RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कॅंटीन वाला 2 कप कॉफी लेके आया ऑर हम लोग कॉफी पीने लगे तभी मेरा ध्यान उसके हाथ
पर गया जिसपे प्लास्टर लगा हुआ था ऑर मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,,
ये तेरे हाथ का प्लास्टर कब तक उतरेगा सुमित,,,,मैने ऐसे पूछा जैसे मैं उसकी बहुत फिकर
करता हूँ,,,ऑर फेस भी ऐसे कर लिया जैसे मुझे उसपे बहुत तरस आ रहा था,,,
भाई ये तो अभी रहेगा करीब 20-22 दिन तक,,,,वो बोलते टाइम थोड़ा उदास था
अरे तो उदास होके क्यू बोल रहा है 20-22 दिन तो अब यूँ गुजर जाने है,,,,
भाई मैं 20-22 दिन गुज़रने की बात पर उदास नही हुआ मैं तो इस बात से उदास हूँ कि अभी
तक उन लोगो के हाथ पैर सलामत है जिन लोगो ने मेरा ये हाल किया है,,,अपने बोला था कि जल्दी
ही उनसे बदले लेंगे लेकिन ,,,,
तो इसमे क्या बड़ी बात है ,,बदला तो हम आज ऑर अभी ले सकते है,,,तू बस एक बार बोल मुझे क्या
तू तैयार है बदले के लिए,,,,,
मेरी बात सुनके वो खुश हो गया,,,,मैं तो कब्से तैयार हूँ भाई ,,लेकिन इस टूटे हुए हाथ से
मैं क्या कर सकता हूँ,,,,
तू डरता क्यू है मैं हूँ ना तेरे साथ,,,,बस तू इतना बोल कि उन लोगो का सामना कर लेगा क्या
भाई अगर तुम साथ हो तो मुझे किसी का डर नही,,,,,,वो खुश होके ओर हल्के गुस्से से बोला,,खुश
तो वो मेरी वजह से था ऑर गुस्सा था उसको अमित ऑर सुरेश पर,,,,,
तो ठीक है तू रुक यहाँ मैं कुछ बंदोबस्त करता हूँ,,,,,,,
कैसा बंदोबस्त भाई,,,,????
अबे वो लोग 5-6 होंगे तू ऑर मैं क्या उन लोगो का सामना कर सकते है,,,,कारण भी यहाँ नही
है ,,इसलिए अपने कुछ दोस्तो को बुला के लाता हूँ फिर पंगा करते है मिलकर उन लोगो से,,,,
वो ओर लोगो के आने की बात सुनके खुश हो गया,,,,जल्दी बुलाओ अपने दोस्तो को भाई मेरे से अब
सबर नही होता,,,,सुमित की आँखें गुस्से मे लाल हो रही थी,,,
तभी मैं उठा ऑर कॅंटीन से बाहर आ गया ओर अपने फोन से सूरज भाई को फोन करके ख़ान
सर का नंबर लिया ओर फिर ख़ान सर को कॉल करने लगा
ख़ान सर से बात करके मैने फोन वापिस पॉकेट मे डाला ऑर कॅंटीन मे सुमित के पास चला गया,,,
क्या हुआ सन्नी भाई ,,आपके वो दोस्त आ रहे है या नही,,,,,सुमित ने बड़ी उत्सुकता से पूछा,,
हाँ सुमित भाई वो आ रहे है,,,,बस थोड़ी देर मे पहुँच जाएगे,,,,,
सुमित बड़ा खुश हो गया,,,,,आज तो सालों के हाथ पैर तोड़ दूँगा,,जितना उन लोगो ने मुझे मारा था
आज उस सब का हिसाब बराबर कर दूँगा,,,,
हाँ हाँ जितना तेरा दिल करे उतना मारना उन लोगो को लेकिन याद रखना कोई जान से नही मरने पाए,,,
वैसे उन लोगो को भी मैं समझा दिया है,,,,सिर्फ़ हाथ पैर ही तोड़ना बाकी कुछ नही,,,,
मैं ओर सुमित बातें करने लगे ,,,कुछ देर बाद मेरे सेल पे अन-नोन नंबर से कॉल आया ,,मैने
कॉल पिक की तो सामने वाले ने बोला कि उसको ख़ान सर ने भेजा है,,,उसने मुझे कॉलेज के गेट के पास
आने को बोला लेकिन मैने मना कर दिया ऑर उन लोगो को कॅंटीन मे आने को बोला,,,,
तभी कुछ देर बाद 8-10 लड़के कॅंटीन मे एंटर हुए,,जो दिखने मे गुंडे लग रहे थे,,,काला रंग
लंबा चौड़ा शरीर,,लेकिन उन लोगो ने अच्छे कपड़े पहने हुए थे ऑर साथ मे शोल्डर पर एक बॅग
भी लटकाया हुआ था जिसस से देखने वाले को ऐसा लगता कि वो लोग गुंडे नही बल्कि कॉलेज स्टूडेंट है
उनमे से एक लड़का जो सबसे आगे था उसने अपने सेल से कोई नंबर डाइयल किया ऑर तभी मेरे सेल की बेल
बजने लगी ऑर उस लड़के का ध्यान मेरी तरफ आ गया लेकिन वो मेरे करीब नही आया बल्कि एक बार
सिर हिला कर इशारा करके मेरे पीछे वाले टेबल पर बैठ गया,,,,
अरे भाई कहाँ है वो लोग इतना टाइम हो गया अभी तक आए क्यू नही,,,,
वो लोग आ गये है सुमित,,,,ऑर अभी उन्ही की कॉल आई थी,,,वो लोग अपने कॉलेज मे है अभी,,,बस तुझे उनके
पास नही जाना ऑर ना ही वो लोग हमारे पास आने वाले है,,,,बस तू जाके अमित ऑर सुरेश से पंगा शुरू
कर ऑर तभी वो लोग तेरे पास आ जाएँगे,,,,
कहाँ है वो लोग सन्नी,,,सुमित ने खुश होके पूछा,,,,,
वो यहीं है ,,,,हम लोगो के करीब ,,,बस तू अब जाके अमित से पंगा शुरू कर्दे,,,,
तभी सुमित जल्दी से उठा ऑर किसी हीरो की तरह चलता हुआ बिना किसी डर से अमित से पंगा करने चला
ऑर उसके पीछे पीछे मैं चला गया,,,,,ऑर मेरे से करीब 20-30 फीट की दूरी पर वो लोग भी मेरे पीछे
आ गये जिनको ख़ान सर ने भेजा था,,,,
हम लोग कॅंटीन से कॉलेज पार्क की तरफ गये क्यूकी अमित ऑर उसके चम्चे अक्सर वहीं बैठ कर मस्ती
करते थे ऑर सिगरेट पीते थे,,,,वैसे कॉलेज मे सिगरेट कोई नही पी सकता था लेकिन उन लोगो पर कोई
रोक-टोक नही थी,,,,पार्क मे अमित नही था लेकिन सुरेश ऑर बाकी लोग थे,,,,
सुमित थोड़ा उदास हो गया क्यूकी अमित नही था ,,उसको अमित पर ही सबसे ज़्यादा गुस्सा था,,,
उदास मत हो सुमित भाई,,,अमित नही तो क्या हुआ ये लोग तो है,, इन्ही लोगो ने तुझे पकड़ा हुआ था जब
अमित तेरे को मार रहा था,,,अभी इनकी बरी है अमित का नंबर किसी ऑर दिन लगा देंगे,,,,,अब तू जाके
पंगा शुरू कर ऑर जब मैं तुझे इशारा करूँ तो जल्दी से वहाँ से भाग कर मेरे पास आ जाना,,
अरे भाई आप मेरे साथ नही चलोगे क्या,,,वो थोड़ा डर कर बोल रहा था
नही मैं तेरे साथ नही जाउन्गा,,मेरी एक इज़्ज़त है कॉलेज मे ,,,सब लोग मुझे जानते है,,,ऑर अगर मैने
कोई पंगा किया तो मेरा बाप मुझे जान से मार देगा,,,मैं पंगे मे तेरे साथ हूँ लेकिन मैं
फाइट नही करूँगा,,,इसलिए तो कुछ दोस्तो को साथ लेके आया हूँ,,,,
ठीक है भाई जैसे आपकी मर्ज़ी लेकिन मैं भाग कर आपके पास क्यू आ जाऊ ,,,,मुझे तो उन लोगो को
मारना है,,,,
अबे तू उनको जितना मर्ज़ी मारना लेकिन जब मैं इशारा करूँ तो जल्दी से कॉलेज के गेट की तरफ चले
जाना,,,,,,
उसने हां मे सर हिलाया ऑर डरते हुए सुरेश ऑर उसके दोस्तो एक पास जाने लगा,,,मैं समझ गया था
कि वो अकेले जाने से डर रहा है तभी मैने उसको उनलोगो की तरफ इशारा किया जो लोग ख़ान सिर के कहने
पर आए थे,,,,,उन लोगो को देख कर सुमित खुश हो गया ऑर फिर से हीरो वाले स्टाइल मे उनलोगो के करीब
जाने लगा,,,,
मैं वहाँ से काफ़ी दूर खड़ा हुआ था ताकि किसी को पता नही चले कि मैं भी इस फाइट का हिस्सा हूँ,,
जैसे ही सुमित ने पंगा शुरू किया तभी सुरेश ऑर उसके दोस्तो सुमित को पकड़ लिया ऑर मैने भी जल्दी से
उन लोगो को इशारा किया ऑर जाके सुमित एक हेल्प करने को बोला,,,
उन लोगो ने सुमित के पास जाके सुमित को सुरेश ऑर बाकी लोगो से अलग करके साइड कर दिया ऑर फिर सुरेश
ऑर उसके दोस्तो को बुरी तारह से पीटना शुरू कर दिया,,,,,ये फाइट सीन देख कर मुझे आक्षन मूवीस
की याद आ गई ,,वो लोग फाइट मे बहुत ज़्यादा एक्षपरट थे क्यूकी वो लोग पक्के गुंडे थे,,उन लोगो ने
10 मिनट मे ही सुरेश ऑर उसके दोस्तो को इतना मारा कि शायद उन लोगो के हाथ पैर टूट गये थे,,
कॉलेज मे वैसे तो ज़्यादा रश नही था लेकिन फाइट होते देख लोग इकट्ठा होने लगे तभी मैने
उन लोगो को वहाँ से भागने का इशारा किया ऑर वो लोग भाग कर कॉलेज से बाहर चले गये ,,ऑर तभी
मैने सुमित को इशारा किया ऑर वो भी भाग कर कॉलेज से बाहर की तरफ चला गया,,,,,कुछ ही देर मे
कॉलेज के टीचर्स ऑर प्रिन्सिपल वहाँ पर आ गये ऑर उन लोगो से जल्दी से पोलीस को फोन किया ऑर साथ
ही आंब्युलेन्स को,,
इतने मे मैं भी वहाँ से चलके कॉलेज से बाहर आया ऑर कॉलेज के साथ वाली गली मे चला गया जहाँ
सुमित ऑर बाकी लोग मेरा वेट कर रहे थे,,,,,
सुमित बड़ा खुश था लेकिन बाकी लोग नॉर्मल थे,,उन लोगो के लिए ये कोई बड़ी बात नही थी,,उन लोगो
का तो ये रोज का काम था,,,,,
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