ब्रा वाली दुकान
06-09-2017, 01:56 PM,
#21
RE: ब्रा वाली दुकान
अब की बार शाज़िया ने एक बार डरते डरते बाहर देखा और उसे विश्वास हो गया कि अब अंदर कोई नहीं आएगा जब शाज़िया को विश्वास हो गया कि अब अंदर कोई नहीं आएगा तो वह अब फिर चोर नज़रों से पैन्टी देखने लगी, मगर उसकी नज़रें पैन्टी की बजाय उस पर लगे हुए मोटे ताज़े लंड पर थीं। अब मैंने अंतिम वार करने की ठानी और मैंने पैन्टी उठाकर उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर शाज़िया के आगे किया और कहा शाज़िया जी यह देखें तो सही आप क्या ज़बरदस्त चीज़ है .... उसका आकार भी शानदार है, मेरे विचार से आपके प्रेमी के पास भी इतना बड़ा नहीं होगा जितना बड़ा यह लगा हुआ है .. लेकिन फिर भी यदि आपको यह छोटा लग रहा है तो मेरे पास और भी ऐसी पैन्टी पड़ी हैं जिन पर इससे भी बड़े आकार का लगा हुआ है .... आप कहती हैं तो मैं आपको वह दिखाऊ ?? मेरी बात सुनकर शाज़िया एकदम बोली, नहीं नहीं .... यह भी तो काफी बड़ा है। इससे बड़ा नहीं चाहिए। शाज़िया की ये बात सुनकर मेरे लंड को तसल्ली हुई कि अब शाज़िया चूत मिलना अधिक दूर नहीं है। अब मैंने अपना हाथ शाज़िया हाथ पर रखा जो हल्का हल्का कांप रहा था, शाज़िया हाथ पकड़ कर कहा शाज़िया जी उसकी लंबाई नहीं मोटाई भी जाँच लें हाथ लगाकर। यह कह कर मैंने शाज़िया का हाथ पैन्टी में लगे लंड पर लगा दिया। जिससे शाज़िया को एक झटका लगा और उसने अपना हाथ जल्दी हटा लिया जैसे उसे कोई 440 वोल्ट का झटका लग गया हो। 

उसके इस रिएक्शन पर मैं हंसा और बोला अरे शाज़िया जी इससे डरने वाली कौनसी बात है, यह तो नकली है, असली थोड़ा ही है। अच्छा यह लो, तुम खुद पकड़ कर देख लो, मैं पीछे हट जाता हूँ, यह कह कर मैं थोड़ा पीछे होकर खड़ा हो गया। अब शाज़िया के चेहरे पर परेशानी समाप्त हो चुकी थी लेकिन थोड़ी शर्म बाकी थी और उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो रहा था, हल्की सी मुस्कान भी उसके चेहरे पर थी। वह कभी मेरी तरफ देखती और कभी लंड की ओर, फिर उसने धीरे धीरे अपना हाथ आगे बढ़ाया और वह लंड वाली पैन्टी उठा ली। और उसे उठा कर देखने लगी फिर वह थोड़ा हंसती हुई पहले की तुलना में थोड़ा विश्वास भरे अंदाज़ में बोली, क्या वाकई लड़कियाँ ये लेकर जाती हैं ??? मैंने कहा तो और क्या। यह लड़कियों के लिए ही तो बनी है। और शाज़िया जी उसका एक और उपयोग भी है। शाज़िया बोली वह क्या ??? मैंने कहा एक तो यह है कि दो लड़कियां हैं, जैसे नीलोफर और आप तो एक लड़की पहन कर दूसरी लड़की चो ....... मेरा मतलब है एक और लड़की को मज़ा दे सकती है ... और दूसरा इस्तेमाल उसका यह है कि लड़की और कोई न हो, तो घर पर अकेली हो, तो आप इस के फेस को उल्टा कर लें, उस पर लगा लंड ...... और सूरी ... मेरा मतलब है इस पर लगा डिल्डो अंदर की ओर हो जाएगा, तो आप पैंटी पहनें और लंड अपने आप खुद ही ले ..... मेरा मतलब समझ रही हैं न आप ???? घर में इस पैंटी को उल्टा करके पहन लें और किचन में, या घर के दूसरे हिस्से में अपने जरूरी काम करती रहे यह आपके अंदर ही होगा तो आपको आराम मिलता रहेगा। लेकिन अगर ज्यादा देर उसको अंदर दिखा तो किसी के सामने ही खत्म भी हो सकती हैं, यह कह कर मैं एक ठहाका लगाया और हंसने लगा। मेरे साथ शाज़िया भी अब हल्की आवाज के साथ हंस रही थी। 

अब वो मेरे से बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी। मैंने कहा शाज़िया जी कैसी लगी ये चीज़ ??? शाज़िया ने कहा है तो बहुत काम की, लेकिन कितने की है यह ??? मैंने कहा केवल 2500 की .. शाज़िया ने 2500 का सुना तो बोली यह तो बहुत महंगी है ... मैंने कहा आप कीमत न देखें, यह देखना आपको मज़ा कितना देगी यह। शाज़िया ने पैन्टी में लगे लंड की टोपी पर नजरें गढ़ाते हुए कहा मज़ा वास्तव मे देगी यह। फिर मैंने कहा शाज़िया जी आप बेवजह अपने प्रेमी को खुश करने के लिए ब्रा पैन्टी के सेट खरीद रही हैं। आपको मेरा अच्छा सुझाव है कि आप यह पैंटी अपने लिए खरीद लें, इससे आपको कम से कम मज़ा तो आएगा ही, और जब चाहें इस्तेमाल करें। और जहां तक प्रेमी को खुश करने वाली बात है तो वह आपको मैंने पहले भी कहा है आप 500 मुझे दें,
और जो भी ब्रा पैन्टी सेट आपको अच्छा लगे वह पहन लें, मैं यहीं आपकी तस्वीरें बना दूँगा। मेरा भी लाभ हो जाएगा मुझे मुफ्त में 500 मिलेगा, आपका भी लाभ है, जो पैसे आप को प्रेमी को खुश करने के लिए खर्च करने हैं उन्हें आप अपने लिए यह डिल्डो वाली पैन्टी खरीद लें। मैं भी खुश, आप भी खुश और आपका प्रेमी भी खुश। 


अब की बार शाज़िया इनकार नहीं किया, लेकिन वह हाँ भी नहीं कर रही थी। मैं समझ गया कि शाज़िया का अब मन कर रहा है यह पैंटी खरीदने का मगर उसके प्रेमी को भी खुश करना है मगर मेरे सामने ब्रा पैन्टी पहनने मे वह हिचकिचा रही है। अब की बार में काउन्टर से बाहर निकला और उसके हाथ से वह पैन्टी पकड़कर काउन्टर पर रखी और उसका पसंद किया हुआ ब्रा पैन्टी सेट उठाकर शाज़िया को हाथ से पकड़कर ट्राई रूम तक ले गया, वह कुछ न बोली चुपचाप ट्राई रूम तक आ गई। मैंने इसे ट्राई रूम में धकेला और उसके हाथ में ब्रा पैन्टी सेट पकड़ा दिया, और कहा, बस उसको आप पहनें और बाहर आ जाएँ , मैं आपकी तस्वीर आपके ही मोबाइल से बना दूँगा ताकि आप अपने प्रेमी को भेज सकें वे तस्वीरें। 

यह कह कर में ट्राई रूम से थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। थोड़ी देर इंतजार किया लेकिन अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो मैंने कहा शाज़िया जी जल्दी करो मैं ज्यादा देर तक दुकान बंद नहीं सकता। शरमाएँ नहीं, कुछ नही होता, बस तस्वीर ही तो खींचनी हैं मुझ गरीब का भी लाभ हो जाएगा केवल 500 ही मांगा है आप से अब मेरी यह भावनात्मक भाषण खत्म नहीं हुई थी कि अंदर मुझे हलचल महसूस हुई, शाज़िया अपनी कमीज उतार कर साथ वाली खूंटी पर लटका चुकी थी, मुझे उसके हाथ नजर आए थे जो उसने कमीज उतारते हुए ऊपर उठाए थे। यह जानते ही कि शाज़िया ने कमीज उतार दी है और अब वह ब्रा पैन्टी पहन कर मेरे सामने आएगी, मेरे लंड ने एक अंगड़ाई ली और शाज़िया को सलामी देने के लिए तैयार हो गया, मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं आ रहा था कि अब कुछ ही देर बाद शाज़िया जैसी सुंदर गोरी चिट्टी बड़े मम्मों वाली जवान स्त्री मेरे लंड के नीचे होगी। मैं उत्सुकता से दरवाजा खुलने का इंतजार कर रहा था .... समय जैसे रुक सा गया था और इंतजार जैसे खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था,

फिर अचानक दरवाजा खुला और मेरी आंखें और लंड दोनों ही शाज़िया की एक झलक देखने के लिए बेसब्री से ट्राई रूम की ओर उठ गये मगर शाज़िया बाहर न निकली थोड़ा आगे बढ़ा तो उफ़ ....... सुंदर दृश्य था अंदर। 

शाज़िया का गोरा बदन काले रंग का ब्रा पैन्टी सेट कयामत ढा रहा था। डोरी वाला ब्रा शाज़िया की गर्दन के पीछे बंधा हुआ था और कमर से होता हुआ कमर के पीछे साइड पर भी शाज़िया ने कौशल से डोरी बाँध ली थी। शाज़िया चेहरा मेरी तरफ ही था मगर पीछे लगे शीशे से उसकी कमर और गाण्ड भी दिख रही थी। शाज़िया के मम्मे वाकई बहुत बड़े थे। उसका बैंड आकार यानी छाती का आकार तो 34 ही था मगर उसके मम्मों का आकार बहुत बड़ा था जिसकी वजह से वह 34 डी ब्रा पहनती थी, और अगर सदस्यों को ब्रा आकार मापने का अनुभव हो तो वे जानते होंगे, 34 डी आकार के मम्मे 36 बी या महज 36 आकार के मम्मों से बड़े होते हैं।


शाज़िया के मम्मे उसके ब्रा में बहुत सुंदर लग रहे थे और उसकी क्लीवेज़ लाइन जो काफी अधिक एक्सपोज थी वह बहुत गहरी थी। इस काले सुंदर ब्रा के ऊपर से शाज़िया ने एक नेट की छोटी शर्ट पहन रखी थी जो बहुत बारीक थी और उसके आर-पार सब कुछ दिखता था वह केवल सुंदरता के लिए बनाई गई थी। नीचे शाज़िया का पूरा पेट नंगा था और पेट के नीचे उसकी ब्लैक जी स्ट्रिंग पैन्टी थी जिसका सामने वाला हिस्सा मात्र शाज़िया की छोटी योनी को ढांप पा रहा था जबकि दुम एक पतली रेखा के रूप में शाज़िया के चूतड़ों के बीच की लाइन में गुम हो चुका था । पैन्टी के ऊपर एक छोटा स्कर्ट था। यह भी ठीक नेट का था जो वास्तव में सिर्फ खूबसूरती के लिए ही था मगर सुंदरता बहुत स्पष्ट दिख रही थी। 

जब मैंने शाज़िया का सामने पाकर उसका जायज़ा लिया तो अब मैं शाज़िया बोला आ ..... आप ...... ख। । । । बा ...... बाहर आ ... शि ..... शी ..... शाज़िया जी .... इस बार मेरी अपनी आवाज भी कांप रही थी, मगर शाज़िया वहां से हिलने का नाम ही नहीं ले रही थी। अबकी बार मैंने हिम्मत की और शाज़िया का हाथ पकड़ लिया, उफ़ ..... क्या नरम और नाजुक हाथ था उसका। ऐसा लग रहा था किसी छोटे बच्चे का प्यारा सा हाथ पकड़ लिया हो जो बहुत नरम और मुलायम होता है। शाज़िया का हाथ भी ऐसा ही नरम और नाजुक था जैसे कभी उसको किसी ने छुआ तक नहीं हो मगर उसके हाथ की गर्मी बता रही थी कि शाज़िया इस समय बहुत गर्म हो रही है। वास्तव में यह उसकी चूत की गर्मी ही थी जिसने शाज़िया को मेरे सामने ब्रा पैन्टी पहनने के लिए मजबूर कर दिया था। मैंने शाज़िया को हाथ से पकड़ कर बाहर खींचा ... अब शाज़िया बिल्कुल मेरे सामने खड़ी थी।


मैंने शाज़िया कंधों पर हाथ रख लिए और बोला, उफ़ शाज़िया जी ..... कितना सुंदर शरीर है आपका, जब आपको पहली बार देखा था मुझे अंदाजा हो गया था कि आपका नसवानी हुश्न कमाल का होगा, लेकिन आज जब आपका सीना अपनी आंखों के सामने देख रहा हूँ तो यह तो मेरे अनुमान से भी अधिक सुंदर और सेक्सी है। शाज़िया थोड़ा कसमसाई और बोली- वो तस्वीरें ..... यह सुनकर मुझे होश आया और मैंने कहा जी, जी वह भी बनाता हूँ ... आपका कैमरा ??? यह सुनकर शाज़िया वापस ट्राई रूम की तरफ मुड़ी। पहले तो उसकी गाण्ड और कमर शीशे में देखी थी मगर अब सामने ही उसकी पतली कमर और 32 गाण्ड दिखी तोमेरा लंड तुरंत उसकी गाण्ड की तरफ लपका, लेकिन अफसोस कि वह इतना लंबा नहीं था कि इतनी दूर जाकर उसकी गाण्ड की चुदाई कर सकता

मेरे आंडो के साथ जुड़ा होने के कारण मेरा लंड वहीं रुक गया और शाज़िया की गाण्ड तक न पहुंच सका। शाज़िया ट्राई रूम में गई और वहां पड़े अपने शोल्डर बैग से अपना मोबाइल निकाल कर मेरे सामने आ गई और कैमरा ऑन कर मेरे हाथ में मोबाइल थमा दिया। और खुद मुझसे थोड़ा दूर हटकर खड़ी हो गई। अब उसकी शर्म काफी हद तक दूर हो चुकी थी।
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RE: ब्रा वाली दुकान - by sexstories - 06-09-2017, 01:56 PM

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