RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--30
गतान्क से आगे…………………..
उफफफ्फ़ क्या चुदाई थी ..
मन करता बस पापा मुझे ऐसे ही चोद्ते रहें और मैं उनके नीचे चुद्ति रहूं ......
बाप बेटी के प्यार की चुदाई में आनंद की कोई सीमा नहीं होती ... ये आज मुझे अच्छी तरह मालूम हो गया ...
ऐसी चुदाई के बाद नींद भी बहुत अच्छी आती है...मैं पापा के सीने से चिपक कर सो गयी ... सुबह उठी तो देखा मैं अकेले ही बेड पर थी ..मेरे उपर एक पतली सी चादर रखी थी और पापा अपने अपायंट्मेंट्स में जा चूके थे ..मैने घड़ी देखी तो 10 बज चूके थे ..
मैने एक बड़ी सी अंगड़ाई लेते हुए बीस्तर छोड़ दिया और बाथरूम से फ्रेश हो कर आ गयी ..नाश्ता ऑलरेडी लगा था ...भूख भी जोरों की लगी थी ...मैं टूट पड़ी ...और उस के बाद कम्प्यूटर ऑन किया ...कल शाम और रात के भैया और मम्मी की हरकतों का ब्योरा देखने को मन मचल रहा था ..
ई-मैल था भैया का ..लगता है आज सुबह सुबह ही उन्होने मैल किया था ...भैया भी अपनी बातें शेर करने को लगता है बहुत उतावले थे ..मैने पढ़ना शुरू किया ....उफफफफ्फ़ ...लीजिए उनके ही शब्दों में सुनिए ...
भैया का ई-मैल :
दामिनी मेरी बहना रानी ..क्या बताऊं ..क्या मस्त चुदाई हुई पायल आंटी के साथ ..पायल आंटी तो मेरा लौडा छोड़ने को तैयार ही नहीं थी .बड़ी मुश्किल से वहाँ से फिर आने का वादा कर घर वापस आया .
शाम हो चुकी थी ...दिन भर मम्मी की रसीली चूत के दर्शन नहीं हुए थे ..मैं बदहाल था ...पायल आंटी से चुदाई के बाद मेरे लंड को ज़रूर कुछ राहत मिली ..पर मेरा मन मम्मी की चूत के बिना अभी भी भरा नहीं था ...क्या करूँ दामिनी ..तुम्हारी और मम्मी की चूत के बिना मैं मर जाऊँगा ....
मैं घर आते ही मम्मी से चिपक गया ..मम्मी भी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में ही थी ..पर दिन भर के आराम से फ्रेश थी ..
"मम्मी ...ऊवू मेरी रानी मम्मी ..." मैने उन से चिपकते हुए कहा ..और उनकी पैंटी के अंदर हाथ डालते हुए उनकी चूत अपने हथेली से मसल्ने लगा ...
"उफफफ्फ़ ..अभी ..दिन भर चुदाई की तुम ने पायल की ..फिर भी मन नहीं भरा तुम्हारा चूत से ..बस आते ही पीछे पड गये मेरी चूत के..? " उन्होने मेरे हाथ पैंटी से बाहर निकालने की कोशिश की...और कहा "देख जा जल्दी बाथरूम जा कर नहा ले ....आज मैं अपने दूल्हे के लिंग की पूजा करूँगी ..उस के बाद ही फिर तुम्हें चुदाई का मौका मिलेगा....."
" अरे ये पूजा पाठ कब से शुरू कर दिया आप ने मम्मी ..देखिए ना बिना पूजा के ही तो मेरा लौडा कितना कड़क है ..."
उन्होने मेरे लौडे के सामने झूकते हुए मेरे लौडे को अपने हाथों में थाम लिया और फिर उसे चूमते हुए कहा " तभी तो पूजा कर रही हूँ बेटा..इतना मस्त लंड है .किसी और चूत की नज़र ना लग जाए इसलिए मेरे राजा बेटे के लंड की नज़र उतरना है ....अब जा देर मत कर ..नहा ले और जल्दी आ जा ..मुझे भी नज़र उतारने की जल्दी है .....मेरी चूत भी तो तड़प रही है ..जा जल्दी जा .."
"आप भी ना मम्मी ..ओके बाबा ओके ..जाता हूँ.."
" और हाँ बाहर आना तो कपड़े मत पह्न ना , बिल्कुल नंगे रहना ... " उन्होने जाते जाते चिल्लाते हुए कहा .
मैं भी हैरान था ...आख़िर ये कैसी पूजा है ..लंड की नज़र उतार्नेवाली ..? जल्दी जल्दी नाहया ..लंड और उसके चारों ओर पायल आंटी की चुदाई से जो रस और वीर्य लगा था ..अच्छी तरह सॉफ कर दिया ..और थोड़े बहुत बाल थे उन्हें भी सॉफ कर लिया.....मेरा लंड बिल्कुल चीकना और सॉफ था.
जैसे मैं बाथरूम से बाहर आया , देखा मम्मी भी बिल्कुल नंगी बाहर खड़ी हैं ...सिर्फ़ कुछ गहने थे उनके बदन पर ...जो उनके बदन को ढँकने की बजाय उनके सुंदरता और सेक्स अपील को और भी बढ़ा रहा था ...कान में वोई सुहाग रात वाली बूँदें ..कमर में पतली कमर बंद ..पैरों में पायल ..हाथों में चूड़ीयाँ ..उफ़फ्फ़ ..मैं तो बस देखता ही रहा ..चूत बिल्कुल सॉफ और चीकनी ..हाथ लगाओ तो फिसल जाए ..और चूत की हल्की दरार से उनकी गुलाबी फाँक ...मेरा मन किया चूत अभी मसल मसल कर बुरी तरह चूस डालूं ...
मम्मी ने मेरी नज़रें भाँपते हुए कहा ""ह्म्म्म...कोई शरारत नहीं ..पूजा ख़त्म होने तक तुम मुझे बिल्कुल नहीं छ्छूना ...जो करना है मैं करूँगी ..वरना ये चूत तुम्हें फिर नहीं मिलने वाली ...."
और उन्होने मेरा हाथ थाम लिया और मुझे अपने बेड रूम की तरफ खींचते हुए चल पडी ....उफ्फ नंगी मम्मी मेरे साथ चल रहीं थी ..उनका चूतड़ हलचल मचा रहे थे ..चुचियाँ हिचकोले ले रहीं थी और पायल कभी कभी खनक उठती ..मैं किसी और ही दुनिया में खोया था ...मैं बिल्कुल जैसे मंत्रमुग्ध सा मम्मी के साथ साथ चल पड़ा .जैसे मुझ पर उन्होने कोई जादू कर दिया हो..
रूम के अंदर एक कोने में आमने सामने दो लकड़ी के छोटे छोटे बैठने की तीपाई रखी थी बिल्कुल पास पास , दोनों तिपाइयो के बीच एक थाली थी और दो कटोरे रखे थे...मम्मी एक तीपाई पर बैठ गयी और मुझे दूसरे वाले पर बैठने को कहा ...बैठने के बाद मैने देखा एक कटोरी में दूध था और दूसरे में चंदन का पतला लेप .
हम दोनों इतने पास थे हमारी सांस एक दूसरे से टकरा रही थी ..पैर छू रहे थे ..और मुझे सिहरन हो रही थी ..फिर मम्मी ने मुझे कहा:
" देख बेटा ये पूजा मैं तेरे और मेरे भले के लिए ही कर रहीं हूँ..एक तो तेरे लौडे पर कभी किसी भी बुरी चूत की नज़र नहीं लगेगी ..और दूसरी बात मेरी चूत और तुम्हारे लंड का आपस में ऐसा मिलन होगा ..कभी भी टूटेगा नहीं ...हमेशा के लिए दोनों एक दूसरे के हो जाएँगे ..तुम्हारे पापा के लौडे के साथ भी मेरी चूत की ये मिलन पूजा हुई है ... और आज तेरे लंड के साथ होगा ...मैं आज जैसा बोलूँगी करते रहना और मुझे बिल्कुल नहीं छूना ..."
" हाँ मम्मी ..पर मम्मी ये पूजा तो फिर मेरे लंड और दामिनी की चूत से भी करवा दो ना प्ल्ज़ .."
"हाँ बेटा कर्वाऊंगी उसे आने दो ..और उसकी चूत और पापा के लंड का भी होगा .उसके बाद हमारा कोई भी कुछ बीगाड़ नहीं सकता ..."
"चलो अब जल्दी पूजा शुरू करते हैं ...मैं फिर से बोल रही हूँ मुझे तुम छूना मत ..."
" हाँ मम्मी ..बस आप करते रहो मैं आप जो कहेंगी करता जाऊँगा "
अब उन्होने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दी ,,जिस से उनकी चूत की फाँक खूल गयी ..उफफफ्फ़ क्या मस्त चूत थी .बिल्कुल चमकीली और सॉफ ..ज़रा भी बाल नहीं ..हम दोनों घूटने उपर किए आमने सामने ऐसे बैठे थे हमारे घूटने एक दूसरे के घुटनो से छ्छू रहे थे ...उनके बदन और साँसों की खुश्बू मुझे मदहोश कर रही थी ..
उन्होने अपने बाईं हाथ से मेरे लौडे को थाम लिया और दाहिने हाथ की उंगलियों में चंदन वाली कटोरी से चंदन का लेप लगते हुए मेरे लौडे में घिसते हुए लगाने लगी ....उफ़फ्फ़ मेरा लौडा उनके उंगलियों के स्पर्श से तंन हो गया था ... मेरे लौडे की चॅम्डी खोलते हुए उन्होने मेरे सुपाडे से ले कर जड़ तक चंदन के लेप की मालिश शुरू कर दी .... मैं सिहर रहा था उनकी मालिश से ...उपर का हिस्सा पूरे लेप से ढँक गया फिर मेरे तननाए लौडे के नीचे वाले हिस्से में भी अच्छी तरह चंदन का लेप लगा दिया ..मुझे लगा अब झाड़ जाऊँगा ....पर मैने अपनी सांस रोकते हुए अपने आप को किसी तरह रोका ..
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