RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................
अंकित सामने रितिका को अचानक से खड़ा पाकर एक दम से चौक जाता है..वो कभी सामने रितिका को
देखता तो कभी अपनी मम्मी को..उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे..
तभी अंकित की मोम बोली..
अंकित मोम :- आप जानते हैं अंकित को?
रितिका :- जी हाँ...हम कल ही मिले थे....आर्नव अंकित भैया को हाई बोलो..
आर्नव :- हाई
अंकित :- हाई अर्नव..कैसे हो तुम...
अरणाव :- अच्छा हूँ....
अंकित की मोम कन्फ्यूज़्ड थी..
रितिका :- अंकित तुम्हारे हाथ की चोट अब कैसी है...अब ज़्यादा दर्द तो नही है ना..
अंकित अपने मन में...यार ये आज मेरा बॅंड बज़वाएगी..इसे मेरा घर कहाँ से मिल गया अब मेरी
माँ मुझसे सवालों की झाड़ियाँ लगा देगी...
अंकित :- ह्म्म अब ठीक है....
अंकित मोम :- मगर आप दोनो एक दूसरे को कैसे ? (उन्होने अपना कन्फ्यूषन जताते हुए पूछा)
अंकित :- मम्मी आपको मंदिर जाने के लिए लेट नही हो रहा..
अंकित मोम्स :- हाँ पर ऐसे अभी..आप अंदर आइए ना..
रितिका :- अरे नही नही..में तो बस अंकित को ये देने आई थी...आर्नव अंकित भैया को गिफ्ट दो..
आर्नव के हाथ में एक पॅक्ड गिफ्ट होता है वो आगे बढ़ा के देने लगता है..
अंकित :- अरे अरे अर्नव ये क्या कर रहे हो...ये गिफ्ट आप ही रखो मुझे नही चाहिए..
आर्नव :- ले लो ना...
रितिका :- अंकित ले लो...मेने तुम्हारे लिए ही लिया है..
अंकित :- लेकिन....में ये गिफ्ट नही रख सकता...
रितिका :- देखो..तुम्हे रखना ही पड़ेगा...में कुछ नही सुनूँगी..
अंकित अपने मन में..अंकित बेटा आज तो तेरी वॉट लग गयी समझ ले..
आँकी की मोम आख़िर अपनी कन्फ्यूषन दूर करने के लिए पूछ ही लेती है..
अंकित मोम :- अरे आप इसे क्यूँ गिफ्ट दे रही है..इसने ऐसा क्या कर दिया??
रितिका :- अरे कल अंकित ने.........(और फिर सारी कहानी बता देती है)
अंकित की मोम सब कुछ सुन के अंकित को घूर्ने लगती है..अंकित की तो बुरी तरह से फट जाती है...
फिर..
अंकित मोम :- अंकित इन्हे अंदर ले जाके..कुछ नाश्ता कर्वाओ ऐसे बाहर खड़े रहना अच्छा नही लगता
आप प्लीज़ अंदर आइए..
रितिका :- नही फिर कभी पक्का....
अंकित :- अर्नव आप तो आओगे ने मेरे घर...चॉकलेट है मेरे पास आपके लिए..
आर्नव :- हाँ...मम्मी चलो ना... मुझे चॉकलते चाहिए..
रितिका :- अरे...आर्नव..
अंकित मोम :- प्लीज़ आप आ जाइए अंदर....और में आपसे सॉरी बोलती हूँ..मुझे अभी लेट हो रहा
है..मुझे जाना होगा...प्लीज़ डोंट माइंड ना..
रितिका :- नो इट्स ओके.....
अंकित मोम :- अंकित ध्यान रखना..
अंकित :- जी मम्मी... (उसको तो विश्वास नही हो रहा था कि डाँट पड़ने की वजाय ये हो रहा है उसके साथ)
वो रितिका और अर्नव को अंदर ले जाता है......अब उसे शांति मिलती है...
अंदर बिठाने के बाद वो बहादुर को आवाज़ लगाता है पानी के लिए.....अब वो टेन्षन फ्री था
इसलिए अब उसने ध्यान से देखा रितिका को....
रितिका ने एक लाइट पर्पल कलर की साड़ी पहन रखी थी....वाहह क्या ग़ज़ब की लग रही थी साड़ी में..
इतनी फॅशनबल तरीके से उसने उसका ब्लाउस और साड़ी पहन रखी थी कि किसी आक्ट्रेस से कम नही लग रही थी..
बाल खुले हुए..लंबे लंबे...चेहरे पे हल्का सा मेकप..जिसकी वजह से चेहरा ऐसा खिला हुआ
था..कि बस अगर कोई देख ले ढंग से तो देखता ही रहे...देखता ही रहे....
कितना सुंदर बनाया है इसे उपर वाले ने पूरी फ़ुर्सत से....तभी में इसे पहचान ही नही
पाया जब इसे देखा तो..कल और आज में तो बहुत ही फ़र्क लग रहा है....
(अंकित अपने मन में सोचता है)
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