Antarvasna kahani रिसेशन की मार
07-10-2018, 12:43 PM,
#29
RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार
रिसेशन की मार पार्ट--28

गतान्क से आगे..........

अभी पूरी तरह से बेल बजाई भी नही थी के डोर खुल गया ऐसा लगता था जैसे सबिहा दूर के हॅंडल पकड़ के मेरा वेट कर रही हो.

ब्यूटिफुल & सेक्सी सबिहा नंगी ही मेरा वेट कर रही थी.

मैं अंदर जाते ही मेरे से लिपट गयी और पूछी क्या हुआ जॉब का तो मैं ने बोला के हा सबिहा तुमने जो ड्रेसिंग की थी वो एक दम से पर्फेक्ट थी और बॅस मुझे जॉब मिल गयी तो उसने पूछा के ऐसे ही मिल गयी या कुछ देना दिलाना भी पड़ा तो मैं ने बोला के हा देना पड़ा तो उसने पूछा कितना पैसा दिया तो मैं ने बोला के अरे कोई पैसा वैसा नही और उसका एक हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रखा और दूसरा अपनी गंद पे रख के बोला के बॅस यही दो चीज़ें देना पड़ी तो वो हंस पड़ी और मेरे से कुछ ज़ोर से लिपट गयी और प्यार करने लगी. सबिहा ने आते ही एरकॉनडिशन खोल दिया था इसी लिए अब उसका बुटीक कम ब्यूटी पार्लर ठंडा होने लगा था. ऐसे ही लिपटे लिपटे हम एक दूसरे को किस करने लगे. किस कुछ ज़ियादा ही पॅशनेट होने लगा.

हम दोनो पॅशनेट किस करने लगे और बूब्स दबाने लगे

देखते ही देखते हम दोनो एक दूसरे के कपड़े बड़ी बेसब्री से उतरने लगे और एक ही मिनिट के अंदर हम दोनो नंगे हो गये थे. सबिहा ने मुझे पास पड़ी उस बेंच पे लिटा दिया जिसपे वो लड़कियो के झांट निकालने के टाइम पे क्रीम लगा के लिटा देती थी. यह एक लो हाइट वाली मसाज बेंच थी बिल्कुल वैसे ही

जैसे स्कूल बेंच होती है बॅस डिफ़्फेरेसएन सिर्फ़ इतना ही था के इस पे एक मामूली थिकनेस का मॅट्रेस था. मुझे पुश कर के मुझे लिटा दिया और खुद नीचे बैठ गयी और मेरे दोनो पैरो को अपने शोल्डर्स पे रख लिया और जैसे ही मेरी चूत पे नज़र पड़ी उसने बड़ी हैरत से पूछा अरे मिस यह क्या हुआ तो मैं ने बोला के इसी की वजह से तो मुझे जॉब मिली है और एमडी का लंड कोई मामूली लंड नही उसका लंड किसी हाथी के लंड जैसा है और लोहे जैसा सख़्त भी है और उसका लंड सॉफ्ट भी नही होता तो वो हैरत से देखने लगी और बोली के इतनी प्यारी चूत को चोद चोद के बर्बाद कर डाला तुम्हारे एमडी ने, साला आदमी है या जानवर. कोई ऐसे चोदता है क्या तो मैं ने बोला के हा मेरी चूत और गंद दोनो अभी तक दुख रहे है तो उसने बड़े प्यार से मेरी चूत पे हाथ फेरा और बोली के इतनी प्यारी चूत का एक ही दिन के अंदर साले के लंड ने भोसड़ा बना डाला और फिर मेरी चूत को चूमने लगी और देखते ही देखते इतनी बे सबरी से चाटने लगी जैसे के थोड़ी देर हो जाएगी तो शाएद उसको मेरी चूत चाटने को नही मिलेगी.

सबिहा मेरी चूत को बे सबरी से चाटने लगी

मैं उसकी टंग अपनी चूत के अंदर महसूस करते ही झड़ने लगी और अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को उसके मूह से रगार्डने लगी. सबिहा चूत चाटने मे बोहोत ही एक्सपर्ट लग रही थी बड़े ही मस्त स्टाइल मे चाट रही थी. मेर मूह से निकला आआआआहह सस्स्स्स्स्साआआआब्ब्ब्बबबीईईई हहाआआआअ म्‍म्म्मममीईईईईईईईईई गगगगगगगगगाआआआआईयईईईईईईईई न्न्न्न्नीईईईईक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआआआअ म्‍म्म्ममममममीईईईरर्र्र्ररराआआआअ और फिर मैं ऐसे झड़ी के झड़ती

ही चली जा रही थी मेरी चूत से गरम गरम जूस ऐसे बह रहा था जैसे किसी ने नल खोल दिया हो. मैं सबिहा से बोहोत ज़ोर से लिपट गयी.

सबिहा की छोटी सी चिकनी चिकनी टेस्टी टेस्टी यम्मी यम्मी बेबी चूत

थोड़ी देर मे, मैं ने बोला के सबिहा डार्लिंग मुझे भी तो अपनी चूत का टेस्ट कर्वाओ तो वो अपनी जगह से उठी और मेरे मूह के दोनो तरह पैर डाल के मेरे ऊपेर झुक गया और उसके पैर नीचे फ़राश पे थे और मेरे पैर भी फ़राश पे ही थे. सबिहा की चूत बोहोत ही मस्त थी. बे इंतेहा चिकनी बिल्कुल बेबी चूत जैसे किसी 10 – 11 साल की लड़की की चूत होती है. उसकी चूत देख के मैं ने सोचा के कितनी प्यारी चूत है और ऐसी चूत के अंदर अगर एमडी का लंड घुस जाएगा तो क्या होगा यह सोचती रही और उसकी चूत को चाट ती रही. उसकी चूत से एक बड़ी मस्त स्मेल आ रही थी. . थोड़ी ही देर मे सबिहा इतनी मस्त हो गयी के मेरे मूह पे अपनी चूत को पटक पटक के मारने लगी और झड़ने से पहले मेरे मूह को अपनी चूत से बोहोत ही ज़ोर से दबा दिया और मेरे दांतो से अपनी क्लाइटॉरिस को रगड़ने लगी और उसका बदन पहले तो टाइट हो गया फिर काँपने लगा और वो मेरे मूह मैं ही झड़ने लगी.

सबिहा अपनी चूत मेरे मूह पे पटक ते पटक ते झाड़ गयी

झड़ने के बाद भी वो मेरे ऊपेर लंबी लंबी साँसें लेती हुई लेटी रही. फिर मेरी चूत को चाटना शुरू किया. थोड़ी देर के बाद हम दोनो बेंच से उठ गये और नीचे पड़े एक पतले से मॅट्रेस पे लेट गये. दोनो एक दूसरे को टंग सकिंग किस करने लगे और फिर कभी मैं उसके बूब्स को चूस्ति तो कभी वो मेरे बूब्स को चूस्ति ऐसे ही मस्तिया करते रहे. फिर सबिहा मुझे नीचे लिटा के मेरे ऊपेर ऐसे चढ़ गयी जैसे मुझे चोद रही हो. मेरी दोनो टाँगो को फैला दिया और बीचे मे मेरी चूत से अपनी चूत को सटा दिया और रगड़ने लगी और बिल्कुल ऐसे ही चोदने लगी जैसे वो सच मे एक मर्द हो और मुझे चोद रहा हो. बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे करवट लिटा दिया और मेरा एक पैर उठा के पकड़ लिया और मेरे पैरो के बीच मे ऐसे स्टाइल से बैठ गयी के मेरा एक पैर लंबा था और दूसरे पैर को उसने अपने हाथो से पकड़ के उठाया हुआ था और खुद मेरी दोनो थाइस के बीचे मे बैठ गयी और मेरी चूत से अपनी चूत को मिला के रगड़ने लगी यह पोज़िशन ऐसे ही थी जैसे कोई मर्द लड़की की एक टांग उठा के चोद्ता है.

सबिहा की और मेरी चूत रगड़ने लगी

हम दोनो की चूते बोहोत ही गीली हो चुकी थी और हमारी चूतो से कितना जूस निकला हमे ही पता नही. सबिहा की चूत जब मेरी चूत से लगी तो एक अनोखा मज़ा आने लगा और मैं बोलने लगी के आआहह सस्स्साआबब्बीहहाअ आऐईइसस्सीए हहिि कक्चहूऊददडूव हाईए र्र्रररीईए ब्बबाद्ददडाअ म्‍म्माआज़्ज़्ज़ाआ हाअईए आआऐईईई ज़्ज़्ज़ूओररर सस्स्सीईए और सबिहा मेरी चूत को अपनी चूत से चोदती रही कमरे मे दोनो की चूतो के टकराने की पच पच की और हमारी गहरी गहरी सांसो की आवाज़ें आने लगी. हम दोनो एक दूसरे के बूब्स को मसल रहे थे और चूत से चूत टकराने के मज़े ले रहे थे. ऐसा लगता था जैसे सबिहा की चूत मेरी चूत के अंदर तक चली जाएगी और फिर हम दोनो अपनी मज़े की सीमा पार कर चुके थे दोनो की आँखें बंद हो चुकी थी और दोनो के मूह से आआआहह और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊहह जैसी आवाज़ें निकल ने लगी और हम दोनो ही इतनी ज़ोर से काँपने लगे जैसे बोहोत ज़ियादा ठंड लग रही हो और फिर हम दोनो ने एक दूसरे की टाँगो को मज़बूती से पकड़ रखा था और दोनो ने एक दूसरे की चूत को बोहोत ही ज़ोर से दबा दिया और ऐसी पोज़िशन मे हमारी क्लाइटॉरिस एक दूसरे की क्लाइटॉरिस से रगड़ने लगी और हम दोनो ही बोहोत ज़ोर से झड़ने लगे और हमारी चूत से इतना बोहोत जूस निकला जितने चुदाई के टाइम पे भी नही निकलता था. मुझे यह लेज़्बीयन एक्सपीरियेन्स बोहोत ही अछा लगा.

जब हमारा जूस बोहोत टाइम निकल गया तो हम थोड़ी देर ऐसे ही लेट गये और फिर सबिहा ने पूछा के एमडी का लंड कैसा था और उसने कैसे चोदा तो मैने ने उसको भी अपनी पूरी दास्तान सुना दी तो वो हैरत से सुनती रही. मैं ने बोला के अभी तक बोहोत दुख रहा है तो उसने बोला के कोई बात नही मिस तो मैं ने बोला के सबिहा प्लीज़ अब मुझे मिस नही बोलना मेरा नाम स्नेहा है और आज से हम और तुम दोनो फ्रेंड्स है और फ्रेंडशिप मे कोई टाइटल्स नही होते इसी लिए अब तुम मुझे स्नेहा ही बोला करो तो उसने बोला के ऑलराइट स्नेहा. सबिहा अपनी जगह से उठी और एक प्लास्टिक के टब मे गरम पानी डाला और उसमे कुछ केमिकल्स और मेडिसिन्स डाल के मुझे बोला के इसके अंदर बैठ जाओ. यह टब इतना बड़ा था के मैं उसके अंदर अछी तरह से बैठ सकी. गरम पानी और मेडिसिन से मेरी चूत को आराम मिलने लगा. इतनी देर तक सबिहा मेरे सामने खड़ी हो गयी और मैं उसकी चूत को चाटने लगी. उसकी चूत बोहोत ही प्यारी थी. ढूँदने पर भी एक बॉल भी नही दिखाई दे रहा था. शाएद लेज़र ट्रीटमेंट करा था उसने. मैं उसकी गंद को पकड़ के अपनी ओर खेच रही थी और वो इतनी मस्त हो गयी थी के अपनी गंद को आगे पीछे कर के मेरे मूह को चोद रही थी. उसने मेरे सर को पकड़ रखा था और फिर फाइनली उसकी आँखें बंद हो गयी और मेरे मूह मे अपनी चूत को दबा के पकड़ लिया और मेरे मूह मे ही झड़ने लगी. इतनी देर मे मेरी चूत को पूरा आराम मिल चुका था और मेरी चूत अब नॉर्मल हालत मे वापस आ चुकी थी. फिर हम ने ऐसे ही मस्तिया की. यह एक्सपीरियेन्स मेरे लिए बहुत ही मस्त था और मुझे बोहोत ही मज़ा आया. ऐसे लेज़्बीयन आक्षन का अपना एक और ही मज़ा है इसी लिए मैं सोचने लगी के लेज़्बीयन लड़कियाँ क्यों किसी मर्द से नही चुदवाती क्यों के इस्मै एक अलग ही मज़ा है और एक अलग ही टाइप का सॅटिस्फॅक्षन है. रात के 9 बज चुके थे तो सबिहा ने बोला के चलो डिन्नर करते है. हम बाहर निकले और करीब के रेस्टोरेंट मे डिन्नर लिया और फिर बाद मैं मिलने का वादा कर के हम दोनो अपने अपने घर चले गये.

मैं रात मे अपने कमरे मे वापस आई और सबिहा के साथ गुज़ारे हुए टाइम को सोच के मेरे मूह पे एक मुस्कुराहट आ गयी और मैं अपनी चूत का मसाज करने लगी और सिर्फ़ क्लाइटॉरिस का मसाज करते करते ही झाड़ गयी और गहरी नींद सो गयी.

सबिहा को याद कर के अपनी चूत का मसाज कर के सो गयी

सुबह को 8 बजे आँख खुली. आज मंडे था मैं ने सोचा था के ऑफीस जाउन्गी और कांट्रॅक्ट पेपर्स डीके को सब्मिट करके जॉब स्टार्ट कर दूँगी. नाश्ता किया और कपड़े चेंज कर के मैं ऑफीस पोहोच गयी. एज यूषुयल ममता वही अपनी टेबल पे बैठी थी मुझे देखते ही मुस्कुरा पड़ी और पूछा क्या हुआ मेडम तो मैं ने खुशी से बोला के मुझे जॉब मिल गयी है ममता तो उसने कंग्रॅजुलेशन्स मेडम बोला तो मैं ने बोला के हम दोनो अब कॉलीग्स है कोई मेडम वाडम नही मेरा नाम स्नेहा है और तुम मुझे स्नेहा ही कहोगी तो उसने मुस्कुरा के मेरा हाथ अपने हाथो मे ले के दबा दिया और कंग्रॅजुलेशन्स स्नेहा बोला तो मैं ने भी उसके हाथ को अपने हाथो मे पकड़ के दबा दिया. फिर उसने पूछा कैसा रहा इंटरव्यू स्नेहा तो मैं ने बोला के हा ठीक ही रहा तो उसने कुछ शरारत से पूछा कुछ ऐसा वैसा तो नही हुआ ना आपका इंटरव्यू तो मैं ने बोला के देखो ममता आज कल के दीनो मे जॉब मिलना बोहोत ही मुश्किल होता है और हर आदमी की एक प्राइवेट लाइफ भी तो होती ना जिसे वो अपने घर वालो से छुपाता है इसी तरह से मैं ने भी अपनी एक प्राइवेट लाइफ बना ली है और मैं ने जॉब के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया और अपना सब कुछ डीके को दे दिया और जॉब ले लिया. किसी को क्या पता चलेगा के कोई किसी की प्राइवेट लाइफ मे क्यों इंटर्फियर करेगा जॉब तो जॉब होती है ना इसी तरह से मेरे हज़्बेंड को भी पता है के मैं अपना घर अपना शहेर छोड़ के दूसरे शहेर मे काम कर रही हू और एक इनडिपेंडेंट लाइफ गुज़ार रही हू. मेरे हज़्बेंड का रिसेशन मे बोहोत ही लॉस हुआ है अब उसको कोवेरूप करने का एक ही तरीका था के मैं जॉब

करू और मुझे यह जॉब को हासिल करना ही था इसी लिए मैं ने अपना सब कुछ दे दिया और कभी टाइम मिलेगा तो मैं अपने हज़्बेंड से भी बता दूँगी के मैं ने जॉब के लिए और एस्पेशली उसकी यानी मेरे हज़्बेंड की कितनी बड़ी मदद की है नही तो हमारा सब कुछ ख़तम हो चुका था रहा सहा एक घर ही था अगर वो भी हाथ से चला जाता तो हम कही के ना रहते. आइ आम शुवर के वो भी मेरी बात को समझ जाएगा और मेरे साथ कॉंप्रमाइज़ कर लेगा. आफ्टर ऑल उसके लिए ही तो मैं यह सब कुछ कर रही हू. उसके लिए मैं ने अपने आपको डीके के हाथो बेच दिया. इतने बेहतरीन और फर्स्ट क्लास पेयिंग जॉब को मैं कैसे छोड़ सकती थी तुम खुद ही बोलो. ममता ने बोला के हा तुम ठीक कहती हो स्नेहा हर किसी को अपनी प्राइवेट लाइफ जीना का पूरा अधिकार है और मेरे ख़याल से अगर इतने आछे जॉब के लिए और अपने हज़्बेंड के लिए अपनी जवानी को दाव पर लगा रही हो तो उसको भी सोचना चाहिए के उसको बर्बादी से बचाने के लिए अगर तुम यह सब नही करती तो आज शाएद वो रोड पे होता. ममता को फिर मैं ने अपने कॉन्फिडेन्स मे ले के अपने और डीके के बारे

मैने बता दिया के उसने कैसे मुझे दोपहर से ले के रात तक कंटिन्यू चोदा और गंद मार के मेरी हालत बुरी कर दी. ममता ने कहा के हा मुझे पता है डीके को चोदने का बोहोत शौक है पर पता नही क्या बात है कोई लड़की उसके पास ज़ियादा दीनो तक नही रह पाती तो मैं ने बोला के तुमको पता है उसका लंड कैसा है तो उसने बोला के नही तो मैं ने पूछा हाथी का लंड देखा है तो वो हसणे लगी तो मैं ने बोला के सच ममता उसका लंड किसी हाथी के लंड से छोटा नही है शाएद इसी लिए लड़कियाँ उसके लंड को झेल नही पाती होगी इसी लिए शाएद ज़ियादा दीनो तक उसके साथ नही रह पाती होगी पर मेरी मजबूरी थी क्या करू बॅस चुदवा लिया और मैं उसके लंड की दीवानी हो गयी हू. ममता मेरी बतो को मूह खोले हैरत से सुन रही थी. फिर उसने बोला के चलो स्नेहा ठीक है क्या करना है यार तुम्है जॉब चाहिए और डीके को चूत बॅस वो तुम्हारी ज़रूरत पूरी करेगा तुम उसकी ज़रूरत पूरी करना. मैं ने पूछा के तुमने नही ट्राइ किया यह जॉब तो उसने बोला के नही स्नेहा मेरी क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियेन्स अकाउंट्स की नही है इसी लिए और फिर मुस्कुराते हुए बोली के उसके हाथी लंड से तो मर ही गयी होती और फिर हम दोनो मिल कर हसणे लगे. उसने बोला के डीके तो अभी और 30 मिनिट्स मे आएगे. इतनी देर मे बॉय कॉफी रख के चला गया तो हम दोनो कॉफी पीने लगे.

कॉफी पीने के बाद हम इधर उधर की बातें कर रहे थे. थोड़ी देर मे ममता की टेबल का बज़्ज़र बजा तो ममता ने कहा के मिस स्नेहा ईज़ हियर हर सर तो स्पीकर पे डीके की आवाज़ आई के सेंड हेर इन प्लीज़ तो ममता ने ओके सर बोला और मुझे हाथ से इशारा किया और आँख मारके थंप्स अप का निशान बनाया तो मैं भी मुस्कुराती डीके के रूम के अंदर चली गयी. मुझे देखते ही डीके अपनी चेर से उठा और मुझे अपनी बाँहो मे ले के चूमने लगा और मुझ

से ज़ोर से लिपट गया. मैं तो जैसे पागल ही हो गयी थी. मैं ने भी उसको बोहोत कस्स के पकड़ लिया और हम टंग सकिंग किस करने लगे और एक ही मिनिट के अंदर हम दोनो ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये. डीके ने मुझे मेरी बगल से पकड़ के उठाया और टेबल पे बिठा दिया और खुद नीचे बैठ के मेरी चूत को चाटने लगा तो मेरा हाथ भी उसके सर पे आ गया और मैं उसके सर को अपनी चूत के अंदर दबाने लगी और मस्ती मे ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. सबिहा की टंग बोहोत ही सॉफ्ट थी उसके चाटने मे और डीके के चाटने मे थोड़ा फरक था. डीके की टंग थोड़ी रफ थी और इसका मज़ा भी कुछ ही था. मैं डीके का सर पकड़ कर उसके मूह को चोदती रही और मेरी आन्खै मस्ती मे बंद हो गयी थी और आआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स द्द्द्द्द्द्द्द्दददकककककककक म्‍म्माआईयईईईई गगगगगगगगाआआऐययईईईईईईई ह्ह्ह्ह्हाआआ सस्स्स्स्स्स्सस्स और फिर एक मिनिट के अंदर मेरा बदन अकड़ने लगा और मैं डीके के मूह मे झड़ने लगी.

डीके फॉरन अपनी जगह से उठे और मेरी गीली चूत के सुराख मे अपने मूसल लंड को रखा. मुझे उनके लंड के मोटे सूपदे को देख के एक बार फिर से डर लगने लगा. आज उनका लंड कुछ ज़ियादा ही ख़तरनाक लग रहा था. एक तरफ तो ऐसे शानदार लंड से चुदवाने की ख्वाहिश और दूसरी तरफ चूत के फटने कद डर दोनो एक साथ ही होने लगे थे. पर चुदाई का शौक डर और तकलीफ़ पे हावी हो गया और मैं चुदासी हो गयी. मैं ने अपनी टाँगें डीके की कमर मे लपेट ली और उनके चूतदो को अपने हाथो से पकड़ के अपनी ओर खेचा. मेरी गंद टेबल के बिल्कुल कॉर्नर मे थी और डीके के मूसल का मोटा चमकदार सूपड़ा जिस मे से खूब बोहोत प्री कम निकल रहा था मेरी चूत के सुराख के सामने था. उनको अपनी ओर खेचने से लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे घुस गया, सिर्फ़ सूपदे से ही मेरी चूत का सुराख भर गया और मेरे सारे बदन मे एक झुरजुरी सी आ गयी और चूत चुदने को मचलने लगी. डीके झुक के मेरी चुचिओ को चूसने लगे और दोनो हाथो से मेरे चूतदो को मसल्ने लगे. मैं चुदने को ऐसी दीवानी हो रही थी के अपनी गंद को खुद ही आगे कर के उनके लौदे को चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी. डीके धीरे धीरे से आगे पीछे हो के अपने लंड के सूपदे को मेरी गीली चूत के सुराख के अंदर बाहर करने लगे. मेरा बॅस नही चल रहा था के उनके लंड को अपनी चूत के अंदर डाल दू और वो मुझे धना धन चोद चोद के एक बार फिर से मेरी चूत का भरता बना दे. जैसा के मैं पहले ही बता चुकी हू के मेरे बूब्स और एस्पेशली निपल्स बोहोत ही सेन्सिटिव है और उनके चूसने से मेरे तन बदन मे वासना की आग सुलग उठी और मैं टेबल से उठ उठ के उनके लंड को अपनी चूत के अंदर लेने को मचलने लगी.

क्रमशः......................
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RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार - by sexstories - 07-10-2018, 12:43 PM

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