Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:18 PM,
#87
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
उूउउफफफफ्फ़ यह जानवर तो जान लेलेगा कितना जंगली है सिड्यूस करना आता है उसे अभी तक तो जाने कितनी बार वो कामया को अपने नीचे कर चुका होता पता नहीं पर देखो तो एक बार भी अपने आपसे उसने कामया के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की कामया को आज भी उसने ऐसे ही छोड़ दिया गुंडा कही का जानवर और ना जाने कितनी गालियाँ वो भोला को दे रही थी और बार-बार अपनी जाँघो को खोलकर टेबल के नीचे ही वापस चिपका रही थी जाँघो के बीच में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी उसे कोई ना कोई चाहिए भोला कामेश भीमा या फिर लाखा कोई भी पर चाहिए अभी 
पर अभी कैसे आफिस में और यह ऋषि भी तो यही बैठा है मरता क्यों नहीं यह आज कामया को बहुत गुस्सा आरहा था ऋषि पर देखने में तो कोई हीरो जैसा था पर है हिजड़ा पर क्या करे कामया आज तो वो बिल्कुल पागल हो जा रही थी जैसे कि वो खुद ही अपने सारे कपड़े खोलकर ऋषि को बोले की चाट कर मुझे रिलीस कर पर परिस्थिति उसके अनुरूप नहीं थी अभी वो आफिस में थी और यहां यह पासिबल नहीं था 

पर ऋषि पर से उसका ध्यान नहीं हट रहा था बार-बार उसकी और अपना ध्यान ना ले जाने के लिए वो अपने आपको पेपर्स में उलझा रही थी पर जाने क्यों गुस्सा बढ़ता जा रहा था और फिर पेन को टेबल पर पटक-ते हुए 
कामया- ऋषि जा थोड़ा घूमकर आ 
थोड़ी उची आवाज थी उसकी 
ऋषि- कहाँ जाऊ 
बड़े ही भोलेपन और आश्चर्य से कामया की ओर अपनी बड़ी-बड़ी आखों से देखता हुआ वो बोला 
कामया- कही भी पर मेरे सामने से हट और हाँ… कल से तेरे लिए में दूसरा केबिन खुलवा देती हूँ तू उसमें ही बैठना ठीक है 
ऋषि- क्यों भाभी 
कामया- बस ऐसे ही 
ऋषि एकदम से रुआसा सा हो गया था कुछ नहीं समझ में आया पर हाँ… एक बात तो साफ थी कि भाभी उससे नाराज है और गुस्से में भी पर क्यों उसे नहीं पता टुकूर टुकूर कामया की और देखता रहा पर कोई नतीजे पर नहीं पहुँचा 
अभी यह सब चल ही रहा था की कामेश का फोन आ गया 
कामया- हाँ… 
कामेश- क्या हुआ गुस्सा हो क्या 
कामया- नहीं बोलो 
कामेश- कहाँ हो 
कामया- कॉंप्लेक्स क्यों 
कामेश- सुनो कल सुबह तुम्हें बॉम्बे जाना है 
कामया- क्यों 
कामेश- वो बैंक के कुछ पेपर्स पर साइन झूठ गये थे तो वो कर आओ और शायद 
कामया- और क्या कौन से पेपर्स 
कामेश- यार पता नहीं उन्हीं का फोन आया था तुम तो पहुँचो में टिकेट भिजवाता हूँ और हाँ ऋषि कहाँ है 
कामया- यही है 
कामेश- उसे भी जाना है 
कामया- और तुम 
कामेश-अरे यार तुम पहुँचो में भी आ रहा हूँ 
कामया- ठीक है 
और फोन कट गया 
कामया- ऋषि कल सुबह फिर से बॉम्बे जाना है और इस बार ध्यान रहे कुछ गड़बड़ नहीं 
ऋषि- जी 
वो अब तक डरा हुआ था कामया से पता नहीं क्यों भाभी ने उसे ऐसा कहा पर ठीक है वो फिर से भाभी के साथ बॉम्बे जा रहा था उसे इस बात की खुशी थी 

कामया को एक बार ऋषि पर तरश भी आया पर गुस्सा ज्यादा था पर मजबूरी थी की उसे साथ रखना ही था इतने में फिर से फोन बज उठा कामेश था 
कामया- जी 
कामेश- अच्छा वहां घर पर ही रुकना और वो भोला कहाँ है 
कामया- क्यों कौन सा घर 
कामेश- तुम छोड़ो वो गाड़ी आ जाएगी तुमको ले जाएगी हाँ… भोला को बोलो कि ट्रेन से तुमसे पहले बॉम्बे पहुँचे ठीक है रूको में फोन करदेता हूँ 
कामया- लेकिन भोला क्यों 
कामेश---अरे यार सेक्योंरिटी प्राब्लम है कुछ गुरुजी ने कहा है कि बहू को अकेला नहीं छोड़े और क्या बस इसलिए बहुत इंपार्टेंट हो यार तुम ही ही ही 

कामया- क्या यार तुम भी ना एक बोझ लाद देते हो तुम कब आओगे 
कामेश---तुम पहुँचो में आ जाऊँगा ठीक है रखता हूँ 
कामया हाथों में फोन लिए हुए एक बार ऋषि की ओर देखा और फिर से अपने पेपर्स में खो गई थी पर दिमाग़ में बहुत से सवाल उठ रहे थे क्या बात है अचानक गुरुजी यह सेक्योंरिटी और अकेले ना जाने वाली बात क्या है यह सब उनके घर में इस तरह की कोई बंदिश नहीं थी और नहीं कोई गुरुजी और नहीं बहुत पूजा पाठ 


खेर कोई बात नहीं जो है सो है अच्छे के साथ कुछ बुरा भी सोच में डूबी कामया अपने पेपर्स को देख रही थी कि डोर में एक हल्की सी आहट हुई ऋषि और कामया का ध्यान डोर की ओर गया भोला था आज पीओन नहीं आया था कहने 
भोला- जी मेमसाहब भैया का फोन था 
कामया- हाँ… ठीक है 
भोला- जी मेमसाहब आप घर कब जाएँगी 
कामया- क्यों 
भोला- जी मेरी ट्रेन 7 बजे है 
कामया- ठीक है तुम जाओ ऋषि ले जाएगा 
भोला- नहीं मेमसाहब भैया ने कहा है कि आपको घर छोड़ दूं पहले फिर जाऊ 
कामया- हर काम भैया से पूछकर ही करते हो क्या 
एकदम से उसकी आवाज उची हो उठी थी क्यों पता नहीं पर हाँ… उसे भी अजीब सा लगा था ऋषि तो जैसे सहम गया था लेकिन भोला वहां खड़ा-खड़ामुस्कुराता जा रहा था पर बोला कुछ नहीं 

कामया- ठीक है जाओ बता दूँगी 

भोला बाहर जाते हुए एक नजर ऋषि की ओर डाली और एक फ्लाइयिंग किस उसकी ओर करता हुआ कामया की ओर देखता हुआ बाहर की ओर जाने लगा उसके चहरे पर एक कमीनी सी मुस्कुराहट थी जो कि कामया की नजर से बच नहीं पाई थी वो जानती थी कि भीला उसके साथ ऐसा क्यों कर रहा है 

कभी उसे तड़पाटा है और सांड़ की तरह आके खड़ा हो जाता है 
पता नहीं क्यों पर भोला के आते ही और जाते ही कामया थोड़ा सा बेचैन हो उठ-ती थी उसके शरीर में एक अजीब सी सनसनाहट सी उठने लगती थी वो उसकी आखों में देख नहीं पाती थी उसके शरीर से उठने वाली एक अजीब सी गंध वहां भर जाया करती थी जो उसके जाने के बाद भी रहती थी खेर जो भी हो कामया ने जल्दी से अपना काम खतम किया और ऋषि को कहा 
ऋषि- जा भोला को बोल कि गाड़ी लगाए 
ऋषि- जी 
किसी आग्याकारी नौकर जैसे ऋषि सभी काम छोड़ कर बाहर की ओर भागा कामया ने अपना बैग लिया और एक बार टेबल पर नजर डालते हुए बाहर जाने को उठी कि तभी भोला वो बड़ा सा कारटन लिए अंदर आया कामया अपने टेबल के पास ही रुक गई थी और भोला को एकटक देखती रही पर भोला तो जैसे अपने मर्ज़ी का मालिक था बिना कुछ पूछे ही अंदर आया और एक बार बिना कामया की ओर देखे ही उसके टेबल के पास आते हुए उस बाक्स को कामया के टेबल के पीछे की ओर चेयर के पास रख दिया 

कामया उसकी और पीठ किए खड़ी थी वो नहीं जानती थी कि भोला क्यों यह बाक्स वहां रख रहा था पर हाँ इतना जरूर जानती थी कि उसका गला फिर से सुख गया था और वो खड़े-खड़े फिर से थर थर कप भी रही थी पता नहीं क्या हो जाता था कामया को इस भोला को देखते ही अपने दोनों हथेलियो को टेबल पर टिकाए हुए वो खड़ी थी कि पीछे से भोला के सख़्त हाथ उसकी टांगों से लेकर उसके नितंबों तक एक ही झटके से पूरा जायज़ा लेकर अलग हो गये थे कामया जब तक समझती या मुड़ती भोला के हाथ उससे अलग हो चुके थे जैसे ही वो घूमकर खड़ी हुई भोला उसके पास खड़ा हुआ उसे ही देख रहा था और फिर से अपने हाथ को उसकी जाँघो के बीच में लेजाकर धीरे से दबा दिया और वैसे ही धीरे से पेट से होते हुए उसकी चूचियां तक ले आया और हल्के से मुस्कुराते हुए 

भोला- सूट में मेमसाहब आपका फिगर तो खूब दिखता है पर आप नहीं दिखती साड़ी में खूब अच्छी लगती है आप 
और जैसे आया था वैसे ही झट से बाहर चला गया एक मिनट से भी काम वक़्त में वो कामया को फिर से एक ऐसी आग में धकेल कर जा चुका था कि जिसका किनारा कामया को नहीं दिख रहा था वो खड़ी-खड़ी जोर-जोर से सांसें लेती रही और अपनी जाँघो को खोलकर वापस बंद करती रही लड़खड़ा जाती अगर वो टेबल को नहीं पकड़ती 
इतने में ऋषि वापस आया और डोर खोलकर बोला
ऋषि- भाभी चलिए 
कामया- हमम्म चल आअह्ह सस्स्शह 
करती हुई किसी तरह से अपने पर काबू पाती हुई बाहर की ओर चल दी 
भोला ड्राइव करता हुआ शोरुम तक ले गया और कामया किसी तरह से अपना काम खतम करते हुए जल्दी से घर जाना चाहती थी ऋषि को घर छोड़ कर कामया को भी अपने घर ड्रॉप करके भोला चला गया पर कामया के शरीर में जो आग वो लगा गया था उसने कामया को जलाकर रख दिया था घर पहुँचते ही उसकी नजर फिर से भीमा की ओर चली गई थी पर मम्मीजी के होते यह बात कम से कम अभी तो पासिबल नहीं था 

घर पहुँचकर भी कामया अपनी आग में जलती रही पर मम्मीजी ने उसे इतना एंगेज कर लिया था अपने साथ की वो थोड़ा सा अपने आपको भूल गई थी पर पापाजी के आने के बाद और खाना खाने केबाद तो जैसे उससे रुका नहीं गया था पर सुबह जल्दी उठने की बात से ही वो फिर से अपने आप पर कंट्रोल करते हुए किसी तरह से अपने कमरे में ही रही 
और सुबह वो बॉम्बे की ओर रवाना भी हो गई थी ऋषि उसे एरपोर्ट पर ही मिला था उसके ड्राइवर ने छोड़ा था उसे और कामया को लाखा काका ने बॉम्बे एरपोर्ट पर उतरते ही उसे एक अजीब सी बात दिखाई दी उसे वहां भी हाइ सीकुरिटी में बाहर निकाला गया बाहर एरपोर्ट के भोला वैसे ही टाइट जीन्स और ब्लैक टी-शर्ट में खड़ा था और जैसे ही कामया और ऋषि को आते देखा जल्दी से उसके समान को गाड़ी में भर कर उन्हें वहां से ले चला था दिसाइड यह हुआ था कि जल्दी से घर पहुँचकर नाश्ता करके वो लोग बैंक जाएँगे और वहां का काम खतम करके वापस घर आ जाएँगे 
और किया भी वही जैसे ही बैंक का काम खतम हुआ 
ऋषि- भाभी अब और क्या बचा है 
कामया- क्यों 
ऋषि- नहीं वो रीना दीदी को आपसे मिलना है सो उन्होंने कहा था कि जब काम खतम हो जाए तो फोन कर दूं 
कामया- हाँ ठीक है कर्दे घर पर ही आ जाए 
ऋषि-ठीक है 
और दोनों गाड़ी में बैठ गये थे ऋषि रीना दीदी से बात कर रहा था बहुत ही चहकता हुआ वही लड़कियों जैसे अंदाज में कामया बाहर देख रही थी पर पूरा ध्यान ऋषि की बातों पर ही था कितना उत्तेजित था वो 

घर पहुँचकर जब वो लिफ्ट की ओर जा रही थी तो ऋषि और भोला को अपने थोड़ा सा पीछे होकर आते हुए उसने देखा था भोला कुछ ऋषि से कह रहा था या फिर पूछ रहा था ऋषि भी कुछ कह रहा था पर, उसके, चहरे को देखकर लगता था की जरूर कोई बात है जो कि वो कामया से छुपाना चाहते है पर कामया को इससे कोई फरक नहीं पड़ता वो चलती हुई लिफ्ट में घुस गई थी और ऋषि भोला भी झटके से अंदर आ गये और लिफ्ट ऊपर की चल दी 
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RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 03:18 PM

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