RE: Antarvasnasex सास हो तो ऐसी
मै चिल्लाते जा रही थी और रवि उससे मोटीवेट होके अपनी पूरी ताकत लगाके चोद रहा था। मै बार बार निहाल हो रही थी। आखिर रविने पूछा-सासुजी अन्दर करू या बाहर। मैंने उसे अन्दरही करनेको कहा। उससे खुश होकर उसने रफ़्तार बढाई। आखिर वो क्षण आया। रवीने जोर जोरसे चोदतेहुए मेरी चूतको अपने वीर्यसे नहलाना शुरू किया। और बीस-पच्चीस धक्के लगातेहुए वो मेरे बदनपर गिर गया। पूरी रूम शांत हो गयी। इतना समय पूरी रूम में चुदाईकी आवाज गूंज रही थी वहा अब रविके सांस की बस आवाज आ रही थी। मै पूरी तरह शक्तिहिन् फील कर रही थी। थोड़ी देर बाद रवि मेरे उपरसे उतरा। मै नंगीही दोनों पैर फैलायेहुई पड़ी थी। थोड़ी देर आराम करने के बाद रवि के हाथ फिर एक बार मेरे शरीरसे खेलने लगे।मुझमे अब इतनी शक्ति नहीं थी के मै दोबारा उसका साथ दे सकू। मैंने रवि को थोडा आराम करनेको कहा और मै बाथरूम जानेकेलिए उठी। मेरी कमर दर्द कर रही थी। मैंने पैरोकी तरफ देखा। मेरी चूत लाल हुई थी। मुझे नहीं लगता था की मै अभी तुरंत या थोड़ी देर बाद रवि का पुनः साथ दे पाऊँगी। मगर वो तो अभीसे अपना लंड तानके अपने हाथमे लेके अगली बारी की तय्यारी में बैठा था।मैंने सोचा देखेंगे थोड़ी देर बाद। पहले कुछ खा तो लेते है।
फ्रेश होनेकेलिये जब मै बाथरुमकी ओर चली तब मेरे तरफ घूरतीहुई रविकी निगाहे मुझे मेरे नितंबोपे महसूस हुई। मैंने मुडके देखा तो रवि ललचाई नजरोसे मेरी गांडको देखता हुआ पाया। मैंने उसके नजरोकी भाषा तुरंत भांप ली। उसे खुदको फ्रेश होनेकेलिये इतनासा समय काफी था। पच्चीस सालका बांका जवान था वो। मगर मेरी हालत पस्त थी। मैंने पहले खुदको बाथरूमके अन्दर लाया फिर दरवाजा आधा बंद करके उससे पूछा- रवि, मेरे पीछे की तरफ इतना घुर के क्या देख रहा था?कभी किसी को ऐसा देखा नहीं है क्या? रवि ने कहा- आपकी बेटी को ही ऐसा नंगा देखा है। मगर आपकी ये कसक अलगही है। ये कहते कहते वो बाथरूम की तरफ आया इसका मुझे पताही नहीं लगा। मेरा पूरा ध्यान वो अपने हाथसे लंडको मसल रहा था उसपेही था। जब मुझे पता लगा तब तक वो दरवाजेका हैंडल अपने हाथ में पकड़के दूसरा हाथ मेरे चुचिके अनारदानेको मसलनेमे लगा था। उसका इरादा मेरे समझ आ रहा था। मेरा मन दुसरे राउंडके लिए तैयार हो रहा था। मगर मुझे शक था की मेरा बदन उसे साथ देने कही कम न पड़ जाये।मेरी चूत अभीभी लाल -लाल नजर आ रही थी। रवि जोर लगाके बाथरूमके अन्दर आया। मैंने पलभर सोचके उसे अन्दर आने दिया।दोनोही नंगे थे।मैंने शावर शुरू किया। रवि के तपे बदन पे जैसेही ठन्डे पानीकी बौछारे गिरी उसे सुकून मिलने लगा। उसने वहीपर मूत्र-विसर्जन किया। उसके तुरंत बाद उसका लंड सिकुड़ने लगा। दो मिनट के अन्दर उसका लंड नार्मल हुआ। मैंने भी खुदको शावर के निचे लाया। दोनों पानी से थे। दोनों एक-दुसरे के बदन से छेड़-छाड़ करने लगे।
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