04-20-2019, 02:23 PM,
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sexstories
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RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
मयूरी इसी मौके की तलाश में थी शायद. उसने रजत को शांत करते हुए कहा- रजत भाई, घबराओ नहीं… पर मेरी बात सुनो… तुमने मुझे पूरी नंगी देख लिया है… और मेरी गांड में उंगली भी की है… तो अब तुम्हें इसके बदले में मेरे लिए कुछ करना होगा.
रजत- क… क्या… करना होगा दीदी?
मयूरी- तुम अपने कपड़े उतारो… सारे!
मयूरी ने अपना फरमान जारी किया.
रजत बिल्कुल समझ नहीं पा रहा था कि यह उसके साथ क्या हो रहा है, वो अवाक् रह गया पर फिर धीरे से बोला- अरे? क्यूँ दीदी?
मयूरी- क्योंकि तुमने मुझे पूरा नंगा देख लिया है तो अब मुझे अच्छा नहीं लग रहा है. इसलिए मैं भी तुमको पूरा नंगा देखूंगी… फिर मुझे बराबर लगेगा… तुम समझ रहे हो न?
रजत घबरा भी रहा था और शर्मा भी रहा था. उसको कुछ समझ नहीं आया, उसने पूछा- पर इससे क्या होगा?
मयूरी- बोला न… मुझे अच्छा लगेगा.
रजत एकदम बेबस महसूस कर रहा था. वो अपनी ही बहन के आगे नंगा मजबूर था जो इस समय खुद ही नंगी थी, पर यह उसके लिए राहत की बात थी क्योंकि किसी नंगे आदमी के सामने नंगा होने में उतना बुरा नहीं लगता. पर अगर वो नंगा इंसान अगर आपकी खुद की बहन हो तो मामला थोड़ा अलग होता है.
रजत आग्रह करते हुए- पर ये मेरा ल.. लंड तो छोड़ दो!
मयूरी- नहीं, अगर तुम भाग गए तो? मैं तो नंगी हूँ, अभी तुम्हारा पीछा भी नहीं कर सकती इस अवस्था में?
रजत हथियार डालते हुए- ठीक है.
रजत ने अपनी टी-शर्ट उतारी और फिर बनियान. फिर उसने अपने शॉर्ट्स उतारे और सिर्फ चड्डी में खड़ा हो गया. वैसे भी उसका लंड पहले से ही बाहर था जो उसकी कमसिन नंगी बहन ने अपने हाथ से पकड़ा हुआ था. फिर भी वो अपना चड्डी उतारने में थोड़ा सकुचाया.
मयूरी- उतरो यार इसको भी… मैं तुम्हारे सामने एकदम नंगी खड़ी हूँ और तुम शर्मा रहे हो? मुझे याद है कि अभी तुमने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डाल रखी थी. जल्दी करो… वैसे तुम घबराओ नहीं… मैं वादा करती हूँ कि तुम्हें इस बात के लिये कभी भी जीवन में पछतावा नहीं होगा.
अब मयूरी का रोना बंद हो चुका था और उसके चेहरे पर शरारती मुस्कान ने अपनी जगह ले ली थी. रजत भी धीरे-धीरे सामान्य महसूस कर रहा था पर उसका लंड अभी भी अपनी बहिन के इस स्वरूप को देखकर एकदम खड़ा था. ऊपर से मयूरी ने उसका लंड अपने हाथ से पकड़ रखा था और बीच-बीच में दबा भी रही थी
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