Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 02:21 PM,
#17
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
जब कामेश निकला तो वो भी बाथरूम में घुस गई और कुछ देर बाद दोनों चेंज करके नीचे पापाजी और मम्मीजी के साथ चाय पीरहे थे पापाजी और मम्मीजी और कामेश एक दूसरे से बातों में इतना व्यस्त थे कि कामया का ध्यान किसी को नहीं था और नहीं कामया को कोई इंटेरस्ट था इन सब बातों में वो तो बस अपने आप में ही खुश रहने वाली लड़की थी और कोई ज्यादा अपेक्षा नहीं थी उसे कामेश से और अपने घर वालों से एक तो किसी बात की बंदिश नहीं थी उसे यहां और ना ही कोई रोक टोक और नहीं ही कोई काम था तो क्या शिकायत करे वो बस कामेश की चाय खतम हुई और दोनों अपने कमरे की ओर चल दिए पापाजी और मम्मीजी भी अपने कमरे की ओर और पूरे घर में फिर से शांति सब अपने कमरे में जाने की तैयारी में लगे थे कामया वही बिस्तर बैठी कामेश के बाथरूम से निकलने की राह देख रही थी और उसके कपड़े निकालकर रख दिए थे वो बैठे बैठे सोच रही थी कि कामेश बाथरूम से निकलते ही जल्दी से अपने कपड़े उठाकर पहनने लगा 
कामेश-् हाँ… कामया आज तुम क्या गाड़ी चलाने जाओगी 

कामया- आप बताइए 

कामेश- नहीं नहीं मेरा मतलब है कि शायद मैं थोड़ा देर से आऊँगा तो अगर तुम भी कही बीजी रहोगी तो अपने पति की याद थोड़ा कम आएगी हीही 

कामया- कहिए तो पूरा दिन ही गाड़ी चलाती रहूं 

कामेश- अरे यार तुमसे तो मजाक भी नहीं कर सकते 

कामया- क्यों आएँगे लेट 

कामेश- काम है यार पापा भी साथ में रहेंगे 

कामया- ठीक है पर क्या मतलब कब तक चलाती रहूं 

कामेश- अरे जब तक तुम्हें चलानी है तब तक और क्या मेरा मतलब था कि कोई जरूरत नहीं है जल्दी बाजी करने की
कामया- ठीक है पर क्या रात को इतनी देर तक में वहां ग्राउंड पर लाखा काका के साथ मेरा मतलब 

कामेश- अरे यार तुम भी ना लाखा काका हमारे बहुत ही पुराने नौकर है अपनी जान दे देंगे पर तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे 

कामया- जी पर 

कामेश- क्या पर पर छोड़ो मैं छोड़ दूँगा तुम तैयार रहेना ठीक है जब भी आए चली जाना 

कामया- जी 
और दोनों नीचे की ओर चल दिए डाइनिंग रूम में खाना लगा था कामेश के बैठ-ते ही कामया ने प्लेट मे खाना लगा दिया और पास में बैठकर कामेश को खाते देखती रही कामेश जल्दी-जल्दी अपने मुख में रोटी और सब्जी ठूंस रहा था और जल्दी से हाथ मुँह धोकर बाहर को लपका कामेश के जाने के बाद कामया भी अपने रूम की ओर चल दी पर जाते हुए उसे भीमा चाचा डाइनिंग टेबल के पास दिख गये वो झूठे प्लेट और बाकी का समान समेट रहे थे कामया के कदम एक बार तो लडखडाये फिर वो सम्भल कर जल्दी से अपने कमरे की ओर लपकी और जल्दी से अपने कमरे में घुसकर दरवाजा लगा लिया पता नहीं क्यों उसे डर लग रहा था अभी थोड़ी देर में ही पापाजी भी चले जाएँगे और मम्मीजी भी अपने कमरे में घुस जाएगी तब वो क्या करेगी अभी आते समय उसने भीमा चाचा को देखा था पता नहीं क्यों उनकी आखों में एक आजीब सी बात थी की उनसे नजर मिलते ही वो काप गई थी उसकी नजर में एक निमंत्रण था जैसे की कह रहा था कि आज का क्या कामया बाथरूम में जल्दी सेघुसी और जितनी जल्दी हो सके तैयार होकर नीचे जाने को तैयार थी जब उसे लगा कि पापाजी और मम्मीजी डाइनिंग टेबल पर पहुँच गये होंगे तो वो भी सलवार कुर्ता पहने हुए डाइनिंग टेबल पर पहुँच गई और मम्मी जी के पास बैठ गई पापाजी और मम्मीजी को भी कोई आपत्ति नहीं थी या फिर कोई शक या शुबह नहीं मम्मीजी ने भी कामया का प्लेट लगा दिया और कामया ने नज़रें झुका कर अपना खा ना शुरू रखा 

मम्मीजी- आज क्या आपको भी देर होगी 

पापाजी- हाँ… बैंक वालों को बुलाया है कामेश ने कुछ और लोग भी है खाना खाके ही आएँगे 

मम्मीजी- जल्दी आ जाना और हाँ… वो टूर वालों से भी पता कर लेना 

पापाजी- हाँ… कर लूँगा 

और कामया की ओर देखते हुए 

पापाजी- हाँ… लाखा आज आ जाएगा तुम चली जाना गाड़ी सीखने 

कामया- जी 
और कामया के सोए हुए अरमान फिर से जाग उठे थे जिस बात को वो भूल जाना चाहती थी पापाजी ने एक बार फिर से याद दिला दिया था वो आज अकेले नहीं जाना चाहती थी और ना ही भीमा चाचा के करीब ही आना चाहती थी कल की गलती का उसे गुमान था वो उसे फिर से नहीं दोहराना चाहती थी पर ना जाने क्यों जैसे ही पापाजी ने लाखा काका का नाम लिया तो उसे कल की शाम की घटना याद आ गई थी और फिर खाते खाते दोपहर की बात

उसके शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई थी वो ना चाहते हुए भी एक जोर की सांस छोड़ी और अपने जाँघो को आपस में जोड़ लिया और नज़रें झुका के खाने लगी पर मन था कि बार-बार उसके जेहन में वही बात याद डालती जा रही थी वो आपने आपसे लड़ने लगी थी अपने मन से या फिर कहिए अपने दिमाग से बार-बार वो अपनी निगाहे उठाकर पापाजी और मम्मीजी की ओर देखने लगी थी कि शायद कोई और बात हो 

तो वो यह बात भूलकर कहीं और इन्वॉल्व हो जाए पर कहाँ सेक्स एक ऐसा खेल है या फिर कहिए एक-एक नशा है कि पेट भरने के बाद सबसे जरूरी शारीरिक भूक पेट की भूख बुझी नहीं कि पेट के नीचे की चिंता होने लगती है और,,,,,,,,,,,,,
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 02:21 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,526,731 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,240 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,992 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,616 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,668,747 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,836 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,972,925 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,127,765 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,059,077 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,376 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)