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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
अचानक आकाश ने धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज कर दी और बड़बड़ाते हुए कहा- “मेरी छिनाल धन्नो... मैं झड़ने वाला हूँ..." और वो अपना लण्ड को तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए ‘अहह' के साथ झड़ने लगा।
... करते हुए झड़ने
मुझे अपनी चूत में पानी की पिचकारियां गिरती महसूस हुई और मैं भी आह्ह्ह... इस्स्स्स लगी।
आँटी भी ‘ओहह' करते हुए मेरे मुँह में झड़ने लगी, उसकी चूत का पानी नमकीन था, मैं उसे गटक गई। आकाश के लण्ड से बहुत सारा पानी निकलकर मेरी चूत को भर रहा था। कुछ देर बाद आकाश ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला और बेड पर ढेर हो गया। मैं भी सीधी होकर लेट गई। मेरी चूत से आकाश का पानी निकलकर बेडशीट पर गिरने लगा।
मैंने देखा की बेडशीट पर उसके वीर्य के साथ थोड़ा खून भी लगा हुआ था। आकाश का लण्ड अब भी पूरी तरह ढीला नहीं हुआ था। उसके लण्ड पर वीर्य लगा हुआ था और उसका सुपाड़ा लाल टमाटर की तरह चमक रहा था। मैं अपने आपको रोक नहीं पाई और उसके लण्ड पे लगा हुआ वीर्य अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। उसके वीर्य का स्वाद अजीब था, मगर उसकी गंध मुझे फिर से मदहोश करने लगी। मैंने उसके पूरे लण्ड को अपनी जीभ से चाटकर साफ कर दिया।
सोनाली आँटी हमारा खेल देखकर बहुत गरम हो चुकी थी, उसने मुझे आकाश से परे धकेलते हुए उसे बेड पर लेटा दिया और खुद उसके लण्ड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। कुछ देर में ही आकाश का लण्ड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया। आँटी अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उसके लण्ड पर बैठ गई। आकाश का पूरा लण्ड आँटी की चूत में घुस गया, आँटी की चूत में लण्ड घुसते ही उसके मुँह से ‘अहह' मजे की एक सिसकी निकल गई। अब आँटी खुद अपने चूतड़ उठा-उठाकर आकाश के लण्ड से चुदने लगी। आँटी के लण्ड पर ऊपर-नीचे होने से उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां ऊपर-नीचे होने लगी।
आकाश आँटी की दोनों चूचियों को अपने हाथों से मसलने लगा।
आँटी अब बहुत जोर से धक्के लगाते हुए बड़बड़ा रही थी- “आकाश तुम्हारा लण्ड सच में मुझे जन्नत की सैर कराता है। ओहह... अहह... मैं झड़ने वाली हूँ..." और उसकी साँसें फूलने लगी और वो हाँफते हुए झड़ने लगी। आकाश उसे झड़ता हुआ देखकर नीचे से धक्के लगाने लगा। आँटी कुछ देर तक झड़ती रही और फिर आकाश के ऊपर ढेर हो गई।
आकाश ने उसे अपने ऊपर से उठाकर साइड में लेटा दिया और मुझे अपने ऊपर खींचकर चूमने लगा। मैं पहले ही बहुत गर्म हो चुकी थी। मैंने आकाश के होंठों को काटते हुए अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर अपने चूतड़ उसके लण्ड पर रख दिए। आकाश ने अपने हाथ से लण्ड को मेरी चूत पर सेट किया, मैंने अपना पूरा वजन उसके लण्ड पर रख दिया। उसका आधा लण्ड मेरी गीली चूत में घुस गया। मेरे मुँह से मजे की एक इस्स्स्स निकली और मैंने अपने चूतड़ थोड़ा उठाकर धप्प के साथ उसके लण्ड पर बैठ गई।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
आकाश का पूरा लण्ड मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया। मेरे मुँह से मजे और दर्द की वजह से हल्की चीख निकल गई ‘ओह्ह... और मैं अपने चूतड़ उठा-उठाकर आकाश के लण्ड पे ऊपर-नीचे होने लगी। आकाश भी नीचे से धक्के लगाने लगा। मेरी साँसें फूलने लगी, मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मैं अब अपने चूतड़ बहुत ऊपर लण्ड के टोपे तक उठाकर फिर से नीचे कर रही थी।
मेरे सारे बदन से पशीना बह रहा था और मेरी आँखें मजे से बंद हो गई थी। मैंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था की चुदाई में इतना मजा भी आता है। मैं अपनी चुदाई की चरम सीमा पर पहुँच गई और काँपते हुए ‘अह्ह... ओहह..' करते हुए झड़ने लगी। कुछ देर तक झड़ने के बाद मैं आकाश के ऊपर ढेर हो गई।
आकाश ने मुझे चूमते हुए अपने साइड में सुला दिया और सोनाली को पकड़कर उल्टा कर दिया और उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया। आकाश कुछ देर तक सोनाली आँटी की चूत मारने के बाद अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक । लगाकर आँटी की गाण्ड पर रख दिया और इससे पहले की आँटी कुछ समझ पाती आकाश का आधा लण्ड उसकी गाण्ड को चीरता हुआ अंदर घुस गया।
आँटी के मुँह से एक हल्की चीख निकल गई- “ओईई... मर गई अचानक ही घुसा दिया..”
मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मैं सोच रही थी आकाश का इतना मोटा और बड़ा लण्ड इसकी गाण्ड में कैसे घुस गया। आकाश कुछ देर तक आधे लण्ड से धक्के लगता रहा और अचानक उसने अपना लण्ड पीछे खींचकर पूरा अंदर कर दिया।
आँटी के मुँह से चीख निकल गई- “ओहह... फट गई...”
मगर आकाश झड़ने के बिल्कुल करीब था, वो आँटी की चीखों की परवाह ना करते हुए जोर से उसकी गाण्ड मारने लगा और हाँफता हुआ उसकी गाण्ड में झड़ गया, और झड़ने के बाद बेड पर ढेर हो गया। कुछ देर बाद आकाश वहाँ से चला गया।
आँटी दरवाजा बंद करने के बाद मेरे पास आई और मुझे चूमते हुए कहा- “धन्नो तुम तो बिल्कुल छुपी रुस्तम निकली, अपनी आँटी को छुपकर चुदते हुए देखती रही। मैंने तुम्हें उसी दिन खिड़की के पास देख लिया था मगर तुम्हें कह नहीं पाई और तुम सबके खाने में नीद की दवा मिलाने लगी। मगर कल मैं तुम्हें चलते हुआ देखकर समझ गई की तुमने अपना कुँवारापन गॅवा दिया है। इसीलिए आज मैंने खाने में दवा नहीं मिलाई और बिंदिया और करुणा के दूध में दवा मिला दी, और तुम्हें मैंने जानबूझ कर हमारा खेल देखने का मौका दिया। मैं चाहती थी की तुम भी मेरी तरह अपनी जवानी का पूरा मजा लो। वैसे तुमने किसके साथ अपनी पहली चुदाई की?”
मैं बुत बनकर अब तक उसकी बातें सुन रही थी।
मैंने अपना मुँह खोलते हुए बताया- “वो मेरे कालेज में पढ़ता है, उसका नाम कृष्णा है मगर उसका लण्ड आकाश जितना बड़ा नहीं है, मुझे खास मजा नहीं आया था...”
आँटी ने हँसते हुए कहा- “ऐसे लण्ड सभी के नहीं होते, जैसा आकाश का है। खुशनशीब औरतों को ही ऐसा लण्ड मिलता है। तुम दोनों उस दिन जिस लड़के के साथ आई थी जिसका नाम रोहन है उसका क्या चक्कर है?”
मैंने आँटी को बता दिया- “रोहन बिंदिया से प्यार करता है और वो बहुत ही शरीफ और सुलझा हुआ लड़का है। बिंदिया भी उसे पसंद करती है...”
आँटी ने मेरी बात सुनने के बाद कहा- “दिखने में भी वो स्मार्ट है चलो दोनों की शादी करवा देंगे...”
मैंने आँटी से कहा- “मुझे नींद आ रही है मैं अपने कमरे में जाऊँ?”
आँटी ने मुश्कुराते हुए मेरे होंठों पे एक किस कर दी और मुझे गुडनाइट कहा। मैं अपने कमरे में आकर सो गई। दूसरे दिन सनडे था मैं बहुत देर तक सोती रही। जब मैं उठी और फ्रेश होकर अपने कमरे से निकली तो मैं हैरान रह गई। रोहन वहाँ बैठा हुआ चाय पी रहा था।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने जाकर उसे हाय कहा और उनके साथ बैठ गई। बिंदिया आज बहुत बन-ठन के बैठी थी। मैं समझ गई की रोहन ने पहले ही बिंदिया को कह दिया होगा की कल मैं आऊँगा।
सोनाली आँटी रोहन से पूछने लगी- “तुम्हारे परिवार में और कौन-कौन है?”
रोहन ने कहा- “आँटी मैं अपने माँ बाप की एकलौती औलाद हूँ और मेरे पिताजी यहां के मशहूर बिसनेसमैन रवी मल्होत्रा हैं...” फिर रोहन ने बातें करते हुए आँटी से कह दिया- “आँटी मैं बिंदिया से प्यार करता हूँ, बहुत जल्द मैं अपने मम्मी पापा के साथ इसका रिश्ता लेने आऊँगा...”
बिंदिया ने शर्माकर अपना मुँह नीचे कर दिया। मैं रोहन की दिलेरी को देखकर हैरान रह गई।
आँटी ने कहा- “बेटा मुझे कोई एतराज नहीं है। भला एक माँ को अपनी बेटी के लिए और क्या चाहिये? एक अच्छा लड़का और वो सारी खूबियां तुममें है...”
रोहन ने आँटी की बात सुनकर खुश होते हुए कहा- “आँटी आपने मेरी सारी टेंशन दूर कर दी। मैं जल्द से जल्द मम्मी-पापा से बात करके उन्हें बिंदिया के बारे में बता दूंगा...”
आँटी ने कहा- ठीक है। मगर तुम दोनों की शादी तुम्हारे एग्जाम्स के बाद होगी।
रोहन ने कहा- “कोई बात नहीं, वैसे भी एग्जाम नजदीक हैं..” और रोहन ने पूछा- “आँटी, मैं शाम को बिंदिया को घुमाने ले जा सकता हूँ?”
आँटी ने मुश्कुराते हुए कहा- “बिंदिया अब तुम्हारी ही अमानत है, तुम उसे ले जा सकते हो...”
रोहन बोला- “आँटी, मैं अभी चलता हूँ मुझे बहुत सारा काम है, शाम को मैं आऊँगा। बिंदिया तुम तैयार रहना..."
रोहन के जाने के बाद बिंदिया अपने कमरे में चली गई। मैं भी उसके पीछे-पीछे उसके कमरे में आ गई। मैं कमरे में आते ही उसे छेड़ने लगी- “आज रोहन के साथ कहाँ जाने वाली हो... घूमने का प्रोग्राम है या कोई दूसरा प्रोग्राम है?”
बिंदिया ने मुश्कुराते हुए कहा- “बदमाश... वो तो रोहन को पता होगा की मुझे कहाँ घुमाने ले जाता है?”
अचानक आँटी कमरे में दाखिल हुई। सोनाली आँटी ने बिंदिया को देखते हुए कहा- “तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है। रोहन स्मार्ट है और शरीफ घराने का लगता है, मगर फिर भी तुम अपनी शादी पक्की होने तक अपने आपको उसके ज्यादा नजदीक मत लाना...” और आँटी यह कहते हुए कमरे से चली गई।
हम आपस में बातें करने लगे। ऐसे ही वक़्त गुजर गया और शाम हो गई। रोहन अपने बाइक पे बिंदिया को लेने आ चुका था। बिंदिया भी सज संवार के तैयार हो चुकी थी। रोहन आँटी से इजाजत लेते हुए बिंदिया को अपने साथ बाइक पर बिठाकर घुमाने ले गया। बाइक पर बिंदिया रोहन से कुछ दूर बैठी थी। कुछ आगे जाने के बाद रोहन एक बड़े खड्ढे से गाड़ी ले जाने लगा। बिंदिया अचानक अनबलेन्स होने लगी और रोहन की कमर में हाथ डालकर उससे चिपक गई।
बिंदिया के बड़ी-बड़ी चूचियां अपनी पीठ पर महसूस करते ही रोहन के मुँह से 'आह' निकल गई।
बिंदिया ने रोहन की सिसकी सुन ली और उसे डाँटते हुए कहा- “तुम्हें शर्म नहीं आती, अपनी गाड़ी जानबूझ कर खड्ढे से गुजारते हुये, मैं अगर गिर जाती तो?”
रोहन ने कहा- मेरे होते हुए तुम कैसे गिर सकती हो?
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया ने आगे सरकते हुए अपनी चूचियां रोहन की पीठ पे गड़ा दी और उसे कसकर पकड़ लिया। बिंदिया ने रोहन से कहा- “अब तुमको अपनी गाड़ी किसी खड्ढे में से गुजारने के कोई जरूरत नहीं है...”
रोहन मुश्कुराते हुए गाड़ी चलाने लगा।
बिंदिया ने रोहन से पूछा- “हम कहाँ जा रहे हैं?”
रोहन ने कहा- “पहले हम घूमने किसी अच्छी जगह चलेंगे, उसके बाद मैं तुम्हें शापिंग कराऊँगा...”
उधर बिंदिया के जाते ही मैं करुणा के कमरे में चली गई और उससे बातें करने लगी। आपको मैंने करुणा का सही परिचय तो कराया ही नहीं है। करुणा बिंदिया के छोटी बहन का नाम है वो अभी 18 साल की है। दिखने में बहुत खूबसूरत और गोरी है। उसकी चूचियां अपनी माँ की तरह बड़ी-बड़ी हैं मगर इतनी भी नहीं जितनी सोनाली आँटी की हैं। उसकी चूचियां और चूतड़ उसकी उमर के हिसाब से बड़ी दिखती हैं।
बातें करते हुए मैंने उससे पूछा- “करुणा पढ़ाई कैसी चल रही है?”
करुणा ने कहा- “धन्नो दीदी पढ़ाई तो बिल्कुल सही चल रही है मगर?”
मैंने जल्दी से करुणा से पूछा- “मगर क्या?”
करुणा- “वो दीदी एक लड़का है वो मेरे साथ पढ़ता है वो मुझे बहुत तंग करता है...”
मैंने पूछा- क्या करता है? करुणा मुझे बताओ डरने की कोई जरूरत नहीं है।
करुणा ने कहा- “वो बहुत गंदी-गंदी बातें करता है। वो पूछता है की तुम्हारी छातियों का साइज क्या है और तुम्हारे नितंबों का क्या साइज है?”
मैं हैरान होते हुए उसकी बातें सुनती रही। मैंने करुणा से पूछा- “उस लड़के का नाम क्या है?”
करुणा ने कहा- “उसका नाम सुरेश है...”
मैंने कहा- “तुम डरो मत... मैं कुछ करती हूँ, तुम्हारा स्कूल यहाँ से कितना दूर है और तुम किसके साथ स्कूल तक जाती हो और किसके साथ वापस आती हो?"
करुणा ने कहा- “स्कूल यहाँ से बिल्कुल करीब है और मेरे साथ दूसरी लड़कियां भी आती जाती हैं। मगर वो मुझे स्कूल में इंटर्वल में तंग करता है...”
मैंने करुणा से कहा- “तुम हो भी इतनी सुंदर... तुम्हें चलता हुआ देखकर तो सारे लड़के आहें भरते होंगे। बेचारे उस लड़के का क्या कसूर है?”
करुणा अपनी तारीफ सुनकर शर्म के मारे लाल हो गई। कुछ देर तक उससे बातें करने के बाद मैं उठकर आँटी के कमरे में आ गई।
आँटी ने मुझे देखते हुए कहा- “धन्नो अच्छा हुआ तुम आ गई, मुझे तुमसे बात करनी है...” और आँटी ने जाकर दरवाजा बंद कर दिया और मेरे पास बैठकर कहने लगी- “आकाश का फोन आया था रात को, उसके आफिस की एक पार्टी है वो तुम्हें उस पार्टी में देखना चाहता है...”
मैंने हैरान होते हुए पूछा- “मगर रात को हम बाहर कैसे जा सकते हैं?”
आँटी ने कहा- “उसकी तुम फिकर मत करो। अगर तुम जाना चाहो तो मैं इंतजाम कर देंगी...”
मैंने कहा- आप कहती हैं तो मैं तैयार हूँ।
आँटी ने मुझे प्यार से अपनी बाहों में भर लिया और कहा- “मुझे पता था की तुम मना नहीं करोगी..."
आँटी की बड़ी चूचियां मेरी चूचियों से टकरा रही थी। मैं अभी से रात के बारे में सोचकर उत्तेजना से गर्म हो रही
थी।
आँटी ने मेरी उत्तेजना देखकर कहा- “धन्नो रात को खाना खाने के बाद बिंदिया और करुणा सो जाएंगी, तुम उनके सोने के बाद तैयार हो जाना। आकाश अपनी गाड़ी भेज देगा जो हमें वहाँ ले जाएगी और पार्टी खतम होने के बाद हमें वापस यहाँ छोड़ देगी...”
मैंने आँटी से कहा- “मैं अपने कमरे में जा रही हूँ..."
आँटी ने मेरे होंठों को चूमते हुए मुझे बेड पर गिरा दिया। आँटी ने अपनी कमीज और ब्रा निकालकर सोफे पर फेंक दी और मेरे ऊपर चढ़कर वो अपनी चूचियां मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। मैं पहले से ही बहुत गर्म थी, मैं । अपना मुँह खोलकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। आँटी मुझे तड़पाने के मूड में थी। वो अपनी चूचियों को मेरे मुँह पर रगड़कर फिर ऊपर उठा लेती थि और मैं उसकी चूचियों को मुँह में नहीं ले पाती थी।
मैंने आँटी की चूचियों को अपने हाथों से पकड़कर एक चूची अपने मुँह में ले ली। मैं उसकी चूची को बहुत जोर से चूसते हुए उसे अपने ऊपर से गिराकर उसके ऊपर चढ़ गई। मैंने अपनी कमीज और ब्रा निकाली और अपनी चूचियों को आँटी की नंगी चूचियों से रगड़ने लगी। मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकल रही थी। मैंने नीचे होते हुये उसकी सलवार को खींचकर उतार दिया और उसकी कच्छी को भी नीचे सरका दिया। मैं उसकी चूत पे अपना मुँह ले जाने लगी।
उसकी चूत से बहुत अजीब गंध आ रही थी, जो मुझे ज्यादा मदहोश कर रही थी। मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत के दाने को चूसने लगी। आँटी के मुँह से मजे से सिसकियां निकल रही थी। मैंने अपनी सलवार भी उतार दी और कच्छी को नीचे करते हुए उल्टा होकर आँटी के मुँह पर अपनी चूत रख दी और उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया। हम 69 पोजीशन में थे।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कुछ देर बाद मेरा जिश्म अकड़ने लगा और मैं हाँफते हुए झड़ने लगी। मुझे कुछ सुकून महसूस हुआ, मगर मुझे लण्ड का चस्का लग चुका था इसीलिए मुझे उंगली से कोई खास मजा नहीं आया था। मैं नहाकर बाहर निकली और एक नया ड्रेस पहनकर अपने आपको तैयार करने लगी।
कुछ देर बाद आँटी कमरे में दाखिल हुई और मुझे देखकर मुश्कुराते हुए कहने लगी- “धन्नो आज तो तू सच में हुश्न की देवी लग रही हो...”
मैंने आँटी से बैंक्स कहते हुए कहा- “आप भी तो आज बहुत सज-संवरकर हुश्न की देवी लग रही हो...”
सोनाली आँटी ने कहा- “चलो आकाश ने गाड़ी भेज दी है ड्राइवर हमारा इंतजार कर रहा है...”
मैं आँटी के साथ बाहर तक आ गई, आँटी ने बाहर से दरवाजे को लाक किया। बाहर एक बहुत बड़ी मर्सडीज गाड़ी खड़ी थी। हम जैसे ही गाड़ी के पास पहुँचे ड्राइवर ने गाड़ी का दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर बैठ गये। ड्राइवर ने दरवाजा बंद किया और गाड़ी चलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद गाड़ी एक आलीशान बंगले के सामने जाकर रुक गई। इाइवर ने गाड़ी से उतरकर दरवाजा खोला और हम दोनों को अंदर ले गया।
आकाश हमें देखते ही वेलकम कहते हुए हमसे मिला। अंदर पार्टी का बहुत ही शानदार इंतजाम था। वो एक बहुत ही बड़ा हाल था, जिसमें चारों तरफ टेबल लगी हुई थी और वहाँ पर खाने और पीने की सभी चीजें मौजूद थी। हमारे अंदर जाते ही सारे लोग हमें गौर से देखने लगे।
आकाश ने हमारा उन सबसे परिचय कराया और उनको कहा- “यह हमारे बैंक के एक्स मैनेजर की वाइफ और भांजी है जो इस वक़्त हमारे साथ मौजूद नहीं हैं...”
कुछ देर बाद खाने का दौर चला, हम भी खाना खाने लगे। खाना खतम होते ही सारे लोग एक-एक करके जाने लगे। थोड़ी देर बाद सब जा चुके थे। आकाश हमको साथ में लेकर टेबल तक आ गया और तीन ग्लसों में बियर भरते हुए हमारी तरफ बढ़ा दी।
आँटी ने आकाश से कहा- “हमने कभी शराब नहीं पी है, हम नहीं पिएंगे...”
आकाश ने सोनाली आँटी की कमर में हाथ डालते हुए कहा- “डार्लिंग यह शराब नहीं है, बियर है। इसमें नशा नहीं होता...”
आँटी ने अपना हाथ बढ़ाकर ग्लास थाम लिया। मैंने भी आकाश से ग्लास ले लिया। जैसे ही मैं ग्लास को अपने मुँह में डाला मुझे उसका स्वाद कड़वी दवा जैसा लगा। मैं खांसने लगी और ग्लास को टेबल पर रखने लगी।
आकाश ने मेरे हाथ में अपना हाथ डालते हुए कहा- “पहले थोड़ा अजीब लगता है। तुम इसे एक ही पैंट में पी जाओ...”
मैं आँटी की तरफ देखने लगी, आँटी ने ग्लास को अपने मुँह पर रखकर सारा ग्लास खाली कर दिया।
मैं हैरानी से आँटी को देखते हुए अपना ग्लास मुँह पर रखकर एक ही घूट में पी गई।
आकाश ने मुश्कुराते हुए कहा- “यह हुई ना बात..." और अपना ग्लास खाली करते हुए फिर से तीनों ग्लास भर दिए। आकाश ने तीन चिकेन टिक्के उठाकर प्लेट में रख दिए और हमें खाने को कहा।
उसने खुद एक टिक्का उठा लिया और उसे खाने लगा। मैंने भी एक टिक्का उठाया और खाने लगी। उसके खाने के बाद आकाश ने दो ग्लास हमें थमाए और एक खुद लेकर हमसे चीयर्स कहा और उसने ग्लास खाली कर दिया। मुझे थोड़ा-थोड़ा नशा चढ़ने लगा था। मैंने भी दूसरा ग्लास मुँह पे रखा और खाली कर दिया। आँटी ने ग्लास खाली कर दिया। आकाश दोनों हाथ बढ़ाकर एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और दूसरा आँटी की कमर में डालकर हमें एक कमरे में ले गया। वहाँ पर एक दूसरा आदमी भी मौजूद था।
उसने हमें देखा और अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- “आकाश यह तो सच में किसी परीलोक की परियां हैं...”
आँटी ने नशे में लड़खड़ाते हुए आकाश से कहा- “यह कौन है?”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
आकाश ने आँटी की गाण्ड पे हाथ फेरते हुए कहा- “यह मेरा बहुत अच्छा दोस्त और यहाँ का मशहूर बिसनेसमैन शाहिद खान है...” और आकाश अपने कपड़े उतारकर नंगा हो गया।
उसके लण्ड को देखते ही मेरी साँसें ऊपर-नीचे होने लगी। मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और नशे के कारण में अपने आपको रोक नहीं पाई और आकाश के लण्ड को अपने हाथों से पकड़कर सहलाने लगी।
आकाश ने सोनाली आँटी को पकड़कर उस आदमी की तरफ बढ़ा दिया और कहा- “खान साहब मजे लो देख क्या रहे हो?”
खान ने आँटी को बेड पर पटक दिया और उसके होंठों को चूसने लगा। आँटी भी गरम होने लगी और उसका साथ देते हुए उसे चूमने लगी। कुछ देर बाद खान ने आँटी की कमीज उतार दी। खान ब्रा में कैद आँटी की बड़ीबड़ी चूचियां देखकर पागल हो गया और आँटी की ब्रा को खींचकर फाड़ दिया। आँटी की नंगी चूचियों को उसने अपने हाथों से मसलते हुए अपने मुँह में ले लिया और जोर से चूसते हुए काटने लगा।
आँटी के मुँह से- “अह्ह... ओह्ह... इस्स्स्स...” की सिसकियां निकलने लगी।
मैं भी बहुत गर्म हो रही थी। मैं अपनी जीभ निकालकर आकाश के लण्ड को चाटने लगी और अपने हाथ से उसकी गोटियों से खेलने लगी। उधर आँटी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। उसने खान को नीचे गिराते हुए उसकी शर्ट और पैंट उतार दी। आँटी अपनी दोनों टाँगें फैलाकर खान के पेट पर बैठ गई और अपनी बड़ी-बड़ी चूचियां उसके सीने पर रगड़ने लगी। खान के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी।
आँटी ने नीचे होते हुए खान का अंडरवेर उतार दिया। अंडरवेर उतरते ही उसका गोरा, लंबा और बहुत मोटा लण्ड बाहर उछलने लगा। मैं खान का लण्ड देखकर बहुत उत्तेजित हो गई और आकाश की गोटी को अपने हाथों से मसलते हुए उसके लण्ड का टोपा अपने मुँह में ले लिया।
आकाश के मुँह से ‘अहह' निकल गई। वो मुझे बालों से पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा।
आँटी खान का लण्ड देखकर पागल हो चुकी थी। खान का लण्ड आकाश के लण्ड से थोड़ा लंबा और उससे भी ज्यादा मोटा था। आँटी ने खान के लण्ड को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और हिलाने लगी। उत्तेजना के मारे । उसकी साँसें लण्ड हिलाते हुए बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। अचानक चाची अपना मुँह खोलकर लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी, मगर खान का लण्ड बहुत मोटा था वो उसके मुँह नहीं आ रहा था। सोनाली आँटी ने अपनी जीभ निकालकर खान के लण्ड को बाहर से चाटते हुए हल्का सा काट दिया।
खान उछल पड़ा- “अह्ह... यह क्या कर रही हो मारने का इरादे है क्या?”
साली- “क्या करूं मेरे मुँह में तो नहीं आ रहा है, बाहर से ही खा लें थोड़ा सा...” और हँसने लगी। आँटी ने अपनी जीभ निकाली और खान के लण्ड के खुले हुए गुलाबी टोपे को चाटने लगी।
खान के मुँह से मजे से ‘अहह' निकल गई।
आकाश यह सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गया था। वो मेरे सिर को पकड़कर अपना लण्ड बहुत जोर से मेरे मुँह में अंदर-बाहर कर रहा था। मेरा ध्यान भी आँटी की तरफ था और मैं बहुत गर्म हो चुकी थी। मुझे पता ही नहीं चला था की आकाश का आधा लण्ड मेरे मुँह में घुस चुका था, और वो हर धक्के के साथ मेरे गले को छू रहा था।
आँटी खान के लण्ड को टोपे से लेकर आखिरी हिस्से तक जीभ से चाट रही थी। खान आँटी की जीभ की गर्मी से मजे में पागल हो रहा था। अचानक उसने उठते हुए चाची को नीचे बेड पर पटकते हुए उसके ऊपर चढ़ गया और अपना भयानक लण्ड आँटी के होंठों पर रख दिया। खान आँटी की चूचियों के नीचे बैठा था और उसकी गोटियां आँटी की बड़ी-बड़ी छातियों को छू रही थी। आँटी ने अपने मुँह को खोला, खान अपने लण्ड को आँटी के मुँह में दबाव देते हुए डालने लगा।
आँटी ने अपना मुँह बहुत जोर से खोल रख था। खान के लण्ड का टमाटर जैसा लाल सुपाड़ा आँटी के मुँह में घुस गया। खान के मुँह से ‘ओह' निकल गई। खान अपने सुपाड़े को आँटी के मुँह में थोड़ा-थोड़ा हिलाते हुए अंदर-बाहर करने लगा।
मैं यह सब देखकर इतनी गर्म हो गई की मैंने आकाश के लण्ड के अपने मुँह से निकालकर उसे नीचे गिरा दिया। मैं अपनी चूत को उसके लण्ड पर सेट करते हुए एकदम उसपर बैठ गई। आकाश का लण्ड मेरी गीली चूत में अपनी जगह बनाता हुआ मेरी चूत की जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से मजे और उत्तेजना के मारे- “आहहह... इस्स्स्स ...” निकल गई। मैं अपने चूतड़ों को उठा-उठाकर आकाश के लण्ड पर उछलने लगी।
आकाश ने मेरी हिलती हुई चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मैं अपने चूतड़ों को आकाश के टोपे तक ऊपर उठाकर फिर से नीचे बैठ जाती। कुछ ही देर बाद मैं अपने चूतड़ उछालते हुए ‘आहहह' करते हुए झड़ने लगी। मैं आकाश के लण्ड पर बैठे-बैठे ही आकाश की छाती पर अपना सिर रखकर ढेर हो गई।
उधर खान अब अपने लण्ड का चौथाई हिस्सा आँटी के मुँह में घुसा चुका था और वो उसे आगे-पीछे कर रहा था।
आँटी के मुँह से पूँ-हूँ की आवाजें निकल रही थी। अचानक खान ने अपना लण्ड आँटी के मुँह से निकाल लिया। मुँह से लण्ड निकलते ही आँटी खांसने लगी।
खान आँटी की दोनों भारी छातियों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपना लण्ड उनके बीच में डालकर आगेपीछे करने लगा। आँटी के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकल रही थी। खान का लण्ड आँटी की चूचियों के बीच होता हुआ उसके मुँह तक आ रहा था, जिसे आँटी अपनी जीभ निकालकर चाट लेती।
मैं फिर से गरम हो रही थी और अपने चूतड़ उछाल रही थी। आकाश मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी चूचियों को चूसते हुए नीचे से धक्के लगाने लगा। मैं मजे में फिर से हवा में उड़ने लगी।
खान आँटी की छातियों को छोड़कर नीचे जाने लगा और आँटी की सलवार उतारकर उसकी गीली पैंटी को अपनी जीभ से चाटने लगा। आँटी की आँखें मजे से बंद हो गई, उसे खान की जीभ गीली पैंटी के होते हुए भी अपनी चूत पर महसूस हो रही थी। खान ने आँटी की पैंटी भी निकल दी और उसकी गोरी चूत को देखते हुए जीभ अपने होंठों पर घूमने लगा। खान ने आँटी की दोनों टाँगों को खोला और अपनी नाक उसकी चूत तक लाकर सँघने लगा।
आँटी की चूत की अजीब महक खान को पागल बना रही थी। खान ने अपनी जीभ निकाली और आँटी की चूत के दाने को छेड़ने लगा। आँटी मजे से छटपटाने लगी और अपनी टाँगें जितना हो सकती थी खोलकर खान के बालों को सहलाने लगी। खान ने अपनी जीभ नीचे लेजाकर आँटी की चूत के मोटे होंठों को चाटते हुए अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी।
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08-05-2019, 12:01 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
आँटी के मुँह “ओह्ह' एक हल्की सिसकी निकल गई। खान अपनी उंगली अंदर-बाहर करते हुए अपनी जीभ से आँटी की गाण्ड चाटने लगा। आँटी मजे के मारे अपना सिर इधर-उधर पटकने लगी। खान ने दूसरी उंगली भी आँटी की चूत में डाल दी और बहुत जोर से अंदर-बाहर करने लगा। आँटी की चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था और वो मजे से ‘आह्ह्ह.. ओहह..' कर रही थी। अचानक खान ने आँटी के चूत से अपनी उंगलियां निकालते हुए आँटी के मुँह में डाल दी।
आँटी अपनी चूत का रस चाटने लगी।
खान ने आँटी से कहा- “तुम मेरे लण्ड को अपनी जीभ से चिकना करो...”
आँटी ने अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड को ऊपर से नीचे तक चिकना कर दिया। खान ने आँटी को सीधा लेटाते हुए उसकी टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया। आँटी की चूत खान के बिल्कुल सामने थी। खान अपना लण्ड आँटी की चिकनी चूत पर रगड़ने लगा। आँटी का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था।
इधर मैं भी बहुत गरम हो चुकी थी और बहुत जोर से आकाश के लण्ड पर उछलने लगी। खान ने अपना लण्ड आँटी के चूत पे निशाने पर रखा और एक बहुत जोर का धक्का मारा, खान का लण्ड आँटी की चिकनी चूत को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया।
आँटी के मुँह से एक भयानक चीख निकली- “ओईई... मर गई, फट गई, निकालो, तुम्हारा बहुत मोटा है...”
मैं यह सब देखकर बहुत उत्तेजित हो गई और हाँफते हुए दूसरी बार झड़ने लगी।
उधर खान आँटी की टाँगों को जोर से पकड़कर अपने आधे लण्ड को जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। आँटी के मुँह से चीखें अब कम होते हुए सिसकियों में बदलने लगी। आँटी अब- “अह्ह... ओह... हाँ ऐसे ही मुझे बहुत मजा आ रहा है, मैं झड़ने वाली हूँ..” कहते हुए अपने चूतड़ उछालने लगी।
खान उसे ऐसे ही चोदता रहा। कुछ देर बाद आँटी ‘अहह' करते हुए झड़ने लगी। खान ने आँटी को झड़ते हुए देखकर अपने लण्ड को पूरा बाहर निकालकर एक जोर का धक्का मारा। उसका लण्ड आँटी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया।
आँटी के मुँह से फिर से चीख निकल गई- “ओह्ह... मर गई... तुम तो सच में मेरी चूत को फाड़ दोगे...” आँटी के झड़ने की वजह से उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, इसलिए खान का लण्ड आसानी से अंदर तक घुस गया था।
आकाश यह सब देखकर बहुत गर्म हो गया और उसका लण्ड मेरी चूत में ठुमके मारने लगा। मैंने भी अपनी चूत को सिकोड़कर उसका जवाब दिया। आकाश ने मुझे उल्टा करते हुए पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और दनादन धक्के लगाते हुए मेरी चूत को अपने वीर्य से भरने लगा। आकाश का गर्म वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही मैं भी झड़ने लगी। कुछ देर तक हम दोनों झड़ने के बाद निढाल होकर बेड पर लेट गये और खान और ऑटी का खेल देखने लगे।
खान अब अपने पूरे लण्ड से आँटी की चूत में धक्के लगा रहा था और उसके हर धक्के के साथ आँटी के मुँह से ‘अह्ह... ओहह... ओईईई...” निकल रही थी। खान इतने जोर से धक्के लगा रहा था की उसके हर धक्के के साथ गप-गप की आवाजें आ रही थी। अचानक खान ने अपनी रफ़्तार बहुत तेज कर दी और हाँफते हुए अपने वीर्य से
आँटी की चूत को भरने लगा। आँटी भी ‘आहह' करते हुए झड़ने लगी। कुछ देर तक दोनों झड़ते रहे और फिर निढाल होकर बेड पर गिर पड़े।
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