RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार
रिसेशन की मार पार्ट--15
गतान्क से आगे..........
मैं ने सोचा के सतीश बार बार मुझे एमडी से चुदवाने पे इन्सिस्ट कर रहा है तो गेट दिस जॉब तो अब मैं भी मेंटली प्रिपेर हो रही थी के ऐसी सिचुयेशन मे चुदवा ही लूँगी तो गेट दिस जॉब. और फिर ई-पिल्स का बोल के खुद सतीश ने ही मेरी प्राब्लम का सल्यूशन भी बता दिया. फिर मैं ने दिल मे सोचा के चलो अगर कभी मेरे और राज के बारे मे सतीश को पता चल भी गया तो कोई प्राब्लम नही होने वाली है आंड आइ विल बी सेफ. मैं ने सतीश से पूछा के तुम्हारी तबीयत अब कैसी है तो उसने बोला के हा चल रही है कभी नरम कभी गरम, नोट एट पर्फेक्ट्ली ऑलराइट. मैं ने पूछा के तुम्हारे मोम और डॅड है या वापस चले गये तो उसने बोला के बापू को कुछ काम था तो वो और माताजी दोनो चले गये, अभी तो मैं अकेला ही हू तो मैं ने शरारत से हस्ते हुए पूछा के तुम बोलो तो मैं मेरी अपनी फ्रेंड उर्मिला को फोन करू के वो कुछ दिन के लिए तुम्हारे साथ रहने आजाए क्यॉंके उसका हज़्बेंड भी कुवैत मे है और अभी जल्दी आने वाला भी नही है तो उसने पूछा के यू थिंक वो यहा आने के लिए रेडी हो जाएगी तो मैं ने बोला के अरे मैं बोलूँगी तो कियों नही आएगी तो सतीश ने फिर हस्ते हुए पूछा के सपोज़ उर्मिला यहा मेरे साथ रहने आ गयी और हमारे बीच कुछ ऐसा वैसा हो गया तो क्या होगा तो मैं ने भी हस्ते हुए कहा के दोनो के बीच ऐसा वैसा क्या हो सकता है तो उसने भी बड़े मूड मे आ के बोला के सपोज़ मैं ने उसको चोद दिया या उसने मुझे सिड्यूस करे के चुदवा लिया तो क्या होगा. मैं ने कहा अरे तो मैं कॉन्सा माइंड करने वाली हो, और हंसते हुए बोला के मैं इधर अपने एम डी से चुदवालूंगी तुम उधर उर्मिला को चोद देना तो वो भी हस्ने लगा और बोला के तुम जैसा ठीक समझो अगर वो यहा आने रेडी हो गयी तो आने दो मुझे तो कोई प्राब्लम नही है उसका भी कुछ टाइम पास हो जाएगा और तुम भी अपनी तरफ से जो जो कोशिश कर सकती हो करो के यह जॉब तुम्है ही मिले क्यॉंके मेरे एक दोस्त ने बताया के आरके इंडस्ट्रीस बोहोत फेमस है और उसके एंप्लायीस को अछी सॅलरीस, बोनसस और दूसरे इन्सेंटीव्स कंटिन्यू मिलते ही रहते है डिपेंड्स ऑन दा पर्फॉर्मेन्स तो मैं ने भी हस्ते हुए कहा के ठीक है अगर मुझे अपनी चूत भी देनी पड़ी तो मैं अपनी चूत के बदले यह जॉब ले लूँगी और फिर हम दोनो हस्ने लगे. सतीश मुझे तसल्ली देता रहा और मेरी हिम्मत बढ़ा ता रहा तो मेरी भी ढारस बँधी फिर उसने बोला के आइ मिस यू डार्लिंग तो मेरी आँखें भर आई और भारी आवाज़ से बोली आइ मिस यू टू हनी. आइ लव यू सतीश और फिर फोन पर ही एक दूसरे को किस करते रहे फिर मैं ने बोला के अपना ख़याल रखना सतीश तो उसने बोला के हा तुम भी अपना ध्यान रखना और किसी बात की फिकर ना करना जो होना है वोही होगा और फिर फोन काट दिया.
मैं ने सोचा के चलो मैं सतीश को उसकी एक सीक्रेट और प्राइवेट लाइफ दे दूँगी और फिर फॉरन ही उर्मिला को फोन किया. उर्मिला मेरी कॉलेज फ्रेंड थी, बोहोत ही खूबसूरत थी और मेरी बोहोत अछी फ्रेंड थी और हम दोनो एक दूसरे से
बोहोत ही फ्री रहते थे और हर टॉपिक पे स्पेशली सेक्स के टॉपिक पे फ्रीली एक दूसरे से बात कर लेते थे और हम एक दूसरे के साथ अपने सीक्रेट्स भी शेर कर लेते थे. उर्मिला एक बोहोत ही सेक्सी और चुड़क्कड़ औरत थी उसने मुझे अपने एक्सट्रा मॅरिटल अफेर्स के बारे मे भी बताया था के कैसे उसके पड़ोसी ने उसे चोदा था और उसके संबंध अपने जेठ से भी थे जो किसी दूसरे सिटी मे रहते थे लैकिन ऑफीस के काम से जब बॅंगलुर आते तो अपने छोटे भाई (उर्मिला के हज़्बेंड) के घर ही ठहरते थे. और जब से उसका भाई कुवैत चला गया है जब वो बॅंगलुर आते तो उर्मिला के साथ ही रहते और फिर एक रात दोनो ही बर्दाश्त नही कर सके और उर्मिला के जेठ ने उर्मिला को चोद डाला था यह सब बातें उसने मुझे बताई थी के उसके जेठ का कितना बड़ा लौदा था और उसको कैसे मज़ा आया उस से चुदवाने मे एट्सेटरा एट्सेटरा. बहुत देर तक उर्मिला के फोन पे बेल होती रही फिर उसने उसने फोन उठाया तो मैं ने पूछा के क्या कर रही थी इतनी देर से बेल हो रही है तो उसने बोला के अरे मैं कपड़े चेंज कर रही थी दूसरे रूम मे थी फिर उसने बोला के कहा है तू, क्या कर रही है, तेरा जर्नी कैसा था और कैसा रहा तेरा इंटरव्यू, उसने एक साँस मे कितने ही सवाल कर डाले तो मैं ने उसको डीटेल्स बता दी और बोला के देख तू भी अकेली है और उधर सतीश भी अकेला है. तू मेरे घर चली जा और थोड़े दिन सतीश के साथ ही रहने का प्रोग्राम बन ले वो अकेला है तो उसने हस्ते हुए बोला ना बाबा ना अगर उसने मुझे चोद दिया तो मैं क्या करूँगी तो मैं ने भी हस्ते हुए कहा के क्या प्राब्लम है तेरा पति भी तो कुवैत मे है, तेरी चूत मे भी तो खुजली हो रही होगी, चुदवा ले ना उस से क्या प्राब्लम है, तो उसने पूछा के अरे क्या बोल रही है तू वो तेरा पति है रे, तो मैं ने बोला के अरे यार क्या हुआ तू भी तो मेरी फ्रेंड है कभी ऐसा टाइम पड़ेगा तो मैं भी तेरी पति से चुदवा लूँगी, ठीक है ना हिसाब बराबर हो जाएगा और फिर हम दोनो हँसने लगे. उर्मिला सतीश के साथ रहने को रेडी हो गयी थी उसने बोला था कि उसको फोन कर के शाम तक उसके पास चली जाएगी तो मैं ने इतमीनान का सांस लिया और फिर फॉरन ही सतीश को फोन कर के बोल दिया के उर्मिला शाम तक आ जाएगी और वो ऐसे ही रहेगी जैसे मैं रहती हू तुम्हारी देख भाल अछी तरह से करेगी तुम बिल्कुल भी फिकर ना करो और कोई टेन्षन भी मत लो. वो एक दम से बोल्ड और फ्री फ्रॅंक लड़की है वो मेरी जगह अछी तरह से फिल करेगी तो वो हस्ने लगा और बोला के आर यू सीरीयस स्नेहा, तो मैं ने बोला के एंजाय करो यार तुम भी तो एंजाय करो ना कोई प्राब्लम नही है और उर्मिला को भी कोई प्राब्लम नही होगी. चलो अब मैं शवर लेने जा रही हू फिर हम दोनो एक दूसरे को फोन पे किस करते रहे और मैं ने बोला के आइ लव यू तो उसने भी बोला के आइ लव यू टू फिर फोन काट दिया. मैं ने इतमीनान का साँस लिया के अब सतीश की भी एक प्राइवेट और सीक्रेट लाइफ हो जाएगी जिसे वो मुझ से छुपाएगा और मैं भी अपनी सीक्रेट लाइफ सतीश से छुपा के सेफ रहूगी.
मुझे अब सतीश की याद आने लगी थी. मैं ने सोचना शुरू किया के वाह मैं भी कितनी टिपिकल हू एक तरफ तो सतीश को मिस कर रही हू आइ लव यू बोल रही हू और दूसरी तरफ यह सब भूल के राज का इंतेज़ार कर रही हू और यह भी मुझे मालूम है के मैं अब इस वक़्त राज से चुदवाने का कितनी बेचैनि से इंतेज़ार कर रही हू. मैं सतीश को एक ही मिनिट के अंदर भूल चुकी थी और वैसे भी राज के लंड के सामने सतीश का लंड उतना ख़ास भी नही था और सतीश के चोदने के स्टाइल मे और राज की मस्त चुदाई मे भी तो ज़मीन आसमान का अंतर है. कहा राज का शानदार लंड और उसकी देर तक मस्त चुदाई और कहा सतीश के मीडियम साइज़ का लंड और उसका 4 -5 मिनिट के अंदर ही चोद के झाड़ जाना, नही नही बोहोत फरक है दोनो मे, मुझे अब राज से ही चुदवाना है. फिर मुझे यह सोच के इतमीनान हुआ के यह मेरी सीक्रेट लाइफ है और माइ सीक्रेट लाइफ ईज़ माइ प्राइवेट लाइफ आंड नोबडी हॅज़ टू डू एनितिंग आंड नोबडी हॅज़ राइट इंटर्फियर इन माइ सीक्रेट लाइफ, नोट ईवन सतीश. यह सोच के सुकून हो गया और मैं शादी शुदा होते हुए पति से आइ लव यू बोल के अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाने का वेट कर रही हू.. यह सोच के मेरे चेहरे मे एक शरारत भरी मुस्कुराहट आ गयी और मैं अब राज से चुदवाने की तय्यारी करने लगी. राज के लंड को याद कर के और उसकी मस्त चुदाई को याद करके मेरे बदन मे एक मीठा मीठा सा एहसास होने लगा तो मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली मेरी चूत पे आ गया और मैं अपनी चूत का मसाज करने लगी. मेरा बदन एक दम से गरम हो चुका था और मैं वासना की आग मे जलने लगी. मेरी उंगली बोहोत तेज़ी से से मेरी चूत के अंदर चल रही थी चूत के दाने के मसाज कर रही थी और कभी पूरी उंगली चूत के अंदर डाल के अंदर बाहर कर रही थी. मेरी गंद बिस्तर से 4 – 5 इंच ऊपेर उठ चुकी थी और हवा मे अपनी गंद को आगे पीछे कर के अपने आप को अपनी उंगली से चोद रही थी और देखते ही देखते मेरा बदन अकड़ गया और मैं काँपते हुए झड़ने लगी. झड़ने के बाद मेरा बदन बेजान हो के बिस्तर पे गिर गया था मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रही और शाएद 15 – 20 मिनिट के लिए सो गयी. थोड़ी देर के बाद उठ के शवर लेने बाथरूम मे चली गयी.
शवर के मिक्सर को अड्जस्ट किया और लाइट हॉट वॉटर मेरे ऊपेर गिरने लगा. मुझे शवर लेने मे बोहोत मज़ा आ रहा था और मैं बोहोत देर तक अपने बदन को सोप लगा के रगड़ रगड़ के धोती रही. चूत के अंदर पानी की धार डाल के धोया फिर फॉरन ही मुझे अपने कॉलेज की वो मुस्लिम लड़की याद आई जिसका नाम मुझे याद नही था जिसने बोला था के चूत को पानी से धोने से चूत की खराब स्मेल नही आती तो मैं अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रगड़ के धोने लगी. मैं नही चाहती थी के राज को मेरी चूत से खराब स्मेल आए.
मैं उसको फ्रेश और खुश्बू दार चूत देना चाहती थी. यह सोच के मैं फिर से मुस्कुरा दी और शवर से बाहर आने के बाद टवल से बॉडी को ड्राइ किया और अपने डियो का स्प्रे अपने हाथ पे मारा और उसी हाथ से चूत को रगड़ा तो मेरी चूत मे डियो की खुश्बू आ गयी. मैं ने अपनी चूत को अपने हाथ से ठप थपाया और बोला के वेट करो मेरी जान आज तुम्हारी चुदाई होने वाली है. मैं अपने आप मे ही मुस्कुराने लगी और फिर जब मैं अपने कपड़े सेलेक्ट करने लगी तो मुझे ख़याल आया के मैं ने जो कपड़े इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट किए थे वो तो मैं यूज़ कर चुकी हू, कल क्या पहनुगी, फिर एक दम से याद आया के एमर्जेन्सी मे एक और वन पीस मिडी का भी तो रखा था जो थोड़ा सा ट्रॅन्स्परेंट भी था. फ्लोवर्ड था इसी लिए ट्रॅन्स्परेन्सी उतनी ज़ियादा नही दिखती थी. उसको बाहर निकाल के रख दिया के राज से पूछूंगी वो क्या बोलता है. फिर मैने वोही कपड़े पहेन लिए जो इंटरव्यू के लिए पहने थे और राज का वेट करने लगी.
तकरीबन रात के 8 बजे राज का फोन आया के वो अभी होटेल के करीब आ गया है, मुझे बोला के तुम नीचे उतर जाओ तो मैने अपने बदन पे डियो का स्प्रे किया और पर्स पकड़ के नीचे उतर गयी. आज काउंटर पे मुन्ना भाई नही थे, शाएद किसी काम से गये होंगे. मैं होटेल से बाहर निकल गयी, इधर उधर देखने लगी इतने मे ही एक वाइट कलर की लेक्सस की जीप मेरे करीब आके रुक गयी तो मैं थोड़ा पीछे हट गयी के पता नही कार वाले ने मुझे क्या समझा होगा फिर हॉर्न की आवाज़ आई तो मैं ने देखा के वो राज था. वाह क्या शानदार जीप थी एक दम से वाइट कलर की विथ ब्लॅक ग्लासस.
राज ने अंदर से ही डोर खोला तो मैं अंदर आ गयी. बहुत ही कंफर्टबल सीट्स थे जीप के. मेरे सीट पे बैठ ते ही राज ने झुक के मुझे किस किया और बोला के वाह आज तो तुम क़यामत की ब्यूटिफुल लग रही हो तो मैं शर्मा गयी और शरम से मेरे चेहरे पे लाली गयी. राज ने मेरी चोली को खूब गौर से देखा जिस्मै से ऑलमोस्ट हाफ बूब्स दिखाई दे रहे थे. मेरे बूब्स को दबा दिया और बोला के वाह स्नेहा तुम तो बड़ी मस्त लग रही हो जानू तो मैं ने बोला के थॅंक यू राज. उसने जो मेरे बूब्स को दबाया तो मेरी चूत गीली हो गयी. मैं अपनी सीट पे थोड़ी और चौड़ी हो के बैठ गयी और टाँगें थोड़ा सा खोल के आराम से बैठ गयी. कार के अंदर एरकॉनडिशन चल रहा था, बदन पे एसी की हवा बोहोत अछी लग रही थी, विंडो के ग्लासस बंद थे इसी लिए बाहर की कोई आवाज़ नही आ रही थी और डार्क ग्लासस होने से बाहर वालो को अंदर का कुछ भी दिखाई नही दे रहा था. राज ने जीप चला दी और मेरे थाइस पे हाथ रखा तो मैं ने अपने थाइस को और खोल दिया. मैं ने पॅंटी नही पहनी थी. चूत के सामने ही एरकॉनडिशन का आउटलेट था और उसकी ठंडी हवा डाइरेक्ट मेरी गरम चूत पे लग रही थी तो बोहोत अछा फील हो रहा था. राज के हाथ मेरी चूत पे लगते ही मैं गीली होना शुरू होगयी और मैं ने भी
अपने हाथ से उसके पॅंट की ज़िप को खोल दिया और उसके लंड को बाहर निकाल दिया. राज का लंड एज ऑल्वेज़ फुल्ली एरेक्ट मोड मे ही था जिसे मैं ने अपनी मुट्ठी मे पकड़ के मूठ मारना स्टार्ट कर दिया. राज की मोटी उंगली मेरी चूत मे अंदर बाहर हो रही थी. . उसका गरम हाथ लगने से मैं जल्दी ही झाड़ गयी. मैं झुक के राज का लंड अपने मूह मे ले के चूसने लगी. बाहर से किसी को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था के अंदर मैं क्या कर रही हू. राज कार चलाता रहा और मैं उसका लंड चूस्ति रही. कभी जीप सिग्नल पे रुकती तो मैं थोड़ी देर के लिए अपनी सीट पे बैठ जाती और जब जीप चलने लगती तो फिर मैं झुक के उसके लंड को चूसने लगती. तकरीबन आधे घंटे के बाद उसने जीप को किसी होटेल के पार्किंग लॉट मे पार्क कर दिया और मैं जल्दी जल्दी उसके लंड को चूसने लगी और थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने मेरे हलक मे अपनी गरम वीर्या की धार मार दी जिसे मैं बड़े मज़े से पी गयी.
क्रमशः......................
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