Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-16-2019, 11:53 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं फिर भी नही रुका और उसके दूसरे हाथ को भी उसकी छाती से हटा दिया,,,उसके दोनो हाथ फिर से नीचे लटक गये
था,,,,फिर मैने हाथ को आगे बढ़ा कर उसके टवल को निकालने की कोशिश करते हुए अपने हाथ को जैसे ही उसकी छाती
पर रखा तो मेरा हाथ उसकी छाती के उपर उसके दिल के पास टच हो गया,,,,मैने अपने हाथ को उसके दिल के पास ही
रख दिया और उसके दिल की धड़कन को महसूस करने लगा,,,,उसका दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था,,,,वो मस्ती मे थी
या डरी हुई थी ये तो पता नही था लेकिन उसके दिल की धड़कन बहुत ज़्यादा तेज थी,,,,उसके दिल की धड़कन को महसूस
करके मैने उसके एक हाथ को अपने हाथ से पकड़ा और उसके हाथ को अपनी छाती पर अपने दिल के पास रख दिया और उसको
ये बता दिया कि सिर्फ़ तू ही नही जो दिल की धड़कन को क़ाबू मे करने की कोशिश कर रही है ,,मैं भी हूँ जो
अपने दिल की धड़कनो को संभालने की कोशिश मे खुद से जूझ रहा हूँ,,,,


मेरे दिल पर उसका हाथ लगते ही मेरे दिल की धड़कन और भी ज़्यादा तेज हो गई,,,,मेरा हाथ उसके दिल पर था जबकि उसका
हाथ मेरे दिल पर,,,,अब मैने अपने हाथ को उसके हाथ से हटा दिया और उसका हाथ खुद-ब-खुद मेरी छाती पर दिल
के पास टिका हुआ था,,,,हम दोनो एक दूसरे की नज़रो मे देख रहे थे तभी मैने अपने दूसरे हाथ से उसकी ज़ुल्फो
को उसके चेहरे से हटा कर एक साइड किया और तभी उसने अपने हाथ को मेरी छाती से उठा लिया,,

मैने उसकी ज़ुल्फो को उसके चेहरे से हटा कर साइड किया और उसकी गर्दन को अपने हाथ मे पकड़ लिया और ऐसा करते ही
उसने अपने सर को उपर उठा दिया और उसकी सुराही जैसी गर्दन मेरे सामने आ गई और मैने बिना देर किए अपने लिप्स को
उसकी गर्दन पर रख दिया और अपने लिप्स से हल्की किस करदी,,,,

मेरे ऐसे करते ही उसने अपने हाथ को मेरे सर पर रखा और मेरे बालों को कस के अपनी मुट्ठी मे भरके मेरे
बालों को थोड़ा नोच दिया,,और बोली,,,,,,,,मत करो ऐसे सन्नी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ क्यू हवस मे पागल होके अपनी ही
बेहन को रुसवा करने जा रहे हो,,,ये बात उसने थोड़ी मायूसी मे बोली तो मुझे वो टाइम याद आ गया जब मैं
जाने अंजाने ही सही रितिका के साथ किचन मे था और करण ने मुझे देख लिया था,,,उस टाइम मैने करण की बरसो
पुरानी दोस्ती को रुसवा कर दिया था और अब मैं वही ग़लती जानभूज कर करने जा रहा हूँ वो भी अपनी छोटी और
मासूम बेहन के साथ,,,,यही बात दिमाग़ मे आते ही मैं एक दम से उस से दूर हट गया,,और खुद को क़ाबू करते
हुए उसकी तरफ देखने लगा,,,,

मैने देखा कि उसकी आँखों मे आँसू थे,,,लेकिन फिर भी थोड़ी हिम्मत के साथ वो मेरी नज़रो मे नज़रे डालके
देख रही थी,,,,उसकी हिम्मत से मैं थोड़ा खुश भी हुआ और मुझे खुद पर गुस्सा भी आया,,,,क्यू मैं हर बार
अपनी इस मासूम बेहन को रुसवा करता रहता हूँ ,,,,जानता हूँ मैं इसको अपनी बाहों मे भरना चाहता हूँ
लेकिन ज़ोर ज़बरदस्ती से नही,,,प्यार से,,,,उसकी रज़ामंदी से,,,,जितनी शिद्दत से मैं उसको बाहों मे भरना चाहता
हूँ अगर वो भी उतनी ही शिद्दत से मुझे अपनी बाहों मे भरेगी तो उस मिलन का मज़ा ही कुछ और होगा,,,अगर
मैं ज़बरदस्ती करूँगा तो मज़ा मुझे ही मिलेगा वो तो रुसवा ही होगी बेचारी,,और उसको रुसवा करके मैं कभी
खुश नही रह सकता था,,,,,


मैं जल्दी से उस से दूर हट गया,,,,,कुछ देर तक फिर रूम मे सन्नाटा रहा ,,,,ना वो कुछ बोली और ना मैं,,,वो
बस नम आँखों मे हल्के आँसू लेके मुझे देख रही थी,,,,,

मुझे उस पर बड़ा तरस आ रहा था,,,,आख़िर क्यूँ वो बेचारी मेरी वासना का शिकार हो रही थी बार बार,,,क्यू मैं
उसको हर्ट कर रहा था ,,,क्यूँ उसको रुला रहा था आए दिन,,,मैं दिल से कभी ऐसा नही चाहता था कि मेरी सबसे प्यारी
बेहन की आँखों मे कभी आँसू आए लेकिन फिर भी जाने अंजाने मैं उसको रुलाता रहता था,,,इस वक़्त भी वो मासूम
मिरर के पास ऐसे खड़ी हुई थी जैसे मैं शैतान हूँ और उसकी इज़्ज़त आबरू लूटने आया हूँ,,,

हम लोग ऐसे ही खड़े हुए थे रूम मे ,,,वो मिरर के पास खड़ी हुई थी जबकि मैं उस से 2-3 कदम की दूरी
पर खड़ा हुआ था,,,,मैं चुप चाप खड़ा हुआ था जबकि वो रोती जा रही थी,,,,रोते हुए भी वो मेरी आँखों मे
देख रही थी,,,,उसकी आँखों मे एक उदासी थी और चेहरे पर एक डर था ,,एक गम था,,,

तभी मैं उसके पास जाने लगा फिर से ,,किसी ग़लत मकसद से नही,,,मैं उसकी तरफ एक कदम बड़ा ही था कि वो बोल
पड़ी,,,,,,

प्ल्ज़्ज़ नही सन्नी,,,तुझे मेरी कसम वही रुकजा प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

लेकिन इतनी देर मे मैं एक कदम और आगे बढ़ चुका था और उसके करीब चला गया था,,,,

मैं अब फिर से उसके करीब था ,,वो मेरी नज़रो मे देख रही थी,,,और मैं उस से शर्मिंदा हुआ जा रहा था,,,,

तुम यहाँ से चली जाओ सोनिया,,,,कुछ दिन के लिए कविता के घर पर रहने चली जाओ जब तक मोम डॅड वापिस नही आ
जाते,,,,,जब मोम डॅड आ गये तुम भी वापिस आ जाना,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ मेरी बात समझ जो भी मैं कह रहा हूँ,,

वो समझ गई मैं उसको ये सब क्यूँ बोल रहा हूँ लेकिन उसने ना मे सर हिला दिया और बोला,,,,मुझे कहीं नही जाना
सन्नी मुझे यहीं रहना है ,,इसी घर मे,,,

तू समझती क्यूँ नही मेरी भोली बहना,,,,तू बहुत मासूम है और मैं एक कमीना इंसान हूँ ,

तभी उसने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,तू कमीना नही है ,,तू मेरा भाई है और तू बहुत अच्छा है सन्नी,,,
इतना बोलते हुए वो फिर से आँसू बहाने लगी,,

तभी मैने उसके आँसू पोंछने के लिए उसके चेहरे पर अपना हाथ रखा और उसकी आँख से बहने वाले आँसू के एक
कतरे को सॉफ किया और अपने हाथ को घुमा कर उसकी गर्दन की तरफ ले गया और अपने हाथों की उंगलियों को खोलकर
अपने उंगलियों को उसके बालों मे घुसा दिया और अपनी उंगलियों को बंद करके उसके कुछ बाल अपनी मुट्ठी मे भर
लिए और उसके सर पर एक मजबूत पकड़ बना ली ,,,इस से उसके बाल थोड़ा खींच गये और उसको थोड़ा दर्द भी हुआ,,

अहह आराम से सन्नी तुम मुझे हर्ट कर रहे हो,,,,उसने अपने हाथों से मेरे उस हाथ को पकड़ा जिस से मैने
उसके सर को पकड़ा हुआ था और मेरे हाथ को अपने सर से दूर करने लगी,,,,

देखा,,,,,मैं जब चाहूं तुझे हर्ट कर सकता हूँ,,,मैं सच मे बहुत कमीना हूँ,,इतना बोलकर मैने उसके
सर को पकड़ कर अपने करीब किया,,,,उसके होंठ फिर से थरथराने लगे,,,,ज़ुबान कँपने लगी,,,,साँसे भारी हो गई
और चेहरे पर डर की भाव आ गये,,,

मैं बहुत बड़ा कमीना हूँ सोनिया ,,तू सोच भी नही सकती मैं तेरे साथ अभी क्या कर सकता हूँ,,,,,,कितना हर्ट
कर सकता हूँ,,,

तभी वो हिम्मत करते हुए बोली,,,,,,,,,,,,तू कमीना नही है मैं जानती हूँ ,,,तू कमीना बनने की कोशिश कर रहा
है और तू जितनी भी कोशिश करले मुझे हर्ट नही कर सकता,,,तू मेरा भाई है,,,मेरा दर्द नही देख सकता तू,,,

ये तेरी ग़लत फहमी है सोनिया,,मैं कुछ भी कर सकता हूँ,,,मेरे अंदर जो शैतान बस्ता है उसके बारे मे तुझे
कुछ नही पता अभी,,,,आज तक तूने उस शैतान को देखा नही है कभी,,,और दुआ करूँगा कि तुझे वो कभी नज़र
भी नही आए ,,,,अभी तक मैने उसको क़ाबू मे किया हुआ है,,जिसस दिन उसने मुझे अपने बस मे कर लिया उस दिन मैं
कुछ नही कर पाउन्गा तेरे लिए,,और उस दिन मुझे बड़ा अफ़सोस होगा ,,,मुझे किसी बात का अफ़सोस नही करना,,,,और ना
ही उस शैतान को खुद पर हावी होने देना है,,,,तेरी भलाई इसी मे है कि तू कविता के घर चली जा,,,

तेरा शैतान तेरे बस मे रहे या ना रहे सन्नी लेकिन मैं जानती हूँ मेरा भाई अपने बस मे रहेगा हमेशा और
मुझे कभी हर्ट नही करेगा,,,

वो मेरी बात को समझ ही नही रही थी,,तभी मैने अपने दूसरे हाथ को उसकी छाती की तरफ बढ़ा दिया और अपनी एक
उंगली को उसकी छाती के उपर उसकी गर्दन के पास रखा और हल्के से नीचे खिसका दिया और उंगली को उसके टवल मे
घुसा दिया जिस से उंगली उसके दोनो बूब्स के बीच की लाइन मे चली गई,,

मेरी इस हरकत से उसका मुँह खुला का खुला रह गया,,,,,,,
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07-16-2019, 11:54 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अब भी तू यही कहेगी कि तेरा ये भाई अपने बस मे रहेगा,,,,,तुझे हर्ट नही करेगा,,,,

हां ,,यही कहूँगी,,,,मेरा भाई मुझे कभी हर्ट नही करेगा,,वो पता नही क्यूँ ये सब इतनी हिम्मत से बोल रही थी
जबकि मैं आगे बढ़ता जा रहा था,,,मैने टवल पर हल्का ज़ोर लगाया तो उसकी साँसे अटक गई,,,,

तू कुछ भी करले सन्नी मुझे हर्ट नही कर पाएगा,,वो डरी हुई थी ,,,फिर भी अपनी बची खुचि हिम्मत को
समेट कर मेरे से बात करती जा रही थी,,,,,

तभी मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया और पागलो की तरह किस करने लगा ,,,उसने मुझे किस का रेस्पॉन्स तो
नही दिया लेकिन मुझे रोका भी नही,,,,मैं करीब 2-3 मिनट तक उसको ऐसे ही किस करता गया,,उसके होंठों को
अपने मुँह मे भरके चूस्ता गया,,,फिर मैं उस से अलग हो गया,,पीछे हट गया

इस बार मैने देखा कि उसकी आँखें फिर से गंगा जमुना बहाने लगी थी,,रोते हुए वो खुद पर क़ाबू करने की
कोशिश कर रही थी,,,उसकी साँसे उखड़ रही थी दिल तेज़ी से धड़क रहा था,,,,

बोल अब क्या बोलती है तू क्या अब भी तुझे नही जाना कविता के घर,,क्या अब भी मेरे जैसे जानवर के साथ यहीं
रहना है तूने,,,,,

तभी वो भाग कर दरवाजे के पास चली गई,,,,,,,,,,और जाके दरवाजे के पास खड़ी हो गई,,,,,,,,,हां सन्नी अब भी
मुझे यहीं रहना है,,,,कहीं नही जाना मुझे,,,इसी घर मे रहना है,,इतना बोलकर वो वहाँ से भाग कर अपने
रूम मे चली गई,,,,

या अल्लाह ,,,,,,अब मैं क्या करूँ इस लड़की का,,,,कैसे समझाऊ इसको कि मैं इसको हर्ट तो नही कर सकता लेकिन मैं
खुद पर ज़्यादा देर तक कंट्रोल भी नही कर सकता,,,,कैसे समझाऊ इसको कि शेर और बकरी जैसे एक घाट पर पानी नही
पी सकते वैसे जन्नत की हूर से भी ज़्यादा खूबसूरत और किसी फूल जैसी नाज़ुक और मासूम सोनिया मेरे जैसे कामीने
और गिरे हुए इंसान के साथ मेरे जैसे शैतान के साथ एक छत के नीचे नही रह सकती,,,कैसे समझाऊ इसको,,कैसे?

तभी मैने कविता को फोन किया,,,,क्यूकी मैं कैसे भी करके सोनिया को यहाँ से भेजना चाहता था,,,,मैं रूम से
बाहर गया क्यूकी मेरा फोन नीचे पड़ा हुआ था,,,सोनिया के रूम मे दरवाजा बंद था,,,मैं उसके रूम के पास
से ग़ुजरकर नीचे चला गया,,,,नीचे आके पहले मैने डॅड के रूम से एक शर्ट पहनी और फिर कविता को फोन किया,,,

हेलो कविता,,,,,

हेलो सन्नी,,,कैसे याद किया ,,,

मुझे तेरे से थोड़ा काम है,,,क्या तू अभी घर आ सकती है,,,,

देख सन्नी तुझे पता है मेरी तबीयत अभी पूरी तरह से ठीक नही हुई है,,अभी मैं कुछ नही कर सकती प्लज़्ज़्ज़
कुछ दिन रुकजा ना तू,,,,

तू ग़लत समझ रही है कविता,,,,मैं उसके लिए तुझे नही बुला रहा मुझे कुछ और काम है,,,

और क्या काम पड़ गया तुझे मेरे से सन्नी,,,,बता ज़रा,,,,

फोन पर नही बात सकता,,,,,,, क्या तू आ सकती है घर पर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़

ठीक है मैं शाम को आती हूँ,,,,

शाम को नही अभी और जितना जल्दी हो सके,,,

हुआ क्या है सन्नी,,,कहीं तेरा झगड़ा तो नही हुआ सोनिया से,,,,

बोला ना फोन पर नही बता सकता तू जितनी जल्दी हो सके घर पहुँच

ओके सन्नी मैं अभी आती हूँ थोड़ी देर मे


मैने फोन कट किया और वहीं बैठ गया कविता की वेट करने क लिए,,,,करीब 20-25 मींते बाद कविता आ गई



क्या हुआ सन्नी,,,इतनी भी क्या आफ़त आ गई थी जी इतनी जल्दी मे बुलाया मुझे,,,,पता है तबीयत ठीक नही है मैं नही
आ सकती फिर भी,,,

सौरी कविता ,,मैं जनता हूँ तेरी तबीयत ठीक नही,,,,और भला मेरे से बेहतर कॉन जान सकता है तेरी हालत को,,
लेकिन मुझे कुछ ज़रूरी काम था इसलिए बुलाया तुझे,,,,

वो थोड़ा शरमा गई मेरी बात सुनके,,,,,,,अच्छा बता क्या काम है,,,,

तभी मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने साथ सोनिया के रूम मे ले गया,,,जहाँ सोनिया बेड पर बैठकर रो रही
थी,,,

कविता रूम मे घुसी और जल्दी से सोनिया के पास चली गई,,,,अरे क्या हुआ तुझे सोनिया ,,ऐसे रो क्यूँ रही है,,,सोनिया
कुछ नही बोली बस कविता के गले लग्के रोने लगी,,,और कविता उसको चुप करवाने लगी,,,

इधर मैने एक बॅग लिया और सोनिया एक कुछ कपड़े डालने लगा उस बॅग मे,,,,,


सोनिया और कविता दोनो मुझे देखने लगी,,,,सोनिया फिर से रोने लगी,,,,

क्या हुआ कुछ तो बता सोनिया ,,क्या सन्नी ने कुछ कहा तुझे,,,कुछ तो बोल ना प्लज़्ज़्ज़्ज़

सोनिया कुछ नही बोल रही थी लेकिन कविता ने उसके आँसू पोछ दिए तो सोनिया थोड़ी चुप कर गई थी,,,लेकिन हल्की
नमी फिर भी बहती जा रही थी उसकी आँखों से,,,

इतनी देर मे मैने कुछ कपड़े बॅग मे डाल दिए और बॅग को सोनिया और कविता के पास रख दिया,,,,

ये क्या है सन्नी,,,,कविता ने मेरे से पूछा,,

ये सोनिया का बॅग है,,,,आज से ये तेरे घर पर रहेगी जब तक मोम डॅड नही आ जाते,,,,

मुझे नही जाना कहीं भी,,,सोनिया बेड से उठके खड़ी हो गई और रोते हुए बोली,,,

मैने तेरे से नही पूछा तुझे जाना है या नही,,,,मैने बस तुझे बताया है कि तू जा रही है कविता के साथ,,कविता
मैं नीचे जा रहा हूँ इसको लेके जल्दी नीचे आ जाना,,,,अब ये तेरे घर पर रहेगी,,,

लेकिन सन्नी कुछ बता तो सही आख़िर हुआ क्या है,,,,

कुछ नही हुआ,,,,बस ये तेरे घर रहने वाली है,,,मोम डॅड के आने तक,,,

मैने इतना बोला कि सोनिया फिर से मेरे पास आके बोली,,,,,,मैने कह दिया ना कि मुझे कहीं नही जाना,,

सोनिया ने इतना बोला ही था कि मैने कस के एक थप्पड़ लगा दिया सोनिया के गाल पर,,,,थप्पड़ बहुत कस के मारा मैने
जिसकी आवाज़ रूम मे गूँज उठी,,,,,,तू अपनी बकवास बंद रख ,,मैने तेरे से पूछा नही कि तूने जाना है या नही
,,,मैने तुझे बताया है कि तू कविता के घर जा रही है बस,,,,,आगे कोई बात नही करनी मुझे ,,,समझी,,,,,

मेरी इस हरकत से कविता भी सहम गई और सोनिया ने नज़रे झुका ली,,,,

कविता कुछ नही बोली बस सहम कर रह गई,,,सोनिया सर झुका कर खड़ी हुई थी,,,तभी मैने देखा कि सोनिया ने अपने
सर को उपर उठाया और मेरी तरफ देखा,,,,

मैं उसको देखकर थोड़ा हर्ट हो गया,,,थप्पड़ इतना ज़ोर से लगा था उसको की उसके लिप्स से खून बहने लगा,,मेरा
दिल भी पसीज गया लेकिन मैने खुद पर क़ाबू किया और कमजोर नही पड़ा सोनिया के सामने

तभी सोनिया ने हंस कर मेरी तरफ देखा और अपने हाथ से अपने लिप्स से बहने वाले खून को सॉफ किया ,,,,मैं उसकी इस
हरकत से हैरान रह गया,,,,इतनी कस के थप्पड़ लगा फिर भी हंस रही है ये पागल लड़की,,,,

तभी कविता मेरे पास आई,,,क्या हुआ सन्नी इसको मारा क्यूँ,,,तेरा दिमाग़ खराब हो गया है क्या,,,मैने आज तक नही
देखा कभी ऐसा कि तूने इसको हर्ट किया हो फिर आज क्या हुआ ऐसा जो तूने इसको थप्पड़ मार दिया,,,,

पता नही मुझे क्या हुआ है,,,,और तेरे को बताना ज़रूरी नही समझता मैं,,,,तू बस जल्दी से इसको लेके नीचे आजा और फिर
इसको तेरे घर जाना है आज ही,,,,मैने इतना सब गुस्से से बोला और रूम से निकलकर नीचे चला गया,,
Reply
07-16-2019, 11:54 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं नीचे आके खुद पर गुस्सा कारने लगा,,कोसने लगा खुद को,,,,आज तक जिस बेहन की आँखों मे आँसू देखकर
दिल रोने लगता था आज उसी बेहन को थप्पड़ मारा मैने वो भी इतनी कस कर कि खून निकलने लगा उसके मुँह से और
वो पगली थप्पड़ ख़ाके भी खुश हो गई थी,,,हँसने लगी थी,,,उसके हंसते हुए चेहरे से मैं थोड़ा और पग्ला गया
और अपने उस हाथ को कस कर दीवार पर दे मारा,,,,एक बार नही बार बार लगातार,,जिस से हाथ पर चोट लग गई और
खून बहने लगा,,जिस दीवार पर हाथ मारा था वहाँ पर भी थोड़ा खून लग गया था,,,वो दीवार घर के मेन
डोर के पास की दीवार थी,,,,

अभी मैं खुद को कोस ही रहा था कि कविता और सोनिया नीचे आ गई,,कविता गुस्से से देख रही थी मुझे जबकि सोनिया
हंसते हुए देख रही थी मेरी तरफ,,,मैने जल्दी से उस दीवार के सामने खड़ा हो गया जहाँ खून लगा हुआ था और
अपने उस हाथ को अपनी पीठ पीछे छुपा लिया जिस से खून बहने लगा था,,,,

सोनिया और कविता मेरे पास से ग़ुजरकर दरवाजा खोलकर घर से बाहर चली गई,,,कविता ने बाहर जाके अक्तिवा स्टार्ट की
मैने उसको दूसरे हाथ से बाइ का इशारा किया लेकिन उसने ध्यान ही नही दिया,,,सोनिया अपने बॅग पकड़कर अक्तिवा के पीछे
बैठ गई थी वो बस चलने ही लगे थे कि सोनिया एक दम से उतर गई कविता की अक्तिवा से और कविता के कान मे कुछ
बोलकर घर के अंदर भाग कर आ गई और उपर चली गई,,,,

उसके अंदर आते ही मैं जल्दी से उस दीवार के सामने खड़ा हो गया जहाँ खून लगा हुआ था,,,फिर वापिस दरवाजे
के पास आ गया और कविता को देखने लगा,,,,

सोनिया उपर गई थी इसलिए मैं बाहर कविता के पास चला गया,,,

सॉरी कविता मैं थोड़ा गुस्से मे था ,,,,सोनिया की वजह से तेरे से भी गुस्से से बात की मैने,,

इट्स ओके सन्नी,,,,,लेकिन मैं इस वजह से गुस्से मे नही हूँ कि तूने मेरे से गुस्से से बात की ,,और ना ही इस बात पर
गुस्सा है कि तूने सोनिया को थप्पड़ मारा,,मुझे तो गुस्सा इस बात पर है कि तू खुद अंदर से जलने लगा है,,खुद पर
गुस्सा करने लगा है,,,मैं जानती हूँ तू मुझे हर्ट नही कर सकता तो सोनिया को कैसे हर्ट कर सकता है,,अभी तूने
उसको थप्पड़ मारा ज़रूर लेकिन उस से ज़्यादा दर्द तुझे खुद को हो रहा होगा,,,,मैने देखा था तेरी आँखों मे वो
दर्द जो तुझे सोनिया को थप्पड़ मारने के बाद महसूस हो रहा था,,,

थन्क्ष्क्ष्क्ष कविता,,,,तू सब जानती है,,,तू मेरी बहुत अच्छी दोस्त है,,,,

हां सन्नी बहुत अच्छी दोस्त हूँ मैं तेरी,,और सब जानती हूँ तेरे बारे मे,,,लेकिन मुझे ये नही पता कि तूने
आज सोनिया से झगड़ा क्यूँ किया,,,,ऐसी क्या बात हो गई थी,,,

वो मैं नही बता सकता सोनिया से पूछ लेना शायद वो बता दे,,,

वो भी कुछ नही बताने वाली मुझे मैं जानती हूँ,,,तूने उसको हर्ट किया है ये बात तो वो कबकि भूल चुकी होगी
और तेरे उस थप्पड़ को भी,,,

थन्क्ष्क्ष्क्ष कविता,,,,वैसे अब ये अंदर क्यूँ गई है,,,,

वो अपना कुछ समान भूल गई है वो लेने गई है,,,,

फिर मैं और कविता इधर उधर की बातें करने लगे तभी कविता मुझे बोली,,,,,,,,,कितना टाइम लगा दिया सोनिया ने
,,सन्नी ज़रा जाओ और भेजो उसको बाहर,,,

नही मैं नही जाउन्गा ,,,,तुम खुद ही बुला लो उसको कविता,,,,

मेरे कहने पर नही आने वाली वो,,,तुम बोलोगे तभी आएगी वो बाहर,,,,

तभी मैं घर के अंदर की तरफ चलने लगा और तभी कविता को मेरे हाथ पर लगी चोट और उसे बहता खून नज़र
आ गया तो उसने पीछे से मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,

हयी मैं मर गई ये क्या हुआ सन्नी,,,,,,,,,कविता ने हाथ पकड़ते हुए बोला,,,,

श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीरे बोल कहीं सोनिया ना सुन ले,,,,ये कुछ नही हुआ बस हल्की चोट लगी है,,,

कविता सब समझ गई थी मेरी आँखों मे देखकर,,,,उसने हंस कर मुझे गले लगा लिया और जल्दी से अपनी अपनी चुनरी से
थोड़ा कपड़ा फाड़ कर उस हाथ पर बाँध दिया,,,,,,,,,,क्यूँ किया ये सब ,,,,जब खुद को हर्ट करना था बाद मे तो
सोनिया को क्यूँ मारा था पहले,,,,ह्म्म्म्मम बता ज़रा,,,,

मैं चुप करके खड़ा रहा,,,,


चल जा जल्दी अंदर जा और सोनिया को भेज बाहर,,,,और ये हाथ छुपा कर रखना उस से,,वरना तेरी शामत आ जाएगी,,,
कविता ने हंस कर इतना बोला और वापिस अक्तिवा पर बैठ गई,,,,

मैं अपने हाथ को पीठ पीछे छुपाकर घर एक अंदर चला गया,,,जैसे ही मैं घर के अंदर गया तो देखा कि
सोनिया दरवाजे के पास उसी जगह पर खड़ी हुई थी जहाँ पर मैने अपने हाथ को दीवार पर मारा था और मेरे हाथ
पर चोट लगने की वजह से थोड़ा खून लग गया था उस दीवार पर,,,,

सोनिया दीवार पर लगे खून को अपनी उंगलियों पर लगा कर ध्यान से देख रही थी,,,,जैसे ही मैं अंदर गया उसका
ध्यान मेरी तरफ आ गया,,,,


अभी तक उसका चेहरा उदास था लेकिन अभी वो गुस्से मे आ गई थी,,,,वो दीवार पर लगे खून को अपनी उंगली पर
लगा कर ध्यान से देख रही थी फिर उसी उंगली को मेरी तरफ करके बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,ये क्या है सन्नी,,,,

मैने कुछ नही बोला बस चुप करके खड़ा रहा मेरा एक हाथ आगे की तरफ था जबकि एक हाथ पीछे पीठ की तरफ
था उसने आगे बढ़ कर मेरे उसी हाथ को पकड़ा और आगे की तरफ करने लगी,,,,,

मैं उसको रोकना चाहता था लेकिन देर हो गई थी,,,,मेरा वो हाथ उसके सामने आ गया था,,,,मेरे हाथ पर लगी चोट
और उसमे बँधा हुआ था कविता की चुनरी का कपड़ा लेकिन फिर भी उसमे से हल्का खून निकल रहा था,,,

सोनिया ने मेरे हाथ की ओर देखने लगी,,,,देखते देखते ही उसकी आँखें नम हो गई,,,,,फिर उसने मेरी तरफ देखा
मेरा चेहरे झुका हुआ था,,,,

ये क्या किया तूने सन्नी,,,,वो रोते हुए बोल रही थी,,,,,,,बोल सन्नी ये क्यूँ किया,,,,,,,मेरी बात का जवाब दो सन्नी
ऐसा क्यूँ किया तुमने,,,,,

मैं कुछ नही बोला बस सर झुकाकर खड़ा रहा,,,,

तभी उसने मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा,,,,,,,,,जब खुद को हर्ट करना था तो मुझे क्यूँ मारा ,,पहले मुझे
मारा तब भी तू खुद ही हर्ट हुआ और अब फिर से खुद को हर्ट कर लिया भाई,,,,इतना बोलके वो रोने लगी,,,,तूने मुझे
थप्पड़ मारा मुझे उस बात का ज़रा भी दुख नही भाई ,,क्यूकी मैं जानती हूँ तूने मुझे क्यूँ मारा था,,,तू यही
चाहता था कि मैं घर से चली जाउ ताकि तू मुझे और ज़्यादा हर्ट नही कर सके,,,,मेरे ज़्यादा करीब नही आ सके,,
मुझे और ज़्यादा रुसवा नही कर सके,,,,,

बोल यही बात थी ना,,,,बोल अब बोलता क्यूँ नही,,,,

वो मेरे से जवाब माँग रही थी लेकिन मेरे मुँह से एक लफ्ज़ तक नही निकल रहा था,,,

बोल अब ,,,जब खुद को हर्ट करना था तो ये सब क्यूँ किया भाई,,,,इतना बोलते हुए वो मेरे हाथ से पट्टी निकालने लगी
,,,,

ये क्या कर रही हो,,,,,

कुछ मत बोलो अब तुम,,,,बस चुप रहो वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा,,,,,खुदको हर्ट करते हो और मेरी जान
निकाल कर रख देते हो,,,,,,,,अब चुप चाप मेरे साथ चलो और दवाई लगाओ इस्पे,,,,,

मैं उसकी तरफ देखता रह गया,,,,,,,,,,क्या चीज़ है ये लड़की,,,,मैने इसको इतनी ज़ोर से थप्पड़ मारा था कि इसके मुँह
से खून निकल आया था लेकिन ये पगली मेरी चोट देखकर मेरे हाथ से निकलने वाले खून को देखकर दुखी हो
गई थी मायूस हो गई थी रोने लगी थी,,,,इतना दर्द इसको तब भी नही हुआ जब मैने इसको मारा था ,,,,मैं उसकी
मासूमियत देखकर उसके दिल मे अपने लिए इतना प्यार देखकर इतनी केर देखकर थोड़ा कमजोर पड़ने लगा था लेकिन
मुझे पता था कि अगर मैं कमजोर पड़ गया तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जाएगी,,,,,


मुझे कोई दवाई नही लगानी ,,,तुम जाओ यहाँ से,,,,इतना बोलकर मैने वो हाथ उस से दूर कर लिया और खुद भी
दूर हो गया,,,

हाँ हां जानती हूँ,,,,ज़्यादा करीब नही आना मेरे सोनिया,,,दूर रहना,,,, यही बोलना है ना अब तूने,,,,,,,तो ठीक
है नही आती तेरे करीब दूर ही रहूंगी और कविता के घर भी चली जाउन्गी,,,,लेकिन पहले तू इस चोट पर दवाई तो
लगा ले सन्नी,,,,,


तुम जाओ मैं लगा लूँगा बाद मे,,,,

पक्का ,,,लगाओगे ना,,,,उसने हंसते हुए बोला

हां बोला ना लगा लूँगा,,,,,अब तू जा यहाँ से ,,,दफ़ा हो,,,,,

मैने इतने गुस्से मे बोला लेकिन उसपे कोई असर ही नही हुआ,,,वो हँसती जा रही थी,,,,

उसने हंस कर मुझे देखा और जल्दी से मेरे गले लग गई और इस से पहले मैं कुछ कर पाता उसने मेरे गाल पर हल्की
किस करदी,,,,,,,,,,,

अब जा रही हूँ मैं,,,,अपना ख्याल रखना,,,,और स्टडी कर लेना ,,,,टीवी मत देखना और ज़्यादा सोना नही,,,और सबसे पहले
अपने इस हाथ पर कुछ मेडिसिन लगा लेना,,,,इतना बोलकर वो फिर से आगे हुई और मेरे गाल पर एक किस करदी और भाग कर बाहर चली गई,,,,

मैं दरवाजे पर खड़ा होके उसको बाहर जाते देखने लगा,,,वो भाग कर जाके अक्तिवा पर बैठ गई,,,कविता ने
अक्तिवा स्टार्ट की और दोनो मेरी तरफ हंस कर देखने लगी,,,,,,,,,

कविता का हँसना समझ मे आया लेकिन सोनिया क्यूँ हंस रही थी,,,अभी कुछ देर पहले इतनी ज़ोर से थप्पड़ मारा था मैने
उसको की खून निकल आया था उसके लिप्स से ,,,,गुस्सा करने की जगह वो उल्टा हँसने लगी थी,,,खुश होने लगी थी,,,

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था इस लड़की का,,,,मेरा दिमाग़ खराब हुआ जा रहा था,,,,,,,

वो दोनो अक्तिवा पर बैठकर चली गई थी और दोनो ही खुश थी,,,जबकि यहाँ मेरा दिमाग़ खराब हुआ जा रहा था,
उनके जाने के बाद मैने गेट बंद किया और घर के अंदर जाने लगा तभी गेट के बाहर मुझे किसी कार या बाइक का
होरन बजने की आवाज़ सुनाई दी,,,,

मुझे लगा शायद कविता और सोनिया वापिस आ गई है और मैने जाके गेट खोला तो थोड़ा परेशान हो गया,,,,घर के
सामने कोई आदमी था बाइक पर,,,,उसने हेल्मेट पहना हुआ था और उसका बाइक जिस अंदाज़ से खड़ा हुआ था उस से लग रहा
था वो बाइक गेट के अंदर करने वाला है,,,,लेकिन मैं थोड़ा परेशान था मुझे नही पता चल रहा था ये कॉन है
क्यूकी हेल्मेट की वजह से मुझे उसका फेस नज़र नही आ रहा था,,,,इसलिए मैं गेट के आगे खड़ा हो गया ताकि वो
अंदर नही आ सके और तभी उसने अपने हेल्मेट का शीशा उपर उठा दिया और मैने देखा ख़ान भाई थे,,,,,,,मैं गेट से साइड हो गया
ऑर ख़ान भाई ने बाइक अंदर किया ऑर बाइक स्टॅंड पर लगाकर अपना हेल्मेट निकाल दिया,,,

तब तक मैं गेट बंद कर चुका था,,,,अरे ख़ान भाई आप बाइक पर,,ऑर आज अपने वर्दी भी नही पहनी हुई ,,,क्या बात
है मैं तो डर ही गया था कि ये कॉन आ गया बाइक पर वो भी हेल्मेट पहन कर,,,
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07-16-2019, 11:54 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ख़ान भाई हँसने लगे,,,,,क्यूँ सन्नी भाई हम पोलीस वाले बाइक नही चला सकते क्या,,,,कहीं तुमको भी ऐसा तो नही
लगता कि जैसे फ़िल्मो मे पोलीस वेल अक्सर ज़ीप पर आते है वैसे ही रियल मे भी वो ज़्यादातर ज़ीप ही चलते है,,,

ख़ान भाई की बात सुनकर मैं हँसने लगा,,,,,अरे नही ख़ान भाई ऐसी बात नही है,,,,,आज तक कभी आपको बाइक चलाते
हुए देखा नही ना ओर वर्दी के बिना भी शायद बहुत कम देखा है,,


तभी ख़ान भाई की नज़र भी मेरे हाथ पर पड़ गयी जहाँ चोट लगी हुई थी,,,,,ये क्या हुआ सन्नी,,किसी से पंगा हुआ
क्या,,,,


नही ख़ान भाई ये बस हल्की सी चोट लगी है अपनी ही लापरवाही से,,,,,वैसे आज आपका यहाँ कैसे आना हुआ वो भी बाइक
पर बिना वर्दी के,,,

सन्नी भाई मैं कई बार गुजरा हूँ तेरे घर के आगे से मैने देखा था कुछ लोगो को साथ वाली पार्क के पास इसलिए
1-2 दिन से बाइक पर चक्कर लगा रहा हूँ,,,,


अपने भी देखा उनको ख़ान भाई,,,,,मैने भी देखा यही 2-3 दिन से ,,,वो लोग यही रहते है अक्सर,,,,अभी नही है
तभी मैने आगे बढ़ कर वो लॉक दिखाया ख़ान भाई को,,,,,ये देखो ख़ान भाई ,,,मुझे ये उन्ही लोगो का काम लगता
है,,,,

नही सन्नी अभी तो वो लोग बाहर ही है,,,मैने अभी देखा उन लोगो को पार्क के पास,,,

तभी मैं गेट की तरफ गया ऑर गेट को खोलकर सर बाहर निकाल कर देखा तो वो लोग वहीं थे,,

ख़ान भाई ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर बुला लिया ऑर मेन डोर के पास ले गये,,,,ऐसे मत देखो उनको शक
हो जाएगा कि हम लोगो को उनके बारे मे पता चल गया है,,,फिर ख़ान भाई ने भी लॉक को अच्छी तरह देखा,,,,,हां
मुझे भी इन्ही लोगो का काम लगता है,,,वो लोग मुझे कुछ ठीक नही लग रहे,,,क्या घर मे घुस गये थे वो,,,कुछ
चोरी तो नही किया,,,,


नही ख़ान भाई वो लोग घर मे नही घुस सके,,,मैने अच्छी तरह चेक कर लिया था,,,लेकिन मुझे थोड़ी टेन्षन है
उन लोगो से,,,,

हाँ टेन्षन तो होनी चाहिए,,,,,अभी घर मे अकेला जो है तू,,,

आपको कैसे पता मैं घर पर अकेला हूँ ख़ान भाई,,,,,मैने थोड़ी हैरानी से पूछा

सन्नी भाई मैं पोलीस वाला हूँ भूल गये,,सबकी खबर रखता हूँ,,,,,मैं गया था करण ऑर रितिका से मिलने
वही से पता लगा कि तुम्हारे घर वाले गाँव गये है शादी मे,,,,

हां भाई इसलिए तो डर लगता है मुझे ओर अपने लिए नही अपनी छोटी बेहन सोनिया के लिए,,,,

वही ना जो अभी अपनी सहेली के साथ गयी है,,,,

हाँ ख़ान भाई ,,मुझे डर था कहीं वो लोग कुछ पंगा नही करे इसलिए मैने सोनिया को उसकी फ्रेंड के घर भेज दिया
है,,,,

ये तुमने अच्छा किया सन्नी भाई,,,क्यूकी वो लोग मुझे भी ठीक नही लग रहे ऑर हो ना हो वो लोग अमित ऑर उसके बाप
के लोग ही हो सकते है,,ऑर शायद वो उन सीडीज़ के पीछे है ,,,,,अमित ऑर उसके बाप को लगता होगा कि सीडीज़ तुम्हारे पास है
,,,,

हां ख़ान भाई हो सकता है,,,,,

मुझे लगता है सन्नी अब हम लोगो को सुमित को बाहर लेके आना चाहिए ताकि तुम्हारी टेन्षन कम हो जाए,,ख़ान
भाई ने कुछ सोचते हुए ये बात बोली,,,,

नही ख़ान भाई इतनी जल्दी नही,,,,अभी सुमित को बाहर लेके आने का टाइम नही हुआ है,,,अभी सही टाइम नही आया है,,,

लेकिन सन्नी जब तक सही टाइम आएगा तब तक तुम्हारे साथ कुछ प्राब्लम नही हो जाए,,,,वो लोग कोई आम सड़क चलते
लोग नही है ,,,पेशेवर गुंडे है वो,,,,कुछ भी कर सकते है किसी भी हद तक जा सकते है,,,,अल्लाह ना करे कल
तुमको या तुम्हारी फॅमिली को कुछ नुकसान पहुँचा दिया उन लोगो ने तो क्या होगा ,,,,


ख़ान भाई अगर उन लोगो ने मेरी फॅमिली की तरफ आँख उठाकर भी देखा तो मैं उन लोगो की जान ले लूँगा ,,अमित ऑर
उसके बाप को तो घर मे घुस कर गोली मार दूँगा,,,,

तभी ख़ान भाई ने मेरे शोल्डर पेर हाथ रखते हुए बोला,,,,तभी बोलता हूँ कि ज़्यादा देर होने से पहले हम लोगो
को सुमित को बाहर निकाल लेना चाहिए,,,वरना कुछ गड़बड़ हो सकती है,,,

नही भाई अभी नही,,,अभी थोड़ा इंतजार ऑर करना चाहिए,,,,ऑर सही मोका आने पर ही हम सुमित को बाहर लेके आएँगे
,,,,,ऑर गड़बड़ से याद आया कि मुझे आपको कुछ दिखाना है,,,

मैं ख़ान भाई को लेके घर के अंदर चला गया,,,तभी ख़ान भाई ने अंदर जाके अपने मोबाइल से किसी को फोन किया
ऑर मेरे घर का अड्रेस बता दिया ऑर घर एक बाहर खड़े लोगो का हुल्लिया भी बता दिया,,,

किस को फोन किया ख़ान भाई,,,,,मैने अपना लॅपटॉप खोलते हुए बोला,,,,,

कुछ नही सन्नी भाई अपने लोगो को बुलाया है ताकि वो लोग इन लोगो को अपने साथ ले जाए,,,,

पोलीस वालो को फोन किया है क्या,,,,,इस से तो शक हो जाएगा उन लोगो को,,,,

तुम घबराओ मत सन्नी भाई मैने स्पेशल ब्रांच के लोगो को फोन किया है,,,,वो इन लोगो को उठाकर अपने ठिकाने
पर ले जाएँगे फिर इन लोगो से पूछताछ करेंगे अपने तरीके से,,,,इतना बोलकर ख़ान भाई हँसने लगे,,,अच्छा बताओ
क्या दिखाना था मुझे,,,,,

मैने लॅपटॉप पर वो वीडियो दिखाई ख़ान भाई को जो कविता ने दी थी मुझे,,,,,ये देखो ख़ान भाई,,,,,,,,उस वीडियो मे
अमित ऑर सुरेश बातें कर रहे थे ,,,,,वो लोग उन लड़कियों की बातें कर रहे थे जिन लड़कियों ने ख़ुदकुशी की
थी ऑर उन लड़कियों की बात भी कर रहे थे जिनको उन लोगो ने वीडियो बना कर ब्लॅकमेल किया था,,,,,उन लोगो ने
बातों ही बातों मे अपना जुर्म क़बूल किया था उस वीडियो मे,,,,,फिर उन लोगो ने ये बात भी की थी कि वो सीडीज़ वाला
बॉक्स कहाँ है जो अमित सुमित के घर से लेके आया था,,,,,

ख़ान भाई ऑर मैं बहुत खुश हुए वो वीडियो देखकर,,,ये बहुत अच्छा सबूत था हम लोगो के लिए ऑर अब हम लोगो
को ये भी पता चल गया था कि वो सीडीज़ वाला बॉक्स कहाँ है,,,

ख़ान भाई मुझे ये बॉक्स चाहिए किसी भी कीमत पर,,,,,मैने थोड़ा उत्सुकता से बोला,,,

तुमको ये बॉक्स क्यूँ चाहिए सन्नी ,,,,वीडियोस तो वैसे भी है हम लोगो के पास,,,फिर बॉक्स की क्या ज़रूरत,,,

ख़ान भाई जब मैने इस बॉक्स की सीडीज़ ऑर पेनड्राइव का डाटा अपने लॅपटॉप मे कॉपी किया था तो उसपे मेरी उंगलियों के
निशान आ गये होंगे,,,,अगर इन्वेस्टिगेशन मे मेरी उंगलियों के निशान भी मिल गये तो मुझे पंगा हो जाएगा ना,,

तुम फ़िक्र नही करो सन्नी ,,,इन्वेस्टिगेशन तो मुझे ही करनी है ना,,,,ऑर वैसे भी इस बॉक्स को अभी वहीं रहने देते
है जहाँ ये पड़ा हुआ है,,,,क्यूकी इसका वही रहना ज़रूरी है,,,,ये एक पक्का सबूत बन जाएगा जब मैं तलाशी लेने
जाउन्गा उनके घर ,,,,,ख़ान भाई ने ये बात हंसते हुए बोली तो मैं ख़ान भाई की बात समझ गया,,,,

फिर मैने ख़ान भाई के लिए छाई बनाने चला गया ऑर चाइ पीते हुए हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे,चाइ
पीते हुए ही ख़ान भाई को फोन आ गया अपने लोगो का उन्होने बताया कि उनके लोग उन लोगो को उठाकर ले गये है जो
लोग अक्सर घर के बाहर पार्क के पास खड़े होते है,,,,

मैं बहुत खुश हुआ लेकिन तभी ख़ान भाई ने बोला,,,,,ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नही सन्नी,,,,अमित ऑर उसके बाप
के पास ऐसे बहुत लोग है जो उनके लिए काम करते है,,,,इन 2 लोगो को हमने पकड़ लिया है इस बात पर खुश होने
की ज़रूरत नही,,,आज इनको पकड़ा है कल कुछ ऑर लोग आ सकते है ,,,तुमको होशियार रहना होगा,,,वैसे घर मे कोई
पिस्टल पड़ी हुई है क्या सन्नी,,,,,,,

हां भाई लेकिन पिस्टल की क्या ज़रूरत ,,,,

सन्नी भाई ये लोग आम लोग नही मैं पहले भी बता चुका हूँ,,,जिस रास्ते पर तुम चल रहे हो तुमको पिस्टल की
ज़रूरत कभी भी पड़ सकती है,,,,वैसे मैं तो दुआ करूँगा कि तुमको पिस्टल की ज़रूरत कभी नही पड़े,,,,इतना बोलते
हुए ख़ान भाई ने अपनी पास से एक पिस्टल मुझे दी,,,,ये अपने पास रख लो सन्नी इसकी ज़रूरत पड़ सकती है,,,,वैसे
ज़रूरत ना ही पड़े तो बेहतर होगा,,,,

मेरे पास एक पिस्टल है ख़ान भाई,,,,मुझे इसकी ज़रूरत नही,,,,,,,,,

नही सन्नी,,,अगर गोली चलाने की ज़रूरत पड़ी तो इसी से गोली चलाना ,,ख़ान भाई ने ये बात किसी विश्वास के साथ बोली
तो मैने ख़ान भाई की पिस्टल पकड़ ली,,,,

फिर ख़ान भाई अल्लाह हाफ़िज़ बोलकर वहाँ से चल पड़े,,,,,

उनके जाने के बाद मैने गेट बंद किया ऑर गेट बंद करने से पहले पार्क की तरफ देखा तो वहाँ कोई नही था,,,
मुझे बड़ी खुशी हुई कि ख़ान भाई के लोग उन लोगो को पकड़ कर ले गये है,,,
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07-16-2019, 11:54 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ख़ान भाई के जाने के बाद मैं घर के अंदर आ गया ऑर सबसे पहले अपनी चोट पर मेडिसिन लगा कर पट्टी करली
फिर लॅपटॉप पर टाइम पास करने लगा,,,,टाइम पास करते हुए बार बार मेरा ध्यान मेरे हाथ की तरफ जा रहा था जहाँ
चोट लगी हुई थी,,चोट देखकर मुझे सोनिया की याद आ गयी ऑर आज जो कुछ भी हुआ वो सब मेरे दिमाग़ मे घूमने
लगा,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन तभी मुझे सोनिया की बात याद आ गयी ,,,वो जाते हुए मुझे स्टडी करने
को बोलकर गयी थी,,,,

मैने जल्दी से लॅपटॉप बंद किया ऑर बुक लेके उपर भुआ के ड्रॉयिंग रूम मे चला गया,,,,मैने एक सोफे को उसी जगह
रखा ऑर उसपे बैठकर स्टडी करने लगा जहाँ सोनिया बैठ कर स्टडी करती थी अक्सर,,,,मैं भी वहाँ बैठ गया ऑर
ध्यान बुक की तरफ कर लिया,,,मेरी नज़रे तो बुक पर थी लेकिन मेरा ध्यान कहीं ओर था,,,,मैं सोनिया के बारे मे
सोच रहा था ,,उसके खूबसूरत हंसता हुआ चेहरा मेरी आँखों के सामने आने लगा था,,,

पंजाबी मे एक सॉंग है,,,,,,,,,,मेरा दिल नि पढ़ाई विच लगदा नि अखरा च तू दिस्दी,,,,,मेरा भी कुछ यही
हाल हो गया था आज,,,,बुक मेरी गोद मे पड़ी हुई थी ऑर नज़रे बुक की तरफ थी लेकिन ध्यान था उस पगली सोनिया
की तरफ,,,

छोटा सा मासूम चेहरा,,बड़ी बड़ी मोतियों जैसी आँखें,,,छोटे छोटे गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लिप्स,,,ऑर एक
पतला सी नाक ,,जिस पर हमेशा गुस्सा ही रहता था,,,,,,,,,,,,,लेकिन आज तो वो गुस्से मे नही थी,,आज तो मैने थप्पड़
भी लगा दिया था उसके गाल पर वो भी ज़िंदगी मे पहली बार ऑर पहली बार मेरे पर गुस्सा करने की जगह वो हँसने
लगी थी,,,,

आज सब कुछ अजीब लगने लगा था,,,आज सोनिया मुझे वो पहले वाली सोनिया नही लग रही थी,,,,आज वो बदली बदली लगने
लगी थी मुझे,,,आज मेरे से थप्पड़ ख़ाके भी उसको गुस्सा नही आया मुझपे,,,आज वो रोते हुए भी हंस रही थी ऑर मेरे
से इतने प्यार से पेश आ रही थी,,,थप्पड़ की वजह से होंठों से खून निकल रहा था लेकिन उन्ही होंठों पर एक
मीठी मुस्कान भी थी,,आँखों मे दर्द की वजह से आँसू आ गये थे लेकिन उन्ही आँखों मे एक अजीब चमक भी
थी,,,,चहरे पर उदासी थी लेकिन उसी उदासी के बीच कहीं एक हल्की खुशी का एहसास भी हो रहा था मुझे,,,,ऑर जाते
टाइम जो कुछ वो बोलकर गयी थी जो हरकत वो करके गयी थी उस से तो मेरी सिट्टी पिटी गुल हो गयी थी,,,वो मुझे गाल पर
किस करके गयी थी,,,

ओह माइ गुडड्ड क्या ये सच था,,,,वो मुझे किस करके गयी थी,,,,नही नही ये मेरी गलतफहमी होगी,,,वो
कहाँ मुझे किस करने लगी,,,,,,,नही सच मे वो मुझे किस करके गयी थी,,,,लेकिन क्यूँ,,,,,,मैने तो उसको मारा था ऑर
बदले मे मेरा सर फोड़ने की जगह वो मुझे किस करके गयी थी,,,तभी मुझे वो पल याद आया जब उसके लिप्स मेरे गाल
को टच कर रहे थे,,,,उस वक़्त तो मुझे कुछ अजीब नही लगा लेकिन अब उस पल के बारे मे सोचकर ही जिस्म मे एक
लहर दौड़ गयी,,,,,रोम रोम अंगड़ाई लेने लगा ऑर मस्ती से एक अजीब खुशी होने लगी दिल को,,,,कहीं मुझे सोनिया से लव
तो नही हो गया था,,,, नही नही,,,,लव ऑर सोनिया से,,,,,,,,,,,,,,नेवेर ,,कभी नही,,,,,,,लव तो मुझे कविता से हुआ है
ऑर वो भी मुझे लव करती है,,,,कितनी मासूम है कविता भी,,,बिल्कुल सोनिया जैसी,,,,मासूम ऑर चुलबुली,,,कुछ फ़र्क
नही सोनिया ऑर कविता मे,,,,

लेकिन एक फ़र्क है,सोनिया मेरी बेहन है,,कविता नही,,,,,,,,,,,,,कविता तो मेरी गर्लफ्रेंड है,,,,,,,,

अगर मैं कविता से लव कर सकता हूँ तो सोनिया से क्यूँ नही,,,,,,मैं सोनिया को भी लव कर सकता हूँ,,,,क्यूकी
अगर मैं अपनी ही माँ सरिता ,,,अपनी भुआ गीता ,,,,अपनी बड़ी बेहन शोभा से सेक्स कर सकता हूँ ऑर अब शायद सोनिया
से भी सेक्स करना चाहता हूँ तो भला मैं सोनिया से लव क्यूँ नही कर सकता,,,क्या लव सिर्फ़ सेक्स तक ही सीमित होता है
,,,,,,,,,,नही लव सेक्स तक सीमित नही रहता,,,,,,जैसे सेक्स ऑर वासना किसी रिश्ते किसी बंधन के मोहताज़ नही वैसे ही
प्यार भी किसी हद का किसी रिश्ते का किसी बंधन का मोहताज़ नही,,,,,,,सेक्स ऑर वासना मे अँधा इंसान जब माँ ,,बेहन
और किसी दूसरी औरत मे कोई फ़र्क नही कर सकता तो प्यार ऑर मुहब्बत भी किसी रिश्ते को नही मानता,,,,ना ही किसी रिश्ते
मे फ़र्क करना जानता है,,,,

अगर सोनिया की केर करना,,,,उसकी आँखों मे आँसू नही देख सकना,,,उसको दुखी नही देख सकना,,उसको हर्ट नही कर
सकना ,,,ज़रूरत से भी ज़्यादा उसकी केर करना ,,,,,अगर ये सब प्यार है तो प्यार ही सही,,,,,,,,,,हां मुझे सोनिया से
प्यार है,,,,,हां मुझे सोनिया से प्यार है ,,,,हां मुझे सोनिया से प्यार है,,,,,,,,,,,

ये बात मैं बुक की तरफ देखता हुआ ज़ोर ज़ोर से अपने दिल मे बोलने लगा लेकिन तभी मुझे एक शोर सुनाई दिया,,,,ये
बात मैं दिल मे नही रूम मे ज़ोर ज़ोर से बोल रहा था,,ऑर मेरी उसी बात का शोर घूंज रहा था उस रूम मे,,
मुझे एक दम से बहुत ज़्यादा खुशी का एहसास हुआ,,,मैं सोनिया को प्यार करने लगा था,,,,उसके बारे मे बहुत ज़्यादा
सोचने लगा था,,,उसका वो चेहरा जिस पर मेरे थप्पड़ की वजह से खून निकल आया था लेकिन फिर भी वो मुस्कुरा रही
थी ऑर उसकी मुस्कुराहट ने उसके मूह से निकलने वाले खून से मेरा ध्यान ही हटा दिया था,,,सच मे कितनी मासूम ऑर
कितनी चुलबुली है मेरी बेहन सोनिया,,,लेकिन मैं क्यूँ उसको हर्ट करता रहता हूँ क्यूँ दर्द देता हूँ हर बात पर
उसको,,,क्यूँ तंग करता हूँ,,,,क्यूँ बार बार उसकी मर्ज़ी के बिना उसके करीब जाता हूँ,,,क्यूँ उसको रुसवा करता हूँ,,

जैसे चकोर चाँद को देखकर उसकी तरफ उड़ता है लेकिन बीच रास्ते मे ही उसके पंख दर्द करने लगते है वो थक
जाता है ऑर वापिस ज़मीन की तरफ पलट कर आता है उसी तरह से आज मुझे सोनिया वो चाँद लग रही थी ऑर मैं वो
चकोर जो सोनिया के पास तो जाना चाहता था लेकिन डरता था,,,थक जाता था,,,ऑर अगर नही थकता ऑर नही डरता फिर उसके
करीब जाके उसको हर्ट करता,,,,,,ऑर उसको हर्ट करके भी मैं खुद ही हर्ट होता,,,,,

नही मुझे आज के बाद उसको हर्ट नही करना,,अगर मैं उस से प्यार करता हूँ तो आज के बाद मैं उस से दूर ही
रहूँगा क्यूकी प्यार का असली मतलब सेक्स ही नही होता,,,आप जिसको प्यार करते हो उसकी केर करते हो उसको हर्ट नही करते
'हो,,,,आज के बाद मैं भी उसको हर्ट नही करूँगा उसको दर्द नही दूँगा उसको रुसवा नही करूँगा,,,कुछ भी हो
जाए आज के बाद मेरी वजह से उसकी आँखों मे एक भी आँसू नही आएगा,,,,,

मैं अपनी माँ को भुआ को बड़ी बेहन को चोदता हूँ लेकिन इस सब मे उनकी भी रज़ामंदी थी लेकिन सोनिया की रज़ामंदी
नही थी,,,,ऑर उसकी रज़ामंदी के बिना मैं उसके करीब नही जाउन्गा कभी भी,,,,,

उसके जिस्म की वजह से मैं उसके दिल को हर्ट नही कर सकता कभी,,,,,,

बस यही सोच ऑर यही ख्याल रहे पूरा दिन मेरे दिमाग़ मे ,,,रात को भी मैं सो नही पाया ठीक से बस जितना हो
सका ध्यान बुक की तरफ रखा ऑर स्टडी करने की कोशिश करता रहा,,डिन्नर भी नही किया था ,,,बस परेशान ही रहा
ऑर परेशानी मे नींद भी नही आई,,,बुक लेके बैठा रहा ऑर जब थक गया तब सो गया,,,,


अगले दिन सुबह उठा तो दिल नही किया कुछ करने का ,,,,रात नींद भी बड़ी मुश्किल से आई थी,,,,बस
अजीब अजीब ख्याल आते रहे दिमाग़ मे,,,कभी रितिका के बारे मे सोचता जिसकी ग़लती से मैं शायद
करण की नज़रो मे गिर गया था,,फिर उन लोगो पर गुस्सा आने लगता जो पार्क के बाहर खड़े हुए थे
लेकिन अब तो ख़ान भाई उन लोगो को उठाकर ले गये थे,,

फिर कभी कविता का ख्याल आता जो मुझे बहुत प्यार करती है वो भी बचपन से,,,मैं भी उस से
प्यार करता हूँ लेकिन उसकी वजह से मुझे कामिनी जैसी खूबसूरत भाभी से दूर होना पड़ा है
,,,,फिर दिमाग़ मे सोनिया के ख्याल आने लगे मैं उस से प्यार करने लगा था ,,,,लेकिन उसकी वजह
से मैं कविता से दूर नही हो सकता था,,,मैं कविता से भी बहुत प्यार करता था,,,उतना ही प्यार
करता था जितना मैं सोनिया से करता था,,,लेकिन जहाँ मैं कविता को मन के साथ साथ तन से भी
हाँसिल कर चुका हूँ उस तरह मैं सोनिया को हाँसिल नही कर सका था ऑर अब करना भी नही चाहता
था क्यूकी जब कविता को हाँसिल किया था उसके जिस्म के ज़रिए तो उसकी भी रज़्ज़मंदी थी लेकिन सोनिया की
रज़ामंदी नही थी ऑर बिना रज़ामंदी के प्यार मोहब्बत करने मे मज़ा नही आता,,,,सेक्स तो बहुत
दूर की बात है,,,,
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07-16-2019, 11:55 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ना कुछ खाने को दिल कर रहा था ना कुछ पीने को,,,,नाश्ता भी नही किया था मैने ,,टेन्षन
से दिमाग़ फटा जा रहा था इसलिए ध्यान को दूसरी तरफ करने के लिए बुक लेके उपर भुआ के
ड्रॉयिंग रूम मे चला गया ऑर सोफे पर बैठकर स्टडी करने लगा क्यूकी कल एग्ज़ॅम था वो भी
लास्ट एग्ज़ॅम उसके बाद कुछ दिन की छुट्टियाँ थी,,,,वाउ हॉलिडेज़,,

छुट्टियों के बारे मे सोच कर दिल थोड़ा खुश हो गया था ,,क्यूकी वैसे भी मेरे जैसे नालयक
लड़के को कॉलेज जाने का दिल ही नही करता कभी,,,,मैं छुट्टियों के बारे मे सोच कर खुश हो
गया ऑर स्टडी करने लगा,,,मैने रात टेन्षन मे ही सही लेकिन काफ़ी ध्यान दिया था स्टडी पर ऑर
अब भी स्टडी पर ही ध्यान दे रहा था क्यूकी सोनिया बोलकर गयी थी मुझे स्टडी करने के लिए,,,,

तभी बाहर बेल बजी ,,,अब कॉन आ गया,,,,यही सोचकर मैं नीचे चला गया ,,,घर का मेन डोर
भी लॉक किया हुआ था मैने ऑर बाहर का गेट भी लॉक था,,,मैने डोर को खोला ऑर बाहर गेट
पर चला गया,,,,,

जैसे ही गेट खोला तो सामने सोनिया खड़ी हुई थी,,,मैने उसको देखकर गेट फिर से थोड़ा सा बंद
कर दिया ताकि वो अंदर नही आए,,,,,वो मेरी इस हरकत से हँसने लगी,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,,उसने हेलो बोला वो भी हंसते हुए,,,,,

तू यहाँ क्या कर रही है,,,मैने थोड़ा हैरान होते हुए बोला,,,,,तुझे बोला था ना कविता के
घर रहने को ,,,,,,,,जब तक मोम डॅड नही आते तुमको वहीं रहना है,,,,

अरे ना हाई ना हेलो ,,सीधा फाइट शुरू करदी तूने,,,पहले गेट तो खोल फिर बताती हों मैं क्या
कर रही हूँ यहाँ,,,,

नही मुझे गेट नही खोलना ऑर ना तुझे अंदर आने देना है,,,,,

वो फिर से हँसने लगी,,,,डर मत मुझसे सन्नी मैं अंदर नही आउन्गी,,,,,,,

मैने दिल ही दिल मे सोचा कि डर ऑर मुझे वो भी तेरे से,,,,पागल लड़की डरना तो तुझे चाहिए वो'
भी मेरे से,,,,,


मैं अंदर नही आउन्गी लेकिन इसको तो आने दे सन्नी,,,,सोनिया ने थोड़ा पीछे हट-ते हुए बोला,,,,

तभी सोनिया के पीछे से चलते हुए कविता आगे आ गयी,,,,,

हेलो सन्नी,,,,,कविता ने शरमाते हुए हेलो बोला,,,,

हेलो कविता ,,,,तुम यहाँ क्यूँ आई हो इसके साथ,,,,


अरे वाह मुझे ना हाई ना हेलो ऑर उसको एक ही बार मे हेलो का जवाब भी दे दिया,,,चलो कोई बात
नही,,,,चल अब साइड हो इसको तो अंदर आने दे,,सोनिया ने फिर से हंसते हुए बोला तो कविता भी हँसने
लगी,,,

मैने गेट खोला तो कविता अंदर की तरफ आ गयी,,,लेकिन जैसे ही सोनिया ने एक कदम आगे की तरफ
बढ़ाया तो मैं गेट के सामने खड़ा हो गया,,,,

मेरी इस हरकत से सोनिया फिर से हँसने लगी,,,,,ऑर मुझे उसपे हैरत होने लगी,,,,

मुझे अंदर नही आना सन्नी मैं तो बस कविता को यहाँ छोड़ने आई हूँ,,,कल हम लोगो का
लास्ट एग्ज़ॅम है ऑर मैं कोई रिस्क नही लेना चाहती ,,,,कहीं तू सारा दिन गेम खेलता रहा ऑर स्टडी
नही की तो मुझे नुकसान हो जाएगा ,,,मेरे हाथों मेरी अक्तिवा निकल जाएगी,,,इसलिए नुकसान से
बचने के लिए ऑर तेरी एग्ज़ॅम मे हेल्प करने के लिए मैं कविता को यहाँ छोड़ कर जा रही हूँ,,
क्यूकी मेरे से तो तूने हेल्प लेनी नही है,,,अब कविता की हेल्प लेना ऑर आराम से ध्यान लगा कर
स्टडी करना,,,,ओके अब मैं चली हूँ कविता,,,,,

इतना बोलकर सोनिया ने मुझे बाइ बोला,,,,

ओके बयी सन्नी,,,ओके बाइ कविता,,,,मैं तुझे शाम को लेने आउन्गी,,,,अच्छी तरह से हेल्प करवा देना
इसकी,,,,अगर नही माने तो 1-2 लगा भी देना ,,,इतना बोलकर सोनिया हँसने लगी ऑर साथ मे कविता भी
फिर सोनिया ने अक्तिवा स्टार्ट की ऑर वहाँ से चली गयी ऑर जाते टाइम एक दम से रुक गयी ऑर मुझे हँसके
देखने लगी ऑर बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कविता याद से मुझे कॉल कर देना अगर काम बन गया तो,,,

ओके कर दूँगी,,,,कविता ने भी उसकी बात का जवाब दिया,,,,

मैने सोचा ये कोन्से काम की बात कर रही है,,,,मुझे कुछ समझ नही आया उसकी बात का,,


सोनिया के जाने के बाद मैने गेट बंद किया तो तब तक कविता घर के अंदर चली गयी थी,,,मैने
दिल ही दिल मे सोचा कि सोनिया को कितनी टेन्षन है मेरे एग्ज़ॅम को लेके या फिर अपनी आक्टिव को लेके
इसलिए कविता को मेरी हेल्प करने के लिए यहाँ छोड़ गयी,,

लेकिन एक पंगा भी हो गया था,,,सोनिया जिस तरह से मुझे देख कर गयी थी ऑर खुश हो रही थी उस से
मुझे अजीब बेचैनी होने लगी थी,,,कविता ऑर सोनिया जब गेट पे थी तो मुझे समझ नही आ रहा
था मैं किसकी तरफ देखु ऑर किसकी तरफ नही देखु,,,,दोनो की दोनो बहुत खूबसूरत ऑर मासूम
चेहरे वाली थी,,,,

खैर,,,,मैं गेट बंद करके घर के अंदर आया ऑर अंदर आके मेन डोर को भी बंद कर दिया ऑर
कविता को देखने लगा ,,,लेकिन वो नज़र नही आ रही थी,,,तभी मुझे किचन से बर्तनो की आवाज़
आई ऑर मैं किचन मे चला गया,,,,

मैने किचन मे जाके देखा कि कविता गॅस के पास खड़ी हुई थी,,,,मुझे किचन मे आते देखकर
वो शरमा रही थी,,,,वैसे मैं भी थोड़ा शरमा तो रहा था क्यूकी हम दोनो घर पर अकेले
थे इसलिए हम दोनो को ही थोड़ा सा डर लग रहा था ऑर शरम भी आ रही थी एक दूसरे के पास
जाने मे,,,,,

तुम किचन मे क्या कर रही हो,,,,,मैने कविता के पास जाते हुआ पूछा,,,

स्टडी करने से पहले नाश्ता नही करना क्या,,,,मुझे पता है तूने अभी तक नाश्ता नही किया होगा
इसलिए घर से सॅंडविच बना कर लेके आई हूँ तेरे लिए,,,,ऑर अब कॉफी बना रही हूँ,,,कविता
ने सारी बात शरमाते हुए बोली,,,,उसका सर नीचे की तरफ झुका हुआ था लेकिन एक साइड से भी मुझे
उसका हंसता हुआ शरमाता हुआ चेहरा नज़र आ रहा था,,,,

तुझे कैसे पता मैने अभी तक नाश्ता नही किया होगा,,,,,मैने कविता के बिल्कुल पास जाके अपने
दोनो हाथ उसके दोनो तरफ के शोल्डर पर रखते हुए ये बात बोली,,,,

वो एक दम से सिहर गयी मेरी इस हरकत से,,,उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा,,,,लेकिन फिर भी उसने
खुद को संभालते हुए मेरी तरफ देखा,,,,उसकी आँखों मे मेरे लिए प्यार था ऑर उसके लिप्स पर
हल्की मुस्कुराहट ऑर फेस पर हल्की शरम थी,,,,उसके गाल शरम से लाल हो गये थे,,,

मुझे तो ये भी पता है सन्नी कि तूने रात को डिन्नर भी नही किया ,,,उसने थोड़ी चिंता से ये
बात बोली जैसे मेरे डिन्नर नही करने से उसको मेरी चिंता हो गयी थी,,,बोल नही किया था ना रात
को डिन्नर तूने,,,,
Reply
07-16-2019, 11:55 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसकी बात से थोड़ा हैरान हो गया,,,,,,,,तुझे कैसे पता मैने रात को डिन्नर भी नही किया
था,,,,तू मेरे पर नज़र रख रही थी क्या,,,मैने हंसते हुए बोला,,,,


नज़र रखने की ज़रूरत नही मुझे तेरे पर सन्नी,,मैं जानती हूँ तू कैसा है,,,,,उसने फिर से
शरमाते हुए बोला,,,,

अच्छा फिर तुझे कैसे पता मैने डिन्नर नही किया ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा,,,,मेरे
हाथ अभी भी उसके शोल्डर पर थे ओर मैने उसको ये बात बोलते हुए अपने करीब कर लिया था,


हम दोनो अब एक दूसरे से चिपक कर खड़े हो गये थे,,हम दोनो मे से हवा भी क्रॉस नही
कर सकती थी,,,,,उसके छोटे-2 बूब्स मेरी छाती से दबने लगे ,,उसकी दिल की धड़कन भी तेज हो गयी
थी ऑर साँसे भी भारी हो गयी थी,,,मेरे हाथ तो उसके शोल्डर पर थे लेकिन उसके हाथ अभी भी
नीचे की तरफ लटक रहे थे ,,,

लेकिन तभी उसने अपने हाथ उपर उठाकर मेरी चेस्ट पर रख दिए ऑर अपना चेहरा उपर उठा लिया
ऑर मेरी आँखों मे आँखें डालके बोली,,,,,,,,,सोनिया ने बोला था मुझे,,,कि तूने रात ओर डिन्नर भी
नही किया होगा ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा,,,,

उसने सोनिया का नाम लिया तो मेरे हाथों की पकड़ उसके शोल्डर पेर कमजोर हो गयी ओर उसी टाइम
उसने भी मेरी छाती पर अपने हाथों से मुझे अपने से दूर कर दिया,,

सोनिया ने बोला था मुझे कि कल तूने उसको गुस्से मे घर से निकाल तो दिया लेकिन हर्ट तू खुद भी
हुआ होगा,,,,जैसे वो घर से जाके उदास हुई थी वैसे तू भी उदास हुआ होगा,,,,तूने डिन्नर भी
नही किया होगा भूखा ही सो गया होगा,,,,ऑर शायद तुझे नींद भी नही आई होगी,,,सोने मे दिक्कत
भी हुई होगी,,,

मैं थोड़ा हैरान रह गया,,,

हैरान मत हो सन्नी,,,,मुझे भी पता था तू उदास था जब सोनिया कल घर से जा रही थी ऑर तेरे
हाथ की चोट देखकर मुझे यकीन हो गया था कि तुझे अच्छा नही लगा सोनिया को घर से निकाल
कर ओर मुझे ये भी पता था तू डिन्नर नही करेगा,,,,ऑर अभी तक नाश्ता भी नही किया होगा इसलिए
नाश्ता लेके आई हूँ मैं घर से,,,


मैं उसकी बातों से थोड़ा उदास हो गया,,,बेचारी सोनिया कितनी अच्छी तरह से समझती थी मुझे कितनी
अच्छी तरह से जानती थी मेरे बारे मे,,,ऑर वैसे ही ये कविता भी,,,,उतनी ही अच्छी तरह से जानती थी
मुझे जितनी अच्छी तरह से सोनिया,,,मैं तो दोनो के बारे मे सोच सोच कर पता नही किन ख़यालो
मे खो गया,,,,

तभी कविता बोली,,,,कहाँ खो गया सन्नी,,,,,नाश्ता नही करना क्या,,,,

मैं अपने ख्यालों से बाहर निकला तो देखा कविता हाथ मे कॉफी कप लेके खड़ी हुई थी,,चल
वो सॅंडविच उठा ऑर बाहर आजा,,,,

कविता कप लेके बाहर चली गयी ओर मैने वो सॅंडविच उठाए ओर बाहर डाइनिंग टेबल पर आ गया,,

वहाँ आके मैने कविता की तरफ देखा ऑर उसके पास ही आके बैठ गया,,,उसने एक कप कॉफी मेरी
तरफ बढ़ा दी ऑर हम लोग नाश्ता करने लगे,,,,,जैसे ही मैने सॅंडविच की एक बाइट ली कविता ने अपना
फोन लिया ऑर किसी को फोन करने लगी,,,,

हेलो सोनिया,,,,काम हो गया है,,,अब तुम भी कुछ खा लो,,,,,कविता ने इतनी बात खुश होके
हंसते हुए बोली ऑर बाइ बोलके फोन कट कर दिया,,,,,


कॉन्सा काम हो गया कविता ,,ऑर तुम सोनिया से क्या बात कर रही थी,,,क्या काम बोला था उसने जाते
टाइम तुमसे,,,,

कविता हँसने लगी,,,,,तू बुद्धू का बुद्धू रहना सन्नी,,,,,जिस बेहन को पता है कि उसके भाई ने
रात डिन्नर भी नही किया ऑर अब तक नाश्ता भी नही किया होगा भला उसको भूख लग सकती है
क्या,,,,,,

मैं कुछ समझा नही क्या बोली तुम कविता,,,,

तुम हो ही नासमझ कहीं के,,,,,दिमाग़ तो चलता ही नही तेरा,,,,लेकिन दिल से तो काम ले सकता है
ना तू सन्नी,,,,,,,,

अरे बाबा ठीक से बोलो ना मुझे कुछ समझ नही आ रहा,,,तुझे जब पता है मैं नासमझ हूँ
तो अच्छी तरह से समझा दो ना मुझे,,,

सोनिया को पता था तूने कुछ नही खाया होगा उसके जाने के बाद,,,इसलिए उसने भी अभी तक कुछ
नही खाया है सन्नी,,,,ना तो उसने रात डिन्नर किया ऑर ना ही अभी तक नाश्ता किया है,,,बोली मुझे
कि पहले जाके सन्नी को कुछ खिला दो बाद मे वो खाएगी,,,,इसलिए तो जाते टाइम बोलकर गयी थी काम
हो जाए तो कॉल कर देना मुझे,,,,,,तू क्या समझता है मैं तेरी हेल्प करने आई हूँ

कविता की इस बात से मेरे मूह मे सॅंडविच इधर उधर घूमने लगा ,,उसको हलक से नीचे उतारने
को दिल ही नही किया मेरा,,,,आँखें नम होने लगी लेकिन कविता के सामने रोने से डर लग रहा था,,
वैसे भी एक लड़का लड़की के सामने रोने से डरता है,,,क्यूकी ऐसा करने से लड़की उसको कमजोर
समझ लेती है लेकिन सच तो ये है कि अगर लड़का लड़की के सामने रोता है तो उस से बड़ा हिम्मतवाला
कोई नही होता,,,,,लेकिन शायद मैं वो हिम्मत वाला नही था इसलिए कविता के सामने रोने से डर
रहा था,,,,

मैं वो हिम्मत वाला तो नही था जो कविता के आगे रो सकता लेकिन मेरी आँखों की नमी कविता से
छुपी नही रह सकी,,,उसने मेरी आँखों की नमी देख ली थी,,,,,,

उसने मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर बोली,,,,,,,,,अब रो क्यूँ रहा है,,,,जब अपनी बेहन को हर्ट किया था
उसको थप्पड़ मारा था तब ये नही सोचा था कि उसके थप्पड़ का दर्द तुझे भी सहना होगा,,,ऑर
तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे यहाँ एग्ज़ॅम मे हेल्प करने आई हूँ,,,,मुझे तो सोनिया ने इसलिए
भेजा था ताकि मैं तुझे कुछ खिला दूं,,,,तू अभी तक भूखा होगा,,,जब तक तू कुछ नही
खाएगा तब तक उसने भी कुछ ना खाने की सोच ली थी,,,,,

मेरी आँखों मे आँसू छलक गये कविता की बात सुनके ऑर सोनिया के दिल मे मेरे लिए इतना प्यार
देखकर,,,,वो पगली मेरे से दर्द लेती है फिर भी शिकायत नही करती,,,,उल्टा मेरी केर करती है,,

जब अपनी बेहन का दर्द नही देख सकता तो क्यूँ दर्द देता है तू उसको,,,,मुझे नही पता सन्नी तेरी
फाइट क्यूँ हुई उसके साथ,,,ना तूने मुझे बताया ऑर ना ही उसने,,,,लेकिन मुझे पता है ग़लती तेरी होगी
ऑर अगर ग़लती सुधारनी है तो एग्ज़ॅम मे पास हो जाना सोनिया शायद तुझे माफ़ कर्दे,,,,,बाकी एग्ज़ॅम का
तो पता नही कैसे हुए तेरे लेकिन कल का एग्ज़ॅम अच्छा करना तू,,,इतना बोलकर कविता ने मेरी आँखों
से बहने वाले आँसू सॉफ किए अपने हाथों से,,,,


लेकिन तभी मेरे आँसुओं का बाँध टूट गया ऑर मैं फुट फुट कर रोने लगा,,,मुझे सोनिया की एक
दम से इतनी याद आने लगी कि उसकी याद ने आँसुओं के बाँध को तोड़ दिया,,,,,

तभी कविता अपनी चेर से उठकर खड़ी हो गयी ,,उसने मेरे सर को पकड़ा ऑर अपने पेट पेर नाभि
के पास रख लिया ऑर रोते हुए मुझे चुप करवाने लगी,,,,,,,


सन्नी ,,,,,,क्यूँ रो रहा है ऐसे बच्चे की तरह,,चल चुप कर,,,,,वो मुझे चुप करवा रही थी
ऑर मेरे सर पेर हाथ फिरा रही थी,,लेकिन मैं रोता ही जा रहा था,,,,मेरे से आँसू संभालने
मुश्किल हो गये थे अपनी बेहन के दिल मे अपने लिए प्यार देखकर,,,,,,,,

तभी मैं रोते हुए बोला,,,,,,पता नही वो क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे,,,मैं उसका भाई
हूँ ऑर उसको इतना हर्ट करता हूँ लेकिन फिर भी वो मेरी कितनी केर करती है,,,,कल थप्पड़ की
वजह से उसके मूह से खून निकल आया था तब भी वो मेरे पर गुस्सा नही हुई,,,ऑर अब मेरी वजह
से उसने खाना भी नही खाया,,,कितनी शरम की बात है मेरे लिए,,,,मेरे जैसे भाई को डूबकर
मर जाना चाहिए जो अपनी प्यारी बेहन सोनिया के साथ ऐसा बर्ताव करता है,,,,

श्ह्ह्ह्ह्ह्ह रोना बंद करो सन्नी,,,,मुझे नही पता तुम दोनो मे फाइट क्यूँ हुई सन्नी,,,ना तो
तूने मुझे कुछ बताया ओर ना ही उसने,,,लेकिन वो तुम्हारे बारे मे कुछ ग़लत नही सोचती,,,उसने तो
बोला कि कल तूने उसको जो थप्पड़ मारा था उसकी भलाई के लिए मारा था,,,,वो तेरे थप्पड़ से उदास
नही थी बहुत खुश थी,,,वो तेरे बारे मे कभी बुरा सोच ही नही सकती,,,इतना बोलते हुए कविता ने
मेरे सर को उपर अपनी तरफ उठा लिया ऑर मेरे आँसू सॉफ करने लगी,,,,,,,,,,चल अब रोना बंद कर
ऑर ये मत सोचना कभी कि सोनिया तेरे बारे मे कुछ ग़लत सोचती है,,,या तुझे बुरा इंसान समझती
है,,,,वो तो तुझे अपना बहुत प्यारा भाई मानती है,,,,बहुत केर करती है,,,,कविता बोलती जा रही थी
ऑर मेरे आँसू सॉफ करती जा रही थी,,,,

मेरे आँसू तो थम गये थे लेकिन दिल अभी भी दर्द कर रहा था,,,,दुखी था,,,सोनिया एक बारे मे
सोच सोच कर,,,,,

चल अब रोना बंद कर सन्नी ऑर खाना खा ले,,,,देख तू नही खाएगा तो मैं भी नही खाउन्गि
कविता ने इतना बोला ऑर मायूस चेहरे बना लिया,,,मुझे बहुत भूख लगी है सन्नी,,

क्यूँ तूने भी रात से कुछ नही कहा क्या,,,,मैने ये बात नम आँखों से मायूस चेहरे पर
हल्की खुशी लेक बोली,,,


क्यूँ मैं क्यूँ भूखी रहूंगी तुम भाई बेहन की फाइट की वजह से,,,,मैने तो रात पेट भरके डिन्नर
किया था अब तो भूख इसलिए लग रही है क्यूकी मैने सॅंडविच बहुत अच्छे बनाए है ना,,,मेरे
मूह मे पानी आ रहा है सॅंडविच देख देख कर,,,,,चल अब जल्दी खा ना ऑर मुझे भी खाने
दे ,,,,,,,,,इतना बोलकर कविता ने एक बार फिर से मेरी आँखो की नमी को सॉफ किया ऑर वापिस चेयर
पर बैठ गयी,,,,,
Reply
07-16-2019, 11:55 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसके कहने पर मैं नाश्ता करने लगा,,,,लेकिन सॅंडविच को मूह मे लेके चबाने मे ऑर हलक
से नीचे उतारने मे मुझे मुश्किल हो रही थी,,,मुझे बार बार सोनिया के चेहरा नज़र आ रहा था
जब मैने उसको थप्पड़ मारा था ऑर उसके होंठों से खून निकल आया था लेकिन तब भी वो मुस्कुरा
रही थी,,,,,,,,,


जैसे तैसे नम आँखें लेके मैं चेयर पर बैठ हुआ नाश्ता कर रहा था ऑर कविता भी नाश्ता कर
रही थी,,,,वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी,,,,,,

नाश्ता ख़तम होते ही कविता उठी ऑर बर्तन उठकर किचन मे जाने लगी,,,मैने उसका हाथ पकड़
लिया,,,,,

क्या हुआ सन्नी,,,,वो थोड़ा घबराते हुए शरमाते हुए बोली,,,,,,


कुछ नही,,,,,ये बर्तन मैं रख देता हूँ किचन मे तुम सोनिया को फोन करके पूछो उसने
नाश्ता कर लिया क्या,,,,,

कविता ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा ऑर बर्तन मुझे पकड़ा दिया,,,,,,,अच्छा अभी पूछती हूँ,,

उसने अपने फोन लिया ऑर सोनिया को कॉल करदी,,,,

हेलो सोनिया,,,,नाश्ता कर लिया क्या,,,हम लोगो ने तो कर लिया है अब स्टडी करने लगे है,,,वो बात
करने लगी ऑर मैं खुश होके किचन मे चला गया बर्तन रखने के लिए,,,,,

जब मैं बर्तन रखके वापिस आया तो कविता की बात हो चुकी थी सोनिया से,,,

सोनिया ने भी नाश्ता कर लिया है सन्नी,,,,अब वो स्टडी करने लगी थी,,,चलो हम भी चलते है
बाहर गर्दन मे ऑर स्टडी करते है,,,,,सर्दी है ना इसलिए बाहर बोला वरना रूम मे बैठ जाते


उसके शायद डर था कहीं मैं कुछ गड़बड़ नही करूँ ,,,,शायद उसकी तबीयत अभी तक ठीक नही
हुई थी लेकिन अब मेरी भी हालत ठीक नही थी,,,मेरा दिल नही कर रहा था मस्ती करने को ,,मैं तो
बस सोनिया के बारे मे सोचता जा रहा था ऑर उदास भी था,,,


इट्स ओके कविता,,,तुम बाहर गार्डन मे चलो ऑर मैं बुक्स लेके आता हूँ,,

कहाँ बैठना है फ्रंट गार्डन मे या बॅक साइड ,,,,,कविता ने शरमाते हुए बोला,,,,

जहाँ भी तुम्हारा दिल करे,,,,,स्टडी ही करनी है जहाँ मर्ज़ी चलो,,,मुझे कोई परेशानी नही,,,,

ठीक है फिर पीछे वाले गार्डन मे आ जाना,,,इतना बोलते हुए शरमाते हुए वो पीछे वाले गार्डन की
तरफ चली गयी ऑर मैं बुक्स लेने उपर की तरफ चला गया,,,,,

बुक लेके मैं नीचे आया ओर पीछे वाले गार्डन मे चला गया,,,कविता वहाँ धूप मे घास पर
जाके बैठ गयी थी,,,उसने अपनी बुक को अपनी गोद मे रखा हुआ था ऑर स्टडी करने लगी थी,,

मैं भी उसके पास जाके बैठ गया लेकिन ज़्यादा पास नही,,मैं उस से कुछ दूरी पर बैठा था,,
ऑर अपनी बुक को अपनी गोद मे रखकर ध्यान बुक की तरफ कर लिया,,,,,,,

मैं मोका तलाश करता हूँ अक्सर ऐसी खूबसूरत लड़की के साथ अकेले होने का ताकि खूब मस्ती
कर सकूँ लेकिन आज कविता मेरे साथ थी घर पर ,,,हम दोनो के सिवा कोई नही था,,लेकिन फिर भी
मेरा दिल नही था मस्ती करने का,,,आज दिल कुछ उदास हो गया था मेरा,,इसलिए इतनी खूबसूरत लड़की
के पास होने पर भी मेरा ध्यान बुक की तरफ था,,,


मैं स्टडी पर ध्यान लगा रहा था लेकिन दिल उदास था ऑर उदासी की वजह से ध्यान बार बार सोनिया
की तरफ जा रहा था,,,,उस मासूम को कितनी टेन्षन थी मेरी ,,कितनी केर थी मेरी,,,,मैं रात को
भूखा सोया था तो उसने भी कविता के घर पर डिन्नर नही किया था,,,,ऑर आज जब मैने नाश्ता कर
लिया तो उसने भी नाश्ता कर लिया,,,ऑर कविता को भी खांस कर मेरे नाश्ते के साथ भेजा था,,ना कि स्टडी
करने के लिए,,,,,,यही सोचता हुआ मैं उदासी के समुंदर मे डूबता जा रहा था ,,

तभी कविता पास आ गयी,,,उसने दोनो हाथों से मेरे फेस को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया,,ऑर मेरे
उदास चेहरे को देखने लगी,,,,,,,,,,,अभी तक उदास है तू सन्नी,,अब तो दिल हल्का मत कर ना तू प्ल्ज़्ज़
देख तू उदास होगा तो मैं भी उदास हो जाउन्गी,,,,चल प्ल्ज़्ज़ ना मूड ठीक कर अब तो सोनिया ने भी
नाश्ता कर लिया है,,,

वो मुझे समझने लगी थी लेकिन मेरे चेहरा अभी भी उदास था ऑर आँखें नम,,,

अच्छा तो तू मेरी बात नही मानेगा,,कविता ने हंसते हुए बोला,,,लेकिन मुझे पता है तेरी उदासी कैसे
दूर करनी है,,,,इतना बोलकर उसने शरमाते हुए अपनी आँखें बंद की ऑर अपने लिप्स को मेरे लिप्स की
तरफ आगे बढ़ने लगी ऑर कुछ ही पल मे उसके लिप्स मेरे लिप्स पर टिक गये,,,उसने हल्के से मुझे किस
की ऑर पीछे हट गयी,,,क्यूकी मैने उसको किस का रेस्पॉन्स देने क लिए अपने लिप्स को नही खोले थे,

उसने पीछे हटके मुझे देखा ऑर बोली,,,,सन्नी इतना उदास मत हो ना प्ल्ज़्ज़,,अब तो खुश हो जाओ

मैं फिर भी उदास ही रहा,,,,

अब तो सब ठीक हो गया है ना,,,,तूने भी नाश्ता कर लिया ऑर सोनिया ने भी,,,अब तो खुश होज़ा ना ,,
देख तू खुश नही हुआ तो मैं उदास हो जाउन्गि ऑर बता भला मेरे जैसी खूबसूरत लड़की उदास
अच्छी लगेगी तुझे,,,,उसने अपनी आँखे मटकाते हुए मासूम चेहरे पर हल्की शरारती मुस्कान के साथ
ये बात बोली,,,,

उसकी इस हरकत से मैं थोड़ा खुश हो गया ,,,मेरे चेहरे पर खुशी देखकर उसने फिर से मुझे
हल्की किस करदी लिप्स पर,,,,हां ये हुई ना बात,,,,जैसे तुझे मैं उदास अच्छी नही लगूंगी वैसे तू भी
उदास अच्छा नही लगता मुझे,,,ऐसे ही हंसता खेलता रह तू मेरे सन्नी,,हमेशा खुश रह,,,कभी
उदास मत होना ,,तुझे उदास देखकर मेरा भी दिल उदास हो जाता है,,,,,वो हल्के हल्के ऐसे बोल रही
थी ऑर मुझे हल्की हल्की किस भी कर रही थी,,,,

तभी वो पीछे हटके बैठ गयी,,,अब तो मूड ठीक है ना जनाब का,,,,उसने हँसके शरमाते हुए बोला


हां मूड तो वैसे भी ठीक था मेरा कविता जी,,,मैने भी शरारती अंदाज मे उसकी बात का जवाब
दिया तो वो खुश हो गयी,,,,

एक बात पुछु क्या तेरे से कविता,,,,

मेरे से कुछ पूछने क लिए तुझे मेरी इजाज़त की ज़रूरत नही सन्नी,,,,तू मेरे से कभी भी कुछ
भी पूछ सकता है,,,,


देख कविता,,,तू सोनिया की अच्छी दोस्त है,,,ऑर मेरी भी,,,लेकिन तूने मुझे कभी इस बात का एहसास तक
नही होने दिया कि तू मेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे जानती है,,जो कुछ भी कामिनी भाभी ऑर
मेरे बीच मे हुआ उसके बारे मे जानती है,,,,तूने कभी मुझे भनक भी नही लगने दी किसी बात
की ,,,लेकिन तुमने सोनिया को सब बता दिया था जो भी तुम्हारे डॅड ने तुम्हारे साथ किया या फिर कामिनी
भाभी के साथ किया,,,,तो क्या उसी तारह तुमने मेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे सोनिया से कुछ कहा
तो नही,,,,,ऑर क्या तुमने उसको हम लोगो के बारे मे कुछ बताया तो नही,,,,


मेरे सवाल से कविता थोड़ी उदास हो गयी,,,,नही सन्नी,,,मैने सोनिया को कुछ नही बताया कभी तेरे
ऑर मेरे बारे मे,,,,ऑर ना ही वो तेरे ऑर कामिनी भाभी के बारे मे कुछ जानती है,,डॅड ऑर अपने बारे
मे तो मैने इसलिए बताया था क्यूकी मेरे दिल मे एक दर्द था जिसको मैं किसी के साथ बाँटना चाहती
थी ऑर मेरा दर्द बाँटने के लिए मेरे पास सोनिया के सिवा कोई नही था,,,मैं उसी को बता सकती थी,,,
मैं एक लड़की हूँ सन्नी ये बात मैं तुझे नही बता सकती थी,,ऑर कामिनी भाभी ऑर तेरे बारे मे
मैं तेरे से इसलिए बात नही करना चाहती थी क्यूकी मुझे गुस्सा आता था जब भी तुम्हारे ऑर भाभी
के बारे मे सोचती थी,,,,,ये तो भाभी को प्राब्लम थी जो उनको लड़का नही हो रहा था ऑर उसी वजह
से मेरा कमीना बाप मेरी दोस्त जैसी भाभी के जिस्म से खेलता रहता था,,,अगर एसी कोई मजबूरी नही
होती तो मैं कभी तुझे भाभी के पास भी नही जाने देती,,,तेरी जान ले लेती मैं,,,,क्यूकी कभी सपने
मे भी तुझे भाभी के साथ एक ही बेड पर देखती तो गुस्सा आने लगता मुझे ऑर मैं सपने से जाग
जाती थी,,,,ऑर जब भी मुझे सपने मे मेरा बाप मुझे अपने बेड पर नज़र आता तो मैं उठकर रोने
लगती थी,,,,,,,,,इतना बोलकर वो सच मे रोने लगी,,,,


अरे पगली रोने क्यूँ लगी अब तू,,,चल चुप कर,,,मैने तेरे को रुलाने के लिए ये सब नही पूछा था
मैं उसको चुप करवाने लगा,,,,,

वो रोते हुए बोलने लगी,,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी फिर कभी अपने ऑर कामिनी भाभी के बारे मे बात नही करना
ऑर ना ही मेरे ओर मेरे कमिने बाप के बारे मे,,,,क्यूकी वो सब बुरे सपने है बुरी यादें है मैं
जिनको भूल जाना चाहती हूँ,,,,कभी नही याद करना चाहती उन यादों को जिनमे मेरा प्यार मेरी
ही भाभी के साथ हमबिस्तर होता है ओर ना ही कभी याद करना चाहती हूँ उन यादों को जब मेरा
कमीना बाप शराब के नशे मे मेरी साथ वो घटिया हरकते करता है,,,,मैं उन सब यादों को
भूल जाना चाहती हूँ लेकिन फिर भी ना जाने क्यूँ वो बुरी यादें मेरा पीछा नही छोड़ती,,,वो
फिर से रोती जा रही थी,,,,


मैने उसके आँसू पोन्छ दिए,,,,चुप कर पगली,,,,मैं तुझे रुलाना थोड़ी चाहता था,,,,ऑर आगे से
कभी मैं तुझे वो सब याद नही कराउन्गा ऑर ना ही तुझे याद करने दूँगा वो सब,,,क्यूकी अब
तू मेरे साथ है ऑर मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ,,ऑर मैं तुझे इतना प्यार करूँगा कि तुम सब
पुरानी बातों को भूल जाओगी,,,वैसे भी कहते है ना कि पुरानी यादों को भूलने के लिए नयी
यादें बनानी पड़ती है,,,वैसे ही मैं भी प्यार से तेरे साथ मिकलर नयी यादें बनाउन्गा ऑर तुझे
तेरी सारी पुरानी यादें भुला दूँगा,,,हम दोनो प्यार की ज़मीन पेर पुरानी यादों को दफ़न करके
उसी ज़मीन पर नयी यादों का एक फूल खिला देंगे,,,बोल क्या तू मेरा साथ देगी नयी यादें बनाने
मे ,,,,मैने इतना बोलते हुए उसके आँसू सॉफ किए तो उसने भी हल्की स्माइल से मुझे हां मे सर हिला
कर बता दिया कि वो भी मेरा साथ देगी,,,,
Reply
07-16-2019, 11:56 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने उसकी आँखें सॉफ की ऑर उसके करीब होके उसके लिप्स पर हल्की किस करदी ,,फिर एक के बाद एक
मैने 15-20 किस करदी उसके लिप्स पर,,,किस की बरसात से वो भी गर्म हो गयी ऑर मैं भी,,,मैने हाथ
आगे बढ़ा कर उसको उसकी कमर से पकड़ा ऑर उपर उठा कर अपनी गोद मे बिठा लिया,,,,,उसने भी अपनी दोनो
टाँगो को खोला ऑर अपनी टाँगो को मेरी कमर की दोनो तरफ से करते हुए मेरी टाँगो पर
मेरी गोद मे आके बैठ गयी,,,


मैं घास पर बैठा हुआ था ऑर कविता मेरी गोद मे आके बैठ चुकी थी,,,मेरे दोनो हाथ उसकी
कमर पर थे ,,उसने अपनी दोनो टाँगो को खोलकर मेरी कमर के दोनो तरफ करके मुझे अपनी
टाँगो से मेरी कमर से पकड़ लिया था ऑर तभी उसने मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ा ऑर मेरे
चहरे को देखने लगी,,,,,उसकी आँखें भी नम थी ऑर मैं भी काफ़ी उदास था पहले ऑर अब हम दोनो
एक दूसरे की उदासी को दूर करने की कोशिश करने वाले थे ऑर शायद कामयाब भी होने वाले थे
क्यूकी उसकी आँखों से आँसू रुक गये थे ओर आँखों मे अजीब चमक उतर आई थी ऑर चेहरे से उदासी
कहीं दूर उड़ गयी थी ऑर हल्की शरम के साथ एक मीठी मुस्कान आ गयी थी उसके चहरे पर,,,उसने
बड़े प्यार से मुझे देखा ऑर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए ,,मैने भी एक ही पल मे उसके लिप्स
को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर फिर शुरू हुआ हम दोनो का प्रेम मिलन एक प्यार भरा डीप किस
उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भरना शुरू कर दिया ऑर मैने भी उसके लिप्स को अपने लिप्स मे पकड़
कर चूसना शुरू कर दिया,,,

उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने मूह मे भर लिया ऑर इसी दौरान उसका उपर वाला लिप्स मेरे लिप्स मे
पकड़ा हुआ था ऑर मैं भी उसके उपर वाले लिप्स को चूस रहा था,,कभी वो अपनी ज़ुबान को मेरे
मूह मे डालके मेरे पूरे मूह मे घुमाने लगती तो कभी अपने दाँतों से मेरी ज़ुबान को पकड़
कर अपने मूह मे भर लेती ऑर चूसने लगी,.,..अब तक उसके हाथ जो मेरे चहरे पर थे वो हाथ
मेरे सर पर पहुँच गये थे ऑर उसने अपने हाथों की उंगलियों से मेरे सर को सहलाना शुरू कर
दिया था,,,मेरे हाथ भी उसकी कमर से होते हुए उसकी पीठ पर चले गये थे,,,उसने जीन टॉप
पहना हुआ था,,,,,,,मेरे हाथ जैसे ही उसकी पीठ पर गये मैने उसके टॉप मे अपने हाथ घुसा दिया
ऑर उसकी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाने लगा,,,,मेरे हाथ धीरे धीरे उपर उठते गये उसकी
मखमली पीठ पर ऑर फिसलते हुए उपर की तरफ उसकी ब्रा तक पहुँच गये,,,,मैने अपने हाथों से
उसकी ब्रा के हुक्स खोल दिए ऑर मेरे ऐसे करते ही उसने मेरे सर को अपने सर से दूर कर दिया जिस से
हम दोनो के लिप्स भी एक दूसरे से दूर हो गये,,,,उसने मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा लेकिन अब उसकी
आँखों मे प्यार से कहीं ज़्यादा सेक्स का नशा झलक रहा था,,,,,उसके होंठों पर मेरा थूक लगा
हुआ था उसके होंठ ऑर भी ज़्यादा चमक रहे थे,,,उसकी आँखों मे भी सेक्स के नशे की चमक थी

उसकी साँसे भारी थी ऑर उखड़ भी रही थी उसकी हार्टबीट भी काफ़ी तेज थी,,,ब्रा के हुक्स खुलने से वो
ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गयी थी ,,,उसने कुछ पल ऐसे ही मुझे देखा ऑर फिर से मेरे होठों पर टूट पड़ी
ऑर इस बार पहले से कहीं ज़्यादा प्यार ऑर पागलपन से मुझे किस करने लगी,,,,,,मेरे हाथ अभी तक उसके
टॉप के अंदर थे ऑर मैं अपने हाथों से उसकी मखमली पीठ को सहला रहा था,,,उसके हाथों की
उंगलियाँ भी मेरे सर पर बालों मे अपना हुनर दिखा रही थी,,,वो बड़े प्यार से मेरे सर को सहला
रही थी,,तभी मेरे हाथ जो उसकी पीठ पर थे वो उसकी पीठ से होते हुए कमर की दोनो तरफ आ
गये ऑर मैने दोनो हाथों से उसके टॉप को उपर उठाना शुरू कर दिया,,,उसका टॉप काफ़ी उपर तक उठ
उठ चुका था ऑर नीचे मेरा लंड भी जाग चुका था,,जो खड़ा होके कविता की चूत पर टच होने
लगा था,,,

उसका टॉप उपर उठते ही उसने एक बार फिर पीछे हटके मुझे देखा,,,,,क्या कर रहे हो सन्नी

मैने कुछ नही बोला,,,उसने फिर से बोला,,,,,,,,,,,,,सुन्नयी कययूउ तान्न्ग्ग क्कार राहही हो,,

तभी मैने पूछा,,,,,,,,,,,,तुम्हारी तबीयत कैसी है कविता,,,,,

वो शरमा गयी ऑर शरमा कर चेहरा झुका लिया,,,,उसको पता था मैं उसकी तबीयत के बारे मे क्यूँ
पूछ रहा हूँ ,,क्यूकी अगर उसकी तबीयत ठीक है तभी मैं आगे बढ़ना चाहता था,,

उसने शरमा कर चेहरा झुका लिया ऑर बोली,,,,,अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ सन्नी ,,उसने इतना बोला ऑर
अपने दोनो हाथ हवा मे उठा लिया,,,,,मैं समझ गया इसने मुझे हरी झंडी दिखा दी है टॉप
उतारने के लिए,,,,मैने भी कोई देर किए बिना टॉप को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया,,,,ऐसा करते ही उसकी
ब्रा जिसके मैं हुक खोल चुका था वो भी टॉप के साथ बाहर निकल आई ऑर कविता के बूब्स मेरे
सामने नंगे हो गये,,,टॉप उतारकर मैने साइड पर रख दिया ऑर जब कविता की तरफ देखा तो उसने अपने
बूब्स पर अपने हाथ रख दिए ऑर बूब्स को कवर कर लिया,,,


अब क्यूँ शरमा रही हो कविता,,,,पहले तो हम 2 जिस्म 1 जान थे लेकिन अब तो हम दोनो का जिस्म
भी एक हो चुका है,,,मेरा बात सुनके कविता ने अपना चेरा उपर उठा लिया ऑर अपने हाथ भी अपने
बूब्स से हटा दिए ऑर जल्दी से मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी गर्दन उपर उठाकर मेरे सर को अपने
बूब्स की तरफ करके मेरे सर को अपनी गर्दन के पास रख दिया ऑर कस कर दबा दिया,,,ऐसे करते
ही मेरे लिप्स उसकी गर्दन पर टिक गये ऑर मैने उसकी गर्दन को चूमना ऑर चाटना शुरू कर दिया,

वो ज़्यादा मस्त हो गयी थी ऑर उस से ये मस्ती बर्दाश्त नही हुई तो उसने अपने जिस्म को पीछे की तरफ
कर दिया,,,मेरे दोनो हाथ उसकी पीठ पर चले गये ऑर उसको दूर जाने से रोकने लगे लेकिन तब तक
देर हो गयी थी वो मेरे से पीछे हटके झुक गयी थी,,,,मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे ऑर वो पीठ को
बेंड करके पीछे की तरफ झुक गयी थी,उसके हाथ पीछे की तरफ घास को टच करने लगे थे ऑर
उसका सर भी पीछे की तरफ हो गया था,,,लेकिन ऐसा करने से उसका पेट मेरे सामने आ गया था,,,मैने
उसके पेट पर हल्की किस करते हुए अपने हाथों से उसको घास पर लिटाना शुरू कर दिया,,,हल्की हल्की
किस करते हुए मैं उसको घास पर लिताता चला गया ऑर जब तक वो घास पर लेट गयी तब तक मैं
उसके उपर झुकता चला गया,,,



मैं घास पर बैठा हुआ था ऑर मेरी दोनो टाँगे खुली हुई थी ऑर कविता मेरी खुली टाँगो के
बीच लेटी हुई थी,,,,उसकी दोनो टाँगे मेरी कमर की दोनो तरफ थी,,ऑर अब उसका उपर का जिस्म भी
नंगा था,,,,,,मैने उसको घास पर लेटा दिया था ऑर अब मेरे हाथ उसकी पीठ से निकालकर उसकी कमर
पर आ गये थे ऑर मैने अपने हाथों को उसकी कमर से खिसका कर उसके पेट पर रखा ऑर फिर उसके
बूब्स की तरफ बढ़ने लगा,,,मैं खुद भी उसके पेट पर झुका हुआ था ऑर मेरा सर उसके पेट से
कुछ दूरी पर ही था,,,जैसे जैसे मेरे हाथ उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगे थे वैसे वैसे मेरे
लिप्स उसके पेट की तरफ बढ़ने लगे थे ऑर जब मेरे हाथ उसके बूब्स तक पहुँचे मेरे लिप्स उसके
पेट पर टच हो गये थे,,,,
Reply
07-16-2019, 11:56 AM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अपने हाथों पर उसके सॉफ्ट ऑर छोटे छोटे बूब्स के एहसास ऑर उसी टाइम अपने लिप्स पर उसके मखमली
पेट का एहसास,,,,एक साथ दो तरफ़ा मस्ती से मैं ऑर भी ज़्यादा मस्त हो गया ऑर कविता भी,,,मेरे लिप्स
जैसे ही उसके पेट को टच हुए उसने अपने हाथों से मेरे सर को अपने पेट पर दबा दिया ऑर मेरे
लिप्स उसकी नाभि के पास जाके डब गये,,मैने अपने लिप्स से उसके पेट पेर नाभि के पास हल्की किस की ऑर
फिर अपनी ज़ुबान को उसकी नाभि मे हल्का सा घुसा दिया ऑर चाटने लगा उसी टाइम मैने उसके बूब्स
को भी अपने हाथों मे भरके दबा दिया,,,उसके बूब्स तो सॉफ्ट थे लेकिन उनकी डुंड़िया काफ़ी हार्ड हो
चुकी थी,,,मैं उसके बूब्स को मसल्ने लगा ऑर उसके पेट पर नाभि के पास किस करता हुआ उसकी नाभि
मे ज़ुबान डालके चाटने लगा,,उसके बूब्स की डुंड़िया जो हार्ड हो चुकी थी मैं उनको भी अपनी
उंगलियों मे भरके दबाने लगा,,,,

कविता भी लेटी हुई मेरे सर को प्यार से सहला रही थी ऑर अपने पेट पर दबा रही थी,,,साथ ही साथ वो
हल्की मस्ती मे धीरे धीरे सिसकियाँ भी ले रही थी,,,मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे ऑर मेरा सर
उसके पेट पर मैं हल्के हल्के उसके पेट पर किस करता हुआ उपर उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगा ऑर
उपर बढ़ते हुए मैने अपनी ज़ुबान से उसके पेट को चाटना भी शुरू कर दिया,,,,धीरे धीरे मैं
उसके पेट से होता हुआ उसके बूब्स तक पहुँच गया ऑर एक बूब्स को अपने हाथ से दबा कर अपने मूह
मे भर लिया,,उसके बूब की डुँड़ी काफ़ी हार्ड हो चुकी थी इसलिए मैने डुँड़ी को अपने लिप्स मे पकड़ा
ऑर दबा दिया लेकिन इस से कुछ नही हुआ तो मैने उसकी डुँड़ी को अपने दाँतों मे पकड़ा ऑर हल्के
से काट दिया तो उसकी अहह निकल गयी,,,,मैने दूसरे बूब्स की डुँड़ी को भी ऐसे ही काट दिया
ऑर फिर बारी बारी दोनो बूब्स को चूस्ता ऑर दबाता गया,,,बीच बीच मे डुँड़ी का काटने भी लगा
जिस से वो हल्के दर्द से अहह करने लगती ,,,,,,,मैं उसके बूब्स चूस्ता हुआ अब उसके उपर लेट
चुका था ,,,अब मेरा लंड भी काफ़ी हार्ड हो गया था जिसका एहसास उसको भी अपनी चूत पर होने
लगा था,,,,मस्ती मे मैने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ते हुए आगे पीछे हिलना शुरू किया तो
उसने अपने हाथों को मेरी पीठ पर रखा ऑर मेरी टी-शर्ट को उपर उठाने लगी,,,मैने भी खुद के
जिस्म को उसके जिस्म से उपर उठाया ताकि वो मेरी टी-शर्ट निकाल सके,,,ऑर जब मेरी टी-शर्ट निकल गयी तो
उसने मेरी पीठ पर अपने हाथ रखे ऑर मुझे उपर नीचे करने लगी,,,मेरा लंड अब पहले से कहीं
ज़्यादा रगड़ लगा रहा था उसकी चूत पर लेकिन जीन्स की पॅंट होने की वजह से वो रगड़ कुछ ज़्यादा
काम नही आ रही थी,,,लेकिन फिर भी उसको हल्की मस्ती का एहसास तो मिल ही रहा था,,,

मैं अपने जिस्म को उपर नीचे करते हुए अपने लंड की हल्की रगड़ लगा रहा था उसकी चूत पर ऑर
उसके बूब्स को चूस रहा था ,,तभी उसने मेरे सर को पकड़ा ऑर उपर की तरफ आने का इशारा करने
लगी,,,मैने अपने सर को उसके बूब्स से उठा लिया ऑर उसके लिप्स की तरफ बढ़ गया उसने भी जल्दी से मेरे
लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर चूमना शुरू कर दिया,,उसने हाथ जो वापिस मेरी पीठ पर चले
गये थे उसने उन हाथों से मेरी पीठ को सहलाते हुए अपने हाथों को मेरे पयज़ामा के अंदर की
तरफ घुसना शुरू कर दिया,,,उसकी इस हरकत से मैने भी अपने हाथ उसकी कमर की तरफ बढ़ाने
शुरू किए ऑर कुछ ही देर मे मेरे हाथ उसकी जीन्स पर थे दोनो तरफ से,,,,मैने उसकी जीन्स को
खोलने की कोशिश की लेकिन उसके उपर लेट कर ऐसा करना मुश्किल लग रहा था मुझे,,इसलिए मैने
उसकी जीन्स कि ज़िप को खोल दिया ऑर जल्दी से मेरा हाथ उसकी ज़िप के अंदर चला गया,,,जैसे ही मेरा हाथ
उसकी ज़िप के अंदर गया मैं खुश हो गया,,,,क्यूकी उसने जीन्स के नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी ऑर
मेरा हाथ उसकी नंगी चूत पर लगा था जाके,,,मैने गौर किया कि उसकी चूत पर आज बाल नही '
थे शायद आज ही उसने शेव की थी चूत पर,,,,शायद ये घर से सोचकर आई थी ये सब करने के लिए
ऑर मुझे खुश करने के लिए,,,,क्यूकी आज उसकी तबीयत बिल्कुल ठीक हो गयी थी,,,,

मैने किस करते हुए अपने हाथ को उसकी ज़िप के रास्ते उसकी जीन्स मे घुसा दिया ऑर उसकी चूत के उपर
उंगली से हल्की हल्की रगड़ लगाने लगा,,,उसके हाथ भी मेरे पयज़ामा के अंदर मेरी गान्ड पर थे
ऑर वो मुझे गान्ड से पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे कर रही थी,,,उसको मेरे लंड की रगड़ अच्छी लग
रही थी उसकी चूत पर ऑर अब मेरी उंगली की रगड़ भी ,,,इसलिए उंगली लगते ही उसने मुझे तेज़ी से
उपर नीचे करना शुरू कर दिया था,,शायद वो चाहती थी कि मैं उसको ज़्यादा मज़ा दूं इसलिए मैने
उंगली को उसकी चूत मे घुसा दिया ऐसा करते ही उसने मेरे लिप्स पर हल्के से काट दिया ऑर फिर पागल
बन के मुझे किस करने लगी,,,दोनो हाथों से मुझे तेज़ी से उपर नीचे करने लगी,,,मैने भी अपनी
उंगली को उसकी चूत से निकाला ऑर साथ ही अपने जिस्म को थोड़ा उपर करके अपने पयज़ामे को नीचे किया
ऑर लंड को बाहर निकाला लिया क्यूकी मैं समझ गया था अब उस से बर्दाश्त नही हो रहा ऑर वैसे
मेरे से भी बर्दाश्त नही हो रहा था,,,,मैने लंड को पयज़ामे से बाहर निकाला ऑर ज़िप के रास्ते अपने
लंड को उसकी चूत तक पहुँचा दिया ,,,,

लेकिन लंड बहुत मोटा था जो ज़िप के रास्ते ज़्यादा अंदर नही घुस रहा था लेकिन फिर भी लंड की टोपी
चूत पर टच होने लगी थी ऑर इसी एहसास से उसने ऑर भी तेज़ी से मुझे उपर नीचे करना शुरू कर
दिया,,,वो पागल हुई जा रही थी बस लंड को चूत मे घुसा लेना चाहती थी,,मैं भी जल्दी से लंड
को उसकी चूत मे घुसा देना चाहता था इसलिए मस्ती मे मेरी कमर भी उपर नीचे हिलने लगी ऑर
लंड की टोपी की हल्की रगड़ लगने लगी चूत पर जिस से मुझे मज़ा आने लगा ऑर शायद कविता को भी
लेकिन मुझे हल्का दर्द भी होने लगा हल्की जलन भी होने लगी क्यूकी ज़िप की साइड का लोहा मेरे लंड
पर रगड़ खा रहा था जिस से मुझे जलन हो रही थी,,,हल्का दर्द होने लगा था लेकिन कविता को इस
बात की टेन्षन नही थी वो तो तेज़ी से मुझे उपर नीचे करने मे लगी हुई थी,,,,,अब तो बर्दाश्त के
बाहर हो गया था,,,एक तो लंड चूत मे नही गया था उपर से ज़िप के लोहे की रगड़ से जलन होने
लगी थी,,,,


मैं जल्दी से उसके उपर से उठ गया ऑर खड़ा हो गया,,,,मैने जल्दी से अपने पयज़ामा निकाला ऑर मेरा
9 इंच से थोड़ा बड़ा लंड देखकर कविता की आँखें चमक गयी लेकिन जल्दी ही वो शरमा भी गयी ऑर
अपने फेस को दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,,,मैं जल्दी से पयज़ामा निकाल कर वापिस घास पर बैठ गया
ऑर मैने कविता की जीन्स के बटन को खोल दिया ऑर जीन्स को थोड़ा नीचे कर दिया,,,लेकिन तभी कविता
ने शरमा कर मेरी तरफ देखा ऑर अपनी जीन्स के पास से मेरे हाथों को पकड़ लिया ऑर मुझे जीन्स
नही उतारने दी,,,मैं समझ गया ये शर्मा रही है,,,,,,

लेकिन तब तक उसकी जीन्स थोड़ी नीचे खिसक चुकी थी ऑर उसकी चूत नंगी हो गयी थी,,,,
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