Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 12:10 PM,
#31
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
हमारे होंठ एक दफ़ा जुड़े तो अलग होने का नाम ही नही लिया. ना तो करण मेरे होंठ छोड़ रहा था और नही मैं करण के होंठ छोड़ रही थी. आज मुझे जितना मज़ा आ रहा था पहले कभी नही आया था. शायद आज हमारे चुंबन में हमारे प्यार का रस घुला हुआ था. हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए बेड के उपर लेट गये थे. करण अब घूम कर मेरे उपर आ गया था और मेरे चेहरे को थाम कर मेरे होंठों का रस चूस रहा था. करण ने अपने होंठ मेरे होंठों से हटाए और मेरी आँखों में देखने लगा. मैने अपनी आँखें शरम से दूसरी और कर ली. वो मेरी गुलाबी गालों को चूमता हुआ कहने लगा.
कारण-तुम बहुत सुंदर हो रीत. मैं बहुत खुश हूँ तुम्हारे जैसी गिर्ल्फ्रेंड पाकर.


जैसे ही उसने दुबारा अपने होंठ मेरे होंठों पे टिकाने चाहे तो मैने उसे मुस्कुराते हुए अपने उपर से एक साइड को फेंक दिया और जल्दी से उठ कर खड़ी हो कर भागने लगी तो करण ने भी उठते हुए मेरा हाथ पकड़ा और वापिस मुझे अपनी तरफ खींचा. खीचने की वजह से मैं वापिस करण की तरफ आई और सीधा आकर उसकी गोद में बैठ गयी. अब करण बेड के नीचे टाँगें लटकाकर बैठा था और मैं एक साइड से उसकी गोद में बैठी थी. उसकी जांघों के उपर मेरे नितंब थे और उसका लिंग मुझे अपने लेफ्ट नितंब की साइड पे महसूस हो रहा था. वो अपनी गरम साँसें मेरी गर्दन पे छोड़ता हुआ बोला.
करण-तो हमारी जान सुंदर तो है ही और साथ ही साथ शैतान भी है.

मैने मुस्कुराते हुए अपनी बाहें उसके गले में डालते हुए कहा.

मे-शैतान हम नही आप हो जनाब. अकेली जवान लड़की देखकर शुरू हो गये आप.

करण-अरे भाई वो अकेली जवान लड़की कोई और नही हमारी होने वाली बीवी है.

जैसे ही मैने बीवी शब्द उसके मूह से सुना तो सचमुच मुझे बहुत खुशी हुई और अपनी खुशी कंट्रोल ना करते हुए मैने खुद ही अपने होंठ करण के होंठों के हवाले कर दिए. करण के हाथ अब मेरी जांघों पे घूमने लगे. मैने अपनी जांघों को भींच रखा था. मेरी योनि ने मेरी पैंटी को गीला करना शुरू कर दिया था. करण का हाथ अब मेरी योनि की तरफ बढ़ रहा था. जैसे-2 उसका हाथ नज़दीक आ रहा था मेरी धड़कने बढ़ती जा रही थी. अब उसका हाथ धीरे-2 मेरी योनि को पाजामी के उपर से मसल्ने लगा था. वो मेरी योनि मसल रहा था और उसका असर मेरे होंठों में हो रहा था. क्योंकि मैं उत्तेजित होकर गरम्जोशी से अपने होंठ उसके होंठों से चुस्वा रही थी. अब करण के हाथ मेरी पाजामी के नाडे के उपर पहुँच चुके थे. मैने उसके हाथों को थाम कर कहा.
मे-देखो अब कॉन कर रहा है शैतानी.

करण ने मेरे हाथ पकड़ कर अपने गले में डाले और कहा.
करण-जान शैतानी आज नही तो कल होनी तो है ही तो क्यूँ ना शुभ काम आज ही किया जाए. मौका भी अच्छा है और माहौल भी.

फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए और अपने हाथ नीचे लेजा कर मेरा नाडा खोल दिया. अब मैं भी अपने हाथ विरोध में नीचे नही ले जा पाई. भले ही मैं पहले भी आकाश और तुषार के साथ ये खेल खेल चुकी थी मगर फिर भी करण के साथ मुझे बहुत शरम आ रही थी. करण का हाथ जैसे ही मेरी पाजामी और पैंटी में घुस कर मेरी योनि के उपर लगा तो मेरा पूरा शरीर काँप उठा और मैं झटके के साथ उठ कर करण की गोद में से खड़ी हो गई और अपनी पाजामी को पकड़ कर भाग कर उस से दूर हो गई और उसे उंगूठा दिखाकर छिडाने लगी. करण भागता हुआ मेरे पास आया मैं भी तेज़ी से पीछे हटी मगर ज़्यादा पीछे नही हट पाई और दीवार के साथ जाकर सट कर खड़ी हो गयी. मैने अपनी पाजामी को हाथ में ही पकड़ रखा था. करण मेरे पास आया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठ फिरसे अपने होंठों में क़ैद कर लिए. उसके हाथ मेरी पीठ के उपर से नीचे जाने लगे और मेरे नितंबों के उपर जाकर रुक गये. उसने अपने हाथ थोड़े उपर किए और फिर उन्हे मेरी पाजामी और पैंटी के अंदर कर दिया. अब उसके हाथ मेरे नंगे नितंबों के उपर थे और वो मेरे नंगे नितंबों को ज़ोर-2 से मसल्ने लगा. मैं अपनी पाजामी का नाडा बांधना चाहती थी मगर जब तक उसके हाथ मेरे नितंबों के उपर थे तब तक मैं लाचार थी. वो ज़ोर-2 से मेरे नितंब मसल रहा था. मैं पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी और मेरा बदन अब विरोध की स्थिति में नही रहा था. मेरी योनि अब और उतेजना बर्दाश्त नही कर पाई और मेरी योनि ने अपना कामरस छोड़ दिया. बहुत ही शानदार ओर्गसम आया था मुझे. पहली दफ़ा इतना आनद मुझे महसूस हुआ था. करण अब मेरी आँखों में देखता जा रहा था और उसके हाथ मेरे नितंबों को मसल रहे थे. मुझे उसकी नज़रों का सामना करने में शरम आ रही थी और मैं उसकी बाहों में ही घूम गयी थी अब मेरी पीठ करण की तरफ थी. करण के हाथ फिरसे मेरी पाजामी में घुसते हुए मेरे नितंब मसल्ने लगे थे. कुछ देर नितंब मसल्ने के बाद करण ने अपने हाथ बाहर निकाले और मेरे दोनो हाथ जो कि मेरी पाजामी को थामे हुए थे उन्हे पकड़ लिया और मेरे हाथों से मेरी पाजामी को छुड़ाने लगे. मैने अपना चेहरा घूमाते हुए कहा.
मे-प्लीज़ करण रहने दो ना.
करण-जानू एक दफ़ा सारे कपड़े उतार दो बस उसके बाद कुछ नही करूँगा.
मे-मैं नही उतारने वाली.
करण-मैं खुद उतार दूँगा.
और अब वो मेरे हाथ मेरी पाजामी के उपर से हटाने में कामयाब हो गया.
Reply
07-03-2018, 12:10 PM,
#32
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मेरी पाजामी सरकती हुई मेरी जांघों तक चली गयी थी. करण ने मेरी कमीज़ को भी पकड़ा और उपर उठाने लगा. मैने उसका विरोध किया तो उसने कहा.
करण-प्लीज़ रीत तुम्हे हमारे प्यार की कसम. मुझे एक दफ़ा तुम्हारे नगन शरीर के दर्शन करने है.

अब कम्बख़्त ने कसम ही ऐसी दी थी कि मैं चाह कर भी कुछ नही कर पाई और उसने मेरा कमीज़ मेरे जिस्म से अलग कर दिया. वो घुटनो के बल मेरे पीछे बैठ गया और मेरी पाजामी को नीचे करने लगा और उसने खीचते हुए मेरी पाजामी को मेरे पैरों में पहुँचा दिया. मैं अपने आँखें बंद करके दीवार की तरफ चेहरा किए खड़ी थी. करण के हाथों ने मेरी पैंटी को पकड़ा और उसे भी मेरी पाजामी के पास पहुँचा दिया. अब वो अपने हाथों से मेरे नितंबों को मसल्ने लगा और मुझे उसके होंठ अपने नितंबों के उपर महसूस हुए. वो मेरे नितंबों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा. उसकी हरकतें मुझे बहाल कर रही थी. मैं खड़ी-2 अपनी टाँगें हिला रही थी और आहें भर रही थी. फिर करण खड़ा हुआ और उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और अपने हाथ आगे किए और ब्रा के अंदर हाथ घुसाते हुए मेरे उरोजो को थाम लिया और उन्हे ज़ोर-2 से मसल्ने लगा. उसके होंठ मेरी पीठ के उपर घूम रहे थे. अब उसने अपना एक हाथ नीचे किया और मेरी योनि के पास लेजा कर अपनी एक उंगली मेरी योनि में घुसा दी. उसकी उंगली आसानी से अंदर बाहर होने लगी. फिर उसने अपनी दूसरी उंगली भी अंदर घुसा दी और तेज़-2 उन्हे अंदर बाहर करने लगा. पूरा रूम हमारी सिसकियों से गूंज़्ने लगा. आख़िर उसकी उंगलियों के आगे मेरी योनि हार गयी और मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया. अब करण ने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और मुझे बेड के उपर लिटा ते हुए कहा.

कारण-जान इसी बेड के उपर शादी के बाद हम दोनो सुहागरात मनाएगे. क्यूँ ना आज थोड़ी प्रॅक्टीस हो जाए.

मैं जवाब में बस मुस्कुराती रही और मेरे देखते ही देखते करण ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैने देखा उसका लिंग तुषार के लिंग जितना लंबा था लेकिन करण का लिंग उसके चेहरे की तरह एकदम गोरा था. करण बेड के उपर आया और मेरी टाँगों को पकड़ कर मेरी पाजामी और पैंटी को बाहर निकाल दिया. अब वो मेरी टाँगों के बीच आया और अपना लिंग मेरी योनि के मुख पे टिका दिया और एक हल्का सा धक्का मारा तो उसका आधा लिंग अंदर घुस गया. उसने एक और धक्का दिया और पूरा लिंग मेरी योनि में घुस गया. करण ने थोड़ा गंभीर होकर मेरी तरफ देखा लेकिन फिर हल्के-से धक्के देने लगा. उसका लिंग मेरी योनि में अंदर बाहर होने लगा. उसके होंठ मेरे उरोजो के उपर थे और मेरी टाँगें उसकी कमर से लिपटी हुई थी. करण के धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे. फिर करण ने अपना लिंग बाहर निकाला और मुझे घुटनो के बल झुका दिया. वो पीछे आया और अपना लिंग मेरी योनि में पेल दिया. मेरे मूह से हल्की-2 आहें निकलने लगी. करण के साथ मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं उसका भरपूर साथ दे रही थी. वो मेरी कमर को थामे तेज़-2 मुझे चोद रहा था. अब वो शायद ज़्यादा देर तक टिकने वाला नही था उसने मेरी कमर मज़बूती से थाम ली थी और पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. अचानक उसके मूह से आह निकली और उसका शरीर झटके खाने लगा और उसके लिंग ने अपना कामरस मेरी योनि में छोड़ दिया. वो निढाल होकर मेरे साथ लेट गया और मैं भी उसकी छाती के उपर सर रख कर लेट गयी. वो मेरे बालों में हाथ फेरता हुआ बोला. 

करण-रीत सच में तुम बहुत कमाल की चीज़ हो. आइ लव यू जानू.
मे-लव यू 2 करण. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ करण. प्लीज़ कभी मुझे छोड़कर मत जाना.
करण-कैसी बातें कर रही हो रीत. मैं कभी तुम्हे छोड़कर नही जाउन्गा.
मे-वादा करो मुझसे कि कभी मुझे धोखा नही दोगे. मैं मर जाउन्गी तुम्हारे बिना करण. मर जाउन्गी मैं.
पता नही मुझे क्या हो गया था मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे और पता नही मैं क्या बोलती जा रही थी.
करण ने मेरे आँसू सॉफ किए और मेरा माथा चूमते हुए कहा.
करण-मेरी जान मुझे रोती हुई अच्छी नही लगती समझी तुम और रही बात तुम्हे छोड़ कर जाने की तो ऐसा दिन कभी नही आएगा. अब रोना बंद करो.
मैं करण से लिपट गयी और हम दोनो आँखें बंद कर के एकदुसरे से लिपट कर बेड के उपर लेट गये. लेकिन आँखें बंद करने से पहले मैने जो तस्वीर दीवार के उपर देखी उसे देखकर मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा.
मैने अपनी आँखें फिरसे खोली और दुबारा उस फोटो को देखने लगी. फोटो को देखते ही मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी.
मैं और करण बिल्कुल नंगे बेड के उपर लेटे थे. करण बेड पे सीधा पीठ के बल लेटा हुआ था और मैं उसके साथ उसकी तरफ करवट लेकर उसके सीने पे अपना सर टिकाए लेटी हुई थी. तस्वीर को देखते ही मैं एकदम से उठ कर बैठ गयी. मुझे परेशान देखकर करण ने कहा.
करण-क्या हुया जान.
मे-क.क.कुछ नही.
करण-तो मेडम आप उस तस्वीर को इतना क्यूँ घूर रही हो.
मे-न.न.नही म.मैं तो ऐसे ही वैसे किसकी तस्वीर है ये.
कारण-ये है मेरा छोटा भाई.
मे-क्य्ाआआ?????
कारण-अरे तुम तो ऐसे घबरा गयी हो जैसे मेरा भाई नही भूत हो.
मे-नो नो मेरा मतलब ऐसा नही था. क्या करता है आपका भाई.
करण-फिलहाल तो स्कूल में स्टडी कर रहा है लेकिन तुम इतना हैरान क्यूँ हो रही हो इसे देखकर.
मे-नही ऐसी बात नही है. मुझे लगता है मैने इसे देखा है कही.
करण-ज़रूर देखा होगा सारा दिन आवारा घूमता रहता है ये बदमाश.
मे-ह्म्म्म्म .
करण-अब बातें बंद करो और मेरे पास आओ जानू.
करण ने मुझे फिरसे अपने उपर खींच लिया. मैं उसकी तरफ खीची चली गयी और करण ने मेरे होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लिया. करण ने मुझे खीचते हुए अपने उपर चढ़ा लिया. अब मैं करण के उपर थी. करण ने मेरा सारा भार अपने शरीर के उपर उठाया हुया था. मैं और वो प्यार से भरे इस चुंबन में खोती ही जा रहे थे. ना तो करण मेरे होंठ छोड़ कर मुझे आज़ाद करने के मूड में था और ना ही मैं अपने होंठ उसके होंठों से वापिस खींच कर आज़ाद होना चाहती थी. आख़िरकार मेरे मोबाइल की रिंग ने हमारे चुंबन का अंत किया. मैने अपने होंठ करण के होंठों से हटाकर कॉल रिसीव करना चाहती थी मगर करण था कि मेरे होंठों को छोड़ ही नही रहा था. काफ़ी मशक्कत के बाद मैं अपने होंठ उसके होंठों से आज़ाद कराने में सफल हो ही गयी. मैने करण के उपर लेटे ही अपना मोबाइल उठाया तो देखा उसकी स्क्रीन पे महक का नेम फ्लश हो रहा था.
मैने कॉल पिक की और कहा.
मे-हां मिक्कुर.
महक-कहाँ पे हो तुम.
मे-मिक्कुे मैं और करण बाहर आए थे घूमने.
महक-ओह तो बात यहाँ तक पहुँच चुकी है.
मे-ओये मिक्कुय तू चुप कर समझी.
महक-अच्छा अच्छा बाबा कहाँ पे हो अभी.
मे-ह्म्म्मच बस आ ही रहे हैं.
महक-ओके मैं और आकाश कॉलेज में है जल्दी आओ.
मे-ओके डियर हम अभी पहुँचे.
मैने मोबाइल साइड पे रखा और करण को कहा.
मे-स्वीटू चले अब मिक्कुो और आकाश वेट कर रहे हैं.
करण-उम्म्म तुम्हे छोड़ने का दिल नही कर रहा.
मे-ओये काजू इतना प्यार भी मत करो कि मैं तुम्हारे बिना रह भी ना पाऊ.
करण-प्यार तो खुद ही हो जाता है जान.
मे-चलो अब उठो जल्दी.
मैं उसके सीने के उपर से उतर गयी और अपने कपड़े ढूँढने लगी. मैने बेड से उतर कर अपने कपड़े उठाए और वॉशरूम में घुस गयी. मैने फ्रेश होकर अपने कपड़े पहने और वॉशरूम से बाहर आई तब तक करण भी अपने कपड़े पहन चुका था. मैं उसके पास गयी तो उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों पे एक प्यारी किस की मैने भी जवाब में उसका साथ दिया. फिर हम दोनो उसके घर से निकले और करण ने अपनी बाइक स्टार्ट की और मैं उसकी बाइक पे बैठ गयी. हम दोनो तेज़ी से कॉलेज की तरफ बढ़ने लगे. पूरे रास्ते कारण कुछ ना कुछ बोलता रहा और मैं हां हूँ करते हुए उसे जवाब देती रही. मुझे उसकी बातों में बिल्कुल इंटेरेस्ट नही था बल्कि मैने जब से करण के भाई की फोटो देखी थी तब से मैं परेशान थी. उसी परेशानी के बीच हम दोनो कॉलेज पहुँचे और फिर कॉलेज की पार्किंग से मैने अपनी स्कूटी उठाई और मैं और महक घर की तरफ चल पड़ी. पूरे रास्ते महक मुझे छेड़ती रही मगर मैने उसे कुछ नही बताया और उसकी बातों को सुन कर मुस्कुराती रही. फिर मैने अपने घर के पास वाले बस स्टॅंड पे जाकर महक को उतारा यहाँ से आगे महक ऑटो से जाती थी. मैं और महक ऑटो का वेट करने लगी. तभी ऑटो आया और महक मुझे बाइ बोल कर ऑटो में बैठ गयी और मैं अपने घर की तरफ बढ़ गयी. अब मेरे दिमाग़ में फिरसे वोही फोटो वाली बात घूमने लगी. मेरी परेशानी मेरे चेहरे पे सॉफ झलक रही थी. मैं अंदर गयी तो देखा भाभी टीवी देख रही थी. भाभी ने मुस्कुराहट के साथ मेरा स्वागत किया. मैं भी हल्का सा मुस्कुराते हुए अपने रूम में घुस गयी. मैं कपड़े चेंज करके बेड के उपर बैठ गयी और फिर उसी बात को सोचने लगी. तभी भाभी खाने की प्लेट के साथ मेरे रूम में आई और बोली.
करू-ये लो मेरी स्वीट रीतू के लिए गर्म-2 खाना.
मैने मुस्कुराते हुए प्लेट अपने हाथ में ली और उसे बेड पे रख दिया. भाभी ने शायद मेरी परेशानी पढ़ ली थी.
भाभी ने मेरा चेहरा पकड़ कर उपर उठाया और कहा.
करू-कोई परेशानी है क्या.
Reply
07-03-2018, 12:10 PM,
#33
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भाभी ने मेरा चेहरा अपने हाथों में पकड़ कर उपर उठाया और कहा.

करू-क्या हुआ कोई परेशानी है क्या.

मे-नही भाभी.

करू-तुम्हारा चेहरा बता रहा है कि तुम परेशान हो.

मे-नही भाभी मैं ठीक तो हूँ ऐसी कोई बात नही है. मैं जबरन थोडा मुस्कुरा कर कहा.

करू-अच्छा तो चल मेरे सर पर हाथ रख कर बोल कि कोई बात नही है.

मे-भाभी आप भी ना ये सर पर हाथ रखना ज़रूरी है क्या.

करू-देख रीतू बात को घुमा मत प्लीज़ मुझे बता बात क्या है. तेरा चेहरा जो हमेशा खिला हुआ रहता है आज मुरझाया हुआ है कुछ तो बात है.

मैं अब सोच रही थी कि भाभी अब जान कर ही रहेंगी सब कुछ मगर मैं उन्हे बताऊ कैसे.

भाभी ने मुझे हिलाते हुए कहा.
करू-देख रीतू मुझे अपना दोस्त मानती है ना तू.

मैने अपना सर हिलाते हुए हां कहा.

करू-तो बिना किसी डर के मुझे सॉफ-2 सारी बात बता.

अब मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा था पहले मेरी आँखों ने आँसू निकालने शुरू कर दिए और फिर मैं भाभी के गले लग कर फुट-2 कर रोने लगी. भाभी ने मुझे संभाला और कहा.

करू-अरे पगली बता तो सही बात क्या है. ऐसे बच्चों की तरह नही रोते बेटा.

मे-भाभी मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हुई है. मैने रोते हुए कहा.

करू-अरे तू रोना बंद कर कुछ नही हुआ है हमारी रीत कोई ग़लती नही कर सकती.

मे-नही भाभी मैने आप सब को धोखा दिया है.\

करू-अच्छा तू रोना बंद कर पहले.

मैं थोड़ा शांत हो गई तो भाभी ने कहा.

करू-चल पहले खाना खा फिर बात करते हैं.

मे-नही भाभी मुझे भूख नही है.

करू-अच्छा चल फिर बता मुझे आख़िर बात क्या है.

मे-भाभी मैं किसी से प्यार करने लगी हूँ.

करू-ओये पागल ये तो खुशी की बात है तू उल्टा रो रही है.

मे-नही भाभी मुझे लगता है कि मेरा प्यार ज़्यादा दिन तक ज़िंदा नही रहेगा.

करू-पगली ऐसे नही बोलते.

मे-भाभी आप सच्चाई नही जानते हो.

करू-ओके तू मुझे सॉफ-2 सारी बात बता.

मे-भाभी मैं आपको सब कुछ बताती हूँ पर प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना.

करू-पागल है तू बता मुझे क्या बात है.

फिर मैने बोलना शुरू किया और अपनी सारी कहानी भाभी के सामने रख दी कि कैसे मैने पहले तुषार के साथ और फिर आकाश के साथ सब कुछ किया और अब मुझे जब कारण से प्यार होने लगा तो मुझे वो तस्वीर दिखाई दी.
भाभी ने मेरी बात सुन ने के बाद एक जोरदार तमाचा मेरे गाल पे मारा. मुझे पता था कि भाभी मुझे ज़रूर मारेंगी क्योंकि वो मुझे प्यार करती हैं वो कभी नही चाहेंगी कि मैं ग़लत रास्ते पे जाउ.

मैने रोते हुए कहा.
मे-भाभी प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना.

करू-मैं सोच भी नही सकती थी कि रीत तू इतना गिर जाएगी.

मे-भाभी मैं आप सब की गुनहगार हूँ. पर प्लीज़ भाभी अब मैं करण को प्यार करने लगी हूँ और मैं उसे किसी भी कीमत पर खोना नही चाहती. अगर उसने मुझे छोड़ दिया तो मर जाउन्गी मैं भाभी मर जाउन्गी मैं.......और मैं रोने लगी.

भाभी अब थोड़ा शांत हो चुकी थी उन्होने मुझे अपने सीने से लगाकर चुप करते हुए कहा.
करू-जो हुआ सो हुआ अब प्लीज़ चुप कर तू.

मे-भाभी अब आप ही बताओ मैं क्या करूँ.

करू-अच्छा मुझे ये बता वो तस्वीर किसकी थी.

मे-भाभी वो रेहान है जो मेरे साथ बस में.....मैं आगे नही बोल पाई.

करू-रेहान, करण का भाई है और जब भी वो तुम्हे देखेगा तो ज़रूर करण को तुम्हारे बारे में बता देगा और फिर करण कोई बेवकूफ़ नही जो ऐसी लड़की से प्यार करे जो पता नही कितनो के साथ.....अच्छा ये बता क्या करण भी तुझसे प्यार करता है.

मे-हां भाभी मैने महसूस किया है उसका प्यार वो मुझे जी-जान से चाहता है.

करू-ओके तो एक ही सेल्यूशन है.

मे-वो क्या भाभी.

करू-तू करण को सब कुछ सच-2 बता दे.

मे-नही भाभी मैं ये नही कर सकती मैं करण को खोना नही चाहती.

करू-तो और क्या करेगी तू देख रीतू यही मौका है अभी प्यार की शुरुआत हुई है और अगर तुम्हारा प्यार सच्चा है तो मैं शर्त लगाकर कह सकती हूँ कि कारण तुम्हे ज़रूर अपना लेगा.

मे-मगर भाभी...

करू-अगर मगर कुछ नही देख बच्चे जो लोग झूठ का सहारा लेते हैं वो कभी कामयाब नही होते तू अगर झूठ बोलेगी तो कितना टाइम तुम्हारा झूठ चलेगा एक दिन उसे सब पता चल जाएगा और वो तुम्हारी तरफ से उसे दिया एक और धोखा कहलाएगा. अगर तू सच बोलेगी तो जाहिर हो जाएगा कि तू सचमुच उसे प्यार करती है. देख तू मेरी बात मानकर उसे सब सच-2 बता दे आगे जो होगा देखा जाएगा.

मुझे भी भाभी की बात सही लग रही थी.

करू भाभी ने उठाते हुए कहा.
करू-अच्छा स्वीतू अच्छे से मेरी कही बात को सोच लेना ठीक है और सॉरी मैने तुम्हारे उपर हाथ उठाया.

मे-भाभी कैसी बात कर रही हो आप. आपका पूरा हक है मेरे उपर हाथ उठाने का और आपने वो हाथ मेरे भले के लिए ही तो उठाया था.

फिर भाभी मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और मेरी गाल पे किस करते हुए कहा.

करू-मैं गॉड से प्रे करूँगी कि तुम्हे तुम्हारा प्यार मिल जाए.

मैने भी मुस्कुरा कर कहा.
मे-थॅंक यू भाभी आप बहुत अच्छी हो.

करू-अच्छा चल मक्खन लगाना छोड़ और ये खाना खा ले.

मे-नही भाभी मुझे नही खाना.

करू-मैने कहा ना खाना खाले. भाभी ने आँखें निकलते हुए कहा.

मे-ओके भाभी.

करू-यस गुड बेबी.
और फिर भाभी मेरे रूम से बाहर चली गयी और मैं उनकी कही बातों को ध्यान से सोचने लगी.
Reply
07-03-2018, 12:11 PM,
#34
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैने उस रात भाभी की कही बातों को खूब सोचा और आख़िर कार मुझे भाभी की बात ही सही लगने लगी. वैसे भी सिर्फ़ यही एक रास्ता दिखाई दे रहा था मुझे. मैने पूरी रात सोचते-2 गुज़ार दी बस सुबह 4 बजे जाकर मेरी आँख लगी और फिर सुबह भाभी ने मुझे हिलाते हुए उठाया.
करू-गुड मॉर्निंग स्वीतू उठो जल्दी.

मैने आँखें मलते हुए कहा.
मे-गुड मॉर्निंग भाभी.

करू-ये चाइ रखी है पी लेना.

मे-ओके भाभी.

भाभी के जाने के बाद मैं उठ कर वॉशरूम में घुस गयी और फ्रेश होकर बाहर निकली. मैने चाइ पी और रेडी हो गई फिर खाना खाया और मिक्‍कु का वेट करने लगी. भाभी ने मुझे बेस्ट ऑफ लक कहते हुए कहा कि आज ज़रूर करण को सच्चाई बता देना. मैने भी सोच लिया था कि आज ज़रूर करण को सब कुछ बता दूँगी.

मिक्‍कु आई और हम दोनो स्कूटी पे निकल पड़े. कॉलेज पहुँच कर हमने पहला लेक्चर. अटेंड किया और फिर मैं और महक कॅंटीन में आकर बैठ गयी. महक ने मुझे छेड़ते हुए कहा.
महक-आख़िरकार करण को जीजू बना ही दिया मेरा.

मे-चल हट तू कुछ भी बोलती है यार.

महक-देख रीतू मुझसे कुछ मत छुपा सॉफ-2 बता कल क्या बात हुई.

मे-मिक्‍कु क्यूँ परेशान कर रही है.

महक-इसमे परेशानी की क्या बात है. बस मुझे इतना बता दो कि करण मेरा जीजू बन चुका है या नही.

उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगी और मुझे मुस्कुराते देख वो सब समझ गयी.
महक-देखो-2 कैसे शरमा रही है मेडम.

मे-हां मेरी माँ वो तेरा जीजू बन चुका है बस.

महक खुश होते हुए बोली.
महक-यस ये हुई ना बात मैं बहुत खुश हूँ.

मे-तू क्यूँ खुश है.

महक सीरीयस होती हुई बोली.
महक-रीतू मैं सचमुच बहुत खुश हूँ. करण बहुत अच्छा लड़का है और तेरे साथ उसकी जोड़ी पर्फेक्ट है.

मे-क्यूँ तुषार के साथ पर्फेक्ट नही थी.

महक-वो तो एक नंबर. का कमीना था शूकर कर तू बच गयी. मगर अब मैं खुश हूँ मेरी स्वीतू को एकदम सच्चा प्यार मिला है.

मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगी. तभी करण सामने से आता दिखाई दिया और वो हमारे पास आकर मेरे साथ वाली चेर पे बैठ गया.

महक उसके बैठते ही बोली.
महक-जीजू कैसी लगी मेरी स्वीतू.

करण उसकी बात सुनकर चौंक गया और बोला.
करण-क्या मतलब.

महक-मुझे बेवकूफ़ बनाना छोड़ो रीत ने मुझे सब कुछ बता दिया है.

करण-ओह गॉड ये लड़कियाँ कभी अपने अंदर बात छुपा कर नही रख सकती.

मे-ओये काजू ये मेरी बेस्ट फ़्रेंड है इस से मैं कुछ नही छुपाती समझे.

महक-जीजू आपने स्वीतू के बारे में तो बताया नही.

कारण-आपकी स्वीतू अपने नाम की तरह ही स्वीट है.

महक-अच्छा जी लगता है टेस्ट कर चुके हो.

मैने महक को मारते हुए कहा.
मे-चुप कर बदमाश.

महक-अच्छा तो चलो लेक्चर. शुरू होने वाला है.

मे-तू जा मेरा मन नही कर रहा.

महक-क्यूँ क्या हुआ.

मे-तू जा ना यार मुझे करण से कुछ बात करनी है.

महक-ओह्ह्ह्ह फिर तो मुझे जाना ही पड़ेगा.

और महक ने अपना बग उठाया और क्लास की तरफ चली गयी.

उसके जाते ही करण ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा. -हंजी मॅम बताइए क्या बात करनी है.

मे-यहाँ नही चलो पार्क में चलकर बैठते हैं.

और हम दोनो कॉलेज की पार्क में जाकर एक पेड़ के नीचे बैठ गये.

करण-लो जी अब हम पार्क में भी बैठ गये अब बताओ.

मे-वो करण मैं तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ.

करण-तो बताओ मेरी डार्लिंग.

मे-करण मैं अपने पास्ट के बारे में कुछ बताना चाहती हूँ.

करण ने मेरी जाँघ पे हाथ फेरते हुए कहा.-छोड़ो डार्लिंग पास्ट को अब तो हमे फ्यूचर प्लानिंग करनी है. 10 बच्चे तो मिनिमम पैदा करूँगा मैं.

मैने हंसते हुए उसकी छाती पे मुक्का मारते हुए कहा.
मे-प्लीज़ करण मज़ाक मत करो. मैं सीरियस्ली तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ और शायद वो तुम्हे पसंद भी ना आए. प्लीज़ ध्यान से मेरी बात सुनो.

करण-ऐसी कोन्सि बात है रीत.

मे-करण मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.

करण-अच्छा सिर्फ़ ये बात थी.

मे-नही करण ये बात नही है. मैने तुमसे मिलने से पहले बहुत ग़लतियाँ की है करण लेकिन अब मैं वो सब कुछ सुधारना चाहती हूँ.

करण-कैसी ग़लतियाँ रीत.

मे-करण तुमसे पहले भी मेरी लाइफ में 2 लड़के आ चुके है और मैने उनके साथ......

और फिर मैने पूरी बात उसे बता दी कि कैसे तुषार और आकाश ने मेरे साथ सब कुछ किया. ये बहुत मुश्क़िल था मगर पता नही मेरे अंदर कैसे हिम्मत आ गयी सब कुछ बोलने की. और आख़िर में मैने उसे कहा.
मे-करण अब मैं वो सब भुला कर तुम्हारे साथ नयी जिंदगी शुरू करना चाहती हूँ. प्लीज़ करण मुझे माफ़ कर देना और मुझे अपना लेना नही तो रीत जिंदा नही रह पाएगी. मैं कहते हुए रोने लगी.

करण मेरी बातें सुनकर बिल्कुल चुप सा हो गया था और एकटक मेरी ओर देख रहा था.

मैने उसकी आँखों में देखकर रोते हुए कहा. मे-प्लीज़ करण कुछ तो बोलो.

आख़िर कार करण ने अपना मूह खोला. उसने मेरा चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और अपना फेस मेरे नज़दीक लेकर आने लगा. उसने अपने होंठ मेरी गालों पे बह रहे आँसुओं पे रखे और उन्हे सॉफ करने लगा और फिर अपने चेहरा पीछे हटाते हुए कहा.
करण-मैने पहले भी कहा था कि मेरी डार्लिंग मुझे रोती हुई अच्छी नही लगती.

मे-करण क्या तुमने मुझे माफ़ कर दिया.

करण-देखो रीत यहाँ तक माफी की बात है..............
Reply
07-03-2018, 12:12 PM,
#35
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
करण-देखो रीत यहाँ तक माफी की बात है तो वो तुम्हे माँगने की ज़रूरत नही है क्योंकि माफी वो माँगता है जिसने किसी को धोखा दिया हो.
मे-मैने तुम्हे धोखा ही तो दिया है करण.
करण-नही रीत तुमने मुझे धोखा नही दिया. ग़लतियाँ इंसान से ही होती है और तुम भी एक इंसान हो तो जाहिर है तुम से भी ग़लतियाँ हुई लेकिन वो ग़लतियाँ मेरे साथ धोखा नही हैं. ग़लती करके उसे अपने चाहने वालो से छुपा लेना धोखा या बेवफ़ाई कहलाता है लेकिन ग़लती के बारे अपने चाहने वाले को सब कुछ सच-2 बता देना सच्चे प्यार का एक सबूत होता है और वो सबूत आज तुमने मुझे दिया है. वो तुम्हारा पास्ट था जो गुज़र गया और मुझे इस बात से कोई फरक नही पड़ता कि तुम्हारा पास्ट कैसा था लेकिन अब तुम मेरे साथ हो और मैं यही चाहूँगा कि प्रेज़ेंट में और फ्यूचर में तुम सिर्फ़ मुझे ही प्यार करो. जो हुआ उसे भूल जाओ बस वो सब आगे नही होना चाहिए.

मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे करण की बातें सुनकर मगर वो खुशी के आँसू थे. मैं आगे बढ़ कर करण की बाहों में सिमट गयी और कहने लगी.
मे-थॅंक यू सो मच करण मुझे तुमसे यही उम्मीद थी. आइ लव यू करण.

करण-आइ लव यू टू रीत. बस तुम मुझसे वादा करो कि आगे से तुम कोई ऐसी ग़लती नही करोगी.

मे-मैं वादा करती हूँ करण मैं दुबारा ऐसी ग़लती नही करूँगी. बस प्लीज़ तुम मुझे कभी छोड़ कर मत जाना.

करण-मैं कही नही जाने वाला और अब तुम रोना बंद करो.
कारण ने मुझे पीछे हटाया और मेरे आँसू पूछने लगा. मैं थोड़ा सरक कर उसके पास गयी और खुद ही मेरे होंठ करण के होंठों के पास जाने लगे और कुछ ही सेकेंड. में हमारे होंठ एक हो गये और मैं पूरे जोश के साथ करण के होंठ चूमने लगी और करण भी मेरा पूरा साथ देने लगा. हम दोनो पार्क में एक पेड़ के नीचे बैठे थे. कुछ और कपल्स भी वहाँ बैठे थे लेकिन वो सब काफ़ी दूर थे इसलिए हमारे उपर किसी का ध्यान नही था. हम दोनो एकदुसरे को चूमने में लगे थे मैं पूरे जोश के साथ करण का साथ दे रही थी शायद में चुंबन के ज़रिए अपना प्यार ज़ाहिर करना चाहती थी. करण ने अब मुझे खीच कर और नज़दीक कर लिया था. अब उसके हाथ मेरी कमर के उपर घूम रहे थे. अब मैने अपने होंठ उसके होंठों से हटाए और कहा.

मे-बस अब बहुत हुआ कोई देख लेगा.

करण-तो देख ले जिसे देखना है मैं अपनी होने वाली बीवी को प्यार कर रहा हूँ.
उसने फिर से मुझे खीच कर अपने होंठ मेरे होंठों के उपर रख दिए.
मैने फिरसे करण को अपने से दूर करते हुए कहा.
मे-काजू छोड़ो ना मुझे एक कॉल करनी है.

करण पेड़ के साथ पीठ लगाकर बैठा था उसने अपनी टाँगें फैलाई और मुझे खीच कर अपनी टाँगों के बीच बैठा दिया. अब मैं करण की दोनो टाँगों के बीच उसकी तरफ पीठ किए बैठी थी. करण के हाथ मेरे पेट पे बँधे हुए थे. मैने अपना मोबाइल निकाला और करू भाभी का नंबर. डाइयल किया. उधर से भाभी की आवाज़ आई.
करू-हां रीतू बोल.
मे-आइ लव यू भाभी.
करू-ओये भाभी पे बड़ा प्यार आ रहा है आज.
मे-प्यार तो रोज़ ही आता है मगर आज कुछ ज़्यादा आ रहा है.
करू-ऐसी क्या ख़ास बात है.
मे-भाभी मैने करण को सब कुछ सच-2 बता दिया और पता है करण ने मुझे माफ़ भी कर दिया. मैं बहुत खुश हूँ भाभी. सब आपकी वजह से हुआ. यू आर ग्रेट भाभी. आइ लव यू.

करू-लव यू 2 स्वीतू. मैने कहा था ना कि सच का सहारा लोगि तो ज़रूर कामयाब हो जाओगी. अच्छा तू जल्दी घर आ मैं तेरे लिया 'रस मलाई' बनाकर रखूँगी.

मे-ओके भाभी. बाइ.

करू-बाइ स्वीतू.

मैने मोबाइल वापिस पर्स में रख दिया.
कारण-अरे नाउ डार्लिंग भाभी का क्या रोल है इसमे.

मे-मैं तुम्हे सच्चाई बता पाई हूँ तो सिर्फ़ भाभी की वजह से.

करण-अरे वाह फिर तो भाभी जी से मिलना पड़ेगा.

मे-क्यूँ नही ज़रूर मिल्वाउन्गी तुम्हे भाभी से.

करण-रीत पता नही तुमने क्या कर दिया है मुझे मैं बस तुम्हारे बिना रह ही नही पाता.

करण के हाथ मेरे पेट पे घूमने लगे.

मे-मैने कुछ नही किया उल्टा तुमने मेरे उपर जादू कर दिया है.

करण ने अपना चेहरा मेरे कान के पास किया और धीरे से कहा.
केरेन-नाउ मेरी गोद में बैठो ना.

मे-नो सब देख रहे हैं तुम्हे शरम नही आती बदमाश.

करण-तो देखने दो ना लोगो का तो काम है देखना.

मे-मैने नो कहा तो मतलब नो.

मैं करण की टाँगों के बीच घास पे घुटने मोड़ कर बैठी थी. करण के हाथ अब मेरी टाँगों के साइड से होते हुए मेरे नितंबों पे पहुँच चुके थे और वो पाजामी के उपर से ही मेरे नितंब मसल्ने लगा था.
मेने उसके हाथ वहाँ से हटाते हुए कहा.
मे-काजू प्लीज़ रहने दो ना यहाँ खुले आम ये सब कर रहे हो मुझे शरम आ रही है.

करण-तो चलो मेरे घर चलते है वहाँ आराम से पूरे कपड़े उतार कर करेंगे.

मे-नो बिल्कुल भी नही.

करण-व्हाई डार्लिंग.

मे-पागल कल ही तो किया था हमने.

करण-फिर क्या हुआ आज फिरसे कर लेंगे. वैसे भी जिसकी तुम्हारे जैसी पाताका गर्ल फ़्रेंड हो वो तो दिन रात तुम्हे बिना कपड़ो के ही रखेगा.

मे-उम्म्म करण जाओ मैं नही बात करती तुमसे.

करण-डार्लिंग ऐसा नाराज़ मत हुआ करो.

फिर कारण मेरे पीछे से उठता हुआ बोला.
करण-चलो लेक्चर. लगाते हैं.

मैं जैसे ही खड़ी हुई तो करण ने मुझे पकड़ कर पेड़ के साथ लगा दिया और मेरे होंठों की एक जबरदस्त किस लेते हुए कहा.
करण-अब चलो.

मैं मुस्कुराती हुई उसका हाथ पकड़ कर उसके साथ चल पड़ी.

करण ने मुझे अपना लिया था और इस बात से मैं बेहद खुश थी. मैं कॉलेज से घर आई तो देखा भाभी बैठी टीवी देख रही थी और भैया भी वहीं बैठे थे. जैसे ही मैने अंदर कदम रखा तो मेरे कानो में भाभी की आवाज़ सुनाई दी.
करू-तुम मुझसे बात मत करो.

शायद भाभी भैया को कह रही थी और उनका चेहरा भी उतरा हुआ था. मैं चल कर भाभी के पास गयी और उनके गले में बाहें डालते हुए उनके उपर गिर गयी और उन्हे भी एक साइड को सोफे के उपर गिरा दिया. भाभी मुझे अपने उपर से उतारती हुई बोली.
करू-ओये रीत चंडाल तू आराम से आकर नही बैठ सकती.

मैने फिर से उनके गले में बाहें डालते हुए कहा.
मे-ये तो मेरा प्यार था भाभी. मुझे आपके उपर बहुत प्यार आ रहा है आज.

करू-हां-2 जानती हूँ क्यूँ आ रहा है.

हॅरी-हमसे कोई प्यार ही नही करता.
Reply
07-03-2018, 12:13 PM,
#36
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं उठ कर भैया के पास गई और उनके गले में बाहें डालते हुए कहा.
मे-ऐसा क्यूँ बोलते हो भैया. आपको पता तो है मैं कितना प्यार करती हूँ आपसे.

हॅरी-रीतू में तुम्हारी बात नही कर रहा था मैं तो(भाभी की तरफ इशारा करते हुए) किसी और की बात कर रहा था.
भैया की बात सुनते ही भाभी वहाँ से उठ कर चली गई. भाभी के जाने के बाद मैने कहा.

मे-भैया बात क्या है.

हॅरी-कैसी बात.

मे-भाभी आपसे नाराज़ हैं क्या.

हॅरी-नही तो.

मे-झूठ मत बोलो.

हॅरी-मैं क्यूँ झूठ बोलूँगा यार.

मे-अच्छा तो मैं भाभी से पूछ लेती हूँ.

मैं वहाँ से उठ कर भाभी के रूम में गयी मगर वो वहाँ नही थी. मैं अपने रूम में गई तो देखा भाभी मेरे बेड पे बैठी थी. मैने उनके पास बैठते हुए कहा.
मे-भाभी बात क्या है.

करू-कैसी बात.

मे-मुझे लगता है आप दोनो में झगड़ा हुआ है.
करू-नही रीतू कोई बात नही है. तू छोड़ ये बता करण ने क्या कहा.

मे-अच्छा तो मेरे सर पर हाथ रख के कहो कि कोई बात नही है.

करू-रीतू हर बात पे कसम देना अच्छी बात नही होती.

मे-मुझे नही पता आप बात बताओ मुझे.

करू-कुछ नही यार थोड़ा बहुत मन-मुटाव तो चलता रहता है.

मे-लगता नही की थोड़ा मन-मुटाव है.

भाभी कुछ नही बोली और उदास सा चेहरा लेकर बैठ गयी.
मे-भाभी बोलो ना.

फिर आचनक भाभी मेरे गले लग कर रोने लगी.
भाभी को ऐसे रोते देख मैं बहुत परेशान हो गई मैने भाभी को संभाला और कहा.
मे-भाभी प्लीज़ बताओ मुझे बात क्या है और प्लीज़ रोना बंद करो.

करू-रीतू तेरे भैया ने मेरे उपर हाथ उठाया.

मे-क्याआअ?????

करू-हां रीतू.

मे-उनकी ये मज़ाल. पर बात क्या हुई.

करू-रीतू एक छोटी सी बात के लिए उन्होने मुझे थप्पड़ मार दिया.

और भाभी फिरसे रोने लगी.

मे-बात तो बताओ.

भाभी ने अपने आप को संभाला और कहा.
करू-मैने सिर्फ़ ये कहा था कि मैं अभी बच्चा चाहती हूँ और तेरे भैया अभी बच्चा नही चाहते बस यही बात थी इसी बात को लेकर हमारा झगड़ा बढ़ता गया और फिर....

मे-फिर क्या.

करू-फिर हॅरी ने मुझे थप्पड़ मार दिया.

मैं बेड से उठी और भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हे उठाते हुए कहा.
मे-चलो मेरे साथ.

करू-कहाँ.

मे-चुप चाप चलो मेरे साथ.
मैं भाभी को लेकर बाहर आई तो भैया वहाँ नही थे शायद अपने रूम में चले गये थे.
मैं और भाभी भैया के रूम में गई और देखा भैया बेड पे टेक लगाकर उदास से बैठे थे.
मे-भैया आपने भाभी के उपर हाथ उठाया. शरम नही आती आपको. चलो अब माफी माँगो भाभी से.

हॅरी-मैं क्यूँ मांगू माफी मैने कुछ ग़लत नही किया.

मे-क्या कहा. दिमाग़ तो ठीक है आपका भाभी की हालत देखी आपने.

हॅरी-तू इसकी ज़्यादा चमचागिरी मत कर समझी.\

भैया के मूह से ये बात सुन कर मैं हक्की-बक्की रह गई आज तक कभी भैया ने मेरे साथ ऐसे बात नही की थी.
करू भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा.
करू-रीतू चल यहाँ से.

मे-आप रूको भाभी. भैया मुझे यकीन नही हो रहा आप ऐसी बातें कर रहे हो.

हॅरी-मेरा दिमाग़ मत खाओ जाओ यहाँ से.

भाभी भैया की ये बात सुनकर वहाँ से चली गई. मैं भैया के पास गई और कहा.
मे-भैया आप को हुआ क्या है आप तो ऐसे नही थे. कुछ भी हो आपको भाभी से माफी माँगनी पड़ेगी.

हॅरी-ऐसा कभी नही होगा.

मैने गुस्से से भैया को देखा और गुस्से से कहा.
मे-ओके तो आज के बाद मैं आपसे बात नही करूँगी.
मैं पैर पटकती हुई रूम से निकल गई और अपने रूम में वापिस आई तो देखा भाभी मेरे बेड पे उल्टी लेटी थी और रो रही थी. मैं भी भाभी के पास जाकर लेट गई और उन्हे चुप कराने लगी.

मे-भाभी आप रोना बंद करो प्लीज़. देखना भैया तो भागते हुए आएँगे आप से माफी माँगने. मैं उन्हे अच्छी तरह से जानती हूँ.

करू-अब मुझे उनके पास नही जाना है.

मे-अच्छा आप मेरे साथ सो जाना बस. देखते हैं मेरी इस पताका भाभी से कितने दिन दूर रह पाते हैं भैया.
भाभी मेरी बात सुनकर हँसने लगी.

मे-यस ऐसे ही मुस्कुराती रहा करो आप. अब देखना मेरा कमाल. भैया तो नाक रगडेंगे आपके सामने.

करू-वो कैसे रीतू.
मे-बस आपको वो करना होगा जो मैं कहूँगी.

करू-मगर करना क्या होगा.

मे-तो सुनो.

मैने भाभी के कान में अपना प्लान बताया.

करू-ना बाबा मुझसे नही होगा ये सब.

मे-भाभी प्लीज़ मज़ा आएगा देखना भैया कैसे दुम हिलाएँगे आपके सामने.

भाभी ने कुछ देर सोचने के बाद कहा.
करू-ओके तो मैं रेडी हूँ मगर.......
Reply
07-03-2018, 12:14 PM,
#37
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
करू-ओके आइम रेडी मगर मम्मी पापा भी तो हैं घर में.

मे-उसकी टेंसन. मत लो वो कल जा रहे हैं हज़ूर साहिब को हफ्ते बाद लौटेंगे.

करू-ओह हां मैं तो भूल ही गई थी.
फिर हम दोनो आगे का प्लान बनाते रहे और रात को मेरे रूम में ही हम दोनो सो गये.

दूसरे दिन सनडे था और सुबह ही मम्मी और पापा चले गये अब हमें अपने प्लान का पहला स्टेप चलना था. मैं भाभी के रूम में गई और उनके सभी कपड़े ले आई. भैया ने मुझसे पूछा कि कपड़े कहा लेजा रही हो मगर मैने कोई जवाब नही दिया. मैं अपने रूम में आई और सारे कपड़े बेड पे फैला दिया और भाभी से कहा.
मे-भाभी अब इनमे से कोई सेक्सी सी ड्रेस पहन लो जल्दी से.

करू-तू बता ना क्या पहनु.

मे-मैं तो कहती हूँ सिर्फ़ पैंटी और ब्रा ही ठीक रहेंगे.

भाभी ने मुझे मारते हुए कहा.
करू-बकवास मत कर.

मैने भाभी की एक टाइट सी क्रीम कलर की पॅंट उठाई एकदम हल्का सा कपड़ा था. मैने भाभी को दिखाते हुए कहा.
मे-भाभी ये ठीक रहेगी और इसके साथ ये रेड वाली टी-शर्ट पहनो.

करू-पर इसमे सेक्सी कैसे दिखूँगी.

मे-आप पहले ही सेक्सी हो दिखाने की ज़रूरत नही है आप जल्दी से नाहकर पहनो इसे.

भाभी ने नाहकर वो ड्रेस पहन ली और बाहर आई.
वाह क्या कमाल की लग रही थी भाभी. क्रीम कलर की टाइट पॅंट जो कि उनकी जांघों से चिपकी हुई थी. उसके उपर रेड कलर की एकदम टाइट टी-शर्ट जिसमे से भाभी के उरोज सामने की ओर निशाना साधे खड़े थे और बाहर आकर भैया के उपर हमला करने को तैयार थे.
उपर उनके गीले बाल जो की खुले हुए थे और भाभी की हॉटनेस्स को चार चाँद लगा रहे थे. मैने उन्हे देखते ही कहा.
मे-भाभी बॉम्ब लग रही हो आज तो.

करू-चुप कर.

मे-अच्छा चलो अब ये सॅनडेल पहनो.

हाइ हील के सेंडेल पहन ने के बाद भाभी के नितंब और पीछे को निकल आए थे.

मे-वेरी गुड भाभी. अब आपको खाना लेकर भैया के रूम में जाना है और पूरे बोल्ड तरीके से और वापिस आते टाइम अपने इन गोलमटोल नितंबों को खूब हिलाना है और याद रहे भैया से अपने कोई बात की तो मुझसे बुरा कोई नही.

करू-ओके मेरी माँ तू मुझे मरवाएगी आज.

फिर हम किचन में आए और भाभी ने खाने की प्लेट ली और भैया के रूम की तरफ चल पड़ी. मैं जाकर रूम की खिड़की के पास खड़ी हो गई और अंदर देखने लगी.

भैया बेड पे बैठे थे तभी भाभी की एंट्री हुई. वो मटकती हुई भैया की तरफ बढ़ रही थी. वाह क्या जलवा था भाभी का. भैया की नज़र जब भाभी के उपर पड़ी तो उनकी आँखें खुली की खुली रह गई. वो एक तक भाभी को देख रहे थे. भाभी ने खाने की प्लेट टेबल पे रखी और पलट कर वापिस आने लगी. वाह क्या नितंब मटका रही थी भाभी कभी एक अपर तो कभी दूसरा अपर जैसे भैया और भाभी बेडरूम में होते हैं. कभी भाभी उपर तो कभी भैया उपर. भैया की नज़र भाभी के नितंबो को मटकते देख रही थी. उनके चेहरे के बदलते भाव बता रहे थे कि उनका दिल चाह रहा था कि अभी उठ कर भाभी को गोद में उठा लू. मगर शायद वो अपने आप को रोके हुए थे. लेकिन कितनी देर रोकते आख़िरकार भाभी के मटकते नितंबो ने जलवा दिखा ही दिया और भैया ने भाभी को आवाज़ लगाते हुए कहा.

हॅरी-करू.

भाभी के कदम रुके और उन्होने गर्दन घुमा कर पीछे देखा. मैने सोचा अब सारा प्लान चौपट कर देंगी भाभी. मैं अपने मन में ही बोलने लगी. भाभी बोलना मत बाहर . चुप-चाप. मगर वो वहीं खड़ी रही लेकिन अपना चेहरा अब घुमा लिया था.

हॅरी-करू बैठो ना प्लीज़ रात भी तूँ नही आई.

करू-मेरे साथ . का हक आप खो चुके हो.

और इतना कहकर भाभी बाहर आ गई. मैने सोचा थॅंक गॉड और भाभी के पास जाने लगी. भाभी फिरसे मेरे रूम में जाकर रोने लगी. मैं उनके पास गई और कहा.
मे-अब क्या हुआ चुप करो भाभी. देखा कैसे पहली ही बोल में सिक्सर लगा दिया आपने. भैया तो क्लीन-बोल्ड हो गये. नेक्स्ट स्टेप में तो भैया का वाइट-वॉश ही कर दोगि आप.

मैने अपने हाथ नचाते हुए कहा और
मेरी बात कहने के ढंग से भाभी मुस्कुराए बिना नही रह पाई.
करू-लेकिन अब आगे करना क्या है.

मे-कान पास लाओ मेरे.
और मैने नेक्स्ट स्टेप बता दिया.

करू-ओह गॉड पता नही तू क्या-2 करवाएगी मुझ से.

मे-भाभी 3र्ड स्टेप तो इस से भी ख़तरनाक होगा आप देखती जाओ. अच्छा अब आराम करो आप.

मैं बाहर आई तो देखा भैया किचन से बाहर आ रहे थे. मैं बिना उनकी तरफ देखे किचन में चली गई और वो भी अपने रूम में वापिस चले गये.

मैने देखा भैया किचन में खाने की प्लेट रख कर गये थे उन्होने कुछ भी नही खाया था.
मैने प्लेट उठाई और भैया के रूम में गई और भैया के साथ बेड के उपर बैठ गई और कहा.
मे-भैया खाना क्यूँ नही खाया.

हॅरी-मुझे भूख नही है.

मे-ये क्या बात हुई.

हॅरी-मैने कहा ना भूख नही है.

मे-देखो भैया आपको नाराज़गी भाभी से है मुझसे है मगर खाने से तो नही है ना. अब जल्दी से आचे बचे बनकर खाना खाओ.

हॅरी-मुझे अकेला छोड़ दे प्लीज़.

मे-ऐसे कैसे छोड़ दूं. मेरे भैया भूखे रहे ऐसा रीत को बिल्कुल पसंद नही.

मैने रोटी का एक टुकड़ा लिया और उसमे सब्ज़ी भर कर भैया के मूह के पास करते हुए कहा.
मे-चलो मूह खोलो.

अब भैया ने मेरे प्यार के सामने हथियार डाल दिए और मूह खोल कर रोटी अंदर जाने दी. फिर अपने हाथ से मैं भैया को रोटी खिलाने लगी.

भैया को खाना खिलाने के बाद मैं किचन में आई और फिर भाभी और अपने लिए खाना प्लेट में डाला और अपने रूम में चली गयी. हम दोनो ने खाना खाया और फिर मैने भाभी को कहा.
मे-भाभी अब नेक्स्ट स्टेप के लिए रेडी हो जाओ.

करू-रीत तू मरवाएगी मुझे.

मे-कुछ नही होगा.

मैने भाभी के कपड़ो में से एक ब्लू कलर की नाइटी निकली जो कि बहुत ही शॉर्ट थी और टाइट भी कुछ ज़्यादा ही थी. मैने भाभी को उसे पहनेने के लिए दिया.

करू-रीतू ये तो ज़्यादा ही शॉर्ट है. कोई और देख प्लीज़.

मैने कमर पर हाथ रख कर आँखें निकालते हुए कहा.
मे-चुप चाप पहनो इसे.
भाभी वॉशरूम की और जाने लगी तो मैने कहा.
मे-यही चेंज करो मेरे सामने.

करू-तेरा दिमाग़ तो ठीक है.

मे-ओह मेडम मैं लड़की ही हूँ इज़्ज़त नही लूट सकती आपकी.

करू-तू एक दिन मुझे अपने जैसा बना देगी.

मे-मेरे जैसा बन ने के लिए तो आपको आस पास कुछ देखना पड़ेगा. वैसे भाभी जादू(जावेद) भैया यानी कि आपके इकलौते देवर बहुत लाइन मारते हैं आपके उपर.

करू-रीतू एक . कान के नीचे वो बहुत ही अच्छा और स्वीट देवर है मेरा इस पूरी फॅमिली में अगर कोई चंडाल है तो वो सिर्फ़ तू है बेशरम.

मैने बुरा सा मूह बनाकर भाभी की तरफ पीठ करते हुए कहा.
मे-तो ठीक है मुझे भी नही करनी आपकी हेल्प-शेलप.

भाभी ने पीछे से मुझे बाहों में भरते हुए कहा.
करू-ओये मेरा स्वीतू नाराज़ हो गया. अच्छा बाबा दोनो कान पकड़ कर सॉरी.

मेने उनकी तरफ पलट कर उनके उरोज पकड़ते हुए कहा.
मे-इन्हे पकड़ कर माफी माँगो. भाभी ने मेरे उरजो की तरफ इशारा करते हुए कहा.

करू-इन्हे ना पकड़ लूँ वैसे भी काफ़ी बड़े होते जा रहे हैं ये.

मे-नो इन्हे पकड़ने का हॅक तो सिर्फ़ आपके नंदोई जी को है.

मेरी बात पे भाभी हँसने लगी और फिर एक-2 करके अपने कपड़े उतारने लगी. अब उनके शरीर पे केवल ब्रा न्ड पैंटी थी.
मे-इन्हे भी उतारो.

करू-क्या..?

मे-इन्हे भी उतारो मेडम दूसरी पहनेगी अब आप.

करू-क्या मुसीबत है.

भाभी ने पैंटी और ब्रा भी उतार दी अब वो बिल्कुल नंगी खड़ी थी मेरे सामने और नीचे को देख रही थी. मैने अपना मोबाइल उठाया और कहा.
मे-भाभी.

भाभी ने जेसे ही मेरी तरफ देखा तो मैने फटाक से उनकी फोटो खीच ली.

करू-पागल फोटो क्यूँ खीच रही है.

मे-डेलीट कर दूँगी मैं फिकर नोट.

वाह क्या शरीर था भाभी का एकदम गोरा और उसके उपर फिगर भी कमाल का था 32-28-34. अगर कोई उन्हे ऐसी हालात में देख ले तो अपना सब कुछ खो बैठे.

करू-अब तू मुझे देखती ही रहेगी या बताएगी भी कुछ.

मैं एकदम नींद से जागी और कहा.
मे-अरे भाभी देती हूँ.
मैने एक वाइट पैंटी भाभी को दी और भाभी ने झट से पहन ली और फिर मैने भाभी को नाइटी पहन ने को कहा.

करू-पागल ब्रा तो दे.

मे-ब्रा नही मिलेगी ऐसे ही पहनो.

भाभी ने चुप-चाप नाइटी पहन ली. क्या ग़ज़ब लग रही थी भाभी उसमे. एकदम शॉर्ट नाइटी थी. भाभी के घुटनो के काफ़ी उपर थी. अगर भाभी झुक जाए तो पीछे से उनकी पैंटी सॉफ दिखाई देती थी. नाइटी ने भाभी के दोनो गोलमटोल नितंबो को जाकड़ लिया था. अब मैने एक परफ्यूम उठाया और भाभी का बदन उस परफ्यूम से महका दिया. फिर मैने भाभी को बेड के उपर सीडेवी पोज़िशन में लेटने को कहा. भाबी बेड के उपर एक तरफ करवट लेकर लेट गई. मैने पूरे रूम में रूम फ्रेशनेर छिड़क दिया और पूरा रूम अब महकने लगा था. मैं भाभी के पास गई और उनकी नाइटी को थोड़ा और उपर सरका दिया और उनकी पैंटी अब दिखने लगी थी.

मे-बस अब हिलना मत मैं बाहर से किसी बहाने भैया को अंदर भेजूँगी. ज़ाहिर है आपको ऐसी हालात में देखकर भैया कंट्रोल नही कर पाएँगे और बेड पे आकर आपसे लिपट जाएँगे. मगर आपको उन्हे अपने उपर से उतार कर 2-4 खरी-2 सुनाकर मटकते हुए बाहर आना है.

करू-ओके ठीक है.

मे-ओके तो मैं जाती हूँ.

मैं बाहर आई तो भैया टीवी देख रहे थे. मैं सीधा किचन में गई और थोड़ी देर बाद भैया को आवाज़ दी.

मे-भैया मेरे रूम में से मेरा मोबाइल लाना प्लीज़.

हॅरी-अभी लाया स्वीतू.

भैया मेरे रूम की तरफ जाने लगे. जब भैया रूम में एंटर कर गये तो मैं भाग कर खिड़की के पास आकर अंदर देखने लगी.
भैया ने रूम में कदम रखा तो रूम में फैली खुश्बू ने उनका स्वागत किया. उनकी नज़र भाभी के उपर पड़ी जो कि करवट लेकर सोने का नाटक कर रही थी. भाभी की पीठ भैया की तरफ थी. टाइट ब्लू नाइटी में कसा भाभी का बदन भैया को उतेज़ित कर रहा था. जैसे ही उनकी नज़र भाभी की नंगी जांघों और नाइटी के उपर उठने की वजह से दिखाई दे रही पैंटी पे गई तो वो होश गँवा बैठे और जाकर बेड पे चढ़ गये. भैया के बेड पर चढ़ते ही भाभी घूम गई. भाभी कुछ बोलती उस से पहले ही भैया भाभी के उपर लेट गया और भाभी का चेहरा पकड़ कर उनके रसीले होंठों पे अपने होंठ टिका दिए. भैया का एक हाथ अब नाइटी के उपर से भाभी के उरोज मसल्ने लगा. और भैया ने अपना दूसरा हाथ नीचे किया और नाइटी को उपर करके अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर भाभी के नितंबों को मसल्ने लगे. भाभी उनके नीचे छटपटा रही थी. मैने सोचा अब भाभी कंट्रोल नही कर पाएँगी.
Reply
07-03-2018, 12:14 PM,
#38
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भैया के बेड पर चढ़ते ही भाभी घूम गई. भाभी कुछ बोलती उस से पहले ही भैया भाभी के उपर लेट गये और भाभी का चेहरा पकड़ कर उनके रसीले होंठों पे अपने होंठ टिका दिए. भैया का एक हाथ अब नाइटी के उपर से भाभी के उरोज मसल्ने लगा. और भैया ने अपना दूसरा हाथ नीचे किया और नाइटी को उपर करके अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर भाभी के नितंबों को मसल्ने लगे. भाभी छॅट्पाटा रही थी. मैने सोचा अब भाभी कंट्रोल नही कर पाएँगी.


करू भाभी की पैंटी अब खिसक कर उनकी जांघों तक आ चुकी थी और उनकी नाइटी भैया ने उपर उठा दी थी अब भाभी के गोरे गोरे नितंब मेरी आँखों के सामने थे और उनके उपर भैया का हाथ बेरेहमी से घूम रहा था.

भाभी उनकी गिरफ़्त से निकलने की पूरी कोशिश कर रही थी बट वो सफल नही हो पा रही थी. भाभी ने अपना एक हाथ अपने नितंबो पे घूम रहे भैया के हाथ के उपर रखा और ज़ोर के साथ उसे झटक दिया और फिर एक ही झटके में भैया को अपने से दूर हटा दिया और भाभी बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गयी. भाभी की पीठ अब भैया की तरफ थी और वो अपनी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर उपर खींचने लगी.

मैने मॅन में कहा 'थॅंक गॉड'
भाभी अपने बेपर्दा नितंबों को ढकने की कोशिश कर ही रही थी कि भैया ने उठ कर फिरसे भाभी को पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथों से भाभी के उरोजो को नाइटी के उपर से मसल्ने लगे. भाभी ने उनके हाथों को अपने उरोजो से हटाते हुए कहा.
करू-दूर रहो मुझसे.

हॅरी-प्लीज़ करू अब मत रोको मुझसे कंट्रोल नही हो रहा.

भाभी ने घूमते हुए अपना चेहरा भैया की तरफ किया और उन्हे धक्का देते हुए बिस्तेर के उपर गिरा दिया और गुस्से से कहा.

करू-अगर अब मेरे साथ कोई बदतमीज़ी की तो मैं शोर मचा दूँगी.

हॅरी-करू यार तुम बहुत ज़िद्दी हो मेरा भी कुछ ख़याल करो आख़िर आपके पातिदेव है हम.

करू-मैं अभी तक इस घर में हूँ तो वो सिर्फ़ मम्मी पापा न्ड रीत की वजह से वरना कब की चली जाती.
भाभी की आँखों में आँसू आ गये थे और वो अपने आँसू सॉफ करती हुई डोर की तरफ बढ़ गयी.
बाहर आकर भाभी मेरे गले लग कर रोने लगी.
मेने उन्हे संभालते हुए कहा.
मे-ओह कमोन भाभी रोना बंद करो. आपने देखा नही कैसे भैया की लार टपक रही थी आज.

करू-मगर रीतू वो उस बात के लिए तो अभी भी रेडी नही है जिसके लिए हम ये सब कुछ कर रहे हैं.

मे-ओह भाभी देखती जाओ आप अब आख़िरी स्टेप है फिर देखना कैसे हमारी सारी शर्तें मानेगे भैया.

करू-अब करना क्या है.

मे-भाभी अब थोड़ा टफ काम है.

करू-ऐसा क्या करना होगा.

मैं भाभी के कान में नेक्स्ट प्लान बताने लगी.

भाभी मेरा प्लान सुनकर एकदम से चौंक गयी और गुस्से से बोली.

करू-रीतू तेरा दिमाग़ तो ठीक है. मैं पराए मर्द के साथ कैसे कर सकती हूँ ये सब.

मे-ओह भाभी पराया कॉन है अपने जादू भैया ही तो है आपके देवर उनके साथ ही तो करना है.

करू-बिल्कुल भी नही मैं ये सब नही कर सकती मानती हूँ वो मेरा देवर है पर इसका मतलब ये तो नही कि.....

मे-मेरी सती-सावित्री भाभी जी मैं हूँ ना मैं भी तो आपके पास ही रहूंगी.

करू-नही रीतू मुझे बहुत शरम आएगी.

मे-कुछ नही होगा भाभी आप बस तियार रहो मैं जादू भैया से बात करके आती हूँ तब तक आप कपड़े चेंज करो.

करू-अरे पगली सुन तो.

मैं भाभी की बात को अनसुना करते हुए बाहर निकल गयी.

मैं बाहर निकली तो मेरा मोबाइल रिंग करने लगा. मैने स्क्रीन पे देखा तो करण का नाम फ्लश हो रहा था. मैने सोचा इस काजू के बच्चे को भी अभी फोन करना था. मैने अपने कदमो को रोकते हुए फोन उठाया और कहा.
मे-काजू कैसे हो.

करण-तुम्हारे बिना बुरा हाल है मेरी सेक्सी स्वीतू.

मे-तो मैं क्या कर सकती हूँ जी.

करण-आप तो बहुत कुछ कर सकती हो और करवा भी सकती हो.

मे-अच्छा जी मैं कुछ नही करवाने वाली समझे आप.

करण-डार्लिंग ऐसा मत कहो यार अभी आ जाओ ना यार प्लीज़.

मे-ओये काजू एक दिन का सबर तक नही कर सकते तुम.

करण-अच्छा चलो वादा करो कल चलोगि मेरे साथ.

मे-कहाँ पे.

करण-यहाँ मैं लेकर जाउन्गा.

मे-ह्म्म्म्म म चलो ठीक है.
Reply
07-03-2018, 12:14 PM,
#39
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
करण-आहाआ डार्लिंग आज का दिन कैसे कटेगा.

मे-कट जाएगा. अच्छा मुझे अभी काम है फिर बात करूँगी. बाइ.

कारण-बाइ. कल पक्का ना.

मे-पक्का काजू.
मैने बात ख़तम की और जादू भैया के घर के अंदर चली गयी.

मे-भैयाआअ...... जादू भैया......

ताई जी मेरी आवाज़ सुनकर किचन से बाहर आई और मुझे देखते हुए कहा.
ताई जी-अरे वाह मेरी रीत तू. बड़े दिन बाद आई हो.

मे-बस ताई जी पढ़ाई में बिज़ी हूँ.

ताई जी-जब से तेरी गुलनाज़ दीदी गयी है तू तो यहाँ आना ही भूल गई.

मे-ऐसा क्यूँ बोल रही हो ताई जी मैं आज आ तो गयी.

ताई जी ने मुझे हग करते हुए कहा.

ताई जी-हमे मिलती रहा कर अब तू ही तो मेरी गुलनाज़ है.

मे-जी ताई मैं आती रहूंगी अच्छा जावेद भैया कहाँ हैं.

ताई जी-यही होगा अपने रूम में या उपर छत पे होगा.
मैं भैया के रूम में गयी बट वो वहाँ नही थे. मैं उपर छत पे चली गयी लेकिन भैया वहाँ भी नही थे. मैं नीचे आने के लिए मूडी तो मेरे कानो में एक लड़की की आवाज़ सुनाई दी.

लड़की-छोड़ो ना प्लीज़.
मैने देखा वो आवाज़ उपर बने स्टोर रूम में से आई थी. ये वोही स्टोर रूम था यहाँ मैने आकाश को पहली बार दी थी.

मैं धीरे-2 स्टोर रूम की तरफ बढ़ने लगी. अंदर से आने वाली आवाज़ अब तेज़ होती जा रही थी. मैने दरवाज़े के पास पहुँच कर अपना कान लगाकर सुन ने की कोशिश की तो अंदर की बातें मुझे सॉफ सुनाई देने लगी.

लड़की की आवाज़ मेने पहचान ली थी वो दीपा थी और अगर दीपा अंदर थी तो इसका मतलब उसके साथ जावेद भैया थे. मैं अब अंदर का दृश्य देखने के लिए बेचैन हो गई लेकिन मुझे अंदर देखने की कोई जगह दिखाई ना दी. मैं पास वाली विंडो के पास गई तो वहाँ भी मुझे निराशा ही हाथ लगी क्योंकि वो भी अंदर से बंद थी. मुझे विंडो के बीच की दरार दिखाई दी तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैने कोई जंग जीत ली हो. मैने अपनी आँख वहाँ पे लगाई और अंदर देखने की कोशिश करने लगी. अंदर का नज़ारा देखते ही मेरा पूरा शरीर गरमा गया क्योंकि अंदर बिस्तेर पे दीपा और जावेद भैया सेक्स कर रहे थे.

दीपा बिस्तेर के उपर पीठ के बल लेटी हुई थी और बिल्कुल नंगी थी और जावेद भैया ने अपनी टी-शर्ट उतार रखी थी और पॅंट को थोड़ा नीचे कर रखा था और उन्होने दीपा के घुटनो को उसके कंधो तक मोड़ रखा था और अपना लिंग उसकी योनि में तेज़-2 पेल रहे थे. मैने देखा जावेद भैया का लिंग बहुत बड़ा था लेकिन अगले ही पल मुझे खुद पे शर्म आई कि मैं ये क्या देख रही हूँ. मैने अपनी नज़र उनके लिंग से हटा कर दीपा के फेस पे कर ली. अंदर का नज़ारा देख कर मुझे वो दिन याद आ गया जिस दिन आकाश मुझे इसी स्टोर रूम में और इसी बिस्तेर के उपर और इसी पोज़िशन में चोद रहा था. कितनी अजीब बात थी मुझे इसी जगह पे दीपा के भाई ने चोदा था और दीपा को मेरा भाई चोद रहा था. मैं वहाँ से हटी और वापिस सीडीयों के पास आ गई. मैने ज़ोर से भैया को आवाज़ लगाई और झट से नीचे उतर गई. मेरी आवाज़ भैया तक पहुँच चुकी थी और मेरे नीचे आने के 2मिनट बाद ही भैया नीचे आ गये और मुझे देखते ही बोले.
ज़वेद-वाह स्वीतू आज ग़लती से हमारे घर कैसे आ गई तुम.

मे-क्या कहा. ये घर सिर्फ़ आपका नही है मेरा भी है.

जावेद-अरे हां बिल्कुल आपका भी है जी मगर आप आती तो कभी है नही.

मे-भैया आप छोड़ो ये सब बातें चलो मेरे साथ.

जावेद-कहाँ.
मे-उधर अपने दूसरे घर.

जावेद-ओके चल.

हम दोनो हमारे घर आ गये और मैने जावेद भैया को सारी बात बता दी कि कैसे भाभी और भैया के बीच झगड़ा हुआ और भैया ने भाभी के उपर हाथ उठाया और अब भैया को सबक सिखाने में हमे उनकी हेल्प चाहिए.

जावेद भैया हेल्प के लिए तैयार हो गये. मैं और जावेद भैया मेरे रूम में पहुँच गये. भाभी वहीं बिस्तेर पे बैठी थी उन्होने नाइटी खोल कर सलवार कमीज़ पहन लिया था. भैया को देखते ही भाभी बोली.
करू-देवर जी कैसे हो आप.

जावेद-मैं ठीक हूँ भाभी.

करू-कभी अपनी भाभी को भी याद कर लिया करो.

जावेद-कैसी बात करती हो भाभी आप तो हर पल मेरे ख़यालों में घूमती रहती हो.

भाभी आँखें निकालती हुई बोली.

करू-क्या मतलब.

जावेद-म.म.मेरा मतलब भाभी आप हो ही इतनी अच्छी की आपका नाम तो हम सब के मूह पे ही रहता है.

मे-ओये जादू भैया भाभी पे लाइन मारना छोड़ो और काम की बात सुनो.

फिर मैं भाभी और जावेद भैया को पूरा प्लान समझाने लगी. फिर मैं हॅरी भैया को देखने के लिए बाहर आई तो वो अपने रूम की तरफ तेज़ी से जा रहे थे. मैने मन में सोचा कही भैया ने हमारी बातें सुन तो नही ली.

फिर मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा और मैं वापिस भाभी के पास आ गई और उन्हे ड्रेस चेंज करने के लिए कहा. मैने भाभी को एक टाइट सी ब्लू टी-शर्ट और एक शॉर्ट वाइट स्कर्ट दी वो टी-शर्ट और स्कर्ट मेरी थी लेकिन अब भाभी उसे पहन ने वाली थी. भाभी वॉशरूम में गई और चेंज करके बाहर आ गई. भाभी पूरी हॉट लग रही थी उस ड्रेस में. टी-शर्ट उनके जिस्म से चिपकी हुई थी और स्कर्ट तो जांघों के भी उपर तक थी. उनकी गोरी-2 जंघें देखकर बूढ़ा भी अपना लिंग हिलाने लगे. मैने जावेद भैया की तरफ देखा वो एक टक भाभी को घूर रहे थे. उनकी नज़र भाभी की गोरी-2 जांघों पे ही अटकी हुई थी. मैने देखा भैया का लिंग भी उनकी पॅंट के अंदर तन गया था और उनकी पॅंट का टेंट बना दिया था.
Reply
07-03-2018, 12:15 PM,
#40
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
भाभी ने भी शायद ये बात नोटीस की थी और जावेद भैया के इस तरह घूर्ने से वो थोड़ा अनकमफर्टबल महसूस कर रही थी. भाभी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा.
करू-रीतू मैं ये नही पहनुगी.

और वो वॉशरूम की तरफ जाने लगी. मैने भाग कर उन्हे पकड़ कर रोका और कहा.

मे-भाभी रूको तो.

फिर मैने जावेद भैया को घूरते हुए कहा.
मे-आप भाभी को घूर्ना बंद करेंगे.

जावेद-अरे रीतू मैं तो अपने रोल की प्रॅक्टीस कर रहा था. तुम जानती तो हो मैं कितनी इज़्ज़त करता हूँ भाभी की.

मे-ओह माइ गॉड. आप प्लीज़ जो भी करना है बाहर जाकर सही समय पे करना.

जावेद-ओके तो चलो मुझसे सबर नही हो रहा. मैं और भाभी अकेले आहाआ मज़ा आएगा.

करू-रीतू छोड़ मुझे मुझे नही करना कुछ भी.

जावेद-ओह भाभी सॉरी सॉरी सॉरी मैं मज़ाक कर रहा था.

करू-सारा मज़ाक निकाल दूँगी एक मिनट में मैं तुम्हारा.

भाभी कहते हुए मुस्कुराने लगी और मैं और जावेद भैया भी मुस्कुरा कर उनका साथ देने लगे.


भाभी कहते हुए मुस्कुराने लगी और मैं और जावेद भैया भी मुस्कुरा कर उनका साथ देने लगे.

फिर मैने भाभी और जादू भैया को बाहर चलने को कहा. हम तीनो बाहर आकर सोफे पे बैठ गये. मैने जावेद भैया को कहा.
मे-भैया आप प्लीज़ भाभी के साथ थोड़ा कंट्रोल में रहना.

जावेद-ओये स्वीतू तू मुझ पे शक कर रही है.

मे-जैसी आपकी हरकतें हैं. शक तो होगा ही.

जावेद-रीतू तू ज़्यादा बक-2 मत कर समझी ना.

करू-तुम दोनो चुप करोगे या नही.

भाभी ने गुस्से से कहा और हम दोनो शांति से बैठ गये.
जब काफ़ी देर तक कोई कुछ नही बोला तो भाभी झल्लाती हुई बोली.
करू-कोई मुझे बताएगा भी की करना क्या है.

मे-अभी तो आप ने बोला चुप बैठो.

करू-ओह माइ गोद. महामुरख लड़की मैने तुम्हे झगड़ा बंद करने को कहा था.

मे-ओके तो ठीक है अगर मैं महामुरख हूँ तो आप करो जो करना है.

जावेद-रीतू ज़्यादा नखरे मत दिखा जल्दी बता क्या करना है.

मे-पहले सॉरी बोलो दोनो.

करू-सॉरी मेरी माँ.
मैने जादू भैया की तरफ देखते हुए कहा.
मे-आपकी सॉरी के लिया क्या महुरत निकालना पड़ेगा.

जावेद-सॉरी यार. चल अब बता.

मे-ओके तो सुनो. भाभी आप जादू भैया के पास बैठो.
भाभी उठी और भैया के पास बैठो गई.

मे-थोड़ा सट कर बैठो.
भाभी जादू भैया से सट कर बैठ गई.
मे-अब मैं भैया को किसी बहाने बुलाउन्गी और जैसे ही भैया की नज़र तुम दोनो पे पड़ेगी तो आपको अपनी आक्टिंग शुरू करनी है ओके.

जावेद-ओके ठीक है.

मे-भाभी प्लीज़ आप खेल मत बिगाड़ देना थोड़ा बोल्ड होकर बात करना जादू भैया के साथ.

करू-ओके स्वीतू.

मैं हॅरी भैया के रूम में गई तो वो अपने बिस्तेर पे लेट कर आराम कर रहे थे.

मैं रूम से बाहर आई और भैया को आवाज़ दी और फिर भाग कर अपने रूम में चली गई. मैं खिड़की के पास जाकर बैठ गई और बाहर का नज़ारा देखने लगी. हॅरी भैया अपने रूम से बाहर आए तो उनकी नज़र सोफे पे बैठे जादू भैया और भाभी के उपर पड़ी.

भाभी एक टाँग दूसरी पे चढ़ा कर बैठी थी. उनकी स्कर्ट शॉर्ट थी जिसकी वजह से उनकी गोरी जाँघ काफ़ी दिखाई दे रही थी.

जैसे ही जादू भैया और भाभी को हॅरी भैया के आने का आभास हुआ तो उन्होने अंजान बनते हुए आक्टिंग शुरू कर दी.

करू-क्या बात है देवर जी आज कल इधर नही आते.

जावेद-अरे भाभी कैसी बात करती हो मैं तो हर पल आपके ख़यालों में ही खोया रहता हूँ.

करू-अच्छा जी वो क्यूँ.

जावेद-अब जिसकी आपके जैसी सेक्सी न्ड हॉट भाभी हो वो कैसे उसके बिना रह सकता है.

मैने हॅरी भैया की तरफ देखा तो वो हैरान परेशान भाभी की तरफ देख रहे थे.

करू-अच्छा जी क्या मैं इतनी सेक्सी हूँ.

जावेद-भाभी बस पूछो मत आप कितनी सेक्सी हो और आज तो आप कयामत ही लग रही हो इन कपड़ो में.

करू-और कॉन-2 से कपड़ों में सेक्सी दिखती हूँ मैं.

जॉड-भाभी आप कपड़ों के बिना ही ज़्यादा सेक्सी दिखती हो.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,462,792 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,048 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,527 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,083 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,631,017 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,062,580 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,920,086 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,955,295 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,992,356 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,226 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)