Antarvasna kahani माया की कामुकता
12-13-2018, 02:37 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"बिल्कुल नही, यह मेरी ज़िंदगी के पहले 60 मिनिट्स हैं कोलकाता में" भारत ने आगे बढ़ते हुए जवाब दिया



"तो फिर.. आप इतना कुछ कैसे कह गये.." रीना ने हल्के से मज़किया टोन में कहा



"ह्म्म्म ... यही तो फरक है रीना.. तुम्हारी नज़रों में और मेरी नज़रों में.... खैर, 15 मिनट में तुम्हे फ्रेश होना है तो हो आओ... मैं लॉबी में ही हूँ, होटेल की कॅब में ऑफीस के लिए निकलना है... मेक इट फास्ट ओके..." कहके भारत रिसेप्षन की तरफ बढ़ा और कॅब मंगवा ली... उधर रीना ने भी जल्दी से फ्रेश होके रूम को लॉक किया और भारत के पास चली गयी.. कोलकाता की मीटिंग के लिए रीना ने काफ़ी कुछ सोच रखा था, यह ड्रेसिंग करके बॉस को रिझाउन्गि, ऐसी अदाओं से पटाउंगी... बट भारत के यह तेवर देख सब धरा का धरा रह गया...



"यूआर लेट बाइ 5 मिन्स.. कीप दिस इन माइंड ओके... लेट्स मूव नाउ..." कहके भारत कॅब में बैठा और रीना भी चुपचाप आगे जाके बैठी... होटेल से ऑफीस करीब आधे घंटे की ड्राइव में, भारत ने अपनी आँखें लॅपटॉप से बाहर तक नई निकली.... ऑफीस पहुँच के भी भारत ने रीना को अनदेखा ही किया.... रीना यह सब चुपचाप से देख रही थी और बस भारत को फॉलो कर रही थी.. वो जानती थी, भारत के आगे काम से ज़्यादा कुछ महत्व का नहीं है....



"मिस्टर घोष... हाउ आर यू.." भारत ने घोष की कॅबिन में जाते हुए कहा



"सर... प्लेज़ेंट सर्प्राइज़... आप आज आए , बताते तो आइ वुड हॅव सेंट सम वन टू रिसीव यू" घोष ने अपने चश्मे को उतारते हुए कहा



"न, आइ आम ओके... चलिए, प्लीज़ कॉल युवर टीम.. जो भी बंदा सेल्स में है, मुझे सब इधर चाहिए इन 30 मिनट्स... आंड सब को आप पर्सनली कॉल करें.. आंड जल्दी करके आइए आप मेरे साथ, कुछ बातें पूछनी हैं.." कहके भारत घोष की सामने वाली चेअर पे बैठ गया और फिर अपना लॅपटॉप स्टार्ट करके कुछ आर्टिकल्स पढ़ने लगा और हर एक इंपॉर्टेंट पॉइंट अपने नोट्स में लिखने लगा... घोष की सिट्टी गुल हो चुकी थी, उसने कभी एक्सपेक्ट नहीं किया था कि भारत इतना जल्दी आएगा और आते ही ऐसे आक्षन में लगेगा... उसने जल्द से जल्द अपने सभी टीम मेंबर्ज़ को कॉल किए, टेक्स्ट किए और 15 मिनट बाद उसने भारत से कहा



"सर...." घोष ने बस इतना ही कहा के भारत ने उसे टोक दिया



"मिस्टर घोष.. आपकी प्राब्लम है, पर्थ बानेर्जी... है तो वो आपकी टीम में एक रीजनल मॅनेजर, लेकिन उसने अपनी सारी टीम को चिट फंड्स में लगा रखा है.. और मिस्टर घोष, बात यह है कि चिट फंड्स में इन बन्दो को हम से ज़्यादा इन्सेंटिव नहीं मिलता, लेकिन फिर भी यह लोग चिट फंड्स बेच रहे हैं... आपने कभी सोचा है ऐसा क्यूँ.." कहके भारत ने अपने लॅपटॉप को बंद किया और अपनी आँखें घोष से मिलाई..



"सर... आपको.. कैसे...." घोष को कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि भारत यह सब कैसे जानता था..



"मिस्टर घोष... मैं अपनी झंड करवा के इधर नहीं पहुँचा... आंड विल यू प्लीज़ लीव अस अलोन नाउ..." भारत ने रीना की तरफ देखते कहा, और एक सेकेंड में रीना वहाँ से बाहर निकल गयी.. भारत के ऐसे तेवर देख घोष की फटी की फटी रह गयी... उसे शब्द नहीं मिल रहे थे..



"सर.... यू आर राइट, पर्थ इन सब चीज़ों में है, पर अगर आप यह सब जानते हैं, तो यह भी जानते होंगे कि वो किसका आदमी है" घोष ने फाइनली अपनी आवाज़ ढूँढ ली



"विक्रम कोहली... हां मैं जानता हूँ.. क्या सोचा है आपने उस बारे में..." भारत ने घोष से पूछा कि तभी घोष का फोन बजा



"यस.... ओके, वी विल बी देअर..."



"सर, टीम ईज़ इन कान्फरेन्स रूम.." कहके घोष अपनी सीट से खड़ा हुआ और भारत के आगे बढ़ने का इंतेज़ार करने लगा.. कुछ सोच के भारत आगे बढ़ा और कुछ कदम चलके घोष के साथ कान्फरेन्स रूम में गया.. कान्फरेन्स रूम में काफ़ी सारे रिलेशन्षिप मॅनेजर्स, टेरिटरी मॅनेजर्स भी थे... ज़ोनल मॅनेजर होने के नाते घोष ने सब का इंट्रोडक्षन भारत से करवाया... काफ़ी लोगों ने भारत के बारे में बस मेल्स में ही पढ़ा था, लेकिन सब लोग उसे सामने पहली बार देख रहे थे..



"इसके साथ सोने के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ, बस एक बार इसका हाथ सर पे आए तो करियर में बहुत उपर जा सकती हूँ" भीड़ में एक लेडी मॅनेजर ने पास में खड़ी अपनी कोलीग को कहा.. और कहे भी क्यूँ ना.. आज काफ़ी दिन बाद भारत ने अपना लुक भी चेंज किया था.. 

फ़ॉर्माल्स के बदले कॅषुयल्स थे , लूयिस वित्तों की शर्ट के साथ उसकी 1921 जीन्स बहुत जच रही थी, और एक कॅषुयल सा जॅकेट लड़कियों को पिघला रहा था... काफ़ी टाइम बाद आज भारत ने अपने रीडिंग ग्लासस भी पहने थे..



"पता नहीं क्यूँ, मिस्टर घोष ने इतना लंबा भाषण दिया.. मुझे डर था के मैं कहीं सो ना जाऊ.." भारत ने मज़ाक में कहा ताकि जमा हुए लोगों के चेहरे पे जो टेन्षन दिख रहा था, वो गायब हो जाए.. घोष ने भी इस बात को समझा और हसी में बात उड़ा दी..



"खैर... मैं यहाँ आप लोगों से बात करने आया हूँ... कमिंग स्ट्रेट टू दा पॉइंट, कोलकाता नंबर्स डेलिवर नहीं कर पा रहा.. रीज़न बीयिंग, यहाँ पे कुछ लोग इन्वेस्टर्स को सही रास्ता नहीं दिखा रहे.. जेपीएम यूएस से आज मैल आया है मेरे पास आप लोगों के पर्फॉर्मेन्स को असेस करने के लिए... अगले क्वॉर्टर में अगर नंबर्स नहीं आते, तो बी रेडी फॉर दा पिंक स्लिप्स..." भारत ने पलक झपकाए बिना सब के आगे ऐसा बॉम्ब फोड़ा, जिससे लोगों की गान्ड फटी की फटी रह गयी



पिंक स्लिप्स की बात सुन के रिलेशन्षिप मॅनेजर्स के साथ साथ घोष की भी गान्ड फट गयी... उसके लिए यह एक शॉक था जो अब तक भारत ने उससे कहा भी नहीं था... यह सब सुनके कान्फरेन्स रूम के वातावरण में एक गर्मी सी पैदा हो गयी.. लोग आपस में बातें करने लगे, 2 मिनट पहले जो माहॉल था, अब उस माहॉल में एक घबराहट दिखने लगी थी..



"प्लीज़ बी साइलेंट... मैं आज और कल यहीं पर हूँ, मैं मिस्टर घोष के साथ ही कुछ डिस्कशन्स कर रहा हूँ.. आप लोगों में टॅलेंट बहुत है, पर फिर भी आप डेलिवर नहीं कर पा रहे , दट मीन्स कुछ बात है जो आपको रोक रही है डेलिवर करने से... आप बेफ़िक्र होके मेरे पास आयें और अपनी प्रॉब्लम्स डिसकस करें... अगर मैं सल्यूशन नहीं दे पाया , तो आपको पिंक स्लिप नहीं मिलेगी यह मेरी गॅरेंटी... पर अगर आज और कल में मुझे आपने प्रॉब्लम्स नहीं बताई, तो आइदर डेलिवर दा नंबर्स.... ऑर स्टार्ट अपडेटिंग युवर रिज्युम.. थॅंक यू वेरी मच फॉर युवर टाइम गाइस आंड गॅल्स.. हॅव आ गुड वन" कहके भारत और घोष दोनो कान्फरेन्स रूम से घोष की कॅबिन की तरफ बढ़ने लगे



"मिस्टर घोष... कॉल पर्थ इमीडीयेट्ली.... आंड यू हॅव युवर लंच प्लीज़... आंड डोंट डिस्टर्ब मी नाउ" भारत ने घोष और रीना दोनो को एक साथ कहा.. यह सुनके रीना की जान में जान आ गयी, सुबह का ब्रेकफास्ट भी नहीं किया था उसने... घोष ने तुरंत ही पर्थ को कॉल किया और उसे आने के निर्देश दिए... 2 मिनट भी नहीं हुए कि पर्थ , घोष की कॅबिन में घुसा..



"सर.. आफ्टर नून.." पर्थ ने भारत की तरफ हाथ बढ़ा के कहा



"नतिंग गुड हियर पर्थ..प्लीज़ बैठ जाओ" कहके भारत अपनी चेअर से उठा और पर्थ को बैठने को कहा



"मिस्टर घोष.. प्लीज़ कुछ पानी मग़वा लें.. " कहके भारत पर्थ के सामने टेबल पे बैठा



"सो पर्थ.. लास्ट क्वॉर्टर में कितना इन्सेंटिव ड्रॉ किया तुमने, और तुम्हारी टीम ने" भारत ने अपनी जॅकेट उतार के शर्ट की स्लीव्स उपर कर दी



"सर... शायद 2 तो 3 लॅक्स इन टोटल... " पर्थ ने बहुत ही कन्फ्यूज़ होके जवाब दिया



"कम ऑन माइ मॅन.. यह तो तुमने जेपीएम से लिया.. मैं उस पैसे की बात कर रहा हूँ जो तुमको लोचा चिट फंड्स ने दिया है.. वो रकम कितनी थी.." भारत ने घोष की कॅबिन में बनी खिड़की के पास जाकर बोला और बाहर के नज़ारे को निहारने लगा.. भारत की यह बात सुन के पर्थ की हालत खराब होने लगी, लेकिन रीजनल मॅनेजर होने के नाते उसे कुछ तो बोलना था
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12-13-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"सॉरी सर, बट यह आप बोल रहे हैं उसका कोई बेस नहीं है आपके पास... आंड मेरे रिपोर्टिंग के पास मेरे सब फिगर्स हैं, आप चाहें तो उन्हे भी पूछ सकते हैं" पर्थ ने भी कॉन्फिडेन्स में जवाब दिया



"ओके भाई.. चल जैसा तू बोले, मिस्टर घोष, इनके मॅनेजर देबाशीष को बुलाए, और यूही स्पेसिफिकली कहिए कि यह डीटेल्स भी लेके आयें" भारत ने घोष के हाथ में एक चिट पकड़ाते हुए कहा जिनमें उन कस्टमर्स के नाम थे जो पर्थ ने लास्ट 15 दिन में जेपीएम को दिए थे.. घोष ने तुरंत ही देबाशीष को बुलाया और साथ ही सब डीटेल्स मँगवाई जो भारत ने माँगी थी.. देबाशीष के आने तक भारत एक बार फिर अपने लॅपटॉप में देखने लगा और कुछ काम करने लगा... पर्थ और घोष के बीच बस इशारों में ही बात हो रही थी, जिसे भारत ने देखा लेकिन कुछ कहा नहीं दोनो को... 10 मिनट बाद देबाशीष आया



"सर.. हाउ आर यू.. हियर आर दा डीटेल्स" कहके देबाशीष ने भारत को 5 फाइल्स पकडाई



'थॅंक यू.. आंड यू प्लीज़ बी हियर, मुझे आपसे भी कुछ काम है" कहके भारत ने देबाशीष की तरफ चेअर बढ़ाई और फाइल्स देखने लगा



"ह्म्म.. सो मिस्टर पर्थ, क्लाइंट नंबर 1, रेसिडेन्स एनआर बड़ा बाज़ार, मिस्टर मुखेर्जी... इन्होने हमारे म्यूचुयल फंड में इनवेस्ट किए हैं तकरीबन 1 लाख.. और आपके कहने पे इन्होने चिट फंड्स में लगाए हैं 3 लाख... क्लाइंट नंबर 2, रेसिडेन्स एनआर राजरहात मिस्टर चाटोपाध्याय.. इन्होने हमारे पीएमएस में लगाए हैं करीब 15 लाख, लेकिन आपके कहने पे इन्होने चिट फंड्स में इनवेस्ट किए 25 लाख... क्लाइंट नंबर 3, रेसिडेन्स हॉवरह, मिस्टर बांधोपाध्याय.. इन्होने हमारे म्यूचुयल फंड में लगाए हैं 5 लाख, लेकिन आपके कहने पे चिट फंड्स में लगाए हैं 25 लाख... तीन क्लाइंट्स और नुकसान करीब 55 लाख का.. तो आपको इन 55 लाख के बदले कितना मिला, मैने आपसे वो पूछा.." भारत ने बाकी के फाइल्स टेबल पे रख के, 3 फाइल्स देबाशीष को पकड़ा दी...
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12-13-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
पर्थ ने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि भारत को यह सब आसानी से मालूम चलेगा. और उसका भांडा ऐसे फुटेगा. पर्थ के पास जवाब नहीं था.. पर्थ अपनी नज़रें बस ज़मीन पे गाढ़े बैठा था... उसको ऐसी हालत में देख देबाशीष की भी फटने लगी



"देबाशीष, आइ नो यू आर क्लीन हियर.. बट ऐज आ टेरिटरी मॅनेजर आपके बंदे क्या कर रहे हैं आपको पता होना चाहिए, अगर यह काम भी मुझे करना पड़े, तो आप लोग फिर घर ही रहिए, पे चेक्स कोरियर से मिल जाएँगे आपको.." भारत ने पानी की बॉटल ली और पीने लगा



"सर.. सॉरी, " देबाशीष की नज़रें नीची की नीची...



"टेल मी नाउ.. इसका क्या करें, रीजनल मॅनेजर ही ऐसे काम करेगा तो ऑन फील्ड हमारे बंदे क्या खाक काम करेंगे..." भारत ने पर्थ की तरफ इशारा करते हुए कहा



"सॉरी सर.. आगे से ध्यान रखूँगा.." पर्थ ने जवाब दिया



"पर्थ, तुम अच्छी तरह जानते हो मैं क्या सुनना चाहता हूँ.. और तुम विक्रम के बंदे हो अपने घर पे... इधर मुझे कोई फरक नहीं पड़ता समझे.. स्पिल दा बीन्स आउट नाउ... " कहके भारत ने देबाशीष को जाने का इशारा किया



"अगर तुम मुझे सब बता दोगे, तो मैं गॅरेंटी देता हूँ कि तुम नौकरी से नहीं निकाले जाओगे.. लेकिन अगर मेरा साथ नहीं दिया, तो यू ऑन युवर ओन माइ फ्रेंड.." भारत ने फिर कहा और इस बार जाके घोष की कुर्सी पे बैठ गया



करीब 10 मिनट तक की लंबी खामोशी के बाद पर्थ ने बोलना शुरू किया



"सर.. हम 5 रीजनल मॅनेजर्स हैं इसमे, और 1 टेरिटरी मॅनेजर भी है.. विक्रम जब लास्ट एअर यहाँ आया था, तो उसी ने हमें रेक्रूट किया था... रेक्रूटमेंट होते ही विक्रम ने हमे इन सब के बारे में बताया... हम जब क्लाइंट्स का 100 रुपया चिट फंड में लगाते हैं, तो हमे 20 रुपये मिलते हैं जिनमें से 15 रुपया विक्रम को देना पड़ता है.. जिस दिन विक्रम की जगह आप आए, मुंबई में उसकी टीम भी डीक्टिवेट हो गयी थी.. क्यूँ कि हम सब की नज़रों से दूर हैं, तो हमने यह काम जारी रखा.. विक्रम के बंदे हर ऑफीस में है.... यह तो बाकी सब ऑफिसस की किस्मत है कि उन्हे बिज़्नेस मिलता रहा इसलिए नंबर्स कभी इंपॅक्ट नहीं हुए... और फसे सिर्फ़ हम लोग.. इससे ज़्यादा बताने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है.. आप जो बोलें मैं वो करूँगा अब, लेकिन प्लीज़ मुझे नौकरी से ना निकालें.... और मेरी टीम को भी.. और अगर ऐसी नौबत भी आई, तो मेरी टीम को कुछ ना करें. सब का ब्लेम लेके मैं निकलने के लिए तैयार हूँ..." पर्थ ने धीमी से आवाज़ में भारत से कहा



"पर्थ... मैं जानता हूँ मुझे क्या करना है क्या नहीं... मुझे 5 लोगों के नाम लिखवाओ और उस टेरिटरी मॅनेजर का भी जो इन सब में है.. बाकी के ऑफिसस में कौन है, तुम नहीं बताओगे तो भी मैं पता लगा सकता हूँ.. और रही बात नौकरी की भी.. मेरे दोस्त , लीडर हमेशा अपनी टीम के बारे में पहले सोचता है और तुमने वही किया.. आइ अप्रीशियेट दिस... डोंट वरी... तुम सब यहीं रहोगे.."कहके भारत ने पर्थ को एक नोटपॅड और पेन दिया जिसपे पर्थ सब कुछ लिखने लगा.. एंड में भारत ने उसे अपनी सब ग़लतियाँ भी क़ुबूल करवाई रिटन में.. और उसका साइन किया हुआ पेपर अपने वॉलेट में डाल दिया



"डोंट वरी... मैं यह यूज़ करके ब्लॅकमेल नहीं करूँगा.. अब जाओ, और काम पे लगो.." भारत ने पर्थ से कहा



"सर.. यह लोगों को क्या करेंगे.. वी आर इन रियल मेस.." घोष ने भारत से कहा



"ज़ोनल मॅनेजर आप हैं, और आप को ही यह सब नहीं पता.. वाउ.." भारत ने घोष की चेअर पे बैठ के कहा



"अच्छा सुनिए अब.. एक बात बताइए, आपके घर अगर चोरी होती है और चोरों का अड्रेस आपको मिल जाएगा. तो आप क्या करेंगे..." भारत ने पूछा



"सर, मैं वहाँ जाउन्गा और अपना समान ले आउन्गा, और फिर पोलीस को भेजूँगा.." घोष ने इतरा के कहा



"मिस्टर घोष.. यहाँ पोलीस का मतलब है यूएस... अगर मैं यूएस जाउन्गा तो आपके साथ मेरी नौकरी भी जाएगी.. आंड आइ आम वेल ऑफ, मुझे नौकरी नहीं होगी तो भी चलेगा.. पर आप का क्या.." भारत ने घोष को पानी पकड़ाते हुए कहा



'तो फिर, सर. क्या करें" घोष ने धीरे से कहा



"मिस्टर घोष.. पर्थ की लेवेल के बन्दो से मैं तो नहीं भिड़ूँगा... वो आपके टेरिटरी मॅनेजर का काम है... और रहे आप, तो आप बस नंबर्स का ध्यान दीजिए अभी... " कहके भारत चेर से उठा और फिर खिड़की के पास खड़ा हुआ



"मिस्टर घोष.. मेरी लेवेल का कौन है इन सब में.. आप बताइए" भारत की नज़रें अभी भी खिड़की के बाहर थी



"विक्रम कोहली सर.." घोष ने घबरा के कहा



"यस.... " कहके भारत ने अपना जॅकेट पहना और घोष को लेके उसकी टीम वालों के साथ लंच पे गया.. काफ़ी लोग शॉक्ड थे, लेकिन काफ़ी लोग खुश भी थे.. पर्थ भी उसी टीम वालों में से एक था.. लंच पे भारत ने सबसे काफ़ी बातें की काम के बारे में, सब के सजेशन्स भी लिए और दूसरी बातें भी जारी रखी.. लंच फिनिश करके वापस ऑफीस आके भारत ने वक़्त देखा तो शाम के 5 बज रहे थे...



"साला गोल्फ ना खेल रहा हो.." भारत ने जेम्ज़ का नंबर मिलाते हुए कहा



"हेलो माइ बॉय. यू हॅव बिन डिसटरबिंग मी आ लॉट हाँ.. टेल मी.." जेम्ज़ ने सामने से कहा



"आइ नो जेम्ज़, यू हॅव बीन इंप्रूविंग ऑन गोल्फ आ लॉट दीज़ डेज़.. बट आइ जस्ट वांटेड टू रेकोनफ़रं सम थिंग..." भारत ने जवाब दिया और जेम्ज़ के साथ करीबन एक घंटे तक बात की..



"यू एक्सपेक्ट मी टू गिव आ सल्यूशन फॉर दिस बडी" जेम्ज़ ने चिंतित स्वर में कहा



"नेवेर आइ वुड एक्सपेक्ट दिस फ्रॉम यू जेम्ज़.. आइ वान्ट यू टू गिव मी आ पवर फॉर दा सल्यूशन.." भारत ने अपनी सिगरेट जला के कहा



"गो अहेड विद वॉटेवर यू फील राइट ईज़.. विल ड्रॉप इन आ मैल स्ट्रेट अवे टू यू... आंड यू आर हेड्डिंग इन राइट डाइरेक्षन बडी.. नंबर्स लुक जस्ट पर्फेक्ट.. दिस ईस्ट थिंग विल गिव मी व्हाट आइ वांटेड फ्रॉम यू सिन्स युवर रेक्रूटमेंट..." जेम्ज़ ने भारत से कहा



"थॅंक्स जेम्ज़... बाई" कहके भारत ने फोन रखा और कोलकाता एंप्लायीस को एक मैल डाल दिया



डियर टीम,
आफ्टर कन्सिस्टेंट पेरोर्मंसे इन सेल्स फॉर कोलकाता, मिस्टर देबाशीष लाहिरी विल बी मूविंग टू मुंबई इन सेम प्रोफाइल विद इम्मीडियेट एफेक्ट. मिस्टर राज शाह विल बी रीप्लेसिंग हिम ऐज युवर न्यू टेरिटरी मॅनेजर. देअर् विल बी नो चेंज इन रिपोर्टिंग हाइयरार्की.

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12-13-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
मैल पढ़ के घोष को बहुत बड़ा झटका लगा. उसने खामोश रहना ही बेहतर समझा. उधर देबाशीष भी कुछ डिसकस करना नहीं चाहता था, इनफॅक्ट उसे लगा शायद मुंबई जाके उसे अच्छा लगे.. इधर विक्रम की वजह से उसकी काफ़ी बदनामी हो उससे पहले यह सही हुआ... उधर राज को जब यह न्यूज़ पता चली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा



"थॅंक्स आ लॉट बॉस... एक महीने पहले मैने जेपीएम जाय्न की आंड टेर्रिरटी मॅनेजर.. थॅंक्स आ लॉट फॉर कीपिंग युवर फेत इन मी" राज ने भारत से फोन पे कहा



"एनिटाइम माइ फ्रेंड... " भारत ने सिर्फ़ इतना ही कहा



"वैसे बॉस, कोलकाता थोड़ा मुंबई से दूर नहीं हो जाएगा, आइ मीन फॅमिली से मिलना और वो सब" राज ने अपनी चिंता व्यक्त की



"ईस्ट ईज़ रियल मेस यार.. आंड तेरे जैसा परफॉर्मर अगर मेस मे ना हो तो फ़ायदा क्या... कब जाय्न करेगा तू, इधर के ज़ोनल को मैं बता दूं फिर.." भारत ने अपने लॅपटॉप में कुछ देखते हुए कहा



"वीक'स टाइम सर.. जैसे ही आप यहाँ आ जाएँगे, मैं वहाँ पहुँच जाउन्गा." 



"ओके चल.. एंजाय कर, एचआर से तेरा न्यू सॅलरी लेटर भी भेजवा देता हूँ ओके. एंजाय.." कहके भारत ने कुछ फ़ॉर्मलथीएस पूरी की और एचआर से राज को मैल करवा दिया



"सर.. यह बंदा कैसा है, आइ मीन..." घोष ने इतना ही कहा कि भारत ने उसे टोक दिया



"मिस्टर घोष... कॉल देबाशीष हियर" भारत ने अपने रीडिंग ग्लासस निकाल के कहा



घोष ने बिना कुछ कहे देबाशीष को फोन किया और वो 5 मिनट में आ गया



"मिस्टर घोष.. विल यू प्लीज़ एक्सक्यूस अस फॉर आ वाइल.." कहके भारत ने घोष के लिए दरवाज़ा खोला और घोष चुपचाप बाहर निकल गया



"मुझे लगा मैल पढ़ के शायद तुम मेरे पास बात करने आओगे..." भारत ने दरवाज़ा बंद करके कहा



"नहीं सर... इनफॅक्ट मुझे भी यहाँ से निकलना था, थॅंक यू वेरी मच..." देबाशीष ने भारत की बात सुने बिना कहा



"देबाशीष... अगर तुम्हे कोई न्यू कंपनी से ऑफर आए, तो कितना % राइज़ मांगोगे" भारत ने लॅपटॉप में देख के कहा



"सॉरी सर.. मैं समझा नहीं" देबाशीष ने कन्फ्यूज़ होके कहा



"कम ऑन, अगर तुम्हे कोई न्यू कंपनी से ऑफर आए , तो कितना % राइज़ मांगोगे" भारत ने फिर सवाल पूछा और इस बार उसकी आँखों में आँखें डाल के देखने लगा



"सर... 20-25 % मिनिमम.." देबाशीष ने दिमाग़ में कुछ सोच के कहा



"और अगर मैं तुम्हारे काम को देख के पूछूँ तो.." भारत ने उसे पर्थ वाली बात याद दिलाई



"सर, स्टॉप बीटिंग अराउंड दा बुश प्लीज़... " देबाशीष ने रोने की शकल बना के कहा



"सुनो, तुम मुंबई आ तो रहे हो, बट जस्ट फॉर 2 मंत्स.. 2 मंत्स में तुम अपने लिए अगर 202-5 % राइज़ वाली जॉब ढूँढ पाए तो फाइन.. अगर नहीं, तो मैं तुम्हे कहीं सेट कर दूँगा दूसरी कंपनी में , राइज़ ऑफ मॅक्स 5 %.. अगर डन है तो बताओ, नहीं तो पर्थ वाले इश्यू को आइ कॅन ब्लो अप अट एनी लेवेल..." भारत ने अपनी सिगरेट जला के कहा



"सर, आपके नीचे क्या दिक्कत है" देबाशीष ने फिर कहा



"तुम सेट नहीं हो रहे ना यार, राज यहाँ आएगा तो ही ईज़ टेरिटरी मॅनेजर, और राज का रीप्लेस्मेंट मैं इंटर्नल ही लूँगा, अगर बाहर से लेता हूँ तो मेरी टीम डिमोयिवेट होगी , विच आइ डोंट प्रिफर.. " भारत ने कश खींच के कहा



काफ़ी कुछ सोचने के बाद, देबाशीष ने कहा



"ठीक है सर... आइ आम फाइन.. थॅंक्स " देबाशीष ने हंस के कहा



"डोंट वरी बॉय... आइ आम ऑल्वेज़ देअर.. सी या..." कहके भारत ने उसे बाहर जाने को कहा



देबाशीष के जाते ही, भारत ने शालिनी को टेक्स्ट किया



"हे स्वीटहार्ट... विक्रम की टीम में मेरा बंदा कौन होगा.. आइ थिंक आइ हॅव गॉट दा पप्पेट इन माइ हॅंड"

कोलकात्ता में करीब 2 दिन गुज़ार के, भारत ने फाइयर फाइटिंग का काम किया... जो भी एंप्लायी उससे मिलता, सब के मूह पे बस एक ही शिकायत थी

"सर, देबाशीष हमे रोकते हैं पर्फॉर्म करने से... "... और हर एंप्लायी को भारत बस यही जवाब देता

"डोंट वरी... वो मैने सॉल्व कर दिया है, फोकस ऑन बिज़्नेस नाउ..."



"मिस्टर घोष... सी यू सून, आइ होप नेक्स्ट मंत ज़ोनल हेड्स कि जो मीट है आप वहाँ आएँगे" भारत ने अपना लॅपटॉप बॅग उठाते हुए कहा



"ओफ़कौर्स सर... आइ विल बी देअर..." कहके घोष ने भारत से हाथ मिलाया और फाइनल अलविदा कहा



घोष की कॅबिन के बाहर आके भारत ने रीना को फोन करके बुलाया...




"व्हाट्स दा प्लान नाउ..." भारत ने रीना से गाड़ी में बैठते हुए पूछा




"सर, कल सुबह की फ्लाइट है मुंबई की.8 बजे की" रीना ने उतरे हुए चेहरे से कहा , जिसे भारत ने भी अब्ज़र्व किया



"कुछ खाया नहीं तुमने" भारत ने अपना जॅकेट उतार के कहा



"यस सर... हॅड माइ लंच" रीना ने इतना कहके भारत से अपना मूह फेर लिया... ड्राइवर के सामने ज़्यादा नाटक ना करते हुए भारत ने भी उसे कुछ नहीं कहा और अपने मोबाइल में मेल्स और मेसेज देखने लगा... होटेल पहुँच के भारत ने रीना से लॉबी में कहा



"कॅन्सल दा फ्लाइट टू मुंबई... कल सुबह की पोर्ट ब्लेर की टिकेट्स निकलवाओ.. आंड ड्रेस गुड ओके..." भारत ने हँस के रीना से कहा और अपने रूम में निकल गया
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12-13-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
रीना ने तुरंत टिकेट्स कॅन्सल करवाई और टॅक्सी लेके पास के माल में कुछ शॉपिंग करने चली गयी...

"शायद अब वो हो, जो मैं चाहती थी.." रीना ने खुद से हँस के कहा.. खैर कुछ शॉपिंग करके रीना ने रिसेप्षन पे चेक किया और उनकी पोर्ट ब्लेर की टिकेट्स और होटेल बुकिंग हो गयी थी... 2 दिन से भारत और रीना ऑफीस में ही थे, रात भर की मीटिंग्स और प्रेज़ेंटेशन्स से रीना ऑलमोस्ट जैसे मरने वाली थी.. पर भारत 2 दिन से बिना सोए बस काम में ही उलझा हुआ था... वैसे तो रीना ने बस एक कमरा ही बुक किया था, पर 2 दिन से ऑफीस में रहके आज वो काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी.. भारत के साथ अकेली रूम में, यह सोच सोच के उसकी चूत पनियाने लगी थी... जैसे जैसे रीना रूम के करीब पहुँच रही थी, वैसे वैसे उसके दिल की धड़कन बढ़ती जाती... रूम के करीब पहुँच के, जैसे ही उसने बेल पे हाथ रखना चाहा, उसी वक़्त भारत ने दरवाज़ा खोला..

"हाई.. कहाँ थी इतनी देर.." भारत ने अपने कपड़े बदल लिए थे, अब वो एक ट्रॅक और अपनी टीशर्ट में था...

"उः.. बस थोड़ी शॉपिंग, आंड यह रहे टिकेट्स कल के" रीना ने अपने हाथ हवा में उठा के कहा

"कूल... अच्छा तुम 2 दिन से सोई नहीं हो, तुम प्लीज़ आराम कर लो, मैं लॉबी में जा रहा हूँ.. आंड स्लीप वेल ओके.." कहके भारत वहाँ से लॉबी की तरफ निकल गया अपना लॅपटॉप लेके

भारत के जाते ही, रीना गुस्से में कमरे के अंदर गयी और दरवाज़े को पटक के बंद किया.. 

"भैनचोद, खुद को समझता क्या है... " रीना ने गुस्से में बस इतना ही कहा और बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी... नहा के अच्छी तरह जब रीना का दिमाग़ ठंडा हुआ तब उसने सोचा

"दरवाज़ा खुला रखती हूँ, शायद रात को लंड खड़ा हो तो इस फुद्दि को छोड़ने आ जाए.." रीना ने अपनी उंगलियाँ दातों के बीच दबा के कहा, और दरवाज़े को अनलॉक करके एक सेक्सी नाइटी पहेन के बेड पे लेट गयी.. इंतेज़ार करते करते रीना की आँख लग गयी, पर भारत पूरी रात कमरे में नहीं आया... लॉबी में सोफा पे बैठे बैठे भारत ने कुछ देर शालिनी से बातें की



"अरे नो बेबी.. लिक्विड डाइयेट पे हूँ, 3 दिन से बस कॉफी पी रहा हूँ, खाना तक नहीं खाया यार.." भारत ने शालिनी से कहा



"रब्बिश.. जल्दी खाना खाओ पहले फिर बात करो..." शालिनी ने गुस्से में कहा



"यस स्वीटी.. कॉलिंग यू बॅक सून.." कहके भारत ने फोने कट किया और रिसेप्षनिस्ट से वेटर को भेजने के लिए कहा



"व्हाट विल यू लाइक टू हॅव सर.." वेटर ने मेनू आगे बढ़ा के कहा



"इतना बड़ा मेनू यार.. कौन देखेगा अब... प्लीज़ सेंड मे आ कप ऑफ कॉफी.. एस्प्रेसो..." भारत ने मेनू वापस देके कहा और जेम्ज़ को कॉल करके वीक्ली रिव्यू करने लगा.. रात के 12 बजे, और यूएस में दोपहर के 12... जेम्ज़ के साथ मार्श भी था इस बार कॉल में... 12 बजे शुरू हुआ कॉल करीब 3 घंटे चला.. कितनी प्रेज़ेंटेशन्स, नंबर्स और ग्रॅफ्स... यह सब देख के अर्श ने भारत से कहा



"लिसन... यू आर मूविंग वेरी फास्ट नाउ... गुड फॉर दा कंपनी, बट नोट फॉर यू पर्सनली हाँ.."



"आइ नो... इट्स जस्ट दा सर्वाइवल ऑफ फिटेस्ट.. आंड आइ आम केपबल एनफ टू टेक केर ऑफ माइसेल्फ.. थॅंक्स फॉर दिस क्न्सर्न.. सर" भारत ने मार्श से कहा



"आइ नो... लेट मी बी प्रिसाइस, यू हॅव कॉंकर्ड दा विक्रम'स टेरिटरी.. ही ईज़ नोट वन हू विल होल्ड हिज़ गन्स बॅक फॉर आ लोंग टाइम.. बी केर्फुल बॉय.. लेट मी नो इफ़ आइ कॅन बी ऑफ एनी हेल्प.. आंड नंबर्स आर फाइन टू मी.. गुड जॉब.." कहके मार्श चला गया जेम्ज़ और भारत को अकेला छोड़ के



"जेम्ज़.. कॅन यू प्लीज़ ब्रीफ मे ऑन दिस.." भारत ने मार्श की बातों के लिए कहा और सामने रिसेप्षन पे एक और कॉफी का इशारा किया



"डनो बडी... यू कॅन स्पीक टू हिम डाइरेक्ट्ली इफ़ यू वान्ट.. एनीवेस, सी या सून इन इंडिया. आइ विल बी देअर अलोनगविट मार्श नेक्स्ट मंथ... आंड कीप अप दा गुड जॉब... ईस्ट ईज़ दा ज़ोन नाउ माइ फ्रेंड... सी या.." कहके जेम्ज़ ने कॉल कट किया... लॅपटॉप बंद करते ही भारत के सामने रिसेप्षनिस्ट खड़ी थी कॉफी लेके



"अरे, थॅंक्स, बट वो वेटर कहाँ गया.." भारत ने कॉफी लेते हुए कहा



"सर, 2 दिन से आप होटेल में आए नहीं और आपकी आँखें देख के भी लग रहा है कि आप सोए नहीं.. और आप पिछले 5 घंटे में 12 कॉफी ले चुके हैं... आइ मस्ट से आइ हॅव नेवेर सीन आ मॅन लाइक यू.. बट प्लीज़ टेक केर ऑफ युवर हेल्त...." कहके रिसेप्षनिस्ट भी अपनी जगह पे वापस चली गयी.. भारत ने बस अपनी कॉफी ख़तम की और उसकी बात के बारे में सोचने लगा... अपनी कॉफी ख़तम करके भारत लॉबी में ही बैठ के लॅपटॉप में कुछ काम करने लगा... नेक्स्ट मंथ की ज़ोनल हेड्स की ईईटी की तैयारी.. भारत ने एक डीटेल्ड मैल भेजा सब ज़ोनल हेड्स को के कैसे प्रेज़ेंटेशन्स चाहिए और मार्श की प्रेज़ेन्स के बारे में भी उन्हे इनफॉर्म किया... सुबह के 7 बजे और भारत अभी तक लॉबी में बैठे बैठे लॅपटॉप पे काम कर रहा था



"सर.. गुड मॉर्निंग.." सामने से रिसेप्षनिस्ट ने कहा



"यस.. मॉर्निंग टू यू ऐज वेल." भारत ने हँस के कहा और लॅपटॉप बंद करके उस रिसेप्षनिस्ट के पास गया



"सर.. पार्डन मी फॉर माइ वर्ड्स.. इंसान को पैसा काम नहीं आता... आप इतना काम करके भी पैसे बनाते हैं, और मैं लिमिटेड काम करके भी... मैं 8 घंटे काम करती हूँ, खाना खाती हूँ, फॅमिली के साथ वक़्त बिताती हूँ और काफ़ी खुश हूँ.. आप मुझसे ज़्यादा पैसे कमाते हैं, पर खाना तक नहीं खा पाते, क्या फ़ायदा ऐसे पैसे का...." कहके उस रिसेप्षनिस्ट ने अपना बॅग उठाया और बाहर निकल गयी.. भारत ने उसकी बातों को हवा करके रूम की तरफ बढ़ने लगा.. रूम अनलॉक देख के वो समझ गया रीना के इशारे को, और अंदर जाते ही उसकी हँसी छूट गयी रीना की नाइटी देख के.. रीना को इग्नोर करके, भारत नहाने चला गया और आधे घंटे में तैयार होके उसने रीना को जगाया

"वेक अप.. फ्लाइट कब की है..." भारत ने रीना के चेहरे पे हाथ लगा के कहा.. कुछ कोशिश करने के बाद रीना उठी तो भारत को सामने देख डर गयी, और होश में आके उसने अपने बदन को ब्लंकेट से ढक लिया

"तैयार हो जाओ... और फ्लाइट कितने बजे की है.." भारत ने रीना से दूर होके कहा

"10 बजे की सर. मैं आधे घंटे में आती हूँ" रीना ने जवाब में कहा और भारत भी बाहर निकल गया.. रीना जल्दी से फ्रेश होने चली गयी और अच्छी तरह तैयार होके भारत के पास गयी.. रीना ने ब्लॅक पेन्सिल स्कर्ट और स्लीवेलेस्स टॉप पहना था और हल्का सा मेक अप किया था... होटेल की पेमेंट करके दोनो कॅब में बैठ के एरपोर्ट की तरफ बढ़ गये... रास्ते में भारत ने शालिनी को मेसेज किया

"विल बी लेट बाइ आ डे बेबी... क्लीनिंग दा मेस हियर.. प्लीज़ फर्गिव मी.."

सामने से शालिनी ने जवाब दिया

"डोंट कम बॅक ओके... बाइ"



शालिनी का जवाब पढ़ के भारत की हँसी निकली और उसके साथ चॅट करने लगा.. 3 घंटे बाद भारत और रीना पोर्ट ब्लेर के एरपोर्ट पे पहुँचे.. एरपोर्ट से रिज़ॉर्ट तक का सफ़र काफ़ी सुहाना था, रीना ने भारत के टेस्ट के मुताबिक ही रिज़ॉर्ट बुक किया था.. दा फॉर्चून बे... जैसे ही भारत और रीना कमरे में गये, रूम का व्यू देख के दोनो काफ़ी खुश हो गये..

"आइ मस्ट से, उ हॅव आ गुड टेस्ट हाँ" भारत ने अपनी टी शर्ट निकाल के कहा और अपना चौड़ा सीना रीना को दिखाने लगा.. रीना के मूह में पानी आने लगा ऐसा चौड़ा सीना देख के, और उसने जब भारत की जीन्स पे आँख डाली तो उसकी प्यास और बढ़ गयी... भारत ने यह सब इग्नोर कर के अपनी जीन्स भी उतारी और अब वो बस अपने अंडरवेर में था.. 

"ऑर्डर दा लंच प्लीज़... मैं स्वीमिंग कर लूँ थोड़ी" कहके भारत रूम के प्राइवेट पूल में कूद गया

रीना ने जल्दी से खाना मँगवाया और पूल साइड पे जाके भारत के शरीर को देख के आहें भरने लगी.. कुछ देर में जब खाना आया तो भारत पूल से निकला 

"चलो खाना खा लेते हैं" भारत ने रीना से कहा

"आप खाइए, मैं प्यासी हूँ, भूखी नहीं" कहके रीना ने मूह फेर दिया

भारत खाना रिसीव करने गया और अकेला ही खाने बैठा.. खाना फिनिश करके उसने एक फोन किया और किसी को अपने कमरे में बुलाया... जब वो फिर पूल साइड पे गया तो रीना उसे कहीं दिखी नहीं.. कुछ ही सेकेंड्स में, एक स्प्लॅश की आवाज़ के साथ रीना पानी के अंदर से प्रगट हुई


ऑरेंज बिकिनी में रीना के आधे से ज़्यादा चुचे नंगे थे, उसके डार्क निपल्स भी उपर से सॉफ देखे जा सकते थे... "इतनी देर पानी में रहोगी तो कहीं पानी में ही आग ना लग जाए.." भारत ने पूल के अंदर डुबकी लेते हुए कहा


"अब मेरी प्यास भी एक आग का रूप लेने लगी है, शायद आग को आग ही बुझा पाए.." रीना ने भारत के पास जाते हुए कहा..
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12-13-2018, 02:38 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
भारत ने बिना कुछ कहे, अपने हाथ रीना के पीछे ले जाके उसकी बिकिनी का टॉप खोल दिया.. रीना के चुचे किसी गेंद की तरह उछल के उसकी आँखों के सामने आए.... रीना ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने होंठ भारत के होंठों के पास ले गयी... दोनो के होंठों के बीच कुछ ही फासला था, रीना लंबी लंबी साँसें ले रही थी, और भारत ने उसे अपने बाहों में ले रखा था... कुछ सेकेंड्स में भारत ने रीना को गोद में लिया और पूल से निकल के रूम के अंदर ले गया.. अब तक रीना की आँखें बंद ही थी... रूम में आके भारत ने रीना को ज़मीन पे लिटाया और उसकी पैंटी भी उतार दी.... रीना की चूत भीगी हुई थी, पर एक दम सॉफ और चिकनी चूत देख अब भारत का लंड भी अंदर से चिल्लाने लगा था.. रीना की चूत पे एक बाल नहीं था, उसका गुलाबी दाना बयान कर रहा था कि वो कितना चुदना चाहती थी... भारत ने भी एक झटके में अपने लंड को आज़ाद कर लिया और अपने 7 इंच के हथियार को हाथ में लेके मसल्ने लगा... उस वक़्त दरवाज़े पे एक दस्तक हुई, जिससे सुन रीना ने अपनी आँखें खोली और खड़ी होने लगी



"वेट.. अपने घुटनो पे ही बैठी रहो.. कहीं नहीं जाना" कहके भारत ने दरवाज़ा खोला और उसके साथ एक दूसरा आदमी था.. जैसे ही दोनो पीछे के कमरे में आए, रीना के होश उड़ गये.. भारत के साथ एक फिरंग था.. रीना उसके सामने खुद को ढकने लगी..



"उम्म्म.. हॉट शीक हाँ..." कहके उस फिरंग ने अपने कपड़े उतारे और भारत को हाइ फाइव देके दोनो उसकी तरफ बढ़ने लगी.. जैसे जैसे वो करीब आते, रीना का दिल उतनी तेज़ी से धड़कता.. फिरंग का लंड देख उसकी हलक सूखने लगी... उसके सामने दो लंड थे, फिरंग का करीब 10 इंच जितना होगा, पर भारत के लंड की चौड़ाई भी उसे पागल कर रही थी



"बहुत प्यासी थी ना तुम... आज तुम्हारी प्यास अच्छी तरह बुझाउन्गा मैं.." कहके भारत और फिरंग ने अपने लंड रीना के मूह के पास ला दिए... रीना बहुत खुश थी दो मर्दाने लंड देख के... उसने भी अपनी शरम छोड़ी और दोनो के लंड एक एक हाथ में ले लिए..



"उम्म्म्म अहाहहा...." रीना की सिसकारी निकल गयी गरम गरम लंड पकड़ के....



"सक इट बिच " फिरंग ने ज़ोर से कहा, जिसे सुन रीना ने तुरंत फिरंग के लंड को मूह में लिया और उसे चूसना चालू किया और दूसरे हाथ से भारत के लंड को हाथ से ही हिलाने लगी



"उम्म्म्म अहहाहा स्लूरप्प्प्प अहहाहा उम्म्म उम्म्म्म " रीना फिरंग के लंड को किसी लॉलिपोप की तरह चूसने लगी



"उम्म्म अहहा उम्म्म्म ओह यस अहहहः तूऊ तूऊ... उयुम्मम्मममम" रीना किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह ब्लोवजोब देने लगी... लंड को मूह से निकलती और उसपे थूक के फिर मूह में लेने लगती







"उः शी ईज़ आ प्रोफेशनल स्लट अहहाहा..." कहके फिरंग उसके मूह में धक्के लगाने लगा और माउत फक करने लगा



"अहहाहा यस शी ईज़... उम्म अहाहहाहा... चल अब मेरा लंड ले भाडवी साली..." कहके भारत ने उसके मूह पे एक थप्पड़ झाड़ दिया 



रीना ने तुरंत फिरंग के लंड को मूह से निकाला और भारत के लंड को मूह में लिया और दूसरे हाथ से फिरंग के लंड को हिलाने लगी...



"अहहहहा यस ओह.. टटटे कौन चाटेगा भैन्चोद अहहहहा.. तेरी माँ या तेरी बहेन...उफफफफफ्फ़" भारत ने सिसकारी लेते हुए कहा


रीना अब भारत के लंड को चारों तरफ से चाटने लगी, भारत का लंड फूलने लगा था, उसकी नसें सॉफ दिख रही थी अब... रीना भी मज़े में आने लगी थी, और अब दोनो लंड को एक साथ अपने मूह में लेने की कोशिश करने लगी...







"उम्म्म्म अहहाहा उफफफ्फ़ ओह एसस्स अहहहहहः... आहहहहा ओह्ह्ह फक मी ना आआहहाहा" कहके रीना अब दोनो लंड को अपने हलक में उतारने की कोशिश करने लगी



"लेट्स फक हर नाउ..." कहके उस गोरे ने रीना को गोदी में उठाया और उसे सोफे पे पटका..



"ऊ गो फर्स्ट... टियर हर आस नाउ.." कहके भारत रीना के आगे आ गया और उसके मूह में अपना लंड दे दिया जिससे रीना फिर शिद्दत से चूसने लगी.. फिरंग ने पीछे से जाके अपने लंड को उसकी गान्ड के छेद पे सेट किया



"टाइट आस बेबी अहाहहा.." कहके उस गोरे ने रीना की गान्ड पे एक करारा थप्पड़ जड दिया



"अहहहहहा फक मी ना अहहहाहा" रीना ने बस इतना ही कहा और फिर से भारत के लंड को चूसने लगी



ज़रा सी भी देरी ना करके, उस गोरे ने रीना की गान्ड में अपना लंड पेल दिया, एक झटके में बस उसका टोपा ही अंदर घुस्सा था, कि रीना चिल्लाने लगी.. लेकिन भारत ने भी अपना लंड उसके मूह में ही रखा और उसके मूह को चोदने लगा ताकि उसकी चीख बाहर ना जा सके... फिरंग ने काफ़ी कोशिश करके अपना आधा लंड उसकी गान्ड में उतार दिया था और रीना कुछ बोल नहीं पा रही थी... उसके मूह को भारत ने बंद रखा था और गोरा बिना किसी दया के उसकी गान्ड में अपना लंड उतारने की कोशिश कर रहा था



"उम्म्म्ममम अहाहहाः गुणन्ञन् गन अहाहहाहा गुणन्ं उम्म्म्मममहहहा" रीना बस यही आवाज़ें निकल पा रही थी...



"कम ऑन टियर हर नाउ.." भारत ने गोरे से कहा, जिसे सुन गोरे ने अपना बाकी का लंड उसकी गान्ड के छेद में किसी ड्रिल मशीन की तरह घुस्सा दिया



"उउम्म्म्मममम गुणन्ञनणणन् गुणन्ञनननननणणन् उम्म्म्मममममममममममहहहहहहाहा उम्म्म्मम ओह उहह गुणन्ञनननणणन्" रीना बस यही कह पा रही थी, लेकिन उसकी आँखों के आँसू उसका दर्द बयान कर रहे थे...



"प्यास भुजी माँ की लोडी अब बोलो अहहहहहा" कहके भारत उसके मूह को चोदने लगा



"अहहहाहा नूऊ अहहहहा उम्म्म्म ह्न्नूऊऊ प्लेआसीई अहहहहहाहा" रीना बस बीच बीच में इतना ही बोल पाती.. उस गोरे को कोई फरक नहीं पड़ रहा था, वो बस एक मशीन की तरह रीना की गान्ड को फाड़ना चाहता था... करीब 5 मिनट के बाद जब रीना का दर्द कम हुआ, तो वो भी मज़े से चुदने लगी... अपनी गान्ड हवा में उछाल उछाल के गोरे के लंड को लेती



"अहहहाहा यूएस अहहहहः फक मी हार्ड अहहहहहा ओह्ह्ह यस उम्म्म्मम आम युवर स्लट अहहहहा.. फक मी लाइक आ बिच अहहहहहा"
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12-13-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
करीब 10 मिनट की गान्ड चुदाई के बाद, गोरे ने उसकी गान्ड को छोडा और भारत उसकी चूत मारने लगा, और गोरा तब उसके मूह को छोड़ता रहा.. आज रीना का कोई छेद बाकी नहीं रहा चुदाई के लिए... इतनी चुदाई के बाद वो बस एक लाश जैसी हो चुकी थी...



"उम्म्म अहहाहा प्लीज़ स्टॉप इट नाउ अहहहहा छोड़ दो मुझे सर अहहहहाः.." रीना ने जब यह कहा, तब भारत ने गोरे को इशारे से कहा और दोनो आगे आके उसके मूह के पास अपना लंड हिलाने लगे



"अहहाहा हियर आइ कॅम अहहहहाहा" दोनो ने एक साथ आवाज़ लगाई और अपना सारा माल रीना के चेहरे पे छोड़ दिया.. दोनो के स्पर्म मूह में लेके रीना दोनो के लंड को हल्के हल्के चूमने लगी..







"अहहाहा.. हही.... लव यू बोथ .. म्म्म्मलमवाहाहहहाहाः" रीना ने भारत को देख के कहा और फिर आँखें बंद करके वहीं पे गिर गयी..



रीना को ऐसे देख गोरे ने भारत से कहा



"शी ईज़ आ रियल स्लट.."



"यस, शी ईज़... टेक युवर मनी.. थॅंक्स" भारत ने गोरे को 3 हज़ार के नोट देके कहा और वो गोरा वहाँ से चला गया.... गोरे के जाते ही भारत भी उस रूम से निकला और स्वीमिंग करके दूसरे रूम आइन जाके अपना मोबाइल चेक करने लगा...कुछ कॉल्स थे जो भारत ने मिस कर लिए फोन साइलेंट पे होने की वजह से... 4 कॉल्स इंटरनॅशनल नंबर से थे... 2 तो शॅरन के थे, लेकिन 2 अननोन नंबर से थे... अननोन नंबर को इग्नोर करके, भारत ने शॅरन को कॉल लगाया



"हे शॅरन व्हाट्स अप..." भारत ने एक दम सुस्त आवाज़ में कहा



"भारत.. युवर फ्रेंड्स... दे हॅव लेफ्ट दा कंपनी विदाउट एनी प्राइयर नोटीस आंड आर इन इंडिया नाउ..." शॅरन ने चिंतित स्वर में कहा



"हेलो... शॅरन आइ कॅंट हियर यू..." भारत ने इस बार थोड़ा उँची आवाज़ में कहा



"भारत, आर यू विड मी.. हेल्लूऊओ... हेल्लूऊ यअहह... भारत कॅन यू हियर मी.." शॅरन ने भी उधर से चिल्लाती हुई आवाज़ में कहा



"शॅरन.. हेलो.... शॅरन..." भारत ने फिर ज़ोर से कहा, पर कुछ फ़ायदा नहीं...तब तक फोन भी कट हो गया



"फक्किंग नेटवर्क...." भारत ने अपना फोन सोफा पे फेंक के कहा और तुरंत अपने लॅपटॉप को ऑन करके मैल करना चाहा, पर उसके नेट कार्ड का सिग्नल भी वीक था...



"आम आइ इन आ फक्किंग विलेज... " भारत ने गुस्से में कहा और सोचने लगा शॅरन के कॉल के बारे में..

करीब 2 घंटे तक वेट करके जब भारत ने देखा के मोबाइल नेटवर्क अभी भी नहीं आ रहा, वो तुरंत रिसेप्षन की तरफ दौड़ने लगा.. रूम को लॉक करके तेज़ कदमों के साथ वो रिसेप्षन की तरफ बढ़ने लगा.. रिसेप्षन पे जाते ही



"हाई, कॅन यू प्लीज़ कनेक्ट मी टू दिस इंटरनॅशनल नंबर" भारत ने रिसेप्षनिस्ट को अपना फोन देके कहा.. जैसे ही शॅरन के नंबर पे रिंग गयी, रिसेप्षनिस्ट ने रिसीवर भारत को पकड़ाया... 3-4-5... काफ़ी रिंग्स के बाद भी शॅरन ने कॉल रिसीव नहीं किया... भारत ने तुरंत ही रिडाइयल किया..



"पिक अप दा फोन डार्लिंग..." भारत ने धीमी आवाज़ में कहा पर कोई फ़ायदा नहीं.. तीन कॉल्स पर शॅरन ने कोई जवाब नहीं दिया



शॅरन के नंबर को छोड़ के भारत ने दूसरे नंबर को डाइयल किया... पर 3 कॉल्स के बाद वहाँ से भी कोई जवाब नहीं आया.. भारत ने तुरंत ही शालिनी को कॉल किया



"शालिनी, व्हेअर आर यू.." भारत ने पहली चीज़ कही



"बेबी, आइएम टू अट होम, बट यू नोट इन कोलकाता हाँ, व्हेअर आर यू" शालिनी ने हँसती आवाज़ में पूछा



"विल टेल यू लेटर.. अभी के लिए शॅरन का नंबर डाइयल करो, आंड टेल मी इफ़ शी आन्सर्स दा कॉल" भारत ने बहुत तेज़ और परेशानी भरी आवाज़ में कहा



"व्हाट हॅपंड हनी.. ऑलराइट है सब ?" शालिनी ने सीरीयस टोन में कहा



"डू ऐज आइ से हनी.. क्विक्ली" कहके भारत ने कॉल कट किया और वहीं शालिनी के कॉल बॅक का वेट करने लगा.. करीब 5 मिनट के बाद रिसेप्षन का फोन बजा.. एक रिंग में ही भारत ने आन्सर किया



"यस टेल मी" भारत ने फोन उठाते ही कहा



"नहीं, शी ईज़ नोट आन्सरिंग दा कॉल डियर... बट टेल मी व्हाट्स रॉंग ना" शालिनी ने फिर प्यार से कहा



"नुफ्फ़िं बेबी... कल मिलते हैं, सी या... लव यू.. बाय" कहके भारत ने फोन कट किया और वहीं पास में रखे सोफा पे बैठ गया..



"दो इंटरनॅशनल कॉल्स एक साथ.. दोनो के बीच में टाइमिंग गॅप भी बस 5 मिन्स.. एक अमेरिका से.. दूसरा?" खुद से बात करते करते भारत रुक गया



"एक्सक्यूस मी... कॅन यू प्लीज़ टेल मी विच कंट्री ईज़ दिस" भारत ने दूसरा इंटरनॅशनल नंबर रिसेप्षनिस्ट को दिखाते हुए पूछा



"5 मिनट्स सर..." कहके रिसेप्षनिस्ट ने अपनी ऑफलाइन डाइरेक्टरी खोली और नंबर पंच करने लगी.... 



"सर, दिस वन'स फ्रॉम मलेशिया" रिसेप्षनिस्ट ने भारत को कहा



"कॅन आइ प्लीज़ गेट आ कप ऑफ हॉट स्टीमिंग एस्प्रेसो.. नो क्रीम प्लीज़" भारत ने इतना कहा और सोफा पे बैठ गया
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12-13-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"मलेशिया.. यूएस... शॅरन.. ???? यूएस में तो शॅरन है... बट मलेशिया में कौन है...." भारत खुद से बातें करने लगा और कड़ी से कड़ी जोड़ने लगा.. कुछ सोच ही रहा था कि तभी उसकी कॉफी आ गयी...



"थॅंक्स.. " भारत ने वेटर से कहा और कॉफी टेबल पे रख के फिर से कुछ सोचने लगा...3 घंटे हो चुके थे भारत को उधर पर उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था.. तीसरी कॉफी के साथ उसने एक पेपर और पेन भी मंगवा लिया.. पेपर एक कोने पे उसने लिखा.. "अमेरिका..." और दूसरे कोने पे लिखा .. "शॅरन" बॉटम लेफ्ट कॉर्नर पे लिखा "मलेशिया....." और बोट्तो राइट कॉर्नर पे वो बस अपनी पेन की टिप ही घुमा रहा था...



"व्हाट्स दा फक्किंग कनेक्षन.." भारत ने अपने चेहरे को अपना हथेलियों में लिया और सोचने लगा..



"हाई...." भारत के सामने खड़ी रीना ने उसे आवाज़ दी...



"ओह .. हाई, कुछ खाया तुमने" भारत ने चेहरा उठा के जवाब दिया



"यस सर.. अभी ख़ाके आई... और आपने नही खाया शायद कुछ" रीना ने टेबल पे रखे 3 कॉफी मॅग्स देखके कहा



"हाहहा. लीव इट, कल कितने बजे जाना है मुंबई.. आंड टिकेट नहीं करवाई तो अभी करवा दो.. टेक दा अर्लीयेस्ट फ्लाइट बॅक ओके.." भारत ने रीना से कहा 



"यस सर ई नो... डन है बुकिंग.. "रीना ने भारत के सामने बैठ के कहा



"और प्यास बुझी कि नहीं.. या अभी भी है" भारत ने पेपर अपने जेब में रख के कहा



"हाहहा.. यह जिस्म हमेशा ही प्यासा रहेगा सर... पर आज थ्रीसम में काफ़ी मज़ा आया.. मेरी एक फॅंटेसी पूरी हुई" रीना ने बेशर्म होके कहा



"अछा, एक... दूसरी फॅंटेसी क्या है फिर..." भारत ने एक और कॉफी ऑर्डर करके कहा



"अब आपसे क्या छुपाना सर... मैं चाहती हूँ कोई मुझे मेरे पति के सामने ही रगड़ रगड़ के चोदे..." रीना ने अपनी शर्ट का एक बटन खोल के कहा



"हाहाहा.... रंडी हो तुम.... वैसे तुम्हारे पति का ट्रान्स्फर हो चुका है कोलकाता.. सोचा तुम्हे बता दूं" भारत ने अपनी सिगर्रेट जला के कहा



"कोलकाता.. क्यूँ पर, " रीना ने कहा



"क्यूँ.. तुम्हे ज़रूरी नही समझता इस क्यूँ का जवाब देना" भारत ने कश खींच के कहा.. भारत का जवाब सुन रीना का चेहरा उतर गया और थोड़ी उदास हो गयी



"शकल ऐसी क्यूँ कर दी.. अच्छा सुनो, रीजनल मॅनेजर से टेरिटरी मॅनेजर बना के भेजा है.. और 35 % राइज़ दिया है.. इससे ज़्यादा क्या दूं" भारत ने सिगर्रेट रीना को पकड़ाते कहा



"उम्म्म्म... ठीक है, तो मुझे भी ट्रान्स्फर देंगे आप.." रीना ने भी एक कश लेके कहा



"तुम कहो, अगर तुम अपना रीप्लेस्मेंट दोगि तो आम फाइन" भारत ने जवाब दिया



"नई, नो वन कॅन रीप्लेस मी सर...यह याद रखना" रीना ने सिगर्रेट के धुएँ का छल्ला बना के कहा



"तो फिर इट्स डन... तुम्हे अपना जवाब मिल गया.. ऑर्डर सम डिन्नर नाउ इन दा रूम.. मैं जल्दी आता हूँ" कहके भारत ने रीना को जाने के लिए कहा, और रीना ने भी ठीक वैसे ही किया



रीना के जाते ही भारत ने अपने दिमाग़ पे ज़ोर लगाया, पर उसे मलेशिया का क्लू कुछ नहीं मिला... कॉफी और सिगर्रेट ख़तम करके भारत रूम की तरफ निकल गया.. खाने के साथ एक बार फिर रीना की चुदाई में व्यस्त हो गया...



उधर मुंबई में विक्रम कोहली को जब से कोलकाता का न्यूज़ मिला था, तब से वो बेचैन होने लगा था..



"कल का आया एक लौंडा, मेरी बाज़ी बिगाड़ नहीं सकता.. मुझे कुछ करना पड़ेगा...." विक्रम कोहली अपनी कॅबिन में खुद से बोलते हुए अपने दाँत पीस रहा था..., तभी उसका इंटरकम बजा



"यस.." उसने परेशानी वाली आवाज़ में कहा



"सर, कोई आपसे मिलने आया है... " उसकी पीए ने कहा



"सेंड इन..." विक्रम ने फोन रख दिया और फिर भारत के बारे में सोचने लगा



"हेलो.. मिस्टर विक्रम..." उस शख्स ने अंदर आके कहा



"हाई... डू आइ नो यू..." विक्रम ने चेर से उठ के कहा



"नहीं.. पर मैं अच्छी तरह जानता हूँ आपको, और अभी आप जिसके बारे में सोच रहे हैं, उसको भी.."



"सॉरी.." विक्रम ने बस इतना ही कहा



"ना ना.. डोंट बी... भारत आपका दुश्मन, और मेरा भी.. इस हिसाब से आप दोस्त हुए, और दोस्त एक दूसरे को सॉरी नहीं कहते" उस बंदे ने चेर पे बैठ के कहा



"देखिए.. आप सीधे सीधे बात कीजिए.." विक्रम ने अपने स्पेक्स उतार के कहा



"हम चारों मिलके , अगर आप चाहें, तो भारत से बदला ले सकते हैं... "



"कैसा बदला... और चार कौन, हम तो सिर्फ़ 2 ही हैं..." विक्रम ने आगे बढ़ के कहा



"चलिए , मैं आपको बाकी के 2 से मिलवाता हूँ.." उस शख्स ने विक्रम से कहा और बाहर की तरफ बढ़ने लगा... विक्रम ने कुछ सेकेंड्स सोचा, और फिर उस बंदे के पीछे चलने लगा.. दोनो लोग विक्रम की गाड़ी में बैठ गये और उस शख्स के दिए डाइरेक्षन्स के अनुसार विक्रम गाड़ी चलाने लगा.. पूरी देर उस बंदे से विक्रम ने कई सवाल पूछे , पर उसे कोई जवाब नहीं मिला.. करीब एक घंटे बाद विक्रम और वो शख्स बोरीवली पहुँचे..



"यह कहाँ लाए हो मुझे.. अगर मेरे साथ कोई होशयारी की तो याद रखना" विक्रम ने चलते चलते अपनी गन उस बंदे को दिखाई



"रिलॅक्स.... फॉलो मी" कहके वो बंदा आगे चलने लगा और विक्रम भी उसके पीछे चलने लगा.. चलते चलते वो दोनो एक फ्लॅट के बाहर पहुँचे जो काफ़ी पुराना था, काफ़ी टाइम से जो बंद था ऑलमोस्ट... दरवाज़ा खोलके वो बंदा अंदर गया और विक्रम को बुलाया.. फ्लॅट में एक दम अंधेरा था, विक्रम को अब डर लगने लगा था
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12-13-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"लाइट जलाओ अब.." विक्रम ने उस बंदे से कहा और उस बंदे ने ठीक वोही किया.. लाइट जलते ही विक्रम की जान में जान आई.. लाइट ऑन होते ही विक्रम के सामने अब वो अकेला नहीं था, उसके सामने थे तीन लोग...



"तुम तो ठीक हो, पर यह बच्चे इसमे क्या करेंगे.." विक्रम ने दूसरे दो लोगों की तरफ इशारा करके कहा



"यह बच्चे बहुत काम के हैं.. इनफॅक्ट यही लेड करेंगे इस चीज़ को..." 



"बताओ प्लान क्या है.. आइएम इन" विक्रम ने उन तीनो से कहा
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पोर्टब्लार से कोलकाता.. कोलकाता से मुंबई... इस सफ़र में तकरीबन 8 घंटे लग गये भारत को.. ऑफीस में चेक करके उसे सुकून मिला के सब सही जा रहा है... रीना के साथ हुई रात की चुदाई के बाद भारत उसे फिर ज़मीन पे ले आया.. पूरे रास्ते में बस काम की बातें और कुछ नहीं.. कभी कभी रीना खुद सोच में पड़ जाती थी कि भारत दो चीज़ो के बीच बॅलेन्स कैसे कर लेता है.. जब वो मूड में होता है तो उस वक़्त कोई काम की बात नही, और जब काम करता है तब रीना उसे कितना भी रिझाने की कोशिश करे, वो अपना ध्यान नहीं खोता... 



"भारतीय मर्द काम को लंड पे और औरतों को दिल में रखते हैं.. यह पहला मर्द देखा जो औरत को लंड पे और काम को दिल में रख रहा है.. ग़लत आ गया यह यहाँ पे" रीना ने खुद से हल्के स्वर में कहा.. 





लंबी फ्लाइट के बाद जब शाम को दोनो एरपोर्ट पहुँचे, रीना अपने घर निकल गयी और भारत ने पुणे के लिए प्राइवेट कॅब बुक की थी...



"ऑन दा वे टू युवर होम बेबी.." भारत ने शालिनी को मेसेज किया



"कम सून स्वीटी पाइ... मिस्ड यू सो मच.. वाना हग यू टाइट..." शालिनी ने जवाब में कहा... 



"10 घंटे का सफ़र.. यार कोई कॉफी शॉप पे रोकना प्लीज़.." भारत ने कॅब ड्राइवर से कहा और निकल पड़ा पुणे के लिए... अपनी गाड़ी में जो ड्राइव एक घंटे की थी, वो कॅब में दो घंटे लेगी भारत को आइडिया नहीं था....



"2 घंटे लगते हैं क्या यार... या मैं तेज़ चलाता हूँ हाँ.. यह लो " भारत ने पुणे पहुँच के ड्राइवर को पैसा दिया और शालिनी के फ्लॅट की ओर बढ़ने लगा



दरवाज़े पे दो तीन बार नॉक करके जब दरवाज़ा खुला तब भारत आगे बढ़ा



"मिस्ड यू सो मच बाबयययययययी" इतना कहके ही भारत पीछे हुआ



"अरे, सासू माँ... आइ थॉट शालिनी है.." भारत ने शर्मा के कहा



"इसमे क्या दामाद जी... सासू माँ के गले नहीं लग सकते क्या आप.." ऋतु ने दरवाज़े के साइड में होके कहा..



"बिल्कुल नही, ससुर जी के प्रेज़ेन्स में बिल्कुल नही.." भारत ने अंदर आते कहा



"शालिनी.... बेबी आइ एम हियर" भारत ने चिल्ला के कहा.. भारत की आवाज़ सुन शालिनी दौड़ती अपने रूम से बाहर आई और भारत को देख उसके सीने से लिपट गयी



"ओह माइ गॉड.... आइ मिस्ड यू सो मच... हाउ आर यू बेबी.. " कहके शालिनी ने भारत के गालों पे किस की और उसके बाल नोचने लगी



"कंट्रोल यू टू.. शरम करो" ऋतु ने दरवाज़ा बंद करके कहा



"कम ऑन मोम... डोंट डिस्टर्ब अस नाउ.. बाय" शालिनी ने जवाब दिया और भारत का हाथ पकड़ के अपने रूम में ले गयी और अंदर से लॉक कर दिया.. रूम के अंदर जाते ही शालिनी ने अपनी किस्सिंग चालू की और भारत भी उसको ईक्वली रेस्पॉंड कर रहा था...



"उम्म्म्म लव यू बेबी अहहहहा ममवाहाहहहा मिस्ड यू अहहहाहा" कहके शालिनी ने अलोस्ट भारत की शर्ट फाड़ दी थी, पर उसे बिल्कुल परवाह नहीं थी...भारत ने भी जल्दी से शालिनी के टॉप को उतारा और उसकी ब्रा खोल दी



"उम्म्म आइ मिस्ड दीज़ बेबी अहहहः" कहके भारत ने शालिनी के चुचों को मूह में लिया



"आहहहहः ओह आहमम्म्ममम" शालिनी की सिसक निकली जब भारत ने उसके निपल्स पे जीभ रखी



"उम्म्म फक मी ना हब्बी प्लीज़..." कहके शालिनी जल्दी से नीचे झुकी और भारत की जीन्स को खोलने लगी... भारत के लंड को पकड़ के उसे ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगी



"अहहाहा मिस्ड यू माइ लव अहहाहा " कहके शालिनी ने भारत के लंड को मूह में लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी



"अहहहहाहा एस अहहहः फास्टर बेबी अहहहहहा" भारत भी मज़े लेके चिल्ला रहा था 



जब भारत ने देखा लंड गीला है काफ़ी, 



"कम हियर ना जान अहहहहाः" कहके भारत ने शालिनी को टेबल के भरोसे घोड़ी बनाया और पीछे से ही उसकी चूत में लंड घुस्सा दिया



"आहहहः यस अहहहहा फक मी अहहहहः उम्म्म" शालिनी भी चिल्ला के चुदवाना चाहती थी आज



"ओह यस बेबी अहहहः मिस्ड यू अ अहहहहा आ लॉट उउंम अहहहहाहाः"



"ठप्प्प्प तःप्प्प्प अहहहाहा ओह्ह य गुड अहहहहहा यॅ फक मी अहहहहहाः" इन आवाज़ों से शालिनी और भारत चुदाई में मशगूल हो गये... पहली बार था जब इनका सेशन काफ़ी छोटा चला था.. करीब 10 मिनट बाद भारत ने कहा



"अहहाहा बेबी आइएम कमिंग अहहहः" 



"आहहः बेबी अंदर ही छोड़ दो ना अहहहहा येस्स अहाहहाहः.. आइएम कमिंग टू अहहाहा ओह्ह फक मी गॉड अहहहहा यॅ बेबी ओह हियर आइ कम अहहहाहा" कहके शालिनी और भारत दोनो एक साथ झड़ने लगे



"ओह्ह्ह अहहाहा यस उम्म उफ़फ्फ़ अहहाहा.... ओह गूड्ड़ अहाहहा.. किस मी ना बेबी अहहाहा" कहके शालिनी पलट के भारत को किस करने लगी और दोनो उस के बिस्तर पे ही गिर पड़े...




"उम्म्म्म.... लव यू बेबी.. हाउ आइ मिस्ड यू" शालिनी ने भारत के बालों में हाथ फेर के कहा



"तुम्हारी मोम क्या सोचेगी.. यू वर वेरी वाइल्ड टुडे हाँ" भारत ने शालिनी को बाहों में लेके कहा और सिगर्रेट जला ली



"लीव हर ना.. आइ डोंट केर, यू से हाउ वाज़ युवर ट्रिप.." शालिनी ने भी भारत की सिगर्रेट शेअर की



"इट वाज़ गुड...." भारत ने शालिनी से सब कहा और मार्श के वर्ड्स के बारे में भी बताया



"भारत.. प्लीज़ टेक केर... तुम पर 4 लोगों की ज़िम्मेदारी है ओके.. एनितिंग सिल्ली मे रूयिन अस ऐज वेल" शालिनी ने सिगर्रेट लेके कहा



"यस बेबी.. बट यू नो.... वेट... 4 कैसे.... तुम, मोम और डॅड.. तीन ही हुए ना.... आर यू सीरीयस..." भारत ने खुशी के मारे कहा



"यस... कल ही पता चला मुझे" शालिनी ने भी इतनी ही खुशी से जवाब दिया
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12-13-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"आइ कॅंट बिलीव इट.. थॅंक्स आ लॉट डार्लिंग..." कहके भारत ने ब्लंकेट को थोड़ा उँचा किया और शालिनी की बेल्ली पे किस किया



"वेलकम डार्लिंग.. वेलकम टू वर्ल्ड..." भारत ने शालिनी के पेट पे अपने कान रखे और फिर उसको एक किस की



"लव यू आ लॉट बेबी... " कहके भारत ने शालिनी के फोर्हेड पे एक किस की और दोनो बातों में खो गये.. रात के करीब 9 बजे ऋतु ने शालिनी के दरवाज़े पे नॉक किया



"कम आउट.. डॅड आए हैं. "ऋतु ने बस इतना ही कहा और वहाँ से चली गयी.. शालिनी और भारत ने भी जल्दी अपने कपड़े पहने और हालत ठीक करके बाहर आ गये...



"हेलो डॅड.." भारत ने बाहर आके कहा



"हेलो सन इन लॉ... लोंग टाइम हाँ... हाउ आर यू... आंड टुनाइट नो होल्ड्स बार्ड ओके... आइ हॅव दिस जॉनी वॉकर ब्लू लेबल स्पेशली फॉर यू..." कहके शालिनी के पिता ने बॉटल बॅग से निकली



"वाउ.. ब्लू लेबल... नाइस वन.. यस नो होल्ड्स बार्ड... आंड आम फाइन, आप बताइए, कभी घर आते ही नहीं" कहके भारत और शालिनी का बाप अपनी बातों में लग गये..



शालिनी और ऋतु अपने अपने हज़्बेंड्स के लिए सर्विंगस बनाने लगी और वो दोनो बातें करते करते पीने में बिज़ी हो गये.. रात 9 बजे से शुरू हुई उनकी ड्रिंक्स देर रात तक चली.. शालिनी के पापा तो ऑलमोस्ट डाउन हो चुके थे, पर भारत ने खुद को संभाले रखा था... 10 मिनट में भारत ने उन्हे अपने रूम में छोड़ा और खुद शालिनी के पास चला गया..



"हाई बेबी.. क्या सर्च कर रही हो मोबाइल में हाँ.." भारत ने शालिनी से कहा



"कुछ नहीं.. क्या छुपा रहे हो तुम मुझसे" शालिनी ने मोबाइल अपने पास रख के कहा



"बेबी... प्लीज़ कहो ना क्या हुआ... " भारत ने शालिनी को गले लगा के कहा



"ओके... आइ विल फक स्ट्रेट, जस्ट दा वे यू लाइक इट... यह किसका नंबर है" शालिनी ने भारत को उसका फोन दिखा के कहा



"यह... आइ डोंट नो, तुम्हारे सामने है ना, नंबर भी सेव्ड नही है.. आंड यह क्या है, लेम्म सी" कहके भारत ने नंबर देखा और सोचने लगा..



"यस.. याद आया.. अरे तुमको कल कहा था ना शॅरन का नंबर ट्राइ करने को, तो उसके कॉल के साथ दो मिस कॉल्स यह भी थे.. बट शॅरन को तो आइ नो.. आंड यह नंबर मलेशिया का है.. अब यूएस और मलेशिया का कनेक्षन समझ नहीं आ रहा यार... आंड यह देखो... शॅरन का एक कॉल, फिर इस नंबर से एक.. फिर शॅरन का दूसरा कॉल.. और यह दूसरा फिर उसके बाद... " भारत ने शालिनी को कॉल हिस्टरी दिखा के कहा



"बट व्हाट्स दा प्राब्लम बेबी... तुम जानती हो यह कौन है ?" भारत ने शालिनी से कहा



"यस आइ नो किसका नंबर है यह.." शालिनी ने भारत के हाथ से फ़ोन लेके कहा



"गुड मॉर्निंग मोम डॅड...." भारत और शालिनी ने सामने से आते ऋतु और उसके पति को कहा



"मॉर्निंग किड्स... होप यू स्लेप्ट वेल सोन इन लॉ..." शालिनी के पिता ने टीवी ऑन करके कहा



"सुबह सुबह टीवी.. नोट गुड डॅड.." भारत ने कहा और वो अपनी चाइ पीने लगा



"सम यूएस बिज़्नेस न्यूज़ यार.. तुम भी शालिनी की तरह बातें करने लगे हो हाँ.." शालिनी के बाप ने हँस के कहा



कुछ चॅनेल्स फ्लिप करते करते भारत के कानो में एक फेमिलियर नाम सुनाई दिया..



"डॅड.. एक चॅनेल पीछे जाइए.." कहके भारत डाइनिंग टेबल से उठके सोफा पे आया.. चॅनेल फ्लिप करके भारत न्यूज़ स्क्रिप्ट पढ़ने लगा




"गोल्डन सॅक्स एचआर मॅनेजर फाउंड डेड इन हर ओन हाउस... शॅरन स्मिथ एज 29 वाज़ सिंगल आंड स्टेड विद हर पेरेंट्स.. इट ईज़ सस्पेक्टेड तट व्हेन हियर पेरेंट्स वर आउट फॉर अन अर्ली मॉर्निंग वॉक सम्वेर नियर 6 एएम, सम्वन ब्रोक इंटो हर हाउस आंड स्ट्रिंग टाइड हर, आंड देन किल्ड हर विद दिस 9 इंचस नाइफ.. लोकल पोलीस ईज़ डूयिंग एवेरितिंग टू फाइंड आउट दा मर्डरर... बट कॅमरास नियर दिस हाउस वर ऑल स्विच्ड ऑफ ड्यूरिंग दा टाइम मर्डर टुक प्लेस... गोल्ड्मन हॅज़ कन्फर्म्ड तट शॅरन वाज़ वर्किंग विद देम आंड दे आर ऑल इन डीप पेन टू हियर दिस शॉकिंग न्यूज़.. दे आर विद दा स्मिथ फॅमिली अट दिस टफ टाइम"



यह सब सुनके भारत के हाथ से उसकी चाइ का कप गिर पड़ा... भारत को यकीन नहीं हो रहा था जो अभी उसने सुना.. उसके पेर के नीचे से ज़मीन खिसकने लगी.. वो एक दम जैसे उस वक़्त वहाँ था ही नहीं..



"शालिनीईीईईईईईईईईईईई.. कम हियर.. शालिनी......" भारत ने सुबक्ती आवाज़ में कहा जिसे देख घर में बैठे तीनो लोग चौंक गये...



"क्या हुआ बेटा.. " शालिनी के पिता ने पूछा



"व्हाट हॅपंड हब्बी" शालिनी ने वहाँ आके पूछा तो ज़मीन पे टूटे कप को देख वो डर गयी



"व्हाट्स रॉंग भारत.." शालिनी ने आगे बढ़ के कहा और भारत को बिठाया



"शॅरन ईज़ डेड..." भारत ने बस इतना ही कहा कि उसकी आँखों से आँसू टपकने लगे... यह सुन शालिनी को भी झटका सा लगा.. उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कैसे... कुछ देर तक घर पे सब खामोश रहे, और शालिनी भारत के साथ ही थी.. इतने टाइम में उसने कभी भारत को रोते नहीं देखा था, देखना तो छोड़ो, उसने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत कभी किसी के लिए रोएगा...



"भारत.. प्लीज़ कंट्रोल... आंड काश कल वो कॉल आन्सर कर लेती. शायद हम बात करते तो कुछ पता चलता इन सब के बारे में



"शालिनी... शॅरन से बात नहीं कर पाए, पर मलेशिया से तो संपर्क बना सकते हैं ना.." भारत ने अपनी लाल आँखें उठा के कहा



भारत की यह बात सुन, शालिनी जल्दी से रूम में दौड़ी और भारत का फोन ले आई... जल्दी से उन्होने उस नंबर पे कॉल किया, पर कोई जवाब नहीं...



"शी ईज़ नोट आन्सरिंग दा कॉल भारत.." शालिनी ने डर वाली आवाज़ में कहा



भारत ने जल्दी से अपने ट्रॅवेल एजेंट को फोन किया और मलेशिया के लिए टिकेट्स बुक किए...



"मुझे सबसे जल्दी वाली फ्लाइट में जाना है.. आइ डोंट केर अबाउट वीसा.. कैसे भी लाओ, जितना खर्चा होगा आइएम रेडी ओके.. डू इट नाउ..." भारत ने चिल्ला के कहा .. शालिनी को आदत थी भारत का यह रूप देखने की, उसने जल्दी से अपनी पॅकिंग की और बिना कुछ कहे भारत की भी पॅकिंग करने लगी.. भारत भी नहा के फ्रेश हो गया और दोनो एक घंटे में मुंबई की तरफ निकल गये..रास्ते पे शालिनी ने कुछ बात नहीं की और भारत के दिमाग़ में भी तूफान उठा हुआ था



"यू शुड हॅव टोल्ड मी कल ही, शायद बात करती" शालिनी ने भारत को बिना देखे कहा और भारत ने उसे कोई जवाब नहीं दिया.. मुंबई पहुँच के भारत ने अपने टिकेट्स और वीसा पेपर्स कलेक्ट किए.. दो घंटे बाद दोनो फ्लाइट में बैठे और अब तक भारत ने कोई बात नहीं की थी... फ्लाइट के टेक ऑफ करते ही भारत ने कहा



"आइ होप एवेरितिंग ईज़ फाइन देअर.."



"एवेरितिंग विल बी ओके.. खुद को सम्भालो प्लीज़.. मैं समझ सकती हूँ" शालिनी ने बस इतना ही जवाब दिया



"यू हॅव दा अड्रेस" भारत ने पूछा



"यस आइ हॅव इट.. डोंट वरी" शालिनी ने इतना कहके भारत को पानी दिया और फिर दोनो चुप हो गये 



तीन घंटे की फ्लाइट में भारत को ना जाने कौन्से कौन्से ख़याल आते रहे.. शालिनी ने इसे अच्छी तरह समझा और भारत का हाथ अपने हाथ में ले लिया



"चिल प्लीज़.... बेबी" शालिनी ने भी भीनी आँखों से कहा.. शालिनी की आँखें देख भारत को भी रोना आया और वो उसे हग करके सुबकने लगा.. दोनो एक दूसरे को दिलासा देने लगे और कुछ देर में चुप हो गये.. 3 घंटे बाद जब दोनो मलेशिया पहुँचे,उन्होने डाइरेक्ट टॅक्सी ली और ड्राइवर को अड्रेस दे दिया.. दिए हुए अड्रेस पर पहुँचने तक शालिनी ने ऋतु को कॉल किया और उसे सब बताया..



"प्लीज़ टेक केर बेटा... आंड कम सून.. वी आर हियर.." ऋतु ने फोन रखने से पहले कहा
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