Antarvasna kahani रिसेशन की मार
07-10-2018, 12:42 PM,
#26
RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार
रिसेशन की मार पार्ट--25

गतान्क से आगे..........

चूत को अछी तरहसे धोने के बाद मैं बाथ टब मे बैठ गयी. आहहक्या बताउ दोस्तो बैठ ते ही ऐसा आराम मिला के बता नही सकती. गरम पानी था जिस्मै मेडिसिन और परफ्यूम्स मिले होने की वजह से खुश्बू भी थी और मेरी चूत को गरम पानी का सेंक लग रहा था. अंदर बैठने के 5 मिनिट के अंदर ही मुझे ऐसा लगने लगा जैसे कभी मेरी चूत मे जलन हुई ही नही थी. और मेरी चूत गरम पानी के अंदर थोड़ी देर के लिए खुल बंद हुई और उसके बाद बोहोत ही आराम आ गया. मेरा सारा बदन पानी के अंदर था बस मेरा सर ही बाहर निकला हुआ था. पानी मे शॅमपू भी मिला हुआ था जिसके झाग से मैं आपना बदन मलने लगी. और थोड़ी हाथ अंदर डाल के अपनी चूत की हालत देखने लगी तो पता चला के वो तो अब बोहोत ही नरम हो चुकी थी और तकलीफ़ भी नही हो रही थी. थोड़ी ही देर के बाद डीके भी अंदर आ गये और दूसरी तरफ पैर लंबे कर के बैठ गये. उनका लंड पूरा खड़ा था और शॅमपू के झाग से ऊपेर निकल रहा था. मैं तो ऐसा मस्त लंड देख के एक बार फिर से पागल हो गयी और चुदवाने की इच्छा जाग उठी. हम दोनो पैर लंबे और चौड़े कर के बात टब मैं बैठे थे. मैं सरक्ति हुई उनके करीब चली गयी और पानी के अंदर ही अंदर से अपने हाथ से उनका मिज़ाइल पकड़ लिया और मूठ मारने लगी. बहुत प्यार आ रहा था उनके लंड पे मुझे तो मैं ने उनके लंड को ज़ोर से दबा दिया तो वो पॅशन से सिहर उठे और मेरे बूब्स को झाग के अंदर से ही दबाने लगे. मैं उनके थाइस पे बैठी थी और थोड़ा सा उठी और उनके लंड के सूपदे को अपनी चूत के सुराख से सटा दिया और एक ही झटके से बैठ गयी. ऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममममाआआआआअ मुझे लगा जैसे मेरी जान ही निकल गयी हो. बड़ी मस्ती मे एक ही झटके से बैठ तो गयी थी पर क्या पता था के अभी चूत पूरी तरह से ठीक नही हुई है. शॅमपू का झाग भी उनके लंड के साथ ही मेरी चूत के अंदर चला गया था. जैसे ही मैं उनके लंड पे एक झटके से बैठी और उनका लंड किसी तीर की तरह से मेरी चूत मे घुस

गया उन्हो ने फॉरन ही मेरे शोल्डर्स को पकड़ के दबा दिया क्यॉंके उनको पता था के मैं एक झटके से उठने वाली हू और हुआ भी यही, जैसे ही मैं मेरे दरद के कारणउठने लगी उन्हो ने मुझे पकड़ लिया और अपने मुसलसे उठने नही दिया. लंड मेरी चूत के अंदर कुछ इतनी गहराई तक उतर गया था के मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उनका लंड मेरे हलक तक आ गया हो. मैं कुछ देर तक तो तकलीफ़ से छटपटा ती रही फिर उनका लंड मेरी चूत के अंदर अड्जस्ट हो गया. उन्हो ने टेलिफोनिक हॅंड शवर उठाया और मेरे बूब्स पे पानी की धार मारी तो मेरे बूब्स से शॅमपू का सारा झाग सॉफ हो गया. उन्हो ने फॉरन ही मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया तो मेरे हाथ ऑटोमॅटिकली उनके गले मे लिपट गये और मैं उनको अपने बूब्स पे दबाने लगी बिल्कुल ऐसे ही जैसे बच्चा दूध पीते समय मा अपने बच्चे को अपनी छाती से चिपका लेती है. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं पहले ही बता चुकी हू के मेरे बूब्स और निपल्स कुछ ज़ियादा ही सेन्सिटिव है कभी कभी तो मेरे पहने हुए कपड़ो की रगड़ से ही एरेक्ट हो जाते है और मेरी चूत गीली हो जाती है. जैसे ही उन्हो ने मेरी निपल को अपने दान्तो से काटा मेरे मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और मैं झड़ने लगी. डीके तो मेरी चूत के अंदर अपना मूसल डाले बड़े मज़े से बैठे रहे और उनको मेरी गरम चूत का गरम रस्स अपने लंड के सूपदे पे महसूस हुआ तो वो मुस्कुरा के मुझे चूमने लगे और बोले के स्नेहा बोहोत खूबसूरत हो तुम मेरी जानू आइ लव यू सो मच. इतना सुनते ही मेरा दिल खुशी से झूम उठा और मैं ने उनके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस किया और फिर हम एक दूसरे की जीभ को चूसने लगे और वो मेरे बूब्स को मसल रहे थे और अब मैं धीरे धीरे उनके लंड पे उठ उठ के बैठ रही थी. वो भी नीचे से अपनी गंद उठा के अपने लंड को मेरी चूत की गहराइयों मे पहुँचा रहे थे. मैं इतनी गरम हो गयी थी के उनके पीछे दीवार पे लगे टवल स्टॅंड को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से उनके लंड पे उठ बैठ कर के चोदने लगी. ऐसे मूव्मेंट से बाथ टब का झाग और थोड़ा पानी उड़ के नीचे गिरने लगा. नीचे से वो भी धक्के मार मार के चोद रहे थे और मैं भी टवल स्टॅंड को ज़ोर से पकड़ के उनके लंड पे जम के उछल रही थी. इतनी ऊपेर तक उठने से भी उनका लंड मेरी चूत से बाहर नही निकल रहा था. वाह क्या शानदार लंड था. मैं तो मर मिटी थी ऐसे प्यारे लंड पे. डीके ने मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था. अब चुदाई बोहोत तेज़ी से चल रही थी. देखते ही देखते डीके मुझे अपने आप से लिपताए उठे और शवर के बाहर निकल गये और मुझे घोड़ी बना दिया. मेरे हाथ अब बाथ टब के किनारे को पकड़े हुए थे और मैं झुकी हुई थी. उन्हो ने पीछे से अपना लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत के अंदर घुसेड दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.

शवर से बाहर निकाल के घोड़ी बना दिया पीछे से लंड चूत के अंदर डाल दिया

उनके धक्के इतने पवरफुल थे के मेरे हाथ बाथ टब से स्लिप हो गये और मैं नीचे फ्लोर पे ऑलमोस्ट हाफ लेट सी गयी. उन्हो ने मेरी कमर मे हाथ डाल के थोड़ा सा ऊपेर उठाया तो मैं ने खुद भी अपनी गंद थोड़ी ऊपेर उठा दी और उनको मेरी चूत का सही निशाना मिल रहा था. वो धना धन चोद रहे थे. उनके मोटे लंड से मेरा चूत का दाना भी चूत के अंदर बाहर होने लगा और मैं अपनी चूत के दाने पे उनका यह दबाव बर्दाश्त ना कर सकी और काँपते हुए झड़ने लगी. झड़ने की मस्ती मे मेरा बदन हवाओ मे उड़ रहा था और इसी चीज़ का फ़ायदा उठा ते हुए एक ही झटके मे अपना लंड मेरी चूत से बाहर खेच केनिकाला और इस से पहले के मैं कुछ समझ सकती उनका लंड मेरी छोटी सी गुलाबी गांद मे घुस्स चुका था मेरे मूह से इतनी ज़ोर से चीख निकली म्‍म्म्ममममममाआआअ म्‍म्म्ममममाआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्मममीईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहाआआआआआआईईईईईई न्न्न्न्न्न्न्न्नीईईईइक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्काआआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊऊ ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबाआआआआआहीईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और अगर उनका ऑफीस साउंड प्रूफ नही होता तो शाएद पूरा मोहल्ला जमा हो जाता. मेरी गंद मे और उनके लंड पे शॅमपू लगा हुआ था इसी लिए लंड इतनी आसानी से मेरी गंद मे घुस चुका था और ऐसे हमले के लिए मेरी गंद बिल्कुल भी तय्यार नही थी. मैं झटके से उनकी ग्रिप से बाहर निकलने की कोशिश करने लगी पर नही निकल सकती थी क्योंकि मेरे सर की तरफ तो बाथ टब था जो मुझे

उनकी ग्रिप से निकलने नही दे रहा था. उन्हो ने अपने लंड को ऐसे ही मेरी गंद मे रखा. मेरी गंद मे ऐसा लग रहा था जैसे कोई जलता हुआ लोहे का खंबा घुसा दिया गया हो. मेरी गंद के मसल्स उनके लंड के बेस को कस्स के टाइट पकड़े हुए थे. बहुत तकलीफ़ की वजह से मे अपनी गंद के मसल्स को रिलॅक्स ही नही कर सकती थी. यह नॅचुरली उनके लंड को कस्स के पकड़े हुए थे. उन्हो ने मेरी नेक पे किस करना चालू कर दिया और हाथ डाल के मेरे बूब्स को मसल्ने लगे और एक हाथ से चूत के सुराख मे उंगली डाल के चोदने लगे और क्लाइटॉरिस को रगड़ने लगे. बूब्स पे हाथ लगते ही मेरे सेन्सिटिव बूब्स मे हलचल होने लगी और चूत मे उंगली होने की वजह से मेरा बदन रिलॅक्स होने लगा. जैसे ही डीके को महसूस हुआ के मेरा बदन रिलॅक्स हुआ है उन्हो ने धक्के मारना चालू कर दिया और मेरी छोटी सी टाइट गंद को मारते ही रहे. हर धक्के से मेरी गंद फॅट ती रही और वो मेरी गंद मारते रहे. मेरी आँखो से सच मे तकलीफ़ से आँसू निकलने लगे. जैसे जैसे उनके धक्के तेज़ हो रहे थे मेरी गंद का सुराख भी कुछ नॉर्मल हो रहा था और फिर जब शॅमपू का झाग का स्लिपरी नेचर ख़तम हुआ, गंद और लंड पे लगा पानी सूख गया तो उनका लंड मेरी गंद के अंदर ही अटक गया, ना गंद के अंदर जा रहा था ना बाहर आ रहा था.

अब वो अपने लंड को बाहर नही खेच सकते थे तो हाथ बढ़ा के केवाई की स्पेशल जेल्ली का ट्यूब उठाया और एक ही सेकेंड के अंदर अपना लंड मेरी गंद से खेच के बाहर निकाल लिया जिस से मेरी गंद मे जलन होने लगी और दूसरे ही सेकेंड मे उन्हो ने आधे से ज़ियादा ट्यूब मेरी खुली हुई गंद मे घुसेड दिया और ऑलमोस्ट हाफ से भी ज़ियादा ट्यूब दबा के जेल्ली मेरी गंद के अंदर ही खाली कर दिया और इस से पहले की मैं संभाल पाती उन्हो ने अपने लंड पे भी जेल्ली की एक लंबी लकीर लगाई और फॉरन ही मेरी गंद के अंदर जड़ तक घुसेड दिया. और फॉरन ही मेरी गंद मारने लगे. अब मेरी गंद जेल्ली की वजह से चिकनी और स्लिपरी हो चुकी थी और लंड अब आसानी से गंद के गुलाबी छेद के अंदर बाहर हो रहा था. उन्हो ने मुझे कस के पकड़ा हुआ था और पूरी ताक़त से मेरी गंद मार रहे थे. मुझे बोहोत ही तकलीफ़ हो रही थी और मैं चिल्ला रही थी हहाआआआआआआऐईईईईई म्‍म्म्ममममाआआआआररर्र्र्ररर ग्गगाआआआययययययययईईई द्द्द्द्द्द्द्द्दददककककककककककककककक प्पफहाआटततत्त गगगगगगाआआआऐईईईई एम्ममेयीयीयर्र्रियियीयियी ग्ग्गयेन्न्न्ड्ड्ड आआआआआआआअहह न्ननियियीक्क्क्कयाऑल्लो प्प्प्प्ल्ल्ल्लीईएसस्स्स्सीई हहाआईईए ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवयफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ लैकिन वो कहा मानने वाले थे दीवानो की तरह से फुल फोर्स से मेरी गंद मारते रहे. पचा पच की आवाज़ सारे बाथरूम गूँज रहा था और उनके टटटे मेरी चूत से टकरा रहे थे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई लोहे के बॉल्स से मेरी

चूत पे मार रहा हो और उनके टॅटू की टकराने से 2 मिनिट की मार मे ही मेरी चूत झड़ने लगी और यह मज़ा ऐसा मज़ा था के मुझे गंद मे उनका मूसल लंड महसूस ही नही हो रहा था. मैं झड़ने लगी और गहरी साँसें लेती हुई नीचे लेट गयी. डीके अब मेरे ऊपेर लेट गये और अपने पैर पीछे WC से टीका दिए और मेरी फैली हुई टाँगो के अंदर अपनी टाँगें डाल के कैंची की तरह से मेरी टाँगो को टाइट पकड़ लिया और घचा घच मेरी गंद मारने लगे, ऐसी पोज़िशन मे, मैं हिल भी नही सकती थी और चुप चाप पड़ी अपनी गंद मरवा रही थी. मेरी दोनो टाँगो के बीचे अपने दोनो घुटने डाल के मेरे पैरो को चीर दिया था और मेरी गंद मार रहे थे. उफ्फ क्या बताउ कभी तो गंद मे इतना मोटा लंड घुसे होने की तकलीफ़ हो रही तो कभी उनके टटटे जो मेरी चूत के मूह पे लगने से जो मज़ा आ रहा था, ऐसा मज़ा मैने कभी महसूस नही किया था और मैं ऐसे मज़े को मैं बयान भी नही सकती बॅस यह समझ लो के मैं जैसे जन्नत मे पहुँच गयी हू. वो अब बहुत तेज़ी से मेरी गंद मार रहे थे मैं फिर से समझ गयी के यह तूफ़ानी झटके उनकी मलाई निकलने के संकेत दे रहे है और फिर अपना लंड मेरी गंद के पूरा बाहर तक निकाल लिया और पूरी ताक़त से एक झटका इतनी ज़ोर से मारा के एक बार फिर से मेरी गंद फॅट गयी और मैं चिल्ला पड़ी फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबाआआआआआआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआअब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब आबीयेयीययावुउववुवरररर्र्र्र्र्र न्न्नाआआआह्ह्ह्ह्ह्हीई म्‍म्म्ममाआआआऐययईईईई म्‍म्म्ममममाआआआअरर्ररर गगगगगगगाआआऐईईई आआआहह और एक फाइनल पवरफुल झटके से अपने मूसल लंड को मेरी गंद मे गाढ दिया और उतनी ही ज़ोर से उनके टटटे एक बार फिर से मेरी चूत के पंखुड़ियो को मारने लगे और उधर डीके मेरी गंद मे झड़ने लगे और इधर मेरी चूत झड़ने लगी. दोनो एक बार फिर से हांपने लगे. मेरी गंद के मसल ने उनके लंड को टाइट पकड़ा हुआ था और उनके लंड से निकलती गरम गरम मलाई की एक एक बूँद मेरी गंद मे गिरने लगी. वो मेरी पीठ पे गिर पड़े हम दोनो ऐसे ही बाथरूम के फरश पे नंगे एक दूसरे के ऊपेर पड़े हाँपते रहे.

उनका लंड मेरी गंद के अंदर फूल रहा था जिसके बेस को मेरी टाइट गंद के सुराख ने टाइट पकड़ा हुआ था, मेरी गंद के मसल्स खुल बंद हो रहे थे, जिसकी वजह से उनके लंड से टपकती मलाई की एक एक बूँद को निचोड़ते रहे और उनकी मलाई की एक एक बूँद मुझे अपनी गंद मे गिरती महसूस होने लगी. हम दोनो के बदन एक बार फिर से पसीने से भर चुके थे. डीके ने मुझे उठाया और हम दोनो शवर के नीचे आ गये और वॉर्म वॉटर के शवर से एक दूसरे को साबुन लगा के नहलाया. जैसे ही मैं नीचे से उठी मेरी फटी गंद से खून की बूँदें टपकने लगी और मेरी थाइस से होती हुई नीचे बहने लगी. मैं देख के घबरा गई. मैं कभी अपनी गंद से

टपकते खून को देख रही थी कभी डीके की तरफ देख रही थी. डीके मुस्कुरा के बोले के अरे तुम तो इतनी पवरफुल औरत हो इतने से खून से डर गयी तो मैं ने उनको बोला के कभी आपकी भी गंद फटी होती तो आपको पता चलता के गंद फटने से कितना दरद होता है तो वो मुस्कुरा के मुझे देखने लगे और मुझे अपने हाथो मे किसी छोटे बच्चे की तरह से उठा लिया और किस करते हुए शवर के नीचे खड़ा कर दिया और वॉर्म वॉटर का शवर खोल दिया. वॉर्म वॉटर से नहा ने से बदन कुछ रिलॅक्स हुआ और हम दोनो शवर के बाहर आ गये. दोनो ने एक दूसरे के बदन को ड्राइ किया और उनके ऑफीस मे आ गये. जब मैं डीके के बदन को ड्राइ करने लगी तो उनके लौदे को भी ड्राइ करने को हाथ लगाया तो वो एक बार फिर से उठ गया और लहराने लगा मेरी आँखें हैरत से उनके सल्यूट करते लंड को देखती रही के यह कैसा लंड है जो सॉफ्ट ही नही हो रहा है. डीके अपनी सीट पे नंगे ही बैठ गये और मुझे अपने करीब बुला के अपने खड़े लंड पे मुझे बिठा दिया. ऐसी चुदाई के बाद मेरी चूत और गंद अछी तरह से खुल चुकी थी और उनका लंड मेरी चूत के अंदर आसानी से घुस गया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी लोहे के पोले पे बैठी हू. मुझे उनका लंड अपने पेट के अंदर महसूस हो रहा था. डीके ने कांट्रॅक्ट पेपर्स निकाले और मुझे लंड पे बिठाए ही बिठाए उनपे साइन कर दिया. मैं फॉरन ही पलट के उनके लंड पे ऐसे बैठ गई के मेरा मूह उनकी तरफ हो गया और मैने उनके चेहरे पे किस की बरसात कर दी. बे तहाशा चूमती रही और उनको थॅंक्स बोलती रही. वो मेरे बूब्स को चूसने लगे और नीचे से अपनी गंद उछाल उछाल के मुझे चोदने लगे. मेरी आँखो मे खुशी के आँसू आ गये और मैं एमोशन मे आ के उनसे ऐसे लिपट गयी जैसे अब उनको छोड़ूँगी ही नही इतना कस्स के लिपट गयी. उन्हो ने मेरी बॅक पे अपने हाथ फिराना शुरू कर दिया और मुझे तसल्ली देने लगे के स्नेहा डॉन'ट क्राइ मेरी जान. तुम तो मेरे लिए स्पेशल हो, आइ विल बी हॅपी टू टेक यू विथ मी आज़ माइ असिस्टेंट एवेरिवेर आइ गो. और फिर मेरी आँखो से निकलते आँसू को अपने होटो से पी गये. मेरे बूब्स को बोहोत ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थे और निपल्स को काट भी रहे थे. मैं जॉब मिलने की खुशी मे कुछ इतनी एमोशनल हो गयी थी के मुझे अपने सेन्सिटिव बूब्स को चूसना भी मुझे महसूस नही हुआ. और जब मैं अपने एमोशन से वापस आ गयी तो मुझे उनका लंड अपनी चूत के अंदर घुसा महसूस हुआ और फिर मैं एक दम से जोश मे आ गयी और अपने पैरको को चेर के हॅंड रेस्ट पोर्षन से बाहर निकाल दिया और चेर के बॅक रेस्ट पे अपने हाथ रख के उनके लंड पे उछलने लगी और जोश मे आ के उनके लंड पे बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल कूद करने लगी. अब मुझे उनका इतना मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड बोहोत मज़ा दे रहा था. डीके मेरे बूब्स को चूस रहे थे और मेरे चूतदो को मसल रहे थे. अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही अंदर रखे वो चेर से उठ गये तो मैं ने फॉरन ही अपनी टाँगें उनके कमर पे

लपेट ली और उन्हो ने पहले तो मुझे वही टेबल पे लिटा दिया और खुद फ्लोर पे खड़े खड़े मुझे चोदने लगे. इतने टाइम झड़ने से मुझे नही लग रहा था के वो अब झड़ेंगे. वो तो बड़ी मस्ती मे धीरे धीरे इतने आराम से चोदने लगे जैसे के वो आज नही झड़ेंगे.

क्रमशः......................
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RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार - by sexstories - 07-10-2018, 12:42 PM

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