RE: Chodan Kahani चंचल चूत
कोमल भी फ्रेश हो के आ गई थी मैं भी अपने रूम मे जा के फ्रेश हो गया और टेबल पा आ गया. सब ने चाइ पी साथ मे फिर मैं ने कोमल से कहा के सेठ साहेब ने कहा है के चंचल को स्टियरिंग संभालना ही सिखा दू पहले. कोमल ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है जाओ मैं क्या कह सकती हू यह है ना अपने पापा की लाडली मना लिया होगा अपने पापा को.
शाम का समय था, मौसम थोड़ा सा अछा हो गया था. दोपेहेर जितनी गर्मी नही थी और हल्की हल्की सी ठंडी हवा भी चल रही थी. मैं बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहेन के आया चंचल एज यूषुयल अपने मस्ताने ड्रेस मे थी वोही छोटा सा स्कर्ट और ब्लाउस टाइप का टॉप.
मैं और चंचल दोनो कार मे थे और कार को टाउन से बहेर निकल के एक गाओं को जाने वाली छोटी रोड पे टर्न कर लिया जहा कोई कार या ट्रक नही चलते थे. सुनसान सी सड़क थी. वाहा से हार्ड्ली को कार गुज़र जाती. अपने टाउन से जब लग भग 4 - 5 किलोमेटेर बहेर निकल गये तो मैं ने चंचल से कहा के मेरे नज़दीक आ जाओ और ट्राइ करो. वो मेरे पास खिसक के आ गई. मारुति मे बकेट टाइप सीट्स होने की वजह से उसे क्रॉस हो के बैठना पड़ रहा था तो मैं ने कार के बूट मे से एक कुशन निकाल लिया जिसको दोनो सीट्स के बीच मे रख के बैठने की जगह बना ली.
अब चंचल मेरे बोहोत करीब बैठी थी और मैं भी और थोड़ा सा कार के डोर की तरफ खिसक गया ता क उसको अछी ग्रिप मिल जाए. पर उसके लिए फिर भी मुश्किल हो रही थी तो उसने कहा के राजा मुझे अपने गोदी मे बिठा लो ना. इस तरह से मैं स्ट्रेट बैठ सकुगी और रोड भी क्लियर नज़र आएगी. मैं उसके प्रपोज़ल को सुन के दंग रह गया और कुछ नही बोला तो शाएद उसने समझा के मैं उसकी बात से सहमत हू तो वो अपनी एक टांग मेरे ऊपेर से डाल के दूसरी तरफ कर के मेरी गोदी मे बैठ गई. उसके बैठ ते ही मेरे बदन मे जैसे करेंट लगा और करेंट डाइरेक्ट लंड मे घुसा और लंड मे हल चल शुरूहो गई.
कार बोहोत धीमी गति से चल रही थी. चंचल को भी अछी पोज़िशन मिल गई थी और वो मेरी गोदी मे ईज़ी बैठी थी.
वो तो ईज़ी बैठी थी पर मेरे लंड का बुरा हाल था. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स के अंदर अकड़ गया था; पता नही चंचल को महसूस हो रहा था या उसका ध्यान रोड और स्टियरिंग पे था. मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी. दिल चाह रहा था के कार रोक के चंचल को बॅक सीट पे लिटा के को खूब चोदु चोद्ते चोद्ते उसकी छोटी सी चूत को फाड़ डालु.
मेरे हाथ उसके हाथ के ऊपेर थे और उसके चुचिओ को भी थोड़ा थोड़ा टच कर रहे थे. मैं कभी कभी अपने हाथ स्टियरिंग से हटा लेता ता के वो खुद भी कंट्रोल कर सके. ऐसे समय मे मैं अपने हाथ उसके थाइस पे रख लेता था. अफ क्या बताऊं कितने चिकने मक्खन जैसे थाइस है उसके. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. आज पहली बार उसके थाइस को हाथ लगाने का मौका मिला था और हाथ लगते ही मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया. शॉर्ट्स के अंदर मचलने लगा और लंड का सूपड़ा शॉर्ट्स के सामने से बहेर निकल पड़ा और नेकेड सूपड़ा भी उसकी चूत के करीब ही थाइस के पोर्षन मे टच करने लगा.
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