RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
सुबह उठ वीर..तैयार होता है..
एक दम स्टाइलिश तरीके से..
वीर : आज मैं अपनी फॅमिली से मिलूँगा कितना तडपा हूँ वो कितने तडपे होंगे मेरे लिए
वियर के आँखो से कुछ बूँद आँसू निकल जाते है
बिस्वा: भाई अब तो ख़ुसी का वक्त है अपने आपको संभालिए आपको अपनी फॅमिली को संभाल ना है
वीर..चलो अब और इंतजार नही होता
सब से मिलना है मोम डॅड दादाजी ऑर मेरी बहन से भी
फिर तीनो निकलते है. अपनी फॅमिली को मिलने....
घर के पास पहुँच वीर घर को बड़े ध्यान से देखता है उसकी यादे ताज़ा हो जाती है किस तरह वो यहाँ खेलता था
वीर घर के आगे खड़ा हो घर की बेल बजाता है...
गेट एक लड़की खोल ती है
लड़की...वीर तुम यहाँ कैसे ..व्हाट आ सर्प्राइज़....
वीर....संजू सर्प्राइज़ को छोड़ो पहले मुझे अंदर नही बुलाओ गी
संजना : हाँ आओ तुम यहाँ कैसे
वीर संजना की बात अनसुना कर पूरे घर को देखता है उसको अपनी यादे साफ साफ याद आती है
कैसे उसकी माँ उसके पीछे खाना लेकर दौड़ती थी
कैसे दादू रोज नयी नयी कहानियाँ सुनाते थे
वीर के ना चाहते हुए भी उसके आँख से दो बूँद आँसू गिर ही जाते है
वीर : संजू अपनी फॅमिली से नही मिलाओ गी
संजू : हाँ रूको अभी बुलाती हूँ संजू किचेन मे चली गयी
जब वो वापस आई तो
माँ : बेटा कॉन आया है सब्जी जल जाएगी
संजू : माँ देखो तो सही
जब माँ वीर को देखती है तो कुछ देर वीर को देखती ही रहती है
फिर माँ दो कदम आगे जाती है इधर वीर भी दो कदम आगे जाता है
दोनो की आँखो मे आँसू आजाते है
माँ वीर के पास पहुँच घुटनो के बल बैठ जाती है ऑर अपनी बाहें फैला ज़ोर से चीखती है
वीर्रर्र्र्र्ररर………..
वीर भी अपनी मेक पास घुटनो मे बैठ अपनी माँ से गले मिल जोरो से माँ माँ कहते हुए रोने लगता है दोनो को ऐसे देख संजना हैरान थी उसे कुछ समझ मे नही था लेकिन उसकी आँख से भी आँसू बहने लगते है
माँ : बेटा कहाँ चला गया था अपनी माँ को छोड़ के कितनी अकेली हो गयी थी तेरी माँ
अब संजना समझ जाती है ये उसका भाई धनवीर है
वीर : माँ मैं भी बहुत तडपा हूँ
आप सब से दूर होके रोज अकेलेपन से लड़ा हूँ
माँ : बेटा तुम इतने दिन क्यूँ नही आए बेटा
वीर : मुझे कल ही पता चला मेरा परिवार यहाँ है ऑर मैं आ गया
वीर खड़ा हो कर संजना के सामने जाता है *
वीर : संजू *बस इतना ही बोला था कि
चत्त्तककककक एक थप्पड़ संजना मार देती है वीर को ऑर रोते हुए वीर के गले लग जाती है
संजना : क्यूँ नही बताया मुझे तुम मेरे भाई हो मेरे साथ कॉलेज मे पढ़ते रहे फिर भी
वीर : कैसे बताता कल ही तो पता लगा मुझे तुम मेरी बहन हो
संजना : मैं मैं मैने बहुत याद किया तुम्हे बहुत तडपी हूँ बहुत कोसा है भगवान को
वीर : अब रोना बंद करो
इतना शोर सुन वीर के दादू बाहर आ जाते है
वीर : दादू को देख दादू दादू कहते हुए उनके गले लग जाता है
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