Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
01-31-2019, 11:40 AM,
#1
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अनदेखे जीवन का सफ़र


गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा

मैं तो गया मारा

आके यहाँ रे


रे रे रे र से गाओ र से गाओ


रोते रोते हसना सीखो हस्ते हस्ते रोना जितनी चाभी भरी राम ने उतना चले खिलोना


एक बस हाइवे से होते हुए चले जा रही थी बस चलते चलते एक जंगल मे होके गुजर रही थी रोड के साथ साथ ही एक नदी बह रही थी क्या सुंदर नज़ारा था


लड़का : माँ माँ मुझे घर जाना है

माँ : बेटा बस अब ज़्यादा दूर नही है

देखो ना कितने अच्छे अच्छे गाने गा रहे है

लड़का : नही माँ मैं दादू के पास जाउन्गा वो अकेले होंगे

माँ : बेटा

तभी गोली की आवाज़ आती है बस अपना बॅलेन्स खो देती है ऑर सीधे नदी मे जा गिरती है


बचाओ बचाओ

...........................
हवलदार : सर सारे लोग निकल लिए गये है ऑर कोई नही है बस मे

इनस्पेक्टर : ठीक है क्या रिपोर्ट है

हवलदार : सर दो लोग मारे है कुछ ज़ख्मी हुए है एक औरत बेहोश है उससे जल्द ही होश आ जाएगा

तभी

औरत : बेटाआआआआआआआ कहते हुए उठ बैठती है

...................................
घने जंगल मे

दो लोग आपस मे बाते कर रहे थे

आदमी1: ये देखो इसमे हम सबकी मुक्ति है अगर ये किसी के हाथो लग गया तो फिर हम गुलाम बन जाएँगे

आदमी 2 : पर ये है क्या

आदमी 1: ये हम जींनों की शक्ति का पुंज है इसमे जो शक्ति है जिससे हम सब जुड़े है

अगर ये किसी इंसान के हाथ लग गया वो हमारा मालिक हम जिन्नो का बादशाह बन जाएगा अगर इसको किसी इंसान ने छू लिया हम फिरसे गुलाम बन जाएँगे

आदमी 2 : तो क्या हम इसे यहा छुपाएँगे


आदमी 1: हाँ यही सही जगह है सदिओ से यहाँ कोई नही आया यही उचित जगह है इसी जंगल की इस घुफ़ा मे

............................
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01-31-2019, 11:40 AM,
#2
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
एक बच्चा बीच जंगल में एक नदी के किनारे बेहोश पड़ा हुआ था सूरज की रोशनी तेज़ हो गयी दोपेहर का वक्त था तभी बच्चा हिला लड़के को होश आगया


लड़का : माआआ माआअ माआआ

पर वहाँ कोई नही था बच्चा रोने लगा


माआ माँ हूहुउ माआ कहाँ हो माँ


दादू दादुउऊउ रोते रोते बच्चा आगे बढ़ने लगा जंगल मे अंदर चला गया


बच्चा भूख से बिलख रहा था माआअ भूक लगी हाई माआáआ कहा हो माआआ


चलते चलते बच्चा जंगल के बीचो बीच पहुच गया ओर एक पेड़ के नीचे बैठ गया


माँ भूख लगी है............. बैठे बैठे बच्चा सो गया थकान की वजह से रात हो चुकी थी बच्चा सोया हुआ था


तभी वयूऊऊओ ओूऊऊऊऊऊऊ कहीं भेड़ियों की आवाज़ आने लगी बच्चे की नींद खुल गयी बच्चा बहुत डरा हुआ था तभी पास के पेड़ो मे हलचल हुई जिसे देख बच्चा भागने लगा भागते भागते


बच्चा एक गुफा मे आ पहुँचा उसको ये जगह कुछ सुरक्षित लगी वो वहीं बैठ गया


रात काफ़ी हो चुकी थी बच्चा बहुत कमजोर हो गया था भूख से


तभी गुफा के अंदर से हल्की रोशनी दिखाई दी बच्चा उस ओर अपने लड़खड़ाते कदमो के साथ चला गया


जब वो अंदर गया तो वहाँ एक शिवलिंग था जिसपे एक चमकता हुआ पत्थर था


बच्चा लड़खड़ाते कदमों के साथ वहाँ पहुच गया ऑर डरते डरते उस पत्थर को उठाया


उसका उतना ही करना था कि पूरी गुफा मे एक तेज़ रोशनी सी फैल गयी बच्चा वहीं बेहोश हो गया रोशनी उस बच्चे मे चली गयी

.............................
जिन्न : ये क्या हो गया ये ये ये कैसे हो सकता है


जिन्न 2 : क्या हो गया क्या हो गया


जिन्न : हम फिरसे गुलाम बन गये हमारा मालिक आगया उसने उस मणि को छू लिया


जिन्न 2: अब क्या हो गा


जिन्न : अब कुछ नही हो सकता जब तक वो है हम उनके गुलाम है ऑर हम उनको नुकसान भी नही पहुँचा सकते उनमे अब हम सबसे कयि गुना ज़्यादा शक्ति है वो हमारे मालिक बन गये हैं चलो


फिर जिन्न गायब होके पहुच गये गुफा मे

जिन्न : ये क्या ये तो एक बच्चा है

जिन्न : पर ये यहाँ तक पहुँचा कैसे

जिन्न: जो भी हो हम इन्हे यहाँ नही छोड़ सकते इन्हे इंसानी दुनिया मे पहुचाना होगा


जब तक ये बड़े नही हो जाते कुछ नही कर सकते

जिन्न.1 ऐसा करते है इसे अनाथ आश्रम मे दे देते है....


जिन2...हाँ यह सही रहेगा...

फिर जिन्न इंसान का रूप लेकर बच्चे को अनाथ आश्रम छोड़ दिया जाता है..


आश्रम से बच्चे को स्कूल मे दाखिल करवा देते है..
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01-31-2019, 11:40 AM,
#3
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
उधर..

बच्चे की माँ का बुरा हाल था ....


माँ..मुझे मेरा बच्चा चाहिए .ऑर रोने लगी.


यही हाल बच्चे की बेहन का था..

पिता...मत रो मिलजाएगा अपना छोटू कुछ नही होगा उसे..मैं इनस्पेक्टर के पास जा कर आता हूँ...



पिता..इनस्पेक्टर साहब..आपको हमारा बच्चा मिला


इनस्पेक्टर..देखिए जब मिलजाएगा आपको बता देंगे..बार बार आ कर दिमाग़ खराब मत करें हमारा..ऑर वैसे भी बहुत टाइम हो गया है क्या पता जिंदा है या नही .


इनस्पेक्टर की बात सुन पिता की आँखो मे आँसू आ जाते है..ऑर मुँह लटकाए वापिस घर आज जाता है...


उधर


एक बच्चा फटे पुराने कपड़े पहन स्कूल जा रहा था.


जो भी स्कूल मे उसको देखता तो उसे सभी बुरा भला बोलते कोई उससे प्यार से बात नही करता था..

.
आश्रम मे भी ऐसे ही दुत्कार्ते..ज़बरदस्ती बहुत सारा काम करवाते....


ऐसे मे स्कूल मे 10 दिन बीत जाते है..

बच्चा क्लास मे बैठा था कि तभी क्लास्ट मे मेडम आई ऑर उस बच्चे की तरफ हाथ दिखा कर ..


मेडम...ओ बच्चे क्या नाम है तेरा..


बच्चा ..डरता हुया..मेडम जी धनवीर..


मेडम...ह्म जो भी हो चल इधर आ ऑर कुर्सी सॉफ कर..


वहाँ बैठे सारे बच्चे उसे देख रहे थे ...


वीर मेडम को नम आँखो से देखता है ऑर कुर्सी सॉफ कर अपनी सीट पे बैठ जाता है...


सारे स्कूल के बच्चे एसका मज़ाक उड़ाने लगे ..कोई भी टीचर कभी पानी मँगवाता कभी कुर्सी सॉफ करवाता



वीर हमेआा अकेला बैठा रहता था..ऑर अपने मोम डॅड ऑर बेहन के बारे मे ही सोचता रहता..


उसे कुछ समझ नही आता कि क्या होगा उसकी इस जिंदगी का बिना माँ बाप के


एक दिन वीर को बहुत भूख लगी थी
वही पास मे कुछ बच्चे टिफिन खोल खाना खा रहे थे कि..

वीर उनके पास जा कर बैठ जाता है..ऑर खाने की तरफ देखने लगता है


लड़का ...ए ऐसा क्या देखता है. तुझे नही मिलेगा चल भाग यहाँ से..ऑर वीर के उपर मिट्टी फेक देते है..


वीर वहाँ से रोता हुआ बाहर आ जाता है....


जिस बचपन मे बच्चे को हँसी खुशी जिंदगी ज़ीनी थी .आज उसे दर दर की ठोकर खानी पड़ रही है..

समय किसी के लिए नही रुकता


.अब लड़का पढ़ाई के साथ साथ काम भी करता ऑर अपने कपड़े ऑर स्कूल का खर्चा भी उठाता


पड़ाई मे अच्छा होने के बावजूद भी कोई भी टीचर उससे प्यार से बात नही करता था.


उधर..

वीर की माँ बेहन ऐसा कोई दिन नही ऐसा कोई पल नही जब उन्हो ने वीर को याद ना किया

आज वीर17 साल का हो गया था..12 मे था...


उसका कोई भी दोस्त नही था. अगर किसी से भी दोस्ती करता भी तो सब उसे बुरा भला बोल कर भगा देते...


ऐसे मे उसके मन मे लोगो के प्रति गुस्सा बढ़ने लगा उसे ऐसा लगने लगा कुछ भी हो जाए सब से बड़ा आदमी बनके रहूँगा..


2 जिन्न हमेशा उसके साथ रहते...जो उसकी रक्षा करते थे....


दोस्तो जिंदगी मे माता पिता के बिना बच्चे की कोई जिंदगी नही होती..सोच के देखो जिस वक्त उस बच्चे ने अपनी माँ के हाथ से प्यार से खाना खाना था उस बच्चे को खाना गाली देकर मिलता..


जिस बच्चे को उसकी माँ सुबह प्यार से उठाती आज उसी बच्चे एक लात मार के उठाया जाता...



बच्चा स्कूल मे दिल लगा के पढ़ने लगा देर रात तक पढ़ता ऑर बच्चा स्कूल मे फर्स्ट आया जिस से बच्चे को सॅकोलरशिप मिली कॉलेज जाने के लिए..


अब वीर 18 साल का हो गया. था. जैसे ही बच्चा 18 साल का हुआ तो उसे जिन्नो के सपने आने लगे थे


आज उसका कॉलेज मे फर्स्ट डे था....


मॉर्निंग में वीर उठा नहा के अपने मोम डॅड को याद किया नहा कर तैयार हुया ऑर चल पड़ा कॉलेज की तरफ़


वीर ने जैसे ही कॉलेज मे एंटर किया कि तभी उसके फेस पर एक लड़की ने किस किया ऑर उसे धकका दे कर चली गयी..

वीर तो उस लड़की को देख खो सा गया था.. तो उस लड़की को देख वहीं जाम हो गया था जैसे कोई परी देख ली हो



वीर दिखने मे अच्छा था ब्लू आइज़ 6 फीट हाइट..
अच्छी ख़ासी बॉडी थी..पर कपड़े ढंग के नही थे. ऑर ना ही हेर स्टाइल..


ऐसे मे अच्छे कपड़े ऑर बढ़िया हेर स्टाइल हो तो कोई भी लड़की मर मिटे..


वीर आगे चलता है .रास्ते मे उसे कुछ लड़के ऑर लड़किया रोक लेते है...



उनमे से एक लड़का..

लड़का..ओह हेलो इधर आ वहाँ वो लड़की भी खड़ी थी..

लड़का..क्या नाम है बे तेरा
..

वीर...जी मेरा नाम धनवीर है..


लड़का..ओह्ह तो चल एक काम कर ऑर मुर्गा बन जा.


वीर पहला दिन सोच के चुप चाप मुर्गा बन जाता है जिसे देख वहाँ खड़े सारे स्टूडेंट हँसने लगते है..


लड़का..य्र यह तो सच मे बहुत फट्टू है...

चल खड़ा हो बे

वीर खड़ा होता है..

चल एक काम कर अगर तू हमारी टीम मे शामिल होना चाहता है. तो उधर गेट से जो कोई भी आएगा तू उसे किस करेगा


वीर...सॉरी यह मैं नही कर सकता ..


लड़का...देख अगर कॉलेज मे रहना है तो यह करना ही पड़ेगा..


फिर वीर सोचता है खाम्खा क्यू लफडे मे पड़ना पहली बार तो कोई दोस्त बन रहा है..


वीर वहाँ से गेट की तरफ जाता है...

गेट से एक लड़की निकलती है..दिखने मे बहुत ही खूब सूरत..
वियर उसे किस करता है कि तभी...

अब क्या होगा जानने के लिए वेट फॉर नेक्स्ट अपडेट
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01-31-2019, 11:40 AM,
#4
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
जैसे ही वीर किस करता है वो लड़की गुस्से मे वीर को थप्पड़ मार देती है....
ऑर उसे बुरा बाला बोल वहाँ से चली जाती है...


वीर चुप चाप वहाँ से स्टूडेंट्स के पास आता है..


वीर...जैसे आपने कहा मैने कर दिया..क्या अब हम दोस्त है.


लड़की...हम ऑर तेरे दोस्त तेरी औकात क्या है जो तू हमसे दोस्ती करे....


वियर...नम आँखो से वहाँ से चला जाता है..


वीर क्लास ख़तम करता है ओर निकल पड़ता है जॉब ढूँढने 
.


बहुत सी जगह गया पर उसे हमेशा नो जॉब का जवाब ही मिलता.फिर वीर एक रेस्टोरेंट जाता है ऑर वहाँ के मॅनेजर से बात करता है...पर वहाँ का मॅनेजर भी वीर को मना कर देता है.



वीर अपनी आँखो से आँसू लिए वापिस जाने लगता है पर तभी वो किसी से टकरा जाता है..जिस से टकराता है ..वो वीर की आँखो मे आँसू देख लेता है..


लड़का..क्या हुया बाई..रो क्यूँ रहे हो
यहाँ कैसे आना हुआ..

फिर वीर उसे सब बता देता है


लड़का...तुम रूको मैं मॅनेजर से बात करता हूँ..
लड़का अंदर जाता है..काफ़ी टाइम उस मॅनेजर की मिन्नते करने के बाद वो मॅनेजर वीर को नौकरी के लिए हाँ करता है..



लड़का वीर को आ कर सब बता देता है....जिसे सुन वीर खुश हो जाता है...


वीर...थॅंक्स भाई तुमने आज दिल जीत लिया भाई एक काम ओर कर्दे कही रूम ले दे यार रेंट पे


लड़का...यार इसमे कौनसी बड़ी बात है .तू मेरे साथ रह.ले..मैं ऑर मेरा एक ऑर दोस्त बस यही है हम



वीर..थॅंक्स यार..ऑर हाँ मेरा नाम वीर है..

लड़का..हाई.मैं बिस्वा..


बिस्वा..चल तुझे रूम ले चलता हूँ..

फिर दोनो रूम मे चले जाते है.बिस्वा उसे न्यू फ्रेंड आशीष से भी मिलवाता है...


फिर वीर को पता चलता है..बिस्वा ऑर आशीष भी वही पढ़ते है जहा वीर पढ़ता है...


3 अवर्स पहले..


लड़की..यार संजना तुझे उस बेचारे को थप्पड़ नही मारना चाहिए था


संजना..उसे बेचारा बोलती है. उसने मुझे किस किया..


लड़की...देख यार मुझे पता है.यह सब उस अजय ऑर उसकी गॅंग का किया धारा है...खम्खा बेचारे को थप्पड़ मार दिया...


संजना को भी अपनी ग़लती का एहसास होता है.....


प्रेज़ेंट. .


ऐसे ही आज का दिन बीत जाता है..नेक्स्ट डे सब कॉलेज जाते है..


तीनो क्लास अटेंड कर ..कॅंटीन मे बैठ जाते है..तभी वहाँ अजय ऑर उसकी गॅंग आती है..


अजय..आए देखो कौन बैठा है कॅंटीन मे चल इसकी खीचाई करते है....


अजय...ऑर बॉस कैसा है..क्या बात है.दोस्त बन ही गये तेरे..वाह..... 


तभी वहाँ संजना आती है..


संजना..तेरी प्रोबलम क्या है अजय..क्यू तंग करता है सब को.अपनी हद मे रहा कर..

अजय..क्यू तू क्यू इतना भड़क रही है..तुझे कल वाली किस से मज़ा नही आया क्या कहे तो आज मैं तुझे मज़ा दे देता हूँ..

अजय अभी इतना ही बोला था कि तभी उसके फेस पर थप्पड़ पड़ता ताआआअक..


अजय...मुझे थप्पड़ मारा..साली आज तेरा वो हाल करूगा सारे कॉलेज मे अपना मुँह दिखाने लायक़ नही रहेगी...


फिर अजय अपने दोस्तो को इशारा करता है..


ऑर अजय के कुछ दोस्त संजना को पकड़ लेते है...


संजना..छोड़ मुझे..अजय यह तू ठीक नही कर रहा..अभी भी मौका है रुकज़ा..


अजय..आज तू नही बचेगी 


तभी वीर अजय ऑर संजना के बीच मे आ जाता है..


वीर...भाई छोड़ दो लड़की है ऐसे करने से उसकी इज़्ज़त का क्या रहेगा....मैं इसकी तरफ से माफी माँग लेता हूँ


अजय...वाह.मजनू भागा चला आया..

क्या तू थप्पड़ खाएगा..इतना बोल अजय वीर को थप्पड़ मार देता है..


वीर..मार लिया अब छोड़ दो लड़की को ..वरना बाद मे पछताएगा....


अजय..क्या बोला साले अब देख .अजय जैसे ही अपने हाथ संजना के सीने के पास ले जाने ही वाला था कि ..तभी वीर अजय को अपनी तरफ खीचता है ऑर उसे थप्पड़ जड़ देता है..


थप्पड़ इतना तगड़ा था कि अजय को कोई होश नही रहता ऑर वो गिर पड़ता है..


लड़का.ओह यह क्या सेठ धनराज के बेटे को थप्पड़ मारा तू तो गया बेटा 


वीर...इसे लेकर जाओगे या इसकी जगह लेटना है...


वीर का इतना बोलना था कि वो लड़के तेज़ी से अजय की उठा कर निकल जाते है..


संजना..थॅंक्स मुझे बचाने के लिए...

वीर...इट्स ओके..न्ड प्लज़्ज़्ज़ सॉरी कल के लिए..

संजना..वो छोड़ो..अब क्या होगा वो बहुत खतर नाक है..तुम्हे पंगा नही लेना चाहिए था..


वीर..कुछ नही होगा..डोंट वरी..


संजना..फ्रेंड्स..अपना हाथ आगे कर के


वीर..हाँ क्यू नही..फिर वीर ऑर संजना की दोस्ती हो जाती है...


ऐसे ही 2 3 दिन निकल जाते है..
.

उधर..

.
अजय...साले का हाथ बहुत भारी है..पर अब मैं उसे छोड़ूँगा नही...


वोही लड़की.डॅड को बोल उसे पिटवा देते है...


अजय..चुप कर .हम किस लिए है


उसका तो मैं ही उसका बुरा हाल करूगा....अभी कुछ दिन उस से नॉर्मल बिहेव करो...


ऐसे ही कॉलेज चलता रहता है...


तभी एक...दिन


आदमी 1...अब उसे उसकी शक्ति का एहसास दिलाना होगा वरना वो मुसीबत मे फस सकता है. उसके उपर ख़तरा मंडरा रहा है..


आदमी..1..ठीक है मैं खबर भिजवा देता हूँ ..


वापिस..उसी कॉलेज मे..


अजय वीर के पास जा कर ...सॉरी यार उस्दिन मैने तुम लोगो के साथ बहुत बतमीज़ी की..
.

वीर..इट्स ओके भाई ..कॉलेज मे तो ऐसा चलता रहता है..

.अजय.तो ठीक है आज से हम दोस्त..ऑर हाथ आगे बढ़ा देता है .


वीर भी उस से हाथ मिला लेता है...


अजय ऑर फ्रेंड्स..वहाँ से चले जाते है..


बिस्वा..भाई मुझे इस बंदे पे बिल्कुल भी यकीन नही है..


संजना ...ना वीर.यार नेवला है नेवला वो..


वीर..मुझे पता है गाइस..जैसे वो चलेगा वैसे हम उसके साथ करेगे..


पर उसे क्या पता था कि वीर की जिंदगी मे एक नया मोड़ आने वाला है..


संजना..चल वीर..कॅंटीन मे कुछ खाते है.


फिर सभी कॅंटीन मे जाते है .ऑर स्नकस वग़ैरा ऑर्डर करते है..


संजना..वीर कुछ अपने बारे मे बताओ.


वीर..मैं एक अनाथ हूँ.ऑर मेरी कहानी यह है कि..वीर आगे बोलने ही वाला था कि तभी.


बिस्वा .छोड़ यार वीर क्या ले के बैठ गया..

अपनी स्टोरी सुना कर खुद भी रोएगा ऑर हमे भी रुलाएगा...


संजना जब भी वीर को वीर नाम से बुलाती तो वो किसी सोच मे डूब जाती...


संजना ..तो गाइस ऐसा करते है मूवी देखने चलते है..


वीर..नही यार मैं नही आ पाउन्गा..


संजना ....क्यो नही आ पाएगा..


बिस्वा....यह इसलिए मना कर रहा है कि इसके पास पैसे नही है..


संजना..तो क्या हुआ मैं हूँ ना..

तुम चुप चाप चलो...


फिर सभी वहाँ से सेनेमा जाते है ऑर मूवी देखते है..


दोपहर बाद...तीनो अपनी जॉब पर चले जाते है. 


रात के 9 बजे तक काम करते है ऑर घर वापिस आ जाते है...


ऐसे ही कयि दिन गुजर जाते है.सब एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे..

नेक्स्ट डे..कॉलेज पहुँच.जाते है..पर अभी तक संजना नही आई थी..



तभी अजय भागता हुआ आता है ऑर वियर के पास आकर..


अजय...वीर भाई वो संजना का आक्सिडेंट हो गया है जल्दी चलो..


वीर अजय के साथ तुरंत भागता है..

बिस्वा ओर आशीष उसके साथ जाने वाले थे कि वीर उन्हे मना कर देता है...


वीर अजय के साथ गाड़ी मे बैठ निकलता है उस तरफ...


उधर...


कॉलेज मे बिस्वा ऑर आशीष टेन्षन मे बैठे थे कि तभी उनके पास संजना आती है.....


बिस्वा....तू यहाँ तुम्हारा तो आक्सिडेंट हुआ था ना...


संजना..क्या बोल रहे हो ..पागल तो नही हो गये 


संजना का इतना ही बोलना था कि तभी बिस्वा संजना को सब बता देता है ..ऑर बिस्वा ऑर आशीष ..वीर के पीछे भागते है..


उधर...

अजय गाड़ी को एक पहाड़ी की तरफ ले जाता है..

वीर...भाई कहाँ है संजना.


अजय..सब सामने ही है..

तभी अजय घड़ी की स्पीड तेज कर गाड़ी से छलाँग लगा देता है..


अजय को इस से चोट तो आती है मगर इसके फेस पे स्माइल थी..पीछे एक गाड़ी आ रही थी उसी मे बैठ अजय निकल जाता है...



वीर गाड़ी का संभाल नही पाता ऑर गाड़ी खाई की तरफ हो जाती है..तभी उसके माइंड मे बचपन वाला बस का मंज़र घूम जाता है ऑर वो बेहोश हो जाता है...


अब देखना यह है कि क्या होगा वीर के साथ..
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01-31-2019, 11:41 AM,
#5
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
वीर बेहोश था ऑर जैसे ही गाड़ी खाई के बीच उतरने लगती है तो तभी आशीष ऑर बिस्वा उसे रोक लेते है..


ऑर गाड़ी को उपर खीच लेते है..



ऑर वीर को बाहर निकाल गाड़ी को खाई मे फेक देते है.जिस से गाड़ी खाई मे जाकर आग की लपटो मे घिर जाती है..

ऑर दोनो वीर को साथ ले वहाँ से गायब हो जाते है..


दोनो वीर को एक पहाड़ी पर ले जाते है...


आप सोच रहे होंगे यह दोनो कौन है इनमें इतनी ताक़त कैसे 

तो आपको बता दे कि यह दोनो जिन्न है..जो वीर के साथ बचपन से उसके साथ थे..


उधर..जब अजय ऑर टीम कार को देखते है तो खुशी के मारे झूम उठते है...

अजय..अच्छा हुआ साला मर गया ..मेरे से पंगा ले रहा था..हाहहहहाहा..


यह खबर जब संजना को लगती है तो उसे बहुत बड़ा सदमा लगता है..उसे ऐसा लगता है जैसे उस से फिर से उसकी जिंदगी से एक अहम चीज़ छीन ली गयी हो..


उधर..पहाड़ी पर बिस्वा ऑर आशीष वीर को होश मे लाते है..


जब वीर होश मे आता है तो अपने आप को पहाड़ी पर पाकर हैरान हो जाता है.

वीर . मैं पहाड़ो पर मैं तो गाड़ी मे था..वीर ने अभी इतना ही बोला था कि उसकी आँखो के सामने वो सारा सीन गुजर जाता है


जहाँ अजय उसे गाड़ी मे छोड़ खुद कूद गया था ऑर वो खाई मे गिरने वाला था..


वीर...बिस्वा हम यहाँ कैसे मैं तो खाई मे गिरा था .


बिस्वा हमने तुझे बचाया ..ऑर हाँ हम तुझसे कुछ बात करना चाहते है.



बिस्वा..बात यह है कि आप हमारे मालिक है . ऑर मैं ऑर आशीष इंसान नही जिन्न है..
.
तभी 

दोनो अपना रूप जिन्न मे बदल लेते है...

जिसे देख वीर शॉक हो जाता है..

वीर ..कौन हो तुम मेरे पास मत आना ..

आशीष..मालिक प्ल्ज़्ज़ ऐसा मत कहें हमसे ना डरें..आप हमारे बादशाह है..

वीर..नही मैं कोई बादशाह नही ऑर वीर वहाँ से भागने लगता है..


तभी वीर का पैर फिसल जाता है ऑर वो खाई मे गिरने ही वाला था कि तभी वो हवा मे ही रुक जाता है..


बिस्वा..देखा मालिक आप मे शक्ति है..आप हवा मे कैसे रुक गये..


बिस्वा वीर को पकड़ कर साइड मे करता है....


वीर....अगर मुझ मे शक्ति है तो कहाँ है..क्यूँ बचपन से मैं दर दर की ठोकर्र खाते आ रहा हूँ...क्यू...


बिस्वा..अगर आपको बचपन मे ही शक्ति का पता चल जाता तो आप अपनी शक्ति से कुछ ग़लत भी कर सकते थे..


वीर..चलो अब इंसानी रूप मे आ जाओ मेरे दोस्त बनकर..

तभी बिस्वा ऑर आशीष .इंसानी रूप ले लेते है..


वीर...मुझे शक्ति कैसे मिली है..


फिर बिस्वा वीर को सब बता देता है..


वीर...ऑर मुझे अपनी शक्ति के बारे मे किससे पता चलेगा..


बिस्वा..मालिक आपको आपके अंदर झाकना होगा.


योग साधना मे बैठना होगा..


वीर..तो क्या हम अभी कर सकते है..


आशीष...हाँ क्यू नही..


तभी वीर नीचे बैठ जाता है..ऑर अपने मन को एक जगह केंद्रित करने लगता है..बहुत बार असफ़ल रहा पर लगा रहा.


.थोड़ी देर मे वीर आपने अंदर झाँकने लगता है. उसे अपने अंदर की सारी शक्ति महसूस होने लगी थी


उसके अपने अंदर की असीम शक्ति बाहर आ जाती है..जैसे जैसे वीर को शक्ति मिल रही थी वैसे वैसे वीर की बॉडी की शेप बदलने लगती है...


आँखों का कलर ब्लू हो जाता है..थोड़ी देर मे वीर को सब पता लग जाता है वो अपनी शक्ति से क्या क्या कर सकता है..


वीर...मुझे पता चल चुका है..


बिस्वा..वाह अब अपनी बॉडी देखो..ऑर आपकी आँख ब्लू हो गई है..


वीर खुद को देखता है ..सिक्स पॅक बॉडी पहले से भी गोरा रंग


वीर..वाह क्या बात है ..अब आएगा मज़ा...तुम लोगो को यह भी पता होगा मेरी फॅमिली कहाँ है ..


बिस्वा वो तो आप भी पता लगा सकते है . आपके पास हमसे भी 100 गुना ज़्यादा ताक़त है...


क्यू कि आपके पास..पूरे जिन्न साम्राज्य की शक्ति है.


वीर... ठीक है *टाइम क्या हुआ है..


बिस्वा..शाम के 5 बजे है...


वीर..क्या 5..हम इतने टाइम से यहाँ है
.


बिस्वा....मालिक आप 5 घंटे से योग साधना मे लीन थे


वीर.. पहले तो तुम मेरे दोस्त हो..कोई गुलाम नही समझे जैसे पहले रहते थे वैसे रहो... ..

फिर सभी वहाँ से रूम पे आ जाते है..


वीर पता लगा लेता है अपनी फॅमिली के बारे मे जब उसे अपनी फॅमिली के बारे मे पता चलता है तो वो बहुत खुश होता है..


वीर....बहुत तड़प लिया अब ऑर नही.


उधर..संजना वीर के जाने के दुख से रोए जा रही थी..कही ना कही वो वीर को चाहने लगी थी...


ऑर भगवान को कोस रही थी 

संजना...क्यू उपर वाले आख़िर क्यू क्या बिघड़ा है मैने तेरा ..पहले मेरा भाई दानवीर *मुझसे छीन लिया *..अब मेरा दोस्त मेरी जान भी बुला लिया अपने पास....

ऑर रोने लगती है..


इधर...
अजय ऑर उसके फ्रेंड्स खुशिया मना रहे थे..

अजय..उसका तो राम नाम सत्य हो गया है...

लड़की...किसका भाई..

.अजय..ऑर किसका प्रीत..एक ही दुश्मन था इस कॉलेज मे..वीर..

जब प्रीत को एस बारे मे पता चलता है तो उसको बहुत बड़ा शॉक लगता है..


प्रीत दिल की बुरी नही थी.ऑर किसी की जान लेना पड़े कभी भी नही
.

इधर..वीर रात को खाना खा सो जाता है....

नेक्स्ट मॉर्निंग वीर जल्दी उठ जाता है..ऑर


योग करने लगता है ताकि अपनी पूरी शक्ति को जगा सके..


योग से उठ वीर फ्रेश होता है..ऑर तीनो रेडी हो निकलते है.कॉलेज....


कॉलेज पहुँच वीर कॅंटीन मे चला जाता है...


वीर अभी खड़ा ही था कि तभी वहाँ अजय ऑर उसके साथी आ जाते है..जब वीर को देखते तो उन्हे बहुत बड़ा शॉक लगता है..


प्रीत वीर को सही सलामत देख बहुत खुश होती है..ऑर वीर को ध्यान से देखती है..ब्लू आँखे..मसल्स बॉडी..


सभी शॉक मे थे कि तभी थोड़ी दूर खड़ी संजना ज़ोर से वीर का नाम चिल्लाती है..


वीर उसकी तरफ देखता है कि संजना भागती हुई आती है ऑर वीर के गले लग जाती है...


साथ मे रोए जा रही थी..तभी संजना वीर के लिप्स पे हल्की से किस कर देती है है..यह देख सभी जलने लगते है..


संजना..उपर वाले का लाख लाख शूकर है तुम ठीक हो..


वीर..हाँ मैं ठीक हूँ संजना..अजय की तरफ देख..पर किसी ने मारने की कसर छोड़ी..


वीर अजय के आगे खड़ा होकर..

वीर...देख अजय..आखरी चांस दे रहा हूँ *मुझे मेरी नॉर्मल लाइफ जीने दे...अगर मैं अपने असली रूप मे आ गया तो समझ तू गया....



अजय..क्या करलेगा तू हां ..तेरी 2 कोड़ी की औकात नही मेरे सामने ..तू क्या कर लेगा इसबार तो बच गया अगली बार नही बचेगा. 


वीर...यह तो अब टाइम ही बताएगा...


फिर वीर संजना को साथ ले पार्क मे चला जाता है..


संजना...मुझे तो लगा तुम नही रहे..
मेरी तो जैसे फिरसे जिंदगी बिछड़ गई थी..

वीर संजना को हग कर लेता है ..

वीर..बस संजू बस..


संजना *क्या कहा तुमने.मुझे..संजू..


वीर ..हाँ तो क्या मैं तुम्हे संजू नही बुला सकता..


संजू...हाँ क्यू नही .वैसे कल हुआ क्या था..

फिर वीर संजू को सब बता देता है..


संजू..यह साला अजय तो हद से बढ़ रहा है. क्या करे इसका .


वीर..अभी नही संजू डार्लिंग..अब देख मैं क्या करता हूँ...


अपने आप को वीर के मुँह से डार्लिंग कहे जाने से संजू शर्मा जाती है..


आशीष..चलो गाइस क्लास का टाइम हो गया..
फिर सभी वहाँ से क्लास मे चले जाते है...



क्लास ख़तम कर सब बाहर आकर कॅंटीन मे बैठ जाते है..


वीर...मुझे दो कोड़ी का बोल रहा था ना जल्दी पता चल जाएगा मैं क्या चीज़ हूँ..


वीर..बिस्वा जा कुछ ऑर्डर कर..स्नकस.कॉफ़्फीे


बिस्वा ऑर्डर देता है.ऑर वापिस आ कर बैठ जाता है.


सभी कॉफ़्फीे पीते है .

वीर .चलो चलते है घर...


संजू...प्लज़्ज़्ज़्ज़ रूको ना थोड़ी देर ऑर बड़ी मुश्किल से तो मुझे दोबारा मिले हो....


वीर समझ जाता है...संजू क्या सोच रही है.
पर उसे कुछ काम का बहाना बना निकल जाता है..

घर पहुँच कर..


वीर....आशीष न्ड बिस्वा...एक काम करो
8 10 कंपनी ख़रीदो मेरी और मेरे नाम से रिजिस्टर्ड करवा देना ऑर 


करोड़ो मे पैसा मेरे आकाउंट मे..न्ड ना कोई उस पैसे के बारे मे मेरे से पूछे कहाँ से आया कैसे आया .ईनकम टॅक्स वाले ..बस टाइम पे टॅक्स पे करते रहना..


एक बंगला तैयार करो जैसा पहले यहाँ कोई ना हो.सबकुछ हो उसमे ए तो z..
समझ गये.


अब हमारी बारी है..लोगो को उनकी औकात दिखाने की...
.. अब देखते है कल क्या होगा......................
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01-31-2019, 11:41 AM,
#6
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
सुबह उठ वीर..तैयार होता है..


एक दम स्टाइलिश तरीके से..


वीर : आज मैं अपनी फॅमिली से मिलूँगा कितना तडपा हूँ वो कितने तडपे होंगे मेरे लिए 

वियर के आँखो से कुछ बूँद आँसू निकल जाते है 


बिस्वा: भाई अब तो ख़ुसी का वक्त है अपने आपको संभालिए आपको अपनी फॅमिली को संभाल ना है 

वीर..चलो अब और इंतजार नही होता 

सब से मिलना है मोम डॅड दादाजी ऑर मेरी बहन से भी 


फिर तीनो निकलते है. अपनी फॅमिली को मिलने....

घर के पास पहुँच वीर घर को बड़े ध्यान से देखता है उसकी यादे ताज़ा हो जाती है किस तरह वो यहाँ खेलता था 



वीर घर के आगे खड़ा हो घर की बेल बजाता है...

गेट एक लड़की खोल ती है 


लड़की...वीर तुम यहाँ कैसे ..व्हाट आ सर्प्राइज़....


वीर....संजू सर्प्राइज़ को छोड़ो पहले मुझे अंदर नही बुलाओ गी 


संजना : हाँ आओ तुम यहाँ कैसे 


वीर संजना की बात अनसुना कर पूरे घर को देखता है उसको अपनी यादे साफ साफ याद आती है 

कैसे उसकी माँ उसके पीछे खाना लेकर दौड़ती थी 


कैसे दादू रोज नयी नयी कहानियाँ सुनाते थे 

वीर के ना चाहते हुए भी उसके आँख से दो बूँद आँसू गिर ही जाते है 


वीर : संजू अपनी फॅमिली से नही मिलाओ गी 



संजू : हाँ रूको अभी बुलाती हूँ संजू किचेन मे चली गयी 

जब वो वापस आई तो 


माँ : बेटा कॉन आया है सब्जी जल जाएगी 


संजू : माँ देखो तो सही 


जब माँ वीर को देखती है तो कुछ देर वीर को देखती ही रहती है 


फिर माँ दो कदम आगे जाती है इधर वीर भी दो कदम आगे जाता है 


दोनो की आँखो मे आँसू आजाते है 

माँ वीर के पास पहुँच घुटनो के बल बैठ जाती है ऑर अपनी बाहें फैला ज़ोर से चीखती है 


वीर्रर्र्र्र्ररर………..


वीर भी अपनी मेक पास घुटनो मे बैठ अपनी माँ से गले मिल जोरो से माँ माँ कहते हुए रोने लगता है दोनो को ऐसे देख संजना हैरान थी उसे कुछ समझ मे नही था लेकिन उसकी आँख से भी आँसू बहने लगते है 


माँ : बेटा कहाँ चला गया था अपनी माँ को छोड़ के कितनी अकेली हो गयी थी तेरी माँ 


अब संजना समझ जाती है ये उसका भाई धनवीर है 


वीर : माँ मैं भी बहुत तडपा हूँ 

आप सब से दूर होके रोज अकेलेपन से लड़ा हूँ 


माँ : बेटा तुम इतने दिन क्यूँ नही आए बेटा 


वीर : मुझे कल ही पता चला मेरा परिवार यहाँ है ऑर मैं आ गया 


वीर खड़ा हो कर संजना के सामने जाता है *

वीर : संजू *बस इतना ही बोला था कि 


चत्त्तककककक एक थप्पड़ संजना मार देती है वीर को ऑर रोते हुए वीर के गले लग जाती है 


संजना : क्यूँ नही बताया मुझे तुम मेरे भाई हो मेरे साथ कॉलेज मे पढ़ते रहे फिर भी 


वीर : कैसे बताता कल ही तो पता लगा मुझे तुम मेरी बहन हो 


संजना : मैं मैं मैने बहुत याद किया तुम्हे बहुत तडपी हूँ बहुत कोसा है भगवान को


वीर : अब रोना बंद करो 


इतना शोर सुन वीर के दादू बाहर आ जाते है 


वीर : दादू को देख दादू दादू कहते हुए उनके गले लग जाता है 
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01-31-2019, 11:41 AM,
#7
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
दादू अपने पोते को देख जमाने के रोके आँसू बहा दिया ऑर वीर से लिपट के रोने लगा 


वीर : दादू आपको बहुत याद किया बहुत मिस किया आपकी कहानियाँ आपका साथ 


दादू : मेरे बच्चे मैं ने भी बहुत मिस किया अपने पोते को अब तुम आ गये तो अब मैं चैन से मर सकता हूँ 


वीर : मरे आपके दुश्मन अभी तो आप अपने पोते के पोतो को भी कहानियाँ सुनानी है 


पिता जी कहाँ है..

संजना..वो काम पर गये है..


बड़ी मुश्किल से एक नौकरी मिली है...


वीर के घर की माली हालत देख उसके आँसू निकल आते है..


वीर..आप सब यहाँ नही रहेंगे
.मेरे बंगले मे रहेंगे..


पिता जी को बुला लाओ..


संजना...बंगला ..ये तू क्या कह रहा है वीर..

वीर..हां.बांग्ला ..मैं बता ता हूँ.


फिर वीर उन्हे बता देता है कि कैसे उसे एक अमीर आदमी ने गोद लिया ओर मरते वक्त अपनी सारी प्रॉपर्टी वीर के नाम कर गया... वीर ने ये सारी कहानी *झूठ मूठ मे बोली थी



आज उसकी सारी कंपनी को मैं ही हॅंडल करता हूँ....


संजना..फिर कॉलेज मे नॉर्मल लाइफ क्यूँ जी रहे हो...


वीर...ऐसे ही देख रहा था नॉर्मल लाइफ कैसी होती है..


तभी थोड़ी देर मे पिता जी आ जाते है..ऑर जैसे ही वीर को देखते है तो वो भी उसे पहचान लेते है ऑर भाग कर उसके गले लग जाते है..


डॅड....कहाँ था तू मेरा बच्चा कहाँ कहाँ नही ढूँढा तुझे..तू ठीक तो है ना मेरा बच्चा..

वीर..हाँ डॅड मैं ठीक हूँ...आज घर के सारे मेंबर बहुत खुश थे....


बिस्वा ऑर आशीष की भी आँखो मे आँसू थे..फॅमिली का प्यार देख..


फिर वीर सबको बिस्वा ऑर आशीष से मिलवाता है...


माँ..जी आपको पता है मेरा लल्ला आज बहुत बड़ा आदमी बन गया है..


पिता जी..क्या मैं कुछ समझा नही..

फिर माँ पिता जी को सब कुछ बता देती है..


वीर..जी पिता जी आज के बाद आप मेरे साथ बंगले मे रहेंगे.....


पिता जी..बेटा अब तेरे से दूर नही रहना..

वीर..आशीष *गाड़ी मंगवाओ....


ऐसे सभी एक दूसरे से बात करते है
...संजना वीर को ही देखे जा रही थी...

थोड़ी देर मे गाड़ी आ जाती है..

वीर..आप सभी अपने डॉक्युमेंट्स साथ ले ले .ऑर कुछ भी साथ लेने की कोई ज़रूरत नही..


माँ..पर बेटा कपड़े तो उठा लें..

वीर..नही माँ सब कुछ है वहाँ..


फिर वीर सबको अपने साथ बंगले पर ले जाता है.

सभी बंगले को देखते ही रह जाते है..वीर सभी को अंदर ले जाता है *

ऑर सभी सिटिंग हॉल मे बैठ जाते है..

तभी वहाँ एक नौकरों की टीम आती है जो सब को ड्रिंक्स सर्व करती है..


वीर... दादाजी..ये क्या हाल बना रखा है आपने..


दादाजी..तेरे जाने के बाद बस इसी आस मे जी रहे था कि बस तुझे कभी देख सकूँगा..


वीर...आप चिंता मत कीजिए..तभी वीर किसी को फोन मिलाता है.ऑर बात करता.है.

ऑर कोई आधे घंटे मे यहाँ डॉक्टर की टीम आती है..ऑर वीर दादा जी का चेक अप करने को बोल देता है..


फिर वीर सब को रूम दिखाता है..पर संजू वीर के रूम मे ही रहेगी ज़िद करने लगती है..
जिस से सभी मान जाते है..


ऐसे ही शाम जो जाती है..

वीर..चलो दी शॉपिंग करके आते है..

संजना..हाँ चलो.


फिर वीर अपनी गाड़ी बाहर निकालता है ऑर चल देता है माल की तरफ..

माल पहुँच वीर पहले संजू को गर्ल्स सेक्षन मे ले जाता है.. ऑर उसके लिए बहुत सारी ड्रेसस लेता है.उसके लिए ज्यूयलरी *शूज .सॅंडल...फिर दादाजी के लिए भी न्ड मोम डॅड के लिए भी..


वीर....चले *...


संजू..ऐसे कैसे चले..तुम्हारी शॉपिंग..

वीर दी मैने कल ही शॉपिंग की है..


संजू..नही आज के बाद तू मेरी पसंद के कपड़े पहनेगा ..जो मैं बोलुगी..

फिर संजू वीर के लिए बहुत सारे कपड़े सेलेक्ट करती है
.


बाद मे सभी समान कार मे रखवा देता है..


फिर वीर काउंटर पर जा बिल पे करता है. जिसका बिल 2 लाख 200000 रूप बन गया था...


इतना बिल देख संजू शॉक हो जाती है .
Reply
01-31-2019, 11:41 AM,
#8
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
वीर तभी अपने पर्स से कार्ड निकालता है ऑर कार्ड से पेमेंट *कर देता है...


वीर..ये लो दी ये कार्ड अपने पास रखो *कभी भी कुछ चाहिए तो *इससे शॉपिंग कर लेना..
कुछ भी ज़रूरत होगी इसे यूज़ करना ओके..


संजू..मैं इसका क्या करूगी..इसे आप अपने पास रखो


वीर...तो क्या आप मुझे अपना नही समझती..


संजू..ना वीर ये मत बोलना तू तो मेरी जान है *मेरे दिल से पूच क्या है तू मेरे लिए..न्ड प्लज़्ज़्ज़ आगे से मुझे दीदी नही बुलाएगा. सिरफ़ संजू बुलाएगा..ऑर तुझे मेरी कसम..


वीर..ठीक तो चले संजू..

फिर दोनो वहाँ से आइस क्रीम पार्लर जाते है.ऑर वहाँ से घर..


वीर ..की हुई शॉपिंग सब को दे देता है..


वीर के मोम डॅड बहुत खुश होते है..


वीर डॅड को भी एक कार्ड देता है जैसा **संजू को दिया.था..


मोम...वीर बेटा चलो डिन्नर रेडी है...


फिर सभी बैठ डिन्नर करने लगते है आज सभी वीर को अपने हाथ से खिलाते है ***...
..........................
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

उधर.. एक काले अंधेरे मे बड़े से महल मे बहुत से आदमी खड़े थे..


आदमी...बॉस जिन्नो का बादशाह आ गया है..ऑर उसे अपनी शक्तियो के बारे मे *भी पता लग चुका है..


बॉस....जब तक मुझे मेरी सारी शक्ति नही मिल जाती तब तक तुम सब उसका जीना हराम कर दो....
Reply
01-31-2019, 11:44 AM,
#9
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
जिन्न लोक...


जिन्न...बहुत खुशी की बात है हमारे मालिक अपनी शक्ति पहचान गये है..

ऑर वो ही हमे उस पिशाच से बचाएँगे....

ऑर थोड़े दीनो मे वो यहाँ भी आने वाले है....


डिन्नर कर सभी सिट्टिंग रूम मे बैठ जाते है..

डॅड...बेटा इतना पैसा ये सब कैसे


फिर वीर पिता जी को भी वोही सब बता देता है जो मोम को बताया था.


मोम..चलो काफ़ी देर हो गयी सोने चलो..


वीर अपनी मोम को गले लगाता है ऑर उनके गाल पर किस कर करता है..ऑर बाकी सब को गुड नाइट विश करता है..

तभी बिस्वा वीर को अपने रूम मे बुलवाता है .

बिस्वा...भाई..सब कुछ सेट कर दिया है....

कॉलेज के बाद आप अपनी कंपनी मे विज़िट कर सकते है..


ऑर आपके आकाउंट मे इतने पैसे आ चुके है कि आप सोच भी नही सकते..
न्ड भाई आपको कुछ दिनो मे जिन्न लोक चलना है वहाँ आपकी ताजपोशी होगी.आपको हम सब का बादशाह घोसित किया जाएगा.


वीर...ठीक है ज़रूर चलेंगे...


वीर वहाँ से अपने रूम मे आता है..

ऑर तभी बाथरूम. का गेट खुलता है.ऑर नाइट सूट मे संजना बाहर आती है..जिसे देख वीर की बोलती बंद हो जाती है..क्या लग रही थी..


संजना..ऐसा क्या देख रहे हो वीर..


वीर ..हड़बड़ा कर..कुछ नही .बस यही कि मेरी संजू कितनी खूबसूरत है..


संजू..चलो सोते है 


वीर ...ऑर हाँ हम कॉलेज मे 2 चार दिन ऐसे ही रहेंगे नॉर्मल कपड़ों मे.

जब तक मेरा यहाँ बिजनेस खड़ा नही हो जाता ऑर मैं कुछ ही दिनो मे सब सेट कर दूँगा...


संजू..ठीक है जान...चलो सोते है..


वीर..संजू के फॉरहेड पर किस कर उसे गुड नाइट बोल लेट जाता है..ऑर संजू भी वीर के गाल पर किस कर लेट जाती है..


संजू वीर की तरफ देखती देखती सो जाती है..

दोनो नींद के आगोश मे चले जाते है...


मॉर्निंग..जब वीर उठता है तो क्या देखता है संजू वीर के उपर लेटी हुई है ओर वीर उसे हग किए हिए है..

वीर के उठने से संजू भी उठ जाती है..

ऑर खुद को वीर के उपर लेट शर्मा जाती है.ऑर वैसे ही वीए को फिरसे हग कर लेती है.


संजू..गुड मॉर्निंग वीर..

तुम्हारी बाहों मे बहुत सकून मिलता है..


वीर...मुझे भी संजू..चलो उठो मुझे बाहर जाना है..


संजू वीर के गाल पर किस कर साइड हो जाती है....वीर भी संजू को किस करता है..ऑर फ्रेश ही ..गार्डन मे चला जाता है ...यहाँ वो योग साधना मे लीन हो जाता है...


दिन भर दिन वीर को अपने अंदर असीम शक्ति महसौस होती है..ऑर उसकी बॉडी ऑर भी मजबूत हो रही थी... वीर वहाँ से उठ तैयार हो बाहर आता है..सभी उठ चुके थे..



वीर सब को गुड मॉर्निंग विश करता है..ऑर अपनी माँ को हग कर मिलता है..फिर डॅड ऑर दादा जी को...


डॅड आफ्टरनून आपको आपके ऑफीस लेकर चलूँगा


पिताजी. कौन्से ऑफीस मे बेटा..मेरा कौनसा ऑफीस है..


वीर...डॅड जो मेरा है वो आपका है..


पहले आप सब मुझे अपना समझते है..


माँ...कैसी बात कर रहा है बेटा तू तो मेरी जान है...


वीर..तो फिर यहाँ सब कुछ आपका है.जिस चीज़ की भी ज़रूरत हो बिना संकोच मुझे बोल देना
.
ओर ये आपको मेरी कसम आप सब को



आज वीर नॉर्मल तैयार हुया था..


संजू..चल वीर मैं तैयार हूँ. फिर चारो टेक्सी से निकलते है कॉलेज...
Reply
01-31-2019, 11:44 AM,
#10
RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
अजय ओर उसके फ्रेंड्स.वीर ऑर उसके दोस्तों को टॅक्सी से आता देख उस पर हँसने लगते है..


अजय...कुछ लोग तो बड़े लोगो से पंगा ले लेते है..पर अपनी औकात भूल जाते है.


इतना सुन संजू गुस्से मे आ जाती है..

ऑर कुछ बोलने ही वाली थी कि तभी वीर उसे चुप करा देता है..


ऑर कॉलेज के अंदर चले जाते है..


कॉलेज मे पहुँच...


संजू. जान तुमने क्यूँ रोका. उनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी जान को ओकात याद दिलाने की..


वीर..शांत होज़ा संजू..बस कुछ दिन फिर सबको शॉक दूँगा..


फिर सब कॅंटीन मे बैठ ब्रेकफास्ट करते है....

ब्रेकफ़ास्ट के बाद सब क्लास के लिए जाते है ..

क्लास मे कुछ ख़ास नही होता..क्लास ख़तम कर सब बाहर आ जाते है...


संजू...जान चलो ना कहीं घूम के आते हैं..


वीर...कहाँ जाना है बता..

पर तभी...


अजय के साथ आए लड़के 


लड़का...हम ले चलते है..चलेगी क्या...
.

उस लड़के का इतना बोलना था कि तभी उस के थप्पड़ पड़ता है ऑर वो वहीं बेहोश हो जाता है 


ये देख सब के सब डर जाते है

वीर...कान खोल के सुन लो अगर किसी ने संजू को बुरा भला बोला तो उसकी जान ले लूँगा 


मैने पहले भी बोला था.. मुझे मेरी सिपल लाइफ जीने दो वरना..कोई नही बचेगा .समझे..

वीर..ऑर बात सुन अजय के बच्चे तू मुझे मेरी औकात की बात करता था ना... तो एक बार मार्केट मे.सिंग कंपनी के बारे मे पूछना क्या है ऑर किसकी कंपनी है...


इतना बोल वीर संजू को साथ ले पार्क मे बैठ जाता है..


संजू...भाई इसे दिखाना होगा हम क्या है....बहुत चर्बी चढ़ि है इसके..


वीर देखती जा संजू मैं क्या करता हूँ 

उधर....

अजय ..समझता क्या है अपने आप को..बहुत देख लिया अब तो इसे इसकी औकात दिखा ही दूँगा..


प्रीत..भाई क्यू उसके पीछे पड़े हो..
छोड़ो..हमे क्या लेना देना ..


अजय .नही बेहन.अब तो बात औकात की है..
...


फिर वीर संजू को साथ ले घर आ जाता है .



ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है..वीर कुछ ही दिनो मे वेल नोन बिजनेस मेंबर जाता है.हर तरफ वीर की ही बात हो रही थी....


उधर संजू वीर की तरफ ज़्यादा बढ़ रही थी..ऑर वीर भी.......... उसे समझ नही आ रहा था क्या होगा .

वीर अपने डॅड को भी ऑफीस मे सब काम समझा देता है. 


वीर..हाँ तो डॅड आपको बस कुछ नही करना फाइल रीड कर साइन करने है .


पिताजी.ठीक है बेटा..


वीर..ऑर अग्ऱ आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो ये बटन दबा दीजिए.गा..बाहर से एक लड़का आयगा आपको जो चाहिए आपको कह दीजिएगा..


फिर वीर वहाँ से घर आ जाता है..
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