Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:23 PM,
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
हर एक लम्हा उसे याद था कैसे शुरू हुआ था और कैसे आँत हुआ था कैसे उसने उसके शरीर को निचोड़ा था और कैसे उसने उसके चुचियों को चूसा था कैसे उसने उसे चूमा था और कैसे उसने उसे नहलाया था एक-एक वाक़या अपनी आखों के सामने होते हुए लग रहा था पूरी रात कामया के जेहन में यही बात चलती रही थी और एक अजीब सी कसक और भूख को बढ़ावा देती रही थी जब भी करवट लेती थी तो अपने शरीर को टच होता हुआ महसूस करती थी वो भोला से उसके शरीर का हर अंग परिचित था और वो एहसास अब भी उसके अंदर कही जमा था या कहिए की याद था 


उसका वहशीपन और उसका प्यार का हर एक लम्हा उसे याद था उसके हाथों का हर स्पर्श उसे याद था वो यह जान गई थी कि भोला एक औरत को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकता था और उसने किया भी था उसका हर एक रोम रोम को उसने छुआ था हर एक कोने को वो जानता था रात भर कामया इसी सोच में डूबी हुई करवटें बदल बदल कर सोई थी पर नींद बहुत अच्छी आई थी सुबह जब उठी थी तो उसके शरीर का हर एक अंग खिला हुआ सा था एकदम तरोताजा थी वो कही कोई दर्द नहीं और नहीं कोई खिचाव ही था एक अजीब सी खुशी और मादकता ने उसके पूरे शरीर को घेर रखा था एक अजीब सी मदहोशी थी उसके अंदर 


वो जल्दी उठकर तैयार होने लगी थी नीचे चाय पीने जाना था कामेश का कुछ पता नहीं था कब आएगा पर मम्मीजी और पापाजी थे घर में इसलिए जल्दी से तैयार होकर नीचे पहुँची थी पापाजी और मम्मीजी चाय के टेबल पर उसकी का इंतजार कर रहे थे 

मम्मीजी-, आओ बहू अच्छे से सोई की नहीं 

कामया- जी 

पापाजी- सुनो बहू आज तुम घर पर ही रहो और मम्मीजी का हाथ बँटाओ कामेश भी आता होगा 

कामया- जी 

मम्मीजी- अरे घर पर क्या करेगी 

पापाजी- नहीं कुछ ना करे पर थोड़ा आराम तो चाहिए ना बहू को कितना काम कर रही है जब से तुम गई हो 

मम्मीजी- हाँ… वो तो है 

पापाजी- अच्छा बहू परसों गुरु जी आरहे है कोई बड़ा काम है घर भी आरहे है इसलिए 

मम्मीजी---अरे हम सब है ना कहाँ बहू अकेली है तुम मत डरो बहू गुरु जी बहुत अच्छे है और तुम्हारा बहुत मान करते है 

पापाजी- हाँ यह बात तो है और तुम बिल्कुल चिंता मत करना और सभी लोग आएँगे घर पूरा भरा रहेगा 

कामया- जी इसी तरह के कुछ टिप्स और ट्रिक्स की बातें करते हुए चाय खतम हुई और सभी अपने कमरे में पहुँचे थे कामेश कब आएगा यह उसे पता नहीं था पर आज आएँगे खेर कामया नहा धो कर तैयार थी 

और तभी कामेश की आवाज आई थी उसे अरे वो आ गये है चलो थोड़ा सा टाइम कटेगा पर कामेश के आते ही वो इतना जल्दी में था की समान रखते ही जल्दी-जल्दी तैयार होने लगा था और दुनियां भर की बातें भी करता जा रहा था 

कामया भी उसकी बातों में हाँ या ना में बातें करती रही और उसके जल्दी-जल्दी काम की और एकटक देखती रही उसे गुस्सा तो बहुत आया था कि इतने दिनों बाद आने पर ही कुछ आपस की बातें ना करते हुए इधार उधर की बातों में टाइम जाया कर रहे है किस तो कर सकते थे पर नहीं इतना भी क्या काम था कि पत्नी को उसका हक ही ना मिले 

कामया भी कुछ ना कहती हुई उसके पीछे-पीछे नीचे उतर आई थी खाना खाने के बाद पापाजी और कामेश बाहर की ओर निकले थे घर में बहुत से लोगों को फिर से काम करते हुए उसने देखा था कौन थे पता नहीं पर थे सभी के चेहरे पर एक आदर का भाव था और सत्कार का भाव साफ-साफ देखा जा सकता था खेर कामया को क्या उसे तो मम्मीजी के साथ ही रहना था बाहर आते ही उसकी नजर भोला पर पड़ी थी पोर्च में तीन गाडिया लाइन से खड़ी थी एक में लाखा था और दूसरे में भोला और तीसरी खाली थी वो गाड़ी कामेश की थी 

पर जैसे ही वो लोग बाहर निकले कामेश ने भोला की ओर देखते हुए 

कामेश- भोला मेरी गाड़ी अंदर रख दे और मेरे साथ चल आज मेमसाहब की छुट्टी है 

भोला के चहरे में एक भाव आया था जो कि वहां खड़े किसी ने नोटीस नहीं किया था पर कामया से वो छुप ना सका था वो जल्दी से दौड़ कर कामेश की गाड़ी को गेराज में खड़ा करते हुए जल्दी से मर्क की और बड़ा था पर जाते जाते एक नजर से अपने सप्निली चीज को देखना नहीं भुला था और सिर झुका कर मम्मीजी को भी नमस्कार किया था 

कामया की आखें एक बार तो उससे टकराई थी पर कुछ नहीं कह या कर पाई थी वो उसके सामने से गाड़ी धीरे धीरे आगे की ओर सरक्ति हुई बाहर की ओर चली गई थी तभी उसकी नजर लाखा पर पर थी वो पापाजी की गाड़ी को आगे लेते हुए बाहर की ओर चला गया था उसके चहरे पर भी एक अजीब सा भाव उसने नोटीस किया था कामया का पूरा शरीर एक बार तो सनसना उठा था और वो सिहर उठी थी हर एक पाल जो कि उसने भोला के साथ गुजरे थे उसे याद आते रहे फिर लाखा के साथ के पल भी वो वापस तो मम्मीजी के साथ अंदर आ गई थी पर दिल का हर कोना उसे लाखा भोला और भीमा के साथ गुजरे पल की याद दिला रहा था कामेश की बेरूखी ने यह सब किया था 

वो क्या करती पर अभी तो यह सब सोचना नहीं चाहिए पर वो क्या करे उसका बस नहीं था अपनी सोच पर जितना झटकती थी और ना सोचने की कोशिश करती थी उतना ही वो उस सोच में डूबती जा रही थी हर अंग एक बार फिर से जाग रहा था और अपने आप ही एक सरसराहट और उत्तेजना की लहर उसके तन को घेर रही थी वो नहीं जानती थी कि आगे क्या पर एक उमंग सी जाग गई थी उसके तन में यह उमंग उसने कभी महसूस किया था कि नहीं मालूम नहीं हाँ… याद आया शादी के बाद बाद में महसूस किया था जब वो सुहाग रात के बाद अपने पति को देखती थी तब एक अजीब सी खुशी और एक अजीब सी सरसराहट उसके तन को घेरती जा रही थी वो मम्मीजी के साथ साथ हर काम को देख रही थी 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 03:23 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,526,627 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,216 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,938 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,581 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,668,682 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,788 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,972,823 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,127,349 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,058,952 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,368 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)