Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 12:15 PM,
#41
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं एकदम से चौंक गई जादू की बात सुनकर क्योंकि ये डायलॉग तो मैने उन्हे बोलने को कहा ही नही था. भाभी भी थोड़ा परेशान सी हो गई थी लेकिन उन्हो ने बात को संभाल लिया.

करू-हट बदमाश कही का शरम नही आती भाभी के साथ ऐसी बातें करते हुए.

जॉड-भाभी जब आपको ऐसे कपड़े पहन ने में शरम नही आती तो मुझे क्यूँ आएगी.

मुझे लग रहा था कि ये जादू आज पिटेगा पहले हॅरी भैया के हाथों और फिर मेरे और भाभी के हाथों.

मैने देखा भैया गुस्से से अब उन दोनो की तरफ बढ़ने लगे थे और जाकर उन्होने जादू को कॉलर पकड़ कर उठाया और फिर फटाक फटाक फटाक ऐसी 5-6 आवाज़ें आई और जादू भैया के गाल लाल हो गये.

लेकिन ये क्या हॅरी भैया तो वही खड़े थे यहाँ पहले खड़े थे और वो तो गुस्से की जगह मुस्कुरा रहे थे और जादू भैया और भाभी भी वहीं बैठे थे मतलब मैने सपना देखा था ओह थॅंक गॉड.

अब जो मैं देख रही थी वो सपने से एकदम उलट था. अब हॅरी भैया मुस्कुराते हुए उनकी तरफ बढ़ रहे थे. उन्होने उनके पास जाकर भाभी को आवाज़ दी तो भाभी एकदम से उठ कर खड़ी हो गई. भैया आगे बढ़े और भाभी को गोद में उठा लिया और फिर जादू भैया को कहा.

हॅरी-साले अपनी भाभी पे लाइन मार रहा है शरम नही आती.

करू-मुझे नीचे उतारो चुप चाप तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की.

हॅरी-डार्लिंग अब अपने कॅरक्टर से बाहर आ जाओ मैं सब जानता हूँ तुम लोगो के नाटक के बारे में.

करू-कॉन्सा नाटक.

हॅरी-अच्छा जी. ज़रा उस डाइरीक्टर मेडम को बाहर निकालो.

मैं मुस्कुराती हुई उनके पास पहुँची तो भैया ने कहा.

हॅरी-हां तो मेडम आपकी मूवी तो हिट हो गई.

मे-अभी नही जब आप भाभी की बात मानेगे तब हिट होगी.

जावेद-हां भैया जब तक आप भाभी की बात नही मानेगे तब तक नही हां अगर आप भाभी को बच्चा नही दे सकते तो मैं ट्राइ कर सकता हूँ.

हॅरी भैया ने जादू भैया को लात मारते हुए कहा.

हॅरी-साले बेशरम चल भाग यहाँ से और रही बात करू की तो अब इसकी हर खावहिश पूरी होगी.

भैया की बात सुनकर भाभी खुशी से उनसे लिपट गई.

हॅरी-तुम दोनो को तो मैं बाद में देखूँगा पहले इसे देखता हूँ बेडरूम में लेजाकार.

भैया ने भाभी की तरफ इशारा करते हुए कहा. फिर वो भाभी को गोद में उठाए रूम में चले गये. जादू भैया भी चले गये और मैं बैठ कर टीवी देखने लगी.
Reply
07-03-2018, 12:15 PM,
#42
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
उस रात भैया और भाभी के बीच सारी रात जमकर चुदाई हुई. उनके रूम से भाभी की सिसकारियों की आवाज़ें मुझे अपने रूम में सॉफ सुनाई दे रही थी. रात की जबरदस्त चुदाई का सबूत मुझे सुबह मिल भी गया जब मैं भाभी को थोड़ा लंगड़ा कर चलते देखा. मैने भाभी के पास किचन में जाकर उन्हे पीछे से पकड़ लिया और भोली बनते हुए कहा.
मे-भाभी आप लंगड़ा कर क्यूँ चल रही हैं.

करू-वो.वो.वो मैं वॉशरूम में फिसल गई थी नहाते वक़्त.

मैने भाभी को कस कर अपनी बाहों में जकड़ते हुए कहा.
मे-भाभी आप वॉशरूम में फिसली थी या बिस्तेर में.

करू-ओये रीतू बदमाश चुप कर समझी. दोनो भाई बेहन मिल कर मुझे परेशान करने में लगे हैं एक सारी रात सोने नही देता तो दूसरी चैन से जीने नही देती.

मे-वैसे भाभी कितने राउंड लगाए रात भैया के साथ.

करू भाभी ने बेलन उठाते हुए कहा.
करू-रुक अभी बताती हूँ तुझे.

मैं झट से भाग कर किचन के डोर के पास आ गई.

भाभी मुझे बेलन दिखाते हुए.
करू-अब आ ना पास बताऊ तुझे कितने राउंड लगाए.

मैने हँसते हुए कहा.
मे-भाभी जैसे आपने ये बेलन हाथ में पकड़ा है वैसे ही रात को भी पकड़ा होगा.

करू-रुक तू तेरी तो मैं जान ले लूँगी आज.
कहते हुए भाभी मेरे पीछे भागने लगी. मैं जाकर सीधा भैया से टकरा गई जो की रूम से बाहर आ रहे थे.

हॅरी-ओये रीतू क्या हुआ क्यूँ ऐसे भाग रही हो.

भाभी कमर पे हाथ रखकर बोली.
करू-महारानी जी अब बताओ क्यूँ भाग रही थी आप.

मे-वो.वो.वो.....

करू-वो.वो क्या.

मे-वो भाभी मुझे मार रही थी भैया पूछो इनसे क्यूँ मार रही थी.

भाभी मेरे पास आकर मेरा कान पकड़ते हुए बोली.
करू-अच्छा तो मैं मार रही थी मेडम को. चल तुझे अभी सीधी करती हूँ मैं.
भाभी मुझे कान पकड़ कर मेरे रूम में ले आई और बोली.
करू-अब फटाफट रेडी होकर कॉलेज को भाग जा समझी.

मे-ओह तो मैं कॉलेज चली जाउ और आप दोनो बाद में.

करू भाभी माथे पर हाथ मारते हुए.

करू-तेरा कुछ नही हो सकता.

मे-मेरा तो बहुत कुछ हो चुका है.

करू-तभी तो इतनी बेशरम हो गई हो तुम.

मे-भैया के साथ बिस्तेर में नंगी आप थी और बेशरम में.

करू-मैं तो एक के साथ ही नंगी थी तू तो 3-3 के साथ नंगी हो चुकी है बदतमीज़ कही की.

मे-भाआभिईिइ......

करू-अब लगी ना मिर्ची.

मे-मुझसे मत बात करना आप आज के बाद.

भाभी मेरे पास आकर मुझे सीने से लगाकर बोली.
करू-ओये ऐसी बात दुबारा मत करना समझी. मैं तो मज़ाक कर रही थी. अच्छा ये बता करण से कब मिला रही हो मुझे.

मे-मिला दूँगी पहले आज मैं तो मिल लूँ उस से उसके बेडरूम में.

भाभी मुझे दूर धकेलते हुए बाहर जाने लगी और बोली.
करू-तू कभी नही सुधरेगी.

भाभी के जाने के बाद मैं वॉशरूम में नहाने चली गई और नहाने के बाद एक टाइट वाइट पॅंट और उसके साथ टाइट रेड टी-शर्ट पहन ली और हाइ हील्स के सॅनडेल पहन कर बाहर आई तो मुझे देख कर भाभी बोली.
करू-आज तो पता नही कितनो को घायल करेगी मेरी स्वीतू.

मे-आपने भी कल जादू भैया को घायल कर दिया था.

करू-बदतमीज़ वो बहुत अच्छा देवर है मेरा तेरी तरह बेशरम नही है वो अब चुप चाप खाना खा और भाग यहाँ से जब देखो बेशर्मी पे उतर आती है ये लड़की.

मैने खाना खाया इतने में मिक्कु भी आ गई फिर मैं और मिक्कुी मेरी स्कॉटी पे कॉलेज के लिए निकल गये. मैं स्कॉटी पार्क करने गई तो वहाँ आकाश मुझे दिखाई दिया.

मैने उस से हेलो की और फिर हम दोनो कॅंटीन की तरफ चल पड़े. मिक्कुई को मैने वही जाने को कहा था. आकाश बार-2 मुझे घूर रहा था आख़िर मैने उसे पूछ ही लिया.
मे-ऐसे क्यूँ घूर रहे हो मुझे.

आकाश-तुम आज बहुत सेक्सी लग रही हो रीत.

मे-प्लीज़ अक्की ऐसे मत बोलो तुम सब जानते हो.

आकाश-अरे हां यार मैं जनता हूँ मगर आज मुझसे रहा नही जा रहा दिल कर रहा है तुम्हे बाहों में भरकर चूम लूँ.

मे-प्लीज़ अक्की स्टॉप दिस.

आकाश-प्लीज़ रीत एक बार सिर्फ़ एक किस.

मे-देखो आकाश मुझे गुस्सा होने पर मज़बूर मत करो.

आकाश-रीत यार मैं समझ रहा हूँ तुम्हारी बात और तुम भी जानती हो कि जिस दिन से तुमने मुझे अपने पास आने से मना किया उस दिन के बाद मैने कभी तुम्हे गंदी नज़र से नही देखा.

मे-यस मुझे पता है तो फिर आज ऐसे क्यूँ बोल रहे हो.

आकाश-रीत यार सिर्फ़ एक किस ही तो माँगी है क्या वो भी नही दे सकती.

मे-नो कभी नही.

आकाश-क्या इतनी ही दोस्ती है हमारी.

मे-अक्की प्लीज़ मुझे एमोशनाली ब्लॅकमेल मत करो.

आकाश-प्लीज़ रीत मैं कोई ब्लॅकमेल नही कर रहा तुम्हे अगर मेरे दिल में ऐसी कोई बात होती तो मैं कब का तुम्हे बर्बाद कर सकता था. मैं तो सिर्फ़ एक किस माँग रहा हूँ तुमसे वो भी भीख में.
Reply
07-03-2018, 12:15 PM,
#43
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
अब मैं आसमंजस में पड़ चुकी थी की अब क्या करू. एक तरफ मेरा प्यार था तो दूसरी तरफ वो जिसने मुझे सेक्स का रियल सुख दिया था जिसके साथ सेक्स करते वक़्त मैं सब कुछ भूल जाती थी. आख़िर में वोही हुआ जो नही होना चाहिए था.
मे-ओके ठीक है मगर सिर्फ़ किस.

आकाश-थॅंक यू रीत सिर्फ़ किस करूँगा.

मे-मगर करोगे कहाँ.

आकाश-चलो उपर क्लास रूम में चलते है 2न्ड फ्लोर पे कोई क्लास नही लगती वहाँ कोई नही होगा.

मे-ओके जल्दी चलो.

मैं आकाश के पीछे पीछे उपर पहुँच गई. हम उसी रूम में पहुँच गये यहाँ कॉलेज के 1स्ट डे आकाश ने मुझे चोदा था.

आकाश मुझे उसी रूम में ले गया यहाँ कॉलेज के 1स्ट डे उसने मुझे चोदा था.

मैं रूम के अंदर जाकर इधर उधर देखने लगी. आकाश ने डोर अंदर से लॉक किया और फिर मुझे पीछे से अपनी बाहों में जाकड़ लिया. उसके हाथ मेरे पेट पे घूम रहे थे और उसके होंठ मेरी गालों को चूम रहे थे वो मदहोशी मे बड़बड़ा रहा था.
आकाश-ओह रीत तुम बहुत सेक्सी हो यार.

उसके हाथ अब उपर की तरफ बढ़ते हुए मेरे उरोजो के उपर पहुँच चुके थे और मेरे उरोजो को शर्ट के उपर से मसल्ने लगा था. उसकी हरकतें मुझे मदहोश करने लगी थी. मैने खुद को संभाला और उसके हाथों को अपने उरोजो के उपर से झटकते हुए कहा.
मे-आकाश सिर्फ़ किस तक की बात हुई थी.

उसने फिरसे मेरे उरोजो को थामते हुए कहा.
आकाश-किस ही तो करूँगा सिर्फ़ पहले थोड़ा मूड तो बना लेने दो.

मे-क्या मुसीबत है जल्दी करो अक्की. मिक्कु वहाँ हमारा वेट कर रही है.

आकाश-करने दो उसे थोड़ा वेट. वैसे भी उसे आज लेजाने वाला हूँ मैं यहाँ तुम्हे लेजा कर तुम्हारी गान्ड मारी थी मैने याद है ना तुम्हे.

मे-मुझे कुछ याद नही है जल्दी करो नही तो मैं ऐसे ही चली जाउन्गी.

आकाश-तुम भूल गई क्या कितना खून निकला था तुम्हारे पीछे वाले छेद में से और कितना चीखी चिल्लाई थी तुम.

मे-प्लीज़ आकाश फालतू की बकवास मत करो.

आकाश-ओके डार्लिंग.
कहते हुए आकाश ने मेरी शर्ट का बटन खोल दिया. मैने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा.

मे-इसे मत खोलो.

आकाश-रीत प्लीज़ यार मुझे तुम्हारे गोरे-2 मम्मे देखने हैं वैसे भी पहले से ज़्यादा बड़े हो गये है अब तो इन्हे चूसने का मन करता है यार.

मे-कुछ देखने को नही मिलेगा.

आकाश-प्लीज़ यार ऐसे मत तडपा.
आकाश ने अब दूसरा बटन भी खोल दिया. अब मेरे उरोज ब्लॅक ब्रा की क़ैद दिखने लगे थे. ब्रा में कसे हुए एकदम कड़े और गोरे मुलायम जैसे ब्रा और उनके बीच युद्ध चल रहा हो बाहर निकलने का. मैं भी जल्दी से आकाश से पीछा छुड़ाना चाहती थी. इसलिए मैने अब मना नही किया. आकाश अपने दोनो हाथों में मेरे उरोजो को भर का ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा. पहले उसके हाथ ब्रा के उपर से मेरे उरोज मसल रहे थे लेकिन अब उसके हाथ मेरी ब्रा के भीतर घुस गये थे और मेरे दोनो उरोजो को बाहर निकाल लिया था. वो मेरे दोनो उरोजो को एकदुसरे के साथ रगड़ते हुए मसल रहा था. मेरा दिमाग़ अब मेरे शरीर की मस्ती के सामने झुकने लगा था मैं मस्त होती जा रही थी. इसका एहसास आकाश को भी हो चुका था क्योंकि अब मस्ती में मैं अपने पॅंट में क़ैद चुतड़ों को आकाश के लिंग के उपर रगड़ने लगी थी. अब मेरी शर्ट के सभी बटन खुल चुके थे और आकाश के हाथ मेरे उरोजो को और मेरे पेट को सहला रहे थे. एक और मेरा शरीर यहाँ आकाश का साथ देने लगा था वहीं मेरा दिमाग़ मुझे ये सब करने से रोक रहा था. मैं मस्ती में बड़बड़ा रही थी.

मे-प्लीज़ आकाश मुझे जाने दो मैं ये सब नही करना चाहती.

लेकिन आकाश के उपर इन सब बातों का कोई असर नही हो रहा था.
मेरे दिमाग़ में जैसे ही ये ख़याल आया कि मैं ये सब करके 'कारण' को धोखा दे रही हूँ तो एकदम जैसे मैं नींद से जाग उठी और मैने पूरे ज़ोर के साथ खुद को आकाश की गिरफ़्त से छुड़ा लिया उस से दूर हट कर अपनी शर्ट को दोनो हाथों से पकड़ कर अपने उरोजो को ढक कर रोते हुए कहा.

मे-प्लीज़ आकाश मुझे जाने दो मैं करण को और धोखा नही देना चाहती पहले ही मैने बहुत धोखे दिए हैं उसे.
मैं इतने कहने के बाद आकाश की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई और सुबकने लगी.

मुझे उम्मीद थी कि आकाश मेरी बात को समझेगा मगर उसने जो हरकत की वो हैरान करने लायक थी.

उसने मुझे फिरसे पीछे से पकड़ लिया और इस दफ़ा अपना लिंग मेरी पॅंट के उपर से ही मेरे चुतड़ों के बीच वाली दरार में घिसने लगा. उसने अपना लिंग बाहर निकाला हुया था और वो मुझे अपने नितंबों के बीच अच्छी तरह से महसूस हो रहा था. फिर उसने मुझे एकदम अपनी ओर घुमा लिया और मेरे होंठों के उपर अपने होंठ टिका दिए. मैं अपने होंठ उसके होंठों से छुड़ाना चाहती थी मगर उसने मुझे धकेलते हुए दीवार के साथ सटा दिया और मेरे हाथों को अपने हाथों में जाकड़ कर दीवार के साथ लगा दिया. वो बेरेहमी से मेरे होंठों को चूस रहा था मैं जी तोड़ कोशिश कर रही थी अपने होंठों को छुड़वाने की मगर उसकी मजबूती के आगे मेरा कोई ज़ोर नही चल रहा था. मेरी शर्ट फिर से मेरे उरोजो के उपर से हट गई थी और मेरे नंगे उरोज आकाश की छाती में धँस रहे थे. उसका विशाल लिंग मुझे मेरे नंगे पेट पे महसूस हो रहा था और उसके लिंग से जो थोड़ा-2 कम निकल रहा था वो मेरे पेट को गीला कर रहा था. वो बुरी तरह से मेरे होंठों को चूस रहा था और बीच-2 में काट भी देता. मेरी आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे मगर उन्हे देखने वाली आकाश की आँखों में रहम की जगह आज हवस थी. आख़िरकार उसने मेरे होंठों को छोड़ा और जैसे ही वो मुझे थोड़ा दूर हुआ तो मैने एक जोरदार तमाचा उसकी गाल पे दे मारा और फिर तेज़ी के साथ डोर की तरफ बढ़ी और बाहर निकल गई. मैने इतनी बेसूध थी कि मुझे ये भी पता नही चला कि मेरी शर्ट के बटन खुले हैं और मेरे नंगे उरोज ब्रा से बाहर छलक रहे है. जैसे ही मुझे आभास हुया तो मैने फटाफट अपने बटन बंद किए और अपनी आँसू सॉफ करते हुए वॉशरूम की ओर बढ़ गयी.
Reply
07-03-2018, 12:16 PM,
#44
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं वॉशरूम में गयी और अपना मूह धोया और कपड़ों को ठीक किया और फिर कॅंटीन की तरफ चल पड़ी यहाँ पे महक मेरा वेट कर रही थी. मैने देखा महक और करण एक बेंच पे साथ ही बैठते थे. मुझे देखते ही महक ने पूछा.

महक-कहाँ रह गई थी तुम.

मैने करण को हग किया और फिर महक को जवाब देते हुए कहा.
मे-कुछ नही यार वॉशरूम चली गई थी ज़रा.

महक-कोई इतना टाइम लगता है क्या वॉशरूम में.

मे-मिक्कुन तू अब चुप करेगी मुझे कोई ढंग की बात कर लेने दे करण से.


महक-हां-2 ज़रूर करो मेडम हमारी तो कोई वॅल्यू ही नही आपकी लाइफ में.

मैने मिक्कु के कंधे पे हाथ रखते हुए कहा.
मे-ओये मिक्कुक ऐसी बात दुबारा मत करना समझी.

महक ने हँसते हुए कहा.
महक-मेरी स्वीतू मैं तो मज़ाक कर रही थी.

करण-अरे ज़रा इस नाचीज़ पे भी कोई ध्यान दो बंदा कब्से बैठा है.

मे-सारा ध्यान तो तुम्हारे उपर है और कैसे ध्यान दूं.

करण-मेरा मतलब था तुम दोनो आपस में बात करती जा रही हो ज़रा हमे भी मौका दो.

मे-लो अब हम चुप हो जाते है आप अपनी बकवास शुरू कर दीजिए.

करण-ओह तो हमारी बातें बकवास लगती है मेडम को.

मे-नही-2 आप तो जब इन गुलाबी-2 होंठो से मीठे-2 वर्ड बाहर निकालते हो तो ऐसा लगता है कि फूल नीचे गिर रहे हों.

करण-अरे यार पहले बता देती ये बात.

मे-वो क्यूँ.

करण ने एक फूल मुझे देते हुए कहा.
करण-मैं ऐसे ही दुकान से खरीद कर लाया फूल अगर पहले पता होता तो अपने होंठों से निकले फूल उठाकर तुम्हे दे देता.

मिक्कुा बदमाश ने मौके पे चोट लगाई.
महक-अरे जीजू अपने होंठों के फूल तो आप अभी भी दे सकते हो रीत को.

करण ने अंजान बनते हुए कहा.
करण-वो कैसे.

महक-सिंपल अपने होंठों को रीत के होंठों के साथ जोड़कर.

मे-चुप कर कमिनि कहीं की जा जाकर आकाश से ले होंठों के फूल.

महक-अरे हाँ आकाश से याद आया पता नही कहाँ है वो आज.

मे-तू जा जाकर ढूंड उसे.

महक-ओके जी आप बैठो लैला मजनू.

महक के जाने के बाद करण और मैं पार्क की तरफ चल पड़े करण ने मुझे कही घूमने जाने को कहा तो मैं फट से तैयार हो गई. हम दोनो उसकी बाइक पे निकल पड़े. करण की बाइक अब शहर से निकल कर गाओं की तरफ चल पड़ी थी.
मैने करण से पूछा.
मे-कहाँ जा रहे हो.

करण-आज तुम्हे अपने गाओं घुमा कर लाता हूँ मैं.

मे-गाओं में भी तुम्हारा घर है क्या.

करण-और नही तो क्या शहर आने से पहले हम वही तो रहते थे. हमारी ज़मीन है वहाँ पे.

मे-ह्म्म्मत कितना टाइम लगेगा.

करण-बस थोड़ी देर में पहुँच जाएँगे.

थोड़ी देर और सफ़र करने के बाद हम करण के गाओं पहुँच गये. गाओं से थोड़ी दूर करण ने बाइक रोकी और अपना मोबाइल निकाला और किसी को कॉल की.

मैं देख रही थी चारो तरफ हरियाली ही हरियाली थी. ठंडी हवा चल रही थी जो शरीर को एकदम तरो ताज़ा करने का दम रखती थी. करण ने मोबाइल पे बात करनी शुरू की.

करण-हां साहिल ब्रो कैसा है तू.

दूसरी और की बात मुझे सुनाई नही दे रही थी.

करण-अच्छा तो अभी कहाँ पे है.
करण-जल्दी कर अपने ट्यूबिवेल पे आ मैं आ रहा हूँ वहाँ पे.
करण-तुझे किसी से मिलवाना है.
करण-समझा कर घर नही ला सकता उसे.
करण-हां तेरी भाभी ही है बस जल्दी आ और तेरी भाभी को खेतों में भी घुमाना है आज.

करण ने मोबाइल जेब में रखा और मुझे बाइक पे बैठने को कहा और उसे बाइक फिरसे दौड़ा दी.

वैसे तो मैं भी गाओं में ही रहती थी लेकिन हमारा गाओं अब सिर्फ़ नाम का ही गाओं था. शहर नज़दीक होने की वजह से वहाँ बहुत डेवेलपमेंट हो चुकी थी और तक़रीबन सारा गाओं अब शहर में ही मिल चुका था.

करण का जो गाओं था वो तो बिल्कुल पंजाब के गाओं जैसा था. एकदम शांत, हरा भरा, खुला दूला. दिल को अजीब सी शांति मिलती थी गाओं में आकर.

मैं ये सब सोच ही रही थी कि हम करण के दोस्त के ट्यूबिवेल पे पहुँच गये. 

वहाँ एक लड़का बैठा था शायद वोही था जिसके साथ करण ने बात की थी. करण ने मुझे उस से मिलवाते हुए कहा.
करण-रीत ये है मेरा बचपन का दोस्त साहिल.

मे-हेलो.

करण-न्ड साहिल ब्रो ये है मेरी होने वाली बीवी यानी कि तेरी भाभी रीत.

साहिल-सत श्री अकाल भाभी जी.

मे-सत श्री अकाल जी.

मैने देखा साहिल मुझे घूरता ही जा रहा था उसकी नज़र मेरे उरोजो पे थी और मैं जानती थी कि उसके मूह में मेरे उरोजो को देखकर पानी ज़रूर आ रहा होगा. मैने सोचा क्यूँ ना साहिल को थोड़ा तडपाया जाए उसके घूर्ने के जवाब में मैं भी उसे घूर्ने लगी. जैसे ही हमारी नज़रें मिली तो उसने झट से अपनी नज़रें नीची कर ली. शायद वो शरमा रहा था. मुझे उसकी हालत पे हँसी आ रही थी. मैने अपनी नज़र को चारो ओर दौड़ाते हुए कहा.

मे-करण कितना मन लग रहा है ना यहाँ.

करण-इसीलिए तो तुम्हे यहाँ लेकर आया हूँ चलो तुम्हे खेतों में घुमा कर लाता हूँ.

हम दोनो खेतों की तरफ चल पड़े. मेरे नितंब एक तो पहले से पॅंट में कसे हुए थे दूसरे साहिल को दिखाने के लिए मैने उन्हे चलते वक़्त ज़्यादा ही मटकाना शुरू कर दिया. मैने पीछे मूड कर देखा तो वो वहीं अपनी जगह पे खड़ा होकर एक टक मेरे नितंबों की थिरकन देख रहा था और अपना लिंग मसल रहा था. हम सरसो की फसल के पास घूम रहे थे. अचानक करण ने मुझे धक्का देकर सरसो के बीच गिरा दिया और खुद मेरे उपर गिर गया और अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए.
Reply
07-03-2018, 12:16 PM,
#45
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैने अपने होंठों को करण के होंठों से दूर किया और कहा.
मे-तुम पागल हो क्या.

करण-हां जानू तुम्हारे प्यार में पागल ही तो हूँ.

मे-इस तरह क्यूँ गिराया मुझे.

करण-अब बातें मत करो.

करण ने फिरसे अपने होंठ मेरे होंठों के नज़दीक किए.

मे-तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है अगर किसी ने देख लिया.

करण-कोई नही देखेगा यार.

अब करण ने ज़बरदस्ती मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों को चूसने लगा मगर उसके होंठों को चूसने में ज़बरदस्ती बिल्कुल नही थी बस प्यार ही प्यार था. वो इतने प्यार से मेरे होंठों का रस्पान कर रहा था कि मुझे लग रहा था जैसे आकाश ने सुबह ज़बरदस्ती मेरे होंठ चूस कर मुझे जखम दिए थे करण उनपर मलम लगा रहा हो. यही बातें सोच कर मेरी आँखों से आँसू निकल आए. मेरी आँखों में आँसू देखते ही करण मेरे उपर से उठ गया और बोला.
करण-सॉरी रीत मुझे नही पता था कि तुम बुरा मान जाओगी.

मैने अपने आँसू सॉफ करते हुए कहा.
मे-नही पागल ये तो खुशी के आँसू हैं तुम मुझे कभी दर्द दे ही नही सकते.
और मैने उसकी गले में बाहें डाली और उसे फिरसे अपने उपर चढ़ा लिया. मैने करण की गालों को चूमते हुए कहा.
मे-जो तुम्हारा दिल करता है वो करो मेरे साथ 'मैं सिर्फ़ तुम्हारी हूँ करण, सिर्फ़ तुम्हारी'

अब करण के होंठ फिरसे मेरे होंठों के उपर क़ब्ज़ा ज़मा चुके थे. हम सरसो की फसल के बीचो-बीच लेटे हुए थे. हमारे चारो और काफ़ी उँची फसल खड़ी थी. इसलिए बाहर से हमे देखपाना बहुत मुश्क़िल था.

करण अब थोड़ा नीचे सरक कर मेरे उरोजो को हाथों से मसल्ने लगा था और उसने एक-एक करके मेरी शर्ट के बटन खोल दिए थे. नीचे मेरी ब्रा मे क़ैद मेरे उरोज देखते ही वो उनपर टूट पड़ा और अपने होंठों से मेरे उरोज चूसने लगा. करण ने अपने दाँतों से मेरे उरोजो को पकड़ कर खीच-2 कर मेरी ब्रा से बाहर निकाल लिया. उसने दोनो हाथों से मेरे उरोजो को थाम रखा था और उन्हे आपस में रगड़ रहा था और अपने होंठों से उन्हे चूस रहा था. मेरे हाथ उसके बालों में घूम रहे थे. करण ने अब थोड़ा और नीचे सरकते हुए मेरी पॅंट का बटन भी खोल दिया था और फिर ज़िप खोल कर उसने मेरी कमर के पास दोनो किनारों से पकड़ा और नीचे खीच दिया मैने भी अपने नितंब उठाकर पॅंट को आसानी से नीचे जाने दिया लेकिन पॅंट टाइट थी सो ज़्यादा नीचे नही जा पाई और मेरी जांघों के पास जाकर अटक गई. अब मेरी योनि पे केवल एक पैंटी थी. मगर करण ने उसे भी खीच कर मेरे घुटनो में फसि मेरी पॅंट के पास पहुँचा दिया. करण मेरे पैरों के पास गया और उन्हे उपर उठा दिया और मेरी सॅंडल'स को निकाल दिया. अब उसने मेरी टाँगों को मोड़ कर उपर उठा दिया था. मेरी योनि अब बिल्कुल उसकी आँखों के सामने थी. करण ने मेरी टाँगों का कंधो पे रखा और अपनी जीन्स को खोल कर अपना अंडरवेर नीचे किया और अपना लिंग बाहर निकाल लिया. जैसे ही उसने अपना लिंग मेरी टाँगों को उठाकर मेरी योनि के उपर लगाया तो मैने कहा.
मे-करण प्लीज़ मेरे पास आओ.

करण ने मेरी टाँगों को नीचे रखा और मेरे साथ लेट गया. मैं उठी और अपनी पॅंट को और नीचे कर दिया और उसके पेट के उपर बैठ गई और उसकी टी-शर्ट निकाल दी फिर मैं झुक कर करण की छाती को चूमने लगी. करण के हाथ मेरे नंगे नितंबों को मसल्ने लगे. मैं थोड़ा और नीचे खिसक गई और अब मेरा चेहरा बिल्कुल कारण के लिंग के सामने था. ऐसा लग रहा था कि उसका गोरा लिंग मेरी ओर ही देख रहा था. मैने उसे हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. मैने अपना मूह उसके नज़दीक किया और अपने होंठों को खोल कर लिंग के सुपाडे पे रख दिया.

करण के शरीर में करंट दौड़ गया उसने सिसकारियाँ भरते हुए कहा.
करण-पूरा मूह में लो ना रीत.

अब आधा लिंग तो मैने हाथ में ही पकड़ रखा था और जो उपर बाकी बचा था उसे मैने अपने होंठों में क़ैद कर लिया था.

करण ने मेरा हाथ अपने लिंग के उपर से खीच लिया और कहा.
करण-रीत अब पूरा मूह में लो प्लीज़.

मुझे बहुत शरम आ रही थी. पहला मौका था जब मैं किसी मर्द का लिंग मूह में ले रही थी. मैने हिम्मत करते हुए अपने होंठों को एक बार फिरसे खोला और पूरा लिंग मूह में ले लिया. करण का गोरा लिंग मेरे गुलाबी होंठों में क़ैद हो चुका था. अब मैं और बर्दाश्त नही कर सकती थी मैने उसका लिंग अपने होंठों से बाहर निकाला और उपर होकर करण की छाती में अपना चेहरा छुपा लिया.

करण-रीत डार्लिंग आगे तो मज़ा आना था.

मे-मुझे शरम आती है अगली बार जो कहोगे वो करूँगी.

करण-पक्का.

मे-पक्का बाबा.

अब करण ने अपना लिंग मेरी योनि के उपर सेट किया और फिर एक जोरदार धक्का देते हुए अपना लिंग मेरी योनि के अंदर पहुँचा दिया. उसके हाथों ने मेरे नितंबों को थाम लिया और वो नीचे से तेज़-2 धक्के देने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था एक तो जगह ऐसी रोमॅंटिक थी उपर से करण आज पूरे मूड में था. उसका लिंग जड़ तक मेरी योनि के अंदर समा रहा था. करण अब नीचे से धक्के लगाता हुआ थक चुका था. अब मैं उसकी छाती के उपर से उठते हुए खुद उसके लिंग पे उपर नीचे होने लगी थी. मेरे खुद लिंग के उपर कूदने की वजह से करण का मज़ा दो गुना हो गया था. मैं तेज़-2 उसके लिंग पे कूदने लगी थी उसने भी मेरे उरोजो को कस कर थाम लिया था. जैसे ही मेरी योनि ने पानी छोड़ा साथ ही साथ करण का लिंग भी मेरी योनि को अपने प्रेम रस से भरने लगा.

मैं हाँफती हुई करण की छाती के उपर गिर गयी. करण ने मुझे अपनी बाहों में समेट लिया. हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे. अब करण का लिंग छोटा होकर मेरी योनि से बाहर आ गया था. करण ने मेरा चेहरा अपने हाथों में थाम लिया और मुझे किस करने लगा. मैने भी उसका खूब साथ दिया. अब करण का लिंग फिरसे हरकत में आने लगा था. उसका लिंग मुझे अपनी दोनो जांघों के बीच महसूस हो रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी गोरी-2 जांघों के बीच घुसने का प्रयास कर रहा हो. मैने अपने होंठ करण के होंठों से जुदा किए और कहा.
मे-चलो ना अब बहुत देर हो गई है.

करण मेरे नितंबों को मसल्ते हुए.
करण-रीत प्लीज़ एक बार और.

मे-नही कभी नही चुप चाप कपड़े पहनो जल्दी से.

करण-अच्छा चलो एक बार मेरे लंड को किस तो करदो अपने इन गुलाबी होंठो से.

मे-उम्म्म्म काजू तुम भी ना.

करण-प्लीज़....

मे-ओके.
मैं करण के उपर से उतर कर साइड में आ गई और उसके लिंग के पास बैठ गई. मैने उसे अपने हाथों में पकड़ा और अपने होंठों को उसके नज़दीक ले गयी. मैने देखा वो मेरे हाथों में एकदम कड़क हो चुका था. एकदम गोरा और उपर से रेड बहुत ही प्यारा लग रहा था. थोड़ी देर पहले ही वो मेरी योनि की सैर करके आया था. मैने अपने होंठों को खोला और लिंग का जो हिस्सा रेड सा था उसके उपर अपने होंठ टिका दिए और फिर अपने होंठो को बंद कर लिया. लिंग के उपर लगा कम मेरे होंठों के बीच आ गया. मैने झट से अपने होंठ वहाँ से हटा लिए. करण भी अब उठा और मुझे कपड़े उठाती देख बोला.
करण-डार्लिंग कपड़े पहन ने की क्या ज़रूरत है ऐसे ही तुम्हे उठा कर ले जाता हूँ.

मेने अपनी पॅंट उसके मूह पे मारते हुए कहा.
मे-बेशरम तुम्हारा दोस्त देखेगा तो क्या सोचेगा.

कारण-अरे उस से मत डरो. वो बहुत शरीफ लड़का है.

मे-अच्छा-2 फालतू की बकवास मत करो जल्दी कपड़े पहनो.
Reply
07-03-2018, 12:17 PM,
#46
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
फिर हम दोनो ने कपड़े पहन लिए. करण ने फिरसे मुझे गोद में उठा लिया और हम दोनो साहिल की तरफ जाने लगे. मैने अपने कपड़े पहन रखे थे और सॅंडल'स को हाथ में पकड़ा हुआ था और करण की गोद में मज़े से लेटी थी.

साहिल की नज़र जैसे ही हमारे उपर पड़ी तो एकदम उसकी आँखें चमक उठी. शायद वो समझ चुका था कि अभी-2 मेरे साथ क्या हुआ है. हम उसके पास पहुँचे तो करण ने मुझे नीचे उतार दिया और कहा.
करण-बहुत भारी हो गई हो तुम रीत.

साहिल-भाई मैं उठा कर देखूं भाभी को कितनी भारी हैं.

मैं एकदम चौंक गई उसकी बात सुनकर.

करण-साले तेरे से नही उठाई जाएगी ये खाए पीये खानदान की है.

साहिल-क्या बात करता है यार. मैं भी गाओं का पहलवान हूँ.

करण-तो लगी शर्त.

साहिल-लगी.

मे-ना बाबा ना करण पागल हो तुम.

करण-रीत यार डर क्यूँ रही हो ये मेरा बचपन का दोस्त है हम ऐसे ही बात बात पे शर्त लगा लेते हैं.

साहिल-हां भाभी मुझसे डरने की ज़रूरत नही है.

मे-ओके.

साहिल आगे बढ़ा और उसने एक ही झटके में मुझे गोद में उठा लिया.

साहिल-देखा दोस्त अरे मैं तो भाभी को गोद में उठाकर शहर तक छोड़ के आ सकता हूँ.

करण-ठीक है बाबा तू जीता अब उतार दे बेचारी को.

जैसे ही साहिल ने मुझे नीचे उतारा तो उतारते वक़्त उसने मेरे नितंब को अपने हाथ से ज़ोर से दबा दिया.
मैने गुस्से से उसकी तरफ देखा तो उसने मुस्कुराते हुए आँख दबा दी.

मैने करण को चलने को कहा और अपने सॅंडल पहन लिए. करण ने साहिल को बाइ बोला और फिर हम दोनो बाइक पे घर की तरफ निकल पड़े.

जब मैं शाम को घर पहुँची तो भाभी टीवी देख रही थी. सारा दिन इनके सीरियल ख़तम नही होते थे. एक ख़तम तो दूसरा शुरू. मैं अपने रूम की तरफ जाने लगी तो भाभी ने मुझे रोका और कहा.

करू-तुम्हारे रूम में तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है डार्लिंग.

मे-कैसा सर्प्राइज़..?

करू-अभी पता चल जाएगा.

भाभी ने अपने हाथ मेरी आँखों पे रखे और मुझे रूम में ले गई.

करू-रीतू डार्लिंग अब तैयार हो जा सर्प्राइज़ के लिए.

मे-भाभी हाथ उठाओ ना जल्दी.

भाभी ने धीरे-2 अपने हाथ उठाते हुए कहा.
करू-ये ले मेरी ननद रानी देख सामने कॉन बैठा है.

मेरी नज़र जैसे ही सामने बैठे शख्स पे गई तो मैं जैसे खुशी से पागल हो गई. क्योंकि वो कोई और नही 'गुलनाज़' दीदी थी.
मैं भाग कर उनके गले लग गई और कस कर उन्हे जॅफी देते हुए कहा.
मे-आप ने मुझे बताया क्यूँ नही कि आप आने वाली हो.

गुलनाज़-हमने सोचा अपनी रीतू को सर्प्राइज़ दूँगी. कैसा लगा सर्प्राइज़.

मे-बहुत बढ़िया दीदी. अब मैं आपको जाने नही दूँगी.

करू-एकदम ग़लत रीतू. अब तो इन्हे जाने से रोक ही नही सकती.

मे-वो क्यूँ.

करू-क्यूँ बड़ी ननद रानी बता दूं क्या.

मे-आप उनसे क्या पूछ रही है बताओ मुझे.

करू-तो सुन. तेरी गुलनाज़ दीदी की शादी हो रही है.

मे-क्या, किसके साथ.

करू-पागल शादी है तो लड़के के साथ ही होगी.

मे-दीदी क्या भाभी सच कह रही हैं.

गुलनाज़-हां रीतू.

मे-मगर आप तो मानती नही थी.

नाज़-वो पुरानी बात थी. तुम्हारे जीजू मिल गये हैं अब मुझे.

मे-ये तो बहुत ही अच्छी बात है दीदी. मैं तो खूब नाचूंगी आपकी शादी में.

नाज़-हां-2 ज़रूर नाचना और भाभी आप नही नाचेंगी क्या.

करू-ऐसा कैसे हो सकता है कि मेरी ननद की शादी हो और मैं ना नाचू.

मे-अच्छा ये तो बताओ कब है शादी.

करू-नेक्स्ट वीक.

मे-इतनी जल्दी.

गुलनाज़-हां रीत जल्दी से शादी करके हमे अपना कॉलेज जाय्न करना है.

मे-ओह गॉड मुझे यकीन नही हो रहा.
Reply
07-03-2018, 12:17 PM,
#47
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
घर में अब गुलनाज़ दीदी की शादी की तैयारियाँ चल रही थी. पूरे घर में चहल पहल थी. हर तरफ खुशी का माहौल था. आख़िरकार वो दिन भी आ गया जिसका हम सबका बेसब्री से इंतेज़ार था मतलब गुल दीदी की शादी का दिन. घर में अब मेहमान आने शुरू हो गये थे और आज शाम को तो नाच गाने का प्रोग्राम भी था. रिश्तेदारों से अलावा भैया के दोस्त और जादू भैया के दोस्त भी आए हुए थे. मैं पूरे घर में आग लगाती फिर रही थी. आग लगाने से मेरा मतलब है अपने जिस्म से आग लगा रही थी जो भी देख रहा था बस जल उठता था. हॅरी भैया के दोस्त तो पहले भी मेरे जलवे भैया की शादी में देख चुके थे और इस दफ़ा वो मेरे साथ-2 करू भाभी के जलवे भी देखने वाले थे क्योंकि भाभी भी रेड साड़ी में अपने गोरे और कसे हुए बदन को लपेटे पूरे घर के माहौल को गरम कर रही थी. जादू भैया तो उनके आस पास ही मंडरा रहे थे बस

और जादू भैया को करूँ भाभी के पास भंवरे की तरह फटकता देख दीपा का चेहरा देखने लायक था. भाभी भी खूब जादू भैया और उनके दोस्तों को मटक मटक कर चल कर दिखा रही थी. ये भाभी भी अब कमिनि होती जा रही थी. मैं जादू भैया के पास कुछ काम के लिए गई तो वो अब अपने दोस्तों के साथ अपने रूम में बैठे थे. मैं जब अंदर गई तो वो लोग शराब पी रहे थे. मैने दरवाज़े के पास खड़ी होकर भैया को आवाज़ दी लेकिन इस बीच मुझे जो चेहरा दिखाई दिया उसे देखते ही मेरा शरीर काँपने लगा और एकदम मेरा शरीर पसीने से लथपथ हो गया. मैने जिसे देखा था वो कोई और नही बल्कि तुषार था. मैं मन में सोच रही थी कि अब ये क्या लेने आया है यहाँ. मैने भैया को बाहर आने को कहा और उनसे तुषार के बारे में पूछा.

मे-भैया ये तुषार यहाँ क्या कर रहा है.

जावेद-अरे तू उसे जानती है.

मे-हां भैया वो मेरे साथ स्कूल में पढ़ता था.

जावेद-अच्छा मुझे तो आज पता चला. चल छोड़ मैने ही इसे बुलाया है मेरा दोस्त है वो. चल अब जा तू यहाँ से.

मेरा दिल अब घबरा रहा था. मैं सोच रही थी कि अब ये क्या लेने आया है यहाँ. वैसे मुझे उसके आने से कोई प्रॉब्लम नही थी. प्रॉब्लम. थी तो ये कि मैने करण को भी बुलाया था और करण के होते हुए अगर कुछ ऐसा वैसा हो गया तो मेरे लिए मुश्क़िल बढ़ सकती थी. मैं वहाँ खड़ी ही थी कि मुझे आकाश भी उसी रूम में जाता दिखा. अब मेरे हाथ में कुछ नही था मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा और मैं घर के कामो में व्यस्त हो गई. महक भी आ चुकी थी अभी मुझे इंतेज़ार था तो सिर्फ़ करण का. मेरा इंतेज़ार भी पूरा हुआ और मुझे करण सामने से आता दिखाई दिया. मैं भाग कर उसके पास गई और उस से लिपट गई. करण ने धीरे से मेरे कान में कहा.
करण-रीत डार्लिंग कंट्रोल करो सब के सामने ही शुरू हो गई.

अचानक मुझे आभास हुया कि मैं तो सब के सामने ही करण से लिपट गई थी. मैं झट से उससे अलग हो गई. करू भाभी ने नज़दीक आकर मेरा कान पकड़ा और कहा.
करू-ननद रानी जी गुलनाज़ के साथ ही आपकी शादी भी फिक्स करवा दूं क्या अगर इतनी ही जल्दी है लिपटने चिपटने की.

मे-भाभी कान छोड़ो और इनसे मिलो ये है करण.

करण-हाई भाभी.

करू-हेलो जी. एक बात सॉफ-2 सुन लो मिस्टर. करण अगर मेरी ननद को अपनी बीवी बनाना है तो सबसे पहले आपको मेरे पैर छूने पड़ेंगे.

करण-लाओ जी आपके चरण है कहाँ हम अभी छु देते हैं.

करू-अरे नो नो ऐसे नही जब मौका आएगा तब.

मे-भाभी क्या इन्हे यही खड़े रखोगी.

करू-ओये होये इतनी फिकर. चलो नंदोई जी अंदर चलो.

हम सब अंदर चले गये और अंदर यहाँ मम्मी, पापा और भैया बैठे थे भाभी हमे वहीं पे ले गई. करण ने मम्मी, पापा को नमस्ते किया और हम सब बैठे गये.

मम्मी-करू बेटा कॉन है ये पहले कभी नही देखा हमने इस लड़के को.

करू-मम्मी जी पहले भले ही ना देखा हो लेकिन आज अच्छे से देख लो.

पापा-लेकिन बेटा ये है कॉन.

करू-ये कॉन है ये तो रीत ही बता सकती है.

मैने भाभी के पेट में कोहनी मारते हुए धीरे से कहा.
मे-भाभी मरवाओगी क्या.

करू-आज तो गिन-2 कर बदले लूँगी.

पापा-अरे तुम दोनो घुसर फुसर क्या कर रहे न सॉफ-2 बताओ बात क्या है.

करू-पापा तो लो अब सॉफ-2 सुनो......................ये लड़का जो है ये चोर है.

हॅरी भैया अपनी जगह से उठते हुए.
हॅरी-क्या.

मैने फिरसे भाभी के कान में कहा.
मे-बहुत पिटोगी आज आप मेरे हाथ से.

करू-अरे नही-2 हॅरी ये वो चोर नही है.

हॅरी-तो कॉन है.

करू-ये दिल चुराने वाला चोर है.

हॅरी-ओह हो तो ये बात है. रीतू यहाँ आना ज़रा.

मैं वहीं खड़ी रही.

पापा-करू बेटी तू भी ना बस पहले ही बता देती कि अपनी रीत की पसंद है.

मम्मी-रीतू बेटा यहाँ तो आ दूर ही खड़ी रहेगी क्या.

मुझे बहुत शरम आ रही थी अब तो मैं हिन्दी फिल्मों की हीरोइन की तरह शरमा कर दूसरे रूम में भाग गई. बाद में वहाँ जो कुछ हुआ वो मुझे भाभी ने बता दिया. फ़ैसला ये हुआ कि करण के घरवालो से मिलकर जल्दी ही हमारी शादी की बात शुरू की जाएगी. ये बात सुनते ही मैं खुशी से झूम उठी.

अब तो 2-2 गुड न्यूज़ मेरे सामने थी. एक मेरी शादी न्ड दूसरी गुलनाज़ दीदी की. बाहर डी.जे की आवाज़ आनी शुरू हो चुकी थी. मैं वॉशरूम में घुस गई ताकि अच्छे से रेडी होके करण को आज खूब जला सकूँ.
Reply
07-03-2018, 12:18 PM,
#48
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
डीजे चल रहा था और जावेद भैया और हॅरी भैया के शराबी दोस्तों ने डॅन्स करना शुरू कर दिया था. मैं भी अपने रूम से बाहर आ गई थी. मैने रेड कलर का पाजामी सूट पहना था और पूरा शृंगार किया हुआ था और मैं दुल्हन ही लग रही थी. जब मैं फ्लोर के पास आई यहाँ पे म्यूज़िक सिस्टम लगाया गया था. वहाँ सभी की निगाहें एक टक मुझे ही घूर रही थी. वैसे मेरे साथ भाभी भी थी पिंक साड़ी में बहुत से लड़के तो भाभी के उपर भी डोरे डाल रहे थे. महक भी कुछ कम नही थी. वाइट कलर के सलवार सूट में वो परी ही लग रही थी. कुल मिला कर आज 3-3 हसीनाएँ मिल कर लड़कों का बॅंड बजाने वाली थी. तुषार भी लड़कों के साथ ही डॅन्स कर रहा था और मेरी और देख कर गंदी सी हँसी हँस रहा था.


मैने उसकी तरफ से ध्यान हटाया और दूसरी ओर देखने लगी जिस तरफ खाने पीने का अरेंज्मेंट था.
रसगुल्ला देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया और मैं उस तरफ खिचि चली गई. मैने जी भर कर मिठाई खाई और फिर आकर महक और भाभी को डॅन्स के लिए उठा लिया क्योंकि अब जो मिठाई खाई थी उसे हजम भी तो करना था तभी तो दूसरी दफ़ा खाने का रास्ता सॉफ होगा.

मैं, महक और करू भाभी धीरे-2 डॅन्सिंग फ्लोर पे जाकर थिरकने लगी. हमारे पास ही लड़के डॅन्स कर रहे थे इसी लिए हम तीनो थोड़ा झिझक रही थी. जादू भैया भी अपने दोस्तो के साथ नाच रहे थे. मैं उनको अपने पास खीचने के लिए गई तो वहाँ नाच रहे लड़कों के पता नही कितने ही हाथ मुझे मेरे नितंबों पे फिरते महसूस हुए. किसी ने चूटी काटी तो किसी ने ज़ोर से उन्हे भींच दिया और किसी की उंगली नितंब की दरार में घूम गई. मैं जादू भैया को खीच कर अपने पास ले आई और अब जादू भैया भी हमारे साथ आ कर डॅन्स करने लगे और भैया करू भाभी के साथ साथ अपनी कमर लचका के नाच रहे थे. हॅरी भैया आए और जादू भैया को भाभी के पास से दूर धकेल दिया और खुद भाभी का हाथ पकड़ कर नाचने लगे. दोनो की जोड़ी बहुत अच्छी लग रही थी. एकदम पर्फेक्ट जोड़ी थी उनकी जितने सुंदर हॅरी भैया थे उससे कही ज़्यादा बढ़कर करू भाभी और दोनो एक दूसरे से बढ़कर थे और वो बस एक दूसरे के लिए ही बने थे. 

तभी भाभी अपना हाथ छुड़ाकर वहाँ से चली गई. मैं और बाकी सब अपनी मस्ती में डॅन्स कर रहे थे. मैने देखा भाभी करण को पकड़ कर हमारे पास ला रही थी. उन्होने करण को भी हमारे बीच शामिल कर दिया और मुझे खीच कर करण के पास कर दिया और हम दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर थिरकने लगे. मैं बहुत खुश थी मेरी पूरी फॅमिली जो एक साथ डॅन्स कर रही थी. फ्लोर पे लाइट अब कम हो गई थी और मैं अब करण से लिपटने लगी थी उधर भाभी भी भैया के सीने से लगी हुई थी. महक पता नही किधर भाग गई थी लेकिन मुझे पता था कि वो ज़रूर आकाश के पास ही गई होगी. जादू भैया फिरसे अपने दोस्तों के पास चले गये थे. मेरे हाथ करण के गले में थे और करण के हाथ मेरी कमर पे लिपटे हुए थे. वो हल्की-2 किस्सस मेरे चेहरे पे कर रहा था. डीजे पे रोमॅंटिक सॉंग चल रहा था और बहुत ही अच्छा लग रहा था मुझे करण के सीने से लिपटकर. मैं इस बेशक़ीमती अहसासो में डूबी थी कि तभी मेरे हाथ में पकड़ा मेरा मोबाइल बज उठा. दिल किया इसको ज़ोर से दीवार के साथ मारु. मैने करण की गाल पे किस की और उसे 'अभी आई' का बोलकर साइड पे आकर फोन सुनने लगी. किसी अननोन नंबर. से कॉल आ रही थी. मैने कॉल पिच की.
मे-हेलो.
'हाई रीत मैं तुषार बोल रहा हूँ'
मे-किस लिए फोन किया.
तुषार-मुझे तुमसे कुछ बात करनी है प्लीज़ उपर छत पे आओ.
मे-देखो तुषार अब मेरा और तुम्हारा कोई रिश्ता नही है समझे.
तुषार-अरे रीत यार मुझे करण के बारे में कुछ बताना है.
मैं एकदम चौंकते हुए बोली.
मे-करण के बारे में...?
तुषार-हां.
मे-क्या बात है.
तुषार-तुम आओ तो सही.
मे-मुझे पता है तुम जो भी बताओगे झूठ ही होगा.
तुषार-एक बार सुनोगी तो तुम भी यकीन नही कर पाओगी.
मे-ऐसी क्या बात है.
तुषार-वो बात फोन पे बताई नही जा सकती क्योंकि वो दिखाने वाली चीज़ है जल्दी उपर आओ.
और फोन कट गया.
मैं सोचने लगी कि आख़िर बात क्या है. मैने डॅन्सिंग फ्लोर पे देखा तो वहाँ अब फिरसे लाइट'स ऑन हो गई थी और करण और हॅरी भैया एक साइड पे बैठ कर कुछ बात कर रहे थे.

मैं धीरे-2 अंदर की तरफ बढ़ी और अंदर जाकर सीडीयाँ चढ़ते हुए उपर की तरफ जाने लगी. उपर जाकर देखा तो कोई नही था. चाँद की हल्की-2 रोशनी थी और ज़्यादा दूर तक दिखाई भी नही दे रहा था. मैने अपना मोबाइल निकाला और वोही नंबर. डाइयल किया जिसके उपर से तुषार बात कर रहा था. मैने मोबाइल कान को लगाया ही था कि मुझे अपनी कमर पे दोनो ओर 2 हाथ महसूस हुए और वो हाथ आगे बढ़कर मेरे पेट पर बँध गये. मुझे किसी ने पीछे से जाकड़ लिया था. मैने एकदम हड़बड़ा कर अपना फोन कान से हटाया और पीछे घूम कर देखना चाहा और डरते हुए कहा.
मे-कॉन हो तुम. छोड़ो मुझे.

'मुझे भूल गई हो रीत डार्लिंग'

फिर उसने मेरी पाजामी के उपर से मेरी योनि को मुट्ठी में भरते हुए कहा.
'मैं वोही तो हूँ जिसने तुम्हारी चूत का उद्घाटन किया था'

मे-तुषार तुम.

तुषार-हां अब याद आया तुम्हे.

मे-तुषार दिखाओ मुझे क्या दिखाना है...?

तुषार-रीत डार्लिंग एक बात तो है तू तो पहले से भी ज़्यादा मस्त हो गई है.
(मेरे नितंबों पे हाथ फेरते हुए)
ये तेरी गान्ड कैसी एकदम गोल-मटोल हो गई है और पीछे को भी तो निकल आई है. और ये तेरे मम्मे(मेरे उरोजो को एक हाथ से मसल्ते हुए) कितने बड़े-2 हो गये हैं.

मैने उसका हाथ अपने उरोजो के उपर से झटकते हुए.
मे-तुषार छोड़ो मुझे और सामने आकर बात करो.

तुषार-बातें भी होती रहेंगी डार्लिंग पहले तुम्हे अच्छी तरह से देख तो लूँ. बहुत दिन बाद देख रहा हूँ आज रीत तुम्हारी लेने का मन कर रहा है डार्लिंग.

मे-बकवास मत करो छोड़ो मुझे जो बात बताने के लिए यहाँ बुलाया है वो बात बताओ.

तुषार-अरे ऐसी कोई बात है ही नही जो तुम्हे बताऊ मैं तो तुम्हारी लेने के लिए यहाँ आया हूँ.

कहते-2 उसने मेरी पाजामी का नाडा खोल दिया. मैं एकदम से चौंक गई और अपने हाथ अपनी पाजामी की तरह बढ़ा दिए मगर तुषार के हाथों ने मेरे हाथ को पहले ही जाकड़ लिया और मेरी पाजामी थोड़ी सरक्ति हुई नीचे हो गई और मेरी पैंटी और थोड़ी-2 नंगी जांघे दिखने लगी. मैं तुषार की बाहों में छटपटाने लगी और कहा.
मे-तुषार ये क्या बदतमीज़ी है छोड़ो मुझे मैं अब ये सब नही करना चाहती. मैं अब करण को प्यार करती हूँ.

तुषार-तो करती रह प्यार मुझे इस से क्या मुझे तो तेरी चूत मारनी है बस.

मे-प्लीज़ तुषार समझा करो मैं उसे धोखा नही देना चाहती.

तुषार-ओह तो आज तुम्हे पता चल गया कि ये धोखा है. साली जब मुझसे प्यार करती थी तब भी तो आकाश को देती थी तब मेरे साथ धोखा नही हो रहा था क्या.

अब मेरे पास उसकी बात को कोई जवाब नही था क्योंकि उस वक़्त मैं ग़लत थी.
मे-प्लीज़ तुषार मुझे माफ़ करदो मुझे बहुत बड़ी ग़लती हुई.

तुषार-मुझे कुछ नही सुन ना.
Reply
07-03-2018, 12:18 PM,
#49
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
अब तुषार ने एक हाथ से मेरे दोनो हाथों को जाकड़ रखा था और दूसरा हाथ नीचे लेजा कर मेरी पैंटी में घुसा दिया था और अपने हाथ की 2 उंगलियाँ मेरी योनि में डाल दी थी. वो तेज़-2 अपनी उंगलियाँ अंदर बाहर कर रहा था मेरी आँखें भी अब मस्ती में बंद होने लगी थी और कुछ ही सेकेंड्स में मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया. अब तुषार की पकड़ मुझपर थोड़ी ढीली हो गई थी और इसी का फ़ायदा उठाते हुए मैने अपनी पाजामी को हाथों में पकड़ा और तुषार को दूर धकेलते हुए मैं सीडीयों की तरफ भागने लगी. जैसे ही मैं सीडीयों के पास पहुँची तो मैं किसी के साथ टकरा गई. मैने ध्यान से देखा तो सामने आकाश खड़ा था. आकाश के साथ टकराने की वजह से मेरे हाथों से पाजामी छूट चुकी थी और वो फिरसे सरक कर मेरी जांघों में अटक गई थी. मैने देखा आकाश की नज़र मेरी गोरी जांघों पे अटकी हुई थी. मैने झट से अपनी पाजामी को फिरसे उपर खींच लिया और हड़बड़ाते हुए आकाश को कहा.
मे-देखा आकाश तुषार मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा है.

आकाश-साले तुषार तेरी इतनी हिम्मत तू रीत साथ ज़बरदस्ती कर रहा है(आकाश ने मुझे गोद में उठा लिया) अबे भोसड़ी के इसके साथ ज़बरदस्ती की क्या ज़रूरत है ये तो आराम से मान जाती है देने के लिए.

मेरी तो साँसें ही अटक गई थी उसकी बात सुनकर. अब वो दोनो हँसने लगे थे और आकाश ने मुझे नीचे उतार दिया था अब आकाश मेरे आगे खड़ा था और तुषार पीछे. मैं उन दोनो के बीच पिस रही थी अब तो मेरा बच पाना बहुत मुश्क़िल था. वैसे भी उन्दोनो ने शराब पी रखी थी जिसकी वजह से उनसे रहम की कोई उम्मीद नही थी. तुषार का लिंग मुझे अब अपने नितंबों पे महसूस हो रहा था. उसने मेरी पैंटी को भी पकड़ कर नीचे खींच दिया था और अब उसका लिंग मेरे नितंबों की दरार में घुसने लगा था. आकाश ने भी अपना लिंग बाहर निकाल लिया था और मेरी योनि के उपर उसे रगड़ने लगा था.

तुषार-आकाश यार बहुत मस्त चीज़ बन गई है अब तो साली.

आकाश-साले 3-3 लंड तो सैर कर चुके है इसकी चूत की मस्त तो बनेगी ही.

तुषार-पर साले तेरा लंड तो पीछे की सैर भी कर चुका है.

आकाश-अरे हां यार बहुत टाइट है इसकी गान्ड.

तुषार-भाई इसको मस्त आइटम बनाने में हमारे लन्डो ने पूरा योगदान दिया है.

आकाश-बिल्कुल देख कैसे साली की गान्ड बाहर को निकल दी मैने.

उनकी बातें सुनकर मेरी आँखों से आँसू बहने लगे थे. लेकिन अब आँसू बहने की जगह कुछ सोचने का टाइम था ताकि इन दोनो से बचा जा सके. उनदोनो ने शराब पी रखी थी इसलिए उन्हे जाल में फसाना मुश्क़िल नही था.
मैने नॉर्मल होते हुए कहा.
मे-आकाश एक बात बताऊ जितना मज़ा मुझे तुम दोनो के साथ आया उतना करण के साथ नही आया.

आकाश-अरे डार्लिंग वो ठहरा शहर का लौंडा उस से क्या होगा.

मे-अच्छा अब छोड़ो मुझे तुम्हारा लिंग मूह में लेने का मन हो रहा था.

उन दोनो के चेहरे चमक उठे. मैं घुटनो के बल बैठ गई और उन्दोनो ने अपने लिंग मेरे हाथों में पकड़ा दिए. मेरे पास अच्छा मौका था और मैने झट से उन दोनो की गोलियाँ पकड़ ली और ज़ोर से भींच दिया वो दोनो दर्द से तड़प उठे. मैं उठी और फिरसे भागने लगी लेकिन जिस शक्श को मैने सामने देखा उसको देखते ही मेरे दिल की धड़कने बढ़ गई.

जिस शक्श को मैने सामने देखा उसको देखते ही मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गई क्योंकि वो कोई और नही करण था.
मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था कि अब मैं क्या बोलूं और क्या ना बोलू फिर भी मैने हिम्मत जुटाकर रोते हुए कहा.
मे-करण ये दोनो मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे थे.

तुषार-साली झूठ मत बोल नीचे से हमें इशारा कर के बुला कर लाई है तू अब अपने आशिक़ के सामने शरीफ बन रही है.

आकाश-बिल्कुल करण बहुत चालबाज़ आइटम है ये जहाँ लंड देखा वही पानी छोड़ देती है इसकी चूत.

मुझे उन्दोनो की बात सुनकर बहुत गुस्सा आ रहा था अब मेरे पास आज ही मौका था करण के सामने खुद को निर्दोष साबित करने का क्योंकि अगर आज करण की नज़रों में मैं गिर गई तो फिर दुबारा उसके दिल में खुद के लिए प्यार जगाना मुश्क़िल था. मैं तेज़ी के साथ आकाश और तुषार की तरफ बढ़ी और आकाश की गाल पे एक जोरदार तमाचा मार दिया.

मे-शरम नही आती तुम्हे ये सब कहते हुए. तुम्हे मैं अपना अच्छा दोस्त मानती थी और तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ वो सब दोस्ती के नाम पर हुआ मगर तुमने आख़िरकार अपना रंग दिखा ही दिया. तुम्हारा असली चेहरा तो मुझे उस दिन कॉलेज में ही पता चल गया था जब रूम में मेरे साथ तुमने ज़बरदस्ती करनी चाही और आज की हरकत के बाद तो शक की कोई गुंज़ाईश ही नही बची. तुषार के बारे में मुझे पहले ही सब कुछ पता था कि वो कैसा है उसकी कही बातों का मुझे कोई अफ़सोस नही है मगर तुमसे ये उम्मीद नही थी.

मैं करण की तरफ घूमी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा.
मे-करण मुझे तुम्हे कोई सफाई पेश नही करनी है मैने अपने प्यार की शुरुआत के पहले दिन ही तुम्हे सब कुछ सच-2 बता दिया था और आज भी तुम्हे बता चुकी हूँ. अगर मेरा प्यार थोड़ा सा भी सच्चा होगा तो मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी बात का विश्वास करोगे.

मैं वहाँ से जाने के लिए मूडी तो तुषार ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा.
तुषार-साली नाटक बहुत करती है तू अब देख तेरे आशिक़ के सामने ही चोदुन्गा तुझे वो भी नंगी करके.

तुषार ने मेरा कमीज़ पकड़ा और उसे उपर उठा दिया और मेरे उरोजो को ब्रा के उपर से मसल्ने लगा.
मैं उसकी गिरफ़्त से छूटने के लिए ज़ोर लगाने लगी. मेरे और तुषार के बीच ज़ोर-आज़माइश चल रही थी कि मुझे करण की आवाज़ सुनाई दी.
कारण-अबे ओह साले छोड़ रीत को.

तुषार के उपर उसकी बात का कोई असर नही हुआ.

करण दुबारा कुछ बोलता उस से पहले ही मैं तुषार की गिरफ़्त से छूट गई और तुषार मुझसे काफ़ी दूर दीवार के पास जाकर गिरा. मैने देखा कारण तो अपनी जगह पे ही खड़ा था तो तुषार को किसने मारा. असल में तुषार को आकाश ने खीच कर मुझसे अलग किया था और फिर उसके पेट में एक जोरदार लात मारकर उसे दीवार के पास पटक दिया था. तुषार दीवार के पास पेट पकड़ कर दर्द से कराह रहा था. आकाश मेरे पास आया और घुटनो के बल बैठ कर दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला.
आकाश-रीत हो सके तो मुझे माफ़ कर देना. वैसे तो मैं माफी के लायक नही हूँ लेकिन फिर भी दोस्ती के नाते हो सके तो मुझे माफ़ कर देना.

फिर वो उठा और छत के उपर से होता हुआ अपने घर की छत पे चला गया और नीचे उतर गया. मैने करण की तरफ देखा तो उसके चेहरे पे हल्की सी मुस्कुराहट थी. उसने अपनी बाहें खोल दी ताकि मैं उनमे समा सकूँ और मैं भी भागती हुई उसके सीने से जा लिपटी और ज़ोर-2 से रोने लगी. करण ने मेरा चेहरा पकड़ कर उपर उठाया और मेरे होंठों पे किस करते हुए कहा.
Reply
07-03-2018, 12:19 PM,
#50
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भाभी ने करण का और मेरा हाथ पकड़ा और खीचते हुए कहा.
करू-चुप चाप चलो तुम दोनो.
भाभी ने हमे अपने रूम में बिठाया और फिर मम्मी पापा और भैया को वही बुला लिया और करण के दिल की जो बात थी वो उनको बता दी.

भाभी की बात सुनकर वो खुश तो हुए मगर साथ साथ थोड़े परेशान भी और पापा ने कहा.
पापा-करण बेटा हमे खुशी है कि आपने ऐसा सोचा मगर बेटा इतनी जल्दी सब तियारियाँ कैसी होंगी.

करण-पापा तैयारियाँ तो हो ही चुकी है गुलनाज़ की शादी के साथ ही तो होगी हमारी शादी.

पापा-मगर बेटा रिश्तेदारों को भी तो बुलाना ही पड़ेगा.

करण-गुलनाज़ दीदी की शादी है तो आपके रिलेटिव्स तो आ ही रहे है रही बात हमारे रिलेटिव्स की तो उसकी फिकर आप मत करो.

मम्मी-मगर बेटा आपके मम्मी पापा.

कारण-मम्मी वो रेडी है आप उनकी फिकर मत करो.

पापा-ओके तो एक दफ़ा रीत से पूछ लेते है हम.

करण-जी ज़रूर.

पापा-रीत बेटा क्या मंज़ूर है आपको.

मैने शरमाते हुए कहा.
मे-जी पापा.

भैया मेरे सर पे हाथ मारते हुए बोले.
हॅरी-देखो-2 कितनी जल्दी है मेडम को शादी की.

भैया की बात सुनकर सभी हँसने लगे. फिर मम्मी ने मुझे कस कर सीने से लगाया और कहा.
मम्मी-बेटा हम बहुत खुश है आप दोनो के फ़ैसले से.

पापा-ओके तो बेटा जैसा तुम चाहो वैसा ही ठीक रहेगा.

करण-थॅंक यू पापा अब मैं चलता हूँ बहुत काम करना बाकी है अब तो.

पापा-ओके बेटा. रीत बेटा जाओ करण को छोड़ कर आओ.

मैं करण के साथ बाहर को चल पड़ी और उसकी गाड़ी के पास जाकर मैने उसे हग किया और कहा.
मे-ओके काजू कल मिलती हूँ शादी के मंडप में.

मैं वापिस मुड़ने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खीचा और सीने से लगाते हुए कहा.
करण-कल तक तो सबर नही होगा डार्लिंग एक किस तो देदो.

मे-नो अब तो कल ही मिलेगा सब कुछ.

करण-सब कुछ मतलब.

मे-सब कुछ मतलब सब कुछ.

करण-मतलब पीछे का भी.

मैने मुस्कुराते हुए कहा.
मे-हां बाबा सब कुछ.

फिर करण ने मेरे नितंबों को ज़ोर से मसल दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा. मैने बड़ी मुश्क़िल से उसे दूर किया और धक्का देकर गाड़ी में बिठा दिया और ज़ोर से गाड़ी की डोर बंद कर दिया. करण ने गाड़ी स्टार्ट की और शीशा नीचे करते हुए कहा.
करण-रीत मेरी बात तो सुनो.

मे-क्या है.

वो शीशे से बाहर की और गर्दन निकाल कर बात कर रहा था.
कारण-नज़दीक तो आओ.

मैं थोड़ा आगे हो गई.

करण-और नज़दीक.

मैने अपने घुटनो पे हाथ रखकर झुकते हुए कहा.
मे-अब बताओ भी.
अब हम दोनो का चेहरा बिल्कुल नज़दीक था.

करण-एक किस करो.
मैने उसकी गाल पे किस की और कहा.
मे-लो.

करण-यहाँ नही.

मैने दूसरी गाल पे भी किस की.

करण-यहाँ नही डार्लिंग.

मे-तो कहाँ.
करण-तुम्हे पता तो है.

मैने अपने हाथों में उसका चेहरा पकड़ा और अपने होंठ धीरे से उसके होंठों पे रख दिए और हम दोनो प्यार के रस से भरे इस चुंबन में खो गये.

मुझे तब होश आया जब किसी ने पीछे से मेरी पीठ पे हाथ लगाया. मैं झट से सीधी हुई और घूम कर देखा तो पीछे महक थी.

महक-जीजू थोड़ा सबर कर्लो कल कर लेना जो करना है.

करण-अरे नही महक मैं तो बस.

महक-ओह हो हो इतने भी शरीफ मत बनो मेरे जीजू....

मे-करण अब जाओ भी.

करण-अच्छा बाबा. बाइ.

मे-बाइ.

उसके जाने के बाद मेने महक को पूछा.
मे-तुझे किसने बताया हमारी शादी के बारे में.
महक-मेडम उधर अनाउसमेंट हो चुकी है आपकी शादी की चलो जल्दी.....
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,516,623 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,084 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,601 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,383 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,500 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,663 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,964,002 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,097,312 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,048,629 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,361 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)