RE: Chodan Kahani चंचल चूत
दूसरे दिन मैं और चंचल एक दूसरे को अजीब नज़रों से देखते रहे ऐसे के किसी को भी महसूस ना हो के हम दोनो के बीच कुछ डाल मे काला है.
शाम होते होते चंचल ने फिर से कहा के राजा चलो कार निकालो मुझे ड्राइविंग सिखाने के लिए ले चलो. मैं ने कहा के पहले मम्मी से पूछ तो लो के कही वो बहेर तो नही जा रही है नही तो उनको मुश्किल होगी. चंचल ने मम्मी से पूछा
तो पता चला के वो कही नही जा रही है कियॉंके उनके कुछ फ्रेंड्स उनसे मिलने के लिए घर पे आ रहे हैं.
मैं और चंचल कार ले के बहेर निकल गये और फिर से उसी सड़क पे चलने लगे. टाउन से बहेर निकल जाने के बाद जब ट्राफ़्फिसे पूरी ख़तम हो गई और हमारी कार के सिवा कोई और कार सड़क पे नही रही तो चंचल फिर से मेरी गोदी मे आ के बैठ गई अपने दोनो थाइस के मेरे दोनो थाइस के दोनो तरफ कर के जैसे कल बैठी थी. स्टियरिंग क्या खाख संभालती उसने तो मेरा लंड पकड़ना था जो वो पकड़ी हुई थी और लंड से खेल रही थी कभी दबा देती कभी मसाज करने लगती. मेरा हाथ जब उसकी चूत पे लगा तो पता चला के उसने आज चड्डी भी नही पहनी है बॅस स्कर्ट ही थोडा सा लंबा था बिना चड्डी के वाउ मेरा हाथ उसकी चूत पे लगा और मैं उसकी नंगी चूत का मसाज करने लगा. उसकी चूत मे से तो एक ही मिनिट मे जूस निकल आया.
उसकी मक्खन जैसे चिकनी चूत पे मैं हाथ फेर रहा था और उंगली चूत के सूराख मे अंदर बहेर कर रहा था. उसने एक हाथ अपनी टाँगों के बीच मे डाल के मेरे लंड के सूपदे को पकड़ लिया और दबाने लगी. चूत मे से थोड़ी ही देर मे फिर से पानी निकलने लगा और चंचल शांत हो गई.. हम कार चलाते चलाते बोहोत दूर निकल गये थे यहा बोहोत बड़ा ग्राउंड था जिसके दूसरे कॉर्नर मे कुछ घनी झाड़िया ( थिक ट्रीस ) सी थी. कार को वाहा ले गये और कार ऐसे रख दी के सड़क से किसी को नज़र ना आए. इतनी दूर आते आते बोहोत देर भी हो गई थी और थोडा थोड़ा अंधेरा भी होने लगा था.
क्रमशः..........
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