RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार
रिसेशन की मार पार्ट--13
गतान्क से आगे..........
राज भी वैसे ही पलट के बेड पेर लेट गया और मुझे अपनी बाँहो मे पकड़ के बोहोत ही सेक्सी आवाज़ मे बोला के थॅंक्स स्नेहा फॉर एवेरतिंग. आइ लव यू सो मच हनी. यू आर दा बेस्ट. तुम बोहोत ही अछी हो सच बोल रहा हू के आज तक अपनी वाइफ से मुझे वो सुकून और मज़ा नही मिला जो तुमने मुझे दिया है आंड आइ आम रियली थॅंकफुल टू यू तो मैं ने उसके लिप्स पे एक पॅशनेट किस करते हुए कहा के आइ आम ऑल युवर्ज़ मेरे प्यारे प्यारे राजा, मैं तो तुम्हारे ऐसे मस्त लंड की दीवानी हो चुकी हू, मैं ने कभी ख्वाब मे भी ऐसे लंड से चुदवाने का सोचा भी नही था और तुमने जैसा मुझे चोदा है वो मैं ज़िंदगी भर नही भूल सकती और अब यह स्नेहा अब तुम्हारी है, स्नेहा की एक एक साँस मेरे राजा के लिए है, मैं अब सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारी ही हू डू वॉटेवर, व्हेवनेवेर आंड वहेरएवे यू वॉंट.
हम दोनो एक दूसरे की बाँहो मे बाहें डाले, एक दूसरे को किस करते हुए लेटे रहे फिर राज उठ गया और हम एक बार फिर से शवर लेने बाथरूम मे घुस गये. एक बार फिर एक दूसरे को साबुन लगाया और रगड़ रगड़ के धोया. मुझे अपनी गंद मे जलन और दरद महसूस हो रहा था तो मैं एक प्लास्टिक के टब मे गरम पानी भर के उस्मै थोड़ी देर बैठ गयी और गरम पानी की सेक से फटी हुई गंद को कुछ आराम मिला. शवर ले केबाहर आए तो राज जाने के लिए रेडी हो रहा था. उसने अपनी जेब से निकाल के मुझे एक मोबाइल दिया और एक पेपर पे उसका नंबर भी लिख दिया के यह मेरे लिए है और इस्मै अभी बॅलेन्स वन थाउज़ंड रुपीज़ है, जब ख़तम हो जाएगा तो वो उसको री चार्ज करवा देगा तो मैं ने उसको थॅंक्स बोला और उसका एक किस लिया. राज अब रूम से बाहर चला गया. उसको जाता देख के मेरी आँखो मे आँसू आ गये. राज ने मुझे विश किया और कल सुबह के इंटरव्यू के लिए बेस्ट ऑफ लक बोला और रूम से बाहर निकल गया. मैने रूम को अंदर से लॉक किया और बेड पे गिर गयी और फूट फूट के रोने लगी. अब इस टाइम पे मुझे सतीश की याद बोहोत ही आने लगी के मैं ने सतीश के साथ बेवफ़ाई की है. आइ ब्रोक हिज़ ट्रस्ट इन मी. सतीश प्लीज़ मुझे माफ़ करदो, आइ अम रीअलि वेरी वेरी सॉरी सतीश फॉर वॉटेवर हॅपंड. मैं अपने आप मे नही थी सतीश प्लीज़ फर्गिव मे. मुझे बोहोत अफ़सोस हुआ पर अब कुछ नही कर सकती थी. मैं जो एक ग़लती अंजाने मे कर चुकी थी वो तो कर ही चुकी थी अब क्या हो सकता था. मैं ने अपने दिल को तसल्ली दी और सोच लिया के इस को अपनी प्राइवेट और सीक्रेट लाइफ ही रहने देना चाहिए. फिर मैं ने अपने दिल की आवाज़ से सतीश को कहा के तुम भी अपनी कोई सीक्रेट लाइफ बना लो सतीश और तुम भी किसी लड़की को चोद डालो तो हमारा हिसाब बराबर हो जाएगा और हा आइ आम
टोटली आउट ऑफ युवर सीक्रेट लाइफ सतीश. फिर मैं ने अपने दिल को ऐसे तसल्ली दी के सतीश भी किसी लड़की के साथ है और वो उसके साथ उसके इलेजिटिमेट अफेर्स है और वो भी अपनी सीक्रेट लाइफ मे मस्त है. यह सोच के मुझे थोड़ा इत्मेनान हुआ और थोड़ी देर रोने के बाद दिल का गुबार कुछ कम हुआ तो मॅन हल्का हुआ और फिर मैं ऐसे ही लेटे लेटे गहरी नींद सो गयी.
सुबह डोर बेल पे आँख खुली, टाइम देखा तो 8 बज रहे थे, मैं हड़बड़ा के उठी और डोर खोला तो रूम बॉय था रूम की सफाई करने आया था तो मैं ने बोला के मैं थोड़ी देर मे जाने वाली हू, के नीचे काउंटर पे दे दूँगी तो तुम सफाई कर लेना, उसने ओके मेडम बोला और वापस चला गया. रात की चुदाई और गंद के फटने से मेरा सारा बदन दरद कर रहा था पर इंटरव्यू का याद आते ही सारी तकलीफ़ दूर हो गयी और मैं बाथरूम मे घुस गयी. ब्रश किया और गरम पानी का शवर लिया तो बदन थोड़ा हल्का महसूस हुआ. बाहर निकली, बदन को टवल से ड्राइ किया और शवर गाउन पहेन लिया. पहले सोचा के नीचे जा के ब्रेकफास्ट ले लू फिर ख़याल आया के नीचे जाने के ब्रेकफास्ट लेने मे टाइम लगेगा इतनी देर मे मैं अपना कुछ और काम कर सकती हू, मैं ने नीचे फोन किया और रूम बॉय से बोला के मुझे ब्रेकफास्ट यही रूम मे दे दो उसने बोला के ओके मेडम अभी लाता हू और फोन रख दिया. थोड़ी देर मे ही वो ब्रेकफास्ट की ट्रे और कॉफी पॉट ले के आ गया. मैं ने उसको थॅंक्स बोला और ब्रेकफास्ट करने बैठ गयी. मैं ने जल्दी जल्दी ब्रेकफास्ट किया, कॉफी पीते पीते मेक अप करने लगी. कॉफी बोहोत ही अछी थी पीने से तबीयत फ्रेश लगने लगी. इंटरव्यू के लिए सेलेक्टेड किया हुआ क्रीम बॅकग्राउंड पर छोटे छोटे पिंक फ्लवर वाली मिडी टाइप की स्कर्ट और क्रीम कलर पर पोल्का डॉट की चोली जिस्मै नीचे से नाट डालने के लिए थोड़ा कपड़ा लटक रहा था निकाला और बेड पे रखा और तय्यारी मे लग गयी. मुझे रेडी होना था और 10:30 ए.एम. को इंटरव्यू के लिए जाना था. मैं ने ब्रस्सिएर और पॅंटी पहनी और फिर सेलेक्टेड कपड़े पहेन के लाइट मेक अप क्या, गालो पे हल्के से गुलाबी शेड का ग्लो दिया और लाइट लिपस्टिक लगा के अपने बालो को एक जुड़ा बनाया, उस्मै पिन्स लगाए, सॅंडल पहेने और मैं रेडी हो गयी. अपने आप को मिरर मे हर आंगल से देखा तो मैं बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी और मेरी चोली मे से मेरे आधे बूब्स भी दिखाई दे रहे थे और मेरे बूब्स का क्लीवेज भी बोहोत अछा बन रहा था, मुझे अपने आप पे प्यार आ गया और मैं मिरर मे अपने आप को एक फ्लाइयिंग किस देते हुए आँख मारी और बोला के स्नेहा यू आर लुकिंग डॅशिंग. मैं फिल्म बॉब्बी की बॉब्बी की तरह ही मासूम और यंग दिख रही थी.
सुबह के 10:00 ए.एम. को मैं रेडी थी, सोचा के बाहर धूप बोहोत होगी इसी लिए अपने गॉगल्स लगाए और अपनी फाइल उठा के रूम के बाहर आ गयी. नीचे उतार के काउंटर पे आई तो मुन्ना भाई बैठे थे.
मुझे इंटरव्यू के लिए बेस्ट ऑफ लक बोला तो मैं ने मुस्कुरा के थॅंक्स बोला और रूम की चाबी देते हुए बोला के मुन्ना भाई सुबह रूम बॉय को मैं ने सफाई से रोक दिया था, अब मैं बाहर जा रही हू आप प्लीज़ रूम की सफाई करवा दीजिए और ब्रेकफास्ट ट्रे भी अंदर ही रखी है वो भी उठ वा लीजिए तो उसने बोला के मेडम कोई बात नही आप कोई चिंता मत कीजिए आराम से जाइए सब काम हो जाएगा.
मैं होटेल के बाहर निकली तो देखा के अभी उतनी गर्मी स्टार्ट नही हुई थी और फिर वाहा रोड पे इतनी बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स के शेड पड़ रहे थे तो सन डाइरेक्ट मुझे नही लग रहा था. मैं 10 मिनिट के अंदर ही उस बिल्डिंग मे आ गयी जहा मुझे जाना था. अंदर आ के लिफ्ट से ऊपेर 10थ फ्लोर पे चली गयी. सामने ही आर.के. इंडस्ट्रीस का ऑफीस का बोर्ड दिखाई दिया तो मेरा दिल धक धक करने लगा. सामने फ्रामेलसस ग्लास का ऑटोमॅटिक दूर था जो मेरे करीब जाने से औटोंटिकल्ली खुल गया. यह एक बड़े साइज़ का रूम था जहा सोफे पड़े हुए थे और एर कंडीशन चल रहा था. अंदर काउंटर पे एक बोहोत ही खूबसूरत लड़की बैठी थी जिसे मैं ने विश किया और बोला के मैं इंटरव्यू के लिए आई हू तो उसने मुझे मुस्कुरा के देखा और बोला के मेडम आप वाहा सोफे पे बैठ जाइए और वाहा लिस्ट लगी है आप अपना नाम और नंबर चेक कर लीजिए इंटरव्यू तो 3 दिन तक चलेगे पर आपका नंबर कभी भी आ सकता है मे बी टुडे, मेबी टुमॉरो ओर मेबी आफ्टर टुमॉरो तो मैं ने हैरत से बोला के अछा 3 दिन तक चलेगा तो उसने बोला के हा मेडम ऑलमोस्ट 70 लड़कियाँ है इंटरव्यू के लिए आंड यू आर दा फर्स्ट वन टू अराइव उसने मुस्कुराते हुए बोला. मैं ने पूछा के एमडी का नाम क्या है तो उसने बोला के सी.डी. ख़ान. मेरी समझ मे नही आया तो उसने बोला के दिलदार ख़ान लैकिन सब उनको डीके ही पुकारते है. फिर मैं ने पूछा के वो कैसे है तो उसने मुस्कुराते हुए बोला के आप खुद ही देख लेंगी थोड़ी ही देर मे क्यों के मैं ने उनको शाएद 2 या 3 बार ही देखा है, मैं आक्च्युयली ऊपेर ऑफीस मे काम करती हू और मैं यहा बस टेंपोररी आई हू. आर.के. इंडस्ट्रीस के यहा 3 फ्लोर्स पे ऑफिसस है और उनके रूम मे पीछे से एक प्राइवेट एंट्रेन्स है, वो वही से अपने रूम मे आ जाते है और जब तक काम करना होता है वही बैठ ते है और उनके रूम के अंदर ही उनकी प्राइवेट सेक्रेटरी का भी ऑफीस है, अपना काम ख़तम करके वो वही से वापस भी चले जाते है. मैं ने थॅंक्स बोला और एक सोफे पे बैठ गयी. बहुत ही कंफर्टबल सोफे थे. 3 – 3 सीटर के सोफे के स्क्वेर सेट पड़े हुए थे और उनके बीच मे सेंटर टेबल थी जहा बोहोत से मॅगज़ीन्स और न्यूज़ पेपर रखे हुए थे. मैं ने भी एक मॅगज़ीन उठा लिया और पढ़ने लगी. शायद 2 या 3 मिनिट के अंदर ही और लड़कियाँ आनी स्टार्ट हो गयी. अफ क्या बताउ कैसे कैसे ड्रेसिंग कर के आई थी, एक से बढ़ कर एक. सब ही अपनी बॉडी के पार्ट्स जितना ज़ियादा दिखा सकती थी दिखा रही थी. इनकी ऐसी बोल्ड और मॉडर्न
ड्रेसिंग देख के मुझे अपनी ड्रेसिंग बोहोत ही वीक और कन्सर्वेटिव और पुराने ज़माने की लगी. खैर मैं बैठ गयी. ऑलमोस्ट ऑल लड़कियाँ मुंबई से ही थी, कुछ पूना से आई थी, कुछ मुंबई के आउट्स्कियर्ट से. मुझे लगा के शाएद मैं अकेली ही आउट ऑफ मुंबई आई हू. नेक्स्ट 10 मिनिट्स के अंदर ही ऑलमोस्ट सभी लड़कियाँ आ चुकी थी. एग्ज़ॅक्ट्ली 10:30 ए.एम. को उस काउंटर वाली लड़की के पास एक बज़्ज़र बजा तो उसने आन्सर किया और गुड मॉर्निंग सर बोला फिर कुछ सुनती रही, फिर हमारी तरफ देख के बोला के एस सर ऑलमोस्ट ऑल आर हियर, फिर कुछ सुनती रही, फिर अपने सामने रखी लिस्ट को देखे के पूछा आल्फबेटिक ऑर्डर सर, तो पता नही क्या रिप्लाइ आया फिर उस लड़की ने ओके सर बोला और रिसीवर रख दिया.
मैं उस लड़की की बात तो सुन ही रही थी समझ गयी के लिस्ट आल्फबेटिक ऑर्डर से इंटरव्यू चलने वाले है. उसने आल्फबेटिकल ऑर्डर मे नाम पुकारा आरती. तो एक 24 – 25 साल की लड़की, जिसने जीन्स और टॉप पहना था फुल मेक अप मे थी, अपनी जगह से उठी और अपनी फाइल पकड़ के उठी तो उस लड़की ने एक डोर की तरफ इशारा किया और आरती उस डोर से अंदर चली गयी. मेरा दिल बोहोत ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा. इस ऑफीस मे ज़ियादा लोग नही थे क्यॉंके यह सिर्फ़ एमडी का ही चेंबर था जहा एमडी और उसकी सेक्रेटरी ही होते थे और उसकी सेक्रेटरी का ऑफीस भी एमडी के चेंबर के अंदर ही था और बाहर के रूम विज़िटर्स के लिए था और शाएद एक दो टी बाय्स और एक दो सफाई वाले थे. थोड़ी देर के बाद दो टी बाय्स ट्रे मे डिस्पोज़ल कप मे कॉफी और टी ले के आया और जिसने कॉफी बोला उसको कॉफी दिया और जिसने टी बोला उसको टी दिया. बाकी की सब लड़कियाँ आपस मे बातें करने लगी. वो मुंबई वाले स्टाइल मे बात कर रहे थे, मैं ने कभी ऐसी लॅंग्वेज सुनी नही थी तो मुझे बोहोत अछी लगी. मैं मॅगज़ीन के पेजस पलटा रही थी और उनकी बातें सुन रही थी और मुस्कुराती रही थी. कभी किसी लड़की से ही हुए हो जाती थी. सब अपनी बारी का इंतेज़ार करने लगे. सब का तो पता नही मेरा दिल बोहोत ज़ोर से धड़क रहा था के यह सारी लड़कियाँ तो अनमॅरीड है और शाएद मैं अकेली ही मॅरीड वुमन हू और जैसा के राज ने बोला था के मुंबई की लड़कियाँ चुदवाने मैं कोई बुराई नही समझती और अपना काम निकलवाने के लिए बड़े आराम से चुदवा लेती है तो मैं सोच मे पड़ गयी के क्या मैं यह सब कर पाउन्गी, क्या मैं भी जॉब मिलने के लिए ऐसे ही चुदवा लूँगी और क्या यह जॉब मुझे मिलेगी या मुझे ऐसी ही निराश वापस बॅंगलुर लौटना पड़ेगा. बॅंगलुर को निराश वापस लौटने का ख़याल आया तो मैं ने अपने दिल मे सोचा के नही मैं ऐसे निराश वापस नही जाउन्गी और अगर ऐसा कोई मोका मिले तो शाएद चुदवा भी लूँगी पर मुझे यह जॉब चाहिए किसी भी तरीके से हो मुझे यह जॉब चाहिए बॅस. यह ख़याल आया तो दिल को थोड़ा इतमीनान आया और फिर सोचा के चलो इंटरव्यू फेस तो करते है जैसा
टाइम होगा उसी टाइम पे सोच के काम करते है. आइ कन्नोट अफोर्ड टू मिस दा जॉब. मुझे यह जॉब की सख़्त ज़रूरत थी और मैं इस जॉब के लिए कुछ भी करने को तय्यार हो गयी.
तकरीबन 20 मिनिट के बाद आरती रूम से बाहर आई तो उसका रंग लाल हो रहा था गुस्से मैं थी और बाहर निकल के बोली के साले एमडी को सेक्रेटरी नही रंडी चाहिए, मादर चोद किसी पर्सनल सेक्रेटरी का इंटरव्यू ले रहा है या पर्सनल रंडी का समझ मे नही आ रहा है और गुस्से मे पैर पटक ती ऑफीस के बाहर निकल गयी तो काउंटर पे बैठी लड़की मुस्कुरा दी, दूसरी बैठी लड़कियाँ भी मुस्कुरा के रह गयीं. मेरा बदन एक दम से गरम हो गया और दिल एक बार फिर ज़ोर से धड़कने लगा. मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी. उस लड़की ने फिर पुकारा अर्चना तो दूसरी लड़की उठ के अंदर गयी जो ऐसा मिनी स्कर्ट और टॉप पहने थी के अगर वो कुछ फ्लोर से उठा ने के लिए झुके तो शाएद उसकी चूत भी दिखाई दे और उसके बूब्स भी बड़े बड़े थे जो उसके टॉप मे फसे हुए थे, चलती तो ऊपेर नीचे हो रहे थे शाएद उसने ब्रस्सिएर नही पहनी थी. अर्चना अंदर चली गयी और शाएद 20 मिनिट के बाद उस लड़की के काउंटर पे बज़्ज़र बजा. उसने उठाया और ओके सर बोला फिर पुकारा अर्पिता तो अर्पिता अपनी जगह से उठ गयी. अर्पिता ने भी ऐसी ही स्कर्ट और टॉप पहना था जिसका पेट का अछा ख़ासा पोर्षन और उसकी नाभी नज़र आ रही थी. वो अंदर चली गयी तो मैं अपनी जगह से उठ के उस लड़की के पास आई और उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम ममता बताया तो मैं ने पूछा के ममता अभी दूसरी लड़की बाहर नही निकली फिर भी सर ने उसको अंदर बुला लिया तो ममता ने मुस्कुराते हुए बोला के नही ऐसी कोई बात नही सर के रूम मे एक और भी डोर है जो बिल्डिंग के दूसरी तरफ खुलता है सर ने शाएद उसको वाहा से वापस भेजा होगा. मुझे समझ मे नही आ रहा था के सामने से वापस आने का और पीछे से वापस जाने का मतलब क्या है.
क्रमशः......................
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