RE: Chodan Kahani चंचल चूत
मैं ने धीरे धीरे से अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाना शुरू किया. पहले तो उसका ध्यान मेरे लंड पे नही गया पर जल्दी ही उसको महसूस हो गया के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पास है और उसको मेरे हाथ का टच भी फील हुआ तो ऑटोमॅटिकली उस ने अपने टाँगें और फैला दी. ऐसा लगा के जैसे चूत और लंड मे कोई सीक्रेट कनेक्षन हो और लंड के स्वागत मे चूत रेडी हो. मैं थोड़ा सा और आगे खिसक गया तो वो भी अपने चूतदों को थोड़ा सा उठा के अपने आप को मेरी गोदी मे अड्जस्ट कर लिया ऐसे के मेरा लंड उसकी चूत के सामने और दोनो टाँगों के बीच मे हो गया. अब मेरा ध्यान उसको कार सिखाने मे कम और चोदने मे ज़ियादा हो गया. पर डर भी लग रहा था के अभी वो इतनी छोटी है अगर कुछ हो गया तो बोहोत मुश्किल हो जाएगी पर क्या करू आकड़ा हुआ लंड और बेचैन दिल दोनो मचल रहे थे.
चंचल ने अपना एक हाथ स्टियरिंग से हटा के अपनी जाँघ पे लगाया तो उसे मेरे लंड का सूपड़ा हाथ लगा. उसने पूछा राजा यह क्या है. मैं कुछ नही बोला और चुप रहा तो वो शरारत से हास पड़ी और मेरे लंड के सूपदे को दबा दिया. मैं समझ गया के अब मैं कुछ और खेल खेल सकता हू तो मैं ने अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाते घुमाते उसके चूत पे लगा दिया. मेरा हाथ लगते ही तुरंत उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई तभी उसने अपनी टाँगों को और खोल दिया ताके मैं उसकी चूत की मालिश अछी तरह से कर साकु. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. मैं उसकी चूत की मालिश कर रहा था और एक हाथ उसके ब्लाउस मे डाल के उसकी मस्त चुचिओ को पकड़ लिया. हाई क्या वंडरफुल चुचियाँ थी उसकी. बहेर से देखने मे उतनी बड़ी नही लगती थी उसकी चुचियाँ मगर अंदर हाथ डाल के जब पकड़ा तो पता चला के चुचियाँ और उसका कंप्लीट एरिया मिला के तो वो मेरे हाथ मे भर गई थी. वाउ. इतनी लव्ली चुचियाँ बोहोत सख़्त जैसे कोई छोटा सा कच्चा आम हो. बड़ा आनंद आ
रहा था उसकी चुचियाँ दबाने मे.वो भी मज़े ले रही थी आँखें बंद कर के.
दोनो की साँसें गहरी हो गई थी. उसका हाथ मेरे लंड पे था और मेरी उंगली उसकी चूत की मसाज कर रही थी कभी उसकी चूत के दाने का मसाज तो कभी चूत के अंदर लिप्स का.
मैं ने कार को सड़क से नीचे उतार लिया और बड़े बड़े पेड़ों (ट्रीस) की आड़ मे रोक दिया.
शाम ज़ियादा हो गई थी और हल्की हल्की डार्कनेस होने लगी थी.
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