RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
"में समझ सकता हूँ.. लेकिन सही मे तुम्हे दूसरे मर्द की बाहों मे
देख मेरा दिल भी बहोत रोया था .." राज ने उसे बाहों मे भरते हुए
बोला.. "तब मुझे लगा कि हमारे बीच जो हो रहा है वो अछा नही
हो रहा .. हमे मिलकर बात करनी चाहिए."
"क्या करती में.. तुम मेरे पास थे नही कहाँ जाती में.. लेकिन अब
वो सब ख़त्म हो चुका है.." रोमा ने कहा.
"हां.. अब सब कुछ ठीक हो चुका है... है ना?"
"ठीक होने मे थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन में संभाल लूँगी." रोमा ने
जवाब दिया.
* * * * * * * * *
राज और रोमा बड़ी सँभाल कर रिया की ओर बढ़े.
राज ने रिया से बात शुरू की और उसे समझाने लगा..... रिया पर तो
जैसे गमो का पहाड़ टूट पड़ा....आँखों से आँसू तो जैसे रुकने का
नाम ही नही ले रहे थे.. उसे तो लगा था कि झगड़े के बाद रोमा
राज को छोड़ देगी... लेकिन जैसा उसने सोचा था वैसा नही हुआ.
लेकिन नसीब से कौन लड़ सकता है.. अपने मुक़द्दर के इस फ़ैसले को
आख़िर कर रिया ने मान लिया. और जिंदगी के साथ समझौता कर लिया.
रोमा को अपने जखम भरने मे मे कई रातें लग गयी... जखम तो और
भी कई तो लेकिन उन्हे राज ने अपने प्यार से भरना शुरू कर दिया...
अब वो पहले से ज़्यादा लायक हो गया था.. हर तरह से रोमा का
ख़याल रखने लगा था.... उसके व्यवहार को देख रोमा को महसूस होने
लगा था कि अब राज को उससे कोई नही छीन सकता.
हक़ीकत का सामना कर रिया अपने आप को राज से दूर रखने की कोशिश
करने लगी... बड़ी जब भी राज और रोमा को साथ देखती तो बड़ी
मुश्किल से वो अपने दिल को संभालती..... फ्लॅट मे जहाँ पहले तीनो
मिलकर हँसी मज़ाक किया करते थे .. साथ साथ कहला करते थे वहीं
अब वातावरण ने एक गंभीर रूप लिया था.. तीनो जानते थे कि वक़्त के
साथ शायद फिर से पहले जैसा महॉल पैदा हो जाएगा.....
फिर धीरे धीरे महॉल बदलता गया... रोमा के व्यवहार मे भी
परिवर्तन आ गया था.. अब वो शॉपिंग पर जाने लगी..हँसी मज़ाक
करने लगी.... और एक दिन तो उसने दोनो को चौंका ही दिया.... उसने
खुद अपने हाथों से खाना बना दोनो को दावत दी.
तीनो खाना ख़तम कर वाइन पी रहे थे...रोमा ने देखा कि एक बोवल
मे अभी भी पिसे हुए आलू की सब्ज़ी बची हुई थी... .. पता नही
रोमा के क्या मन मे आया कि उसने बोवल को उठा उसमे बची हुई सब्ज़ी
राज की ओर उछाल दी.... सब्ज़ी मे आलू के टुकड़े किसी गोली की तरह
निकले और राज और रिया के चेहरे पर गिर पड़े... उन दोनो के चेहरे
की प्रतिक्रिया देख रोमा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी.
रिया राज को देख रही थी... "तुम्हे नही लगता कि ये फिर से शैतान
हो रही है."
राज ने अपनी नज़रें उस केक पर डाली जो वो बाज़ार से लेकर आया
था , "क्या तुम भी वही सोच रही हो जो में सोच रहा हूँ."
"पहले तो नही सोच रही थी लेकिन जब तुम केक की ओर देखने लगे
तो में समझ गयी." रिया ने जवाब दिया.
"तुम लोग क्या सोच रहे हो.... ओह नही ये नही हो सकता." रोमा चिल्ला
पड़ी.
राज उठा और उसने टेबल पर पड़ा केक उठा लिया... रिया रोमा को
देकने लगी.. "अगर तुम शैतानी कर सकती हो तो हम भी कर सकते
है."
रोमा ज़ोर से 'नहीं....' चीखते हुए भागी वहाँ से और उसके पीछे
रिया फिर हाथों मे केक लिए राज भागा.
"प्लीज़ ऐसा मत करो ना.. " रोमा हंसते हुए चिल्ला कर बोली...
लेकिन रिया ने उसकी शर्ट को उतार दिया... जब तक राज कमरे मे आया
उसकी दोनो चुचियाँ नंगी हो गयी थी.
रोमा ने राज की तरफ देखा, "तुम तो हिम्मत भी मत करना."
रोमा ने देखा की राज मुस्कुरा रहा था.. तभी उसने वो केक रोमा की
चुचियों पर ज़ोर से फैंक कर मारा.... केक जोरों से रोमा की
चुचियों से टकराया और उसकी चुचियाँ केक पर लगी क्रीम से भर
गयी... रिया ने अपनी भी शर्ट उतार दी और रोमा की चुचियों से
रगड़ने लगी.. राज ने भी अपनी शर्ट उतार दी... और दोनो के साथ
मिल गया... तीनो ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे के शरीर को केक से मलने
लगे.
"तुम दोनो से कितना प्यार करता हूँ में." राज ने दोनो की चुचियों
को मसल्ते हुए कहा.
"में भी बहोत प्यार करती हूँ दोनो से" रिया ने कहा.
"मुझे भी तुम दोनो बहोत पसंद हो." रोमा ने खुशी भरे स्वर मे
कहा.
"मुझे तो लगता है कि आज हम तीनो..... " रिया ने आँख मारते हुए
कहा.
"नही कुछ भी नही..... कुछ करने से पहले तुम दोनो को ये केक
खाना पड़ेगा." रोमा ने कहा.
क्रमशः..................
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