bahan ki chudai बहन का दर्द
01-15-2019, 02:18 PM,
#41
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका- धीमी आवाज़ मे रवि मुझे नीचे उतार मैं गिर जाउन्गी,

रवि- दीदी ज़्यादा शोर मत करो नही तो मम्मी को पता चल जाएगा कि तुम मेरे उपर चढ़ि हो, 

अलका- रवि के सीने पर मुक्का मारती हुई, बदमाश कहीं के मैं तेरे उपर चढ़ि हूँ कि तूने मुझे अपने उपर चढ़ाया 
है,

रवि- दीदी जब कोई किसी के उपर चढ़ता है तो देखने वाले को चढ़ने वाले की ही ग़लती नज़र आती है,

अलका- अच्छा बाबा मैं हारी तू जीता अब तो मुझे उतार दे,

रवि अलका को अपनी गोद मे उठाए हुए अलका के बेड पर ले जाता है और बेड पर लिटा देता है, अलका रवि को मुस्कुरा कर देखती रहती है और रवि खड़ा-खड़ा अपनी खूबसूरत बहन के अप्सरा जैसे रूप और खूबसूरत हुस्न को निहारता हुआ 
खड़ा रहता है,

अलका- मुस्कुरा कर रवि को देखती हुई जो उसे घूर कर उसके चेहरे को देख रहा था, रवि ऐसे क्या देख रहा है, खा 
जाएगा क्या, 

रवि- उसके पास बैठ कर दीदी मैं तो तुमको खाना नही पीना चाहता हूँ लेकिन तुम पिलाती ही नही,

अलका- बड़ा आया पीने वाला, क्या पीना चाहता है, 

रवि- मुस्कुरा कर उसके दूध को देखने लगता है

अलका- मुस्कुराहट छुपा कर झूठा गुस्सा दिखाते हुए रवि मार खाएगा तू,

रवि- दीदी पहले पिला दो बाद मे जितना चाहे मार लेना,

अलका- रवि अब तू सीधे अपने रूम मे जाकर सो जा,

रवि- दीदी मैं बिना पिए नही जाउन्गा,

अलका- मुस्कुरा कर देख रवि रोज-रोज ये सब हरकत अच्छी नही है, आख़िर तू मेरा भाई है, 

रवि- उसकी बात से थोड़ा सीरीयस होता हुआ, अच्छा मत पिलाओ लेकिन एक बार मुझे अपने सीने से लगा कर एक किस अपने होंठो पर करने दो मैं चला जाउन्गा,

अलका- रवि क्या कोई भाई अपनी बहन से ऐसी बात करता है,

रवि- दीदी अब ज़्यादा बनो मत क्या तुम नही चाहती जो मैं चाहता हूँ,

अलका- इधर उधर अपनी नज़ारे नचाते हुए- नही,

रवि- अलका का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखते हुए तो खा लो मेरे सर की कसम कि तुम नही चाहती कि मैं तुम्हे 
अपनी बाहों मे लेकर तुम्हे जी भर कर प्यार करू,

अलका- अपना हाथ छुड़ाते हुए, रवि हर बात मे कसम खिलाने की क्या ज़रूरत है,

रवि- इसलिए कि बिना कसम खिलाए तुम सच बोलती नही हो,

अलका- मुस्कुरा कर अच्छा ठीक है हम कल इस मॅटर पर बात करेगे, अब जा और जाकर सो जा,

रवि- दीदी कम से कम एक किस तो कर लेने दो, 

अलका- रवि तू कितना जिद्दी हो गया है, तेरी इन हरकतों से मुझे शर्म आती है,

रवि- अच्छा आप आँख बंद कर लो मैं बस एक किस करके चला जाउन्गा,

अलका- पक्का

रवि- बिल्कुल पक्का

अलका- रवि को अंगुली दिखाते हुए लेकिन देख कोई बदमाशी नही करना,

रवि- भरोसा रखो दीदी मुझे कोई बदमाशी करना होती तो मैं क्या तुमसे पूछता,

अलका- अच्छा ठीक है, पर बस एक किस हाँ,

रवि- ओके

अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है और रवि अपने होंठो को अलका के होंठो के पास ले जाता है, और अलका के होंठो से 
सिर्फ़ दो इंच की दूरी पर जाकर रुक जाता है और अलका को देखने लगता है, अलका की साँसे बहुत तेज-तेज चल रही थी और रवि की सांसो की हवा अलका के लबों से टकरा रही थी, कुछ देर रवि ऐसे ही रहा तो अचानक अलका ने अपनी आँखे खोल दी, और रवि ने थोड़ा मूह पीछे कर लिया,
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01-15-2019, 02:18 PM,
#42
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका- रवि क्या कर रहा है जो करना है जल्दी कर मैं कब तक आँखे बंद रखूं, 

रवि- अच्छा करता हूँ आप आँखे बंद कर लो,

अलका, रवि को मुस्कुरा कर देखते हुए अपनी आँखे फिर बंद कर लेती है, रवि समझ जाता है कि उसकी दीदी मरी जा 
रही है लेकिन उपर से नखरा कर रही है, रवि अलका के कान के पास अपने मूह को लाकर उसे बिना छुए, 
रवि- दीदी

अलका- हूँ

रवि- दीदी आज मूड कॅन्सल, नही करना मुझे किस

अलका अपनी आँखे खोलकर, क्यो क्या हुआ,

रवि- बस ऐसे ही मेरा मन नही हो रहा, मैं जा रहा हूँ अपने रूम में सोने,

रवि बेड से उतार कर जाने लगता है तो अलका का चेहरा मुरझा जाता है,

अलका- रवि 

रवि - वापस पलट कर, हाँ दीदी

अलका- तू मुझसे गुस्सा हो गया क्या,

रवि- मुझे क्या हक है आपसे गुस्सा होने का,

अलका- पर मैने तो तुझे किस करने के लिए हाँ कह दिया था ना, फिर किस बात के लिए तू मुझसे गुस्सा हो गया,

रवि- मूह बनाते हुए, दीदी क्या किस करने भर से रात को मुझे नींद आ जाएगी,

अलका- रवि को आँखे फाड़ कर देखती हुई, तो और क्या करना चाहता है तू मेरे साथ,

रवि- क्या फ़ायदा दीदी आपको बताने से आप करने तो देती नही,

अलका- कुछ सोच कर, बेड से नीचे उतर कर रवि के पास जाकर उसके सीने मे अपने सर को रख कर, देख रवि मुझे
समझने की कोशिश कर और मुझसे ऐसे नाराज़ ना हुआ कर, प्लीज़ मुझे समझने की कोशिश कर और अलका एक दम 
सीरीयस हो जाती है,

रवि को लगता है कि अभी उसकी दीदी का मन भावुक है इसलिए उसे शांति से कम लेना चाहिए और वह अलका का चेहरा 
उठाकर उसकी आँखो मे देखता हुआ, 

रवि- दीदी मैं आप से कहाँ नाराज़ हूँ मैं तो मज़ाक कर रहा था,

अलका- मुस्कुरा कर सच्ची,

रवि- मुस्कुरा कर मुच्चि

और दोनो खिलखिलाकर हँसने लगते है, रवि अलका को गले लगा लेता है यह वह समय था जब उन दोनो के उपर सेक्स से भी ज़्यादा हावी उनका प्यार था, रवि अलका को अपने सीने से लगाए उसके गालो को अपने होंठो से चूमता हुआ, दीदी इ लोवे यू, और अलका को छोड़कर- चलो अब आप भी सो जाओ मैं भी अपने रूम मे जाकर सो जाता हूँ,

अलका- मुस्कुराते हुए रवि को देखकर- रवि

रवि- हाँ दीदी

अलका- मेरे साथ सोएगा,

रवि- खुश होता हुआ ये आज सूरज पश्चिम से कहाँ से निकल आया, क्यो नही दीदी नेकी और पूछ-पूछ

अलका- लेकिन रवि तुझे एक वादा करना होगा,

रवि- वह क्या

अलका- यही कि तू मुझसे कोई शरारत नही करेगा,

रवि- दीदी भला ऐसा कभी हो सकता है कि कोई हूर की परी मेरे साथ अपनी रात बिताए और मैं उसके साथ कोई शरारत ना करूँ,

अलका- रवि को मुस्कुरा कर धकेलते हुए तो फिर जा भाग अपने रूम मे जाकर सो,

रवि- अरे दीदी मैं तो मज़ाक कर रहा हूँ,

अलका- नही मुझे तेरा कोई भरोशा नही है तू कुछ भी कर सकता है,

रवि- नही दीदी विश्वास करो मैं कुछ भी नही करूँगा, 

अलका- नही रवि और कभी आज नही

रवि- ठीक है दीदी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उसे गुड नाइट कह कर अपने रूम मे चला जाता है

रवि अपने रूम मे जाकर लेटे हुए सोचता है, कब तक ऐसे ही चलता रहेगा, दीदी के बिना मुझे एक पल चैन नही आता
है और दीदी है कि कुछ कहती ही नही, अब मुझसे नही रहा जा रहा अब मुझे कोई ना कोई कदम उठाना ही पड़ेगा,

अलका अपने बेड पर लेटे हुए अपने आप को कोसते हुए मैने रवि को इतनी जल्दी क्यो जाने दिया, रवि के बिना तो एक पल नही गुज़रता पता नही मेरी जिंदगी मे क्या होने वाला है, अलका यही सब सोचते हुए सो जाती है,
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01-15-2019, 02:18 PM,
#43
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका- रवि ये क्या कर रहा है, 

रवि- दीदी आज तो मैं तुम्हे पूरी नंगी देखना चाहता हूँ,

अलका- रवि देख ये ग़लत बात है तू मेरे साथ ज़बरदस्ती नही कर सकता, 

रवि- दीदी तुम मेरी बीबी हो और मैं अब तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हूँ 

और रवि एक झटके मे अलका की टीशर्ट उतार देता है अलका के मोटे-मोटे दूध नंगे हो जाते है और अलका उन्हे अपने 
हाथो से छुपाने की कोशिश करती हुई 

अलका- देख रवि प्लीज़ ऐसा मत कर मुझे बहुत शर्म आ रही है, 

रवि- दीदी मेरे पास आओ,

अलका- रवि मुझ से दूर रह तू बहुत गंदा है अपनी बहन के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती करते हुए तुझे शरम आनी चाहिए

रवि- दीदी तुम मेरी हो और मुझे पूरा हक है तुम्हे नंगी करने का

अलका- रवि प्लीज़ ऐसा मत कर

रवि आगे बढ़ कर अलका को अपनी गोद मे उठा लेता है और उसकी मोटी गान्ड से उसकी जीन्स निकाल देता है अलका को अपने नंगे बदन से कस कर चिपका लेता है, अलका सहमी हुई रवि के बदन से छूटने की कोशिश करती है लेकिन रवि उसे 
कस कर अपने सीने से दबाए रहता है,

अलका- रवि तू मुझे प्यार करता है ना,

रवि- हाँ

अलका- तो फिर मेरी मर्ज़ी के बिना मेरे साथ ऐसा क्यो कर रहा है,

रवि- कुछ सोचते हुए ठीक है नही करता तुम नाराज़ क्यो होती हो पर मेरे पास इसी तरह चिपक कर सो तो सकती हो,

अलका- ठीक है पर मैं पूरी नंगी हूँ रवि मुझे शरम आ रही है,

रवि- कहाँ दीदी तुम कहाँ नंगी हो पेंटी तो पहन रखी है

अलका- रवि के सीने पर हाथ मारती हुई, किस हक से तू मुझे अपने उपर नंगी करके सुला रहा है,

रवि- दीदी क्या मैने तुम्हे अपनी बीबी नही बना लिया है भूल गई जब हम भगवान को साक्षी मान कर तालाब पर एक दूसरे के हो गये थे, तब तो तुमने मुझे अपनाकर सारी सीमाए तोड़ दी थी, फिर आज क्या हुआ,

अलका- पता नही मुझे क्या हो गया था, आइ आम सॉरी,

रवि- कोई बात नही, अब तो मैं तुम्हे खुल कर प्यार कर लूँ

अलका - अपनी नशीली आँखो से रवि को देखते हुए, हूँ

रवि- क्या हूँ,

अलका- रवि मुझे अपनी बाँहो मे पूरी नंगी करके खूब प्यार करो प्लीज़ और अलका रवि की बाँहो मे समा जाती है,
रवि और अलका एक दूसरे को अपनी बाँहो मे भर कर एक दूसरे मे समाए रहते है, तभी सुबह 6 बजे का अलार्म बजता 
है और अलका की नींद खुल जाती है और वह हान्फते हुए एक दम से उठ जाती है, हे भगवान मैं क्या सपना देख रही थी, 
ये कैसा अजीब सपना था, और उपर से सुबह-सुबह का सपना, ये मुझे क्या हो गया है, क्या रवि से मैं वो सब करूँगी, 
कहते है सुबह का सपना सच होता है, तो क्या, और अलका का दिल जोरो से धड़कने लगता है, रवि मुझे अब दिन रात दिखाई देने लगा है, मैं क्या करूँ भगवान, मैं रवि के बिना नही रह सकती, मुझे कुछ समझ नही आता मैं क्या करूँ, और 
तभी,,,,,,,,,,,,,
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01-15-2019, 02:18 PM,
#44
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रति बाहर से आवाज़ मारती हुई, अलका बेटा उठ गई क्या, 

अलका हा मम्मी, अभी आई,

रोज की तरह रवि अलका को कॉलेज ले जाकर अपनी बाइक खड़ी कर देता है, रास्ते भर अलका उससे कोई बात नही करती है, 
रवि- दीदी क्या सोच रही हो खड़ी-खड़ी क्लास मे नही जाना क्या,

अलका- रवि आज मेरा मन नही कर रहा

रवि- तो दीदी यहाँ तक आने की क्या ज़रूरत थी घर पर ही बता दिया होता,

अलका- रवि चल हम पार्क मे चल कर बैठेंगे,

रवि- अलका को देख कर मुस्कुराते हुए, दीदी क्या बात है आज तो सुबह से मूड मे लग रही हो,

अलका- एक दूँगी रख कर जब देखो एक ही बात दिमाग़ मे चलती रहती है तेरे, कभी जिंदगी के प्रति सीरीयस भी होता है कि नही,

रवि- दीदी मेरी जिंदगी तो तुम हो और तुम जानती हो मैं तुम्हारे मॅटर मे कितना सीरीयस हूँ,

अलका- अब बाते बनाना बंद करो और चलो

अलका रवि का हाथ पकड़ कर पार्क की ओर चल देती है पार्क की बेंच पर दोनो बैठ जाते है, अलका कुछ सोचने लगती है,

रवि- क्या बात है दीदी तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना

अलका- रवि को देख कर, क्यो मेरी तबीयत को क्या हुआ है

रवि- नही तुम कुछ उदास दिख रही हो इसलिए पूछ लिया,

अलका- रवि दरअसल मैने आज सुबह-सुबह एक सपना देखा है,

रवि- मुस्कुराता हुआ ज़रूर तुमने सपने मे मुझे देखा होगा,

अलका एक दम से रवि को अपनी आँखे फाड़ कर देखने लगती है, 

रवि- क्यो ठीक कहा ना दीदी,

अलका- रवि को मारते हुए तुझे हर वक़्त मज़ाक करने की आदत हो गई है,

रवि- अच्छा ठीक है, अब बताओ क्या देखा सपने मे,

अलका- वो मैं तुझे नही बता सकती

रवि- क्यो

अलका- अब हर क्यो का जवाब तो नही होता ना

रवि- अच्छा बाबा मत बताओ पर यह तो बता सकती हो कि सपना अच्छा था या बुरा

अलका- कुछ सोचते हुए, मैं नही जानती,

रवि- ये क्या बात हुई, तुमने सपना देखा और तुम्हे ही नही मालूम कि सपना अच्छा था या बुरा

अलका- रवि को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा भी था और बुरा भी

रवि- ये कैसे हो सकता है, या तो सपना अच्छा होगा या बुरा, लगता है दीदी तुम तय नही कर पा रही कि सपना अच्छा 
था या बुरा, आइ थिंक तुम डबल माइंड हो रही हो, खेर जाने दो सपना तो सपना है उसमे सच क्या है,

अलका- नही रवि वह सपना मैने सुबह-सुबह देखा है और कहते है सुबह का सपना अक्सर सच होता है,

रवि- ऑफ हो दीदी तो फिर उस सपने से अपनी नेगेटिव थिंकिंग को निकाल कर उसे अच्छा सपना मान लो, जिससे वह सच भी हुआ तो तुम्हे कुछ प्राब्लम नही होगा,

अलका रवि की बात सुन कर उसकी ओर देखने लगती है

रवि- अच्छा उस सपने के नेगेटिव पॉइंट को निकालने के बाद अब बताओ सपना अच्छा था कि बुरा

अलका- रवि को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा था

रवि- अलका को गोर से देख कर उसकी आँखो मे झाँक कर मुस्कुराते हुए, दीदी एक बात पुच्छू सच-सच बताना

अलका- पूछ

रवि- दीदी वह सपना मेरे बारे मे था ना

अलका- रवि को मारते हुए, मूह बना कर बड़ा आया मेरे बारे मे था, तेरे सपने मे क्यो देखने लगी,

रवि- दीदी तुम्हारे एक्सप्रेशन बता रहे है कि वह सपना तुमने मेरे बारे मे ही देखा था,

अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखती हुई, किसी के बारे मे भी रहा हो तुझे उससे क्या, अब दूसरी बात कर

रवि- दीदी मुझे नही मालूम था कि तुम अपने सपनो मे भी मुझे देखती हो,

अलका- रवि को मारते हुए, तू बहुत शातिर है, चल हम कॉलेज चलते है

रवि- क्यो अब तुम्हारा मूड ठीक हो गया,

अलका- हाँ

रवि- तो फिर मुझसे कहती क्यो नही

अलका- क्या

रवि- यही कि आइ लव यू रवि

अलका- रवि को मारते हुए, क्यो मैं ऐसा क्यो कहूँ, और उठ कर चल देती है

रवि- दीदी जिस तरह तुम अपने सपने मे मुझे आक्सेप्ट कर चुकी हो उसी तरह एक दिन तुम मुझे हक़ीकत मे भी आक्सेप्ट 
करोगी
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01-15-2019, 02:19 PM,
#45
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका रवि की बात सुन कर उसकी ओर अपनी पीठ करके मंद-मंद मुस्कुराती हुई, हे भगवान इसका दिमाग़ कितना तेज चलता है, इससे पार पाना बहुत मुस्किल है, इसे मैं कुछ कहती नही फिर भी यह मेरे मन की बात जान लेता है

रवि अलका के पीछे चलता हुआ, 

दीदी तुम यही सोच रही हो ना कि मैं तुम्हारे मन की बात कैसे जान गया, 

अलका रवि को मूह फाड़ कर देखने लगती है,

रवि- दीदी इसी को प्यार कहते है, 

अलका के पास रवि की बातों का कोई जवाब नही होता है और वह चुपचाप मुस्कुराते हुए अपना सर नीचे झुकाए चलती 
रहती है.

रवि, अलका को लेकर घर पहुचता है

अगली दिन सनडे था रवि शहर चला जाता है और अलका घर पर रह जाती है रवि जब शाम को घर आता है तो अलका घर पर अकेली थी रति और बिरजू कहीं गये हुए थे

रवि जब शाम को घर पहुँचता है तो अलका का चेहरा दमकने लगता है
अलका रवि को मुस्कुरा कर घूरते हुए, किचन मे चली जाती है और अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है, रवि जाकर अलका को पीछे से जाकर अपनी बाँहो मे भरता हुआ,

रवि- दीदी तुम मुझे मिस कर रही थी ना,

अलका- मुस्कुरा कर नही

रवि- दीदी कभी तो सच बोल दिया करो

अलका- तुझे क्या पता कि मैं सच बोल रही हूँ कि झूठ

रवि- तुम झूठ बोल रही हो

अलका- वो कैसे

रवि- क्यो की तुम अगर सच कह रही होती तो दूसरी ओर मूह नही करती

अलका- वापस घूम कर उसकी आँखो मे देखती हुई, तेरे लॉजिक बिल्कुल आशिको जैसे है,

रवि- और तुम्हारी हरकते बिल्कुल मेरी बीबी जैसी है,

अलका- मूह बना कर बड़ा आया बीबी बनाने वाला

रवि- दीदी मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ,

अलका- खुस होती हुई क्या
रवि- पहले अपने रूम मे चलो वही दिखाता हूँ

अलका- उसका हाथ पकड़ कर चल
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01-15-2019, 02:19 PM,
#46
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
दोनो अलका के रूम की ओर चल देते है और रूम मे पहुच कर रवि उसको आइसक्रीम का पॅक खोल कर आइसक्रीम देता हूँ 
लो दीदी, 

अलका- खुस होते हुए, तुझे कितना मेरा ख्याल रहता है रवि,

रवि- दीदी तुम्हारे सिवा मेरे दिल मे किसी का ख्याल ही नही रहता 

अलका- आइसक्रीम खाते हुए, क्या इतना प्यार करता है मुझसे कि अब आइसक्रीम भी लेकर आने लगा है

रवि- दीदी जब तुम्हारा जी करे मुझे आजमा कर देख लेना कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ

अलका- मोका आएगा तो वह भी देख लूँगी

रवि- दीदी मुझे भी खिलाओ ना

अलका- आइसक्रीम चूस्ते हुए, दूसरी वाली ले ले,

रवि- दीदी मुझे तुम्हारी झूठी खाना है

अलका- अपनी जीभ निकाल कर रवि को दिखा कर आइस्क्रीम चाटते हुए, क्या झूठी खाना है

रवि- अलका की रसीली जीभ को ललचाई नज़रो से देखता हुआ, दीदी प्लीज़ मुझे भी चटा दो ना,

अलका- मुस्कुरा कर अच्छा ले और अपनी झूठी आइस्क्रीम रवि की ओर बढ़ा देती है,

रवि- नही ऐसे नही

अलका- उसको घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखते हुए तो फिर कैसे

रवि- दीदी तुम उसे चाटती रहो और मैं भी पास आकर उसे चाटूंगा

अलका- तुझे ऐसे ही खाना हो तो खा नही तो मैं पूरी खा जाउन्गी

रवि- अच्छा दीदी लाओ मैं तुम्हे अपने हाथों मे आइस्क्रीम पकड़ कर खिलाता हूँ

अलका- क्यो

रवि- बस मेरा मन कर रहा है कि मैं अपनी प्यारी दीदी को अपने हाथो से खिलाऊ

अलका- कुछ सोच कर, अच्छा ठीक है ले और उसे आइस्क्रीम दे देती है

रवि आइस्क्रीम लेकर बेड पर जाकर बैठ जाता है और, दीदी मेरी गोद मे आकर बैठ कर खाओ

अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखती हुई, नही तू आइस्क्रीम खिलाने के बहाने फिर कोई हरकत करेगा

रवि- नही दीदी मैं कोई हरकत नही करूँगा, अब जल्दी आ जाओ नही तो सारी आइस्क्रीम पिघल जाएगी,

अलका मन ही मन मे, बेटे पिघलाने पर तो तू मुझे तुला हुआ है और मुस्कुराती हुई रवि के करीब जाकर उसकी गोद मे
बैठ जाती है, रवि एक हाथ अलका की कमर मे डाल कर दूसरे हाथ से उसे आइस्क्रीम चाटने लगता है और अलका बड़े प्यार 
से अपनी जीभ रवि को दिखा-दिखा कर आइस्क्रीम चाटने लगती है, जब अलका आइस्क्रीम चाट लेती है तो जहाँ से अलका ने 
चाटा था वही से अपना मूह लगा कर रवि भी आइस्क्रीम चाटने लगता है, दोनो बारी-बारी से आइस्क्रीम चाटते हुए एक 
दूसरे को अपनी कामुक निगाहो से देखते हुए मंद-मंद मुश्कूराते रहते है,

अगली बार जैसे ही अलका अपनी जीभ निकाल कर आइस्क्रीम चाटने के लिए अपनी जीभ आगे बढ़ती है रवि अपना हाथ कमर से हटा कर अलका के सर के पीछे लगाकर लपक कर अलका की जीभ को अपने मूह में भर कर उसकी रसीली जीभ को चाटने लगता है, अलका अपने सर को पीछे हटाने की कोशिश करती है लेकिन रवि उसके सर को अपने हाथो से अपने मूह की ओर दबा कर उसकी रसीली जीभ को पूरा अपने मूह मे भर कर कस-कस कर उसकी जीभ का रस पीने लगता है और जब उसकी जीभ को छोड़ता है तो अलका का पूरा चेहरा गुलाबी हो जाता है, अलका जैसे ही अपनी नज़रे उठाकर रवि को देखती है, रवि अलका के रसीले होंठो को देख कर अपने आप को रोक नही पाता है और फिर से अलका के सर को अपने मूह की ओर दबा कर उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर कर फिर से चूम लेता है, 

अलका का चेहरा एक दम लाल हो जाता है और उसके गुलाबी गाल उसकी मुस्कान के साथ कुछ गदरा जाते है, रवि बार-बार अलका के रसीले होंठो को चूमता है फिर उसे छोड़ता है फिर उसकी नशीली आँखो को देखता है फिर उसके होंठो को चूमता 
है, उसकी इस हरकत से अलका की चूत मे पानी आ जाता है और वह रवि की गोद से उठना चाहती है पर उस समय उसकी रगों मे तेज़ी से दौड़ता लहू उसे इतना कमजोर कर देता है कि वह बार-बार चाहती है कि रवि उसके रसीले होंठो को फिर चूमे, और रवि भी शायद अलका के मन मे उठते भाव को समझ जाता है और लगातार अपनी दीदी के रसीले होंठो को रुक-रुक कर चूस्ता जाता है, अलका के चेहरे से हसी गायब हो जाती है और उसका चेहरा एक अनोखे आनंद से भरा हुआ नज़र आने लगता है, 


तभी रवि दो पल के लिए रुक जाता है तो अलका की निगाहे रवि को देख कर और होंठ चूमने का इंतजार करने लगती है, 
रवि इस बार अलका के रसीले होंठो को बड़े प्यार से उसकी आँखो मे देखते हुए धीरे से चूमने के लिए जैसे ही अपने 
होंठो को आगे बढ़ता है अलका अपने मूह को थोड़ा सा उपर करके अपनी आँखे बंद कर लेती है जैसे कह रही हो कि 
चूम ले मेरे लबों को और रवि अपनी दीदी के होंठो को पागलो की तरह तब तक चूमता रहता है जब तक कि दोनो की साँसे 
दम तोड़ने के करीब तक नही पहुच जाती है और फिर अलका एक दम से अपना मूह हटा कर गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है, और अलका धीरे से रवि की गोद से उठकर दूसरी और मूड कर जैसे ही अपना एक कदम उठाती है रवि अलका के हाथ को पकड़ कर उसकी कलाई को मरोड़ता हुआ उसके हाथो को मोड़ कर उसकी पीठ से लगा देता है और अलका अपने चेहरे पर एक दर्द दिखाते हुए अपनी आँखे बंद करके खड़ी हो जाती है और रवि उसके हाथो को मोड़ते हुए उसकी पीठ से चिपक कर 
अपने दूसरे हाथ को उसके आगे लेजा कर उसकी कमर को अपनी ओर खिच कर अपने जिस्म से उसको सटाते हुए अपने मूह को उसकी सुरहिदार गर्दन पर लेजा कर उसकी गर्दन को चूमता हुआ,

रवि-दीदी मेरी बीबी बनोगी,

अलका- अपने हाथो को रवि से छुड़ाते हुए, रवि मुझे जाने दे,

रवि- अलका का हाथ छोड़ते हुए, चली जाना लो पहले अपनी आइस्क्रीम तो खा लो,

अलका- मुझे नही खाना

रवि- ऑफ हो तुम जल्दी ही नाराज़ हो जाती हो, चलो इधर बेड पर आराम से बैठ कर ये सारी आइस्क्रीम ख़तम करो मैं 
तुम्हारे लिए पानी लेकर आता हूँ और अलका को बेड पर बैठा कर उसके हाथो मे आइस्क्रीम पकड़ा देता है और फिर किचन 
मे पानी लेने के लिए जाने लगता है, अलका मुस्कुरा कर आइस्क्रीम खाते हुए रवि को जाते हुए देखने लगती है,
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01-15-2019, 02:19 PM,
#47
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि जब पानी लेकर आता है तब तक अलका अपनी आइस्क्रीम ख़तम करके लेट जाती है, रवि अलका को पानी देता है और वह अपना मूह साफ करके लेट जाती है और रवि उसके करीब जाकर बैठ जाता है, अलका मुस्कुराती हुई रवि की आँखो मे देखती है और रवि भी उसकी मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुरा कर देते हुए,

रवि- दीदी तुम जानती हो तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की हो,

अलका- चल झूठे कही के, मेरी झूठी तारीफ मत कर

रवि- दीदी मैं झूठ नही बोल रहा हूँ, तुम सच मूच बहुत खूबसूरत हो तभी तो तुम्हारा भाई तुम पर मरता है,

अलका- मुस्कुरा कर, रवि क्या तू आज मुझे रत भर परेशान करने के मूड मे है.

रवि- दीदी मैं तो तुम्हे सारी जिंदगी परेशान करने वाला हूँ.

अलका- और अगर मैं तेरे साथ सारी जिंदगी ना रहना चाहूं तो,

रवि- दीदी तब मैं तुम्हे यहाँ से भगा कर कहीं दूर ले जाउन्गा

अलका- मुस्कुराते हुए, अगर मैं तेरे साथ ना भागी तो

रवि- दीदी तुम मेरे साथ ज़रूर भगोगी क्यो कि तुम मेरे बिना रह ही नही सकती

अलका- ये तुझसे किसने कह दिया कि मैं तेरे बिना नही रह सकती हूँ,

रवि- दीदी कल तुम मेरे सपने मे आई थी और मुझसे कह रही थी क़ि रवि मैं तेरे बिना नही जी सकती, मुझे अपने से 
दूर कभी मत करना और फिर तुम मेरी बाँहो मे सिमटकर मुझे चूमने लगी थी,

अलका- रवि को मारते हुए, झूठा कहीं का, मुझे झूठे सपने सुना रहा है,

रवि- दीदी मैं सच कह रहा हूँ, सपने मे तो तुमने मेरे साथ और भी बहुत कुछ किया था,

अलका- उसको मुस्कुरा कर घूरते हुए, क्या किया था मैने

रवि- मुस्कुरा कर अलका को देखता हुआ वो दीदी अब मैं कैसे बताऊ मुझे तो शरम आती है,

अलका- रवि को मारते हुए बदमाश कहीं का अब बंद भी करेगा फेकना,

रवि- अच्छा बाबा मैने ऐसा सपना नही देखा पर तुमने तो देखा था ना,

अलका- मुस्कुरा कर क्या देखा था मैने

रवि- वही कि तुम सपने मे मेरे साथ बहुत कुछ कर रही हो

अलका- तुझसे किसने कह दिया कि मैने ऐसा सपना देखा था

रवि- तुम्ही तो बता रही थी ना कि तुमने मेरे बारे मे एक सपना देखा है

अलका- आँखे दिखा कर मैने कब कहा कि मैने तेरे बारे मे सपना देखा था,

रवि- तुम्हारी आँखे तो यही कह रही थी

अलका- बड़ा आया आँखे पढ़ने वाला क्या तू लड़कियो की आँखे पढ़ लेता है

रवि- दीदी लड़कियो का तो मैं नही जानता हाँ लेकिन तुम्हारी आँखे मैं ज़रूर पढ़ लेता हूँ,

अलका- अच्छा, तो बता अभी मेरी आँखे क्या कह रही है,

रवि- यही कि रवि मेरे उपर आकर लेट जा और मुझे कस कर अपने से चिपका ले,

अलका- रवि को मारते हुए मैं ऐसा क्यो सोचने लगी,

रवि- अच्छा अगर आप ऐसा नही सोच रही हो तो मुझे एक किस करोगी और अगर आप ऐसा सोच रही हो तो नही करोगी

अलका- मुस्कुरा कर रवि मैं तेरी बतो मे अब नही आने वाली

रवि- मतलब तुम किस नही करोगी, मतलब तुम यह चाहती हो कि मैं तुम्हारे उपर लेट जाउ और

अलका- रवि को बेड से धकेलते हुए चलो अब अपने रूम मे जाओ तुम्हारा टाइम हो गया है,

रवि- दीदी एक किस दे दो ना

अलका- अब क्या मुझे खा जाएगा अभी तो तूने मुझे इतना....

रवि- दीदी चुप क्यो हो गई अभी तो क्या मैने तुम्हे इतना...

अलका उठ कर रवि को धकेल कर दरवाजे की ओर लेजाते हुए, रवि अब जाकर सो जाओ, गुड नाइट और रवि को गेट के 
बाहर कर देती है, रवि मुस्कुराता हुआ अपने रूम मे चला जाता है, अलका रवि के इस तरह से किस करने से काफ़ी 
उत्तेजित हो चुकी थी और वह अपने बेड पर लेट कर इधर उधर करवटें बदलते हुए रवि को याद कर रही थी,
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01-15-2019, 02:19 PM,
#48
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
उधर रवि अलका को आज दिल से चख कर आया था और वह बहुत ही खुस लग रहा था, रात के दो बज चुके थे लेकिन दोनो मे से किसी को नींद आने का नाम ही नही ले रही थी, अलका अपने मन मे सोचती हुई, अगर मैं रवि को आइ लव यू कह दूं तो रवि मेरे साथ क्या करेगा, क्या वह मुझे सच मुच पूरी नंगी करके मेरे बदन को चूमेगा, रवि के जब होंठ चूसने से 
ही मुझे ऐसा लगता है कि मैं आसमान मे उड़ रही हूँ तो जब वह मुझे पूरी नंगी करके चूमेगा तो फिर मेरा क्या होगा, 
ऐसा करने पर कितना अच्छा लगता होगा, पर मैं रवि से कैसे कहूँ की मैं अब उसके बिना जी नही सकती और अपनी सारी जिंदगी उसकी बाँहो मे गुज़ार देना चाहती हूँ, पर अगर रवि ने मेरा हाथ सारी जिंदगी के लिए नही थामा तो मैं तो जीते जी मर जाउन्गी, इन्ही सब बातों को सोचती हुई अलका सो जाती है, 

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

उधर नीचे ... रति और बिरजू सुबह की चुदाई का पहला राउंड पूरा कर चुके थे और.... दोनो बातें कर रहे थे.... 

रति : भैया मुझे लगता है ..रवि और अलका के बीच मैं कुछ चल रहा है....

बिरजू: थोड़ा चोन्कते हुए.... तेरे को कैसे पता चला....

रति : उनकी मान हूँ आखों की चमक दिख जाती है....

बिरजू , रति की चुचिओ को मसल्ते हुए.... तू ज़्यादा चिंता मत कर.... बच्चे तो वो हमारे ही हैं... देख लेंगे....

रति: कहीं जवानी के जोश मैं कुछ उल्टा सीधा नहीं कर ले....

बिरजू : क्या करेंगे...? .ज़्यादा से ज़्यादा चुदाई कर लेगे..हँसते हुए जैसे हम ने की थी ..तू ज़्यादा फिक्र मत किया कर...मैं देख लूँगा....

हम भी तो भाई बेहन हैं..... बिरजू रति की चुचिओ को मसल्ते हुए.....वो हमारी ही औलाद हैं.... संभाल लेंगे.... उन्हे...
तुम ने उसे गौर से नहीं देखा कैसा निखार आ रहा है.... चुचियाँ और चौड़े-चौड़े चूतड़..... सब पूरे शबाब पर हैं.....हां देखे हैं....

रति : आश्चर्य से बिरजू को देखते हुए..... अपनी बेटी को ऐसे देखते हो शरम नहीं आती ....

बिरजू : अरे पगली तू तो ज़रा ज़रा सी बात पर शक़ करती हो.... नज़र तो रखनी पड़ती है अपने बच्चों पर.....

रति : तो क्या सोचा.....?

बिरजू: कुछ बातें समय पर छोड़ दिया कर..... और एक गहरी साँस ली....

रति: चलो भैया खेत पर कितने काम पड़े हैं... मजदूर आ गये होंगें....

बिरजू : हां मैं तो बातों मैं भूल ही गया......

रति : अलका को आवाज़ देते हुए.... सुन मैं और तेरे मामा खेत पर जा रहें हैं...आज कटाई चल रही है खेतों मैं...तुम दोनो नाश्ता कर के कॉलेज के लिए निकल जाना...

अलका : माँ थोड़ा रुकना मैं नहाने जा रही हूँ और ये कुम्भकरण अभी तक सो के नहीं उठा....

रति- ठीक है मैं नीचे वेट कर रही हूँ.....

अलका की आवाज़ से रवि की नींद खुलती है...और ये सुन कर कि दीदी नहाने जा रही है वो सोचता है क्यों ना सुबह की शुरुआत दीदी के चूमने से करे.....

वो उठा कर सीधे अलका के रूम मे जाता है... वो रूम मैं नहीं थी... वो समझ जाता है क़ी दीदी बाथरूम मैं है...
वो बाथरूम के दरवाजी पर जाता है और और छेद से देखता है अलका अपने कपड़े उतार रही थी ...उसका लॉडा तन तना जाता है...

वो दरवाजे को नॉक करता है.... अलका कॉन ..

रवि-मैं हूँ दीदी रवि बोलता है...

अलका-क्या है... और मन ही मन मुस्करा देती है.... रवि को सुन कर ...

रवि=वो दीदी कुछ काम था...

अलका: क्या काम है...

रवि: ज़रा दरवाजा तो खोलो....

अलका: नहीं खोलती तू जा मैं नहा कर नीचे आती हूँ...

रवि: कुछ ज़रूरी बात है सुनो ना ज़रा....

अलका: मुझे पता है क्या ज़रूरी बात ....

अलका ने जब तक अपने कपड़े उतार दिए थे और शीसे मैं अपने को निहार रही थी वो केवल ब्रा पेंटी मे थी.....शीशे मैं अपनी नथ देख कर वो सोचती है साले ने क्या गिफ्ट दी है...... बहुत प्यार करता है ना मुझको..... और मन ही मन मुस्काती है....
बाहर रवि दरवाजा पीट रहा था.....

अलका दरवाजा खोलते हुए.... केवल अपनी गर्दन निकाल कर क्या है....?

रवि वो दीदी एक मॉर्निंग क़िस्सी चाहिए थी..... 

रवि-नहीं देनी इतना कह कर वो दरवाजा बंद करती है लेकिन रवि दरवाजे मैं अपना पैर अड़ा देता है....

रवि: माँग थोड़े ही रहा हूँ लेने आया हूँ.... और इतना कहा कर रवि बाथरूम के अंदर आ जाता है.....

अलका-बाहर निकल बदमाश ...अलका उसे मारने लगती है ....पर वो कहाँ मान-ने वाला था....वो अलका को अपनी बाहों मे ले लेता है....और अलका के गुलाबी लॉली पोप जैसे गालों को चूसने लगता है........और तुरंत ब्रा मैं क़ैद उसके मोटे दूध पर टूट पड़ता है..... और ज़ोरों से मसल देता है..... लौंडिया चुहुक उठती है......और मन ही मन सोचती है कमिने का प्यार कितना वाय्लेंट है.....चल छोड़ मुझे .....और रवि को लगता है जैसे हलवाई की दुकान मे लूट मची हो.... वो तो आज अलका को मसल मसल के सारा सुख लेना चाहता था.....

रवि के नंगे हाथों से चुचियाँ मिसलवाने से अलका के चू-चक खड़े हो जाते हैं.....
.
रवि अलका की ब्रा उपर चढ़ा देता है.... और उसके कड़क चूचकों को अपने मुहँ मैं भर लेता है.......और दाँतों से काट -काट कर उन्हे दुलार्टा है.....ओह रवि बहुत दर्द हो रहा है....प्लीज़ दांतो से मत काट...... खून निकल आएगा....
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01-15-2019, 02:19 PM,
#49
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अपनी दीदी की आखों मे देखता है.....उसे उस मे प्यार ही प्यार दिखता है.... और आखें मिलने से अलका शरमा जाती है.....

हाआआऐययईई..............कितनी सेक्शकशकशकष्यययययययययययययययी लगती हो दीदी जब तुम शरमाती हो..... और इतना कह कर रवि उसके होठों को अपने होंठो से मिला देता है.......और एक गहरी स्मूचिंग किस करने लगता है अलका भी अपना मुहँ खोल देती है....और दोनो एक दूसरे की जीभ चूसने लगते हैं..... और रवि अलका के कड़क चुचकों को ज़बार हाथों से मसलता रहता है.... दोनो चूचक लाल-लाल हो जाते हैं....

तभी नीचे से रति आवाज़ लगती है कितनी देर लगाएगी नीचे आने मे....अलका ओ अलका....

अलका जल्दी से अलग होने की कोशिश करती है....पर हाइ..... ये क्या और उसके मुहँ से एक चीख निकल जाती है............
माआआआआआआआआआआआआआआआआआ.........................उसके चीख से पूरा घर गूँज जाता है......
रति घबरा के उपर की तरफ भागती है.....



असल मैं अलका की नथ का मोती स्मूछिंग किस के समय रवि के बालों से उलझ जाता है....और उसे बहुत दर्द होता है....
दोनो एक दूसरे को छूटने को कोशिश करते हैं पर ....बाल नथ से पूरी तरह घूतम गुथा हो जाते हैं......

इस लिए रवि भी उसी मुद्रा मे खड़ा रहता है...दोनो की समझ मे नहीं आता क्या करें.... और उसकी नाक मे भी बहुत दर्द होता है......

तभी रति दौड़ती हुई.... अलका के रूम मे आती है....अलका को रूम में ना पा कर...उसका ध्यान बाथरूम की तरफ जात है ...और सोचती है कहीन्न ...लड़की फिसल तो नहीं गयी.....

वो दौड़ कर बाथरूम का दरवाजा खोलती है....और देखती है..

रति की आँखे..... फटी की फटी रह जाती है...वो नज़ारा देख कर......

दोनो एक दूसरे से चिपके खड़े हुए थे..और अलका ब्रा पेंटी मैं थी.... और उसकी चुचियाँ खुली हुई थी....

रति की कुछ समझ मे नहीं आता और सोचती है ...कि क्या चल रहा है....और ये दोनो मेरे सामने भी ऐसे क्यों खड़े हुए हैं...

रति दोनो के बीच मे आती है.... अलका का चेहरा उसके बालों से ढका हुआ था...वो उसके बालों को हटा ती है....
अलका तो जैसे शरम से घड़ी जा रही थी.....

क्या हुआ...रति थोड़ा गुस्से मे....

अलका इशारे से दिखाती है..... कि रवि के बाल उसकी नथ से फस गये हैं.....

तब जा कर रति को सारा माजरा समझ मे आता है.....

वो बाहर आकर कैंची ढूंड कर लाती है.....और रवि के बाल काटती है...... और दोनो एक दूसरे से अलग होते हैं ...अलका जल्दी से अपनी चूचिओ को ब्रा मे करती है और तौलिया ओढ़ लेती है......उसकी नाक इस खींचा तानी मे लाल हो कर सूज जाती है.....

रति: क्या चल रहा था यहाँ ? आज उसने दोनो को रंगे हाथों पकड़ा था और उसका शक़ यकीन मे बदल जाता है.....

दोनो चुप-चाप खड़े रहते हैं ... किसी के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं था........

रति दोनो का चेहरा देखती है...और फिर मुस्कराती हुई गाना गुन-गुनाने लगती है...

मुझे तो तेरी नथ लग गयी -लग गयी..... लत ये ग़लत लग गयी..... मुझे तो तेरी नथ लग गयी लग गयी....

अलका का शरम से बुरा हाल था......और वो दौड़ कर बाथरूम में चली जाती है......रवि भी सर झुकाए... अपने रूम मे चला जाता है....उसकी समझ मे नहीं आता इस स्तथि मे वो क्या बोले ...पर माँ के मुस्कराने से वो थोड़ा रिलीफ महसूश करता है.......

थोड़ी देर मे रवि और अलका तैयार हो जाते हैं पर दोनो की नीचे जा कर माँ को सामना करने की हिम्मत नहीं हो पा रही थी ...जो बात अब तक उन दोनो के बीच मे थी अब वो माँ को भी पता चल गयी थी,,,और माँ ये बात मामा को भी बता देगीं....इसी उधेड़ बुन मे दोनो बातें कर रहे थे...

अलका: तुझे भी रवि ज़रा सा सबर नहीं है...

रवि: मैने क्या किया....

अलका: देख माँ को सब पता चल गया 

रवि: पता चल गया तो चले ...और ये पता तो चलना ही थी....मैं कोई चुपके -चुपके तुम्हे चोदना नहीं चाहता मैं तो तुम्हे अपनी दुल्हनिया बना ना चाहता हूँ.....

अलका: चुप बेशरम हर समय एक ही बात ... बेशर्मी की हद होती है....

रवि : अलका को चूमते हुए.....चलो नीचे चलो .... माँ वेट कर रही होगी.....

अलका : तू पहले जा...मैं आती हूँ.....


रवि तैयार होकर नीचे आता है 

माँ , मामा कहाँ हैं.... 

रति-खेत पर गये हैं.... वहाँ आज कटाई चल रही है.....रति मुस्काती हुई बोलती है...... और यहाँ .....?

रवि: और यहाँ क्या हंसते हुए माँ से पूछता है...?

रति: और यहाँ चुदाई चल रही है...!

रवि ने पहली बार माँ के मुहँ से ये शब्द सुना था.....

रवि-नहीं माँ ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रही है ... और माँ के गले मे बाहें डाल देता है....

रति चल छोड़ मुझे ....रति किचिन की तरफ चली जाती है........

रवि किचिन मे आ जाता है ... और फिर रति के पीछे से आ जाता है....

मेरी अच्छी मेरी प्याली प्याली माँ......

रति: आज माँ पर बड़ा प्यार आ रहा है.....

रवि: ओह माँ तुम नहीं जानती तुम कितनी प्याली हो इतना कहा कर रवि रति को पीछे से पकड़ लेता है....

रवि के ज़बरात लंड का अहसास रति को अपनी गान्ड मे होता है...... सही मे रति की गान्ड उसकी बेहन से ज़्यादा फूली हुई है.... इसी अहसास से रवि का लंड फिर झटके मारता है...और रति की गान्ड हिलने लगती है.....

रति: ज़्यादा मस्का मत लगा......बोल क्या चाहिए...

रवि: आज मैं जो मागुँगा वो आप दे दोगि.....
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01-15-2019, 02:19 PM,
#50
RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि: आज मैं जो मागुँगा वो आप दे दोगि.....

रति: बोल तो सही....मैं भी तो जानू तेरे मन मे क्या है....

रवि: पहले वादा करो....

रति: चल वादा.... रहा..

रवि: ठीक है माँ मेरा एक वरदान आप पर उधार रहा...मैं जब चाहूं उसे ले लंग
.....
तभी अलका नीचे आ जाती है.....

रति: मुस्कराते हुए....आओ मेरी बन्नो रानी बड़ी निखरी निखरी दिख रही हो.....हाई मेरी बन्नो की नाक को क्या हो गया कितनी लाल पड़ी है !

अलका शरम से गढ़ी जा रही थी..... असल मे उसकी नाक रवि के बालों मे नाथ फस्ने के कारण खिच गयी थी इस लिए सूज के लाल हो गयी थी.....और उसकी आखें भी लाल हो रही थी पर फिर भी लौंडिया गजब की सेक्शकशकशकष्यययययययययी लग रही थी... उसने खुले गले का गुलाबी सलवार सूट डाला हुआ था....

रवि: माँ क्यों दीदी को चिढ़ा रही हो ....

रति: रवि को मारते हुए..... तू मुझे सिखाएगा.....!

माँ दोनो को गले लगा लेती है.....मेरे बच्चे....... तीनो बहुत भावुक हो जाते हैं....

सब साथ मे नाश्ता करते हैं....

ब्रेकफास्ट के बाद रति बोलती है... अच्छा बच्चो मैं फार्म पर जा रही हूँ.....और आज सारी फसल कटी हुई फार्म पर रखी हुई है... तो मैं और मामा रात मे खेत पर ही रहेंगे.....

रवि-ठीक हैं माँ........ 

रति दोनो को प्यार करती है और रवि की तरफ मुहँ करके , ध्यान रखना मेरी गुड़िया काअ...यू नॉटी......

अब हाल मे रवि और अलका थे....

अलका- ऐसे क्या देख रहा है...नालयक....

रवि: आज क्या लग रही हो ...सही मैं ये नथ आप पर बड़ी सेक्शययययी लग रही है....

अलका : ज़्यादा हीरो मत बन नहीं तो पिटेगा.... अब जल्दी चल ...तेरी वजह से कितनी प्राब्लम हो गयी....

रवि- अरे दीदी अभी से अभी तो कॉलेज मे टाइम है,

अलका- रवि आज हम कॉलेज नही जा रहे है,

रवि- मगर क्यो

अलका- क्योकि आज मैने तेरे साथ दिन भर घूमने का प्लान बनाया है,

रवि- कुछ सोचने लगता है और, अपने मन मई, आज ये दीदी को क्या हो गया है..

अलका- अब तू क्या सोचने लगा

रवि- ठीक है दीदी घूमने चलते हैं

रवि- मगर चलना कहाँ है

अलका- आज तेरी जहाँ मर्ज़ी हो मुझे ले चल

रवि- कुछ सोचता हुआ, अच्छा दीदी तुम्हारा कुछ शॉपिंग करने का मूड है या एंजाय

अलका- शॉपिंग नही हम लोग एंजाय ही करते है ना,

रवि- तो दीदी भीड़-भाड़ वाले प्लेस पर एंजाय करोगी या शांत प्लेस पर,

अलका- शांत प्लेस पर क्या एंजाय करने के लिए होगा,

रवि- अरे दीदी शांत प्लेस पर जब तुम मेरी बाँहो मे होगी तो कोई देखने वाला नही होगा ना

अलका- रवि की पीठ पर मारते हुए, तो तेरा एंजाय का मतलब यह था,

रवि- तो और क्या मतलब होता है एंजाय का\

अलका- अरे पागल कहीं खाएगे-पिएगे, घूमेंगे-फिरेंगे और क्या

रवि- दीदी ऐसे बोर कामो मे मुझे बिल्कुल मज़ा नही आता है

अलका- तो फिर तुझे कौन से काम मे मज़ा आता है,

रवि- कहीं एकांत जगह हो जहाँ आपकी प्रेमिका आपकी बाँहो मे सिमटी हो और आप उसे प्यार से चूमते हुए उसके उलझे 
बालो की लातों को संवार रहे हो, इस तरह के एंजाय मे मज़ा आता है दीदी,

अलका- तो बेटे उसके लिए कम से कम एक प्रेमिका होना चाहिए और तेरे पास तो है ही नही, फिर तू कहाँ से इस तरह का एंजाय कर लेगा,

रवि- क्या बात करती हो दीदी तुम हो ना मेरी प्रेमिका

अलका- मूह बना कर बड़ा आया प्रेमिका बनाने वाला, अब चल जहाँ चलना हो,

रवि अपनी बाइक स्टार्ट करके बाइक चलाता हुआ, दीदी सबसे पहले तो मैं तुमको एक गरमा-गरम कॉफी पिलवाता हूँ फिर 
देखते है कि हम कहाँ जा सकते है, अलका अपने भाई रवि से चिपक कर बैठी हुई थी, कुछ देर बाद रवि सहर के एक केफे हाउस के सामने अपनी बाइक रोक देता है और अलका उतर जाती है और दोनो बैठ जाते है, रवि कॉफी ऑर्डर कर देता है और फिर मुस्कुरा कर अलका को देखने लगता है,

अलका- मुस्कुरा कर ऐसे क्या देख रहा है,
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