RE: Antarvasna kahani रिसेशन की मार
रिसेशन की मार पार्ट--10
गतान्क से आगे..........
मैं और राज भी नीचे उतर गये और वाहा के वॉशरूम मे जा के हाथ मूह धोया और ब्रश किया फिर ब्रेकफास्ट कर के गरमा गरम कॉफी पी के ठंडी हवा का मज़ा लेने लगे. अभी मॉर्निंग टाइम था इसी लिए मौसम बोहोत ही अच्छा लग रहा था, फ्रेश एर से तबीयत फ्रेश होगयी. तकरीबन आधे घंटे के बाद यहा से बस फिर स्टार्ट हो गयी और लुनावाला की ओर बढ़ने लगी. मुझे फिर से डर लगने लगा था और मुझे सडन्ली सतीश की याद आ गयी. मैं ने राज का हाथ अपने हाथ मे ले लिया और उसके हाथ को अपने हाथो से दबा के बोला के आइ आम सो सॉरी राज पता नही मुझे क्या हो गया था पर बिलीव मी आइ आम नोट दट टाइप ऑफ वुमन. मैं ने कभी भी सतीश के सिवा किसी और मर्द के बारे मे सोचा भी नही और ना ही किसी गैर मर्द ने मुझे टच किया है तुम पहले मर्द हो जिस के साथ मैं ने यह सब किया आंड आइ आम फीलिंग गिल्टी राज प्लीज़ मुझे माफ़ करदो और फिर सतीश की याद के साथ ही मेरी आँखो से आँसू निकलने लगे और मैं राज के गले मे बाँहे डाल के रोने लगी और बार बार उसको सॉरी बोल रही थी. राज ने मुझे अपनी बाँहो मे ले लिया और मेरे फेस को चूमते हुए बोला के कोई बात नही स्नेहा प्लीज़ डॉन’ट क्राइ मेरी जान. आइ कॅन अंडरस्टॅंड हनी. मुझे पता है के तुम ऐसी औरत नही हो लैकिन तुम भी क्या कर सकती थी तुम एमोशन मे और अंजाने मे यह सब कर बैठी आंड टू बी फ्रॅंक आइ आम ऑल्सो फीलिंग गिल्टी के मैं ने तुम्हारे साथ यह सब किया. और सच पूछो तो स्नेहा, एवेरी पर्सन हॅज़ हिज़ ओर हर ओन प्राइवेट आंड सीक्रेट लाइफ, एवेरिबडी हॅज़ राइट टू हॅव हिज़ ओर हर ओन प्राइवेट सीक्रेट लाइफ व्हेर नोबडी हॅज़ टू इंटर्फियर इन एनी मॅनर आंड दट सीक्रेट्स आर नोट टू बी शेर्ड विथ एनी नोट ईवन टू युवर हज़्बेंड ऑल्सो, सो यू ऑल्सो हॅव दा राइट टू हॅव युवर ओन प्राइवेट आंड सीक्रेट लाइफ तो तुम इसको अपनी प्राइवेट और सीक्रेट लाइफ का एक हिस्सा समझ लो और जो किया वो तुम्हारा प्राइवेट मामला था जिस से तुम्हारे हज़्बेंड का कोई तालुक नही होना चाहिए. युवर प्राइवेट लाइफ ईज़ युवर प्राइवेट लाइफ
आंड एवेरिबडी इस फ्री टू कीप हिज़ प्राइवेट लाइफ सीक्रेट ईवन फ्रॉम हर हज़्बेंड आंड यू कॅन डू दट कीप युवर सीक्रेट टू युवरसेल्फ. इतना सुन के मुझे थोड़ा इतमीनान हुआ के हा बात तो सही है के आइ शुड हॅव माइ प्राइवेट आंड सीक्रेट लाइफ आंड नोबडी शुड इंटर्फियर इन माइ प्राइवेट लाइफ. भगवान जाने हो सकता है के सतीश की भी कोई प्राइवेट और सीक्रेट लाइफ होगी जिस को वो नही जानती, हो सकता है के सतीश की ज़िंदगी मे भी कोई औरत या लड़की होगी जिसे वो चोद्ता होगा क्या पता. आंड आइ वॉंट टू कीप दिस आज़ माइ मोस्ट इंटिमेट आंड प्राइवेट सीक्रेट आंड सतीश कन्नोट बी आ पार्ट ऑफ दिस सीक्रेट आंड ही हॅज़ नो प्लेस इन माइ प्राइवेट आंड सीक्रेट लाइफ आस आइ हॅव नो प्लेस इन हिज़ प्राइवेट सीक्रेट लाइफ. फिर मैं ने इतमीनान का साँस लिया और राज को बोला के हा राज यू आर राइट. दिस ईज़ आ पार्ट ऑफ माइ सीक्रेट लाइफ आंड नोबडी हॅज़ एनी राइट टू इंटर्फियर इन माइ सीक्रेट लाइफ, नोट ईवन माइ हज़्बेंड. राज भी वोही बात बोला के हो सकता है के सतीश की भी उसकी कोई सीक्रेट लाइफ होगी जहा वो भी किसी ना किसी के साथ संबंध होंगे, हो सकता है के उसका अफेर भी किसी औरत के साथ चल रहा होगा तुम्है क्या पता तो मैं मुस्कुरा के बोली के हा यू आर आब्सोल्यूट्ली राइट राज आइ नेव्य नो हिज़ सीक्रेट लाइफ आंड आस आइ हॅव माइ राइट टू हॅव माइ सीक्रेट लाइफ, ही ऑल्सो हॅज़ दा राइट टू हॅव हिज़ सीक्रेट लाइफ और हम दोनो ही मुस्कुरा दिए तो मैं ने राज से पूछा के डू यू ऑल्सो हॅव आ सीक्रेट लाइफ ? तो उसने मुस्कुरा के बोला के, यू थिंक वॉट हॅपंड लास्ट नाइट बिट्वीन यू आंड मी ईज़ नोट माइ सीक्रेट लाइफ, डू यू थिंक आइ विल टेल ऑल दिस टू माइ वाइफ ? हा यह मेरी सीक्रेट लाइफ है और इसे मेरे सिवा कोई नही जान सकता और ना ही मैं किसी सेबताउन्गा और मुस्कुराते हुए उसने मुझे एक ज़ोरदार किस दिया.
अब हम दोनो भी एक दूसरे से शर्मा रहे थे और चुदाई का नाम नही ले रहे था पता नही शाएद दिन का टाइम था इसी लिए क्यॉंके हम रात के अंधेरे मे जो बिंदास बोल देते है या कर लेते है वो दिन के उजाले मे नही कर पाते इसी लिए आटीस्ट मुझे तो लंड, चूत और चुदाई जैसे शब्द बोलने मे शरम आ रही थी. राज ने मुझे अपनी बाँहो मे पकड़ लिया और बोला के स्नेहा मेरी जान प्लीज़ डॉन’ट क्राइ मैं हू ना तुम्हाई कोई भी प्राब्लम हो तो मुझे बता देना आइ आम ऑल्वेज़ विथ यू. मैं तुम्हारे लिए जो कर सकता हू ज़रूर करूँगा. उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर देते हुए बोला के एनी टाइम यू नीड मी आइ आम जस्ट आ कॉल अवे, कॉल मी आंड आइ विल मीट यू. तुम बोहोत ही अछी लेडी हो मैं तुमसे प्यार भी तो करने लगा हू पर क्या करू तुम और मैं दोनो ही मॅरीड है इसी लिए हम को थोड़ा केर्फुल रहना पड़ेगा. आइ आम ऑल युवर्ज़ शेना मेरी जान तो मैं राज से और ज़ियादा ज़ोर से लिपट गयी और उसके लिप्स को चूमते हुए बोली थॅंक यू राज फॉर एवेरितिंग यू गेव मी, यू टुक मी टू दा हाइट्स आइ नेव्य न्यू एग्ज़िस्ट्स इन रोमॅन्स. यू गेव मी दा प्लेषर आइ वाज़ नोट अवेर ऑफ बोला तो उसने एक बार
फिर से मुझे चूम लिया और बोला के प्लेषर ईज़ माइन मेरी जानू यू आर दा बेस्ट लेडी आइ एवर मेट, यू आर वेरी स्वीट आंड सोबर तुम बोहोत ही प्यारी और लव्ली हो, तो मेरी आँखो मे चमक आ गयी और मैं ने थॅंक्स बोला.
राज ने मुझे यकीन दिलाया के वो कही ना कही मेरे लिए जॉब का बंदोबस्त कर देगा तो मेरे दिल को कुछ इतमीनान आया.
दोपहर मे तकरीबन 12 बजे के करीब बस मुंबई पोहोच चुकी थी मेरे दिल की धड़कन बढ़ती ही जा रही थी और मेरे अंदर फिर से एक डर का एहसास होने लगा था के पता नही क्या होगा, लोग्डिंग कैसी मिलेगी, सिंगल रूम के कितने पैसे होगे एट्सेटरा एट्सेटरा.
बस सिटी के अंदर चल रही थी. मुंबई की ऊँची ऊँची बिल्डिंग्स दिखाई दे रही थी. बाहर रोड्स पे लोग बोहोत ही तेज़ी से चल रहे थे ऐसा लगता था जैसे कोई बोहोत ही इंपॉर्टेंट काम के लिए जा रहे हो और किसी को किसी की तरफ देखने की भी फ़ुर्सत नही थी सब अपने अपने काम मे बिज़ी लगते थे और जैसे एक दम से मेकॅनिकल लाइफ. लोग मशीन्स की तरह से वर्क कर रहे थे. उनको देख के मुझे डर लगने लगा कई अगर मुझे जॉब मिल गयी तो मुझे भी शाएद ऐसे ही भाग दौड़ करना पड़े. रोड्स पे बोहोत ही भीड़ थी और बस अब बोहोत स्लो स्पीड से चल रही थी जहा किस पॅसेंजर को उतरना होता तो वो ड्राइवर को बोल देता और ड्राइवर वही बस रोक लेता और पॅसेंजर नीचे उतर जाता. इसी तरह पता नही कोन्सि जगह थी जहा राज ने ड्राइवर से रुकने को बोला और मुझे अपने साथ आने का इशारा किया और उसने खुद ही मेरा सूटकेस भी उठा लिया और हम दोनो बस से नीचे उतर गये. बाहर उतर ते ही मुझे गर्मी का एहसास हुआ, गर्मी तो बॅंगलुर मे भी होती थी पर ऐसी नही, यहा तो थोड़ी ही देर मे बदन पसीने से भर गया. राज ने एक टॅक्सी को इशारा किया और टॅक्सी हमारे करीब आ के रुक गयी. राज ने ने टॅक्सी को किसी रोड का बोला और हम दोनो बैठ गये. थोड़ी देर मे ही राज ने टॅक्सी को रुकने का बोला और मेरा सूटकेस ले के नीचे उतर गया और टेक्सीवाले को वेट करने का बोल के मेरे साथ एक लॉड्जिंग मे आ गया और वाहा लॉड्जिंग के मॅनेजर को बोला के मुन्ना भाई, यह मेडम मेरी गेस्ट है इनको कोई तकलीफ़ नही होने देना और इनको सेपरेट सिंगल रूम दे दो, इनका ब्रेकफास्ट, लंच और डिन्नर भी इनके टाइम पे दे देना तो मुन्ना भाई ने बोला के सर आप बिल्कुल भी फिकर ना करे, आपकी गेस्ट हमारी गेस्ट है सर, आपकी गेस्ट को कोई तकलीफ़ नही होगी और कोई शिकायत का मोका नही मिलेगा और उसने एक काम करने वाले लड़के से बोला के मेम सब का समान उठाओ और उनको 14 नंबर के रूम मे ले जाओ. जब वो लड़का समान ले के चला गया तो राज ने मुझे बोला के इधर आओ मैं तुमको बता देता हू के तुम्है कहा जाना है तो मैं राज के साथ बाहर आ गयी. राज ने एक तरफ इशारा कर के बोला
के यह जो तुमको इतना बड़ा नोकिया – कनेक्टिंग पीपल का बोर्ड दिख रहा है, बॅस वोही बिल्डिंग है उस्मै कंपनीज़ के नेम प्लेट्स लिखे हुए है. अभी तो तुम थोड़ा रेस्ट ले लो और समय हो तो बाहर निकल के तुम चेक कर लेना के कोन्से फ्लोर पे है आज तो सनडे है शाएद ऑफीस बंद होगा पर तुम बिल्डिंग मे जा के फ्लोर का नंबर चेक कर सकती हो और ऑल दा बेस्ट गुड लक टू यू स्नेहा मे यू गेट दिस जॉब बोला तो मेरी आँखो मे आँसू आ गये के अब मैं फिर से अकेली हो गई हू. मेरा जी कर रहा था के राज का दामन पकड़ के उस से मेरे साथ रहने की भीक माँगूँ, पर मैं यह कर नही सकी और उसको आँसू भरी आँखो से देखती रही. राज ने मेरी आँखो मे आँसू देखे तो बोला के ओह स्नेहा मेरी जान रोती क्यों हो तुमको तो हिम्मत से काम लेना है तुम्है जॉब भी तो करना है और तुम जिस जॉब के लिए ट्राइ कर रही हो उसके लिए तो बोहोत ही बोल्ड होना पड़ता है और अगर तुम अभी से हिम्मत हार गयी तो इंटरव्यू कैसे फेस कर पओगि, सो प्लीज़ मेरी जान रोना नही और मेरा घर भी बॅस यहा से हार्ड्ली 20 – 25 मिनिट्स की वॉकिंग डिस्टेन्स पे है पर मैं तुम्है इस लिए नही ले जा सकता के पता नही मेरी वाइफ आ गई के नही. फिर कभी तुम्है ले जाउन्गा और मुझे आज शाम मे एक मीटिंग भी है जिसकी प्रेपरेशन करना है तो मैं ने फॉरन बोला के मुझे साथ लेलो मैं तुम्हारी मदद कर दूँगी प्रेपरेशन मे तो उसने बोला के नही मेरी जान तुम आराम कर्लो तुमको कल इंटरव्यू फेस करना है. मेरी आँखो मे एक बार फिर से आँसू आ गये तो राज ने बोला के यू डॉन’ट वरी डार्लिंग आइ आम ऑल्वेज़ विथ यू. कुछ भी हो मुझे कॉल कर लेना तो मैं ने दिल पे पत्थर रख के उसको बाइ बोल तो दिया पर मेरा मंन कर रहा था के राज मेरे साथ ही रहे. यह दिल भी बड़ा पागल है राज मेरे साथ कैसे रह सकता है, आख़िर मैं कोन हू उसके लिए, उसकी भी तो एक फॅमिली है, उसके भी तो कुछ काम है और यह हर्डल मुझे अकेले ही पार करना है और मैं गीली आँखो से होटेल मे आ गई और लिफ्ट से 1स्ट्रीट फ्लोर पे चली गयी जहा रूम नो. 14 था.
रूम के अंदर आई तो देखा के यह एक अछा नीट आंड क्लीन सॉफ सुथरा कमरा था जिस्मै एक बेड पड़ा हुआ था जो सिंगल से थोडा बड़ा और डबल से थोड़ा कम था. वाइट चदडार बिछी हुई थी. एक ड्रेसिंग टेबल जिसपे बड़ा सा लाइफ साइज़ मिरर रखा हुआ था और उसके करीब ही एक साइड टेबल जैसी टेबल पे एक टेलिफोन, वॉटर का जग और एक ग्लास रखा हुआ था. रूम मे एक छोटा सा फ्रिड्ज भी था जहा मिनरल वॉटर के कुछ प्लास्टिक बॉटल्स रखे हुए थे. बेड पे एक नीट आंड क्लीन ब्लंकेट और एक शॉल रखी थी के जैसा मौसम हो यूज़ कर्लो. एक छोटा सा टेबल और चेर भी था जहा बैठे के कुछ पढ़ा या लिखा जा सकता था और वही टेबल के ऊपेर ही दीवार मे एक लॅंप भी था के रात मे बल्ब जला के यूज़ कर सकते थे. रूम मे एक मीडियम साइज़ का अटॅच
बाथरूम भी था जहा वॉशबेसिन और शवर ट्रे लगी हुई थी और साथ मे वॉश बेसिन के ऊपेर बड़ा सा मिरर लगा हुआ था और मिरर के नीचे के छोटा प्लॅटफॉर्म जैसा था जहा सोप केस के अंदर एक छोटा सोप था. वाहा पे टूथ पेस्ट और टूथ ब्रश होल्डर भी था. इन शॉर्ट यह एक बोहोत ही कंफर्टबल रूम था. मेरा दिल धड़कने लगा के पता नही इसका रेंट क्या होगा, मेरे पास इतने पैसे होंगे भी नही के मैं रूम का रेंट दे सकु. मैने रूम को अछी तरह से देखा और बिस्तर पे ढेर हो गई. मेरी आँखो से एक बार फिर से आँसू निकल ने लगे. अकेलेपन का एहसास. इस टाइम पे मुझे सतीश की बोहोत याद आ रही थी और सोच रही थी के अगर मुझे यह जॉब नही मिली तो क्या होगा, इतने पैसे जो ट्रॅवेलिंग पे लगे है वेस्ट हो जाएगे. मैं इतने लंबे सफ़र के बाद थक चुकी थी और नींद भी नही हुई थी, मैं बेड के किनारे पे खड़ी हो गयी और ऐसे ही उल्टा बेड पे ऑलमोस्ट गिर सी गयी, पिल्लो को थोड़ा अपनी ओर खेचा, दोनो हाथो को फोल्ड करके अपने नीचे पिल्लो रख लिया उस पे सर रख के लेट गयी और आने वाले समय और इंटरव्यू के बारे मे सोचने लगी और फिर पता ही नही चला के कब मेरी आँख लग गयी और मैं गहरी नींद सो गयी.
क्रमशः......................
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