Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
07-10-2018, 12:34 PM,
#11
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
सुबह जब आँख खुली तो देखा कि जय मेरी बगल में नंग-धड़ंग सो रहा है और मैं भी बिल्कुल नंगी हूँ।

पहले तो मैं चौंक गई फिर बाद में बीती रात की सारी घटना याद आई और मैं एक बार के लिए शरमा गई।

फिर मैंने गौर से जय को देखा, सुबह होने पर भी उसका लंड फिर से खड़ा हो कर हवा में झूम रहा है। उस समय जय के लौड़े का सुपारा पूरी तरह से खुला हुआ था और बिल्कुल टमाटर की तरह लाल था।

मैं जय के लंड का ऐसा मस्त नज़ारा देख कर अपने आप को रोक नहीं पाई और बैठ कर उस लंड को अपने हाथों से पकड़ अपने मुँह से आगे लगा लिया।

मुँह से लगते ही जय का लंड और भी अकड़ गया।

मुझे जय के लंड से अपनी चूत की महक आ रही थी।

मैंने जय का लंड अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगी।

जय की आँख खुल गई और उसने अपने हाथों से मुझे जकड़ लिया और मुझे अपने ऊपर खींच कर मुझे बेतहाशा चूमने लगा।

थोड़ी देर चूमने के बाद जय ने मेरी नंगी चूचों से खेलने लगा और उन्हें चूसने लगा।

फिर जय ने मुझसे बोला- रानी, मुझे तुम्हारा नींद से जगाने का यह अंदाज़ बहुत पसंद आया। चलो अब हम तुम अब 69 की पोजीशन में एक-दूसरे के चूत और लंड चूसते हैं।

मैं झट बिस्तर पर फिर से लेट गई और जय उठ कर मेरे पैरों की तरफ अपना सर करके लेट गया। पहले जय मेरी चूत से थोड़ा खेला और फिर ऊपर चढ़ करके मेरी चूत चाटने लगा।

मैं भी जय का लंड अपने हाथों से पकड़ कर चूसने लगी।

थोड़ी देर तक मैं और जय एक-दूसरे का लंड और चूत चाटते और चूसते रहे। फिर वो मेरे ऊपर से उठ गया और मुझे अपने पेट के बल लेटने के लिए बोला।

मैंने फ़ौरन जय से पूछा- क्यों? सुबह सुबह अपने दोस्त की बीवी की गाण्ड मारने का इरादा है क्या?

जय तब अपने हाथों से मुझे उल्टी लिटाते हुए बोला- नहीं, अभी मैं तुमको कुतिया बना कर पीछे से चोदूँगा और तुम एक कुतिया की तरह अपनी गान्ड हिला-हिला कर मेरा लंड अपनी चूत में पीछे से पिलवाओगी।

मैं तब बिस्तर पर अपने चार हाथ और पैरों के सहारे कुतिया की तरह हो गई और जय झट से उठ कर मेरे पीछे बैठ गया और पीछे से मेरे चूतड़ों को चाटने लगा और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत भी चाटना और चूसना शुरू कर दिया।

तब जय ने मुझसे बोला- क्यों मेरी चुदक्कड़ डॉली रानी, तुम्हें अपनी गान्ड मरवाने की बहुत जल्दी पड़ी हुई है। अभी तो मैं तेरी चूत की चोद-चोद करके उसको चौड़ी करूँगा और फिर नाश्ता करने के बाद तेरी गान्ड में अपना लंड घुसेड़ कर तेरी गान्ड का छेद चौड़ा करूँगा।

जय की बातों को सुन कर मैं जय से बोली- मेरी चूत और गान्ड की बातों को छोड़, तुम अपनी बीवी की चूत और गान्ड की चिंता करो जय… मेरे महा चोदू पति ने अब तक तुम्हारी बीवी की चूत और गान्ड चोद-चोद कर उसके दोनों छेद चौड़े कर दिए होंगे। तुम्हें शायद नहीं मालूम कि राज को औरतों की गान्ड मारने का बहुत शौक है और अब तक वो अपने लंड कम से दो-तीन बार ललिता की गान्ड में डाल चुका होगा।

जय मेरी बातों को सुन कर बोला- कोई बात नहीं, राज अगर ललिता की चूत और गाण्ड की छेद चौड़े कर रहा है तो मैं भी तुम्हारी चूत और गाण्ड की छेद बड़े कर दूँगा।

फिर थोड़ी देर के बाद जय ने मेरे पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत से सटा कर एक हल्का सा धक्का मारा और उसका सुपारा मेरी चूत में समा गया।

मैंने भी अपने बिस्तर की चादर को पकड़ कर अपनी कमर को पीछे की तरफ धकेला और जय का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।

अब जय ने मेरी कमर को पकड़ कर अपना कमर चला करके मुझे चोदना शुरू कर दिया। इस आसन में जय का लौड़ा मेरी चूत की बहुत गहराई तक पहुँच रहा था और मुझे भी मज़ा मिल रहा था।

जय ने तब अपने दोनों हाथों को नीचे से बढ़ा कर मेरे दोनों रसीले पके आमों को, जो हवा में झूल रहे थे, पकड़ लिया और मसलने लगा।

थोड़ी देर तक मेरी चूचियों से खेलने के बाद जय मेरी चूत की घुंडी से खेलने लगा और इसी तरह से वो मुझे चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद जय ने चूत में अपना लंड का पानी छोड़ दिया और मेरी चूत को भर दिया।

मैं भी जय के साथ-साथ झड़ गई और बिस्तर पर औंधे लेट कर सुस्ताने लगी। जय भी मेरी पीठ पर पड़ा-पड़ा सुसताने लगा।

थोड़ी देर सुसताने के बाद जय मेरे ऊपर से हट गया और मैं भी तब पलंग पर उठकर अपनी चूत को पहले चादर से पोंछा और फिर बाथरूम चली गई।

जब मैं बाथरूम से नहा-धो कर निकली तो देखा कि जय अपने लंड को पकड़ कर सहला रहा है और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया है।

मैंने जय से पूछी- क्या बात है? तुम्हरा हथियार फिर से खड़ा हो गया है? अभी उसको अपने हाथ से ही ठंडा करो और मैं अभी चाय-नाश्ता बनाने जा रही हूँ।

जय मेरी तरह देखते हुए बोला- अरे रानी, तुम चीज़ ही ऐसी हो कि तुम्हारी याद आते ही यह पिस्टन तैयार हो जाता है तुम्हारे सिलेण्डर में जाने के लिये !

तुम्हारी चूत बिल्कुल मक्खन मलाई जैसी है, जी करता है उसको मैं हमेशा चूमूँ, चाटूं और चोदूँ।

ठीक है.. अभी तुम चाय-नाश्ता बनाओ और मैं भी बाथरूम जा रहा हूँ। लेकिन चाय-नाश्ते के बाद मैं तुम्हारी गाण्ड मारूँगा।

लोग कहते हैं किसी औरत की चुदाई तब तक पूरी नहीं होती, जब तक उसकी गाण्ड में लंड ना पेला जाए। इसलिए मैं अभी नाश्ता करने के बाद तुम्हारी गण्डिया में अपना लाण्डिया पेलूँगा।



इतना कह कर जय बाथरूम चला गया और मैं नाश्ता बनाने रसोई में चली आई। रसोई में सबसे पहले नाश्ता बनाया और चाय बनाई।

जब तक मैं चाय-नाश्ता बना रही थी कि जय बाथरूम से नहा-धो कर बिल्कुल नंगा ही निकल आया और मुझसे कहने लगा- डॉली, चलो अब तुम भी नंगी हो जाओ..! हम लोग नंगे ही बिस्तर पर बैठ कर चाय-नाश्ता करेंगे।
Reply
07-10-2018, 12:34 PM,
#12
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
जय की बात सुन कर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगी ही रसोई में जाकर चाय-नाश्ता लेकर के बिस्तर पर बैठ गई।

जय मेरे साथ-साथ मेरे बगल में बैठ गया और उसका मेरे बगल में बैठ कर मेरी चूचियों से खेलना चालू हो गया।

मैंने उसके हाथों को हटाते हुए उसको चाय-नाश्ता दिया और जल्दी से चाय-नाश्ता खत्म करने के लिए बोला।

जय ने मुझसे पूछा- क्यों जल्दी क्यों? क्या तुम्हें अपनी गाण्ड में मेरा लंड पिलवाने की बहुत जल्दी है क्या?

मैंने उसको कहा- नहीं, मुझे जल्दी है क्योंकि अभी एक घंटे में कामवाली आ जाएगी। एक घंटे में चाय-नाश्ता खत्म करना है। हम लोगों को फिर से कपड़े पहनने हैं… समझे मेरे चोदू राजा?

जय मेरी बातों को सुन कर चुपचाप नाश्ता करने लगा।

फिर हम लोगों ने चाय पी और फिर सारे बर्तन रसोई में रख कर वापस जय के पास बेडरूम में गई।

जय मुझसे बोला- डॉली, मैं तो सोच रहा था कि मैं अभी तुम्हारी गाण्ड मारूँगा, लेकिन अभी तुम्हारी कामवाली बाई आने वाली है। चलो पहले हम लोग कपड़े पहन लेते हैं और अगर वक्त मिला हुआ तो कुछ करते हैं।

मैंने जय से पूछा- कुछ का मतलब? अभी कल रात से हम लोग चुदाई कर रहे हैं.. अब और क्या बचा है करने के लिए?

जय तब मेरी चूचियों को पकड़ कर धीरे-धीरे दबाते हुए बोला- अरे मेरी जान, अभी तुम्हारी चूत से और गाण्ड से मेरे लंड की दोस्ती बढ़ानी है। तभी तो बाद में मतलब और किसी दिन जब मौका मिलेगा। तुम्हें और रगड़ कर चोदना है। अच्छा चलो अपने कपड़े पहन लो और फिर बिस्तर पर अपनी साड़ी उठा कर लेट जाओ, मुझे तुम्हारी चूत का रस पीना है।

मैं जय की बात सुन जल्दी से अपने साड़ी, पेटीकोट, ब्रा और ब्लाउज पहन लिया और फिर वापस बिस्तर पर अपने कपड़े उठा कर लेट गई।

जय भी अब तक अपने कपड़े पहन चुका था।

वो मेरे पास आया और मेरी चूत को चूमने लगा। थोड़ी चूत को चूमने के बाद जय अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरने लगा और फिर जीभ को मेरी चूत में डाल दिया।

जय अब जीभ से मेरी चूत बुरी तरह से चाटने और चूसने लगा। मेरी चूत भी तेज़ी से पानी छोड़ने लगी और जय भी तेज़ी से मेरी चाट-चाट कर चूत का पीने लगा।

चूत की चुसाई से मैं इतना गर्म हो गई कि मैं अपने आप अपनी दोनों टाँगों को घुटने से पकड़ लिया और अपनी कमर उचका कर अपनी चूत जय के मुँह से रगड़ने लगी। जय भी अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से पकड़ कर रगड़ने लगा।

इतने में दरवाजे की घन्टी बजी और मैं और जय जल्दी से एक-दूसरे को छोड़ कर अपने कपड़े ठीक किए और मैं बाहर का दरवाजा खोलने चली गई। बाहर काम-वाली बाई आई हुई थी। काम-वाली अन्दर आई और अपने काम पर लग गई। थोड़ी देर में काम-वाली अपना काम खत्म करके चली गई और जाते-जाते जय पर अपनी गहरी नज़रों से देखती रही।

काम-वाली बाई के जाते ही जय ने मुझे पकड़ लिया और एक झटके के साथ मेरे सब कपड़े फिर से उतार दिए और मुझको अपने साथ बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया। फिर जय भी जल्दी से अपने कपड़े उतार कर मेरे बगल में लेट गया।

लेटने के बाद जय ने एक हाथ से मेरी चूची और दूसरे हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा। थोड़ी देर के बाद जय ने मुझे उल्टा लिटा दिया और मेरे चूतड़ों पर अपना मुँह रगड़ने लगा।

फिर वो बिस्तर पर से उठ कर ड्रेसिंग टेबल से कोल्ड-क्रीम की बॉटल ले आया और क्रीम मेरी गाण्ड के छेद में मलने लगा।

अब तक मैं चुप थी मगर अब मैंने पूछ ही लिया- क्या कर रहे हो? क्या इरादा है? क्यों मेरी कोल्ड कीम खराब कर रहे हो। क्रीम मुँह में लगाई जाती है और तुम क्रीम मेरी गाण्ड में लगा रहे हो?

जय मेरी गाण्ड में क्रीम लगते हुए बोला- मेरी चुदक्कड़ रानी, अब मैं तुम्हारी गाण्ड में अपना लंड पेलूँगा और अभी उसी की तैयारी कर रहा हूँ। क्रीम लगाने से तुम्हारी गाण्ड नहीं छिलेगी।

तब अपने हाथों से अपने चूतड़ों को फैलाते हुए मैं जय से बोली- जय मेरे चोदू राजा, मुझे गाण्ड मरवाने की आदत है, क्योंकि राज अक्सर मेरी गाण्ड में अपना लंड पेलता है और चोदता है, इसलिए तुम्हारे लंड घुसने से मेरी गाण्ड अब नहीं फटेगी। लो अब मैंने अपनी गाण्ड खोल दी है और अब तुम अपना लंड डालो, और मेरी गाण्ड मारो।

मेरी बातों को सुन कर जय हंस पड़ा और बोला- डॉली, मैं तो तुम्हें एक चुदक्कड़ औरत समझ रहा था लेकिन तू तो गाण्डू भी हो। चलो अब मैं तुम्हारी गाण्ड मारता हूँ।

इतना कहकर जय ने अपना लंड मेरी गाण्ड में एक झटके से ठूँस दिया और मेरी गाण्ड चोदने लगा।

मैं भी अपनी कमर को झटके के साथ आगे-पीछे करके जय का लंड अपने गाण्ड में मज़े से पिलवाने लगी।

थोड़ी देर में जय मेरी गाण्ड के अन्दर झड़ गया और अपना लंड मेरी गाण्ड से निकाल कर बाथरूम में चला गया। मैं भी बिस्तर के चादर से अपनी गाण्ड को पौंछ कर रसोई में चली गई।

रसोई में मैंने खाना बनाया और जब बाहर निकली तो देखा कि जय नहाने के बाद नंगा ही जाकर बिस्तर पर सो गया है और उसका सोया हुआ लण्ड दोनों पैरों के बीच सुस्त पड़ा हुआ है।

एक बार तो मैं जय का लण्ड देख कर मचल गई लेकिन मैंने अपने आप को रोक लिया क्योंकि कल रात से जय बहुत ज़्यादा मेहनत कर चुका है और मेरी चूत और गाण्ड भी चुदते-चुदते चसक रही थी।

मैं जय को छोड़ कर अपने कमरे गई और थोड़ी देर में नहा धोकर रसोई में जाकर अपने और जय के लिए खाना लगाया और तब जाकर मैंने जय को जगाया।

जय उठ कर खाना खाने के बाद फिर मुझे बिस्तर पर ले कर मुझसे लिपट कर सो गया और मैं भी जय की बाँहों में सो गई।

रात में एक बार मैं पेशाब करने के लिए उठी तो देखा कि जय मेरे बगल में नंगा लेटा हुआ है और उसका एक हाथ मेरी चूची पर है।

मैंने धीरे से जय का हाथ अपनी चूची पर से हटाया और नंगी ही बाथरूम चली गई। बाथरूम से जब आई तो देखा कि जय की आँख भी खुली हुई है और वो अपने हाथों से अपना लण्ड मसल रहा है।

जैसे ही मैं जय के बगल फिर से लेटी तो जय ने मुझे फिर से अपने बाँहों में जकड़ लिया और हम लोग एक बार फिर से ज़ोरदार चुदाई कर के सो गए।

क्रमशः..................
Reply
07-10-2018, 12:34 PM,
#13
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
गतान्क से आगे.....................

सुबह ललिता का फ़ोन आया कि जय और मैं लंच पर उसके घर राज और ललिता से मिलें।

मैं और जय मेरे घर गए, वहाँ पर ललिता ने बड़ा अच्छा खाना बना कर रखा हुआ था। हम सबने पहले थोड़ी ड्रिंक्स ली और फिर आराम से खाना खाया। खाने के बाद सब मेरे ड्राइंग रूम में आए और अपने-अपने कपड़े निकाल दिए, मैं जय की गोद में और ललिता राज की गोद में बैठ गई।

राज और जय फिर हम दोनों के नंगे शरीर से खेलने लगे।

हम सब के हाथों में अपनी अपनी ड्रिंक्स थी। तब जय ने राज से पूछा- राज, तुम्हें ललिता के साथ अकेले कैसा लगा?

राज ने कहा- ललिता को अकेले चोदने तो मज़ा आ गया जय, पर जानते हो कि कल जिस चीज़ ने मुझे सबसे ज़्यादा उत्तेजित किया वो था अपनी आँखों के सामने डॉली को तुम से चुदवाते हुए देखना। वाकयी तुम्हारे लंबे लण्ड को डॉली की चूत में बार-बार अन्दर-बाहर जाते हुए देख कर मज़ा आ गया।

जय बोला- मुझे भी कल रात डॉली को अकेले चोदने में बड़ा मज़ा आया, पर राज, सच कहो तो मुझे भी तुम को अपने सामने ललिता को चोदते देख कर और साथ-साथ डॉली को तुम्हारे और ललिता के सामने उसी बिस्तर पर चोद कर जो मज़ा आया वह मैं बता नहीं सकता।

बाद में राज ने बताया कि उसने भी ललिता को घर ले जा कर रात भर उसको पूरा मज़ा दिया। ललिता को अपने घर ले जाने के बाद राज नंगे होकर बिस्तर पर लेट गया।

फिर उसने ललिता से उसे जी भर के मज़ा देने को कहा। ललिता भी नंगे हो कर बिस्तर पर आई और राज के लण्ड अपने हाथ में लेकर चूसने लगी।

फिर राज ने ललिता को अपने ऊपर उल्टा लेट कर अपनी चूत को राज के मुँह के ऊपर रखने को कहा।

ललिता राज के ऊपर उल्टा लेट गई, राज ललिता की चूत को और ललिता राज के लण्ड को चूसने लगी।



राज की आँखों के सामने ललिता के गोरे-गोरे चूतड़ नज़र आ रहे थे और राज को ललिता की चूत और गुलाबी गाण्ड साफ दिखाई दे रही थी।

राज ललिता के दोनों चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर सहलाने लगा और अपनी जीभ से ललिता की चूत चाटने लगा।

चूत चाटते-चाटते राज की ज़बान ललिता की गाण्ड पर चली गई और राज ललिता की गुलाबी गाण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगा। फिर उसके बाद राज अपनी जीभ को बारी-बारी से ललिता की चूत और गाण्ड के अन्दर-बाहर करके ललिता की चूत और गाण्ड दोनों को अपनी जीभ से चोदने लगा।

इधर ललिता राज का लण्ड बड़े आराम से चूस रही थी और थोड़ी देर में ही राज का लण्ड तन्ना कर खड़ा हो गया। ललिता भी राज की जीभ से अपनी चूत और गाण्ड दोनों को चुदवा कर अब राज के लण्ड से चुदाई करवाने के लिए उत्तेजित हो चुकी थी।
Reply
07-10-2018, 12:34 PM,
#14
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
तब ललिता ने राज को अपने ऊपर लेकर उसके लण्ड को अपनी चूत में डाल कर ऊपर से चोदने को कहा।

लेकिन राज ने कहा- तुम मेरे ऊपर आ जाओ।

तो ललिता राज के ऊपर चढ़ गई और उसके लण्ड को अपनी चूत में डाल कर धीरे-धीरे धक्के लगा कर चोदने लगी। थोड़ी देर इस तरह से ललिता ने राज को ऊपर से चोदा।

फिर राज ने कहा- ललिता, मुझे तुम्हारे चूतड़ बहुत अच्छे लगते हैं और अगर तुम्हें सचमुच मुझे मज़ा देना चाहती हो तो आज मैं तुम्हारी गाण्ड मार कर मज़ा लेना चाहता हूँ।

ललिता बोली- राज, आज तुम जो चाहो वो मज़ा मेरे साथ ले सकते हो। मैंने जय से एक-दो बार गाण्ड मरवाई है पर तुम्हारा लण्ड तो बहुत मोटा है अन्दर कैसे जाएगा?

राज ने कहा- रानी, इसकी चिंता मुझ पर छोड़ दो… पहले मैं तुम्हारी गाण्ड को अपनी जीभ से चाट कर गीली कर दूँगा, फिर अपना लण्ड उसमें घुसेड़ कर आराम से मैं तुम्हारी गाण्ड मारूँगा।

ललिता ने कहा- ठीक है..

और वो बिस्तर पर घोड़ी की तरह अपनी गाण्ड ऊपर करके लेट गई, राज ने ललिता की गाण्ड खोल कर अपनी जीभ ललिता की गाण्ड के छेद पर लगा कर उसको चाटने लगा।

थोड़ी देर ललिता की गाण्ड को चाट कर राज ने उसे खूब गीली कर दिया और फिर ललिता से अपने लण्ड को एक बार और चूस कर गीला करने को कहा। ललिता ने राज के लण्ड को थोड़ा चाट कर और अपना थूक लगा कर खूब गीला कर दिया पर राज ललिता की गाण्ड मारने से पहले थोड़ी देर उसकी चूत चोदना चाहता था।

राज ने अपने लण्ड को ललिता की चूत में लगा कर एक ही धक्के में पूरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसा दिया। ऐसे थोड़ी देर तक राज ने ललिता की चूत को चोदा। चूत में जाने से राज का लण्ड और भी गीला हो गया।

फिर राज ने अपने लण्ड को पकड़ कर ललिता की गाण्ड के छेद पर लगाया और थोड़े ही दबाव से में आधा लण्ड अन्दर घुसेड़ दिया।

राज ने एक धक्का और दिया और बड़े आराम से राज का लण्ड ललिता की गाण्ड में पूरा चला गया।

राज का लण्ड मोटा ज़रूर था, पर ललिता की गाण्ड भी खूब गीली हो चुकी थी और ललिता को अपनी गाण्ड में राज का पूरा लण्ड लेने में कोई परेशानी नहीं हुई।

फिर राज ने ललिता के दोनों चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसकी गाण्ड में अपना लण्ड धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करके चोदने लगा।

इस तरह से राज ने ललिता की गाण्ड को जी भर के मारा और फिर उसके गोरे-गोरे चूतड़ों पर अपना पानी निकाल दिया।

ललिता पूरी तरह से राज की चुदाई से खुश होकर बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई, राज ने अपने पानी को तौलिए से पौंछ कर ललिता के चूतड़ों को साफ किया और फिर ललिता के ऊपर ही नंगा लेट कर उसको अपनी बाँहों में ले कर सो गया।

राज ने कहा- जय, हमारी पहली बीवियों की अदला-बदली चुदाई बड़ी जल्दबाजी में हुई थी, अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं एक बार फिर तुम्हें डॉली को चोदते हुए देखना चाहता हूँ।

जय बोला- मैं भी ललिता को एक बार फिर तुमसे चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ।

इन बातों से दोनों के लंड दोबारा तन्ना गए।

राज ने बेडरूम में चलने की सलाह दी और कहा- वहीं पर हम एक-दूसरे की बीवियों को चोदेंगे।

हम अपनी ड्रिंक लेकर बेडरूम में आ गए और उसी बिस्तर पर नंगे ही बैठ कर चुस्कियाँ लेने लगे। कमरे में रोशनी भरपूर थी। राज ने जय से पहले मुझे चोदने को कहा। मैंने राज से मुझे चुदाई के लिए तैयार करने के लिए मेरी चूत चाटने को कहा।
Reply
07-10-2018, 12:34 PM,
#15
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
राज ने फ़ौरन मेरी इच्छा का सम्मान किया और मेरी चूत बड़े प्यार से चाटने लगा।

साथ ही ललिता भी जय को उसका लंड चूस कर उसे भी तैयार करने लगी।

मैं बिस्तर पर अपने दोनों जाँघें फैलाकर लेट गई, मेरी सपाट चिकनी खुली चूत जय के लंबे लौड़े का आघात सहने को अब पनिया चुकी थी।

जय मेरे ऊपर आ गया और अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पर लगा दिया।

तब मैंने ललिता से कहा, “अगर वो बुरा ना माने तो क्या वो अपने हाथों से जय के लंड को मेरी चूत में डाल सकती है।”

ललिता सहर्ष तैयार हो गई और अपने पति के लौड़े को अपने हाथ में लेकर मेरी चूत में डाल दिया, जय ने मुझे चोदना शुरू कर दिया।ललिता और मेरे पति हमारे पास ही बैठ कर जय के लंबे लंड को मेरी चूत की सैर करने के दृश्य का आनन्द उठाने लगे।

उन दोनों ने मेरे हाथ थाम लिए और मेरे पूरे शरीर और मेरी चूचियों को सहलाने लगे। मैं अपने हाथों से ललिता की चूचियों और राज के लंड को भी सहलाने लगी।

जय इस सबसे जैसे बेख़बर होकर बेरोकटोक मेरी चूत की चुदाई में लगा रहा। जय मुझे लगभग 25-30 मिनट तक ज़ोर-ज़ोर से चोदता रहा और मेरे पेट पर अपना पानी निकाल दिया। ललिता ने उसका रस अपनी साड़ी से पौंछ दिया।

मेरे पति ने मुझे एक प्यारी मुस्कान के साथ मेरी चूत को एक प्यार भरी चुम्मी दी।

मैंने भी उसका लंड दबा कर उसके होंठों पर चुम्मी देकर बड़े प्यार से उसको धन्यवाद किया।

अब ललिता की बारी थी। वो बिस्तर पर लेट गई। जय ने उसकी चूत चाट कर उसे तैयार किया और मैंने राज का लंड चूस कर उसे ललिता को चोदने के लिए तैयार किया।



ललिता ने भी मुझसे अपने पति का लंड उसकी चूत में डालने की फरमाइश की, जो मैंने खुशी से पूरी कर दी।

मेरे पति ने हमारे सामने ललिता की चुदाई शुरू कर दी। जय और मैं उन दोनों के पास ही बैठ गए और उनके खेल का आनन्द उठाने लगे।

जय और मैंने ललिता के हाथ थाम लिए और उसके जिस्म, सिर, चूचियों और पेट को प्यार से सहलाने लगे। ललिता भी मेरी चूचियों और जय के लंड से खेलने लगी और राज बेधड़क उसकी चुदाई किए जा रहा था। वाह, क्या सीन था…!

राज की ललिता के साथ 15-20 मिनट की घनघोर चुदाई के बाद जय बोला- राज, अब मैं तुम्हें ललिता की गाण्ड मारते हुए देखना चाहता हूँ।

राज ने कहा- ठीक है..!

और ललिता से घोड़ी वाले आसान में बिस्तर पर लेट जाने को कहा। ललिता उकडूँ होकर बिस्तर पर लेट गई और जय ने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूतड़ों को फैला कर राज के सामने ललिता की गाण्ड खोल दी।

फिर मैंने राज के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर ललिता की गाण्ड के छेद में लगा दिया। राज धीरे धीरे अपना लौड़ा ललिता की गाण्ड में घुसाने लगा, फ़िर जब पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया तो जल्दी-जल्दी अन्दर-बाहर करके चोदने लगा।

ललिता को भी राज से अपनी गाण्ड मरवा कर बड़ा मज़ा आ रहा था।

इस तरह से राज ने मेरे और जय के सामने 15-20 मिनट तक खूब ज़ोर-ज़ोर से ललिता की गाण्ड को चोदा और फिर अपना रस ललिता के गोरे-गोरे बड़े-बड़े चूतड़ों पर बरसा दिया। फिर मैंने अपनी साड़ी से पौंछ कर ललिता के चूतड़ों को साफ कर दिया।
Reply
07-10-2018, 12:34 PM,
#16
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
इस तरह से दोनों जोड़ो ने एक-दूसरे के जीवन-साथी के जिस्म का खुल कर खूब आनन्द लिया।

अपने अपने जीवन साथी को एक-दूसरे के जीवन साथी के साथ आमने-सामने बहुत पास से चुदवाते हुए देखने का आनन्द उठाया। उस दिन हम चारों को बीवियों को अदल-बदल कर चुदाई में खूब मज़ा आया।

उसके बाद हम लोगों ने फिर थोड़ा विश्राम किया, कुछ खाया-पिया, कुछ देर ऐसे ही छुट-पुट बातें कीं। बाद में हमने ये निर्णय किया कि रात में जय और राज दोनों एक साथ ललिता को और फिर दोनों मुझे एक साथ चोदेंगे।

ललिता और मैंने मिल कर राज और जय को उनके लंड चूस कर अपने दोनों के लिए तैयार किया। उसके बाद राज और जय ने मिल कर ललिता और फिर मुझे बारी-बारी से चोदा।

उन्होंने पहले मुझे चोदा, तो ललिता उसी बिस्तर पर बैठकर मुझे चुदते देखती रही। जय ने मुझे घोड़ी वाले आसन में चोदा, तब मैं राज का लंड चूसती रही।

फिर मेरे देखते-देखते उन दोनों ने ललिता की चुदाई की, राज ने उसे चोदा और ललिता ने अपने पति का लंड चूसा।

उसके बाद तो उन दोनों ने मुझे और ललिता को एक साथ बिस्तर पर लेट जाने को कहा और फिर वहाँ दोनों हम दोनों को बारी-बारी से चोदने लगे।

पहले जय मुझे थोड़ी देर चोदता, फिर जाकर ललिता को थोड़ी देर चोदता।

इसी तरह राज ने पहले ललिता को थोड़ी देर चोदा, फिर आकर मुझको को थोड़ी देर चोदा और फिर एक के बाद एक जय और राज अदल-बदल कर मुझे और ललिता को एक साथ सारी रात चोदते रहे जब तक कि राज ललिता के मखमली चिकने चूतड़ों पर और जय मेरी नाभि के ऊपर ना झड़ गया।

उसके बाद हम सबने अपनी पहली चौतरफ़ा चुदाई की ही बातें कीं। हम सब को जिस बात ने सबसे ज़्यादा रोमांचित किया था वो ये नहीं था कि हमने किसी और को चोदा था, बल्कि एक ही बिस्तर पर चार-चार लोगों ने मिल कर एक साथ चुदाई लीला की..

अपने जीवन साथी को अपनी आँखों के सामने दूसरे को चोदते हुए देखने का भी एक अजीब रोमांच है जब कि खुद भी दूसरे के जीवन साथी के साथ उसी बिस्तर पर अपने जीवन साथी के सामने ही चुदाई कर रहे हों।

अपने इस पहले अनुभव के पूर्व मुझे अहसास नहीं था कि मैं राज को किसी अन्य स्त्री को चोदते देख कर कैसा महसूस करूँगी और मैं अपने आप को किस तरह से इस बात के लिए तैयार करूँगी कि मैं राज के सामने किसी और आदमी से चुदवा सकूँ।

पहले तो मैं यही सोचती थी कि राज मुझे दूसरे मर्दों से इसलिए चुदवाने दे रहा था ताकि वो उनकी बीवियों को उन्मुक्त हो कर चोद सके।

धीरे-धीरे मैंने यह पाया दूसरे जोड़ों के साथ बीवी अदल-बदल कर चुदाई करने में वाकयी बड़ा आनन्द आता है।

अब ना कि केवल मुझे नए आदमियों से चुदवाने में बड़ा आनन्द आने लगा, बल्कि राज को दूसरी स्त्री को चोदते देख कर भी मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।

जब मेरा पति राज किसी औरत को बेरोक-टोक 20-30 मिनट तक लंबे करारे धक्के मार कर अपने मोटे लंड से ज़ोर-ज़ोर से चोदता है तो मुझे उस औरत के चेहरे पर चुदाई का आनन्द और वासना की संतुष्टि के सुंदर भाव देखने में बहुत मज़ा आता है।

राज भी इन औरतों को चोदने के साथ-साथ मुझे अपने सामने दूसरे आदमियों से चुदवाते हुए देख कर बहुत उत्तेजित होता है।

हालाँकि पहले मैं काफ़ी संकोच करती थी, पर अब मुझे लगता है कि अगर जीवन में चुदाई का भरपूर मज़ा लेना हो तो सामूहिक चुदाई के अलावा और कोई ऐसा तरीका नहीं है जिसमें कि पत्नी को गैर-मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेने के लिए अपने पति से कुछ छिपाना नहीं पड़ता है और उनका पति भी बिना अपनी पत्नी से कुछ छिपाए दूसरी औरतों को अपनी पत्नी के सामने बड़े आराम से चोद सकता है।

ना किसी से कोई गिला, ना शिकवा, ना चोरी, ना बेईमानी, सिर्फ़ असली चुदाई का मज़ा, साथ-साथ एक-दूसरे के आमने-सामने चुदाई के आनन्द के दरिया में गोते लगाते का सुख लेते हैं।

समाप्त
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,445,138 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,104 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,209,767 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 914,506 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,621,060 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,054,084 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,906,763 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,908,795 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,974,575 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,684 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)