशा कर लिया कि आप ने मेरे बारे मे वो बोला था.." इस लाइन के निकलने पर सुप्रिया के कान खड़े हो गये और वो अरुण की तरफ सवालिया नज़रों से देखने लगी लेकिन अरुण ने इशारे से बाद मे बताने को कहा.."आइ'म सॉरी. मुझे समझना चाहिए था कि आप कभी भी मेरे, मेरे क्या किसी के बारे मे ऐसी गंदी बात नही कह सकते. फिर जब आप चले गये तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था आप पर. सो मैं बाथरूम से आके डॅन्स करने लगी. थोड़ी देर मे विकी आया. वो अपनी वही चिकनी चुपड़ी बातों से मुझे कॉन्सोल और अच्छा फील कराने लगा. फिर बोला कि सिग्गरेट पिओगी तो थोड़ा अच्छा लगेगा..लेकिन उपर है सिगरेट..मैं भी थोड़ा ड्रंक थी और मुझे गुस्सा वैसे भी आ रहा था तो मैं उस के साथ उपर चल दी. उपर उसने मुझे कहा चेंबर 4 मे है तुम चलो मैं पीछे से जॉइंट ले कर आता हूँ. मैने जैसे ही उस चेंबर का गेट खोला तो उन लोगो ने मुझे ज़बरदस्ती अंदर खींच लिया और मुझे कुछ सुन्घाया भी था फिर आपको पता ही है.." इतना कहते कहते फिर उसके आँसू स्टार्ट होने वाले थे लेकिन अरुण ने उसका हाथ दबा दिया और आरोही ने अपनी बाहें उसके चारों ओर कस दी..

"कोई नही..छोड़ो उसे..मैं खुश हूँ कि ऐटलिस्ट मैं टाइम पर वहाँ पहुँच गया.."

"आप पता नही कर सकते भाई. कि मैं कितनी खुश और शुक्रगुज़ार हूँ की आप वहाँ टाइम पर पहुँच गये. आप जो बोलोगे मैं वो करने को तय्यार हूँ.."

"ओके.. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी..हाउ अबाउट टू स्टार्ट वित भाई.. तुम्हारे मूह से सुनने मे बड़ा क्यूट लगता है. अब जाके मुझे पता चल रहा है मेरी एक छोटी बहेन भी है जिसे मैं प्यार कर सकता हूँ.." अरुण ने मुस्कुरा कर कहा..

"ऐज यू से, भाई.." सोनिया भी हल्का सा मुस्कुरा के बोली..

"अच्छा चलो..भूक किसे किसे लगी है.." सुप्रिया सबसे पूछती है..

"मुझे नही है.." सोनिया बोलती है..

"हां तुझे सबसे कम लगी है. कल रात से कुछ नही खाया है. चुपचाप खा लेना..मैं अरुण की फॅवुरेट चीज़ें बनाने जा रही हूँ.. तब तक उसे आराम करने दो सब." सुप्रिया रूम से चली जाती है..

"मैं भी दी की हेल्प करने जा रही हूँ..टके सी बोथ ऑफ यू.." स्नेहा भी पीछे से चली जाती है..

"अच्छा मैं तो चलती हूँ..तुम दोनो अपना काम निपटाओ..टेक केयर.." आरोही दोनो के माथो पर एक किस कर के रूम से जाने लगती है लेकिन गेट पर पहुँच कर एक बार दोनो को हाथ पकड़े देखती है और मुस्कुरकर रूम का गेट बंद करके चली जाती है..

"सोनिया.." अरुण उसका हाथ दबाकर अपनी ओर खेंचता है तो सोनिया उसकी ओर स्टूल खिसका कर अपना चेहरा उसके कंधे के पास ले जाती है.."देखो माना कि पहले हम दोनो काफ़ी लड़े झगड़े हैं. और मैं भी कभी आइडीयल भाई की तरह नही रहा. लेकिन आइ थिंक यू शुड नो दट आइ रियली लव यू नो मॅटर व्हाट. यू आर माइ लिट्ल सिस. चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे बारे मे कभी कुछ ग़लत नही सोच सकता और ना ही तुम्हे किसी तकलीफ़ मे देख सकता हूँ. मुझे भी ये चीज़ें कल ही रियलाइज़ हुई. हां इस बात से मैं थोड़ा हर्ट ज़रूर हुआ था कि तुमने एक दम से उस हरामजादे विकी की बात का भरोसा कर लिया कि मैने तुम्हारे बारे मे ऐसी बात कही है.. लेकिन अब मैं जानता हूँ तुम आगे से ध्यान रखोगी.." अरुण एक हाथ से उसके बाल सहलाते हुए बोला

"भाई. आइ'म रियली सॉरी. मुझे एक दम से रिएक्ट नही करना चाहिए था. मैं सही मे शर्मिंदा हूँ आंड आइ टू रियली लव यू. मुझे भी कल ही रियलाइज़ हुआ. यू आर आ लाइफ सेवर..माइ लाइफ सेवर..आंड आइ विल नेवेर डू एनितिंग टू हर्ट यू अगेन. आइ प्रॉमिस. आइ स्वेर.." सोनिया अपने आँसू पोछते हुए बोली..

"अगर मुझे पता होता तुम मेरे मार खाने से चेंज हो जाओगी तो मैं तो कबका मार खा लेता..हीही.." अरुण ने मज़ाक मे कहा..

"भाई प्लीज़ आगे से कभी ऐसा मत कहना.." सोनिया ने उसे टोकते हुए कहा उसे और कस के हग करने लगी..

"सोनिया.."

"हां भाई.."

"दर्द हो रहा है.." अरुण थोड़ा घुटि आवाज़ मे बोला..

"ओह सॉरी भाई..सॉरी.." सोनिया ने अपनी पकड़ ढीली करके बैठते हुए कहा..
और फिर दोनो हल्के से हँसने लगे..

"तुम रात भर सोई नही हो जाओ थोड़ा सो लो..." अरुण ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा..

" भाई..एक बात कहूँ.." सोनिया थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली..

"यू कॅन टेल मी एनितिंग..ओके.." अरुण उसका हाथ दबाकर कर बोलता है.

"कल रात से मुझे रीयलाइज़ हुआ कि जब मैं आपके साथ होती हूँ. आइ फील सेफ. मुझे ऐसा लगता है जैसे मुझे कोई कुछ नही कर सकता. यू मेक मे फील सेफ.. थॅंक यू.. आंड बाइ.." सोनिया उसके गालों और माथे पर किस करती है और जाने लगती है..

अरुण कुछ नही बोलता बस उसे जाते हुए देखता रहता है. और उसकी बातों पर गौर करने लगता है. ऐसे ही धीरे धीरे उसे नींद आ जाती है..

एक घंटे बाद सुप्रिया उसे जगाने आती है. तो सबसे पहले वो उसके फोर्हेड पर एक किस करती है फिर हल्के से उसे उठाती है. सुप्रिया को सामने देख कर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वो उसे अपने पास खींचने की कोशिश करता है तो थोड़ा दर्द होता है लेकिन फिर भी खींच के उसके होंठो पर अपने होंठ रख देता है. 

फिर थोड़ी देर बाद उपर से कदमों की आवाज़ आती है तो दोनो अलग हो जाते हैं आरोही और सोनिया दोनो रूम मे आकर ही बोलते हैं और तीनो लोग अरुण को सहारा देकर डाइनिंग टेबल पर बिठाते हैं. उसके मनपसंद राजमा चावल बनाए गये हैं. और सब लोग खाना खाने लगते हैं. तो अरुण अपना हाथ दुखने की आक्टिंग करता है. वो भी इस चीज़ का पूरा फ़ायदा उठाता है. तो सब लोग बरी बरी उसे अपने हाथों से खाना खिलाते हैं. ऐसे ही हसी मज़ाक करते करते सब लोग खाना खा लेते हैं. इस बार सिर्फ़ सोनिया ही उसे सुप्रिया के रूम तक लेकर जाती है. और रूम का दरवाजा बंद कर देती है. उसे बेड पर लिटाने के बाद खुद स्टूल पर बैठ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है.

"भाई.."

"हुन्ह..."

अरुण को इस समय सोनिया बहुत ही क्यूट लग रही है..

"मुझे आपके पास रहना अच्छा लगता है. आइ डोंट वान्ट टू बे अलोन फॉर सम्टाइम. ऐज आइ सेड अर्लीयर यू मेक मी फील सेफ. प्रॉमिस करो कि आपके ठीक होने के बाद हम लोग ज़्यादा टाइम साथ मे स्पेंड करेंगे. मुझे ध्यान है तो जब हम लोग छोटे थे तभी साथ खेला करते थे. वो आक्सिडेंट के बाद तो...." इतना कहते कहते सोनिया के आँसू निकलने लगे जैसे उसे कुछ याद आ गया हो..

"ष्ह इधर आओ.." अरुण बेड के थोड़ा साइड मे हो जाता है और सोनिया को अपने साइड मे लिटा लेता है और दोनो के उपर चादर डाल लेता है. सोनिया एक हाथ अरुण के सीने पर रखती है और सिर कंधे पर रख कर अपने आँसू पोछती है..

"क्या हुआ अब..??" अरुण उसके आँसू पोन्छकर उसका चेहरा उठाते हुए पूछता है..

"वो.मुझे कल वाली बात याद आ गयी..जब मैने कहा था कि आप से मेरा भाई ही नही होता...आंड आपको भी आक्सिडेंट मे..ओ माइ गॉड.. ये मैने क्या कह दिया.. मैं सही मे बहुत बुरी हूँ..." वो और तेज़ी से रोने लगी..

"कोई नही गुड़िया.. तू गुस्से मे थी तो कह दिया. चलता है. लेकिन आगे से मत कहना ओके. आइ डोंट वान्ट टू लीव माइ सिस्टर. अब रोना बंद कर नही तो मैं भी रोने लगूंगा.." अरुण हंसकर उसे अपने और करीब खींचता है..

तो सोनिया रोना बंद करके उसे स्माइल करती है..

"लेकिन भाई प्रॉमिस. प्रॉमिस क्या आइ स्वेर मैं आज के बाद आपके साथ कभी झगड़ा नही करूँगी.."

"ऐसे फिर हमारा घर कैसे चलेगा..ओह नो" अरुण उसे चिढ़ाते हुए कहता है..

"भाई..." सोनिया हल्के से उसकी सीने पर मारती है..तो अरुण कराह उठता है.

"ओह...सॉरी भाई..." सोनिया अपनी जीभ बाहर निकालकर कहती है. और फिर उसके कंधे को किस करके लेटी रहती है.

"ठीक होने तक बहुत दर्द सहना पड़ेगा यार..." अरुण मज़ाक मे कहता है और सोनिया को पकड़े पकड़े लेटा रहता है..

थोड़ी देर बाद स्नेहा कॉफी लेकर उनके रूम मे आती है. अरुण के टाइम पूछने पर पता चलता है शाम के 4 बजे हैं. स्नेहा के कॉफी लाने पर सोनिया उसके पास से उठकर स्टूल पर बैठ जाती है और उसकी शक्ल ऐसी हो जाती है जैसी उससे बहुत ही कीमती चीज़ छीन ली गयी हो.. अरुण एक बार उसकी ओर देखता है फिर जल्दी जल्दी कॉफी ख़त्म कर के मेडिसिन खा लेता है. जैसे ही स्नेहा बाहर जाके दरवाजा बंद करती है. अरुण सोनिया की तरफ अपनी बाहें खोल देता है और अपनी तरफ आने का इशारा करता है. सोनिया झट से स्टूल छोड़कर उसके बेड पर लेट जाती है. इस बार दोनो स्पूनिंग पोज़िशन मे आ जाते हैं और अरुण की चिन सोनिया के बालों मे लग रही होती है और उसका एक हाथ सोनिया के पेट पर होता है जिसे सोनिया अपने हाथ से पकड़कर पहले चूमती है फिर वापस उसे पकड़े पकड़े लेटी रहती है. 
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01-24-2019, 11:58 PM,
#12
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
थोड़ी देर मे दोनो दोबारा पोज़िशन चेंज करते हैं क्यूंकी अरुण की पसलियों मे पेन होने लगता है. और इस बार सोनिया अपना सिर उसके सीने पर रख के उसे पकड़ कर लेट जाती है. अरुण को हल्के हल्के अंगूरों की माहेक आ रही थी सोनिया के बालों से. उसे ऐसे उसे पकड़कर लेटना बड़ा अच्छा लगता है. उसे ये एक्सपीरियेन्स ही बिल्कुल अलग तरीके का लगता है. जैसे वो खुद नही चाहता कि सोनिया उससे दूर हो. वो वहाँ लेटी उसकी बाहों बहुत ही मासूम सी लगती है. वो मन मे डिसाइड करता है चाहे कुछ भी हो जाए वो काफ़ी सोनिया को दुख नही पहुचाएगा. 

इधर सोनिया कितनी भी कोशिश कर रही है लेकिन उसे बुरा ही लग रहा है. उसे गिल्टी वाली फीलिंग आ रही है. उसने आज तक इतना इतना बुरा किया अरुण के साथ लेकिन फिर भी वो उसे बचाने आया. उसने तो कल उसे थप्पड़ तक मारा और बोला कि वो चाहती थी क़ि वो जिंदा ही ना होता. उसके कारण ही अरुण की ये कंडीशन है. वो अपने मन मे अपने आप को सज़ा देती रहती है. "मैं सब ठीक करूँगी भाई के लिए.." वो मन मे डिसाइड करती है और थोड़ा कस के अरुण से सट जाती है. उसे इस तरीके से अरुण के साथ जो प्रोटेक्टेड फीलिंग आती है वो बहुत अच्छी लग रही है. उपर से कल रात से वो बहुत ज़्यादा घबरा गयी थी. तो वो अकेले नही लेटना चाहती. वो सोचती है कि सुप्रिया दी ने भाई को आराम करने को कहा है लेकिन मैं दूर नही जाना चाहती भाई से. वो अपने आप को दूर ही नही कर पा रही अरुण से.

लगभग एक घंटे तक यूँ ही दोनो एक दूसरे को पकड़े लेटे रहे. फिर सोनिया ने बड़े धीरे से अरुण का हाथ सही किया और उठ के पहले उसके माथे पर फिर दोनो गालों पर किस किया और कहा "मैं उपर जा रही हूँ. आप आराम करो..ओके टेक केयर बाइ. लव यू.." और ये कहके वो एक बार अरुण की आँखों मे देखती है और फिर झटके से अपने होंठ अरुण के होंठो से रगड़ कर रूम से भाग जाती है. अरुण बिना कुछ कहे अचंभित ऐसे ही लेटा रहता है. उसे कुछ समझ मे ही नही आता कि अभी हुआ क्या. क्या सोनिया ने उसके लिप्स पर किस किया?? क्यूँ??

खैर सोनिया के वहाँ जाने से उसे भी ख़ालीपन महसूस होने लगता है लेकिन फिर ऐसे ही सोचते सोचते वो सो जाता है...

अरुण को फिर वही सपना आता है दूधो वाला. बहुत सारे दूध उसके पीछे अरुण अरुण चिल्ला कर भाग रहे हैं और वो भी उनसे दूर भागने की कोसिस कर रहा है. अरुण एक दम से बेड पर उठ बैठता और फिर वही दर्द आने लगता है. सिर मे दर्द पेट हर जगह दर्द. लेकिन वो लेटना भी नही चाहता तो उठकर ड्रेसिंग टेबल पर जाता है और लाइट ऑन करके मिरर मे अपनी कंडीशन देखता है तो हल्का सा डर जाता है. होंठ हल्के हल्के सूजे हुए हैं. माथा एक साइड से सूजा है. एक आँख हल्की हल्की सी काली है. खैर वो घड़ी की तरफ देखता है तो 10 बज रहे होते हैं. तो वो हल्के से दवाजा खोलता है लेकिन दरवाजे की आवाज़ से बाहर सोफे पर लेटी सुप्रिया एक दम से उठ कर बैठ जाती है और रूम की तरफ आके उसके हाथ पकड़ लेती है..

"तुम्हे आराम करने को कहा गया है..जाओ बेड पर..." सुप्रिया उसे जाने का इशारा करते हुए बोलती है..

"दी मैं थक गया हूँ लेटे लेटे..मुझसे और नही लेटा जाएगा.." अरुण अपना सिर हिलाते हुए बोलता है.

सुप्रिया बिना सुने उसे पीछे धकेल्ति हुई ले जाकर उसे बेड पर लिटा देती है और उसके सिर के नीचे तकिया रख देती है.."तुम्हे बहुत चोट आई है. हम लोग हैं ना तुम्हारा ख़याल रखने के लिए. जब तक तुम ठीक नही हो जाते तब तक मेरी बात सुनोगे समझे.." सुप्रिया उसके उपर चादर ऊढाते हुए बोलती है.

"दी.. मैं आपके रूम मे हूँ. आपको भी तो अपने रूम की ज़रूरत होगी. अटलिस्ट मुझे मेरे रूम मे तो जाने दीजिए.." अरुण बोलता है.

"मुझे कुछ नही सुनना.स्शह.."

"मैं दोबारा भागने की कोशिश करूँगा.."

"अच्छा.. तो मैं डोर लॉक कर देती हूँ फिर..हुन्ह.."

अरुण हल्के से हंस देता है..

"या फिर मैं तुम्हे मेरी बात मानने के लिए कन्विन्स कर सकती हूँ.." ये कहते कहते सुप्रिया की आँखों मे चमक और चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ जाती है...

अरुण को चादर हिलने का अहसास होने लगा और एक दम से उसे झटका लगा और उसकी रिब्स मे पेन हुआ जब सुप्रिया ने अपना मूह उसकी जाँघ पर रखा और अपने हाथों से उसके पेट को सहलाने लगी..

"दी ये क्या कर रही हो..कोई सुन लेगा.." अरुण हल्का सा छटपटाने लगा.

"ष्ह..कोई नही सुनेगा. कल तुम्हारी चोट के कारण कोई पूरी रात सो ही नही पाया तो सब इस समय सो रहे होंगे तुम टेन्षन मत लो..एंजाय इट.." सुप्रिया उसके बॉक्सर को पकड़कर नीचे उतारने लगी.

"दी फिर भी ये ग़लत लगता है उनके इस घर मे साथ मे होते हुए भी हम लोग ये करें.." अरुण अपने हिप्स बेड से उपर उठाते हुए बोला.

"वो लोग इस घर मे हैं..इस बात से तो मेरी वो और ज़्यादा गीली हो रही है..श्ह्ह्ह्ह" सुप्रिया चादर को साइड मे कर देती है और बॉक्सर्स को कंप्लीट्ली उसकी बॉडी से अलग करके साइड मे फेक देती है..

अरुण को यकीन ही नही होता कि उसकी दी इतनी इतनी डर्टी हो सकती हैं सेक्स को लेकर. इस बात को सोचते ही उसके लंड मे हल्का हल्का तनाव आने लगा..

"और वैसे भी हम लोगो की इतनी केयर करने के लिए किसी को तो तुम्हे गिफ्ट देना चाहिए..हां गिफ्ट से ध्यान आया वो वाला गिफ्ट तब मिलेगा जब तुम कंप्लीट्ली ठीक हो जाओगे. अब चुपचाप लेट जाओ आंड एंजाय बेबी.." सुप्रिया ये कहकर उसके लंड पर फुक मारती है जिसके कारण लंड बिल्कुल ही एरेक्ट हो जाता है..

"देखा ये अग्री करता है मेरी इस बात से.." और वो एक बार जड़ से लेकर लंड के सुपाडे तक जीभ बाहर निकाल कर लिक्क कर लेती है..

फिर सुप्रिया अपने दोनो हाथों से उसके लंड को पकड़कर उपर नीचे करने लगती है और लगातार अरुण की आँखों मे मुस्कुरा कर देखने लगी..उसके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर अरुण तो मस्ती मे खोता चला गया और उपर से उसके चेहरा अपना अलग जादू कर रहा था उस पर. उसने देखा कि फिर सुप्रिया बिल्कुल उसके लंड के उपर आकर देखती है फिर जीभ बाहर निकालकर सिर्फ़ सुपाडे को मूह मे भरने जा रही होती है..उसके मूह के स्पर्श के अंदेशे से ही उसके पूरे जिस्म मे सिहरन दौड़ जाती है और फिर जैसे ही वो सुपाडे को अपने नर्म और गरम होंठों की क़ैद मे जकड़ती है..अरुण के मूह से एक लंबी आअहह निकल जाती है..

"ओह माइ गॉड..." अरुण के मूह से यह सुन कर सोनिया सुपाडे को अपने होंठों मे क़ैद करे करे ही हल्का सा खिलखिला पड़ती है. अरुण फिर जीभ को महसूस करता है अपने सुपाडे पर..उसके छेद को चाट कर जीभ नीचे जाना शुरू करती है. सुप्रिया की चूत भी गीली होने लगी है और उसके दूधों के निपल तन गये हैं. अरुण को महसूस होता है सुप्रिया धीरे लंड को अपने गले के अंदर सक करने लगती है..

"मेरे भाई का लंड सच मे बहुत खूबसूरत है" सुप्रिया अपना मूह लंड से हटाकर बोलती है और हाथों से उसे उपर नीचे करना जारी रखती है..उसके इस तरीके से बात करने से अरुण के लंड मे एक झटका लगता है. लंड वाला हिस्सा तो उसे कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित करने लगता है. 

"मुझे अपने भाई का लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है.." इतना कह कर सुप्रिया दोबारा लंड को अपने मूह मे भर कर चूसने लगती है. कमरे मे फिर से मस्ती भरी आहें भर जाती हैं..

अरुण को अपने लंड की टिप पर सुप्रिया के गले की दीवारें महसूस होती हैं फिर जीभ के चलने की आवाज़. इन सब चीज़ों से वो महसूस करने लगा की वो झड़ने के करीब है..

"मैं शर्त लगा कर कह सकती हूँ कि तुम्हे अंदाज़ा भी नही था कि तुम्हारी सीधी साधी सुप्रिया दी इतनी आचे तरीके से लंड चूसना भी जानती होगी..गोद ई जस्ट लोवे सकिंग युवर कॉक..." फिर वो अपनी जीभ निकालकर पूरे लंड को मूह मे प्रवेश करा देती है..

इन सब चीज़ों से अरुण बिल्कुल ही करीब पहुँच जाता है और अपने लंड को सुप्रिया के मूह से बाहर निकालकर "आइ'म क्लोज़.." कहता है. लेकिन सुप्रिया फिर भी दोबारा उसके लंड को मूह मे भर लेती है. उसके थूक से भरी जीभ का स्पर्श अपने सुपाडे पर होते ही अरुण का बाँध टूट जाता है और उसके लंड से सफेद गाढ़े चिपचिपे स्पर्म की बौछार सुप्रिया के मूह मे होने लगती है..इतने इनटेन्स ऑर्गॅज़म से अरुण का मस्तिष्क हल्का सा अंधेरे मे चला जाता है.."ओह फक...दी.." बस इतना ही उसके मूह से निकल पाता है..

सुप्रिया पूरा का पूरा स्पर्म पीने की कोशिश मे चार पाँच पर निगलती है. अरुण और सुप्रिया एक दूसरे की आँखों मे एकटक देखते हैं और अरुण को सॉफ सॉफ सुप्रिया के गले की हरकते दिखाई देती है. लगभग 15 सेकेंड्स के बाद सुप्रिया उसके लंड को मूह से बाहर निकालती है एक बार फिर उसे सॉफ करती है. फिर उसे देखते हुए अपने होंठों पर अपनी जीभ घुमा कर होंठों पर लगा स्पर्म सॉफ करती है. अरुण अपना सिर तकिये पर डाल देता है..

"दट..वाज़ ..अमेज़िंग.." अरुण बोलता है इधर सुप्रिया उसके छोटे हो चुके लंड को अब भी चाटे जा रही है और उसके टट्टों को भी मूह मे भरकर चूसने लगी..

"दी..अब हो गया..यू कॅन स्टॉप नाउ.."

"आइ डोंट वान्ट टू.." सुप्रिया बोलती है लेकिन थोड़ी देर बाद उठकर टेबल पर रखा पानी का ग्लास मूह पर लगाकर पानी पीने लगी. पानी को अंदर दो तीन बार घूमाकर वो पानी को निगल लेती है..

"मैं कुछ भी वेस्ट नही करना चाहती.." वो आँख मार कर कहती है.

"दी जिस तरीके से आज आप बात कर रही थी..जो जो आप बोल रही थी..गॉड इट वाज़ हॉट..ऐसा लग रहा था जैसे अब मेरे बारे मे सब जानती हो कि किस चीज़ से मुझे ज़्यादा अच्छा फील होगा..यू वर अमेज़िंग..आइ लव यू.." अरुण उससे कुछ पूछने के लिए देखता है लेकिन उसे लगता है कहीं सुप्रिया को बुरा ना लगे..

"क्या हुआ..कुछ पूछना है!?" सुप्रिया उसका चेहरा देख कर पूछती है..

"हां लेकिन.."

"पूछो ना क्या हुआ.."

"मैं नही चाहता कि आपको बुरा लगे मेरे क्वेस्चन से.."

"स्वीतू..तुम मुझे कभी भी बुरा फील नही करवा सकते.." सुप्रिया इतना बोलकर उसके होंठो पर किस स्टार्ट करके अपनी जीभ भर निकाल कर उसके होंठ फिर गला..सीना..पेट..नाभि और अंत मे उसके लंड को चाट कर बोलती है..
"गॉड इट टेस्ट्स सो गुड.." सुप्रिया ये बोलकर दोबारा पूरा लंड मूह मे भर लेती है. और उसकी आँखों मे देखने लगी..

"मुझे पता नही था कि आप इतनी अग्रेसिव होगी सेक्स मे.." 

" नॉर्मली नही लेकिन तुम्हारे साथ मैं अपने आप हो जाती हूँ अब पूछो क्या पूछना है.." सुप्रिया उसके टेस्टेस को चूसने लगी..

"क्या आप सभी लड़कों के साथ ऐसे ही बात करती हो..??"

अरुण के मन मे आवाज़ मे अपने सिर पर हाथ मारा..
"भेन के...ये पूछना ज़रूरी था..??"

सुप्रिया अरुण को ऐसे देख रही है जैसे पूछ रही हो सच मे आर यू आस्किंग मी दिस?? अरुण तुरंत ही सफाई देने लगा.

"मेरा मतलब उस सेन्स मे नही था दी..आइ जस्ट..क्या आप पहली बार या हमेशा से ही ऐसी बातें करती थी सेक्स के टाइम??" 

सुप्रिया हल्की सी हँसने लगी और उसके लंड को एक बार मूह मे लिया.."नही मैने कभी किसी के साथ इस तरीके से बात नही करी..लेकिन तुम्हारे साथ मुझे इतना मज़ा आया कि ये अपने आप हो गया.." 

अरुण के पूरे शरीर मे एक उत्तेजना की लहर दौड़ गयी और उसका लंड दोबारा अपना सिर उठाने लगा..

"ओह.देखो किसी को ऐसी बातें काफ़ी अच्छी लगती हैं" सुप्रिया अपने हाथो से उसे पकड़कर बोलती है फिर उस पर 2 3 किस जड़ देती है...

"लग रहा है कि मुझे दोबारा मेरा जूस मिलने वाला है.." सुप्रिया ये कहकर उसके सुपाडे को सक करने लगी..

"ये टेस्ट मे..बेकार नही लगता??" अरुण पूछता है.. वो नही चाहता कि उसकी वजह से सुप्रिया को कोई दिक्कत हो..

"सच बताऊ तो पहली बार मे बेकार लगा.." सुप्रिया उसके लंड को अपने मूह मे फूलते हुए महसूस करने लगी और उसके छेद पर जीभ घुमाने लगी...

"और आज?" अरुण पूछता है..

"आज??" सुप्रिया फिर उसके लंड को चूसने लगी और एक हाथ अपने पेट के नीचे से लोवर मे डाल कर अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगी..उसकी चूत बिल्कुल गीली हो गयी थी..अपने ही रूम मे अपने भाई का लंड चूस्ते चूसते वो खुद काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी..

"आज काफ़ी अच्छा था..पता नही शायद ये इसलिए था क्यूंकी तुम मेरे भाई हो और मैं तुमसे प्यार करती हूँ..मुझे कन्फर्म नही है..रूको मैं इसके बाद बताती हूँ.." इतना कह के सुप्रिया बहुत ही तेज़ी से लंड को सक करने लगी और उतनी ही तेज़ी से अपनी चूत रगड़ने लगी..

उसकी उंगलियाँ पूरी तरह से उसके चूत रस से भीग गयी..लेकिीन उसने अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जब उसे रीयलाइज़ हुआ कि उसे अरुण से ज़्यादा टाइम लगेगा झड़ने मे और उसकी तरफ उंगलियाँ दिखाकर उन्हे चाटते चाटते कहनी लगी.."देख लो तुम्हारी वजह से मेरी चूत कितनी गीली है..तुम्हे कल इसका खुद ही कुछ करना होगा.." अरुण की उत्तेजना मे आह निकालने लगी. फिर सुप्रिया ने अपना ध्यान अरुण को झडाने पर लगाया. वो एक हाथ से लंड को पकड़कर जीभ से सुपाडे को चाटने लगी.."तुम्हे मज़ा आया जब मैने तुम्हे बिल्कुल अंदर लिया था??" अरुण का सिर हां मे हिलते देख सुप्रिया ने अपने दोनो हाथ अरुण के चुतड़ों के नीचे करके उसकी कमर को उपर उठा लिया और उसका लंड गले की दीवार से टकराने लगा. लंड पर गले की दीवारे अपना प्रेशर डालने लगी. सुप्रिया ने कुछ सेकेंड्स के बाद उसे थोड़ा नीचे किया और एक गहरी साँस लेकर दोबारा पूरा लंड अंदर ले लिया जितना पहले लिया और हल्के हल्के प्रेशर के साथ उसे और अंदर धकेलने की कोशिश करने लगी. थोड़ी ही देर मे लंड और अंदर जाने लगा और सुप्रिया की नाक बिल्कुल अरुण की जड़ मे लगने लगी. सुप्रिया ने इस बार जब लंड मूह से बाहर निकाला तो लड और होंठों के बीच थूक की एक लाइन बनी हुई थी और तुरंत ही उसे दोबारा अंदर ले लिया. और वैसे ही चूसने लगी. लंड पर गले की दीवारों से आता प्रेशर..उसके थूक की सरसराहट अरुण को उसके चरम तक ले गयी..

"दी मेरा निकलने वाला है.." 

तो सुप्रिया ने उसे बेड पर रख दिया और अपना मूह उपर उठा कर हाथों से उपर नीचे करने लगी. जैसे ही पहला झटका लंड मे लगा सुप्रिया ने अपना मूह लंड पर रख दिया और उसके रस को अपने गले से नीचे उतारने लगी.अरुण की तो आँखें ही बंद हो गयी. इस बार पहले से काफ़ी कम स्पर्म निकला और कुछ ही देर मे सुप्रिया ने उसके लंड लो चूस चूस कर छोटा कर दिया फिर उठकर बोली" अगली बार तुम्हे ये फ्री मे नही मिलने वाला" और अपने कपड़े ठीक करने लगी..

फिर उसे किस करके लाइट बंद करके बाहर चली गयी. और अरुण आराम से सपनो की दुनिया मे खो गया..
अरुण की आँख 12 बजे खुली तो उसके पेट मे चूहे कूद रहे थे तो उसने अपना बॉक्सर ठीक किया और किचन मे चला गया. किचन मे जाते टाइम उसे सुप्रिया उसी सोफे पर सोते दिखी तो ज़्यादा शोर नही किया उसने. फिर किचन मे जाके बचा हुआ खाना माइक्रोवेव मे गर्म करके खाने लगा. वापस रूम मे जाने से पहले वो सुप्रिया के पास गया और उसको ढंग से चादर से ढक दिया और उसके माथे पर किस करके रूम की तरफ जाने लगा. तभी उसे सीढ़ियों पर कदमो की आवाज़ आई तो पलटकर देखा तो सोनिया अपने वही कस्टमरी सोने के कपड़े यानी कि स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स मे नीचे आ रही थी. वो किचन मे गयी तो अरुण भी वहाँ चला गया और देखा तो वो पानी पी रही थी. दोनो ने एक दूसरे को हाई बोला..

"भूक लगी हो तो कुछ बना दूं??" सोनिया पास आके पूछती है..

"बनाना आता है??" अरुण ने हल्का सा हँस के कहा..

तो सोनिया का मूह उतर गया..

"अरे..बचा हुआ गर्म कर के खा लिया टेन्षन ना लो..अच्छा ठीक मैं सोने जा रहा हूँ तुम भी जाओ.." अरुण बिना मुड़े ही कहता है..वो ध्यान से सोनिया को देखने लगा तो उसे लगा जैसे सोनिया की आँखों से आँसू बस छलकने ही वाले हैं तो..अरुण ने सोनिया का हाथ अपने हाथ मे लिया.."क्या हुआ नींद नही आ रही??" उसने बहुत धीरे से पूछा..

"कुछ नही बस..वो..क्या.."

"कुछ चाहिए क्या..बोल ना गुड़िया" अरुण ने उसके चेहरे को उठाकर कहा.

"भाई वो..क्या मैं आपके साथ सो सकती हूँ.." उसने बड़े डरते डरते पूछा..

अरुण के पेट मे ये बात सुनके गुदगुदी होने लगी और उसने कहा.."अरे क्यू नही और तुमने दी के बेड का साइज़ देखा है अपने जैसे 3 4 समा जाएँ.."अरुण ने हंसकर कहा..

फिर सोनिया उसे सहारा देकर रूम के अंदर ले गयी और दोनो ने मिलकर बिस्तर ठीक किया और अरुण एक किनारे पर और सोनिया दूसरे किनारे पर लेट गयी. अरुण को अब जाके रीयलाइज़ हुआ कि उस टाइम तो दोनो एमोशनल थे तो साथ मे लेटना ऑड नही लगा लेकिन अब उसे ये बात भी अजीब लग रही थी एक बहेन के साथ तो वो सेक्षुयली आक्टिव था तो दूसरी के साथ लेटने मे बड़ा अजीब लग रहा था. एक तरीके से दो भाई बहेन के थोड़ा पास लेटने मे कोई दिक्कत नही थी लेकिन अरुण को थोड़ा अजीब तो लग ही रहा था. तो वो दोनो बेड के छोरो पर लेटे हुए थे. उपर से उसे ख़ासकर सोनिया के इतने करीब लेटकर बड़ा अजीब लग रहा था..वो सोनिया जिसके पास जाने की उसकी इच्छा क्या हिम्मत तक नही होती थी. वो सोनिया जो उसकी जानी दुश्मन थी. और आज वही सोनिया उसके पास ना होने के कारण सो नही पा रही थी.

उसकी जिंदगी ने एक अजीब मोड़ ले लिया था. अरुण की भी इच्छा थी कि वो किसी तरीके से सोनिया को सेफ फील करवा सके. उसे ये बता सके कि चाहे कुछ भी हो जाए वो हमेशा उसके आगे खड़ा रहेगा. उसे कभी कोई नुकसान नही पहुँचने देगा. जब भी उसे उसकी ज़रूरत होगी वो हमेशा वहाँ मौजूद रहेगा. उसे उन दोनो के बीच बदले हुए रिश्ते से थोड़ी सी खुशी भी हो रही थी..वो खुशी जो उसने कभी महसूस नही करी थी पहले. 
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01-24-2019, 11:58 PM,
#13
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण ने करवट बदल कर सोनिया की तरफ अपना चेहरा घुमाया तो सोनिया लगातार बिना पलके झपकाए उसकी तरफ देखे जा रही थी. और उसने अपने दोनो हाथ ऐसे अपने सीने से चिपकाए हैं जैसे उसे डर लग रहा हो. अरुण को इस बात का अहसास नही था लेकिन सोनिया बार बार अपने मन मे उन पलों को याद कर रही थी जब उसके होंठ अरुण के होंठो से छुए थे. एक करेंट सा दौड़ गया था उसकी बॉडी मे. "मुझे वो पल इतना अच्छा क्यूँ लगा??" वो खुद से पूछती है. अरुण को देखते देखते उसे रीयलाइज़ हुआ कि वो दोनो एक दूसरे को बिना पलके झपकाए देखे जा रहे हैं..अरुण ने अपने हाथ से उसके गालों पर से बाल उसके कान के पीछे कर दिए और उसी पल मे दोनो के बीच मे जो झिझक थी वो दूर हो गयी..और सोनिया तुरंत ही आगे बढ़कर उसके सीने मे अपना चेहरा घुसाने लगी और अपना हाथ उसके चारो ओर लपेट लिया जैसे अरुण उसका टेडी बेअर हो. सोनिया को तुरंत ही नींद के कोमल हाथ कब्ज़े मे करने लगे और वो नींद के अघोष मे धीरे धीरे जाने लगी. अरुण धीरे धीरे उसके बालों मे उंगलियों से सहलाने लगा और फिर उसे उसके पास से मीठे अंगूरों की महक आने लगी. सोनिया के गर्म पैर उसके पैरों मे उलझे हुए थे..वो और कस्के अरुण के सीने मे अपना चेहरा छुपाने की कोसिस करने लगी. और उसने दोनो के उपर चादर कस कर डाल ली. अरुण को सोनिया की गर्म साँसें अपनी छाती पर महसूस होने लगी और उसे उसके बूब्स का आभास भी अपनी पसलियों पर होने लगा. हालाँकि उसे हल्का सा दर्द हो रहा था. लेकिन सोनिया के लिए तो वो अब कितनी बार भी इससे कई गुना ज़्यादा दर्द सहने के लिए तय्यार था. सोनिया को अरुण बहुत ही सॉफ्ट गर्म महसूस हो रहा था. उसका डर बिल्कुल ही छू मंतर हो गया था अरुण के सीने से लग के. एक अलग ही किस्म की शांति और फीलिंग का आभास उसे होने लगा.

उसे अब भी ये एक सपने की तरह लग रहा था कि वो लड़का जिसकी शक्ल तक उसे देखना पसंद नही थी जिसे वो हमेशा किसी ना किसी तरीके से परेशान कर के दुख पहुचाने की कोसिस करती रहती थी. और उसे देखे बिना अपनी परवाह किए वो मुसीबत मे चलता चला गया जबकि वो उसके साथ हमेशा बुरा बिहेव करती रही. उसने और कस्के उसे गले लगाया. उसे बचाने के चक्कर मे हो उसकी हालत हुई वो सही मे अच्छी नही थी..वो सोचने लगी कि पता नही कैसे वो कभी उसका ये अहसान चुका पाएगी..

आख़िरकार वो धीरे धीरे नींद के अघोष मे चली गयी..अरुण जैसे वहाँ अनंत काल तक लेटा लेटा उसके बालों को सहलाता रहा..जब उसे कानों मे हल्की सी उसकी सोने की आवाज़ आने लगी तो फिर उसने भी आँखें बंद करी और मीठी नींद के अघोष मे चला गया..

ना कोई बुरा सपना...ना कुछ..बस मीठी नींद..

एक गर्म सा अहसास गालों पर हुआ..और फिर हल्का सा गीलापन..फिर वही अहसास गालों के रास्ते होंठों तक जा पहुँचा.. नरम, मुलायम, हल्का सा गीलापन, अंगूरों का भीना भीना स्वाद.. इन सब चीज़ों का अहसास अरुण को जागने के वक़्त होने लगा. उसे लगा जैसे कोई उसके होंठों को धीरे धीरे दबा रहा हो. जो भी चीज़ उसके होंठों को छू रही है वो कांप भी रही है..वो अपने हाथ को हिलाने की कोशिश करता है तो पता चलता है कि उसका हाथ बहुत ही मुलायम चीज़ पर रखा हुआ है बिल्कुल मखमल की तरह..वो उसे नीचे ले जाने की कोशिश करता है तो हाथ एक चढ़ाई पर जाने लगता है..जैसे कि कोई गोल चीज़ हो आगे.. उसके होंठों को जो भी चीज़ दबा रही है वो और ज़्यादा काँपते हुए उसके होंठ खोलने की कोशिश करती है..और जैसे ही उसके होंठ खुलते हैं उसे अपने होंठों के रास्ते किसी मखमली, गीली और मुलायम चीज़ का अहसास होता है.. अरुण को इस से काफ़ी ज़्यादा मज़ा आने लगा..


धीरे धीरे उसका दिमाग़ सपनों की दुनिया से बाहर आने की कोशिश करता है..उसे ध्यान आता है कि वो सुप्रिया के बिस्तर मे लेटा हुआ है..और सीने मे हल्का हल्का दर्द भी हो रहा है..हां कोई लड़ाई हुई थी जिसके कारण उसको काफ़ी चोट लगी है.. उधर उस गर्म चीज़ ने उसके होंठों पर हमला जारी रखा जिससे अरुण की एक मस्ती भरी आह निकल गयी.. फिर जाके उसे रीयलाइज़ हुआ कि अरे उसे तो कोई किस किए जा रहा है..

कौन?? सुप्रिया दी?? नही ये सुप्रिया दी नही हो सकती?? वो इस तरीके से किस नही करती हैं..?? ये किस तो बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट और नीडी है..जैसे कि जो भी उसे किस कर रहा वो थोड़ा डर भी रहा है और चाह रहा है कि वो भी उसे किस करे.. किस तो ऐसे हैं जैसे तितली किसी फूल पर बैठ कर रस चूस रही हो..

"सोनिया" एक दम से उसके मन मे आवाज़ आई..फिर उसे याद आया कि कल रात वो और सोनिया एक साथ ही सोए थे..सोनिया को अकेले डर लगने के कारण नींद नही आ रही थी तो वो उसके साथ सो गयी थी और वो अपनी छोटी बहेन को बाहों मे लिए उसके सर को सहलाते सहलाते मीठी नींद के अघोष मे चला गया था..लेकिन अब उसे इस तरीके से अपनी बहेन का ग़लत फ़ायदा उठाना बहुत ही ज़्यादा ग़लत लग रहा है..

वो धीरे से अपनी आँखें खोलता है और सोनिया की आँखों मे देखता है. उसकी आँखों मे गुस्से का तो नामो निशान नही है..एक अजीब सी चमक के साथ उसे कुछ और भी दिखा.. वो जो भी है वो उसे अपनी तरफ खींच रहा है.. एक अजीब सी कशिश है उन आँखों मे..

"गुड मॉर्निंग.." सोनिया इतने धीरे से बोलती है कि अरुण को तक बहुत ही हल्का सुनाई देता है..

"गुड मॉर्निंग..स्वीटी.." अरुण बोलता है..और फिर उसकी आँखों मे देखता रहता है. सोनिया अपनी आँखें बंद करती है दोबारा और अपने होंठ आगे लाके उसके होंठों को छू लेती है आगे बढ़ के..और फिर दूर हो जाती है..जैसे कोई पंख उड़ कर उसके होंठों को छू कर चला गया हो..

"भाई पता है.. मुझे काफ़ी सालों बाद इतनी अच्छी नींद आई..थॅंक यू भाई.." सोनिया अरुण के गालों को चूम कर बोलती है..

"मुझे भी.." अरुण बस इतना बोलता है और फिर अपने हाथों से उसके गालों पर पड़ी बालों की लट को उसके कान के पीछे ले कर सही कर देता है..फिर सोनिया थोड़ा सा पीछे हटती है जिससे अरुण को ठंडक का अहसास होने लगता है लेकिन फिर वही ठंडक गर्म और अंगूरों की भीनी खुसबु वाले अहसास के साथ अपनी जगह बदल लेती है..सोनिया उसकी तरफ अपनी पीठ करके उसके हाथ को पकड़कर अपने पेट पर रख लेती है और अपना सिर उसके कंधे पर रख के लेट जाती है..अरुण भी एक बार उसके सिर को चूम कर आराम से उसके साथ लेट जाता है..

थोड़ी देर के बाद अरुण एक दम से डर जाता है और उठ कर खड़ा हो जाता है क्यूंकी उसका लंड अपना सिर उठाकर सोनिया के चुतड़ों को छू रहा होता है और रूम से निकलने से पहले "आइ'म वर्री सॉरी सोनिया" बोलता है..

सोनिया सिर्फ़ "भाई मत जाओ ना प्लेज..." इतना ही बोल पाती है..फिर उसे भी समझ मे आता है कि अरुण क्यू ऐसे सॉरी कहके चला गया और उसे अपने उपर थोड़ा गुस्सा भी आता है और हल्की सी शर्म भी जिसके कारण उसके गाल गुलाबी हो जाते हैं..

वो वापस बिस्तर पर लेट कर सोचने लगी..उसे पता था कि अरुण का लंड उसके चुभ रहा है लेकिन उसे इस बात से कोई प्राब्लम नही थी..वो तो बस उसके पास रहना चाहती थी..वो नही चाहती थी कि उस रात के बाद उसके कारण कभी भी अरुण को कोई प्राब्लम हो..

सोनिया लेटे लेटे ही सोच रही है..फिर उसका ध्यान किस की तरफ चला जाता है.. जब वो सुबह जागी तो सामने अरुण का चेहरा देख उससे रहा नही गया और उसके होंठ खुद ब खुद ही उसकी ओर खिंचे चले गये..और वो अहसास जब उसके होंठों ने अरुण के होंठों को छुआ..वो अहसास वो शब्दो मे बयान नही कर पा रही थी..क्या था वो अहसास.
वो जादू वो नशा..वो मदहोशी जब उसका रस उसके मूह मे घुलने लगा... इन बातों को याद करके दोबारा उसके शरीर मे वही रोमांच वाली ल़हेर दौड़ गयी..

उसने सिर्फ़ उसे थॅंक यू कहने के लिए किस किया था लेकिन उसके बाद तो जैसा उसका खुद पर बस ही नही रहा.. ऐसा भी नही था कि उसने आज से पहले कभी किस नही किया था.. बहुत किए थे..बट इस किस मे पता नही किस किस्म की खुमारी थी..उसने आज से पहले कभी भी किसी के लिए ये महसूस नही किया था..क्या थी ये फीलिंग्स और क्यूँ???

कहीं उसे प्यार तो नही हो गया है?? नही नही ये प्यार नही है.. और अपने भाई से तो बिल्कुल नही हो सकता..ये ग़लत है.. लेकिन फिर क्यूँ उसे हर वक़्त उसी के पास रहने के इच्छा होती है..क्यूँ उसे उसकी बाहों मे जाके एक सुकून मिलता है जो और कहीं नही मिलता..क्यू उसके हाथ लगते ही वो पिघल सी जाती है.. 

"हां मैं भाई से प्यार ही तो करती हूँ.. करती क्या हूँ मैं हमेशा से करती आई हूँ चाहे उसे कितना भी परेशान किया हो"..
उसे देखे बिना उससे लड़े बिना उसका खाना ही कहाँ हजम होता था.. उसका दिन पूरा ही तब होता था जब वो उससे एक बार लड़ ले..और अब जब भी वो उसके सामने नही होता तो एक ख़ालीपन सा रह जाता है उसके दिल मे.. 

"मैं भाई को अभी जा के बता दूँगी कि मुझे उनसे प्यार है.. आइ लव हिम.." सोनिया सोच के मुस्कुराने लगी..

लेकिन अगर वो मुझसे प्यार नही करते हुए फिर.. अगर प्यार नही करते होते तो मेरे लिए अपनी जान देने क्यूँ लगते?? लेकिन ऐसा तो कोई भी भाई अपनी बहेन के लिए कर सकता है.. नही वो भी मुझे प्यार करते हैं.. और अगर ये सिर्फ़ भाई बहेन वाला प्यार हुआ तो?? सोनिया खुद से ही लड़े जा रही है..

अगर भाई ने मेरा प्यार आक्सेप्ट करने से मना कर दिया तो..ये सोचते ही उसकी आँखों से आँसू निकल आए.. लेकिन मैं भाई को बताए बिना भी नही रह सकती.. मैं अभी जाके उन्हे सब बता दूँगी फिर आगे जो होगा देखा जाएगा..सोनिया अपने आँसू पोछते हुए उठ खड़ी होती है और रूम से निकल जाई है..
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01-24-2019, 11:58 PM,
#14
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
इधर अरुण थोड़ा तेज़ी से सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ अपने रूम तक पहुँचा..हालाँकि उसे इसमे दर्द काफ़ी हुआ लेकिन इस वक़्त उसका दिमाग़ सिर्फ़ सोनिया की हरकतों को याद कर रहा था.. रूम के अंदर आते ही वो धम्म से बिस्तर पर गिर पड़ा..

उसने अपना सिर अपने हाथों मे पकड़ लिया और सोचने लगा.. ये क्या हो गया मुझसे.. अब सोनिया क्या सोचेगी कि उसका भाई उसके बारे मे इस तरीके से सोचता है..आख़िर ये उसकी बहनों के साथ ही क्यूँ हो रहा है..पहले सुप्रिया दी और अब सोनिया.. नही मैं सोनिया के साथ आगे नही बढ़ सकता.. चाहे पहले मैने उसके बारे मे कितने भी गंदे तरीके से सोचा हो पर अब नही.. अब वो बदल गयी है.. "मैं सही मे बहुत बुरा इंसान हूँ.. उस बेचारी ने सोने के लिए मेरा हाथ पकड़ा और मैं उसकी बॉडी के अहसास से ही उत्तेजित हो गया.. मैं उसका ग़लत फ़ायदा उठा रहा हूँ..मुझे उससे दूर रहना होगा..यही सही होगा.." अरुण इस तरीके से सोचने लगा..

तभी दरवाजे पर हल्की सी दस्तक सुनाई पड़ती है..

"कौन??" अरुण सोचता है ज़रूर सोनिया ही होगी..

"भाई मैं अंदर आ जाउ.." सोनिया अंदर अपना सिर कर के बोलती है..

अरुण हां मे सिर हिला देता है और अपने चेहरे के एक्सप्रेशन्स को स्माइल मे चेंज कर देता है.. सोनिया आके उसके सामने घुटनों पर बैठ जाती है..

"आइ आम सॉरी.." दोनो एक साथ ही बोल पड़ते हैं..

"व्हाट?? आप क्यू सॉरी बोल रहे हो.." सोनिया पूछती है..

"वो जो कुछ भी हुआ आज सुबह उसके लिए.." अरुण थूक निगलते हुए कहता है..

और एक गहरी साँस लेता है..

"सोनिया कल रात मुझे अपनी अब तक की सबसे अच्छी नींद आई जबकि मेरी बॉडी मे इतनी चोट आई हैं.. कल रात इतनी ज़्यादा ..पूरी थी कि सब कुछ अच्छा था..लेकिन सुबह मैने सब बेकार कर दिया..आइ आम सॉरी फॉर एवेरितिंग दट हॅपंड अर्लीयर...आंड." अरुण बड़े धीरे बोलता है..लेकिन तब तक सोनिया अपना हाथ उसके होंठों पर रख देती है..

"भाई एक बात बताऊ..मुझे पता नही क्यूँ बट आपसे एक तरीके से नफ़रत थी जबसे आक्सिडेंट हुआ था. इसीलिए मैं हमेशा आप से लड़ती रहती और आपको दुख पहुचाने की कोशिश करती रहती थी.. लेकिन कल आपके साथ होने से मुझे पता चला कि मैं तो आपसे हमेशा से प्यार करती आई हूँ.. और जैसे मैं आपके बारे मे सब कुछ जानती हूँ.. कल से जब भी मैं अकेले सोने की कोशिश करती हूँ तो डरावने सपने आते हैं.. लेकिन जब मैं आपके साथ सोई तो इतना सुकून मिला कि मैं आपको बता नही सकती.. और आपने कुछ भी बेकार नही किया.. मैने ही आपको किस किया था.." सोनिया अपनी आँख से निकला आँसू पोंछकर कहती है..

"और आपको किस करके मुझे ये रीयलाइज़ हुआ कि मैं आपसे सच मे प्यार करती हूँ और ये प्यार बहेन भाई के प्यार से बढ़कर है.. आइ वान्ट टू बी विद यू.. आइ लव यू भाई.." सोनिया इतना कह के शांत हो जाती है..

इसके बाद रूम मे सन्नाटा छा जाता है. अरुण के दिमाग़ ने तो काम ही करना बंद कर दिया..एक अजीब सा अहसास तो उसे भी होता था सोनिया के साथ लेकिन वो उसे आक्सेप्ट नही करना चाहता है..

वो धीरे से सोनिया का हाथ पकड़ के कहता है.."सोनिया देखो तुम अभी थोड़े एमोशनल स्टेट से गुज़र रही हो.. तुम मुझसे प्यार नही करती हो.. बस तुम्हे ऐसा लग रहा है.. और ये ग़लत भी है.. मेरी बात समझने की कोशिश कर.. गुड़िया.." 

सोनिया ये सुनते ही थोड़ा सा सख़्त हो जाती है..उसके आँखों मे आँसू बनने स्टार्ट हो जाते है.."भाई प्लीज़ ऐसा मत बोलो.. आइ रियली लव यू.. प्लीज़ भाई ट्राइ टू अंडरस्टॅंड.. मैं जानती हूँ आपको भी मुझसे प्यार है लेकिन आप आक्सेप्ट नही करना चाहते.." 

अरुण इतना सुनता है तो थोड़ा सा अचंभित हो जाता है कि जो चीज़ वो अभी सोच रहा था वो इसे कैसे पता..लेकिन फिर भी खुद को कंट्रोल करता है..

"सोनिया ये ग़लत है.. आइ लव यू बट ऐज आ सिस्टर बस..आंड प्लीज़ रोना मत. तुम्हे कुछ टाइम चाहिए है सोचने के लिए..और हम लोग थोड़े टाइम दूर ही रहेंगे..ओके देखना तुम्हारा जब मूड ठीक होगा तो तुम्हे रीयलाइज़ होगा कि तुम ग़लत सोच रही थी..."

" ठीक है भाई आप आक्सेप्ट नही करना चाहते कोई बात नही..मैं कुछ नही कहूँगी वैसे भी आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है..बट आइ लव यू ..आइ लव यू..आइ लव यू..." सोनिया इतना कह के अपने रूम मे चली जाती है..

और अरुण दरवाजे को तकता रहता है..
सोनिया के जाने के बाद अरुण बिस्तर पर लेट गया और सोचने लगा...व्हाट दा शिट ईज़ दिस?? ये क्या हो रहा है मेरे साथ... सोनिया... हाउ कॅन शी लव मी?? नही ये नही हो सकता.. शी कॅंट लव मी.. ये ग़लत है.. तो फिर क्या तेरा और सुप्रिया दी का रिश्ता ग़लत नही है.. नही वो अलग चीज़ है.. हमारे बीच जो कुछ भी हुआ वो अलग कंडीशन्स थी.. सोनिया अभी बच्ची है.. उसे इन चीज़ों की समझ नही है.. वो थोड़ी एमोशनल है उस इन्सिडेंट के बाद इसलिए उसे ऐसा लगता है कि वो मुझसे प्यार करती है लेकिन ऐसा है नही.. और तू?? मैं मैं मुझे..म..मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा.. हो तो मुझे भी कुछ जाता है जब मैं उसके साथ रहता हूँ. लेकिन क्या?? इसका जवाब मुझे भी नही पता. कह तो दिया है मैने कि हम दोनो थोड़े दिन दूर रहेंगे लेकिन क्या मैं दूर रह पाउन्गा.. काश कोई मेरी हेल्प कर पाता?? आरोही!! हां वो मेरी हर बात समझती है वो मेरी हेल्प कर सकती है..

लेकिन अगर उसने ग़लत समझा तो..वैसे भी उसने मुझे सोनिया से कहते पकड़ लिया था. वो समझेगी कि मैं अपनी हवस मिटाने के लिए ये सब कर रहा हूँ..नही नही. आरोही मुझे अच्छे से जानती है वो ऐसा नही सोचेगी.. लेकिन अगर उसने सोचा तो और वैसे भी तू एक बहेन से ये पूछेगा कि दूसरी बहेन तुझसे एक भाई की तरह नही एक लवर की तरह प्यार करने लगी है.. तो उसका रियेक्शन क्या होगा.. क्या हो रहा मेरे साथ?? मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा..

ऐसे सोचते सोचते अरुण थोड़ी देर और सो लिया. और फिर बाथरूम मे नहा लिया जाके.. तय्यार होके वो धीरे धीरे चल के बाहर हॉल मे आकर टीवी देखने लगा.. सुप्रिया ने तब तक नाश्ता तय्यार कर लिया और सब को नीचे बुला लिया फिर सब मिलकर नाश्ता करने लगे.. सोनिया को छोड़कर बाकी सब लोग काफ़ी हँसी मज़ाक करने लगे.. स्नेहा के पूछने पर सोनिया ने कह दिया कि कुछ नही बस थकान है और शांत ही रही.. लेकिन अरुण बार बार उसकी ओर देखता फिर नीचे की ओर देखने लगता.. आरोही ने ये बात नोटीस की लेकिन कुछ नही बोला. फिर नाश्ता कर के सब लोग अपने अपने काम पर लग गये और अरुण अपने रूम मे जाके कंप्यूटर पर कुछ करने लगा.*

थोड़ी देर मे आरोही आकर उसके बेड पर पेट के बल लेट गयी और उसको देखने लगी..

"व्हाट...??" अरुण जब उसे अपनी तरफ ऐसे देखते पता है तो पूछने लगा.

"नतिंग.." आरोही कुछ नही कहती..

थोड़ी देर दोनो शांत रहते हैं..लेकिन आरोही के चेहरे पर क्वेस्चन मार्क बना ही रहता है..

"तो मुझे पूछना ही पड़ेगा या फिर तुम खुद ही स्टार्ट करोगे.." आरोही बोलती है..

अरुण दो मिनिट शांत रहता है उसे समझ मे नही आता कि इसे हमेशा पता कैसे चल जाता है और वो भी ये भी समझ नही पा रहा कि स्टार्ट कैसे करे..

"चलो मैं पूछ ही लेती हूँ तुम्हे बताने मे आसानी होगी.. क्या हुआ सोनिया के साथ?? आंड आइ आम नोट टॉकिंग अबाउट बाथरूम सीन..हीही" आरोही हंस के पूछती है..

"हुहह.. आइ डोंट नो.. मुझे खुद नही पता क्या हुआ है..शी हॅज़ चेंज्ड यू नो इन आ गुड वे..बट..." अरुण को शब्द ही नही मिल पा रहे हैं..

"बट...." आरोही सिर हिलाकर पूछती है..

"ओके आइ विल स्टार्ट फ्रॉम बिगिनिंग...आंड प्लीज़ डोंट बी जड्ज्मेंटल ओके..." अरुण बोलता है..

"ओके..." आरोही थोड़ा सीरीयस होके बोलती है

"ओके.. तुमने तो देखा ही है कि सोनिया किस तरीके से चेंज हो गयी है परसो रात के बाद. उसका बिहेवियर मेरे लिए कंप्लीट्ली चेंज हो गया है.. तो कल रात मैं पानी पीने के लिए उठा तो सोनिया भी थी किचन मे.. हम दोनो मे हल्की फुल्की बातें हुई फिर उसने बहुत ही डरी और सहमी सी आवाज़ मे पूछा कि क्या वो मेरे पास सो सकती है.. तो मैने हां कर दी.." इतना कह कर अरुण आरोही की आँखों मे देखने लगा शायद किसी अजीब से रियेक्शन के इंतेज़ार मे..
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01-24-2019, 11:59 PM,
#15
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"फिर.." आरोही ने बिना किसी एक्सप्रेशन के जवाब दिया..

"फिर हम दोनो सो गये लेकिन उसे थोड़ा डर लग रहा था तो वो मुझसे साथ कर लेट गयी और मैं भी उसे थपकी देने लगा ऐज आ ब्रदर शुड..ओके..लेकिन सुबह.."अरुण फिर रुक गया..

"हुन्ह..सुबह"*

"सुबह उसने मुझसे आइ लव यू कहा तो मैने भी उस टाइम उसे आइ लव यू कह दिया लेकिन फिर उसने मुझे अगेन आइ लव यू कहा आंड इन आ वे आ सिस्टर शुडन्ट" अरुण थोड़ा कहानी बना के उसे बता रहा है और किस के बारे मे बताने की उसकी हिम्मत ही नही हुई.."तो मैं थोड़ा सा घबरा गया और अपने रूम मे यहाँ आ गया और सोच ही रहा था तो सोनिया आती है और उसने फिर मुझे पूरी बात बताई की कैसे उसे रीयलाइज़ हुआ को मुझे हमेशा से प्यार करती आई है आंड शी लव्स मे आंड शी वांट्स टू बी वित मी..." अरुण इतना कह कर शांत हो गया..

आरोही कुछ सेकेंड्स रुकती है जैसे कुछ सोच रही हो..

"फिर तुमने क्या कहा..."

"मैं क्या कहता मैने उसे समझाया कि ये सब सही नही है.. वो एमोशनल है इस टाइम इसलिए उसे ऐसा लग रहा है.. जब उसका थोड़ा मूड अपलिफ्ट हो जाएगा तो सही हो जाएगी.. तो वो कहनी लगी कि मैं भी उससे प्यार करता हूँ लेकिन आक्सेप्ट नही कर रहा.. और रोते हुए चली गयी..."

"ओके... तो सोनिया को लगता है कि वो तुमसे प्यार करने लगी है आंड नोट इन आ सिस्टर्ली वे.. आंड उसने ये भी कहा कि उसे ये भी पता है कि तुम भी उसे प्यार करते हो..ऐसा क्यूँ कहा..?? ओह माइ गॉड तुम दोनो के बीच बातों के अलावा भी कुछ हुआ है?? है ना..." आरोही अपनी आँखें चौड़ी करके बोली..

अब अरुण का दिल बैठ गया कि इसने कैसे जाना किस के बारे मे और वो कहे भी तो कैसे..

"नही आरोही ऐसा कुछ नही है.."

"तुम्हे अच्छे से पता है कि हम दोनो दुनिया को झूठ बोल सकते हैं लेकिन खुद एक दूसरे से नही..आंड यू आर टेल्लिंग आ लिए.. अब जल्दी बताओ क्या हुआ.." आरोही आगे बढ़कर बोली..

"वो..वो..सुबह जब मेरी आँख खुली तो वो मुझे किस कर रही थी.. और मैं नींद से जाग रहा था तो आइ कुडन्ट स्टॉप हर..बट आइ स्वेर आइ वाज़ नोट हू स्टार्टेड दट किस.."अरुण ने जल्दी से बोला..

"ओह माइ गॉड.."

इतना बोल के आरोही बिल्कुल शांत पड़ गयी और अपना सिर अपने हाथों मे लेकर बैठ गयी..

"वो तुम्हे किस कर रही थी और तुमने उसे रोका नही क्यूकी तुम नींद मे थे..और उसे लगता है कि जैसा वो फील करती है वैसे ही तुम भी फील करते हो.. और तुम्हे खुद नही पता कि तुम कैसा फील करते हो... इट्स कॉंप्लिकेटेड..ओन्ली वन सल्यूशन.." आरोही उपर देख के बोले जा रही थी..

"क्या??"

"गिव इट सम टाइम ब्रो.." आरोही ने उसका हाथ थपथपाते हुए कहा.."आंड नो मॅटर व्हाट आइ विल ऑल्वेज़ बी विद यू.." आरोही ने बड़े प्यार से कहा..तो अरुण को कुछ अच्छा फील हुआ..कि अटलिस्ट उसने प्राब्लम सॉल्व तो नही लेकिन उसे थोड़ा रिलीफ ज़रूर दिया था. वो कब्से किसी से इस बारे मे बात करना चाहता था..

"सो यू अरे सेयिंग कि टाइम सब ठीक कर देगा..??" अरुण ने पूछा..

"नही लेकिन टाइम देने पर तुम ये समझ पाओगे कि तुम्हारे दिल मे उसके लिए क्या है आंड वो भी इस चीज़ को सॉर्टआउट कर पाएगी..समझे.." आरोही बिल्कुल एक टीचर की तरह बोली.

"ह्म्म ओके..ये भी देखते हैं.." अरुण आ भरके बोला..

फिर वे दोनो ऐसे ही इधर उधर की बातें करने लगे..फिर आरोही के जाने के बाद अरुण कंप्यूटर पर कुछ करता रहा तब तक लंच का टाइम हो गया तो सब नीचे जाके खाना खाने लगे.. सिर्फ़ सोनिया के पास वाली चेयर खाली थी तो अरुण थोड़ा रुका फिर आरोही को हल्के से इशारा कर दिया तो वो जाके सोनिया के पास बैठ गयी और अरुण आरोही की जगह बैठ गया. ये देख कर सोनिया को चेहरा और ज़्यादा उतर गया.. खैर सब ने खाना खाया. और पूरे लंच के दौरान ना सोनिया ने अरुण की तरफ देखा और ना ही अरुण ने.. लेकिन बाकी तीनों ने ये सब बड़े गौर से देखा..

"मैं जानती थी..आइ न्यू इट.." सुप्रिया थोड़ा एग्ज़ाइटेड होके बोली..

तो सब लोग उसकी ओर देखने लगे..

"क्या दी..?" आरोही ने पूछा..

"ये दोनो बिना लड़े रह ही नही सकते.. जितना कल का ड्रामा था कि आइ विल नेवेर फाइट अगेन..वग़ैरह वग़ैरह सब फेक था..अरे अगर इन दोनो ने लड़ना छोड़ दिया तो दुनिया नही तबाह हो जाएगी.." सुप्रिया हंस कर बोली तो सब हँसने लगे और सोनिया ने भी हल्का सा मुस्कुरा दिया..

"ऐसा कुछ नही है दी.." अरुण बोला..

"रहने दे मुझे सॉफ सॉफ दिख रहा है कि तुम दोनो एक दूसरे को इग्नोर कर रहे हो.." सुप्रिया बोली तो दोनो झेप गये..

"खैर तुम दोनो खुद ही ये लड़ाई सॉर्ट आउट करो..और ये तुम दोनो कोल्ड वॉर कब्से खेलने लगे.. बिना मार धाड़ के कैसे खाना हजम होता है तुम लोगो का??" सुप्रिया उनकी टाँग खींचती ही जा रही थी..

फिर ऐसे ही लंच कर लिया सबने और सब अपने रूम मे चले गये..सोनिया ने सोचा अरुण से बात करनी ही पड़ेगी तो वो अरुण के रूम मे जा ही रही थी कि उसने नीचे किसी के आने की आवाज़ सुनी तो देखा कि अरुण का इकलौता फ्रेंड रोहित आ रहा है..तो वो वापस अपने रूम मे चली गयी..

रोहित भी अरुण के साथ ही कॉलेज मे पढ़ता है.. दोनो की दोस्ती 9थ स्टॅंडर्ड मे हुई थी..तबसे दोनो पक्के दोस्त हैं..रोहित को जैसे ही पता चला कि अरुण के साथ ये सब हुआ है तो वो मिलने चला आया. दरअसल रोहित की सिस्टर सोनिया की दोस्त है और वो भी थी उस रात क्लब मे..तो उसी ने रोहित को खबर दी..

खैर रोहित के आने से सोनिया का प्लान तो रुक गया अरुण से बात करने का. जब तक रोहित गया नही तब तक वो अपने रूम मे बेड पर लेटी आँसू गिराती रही. सही है ये मुझे इतने अच्छे भाई को सताने की सज़ा ही तो मिल रही है. मैं इसी काबिल हूँ.. वो ऐसे लेटे लेटे सोचे जा रही थी..

इधर रोहित 3 4 घंटे बाद गया तब तक शाम हो गयी थी. तो अरुण भी नीचे आकर आरोही और स्नेहा के साथ टीवी देखने लगा.. अरुण ने इशारे से आरोही से पूछा कि सोनिया कहाँ है तो उसने बता दिया कि उपर रूम मे है..सोनिया रूम से तभी निकली जब डिन्नर का टाइम हो गया. लेकिन ये क्या डिन्नर के टाइम तो बहुत ही चहक रही थी. बहुत खुश दिखा रही थी खुद को लेकिन जैसे ही अरुण की नज़र उसकी आँखों पर गयी तो उसे ये जानते देर ना लगी कि वो सिर्फ़ नाटक कर रही थी..

खैर सब लोगो ने डिन्नर किया और फिर थोड़ी देर सब टीवी देखते रहे फिर अरुण अपने रूम मे जाके सोने की कोशिश करने लगा..लग तो उसे भी ख़ालीपन रहा था. लेकिन फिर उसने एक आइडिया लगाया और पहले तो मास्टरबेट किया फिर कपड़े चेंज करके सो गया.. जस्ट सोने से पहले उसे लगा कि कोई है उसके रूम के बाहर लेकिन उसे नींद काफ़ी ज़ोर से आ रही तो सो गया..

रात मे अचानक उसकी नींद खुल गयी. जब टाइम देखा तो 2 बजे थे.. उसे थोड़ी प्यास भी लगी थी तो वो नीचे किचन मे पानी पीने चला गया. लेकिन जब वो वापस आया तो उसका ध्यान दरवाजे की साइड वॉल पे गया तो उसका दिल मायूसी से भर गया..

सामने सोनिया ज़मीन पर बैठी हुई थी एक पतली सी चादर डाले..ध्यान से देखने पर पता चल सकता था कि रोते रोते सो गयी हो..हल्की ठंड के कारण वो कांप भी रही थी और उपर से वो सोते टाइम पहनती भी काफ़ी छोटे कपड़े थी स्पोर्ट्स ब्रा और छोटे से सॉर्ट्स..खैर अरुण का दिल ये देखकर पसीज उठा..पता नही कितनी देर से बेचारी यही ऐसे ठंड मे बैठी हुई थी..

तो वो धीरे से गया और जैसे ही उसका हाथ सोनिया के गाल से छुआ सोनिया चीख उठी.."म्म..मुझे कुछ मत करना प्लीज़ प्लीज़..मुझे कुछ मत करना" और रोने लगी..

अरुण का तो दिल उसी टाइम रोने लगा और वो वही बैठ के उसे शांत करने की कोशिश करने लगा..."सोनिया..गुड़िया देख मैं हूँ...अरुण..."..लेकिन सोनिया फिर भी रोती जा रही थी और हाथ पैर चलाती जा रही थी..ऐसे ही 2 3 हाथ अरुण के लग गये लेकिन फिर धीरे धीरे वो शांत हो गयी और जब उसने देखा कि सामने अरुण है तो वो और ज़्यादा ही रोने लगी और तुरंत ही अरुण के गले मे अपनी बाहें डाल कर कस कर उसके साथ चिपक गयी और रोते रोते कहने लगी.."भाई प्लीज़ मुझे कभी छोड़ कर मत जाना..भाई मुझे बहुत डर लग रहा है मैं अकेले नही रहना चाहती..भाई प्लीज़ मुझे अकेले मत छोड़ो." और पता नही क्या क्या कह कर रोए जा रही थी..

अरुण की भी आँखें नम हो गयी और उसी टाइम उसने कुछ डिसाइड कर लिया. वो धीरे धीरे वहीं दरवाजे के साइड मे बैठकर उसका सिर अपने कंधे पर रख कर सहलाता रहा. जब धीरे धीरे सोनिया शांत हुई तो अरुण उसे लेकर खड़ा हुआ और उसे लेकर अपने रूम मे गया और रूम बंद करके दोनो बिस्तर पर लेट गये अरुण ने अच्छे तरीके से उसे अपनी ओर खींचा और दोनो के उपर चादर डाल ली और फिर सोनिया ने अपना सिर उसके सीने पर और अपने हाथ पैर उसके चारो तरफ लपेट लिए.. अरुण धीरे धीरे उसके गाल सहलाता रहा. थोड़ी देर मे सोनिया की हल्की सी आवाज़ आई.."भाई सॉरी.." एक दम भरी हुई सी..

"श...किसलिए???" अरुण ने पूछा..

"मैने फिर आपको मारा और आपकी बात भी नही मानी...अपने कहा था कि हम दोनो दूर रहेंगे..?"

"बेकार बातों को नही मानना चाहिए.. और मारने की बात तो तू सपना देख रही थी.. वैसे दरवाजे के बाहर क्या कर रही थी और कब्से बैठी थी..?" अरुण ने उसे थोड़ा उपर खींच कर साइड मे कर दिया. और फिर खुद साइड मे होकर उसके हाथ अपने हाथ मे ले लिया और लगातार उसकी आँखों मे देखने लगा..दोनो के कमर के नीचे के हिस्से आपस मे उलझे पड़े थे..

"वो..वो..मुझे अकेले सोने मे डर लग रहा था..और उपर से आपने पास आने से मना किया था तो मैने सोचा कि आपसे दूर नींद नही आएगी और पास आ नही सकती तो शायद आपके रूम के बाहर लेटने से मुझे नींद आ जाएगी और सपने नही आएँगे क्यूकी आप रूम मे होगे इसलिए जब आपके रूम की लाइट बंद हुई तो मैं आ गयी लेकिन.." और सोनिया ने हल्की सी सिसकी भरी..

अरुण ने तुरंत ही उसे अपने पास खींच और उसके गालों पर हल्का सा किस फिर माथे पर किस किया.."आज के बाद तू मेरे साथ ही सोएगी..ओके अब सो जा कल बात करेंगे.." अरुण ने उसके गालों पर दोबारा किस करते हुए कहा..

सोनिया को भी इस टाइम उसके पास नींद आने लगी तो वो भी उसके माथे और गालों पर किस करने लगी लेकिन तभी पता नही उसे क्या हुआ उसने हल्के से अपने होंठ उसके होंठो से रगड़ कर जल्दी से उसके सीने मे अपना सिर छुपा लिया और आँखें बंद करके उसे जाकड़ लिया...

अरुण ने भी इस बार कुछ नही कहा और उसके बाल सहलाता रहा..और फिर दोनो भाई बहेन एक दूसरे के अघोष मे सो गये डरावने सपनो से दूर...

सुबह अरुण की आँख खुली तो फिर उसे वही कल वाला अहसास हुआ और उसे जानते देर ना लगी कि सोनिया उसे किस कर रही है लेकिन उसने ना तो उसे रोका और ना ही खुद आगे बढ़ा. जब किस टूटा तो अरुण ने आँखें खोली और सामने सोनिया का मुस्कुराता हुआ चेहरा पाया तो उसके चेहरे पर भी ऑटोमॅटिक स्माइल आती चली गयी..

"गुड मॉर्निंग भाई.." सोनिया बहुत ही चहकति हुई बोली..

"गुड मॉर्निंग गुड़िया.." अरुण भी बोल दिया...

फिर दोनो बिना कुछ बोले ऐसे ही एक दूसरे की आँखों मे देखते देखते लेटे रहे..पता नही कितना समय ऐसे ही बीत गया..अरुण को तो ध्यान भी नही रहा वो तो बस उन मासूम सी आँखों मे खोया हुआ था.. लेकिन फिर उसकी आँख से एक आँसू निकला तो सोनिया ने आगे बढ़ के उस आँसू को उसके गाल से चूस लिया... बस इतना ही होना था कि अरुण ने तुरंत ही उसके सिर को पकड़ा और धीरे से अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए.. अरुण के होंठों से जुड़ते ही दोनो के आँसू निकल आए और दोनो एक दूसरे को किस करने लगे.. दोनो एक दूसरे को बेतहाशा किस करने लगी.. सोनिया तो जैसे उसे खा ही जाने की कोशिश कर रही थी.. फिर जब उन्हे साँस लेना मुश्किल हो गया तो दोनो के चेहरे अलग हुए तो दोनो के चेहरे पर स्माइल थी.. लेकिन तुरंत ही सोनिया अरुण के उपर चढ़ गयी और दोबारा दोनो का किस स्टार्ट हो गया. अरुण अपने हाथ सोनिया की कमर पर ले गया और कस के उसे अपने उपर दबाने लगा और उसके होंठों की रस की मस्ती मे खोने लगा..


पहले तो किस सिर्फ़ होंठों तक सीमित था.. सोनिया कभी उसका निचला होंठ चूस्ति तो कभी उपर वाला...अरुण भी कभी उसके होंठों को दाँतों मे लेकर खेंचता और काट लेता कभी सिर्फ़ चूस्ता फिर सोनिया ने अपनी जीभ को उसके होंठों के रास्ते मूह मे डाला तो अरुण ने उसकी जीभ को चूसना स्टार्ट कर दिया और फिर उसने भी अपनी जीभ को उसके मूह पर डाला.
दोनो अपनी अपनी जीभ से एक दूसरे के मूह का मुआयना करने लगे..इस बार जब दोनो अलग हुए तो दोनो के होंठों के बीच एक थूक का धागा बना हुआ था जिसे देख दोनो फिर एक दूसरे की तरफ लपके और फिर किस स्टार्ट हो गया...10 12 मिनिट तक ऐसे ही किस करने के बाद दोनो हान्फते हुए अलग हुए और सोनिया उसके गालों पर माथे पर चिन पर हर जगह किस करने लगी फिर उसके गले से लेकर उसके सीने तक किस करती हुई आई और फिर वही अपना सिर रख दिया..
अरुण ने भी उसका सिर चूमा और फिर दोनो अपनी साँसों पर काबू पाने लगे..अरुण की उपर नीचे होती छाती के साथ ही सोनिया का सिर भी उपर नीचे हो रहा था.. लेकिन इस बार सोनिया के चेहरे पर एक सुकून वाली स्माइल थी. अपना प्यार मिल जाने का सुकून.. ऐसे ही 15 मिनिट दोनो लेटे रहे..

"आइ लव यू.." दोनो एक साथ ही बोल पड़े फिर मुस्कुरा दिए..

"मुझे समझ मे आ गया सोनिया..आइ लव यू टू.." अरुण ने उसका सिर सहलाते हुए कहा.

"आइ लव यू टू भाई..मैं तो पहले से ही जानती थी..आप ही नही मान रहे थे.." सोनिया ने हल्के से उसके सीने पर मारते हुए कहा.. अरुण की फिर कराह निकल गयी..तो सोनिया ने अपने दाँतों मे जीभ दबा ली और बिना आवाज़ के सॉरी कह दिया..

"मुझे समझ मे आ गया कि मैं खुद तुझसे दूर नही रह पाउन्गा अब. अभी सुबह तुम्हारी आँखों मे देखते वक़्त मैने खुद को समझ लिया.. मैं कभी तुम्हे तक़लीफ़ मे नही देख सकता और रोते हुए तो बिल्कुल नही.. आज के बाद तुम्हे कभी भी रोने नही दूँगा.. प्रॉमिस.." अरुण ने उसे उपर उठाकर उसे होंठ को चूमते हुए कहा.. "मैं शायद इसलिए डर रहा था क्यूकी मैं नही चाहता था कि हम लोगो के रीलेशन मे जो चेंजस आए हैं वो फिर से टूट जाए.."

"नही भाई.. अब हम दोनो कभी भी नही लड़ेंगे..सिर्फ़ करेंगे तो प्यार.." सोनिया ने भी उसे किस करते हुए कहा..

फिर दोनो थोड़ी देर किस करते रहे...फिर सोनिया अपने रूम मे चली गयी और अरुण मुस्कुराते हुए लेटा रहा..
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01-24-2019, 11:59 PM,
#16
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
सोनिया के जाने के बाद अरुण शवर लेने बाथरूम मे चला गया.. वहाँ वो गर्म शवर के नीचे आराम से बैठकर पिछले 2 3 दिन मे जिस तरीके से उसकी जिंदगी मे बदलाव आए थे उनके बारे मे सोचने लगा..

उसकी बॉडी पर हल्के हल्के चोट के निशान अभी तक मौजूद थे..काफ़ी ज़्यादा ही मारा था उसे उन लोगो ने.. खैर इस मार से एक फ़ायदा तो हो गया था उसकी जिंदगी मे छोटी बहेन और प्यार की कमी पूरी हो गयी थी.. किस तरीके से उससे नफ़रत करने वाली उसकी छोटी बहेन सोनिया आज उसके बिना सो नही पाती थी..

और सुप्रिया दी.. पता नही जैसे किसी सपने मे जी रहा था वो जो सुप्रिया दी उसकी हेल्प सेक्षुयली करने लगी थी.. वो तो कभी सपने मे भी सोच नही सकता था कि इतनी सीधी दिखने वाली सुप्रिया दी सेक्स मे इतनी ज़्यादा तेज़ होंगी..उनको याद करते ही उसका लंड फिर खड़ा हो गया और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी..

हां लड़ाई से अभी तक एक चीज़ अज़ीब हुई थी.. उसके मन मे आवाज़ कुछ बोल नही रही थी.. जैसे बिल्कुल शांत पड़ गयी हो.. वरना सोनिया के पास रहने पर अब तक गालियाँ और गंदे कॉमेंट्स तो आ जाने चाहिए थे लेकिन पता नही क्यूँ कुछ भी नही हो रहा था.. इस की वजह से अरुण को थोड़ा सूनापन भी लगता था जैसे कोई दोस्त खो गया हो.. माना कि वो कुवह ज़्यादा ही परवरटेड चीज़े बोलती थी लेकिन अब उसे इन सबकी आदत हो गयी थी..

शवर के बाद वो अपने रूम मे तय्यार हुआ ही था.. टाइम अभी कुछ ज़्यादा हुआ नही था.. उसके रूम की खिड़की से राइज़िंग सन को देखा जा सकता था..तभी उसके दरवाजे पर नॉक हुआ.."डीसेंट??" आरोही की आवाज़ आई..

फिर अरुण के हां कहने पर वो अंदर आ गयी.. वो अपने जॉगिंग आउटफिट मे थी.. पिंक स्पोर्ट्स ब्रा और पिंक आंड ग्रे रन्निंग शॉर्ट्स..
"माल...दूधू.." 

और इसी के साथ उसके मन की आवाज़ की एंट्री हो ही जाती है..

ये सोचकर अरुण के चेहरे पर स्माइल आ जाती है..

"तो आज सोनिया के साथ क्या हुआ??" वो थोड़ा हँसते हुई बोली..

"प्लीज़...मेरी बहना प्लीज़...कॅंट यू फर्गेट तट" अरुण हाथ जोड़कर बोला..

"नेवेर..अच्छा छोड़ो ये बताओ क्या डिसाइड किया??"

अरुण थोड़ी देर उसे देखता है.
"प्लीज़ डोंट गेट मी रॉंग बट आइ थिंक आइ ऑल्सो लव हर..नोट इन दा सेम वे ऐज शी डज़ बट एक भाई की तरह भी नही..आइ आम कन्फ्यूज़्ड इन बिट्वीन.. लेकिन..कल रात.."

"कल रात क्या??" आरोही पूछती है..

तो अरुण कल रात से लेकर सुबह तक का पूरा किस्सा सुना देता है..

"मुझे खुद नही पता उस टाइम मुझे क्या हो गया.. मुझे लगा कि बस मैं दुनिया की हर ख़ुसी उसके पैरों मे डाल दूं लाके और उस टाइम उसके सामने अपना प्यार या जो कुछ भी है वो आक्सेप्ट करने के अलावा मुझे कोई बेटर रास्ता नही सूझा..अटलिस्ट उसने रोना छोड़कर मुस्कुराना तो स्टार्ट किया..तुम समझ रही हो ना.." अरुण ने बड़ी आस के साथ पूछा..

"आइ कॅंट टेल यू..कि ये सही था ये ग़लत बट जो भी हो अटलिस्ट वो खुश तो है.." आरोही मे सोच कर बोला..

"बाइ दा वे.. वाना कम वित मी फॉर आ शॉर्ट जॉगिंग.." आरोही हल्की सी स्ट्रेचिंग करती हुई बोली..

"नो वे.. अभी भी हल्का हल्का दर्द होता है.. 2 3 दिन बाद चलूँगा..प्रॉमिस यू गो.."

फिर आरोही बाइ बोल कर चली जाती है..लेकिन दरवाजा बंद करते ही आह सोनिया कहना नही भूलती जिसे सुन कर अरुण के चेहरे पर स्माइल आ जाती है..

फिर वो कपड़े पहेन कर किचन मे चला जाता है.. उसे भूख लग रही थी तो चोकोस और दूध लेकर खाने लगता है क्यूंकी बाकी सब तो अभी सो रहे थे..खाते खाते उसे उपर से सीढ़ियों पर चलने की आवाज़ आती है तो उसे समझते देर नही लगती कि आरोही आ रही होगी..

"पीछे से गान्ड देखियो..भाई मज़ेदार गंद है उसकी.."

अरुण अपना सिर हिलाता हुआ सींक मे बर्तन डाल देता है और हॉल मे सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा..

"एक बार पीछे देख भाई प्लीज़"

अरुण को पता है कि आरोही पीछे स्ट्रेचिंग कर रही होगी.. लेकिन फिर पलटकर देखता है तो फिर देखता ही रह जाता है..

स्ट्रेचिंग करते वक़्त आरोही की हर माँस पेन्सी फूल रही है और उसका अंग अंग चमक रहा है..अरुण की नज़र उसके पैरों से होती हुई जैसे ही उसके कुल्हों पर पड़ी उसके साँसें अटकने लगी..

उसके हिप्स की मसल्स फ्लेक्स हो रही जब वो भी इधर से उधर होती.. अरुण बार बार अपना ध्यान टीवी की ओर लगाने की कोसिस कर रहा था लेकिन कोई फ़ायदा नही..

फिर वो हुआ जो आज तक कभी भी नही हुआ था..

"जाओ और जाके हग कर ले" 

उसके मन की आवाज़ ने पहली बार कोई बात इतनी सिंप्ली कही थी जो सेक्स से रिलेटेड नही थी..
अरुण को भी पता नही क्या सूझा वो उठा और सीधा जाके आरोही को पीछे से हग कर लिया..
उसने आरोही की कमर मे हाथ डाला और उसे अपनी तरफ़ खींचा.. आरोही भी बिल्कुल उस से सट गयी और उसके हाथों के उपर अपने हाथ रख दिए.. हगिंग वग़ैरह उन दोनो के बीच कामन था.. क्यूकी उन के बीच कभी भी कोई सीक्रेट तो रहा ही नही तो दोनो काफ़ी क्लोज़ थे एक दूसरे के..

लेकिन ये जिस्म..अरुण के लंड मे हल्की सी ऐंठन आनी स्टार्ट हो गयी जैसे ही उसे रीयलाइज़ हुआ कि आरोही की गान्ड उसके लंड पर है.. तो वो तुरंत ही अलग होने लगा लेकिन..

"दूध छू..दूध" 

अरुण के हाथ जैसे अपने खुद की मर्ज़ी से उसके दूधो से रगड़ते चले गये..और वो दूर हट गया.

आरोही ने कहा.."बड़ा प्यार आ रहा है आज मुझ पर." और बाइ बोलकर घर से बाहर चली गयी..

"तू पक्का सॅंडल पड़वायेगा.." अरुण अपने मान को कोसते हुए कहता है..

फिर उसे जब पता चला कि वो दोबारा अपने आप से ही बात कर रहा है तो बोला.."यप आइ रियली नीड हेल्प.."

"क्यू किसलिए हेल्प चाहिए??" स्नेहा अपने रूम से अपना नाइटसूट पहने बाहर आई..

"दी अगर मैने बताया तो आप बिलीव नही करोगे.." अरुण ने उसकी तरफ मुड़ते हुए कहा..लेकिन पलटकर देखा तो उसके आँखें फिर अटक गयीं..

"इस घर की लड़कियाँ तेरा लंड बैठा नही रहने देंगी.."

स्नेहा टीशर्ट पहने हुई थी और उसके बड़े बड़े बूब्स काफ़ी झलक रहे थे टीशर्ट के अंदर से..

लेकिन फिर अरुण ने अपना ध्यान अहं से हटाया और सोचने लगा कि आख़िर स्नेहा ही तो है जो ये बात समझ सकती है तो भी उसके पीछे किचन मे चला गया. स्नेहा ने अरुण से पूछा मिल्कशेक के लिए और मिल्कशेक तय्यार करने लगी..वो थोड़ा झुक कर खड़ी थी तो फिर से अरुण की आँखें वही पर चली गयी..

"यार इसके इतने बड़े बूब्स हैं फिर आज तक कोई बाय्फ्रेंड क्यूँ नही बनाया पूछ.."

"पगला है क्या.." अरुण ने मन मे सोचा..

"चाहिए??" स्नेहा की आवाज़ से अरुण अपने विचारों से बाहर आया..

"उहह..सॉरी..नही मैं पहले ही सीरियल्स खा लिए.." अरुण लड़खड़ा कर कर बोला..

उसने काफ़ी बड़े बूब्स की लड़कियों को देखा था पर उसकी स्नेहा दी की बात ही कुछ और थी..उनके बूब्स उन पर सूट करते थे और वो वीक मे 2 3 दिन सोनिया और आरोही के साथ रन्निंग भी कर लेती थी..

"मैं बताऊ तो मिल्कशेक गिरा देना इसके बूब्स पर फिर देखना चाटती है कि नही.हिहीही" मन ने कहा

स्नेहा ज़्यादातर शांत ही रहती थी आंड मोस्ट्ली बुक्स पढ़ती रहती थी जब तक कोई उसे खुद अपनी बातों मे इंक्लूड ना करे वो खुद कुछ नही करती थी. और ख़ासकर वो यूषुयल गर्ल टॉक तो बिल्कुल ही कम करती थी..मेकप लड़के टीवी सीरियल ये उसकी दुनिया का हिस्सा नही थे..वो ज़्यादातर कुछ इंट्रेस्टिंग बोलती भी थी तो वो किताबी बातें होती लाइक जीके फॅक्ट्स ऑर हिस्टरी..

"बाइ दा वे परसो के लिए सॉरी.." स्नेहा बोली..

"परसो..??" अरुण को कुछ समझ मे ही नही आया..

"अरे वो चाउमीन और जो कुछ हुआ..सॉरी" स्नेहा ने अपने बूब्स की तरफ इशारा करते हुए बोला..

वो इन चीज़ों को लेकर काफ़ी ओपन थी..उसे ये समझ मे ही नही आता था कि इनमे शरमाने की बात क्या थी..तो अगर किसी को ट्रू अड्वाइज़ चाहिए तो वो स्नेहा के पास ही आता था..

"ओह..कोई नही दी..होता है" अरुण ने साइड मे देखते हुए कहा..

"मैं खुद कभी कभी इनसे परेशान हो जाती हूँ.." स्नेहा फिर से बोली.

"भाई..ये होती है लड़की..खुद ही अपने भाई से अपने बूब्स के साइज़ की बात कर रही है..सल्यूट" अरुण के मन ने कहा

"मैं कुछ समझा नही दी.." अरुण बोला..उसे सच मे समझ मे नही आया कि किसी को इतने सुंदर और सुडौल बूब्स से क्या प्राब्लम हो सकती है..

"अरे..आइ आम जस्ट सेयिंग..अगर इनका साइज़ कम होता तो ज़्यादा बेटर होता लाइक सोनिया और आरोही.." स्नेहा मिल्कशेक मे इंग्रीडियेंट्स डालते हुए बोली..

"नही दी आप जैसे हो बहुत ही अच्छे दिखते हो.." अरुण उसे अच्छा फील करवाने की कोशिश करता है.

"नही यार इनका साइज़ मेरी बॉडी के रेशियो मे सही नही है.." स्नेहा अपने बूब्स को हल्के से हाथ लगा के बोली..

"उठा दे उठा दे.." अरुण के दिमाग़ ने कहा

"नही दी.. आप ऐसे ज़्यादा सुंदर दिखती हो.." अरुण बोला..

"सच मे लेकिन अकॉरडिंग टू ***** बुक बॉडी आंड ब्रेस्ट्स का रेशियो **** रहना चाहिए??" स्नेहा किसी किताब को याद करके बोली..

"अरे दी किताब मे लिखी हर बात सच नही होती.. आप किसी से भी पूछ लो.. आप पर इतना साइज़ सूट करता है.." अरुण ने स्माइल के साथ जवाब दिया..

"सच मे...अच्छा अगर तुम कह रहे हो तो ठीक ही होगा.. बाइ दा वे अब दर्द कैसा है.." स्नेहा मिल्कशेप को गिलास मे पोर करते हुए बोली..

"अब सही है दी..काफ़ी कम हो गया है."

"मौका मौका मौका..."

फिर वो और स्नेहा दोनो टीवी देखने लगे आके थोड़ी देर मे सोनिया भी नीचे आ गयी और वो आके सीधे अरुण से सट कर बैठ गयी और उसका एक हाथ भी पकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया..

सुप्रिया भी तब तक जाग गयी थी और वो किचन मे ब्रेकफास्ट तय्यार कर रही थी.. तब तक हल्की सी लंगड़ाती आरोही घर के अंदर एंटर हुई अओर आके सोफे के सामने कार्पेट पे बैठ के पैर पकड़ लिया..

"अववव..ओउ.." आरोही कराहते हुए बोली..

उसे देख कर सब हँसने लगे..

"नस चढ़ गयी ना.." अरुण ने पूछा.

"जब पता है तो पूछ क्यूँ रहे हो...अरुण प्लीज़ मसाज कर दो पैर की...प्लीज़ मेरा अच्छा भाई.." आरोही लेट कर बोली..वैसे अरुण मसाज करता भी काफ़ी अच्छी था घर मे सोनिया को छोड़कर बाकी सब उस से कभी ना कभी मसाज करवाते रहते थे...

"ओके...ओके.." अरुण आगे बढ़ के कार्पेट पर बैठ जाता है आरोही को पेट के बल लिटा कर उसके पंजो की मसाज करने लगता है...पंजो की मसाज करते करते वो जब आरोही की सेक्सी गान्ड देखता है उसके हाथ हल्के से काँपने लगते हैं..उपर से उसे अब डर लगने लगा कहीं सोनिया और स्नेहा दी ये ना देख लें कि वो अपनी ही बहेन की गान्ड देख रहा है..

जैसे जैसे उसके हाथ मसाज करते हुए उसके पैरों के उपर बढ़ने लगे आरोही भी हल्के हल्के रिलीफ के साथ आह आह कहने लगी जैसे ही उसके हाथ जाँघ पर पड़े और उसने मखमली जाँघ को दबाया आरोही ने अपनी गान्ड हवा मे हल्की उठा के आह भरी..

"आअह..सो गुड.." वो बोली..

अरुण ने पीछे देखा तो उसने देखा कि उसके पीछे पलटते ही दोनो ने अपना सिर टीवी की ओर मोड़ लिया..खैर अरुण धीरे मसाज करता रहा..खैर अरुण की भी हालत उसकी गान्ड देख कर खराब हो रही थी तो उसने जल्दी से मसाज पूरी की..

"ओके हो गया.."

"प्लीज़ थोड़ी देर और.." आरोही बोली..

"नोप .." अरुण उठने के लिए घुटनो पर बैठा..

"भाई प्लीज़ एक बार एक बार चपत मार.."

अरुण को भी पता नही क्या हुआ उठते हुए उसने एक बार उसके चुतड़ों पर मार दिया..

"आउच....अया" आरोही की कराह निकल पड़ी..

अरुण तेज़ी से हँसता हुआ पलटा लेकिन तभी इतनी तेज़ी से मुड़ने के चक्कर मे पसलियों मे पेन हुआ..तो वो रुका तब तक आरोही ने उसकी गर्दन मे अपने पैरो से लॉक लगा कर उसे गिरा दिया..

"अब कहाँ बच के जाओगे...बेटा जी.." आरोही अपनी पकड़ मजबूत करके बोली..

ऐसे फाइट्स उन दोनो के बीच कामन थी तो बाकी सभी ये देख हँसने लगे..

और फिर वो उसके गुदगुदी करने लगी..अरुण बेचारा दर्द से कराह भी रहा था और हँस भी रहा था..उसने हिल डुल कर छूटने की कोशिश की तो पकड़ और भी मजबूत हो गयी..

"एक मिनिट...मेरी गॅस निकालने दो.." आरोही बोली..

"एवववव...." सोनिया और स्नेहा दोनो अपनी नाक बंद करते हुए बोली..सच मे आरोही की गॅस पूरे के पूरे हॉल को खाली करवा सकती थी..

अब तो अरुण और ज़्यादा छटपटाने लगा..
"नो...नो..."

अरुण बोला..

"बेटा तू गॅस से मरेगा.."

"सॉरी बोलो..." आरोही बोली..
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01-24-2019, 11:59 PM,
#17
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
आरोही जैसे ही थोड़ी ढीली हुई अरुण ने पलटकर उसे पटखनी दी और उसको पीछे से पकड़ लिया पैरो से और एक हाथ से उसके हाथ उसकी पीठ के पीछे पकड़ लिए और दूसरे हाथ से उसके पेट मे गुदगुदी करने लगा...

"नाउ यू से सॉरी.." अरुण गुदगुदी करते हुए बोला..

आरोही हँसते हुए छूटने की कोशिश करने लगी जिसके कारण उसकी गान्ड अरुण के लंड पर रगड़ने लगी और लंड खड़ा होने लगा..

अरुण और आरोही दोनो को पता चल गया कि अरुण का लंड खड़ा है और आरोही के चुभ रहा है लेकिन दोनो रुके नही..

"से सॉरी.." अरुण और ज़्यादा गुदगुदी करते हुए बोला...

"हः...ओके ओके आइ'म सॉरी.." आरोही आख़िर हान्फते हुए बोली...

4-5 अरुण खड़ा होते हुए बोला..ये उनके बीच गेम था कि कौन गुदगुदी मे जीतेगा..मोस्ट्ली तो आरोगी ही जीता करती थी क्यूंकी अरुण जीतने भी देता था...लेकिन फिर अरुण को ध्यान आया कि उसके लोवर मे से उसके एरेक्षन को आराम से देखा जा सकता है..

"निकाल के यहीं हिला.." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ आई

अरुण थोड़ा जल्दी से पीछे पलटा और अपने रूम की तरफ जाने लगा...सुप्रिया बाथरूम से नहा कर निकली तो अरुण को अपना खड़ा लंड छुपाते हुए उपर भागते देखा तो वो भी सीढ़ियाँ चढ़ने लगी...

अरुण जैसे ही अपने रूम मे पहुँचा पीछे से सुप्रिया उसके रूम मे आ गयी और उसने रूम बंद कर दिया.. वो तुरंत ही उसके उपर चढ़ गयी और दोनो दरवाजे से सट कर किस करने लगे..सुप्रिया डाइरेक्ट अपनी जीभ से उसके मूह का मुयायना करने लगी..दोनो मे बड़ी ही तेज़ी से किस हो रहा था..सुप्रिया किस करते करते अपने हाथ उसकी पीठ को सहलाते हुए उसके लोवर के अंदर डाल दिए.. और उसे अपनी ओर खींचने लगी..अरुण का लंड सीधे उसकी चूत से टकराने लगा.. 

फिर दोनो अलग हुए तो अरुण ने देखा कि सुप्रिया ने आज सूट पहेन रखा है..उसे उस पर और प्यार आने लगा और उसने फिर से उसे अपनी ओर खेंच लिया और किस के साथ साथ उसकी गर्दन भी चूमने लगा.. एक तो वो अभी नहा के निकली तो ठंडी ठंडी गर्दन पर अरुण के होंठों के गर्म अहसास से उसके तन बदन मे आग लग गयी और वो दोबारा उसे अपने उपर खींचने लगी..

"गिरा के चोद डाल.." दिमाग़ से आवाज़ निकली

"तुम पहले भी ये राय दे चुके हो.."अरुण ने उसे मन मे बोला.."कुछ नया नही सोच सकते.."

"क्लॅसिक्स कभी नही बदलते मुन्ना.."

सुप्रिया ने फिर अपने हाथ नीचे किए और घुटनो के बल बैठ के पहले तो लोवर के उपर से उसके लंड को चूमा फिर उसका लोवर नीचे करते करते रुक गयी..

अरुण ने सवाल भरी निगाह से उसकी ओर देखा तो वो बोली.."मुझे ध्यान आया मैने कहा था कि अगली बार इतनी आसानी से कुछ नही मिलने वाला..काम करना पड़ेगा.." सुप्रिया नॉटी स्माइल के साथ बोली..

"ओह..."
ये बोल के अरुण के मन मे बर्तन और कपड़े धुलने की तस्वीरें आ गयी..

"भाई इसके लिए धोबी बनना पड़ेगा तो क्या दिक्कत है..कर ले" दिमाग़ मे आवाज़ आई

"करना तो मुझे पड़ेगा" अरुण सोचते हुए बोला..

"कपड़े या बर्तन...बताओ क्या धोना है??"

"अरे इतना बढ़िया मौका इन चीज़ों मे थोड़ी ना वेस्ट करूँगी मैं." सुप्रिया उसे आँख मार के बोली और बेड पर बैठ कर अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी..

"दी कोई सुन लेगा.."अरुण आस पास देखते हुए बोला..

तो सुप्रिया ने पास मे सीसी ऑन कर दिया.."अब कोई दिक्कत नही होगी.." और अपनी सलवार निकालने लगी..

"दी मैने कभी भी.." अरुण बोलते हुए शर्म से लाल होने लगा.

"चूत नही चाटी..है ना..वर्जिन कहीं का..छी.." 

आवाज़ उसे ताना मारते हुए बोली.

"दिस ईज़ नोट हेल्प" अरुण मन मे ही बोलता है.

"ओह स्वीतू.." सुप्रिया मुस्कुराते हुए बोली.."शरमाने की कोई ज़रूरत नही. तुम किस तो वैसे भी इतना मस्त करते हो..मुझे पूरा यकीन है कि तुम ये भी बहुत अच्छे से करोगे. उपर से मैं बताती रहूंगी..ओके.."

"ओके.."अरुण मुस्कुरकर एग्ज़ाइटेड होकर बोला..."मुझे कभी नही लगा कि आप किस और ब्लोवजोब से भी आगे बढ़ेंगी मेरे साथ..आइ आम रियली हॅपी थौट.."

"मी टू.." सुप्रिया ने अपनी सलवार घुटनो से नीचे करते हुए कहा..

अरुण धीरे से आगे बढ़ा और सुप्रिया को बिस्तर पर पूरी तरह लिटा दिया और उसके पैरो के बीच जाकर पहला किस जाँघ के अंदर किया...तो उसने देखा कि सुप्रिया ने ब्लॅक कलर की ट्रॅन्स्परेंट पैंटी पहनी है..तो उसने उपर देखा..

"मैने सोचा तुम्हे छोटा सा सर्प्राइज़ दूं..मैं नॉर्मली नही पहनती पर आज तुम्हारे लिए.." और फिर अपना सिर नीचे कर लिया..

अरुण ने अपने आप को कंट्रोल किया और उसकी जांघों के अंदर और चूत से थोड़ा पहले किस करने लगा..कभी एक जाँघ को किस करता फिर दूसरी को चाट लेता फिर नेक्स्ट वाली चाटता..

"दट'स गुड..." सुप्रिया आहें भर कर बोली..मस्ती मे उसकी आँखें बंद हो गयी थी..और वो अपनी कमर हल्की हल्की हिलने लगी.."ओह..माइ..."

अरुण उसकी जांघों को ही किस किए जा रहा था फिर उसने दो उंगलियाँ पैंटी के अंदर डाली लेकिन उतारने से पहले एक बार पैंटी के उपर से चूत पर किस कर दिया..जिस से सुप्रिया की एक लंबी.."आअहह..." निकल गयी..फिर उसने पैंटी को भी नीचे कर दिया..अब उसके सामने अपनी सुप्रिया दी की गुलाबी चूत सामने थी..चूत पर बालों का नामोनिशान नही था..उसे देख कर ही पता चल गया कि आज ही बाल उड़ाए गये है..और उसे अपनी दी पर और ज़्यादा प्यार आ गया..
फिर वो सुप्रिया की तरफ देखने लगा..

"मैने सोचा एक और सर्प्राइज़ दूं तुम्हे..अच्छा लगा.." सुप्रिया बोली..

"अच्छा...अवेसम...तेरी तो मौज है बेटे.." दिमाग़ में आवाज़ आई

अरुण कुछ नही बोला बस अपने दाँत दिखा के दोबारा जांघों पर किस करने लगा. फिर धीरे धीरे किस करता हुआ चूत तक पहुँचा..लेकिन चूत को किस करने के अलावा चारों ओर किस कर दिए..फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर जाँघ से लेकर चूत की लकीर के चारों तरफ चाट लिया..

"ओह...अहहह..उहह....." बस सुप्रिया के मूह से यही निकलता रहा..

सुप्रिया से रहा नही गया तो उसने अरुण के सिर पर हाथ रख कर उसे आगे बढ़ने का इशारा किया तो अरुण भी पीछे नही हटा और सीधे जीभ उसकी क्लाइटॉरिस पे रख दी..और फिर उसकी चूत की लकीर के बीच अपनी जीभ डालकर चाटने लगा..

"सिर्फ़ चाटो मत..." सुप्रिया बोली.."तुम..ओह..ओह्ह्ह्ह.." वो आहें भर कर बोली जैसे ही अरुण ने दोबारा क्लाइटॉरिस को मूह मे भरकर चूसा..."आअह तुम दाँतों से रगड़ भी सकते हो..एक दो फिंगर्स भी यूज़ करो..बस रुकना मत प्लीज़..'" सुप्रिया उसके सर को दबाकर बोली..

अरुण ने अपना हाथ आगे किया और अपनी इंडेक्स फिंगर उसकी चूत मे डालने लगा..

"इधर लाओ..आहह.."सुप्रिया ने उसकी फिंगर को पहले अपने मूह मे भरकर चूसा फिर बाकी उंगलियों को भी अपने थूक से गीला कर दिया. उसके बाद वो उसके हाथ को अपनी चूत तक ले गयी और हाथ को पूरा चूत पर लगाकर दो उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल दी..

"ओह्ह..अब मेरे छोटे भाई..धीरे धीरे हुक बनाकर अंदर रगडो ओह्ह..ऐसे ही और साथ मे..आह...ह्म्न..मेरी क्लाइटॉरिस को भी चूस्ते जाओ..ओह्ह्ह्ह.." अरुण ने वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया और वो धीरे धीरे अपनी बहेन को उसकी चूत चूस्कर मज़ा देने लगा..

"ओह...स्वीतू..अरुण..ओह्ह्ह" सुप्रिया अपने पैर उपर उठाने की कोशिश करते हुए बोली तो अरुण ने थोड़ी देर के लिए अपना मूह अलग किया और दोनो उंगलियों को मूह मे डालकर चूसा..उसके रस के स्वाद से उसकी आँखें बंद हो गयी फिर उसने दोबारा अपनी उंगलियाँ सुप्रिया के मूह मे डाल दी..और दोबारा उसकी चूत मे डालकर अंदर बाहर करने लगा..और साथ मे क्लाइटॉरिस को मूह मे भरकर चूसने लगा..अब सुप्रिया बहुत ज़्यादा हिलने लगी और उतनी ही तेज़ी से उसका सिर अपनी चूत के उपर दबाने लगी..

"ओह्ह..माइ..वाउ..तुम इसमे भी पर्फेक्ट हो..यू आर टू गुड स्वीतू..मेरा भाई सबसे बढ़िया चूत चूस्ता है.."अरुण की ये सुनकर स्माइल आ गयी और उसके लंड मे झटका भी लगा..

"यही मौका है..डाल दे लंड..डाल" दिमाग़ मे आवाज़ आई

सुप्रिया की चूत मे कंट्रॅक्षन्स होने लगे और उसे ऑर्गॅज़म होने लगा..तो उसने बहुत ही तेज अरुण का सिर अपनी चूत पर दबा दिया.."अहह..अरुण..अरुण..ओह्ह्ह" कहते हुए झड़ने लगी..मस्ती मे उसकी कमर और उपर उठ गयी..और पैर काँपने लगा..फिर धीरे धीरे वो शांत होती गयी..

अरुण ऑर्गॅज़म के थोड़ी देर बाद भी क्लाइटॉरिस को जीभ से रगड़ता रहा फिर उपर उठ कर उसको किस किया और पूछा."दी कैसा लगा..??"

"बेकार चूत तो मारी ही नही..??हन्न बड़ा आया लंड वाला.." दिमाग़ में आवाज़ आई

सुप्रिया ने पहले उसे किस किया फिर बोली.."अरुण..तुम्हे सिर्फ़ चूत चूसने के लिए ही पैदा होना चाहिए था..." फिर उसे दोबारा थोड़ी देर किस किया फिर उसे उपर से हटा कर अपनी पैंटी और सलवार सही करने लगी..

"दी आपने गिफ्ट के लिए बोला था..??" अरुण भी अपने मूह पोछते हुए बोला..

"गिफ्ट मिलेगा..सही वक़्त आने पर मिलेगा.."

तभी दरवाजे पर नॉक होती है तो सुप्रिया जल्दी से बेड की नीचे छुप जाती है और अरुण वॉर्डरोब से कपड़े निकालने की आक्टिंग करने लगता है..तभी आरोही अंदर आती है..जल्दबाज़ी मे सुप्रिया ने अपनी चुनरी वही बेड के नीचे छोड़ दी थी..

"अरुण..मेरी स्कूटी देख लोगे..अजीब सी आवाज़ निकाल रही है.."

"हुन्ह..ओके..तुम चलो मैं आता हूँ.." अरुण उसकी तरफ पीठ करे करे बोला क्यूकी उसके लोवर मे तो तंबू बना हुआ था..

"थॅंक्स.." आरोही ने थॅंक्स बोला लेकिन थोड़ा रुककर. उसकी नज़र चुनर पर पड़ गयी थी और वो बड़े ध्यान से उसे देख रही थी..फिर अरुण को दरवाजा बंद होने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन उसने आरोही के चेहरे पर चौकने वाला एक्सप्रेशन नही देखा..

फिर सुप्रिया बेड के नीचे से बाहर आई..और अपनी चुनर ठीक करते हुए बोली..

"बाल बाल बचे.."

"आपको लगता है बच गये.." अरुण थोड़ा तेज़ी से बोला.."मैने कहा था किसी ने सुन लिया तो.."

"ष्ह..किसी ने कुछ नही सुना होगा अरुण.. आरोही को कुछ भी शक नही हुआ होगा.." वो बोली..

"ओह..शिट..आपकी चुनर फर्श पर थी..उसने पक्का आपकी चुनर देख ली होगी..अब तो गये.." अरुण परेशानी मे और तेज बोलने लगा..

"ष्ह..धीरे बोलो वैसे चाहे किसी ने कुछ ना सुना हो लेकिन तुम्हारी आवाज़ ज़रूर सुन ली जाएगी..और सॉरी अब तुम्हे आराम तो नही दे पाउन्गी..सॉरी...आंड थॅंक यू फॉर फन.." सुप्रिया उसे किस करते हुए बोली..

"बेटा अब खुद ही हिलाओ.." दिमाग़ में आवाज़ आई

"इस समय दिमाग़ ना खराब करो.." अरुण ने सोचा.

"बाइ दा वे जैसे ही टाइम मिलेगा तुम्हे तुम्हारा गिफ्ट ज़रूर मिलेगा..आंड आइ आम प्रेटी श्योर यू'आर गॉना एंजाय इट..बिकॉज़ आइ आम गॉना गिव यू फक वित आ स्पेशल ट्रीट" सुप्रिया उसे किस करते हुए बोली....

बाहर दरवाजे से कान लगाकर खड़ी आरोही के तो पैरो तले ज़मीन ही खिसक गयी ये सुनकर..फिर उसने जैसे ही नॉब को घूमते देखा तुरंत ही भागकर अपने रूम मे चली गयी..

"यह हुई ना बात." दिमाग़ मे आवाज़ आई

अरुण ये सुनकर कुछ बोलना चाहता था लेकिन बोला नही और जाके कंप्यूटर पर बैठ गया..सुप्रिया बाहर जाने को हुई लेकिन फिर वापस उसके पास आकर बोली..

"आइ नो दिस ईज़ टोटली डिफरेंट टॉपिक..लेकिन आइ आम रियली हॅपी कि तुम सोनिया की इतनी केयर कर रहे हो..उसे सही मे इस टाइम अपने भाई की ज़रूरत है..थॅंक यू.." सुप्रिया उसके बालों मे हाथ घुमा कर बोली फिर उसका सिर चूम लिया..

"दी वो उसे अकेले सोने मे डर लगता है कह रही थी तो क्या मेरे साथ सो सकती है..वैसे कल रात भी सोई थी..आपको कोई प्राब्लम तो नही.."

"आइ कॅन इमॅजिन..तुम्हारे पास सोने मे मज़ा तो आता ही होगा.. और वैसे भी मुझे क्या प्राब्लम होगी..आइ लव यू आंड हर बोथ..इनफॅक्ट ऑल ऑफ यू.." सुप्रिया वैसे ही बोली..

"वी लव यू टू दी..मुझे बस लगा कहीं आप जेलस ना हो जाओ ये जानकर की सोनिया मेरे पास सोती है..और मैं उसे थोड़ी ज़्यादा अटेन्षन दे रहा हूँ आजकल."

सुप्रिया को ये सुनकर बहुत अच्छा लगा कि उसे उसकी और सोनिया की इतनी चिंता है..

"स्वीतू.. तुम्हारे उपर जितना हक मेरा है उतना ही बाकी सब का भी है..वी आर फॅमिली रिमेंबर..और वैसे भी उसे ठीक होने के लिए जैसे हेल्प चाहिए होगी हम लोग देंगे..मुझे कोई प्राब्लम नही है..इनफॅक्ट आइ आम हॅपी.."

अरुण ने इतना सुनकर एक बार फिर सुप्रिया को गले से लगा लिया और उसे किस किया फिर..सुप्रिया रूम से जाने लगी लेकिन दरवाजे पर जाकर बोली.."मेरे पास एक आइडिया है जिसे तुम सब पसंद करोगे..नीचे आ जाओ जल्दी से फिर बात करते हैं ओके..बाइ लव यू.." सुप्रिया इतना बोलकर चली..गयी..

"ग्रूप सेक्स..." दिमाग़ में आवाज़ आई

"प्लीज़" अरुण सोचता हुआ कपड़े चेंज करने लगा फिर नीचे जाके सोनिया और स्नेहा के बीच मे बैठ गया.. आरोही को आवाज़ देनी पर वो भी नीचे आ गयी और चुपके चुपके कभी अरुण को देखती कभी सुप्रिया. उसके चेहरे पर कन्फ्यूषन और हल्के से गुस्से के भाव थे...खैर इधर अरुण की हालत पहले से ही खराब थी अब और ज़्यादा खराब हो रही थी..स्नेहा भी उस उसे थोड़ा चिपककर बैठी थी..तो अरुण के मन मे बार बार उसके दूध छूने की इच्छा हो रही थी..खैर सुप्रिया के वहाँ आने पर उसने अपना ध्यान सुप्रिया के उपर लगाया..

"तो. आइ हॅव ऐन आइडिया..हम लोगो को वाकेशन की ज़रूरत है.."

अरुण तो ये सुनकर तुरंत ही एग्ज़ाइटेड स्टेट मे आ गया.. वो सच मे इस घर से कुछ दिनो के लिए दूर जाना चाहता था. थोड़ा मूड भी फ्रेश हो जाएगा और अपनी सिस्टर्स के कारण जो उसके मन मे हर वक़्त सेक्स ही सेक्स घूमता रहता है शायद उस से भी निजाद मिल जाए..

और उपर से वो लोग जहाँ चाहे वहाँ जा सकते थे. पैसे की तो कोई कमी थी ही नही..हां लेकिन जा नही पाते थे.. पहले तो अरुण और आरोही की पढ़ाई.. फिर सोनिया की पढ़ाई.. कभी स्नेहा की सम्मर क्लासस.. ये पहली बार हो रहा था कि सब लोग घर मे एक साथ थे...

"आइ थिंक..दिस ईज़ ग्रेट आइडिया.." अरुण थोड़ी देर बाद बोला.."हम मे से कुछ लोगो को सच मे रिलॅक्सेशन की काफ़ी ज़्यादा ज़रूरत है.." इस बात पर सब हँसे लेकिन आरोही को इस बात और ज़्यादा गुस्सा आ गया..

"कहाँ जाना चाहिए, वैसे??" आरोही थोड़ा रुखेपन से पूछती है..उसका तो ध्यान ही यहाँ नही थी. वो तो बस सोचे जा रही थी अभी पहली हुई घटनाओ के बारे मे.. अरुण और सुप्रिया दी का चक्कर चल रहा है..हां सोनिया को किस किया तो वो प्यार करती है..लेकिन सुप्रिया दी.. और उनके साथ इतना आगे भी बढ़ चुका है..आंड फर्स्ट मुझे ये बात नही बताई.. उपर से यार भाई बहेन है दोनो..हाउ कॅन डू दे?? लेकिन मुझे इस बात से ज़्यादा फ़र्क क्यू नही पड़ रहा.. मुझे गुस्सा इस बात का है कि अरुण ने मुझसे ये बात छुपाई.. लेकिन क्यूँ मैं इस तरीके से सोच रही हूँ.. उसके मन मे बार बार अरुण और सोनिया के किस्सिंग, लंड चूसने और चूत चाटने के क्लिप्स चलने लगे मन मे..

उसके मन मे ये बातें सोचते वक़्त कुछ और फीलिंग्स भी आ रही थी लेकिन क्या?? ये उसे नही समझ आ रहा था..

"बंगलोर??" सुप्रिया ने पूछा..

"या फिर फॉरिन चले...??" सोनिया का आइडिया..

वो हमेशा से ही अपने भाई के सबसे ज़्यादा करीब रही है..जुड़वा हैं यार.. लेकिन आरोही ने कभी नही सोचा था कि अरुण सुप्रिया दी के साथ ऐसा कुछ कर सकता है.. वो तो सुप्रिया दी को काफ़ी सीधा समझती थी.. लेकिन अरुण कभी इस चीज़ की स्टार्ट नही कर सकता..वो नही है ऐसा.. ज़रूर दी ने ही पहेल करी होगी..वरना अरुण अपनी ही बहेन के साथ ऐसा कुछ करे हो ही नही सकता.. यही हुआ होगा.. अरुण ने शवर मे सोनिया का नाम लेने वाली बात दी को बताई होगी उसके बाद ही कुछ हुआ होगा..

लेकिन दी.मैने कभी दी को तू कहते तक नही सुना और आज..इतनी गंदी गंदी बातें कर रही थी अरुण के साथ कि शी वुड हॅव फक ऑफ हिज़ लाइफ.. लेकिन इन सब से उसे क्या मतलब लेकिन वो ये बातें मन से निकाले भी तो कैसे.. मुझे क्या फ़र्क पड़ता है कि दोनो आपस मे कुछ भी करे दोनो बड़े हैं, स्मझदार हैं.. जो इच्छा हो वो करे.. माना कि ये गैर क़ानूनी था लेकिन अटलिस्ट वो किसी को नुकसान तो नही पहुचा रहे..

"मुझे गोआ ठीक लगता है...इंडिया मे ही है और ज़्यादा दूर भी नही जाना.." अरुण बोले जा रहा था..

आरोही ने एक बार हल्के से अरुण की तरफ देखा. उसने सोचा कि देखो ये इतना शांत दिखा रहा है खुद को और हर वक़्त सेक्स के बारे मे सोचता रहता है.. कभी सोनिया का नाम लेना और अब तो दी के साथ भी. दी को खैर मज़ा तो आता होगा अरुण के साथ.. या हर सेक्स मे ही मज़ा आता होगा..वो सिर्फ़ गेस ही तो कर सकती थी..आख़िर वर्जिन जो ठहरी..अगर मुझे मौका मिले अरुण के साथ सेक्स करने का तो.."ओह माइ गॉड, ये मैं क्या सोच रही हूँ?? पागल तेरा जुड़वा भाई है वो..यू आर थिंकिंग अबाउट हॅविंग सेक्स वित युवर ट्विन ब्रदर??" आरोही खुद से ही सोचे जा रही.. फिर उसे समझ मे आया कि उसे इतना गुस्सा क्यूँ आ रहा था..उसे जलन हो रही थी..कि दी के साथ वो इतना ज़्यादा इंटिमेट हो रहा है.. जबकि वो हमेशा से उसके सबसे ज़्यादा करीब रही है.. हर बात दोनो ने शेयर की है और अगर किसी को एक दूसरे के साथ इंटिमेट होना चाहिए था तो उसे और अरुण को ?? उसे खुद विश्वास नही हो रहा था कि उसे जलन हो रही थी..

उसने अपना सिर हिला कर इन थॉट्स को क्लियर किया..तो सुप्रिया ने उसकी तरफ़ देखा..

लेकिन ये ग़लत है..मैं अरुण के बारे मे ऐसा नही सोच सकती.. वो भाई है मेरा वो भी जुड़वा..लेकिन वो सोचना बंद भी नही कर पा रही थी.. ऐसा लग रहा था कि किसी ने बाँध खोल दिया हो उसके एमोशन्स को और वो उसमे बहती जा रही थी.. उसने कभी भी किसी के लिए ऐसी फीलिंग नही महसूस करी थी.. हां उसके भी 2 3 बाय्फरेंड्स बने थे लेकिन वो सब उसे ये कहकर छोड़ गये कि जाओ अपने भाई के साथ ही टाइम स्पेंड करो.. इतने सालों से वो इन बातों को आक्सेप्ट नही करना चाहती थी लेकिन ऐसा लग रहा मानों किसी ने वो बॅरियर हटा दिया हो और अब उसके मन मे आ रहा था कि उसे ही अरुण के साथ इंटिमेट होना चाहिए थे.. आइ वान्ट टू बी वित हिम..हम लोगो ने हर चीज़ शेयर करी है आज तक. तो ये क्यूँ नही..

"यस.. आइ वान्ट टू बी वित हिम.. मैं जानना चाहती हूँ उसे किस करने पर कैसा फील होता है वो जब किस करता है तो कैसा लगता है..मुझे कुछ ना कुछ तो करना होगा.. अगर सोनिया और सुप्रिया दी ये सब कर सकती हैं तो मेरा तो हक उनसे पहले है..येस्स.एस्स" आरोही मन मे सोचते हुए डिसाइड करने लगी..

"तुम बोलो आरोही..?? गोआ कैसा रहेगा.. अरुण उसके पीछे आके उसके गले मे हाथ डालते हुए बोला.. तो आरोही का हाथ अपने आप ही उसके हाथों को सहलाने लगा..

"एक्सलेंट.." आरोही ने थोड़ा सा खुद को कंट्रोल करते हुए कहा..लेकिन मैं पहले अरुण को थोड़ा ठीक तो कर लूँ और दी को भी..

उसके बाद स्नेहा और अरुण कंप्यूटर से ही होटेल्स वग़ैरह बुक करने लगे.. और दो दिन बाद का प्लान बन गया...

उसके बाद अरुण ऐसे ही कुछ काम करने बाहर चला गया..
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01-24-2019, 11:59 PM,
#18
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
12

रात को सब लोग डिन्नर करने लगे.. तो स्नेहा ने अपने हाथों से चिकन बनाया था जो सबका फॅवुरेट था.. अरुण ने अपनी बहनों के सेक्सी अंगों से ध्यान हटा कर चिकन पर लगाया लेकिन वो बार बार स्नेहा के क्लीवेज की तरफ ज़रूर देखता रहता.. और सुप्रिया और आरोही उसे हमेशा ये करते हुए देखते लेकिन उसे पता नही चलने देते.. सुप्रिया के चेहरे पर तो कुटिल मुस्कान होती लेकिन हर बार आरोही के चेहरे पर कुछ नही होता लेकिन अंदर अंदर गुस्सा आता कि कभी वो उसे इस तरीके से क्यू नही देखता..

खैर खाना खाने के बाद अरुण बोला..

"तो मैने कुछ रिसर्च करी है..आंड सबके लिए वहाँ पर एक सर्प्राइज़ तय्यार किया है..सो बी रेडी टू बी सर्प्राइज़्ड बाइ युवर वंडरफुल ब्रदर.." इतना कह के अरुण अपने रूम मे चला गया पीछे से वो लोग पूछते रहे प्लीज़ बताओ ना लेकिन उसने अपने कान ही बंद रखे..

फिर रात मे सोनिया आ गयी उसके पास और दोनो एक दूसरे को थाम कर सो गये..

सुबह जब अरुण की आँख खुली तो सोनिया फिर से उसे किस कर रही थी..इस बार उसने भी अच्छे से उसके किस का रेस्पॉन्स दिया.. उसका लंड खड़ा हुआ लेकिन दोनो मे से किसी ने इस बात पर रिएक्ट नही किया..फिर थोड़ी देर बाद वो चली गयी..

दरवाजे पर नॉक हुआ तो आरोही ने सिंपल दरवाजे पर खड़े होके ही पूछा.."चल रहे हो??" वो अंदर नही आई और रोज वाली स्माइल भी नही थी उसके चेहरे पर..

"नही आज नही ट्रिप से वापस आकर चला करेंगे.." अरुण ने लेटे लेटे ही जवाब दिया..

"ओके, बाइ" बस इतना बोलकर वो चली गयी..

अरुण को थोड़ा सा अजीब लगा क्यूकी वो दोनो एक दूसरे के कमरे मे सिर्फ़ फॉरमॅलिटी के लिए नॉक करते थे लेकिन आते जाते अपनी मर्ज़ी से थे.. और उपर से आज ना तो वो अंदर आई और ना ही स्माइल थी उसके चेहरे पर और पूछा भी बहुत रूखे तरीके से था.. खैर छोड़ो..कुछ होगा..

फिर वही नॉर्मली जो आक्टिविटी होती हैं दिन की वो करने लगा..और फिर सबने ब्रेकफास्ट कर लिया...दोपहर मे अरुण बोला कि रोहित के घर जा रहा है सो वो चला गया..उधर सुप्रिया ने सबको आइडिया दिया की घूमने के लिए कपड़े अकॉरडिंग टू गोआ और कुछ ज़रूरी समान लेने के लिए स्नेहा, सोनिया और आरोही को भेज दिया.. स्नेहा को नयी बुक्स की ज़रूरत थी सो वो इसलिए गयी बची सोनिया और आरोही शॉपिंग के लिए एग्ज़ाइटेड हो के चली गयी..

अरुण अभी रास्ते मे ही था कि उसका फोन बज उठा..

"गिफ्ट चाहिए तो तुरंत वापस आओ..वेटिंग" ये मेसेज था सुप्रिया का..

"मुड़ा भोसड़ी के.." उसके मन मे आवाज़ आई..

तो वो वापस घर पहुँचा और घर पहुँचते ही सुप्रिया के रूम मे गया तो वो थी नही आवाज़ देने पर पता लगा कि किचन मे है.. तो जाके पीछे से पकड़ के गर्दन पर किस करने लगा..

"कहाँ है गिफ्ट दी.." अरुण बोला..

"तुम रूम मे चलो मैं गिफ्ट लेकर आती हूँ.." सुप्रिया बोली..

तो अरुण सीधे अपने रूम मे चला गया और वेट करने लगा..

थोड़ी देर मे सुप्रिया अंदर आई लेकिन साथ मे उसके हाथ मे चॉक्लेट केक था..

ये देखकर अरुण का मूह उतर गया की उसकी दी गिफ्ट मे उसे ये केक दे रही थी..इसमे क्या सर्प्राइज़..

सुप्रिया उसका मूह देख के समझ गयी कि अरुण को डिसपायंटमेंट हुई है..

"ये लो तुम्हारा गिफ्ट.." सुप्रिया उसकी तरफ केक करके बोली..

अरुण ने उदास मूह से अपनी उंगली केक की तरफ बढ़ाई लेकिन सुप्रिया ने केक पीछे कर दिया..तो अरुण उसकी तरफ देखने लगा..

"ऐसे नही स्पेशल तरीके से.." सुप्रिया केक को टेबल पर रख के बोली..

अरुण बस कन्फ्यूषन मे उसे देखता रहा..

फिर सुप्रिया एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी..पहले टीशर्ट फिर अपना लोवर फिर अपनी ब्रा और फिर पैंटी भी..और फिर आगे बढ़कर अरुण का खुला मूह बंद किया और उसके कपड़े उतार दिए..

"आओ केक खाते हैं" सुप्रिया उसे आँख मार के बोली..

उसने अरुण को बिस्तर पर लिटा दिया फिर.. साइड की टेबल पर केक रखा और उसके साइड मे लेट कर पहले अपनी एक उंगली डिप करी केक मे और वही उंगली अरुण के मूह मे रख दी..तो अरुण मस्ती से उंगली चूसने लगा..

"हाउ'स इट..?" सुप्रिया उंगली को खुद चूस कर बोली..
"टेस्टी..." अरुण भी मुस्कुरा कर बोला..

फिर सुप्रिया ने नाइफ से थोड़ा सा केक लेकर अपने मूह मे लिया और अपना मूह अरुण के मूह पर झुका दिया..और वो एक केक का पीस दोनो के मूह मे घुलने लगा..अरुण तो मस्ती मे आके सब कुछ भूल ही गया... सुप्रिया के थूक मे घुले हुए चॉक्लेट को वो मस्ती के साथ खाने लगा..उन्ह..स्लूर्प्प बस यही आवाज़े आ रही थी कमरे मे..फिर जब ये केक ख़तम हुआ तो सुप्रिया उससे अलग हुई..

"मज़ा आया.." सुप्रिया ने पूछा..

"बहुत ज़्यादा दी.." अरुण बोला..

"तो और मज़े के लिए रेडी हो जाओ.." फिर सुप्रिया ने उसे लिटा दिया और पहले उसके माथे गालों और होंठों पर केक लगाया और चाटने लगी.. वो अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसके गालों से चाटती हुई उसके पूरे मूह को सॉफ कर दिया फिर एक बार उसके होंठों पर किस किया और फिर केक को उसकी गर्दन से लेकर उसकी छाती पर फैला दिया..और फिर गर्दन से लेकर उसकी छाती को चाट डाला..उसने लिक्विड चॉक्लेट को अरुण के दोनो निपल्स पर लगाया और चाटने और काटने लगी..

अरुण की मस्ती मे सिसकारी निकल रही थी.."ओह्ह दी..ऐसे ही..आप उहह..बेस्ट दी हो वर्ल्ड की. आहा.अहहह." अरुण की आह निकल गयी जाभ सुप्रिया ने उसके निपल को दाँतों से काट लिया फिर वो केक को उसके पूरे पेट पर लगा देती है और उसे चाटने लगती है..अरुण के छाती और पेट पूरे चिकने थे..सुप्रिया पूरी मस्ती मे उसके पेट और नाभि मे थूक डाल कर थूक और चॉक्लेट का मिक्स्चर खाने लगती है..

फिर वो और ज़्यादा नीचे बढ़ती है और उसके लंड टेस्टेस और आस पास के पूरे एरिया पर बहुत अच्छे से केक लगाती है लेकिन चाटती सिर्फ़ आस पास के एरिया को है और उसे पूरा सॉफ कर देती है..

फिर वो ध्यान से उसके खड़े लंड को देखने लगती है..

अरुण के लंड मे यह सोचकर झटके लगने लगते हैं कि दी अभी मेरा लंड मूह मे भरकर चूसेंगी..

चॉक्लेट से सना हुआ उसका लंड सुप्रिया को बहुत प्यारा लग रहा है..वो उसकी कमर के दोनो ओर हाथ रखती है और अपनी जीभ निकालकर टिप पे रखी क्रीम को लिक्क कर लेती है..अरुण की सिसकारी निकल आती है..

फिर वो अपना मूह नीचे ले जाके पूरा लंड मूह मे भर लेती है और केक के साथ लंड को चूसने लगती है..अरुण तो मस्ती मे उसके सिर पर हाथ फेरने लगता है और सिसकारियाँ निकालने लगा..सुप्रिया उसके लंड को मूह मे डाले डाले जीभ से पूरा केक चाट जाती है फिर अपना मूह उठा के पहले उसे देखती है फिर केक को निगलती है फिर ढेर सारा थूक लंड पर उडेलने लगी.. और हाथों से आगे पीछे कर के उसके लंड को चूसने लगी..


साथ साथ मे वो अपने हाथ से उसके टेस्टेस को भी सहलाने लगी..थोड़ी देर बाद वो उसके उपर से उठती है और उसके साइड मे लेट जाती है..अरुण समझ जाता है कि अब उसकी बारी है..वो भी सुप्रिया की तरह ही एक पीस केक का काटता है लेकिन उसका साइज़ काफ़ी बड़ा रखता है और सुप्रिया के मूह पर रखकर खाने लगता है थोड़ी देर मे ही दोनो की जीबे आपस मे केक के लिए झगड़ रही होती हैं..दोनो की बॉडी मे जगह जगह चोक्लट लगी हुई है..

फिर अरुण पहले तो हाथों से उसके निपल्स को रगड़ने लगता है फिर नीचे बढ़ कर थोड़ा सा केक दोनो बूब्स के बीच मे लगा कर क्लीव को अच्छे से चूसने लगता है.."ऊहह..बेबी..यू मेक मी सो ..ओह्ह..वेट..सो..गुड.." सुप्रिया सिसकारियों के बीच बीच मे यही बोल रही होती है..फिर अरुण केक को लेकर पूरे बूब्स पर अच्छे से फैलाता है और फिर उन्हे चाट चाट कर सुप्रिया को मस्ती देने लगता है..कभी एक निपल को मूह मे भरकर चूस्ता है कभी दूसरे वाले को..थोड़ी देर मे ही सुप्रिया के दोनो बूब्स उसके थूक से चमक रहे होते हैं..फिर अरुण उसकी कमर से लेकर उसके पूरे पेट मे केक लगाता है और लिक्विड वाला पोर्षन उसकी नाभि मे भर कर नाभि पर टूट पड़ता है..जैसे ही अरुण की जीभ नाभि मे घुसती है सुप्रिया की आअहह निकल जाती है और वो अपनी कमर उपर की तरफ झटकने लगी..

ऐसे ही पूरा पेट सॉफ करके अरुण मेन हिस्से की तरफ आता है पहले हाथ से चूत के चारों तरफ सहलाता है जिसके कारण मस्ती मे सुप्रिया की साँसें उपर नीचे होने लगी फिर वो ढेर सारा केक लेकर चूत और जांघों पर लगाने लगा..लेकिन जैसे ही उसने पूरे हिस्से पर केक लगाया सुप्रिया ने उसका सिर पकड़कर उसे उपर उठा दिया और उसे खुद बिस्तर पर लिटा दिया और अपने आप ढेर सारा केक उसके लंड पर लगाया और अपनी चूत उसकी तरफ कर के 69 की पोज़िशन मे आ गयी..
ये देखकर अरुण के चेहरे पर बहुत बड़ी स्माइल आ जाती है और वो और ज़्यादा केक लेकर चूत पर लगा देता है..

जैसे ही अरुण उसकी जांघों पर अपनी जीभ लगाता है सुप्रिया उसके लंड को मूह मे ले लेती है.. अरुण चूत के चारों तरफ सॉफ कर देता है और चूत के छेद के बिल्कुल किनारे तक जीभ लेकर छोड़ देता है..सुप्रिया की एग्ज़ाइट्मेंट के कारण सिसकारी निकल जाती है और वो लंड को मूह मे भरे भरे ही सीसी करने लगती है..फिर अरुण अपने दाँतों से क्लाइटॉरिस पर रखा केक खाने लगा जिससे सुप्रिया के मूह से गून्गून की आवाज़ आने लगी और वो और ज़ोर से उसका लंड चूसने लगी..अरुण ने फिर अपना मूह खोलकर उसकी पूरी चूत को मूह मे भरा और केक को मूह मे भरकर चाटने और खाने लगा..सुप्रिया मस्ती मे जितनी तेज उसका लंड चूस्ति है उतनी ही तेज़ी से अरुण उसकी चूत चाटने लगता है.. वो अपनी जीभ को छेद के अंदर डाल कर अंदर जो चॉक्लेट है उसे खाने की कोसिस करता है तो सुप्रिया बहुत तेज़ी से अपनी चूत उसके मूह पर दबा कर हिलाने लगती है.."ओह्ह्ह..ओह्ह्ह.उहह.कमिंग" सुप्रिया लंड को मूह से बाहर निकालकर बोलती है और जैसे ही उसने झड़ना स्टार्ट किया तो उसने तेज़ी से पूरे लंड को मूह मे भरकर लिया और इतनी तेज़ी से चूसने लगी कि अरुण को लगा जैसे उसके लंड को अलग ही कर देगी..अरुण लेकिन अपनी जीभ से उसको चोदना चालू रखता है और उसे चूत के रस मे घुली चॉक्लेट खाने मे काफ़ी मस्ती आती है..सुप्रिया ऑर्गॅज़म के बाद उसके लंड को मूह से निकालती है तो अरुण को थोड़ा सा डिसपायंटमेंट होता है लेकिन वो कुछ नही कहता बस चूत को धीरे धीरे चाटता रहता है..


फिर सुप्रिया सीधी होकर उसे किस करने लगी..

"बेस्ट चॉक्लेट आइ एवर एट.." सुप्रिया उसकी गर्दन को चूमते हुए बोलती है..

"बेस्ट गिफ्ट एवर दी.." अरुण भी उसके गाल सहलाते हुए कहता है..

"अभी कहाँ..ये तो आधा गिफ्ट है..." फिर सुप्रिया नीचे पड़े लोवर से एक पॅकेट निकालकर उसे हाथ पर रख देती है..अरुण को पहले तो कुछ समझ मे नही आता लेकिन जब वो उसे देखता है तो उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती हैं..ये पॅकेट कॉंडम का था और वो अचंभे से सुप्रिया को देखने लगता है..

"भाई आफ्टरल चूत मिल गयी..फाड़ जल्दी से चूत इसकी.." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ आती है

"दी.यी...यी...." अरुण कुछ बोलना चाहता है लेकिन बोल नही पाता..

"क्या हुआ.." सुप्रिया भी सर्प्राइज़ हो कर बोलती है..

"दी मैं यह कैसे कर सकता हूँ.? ये इन्सेस्ट है ग़लत है.." अरुण बोलता है..

"मादरचोद...." उसके मन मे आवाज़ बोलती है..और अपने माथे पर हाथ मारती है..

"व्हाट डू यू मीन कैसे..और ये पहले हम लोग क्या कर रहे थे..ये इन्सेस्ट नही था..??" 

"नही दी ऐसा नही है कि मैं ये सब करना नही चाहता लेकिन ये आप सिर्फ़ मुझे खुस करने के लिए या बिना अपनी इच्छा के करो ..ये मुझे अच्छा नही लगेगा..? इट'स लाइक आइ आम फोर्सिंग यू??"

"स्वीतू मैं ये तुम्हे खुस करने के लिए नही कर रही.. आइ वान्ट टू डू इट..ई रियली वान्ट टू हॅव सेक्स वित यू..जिस दिन से तुमने अपना लंड मेरे मूह पर टच किया था उस दिन से रियली ....अब जल्दी से इसे पहनो और अब अपनी दी को खुश करो.." सुप्रिया पॅकेट फाड़ कर कॉंडम उसके हाथ पर रख कर बोलती है..

तो अरुण जल्दी से कॉंडम को अपने लंड पर चढ़ाने लगा..जैसे ही वो आगे बढ़ कर बिस्तर पर बैठने जा रहा था कि बाहर कार का हॉर्न सुनाई पड़ा...तो दोनो को झटका लगा..कि तीनों इतनी जल्दी वापस क्यूँ आ गयी..खैर सुप्रिया जल्दी से कपड़े लेकर बाथरूम मे चली गयी और अरुण जल्दी से कपड़े पहनने लगा..

"नही दी..ये ग़लत है..म्न्न.हह.ह..अब करवा ली कलपद..अच्छी ख़ासी चूत खुद चल कर आई थी नही.. इनको तो महात्मा बनाना है..बनो महात्मा..मादरचोद.." आवाज़ उसे उसी की मिमिकरी बच्चो जैसी आवाज़ मे सुना के खरी खोटी सुनाए जा रही थी...
बाथरूम से निकल कर सुप्रिया ने पूछा तो उन लोगो ने बताया कि थोड़ी ही शॉपिंग करी बाकी गोआ मे करेंगे और फिर सब अपने अपने काम मे लग गये.. उधर अरुण मास्टरबेट करके सो गया..और करता ही क्या बेचारा.

डिन्नर करने के टाइम सब खूब बातें कर रहे थे कि क्या क्या करेंगे गोआ मे लेकिन आरोही थोड़ा सा अजीब बिहेव कर रही थी सो अरुण ने नोटीस भी किया..और वो अरुण की तरफ काफ़ी कम ही देख रही थी..

डिन्नर करके आरोही अपने रूम मे चली गयी तो अरुण भी गया और उसने दरवाजे पर नॉक किया और अंदर आ गया..आरोही बेड पर लेटी हुई छत को देख रही थी तो अरुण भी गया पास मे और लेट कर छत को देखने लगा..

"काफ़ी अच्छी छत है." अरुण बोला..

आरोही कुछ नही बोली..

"हेलो..कोई है.." अरुण ने उसकी आँखों के सामने हाथ हिला कर कहा तो आरोही दूसरी तरफ करवट करके लेट गयी...

"हे....ओये...क्या हुआ.." अरुण ने उसे हिलाते हुए पूछा..

"नतिंग.." आरोही बोली..

"अभी कल तक तो बिल्कुल ठीक थी...अब क्या हुआ.." अरुण ने उसे अपनी तरफ करते हुए पूछा..

"तुम भूल गये ना..." 

"क्या भूल गया.." अरुण भी सोचने लगा..

"मेरी स्कूटी ईडियट.." अभी तक ठीक नही करी है..आरोही मूह फूला कर बोली..

"ओह शिट..सॉरी बाबा पक्का आगे से ध्यान रखूँगा.." अरुण अपने सिर पर हाथ मारकर बोला..

जब सेक्स से ध्यान हटेगा तब स्कूटी ध्यान आएगी ना ...आरोही मन मे सोचते हुए बोली..उसने सोचा तो था कि तुरंत ही कन्फ्रंट करेगी अरुण को इस बारे मे लेकिन अब उसके मन मे पता नही क्या आया कि उसने बात बदल दी..

"हुन्ह.." आरोही बोली..

"अच्छा सॉरी बाबा..आगे से नही होगा पक्का..इतनी ज़रा सी बात तुम नाराज़ हो गयी..बिल्कुल सोनिया बनती जा रही हो... वैसे मैने मेरे और तुम्हारे लिए स्पेशल सर्प्राइज़ तय्यार किया है गोआ मे." अरुण उसके गाल चूमते हुए बोला..

सर्प्राइज़ का नाम सुनके आरोही को भी काफ़ी एग्ज़ाइट्मेंट हुई.. ऐसा भी नही था कि वो सच मे नाराज़ थी अरुण से वो तो बस उसका अटेन्षन चाहती थी जो उसे मिल रहा था..

"उसे भी भूल जाओगे मैं जानती हूँ.."

"अरे नही भूलूंगा..अब मुझे आ रही है नींद वैसे भी कल अपन लोगो को निकलना है..तो जल्दी से मुझे मेरा गुड नाइट किस दो और सो जाओ.." अरुण ने अपना गाल आगे कर दिया..

तो आरोही ने फिर उसके गाल पर किस किया लेकिन उस किस को दोबारा थोड़ा उसके गाल से मूह की तरफ कर दिया.. अरुण ने भी उसका सिर चूमा और बाहर आकर अपने रूम मे चला गया..

फिर रात मे सोनिया आ गयी और दोनो मीठी नींद मे सो गये..

अगले दिन सबने अपना लगेज पॅक किया और एरपोर्ट चले गये.. गोआ पहुँचने तक अब नॉर्मल ही था.. वहाँ से टॅक्सी बुक करके वो रेंटेड घर मे गये..वहाँ दो रूम थे.. तो एक मे सुप्रिया और स्नेहा चले गये हालाँकि सुप्रिया का मन अरुण के कमरे था लेकिन जाना पड़ा..और एक मे अरुण आरोही और सोनिया चले गये..सबको ये तो पता ही था कि इस समय सोनिया को प्रोटेक्षन की ज़रूरत है तो वो अरुण के बेड पर अरुण के साथ सो जाएगी और दूसरे बेड पर आरोही..

फ्लाइट से तक जाने के कारण सब रात को जल्दी ही सो गये..सुबह सब अरुण के रूम मे इकट्ठा हो गये और अरुण से सरप्राइज़स के बारे मे पूछने लगे क्यूकी सारे चीज़े अरुण ने ही प्लान की थी..और उसने हर बहेन का उसकी पसंद की हिसाब से सर्प्राइज़ तय्यार किया था तो पहले सबके लिए कामन सर्प्राइज़ था..

"स्पा मसाज फॉर ऑल ऑफ यू.." अरुण ने बताया..

स्पा का नाम सुनके सबके चेहरे पर स्माइल आ गयी और फिर वो सब लोग स्पा मे चले गये..अरुण तो वहाँ सोता ही रहा बाकी सब अपने मसाज करवाने मे बिज़ी रहे..सोते सोते अरुण को फिर वही बूब्स वाले सपने आने लगे तो उसका लंड खड़ा हो गया..

खैर सुप्रिया आई उसके पास और उसे सपने से बाहर निकालकर पूछा..
"तुम्हारा हथियार बिल्कुल खंबे की तरह खड़ा है..किसकी वजह से है..??" सुप्रिया ने कान मे पूछा..

"आप गेस करो" अरुण ने भी आँख मार कर बोला..

तब तक बाकी तीनो भी आ गयी थी..

आरोही सीधी चलती हुई आई और अरुण की गोद मे बैठकर बोली.."सो व्हेयर ईज़ माइ सर्प्राइज़??" इतना बोलकर वो अपनी कमर हिलाने लगी हल्के हल्के..
अरुण की तो सिट्टी पिटी ही गुम हो गयी..एक तो पहले ही लंड खड़ा उपर से आरोही सीधे उसके लंड के उपर बैठी तो लंड गान्ड के उपर रगड़ने लगा..

"घुसेड दे..." मन में आवाज़ आई

आरोही को भी पता चल रहा था कि उसका लंड उसकी गान्ड पर छू रहा था..लेकिन वो भी अपने भाई से मज़े करना चाहती थी.. अरुण ने उसके गाल पर किस करते हुए कहा.."काफ़ी अच्छे गोल्फ कोर्सस हैं यहाँ..."

आरोही को नफ़रत थी गोल्फ से तो जैसे ही अरुण ने गोल्फ का नाम लिया उसका मूह उतर गया..और गुस्सा आने लगा उसके चेहरे पर..

"जोक था यार..मिलेगा तुम्हारा सर्प्राइज़ भी मिलेगा लेकिन बाद मे.." अरुण ने दोबारा उसके गाल पर किस करते हुए कहा...जैसे ही अरुण के होंठ उसके गालो तक पहुचने वाले थे आरोही ने हल्के से अपना मूह और घुमा दिया और दोनो के होंठ आपस मे रगड़ गये..दोनो की बॉडी मे करेंट दौड़ गया लेकिन आरोही तुरंत ही गोद से उतर कर आगे चली गयी..अरुण को समझ मे ही नही आया कि हुआ क्या..

"सुप्रिया दी खास आपके लिए सर्प्राइज़ आज की शाम..तो चले.." फिर वो उन सबके साथ घूमने निकला..

शाम को अरुण ने रेंट पर एक कार लेकर उन सबको एक सीफूड रेस्टोरेंट मे ले गया..वो गोआ का टॉप का रेस्टोरेंट था...वहाँ पहुचते ही सुप्रिया की आँखें ख़ुसी मे चौड़ी हो गयी..और उसने अरुण को गले से लगा लिया..

"ओह...थॅंक यू अरुण.." सुप्रिया उसका गाल चूम के बोली..दरअसल सुप्रिया का फॅवुरेट चीज़ सीफूड ही थी..सीफूड और वो भी गोआ मे उसे तो यकीन ही नही हो रहा था..

खैर अंदर जाके सबने सीफूड एंजाय किया और सबसे ज़्यादा सुप्रिया ने..डिन्नर पर सब लोग हँसते हुए बाते कर रहे थे..अरुण को ये देखकर काफ़ी अच्छा लगा..

रात मे अरुण और आरोही अपने अपने बेड पर बैठे विंडो से बाहर का नज़ारा देख रहे थे..घर समुंद्र के किनारे पर था तो लहरो को आते जाते देखा जा सकता था..

"काफ़ी सुंदर है ना.." आरोही ने वही लेटे हुए पूछा..

"हां.." अरुण उसकी तरफ देखकर बोला..और फिर दोनो एक दूसरे को देखने लगे..हल्की सी रोशनी मे आरोही बहुत ही ज़्यादा प्यारी लग रही थी..और उसकी आँखों की चमक का तो कहना ही क्या..उसे देखकर आरोही के चेहरे पर भी लाली आने लगी..तब तक सोनिया बाथरूम से आ गयी..एक टीशर्ट और छोटी सी शॉर्ट्स मे..वो आई और आके अरुण के पास कडलिंग पोज़िशन मे लेट गयी..

ये देखकर आरोही के शरीर मे जलन की एक लहर दौड़ गयी.लेकिन तुरंत ही वो जलन गायब भी हो गयी.. उसने सोचा कि सोनिया को इस समय अरुण की ज़रूरत भी है..उसने देखा कि जैसे ही अरुण ने उसने अपने करीब किया और उसको किस किया 

सोनिया की सारी बॉडी रिलॅक्स हो गयी..उन दोनो को देखकर आरोही बहुत ही ख़ुसी हुई और उसने अपनी आँखों से आँसू पोछते हुए सो जाना बेहतर समझा..वो भी चाह रही थी कि अरुण ऐसे ही उसे लेकर सोए..
Reply
01-25-2019, 12:00 AM,
#19
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
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अगले दिन ब्रेकफास्ट करके अरुण ने उनको सेकेंड सर्प्राइज़ दिया शॉपिंग का..शॉपिंग का नाम सुनके तो आरोही और सोनिया ख़ुसी से उछल ही पड़ी..उनको लगा था कि अरुण शॉपिंग के बारे मे तो भूल ही जाएगा लेकिन अरुण ने तो इस वाकेशन को पर्फेक्ट करने की ठान ही रखी थी..सब लोग शॉपिंग करते रहे और अरुण के उपर बॅग बाग ढोने का काम आता रहा..शॉपिंग ख़तम होते होते अरुण के हाथों और गले मे बॅग ही बॅग थे..लेकिन सोनिया की ख़ुसी देखकर उसकी सारी थकान दूर हो गयी..आख़िर शॉपिंग वाला सर्प्राइज़ उसने सोनिया के लिए ही तो प्लान किया था..फिर वो लोग बीच पर आराम करने लगे..

वही पास मे एक फूल उगा हुआ था जो काफ़ी अच्छा लग रहा था..तो अरुण ने उसे तोड़कर सोनिया के बालों मे लगा दिया..और तुरंत ही उसकी फोटो खींच ली.. 

फोटो खींचते वक़्त एक हल्का हवा का झोंका आया और सोनिया के बाल हल्के हल्के लहराने लगे उस फोटो को देखकर अरुण ने डिसाइड कर लिया कि सोनिया को एक और सर्प्राइज़ देगा..

फिर अरुण ने सोचा कि अब आरोही को उसका सर्प्राइज़ दिया जाए..तो वो उन सबको लेकर एक जगह गया जहाँ वॉटर स्कूटर राइडिंग होती थी..आरोही स्पोर्ट्स को काफ़ी ज़्यादा पसंद करती थी और वॉटर स्पोर्ट्स उसके फॅवुरेट थे..तो आरोही ने ख़ुसी मे अरुण को गले लगा दिया और बार बार थॅंक यू कहने लगी..फिर वहाँ थोड़ी देर उन सबको बताया गया कि कैसे क्या करना है रूल्स सेफ्टी वग़ैरह फिर वो लोग समुंद्र मे स्कूटर ले कर निकल पड़े..सुप्रिया ने अपने लिए सिंगल वाला स्कूटर लिया.. स्नेहा और सोनिया दूसरे पर हो ली और आरोही और अरुण तीसरे वाले पर बैठ गये..एक इन्स्ट्रक्टर भी था जो सबसे आगे चलने लगा..

सरफिंग करते वक़्त अरुण ने पीछे से आरोही को टाइट्ली पकड़ा हुआ था लेकिन जब भी स्कूटर थोड़ा उपर उछलता तो आरोही की लाइफ वेस्ट कुछ ज़्यादा ही उपर उछल जाती.. अरुण ने जब हाथ इधर उधर करके देखा तो पता चल कि आरोही के लाइफ वेस्ट का एक स्ट्रॅप्स टूटा हुआ है..

"तुम्हारी वेस्ट का एक स्ट्रॅप टूटा है.." अरुण ने आरोही के कान मे तेज आवाज़ से कहा..

आरोही ने स्कूटर को रोक कर लाइफ वेस्ट को उतार दिया और उसे अंदर डाल लिया .."मुझे कस के पकड़ना ओके...डोंट लेट मी फॉल.." आरोही ने अरुण से कहा तो अरुण ने कस के उनके पेट के चारो ओर हाथ डाल दिए..

और वो लोग तेज़ी से दूसरो का पीछा करने लगे.. आरोही अरुण का हाथ पेट से उठाकर उपर रखने लगी "सॉरी" अरुण ने कहा क्यूकी उसे लगा कि उसने ज़्यादा कस्के ही पेट को पकड़ लिया था..लेकिन आरोही ने तो हाथ उपर उठा कर उसके पायंटेड बूब्स पर रख दिए थे..

अरुण को पहले तो कुछ महसूस नही हुआ पानी के कारण लेकिन फिर उसे महसूस हुआ कि वो अपनी ही बहेन के बूब्स से मज़े ले रहा है..वो छोड़ना चाह रहा था लेकिन उसे डर भी था कही वो गिर ना पड़े इतनी स्पीड मे इसलिए वो धीरे धीरे उनको दोबारा पेट तक ले गया..

लेकिन तभी अरुण का मूह खुला रह गया जब आरोही ने दोबारा उसका हाथ पकड़कर अपने बिकिनी टॉप के अंदर कर दिया...

"मूह क्या खोल रहा है दबा डाल" दिमाग़ मे आवाज़ गूँजी

अरुण ने मूह को बंद किया और वो भी मस्ती मे उसके निपल्स के साथ खेलने लगा..उनको रगड़ता खेंचता और मसलने लगा...इन सब चीज़ों से उसका लंड दोबारा खड़ा हो गया...

"डाल दे.." फिर उसके दिमाग़ में आवाज़ गूँजी

उसको ओर ज़्यादा सर्प्राइज़ तब हुआ जब आरोही हल्का सा उठकर उसकी गोद मे पूरी तरह से आ गयी जिस से आरोही की गान्ड और चूत पर अरुण का लंड रगड़ने लगा..और आरोही भी मस्ती मे उस पर हल्का हल्का हिलने लगी..अरुण ने मस्ती मे आकर एक किस उसकी गर्दन पर दिया..और हाथों से चुचियों को मसलना जारी रखा..

थोड़ी देर तक यही सब चलता रहा फिर आगे सब रुके हुए थे.. स्नेहा और सोनिया अपनी जगह चेंज कर रही थी. तो अरुण ने झट से अपने हाथ पीछे खींच लिए और आरोही ने भी हिलना बंद कर दिया..

अरुण ने अपनी लाइफ वेस्ट आरोही को दे दी और खुद उसकी टूटी वाली पहेन ली और फिर खुद स्कूटर राइड करने लगा..आरोही झट से उससे चिपक गयी और उसकी टीशर्ट के अंदर से उसके सीने को सहलाते हुए कहने लगी.."कल रात मुझे सोनिया से बहुत ज़्यादा जलन हुई.. तुम्हारे पास लेटे लेटे उसको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो दुनिया की सबसे अच्छी जगह हो..आइ ऑल्सो वान्ट टू फील दट सेम थिंग.." और अरुण की गर्दन को चूमने लगी..

अरुण का तो मूह ही बंद था..वो इन सब चीज़ों पर गौर कर रहा था.. आरोही की इच्छा तो थी कि अभी उसके कपड़े उतार कर उस पर टूट पड़े लेकिन ऐसा तो हो नही सकता तो उसने सोचा थोड़े मज़े तो लिए ही जा सकते हैं.. तो जैसे ही वो लोग सबसे आगे हुए आरोही ने अपना हाथ उसके शॉर्ट्स के अंदर डाल दिया..और जैसे ही उसके हाथ अरुण के लंड से छुए लंड ने झटका मारा.. "शायद इस बार तुम आह आरोही बोलो" आरोही ने उसके लंड को सहलाते हुए कहा..

"3 चूत ...इसे कहते हैं लाइफ.." अरुण के दिमाग़ मे फिर से आवाज़ गूँजी

अरुण बेचारा कुछ करने की हालत मे ही नही था..उसको तो स्कूटर पर ध्यान देने मे ही बड़ी मुश्किल हो रही थी..आरोही ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर स्पीड कम करदी जिससे सब लोग उनसे आगे निकल गये..और फिर जल्दी से उसके सामने आकर बैठ गयी.. और उसकी आँखों मे देखते ही दोनो बड़ी तेज़ी से किस करने लगे.. 

"इट्स सो एग्ज़ाइटिंग..कोई भी पलटकर हमे देख सकता है.." आरोही ने किस तोड़ते हुए कहा..और फिर दो उंगली अपनी पैंटी के अंदर डाल कर बाहर निकाली और अरुण के मूह मे डाल दी.."सी..तुम्हारे कारण कितनी ज़्यादा गीली हो जाती है ये..." और फिर उसका लंड पकड़कर हिलाने लगी...वो दोनो बस एक दूसरे की आँखों मे देखे जा रहे थे..

थोड़ी ही देर मे अरुण ने अपना गाढ़ा स्पर्म फेकना स्टार्ट कर दिया जिस से आरोही का पूरा हाथ सन गया.."मैं ये तबसे करना चाह रही थी जबसे मैने तुम्हारी और सुप्रिया दी की बातें सुनी थी.." अरुण को ऑर्गॅज़म की खुमारी चढ़ने के बाद ये बात ध्यान आई..और उसने सोचा कि अब तो इससे बात करनी ही पड़ेगी..फिर दोनो ने हल्का सा किस किया और आरोही पीछे बैठकर उसकी गर्दन कान हर जगह किस करती रही...

स्कूटर स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही आरोही ने स्कूटर को थोड़ा तिरछा करवा दिया जिससे दोनो पानी मे गिर पड़े... फिर आरोही तैरती हुई उसके पास आई और उसे किस करने लगी..

"तो इसलिए नाराज़ थी तुम.." अरुण ने उसे बाहों मे भरकर बोला..

"नो आइ वाज़ अपसेट कि जिंदगी मे पहली बार तुमने मुझसे कुछ छुपाया.." आरोही उसके गले मे हाथ डाले डाले बोली..

"यार ये बात कैसे बताता..चलो फिर भी सॉरी.." और फिर दोनो किस करने लगे..


फिर स्टेशन पर स्कूटर देकर आरोही ने एक बार फिर अरुण को गले लगा लिया और उसके गाल पर किस कर लिया..

"थॅंक्स फॉर दा सर्प्राइज़ ब्रो.." उसने आँख मारते हुए कहा..

फिर अरुण उन लोगो को एक क्र्यूज़ पर ले गया जो बीच समुद्र मे जाकर डाइविंग करवाता था..ये सर्प्राइज़ उसने स्नेहा को सोचकर प्लान किया था.. स्नेहा को जनवरो से बहुत प्यार था तो वहाँ डाइविंग करके उसे पक्का अच्छा फील होना ही था..

जब उसने ये बात स्नेहा को बताई तो स्नेहा ने भी उसे उछलकर थॅंक यू कहा और गाल चूम लिए..वहाँ वो लोग बातें कर ही रहे थे.. कि 3 लड़के पास मे आए उन्होने सोचा कि 4 लड़कियाँ हैं इनके साथ मज़े ही कर लेंगे..

"हाई, आइ आम ऋतिक आंड दीज़ आर विजय आंड राहुल माइ फ्रेंड्स..यहाँ पर 3 लड़को के लिए थोड़ा स्पेस है शायद..क्यूँ ना हम लोगो पेरिंग कर ले आंड किसी बार मे चले और ट्रीट ईज़ ऑन मी..उसके बाद देखते हैं रात कहाँ ले जाती है.." उसने सोचा इन सबके साथ मस्ती तो कर ही लेगा..

अरुण सोच ही रहा था कि आरोही कुछ बोलेगी क्यूकी ऐसे मौको पर वही बोलती थी लेकिन उसे सर्प्राइज़ तब हुआ जब सोनिया तपाक से बोल पड़ी..उसे पहले तो लगा कि सोनिया उनका ये ऑफर आक्सेप्ट कर लेगी.लेकिन..

"लिसन..स्टड तुम्हे लगता होगा कि अरुण यहाँ हम चारो मे से किसी एक के साथ है लेकिन यही तुम ग़लती कर रहे हो..ही'स वित ऑल ऑफ अस.." 

अरुण लड़के का चेहरा देखकर अपनी हसी दबाने लगा..

"वॉटेवर.." ऋतिक बोला..

"तुम्हे विस्वास नही होता.." आरोही खड़ी होकर पूछती है..और अरुण की तरफ बड़े स्टाइल से चलकर आती है और आँख मारकर उसे किस करने लगी..अरुण को भी एक दम से इस हमले की उम्मीद नही थी..लेकिन वो भी साथ देने लगा..

फिर आरोही के बाद सोनिया वैसे ही आई और अरुण के एक पैर पर बैठकर उसे किस करने लगी..इधर उन लड़को का मूह खुला का खुला रह गया.. 

सुप्रिया भी मुस्कुराती हुई आगे आई और उसने भी किस कर लिया अरुण को..स्नेहा को भी अजीब सा लगा ये देखकर लेकिन फिर वो भी आगे आई..उसे भी इन लड़को का रवैया पसंद नही आया था..

वो आई और धीरे से उसके होंठ चूमकर बोली.."थॅंक्स माइ बेबी.." बेबी अरुण का नाम था लेकिन ओन्ली फॉर स्नेहा.. फिर पाँचों हँसने लगे..और उन लड़कों की शकल उतर गयी..ये देखकर आस पास के लोग भी हँसने लगे..और ऋतिक अरुण की तरफ क्वेस्चन भरी नज़र से देखने लगा..

"तुम्हे क्या लगता है कि मेरी बॉडी पर ये चोट कैसी लगी.." अरुण अपने हाथ पैर उसे दिखाते हुए बोला ये देख कर फिर सब बहुत तेज़ी से हँसने लगे..और वो तीनो लड़के वापस चले गये..

सही जगह पहूचकर बोट धीमी हो गयी और फिर सब लोग इन्स्ट्रक्टर के अकॉरडिंग डाइविंग सूट गियर वग़ैरह ठीक करने लगे..फिर लगबघ एक घंटे तक सब डाइविंग एंजाय करते रहे.. 

बोट जब वापस आने लगी तो स्नेहा ने अरुण को गले से लगा लिया.."थॅंक यू वेरी मच.. अरुण..यू आर दा बेस्ट ब्रदर इन दा वर्ल्ड" 

अरुण ने भी उसके गाल पर किस कर दिया.. रात को वो लोग बीच पर गये. सबने दूसरे रेस्टौरेंट मे डिन्नर कर लिया था..और सब ठंडी ठंडी हवा का मज़ा ले रहे थे..पाँचो एक बॉन्फियर के चारो ओर बैठे थे और हँस खेल रहे थे..

अरुण ने आरोही की ओर देखा तो वो भी अरुण की तरफ देखने लगी..और दोनो एक दूसरे की आँखों मे खो गये..अरुण के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी और फिर आरोही के चेहरे पर भी. अरुण को विस्वास ही नही हो रहा था कि एक वीक के अंदर अंदर इतना कुछ हो जाएगा.. 3 लड़कियाँ जो कि उसकी बहने थी वो सब उसके साथ सेक्षुयली इंटिमेट हो जाएँगी..

"तुझे मेरी बात पहले ही सुननी चाहिए थी..और जल्दी मिल जाती.." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ गूँजी

अरुण के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी ये सुन कर..

फिर उसका ध्यान सोनिया की तरफ गया.."एक वॉक के लिए चले" अरुण ने उठकर अपना 
हाथ उसे देते हुए कहा.."आइ वान्ट टू शो यू सम्तिंग.."

सोनिया ने मुस्कुरा कर उसका हाथ पकड़ लिया और दोनो बीच पर वॉक करने लगे. थोड़ी दूर जाकर अरुण रुक गया और और सोनिया को अपनी ओर कर दिया.."आइ नो कि तुम अभी काफ़ी बुरे टाइम से गुज़री हो.." अरुण ने अपनी कॅप्री की जेब से कुछ निकालते हुए कहा.." लेकिन आइ वान्ट यू तो नो दट मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा..चाहे
कुछ भी हो जाए..आंड आइ वान्ट यू टू नो कि तुम मेरी नज़र से कैसी दिखती हो.." और उसके हाथ मे एक हार्ट शेप्ड सिल्वर नेकलेस दे दिया..

सोनिया ने जब वो हार्ट पेंडेंट ओपन किया तो उसकी आँखों मे हल्के से आँसू आ गये..उसमे उसका फूल लगा हुआ फोटो था जो अरुण ने सुबह खेंचा था और एक फोटो उन दोनो का था सोते हुए जो सुप्रिया ने प्लेन मे खेंचा था.. सोनिया ने अरुण की ओर देखा..

"अब जब भी तुम्हे मुस्कुराने की ज़रूरत हो इसे देख लेना.." अरुण बोला..

सोनिया अपने आँसू पोछते हुए बोली..
"भाई आप इतना अच्छे कब से हो गये.?"

"वेल पहले तो मैं सोच रहा था कि इसमे तुम्हारे पिंपल वाली फोटो रख दूं.. जिसे
खींचने के बाद तुमने मुझे ग्लास मारा था..डू यू रिमेंबर?"

सोनिया का मूह खुल गया और उसने तेज़ी से उसके हाथ पर मारा..
"शट अप..यू ईडियट.." और फिर उसे किस करने लगी.
Reply
01-25-2019, 12:00 AM,
#20
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
फिर वो लोग वापस घर की तरफ चल दिए..
सोनिया अभी भी बाथरूम मे थी तो आरोही अरुण के बेड पर आती है और उसे किस करने लगी..

"थॅंक यू फॉर दिस वंडरफुल डे.." और किस करके अपने बेड पर चली गयी..

फिर सोनिया आ गयी और तीनो मीठी नींद मे सो गये..

बीच रात को अरुण की आँख खुली तो उसने सामने सोनिया को जागते पाया. वो उसे लगातार देखे जा रही थी..

"हाई.." अरुण ने उसके बालों को पीछे करते हुए कहा..

"हे.." उसने जवाब दिया..

फिर वो आगे बढ़ी और उसे धीरे धीरे किस करने लगी. सोनिया की बॉडी मे वही करेंट दौड़ने लगा जो उसने पहली बार महसूस किया था. वो पीछे से अरुण का सिर पकड़कर उसे और ज़्यादा अपने पास खींचने लगी और बड़ी तेज़ी से उसे किस करने लगी.

वो किस को नीचे की ओर ले जाने लगी..पहले गर्दन फिर सीने को किस करने लगी..फिर दोबारा उन दोनो के होठ आपस मे मिल गये और जीभ से एक दूसरे को मज़ा देने लगे..
अरुण को सोनिया ने उसकी पीठ पर धकेल दिया और खुद उसके उपर चढ़ गयी.. 
दोनो मस्ती मे भर गये.. उस टाइम पर दोनो भाई बहें ना होकर सिर्फ़ 2 लोग बचे जो आपस मे एक हो जाना चाहते थे.. सोनिया ने उसके उपर बैठे बैठे अपनी ब्रा उतारी और फिर से उसे किस करने लगी..फिर उसने अरुण का एक हाथ पकड़कर अपने एक दूध पर रखा. अरुण धीरे आराम से उसे मसल्ने लगा.. उसके निपल को मरोड़ता..उसे खींचता अपनी उंगलियों के बीच दबाने लगा.. अरुण ने उसे किस करना बंद करके उसकी चिन गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया..और उंगलियों से उसके दूधों को मज़ा देने लगे..उनसे गोल गोल घेरे बनाने लगा निपल के चारो ओर..सोनिया की दबी दबी आहें निकलने लगी और आहें और भी तेज तब हो गयी जब अरुण ने उंगलियों की जगह अपने होठों से उसके निपल्स को छुआ..

आरोही के चेहरे पर स्माइल आ गयी ये देखकर..वो हल्की सी आवाज़ से जागी तो दोनो को किस करते हुए देखा.. उसकी नींद तो तभी काफूर हो गयी. वो जानती थी कि ये पल उसके भाई और बहेन के लिए जादू से भरे हुए थे.. वो सोच रही थी कमरे से चली जाए जिस से दोनो इस पल का भरपूर मज़ा ले पाएँ लेकिन वो अपनी आँखें उन दोनो पर से हटाने मे असमर्थ थी..उस से खुद कंट्रोल नही हुआ तो एक हाथ ले जाकर पैंटी के अंदर ही अपनी चूत को रगड़ने लगी..

सोनिया तो पूरी मस्ती मे थी..अरुण के हाथ जहाँ जहाँ उसके सरीर से छूते ही उसे चिंगारियाँ सी महसूस होती..उसके हाथ पीठ से होते हुए उसके चुतड़ों तक पहुचे और वो दाँतों से उसके निपल को काट रहा था... सोनिया ने धीरे धीरे उसके पेट से हाथ नीचे किए और उसके बॉक्सर्स को निकाल कर साइड मे फेक दिया.. उसका लंड पूरी तरीके से खड़ा था और सोनिया की जांघों को छू रहा..सोनिया ने देर ना करते हुए उसे पकड़ लिया और उसे उपर नीचे करने लगी और आहें निकालती रही..

अरुण को भी पता चल गया कि सोनिया क्या चाहती है..तो वो धीरे धीरे नीचे बढ़ा और पलटकर सोनिया को नीचे कर दिया और उसके पेट से चूमते चूमते उसकी पैंटी तक पहुचा और उसे उतार कर फेक दिया..फिर उसके घुटने से लेकर उपर तक किस करते हुए आया..फिर एक हाथ से दोनो के उपर चादर डाल कर उसे किस करने लगा और हाथ से दूध को दबाने लगा..

सोनिया ने किस के बीच मे अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ा तो अरुण ने भी देर नही की..और धीरे से हल्का सा लंड उसकी चूत के अंदर करना स्टार्ट किया..सोनिया को दर्द हुआ लेकिन उसने अरुण का हाथ मूह मे रख लिया और उसे कटती रही फिर धीरे धीरे अरुण उसके अंदर अपना लंड डालता रहा..आधा लंड अंदर जाने पर सोनिया के आँसू निकलने स्टार्ट हो गये तो अरुण ने उन आँसुओ को चाट लिया और फिर धीरे उसे किस करने लगा..थोड़ी देर मे ही सोनिया ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई तो अरुण ने लंड बाहर निकाला और फिर दोबारा उतना ही डाल दिया और हल्के हल्के धक्के देते हुए उसे किस करने लगा..फिर उसने ओर ज़्यादा लंड को अंदर किया और अपने मूह से उसके मूह को बंद रखा जिससे उसकी चीखे अरुण के मूह मे ही घुट कर रह गयीं..फिर जब पूरा लंड उसके अंदर पहुँच गया तो अरुण थोड़ी देर बिना हीले ही उसे किस करता रहा और एक हाथ से उसके बूब्स मसलता रहा.. दोनो के सरीर पसीने से भीग गये थे..
फिर अरुण ने धीरे धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करना स्टार्ट कर दिया..अब सोनिया को भी मज़ा आने लगा..जैसे ही अरुण अंदर की ऑर धक्का देता सोनिया अपनी कमर को कमान की तरह तान देती और जैसे ही वो लंड को बाहर निकालता वो रिलॅक्स हो जाती ऐसे ही दोनो मस्ती मे किस करने लगे..

सोनिया ने अपनी आँखें खोली और किस तोड़ते हुए "आइ लव यू भाई.." कहा और दोबारा उतनी ही तेज़ी से जीभ बाहर निकालकर उसे किस करने लगी.. जैसे ही लंड चूत के अंदर जाता दोनो के शरीर मे हज़ारों चिंगारियाँ एक साथ फुट पड़ती.. 

सोनिया ने भी धीरे धीरे अपनी कमर उपर नीचे करनी स्टार्ट कर दी.. उसे इतना मज़ा आ रहा था कि वो शब्दों मे बयान नही कर सकती..अरुण तो किसी और ही दुनिया मे चला गया था जहाँ सिर्फ़ वो दोनो थे और कोई नही..फिर सोनिया को रीयलाइज़ हुआ कि वो तो प्यार कर रहे थे सेक्स नही..उसकी फ्रेंड्स बताती थी कि सेक्स मे काफ़ी मज़ा है..लेकिन प्यार मे उससे ज़्यादा मज़ा है..

आरोही ये सब देख रही थी और चाह रही थी कि काज़ वो इसका हिस्सा बन सके. इस सुंदर लम्हे को वो भी जीना चाहती थी..लेकिन वो अपनी छोटी बहेन को इस अद्भुत पल मे कोई विघ्न नही डालना चाहती थी..तो वो अपनी दो उंगलियों को चूत के अंदर बाहर कर रही थी और अपनी नज़रों को दोनो के उपर टिकाए हुई थी..

सोनिया को ऑर्गॅज़म होना स्टार्ट हो गया..एक मस्ती की लहर उसके सरीर मे बनाना स्टार्ट हुई तो वो अलग ही दुनिया मे पहुच गयी उसने कस कर अरुण को गले लगा लिया और अपनी जीभ उसके मूह मे डालकर उसके होंठों को चूसने लगी.. उसने अरुण को झाड़ते हुए भी महसूस किया..अब दोनो को सिर्फ़ एक दूसरे के होने का अहसास था और कुछ नही..अरुण ने तेज़ी से अपने झटके देने लगा और उसे भी सोनिया के अंदर से रस निकलता हुआ महसूस होने लगा..दोनो की साँसें थमने लगी लेकिन किस नही तोड़ा..अरुण के अपने लंड पर सोनिया की चूत की दीवारों का कसाव महसूस होने लगा और उसने अपना स्पर्म वही छोड़ना स्टार्ट कर दिया..

सोनिया की चूत की दीवारें इतनी कस के उसके लंड को जकड़े हुई थी की वो और ज़्यादा उसे अंदर खेंच ले.."आहहः..ओह्ह्ह.." सोनिया ने काफ़ी तेज आवाज़ निकली किस तोड़ कर..दोनो के शरीर पसीने से लथपथ हो गये थे..फिर दोनो ने आँखें खोली और एक दूसरे की आँखों मे देखते रहे और धीरे धीरे कमर हिलाने लगे..

आरोही ने दोनो को झाड़ते देखा तो उस से भी कंट्रोल नही हुआ और उसने तेज़ी से उंगलियाँ अंदर बाहर करना स्टार्ट कर दिया और दोनो के साथ साथ वो भी झाड़ गयी..और वो अंदर ही अंदर सोनिया की जगह खुद को उस पोज़िशन मे देखने लगी..

थोड़ी देर बाद सोनिया ने अपने आप उसके लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगी..उसने अरुण को किस किया और पूछा.."भाई..क्या ये पहली बार था..??" अरुण ने उसे किस करते हुए कहा.."हां आंड इट वाज़ वंडरफुल.." और दोनो फिर किस करने लगे..

"मेरा भी.." सोनिया ने बस इतना ही कहा और किस करने लगी. सोनिया को इस पल मे इतनी ख़ुसी हो रही थी ये जानकार की उसके भाई का स्पर्म उसके अंदर है..आज वो पूरी तरह से अपनी भाई की हो गयी..

"भाई आइ'म रियली हॅपी दट माइ फर्स्ट ईज़ यू.." उसने अरुण का सिर चूमते हुए कहा..

"ये किसी और के साथ इतना पर्फेक्ट नही हो सकता था.." अरुण ने उसे किस करते हुए कहा..फिर दोनो एक दूसरे को थामे हुए सो गये.
अरुण अगली सुबह उठा तो देखा कि सोनिया उसके सीने पर सिर रख के सो रही है..तो वो धीरे से उसे अलग करके उठा और बाथरूम मे फ्रेश होकर शवर लेने लगा..

"यू आर दा फक्किंग मॅन.." दिमाग़ मे आवाज़ आई

अरुण को हसी आ गयी.."थॅंक्स" उसने आवाज़ को कहा.."तुम्हारे बिना पासिबल नही था.."

"अगली बार से याद रखना.."

तभी बाथरूम के दरवाजे पर नॉक होती है.."कौन?" अरुण ने पूछा..तो दरवाजा खुला और आरोही अंदर आ गयी और दरवाजे को बंद कर दिया..

"मेरा बस होने ही वाला है..2 मिनिट मे निकलता हूँ" अरुण ने पर्दे के पीछे से बोला..

कर्टन तभी साइड मे खींचा और आरोही वहाँ खड़ी हुई थी..नंगी.."मैं...." अरुण बस इतना ही कह पाया..


"लास्ट नाइट वाज़ अमेज़िंग.." आरोही बोली.." आइ होप मुझे भी कोई मिलेगा जो मुझे वैसे ही प्यार करे.."

"उहह..तुमने देखा??" 

आरोही ने हां मे सिर हिलाया और अंदर आकर शवर के नीचे खड़ी हो गयी..दोनो के उपर पानी गिरने लगा और आरोही के बदन को और ज़्यादा चमकने लगा.."मुझे तुम्हारे बारे मे काफ़ी कुछ पता रहता है मेरे भाई..याद है ना हम दोनो जुड़वा हैं.." उसने आगे बढ़कर अरुण की गर्दन को चूमते हुए कहा. फिर साबुन लेकर अपनी बॉडी पर लगाने लगी. अपने दूधों पर ख़ासकर अच्छे तरीके से रगड़ कर वो नीचे हर जगह साबुन लगाने लगी. 

अरुण लगातार उसे देखे जा रहा था..

"जब मैने तुम दोनो को कल रात प्यार करते हुए देखा..आइ कुडन'ट कंट्रोल माइसेल्फ..तो मुझे मास्टरबेट करना पड़ा.. मैं तुम दोनो को डिस्टर्ब नही करना चाहती थी..यू बोथ वर डूयिंग सम्तिंग वेरी ब्यूटिफुल.." आरोही ने ये कहते हुए एक उंगली अपनी चूत के अंदर घुसा और फिर वही उंगली अरुण के होठों पर रख दी.."मैं मास्टरबेट करते हुए खुद को सोनिया की जगह देख रही थी.." अरुण को अपनी उंगली चुसते हुए बोली.."मैने देखा कि तुम सोनिया से प्यार करने के बाद मेरे पास आए और वैसे ही मुझे भी प्यार किया.. मैने देखा कि मैं सोनिया को तुम्हारे उसपर टेस्ट कर रही हूँ..आह" अरुण बिना कुछ कहे उसकी उंगली चूसने लगा..

अरुण उंगली चूस्ते हुए आरोही को अपनी आप से खेलते हुए देखने लगा..उसे देख कर अरुण का लंड खड़ा होने लगा.."मैने सोचा कि तुम मेरे पास आओगे और अपना ये खूबसूरत सा लंड मेरे अंदर डाल दोगे..उहह..ओह्ह. मेरी चूत इसके लिए रस छोड़ रही थी.. मैं अपनी वर्जिनिटी तुम्हे देना चाहती हूँ..अह्ह्ह्ह" आरोही उंगली करते हुए बोली साथ मे वो अपने निपल्स भी मरोड़ने लगी.."लगता है किसी को मैं पसंद आ रही हूँ." इतना कह कर वो घुटनो के बल बैठ गयी और अरुण का लंड पकड़ कर मूह मे रख लिया..


उसने लंड को मूह से निकाला..और बोली "तुम्हे पता है तुम्हारा पहला लंड है जो मैं चूस रही हूँ..आइ होप आइ'म डूयिंग इट राइट.." फिर अपनी आँखें बंद करके उसे चूसने लगी.. आरोही ने अपना हाथ उपर बढ़कर अरुण का हाथ पकड़ा और अपने सिर पर रख दिया..और अपनी जीभ से उसके सुपाडे को रगड़ने लगी.. फिर अरुण का हाथ छोड़कर तेज़ी से चूसने लगा..अरुण भी मस्ती मे उसका सिर धीरे धीरे अपने लंड पर दबाने लगा.. आरोही ने एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत पर रख लिया और उसमे उंगली डालकर खुद को मज़े देने लगी..

"नहला दे इसको"

उसके मन मे ऐसी कई बातें आने लगी.जिससे उसका क्लाइमॅक्स होने लगा.."कमिंग.."

आरोही ने एक हाथ से लंड पकड़कर मूह मे डाल लिया और तेज़ी से चूसने लगी.."ओह..फक..आरोही.." अरुण ने कसकर उसका सिर अपने लंड पर दबाते हुए कहा और अपना स्पर्म उसके मूह मे उडेलने लगा. आरोही उसे लगातार आँखों मे देखती रही उसके मूह से वीर्य निकालकर उसके दूधों पर गिरने लगा और पानी के कारण पूरे शरीर पर फैल गया..पूरा रस निचोड़कर वो खड़ी हुई और मूह मे भरा स्पर्म अपने हाथ पर लेकर पूरी बॉडी पर मसाज करने लगी...

"तो.." उसने पानी की स्पीड तेज कर दी जिस से स्पर्म धूल जाए.."तुम मेरे सपने पूरे करने वाले हो कि नही..??"

"म..म्म.." अरुण से बोला ही नही जा रहा था..वो तो अभी भी कुछ समझ ही नही पा रहा था..

"भाई इस बार तो मुझे भी कुछ नही पता..क्या बहेन है तेरी..आइ'म जस्ट ऐज सर्प्राइज़्ड ऐज यू.."

"कोई नही हम लोग इस बारे मे डीटेल मे बात करेंगे लेकिन घर पहुच कर.." फिर उसने अरुण को कसकर किस किया और आँख मारकर बाथरूम से चली गयी..अरुण थोड़ी देर मूह खोलकर खड़ा रहा..फिर उसे ध्यान आया कि वो पानी के नीचे अभी तक खड़ा है तो वो टवल लपेटकर बाथरूम से बाहर निकला..

फिर ब्रेकफास्ट के टाइम उसने सबको कह दिया कि जिसको जहाँ घूमना है घूम सकता है..कल उन लोगो की ट्रिप एंड होने वाली है..अरुण ने सोचा था कि वो आराम से बीच पर लेटकर मज़े लेगा लेकिन वो लोग उसको साथ मे लेकर घूमने निकल पड़े..

दिन भर घूमने से सब थक गये थे..तो डिन्नर के बाद जल्दी से सब सोने चले गये..अरुण घर की बाल्कनी पे बैठा हुआ समुद्र को देख रहा था तो आरोही आई और उसे किस करके सोने चली गयी..थोड़ी देर मे स्नेहा वहाँ आती है..

"हे बेबी.."स्नेहा ने उसके सिर पर हाथ घूमाते हुए कहा. एक तरीके से उस घर मे सबने अरुण को एक नाम दिया हुआ था.. सुप्रिया के लिए स्वीतू, आरोही के लिए भाई या सिंपल अरुण सोनिया पहले तो चिढ़ती थी लेकिन अब भाई और स्नेहा बेबी..

"तो दी कल चलने के लिए रेडी..?" अरुण ने पूछा..

"नोप.." स्नेहा ने हास कर कहा.."दिस प्लेस ईज़ वंडरफुल."

"ओह माइ गॉड, दूध देख,,देख देख.." दिमाग़ मे आवाज़ आई

"थॅंक्स फॉर डाइविंग..दट वाज़ दा बेस्ट.." स्नेहा अपना सिर उसके कंधे पर रख कर बोली तो अरुण ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया..

"एक तो दबा.."

फिर वो दोनो आधे एक घंटे तक ऐसे ही इधर की बातें करने लगे..फिर स्नेहा ने किस वाला किस्सा छेड़ दिया.."सॉरी इफ़ आइ एंबॅरास्ड यू..सब तुम्हे किस कर रहे थे तो मैने सोचा मैं क्यू पीछे हटु..उपर से मुझे वो लड़के बिल्कुल नही पसंद थे..उनमे से एक तो मेरे चेहरे के को छोड़कर मेरी पूरी बॉडी को तक रहा था एस्पेशली माइ ब्रेस्ट्स..परवर्ट.."

अरुण चुपचाप उसकी हर बात सुनता रहा..उसे पता था कि स्नेहा दी को कोई चाहिए ये सब कहने के लिए..

फिर जब वो चुप हुई तो अरुण बोला.."दी मुझे नही पता कि आपके लिए ये बात कितनी मायने रखती है सिन्स आइ आम युवर ब्रदर बट आप जैसी हो पर्फेक्ट हो.. आपको शायद लगेगा मैं आपको अच्छा फील करवाने के लिए ये कह रहा हूँ.. लेकिन आइ आम टेल्लिंग फ्रॉम माइ हार्ट..अगर आप चाहो तो बाकी सब से खूबसूरत लग सकती हो..यू आर ब्यूटिफुल.."

"तुम्हे सच मे लगता है कि मैं पर्फेक्ट हूँ..??"

"ऐसी बातचीत पहले भी हुई है ना..ओह..वो दूसरी वाली के साथ थी..कॅरी ऑन.." दिमाग़ मे फिर से आवाज़ गूँजी

"यस दी.."

"लेकिन कैसे??"

"कम ऑन दी..आप जानती हो आप बहुत सुंदर हो.."

"इसलिए कि मेरे ब्रेस्ट्स बड़े हैं इसका मतलब ये नही कि मैं सुंदर हूँ ..अरुण." स्नेहा ने सीरीयस होके कहा. तब अरुण को रीयलाइज़ हुआ कि स्नेहा ने ग़लत समझ लिया है..

"मेरा कहने का वो मतलब नही था दी.. आइ मीन हाआँ दीज़ आर ऑल्सो गुड..आपको ध्यान है जब कॉलेज मे आपको अवॉर्ड दिया जाने वाला था...वो वाइल्डलाइफ पर एसे के लिए.." अरुण बोला

"थोड़ा थोड़ा..."

"मुझे अच्छे तरीके से याद है.."

"कमऑन अरुण वो दो साल पहले की बात है..कोई कैसे.."

"मार्च का महीना था..सोनिया आपके लिए एक ड्रेस लेकर आई थी और उसी ने आपका मेकप और हैर्स्त्य्लिन्ग की थी.. और उसके कहने पर अपने चश्मा भी नही पहना था उस दिन..और मुझे अच्छे से याद है कि मेरी नज़रें आपके उपर से उठ नही रहै थी..आप कंप्लीट्ली चेंज्ड लग रहे थे.. उस अवॉर्ड फंक्षन मे ऐसा लग रहा था जैसे आप कोई मॉडेल हो जिसे इस अवॉर्ड फंक्षन की जगह किसी फेशन शो मे होना चाहिए. और जब भी मुझे आपको याद करना होता है फर्स्ट ऑफ ऑल आइ रिमेंबर दट इमेज.." अरुण ने उसकी बात काटते हुए कहा..
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