07-17-2017, 12:29 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
गतान्क से आगे.......
शान और नैना का प्यार का खैल अपने उफान की तरफ बढ़ गया था. शान ने नैना
के ब्रेस्ट्स पे प्यार का तूफान बरसा रखा था. कभी राइट निपल और कभी लेफ्ट
निपल शान के लिप्स मे आ जाती और नैना तो बस आह आह करती रह जाती और बहोत
प्यार के साथ शान के बालो मे फिंगर्स मूव करती. अगले ही पल शान ने अपनी
शर्ट को जिस्म से आज़ाद कर दिया और नैना के ऊपेर आ के लेट गया और जैसे
नैना से कहने लगा हो कि वो भी अपनी कमीज़ उतारे. नैना ने पहले इनकार किया
लैकेन फिर हार मान गयी और शान ने किस्सिंग करते करते नैना की कमीज़ उस के
बदन से अलहदा कर दी. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या खूबसूरत जिस्म था.
दूध की तरह सफैद बाज़ू और साफ सुथरा सीना. जिस्म ऐसा, कि कोई दाग ना था.
और ऊपेर से रेशम की तरह नर्म. शान ने दोबारा नैना को अपनी बाँहों मे लिया
और लीप किस्सिंग का ऐक नया दौर शुरू हो गया. कभी शान के लिप्स नैना के
लिप्स मे आ जाते और कभी नैना के लिप्स शान के लिप्स मे. और अब शान
मुकम्मल आज़ादी के साथ नैना के पूरे जिस्म को चूम रहे थे. अगले ही पल शान
ने नैना को उल्टा लेट्ने को कहा और नैना ने इनकार किये बगैर करवट ले ली.
शान ने अपने आग जैसे होन्ट नैना की कमर पे रख दिये और नैना अहह लव यू के
अलावा कुछ ना कह सकी और तकिये मे अपना मुँह दबा लिया. शान ने किस्सिंग का
आगाज़ नैना की गर्दन से किया और किस्सिंग का यह सफ़र नैना के हिप्स के
करीब जा के रुक गया और वापिस इसी तरह नेक तक और वापिस हिप्स तक.
किस्सिंग के साथ साथ शान अब नैना की कमर की लिकिंग भी कर रहे थे और नैना
पागल सी हो गयी थी. शान साथ साथ शलवार के ऊपेर से ही नैना के हिप्स भी
प्रेस कर रहे थे लैकेन अभी शलवार उतारने की कोई कोशिश नही की थी शान ने.
थोड़ी देर मे शान ने नैना को दोबारा सीधा किया और ऊपेर आ के लेट गये और
साथ ही अपना हाथ शलवार पे ले गये और सीधा नैना की वेट फूली हुई चूत पे रख
दिया. वेटनेस की वजह से शलवार भी काफ़ी गीली हो चुकी थी. शलवार के ऊपेर
से नैना की चूत को शान ने मसलना शुरू किया और नैना के होंटो को अपने
होंटो मे ले लिया.
-----------
नैना अभी सोच ही रही थी कि ठक की आवाज़ से नैना की सोच डाइवर्ट हो गयी.
उफ़फ्फ़ ख़ुदाया. ज़मीन पे पड़े टूटे हुए पानी के ग्लास को दैख के नैना
बोली. नैना को ध्यान ही नही गया कि वो क्या कर रही थी. ग्लास टूटने की
आवाज़ सुन के होश मे थोड़ा आइ तो पता चला कि वो अपनी ही चूत को मसल रही
थी और इतनी ज़यादा जोश मे थी मस्ती मे उसका हाथ साइड टेबल पे पड़े ग्लास
पे लग गया और वो गिर के टूट गया. नैना भी काफ़ी गर्म हुई पड़ी थी ख़यालों
मे भी और हक़ीक़त मे भी. ग्लास ऐसे ही पड़े रहने दिया और दोबारा लेट गयी.
--------
नैना शान से लिपटी चली जा रही थी और शान ने उसे इतना ज़यादा गर्म कर दिया
था कि वो उस दौरान शायद 2 दफ़ा रिलीस भी हो गयी थी. चूँकि यह उस की
ज़िंदगी का फर्स्ट टाइम था कि वो किसी मर्द के साथ हम. बिस्तर थी इस लिये
उसे आइडिया ना हो सका कि वो किस लेवेल तक पहुच चुकी है. आइडिया उसे तब
हुआ जब शान का सीधा उसे अपनी चूत पे महसूस हुआ. शान पिछले 2 मिनट से हाथ
शलवार के ऊपेर से नही बल्कि शलवार के अंदर से नैना की चूत पे मसल रहे थे.
ऐक दम से जैसे नैना के होश उड़ गये और ख़याल सा आ गया कि वो यह क्या कर
रही है? अभी तो शादी भी नही हुई? सिर्फ़ एंगेज्मेंट और इतना सब कुछ? अगर
अम्मी जाग गयीं और रूम मे आ गयीं तो क्या होगा? रूम का दरवाज़ा भी नही
बंद किया था. टाइम देखा तो सुबह के 3 बज रहे थे. लग भग 2 घंटे से यह सब
चल रहा था. यह सब सोचते ही नैना के तमाम जज़्बात पे जैसे बर्फ बारी हो
गयी हो. शान अभी कुछ देर पहले जो बहोत ही प्यारे लग रहे थे, ऐक ऐक किस आग
की तरह बरस रहा था और शान के हाथ की मूव्मेंट नदी मे किसी लहर की तरह चल
रही थी सब ऐक दम से बुरा लगने लगा और अगले ही लम्हे नैना ने शान का हाथ
पकड़ लिया और झटके से अपनी चूत से अलग कर दिया और शान की गिरफ़्त से जैसे
निकलने लगी.
शान अपनी मस्ती मे गुम थे. पहले तो उन्हे लगा कि नैना मस्ती मे ऐसा कर
रही है लैकेन फिर एहसास हुआ कि नही नैना उन्हे अपने ऊपेर से हटाने की
कोशिश कर रही है. शान फ़ौरन समझ गये और नैना के ऊपेर से हट गये. नैना ने
फ़ौरन अपनी कमीज़ उठाई और दौड़ती हुई वॉशरूम मे चली गयी. शान तो जैसे
हैरानगी से नैना की इस हरकत के बारे मेसोचने लगे दिल ही दिल मे कयी सवाल
करने लगे. अगले 3 मिनट तक जब नैना वॉशरूम से ना निकली तो शान के जज़्बात
भी ठंडे पर गये और शान ने भी अपनी शर्ट वापिस पहन के रूम की लाइट ऑन कर
दी.
अगले ऐक मिनट बाद नैना वॉशरूम से बाहर निकली और खामोशी से बेड पे बैठ के
अपना मूँह अपनी लेग्स मे छुपा लिया. शायद अपनी इस हरकत पे खुद से बहोत
शर्मिंदा थी. शान को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे. और आहिस्ता से
नैना के पास आया और पूछा क्या हुआ जान?
नैना: कुछ नही आप प्ल्ज़ अपने रूम मे चले जाओ.
शान: ओके चला जाता हूँ बट प्ल्ज़ बताओ तो सही.
नैना: प्ल्ज़ आप चले जाए हमे यह सब नही करना चाहिये था.
शान: ओह आइ सी. मुझ से कुछ ग़लत हुआ है तो आइ आम रेआली सॉरी?
नैना: नही ग़लत आप से नही मुझ से हो गया. मुझे आप को इतना आगे तक नही ले
के जाना चाहिये था. और अपने तमाम अहसास ऐक ही साँस मे बता दिये, अम्मी आ
जाती, शादी नही हुई अभी तक, यह सब ग़लत है एट्सेटरा.
शान: (शान बहोत समझदार इंसान थे, फ़ौरन नैना की सोच को पढ़ लिया और नैना
का साथ देते हुए बोले). ओके माइ डियर आइ आम अग्री विथ यू. बट हम ने वो सब
नही किया जो शादी शुदा कपल्स करते हैं.
नैना: शान की बात काटते. हुए, हम ने कुछ कम भी नही किया.
शान: ओके माइ डियर नेक्स्ट टाइम वी'ल्ल बी केर्फुल. ओके?
नैना: शान का थॅंक्स बोलते हुए -ओके. जैसे शान ने नैना का दिल जीत लिया
हो. नैना ने सोचा था कि शान ज़बरदस्ती करेगा बट यहाँ सब उलट था. और शान
के इस कॉप्रेशन ने जैसे शान के लिये इज़्ज़त और बढ़ा दी. और अपनी खुशी से
शान के गले लग गयी और थॅंक्स जान आइ लव यू अलॉट कह दिया.
शान: (शान को नैना का यह अंदाज़ भी बहोत पसंद आया और उस ने भी भरपूर नैना
का साथ दिया) और आइ लव यू टू जान कह दिया.
थोड़ी देर यौंही लिपटने के बाद दोनो अलहदा हो गये. और शान साइड पे सीटर
पे जा के बैठ गये और दोनो ऐक दूसरे को दैख के मुस्कुराने लगे. नींद जैसे
दोनो से हाज़ारों मील दूर थी. और दोनो के दर्मयान नॉर्मल बाते होना शुरू
हो गयीं.
अभी दोनो बाते ही कर रहे थे कि नैना को कमरे के बाहर से कदमो की आहट फील
हुई. और अगले ही लम्हे नैना की अम्मी नैना के रूम मे दाखिल हो गयी. सब से
पहले तो नैना की अम्मी ने पूरे रूम का ऐक नज़र से जायज़ा लिया. शान को
अलहदा सीटर पे बैठा और नैना को बेड पे बैठा बुक हाथ मे लिये देखा कि जैसे
नैना की अम्मी को तस्सली हो गयी हो कि कुछ ग़लत नही हो रहा था. और साथ ही
शान की तरफ मूड के बोली, क्यू बेटा आज सोना नही है क्या? टाइम देखो सुबह
के 4 बजने वाले हैं. अभी मेरी आँख खुली तो देखा कि लाइट ऑन है सो रूम मे
आ गयी.
शान- नही आंटी बस हम आपस मे अपनी बाते शेर कर रहे थे नैना अपने बचपन के
क़िस्से सुना रही थी और मैं उसे अपने बचपन के क़िस्से की मैं किस तरह
अपने पेरेंट्स को तंग किया करता था और साथ मे नैना और शान मुस्कुरा दिये.
नैना की अम्मी भी यह सुन के मुस्कुराने लगी और साथ ही साथ कह दिया कि अब
सो जाओ टाइम बहोत हो गया है और यह कह कर वो अपने रूम मे चली गयीं.
शान ने अम्मी के रूम से जाने के बाद सब से पहले नैना का शुक्रिया अदा
किया कि अगर आज वो इस तरह उठ के वॉशरूम मे ना जाती तो पता नही क्या हो
जाता. और नैना भी यही सोचते हुए ऊपेर वाले का शुक्रिया अदा करने लगी जिस
ने राइट टाइम पे नैना के ज़हन मे यह सब बाते डाल के नैना को प्यार ख़तम
करने पे मजबूर कर दिया था. और शान को कहने लगी दैख लिया ज़रा सा और प्यार
करते ना तो आज प्यार की ऐसी की तैसी फिर जाती. और दोनो ठहाका लगा कर हँसे
और शान दोबारा नैना के करीब आए और ऐक स्वीट सी गुड नाइट किस की ओर अपने
रूम मे चले गये.
वो रात ऐसी थी कि नींद ही नही आ रही थी. करवट ले कर कभी इधर तो कभी उधर.
कभी सीधा लेटो तो कभी उल्टा. पूरी रात शान के ख़यालात आते रहे. शान का
प्यार, शान का कॉपरेशन, और एंड पे अम्मी का आना पूरी रात यही चलता रहा और
नज़ाने कब नैना की आँख लग गयी.
इधर नैना भी पिक्चर और शान की याद मे खोई थी और नज़ाने कब सो गयी. अचानक
नैना की आँख ऐक आवाज़ से खुल गयी. आँख खुली तो पता चला कि नैना ने
बिरायानी की प्लेट ऐसे ही हाथ मे पकड़ी थी और ऐसे ही यादों मैं खोई सो
गयी थी और करवट लेने से प्लेट हाथ से छ्छूट गये थी और फर्श पे गिरी थी.
नैना उठी और पहले ग्लास के शीशे और बाद प्लेट उठा के कमरे की सफाई की देन
वापिस अपने रूम मे आ गयी. टाइम देखा तो दिन के 3 बजने वाले थे.
नैना पुरानी यादों मे खोई हुई थी और आज उसे अपने ऊपेर ही प्यार सा आ रहा
था. यह सोच के वो रूम मे पड़े ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हो गयी और
अपने जिस्म को देखने लगी. लाल कमीज़ बहोत ही फिटिंग मे थी कि ब्रेस्ट्स
बिल्कुल उभरे नज़र आ रहे हों. पेट के साथ चिपकी हुई कमीज़. ऊँचे कट वाली
कमीज़ कि जहाँ से शलवार शुरू हुई वहाँ से कमीज़ की साइड के कट शुरू. और
उस के नीचे खुली पटायला शलवार ग्रीन कलर की. नैना ने धीरे से अपनी कमीज़
को उतारा और अपने जिस्म को देखने लगी. आज नैना ने पिंक कलर की ब्रा पहनी
हुई थी और ब्रा भी लो कट ब्रा के हाफ ब्रेस्ट्स तो ऐसे ही दिख रहे थे.
नैना ने नज़र फिर अपने जिस्म पे डाली. शादी के 19 महीनो मे थोड़ा चेंज आ
गया था ब्रेस्ट का साइज़ थोड़ा बढ़ गया था और जिस्म पे थोड़ा सा गोश्त भी
चढ़ गया था. लेकिन जिस्म अभी भी जवान लड़की की तरहा ही था बिल्कुल बे.
बेदाग गोरा बदन. अगले ही पल नैना ने अपनी ब्रा भी जिस्म से अलहदा कर दी
और शीशे के थोड़ा करीब हो कर अपने ही ब्रेस्ट्स को अब्ज़र्व करने लगी.
ब्रेस्ट्स अभी भी पहले की तरहा टाइट थे. निपल्स का कलर थोड़ा डार्क हो
गया था शायद शान की सकिंग की वजह से और निपल्स का राउंड सर्कल भी थोड़ा
बढ़ गया था. ब्रेस्ट्स अपने ही वज़न से थोड़ा सा नीचे को ढालाक से गये
थे. नैना ने साइड पोज़ पे अपने ब्रेस्ट्स को देखा और जैसे अपने ही
ब्रेस्ट्स पे प्यार आ गया हो. और थोड़ा मुस्करा कर सीधा खड़ी हो गयी. और
फिर अपनी शलवार उतार दी.
शलवार उतरने के बाद अपने जिस्म को ऐक नज़र से देखा और महसूस हुआ के जांघे
अब थोड़ी फॅटी हो गयी थी लैकेन बहोत प्यारी लग रही थी. और जाँघो से नैना
की नज़र सफ़र करते हुए सीधा लेग्स के बीच जा के रुक गयी. और सीधा नज़र
चूत के ऊपेर हल्के हल्के बालो पे पड़ी. आज बाल रिमूव किये हुए ऐक वीक हो
गया था और नैना को अपनी चूत पे हेर्स दैख के बिल्कुल भी अछा ना लगा और
सीधा अपनी रूम की अलमारी की तरफ़ बढ़ी और वहाँ से वीट क्रीम निकाली और
टवल ले के सीधा वॉशरूम मे बाथ के लिये चली गयी.
क्रमशः..........
|
|
07-17-2017, 12:29 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
गतान्क से आगे.......
बाथरूम मे जा के नैना के टवल को हॅंग किया और बाल्टी मे नीम गर्म पानी
खोल दिया. और खुद नीचे पैरों के ज़ोर पे बैठ गयी और वीट क्रीम को अपने
बालो पर लगाने लगी. अगले 5 से 10 मिनट इसी मे गुज़र गये और नैना के तमाम
अंडर हेर्स और अंडर आर्म्स हेर्स पे क्रीम लग गयी. नैना साथ साथ फिर कुछ
सोचने लगी कि आज शाम अगर शान जल्दी आ जाते हैं तो उसे बहोत खुशी हो गी.
सुबह शान को कहा था जल्दी आने का पता नही आते भी हैं कि नही. गुस्से से
उठ के चले गये थे शान टेबल से. नैना को बहोत बुरा लगा था, बुरा यह नही
लगा था कि शान गुस्सा हुआ थे नैना को, बुरा यह लगा था के शान नाश्ता किये
बाघैर ऑफीस चले गये थे. और यह अफ़सोस आज दिन मे कयी बार नैना को हुआ.
अचानक नैना की नज़र भरी हुई बाल्टी से पानी बाहर गिरते हुए पानी पर पड़ी
और उठ के नैना ने नल बंद किया और फिर ऐक कपड़ा ले के अपनी बॉडी से क्रीम
रिमूव करने लगी. पहले उस ने अपने अंडर आर्म्स से क्रीम रिमूव की और देन
चूत के एरिया से. क्रीम के साथ साथ हेर्स भी रिमूव हो गयी और नैना को
सकून सा फील होने लगा.
फिर नैना अपनी ने अपनी पूरी बॉडी पे पानी बहाया और हेर्स को शॅमपू कर के
नहा के ऐसे ही नेकेड रूम से बाहर आ गयी. और हाथ मे मौजूद टवल से पूरे
जिस्म को खुश्क करने लगी. नैना फिर शीशे के सामने आ के खड़ी हो गयी और
अपने जिस्म को देखने लगी. अपना ही जिस्म बहोत प्यारा लग रहा था ऐक दम
फ्रेश और चूत को दैख के नैना और सकून मे आ गयी.
ड्रेसिंग टेबल पे पड़े बॉडी लोशन को नैना ने अपनी पूरी बॉडी पे बहोत
प्यार से लगाया, जिस से पूरी बॉडी खुश्बू से महक उठी और ब्रेस्ट्स पे तो
नैना को कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा था अपने और काफ़ी देर तक बॉडी लोशन
से अपने ब्रेस्ट्स का मसाज करती रही.
बॉडी लोशन के बाद नैना रूम मे मौजूद कपबोर्ड के पास पहॉंची और ड्रेस
सेलेक्ट करने लगी. नज़र सीधा ऑरेंज कलर के ड्रेस पे पड़ी और वो निकाल
लिया और साथ ड्रॉयर से स्किन कलर की ब्रा निकाल ली. शीशे के सामने खड़े
हो के पहले नैना ने ब्रा और फिर शलवार कमीज़ पहन के ऊपेर से हल्का सा
पर्फ्यूम लगा लिया और टीवी वाले रूम मे आ के टीवी देखने लगी.
शाम के 5 बज रहे थे और नैना शान का इंतेज़ार कर रही थी लैकेन शान का कोई
नाम ओ निशान नही था. उठी और किचन मे जा क अपने लिये टी बनाने लगी और
सोचने लगी कि ऐक वक़्त था कि शान शाम की टी कभी भी मिस नही करते थे और
नैना के साथ ही शाम की टी पीते थे. शाम की टी मे शान हमेशा की तरहा बहोत
फ्रेश मूड मे होते थे और कभी समोसों तो कभी गर्म गर्म पकोडे और कभी
फ्रेंच फ्राइस तो कभी केक की फरमाइश करते थे जिन्हे नैना बहोत ही मोहब्बत
के साथ बनाती और शान और नैना मिल के ईव्निंग टी एंजाय करते. मगर अब तो
शान का शाम 7 बजे तक कुछ पता नही होता था. नैना इस डर से फोन भी नही करती
थी कि कहीं शान को बुरा ना लग जाए कि नैना ने उसे काम के वक़्त डिस्टर्ब
किया.
यह सोचते सोचते नैना ने टी कप लिया और टीवी रूम मे आ गयी और चॅनेल्स चेंज
करने लगी. इतने मे टेलिफोन की बेल बजी दूसरी तरफ़ फोन पे शान थे.
शान: हां नैना केसी हो?
नैना: जी ठीक हो.
शान: क्या हो रहा था?
नैना: टी पी रही थी.
शान: ओके कॅरी ऑन. अछा सुनो मैं आज लेट आउन्गा घर मैरे लिये रात का खाना मत बनाना.
नैना: ओके कितने बजे तक आ जाएँगे ?
शान: कुछ पता नही मे बी रात 11 तक या इस से भी लेट.
नैना: ओह ओके.
शान: और हां तुम ने शॉपिंग के लिये जाना था ना तो ऐक काम करो तुम चली जाओ
और जो खरीदना है खरीद लो. घर मे अकेले वैसे भी बोर हो रही होगी.
नैना: जी अकेली?
शान: हाँ तो क्या हुआ छोटी बच्ची नही हो अपनी हिफ़ाज़त खुद कर सकती हो अछी तरह.
नैना: ओके देखती हूँ.
शान: ओके अगर जाओ तो मुझे बता देना.
नैना: ठीक.
शान: ओके बाइ. और फोन रख दिया.
नैना को बहोत हैरानगी हुई शान की इस बात पर कि अकेली चली जाओ. शान कभी भी
नैना को अकेले बाज़ार नही जाने दिया करते थे क्योंकि नैना थी ही इतनी
खूबसूरत कि कोई भी उस पे आशिक़ हो सकता हे. अचानक शान को क्या हो गया था?
और ऊपेर से ऐसे कह देना कि अपनी फिकर खुद कर सकती हो छोटी बच्ची नही हो
जैसे कि कोई फिकर ही ना हो अपनी बीबी की? काफ़ी सारे क्वेस्चन ने ऐक साथ
नैना के दिमाग़ मे जनम ले लिया.
और चाय का तो जैसे मज़ा ही खराब हो गया. टाइम देखा तो शाम के 5:30 हो रहे
थे. और अब नैना का भी टाइम नही गुज़र रहा था क्यू कि कोई काम नही था करने
वाला. फिर शान की बात जेहन मे आइ कि घर बैठे बैठे बोर हो रही हो गी तो
चली जाओ.
यह बात नैना के जेहन मे क्लिक कर गयी. तय्यार तो वो पहले से ही थी. नहाई
हुई ऐक दम फ्रेश तो सोचा कि ठीक है उसे बाज़ार अकेले ही चलना चाहिये. और
यह सोच के उस ने टीवी ऑफ किया और अपने रूम मे चली गयी अपना पर्स लेने और
अपनी बड़ी चादर लेने ताकि अपने खूबसूरत जिस्म को भरे बाज़ार की बुरी
नज़रों से छुपा सके. और चादर को अपने जिस्म पे लपेट कर और घर की तमाम
लाइटेस ऑफ कर के पर्स ले लिया. पर्स मे जाने से पहले एहतियातन पैसे दैख
लिये, तक़रीबन 10,000 रुपय मौजूद थे जो शॉपिंग के लिये काफ़ी थे. अपना
सेल फोन उठाया जो कि सिर्फ़ उस वक़्त इस्तेमाल होता था जब नैना अपने घर
मे ना हो और शान उस से बात करना चाह रहे हों, वरना तो लॅंडलाइन ही यूज़
होता था.
तमाम तरह की तस्सली के बाद नैना ने तमाम डोर्स को अछी तरह से लॉक किया और
घर से बाहर आ गयी.
बाहर मेन रोड से नैना ने रिक्शा लिया और सीधा सूपर मार्केट पहॉंच गयी.
नैना को पूरे रास्ते डर सा महसूस हो रहा था कि नज़ाने यह रिक्शे वाला
कहीं ओर ना ले जाए उसे. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ और रिक्शा वाला सीधा सूपर
मार्केट पहॉंच गया और बोला यह लो बीबी जी आ गयी सूपर मार्केट. नैना ने
पर्स से पहले ही पैसे निकाल लिये थे वो पैसे रिक्शे वाले को दिये और
मार्केट की तरफ हो ली.
सब से पहले नैना कपड़े लेने गयी और मार्केट मे भीर से थोड़ा घबरा गयी थी.
क्योंकि सूपर मार्केट मे आज तक वो अकेले नही आइ थी. हमेशा से शान ही उस
के साथ हुआ करते थे. नैना को मार्केट की तमाम शॉप्स का आइडिया था कि कोन
सी चीज़ कहाँ से मिलती हे. सो नैना सीधा कपड़े वाली शॉप पे गई ओर वहाँ
अपने लिये ड्रेस पसंद करने लगी. हर तरहा के रंग रंग के ड्रेसस मौजूद थे
शॉप मे. बस दिल कर रहा था कि सब ही खरीद ले लैकेन ऐसा मुमकिन नही था.
इतने मे ऐक आवाज़ ने नैना की तवज्जो ड्रेसस से हटा दी.
शॉपकीपर: जी मेडम, हाउ आइ कॅन हेल्प यू?
नैना: ओह यू आर डीलिंग इन दा शॉप?
स्क: यस मॅम.
नैना: ओके मुझे अपने लिये 2 ड्रेस चाहिए.
स्क: ओके यह देखे यह नया फॅशन है कॅप्री, लोंग कमीज़ और ऊँची शलवार.
नैना: म्म्म्ममममममम इट्स नाइस.
स्क: ओर ऐक यह है आज कल इस का भी ट्रेंड चल रहा है. फिटिंग मे ऊँची कमीज़
विथ ट्राउज़र.
नैना: म्म्म्ममममममममम
स्क: और इन दो डिज़ाइन्स मे यह तमाम कलर्स हैं अब जो आप को पसंद हो
नैना: ओके ऐक यह ब्लॅक विथ ग्रीनिश मिक्स और ऐक येल्लोयिश विथ लेमन ग्रीन
दे दो. ऐक कॅप्री मे और ऐक विथ ट्राउज़र.
स्क: ओके मॅम.
नैना: कुछ डिसकाउंट मिले गा?
स्क: सॉरी मॅम, और प्राइसस आर कंपनी प्राइसस आंड फिक्स्ड नो डिसकाउंट.
नैना: ओके. और शॉपकीपर को पैसे दे के शॉप से बाहर आ गयी.
नैना जैसा घर से निकलते वक़्त सोच रही थी वैसा तो कुछ भी नही हो रहा था.
सब कुछ नॉर्मल था जैसे वो शान के साथ आया करती थी बिल्कुल वैसा ही. इस से
नैना का कॉन्फिडेन्स बहाल हुआ और नैना सीधा अंडरगार्मेंट्स की शॉप पे जा
पहुचि. लक ली वहाँ पे डीलिंग ऐक लेडी ही कर रही थी. सो नैना सीधा वहाँ
गयी और अपने लिये ब्रा आंड पॅंटीस देखने लगी.
गर्ल: जी मॅम क्या चाहिये आप को?
नैना: आइ नीड पैर ऑफ ब्रा आंड पैंटिएस.
गर्ल: ओके विच साइज़?
नैना: 38
गर्ल: विथ स्माइल हियर आर 38 साइज़ ब्रास. जो आप को पसंद हे बता दे.
नैना: कलर्स कोन कोन से हैं?
गर्ल: ब्लॅक, रेड, वाइट, स्किन, पिंक
नैना: ओके गिव मी 1 पिंक आंड 1 ब्लॅक.
गर्ल: ओके मॅम.
नैना ने कोई फॅन्सी किसम के ब्रा नही सेलेक्ट किये जस्ट नॉर्मल सी ब्रा
और पेंटीस और लड़की को पैसे दे कर शॉप से आ गयी बाहर. अब नैना को थोड़ी
भूक सी फील होने लगी. क्योंकि पूरे दिन मे सिर्फ़ ऐक प्लेट बिरायानी ही
खाई थी और टी भी बस नाम की ही पी थी. यह सोच कर सीधा नैना सूपर मार्केट
मे मौजूद फुड मार्केट मे चली गयी और ओपन एरिया मे जा के बैठ गयी. काफ़ी
सारे कपल्स वहाँ मौजूद थे और फॅमिलीस भी ओपन एरिया मे कुछ ना कुछ खा रहे
थे. रात के 8 बज चुके थे. थोड़ी ही देर मे ऐक वेटर नैना की टेबल पे आ गया
और मेनू सामने रख दिया. नैना ने ऐक फ्रूट चाट और साथ मे फ्रेश ऑरेंज जूस
का ऑर्डर कर दिया और इधर उधर देखने लगी.
तमाम कपल्स बहोत खुशी से एंजाय कर रहे थे. और फॅमिलीस भी एंजाय कर रही
थी. बच्चे भी खैल रहे थे और नैना को सब कुछ काफ़ी अछा लग रहा था. लेकिन
साथ साथ दुख भी कि वो अकेली है और शान उस के साथ नही हैं. इन्ही सोचों मे
गुम थी कि वेटर आ गया और चाट और जूस टेबल पे रख के चला गया.
क्रमशः..........
|
|
07-17-2017, 12:30 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-9
गतान्क से आगे.......
नैना अंदर दाखिल हुई तो सामने ऐक दुबली पतली ख़ातून लैकेन बहोत ही
ज़्यादा अट्रॅक्टिव, जिम्मी की उमर के हिसाब से उन्हे 45 के करीब होना
चाहिये मगर देखने मे वो 35 की लग रही थी. नैना और जिम्मी की अम्मी आपस मे
गले मिले और ऐक ही सोफे पे बैठ कर बाते करने लगे.
नैना को जिम्मी की अम्मी बहोत अच्छी लगी बहोत ही सुंदर और बहोत ही सोम्य.
नैना को कही से भी नही लग रहा था कि वो आज पहली दफ़ा मिल रहे हैं. अपना
अपना सा लग रहा था सब. इतने मे जिम्मी रूम से आता हुआ दिखाई दिया और हाथ
मे कोल्ड ड्रिंक्स लिये.
नैना: ओह यह क्या तकलीफ़ की आप ने. अभी तो आप खुद मेहमान हैं.
जिम्मी: नोपस. मेहमान तो आप हैं हमारे घर और मुस्कुरा दिया.
आंटी: यह जिम्मी है मेरा बेटा और यही मेरी बेटी भी है सब काम मे हेल्प
करता है मेरी.
जिम्मी: जी बहोत प्यारी बेटी हूँ मे अपनी अम्मी की ओर सब खिलखिला के हंस दिये.
नैना को पता ही नही चला कि कब ऐक घंटा गुज़र गया बाते करते करते और यह
ख़याल भी तब आया जब नैना के सेल पे शान की कॉल आइ कि ऑफीस बॉय घर के करीब
पहॉंच गया है उस से समान ले लेना सारा.
नैना को तब ख़याल आया कि उस ने जिम्मी और उस की अम्मी को अभी तक लंच का
भी नही बताया. फ़ौरन कॉल के बाद बोली.
आंटी आज आप दोनो लंच हमारे यहाँ करेंगे.
आंटी: नही बेटा आप क्यो तकलीफ़ करती हो. हम कर लेंगे.
नैना: नही आज आप का फर्स्ट डे है सो आज आप मेहमान हैं कल से आप अपना कर
ली जिये गा और मुस्कुरा दी.
आंटी: ओके हम आ जाएँगे और जिम्मी की तरफ़ भी देख कर मुस्कुरा दी.
नैना उठ के जाने लगी तो आंटी जिम्मी को बोली: बेटा जिम्मी जाओ नैना को
गेट तक छोड़ आओ.
नैना: नही इट्स ओके मैं चली जाउन्गी.
बट जिम्मी साथ चल दिया और बोला कि मैं गेट भी बंद कर आउन्गा जैसे आप
खामोशी से अंदर आ गयी हैं ऐसे कोई डाकू भी आ सकता हे. और दोनो ने ऐक
मर्तबा फिर हँसी का ठहाका लगाया. हाहहहाहा. और गेट तक चल दिये.
गेट पे पहुँचते ही जिम्मी ने कहा ओह वी आर सॉरी हमे याद ही नही रहा
नंबर्स एक्सचेंज करने का. क्या अब ऐक दूसरे की डोर बेल्स ही बजाते रहेंगे
फोन पे ही पूछ लिया या बता दिया अगर कोई चीज़ ज़रूरत हो तो.
नैना ने पहले थोड़ा हेज़िटेट किया लेकिन फिर लॅंडलाइन नंबर दे दिया और
जिम्मी ने अपना और अपनी अम्मी का सेल नंबर नोट करवा दिया कि जब तक
लॅंडलाइन नही लग जाता आप इन्हे यूज़ कर सकती हैं.
नैना ओके कहते हुए घर से बाहर आ गयी और साथ अपने डोर का लॉक खोलने लगी.
उस ने पीछे मूड के देखा तो जिम्मी अपने गेट पे खड़ा अभी तक नैना को देख
रहा था. नैना को अजीब लगा जिम्मी का ऐसे देखना और जल्दी से लॉक खोल कर
अंदर चली गयी.
अंदर जा कर टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और अगले ही लम्हे डोर बेल हुई और
ऑफीस बॉय सारा समान और वो लिस्ट नैना को दे गया कि बीबी जी सारा समान ले
आया हूँ जो जो लिस्ट मे था और यह साहब ने पैसे जो दिये थे उस मे से बचे
हैं कह रहे थे कि बीबी जी को ही दे आना.
नैना ने समान लिया और पैसे ले कर अंदर आ गयी और समान ऐक तरफ़ रख के
जिम्मी और उस की अम्मी के बारे मे सोचने लगी.
कितने नाइस लोग हैं. आंटी कितनी प्यारी हैं, कितनी केर करने वाली हैं और
जिम्मी भी बिल्कुल अपनी अम्मी पे गया है बहोत नाइस और किचन मे जा कर लंच
की तैय्यारि करने लगी.
उधर जिम्मी के घर भी जिम्मी और उस की अम्मी के बीच नैना की ही बाते चल
रही थी कि, कितनी सुंदर है, कितनी रेस्पॉन्सिबल लड़की है. काश यह मेरी
बहू होती यह सुनते ही जिम्मी बोला हाए अम्मी आप ने मेरे दिल की बात कह दी
और दोनो मा बेटा खिलखिला के हँसने लगे.
इधर नैना भी कभी आंटी और कभी जिम्मी के बारे मे सोच रही थी. पूरे घर मे
नैना की साथी उस की सोचे ही तो थी. पहले नैना की सोचे अपने और शान के
गिर्द ही घूमा करती थी मगर अब जिम्मी और उस की अम्मी ने उस की सोच मे
एंट्रेन्स कर ली थी.
नैना यही सोच रही थी कि बाहर डोर बेल हुई. नैना ने जा के डोर ओपन किया तो
देखा सामने आंटी खड़ी थी.
नैना: जी आंटी अंदर आइये.
आंटी: अंदर आते हुए. अकेली हो क्या घर मे?
नैना: आंटी की तरफ़ सवालिया नज़रों से देखते हुए जी?
आंटी: ई मीन कोई नोकेर वाघहैरा नही हैं क्या?
नैना: नही शान इस चीज़ के सख़्त खिलाफ हैं कॉज़ आज कल नोकरो का ऐतबार ही
कहाँ है और काम भी इतना ही होता है कि मैं खुद ही कर लेती हूँ और दोनो
बाते करते करते टीवी लाउंज मे आ गये.
आंटी: अरे इधर नही किचन मे चलते हैं दोनो मिल के लंच रेडी करते हैं.
नैना: नही आंटी आप तकलीफ़ ना करे मैं कर लूँगी.
आंटी: अरे चल कर ले गी, इतने सारे काम (चावल बनाना, सलाद बनाना और कबाब
और दूसरी चीज़े, अकेली केसे बनाओगी ?) और साथ ही चावल साफ करने लगी.
नैना ने भी फिर ज़ोर नही दिया और बाते करने लगे.
आंटी: नैना कुछ बताओ अपनी फॅमिली के बारे मे?
नैना: मी आंड शान आर दा फॅमिली.
आंटी: और तुम्हारे पेरेंट्स?
नैना: वो यहाँ पास नही होते.
आंटी: ओके तो कहाँ होते हैं?
नैना: शादी से पहले शान की जॉब वहाँ पे ही थी जहाँ हमारा घर था बट शादी
के 3 मंत्स बाद ही शान का प्रमोशन होगया और कंपनी ने उन्हे यहाँ
ट्रान्स्फर कर दिया सो अब हम इतना दूर हो गये कि आने जाने मे ही 2 दिन लग
जाते हैं. इस वक़्त नैना का लहज़ा थोड़ा ठंडा था.
आंटी: ओह सॅड. और शान की फॅमिली?
नैना: जी वो भी वहाँ ही रहते हैं.
आंटी: ओके तो लास्ट टाइम कब मिली थी अपने पेरेंट्स से?
नैना: कोई 6मंत्स पहले.
आंटी: ओह सॅड तो शान को कहो ना ले जाए मिलवाने तुम्हे?
नैना: जी वो बहोत बिज़ी होते हैं थ्ट्स वाइ बहोत मुश्किल होता है उन के
लिये. कह रहे थे कि जल्द ले जाउन्गा.
आंटी: (नैना के आकेले पन को फ़ौरन समझ गयी और बोली) डोंट वरी नैना अब मैं
आ गयी हूँ ना तुम्हे अपनी अम्मी की कमी फील नही होगी.
नैना: थॅंक्स. और सवाल कर दिया आप बताए?
आंटी: जिम्मी के अबू की डेत को 5 साल होगये हैं. हम तीनो ऐक ही गाड़ी पे
थे वो ड्राइव कर रहे थे कि आक्सिडेंट होगया. आक्सिडेंट ऐसा हुआ कि मे और
जिम्मी तो बच गये बट वो. और चुप हो गयी.
नैना: ओह आइ आम सॉरी.
आंटी: इट्स ओके. और तब से मी आंड जिम्मी आर दा फॅमिली.
नैना: तो घर का खर्च केसे चलता है?
आंटी: जिम्मी क अबू का अपना बिज़्नेस था और उस के सिस्टम्स ऐसे बनाए थे
जिम्मी के अबू ने कि उन के गुज़र जाने के बाद भी बिजनेस वैसे का वैसा हे
और वोही इनकम हे. मैं रोज़ चली जाती हूँ ऑफीस 2 से तीन घंटे के लिये तो
साइन चेक़स हैं टू व्यू डेली ऑपरेशन्स.
जिम्मी भी इसी साल संभाल ले गा बिज़्नेस कॉज़ 4मंत्स मे उस की स्टडी पूरी
हो जाए गी.
नैना: ओके थ्ट्स गुड.
आंटी: तो कितना अरसा हो गया हे शादी को?
नैना: जी 18 महीने और नैना को पता था कि अगला सवाल क्या आए गा और उस का
जवाब भी पहले से सोच लिया.
आंटी: 18 मंत्स और घर मे कोई फूल नही दिख रहा और मुस्कुरा दी?
नैना: जी वो शान ही नही चाहते कि अभी कोई बच्चा हो. (और साथ ही यही सोचने
लगी कि यही तो मैन वजह है कि शान के पेरेंट्स उस से नफ़रत करते हैं कि 18
मंत्स मे भी कोई गुड न्यूज़ नही दे सकी. केसे बताए आंटी को कि मसला यह
नही मसला और है. शान भी इसी लिये नैना को कम टाइम देते हैं कि उन्हे 18
मंत्स मे कोई बच्चा नही मिला)
आंटी के अगले क्वेस्चन ने नैना को ऐक दम से शॉक कर दिया क्यो कि नैना
एक्षक्पेक्ट नही कर रही थी.
आंटी: यानी शान का अभी बच्चे की मा से खैल खैल के दिल नही भरा? हहहे
नैना: मुस्कुराते हुए. जी बिल्कुल.
आंटी: वैसे नैना तुम हो बहोत सुंदर. शान तो खूब मज़े करते हों गे रात को रोज़.
नैना: हया से आंटी की तरफ़ देखते हुए. और फिर बोली जी.
आंटी: वैसे शान केसा है बेड मे? बाग की फुल सैर करता है या फिर गाड़ी चला
के सो जाता है?
नैना: आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़. जेसे शर्मा रही हो.
आंटी: अरे नैना शरमाओ नही मैं तुम्हारी अम्मी की तरह हूँ और अब तो
तुम्हारी फ़्रेंड भी.
नैना ने आज तक अपनी सेक्स लाइफ का किसी को नही बताया था और ईवन अपनी
अम्मी से भी नही, क्योंकि उस की अम्मी ने उस से कभी ऐसे सवाल ही नही किये
कभी. सो नैना को अजीब लग रहा था लैकेन वो आंटी को नाराज़ नही करना चाहती
थी.
नैना: जी मूड पे डिपेंड करता है कभी कभी तो बहोत लंबी ड्राइव तो कभी कभी
बस टेस्ट ड्राइव ही. और हंस दी.
आंटी: हां ऐसा होता है. जिस दिन बाहर किसी सेक्सी लड़की को देख कर आ जाए
तो उस रात तो सख्ती होती है वाइफ की.
नैना को ऐक दम से अपनी गुज़री रात याद आ गयी कि रात को भी बिल्कुल ऐसा ही
हुआ था और आंटी की इस बात ने जैसे जलती पे पेट्रोल का काम किया और नैना
को अपनी बात सही लगने लगी कि कल शायद उस लड़की से शान कुछ कर नही सके तो
सारी गर्मी नैना पे निकाली.
क्रमशः..........
|
|
07-17-2017, 12:31 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Chudai Kahani Naina-नैना
नैना--पार्ट-13
गतान्क से आगे.......
डोर बेल हुई. नैना गेट ओपन करने गयी. आगे जिम्मी खड़ा था.
जिम्मी: हेलो नैना जी.
नैना: आ जाओ अंदर जिम्मी और यह हाथ मे क्या उठा रखा है?
जिम्मी: यह समोसे, यह पकोडे, यह बिस्किट्स, यह क्रीम केक.
नैना: गेट बंद करते हुए अंदर कमरे की तरफ़ आते हुए चलते चलते बोली. ओके
वहाँ सामने रख दो और जाते हुए घर ले जाना.
जिम्मी: अरे नही नैना जी यह मैं अपने घर की लिये नही यहाँ के लिये लाया
हूँ चाय के साथ खाएँगे ना.
नैना: अरे यह क्या क्या तुम ने? बंदा पूछ तो लेता है. तुम गेस्ट हो ओके?
जिम्मी: ओके बट पूछता तो आप ने रेफ्यूज़ कर देना था कि मत लाना तो मैं ने
पूछा ही नही और नैना को आँख मार दी.
नैना जिम्मी की इस आँख मारने वाली हरकत पे ऐक दम परेशान सी हो गयी और ऐक
पल के लिये सोचने लगी कि वो इतना फ्री क्यू हो रही है जिम्मी से? फिर
ख़याल आया कि वो भी तो कितना कर रहा है दैखो क्या क्या ले कर आया है. चलो
क्या हुआ जो आँख मार दी. मज़ाक मे ही तो मारी है. मज़ाक मे सब चलता है.
अंदर ही अंदर अपने आप से बाते करने लगी और साथ ही जिम्मी की आवाज़ ने डरा
दिया.
जिम्मी: क्या हो गया नैना जी. इतनी देर से तमाम चीज़े आप को पकड़ा रहा
हूँ और आप हैं कि हाथ आगे क्या हुआ है लैकेन ग्रिप नही कर रही?
यह सुन के नैना ने अपने राइट आर्म को देखा जो कि इस पोज़िशन मे था कि
जैसे जिम्मी से माँग रहा हो कुछ. ऐक दम से हाथ पीछे किया और बोली ओह आइ
आम सॉरी लाओ दे दो मुझे और मुस्कुरा दी. समान ले कर किचन मे चली गयी.
किचन मे गयी तो देखा कि आंटी पहले से सब कुछ रेडी कर चुकी थी, प्लेट्स,
टोमॅटो केच्युप, चटनी.
आंटी: क्या कहता है जिम्मी?
नैना: अरे आप ने उस से कहा था यह सब लाने को फोन पे?
आंटी: नही तो. ज़रा दिखाओ तो क्या लाया है? आआहा हां यह सब तो वो बचपन से
बहोत लाइक करता है चाय के साथ. इसी लिये ले आया होगा.
नैना: अरे मुझे कह दिया होता यह सब पसंद है तो मैं यहाँ घर पे ही बना
देती जिम्मी को.
नैना की बात ख़तम ही नही हुई थी कि पीछे से जिम्मी की आवाज़ आइ. हाए नैना
जी हमारे नसीब इतने अच्छे कहाँ और मुस्करा के बोला कि केसा फिट डायलॉग
बोला है? हाहहहहाहा. डोंट वरी जी आप को भी तकलीफ़ दूँ गा ज़रूर अब तो
वैसे ही दीवार के साथ दीवार मिल रही है तो आइ होप कि बहोत जल्द आप के हाथ
के बने हुए समोसे खाने को मिलेंगे और अपनी मोम को आँख मारते हुए बोला.
क्यो मोम?
आंटी: हां हां क्यों नही बेटा. क्यों नैना ठीक कहा ना?
नैना: अगर ऐसे ही शररटाईन करता रहा ना तो फिर तो कभी भी नही. और स्माइल कर दी.
आंटी: ओह मुझे फाइनान्षियल आड्वाइज़र को कॉल करनी थी कंपनी के, कि वो
रिपोर्ट सब्मिट कर दे. मैं कॉल कर के आइ तुम दोनो गुप करो और मुस्कुरा के
किचन से बाहर चली गयी.
जिम्मी: जी तो आप क्या फ़ार्मा रही थी बेगम साहिबा ओह आइ मीन नैना जी?
नैना: यही कि आप अगर यह शररटाईन बंद कर दे तो आप को समोसे खाने को मिल जाएँगे.
जिम्मी: हाए आपका हूकम सिर आँखों पर जी. आप ऐक मर्तबा कह कर तो देखिए जान
ना वार दे आप पे?
नैना: व्हातत्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त?
जिम्मी: हहेहेहहे. केसा लगा मेरा यह फिल्मी डायलॉग? मैं अक्सर ऐसे डायलॉग
बोलता रहता रहता हूँ. कभी कभी मोम कहती हैं मैं पागल हो गया हूँ.
नैना: जी मोम बिल्कुल ठीक कहती हैं.
जिम्मी: आपको मैं केसा लगता हूँ?
नैना: व्हातत्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त? यह केसा सवाल है?
जिम्मी: केसा केसा? सीधा सा सवाल है मैं आप को केसा लगता हूँ?
नैना: आइ गेस मोम आप को बाहर बुला रही हैं.
जिम्मी: अरे ऐक तो आप ऐक दम सीरीयस हो जाती हैं. डर ही लगा रहता है. ओके
आइ आम सॉरी मुझे लगता है मैं ने ग़लत क्वेस्चन पूछ लिया. और कह के बाहर
चला गया.
नैना को जिम्मी के इस क्वेस्चन पे हैरत हुई कि उस ने ऐक दम ऐसा सवाल क्यो
किया? ळैकेन फिर अपने ही बिहेवियर पे अफ़सोस भी होने लगा कि उसे जिम्मी
को ऐसे नही बोलना चाहिये था. देखो नाराज़ हो के बाहर चला गया किचन से.
चलो उसे जा के सॉरी बोलती हूँ.
जेसे ही नैना का ऐक क़दम जिम्मी की तरफ़ बढ़ा फिर जेहन मे सोच आइ कि नही
वो क्यो सॉरी बोले? जिम्मी ने ग़लत ही तो क्वेस्चन किया कि वो मुझे केसा
लगता है? आइ आम मॅरीड और वो मुझ से ऐसे क्वेस्चन क्यो कर रहा है? कहीं
उसे यह आइडिया तो नही हो गया कि मैं शान के साथ खुश नही हूँ? या फिर कहीं
आंटी ने उसे कुछ बता ना दिया हो अबाउट मी आंड शान? नही जिम्मी तो घर पे
ही नही था जब मैं ने आंटी को सब बताया था शान का. तो फिर जिम्मी ने क्यो
पूछा कि मैं केसा लगता हूँ? नैना के दिमाग़ मे ऐक दम कयी ख़यालात ने जनम
ले लिया था अबाउट जिम्मी. नैना जिम्मी को ऐक बहोत अच्छा लड़का समझती थी
और उसे यह भी पता था कि जिम्मी उसकी बहोत रेस्पेक्ट करता है और वो कभी भी
नैना के बारे मे ग़लत नही सोचे गा.
अचानक उस के दिमाग़ मे नज़ाने कहाँ से ख़याल आ गया कि उसे चेक करना
चाहिये कि जिम्मी उसे ग़लत निगाह से देखता है या नही? जिम्मी की नज़र मे
मेरी कितनी रेस्पेक्ट है. यह देखने के लिये नैना ने अपने दोपटे को और
अपनी ब्रा को ऐसे अड्जस्ट किया जिस से उस के बूब्स विज़िबल दिखने लगे. और
बूब्स को थोड़ा ऊपेर कर लिया कि टॉप से क्लीवेज भी दिखने लगे और बाहर
पड़े रेफ्र्जरेटर से कुछ निकालने के बहाने एग्ज़ॅक्ट्ली जिम्मी के सामने
जा के खड़ी हो गयी. और इस तरहा से जिम्मी को देखने लगी कि जिम्मी को पता
ना चले कि वो उसे दैख रही है. जिम्मी (जो टीवी दैख रहा था) की नज़र ऐक दम
नैना पे पड़ी. उफ्फ क्या सेक्सी लुक्स दे रही थी नैना. ळैकेन अगले ही
लम्हे जिम्मी ने अपना रुख़ बदल लिया और दूसरी तरफ़ मूँह कर क बैठ गया
जैसे उस ने कुछ दैखा ही ना हो और दोबारा नैना की तरफ नही दैखा.
नैना कुछ देर ऐसे ही कुछ ढूँढती रही और फिर किचन मे चली गयी. किचन मे
जाते साथ ही उसे बहुत ही खुशी हुई कि यस वो जैसा सोच रही है जिम्मी वैसा
ही है. उस ने ऐक मर्तबा दैखा और दोबारा नही दैखा. अब उस से रहा नही गया
और सीधा किचन से बाहर निकली और जिम्मी के सामने जा कर बैठ गयी.
जिम्मी: टी रेडी हो गयी मोम को बुलाउ?
नैना: टी रेडी हो गयी है.
जिम्मी: ओके मैं मोम को बुलाता हूँ.
नैना: ऐक मिनट जिम्मी.
जिम्मी: जी?
नैना: वो आइ आम सॉरी कि मैं ने आप से ऊँची आवाज़ मे बात की और आप को बुरा लग गया.
जिम्मी: कोन सी बात? (जेसे उसे कुछ याद ही ना हो)
नैना: वोही किचन मे जो आप ने क्वेस्चन पूछा था उस के रेप मे जो मैं हर्ष हो गयी थी.
जिम्मी: ओह इट्स ओके नो प्रोब. यह आप का राइट है, ग़लती तो मेरी है जी जो
ऐक दम से इतना फ्री हो गया. मुझे ही ख़याल रखना चाहिये था. नेक्स्ट टाइम
आइ'ल्ल बी केर्फुल.
नैना: (अपने आप पे बहुत शर्मिंदा होते हुए कि दैखो कितना नाइस है जिम्मी
इसे तो ज़रा भी बुरा नही लगा मेरा यह बिहेवियर) और फिर मुस्करा दी ओके
थॅंक्स जिम्मी.
जिम्मी: ओके मैं मोम को बुलाता हूँ और वो चला गया.
नैना सब कुछ बहोत अछा लग रहा था. उसे ऐक दम से अपना परिवार पूरा लगने
लगा. जैसे तमाम खोई हुई खुशियाँ वापिस आ गयी हों. उसे अब यकीन होने लगा
कि वो अब इस घर मे अकेली नही रही जो सारा दिन अपनी सोचों मे खोई रहती है.
अपने अंदर उसे एनर्जी फील होने लगी. उसे ऐक दम से सब एनर्जेटिक लगने लगा.
दिल ही दिल मे बहोत खुश थी आज नैना.
थोड़ी ही देर मे आंटी जी अंदर दाखिल हुईं.
आंटी: सॉरी नैना कॉल थोड़ी लंबी हो गयी. यह हिसाब किताब के काम भी ना
बंदे को पागल कर देते हैं. अगर आर्यन ज़िंदा होते तो झट से निपटा लेते सब
काम.
नैना: चले अब आर्यन जूनियर जो रेडी है झट से काम निपटाने के लिये. बस कुछ
मंत्स हैं.
आंटी: हहेहेहेहहे अछा नाम दिया है वेसे जिम्मी को. क्यो ना हम यही नाम रख
दे और साथ ही जिम्मी को आँख मार दी.
जिम्मी: जी मोम बस अब यही होना बाक़ी रह गया था. हाहहहाहा सब हंस पड़े.
फिर इकट्ठे बैठ कर टी पीने लगे और इधर उधर की बाते होती रही. टी पी कर
जिम्मी ने कहा ओके मोम मैं घर जा रहा हूँ मुझे स्टडी करनी है. आप जब फ्री
हो जाए तो आ जाइयेगा. और कह कर चला गया.
आंटी और नैना दोनो किचन मे आ गयीं और मिल कर काम करने लगी. आंटी को लगा
कि अब नैना का मूड ठीक होगया है और नॉर्मल ही बाते कर रही है. बाहर सूरज
भी गायब हो रहा था और अंधैरा छाता जा रहा था.
नैना: बर्तन वॉश करते हुए. आंटी फिर क्या हुआ?
आंटी: क्या फिर क्या हुआ?
नैना: वोही जो आप बात बता रही थी फर्स्ट इंटरॅक्षन विथ आर्यन?
आंटी: ओह अछा तुम्हारे दिमाग़ मे अभी तक वो बात चल रही है? मैं तो समझी
कि तुम भूल ही गयी हो गी वो बात.
नैना: नही मैं बाते नही भूलती जो ऐक दफ़ा सुन लूँ या मैरे साथ बीत जाए
हमैशा याद रहती है. वेसे भी जब से शादी हुई है यादे ही तो मेरा सहारा
हैं.
आंटी: ओके डोंट बी सॅड. अछा कहाँ पहुची थी मैं?
नैना: कुछ सोचते हुए. हां वो आप ने उस लड़के को दैखा जो मरीया को अछा लगा
था मगर आप को नही.
आंटी: अरे तुम्हारी मेमोरी तो बहोत तेज है.
हां तो फिर अभी हम यही डिसकस कर रहे थे कि ऐक खूबसूरत सा यंग लड़का मरीया
के पास आया और उस से डॅन्स की रिक्वेस्ट करने लगा. मरीया ने भी फ़ौरन हां
कर दी और उस लड़के का हाथ पकड़ के फ्लोर पे चली गयी जहाँ सब कपल्स डॅन्स
कर रहे थे. मैं थोड़ी देर वहाँ बैठी और बोर होने लगी. फिर कुछ घुटन सी
फील होने लगी तो मैं ने सोचा कि ऊपेर टेरेस मे चली जाती हूँ फॉर फ्रेश
एर. और मैं जूस का ग्लास ले कर ऊपेर टेरेस मे चली गयी.
नैना: फिर?
आंटी: बर्तन अपनी जगह पर रखते हुए. फिर क्या मुझे ठंडी ठंडी हवा बहोत ही
अछी लग रही थी कि अचानक आवाज़ आइ.
वो आए हमारे घर मे खुदा की क़ुदरत है
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं
क्रमशः..........
|
|
|