Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:37 PM,
#56
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
कामेश- एक काम करो अभी तैयार हो जाओ और मेरे साथ चलो तुम्हें कंपेल्क्स की जगह ले चलता हूँ और फिर शोरुम चलेंगे वहां अगर बोर लगेगा तो वापस आ जाना 

कामया- नहीं आज नहीं कल से चलूंगी 

कामेश- ठीक है पर कामया थोड़ा बहुत बाहर निकला करो तुम तो पढ़ी लिखी हो तो डर किस बात का 

कामया- डर कहे का बस मुझे अच्छा नहीं लगता इसलिए 

कामेश- उफ़्फूओ क्या यार मैंने तो सोचा था कि तुम्हें मनेजिंग डायरेक्टर बना दूँगा मेरी नई फर्म का 

कामया- एम डी कहाँ का 

कामेश- अरे अभी जो एक्सपोर्ट का काम कर रहा हूँ ना डाइमॉंड्स और स्टोन्स का उसे मनेज करने को कोई तो चाहिए तुम क्यों नहीं 

कामया- मुझे थोड़े ही आता है तुम्हारे डाइमॉंड्स और स्टोन का काम और पहचान भी कहाँ है मुझे 

कामेश- अरे तुम्हें कोई पहचान थोड़े ही करनी है बस मनी ट्रॅन्सॅक्षन पर ध्यान रखना है बस पार्ट्नर्स है बाहर और इंडिया में बस बाकी में मनेज कर लूँगा 

कामया- नहीं नहीं मुझसे गलती हो जाएगी फिर गुस्सा करोगे नहीं में नहीं 

कामेश- गुस्सा करूँगा और तुमसे अभी तक क्या एक टाइम या दिन मुझे बता सकती हो कि मुझे गुस्से में देखा है 

कामया- नाहो पर मुझसे नहीं होगा बस 

और कामया उठकर बाथरूम में घुस गई कामेश पीछे से कुछ कह रहे थे पर उसे इस चीज से कोई फरक नहीं पड़ता 
फ्रेश होकर जब वो बाहर निकली तो कामेश रूम में नहीं था शायद नीचे चला गया होगा वो भी चेंज करके नीचे डाइनिंग रूम में आई तो कामेश खाना खा रहे थे वो भी जाके उसके पास खड़ी हो गई 

कामया- पापाजी तैयार हो गये 

कामेश- हो रहे है क्यों 

कामया- में पापाजी के साथ आ जाऊ 

कामेश- हः हाँ… क्यों नहीं अरे थोड़ी देर रुक के तो देखो मजा नहीं आया तो वापस आ जाना लाखा तो है और आज से तो वो यही घर में ही रहेगा हाँ… 

कामया- ठीक है तो पापाजी को बता देना में तैयार हो जाती हूँ 
और कामया जल्दी से अपने रूम में आ गई और आज पहली बार वो पापाजी और कामेश के साथ अपने शोरुम और बिज़नेस के काम से बाहर घर के बाहर निकलने वाली थी पता नहीं क्यों उसके शरीर में एक अजीब सी, फुर्ती आ गई थी 
जब वो तैयार होकर नीचे आई तो पापाजी डाइनिंग टेबल पर उसका ही इंतेजार कर रहे थे 

पापाजी- आओ बहू जल्दी से खाना खा लो और फिर चलो अपने साम्राज्या को देखो 

कामया- जी 
लजा कर अपना सिर झुका लिया और खाना खाने लगी वा एक टाइट सी चूड़ीदार पहने हुई थी जो की उसके शरीर के हर हिस्से को उजागर कर रहा था उसकी चुन्नी एक तरफ से ले रखी थी जिससे की एक तरफ की चुचि बाहर बिल्कुल बाहर की ओर उछल कर अपने होने का परिचाए दे रही थी कमर और चूचियां के चारो और कुटा बहुत टाइट था साइड से
उसकी गोलाइयो का पूरा पूरा शेप बिल्कुल साफ-साफ दिख रहा था 

पापाजी के साथ कामया ने भी जल्दी से खाना खाया उसके मन में एक अजीब टाइप की उत्तेजना भी थी पहली बार वो कोई इस तरह के काम से बाहर निकलने वाली थी जो कि उसने कभी सोचा भी नहीं था पर हाँ… जाना जरूर चाहती थी एक बार तो जा ही सकती थी कामेश के कहने पर देखे तो 
कामेश और, उसके घर वालो ने उसके लिए क्या सोचा और किया है थोड़ी देर में ही पापाजी के साथ कामया भी पोसर्च में खड़ी थी गाड़ी लाखा को ही चलना था सिर झुकाए हुए वो गाड़ी के डोर को पकड़कर खड़ा था 

पापा जी- चलो बहू 
और खुद भी गाड़ी में बैठ गये कामया भी पीछे पापाजी के साथ ही बैठ गई और लाखा दौड़ता हुआ ड्राइविंग सीट पर आ गया 

पापाजी- लाखा पहले साइट की ओर ले चलना 

लाखा- जी 
और गाड़ी गेट के बाहर सड़क पर दौड़ने लगी काफी चल पहल थी सड़क में सभी भागे जा रहे थे इस भीड़ में किसी को किसी की चिंता नहीं थी सब अपने काम से काम रखे हुए एक दूसरे को कुचलते हुए अपने स्वार्थ के लिए जद्दो जेहाद में लगे थे कही गाड़ी किसी को साइड करके आगे निकल रही थी तो कोई गलत तरीके से ओवर टेक कर रहा था 
पर सब आगे जाने की चेष्टा में थे इसी दौड़ में अब कामया अपने आप भी पा रही थी वो पापाजी के साथ बैठी हुई बाहर सभी की ओर बड़े ही अजीब तरीके से देख रही थी और अपनी ही सोच में डूबी हुई थी 

जब गाड़ी थोड़ी धीरे हुई तो सामने की ओर नजर गई तो वो चौंक गई बड़ा सा स्ट्रक्चर खड़ा था गाड़ी आगे चलते हुए खाली जगह में खड़ी हो गई गाड़ी को देखते ही वहां खड़े और काम कर रहे लोगों के अंदर एक उथल पुथल मच गई थीसभी की निगाहे गाड़ी की ओर थी कुछ लोग सूट में थे तो कुछ वैसे ही दौड़ते हुए गाड़ी के पास आते दिखे 

लाखा ने दौड़ते हुए गाड़ी का डोर खोला और फिर कामया के डोर के पास आ गया और सिर झुकाए डोर खोलकर खड़ा हो गया 

पापाजी- आओ बहू देखो यह है कॉंप्लेक्स मल्टिपलेक्स और विला तुम्हारे नाम से कुछ दिनों में बन कर तैयार ही जाएगा
कामया- जी 
और आश्चर्य से उसे बड़े से स्ट्रक्चर को देखती रही काले चस्मे में वो खड़ी हुई उस स्ट्रक्चर को देखती ही रह गई जब वो बन कर तैयार होगा तो सिटी के बीचो बीच में कैसा दिखेगा और वो यहां की मालकिन भी हो जाएगी एमडी , कामेश तो यही कह रहा था ना तभी वहां कुछ लोग आए और पापाजी को झुक कर नमस्ते और, कुछ लोग हैंड शेक करने लगे कामया सभी की ओर देख रही थी और सभी की नजर उस हसीना पर थी जानते थे कि बहू है पर देख पहली बार रहे थे सबकी नजर में इज़्ज़त थी और एक प्यास भी एक औरत के नजदीक आने से जो होती है वो 

हर कोई बड़े ही तरीके से पापाजी की और उसकी ओर नमस्ते की मुद्रा में खड़े थे और कुछ तो सिर झुकाए और मुस्कुराते हुए देख रहे थे 

पहली बार कामया इस तरीके से किसी बिज़नेस पर्पस से किसी से मिल रही थी या फिर परिवार बिज़नेस में हाथ बंटाने की सोच रही थी वो खड़ी खड़ी लोगों को देख ही रही थी कि 
पापाजी- हाँ… अरे में तो इंट्रो ड्यूस करना ही भूल गया ये हमारी बहू है कामेश की पत्नी कामया 

सभी ने कामया को नमस्ते किया और बड़े ही आदर पूर्वक उन्हें अपने बीच में आई इस काम सुंदरी को उसके साम्राज्य में स्वागत भाव से झुक कर स्वागत भी किया कामया को भी अपनी इस नई पोजीशन में काफी खुशी और खुले पन का एहसास हो रहा था वो अपने को एक बहुत ही इंपार्टेंट पर्सन के रूप में यहां देख रही थी 

वो जानती थी कि यहां पर मौजूद हर इंसान अपने को बेहतर साबित करने की कोशिश कर रहा था काले चस्मे की ओट में वो सबको ठीक से देख सकती थी पर कोई भी उसकी नजर को भाप तक नहीं सकता था वो खड़ी-खड़ी पापाजी और बाकी सबकी बातें सुन रही थी कुछ टाइम मे ही काम खतम करने की बातें चल रही थी वो सब किसी कॉंट्रॅक्टर के आदमी थे 
तभी पापाजी आगे की ओर बढ़े सभी ने उन्हें रास्ता दे दिया और 
पापाजी- चलो बहू आफिस भी देखती जाओ 

और एक हाथ बढ़ा कर कामया को अपने साथ ले लिया कामया भी बड़े ध्यान से उस भीड़ के बीचो बीच से सभी की निगाहो का केंद्र बनी हुई उस कन्स्ट्रक्षन साइट के अंदर की रवाना हो गई थी वहाँ काम करने वाले बहुत से लोग थे कुछ मिस्त्री थे कुछ बाईं थे कुछ लेबर थे कुछ साइट इंजीनियर थे और पता नहीं कौन कौन थे पर जैसे ही वो एक आफिस नुमा रूम में घुसे वहां का वातावरण बिल्कुल अलग था धूल और गर्मी से अलग एसी चल रहा था और कुछ लोग टेबल पर बैठे हुए काम कर रहे थे सभी अपडेट थे कालीन बिछा था और बहुत से टेबल और चेयर थे वो पापाजी के साथ चलते हुए उन लोगों के बीच से होते हुए एक बंद कमरे के पास पहुँचे डोर बंद था 

पापाजी- खुला नहीं हमारा आफिस अभी तक 
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RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:37 PM

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