RE: ब्रा वाली दुकान
फिर इसी दौरान कराची गया और वहां से सस्ते दामों मेंअच्छी गुणवत्ता वाले, पेंट नाईटीज़, नाइट गाउन लीग स्टाकनग आदि खरीद लाया और मुल्तान से ही एक स्थानीय दुकान से कुछ गहने और सौंदर्य प्रसाधन का सामान खरीद लिया। दुकान मे नाइट डिस्ले गह लगाने को भी स्टेचू मुझे मुल्तान से ही मिल गए। लैला मेडम ने दुकान का शटर उतरवा कर एक ब्लैक शीशा लगवा दिया था फ्रंट और उसके सामने वही कैंची गेट मौजूद था, जबकि दुकान के अंदर सुरक्षा के लिए कैमराज़ भी लगाए गए थे और एक छोटा ट्राई रूम भी था। ट्राई रूम दुकान के अगले भाग में था जिसकी चौड़ाई 20 फुट थी और सामने से नजर नहीं आता था सीधे हाथ पर 3, 4 कदम चलकर छोटा केबिन बनाकर उसे ट्राई रूम का नाम दिया गया था। दुकान के प्रवेश द्वार पर ही एक स्टेचू रख दिया गया था जिस पर एक देवी को नाइट गाऊन पहनाया गया था ताकि बाहर से देखकर महिलाओं को अनुमान हो सके कि उस दुकान पर उनके अंडर गारमेंट्स उपलब्ध होंगे, जबकि 3 स्टेचू अंदर रखे गए थे जिनमें एक पर लाल नेट वाली नाइटी, दूसरे पर एक वायर्ड हरी नाइटी और तीसरे स्टेचू पर एक अरबी शैली का सेक्सी ड्रेस पहनाया गया था। दुकान का उद्घाटन तो नहीं किया गया लेकिन यहाँ पर मेरी पहली ग्राहक लैला मेडम ही थीं जिन्होंने मुझ से एक सेक्सी निघट्य खरीदी जिसकी कीमत 2000 रुपए थी और एक ब्रा और पैन्टी का 1500 रुपये का सेट खरीदा। पहले ही दिन मुझे काफी अच्छा रिस्पांस मिला और मैंने काफी कमाई कर ली थी। अच्छे घरों की मॉर्डन लड़कियों आंटी, स्कूल कॉलेज की किशोर लड़कियां मेरी ग्राहक थीं। पहले सप्ताह में ही इतना प्रॉफ़िट कमा चुका था जितना मुझे हाजी साहब से वेतन मिलता था।
अम्मी की दुआओं धन्यवाद और लैला मेडम की मेहरबानी से काम अच्छा चल पड़ा था और मुझे उम्मीद थी कि लैला मेडम के दिए गए 6 महीने में कमाए गए प्रॉफ़िट से दुकान पूरी तरह से भर लूँगा और दुकान का किराया भी आसानी से निकल जाया करेगा। यहां एक बात बताता चलूं कि मैंने लैला मैम को बताए बिना ट्राई रूम में भी एक कैमरा लगवा लिया था। ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )इस कैमरे का कतई यह मतलब नहीं था कि मुझे लड़कियों को ब्रा पहनते हुए नंगा देखना है, बल्कि उसका उद्देश्य यह था कि अगर कोई लड़का और लड़की, या फिर दो लड़कियाँ ट्राई रूम में जाती हैं तो वह वहाँ गलत हरकतें न कर सकें मेरे बैठने की जगह पर काउन्टर के अंदर ही एक कंप्यूटर स्क्रीन थी जिस पर दुकान में मौजूद 4 कैमरों की वीडियो आती थी। दोपहर 2 बजे बाहर काले शीशे पर दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा देता था और 2 बजे से लेकर 4 बजे तक रेस्ट करता खाना ख़ाता और रात 11 से 12 बजे तक दुकान खुली रहती थी।
सुबह 11 बजे शरीफ प्लाजा में दुकानें खुलना शुरू होती थीं, मैं भी 11 बजे से कुछ पहले ही आकर दुकान खोल लेता था। एक दिन जब मैं एक आंटी को उनकी पसंद का ब्रा दिखा रहा था तो दुकान में 3 युवा लड़कियाँ दाख़िल हुईं और मेरे फ्री होने का इंतजार करने लगीं। आंटी को ब्रा दिखाते हुए मैंने उनसे भी पूछा मिस आपको क्या चाहिए ??? उनमें से एक लड़की जो काफी तेज लग रही थी वो बोली पहले आंटी को फ्री कर लें तो फिर बताते हैं कि क्या चाहिए। मैं फिर से आंटी को ब्रा दिखाने में व्यस्त हो गया और वह कुछ ही देर में ब्रा पसंदीदा करके चली गईं। अब मैं उन लड़कियों के लिए उनके पास गया और उनका सरसरी नज़र से देखा ये कॉलेज की लड़कियां थीं। कचहरी चौक जो शरीफ प्लाजा के बिल्कुल करीब था वहीं लड़कियों के 2 कॉलेज थे शायद वहीं से ये लड़कियां आई थीं। इन तीनों की उम्र 18 या 19 के लगभग रही होगी, लेकिन उनके सीने देखने लायक थे कि आदमी एक बार नज़र डाल ले तो नज़रें हटाना मुश्किल हो जाए। इन लड़कियों में से एक लड़की खासी चिप चिप थी और उसने सिर पर चादर ली हुई थी, बाकी शेष 2 लड़कियों के सिर पर या गले में कोई चादर नहीं थी, बस एक दुपट्टा था जो गले में डाला हुआ था और उनके कॉलेज वर्दी की फिटिंग से उनके मम्मे स्पष्ट नजर आ रहे थे। यह शायद बीए की छात्राएँ थीं।
तीनों लड़कियों की समीक्षा के बाद मैंने उनसे पूछा जी मिस क्या चाहिए आपको? उनमें से वही लड़की जिसने पहले कहा था वो बोली मुझे कोई अच्छा सा ब्रा दिखा दें इपोर्टेड
मैंने उसके सीने पर नजर डालते हुए पूछा मिस आपका आकार ??? लड़की ने कहा 36 नंबर में दिखा दो। मैंने पूछा मिस कॉटन या फोम वाला ??? उसने कहा फोम वाला दिखाओ। यह सुनकर चादर वाली लड़की जो अब तक चुप थी वह हल्की सी आवाज में बोली नीलोफर अपने पास पहले ही इतने पड़े हैं फोम वाला ले क्या करोगी ??? इससे मुझे इतना तो पता लगा कि इस तेज तर्रार लड़की का नाम नीलोफर है और मम्मों का आकार तो उसने खुद ही बता दिया था 36 का अच्छा आकार। मैं इसे एक पॉइंट जहां मैंने लड़कियों के सीने के प्लास्टिक के स्टेचू रखे हुए थे। ये स्टेचू मेरे सामने यानी ग्राहकों की एक साइड पर बनी एक कोठरी में थे। मैंने नीलोफर को कहा मिस आप अपने पीछे यह शैली देख लें फोम वाले ब्रा की और मुझे शैली बता दें में और भी कलर आपको दिखा दूंगा।
नीलोफर दूसरी ओर मुड़ी और अलमारी के पास होकर ब्रा देखने लगी, साथ ही उसकी दूसरी दोस्त भी उसके साथ ब्रा देखने लगी जबकि चादर वाली लड़की वहीं पर खड़ी रही। नीलोफर ने मुंह दूसरी तरफ किया तो मेरी नज़रें तो नीलोफर की गाण्ड में ही जम गईं। क्या गांड थी उसकी, गाण्ड का तो वैसे ही दीवाना था मैने अनुमान लगा लिया था कि उसकी गाण्ड 34 आकार की है जबकि उसकी दूसरी दोस्त गाण्ड भी थी तो मस्त, मगर इससे थोड़ी सी छोटी 32 आकार की थी। ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )कुछ देर ब्रा देखने के बाद नीलोफर वापस मुड़ी और उसने एक शैली की ओर इशारा करते हुए कहा इस शैली में दिखा दें ब्रा। यह एक काले रंग का फोम वाला ब्रा था, उसके कप्स के ऊपर कपड़े से ही 3 प्लेट्स बनी हुई थीं। और दोनों कप्स के बीच में एक छोटा सा गोल्डन कलर का नगीना लगा हुआ था। मैंने अपने पास मौजूद स्टॉक में वही ब्रा काले, लाल और नीले रंग में निकाल कर दिखा दिए नीलोफर ने मेरे हाथ से ब्रा पकड़ा तो मेरा हाथ नीलोफर की नरम और नाजुक हाथों की उंगलियों को छू गया जिसका स्पर्श बहुत ग्लैमरस था। शायद उसकी जवानी का ही असर था कि उसकी उंगलियों को छूते ही मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया था। नीलोफर ने ब्रा पकड़ा और उसका डिजाइन देखने लगी,
उसने ब्रा के कप को अपनी नाजुक उंगलियों से दबाकर उसकी मोटाई का अनुमान लिया और फिर खुश होते हुए अपने साथ खड़ी दूसरी लड़की से बोली शाज़िया देख यार, ब्रा तो कमाल का है। उसका नाम भी मुझे मालूम हो गया था, और देखने में उसका ब्रा आकार भी 36 ही लग रहा था। शाज़िया ने भी ब्रा हाथ में पकड़ कर देखा और बोली हां अच्छा है। फिर उन्होंने तीनों कलर को देखा और उनमें से पसंद करने लगीं। नीलोफर ने चादर वाली लड़की को बुलाया और कहा राफिया देखो यार कौन सा कलर लूँ? चादर वाली लड़की जिसका नाम राफिया था उसने तीनों कलर देखे मगर उनको हाथ लगाए बिना बोली तुम्हारी इच्छा जो इच्छा लो तीनों ही अच्छे हैं। फिर नीलोफर शाज़िया की ओर मुड़ी और बोली तुम बताओ कौन सा कलर लूँ। शाज़िया ने कहा ब्लैक और लाल में देख लो कोई सा।
नीलोफर ने अब नीले रंग का ब्रा रख दिया और काले और लाल को देखने लगी तो मैंने उसे कहा मिस ब्लैक अधिक सूट करेगा ब्लैक ले, नीलोफर ने मेरी ओर आँख उठाकर देखा, मुझे लगा कि मेरे इस साहस पर अब वह मुझे 2, 3 मीठी मीठी गालियां देगी, मगर उसने आराम से कहा मेरा भी ब्लैक का ही मूड बन रहा है लेकिन यह कलर पहले भी है मेरे पास। मैंने पूछा पहले जो ब्लैक कलर है वह भी फोम वाला ही है ??? तो नीलोफर ने कहा नहीं वो तो कपास का है गंदा सा, माँ ने लाकर दिया था जरा भी कंफर्ट नहीं है। मैंने कहा अगर वह कंफर्ट नहीं तो जाहिर बात है वो तो अब नहीं पहनेंगी इस ब्लैक कलर में ले, और ये बहुत सुंदर है, वैसे भी आपका रंग काफी साफ है तो इस पर ब्लैक अच्छा लगेगा। मेरी इस बात पर राफिया मुझे खा जाने वाली नज़रों से देखा मगर नीलोफर ने ऐसी कोई अभिव्यक्ति नहीं दी और बोली चलो ठीक है। फिर नीलोफर ने शाज़िया को कहा तुम भी ले लो कोई ब्रा। इस पर शाज़िया ने कहा मेरे लिए भी दिखा दें, लेकिन नेट में दिखना फोम वाला नहीं। मैंने शाज़िया से उसका ब्रा नहीं पूछा तो उसने भी मेरे अनुमान के विपरीत 34 डी आकार बताया। 34 डी सुनकर मेरे दिल में शाज़िया के मम्मे देखने की इच्छा पैदा हुई। 34 डी का मतलब था कि शाज़िया की कमर नीलोफर की कमर से थोड़ी कम थी उसका बैंड 34 का था मगर उसका कप आकार बड़ा था। यानी शाज़िया के मम्मों का आकार नीलोफर के मम्मों से बड़ा था। कमीज के ऊपर से देखने में दोनों का आकार बराबर था लेकिन अगर मैं शाज़िया को भी 36 का आकार देता तो वह उसके मम्मों पर तो फिट आ जाता मगर उसकी कमर के आसपास ब्रा की पकड़ कमजोर रहती।
ब्रा निकालने के लिए जैसे ही मैं मुड़ा तो शाज़िया की आवाज आई 36 ना दिखाएगा, 34 डी ही दिखाएँ 36 मुझे ढीली होगी। मैंने कहा मिस आप बेफिक्र हो जाएं जो आकार आपने बताया है वही दिखाऊंगा और अच्छी फिटिंग होगी उसकी। यह कह कर जब मैंने एक सफेद रंग का नेट का ब्रा निकाला जिस पर लाल और सफेद रंग के छोटे फूल बने हुए थे, एक काले रंग का ब्रा निकाला और एक स्किन कलर का कॉटन का ब्रा निकाल दिया। शाजिया ने सफेद रंग का ब्रा देखा जो उसे बहुत पसंद आया और उसके बाद उसने स्किन कलर का भी ब्रा देखा। दोनों को ध्यानपूर्वक देखने के बाद शाजिया ने सफेद रंग का ब्रा पसंद कर लिया और मेरे से पैसे पूछे, मैं ने दोनों के अलग पैसे बताए तो नीलोफर ने कंधे पर झूलता हुआ बैग खोला और उसमें से पैसे निकालने लगी, मैंने इस दौरान राफिया से पूछा मिस आपको भी दिखाऊ कोई ब्रा ??? मेरी बात पर राफिया ने मुंह दूसरी तरफ कर लिया और हल्की आवाज में बोली नहीं मुझे नहीं चाहिए। नीलोफर ने दोनों ब्रा का भुगतान किया और फिर मुझसे पूछा अगर आकार ठीक न लगे तो बदल तो जाएगा ना ??? मैंने कहा मिस ट्राई रूम मौजूद है आप ट्राई करना चाहें तो कर सकते हैं। नीलोफर ने शाजिया को देखा जैसे यह पूछना चाह रही हो कि ट्राई किया जाए या नहीं ??? शाजिया ने अपने कंधे उचकाये और बोली देख लो इच्छा है तुम्हारी में तो नहीं करूंगी, तो नीलोफर ने राफिया को देखा उसने सख्ती से मना कर दिया। मैं समझ गया कि ये यहाँ ट्राई नहीं करना चाह रही, तो मैं नीलोफर को कहा आप बेफिक्र हो जाएं अगर आकार ठीक न हुआ तो आप बदली भी करवा सकती हैं मगर ब्रा खराब नहीं होना चाहिए बस एक बार पहन कर देखें अगर सही न लगे तो तुरंत उतार दें और कल मुझे वापस कर के कोई और ले जाएं। इस पर नीलोफर संतुष्ट हो गई और तीनो लड़कियाँ दुकान से चली गईं।
उनके जाने के बाद और भी महिलाए और लड़कियाँ ब्रा देखने आईं मगर मेरे मन में बार बार शाजिया के मम्मे देखने की तड़प थी, जबकि मेरा दिल राफिया के मासूम रूप को भी बार बार याद कर रहा था। वह लड़की बिल्कुल कुछ नहीं बोली थी और काफी अंतर्मुखी थी। उसकी आकृति बार बार मेरी आँखों में आ रही थी। रात को दुकान बंद करने से पहले एक बार मैंने अपने कंप्यूटर पर दोपहर के समय का वीडियो निकालकर वीडियो का वह हिस्सा देखा जहां यह तीनो लड़कियां अपने लिए ब्रा खरीद रही थीं। एक कैमरा उनके ठीक सामने लगा हुआ था जिसमें राफिया और नीलोफर काफी स्पष्ट दिख रही थी जबकि शाजिया तो नज़र नहीं आ रही थी( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम ) मगर उसके 34 डी मम्मे कैमरे में स्पष्ट थे। काफी देर तक राफिया को देखता रहा और 2 से 3 बार वीडियो देखने के बाद मैंने दुकान बंद की और घर वापस आ गया। रात भर मेरी सोच में कभी राफिया की मासूमियत घूमती रही तो कभी शाज़िया मम्मे। अगले दिन दुकान पर गया तो दुकान खोलने के थोड़ी देर बाद ही तीनों लड़कियां फिर से मेरी दुकान पर आ धमकी राफिया ने कल की तरह ही चादर ले रखी थी जबकि नीलोफर और शाज़िया के गले में महज दुपट्टा ही था।
उनको देखकर मैंने एक मुस्कान से उनका स्वागत किया तो शाजिया ने कहा भाई यह नीलोफर का ब्रा तो ठीक था मगर मेरे ब्रा की थोड़ा फिटिंग सही नहीं कोई और दिखा सकते हैं ?? मैंने पूछा कि पहनने में जहां समस्या है बैंड छोटा है क्या? शाजिया कहा नहीं बैंड तो ठीक है मगर उसके कप एक समस्या कर रहे हैं, फिटिंग ठीक नहीं है उनकी। मैंने ब्रा पकड़ा और कहा आपने उसकी फिटिंग स्ट्रिप सेटिंग बदल कर चेक किया तो शाजिया कहा नहीं वो तो नहीं किया। मैंने पूछा कि फिटिंग सही न होने से आपका यही मतलब है न कि आपके बूब्स थोड़े लुढ़के हुए हैं इसमें ??? तो शाजिया ने थोड़ा शरमाते हुए और दबे होंठ मुस्कुराते हुए कहा हां यही मतलब है। मैंने ब्रा स्ट्रिप को सेट किया जो कंधे के पीछे मौजूद होती है। और शाज़िया को कहा अभी पहन कर देख लें अब यह सही रहेंगे शाज़िया ने कहा ठीक न हुआ तो मुझे फिर से आना होगा ??? मैंने कहा मिस मैंने आपको कल भी बताया था ट्राई रूम मौजूद है। आप बेफिक्र होकर ट्राई करें, मेरी और ग्राहक भी ट्राई कर ले जाती हैं। शाजिया ने नीलोफर को देखा जैसे उसकी सलाह लेना चाह रही हो नीलोफर ने कहा बंद रूम मे ट्राई इसमें कौन सी गलत बात है, चलो साथ चलती हूँ तुम्हारे शाजिया तुरंत चल पड़ी और उसने राफिया भी आवाज़ दी मगर राफिया कहा तुम जाओ मैं यहीं बैठी हूँ।
वे दोनों ब्रा चेक करने चली गईं जबकि राफिया मेरे सामने सिर झुकाए खड़ी थी। मैंने कुछ देर उसको देखा तो उसको संबोधित किया कि आपको कुछ चाहिए ?? राफिया ने सिर उठा कर मेरी तरफ देखा और इनकार में सिर हिला कर पुनः नीचे सिर कर लिया। मैंने कहा कोई आभूषण आदि या सौंदर्य प्रसाधन का सामान? राफिया ने एक बार फिर ऊपर मेरी ओर देखा और बोली नहीं भाई मुझे कुछ नहीं चाहिए बस हम तीनों की दोस्ती है तो उनके साथ आ जाती हूँ, कुछ चाहिए होगा तो मैं बता दूंगी आपको। फिर मैंने राफिया को पीछे पड़े सोफे की ओर इशारा किया और कहा कि उन्हें थोड़ा समय लगेगा आप बैठ जाएं। राफिया ने छोटे सोफे देख कर जिसके दाएं और बाएं 2 स्टेचू पड़े थे जिनमें से एक पर सेक्सी अरबी पोशाक मौजूद था और दूसरे पर मॉर्डन नाइटी थी। राफिया ने कुछ सेकंड के लिए सेक्सी अरबी पोशाक वाले स्टेचू को देखा और फिर उससे कुछ दूरी रखते हुए सोफे के बीच में बैठ गई। मैंने पूछा मिस आपके लिए पानी मँगाऊ ??? राफिया ने अपने होंठों पर जीभ फेरी और बोली अगर सादा पानी पड़ा है तो वह पिला दें। मैंने साथ पड़े कूलर में से एक गिलास पानी भरा और काउन्टर से बाहर निकल कर राफिया के सामने आकर उसको पेश किया और खुद वहीं पर खड़ा उसको पानी पीते देखता रहा। राफिया ने आधा गिलास पानी पीकर पानी का गिलास वापस मुझे पकड़ा दिया और मैं वापस काउन्टर पर आकर खड़ा हो गया।
फिर मैं राफिया से पूछा मिस आप कौन से कॉलेज में पढ़ती हैं ??? राफिया ने मेरी ओर देखा जैसे मुझे बताना न चाहती हो तो हल्की आवाज में बोली यहीं साथ ही कॉलेज है वहीं पढ़ती हैं हम। मैं ने भी पूछना उचित नहीं समझा। और अपने कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठ गया। खाली समय में मेरा यही काम होता था। ट्राई रूम की मुझे कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि मेरी आदत नहीं थी किसी भी ग्राहक को ब्रा ट्राई करते हुए देखने की, और दूसरी खास बात सभी कैमरों की रिकॉर्डिंग सुरक्षित होती थी मगर ट्राई रूम रिकॉर्डिंग में सुरक्षित नहीं करता था ताकि उसका मुझ सहित कोई दुरुपयोग न कर सके वह केवल लाइव देखने का विकल्प था और लाइव भी तब तक नहीं देखा था जब तक अंदर कोई गलत काम होने का शक न हो।
इसलिए शाजिया के मम्मे देखने की इच्छा होने के बावजूद मैंने ट्राई रूम गुप्त कैमरा ऑन नहीं किया और खेल खेलने में व्यस्त रहा। कुछ ही देर के बाद शाजिया और नीलोफर ट्राई रूम से बाहर आ गई तो मैंने पूछा जी अब सही है? तो शाजिया ने मुस्कुराते हुए कहा अब तो बहुत अच्छी फिटिंग बन गई है, बिल्कुल ठीक है। मैंने कहा यही फायदा होता है यहाँ पर ट्राई करने का अगर किसी को ब्रा फिट नहीं आता तो मैं उससे पूछ कर उसे यहीं फिटिंग कर देता हूँ और वही ब्रा जो पहले उन्हें फिट नहीं आ रहा होता वह फिट आ जाता है। उन दोनों को देखकर राफिया भी अपनी सीट से खड़ी हो गई और उसने भी पूछा कि ठीक हो गया, ( राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम )नीलोफर ने उसके कान में हल्की आवाज में कहा अब तो बड़ी सेक्सी क्लीवेज़ भी बन रही है। राफिया ने उसे घूर कर देखा और दबे शब्दों में कहा धीरे बोलो। मगर वह खुद भी इतनी जोर बोली थी कि मुझे उसकी आवाज सुनाई दी थी। वह जाने लगी तो उनका शापर मेरे हाथ में ही था जिसमें वह ब्रा डाल कर लाई थीं, मैंने कहा मिस लाइए ब्रा इसी में डाल दूं, शाज़िया ने मुड़ कर मेरी तरफ देखा और फिर बोली वह तो मैंने पहना हुआ है तो यह पहले वाला इस मे डाल दो, यह कह कर उसने अपनी कमीज के नीचे हाथ डाला और वहाँ से ब्रा निकालकर मुझे पकड़ा दिया जो शायद उसने अपनी सलवार में फँसा लिया था यह देखकर मेरी हँसी निकलने को हो रही थी मगर मैंने बड़ी मुश्किल से हंसी पर काबू पाया लेकिन फिर भी मेरे चेहरे पर मुस्कान स्पष्ट थी जिसको महसूस करके भी शाजिया भी हल्की सी मुस्कुरा दी और खुद ही बोली कोई और जगह नहीं थी यह रखने के लिए। यह कह कर उसने मेरे हाथ से शापर पकड़ा और तीनों दुकान से चली गईं। फिर बहुत दिनों तक इन तीनों में से कोई मेरी दुकान पर नहीं आया लेकिन एक दिन फिर से सलमा आंटी फोन मुझे आया सलमा आंटी को तो भूल ही गया था और उनकी तरफ से काफी निराश था। सलमा आंटी ने एक बार फिर ब्रा लेने की फरमाइश की तो मैंने कहा आंटी अब तो आपकी अपनी दुकान है आप दुकान पर ही आकर देख लें। आंटी ने कहा नहीं बेटा तुम्हें तो पता ही है दुकानों पर नहीं जाती। मैंने कहा अरे आंटी यहाँ कोई गैर मर्द नही ही होगा, बस में होता हूँ और मेरी सभी ग्राहक औरतें हैं। और वैसे भी आप 2 बजे आ जाना , मैं 2 बजे ब्रेक करता हूँ और इस समय कोई ग्राहक नहीं होता दुकान पर तो तसल्ली से अपने लिए न केवल ब्रा देख सकती हैं बल्कि ट्राई रूम मे ब्रा पहनकर जाँच भी कर सकती हैं। सलमा आंटी ने कुछ देर सोचा और फिर कहा चलो कल ही आना होगा फिर, मैंने कहा जी जरूर आंटी आपकी अपनी दुकान है जब मर्जी आ जाना आप।
आंटी का फोन बंद हुआ तो मुझे एक बार फिर से बस वाली घटना याद आ गई जब सलमा आंटी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी गाण्ड में डाल लिया था। अगले दिन दुकान पर जाने से पहले मैंने विशेष स्नान किया और अपने लंड से अनावश्यक बालों की सफाई। की . न जाने क्यों मुझे लग रहा था कि आज सलमा आंटी की गाण्ड मारने का मौका मुझे मिलेगा। दुकान पर पहुंचकर मेरा लंड दोपहर तक खड़ा रहा। अलग अलग औरतें आती रहीं लेकिन मेरा लंड लगातार सलमा आंटी की चूत और गाण्ड को सलामी देने के लिए खड़ा ही रहा। दोपहर 2 बजने से कुछ देर पहले ही सलमा आंटी दुकान में आ गई तब दुकान में एक लड़की भी मौजूद थी जो अपने लिए एक नाइटी खरीद रही थी उसकी शायद शादी होने वाली थी इसलिए हनीमून के लिए वे अपने लिए सेक्सी नाइट खरीद रही थी। सलमा आंटी इस दौरान दुकान का निरीक्षण करती रहीं। कुछ देर बाद वह लड़की चली गई तो मैं काउन्टर से बाहर आया और काले शीशे का दरवाजा बंद करके मैंने दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा दिया। वापस आया तो सलमा आंटी वही स्टेचू देख रही थीं जो अरबी शैली की सेक्सी ड्रेस पहना हुआ था। मुझे वापस आता देखकर सलमा आंटी बोलीं, वाह भई तुम्हारे तो मजे हैं, कैसी कैसी जवान लड़कियाँ आपसे नाइटी खरीदने आती हैं। मैंने तुर्की ब तुर्की उत्तर दिया, क्या खाक मज़े हैं आंटी, वह बस वाली घटना अब तक नहीं भुला में, बस का आनंद तो तब होता जब आप फिर भी ........ यह सुनकर आंटी थोड़ा शर्मिंदा होते हुए बोलीं, वह तो बस में झटके काफी लग रहे थे इसलिए।
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