Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
12-17-2019, 01:26 PM,
#31
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
पराग: "पतिदेव, आपने मेरे बच्चे को जगा दिया हैं, इसकी सजा मैं आपको आकर दूँगी"

(मैने नैना के हाथ छोड़ दिए और उस पर से उतर कर बच्चे के कमरे में गया। मेरे वह पहुचने तक वो थोड़ा शांत हो गया था। मुझे वह देख वो बच्चा पूरा चुप हो गया। बच्चा उठकर बिस्तार पर बैठ गया। उसने अभी चलना शुरू नहीं किया था। नैना भी कमरे में आ गयी थी। मैंने बच्च को नीचे कारपेट पर बैठाया और सारे खिलोने उसके आस पास रख दिए। वो अब आराम से खेलने लगा तो मैं नैना की तरफ मुड़ा।)


पराग: "तुम्हारी बीवी तुम्हे सजा देने आ रही हैं"

(नैना हल्का सा हँसि और भाग कर बाहर जाने लागी। मैंने उसके पीछे भागा। ड्राइंग रूम में जाकर मैंने उसको पीछे से दबोच ही लिया। मैने नैना को पेट से पकड़ रखा था और उसकी गाँड का हिस्सा मेरे लण्ड से चिपका था। नैना ने अपने दोनों हाथ से मेरे हाथ की पकड़ को छुड़ाने की कोशिश की। मैने उसकी दोनों कलाइयाँ एक साथ की और अपने एक हाथ से पकड़ ली। मेरा दूसरा हाथ फ्री था। मैंने नैना को फिर धमकी दि।)

पराग: "अब यह बीवी अपने पति को नंगा करेगी"

नैना: "नाहीईईए!! मुझे भगवान् के नाम पर छोड़ दो मेरी बीवी"

(मैने अट्टाहास लगाया और एक फ्री हाथ से उसके शर्ट के ऊपर का एक बटन खोलने लगा। नैना अभी भी हँसते हुए "नाहीइ" बोल रही थी।

जैसे ही उसके शर्ट का एक बटन खुल गया और मैंने दूसरे बटन की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसने नीचे देख लिया और चिल्लायी।)

नैना: "पराग रुको, मेरा बटन सच में खुल गया हैं"

(मेरा अट्टहास अभी भी जारी था और मैंने उसके शर्ट का एक और बटन खोल दिया और अंदर से उसका काला ब्रा और उसके ऊपर से झाँकते उसके मुम्मो का थोड़ा ज्यादा उभार दिखने लगा। नैना की हँसि अब रुक गयी थी और उसने अपना पूरा जोर लगाते हुए अपने हाथ मुझसे छुडवा लिए और मुझसे थोड़ी दूर हुयी। फिर मेरी तरफ घूम कर अपने शर्ट के बटन बंद करते हुए मुझसे शिकायत करने लगी।)

नैना: "तुम्हे दिखा नहीं मेरे बटन खुल गए थे"

पराग: "पहले तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी की खुली सोच रखो और अब दो बटन खुलने से प्रॉब्लम हो गयी! उधार प्रेरणा तो बिना कपड़ो बैठी ही हैं"

(उसने अपने शर्ट के बटन बंद किये और वो अभी भी हाफ रही थी। फिर मेरी तरफ देखते हुए फिर ललकारने लागी।)

नैना: "अच्छा, तुम्हे रीयलिस्टिक एक्टिंग करनी हैं तो फिर आ जा । अब देखती हूँ तुम मेरे कपड़े कैसे खोलते हो"
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12-17-2019, 01:26 PM,
#32
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मै उसकी तरफ लपका और उसने हाथों से अपना बचाव किया और मुझे धक्का दिया। मैं फिर लपका और इस बार उसको फिर पकड़ कर गोद में उठाया और बेडरूम में ले आया। मैने उसको बेड पर पटका और उसके सामने आया। हम दोनों घुटनो के बल खड़े थे। मैंने उसको दोनों कन्धो से पकड़ा और धीरे धीरे उसके शर्ट को दूर खिंचा जिसके दबाव से उसके शर्ट के वो दो बटन खुल गए जो नैना ने थोड़ी देर पहले ही बंद किये थे। मै अब उसके सामने घोड़े की तरह बैठ गया। उसको शायद पता नहीं चला की उसके बटन खुल चुके हैं और मुझे इस तरह बैठा देख नैना भी शेर की तरह बैठ गायी। उसके शर्ट के खुले बटन वाले भाग से मैं अब उसका क्लीवेज देख सकता था। उसका ब्रा और उसमें झाँकते थोड़े बूब्स दिखाई दिए। तभी उसने मुझे कन्धो पर धक्का मारा, मैं बिस्तार के किनारे पर बैठा था तो नीचे गिर पडा। मेरे गिरते ही नैना बिस्तार के किनारे पर मुझे देखने आयी। उसका मुह पूरा खुला था और आँखें बड़ी हो गयी और हाथ मुह पर रखे थी। मैने बिस्तर से नीचे गिरे पड़े ही झपट्टा मार कर बिस्तर पर बैठी नैना की एक टाँग पकड़ ली और वो मुझसे दूर होती। एक हाथ से मैंने उसका पैर का पंजा पकड़ लिया और दूसरे से उसका पाजामा पकड़ा। वो बिस्तार पर उलटा लेटी थी और मुझसे दूर खिसक कर जा रही थी। मैंने उसके पंजे को तो ढीला छोड़ दिया ताकि वो दूर जा सके पर उसका पाजामा पकडे रखा और अपनी तरफ खिंचा। नैना का पाजामा इलास्टिक वाला था तो उसकी कमर से नीचे खिसकने लाग। अंदर से नैना की ब्लैक पेंटी दिखने लगी थी। नैना को भी अहसास हुआ की उसका पाजामा खिसक रहा हैं तो उसने बिना पीछे मुड़े ही अपना पाजामा ऊपर करने की कोशिश की। मैने जल्दी से उसका पाजामा और खिंचा और वो पाजामा खिसका और नीचे आया और एक तरफ से उसकी पेंटी के भी नीचे तक आ गया और उसकी गोरी जाँघे दीख गायी।


नैना: थोड़ा चीख़ी और बोलि "ना"।

मैंने उसको कहा की वो रुक जाए तो उसने हथियार ड़ाल दिए और दूर हटना बंद कर दिया। मैं अब बिस्तार पर चढ़ गया और उसने पाजामा फिर ऊपर खिंच कर पहन लिया। मै नैना के ऊपर चढ़ गया और उसको एक झटके में सीधा कर नैना को बेड पर लेटाया और एक बार फिर उस पर सवार हो कर बैठ गया। नैना अपने हाथ चलाते हुए अपना बचाव कर रही थी और मुह से तलवार चलाने की आवाज निकाल रही थी। मैंने उसके दोनों हाथो की कलाईओ को फिर पकड़ा और एक हाथ से बिस्तार पर दबा कर पकड़ लिया। अब नैना अपने हाथ भी नहीं हिला पा रही थी। मैंने अपने दूसरे हाथ से उसके शर्ट के बटन इस बार नीचे की तरफ से खोलने शुरू किये। वो छटपटाने लागी।)

पराग: "अब देखो मैं तुम्हे कैसे नंगा करता हूँ"

नैना: "तुम बीवी बने हो, अपने करैक्टर से बाहर मत जाऊ, ऐसा बोलो की 'करती हूँ' "

पराग: "अब देखो यह पत्नी कैसे अपने पति को नंगा करती हैं"

(मैने अब एक एक कर नैना के शर्ट के बटन खोल दिए। सब बटन खुल चुके थे पर शर्ट अभी भी उसके मुम्मो को धके हुए था। मैने उसके नंगे होने का डिसिशन उसी पर छोड़ दिया। मैंने उसके हाथो की पकड़ को हटा दिया और उसके शर्ट के कालर के नीचे से दोनों तरफ से पक़ड़ा।

पराग: "बोलो पतिदेव, नंगा कर दू?"




नैना ने अपने हाथ खुल जाने के बाद भी विरोध नहीं किया और सिर्फ गरदन ना में हिलायी। मैंने एक झटके से उसके शर्ट को उसके शारीर के उपरी भाग से हटा दिया। मेरी आँखें फट कर बाहर आ गयी। उसका काला ब्रा पूरा मेरे सामने था और उसमें से उसके मोठे मुम्मो का उभार फट कर बाहर आने को उतारु थे। वो झलक मैंने १ सेकंड ही देखि थी की नैना चीख़ते हुए पलटि और मुझे अपने ऊपर से गिरा दिया और दूसरी तरफ पलट भागने लागी।


मैने नैना का शर्ट पकड़ लिया और वो वही उलटा लेट गयी। मैं अब उसकी जाँघ पर दोनों तरफ पेअर कर उस पर बैठ सवार हो गया। मैने नैना के कंधे पर हाथ रखा और उसके शर्ट को कंधे से निकालने लाग। उसने अपना शर्ट पकड़ लिया और खुलने नहीं दिया। मैंने जोर से खिंचा तो उसने फ़टने के डर से शर्ट छोड़ दिया। मैने उसका शर्ट खिंच कर उसके शरीर से दूर कर दिया और नैना अब ऊपर से सिर्फ ब्रा में उलटा लेती थी। मैंने बिना देर किये उसके ब्रा का हुक भी पीठ से खोल दिया और अब उसी पूरी नंगी पीठ और कमर मेरे सामने थी। मैने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेरते हुए उसके बदन को छुने का मजा लिया और फिर ब्रा के स्ट्राप को उसके कन्धो से भी नीचे कर दिया। मैने उसका एक कन्धा पकडे सीधा करने की कोशिश की ताकि आगे से उसके बूब्स देख पाउ पर उसने अपना शरीर टाइट कर दिया था और हिली नाहि। मैन अब उसकी जाँघो पर से नीचे खिसका और उसके पाजामा को कमर से पकड़ लिया और अंदर थोड़ी ऊँगली ड़ाल कर नैना की पेंटी भी पकड़ ली। मैन अब उस पाजामे को पेंटी सहित नीचे खिंच कर उसको नंगा कर उसकी गाँड देखना चाहता था। मैंने नैना के पाजामा को पेंटी सहित २-३ इंच नीचे खिंच लिया और नैना की गाँड की दरार दिखनि शुरू हो गयी। उसकी गोरी और चिकनी गाँड को देख कर मैं पागल हो गया था और उसको पूरा नंगा करने की ताक में था की नैना के चिल्लाने की आवाज आयी।

नैना: "ओके, ओके, यह पति हार मानता है। मुझे जाने दो"

मुझे नैना को नंगा करना ही था, पर अब मैं क्या उसके मना करने पर भी जबरदस्ती उसको नंगा कर देता? मैं फिर रुक गया और उस पर से उतर गया। उसने गरदन घुमा कर मुझे देखा, फिर वो मेरी तरफ पीठ रखते हुए अपने ब्रा को थामे घुटनो के बल खड़ी हुई और अपने ब्रा के हुक बाँधने लगी। मैने उस से कहा की मैं मदद कर दू तो उसने हां बोल दिया। उसने आगे से अपना ब्रा थामे रखा ताकि नंगी न हो जाए। पीछे से उसके ब्रा के स्ट्राप लटके हुए थे तो बगल के नीचे से थोड़ा सा बूब्स का नंगा उभार मुझे दीख रहा था। इतना क़रीब आकर भी उसने मुझे अपने बूब्स नहीं दिखाये थे। अभी सबसे अच्छा टाइम था की मैं उसके बूब्स को दबोच सकता था पर मेरे अंदर के पुरुष ने मुझे रोक। मैने उसके ब्रा के हुक बंद कर दिए। फिर उसने अपना पाजामा जो थोड़ा निचे खिसका था और उसकी थोड़ी गाँड दिखने लगी थी उसको उठा कर धका। उसने वह पड़ा उसका शर्ट उठा लिया और हाथो में ड़ाल कर पहन लिया और बटन बंद करने के बाद ही मेरी तरफ मुदी। वो अपनी गरदन अविश्वास में हिलाने लगी।

पराग: "क्या हुआ, डर गयी?"

नैना: "मैं पति बनी थी न, तो पति तो हमेशा ही बीवी से डरता हैं"

पराग: "अगली बार तुम बीवी बन जाना"

नैना: "मैं कुछ भी बनी, हार तो मेरी ही होगी। चलो हाथ दो मुझे। मजा आया न खेल में?"

पराग: "अगली बार खेल कब खेलेंगे?
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12-17-2019, 01:26 PM,
#33
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
नैना: "मिहिर तो बोरिंग हैं, कोई खेल खेलता ही नहीं जब की इसमें कितना मजा आता है। अच्छा हुआ तुम मिल गए खेलने के लिये। कभी कभार मैं प्रेरणा के साथ दोपहर में खेलती हू। वो भी इतना एन्जॉय करती जितना तुमने किया"

(मै और नैना अब बेडरूम से बाहर आये और सोफ़े पर बैठ थोड़ा रेस्ट किया। फिर घडी की तरफ नजर दोड़ै तो २ घन्टे हो चुके थे।)


नैना: "टाइम का पता ही नहीं चला, हम चले उधार, उनकी तस्वीर बन गयी होगी"

हम दोनों नैना के फ्लैट पर पहुचे। मिहिर अपने कैनवास के पास था पर प्रेरणा वहां नहीं थी। तस्वीर तैयार थी और थोड़ी देर में प्रेरणा बेडरूम से कपड़े पहने बाहर आयी। हमने तस्वीर देखि जो बहुत खूबसूरत बनी थी। मिहिर बोला की उसको थोड़ा टाइम और चाहिए वो कुछ फिनिशिंग टच देगा और उसके बाद हम वो तस्वीर ले जा सकते है।

मै और प्रेरणा घर आ गए। प्रेरणा अभी भी नरवस लग रही थी। मैंने उसको पूछा की वो ठीक तो हैं तो वो हल्का सा मुस्कुरा दि। २-३ दिन बाद हमें वो तस्वीर मिल गयी और हमने वो अपने बेडरूम में लगा दि। तस्वीर बनने से पहले प्रेरणा जितनी खुश थी, बनने के बद उतनी खुश नहीं थी। शायद प्रेरणा ने भी नहीं सोचा था की तस्वीर बनवाना कितना कठिन होगा और उसके नंग शारीर को एक पराय मर्द छूयेगा। मगर अब तो सब हो चूका था तो मैं उसको नार्मल करने की कोशिश करने लगा। हमने मिहिर को तस्वीर बनने के बदले कोई रुपये तो नहीं दिए थे तो मैंने प्रेरणा को आईडिया दिया की हम कोई गिफ्ट लेकर मिहिर को दे सकते है। प्रेरणा ने यह फैसला मुझ पर छोड़ दिया। मै प्रेरणा को साथ लेकर मिहिर के लिए एक गिफ्ट ले आया और फिर हम मिहिर के घर उसको गिफ्ट देने गए। नैना और मिहिर ने बोला की गिफ्ट की कोई जरुरत नहीं हैं और वो इसे नहीं लेंगा।

मैने मिहिर को फाॅर्स किया की हमें अच्छा नहीं लगेगा अगर हम फ्री में तस्वीर बनवायी तो। मिहिर ने गिफ्ट लेने के बदले एक शरत रख दि।

मिहिर: "तस्वीर बनाने के बदले तो मैं यह गिफ्ट नहीं ले सकता पर गुरु दक्षिणा के तौर पर ले सकता हू। मैं प्रेरणा की कुछ क्लासेज ले सकता हूँ जहा मैं उसको पेंटिंग की जो बारीकिया मुझे पता हैं वो सिखाउंगा। बोलो प्रेरणा चलेगा तुम्हे?" प्रेरणा को तो साप सूंघ गया और वो कुछ नहीं बोलि और मूह नीचे किये शरमाती रहि। वो अभी भी शर्मा रही थी, यह सोच कर की मिहिर ने तस्वीर बनाते उसके नंगे बदन को छुआ था।

पराग: "प्रेरणा क्या हो गया, तुम्हे तो पेंटिंग सिखने की इतनी तलब थी, अब मौका मिल रहा हैं तो सोच रही हो!!"

नैना ने प्रेरणा के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखा और उसको नार्मल करने की कोशिश की। हम सबको ही प्रेरणा की मानसिक हालत का अंदाज़ा हो गया था। प्रेरणा ने सर ना में हिला कर मन कर दिया। तब मिहिर खुद प्रेरणा की तरफ आगे बढा और नैना दूर हो गायी। मिहिर ने अपना एक हाथ प्रेरणा की पीठ पर रखा और नीचे जमीन को घुरति प्रेरणा की नजरे एक झटके में ऊपर उठि और उसका शारीर कड़ा हो गया। प्रेरणा अब मिहिर की शकल देखने लगी। प्रेरणा तो मिहिर की छुअन से ही सदमे में चली गयी थी। हालांकि अब एक तो उसकी आदत पड़ जानि चाहिए थी, मिहिर तो उसको ३ दिन तक थोड़ा बहुत छु चूका था।

(एक तरफ मुझे प्रेरणा को नार्मल करना जरुरी था तो दूसरी तरफ लालच भी था। अगर प्रेरणा अपनी पेंटिंग की क्लास लेगी तो मुझे भी शायद नैना के साथ अपना खेल खेलने का अवसर मिलगा।) मैने डिक्लेअर कर दिया की अगले संडे प्रेरणा अपनी क्लास के लिए मिहिर के पास आएगी। प्रेरणा मेरी शकल देखने लगी जैसे वो तो बिलकुल ही नहीं चाहती थी, पर मुझे पता था की वो शर्म के मारे ना बोल रही थी।



नैना भी यह सुनकर बड़ी खुश हुई और मेरी पीठ पर हाथ रख जैसे शाबासी दि। शायद वो भी मेरे साथ खेल खेलने को बेक़रार थी। अगले संडे का प्लान फाइनल हुआ।

नेक्स्ट संडे के दिन हमने अपने सुबह के काम निपटाए। प्रेरणा पहले तो तैयार नहीं थी पर मैंने उसको समझाया की तस्वीर बनाते वक़्त हुई बातें भूल जाए और अच्छे से मिहिर से क्लास ले ले। नैना भी आने वाली थी तो मैंने बच्चे को खेला खेला कर थोड़ा थका दिया और फिर खाना खिला कर उसको सुलाने की कोशिश कर रहा था। प्रेरणा भी उधर तैयार हो गयी अपनी क्लास में जाने के लिये, हालाँकि उसकी शकल पर बारह बजे थे, पर उसमें भी वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। प्रेरणा के जाने के बाद मैं नैना का वेट करने लगा। नैना भी मुझसे मिलने आयी, उसने एक वाइट स्लीवलेस टॉप पहने था और साथ में वाइट टाइट घुटनो तक की स्कर्ट पहनी थी। नैना को अंदर लेने के बाद मैंने अपने मन की बात रखना शुरू किया।

पराग: "तो फिर आज मैं पति बनु और तुम मेरी बीवी?"

नैना: "फिर से वोही खेल! ठीक हैं हम पति पत्नी बनेंगे पर स्टोरी क्या होगी?"

पराग: "वो ही पिछली बार वलि, कौन किसको फाॅर्स करता हैं"

नैना: "नहीं कुछ नया करते हैं"

पराग: "कुछ ऐसे की मस्ति भी हो और अंदर कमरे में सोया मेरा बेटा भी ना जागे"

नैना: "ठीक हैं तो फिर बच्चा पैदा करने की ही स्टोरी कर लेते हैं"

(मैन बहुत खुश हुआ, नैना खुद ऐसी स्टोरी चुन रही थी जिसमे मैं उसको नंगा कर पाउँगा और फिर चुदायी भी कर पाउंगाli)


नैना ने पडोसी पराग के सामने बच्चा पैदा करने का खेल करने का प्रपोजल रखा और पराग को एक मौका दिखा की अब वो नैना को चोद पायेगा। आगे की कहानी पराग की जुबानी जारी हैं ...
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12-17-2019, 01:26 PM,
#34
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मैने तुरंत नैना को पलटा और पीछे से उस से चिपक गया। मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और दूसरा उसके सीने के ऊपर एक कंधे से दूसरे कंधे तक लिपटा हुआ था। उसका टॉप कमर से ढीला ही था तो मैंने अपना हाथ अंदर डाल उसके नंगे कोमल पेट पर रख सहलाने लगा।

पराग: "नैना डार्लिंग, चलो मैं तुम्हे अपने बच्चे की माँ बना दू"

नैना: "मैं माँ कैसे बन सकती हूँ! डॉक्टर ने तो जवाब दे दिया हैं"

पराग: "तुम चिंता मत करो नैन, मैं इतना जोरसे चोदुगा की तुम माँ बनही जाऒगी।"

नैना ने अपनी गाँड से मुझको धकक दिया और मुझसे दूर होकर मुझसे शिकायत करने लगी।

नैना: "ऐसी लैंग्वेज में मुझसे क्यों बात कर रहे हो?"

पराग: "आई ऍम सोरी, बूत तुम कॉलेज में अपने दोस्तों से ऐसी भाषा में बात नहीं करती थी क्या?"

नैना: "हॉ, मगर सिर्फ अपनी सहेलियो से, लड़के तो यह शब्द हम लड़कियों के सामने इस्तेमाल नहीं करते थे"

पराग: "पर अभी तो हम पति पत्नी का रोले कर रहे हैं, मिहिर तो यह शब्द इस्तेमाल करता ही होगा!"

नैना: "ओह सॉरी! थोड़ी देर के लिए मैं करैक्टर से बाहर आ गयी थी। चलो कंटिन्यू करते हैं"

(नैना एक बार फिर मेरे सीने से अपनी पीठ चिपकाये खड़ी हो गयी और मैंने अपने दोनों हाथों की पोजीशन पहले वाली कर लि, एक पेट पर तो दूसरा कंधे और सीने पर। मैने उसके नंगे पेट पर रखा और हाथ थपथपाते हुए कहा।)

hपराग: "तुम्हारा यह पतला सा पेट बहुत जल्दी ही फूल जायेगा और उसमें हम दोनों का एक बच्चा आएग। मैं आज ही तुम्हारी चुत में अपना बीज डालूँगा जो जरूर फूटेगा"

नैना: "तुम सच कह रहे हो!!"

(मैने उसके सीने के ऊपर चिपका अपना हाथ धीरे धीरे नीचे खिसका कर उसके बूब्स के ऊपर लाने की कोशिश करता रहा। साथ ही उसके पेट पर रखा हाथ उसके टॉप के अंदर ही एक दम धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढा कर बूब्स की तरफ ला रहा था।)

पराग: "तुम चिंता मत करो नैना, मैं तुम्हे दिन रात चोद चोद कर माँ बना ही दूंगा"

नैना: "हम तो कितने साल से कर ही रहे हैं न! अब तक तो कुछ नहीं हुआ! अब कैसे होगा?"

पराग: "होगा, हम दिल से और मेहनत करेंगे तो जरूर होगा"

नैना: "मेरी बंजर जमीन पर तुम अपना हल कितना भी चला लो, इसमें फसल नहीं उगेगी "

पराग: "मैं अपना हल तब तक चलाता रहूँगा जब तक तुम्हारी बंजर जमीन पर फसल ना लहलहाने लगे"

नैना: "काश यह सच होता पर ऐसा नहीं होगा"

पराग: "एक बार करके देखते हैं न?"

(मैने अपना वो हाथ जो नैना के पेट पर था को खिसकाते खिसकाते अब उसके बूब्स के एकदम पास ले आया था और थोड़ा सा उसके ब्रा के नीचले भाग को छु गया। ईसी दौरान सीने पर रखा हाथ भी नीचे खिसकाता हुआ अब नैना के बूब्स के उपरी गुदगुदेदार हिस्से को छु कर महसूस कर पा रहा था।)


पराग: "लगता हैं मुझमे ही कमी हैं, तुम एक काम करो अपने पडोसी पराग के साथ चूदवा लो, वो तुम्हे माँ बना ही देगा"

फिर नैना ने मेरा उसके टॉप में घूसा हाथ पकड़ा और उसको बाहर निकाल दिया और सीने पर रखा हाथ भी हटा दिया और मेरी तरफ मुड़ी।

नैना: "डॉक्टर ने बोला हैं की कमी मुझ में है। पराग भी मुझे माँ नहीं बना पायेगा। मैं तुम्हे बच्चे का सुख नहीं दे सकती"

पराग: "कोई बात नाहि, हम चुदाई का सुख तो ले ही सकते हैं"

नैना: "नाहि, तुम किसी और से शादी कर लो, तुम तो बाप बन ही सकते हो"

पराग: "मैं तुम्हारे अलावा किसी और से शादी नहीं कर सकता"

नैना: "शादी मत करो, बच्चा तो पैदा कर लो किसी के साथ"

पराग: "तुम कहति हो तो कर लुंगा, जिसके साथ करने को बोलोगी कर लूंगा"

नैना: "मैं पराग से चूदवाओ इस से बेहतर हैं की तुम प्रेरणा को चोद कर माँ बना दो , वो तो माँ बन सकती हैं और बच्चा हमारा होगा"

पराग: "ठीक हैं प्रेरणा को माँ बना दुँगा, पर पहले अभी मैं तुम्हारी चुत चोदुँगा, तुम रेडी हो न?"

नैना: "हां मैं रेडी हूं, बस तुम मुझे एक बच्चा ला दो"

मैने नैना को अपनी बाहों में उठाया और सीधा बेडरूम में ले आया और उसको बेड पर लेटा दिया। मैं उसकी जाँघो पर सवार हो गया। मैने नैना के दोनों हाथ पकडे और उसके सर के दोनों तरफ तकिये पर चिपका कर पकड़ लिए और फिर उस पर झुक कर अपने होंठ उसके गुलाबी होठो के पास लाने लाग। एक दूसरेकी साँसोंकी गर्मी अब हमारे चेहरे से टकरा रही थी। उसके परफ्यूम की खुसबू तो मुझे हमेशा की तरह मदहोश कर ही रही थी। मेरे होंठ उसके होंठ से सिर्फ एक इंच की दुरी पर थे और मैं उसके होंठो का रस पीने को तैयार थे। मैंने हलके से अपने होंठों को उसके होंठो से छु भर दिया।
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12-17-2019, 01:26 PM,
#35
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मेरे पूरे शारीर में बिजली सी कौंध गयी और उस करेंट से मेरे होंठ थोड़ा पीछे हटे। तभी नैना की मुस्कान चौड़ी हुई और वो खिल-खिला कर हंसने लागी। इतने सीरियस प्यार भरे मौके पर वो हंस रही थी तो मैंने उसको पुछ ही लिया की क्या बात है। उसने भी मुस्कुराते हुए ही जवाब दिया।

नैना: "तुमने सच में मेरे होंठनो को छु लिया था पता हैं?"

मुझे बड़ा आस्चर्य हुआ की वो अभी भी इसको एक खेल समझ रही हैं, मगर मैं उसको चोदने को लेकर पूरा सीरियस था। मैंने उसके हाथ छोड़ दिए।


उसने अपने एक हाथ की हथेली के पिछले हिस्से से अपने होंठको पोंछा और शिकायत कर दी की मैंने उसके होंठो को गीला कर दिया। मुझे लगा की मुझे अभी उसको और उत्तेजित करना होगा ताकि वो खुद छुड़ने को राजी हो जाए। मैं उसकी जाँघो के ऊपर से उतर गया और उसके बगल में बैठ गया। मैने अपनी एक ऊँगली उसकी स्कर्ट के नीचे बाहर निकलि चिकनी नंगी टांगो पर फेरनी शुरू की और वो गुदगुदी के मारे हँसती और खिलखिलाती रहि। फिर मैंने उसका टॉप पेट से ऊपर किया और उसके नंगे पेट पर नाभि के चारो तरफ ऊँगली घुमा कर उत्तेजित करने की कोशिश की। नैना लगातार गुदगुदी से मुस्कुरा रही थी और बीच बीच में खिलखिला भी देती। फिर मैंने अपनी ऊँगली का जादू उसके चेहरे पर चलाया। नैना के ललाट से लेकर गालो तक और ठुड्डी पर सहलाया। साथ ही ख़ास तौर से उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रगड कर उसके होंठो को मसल दिया।

फिर एक ऊँगली उसके गले से रगडना शुरू करते हुए उसके मुम्मो के बीच की घाटी की तरफ बढ़ायी। उसने टॉप पहनेथा तो ऊँगली टॉप के ऊपर से ही उसके मुम्मो के उभार पर चढ़ने को तैयार थी। मेरी ऊँगली पहली बार उसके मुम्मो की उचाई पर चड़ती पर उसके पहले ही नैना ने मेरी ऊँगली पकड़ ली। मैंने उसको चुमने को अपना मुह आगे बढ़ाया और उसने दूसरी तरफ चेहरा घुमा लिया। मैने उसकी गरदन पर ही चुमना शुरू कर दिया और वो भी सिसकियां मारने लगी। सिसकिया कुछ ज्यादा ही थी, पता नहीं वो उसका नाटक था या सच में सिसकियां मार रही थी। मैने सोच लिया की अब मुझे हिम्मत करके आगे बढ़ना ही होगा, भले ही नैना नाराज हो जाए। वैसे भी कोई लड़की इतना आगे तभी बढ़ेगी जब उसके मन में ऐसा वैसा कुछ चल रहा होगा।

मैने उसकी गरदन को चुमना बंद किया और उसके गालो पर होंठ राख दिए और उसके गालो को अपने मुह में भर कर छोड़ दिया। उसकी सिसकियां बंद हुई और फिर जोर से खिलखिला कर हंसने लागी। मैंने उसके गाल को एक बार फिर अपने होठो में भिंच कर चूम लिया और इस बीच भी वो खिल-खिलाती रही। मै उसके मन को समझ नहीं पा रहा था। मैं अब उसके चेहरे से दूर हुआ और उसने अपने एक हाथ से अपने गीले हो चुके गलो को पोंछा और मेरी तरफ देख मुस्कराती रही। मैने अपनी एक हथेली उसके नंगे पेट पर रख दी जो टॉप के थोड़ा ऊपर होने से दीख रहा था। मैंने अपनी उंगलिय अब धीरे धीरे कमर पर बँधे उसकी स्कर्ट की तरफ बढ़ायी। वो अब अपनी हँसि दबाने की कोशिश कर रही थी पर बीच बीच में एक ठसक के साथ उसका पेट अंदर दाब कर, मैंने अपनी एक इंच तक उंगलिया नैना के स्कर्ट में डाल ही दि। उसकी तेज साँसों के साथ उसका पेट अंदर बाहर हो धड़क रहा था। मेरी अब आधी उंगलिया स्कर्ट के अंदर थी और इस से पहले की और अंदर जाती उसने मेरा हाथ ही पकड़ लिया और स्कर्ट से बाहर निकाल लिया।

मैने उसके स्कर्ट के साइड में लगी छोटी सी चेन नीचे कर खोल दी और उसका सफ़ेद स्कर्ट कमर से लूज हो गया। मैंने कमर के साइड से अपना हाथ उसके स्कर्ट में डाला। नैना ने मेरा हाथ फिर पकड़ कर रोका। मै अब तड़प रहा था। मैंने हिम्मत की और अपना हाथ उठा कर सीधा स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी चुत पर राख कर दबा दिया। नैना एक हलकी चीख़ के साथ उठ बैठी और मैंने डर के साथ मेरा हाथ उसकी चुत से हटा दिया। नैना ने अपना सर हिला कर ना का इशारा किया।

नैना: "यह गलत हैं पराग। हम यह नहीं कर सकते। अपने पार्टनर्स के साथ यह धोखा होगा"

नैना ने अपनी स्कर्ट की चेन फिर बंद कर दी और बिस्तार से उठने लगी पर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसको फिर बिस्तार पर लेटा दिया और उसकी जाँघ पर बैठ सवार हो गया।

पराग: "मुझसे अभी कण्ट्रोल नहीं होगा, मेरा लंड कड़क हैं और मेरा पानी निकलने लगा हैं"

नैना: "पानी तो मेरी भी चुत से निकला हैं, पर हमारे बीच कुछ भी नहीं हो सकता। यह गलत हैं"


पराग: "मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं, तुम्हारी चुत चाटना चाहता हूं।"


नैना: "यह मुमकिन नहीं है। मेरी पेंटी गीली हो चुकी है। मुझे जाने दो"

पराग: "मुझे तुम अपनी पेंटी गिफ्ट करोगी?"

नैना कुछ सोचने लगी और फिर उसने कहा की वो मुझे उसकी कोई दूसरी साफ़ पेंटी दे देगि, मगर मैंने उसको ना बोल दिया।

पराग: "मेरी प्यार की वजह से तुम्हारी पेंटी गीली हुई हैं, मुझे यही पेंटी चहिये। यह मेरे प्यार की निशानी रहेगी"

नैना फिर अपनी पेंटी देने को तैयार हो गयी। मैं उसके ऊपर से उतर गया और वो बिस्तार से उतर कर कड़ी हो गायी। नैना ने घुटनो से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठाय और उसकी गोरी जाँघे दिखने लागी।

जांघो तक स्कर्ट को ऊपर चढ़ा कर नैना ने अपना हाथ स्कर्ट में नीचे से अंदर ड़ाला और अपनी पेंटी खिंच कर बाहर निकाल दी और मुझे थमा दी और अपनी स्कर्ट फिर नीचे कर दि।

मैने भी सोच लिया की मैं अपना प्यार नैना को दिखाउंगा। मैंने उसकी पेंटी को सूँघा और अपनी आँखें बंद किये उसकी चुत की खुसबू को महसूस किया। फिर आँखें खोल कर उसकी पेंटी के गीली हिसे को अपनी जबान से चाट लिया। उसके चुत के पानी का टेस्ट प्रेरणा की चुत के पानी जैसा ही था पर उस वक़्त एक जूनून सा था और मैंने दो तीन बार उसकी पेंटी के गीलेपन को चाटा। सामने यह सब देखकर नैना तड़प उठि और एक हाथ आगे बढा कर मुझको रोकने की कोशिश की। मैंने अपनी जुबान बाहर निकाल कर उसको दिखायी।

नैना: "ऐसे मत करॉ, मैंने पेंटी नहीं पहनी हैं और मेरी चुत अब और भी गीले हो गयी हैं"

पराग: "मैं वो भी चाट लुंग, यह लो अपनी पेंटी और इसे चुत का पानी पोंछ कर फिर मुझे दे दो"

नैना: "नहि, तुम खुद अपने मुह से चाट कर चूस लो और साफ़ कर लो"
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12-17-2019, 01:26 PM,
#36
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
मै यह सुनकर बड़ा खुश हुआ। चोदने को न सही पर नैना की चुत तो दीख ही जाएगी और उसको चाट भी पाउंगा। नैना ने मेरा एक हाथ पकड़ा और मुझे बिस्तार पर बैठया।

नैना: "मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं, पर तुम्हारी तड़प को देखते हुए मैं इजाजत दे रही हूं। पर मैं तुम्हे सिर्फ चाटने डुंगी, तुम मेरी गीली चुत को नहीं देख पाओगे"

यह कहते हुए नैना ने वह पड़ी प्रेरणा की चुनरी उठायी और मेरी आँखों पर बाँध दि। अब मैं नैना की चुत तो नहीं देख पाउँगा पर उसको हाथ लगा कर चाट तो पाउँगा ही यही मेरे लिए काफी था। मुझे कुछ दीख नहीं रहा था पर नैना के बिस्तार पर चढ़ने की और उसके स्कर्ट के खुलने की आवाज जरूर आयी। उसने फिर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे पोजीशन में लेकर आयी। मेरा एक हाथ जाकर नैना की नंगी जाँघ पर लगा और मुझे लग गया की वो नीचे से नंगी है। मैं अपना हाथ उसकी जाँघो से ऊपर चढ़ा कर उसकी चुत की तरफ बढ़ाने लाग।

नैना ने मेरा दूसरा हाथ भी पकड़ लिया और हिदायात दी की मैं अपने हाथ से उसकी चुत को नहीं छु सकता, सिर्फ मुह से चाट सकता हूं।


मेरा सर उसकी दोनों जाँघो के बीचे में था क्यों की उसने मेरे दोनों हाथ उसकी नंगी कमर पर राख दिए थे। मैंने अपने दोनों हाथ दोनों तरफ उसकी नंगी कमर पर घुमाये और मुझे लग गया की सच में उसने नीचे से अपनी स्कर्ट पूरी निकाल दी थी और वो नंगी थी। मैन अपनी आँखों की पट्टी खोलने चाहता था पर नैना को वाडा किया त। नैना का हाथ मेरे सर पर आया और मुझको पूरा नीचे झुका दिया। मेरे होंठ उसकी चुत के थोड़ा ऊपर उसके छोटे छोटे तीखे बालो पर लगे और वो बाल मेरे होंठो पर चुभ गए। मैंने महसूस किया की जैसा उसकी तस्वीर में देखा था वैसे ही उसकी चुत पर बाल थे मगर काफी छोटे बाल थे।

मेरे सर पर रखे उसके हाथ ने मेरे सर को नीचे खिसकाय और मेरे होंठ रगड़ते हुए नैना की चुत की दरार की तरफ बढ। मेरे होंठों को गीलापन सा लगा और मुझे लग गया की नैना की चुत की झील मेरे होंठों के ठीक नीचे हैं। मेरे होंठोने नैना की पानी से भरी झील नुमा चुत में छलाँग लगा दि। मेरे होंठ नैना की चुत के पानी से भीग गए। मै पागलो की तरफ नैना की चुत पर तूट पड़ा और नोचने लगा जैसे गिद्ध मरे हुए जानवर को नोच कर खाते है।

नैना की सिसकियां शुरू हो गयी। यह सिसकियां पिछली बार की नकली सिसकियो की तरह नहीं थी। नैना ने अपने पाँव और भी चौड़े कर दिए क्योंकी अभी तक उसकी जाघे मेरे दोनों कानो को जकड़े हुए थी जो अब दूर हो चुकी थी। नैना की चुत अब और खुल गयी थी और अब मैं आराम से अपनी जुबान को रोल कर नैना की चुत में डाल कर धक्के मार चोदने लाग। मेरा लंड न सही मेरी जुबान ही नैना को चोद रही थी। मेरे दोनों हाथ जो नैना की कमर को पकडे थे मैंने उनको भी हिलाना शुरू किया और नैना की गोल गाँड के साइड में फिर कर उसकी गाँड के नंगे पैन को महसूस किया। मै नैना के शारीर के दोनों साइड में गाँड से लेकर कमर तक के शारीर को दबा दबा कर मजे ले रहा था। फिर मैंने हाथ थोड़े ऊपर किये पर नैना का टॉप कही छु भी नहीं पाया। मैं अपने हाथ ऊपर ले जाता रहा और मेरे हाथ जाकर नैना की बगल के नीचे जाकर रुकी। नैना ने न तो टॉप पहने था और न ही ब्रा था। वो पूरी नंगी थी। मुझे उसके बूब्स दबोचने थे। उसकी बगल के नीचे मैं उसके बूब्स के साइड के लचीले उभार को थोड़ा महसूस कर रहा था। मैन अपने दोनों हाथ उठाये और अन्दाजे से नैना के बूब्स पर ले गया पर मेरा हाथो को नैना के गुदगुदेदार बूब्स का अहसास नहीं हुआ पर नैना की नाजुक उंगलिया वह पहरेदार बनी थी।

नैना ने अपने दोनों हाथों से अपने नंगे मुम्मो को धक् रखा था। मैंने नैना के हाथो को ही थोड़ा दबा लिया और वो हाथ थोड़ा नीचे भी हो गए और नैना के बूब्स थोड़े दब गए। उसके हाथों को दबाने में उतना मजा नहीं था जितना की सीधा बूब्स को दबाने में आता। इसलिए मैं अपने हाथ फिर नीचे खिंच लिए और नैना की नंगी कमर और गाँड को दबाने के मजे लेता रहा। नैना की चुत को मैंने अच्छे से चाट लिया था और फिर नैना ने मुझे रोक दिया। उसने मुझे आँखों की पट्टी अभी नहीं खोलने को बोली क्यों की वो पहले कपड़े पहनना चाह थी। एक अच्छे बच्चे की तरह मैंने उसकी बात मानि क्यों जितनी अच्छी तरह से नैना ने मुझे अपनी चुत चाटने और मुह से चोदने दी थी, इतनी मेरी बीवी प्रेरणा ने भी मुझे नहीं करने दी थी। मै वही बैठा रहा और उसके कुछ मिनट्स बाद मेरी आँखों की पट्टी हिली और नैना ने वो पट्टी खोल दि। मैं नैना की तरफ देख मुस्कुराया और उसको थैंक यू बोल।

नैना भी शर्म से लाल थी। मैंने देखा की नैना के वाइट टॉप से उसके बूब्स का शेप थोड़ा बदल गया हैं और उसके निप्पल भी तीखे दीख रहे है। नैना ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपना ब्रा मुझे गिफ्ट के तौर पर दिया। नैना ने ब्रा नहीं पहने था इस वजह से उसके निप्पल वाइट टॉप में दीख रहे थे। मैं उसके मुम्मो का शेप अब थोड़ा अच्छी से देख पा रहा था।

नैना: "अगर प्रेरणा ने यह ब्रा और पेंटी देख लिए और पुछ लिया की यह किसके हैं तो क्या बोलोगे?"


पराग: "यह मैं छुपा कर लॉक में रखुंगा।"


कफी टाइम हो गया था और नैना बोली की अब वो जाएगी। मैंने दिल पर पथ्थर रख कर उसको जाने दिया। नैना को छोडने की इतनी तमन्ना थी पर वो सारे अरमाँ मिटटी में मिल गए थे। नैना के जाने के थोड़ी देर बाद प्रेरणा भी मिहिर से अपनी पेंटिंग क्लास लेकर आ गयी थी।

अगली सुबह ऑफिस जाते वक़्त सुबह लिफ्ट का वेट कर रहा था। तभी नैना डस्टबिन लिए अपने फ्लैट से बाहर आयी। मुझे देख वो मुस्कुरायी और गुड मॉर्निंग कहा और मैंने भी उसको गुड मॉर्निंग कहा। वो अब डस्टबिन रखने के लिए झुकने लगी। मुझे पता था की वो मुझे कुछ नहीं दिखाएगी। उसने अपने सीने पर हाथ राख अपने गाउन को चिपका दिया और झुक कर डस्टबिन रखा। डस्टबिन जमीन पर रखते हुए उसने नजरे उठा कर मेरी तरफ देखा और अपना हाथ अपने सीने से हटा दिया। मेरा मुह आस्चर्य से थोड़ा खुल गया। सीने से खुले गाउन से मुझे उसके ब्रा की झलक दिखी और उसके मुम्मो का उभार भी काफी दिखा। मेरी सुबह की अच्छी शुरुआत हुई थी। अब हर रोज सुबह जैसे ही मैं लिफ्ट के पास वेट करता तो सामने नैना डस्टबिन रखने के बहाने आती और झुक कर मुझे अपने क्लीवेज के दर्शन जरूर करवाती। कुछ सप्प्ताह इस तरह निकल गए थे और प्रेरणा ने बताया की इस बीच वो २-३ क्लास मिहिर की अटेंड कर चुकी थी।

माहिने भर बाद एक सैटरडे के छुट्टी के दिन सुबह सुबह मैं किसी के सुबकने की आवाज से उठा। देखा तो प्रेरणा मेरे पास बैठे रो रही थी। मैने उस से रोने का कारण पूछा तो वो सुबकती ही रही और बताने को तैयार नहीं हुयी। मैंने उसको प्यार से शांत किया। फीर प्रेरणा ने बताया की वो प्रेग्नेंट है। मुझे आस्चर्य हुआ और मैंने उसको बोला की हम तो वैसे ही इतना कम चुदाई करते हैं और हमेसा प्रोटेक्शन से करते है। प्रेरणा ने सुबकते हुए बताया की उसको मिहिर ने प्रेग्नेंट किया है। मैं तो बिस्तार पर ही उछल पड़ा। कही वो मजाक तो नहीं कर रही थी। काश वो मजाक होता पर वो सच्चाई थी। प्रेरणा ने मुझे पूरी बात डिटेल में बतायी।

तसवीर बनाने के दूसरे दिन जब मैं ऑफिस गया हुआ था तब प्रेरणा को सही पॉज में बैठाते वक़्त मिहिर ने प्रेरणा को बहुत गलत ढंग से छुआ था। एक दो बार प्रेरणा के बूब्स भी दबा दिए थे। प्रेरणा थोड़ी देर तो सहन करती रही पर फिर उसको भी गड़बड़ लगा तो उसने मिहिर का हाथ पकड़ लिया, पर नैना आ गयी और उसने समझाया की उसकी तस्वीर बनाते वक़्त भी यही हुआ था। चेहरे पर सही एक्सप्रेसन लाने के लिए यह करना होता हैं तो फिर प्रेरणा मान गयी क्यों की नैना वही खड़ी थी।

मिहिर ने ऐसे ऐसे हाथ लगया की प्रेरणा को नशा चढ़ने लगा और उसकी चुत से पानी भी छुट्ने लाग। नैना ने प्रेरणा को पूछा की कही प्रेरणा की चुदने क इच्छा तो नहीं हो राहि। मिहिर वही खड़ा था और नैना ने ऐसी बात उसके सामने बोल दी थी। प्रेरणा को बड़ी शर्म आयी। पर नैना ने समझाया की वो चिंता नहीं करे और उसकी चुदने की इच्छा हैं तो मिहिर हेल्प कर देगा। मिहिर की चुदाई से प्रेरणा के एक्सप्रेशन और अच्छी हो जायेंगे यह कह कर नैना ने प्रेरणा को बहकाया पर प्रेरणा ने साफ़ मना कर दिया।

नैना ने प्रेरणा को उकसाया की कुछ नहीं होगा, चलो बेडरूम में और फिर प्रेरणा को उठा कर बेडरूम में ले गयी। जहा मिहिर भी आ गया। उन दोनों पति पत्नी ने प्रेरणा के नंगे बदन पर छुना शुरू कर दिया। प्रेरणा ने उनको रोकना चहा पर मिहिर ने प्रेरणा की चुत में ऊँगली ड़ाल कर चोदना शुरू किया तो प्रेरणा का कण्ट्रोल ढीला होता गया। नैना फिर बेडरूम से चली गयी और मिहिर ने प्रेरणा को चोद दिया। चुदाई के बाद प्रेरणा को गिलटी फील हुआ और वो रोने लगी तो नैना और मिहिर ने समझाया की यह सब नार्मल हैं और वो चिंता ना करे। मिहिर ने फिर प्रेरणा की तस्वीर बनाना जारी रख। नैना और मिहिर ने प्रेरणा को बोला की वो लोग मुझे इस बारे में कुछ नहीं बतायेंगे और प्रेरणा तस्वीर के बनवाने के लिए अगले दिन भी नार्मल तरिके से आ जाए। तसवीर बनाने के तीसरे दिन तो मैं छुटी लेकर घर पर ही था ताकि नैना के साथ खेल के मजे ले पाउ। मगर उधर मिहिर ने प्रेरणा को एक बार फिर बहला फुसला कर चोदा। प्रेरणा जिस बेंच पर बैठ कर तस्वीर का पॉज दे रही थि, मिहिर ने प्रेरणा को उसी बेंच पर उलटा लेटा कर चोदा था।
Reply
12-17-2019, 01:27 PM,
#37
RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
इसके बाद मिहिर और नैनाने वो पेंटिंग क्लासेज का नया बहाना ढूंढ लिया। प्रेरणा नहीं जाना चाहती थी पर मैंने उस वक़्त अन्जाने में बेवकुफ़ी कर दी और उसको क्लास पर जाने को बोल दिया क्यों की मैं खुद नैना को उस दिन चोदना चाहता था। मै अब प्रेरणा पर भडक गया की वो इतना बेवक़ूफ़ कैसे हो सकती है। उन दोनों ने मिलकर उसको चुदने को तैययर किया और प्रेरणा मान भी गयी। प्रेरणा फिर रोने लगी की इस तरह नंगे बैठे और कामुक तरिकेसे छुने के कारण उसको कोई होश ही नहीं रहा और उसने ग़लती कर ली। अब मैं प्रेरणा को क्या दोष देता, मैं खुद तो नैना के प्यार में बहक गया था और उसको लगभग चोद चूका था। मैं प्रेरणा को लेकर उसी वक़्त मिहिर और नैना के घर गया।


नैना ने उसी मुस्कराहट से स्वागत किया पर प्रेरणा क रोते हुए चेहरे को देखकर उसको शायद माजरा समझ में आ गया था तो चेहरा सीरियस बना कर हुमको अंदर आने को कहा। मैने नैना को कहा की वो मिहर को भी बुलाये और उसने मिहिर को आवाज देकर बाहर बुलया। उसको देखते ही मेरा खून खोलने लगा और मैं लपक कर उस पर झपटा पर नैना बीच में आ गायी। नैना ने वोही घुटनो तक का गाउन पहने था। उसने अपनी छाती मेरी छाती से चिपका दी और अपने हाथों और छाती के जोर से मुझे रोके राख। मै भी औरत पर क्या जोर लगता। मैं मिहिर पर बरस पड़ा की उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी को बहला कर चोदने की। मैंने उसको पुलिस में जाने की भी धमकी दि। नैना ने अब बचाव किया की मिहिर ने कोई जबरदस्ती नहीं की हैं, जो भी हुआ हैं वो प्रेरणा की मर्जी से हुआ है। प्रेरणा चाहती तो ना बोल सकती थी पर उसने मना नहीं किया और तैयार हो गयी।

मै फिर भी उनको सुनाता रहा की उन्होने मेरी बीवी को बहला कर चोदा हैं और यह भी कानूनी रूप से गलत है। नैना ने अब मेरी पोल खोलनी शुरू कर दी की मैं भी तो उसको चोदने की तयारी में था। प्रेरणा के लिए यह भी एक शॉक था की मैं भी उसकी पीठ पीछे नैना से इश्क़ के पेच लड़ा रहा था। खा जाए तो दोषी हम चारो ही थे। हम लोगो ने कही न कही अपने शारीर की आग को ठण्डा करने के लिए गलत चीजो का इस्तेमाल करने की ग़लती की थी।

मै पुलिस में जाना चाहता था पर प्रेरणा ने रोक दिया की आधी ग़लती उसकी भी हैं और वो अब और बदनामी नहीं चाहती हैं तो मामला वही ख़त्म करते है। नैना ने फिर इस सब के पीछे के कारण को बताया। उसको एक बच्चा चाहिए था और उसके लिए उन्होंने प्रेरणा और मुझे फसाया था। वो प्रेरणा को एक सरोगेट मदर की तरह इस्तेमाल करना चाहते थे। नैना ने मुझसे कहा की मैं अगर चाहु तो उसको जितनी बार चाहु चोद सकता हूं, पर मुझे प्रेरणा के होने वाले बच्चे को उन्हें सौपना पडेगा।

नैना को चोदने के लिए तो मैं कबसे तड़प रहा था। अब वो मौका मेरे सामने था। मैंने नैना का गाउन पकड़ कर उसके शारीर से बाहर निकाल दिया और वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी। मै ग़ुस्से में था पर नैना के बदन को पहली बार इतना नंगा देख कर मेरे लंड मेरी पैण्ट में झटके मारने लगा। पीछे खड़ी प्रेरणा ने मुझे आवाज देकर रोकने की कोशिश की पर मैंने उसको चुपचाप खड़े होकर तमाशा देखने का इशारा किया। मै नैना को उसी बेंच के पास ले गया और उसको उस बेंच पर पेट के बल आधा लीटा दिया और उसके पैर घुटनो के बल नीचे जमीन पर थे। मैने नैना की पेंटी खिंच कर पैरो से बाहर निकली और उसकी गोरी गाँड को पहली बार देखा और उसकी गाँड पर हाथ मल कर मजे लिए और एक दो चाँटे भी मार कर गुस्सा निकाल। मैने अब अपने कपड़े निकाले और मेरा कड़क लंड नैना को पहली बार चोदने को तैयार था। उसके पहले मैंने मिहिर की तरफ देखा जो वह खड़ा सिर्फ मुझे उसकी बीवी को चोदते हुए देख सकता था। मै अब नैना के पिछवाडे पर घुटनो के बल बैठा। मैंने नैना की गाँड को चौड़ा किया और अपना कड़क लंड उसकी गाँड और चुत के छेद के ऊपर रगड़ा।


नैना की चुत पर उगे तीखे बाल मेरे लंड को हल्का सा चुभ गए। मैंने अब एक झटके में अपने लंड की टोपी को नैना की चुत में घूसा दिया। मैने अब नैना के कुल्हो को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक धक्का मारते हुए अपना लंड पूरा नैना की चुत में उतार दिया और नैना के मुहसे एक तेज आआआह निकली। मैने अब धक्के पर धक्के मारते हुए नैना को चोदना शुरू कर दिया। प्रेरणा अब रोते हुए फ्लैट से बाहर चली गयी। मैं दोनों हाथों से नैना की पतली कमर और गाँड के किनारे को पकडे पकडे धक्के मार चोदता रहा और बीच में वह खड़े मिहिर को घूर लेता।

थोड़ि देर चोदने के बाद मुझ पर चुदाई का नशा चढ़ा तो मेरा गुस्सा अब शांत हो चला था।। मैंने नैना के ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी पीठ पर अपनी हथेली रगड़ि। मैने फिर रह रह कर ७-८ जोर के झटके अपने लंड से उसकी चुत में मारे और नैना हर बार जोर जोर से चिखि। मैंने फिर अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकला और उसको खड़ा किया और उसका ब्रा निकाल कर उसको पूरा नंगा किया। मैने उसके लुभावने बूब्स देखे जो लचक खाकर ऊपर नीचे हो रहे थे। मैंने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबोच अपनी इतनी दिनों की भड़ास निकाली। नैना थोड़ा दर्द से कराहने लागी। मैने उसको बाहों में उठाया और उसके बेडरूम में लाया और बिस्तार पर लेता दिया। मैं उसके दोनों पैर के बीच आया और उसके पैर चौड़े कर उसकी नंगी खुली चुत को अच्छे से देखा।

मैने अपना सर उसकी दोनों जाँघो के बीच घूसा कर उसकी चुत को अच्छी से चुसा और चाटा। मैने नैना के दोनों हाथों को पकड़ा और उसके सर के दोनों तरफ रख कर दबा दिया। नैना के बूब्स फूल कर और ऊपर उभर आये और मुझे इन्वाइट करने लगे की मैं उनका उपयोग कर लु। मै नैना के ऊपर चढ़ा और मैंने झुक कर उसके बूब्स को निप्पल सहित अपने मुह में भर लिया। नैना के बूब्स बहुत मुलायम थे पर मैंने बिना रहम किये अच्छे से अपने मुह में भर निचोड दिया।

जीतना मैं नैना के बूब्स को देखने के लिए तड़प था, मैं अब साड़ी तड़प मिटा रह था। अपने मुह से निचोड कर मैंने नैना के गोर गोर बूब्स को लाल कर दिया था। मै अब नैना के ऊपर चढ़ कर पूरा लेत गया। फिर मैं अपना चेहरा नैना के चेहरे पर लाया। अपने होंठ उसके होंठों पर धर दिए। मैंने उसको होंठ खोलने को बोला और फिर उसके होठो को अपने होठो में भर कर उसके रस को पूरा निचोड ड़ाला। नैना के होंठ इतने रसीले थे की मेरी प्यास उसको चुस्ने से वैसे ही बूझ रही थी। मेरा लंड अब फड़फड़ाते हुए माचल रहा था। मेरे लंड को नैना की चुत का रस पीकर अपनी प्यास बुझनी थी। मैंने अपना लंड फिर नैना की चुत में ड़ाल कर उसको जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।

नैना: "जितना चोदना हैं चोद लेना, चाहे मेरी चुत ही फाड़ देना पर मुझे प्रेरणा को होने वाला बच्चा दे देना। मैं ज़िन्दगी भर तुम जो बोलोगे वो खेल खेलने को तैयार हूँ"

मै उस दिन जो चुदाई की थी वैसी मैंने पहले कभी नहीं की थी और न ही फिर कभी ऐसी चुदाई करने को मिली। नैना की चीखें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और उसकी चीख़ें मुझे सुकून दे रही थी। इसी बेडरूम में मिहिर ने भी मेरी बीवी प्रेरणा की चीखें निकाली होगी। कभि मैं लंड से नैना की चुत को झटके मार दर्द देता तो कभी धक्के मार कर मजा दिलाता और उसकी सिसकियां और चीखें निकलती रहि। थोड़ि देर बाद मिहिर बेडरूम में आगया। उसके चेहरे पर एक तड़प थी और मुझे यह देख मजा आया। उसी कमिने ने मेरी प्रेरणा को इसी तरह बेरहमी से चोदा होगा। रुंधे गले से वो नैना से बात करने लगा।

मिहिर: "मैंने बोला था नैना की यह तरीका ठीक नहि, अब देखो इसका क्या अन्जाम हो रहा है। मैं तुम्हे इस तरह चुदते और तडपते नहीं देख सकता"

नैना: "मुझे कुछ नहीं ... आआह्ह्ह आआह्ह ... कुछ नहीं हुआ हैं, तुम बाहर जाओ ... ऊऊह्ह्ह माँ ... तुम्हे यह देखने की ...। ईह ...। देखने की जरुरत नाहि। ओह्ह्ह ओह्ह्ह मममम ...। तुम हैडफ़ोन लगा कर बैठ जाओ मेरी आवाज नहीं आएगी ।। ओए आई तुम जाओ मिहिर ...। "


मिहिर पाँव पटकता हुआ दरवाजा जोर से बंद कर चला गया। एक बात वो साफ़ कर गया की यह सब नैना का रचा गया जाल था, ताकि वो प्रेरणा को मिहिर के हाथों प्रेग्नेंट करवा सके और फिर जैसे तइसे होने वाला बच्चे को पा सके। मुझे अब उस तस्वीर के पीछे का रहस्य पता चला। वो सब तो एक बड़े खेल का हिस्सा था। नैना मेरे साथ जो खेल खेलती थी वो सब मुझे पटाने और तड़पाने के लिए था। ताकि जब मुझे सच्चाई पता चले तो वो मुझसे चुदवा कर मेरी तड़प मिटा कर मुझे मना ले की मैं उसको वो होने वाला बच्चा देदू।


नैना को चोदते चोदते मेरे लंड का पानी अब निकलने लगा था। मैंने अपने लंड की पिचकारी इतनी जोर से कभी नहीं छोड़ी थी। यहाँ तक झड़ते वक़्त भी मैंने उसको इतनी जोर के झटके मारे की नैना बिस्तार पर ही चिल्लाते हुए उछल पड़ी थी। जब मैं नैना को चोद कर उठा तो उसके होंठो, गालो, कन्धो और बूब्स पर मेरे काटने के हलके निशान थे। यह उसको याद दिलाएँगे की किसी के साथ धोखा नहीं करना चहिये।

घर आकर मैंने प्रेरणा की वो नंगी तस्वीर जाला दि। प्रेरणा उस बच्चे को जनम देना चाहती थी पर मैंने उसको समझाया और एबॉर्शन करवा दिया। जब नैना को यह पता चला तो वो बहुत निराश हुयी। थोडे दिन बाद नैना और मिहिर अपना फ्लैट खाली कर हमेसा के लिए कही चले गए। शायद वो अपने लिए कोई नया शिकार ढूंढने गए थे।

नैना के हमारे ज़िन्दगी में आने के बाद प्रेरणा में जो बदलाव आये थे और हमारी सेक्स लाइफ जो थोड़ा सुधर गयी थी वो अब फिर पुराणी पटरी पर आ गयी। इस से तो अच्छा होता की मैं वो बच्चा होने देता और नैना को दे देता। इसी बहाने मैं आगे भी नैना को चोदने के मजे ले पाता। आज भी लिफ्ट के लिए वेट करते समय मैं उस दरवाजे को देखता हूँ की नैना अब बाहर आएगी और डस्टबिन रखते वक़्त झुक कर मुझे अपना क्लीवेज दिखाएगी और मुस्करायेगी।


##

अन्तिम नोट: पराग ने प्रेरणा से और भी डिटेल निकालने की कोशिश की ताकि एक्सजटली पता चले की उन दिनों में प्रेरणा और मिहिर के बीच किस तरह चुदयी हुयी। पराग को शक हैं की नैना ने प्रेरणा का माईंड वाश बहुत पहले ही कर दिया था और मिहिर के बच्चे की माँ बनने को राजी कर लिया था। प्रेरणा ने भी शायद मिहिर के ऊपर चढ़ कर चोदा था पर प्रेरणा फिर अपने बयान से पलट गयी की मिहिर ने ही हमेशा उसको चोदा था। माईंड वाश तो नैना ने पराग का भी कर ही दिया था, शायद इसी कारन पराग ने प्रेरणा को माफ़ कर दिया था। अगर आपको यह कहानी पसन्द आयी तो दुआ करिये की प्रेरणा और पराग की सेक्स लाइफ फिर से अच्छी हो जाए।


धन्यवाद!
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