bahan ki chudai बहन का दर्द
01-15-2019, 02:19 PM,
#51
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- तुम्हारी खूबसूरती और ये प्यारी नथ....

अलका- मुस्कुरा कर, क्या मेरी नथ बहुत खूबसूरत है

रवि- नही

अलका- अपनी हँसी अपने चेहरे से गायब करती हुई, क्यो

रवि- तुम बहुत खूबसूरत हो कि नही यह मैं नही जानता लेकिन मुझे तुम दुनिया मे सबसे ज़्यादा खूबसूरत लगती हो,

अलका- अपने चेहरे पर फिर से मुस्कुराहट लाती हुई, रवि तुझे लड़किया पटाने के अच्छे आइडिया आते है,

रवि- फिर भी लड़किया पटती कहाँ है

अलका- उसमे भी तेरी ही ग़लती है

रवि- वो कैसे

अलका- हो सकता है कोई लड़की तुझे दिलो जान से चाहती हो और शरमाती हो, पर तू आगे बढ़ता ही नही होगा तो वह तुझसे कैसे पटेगी,

रवि- अलका को घूर कर देखते हुए, हाँ तुमने यह तो सही कहा है कि मैं ज़्यादा आगे नही बढ़ पता हूँ इसलिए लड़किया
ज़्यादा नखरा दिखाने लगती है और मुझसे नही फँसती है, लेकिन फिर मैं भी ज़्यादा भाव खाने वाली लड़कियो को ज़्यादा दिन तक वेट नही करता, और वैसे भी दीदी तुमने एक कहावत तो सुनी ही होगी

अलका- कौन सी कहावत

रवि- यही कि लड़कियो और बसों के पीछे ज़्यादा नही भागना चाहिए क्यो की एक जाती है तो दूसरी आ जाती है,

अलका- रवि तेरी थिंकिंग बहुत खराब है ऐसे तो तू मेरी जिंदगी बर्बाद कर देगा

रवि- दीदी मैं तुम्हारी बात थोड़े ही कर रहा हूँ

अलका- उसकी बात सुन कर एक दम झेप जाती है और उसे अपनी ग़लती का एहसास होता है, मेरा मतलब है कि तेरी इस तरह की सोच तो किसी भी लड़की की जिंदगी बर्बाद कर सकती है ना,

रवि- अलका की आँखो मे देखता हुआ, दीदी मैं जिस लड़की को चाहता हूँ, उसकी जिंदगी बर्बाद नही आबाद करना चाहता हूँ 
बस वह लड़की एक बार हिम्मत करके मेरा साथ देने को तैयार हो जाए,

अलका- अपनी नज़रे रवि से हटाकर उपर की ओर देखती हुई मुस्कुरा कर, कौन है वो लड़की,

रवि- अलका को घूर कर देखते हुए, क्यो तुम नही जानती उसे

अलका- रवि से अपनी नज़रे इधर उधर करके, मुझे क्या पता तु कहाँ-कहाँ अपनी चाहत का इज़हार करता फिरता है,

रवि- दीदी तुमसे बेहतर मुझे कौन जान सकता है, और मुझसे बेहतर तुम्हे कौन जान सकता है, और मुझे तो लगता है 
कि हम दोनो एक ही रह पार चलने वाले मुसाफिर है तभी तो हमारी सोच भी इतनी मिलती है,

तभी उनकी कॉफी आ जाती है और दोनो कॉफी पीते हुए एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगते है, कॉफी पीने के बाद 
रवि- दीदी 

अलका- हूँ

रवि- दीदी किसी सुनसान जगह पर चले जहाँ मैं और तुम हो और कोई ना दिखाई दे, यहाँ भीड़-भाड़ मई मज़ा नही आता है 
हँ शांति से बात भी नही कर पाते है,

अलका- पर रवि ऐसी सुनसान जगह पर मुझे डर लगता है,

रवि- दीदी मैं हू ना तुम्हारे साथ फिर डरने की क्या बात है

अलका- रवि मुझे ऐसी सुनसान जगहों से नही तुझसे ही डर लगता है ना जाने वहाँ ले जाकर मेरे साथ क्या करेगा

रवि- तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हारे साथ क्या करना चाहता हू
अलका- मुस्कुरा कर मैं सब जानती हूँ तेरी नीयत को,

रवि- क्या जानती हो
अलका- यही कि तू मुझे..
रवि- हा..हा बोलो..बोलो
अलका- मुझे नही मालूम
रवि- अच्छा मत बताओ और जल्दी बोलो कहाँ चलना है,

अलका- रवि एक कम करते है हमारी सबसे अच्छी जगह कॉलेज का पार्क ही है चल वही चल कर बैठेंगे
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01-15-2019, 02:20 PM,
#52
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अलका की बात सुन कर मन ही मन, दीदी तुम कितना तड़प रही हो मेरी बाँहो मे आने के लिए, अब वो दिन दूर नही है जब तुम मेरी बाँहो मे सिमटी हुई मुझे चूम-चूम कर आइ लव यू रवि, आइ लव यू रवि, का जप करती नज़र आओगी

अलका- अब क्या सोचने लगा

रवि- कुछ नही 

और अलका को बैठा कर सीधे पार्क मे पहुच गया, दोनो अपनी बेंच पर जाकर बैठ जाते है

रवि- हाँ दीदी अब बोलो

अलका- क्या

रवि- वही जिसके लिए तुम मुझे यहाँ ले कर आई हो

अलका- मुस्कुराते हुए मैं तो सिर्फ़ यहाँ टाइम पास के लिए आई हूँ

रवि- दीदी तुम अपने टाइम पास के चक्कर मई मेरा वक़्त बर्बाद करती हो
अलका- अपनी आँखे दिखाते हुए, अच्छा मेरे साथ रहने पर तेरा वक़्त बर्बाद होता है,

रवि- अच्छा नही होता पर इतनी दूर क्यो बैठी हो मेरे करीब आकर ब्सिती ना

अलका- क्यो, करीब क्यो आउ

रवि- दीदी करीब नही आओगी तो माब् तुम्हारी नथ को किस कैसे करूँगा

अलका- क्यो तू मुझे यहाँ किस करने लाया है, और खबरदार मेरे वहाँ बहुत दर्द है सो प्ल्स केर्फुल...हां

रवि- दीदी आओ ना

अलका- नही मैं यही ठीक हूँ

रवि- तुम आती हो कि मैं उठ कर आउ

अलका- रवि तू भी ना बस एक ही चीज़ के पीछे लगा रहता है

रवि- क्यो तुम नही चाहती कि मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर तुम्हारे इन रसीले होंठो और इस सेक्सी नथ को किस करू,

अलका: एक नथ क्या दिलवा दी... मैं वहाँ किस करूँ....अपनी मूह से मुस्कुराहट को छुपा कर नही,

रवि- अच्छा ठीक है तो नही करता बैठी रहो वही दूर

अलका- मुस्कु कर, गुस्सा तो इतनी जल्दी तेरी नाक पर आकर बैठता है कि कुछ कह नही सकते,

रवि- अपना मूह फूला कर तुम्हे तड़पाने के अलावा आता क्या है,

अलका- मुस्कुराते हुए, रवि एक बात कहूँ तू गुस्से मे बिल्कुल अच्छा नही लगता

रवि- दीदी प्लीज़ आ जाओ ना

अलका- रवि को आँखे दिखाते हुए, रवि हर वक़्त एक ही बात

रवि- दीदी मैं कल से तुम्हे चूमने के लिए तरस रहा हूँ प्लीज़ आ जाओ

अलका- अपना सर झुका कर सीरीयस होते हुए नही रवि मुझे यह सब अच्छा नही लगता

रवि- दीदी यही बात एक बार तुम मेरी आँखो मे आँखे डाल कर कह सकती हो

अलका- रवि क्या हम ये सब ठीक कर रहे है 

रवि- पहले करने तो दो फिर कहना ठीक किया कि नही

अलका- मुझे नही आना तेरे पास

रवि- तो ठीक है मैं ही आ जाता हूँ 

और रवि उठ कर अलका के पास उससे चिपक कर बैठ जाता है अलका अपने दोनो हाथों को अपनी जाँघो के बीच दबाए 
अपनी नज़रे नीचे किए रहती है और रवि जब उसके पास बैठ जाता है तो अलका की साँसे हल्के-हल्के तेज होने लगती है और 
उसके दूध के निप्पल अपने आप बिना रवि के द्वारा कुछ किए हुए ही खड़े होने लगते है और उसकी चूत मे एक अजीब
सा तनाव महसूस होने लगता है, रवि अलका के पास बैठ कर उसके झुके हुए चेहरे को देखने लगता है अलका की नाक के नथ का मोती थर-थराने लगता है और अलका ना चाहते हुए भी अपनी नज़रो को नीचे झुकाए हुए रवि को नीचे देखते हुए भी देखने की कोशिश करने लगती है, 
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01-15-2019, 02:20 PM,
#53
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अपनी गरम साँसे अलका के कानो के पास छोड़ता है और अलका के जिस्म के रोए खड़े होने लगते है, रवि धीरे से
अपने होंठो को अलका की गर्दन पर रख देता है और उसकी गर्म साँसे अलका को पागल करने लगती है, रवि के होंठ अलका 
के गले पर धीरे-धीरे हरकत करने लगते है, और अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है, रवि अपने हाथो से अलका की 
बाँहो को पकड़ कर अपने सीने से लगा लेता है और अलका एक मूर्ति की तरह उसके उपर टिक जाती है, रवि जैसे ही अपने 
हाथों को अलका की तनी हुई मोटी चुचियो पर लगाता है अलका रवि से कस कर चिपक जाती है और फिर रवि अलका को अपने बदन से पूरी तरह चिपका कर उसकी पीठ सहलाने लगता है, अलका रवि के सीने से चिपकी हुई गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है और रवि अलका के गालो को अपने होंठो से सहलाने लगता है, रवि अलका के होंठो को अपने होंठो मे भर कर 
उसका रस जैसे ही पीना शुरू करता है अलका अपने आप को रोक नही पाती है और रवि के होंठो को बेतहाशा चूमने लगती 
है, रवि अलका के मोटे-मोटे दूध को पकड़ कर कस कर दबाता है और अलका का बदन एंथने लग जाता है और वह 
रवि को कस कर अपने सीने से भींच लेती है और रवि अलका के दूध मे अपना मूह भर कर उसके सीने से चिपक जाता 
है, 

रवि- दीदी तुम मुझसे इस तरह क्यो चिपकी हुई हो,

रवि की बात सुन कर जैसे अलका को होश आता है और वह एक दम से रवि से अलग हो जाती है और उसका चेहरा शर्म से गुलाबी हो जाता है, रवि अलका को देख कर मुस्कुराता हुआ, 
रवि- दीदी मुझे लगता है कि अब तुम रात भर सो नही पाती होगी,

अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखती हुई, क्यो

रवि- क्यो कि जब जागती होगी तो मेरे बिना चैन नही आता होगा और जब सो जाती होगी तो मेरे सपने तुम्हे बेचैन करने
लगते होंगे, 

अलका- तुझे क्या पता मुझे नींद आती है कि नही

रवि- ये तो तुम्हारी आँखे खुद बया कर रही है जिन्हे देख कर कोई भी कह सकता है कि तुम रात को ठीक से सोती नही हो

अलका- क्यो क्या हुआ है मेरी आँखो को,

रवि- दीदी सच बताओ तुम ऐसा क्यो कर रही हो

अलका- रवि को आँखे फाड़ कर देखती हुई, क्यो क्या कर रही हूँ मैं

रवि- दीदी अगर तुम्हे मेरे बिना नींद नही आती है तो आज से मैं रोज तुम्हारे उपर चढ़ कर, मेरा मतलब है 
तुमहरे साथ सोउंगा,

अलका - मुस्कुरा कर उसकी कोई ज़रूरत नही है, मैं जानती हूँ तू मेरे साथ रात को क्यो सोना चाहता है,

रवि- मुस्कुरा कर, हाँ तो बताओ क्यो सोना चाहता हूँ,

अलका- शरमाते हुए, मुझे नही मालूम

रवि- दीदी मैं बताऊ

अलका- रवि को आँखे दिखा कर, कोई ज़रूरत नही है

रवि- नही दीदी मैं बता ही देता हूँ

अलका- अपने कानो को अपने दोनो हाथो से बंद करते हुए, अब तू बकता रह जो बकना है मुझे कुछ सुनाई नही देगा
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01-15-2019, 02:20 PM,
#54
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- दीदी आँखो से दिखाई तो देगा मैं तुम्हे वो बात तो इशारे से भी बता सकता हूँ 

अलका- अपनी आँखो को भी बंद करते हुए, अब बोल 

रवि अलका के बिल्कुल करीब जाकर उसकी नथ को चूमते हुए उसे अपनी बाँहो मे भर लेता है और अलका एक दम से अपनी आँखे खोल देती है, 

अलका- रवि क्या कर रहा है छोड़ ना

रवि- दीदी अब तुम्हे मैं कर के ही बता देता हूँ 

और अलका के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे पकड़ लेता है और उन्हे दबाते हुए अलका के होंठो को अपने मूह के 
पास लाकर, दीदी अपनी नज़रे उपर करो, अलका अपनी नज़रे उठाकर रवि को देखती है रवि उसके होंठो से अपने होंठ हटाता 
हुआ, दीदी तुम जानती हो मैं क्यो तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ, 

अलका अपनी आँखे खोले रवि को देखती है, 
रवि, अलका के लबों को अपने होंठो से छूता हुआ दीदी मैं तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हारे हर अंग का रस पीना चाहता हूँ 
और तुम्हे पूरी रात चोदना चाहता हूँ, उसके इतना कहते ही अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है और रवि उसके होंठो को 
पागलो की तरह चूमता हुआ अपनी दीदी के मोटे-मोटे कठोर दूध को कस कर दबाने लगता है,

अलका- आह रवि प्लीज़, रवि प्लीज़ छोड़ दे आह,

और रवि उसको पागलो की तरह उसको पूरा अपनी गोद मे चढ़ा कर उसके पूरे बदन को अपने से 
चिपका लेता है, अलका गहरी साँसे लेती हुई रवि से चिपकी रहती है, दोनो इसी अवस्था मे लगभग 5 मिनिट तक बैठे 
रहते है, कुछ देर बाद अलका शर्मा कर रवि की गोद से उतर जाती है और अपना मूह दूसरी ओर करके खड़ी हो जाती है 
रवि खड़ा हो कर अलका को पीछे से जाकर धीरे से अपनी बाँहो मे भरता हुआ, दीदी चलो आज मैं तुमको बढ़िया सा 
लंच करवाता हूँ और उसके गालो को चूम लेता है, और अलका का हाथ पकड़ कर चल देता है, अलका अपनी गर्दन झुकाए 
रवि के साथ चलती रहती है, दोनो जाकर बाइक पर सवार होकर एक बढ़िया से होटेल मे लंच करते है उसके बाद रवि
अलका को घर लेकर आ जाता है,
दोनो घर पहुँच जाते हैं...
रवि- दीदी मैं अभी आ रहा हूँ 
अलका- कहाँ जा रहा है..
रवि-एक दोस्त है
अलका- यहाँ तेरा कॉन दोस्त है...कहीं कोई सहेली तो नहीं बना ली...
अलका- रवि का चेहरा गौर से देखती हुई, चुपचाप अंदर चल
रवि- चुपचाप अंदर जाता हुआ, दीदी तुम तो मुझ पर अभी से शक करने लगी
अलका- कॉफी पिएगा
रवि- पिला दो
अलका- ठीक है तू बैठ और मैं अभी तेरे लेए कॉफी ले कर आती हूँ
अलका किचन मे जाते अपने मन में सोचती हुई कहीं रवि किसी लड़की के चक्कर में तो नही पड़ रहा है अगर इसने ऐसा 
किया तो मैं इसे जान से मार डालूंगी, अलका मन ही मन मैं काफ़ी खफा नज़र आ रही थी,

उधर रवि सोचता है कहीं मेरे चेहरे पर कुछ लगा तो नही है मैं जल्दी से शीशे मे जाकर देखता हूँ ये तो बिल्कुल 
मेरी बीबी की तरह मुझ पर शक करने लगी है कहीं मुझे कभी पकड़ लिया होता तो शायद जान से ही मार डालती,
अलका कॉफी लाकर आती है और रवि मुस्कुराता हुआ कॉफी ले लेता है, अलका उसके सामने जाकर सोफे पर बैठ जाती है और रवि को घूर कर देखने लगती है, रवि अलका को मुस्कुरा कर देखता हुआ आँख मार देता है, 

अलका- गुस्सा दिखा कर दिन भर में कितनी लड़कियो पर तेरी ये आँखे चलती है,

रवि- अलका को फ्लाइयिंग किस देते हुए दीदी कुछ जल रहा है क्या,

अलका- मूह बना कर उसकी बात को समझते हुए, जले मेरी जूती.

रवि कॉफी का कप रख कर अलका को देखता हुआ

दीदी- मेरे पास आकर बैठो ना 

अलका- गुस्से में क्यो मैं तेरी बीबी हूँ जो तेरी हर बात मान कर तेरे पास चिपक कर बैठू,

रवि खड़ा होकर अलका के पास जाकर उसके सोफे पर बैठता हुआ अलका के हाथ को अपने हाथ मे लेकर 
रवि- मेरी प्यारी दीदी क्या मुझसे नाराज़ है

अलका- अपना मूह बना कर, मैं कौन होती हूँ तुझसे नाराज़ होने वाली

रवि- अलका के चेहरे को अपने हाथो मे भर कर दीदी एक बात कहूँ

अलका- क्या

रवि- दीदी तुम गुस्से में बहुत खूबसूरत लगती हो,

अलका- मूह बनाते हुए रवि तू मेरी झूठी तारीफ करना बंद कर दे

रवि- दीदी अगर मैं झूठ बोलू तो खुदा अभी मेरी जान ले ले,

अलका रवि की बात सुन कर उसके मूह पर अपना हाथ रख देती है और 
अलका- खबरदार अगर दुबारा ऐसी खराब बात अपने मुँह से निकाली तो,

रवि- अलका का हाथ चूमते हुए, दीदी तुम ये अच्छी तरह जानती हो ना कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ, आज मैं तुम्हे 
एक बात और बता देता हूँ की अगर तुम मुझे नही मिली तो या तो मैं पागल हो जाउन्गा या फिर अपनी जान दे दूँगा,

अलका- रवि इंसान को इतना प्यार किसी से नही करना चाहिए 

रवि- दीदी यह बात तुम अपने आप को समझाओ तो ज़्यादा बेहतर होगा,

अलका- अपना सर झुकाते हुए, और फिर रवि को देख कर रवि कुछ बाते ऐसी होती है कि उन पर फ़ैसला लेना जिंदगी का 
सबसे मुश्किल कम होता है,

रवि- दीदी जब फ़ैसला ना लिया जा रहा हो तो उसे वक़्त पर छोड़ देना चाहिए,

अलका- पर रवि कुछ बाते इंसान को बहुत तडपाती है वह उन बातों के लिए कब तक वक़्त का इंतजार करेगा,
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01-15-2019, 02:20 PM,
#55
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- दीदी जब इंसान किसी चीज़ को वक़्त के हर लम्हे के साथ पाने की कोशिश करता है ना तो वह चीज़ खुद ब खुद उसको हासिल हो जाती है इसलिए तुम फिकर मत करो, अगर तुम कुछ चाहती हो जिसके लिए तुम्हारा दिल हर पल को गिनने लगता है तो समझो वह मंज़िल अब तुम्हारे बिल्कुल करीब है,

अलका- मुस्कुरा कर चल छोड़ अब इन बातों को बहुत बड़ी-बड़ी बात करने लगा है, अब कुछ दूसरी बात कर

रवि- मुस्कुरा कर अलका के सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ, कौन सी बात करूँ दीदी,

अलका- रवि की नज़रो को अपने दूध पर महसूस करती हुई मुस्कुरा कर मार खाएगा,

रवि- दीदी मैने क्या किया है

अलका- ज़्यादा भोला बनने की कोशिश मत कर

रवि- अच्छा दीदी भोला नही बनता बदमाश बन जाउ

अलका- मुस्कुरा कर कोई ज़रूरत नही है, अच्छा रवि तुझे पता है कल क्या दिन है,

रवि- कुछ सोच कर, ज़रूर इसका बर्त डे होगा, लड़किया अपने बर्त डे होने पर कुछ इसी अंदाज मे पूछती है, दीदी कल का 
दिन मे कैसे भूल सकता हूँ,

अलका- खुस होती हुई क्या तुझे सच मुच याद है,

रवि- दीदी मैं तुम्हारा बर्त डे कभी भूल सकता हूँ,

अलका- मुस्कुरा कर मुझे लगा तुझे याद नही होगा, अच्छा रवि मेरे बर्त डे पर मुझे क्या गिफ्ट देगा,

रवि- कुछ सोच कर, दीदी कल मैं तुम्हे ऐसा गिफ्ट दूँगा जो तुम्हारी जिंदगी का सबसे कीमती गिफ्ट होगा,

अलका- ऐसा क्या गिफ्ट देने वाला है मुझे,

रवि- अलका को अपनी और खीच कर उसके जिस्म को अपने बदन से सटाते हुए, अभी दे दूं क्या

अलका- उसको अलग करती हुई मुझे कोई ऐसा वैसा गिफ्ट नही चाहिए,

रवि- दीदी वह कोई ऐसा वैसा गिफ्ट नही होगा वह गिफ्ट ऐसा होगा जो तुम्हारी जिंदगी बदल देगा, तभी रवि अपनी घड़ी 
देखता है और दीदी मम्मी इंतजार कर रही होगी मैं अभी उन्हे ले कर आता हूँ और रवि अपनी बाइक उठाकर उड़ जाता है,

अलका अपने आप से बाते करती हुई, कल रवि मुझे क्या गिफ्ट देगा, कहीं वह मेरे साथ कुछ, नही-नही उसे ऐसा तो नही 
करना चाहिए पर अगर उसने ऐसा कुछ करने की कोशिश की तो फिर मैं क्या करूँगी, कहीं वह कुछ कर ना दे, मैं उसे रोक 
भी तो नही पाती, आख़िर मैं क्या करूँ, उससे दूर भी नही रह सकती और .... 
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01-15-2019, 02:20 PM,
#56
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रात को 10 बजे रवि अलका के रूम मे जाकर

रवि- क्या हो रहा है दीदी

अलका- कुछ नही रवि नींद नही आ रही है

रवि- दीदी नींद तो मुझे भी नही आ रही थी इसलिए सोचा दीदी के पास जाकर दूध माँग कर पी लेता हूँ तभी नींद 
आएगी,

अलका- मुस्कुरा कर जा किचन मे जा कर ले ले

रवि- दीदी मुझे तो आपका दूध पीना है,

अलका- बेड से उठ कर सहम कर बैठते हुए, रवि आज कोई हरकत नही करना

रवि- क्यो आज ऐसा क्या है

अलका- देख रवि तू जाकर अपने रूम मे सो जा मुझे तो नींद आ रही है

रवि- दीदी आज तो मैं तय करके आया हूँ कि आज रात तुम्हारे साथ ही सोउंगा,

अलका- क्यो

रवि- अलका के करीब बैठ कर उसकी आँखो मे देखता हुआ उसकी मोटी जाँघो पर हाथ फेरते हुए, दीदी आज मेरी इच्छा पूरी कर दो, मुझसे अब और बर्दास्त नही होता,

अलका- सीरीयस सा चेहरा बनाती हुई, कौन सी इच्छा,

रवि- दीदी तुम सब जानती हो लेकिन फिर भी मुझसे सवाल करती हो,

अलका- छत पर लगे पंखे की ओर अपनी नज़रे उठा कर देखती हुई, मुझे नही पता तू क्या कह रहा है,

रवि- अलका के माथे के बीचो बीच अपनी एक उंगली को रख कर उसको धीरे -धीरे नीचे लाता हुआ, नाक ,नाथ , होंठ, से नीचे उतारता हुआ अपनी उंगली को उसकी गर्दन से नीचे उसके दूध के डीप मे से चलाता हुआ उसके पेट और उसकी नाभि पर लाकर अपनी उंगली को रोक कर, 

रवि- दीदी एक बार बस मुझे दिखा दो ना,

अलका- सहम कर अपने जिस्म को थोड़ा पीछे करती हुई, रवि प्लीज़ यहाँ से जा,

रवि- अलका की मस्त मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर उसके गुलाबी चेहरे को देख कर, दीदी यू आर सो ब्यूटी,

अलका- अपने गले को थूक उतार कर गीला करती हुई, रवि ये ठीक नही है,

रवि अलका को एक झटके मे अपने उपर खीच कर उसके रसीले लबों को चूम कर, दीदी तुम नही जानती तुम कितनी सेक्सी हो और अलका के होंठो को कस कर चूम लेता है,

अलका रवि की हरकत का कोई विरोध नही करती है, रवि अलका को अपने सीने से चिपका कर उसके गले को चूमता हुआ उसके कान मे अपना मूह लगा कर 


रवि- दीदी

अलका- हूँ

रवि- दीदी जानती हो तुम्हे देख कर मुझे क्या लगता है,

अलका- रवि के गले मे अपनी बाँहे डाले हुए, क्या

रवि- दीदी यही कि मैं तुम्हारे पूरे बदन को अपने होंठो से चूम लूँ और रवि अलका के मोटे-मोटे चुतड़ों पर अपना हाथ फेरने लगता है और अलका उससे ज़ोर से कस कर चिपक जाती है,

रवि- अलका के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथों से हल्के-हल्के सहलाते हुए उसके होंठो को चूमता हुआ,

रवि-दीदी

अलका-हूँ

रवि- दीदी एक बार दिखा दो ना

अलका- नही रवि प्लीज़,

रवि- अलका के दूध को थोड़ा कस कर दबाते हुए, दीदी बस एक बार और उसके टीशर्ट मे हाथ डाल कर उसके पूरे पपीते जैसे कठोर चुचे को अपने हाथों मे भर कर कस कर दबाता है और अलका आह रवि प्लीज़ आह..आ

रवि- दीदी एक बार दिखा दो ना,

अलका- क्या, आह

रवि- पूरी नंगी होकर 

अलका चुपचाप रवि से अपने मोटे-मोटे दूध मिजवाती हुई अपनी आँखे बंद किए हुए उसके उपर लदी हुई थी और रवि ने अलका की दोनो टॅंगो को फैलाकर उसका मूह अपनी तरफ करके उसे अपनी गोद मे बैठा कर अपने सीने से चिपका लिया और अलका पूरी तरह गरम हो कर रवि की जाँघो पर चढ़ कर उसके सीने से अपने मोटे दूध दबाती हुई कस कर चिपक गई, रवि अलका के मोटे-मोटे चुतड़ों पर हाथ फेर कर उन्हे जींस के उपर से मसलता हुआ,

रवि-दीदी तुम्हारे हिप्स बहुत अच्छे है,
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01-15-2019, 02:21 PM,
#57
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका बेसूध सी होकर रवि के लंड के उपर चढ़ि हुई थी और रवि का लंड अलका की मोटी गान्ड के नीचे दबा हुआ था जिसकी चुभन शायद अलका को भी महसूस हो रही थी रवि अलका को अपनी गोद मे बैठाए-बैठाए अपनी पीठ को तकिये पर रख कर टिक जाता है और अलका उसके उपर चढ़ि हुई लेट जाती है और रवि अलका को अपने सीने से चिपका लेता है, रवि अलका की पीठ को सहलाता हुआ एक हाथ से उसके बालो के उपर फेरता हुआ उसके सर को सहला रहा था और अलका अपनी दोनो टाँगे रवि के आसपास करके उसके उपर अपनी आँखे बंद किए पड़ी हुई थी,

कुछ देर इसी तरह पड़े रहने के बाद अलका अचानक उसके उपर से उठकर उतरने लगती है तो रवि उसको रोकते हुए
रवि- दीदी कहाँ जा रही हो,

अलका- रवि हट मुझे उतरने दे

रवि- दीदी ऐसे ही बैठी रहो ना तुम्हे अपने उपर चढ़ाने पर मुझे बहुत अच्छा लगता है,

अलका- नही रवि ये सब ठीक नही है, 

रवि- अलका का हाथ जबरन पकड़ कर उसे अपनी ओर खिचता हुआ, क्यो ठीक नही है, मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हारे बिना नही रह सकता हूँ

अलका- नही रवि ये सब ठीक नही है और हमे यह सब यही रोक देना चाहिए

रवि- दीदी अब मैं पीछे नही हट सकता और अलका के दूध को पकड़ लेता है 

अलका रवि का हाथ हटा कर झटके से उसके उपर से उतर जाती है रवि फिर से उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खिचता है, अलका अपना हाथ छुड़ाते हुए, रवि छोड़ मेरा हाथ और जा अपने रूम मे, 

रवि खड़ा होकर अलका के मूह को पकड़ कर--- 

रवि-दीदी तुम बहुत नखरा करती हो आज मैं तुम्हे चोदे बिना नही जाउन्गा और अलका को पकड़ कर बेड पर गिरा देता है,

अलका रवि को धकेलते हुए, गुस्से से रवि अब बहुत हो गया, अब अगर तूने मुझे छुआ भी तो मुझसे बुरा कोई नही होगा, 

रवि- उसका हाथ छोड़ते हुए, दीदी बहुत हुई ये आँख मिचोली, क्या तुम मुझे प्यार नही करती हो जो इस तरह बिहेव कर रही हो,

अलका- हाँ नही करती, और ना कभी करूँगी

रवि- तो फिर वह क्या था जो इतने दिनो से चल रहा था

अलका- मैं वो सब नही जानती और तू जा यहाँ से

रवि- अच्छा तुम नही जानती, तो फिर चलो मेरे साथ और अलका का हाथ पकड़ के भगवान के घर मे बने छोटे से मंदिर की मूर्ति के सामने लेजा कर अलका का हाथ पकड़ कर मूर्ति पर रखते हुए, तो खाओ कसम की तुम मुझसे प्यार नही करती, और मैं तुम्हारा हाथ इस मूर्ति से तब तक नही हटाने दूँगा जब तक तुम कसम खाकर ना कह दो कि तुम मुझसे प्यार नही करती


अलका चुपचाप खड़ी रहती है और रवि उसको देखता रहता है, रवि का मूड बहुत खराब हो चुका था और वह काफ़ी गुस्से मे आ चुका था या यू समझ ले कि उसके प्यार पर एक वॉर हो चुका था जिसकी वजह से वह तिलमिला गया था और इस समय वह खुद के काबू मे नही था,

अलका- मुझे नही खाना कोई कसम वसम, मैं जा रही हूँ और वह जाने के लिए पलटती है तभी रवि उसका हाथ ज़ोर से पकड़ कर अपनी ओर खिचते हुए

रवि- दीदी तुम तो नही कह सकती ना कि तुम मुझसे प्यार नही करती और यह भी नही कर सकती कि मुझसे इज़हार कर दो कि रवि मैं तुझसे प्यार करती हूँ, लेकिन मैं यह जनता हूँ कि तुम मुझसे प्यार करती हो

अलका- गुस्से से रवि को देखते हुए अगर मैं कह भी दूं कि मैं तुझसे प्यार करती हूँ तो उससे क्या होगा, हाँ ले मैं कहती हूँ कि मैं तुझसे प्यार करती हूँ, तो क्या तू मुझे सारी जिंदगी के लिए अपना बना लेगा,

रवि- दीदी तुमने दिल से तो नही कहा कि मैं तुझसे प्यार करती हूँ लेकिन तुम जानना चाहती हो कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ कि नही तो आज मैं तुम्हे दिखा देता हूँ कि मैं तुमसे कितनी मोहब्बत करता हूँ और मैं तुम्हे अपना बना कर ही रहुगा, और इस बात के लिए मुझे दुनिया की कोई ताक़त नही रोक सकती, 

रवि अलका का हाथ पकड़ कर भगवान की ओर करता है और कहता है, आज इस भगवान को साक्षी मान कर मैं तुम्हे अपनी बीबी मानता हूँ और वही भगवान के पास एक डिब्बी मे रखा सिंदूर चुटकी मे भरता है और एक झटके मे अलका की माँग मे भर देता है, 

अलका उसकी इस हरकत को अपनी आँखे फाडे हुए देखती रह जाती है और गुस्से मे आकर रवि को एक तमाचा खेंच कर उसके मूह पर मारती है और अपना हाथ छुड़ा कर चल देती है, रवि वही खड़ा-खड़ा दीदी रुक जाओ ई लोवे उ, दीदी प्लीज़ रुक जाओ मई तुम्हारे बिना नही जी सकता, दीदी प्लीज़ रुक जाओ और रवि अपने घुटनो के बाल बेत कर, दीदी रुक जाओ मई सचमुच तुम्हारे बिना नही जी सकता, मई सचमुच तुमसे बहुत प्यार करता हू..और रवि की आँखो मई आँसू आ जाते है.

अलका अपने रूम मे जाकर पेट के बल लेट जाती है और उसकी आँखे एक तक दीवार को निहारती रहती है जैसे की पथरा गई हो, 

लगभग एक घंटे तक अलका उसी अवस्था मे लेटी-लेटी रवि के द्वारा की गई हरकत को सोचती रहती है और उसकी पलके 
झपकने का नाम नही लेती है, फिर अलका फ्लेश बॅक मे जाती है और रवि के साथ बीते उसके सभी लम्हे उसे बारी-बारी 
से नज़र आने लगते है, धीरे-धीरे उसका माइंड वापस अपने मुकाम पर आने लगता है,

इधर रवि अपने बिस्तेर पर लेटा-लेटा सिर्फ़ अलका को ना पाने के गम मे उदास रहता है, अलका लगभग रात को 12 बजे के आस पास अपने बेड से उठती है और पानी पीने के लिए किचन मे जाती है तब उसकी नज़र रवि के रूम की ओर जाती है जहा लाइट ऑन थी, अलका अपने कदम को अचानक रवि के रूम की ओर ले जाती है और खिड़की से अंदर झाँक कर देखती है, रवि के हाथो मे अलका की तस्वीर थी और वह उसे बड़े गौर से देख रहा था, अलका रवि को अपनी तस्वीर को इस तरह देखने पर उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है और वह अपने रूम मे आ जाती है,

अलका का रिक्षन रवि को देख कर मुस्कुराने का इसलिए हो रहा था क्यो कि उन दो घंटो मे उसके दिल और दिमाग़ के बीच बहुत ही भयंकर लड़ाई हुई और अंत मे उसके दिल की जीत हो गई, और अलका अपने दिल के हाथो मजबूर हो गई,
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01-15-2019, 02:21 PM,
#58
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका वापस जब अपने रूम मे आती है तभी उसकी नज़र ड्रेसिंग टेबल के मिरर पर पड़ती है और वह एक दम गौर से 
अपने आप को देखने लगती है फिर वह धीरे-धीरे ड्रेसिंग टेबल के पास जाती है तब उसे अपना चेहरा बिल्कुल साफ नज़र आता है, उसकी नाक की नाथ का हीरा जग मग कर रहा है ...और वो इस समय एक नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी क्यो कि उसकी माँग मे सिंदूर भरा हुआ था और उसका चेहरा अचानक उसके खुद के लिए भी बदल गया था और एक नया रूप उसे दिखाई दे रहा था, पहले तो अलका को अपनी माँग मे भरा सिंदूर देख कर एक दम से रवि के उपर बहुत गुस्सा आया, लेकिन फिर अगले ही पल अलका का अपना कुँवारा होते हुए भी शादीशुदा रूप देख कर एक अंजानी सी मगर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गई और जिसे वह रोक नही पाई और आकर अपने बेड पर लेट गई, अलका को रवि की बहुत याद आने लगी और एक पल तो उसका दिल करने लगा कि अभी जाकर रवि से लिपट जाए, लेकिन फिर कुछ सोच कर वह तकिये को अपने सीने से लगा कर लेट जाती है, 

लेकिन रवि को शायद यह सब होने के बाद किसी पॉज़िटिव रेस्पॉन्स की उम्मीद नही थी और वह बहुत ज़्यादा अपसेट हो गया था और अलका की तस्वीर देखकर उसकी आँखो से ना चाहते हुए भी आँसू अपने आप बह रहे थे जिन्हे वह पोंछ भी 
नही रहा था उसकी आँखे लाल हो चुकी थी और नीद उसकी आँखो से कोसो दुर थी,

सुबह-सुबह अलका अपनी रवि के उठने से पहले ही नहा कर तैयार हो गई और कॉलेज जाने के लिए रेडी हो गई, 

सुबह रति भी खेत से घर आ जाती है...पर बिरजू फार्म पर ही रहता है....

वो गौर से अलका को देख रही थी....पर उसे सब नॉर्मल लगता है... तो वो कुछ नहीं बोलती.....

रति- अलका बेटा देख तो रवि अभी तक क्यो नही उठा, 

अलका- मम्मी आप ही जाकर जगा दो ना तब तक मैं कॉफी बना लेती हूँ,

रति- रवि के रूम मे जाते ही, रवि उठो बेटा कितना टाइम हो गया आज अलका को कॉलेज छोड़ने नही जाएगा क्या,

रवि- मम्मी आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नही लग रही है इसलिए मैं कॉलेज नही जाउन्गा मुझे सोने दो प्लीज़,

रति- रवि के सर पर हाथ रखते हुए, क्यो क्या हो गया है तुझे,

रवि: फिकर ना करे,

रति- ओके बेटा जैसी तेरी मर्ज़ी,

रति बाहर आकर अलका बेटे रवि तो कह रहा है कि उसकी तबीयत कुछ नरम-गरम है इसलिए आज वो नही 
आएगा, तू एक कम कर आज चली जा..

अलका- कहीं बुखार तो नही आ गया रवि को

रति- नही बुखार तो नही है कह रहा है कुछ वीकनेस सी लग रही है,

रति और अलका दोनो कॉफी पीते है और अलका सोफे पर बैठी हुई सोचने लगती 

रति:अच्छा बेटा मैं खेत पर जा रही हूँ तू कॉलेज चली जाना ...

अलका सोचती है कि वह क्या करे, वह रवि के पास उसका हाल पूछने जाना चाहती थी लेकिन कल वाली बात के कारण उसकी हिम्मत नही हो रही थी, और साथ ही वह रवि को गुस्सा भी दिखना चाहती थी, अलका- आज मैं कॉलेज जाकर क्या करूँगी, मैं तो बोर हो जाउन्गी सो आज मैं भी कल्टी मार देती हूँ, और अलका भी कॉलेज जाना कॅन्सल कर देती है और जाकर सोफे पर चुपचाप बैठ जाती है, करीब आधे घंटे बाद रवि सोचता है कि दोनो लोग चले गये होंगे तो वह उठ कर बाहर आता है और जैसे ही उसकी नज़र अलका पर पड़ती है अलका अपनी नज़ारे रवि को देख कर झुका लेती है, रवि जब अलका को अपनी नज़रे झुकाए देखता है तो मन ही मन उसको थोड़ी हसी आ जाती है, फिर भी अपना चेहरा सीरीयस बना कर वह सोफे पर ना जाते हुए बाथरूम मे घुस जाता है और फिर अपना हाथ मूह धोकर कर वापस बिना कुछ कहे अपने रूम मे चला जाता है, 
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01-15-2019, 02:21 PM,
#59
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका उसको पीछे से जाते हुए देखती रहती है, लगभग आधे घंटे तक जब रवि वापस बाहर नही आता है तो अलका का सब्र टूटने लगता है और वह मन ही मन बड़बड़ाती हुई क्या कर रहा है जब से अंदर, अच्छा भला तो दिख रहा है कहाँ है इसकी 
तबीयत खराब फिर बाहर क्यो नही आता है, एक तो खुद इतनी बड़ी ग़लती करता है और फिर खुद ही मुझे अपनी नाराज़गी दिखा रहा है, और अलका उठ कर रवि के रूम की ओर चल देती है, रवि अपनी आँखे खोले लेटा हुआ था, जैसे ही उसकी नज़र अलका से और अलका की नज़र उससे मिलती है रवि अपना मूह दूसरी ओर फेर लेता है,

अलका- रवि कॉफी बना दूं क्या ज़्यादा तबीयत खराब है,

रवि अलका की बात का कोई जवाब नही देता है तब अलका कहती है 
अलका-अच्छा मैं कॉफी बना कर लाती हूँ और रूम के बाहर चली जाती है, अलका के इस बिहेव से रवि का मन कुछ शांत होता है और वह फिर से उम्मीद से भर जाता है और कुछ सोच कर उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है,
थोड़ी देर बाद अलका कॉफी लेकर आती है और रवि का मूह जिस तरफ था उसी तरफ जाकर उसको आँखो मे देखती हुई-
अलका- ले रवि कॉफी पी ले

रवि- अलका की आँखो मे गुस्से से देख कर, मुझे नही पीना तुम्हारी कॉफी

अलका- ये रखी है मैं जा रही हूँ चुपचाप पी लेना, और अलका सोफे पर जाकर टीवी ऑन करके बैठ जाती है, टीवी मैं एक सेक्सी कपल एक दूसरे हो अपनी बाँहो मे भर कर चूम रहे थे, जिसे देख कर अलका का मन विचलित होने लगता है और उसके गदराए दूध उसको परेशान करने लगते है, वह सीन कुछ ज़्यादा ही लंबा और उत्तेजित कर देने वाला था जिसे देख कर अलका बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी, उससे रहा नही जा रहा था तभी वह उठ कर सीधे रवि के रूम मे जाती है और 
जैसे ही रूम मे एंटर होती है अलका देखती है रवि जीन्स टी-शर्ट पहन कर कहीं जाने की तैयारी कर रहा था और उसकी 
कॉफी रखी-रखी ठंडी हो चुकी थी,

अलका- रवि कहाँ जा रहा है तू

रवि- तुमसे मतलब

अलका- पर अभी तो तेरी तबीयत खराब थी

रवि- पलट कर अलका को गुस्से से देख कर मैं मरूं या जियु तुम्हे इससे क्या लेना है,

अलका- रवि के पास जाकर, रवि ज़्यादा गुस्सा होने की ज़रूरत नही है ग़लती तेरी ही थी,

रवि- हाँ ग़लती मेरी है जो मैं तुम्हे पागलो की तरह चाहता हूँ

अलका- पर रवि यह सब हमारे बीच ठीक नही है,

रवि- अलका को गुस्से से देख कर मुझे तुम्हारा भाषण सुनने का कोई शौक नही है,

अलका- मुस्कुरा कर रवि का हाथ पकड़ कर अच्छा बाबा मुझे माफ़ कर दे

रवि- मैं कौन होता हूँ तुम्हे माफ़ करने वाला

अलका- मुस्कुरा कर क्यो तू नही जानता कि तू मेरा कौन है

रवि- मुझे तुमसे कोई लेना देना नही है दीदी, तुम मेरी दीदी हो तो दीदी की तरह रहो और मेरे मॅटर मे दखल देने 
की कोई ज़रूरत नही है

अलका- मुस्कुरा कर अच्छा मुझे एक बार माफ़ कर दे तू जैसा कहेगा मैं वैसा ही करूँगी,

रवि- मैं तुमसे कुछ नही चाहता,

अलका- मुस्कुरा कर, और मुझे 

रवि- अलका को घूरता हुआ बाहर जाने लगता है

अलका- पीछे से, रवि आइ आम सॉरी प्लीज़ एक बार माफ़ कर दे
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01-15-2019, 02:21 PM,
#60
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि घर के बाहर निकल जाता है और अलका दौड़ कर उसके पीछे जाती है रवि जैसे ही बाइक पर चाभी लगाता है अलका जल्दी से चाभी निकाल कर उसे अपनी ब्रा के अंदर डॉल लेती है और भाग कर घर के अंदर आ जाती है, रवि उसके पीछे जाता है अलका जाकर सोफे पर बैठ जाती है और टीवी देखने लगती है, 

रवि- दीदी चुपचाप चाभी दे दो मुझे

अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखती है और मुझे क्या पता तेरी चाभी कहाँ है,

रवि- दीदी ज़्यादा बनो मत और मेरी चाभी दो

अलका- मुस्कुरा कर कहाँ है तेरी चाभी

रवि अपनी स्माइल रोक नही पाता है और अपना हाथ अलका की ब्रा मे जैसे ही डालने की कोशिश करता है अलका उसका हाथ पकड़ लेती है रवि उसका हाथ हटा कर चाभी निकालने की कोशिश करता है और अलका मुस्कुराते हुए उसको रोकती है, 

रवि मुस्कुरा कर दीदी तुम ऐसे नही मनोगी और रवि अलका के दूध को कस कर पकड़ लेता है 

अलका- रवि आह छोड़ रवि रुक जा मैं देती हूँ

रवि- उसका दूध अपने हाथो मे पकड़े हुए पहले निकाल कर दो

अलका : मेरे पास अपना मुहँ मत लाना नहीं तो फिर तेरे बाल फस जाएगे....मेरी नथ से....

रवि: हाई हाई तेरी नथनियाआआअन.... चाभी दो......

अलका- मुस्कुराते हुए देती हूँ बाबा पहले अपना हाथ तो हटा

रवि अपना हाथ हटाता है और अलका रवि को धक्का देकर अपने रूम की ओर भागती हुई अपनी जीभ निकाल कर रवि को 
दिखाती हुई नही देती जा और भाग कर अपने रूम मे घुस जाती है, रवि तुरंत उसके पीछे दौड़ कर रूम के अंदर जाकर 
अलका को कस कर उसकी कमर से पकड़ लेता है और आगे हाथ लेजकर उसकी ब्रा के अंदर डालने लगता है अलका अपने दोनो हाथो से उसके हाथ को ब्रा मे घुसाने से रोकती है. रवि उसको बेड पर गिरा कर सीधा लिटा देता है और उसके पेट पर दोनो ओर टाँग करके बैठते हुए उसके दोनो हाथों की कलाई को उपर करके पकड़ लेता है, अलका और रवि एक दूसरे को मुस्कुरा कर देखते है, अलका की साँसे तेज-तेज चलने लगती है और उसके दूध बहुत तेज़ी से उपर नीचे होने लगते है, 

रवि की नज़र अलका के मोटे-मोटे दूध जो कि बहुत तेज़ी से हाँफने के कारण उपर नीचे हो रहे थे पर पाती है और रवि उसके दूध को देखने लगता है और अलका रवि की आँखो मे देखने लगती है और जब रवि की नज़र अलका से मिलती है तो 
दोनो की हसी चेहरे से गायब हो जाती है और दोनो एक दूसरे को आँखे फाड़-फाड़ कर एक तक देखने लगते है,


रवि अलका के खूबसूरत चेहरे को देख कर हल्के से मुस्कुराता है और अलका अपनी आँखे एक पल के लिए नीचे कर लेती 
है, रवि उसको देखता रहता है और फिर अलका रवि को वापस नज़र उठाकर देखती है तो रवि उसके खूबसूरत चेहरे 
को देख कर उसकी कलाई को अपने हाथो मे और कस कर धीरे-धीरे उसके चेहरे की ओर झुकने लगता है,

अलका जब देखती है की रवि अपने होंठो को उसके होंठो की और ला रहा है तो अलका अपने सर को दूसरी तरफ मोड़ लेती है और रवि अपनी दीदी की गर्दन से अपने होंठो को लगा देता है और उसकी गर्दन को चामने लगता है और अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है 

रवि अलका की गर्दन को चूमता हुआ धीर-धीरे उसके कानो के पीछे उसके गालो को चूमते हुए अपने होंठो को उसके गले 
से चूमते हुए उसके दूध की गहराई मे अपने मूह को घुसा कर चूमने लगता है अलका अपनी कलाई को रवि से छुड़ाने 
की कोशिश करती है लेकिन रवि अपनी पकड़ को मजबूत बनाए हुए, अलका के दूध को अपने मूह से दबाने लगता है और 
अलका अपनी आँखो को कस कर बंद कर लेती है, पूरे रूम मे सन्नाटा पसरा रहता है अलका अपने दोनो पैरो को लंबा
करके सीधी लेटी रहती है और रवि उसके उपर चढ़ा उसके पूरे गले और दूध की गहराई वाले हिस्से को चूमता रहता है
रवि का लंड अपने पूरी उत्तेजित अवस्था मे आ जाता है और रवि अलका का हाथ पकड़े हुए उसके उपर सीधे लेट जाता है 
और अलका उसके जिस्म के वजन का दबाब अपने जिस्म पर महसूस करती है और रवि उसके होंठो को हाथ पकड़े हुए 
चूमने की कोशिश करता है और अलका अपने मूह को दूसरी ओर मोड़ कर रवि के होंठो से बचने की कोशिश करती है पर 
रवि के उपर लेटने से अलका का सब्र टूटने लगता है और अलका का शरीर ढीला पड़ जाता है और रवि अलका के हाथों को 
छोड़ कर उसकी पीठ के नीचे हाथ लेजा कर उसको अपनी छाती से चिपकते हुए एक हाथ से उसका चेहरा थाम कर उसके रसीले होंठो को अपने होंठो से लगा लेता है और उसके रस भरे गुलाबी होंठो को अपने मूह मे भर कर चूमने लगता है और 
अलका अपने दोनो हाथों को रवि की पीठ से लपेट कर उसे अपनी बाँहो मे कस लेती है, रवि बेतहासा अलका को चूमने 
लगता है, अलका रवि के जिस्म के दबाव से मस्त होने लगती है और उसकी चूत से पानी आ जाता है और वह रवि को इतना ज़ोर से अपने जिस्म से चिपका लेती है जैसे वह उसको अपने अंदर समा लेना चाहती हो, 
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