Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 03:09 PM,
#71
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
तान्या की पीठ पर थोड़ा झुकने के बाद मेरा हाथ उसके नीचे पहुँच गया और तान्या की चूत के आगे पीछे होते हुए, चूत के दाने को मसल्ने लगा. पहली बार छूने पर तो तान्या थोड़ा उछल ही गयी, फिर उसने मेरी तरफ अपनी गर्दन उठा के देखा, और ज़ोर ज़ोर से कराहने लगी. तान्या बस झड़ने ही वाली थी, मैं भी झड़ने के और ज़्यादा करीब था, मैं उसकी चूत के दाने को सहला कर अपने साथ झड़ने के लिए तय्यार कर रहा था. मेरे को शायद ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत नही थी.

"ओह गॉड तान्या, रुकना मत ! ओह शिट, मैं बस झड़ने ही वाला हूँ!" मैने कराहते हुए कहा.


"उम्म्म्म ह्म्म्म्म," तान्या ने मेरे लंड को मूँह में भर के आवाज़ निकाली, तान्या अपनी गान्ड हिला हिला के अब अपनी चूत को रब्बर के लंड पर ज़ोर ज़ोर से घिस रही थी. किसी तरह तान्या अपनी चूत में डिल्डो को ज़्यादा अंदर बाहर कर रही थी, और अपने मूँह में डिल्डो के कंपॅरिज़न में काफ़ी छोटे लंड को अपने मूँह में गले तक अंदर बाहर कर रही थी. तान्या अब तेज़ी से अपने हिप्स को आगे पीछे उपर नीचे करने लगी, साथ ही साथ मेरे लंड से पानी निकालने की कोशिश कर रही थी.


मेरी उंगलियाँ अभी भी तान्या की चूत के दाने के साथ खेल रही थी, साथ साथ में अपनी गान्ड को आगे पीछे कर के अपने लंड को ज़्यादा से ज़्यादा तान्या के मूँह में घुसाने की कोशिश कर रहा था. "ओह गॉड, मैं बस झड़ने ही वाला हूँ!" मेरी गोलियाँ टट्टों के उपर तक चढ़ गयी थी, और फिर मैने वीर्य का फवारा तान्या के मूँह के अंदर छोड़ दिया. 


"म्म्म्मम ह्म्म्म्म वआहम्म्म उम्फ, ओअंफ़, म्म्म्मम, ह्म्म्म्म," करते हुए तान्या के मूँह से आवाज़ें निकली, लेकिन मेरी उम्मीद से कहीं बेहतर तान्या ने मुझे ब्लोवजोब देकर मेरे लंड को चूसा और चाटा था. 


तान्या के मूँह में अभी भी मेरा करीब 2 इंच लंड मूँह के अंदर था, और आधा डिल्डो चूत के अंदर घुसा था. मैं महसूस कर पा रहा था कि कैसे उसने अपने आप पर काबू पाया होगा जब वो भी झड रही थी, उसकी चूत की मांसपेशियाँ कभी सिंकूड कर और कभी ढीली होकर ऑर्गॅज़म पर पहुँच रही थी, ठीक उसी वक़्त मेरा लंड तान्या के मूँह में वीर्य की पिचकारियाँ छोड़ रहा था. तान्या ने सारे वीर्य को एक घूँट में सक लिया, और अपनी जीभ को मेरे लंड पर फिर भी फिराती रही.


फिर तान्या ने एक गहरी साँस ली, अपने चरम सुख पर पहुँचने के बाद, यकायक ढेर होकर अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया. हर थोड़ी देर बाद तान्या मेरे साथ हिल जाती और एक सिसकी उसके मूँह से निकल जाती, मेरे लंड को थोड़ा सा करीब 2 इंच, अभी भी तान्या ने अपने मूँह में भर रखा था.


बेहनचोद... मेरे मूँह से फिर यही निकला, जब मैने देखा कि तान्या अब भी मेरे लंड के सुपाडे को अपने जीभ से चाट रही है, मेरे पूरे शरीर में सनसनी सी दौड़ गयी, मैं अपने हाथों को पीछे ले जाकर टिका लिया, और घुटनों के बल बैठे हुए ही, आगे क्या होगा इसके बारे में सोचने लगा. तान्या लंबी और गहरी साँसें ले कर, हाँफ रही थी और धीरे धीरे कराह रही थी. तान्या ने आगे झुक कर अपनी एल्बोस पर आ गयी, जब तक कि डिल्डो उसकी खुली चूत के छेद से पूरा बाहर नही निकल गया. डिल्डो चूत से बाहर निकालने के बाद, डेस्क पर फिक्स होने के कारण मस्त होकर लहराने लगा, और करीन 10 सेकेंड अक हिलता रहा.


हे भगवान, तान्या कराही और फिर अपनी पीठ को सहारा देते हुए मेरी तरफ देखा, और बोली, तुम अंदर कैसे आए? तान्या को अब सब कुछ समझ में आ चुका था, सिचुयेशन पूरी तरह से उसके कंट्रोल में थी.


"ऐसे ही."


"क्यों?"


"तुमको ऐसा करते पकड़ने के लिए," मैने धीरे से कहा, और अपनी साँस पर काबू पाने का प्रयास करने लगा. तान्या ने जब मेरी तरफ नज़र उठा के देखा, तो मैं बोलता चला गया, तान्या, मैं तुम्हारी चुदाई ना जाने कब से करना चाहता था , तुमको अब उस रब्बर के लंड की ज़रूरत कभी नही पड़ेगी.


राज, मेरी शादी तुम्हारे साथ होने वाली है, तान्या ने कहा और मैने हां में सिर हिला दिया. 


राज: तान्या तुम को भी तो मेरे लंड के पानी को पीने का आज मौका मिला, मुझे तो बहुत अच्छा लगा..


तान्या: थॅंक्स, आज पहली बार असली चीज़ को चूसने का मौका मिला, राज तुम्हारा वो बहुत अच्छा है. तान्या थोड़ा खिसक कर मेरे और पास आ गयी. राज, क्या ये सब शादी से पहले सही है? 


राज: हां, क्यों नही, तुमने तो पिल ले ही रखी हैं, और हम दोनो में से किसी को स्ट्ड है नही तो फिर प्राब्लम क्या है?


तान्या: मुझे विश्वास नही होता, मैं ये सब शादी से पहले तुम्हारे साथ कर रही हूँ.


राज: तान्या ये तुमने खरीदा कहाँ से?


तान्या: ऑनलाइन, और डेलिवरी अपने हॉस्टिल वाली फ्रेंड के रूम पर करवा ली, सिंपल.....


राज: तान्या, तुम को नही लगता, तुम को उस रब्बर के लंड की जगह असली लंड को अपनी चूत में लेना चाहिए? तान्या अपने निचले होंठ को दाँतों से काट रही थी. मैने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, और तुम्हे उसमे कोई मेहनत भी नही करनी पड़ेगी.

तान्या की नज़र मेरे लंड पर गयी, गहरी साँस लेते हुए तान्या बोली, हे भगवान, तुम्हारा ये अब भी खड़ा है, अभी अभी तो तुम्हारा ढेर सारा माल मैने पिया है जो तुमने मेरे मूँह में निकाला था फिर भी?

मैने शरारत भरे लहजे में कहा, ये ही तो मैं भी कह रहा हूँ, मैं तुमको वाकई में चोदना चाहता हूँ! ये उसी बात का जीता जागता सबूत है.

हम दोनो ने मेरे लंड की तरफ देखा, जो पूरी तरह खड़ा होकर, उछल उछल के मेरी बात से सहमति जाता रहा था. तान्या ने आगे बढ़कर धीरे से मेरे लंड को सहलाया, तान्या के हाथ लगाते ही मेरे शरीर में कुछ कुछ होने लगा. तान्या की आइ ब्रोव्स थोड़ा चढ़ गयी, मानो वो किसी गहरी सोच में हो, फिर उसने उपर मेरी आँखों में देखा, और एक आख़िरी बार मेरे लंड को दबा दिया.

"ओके, लेकिन हम एक डील कर लेते हैं," तान्या बोली. "मैं तुमको शादी से पहले आज एक पहली और आख़िरी बार करने दूँगी, वो भी केवल इसलिए कि मैं ये जानना और महसूस करना चाहती हूँ कि असली का मज़ा कैसा होता है, जब ये अंदर जाएगा तो कैसा लगेगा, लेकिन एक बार से ज़्यादा मैं तुमको नही करने दूँगी."

मैं तुरंत तय्यार हो गया, और अपने मन में सोचा, कभी नही से तो एक बार ही अच्छा है. साथ ही साथ इस बात के लिए भी कॉन्फिडेंट था कि अगर तान्या ने एक बार मेरे लंड का स्वाद चख लिया तो रब्बर के लंड को भूल जाएगी. मैने खड़ा होकर, अपना एक हाथ तान्या की तरफ बढ़ाया, ताकि वो सपोर्ट लेकर खड़ी हो सके. तान्या के नज़रें मेरे लंड के उपर से हट ही नही रही थी, जब तक वो सीधी खड़ी नही हो गयी. मैने अपने बॉक्सर्स को अपने पैरो में से पूरी तरह से निकाला और तान्या को सहारा देकर बेड तक ले गया. बेड के पास जाकर मैने तान्या के उपर से हाथ हटाया और अपनी टी-शर्ट को अपने गले में से निकाल के फेंक दिया, अब मैं तान्या, जो कि शायद मेरी होने वाली बीवी थी, उस के सामने एक दम नंगा खड़ा था.

हाई राम, राज, मैं बहुत नर्वस हो रही हूँ, इतना कह कर तान्या ने एक लंबी साँस ली.
राज: मैं भी
तान्या: अब क्या करना है?
राज: उम्म... चलो बेड पर आ जाओ.

"ओह," तान्या ने धीरे से हंसते हुए कहा. "ठीक है जैसा तुम चाहो, हुह." मैं तान्या के खूबसूरत शरीर को झिझकते हुए बेड की तरफ बढ़ते हुए देखता रहा. तान्या बेड पर अपनी पीठ के बल, हाथों से अपनी चूत को छिपाते हुए लेट गयी, और शरमाते हुए उसके गाल गुलाबी हो गये थे, उसने मुझसे पूछा, अब क्या करना है?

अब मेरी बारी थी, कैसे एक लड़की, जो शायद आज से पहले कभी नही चुदि है, उसे कैसे इस के लिए तयार करूँ. मैं तुरंत अपने लंड को तान्या की चूत में डाल के, उसकी दबा के चुदाई करने लिए तय्यार था, लेकिन शुरूवात कहाँ से करनी है, इसी सोच में डूबा था. धीरे से मैं तान्या के पास बेड पर चढ़ा, और उसकी चूत के फूले हुए होंठों को देखने लगा जो डिल्डो से घिस घिस के लाल हो चुके थे. थोड़ा रोमॅंटिक होते हुए, मैं तान्या के फेस की तरफ जाकर, उसकी एक किस लेने के लिए झुका.

ओह, राज, प्लीज़ जल्दी करो, मैं ये सब करवाने के लिए एक बार तय्यार हुई हूँ, लेकिन इस का मतलब ये नही है कि तुम अभी से मुझे अपनी बीवी समझ लो, प्लीज़ जो करना है जल्दी करो, और तान्या ने दूसरी तरफ अपना मूँह फेर लिया.

मैने मन ही मन सोचा, अगर तान्या ऐसा चाहती है तो ऐसे ही सही, मैने भी बिना किसी चीज़ की परवाह करते हुए, तान्या के नीचे की तरफ आ गया और उसकी दोनो टाँगों के बीच अपना चेहरा घुसा दिया, तान्या की चूत मेरे चेहरे से बस 8 इंच दूर थी. तान्या ने अपने हाथों से मेरे माथे को दूर होने के लिए धक्का दिया.

तान्या(एक लंबी साँस लेते हुए) : राज, उस डिल्डो को देख के क्या तुम्हारे समझ में नही आ रहा कि मेरे को एग्ज़ाइट करने की कोई ज़रूरत नही है. मैने उस रब्बर के लंड की तरफ देखा जो तान्या की चूत से निकले रस से भीगा हुआ था.


राज: ओह्ह तान्या, मैने तो इस चीज़ पर ध्यान ही नही दिया
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03-31-2019, 03:10 PM,
#72
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
तान्या के मूँह से एक सिसकी निकल गयी जब मैने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और चूत के क्रॅक के उपर थोड़ा सा घिसा. मैं एक दो बार आगे पीछे हुआ, जिस से मेरा लंड उसकी चूत से निकल रहे रस से भीग कर थोड़ा गीला हो जाए. तभी तान्या अपना हाथ नीचे ले आई और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ के मेरी आँखों में आँखें डाल के बोली, "राज, अगर चुदाई करनी ही है तो इतना सोचो मत."

हां... मैं बस इतना ही एक गहरी साँस लेते हुए बोल पाया.

तो फिर ठीक है, तान्या ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ के अपनी चूत के छेद पर लगाया, और करीब 3 इंच तक अपनी चूत के अंदर ले लिया. मेरे लंड को तान्या की चूत में घुस कर एक अलग ही डिफरेंट टाइप का आनंद मिला. 

मैने अपनी गान्ड करीब 2 इंच पीछे करके फिर आगे धक्का मारा, और जब तक दबाता रहा, जब तक कि मेरा पूरा का पूरा लंड, तान्या की फूली हुई चूत में नही चला गया. मैने थोड़ा रुक कर तान्या की आँखों में देखा, और चेक किया कहीं ऐसा करते हुए वो पछता तो नही रही है. जब मैने उसके चेहरे पर स्माइल देखी तो मैने जोश में आकर अपना पूरा लंड उसकी चूत से बाहर निकाल के, एक बार फिर से उसकी चूत में अंदर घुसा दिया. 

"ओह्ह्ह्ह राज्ज्जज्ज्ज,” तान्या कराहते हुए बोली, जैसे ही मैने जड़ तक लंड को उसकी चूत में घुसाया. करीब 5 सेकेंड बाद मैने फिर से लंड को बाहर खींच लिया और फिर पूरा पेल दिया, हम दोनो के शरीर अब एक हो चुके थे. करते रहो राज, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है राज, डिल्डो के साथ ऐसा मज़ा नही आता, तुम्हारा लंड तो गरम गरम है, वो तो ठंडा होता है.... आहह... तुम्हारे लंड को अपनी चूत में... आह बड़ा मज़ा आ रहा है... रूको राज.... कुछ मत करो प्लीज़. कुछ देर ऐसे ही डाले रखो, मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत के अंदर महसूस करना चाहती हूँ !


मुझे आज तक दीदी के अलावा किसी लड़की की चूत नही मिली थी, तान्या की गरम गरम चूत में लंड डालकर बड़ा मज़ा आ रहा था. लंड को पूरा उसमे घुसाए हुए, उसकी चूत को महसूस कर रहा था, तान्या की चूत ने मेरे लंड को जकड रखा था, तान्या की चूत कभी थोड़ा ढीला करके फिर ज़ोर से मेरे लंड को जकड लेती. चूत में लंड डालने का आनंद ही कुछ और है.

मैं कुछ सोच रहा था, जब तान्या की आवाज़ से मैं होश में आया, वाउ, मुझे विश्वास नही हो रहा कि तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर है, उस डिल्डो जितना मोटा तो नही है, लेकिन मज़ा उस से ज़्यादा दे रहा है. तान्या ने आँखों में झाँकते हुए कहा, फिर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, अच्छा चलो अब धक्के लगाना शुरू करो. चोद दो, चोद दो मुझे.... राज..

"अभी करता हूँ, तान्या." मैने अपने हिप्स को धीरे से इतना पीछे किया कि बस लंड का सुपाड़ा चूत के अंदर रह गया. और फिर ज़ोर से पूरा अंदर घुसा दिया, मैं इस तरह उसी स्पीड से बार बार करने लगा. जैसे ही लंड पूरा जड़ तक चूत में घुसता, तान्या सिसक उठती.

हर बार वैसे ही पूरा बाहर निकाल के उसी स्पीड के साथ मैं तान्या को चोद रहा था. मुझे तान्या को छोड़ने में बड़ा मज़ा आ रहा था. एक बार लंड को बाहर निकालते हुए मैने कहा, तान्या तुम बहुत सुंदर हो, और फिर एक थॅप के साथ लंड अंदर घुसा दिया.

"ऊआफ़!" वो कराही

मैने पीछे होकर फिर एक धक्का मारा... ज़ोर से !

ओअफ़फ्फ़! हां राज ... चोदो मुझे ! ओह गॉड रुकना मत प्लीज़!

तान्या सोच क्या रही थी? मेरा रुकना तो अब संभव ही नही था, अगर मेरा लंड खड़ा रह सकता तो मैं तो उसे दिन रात चोदता ही रहता. अब जब उसने ना रुकने की रिक्वेस्ट की थी, तो मेरा उसे मनाने का फ़र्ज़ था. मैने अपना फेस नीचे कर के तान्या के राइट निपल को किस करने और चूसने लगा, तान्या का निपल तुरंत पायंटेड और कड़ा होकर खड़ा हो गया. 


"ओह राज ... सक माइ टिट्स! हार्डर ... सक देम हार्डर! ओह दट'स गुड!"


तान्या ने अपने पैर मेरी गान्ड के चारो तरफ लपेट लिए, और अपने हाथों से मेरी बाहों को टाइट पकड़ लिया, और ज़ोर ज़ोर से खुशी से कराहने लगी. मैं अपने मूँह में कभी एक निपल तो कभी दूसरे निपल को चूस रहा था, और अपने हाथ से फ्री चूंची को दबा रहा था. तान्या की चूंचियाँ वाकई में बहुत मस्त थी ! मैने जैसे ही लेफ्ट निपल को मूँह में लिया और तेज़ी से अपनी जीभ को निप्पल के उपर घुमाने लगा, फिर एक ज़ोर का झटका मार के मैने अंदर तक लंड को घुसाते हुए अपने हिप्स का पूरा बोझ उसकी चूत पर डाल दिया.

"ओह!" तान्या ने ज़ोर से एक लंबी साँस मेरे कानों में छोड़ी. तान्या का शरीर थरथराने लगा और वो चिल्ला के बोली, "ओह शिट! राज डॉन'ट ... ओह गॉड डॉन'ट स्टॉप!" उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड लिया और वो मेरे नीचे लेटे हुए काँपने लगी. फिर वो ज़ोर से कुछ देर तक एक साँस में कराहती रही, उसका शरीर अकड़ने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से अपने शरीर को उछाल उछाल के काँपने लगी. फिर एक दम ठंडी पड़ गयी, उसके हाथ निढाल होकर बेड पर गिर पड़े, उसके पैर अभी भी मेरी गान्ड के गिर्द अभी भी लिपटे हुए थे, क्यों कि उसने दोनो पैरों के पंजों को आपस में फँसा रखा था.

तान्या के पैर मेरी गान्ड के गिर्द अभी भी लिपटे हुए थे, क्यों कि उसने दोनो पैरो के पंजों को आपस में फँसा रखा था. 


मैं तान्या के उपर लेट कर इस दृश्य को अपने दिमाग़ में क़ैद कर रहा था. मैने अभी अभी कुँवारी तान्या को चोदा था, और वो झड़ने के बाद नंगी होकर मेरे सामने लेटी पड़ी थी. अलग होने से पहले मैने उसके एक निपल को अंतिम बार हल्के से चूसा, और फिर सिर उठा के उसकी आँखों में देखा, उसकी आँखें अभी भी आधी बंद थी, और वो किसी और ही दुनिया में थी. लोहा जब गरम हो तभी चोट करनी चाहिए, ये सोच मैने झुक कर उसको किस कर लिया, हमारी जीभ उसके अधखुले होंठों से मुश्किल से छू पाई. कुछ पलों के बाद तान्या ने मुझे किस किया, और अपनी जीभ मेरे मूँह के अंदर घुसा दी, और कराहने लगी.

जैसे जैसे हमारी किस गहरी होती जा रही थी, मेरी गान्ड फिर से हिलते हुए आगे पीछे होने लगी, और हर बार करीब 3 इंच लंड बाहर आकर फिर से चूत में घुस जाता. बीच बीच में तान्या की चूत की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ जाती और वो मेरे मूँह में कराह उठती. मेरे झटके अब 5-6 इंच के हो चुके थे, तान्या ने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी, मेरे होंठों पर अपने होंठों का और ज़्यादा दबाव बढ़ा दिया, और मैं और ज़्यादा ताक़त से झटके मारने लगा. जो कुछ हो रहा था वो अविश्वसनीय था.


"ये क्या कर रहे हो राज," होंठों को चिपकाए हुए वो बोली, हमारी डील सिर्फ़ चोदने की हुई थी, किस करने की नही. इस से पहले कि मैं कुछ बोलता तान्या ने अपनी जीभ मेरे मूँह में घुसा दी, और हम अब तक की बेस्ट किस कर रहे थे. हम दोनो का अब अपने उपर कोई कंट्रोल नही था, हमने एक दूसरे से चिपकते हुए बेड पर रोल किया, अब मैं नीचे और तान्या उपर थी. तभी तान्या ने अपना फेस मेरे से उपर किया और सीधे होकर मुझ पर बैठ गयी.


तान्या ने शरारती लहजे में मुझे देखा और फिर धीरे से बोली, मुझे नही मालूम था कि इतना मज़ा आएगा, तुमने मुझको बहुत अच्छा वाला किया है, थोड़ी देर और अपने आप पर कंट्रोल करो, प्लीज़ मुझे एक बार और कर दो. तान्या अपनी गान्ड को हिला के और गोल गोल घुमा के मेरे लंड के उपर चूत को घिस रही थी, साथ ही साथ वो 5 इंच के करीब अपनी चूत को उपर उठाती और फिर नीचे होकर मेरे लंड को फिर से पूरा अंदर ले लेती. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. 


मैने तान्या की तरफ स्माइल करते हुए देखा, और फिर अपनी गान्ड उठा के उपर की तरफ झटका मारते हुए कहा, जानू एक बार क्या तू जितनी बार कहेगी उतनी बार चोद चोद के पानी निकाल दूँगा. 


"ओह शिट राज, मुझे मालूम है तुम मेरी बहुत देर तक अच्छी वाली चुदाई कर सकते हो, लेकिन आज अपने कॉन्फिडेन्स को प्रूव कर के दिखाओ कब तक चोद सकते हो !

मैने तान्या को पकड़ के बेड पर लिटाया और फिर से उस के उपर चढ़ गया. ओके, तुमको ऐसे ही चाहिए ना! मुझे नही मालूम था कि मैं क्या करने वाला हूँ, और कब तक उसकी चुदाई कर पाऊँगा. लेकिन इतना ज़रूर मालूम था कि आज मेरा तान्या को चोदने का सपना साकार हो रहा था और मेरा जल्दी रुकने का कोई प्लान नही था. 
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03-31-2019, 03:10 PM,
#73
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैने बेड पर ज़बरदस्ती थोड़ी ज़्यादा जगह बनाते हुए, तान्या के हिप्स को पकड़ के उठा दिया, अब उसकी गान्ड मेरी जांघों पर रखी थी, और उसके पैर मेरे पीछे हो गये थे. मैं अब अपने हिप्स को ढंग से हिला के, ठीक से झटके लगा पा रहा था, जिस से तान्या के जी-स्पॉट को छू कर (जब पहली बार छुआ तभी समझ में आ गया) तान्या में जोरदार उत्तेजना पैदा हो रही थी. हर बार जैसे ही मेरे लंड उस स्पेशल जगह को छूता, उसके मूँह से सिसकी निकल जाती और उसके पैर तनाव में आकर खींच जाते. आख़िरकार उसने किसी तरह अपने पैर मेरी कमर के गिर्द लपेट लिए.


करीब 3 मिनिट उसी पोज़िशन में रहने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि तान्या की चूत बाहर उभर के मेरी तरफ देख रही है. मैं उसकी दोनो चूंचियों को मसल रहा था, मैं अपना दाँया हाथ उसके शरीर की कोमल त्वचा पर उंगलियाँ फिराता हुआ नीचे लाने लगा, तान्या ने मेरी तरफ आँखों में आँखें डाल के देखा. मैने उसकी चूत के दाने पर उंगली लगाई ही थी कि तान्या सिसकी, "ओह गॉड!" 


"अच्छा लगा?"


मेरी उंगलियाँ तान्या की चूत के दाने पर घूम रही थी और वो हल्के हल्के गुर्राते हुए कह रही थी, "ओह राज, ऐसे ही करते रहो! ओह शिट बहुत मज़ा आ रहा है! ओह यआः, अपना लंड मेरी चूत में डाल के हिलाते रहो और इस को ऐसे ही घिसते रहो प्लीज़."


मैं थोड़ा मुस्कुराया और उसकी चूत के दाने को थोड़ा और ज़ोर से मसल्ने लगा, बीच बीच में उस छोटे से बटन को अपनी पहली उंगली और अंगूठे के बीच लेकर पकड़ के हल्का सा पिंच कर देता. मेरी इन हरकतों ने तान्या पर गजब का असर किया था, मेरे टट्टों के अंदर गोलियों में भी उबाल आने लगा था. मैं इतना जल्दी नही झड़ना चाहता था, और चाहता था कि मैं जब भी झडू तो तान्या मुझसे फिर से चुदने के लिए भीख माँगे.


तान्या अब ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी, और जैसे ही मेरा लंड उस जगह को छूता उसके मूँह से सिसकी निकल जाती, "उंघ!", या ऐसा ही कुछ और. मैं चूत के दाने को अब भी मसल रहा था, मेरे हिप्स के झटके अब थोड़े छोटे हो गये थे, क्यों कि मैं तान्या की उत्तेजना वाली जगह पर ज़्यादा ध्यान दे रहा था. करीब 30-40 बार "उंघ" आवाज़ निकालने के बाद, तान्या चिल्ला उठी "ओह शिट! ओह राज, मैं बस छूटने वाली हूँ! ओह! ओह! हां राज ऐसे ही... हां... हां...ऐसे... ओह राज!"


तान्या को ऐसी हालत में, और उसी अंदाज में चोदते रहना मुश्किल ही नही शायद नामुमकिन था, लेकिन मैने किसी तरह जारी रखा. तान्या ने अपने हाथो की उंगलियाँ मेरी जांघों में गढ़ा रखी थी, मैने नीचे देखा तो तान्या के चेहरे पर चरम सुख के तृप्ति भरे बाव थे. जब मुझे विश्वास हो गया कि तान्या अब पूरी तरह झड चुकी है, मैने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत के दाने से हटाई, और अपने लंड को उसकी चूत में पूरा घुसेड दिया.


तान्या ने अपनी आँखें झपकाते हुए खोली और फिर वो मुझे ढूँढने लगी. मेरे चेहरे को देख के उसने एक संतुष्टि भरी साँस बाहर छोड़ी और फिर गहरी साँस अंदर ली. "वाउ! मज़ा आ गया! डिल्डो से कहीं ज़्यादा मज़ा आया, मैने बहुत बार डिल्डो अपने अंदर लिया है लेकिन ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया. आज सबसे अच्छी तरह हुई हूँ.


"थॅंक्स, तान्या."

"ओह नो, राज, थॅंकयू तो मुझे बोलना चाहिए! लेकिन एक बात बताओ, ये जो तुम अपना मेरे अंदर मज़े से घुसा के बैठे हो, ये अब दोबारा पानी कब छोड़ेगा? आइ मीन... मुझे मालूम है... अभी थोड़ी देर पहले ही मैने इसका निकाला हुआ ढेर सारा पानी पिया है, लेकिन कोई भी लड़की थोड़े टाइम बाद कन्फ्यूज़ हो ही जाएगी, अगर वो किसी लड़के का पानी अपनी चूत में लंड डलवाने के बाद भी नही निकाल पाए.


राज: तान्या, तुम बेकार में परेशान मत हो, मैं जब पानी छोड़ूँगा तो तुम्हारी पूरी चूत को पानी से भर दूँगा, लेकिन ये जो तुमने एक मौका दिया है, उसे मैं पूरी तरह एंजाय करना चाहता हूँ. 


"ऑश्ह्ल ... शायद मैने कुछ ज़्यादा जल्दी डिसिशन ले लिया, बस एक बार करने का बोल के." तान्या ने नीचे की तरफ देखा, जहाँ हमारे दो शरीर एक दूसरे के साथ जुड़े हुए थे, उसकी शरीर में बिजली दौड़ गयी, और फिर शरमाते हुए मेरी तरफ देखा. "हम कुछ ऐसा बीच का रास्ता निकालते हैं, जो दोनो को सूट करे!"


"ये बात तुम अब बोल रही हो, तान्या!" मैने उसके पैरों को अपने उपर से थोड़ा ढीला करते हुए कहा, जिस से मैं पोज़िशन बदल सकूँ. मैं अपने घुटनों पर बैठ गया, और तान्या के पैरो की पिंडालयों को अपने कंधे पर रख लिया, और अपने लंड को पूरी लंबाई तक उसकी चूत में पेल दिया. "बेहनचोद क्या कसी हुई टाइट चूत है !" मेरे मूँह से अपने आप निकल गया.


"सोचो, यह तो जब है, जब इसमे वो डिल्डो जाने कितनी बार अंदर घुस चुका है !"


मैं ये बात सुन कर हंसा, और फिर अपनी बात को सही ठहराने के लिया एक ज़ोर का झटका मारा, और बोला, प्लीज़ अब उस रब्बर के लंड से मेरे लंड की तुलना बंद करो, वो तो नकली है, अभी तो बस असली लंड के मज़े लो.


तान्या (हंसते हुए): हां, असली का मज़ा ही कुछ और है. असली लंड का मज़ा लेने के बाद, नकली चीज़ को कौन याद रखेगा.... राज, अब चुप हो जाओ और जल्दी से एक बार और चोद दो... प्लीज़ 


"मेरा इतना छोटा भी नही है, ठीक साइज़ का है."


"नही राज, तुम्हारा छोटा नही है, आहह बहुत मज़ा आ रहा है ! तुम्हारे लंड को अपनी चूत में महसूस कर के बड़ा अच्छा लग रहा है. ये कितना गरम है! गॉड आइ लव दट! वो डिल्डो तो कभी गरम ही नही होता, पागल सा! ऊवू यॅ, ऐसे ही चोदते रहो राज; अच्छे से अंदर तक!"
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03-31-2019, 03:10 PM,
#74
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैने वैसा ही किया, और लंड को पूरी लंबाई तक अंदर बाहर कर के झटके मारने लगा, लंड का बेस थोड़ा सा टिप छोड़ के उसे पूरा बाहर निकालता और फिर ज़ोर से पूरा अंदर पेल देता, मेरे झटके से उसका पूरा शरीर हिल जाता. चुदाई की फॅक फॅक की आवाज़ अब ज़ोर से होने लगी थी, ये अच्छा था कि घर में हम दोनो अकेले थे.


"किस मी राज," तान्या ने विनती करते हुए कहा.


मैने तान्या के पैरों को घुटने से पकड़ कर अपने कंधे पर से उतारा, और फिर आगे धक्का मार के उनको घुटनों पर से मोड़ दिया, वहाँ तक, कि अब उसके घुटने उसके कानों लो छूने लगे. जब मैं उसको किस लेने के लिए आगे झुका तो हम दोनो मस्ती में कराह उठे, किस करते हुए हम दोनो की जीभ कभी एक मूँह में तो कभी दूसरे के मूँह में एक साथ डॅन्स कर रही थी. मैं तान्या के अंदर इस पोज़ीशन में जल्दी जल्दी झटके मारने लगा. तान्या ने अपनी बाहें मेरी गले में डाल दी, और वो ज़ोर ज़ोर से मस्ती में गजब की आवाज़ें निकालने लगी.


शायद 4-5 मिनिट के बाद तान्या ने मेरे सिर को पकड़ा और कुछ इंच दूर कर दिया. "तुम सही जगह हिट कर रहे हो, राज. ऐसे ही करते रहो, मैं फिर से होने ही वाली हूँ ! इस बार मेरे साथ तुम भी हो जाओ, मैं तुम्हारे लंड से निकली हुई पानी की धार को छूटते हुए, अपने अंदर फील करना चाहती हूँ ! आज मेरी ये इच्छा भी पूरी कर दो, और ज़ोर से चोदो राज!"


"अच्छा आइडिया है,"मैने कहा और अपने प्रयासों में और तेज़ी ले आया. तान्या की साँसें अब उखड़ने लगी थी, वो कुछ देर रुकती और फिर ज़ोर से गहरी साँस लेती. मेरी गोलियाँ अब टट्टों में चढ़ने लगी थी, और मैं आनंद की पराकाष्ठा पर पहुँचने लगा था. मुझे लगा कि बस अब झड़ने ही वाला हूँ तो मैने गुर्राते हुए कहा, "ओह शिट तान्या, मैं बस होने ही वाला हूँ!"


"हो जाओ, राज!"

"बेहनचोद; मैं तुम्हारी चूत में छूटने वाला हूँ!"


"ओह राज ... मैं फिर से हो रही हूँ! चोद दो मुझे! भर दो मेरी चूत को अपने पानी से! ओह माइ गॉड ... ओहफुक्क!" तान्या की साँसें मानो रुक गयी और उसकी चूत लहरों की तरह मचल के मेरे फन्फनाते लंड को जकड़ने लगी. मेरे लंड ने जैसे ही गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ी, वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी, "चोद दो मुझे!" उसके हाथों ने मेरे हिप्स को ज़ोर से पकड़ लिया, और मुझे अपनी तरफ ज़ोर ज़ोर से खींचने लगी.


हम एक दूसरे में डूब कर अपने अपने पानी को तबीयत से छोड़ते हुए परम सुख का आनंद लेते रहे, ये एक अविश्वसनीय परम सुख था. हर कुछ सेकेंड के बाद मेरे हिप्स हिलते हुए पीछे होते और फिर तान्या की गीली चिकनी चूत पर धक्का मारते हुए, मेरे लंड को जड़ तक अंदर घुसा देते, मेरे ऐसे हर धक्के के साथ लंड से वीर्य की पिचकारी निकल रही थी, हर पिचकारी में वीर्या की मात्रा पिछली पिचकारी से कम होती, तान्या का हर धक्के के साथ ढेर सारा पानी निकल रहा था. और फिर हम दोनो पूरी तरह तृप्त हो चुके थे. मैं जहाँ तक संभव हो वहाँ तक अपने लंड को तान्या की चूत में घुसाते हुए शांत हो गया. तान्या ने मेरी गान्ड को अभी भी टाइट पकड़ रखा था, ये सुनिश्चित करते हुए कि मैं वहाँ वैसे ही, उसी पोज़िशन में बना रहूं.......


जैसे ही तान्या और मैं, अपने होश में आकर नॉर्मल हुए, मैने अपने शरीर का सारा बोझ तान्या के उपर डाल दिया, मानो उसको कुचलने का इरादा हो. कुछ सेकेंड्स के बाद जैसे ही मैं उसके उपर से उठने लगा, तान्या ने मेरी गान्ड को और ज़ोर से पकड़ के, साँस लेते हुए कहा,"नही राज, अभी मत जाओ, ऐसे ही लेटे रहो, मैं तुमको अपने उपर लेकर तुम्हारे लंड को अपनी चूत में और देर तक डालकर रखना चाहती हूँ. कितना मज़ा आ रहा है, आज से पहले मैने कभी अपनी चूत में घुसे हुए लंड का अनुभव नही किया है!"


"सच में?" मैने उसके बालों में छुपे हुए, अपने चेहरे में से तान्या के उपर लेटे लेटे ही कहा. 


तान्या ने बस हां में सिर हिलाआ. 


राज : "वाउ, मुझे खुशी है, आक्च्युयली तुम्हारे साथ आज पहली बार करके बहुत अच्छा लगा!"


तान्या: "हां, मुझे भी. शुरू में तो बहुत गुस्सा आ रहा था, जब तुम मुझे चोदने के लिए ज़बरदस्ती कर रहे थे, लेकिन अब खुशी है कि हमने ऐसा किया. मैं सोच भी नही सकती कि पहली बार में ही इतना ज़्यादा मज़ा आया!"


राज: "मतलब ..."


तान्या: "सच में राज, आज पहली बार कोई असली लंड मेरी चूत में गया है!" 


तान्या ने अपना चेहरा घुमाया और मैने अपना, और हम एक दूसरे से करीब 6 इंच दूर से आँखों में आँखें डाल के देखने लगे. "जैसा कि तुम को मालूम ही है कि तुमने आज मुझे बहुत अच्छा चोदा है! मुझे तुम्हारा लंड बहुत अच्छा लगा, मैने कभी सोचा भी नही था कि मैं तुमसे इस तरह ऐसे गंदी गंदी बातें करूँगी !"


"वाउ तान्या, मुझे खुशी है कि तुम मेरे साथ इस तरह खुल के बातें कर रही हो, ये हम दोनो के लिए अच्छा है. अगर मैने अपना लंड पहले तुमसे चुस्वाया नही होता तो मैं 2 मिनिट में ही झड जाता !"


तान्या: क्या कहते वो तुम लड़के लोग, कलपद.... हाँ वो ही हो जाती


मैं हंसा और बनावटी गुस्से में तान्या की तरफ देखते हुए बोला, "हां, सही कह रही हो! अच्छा हुआ तुमने चूस चूस के मेरा सारा माल निकाल के पहले ही पी लिया ..."


तान्या: "उसका टेस्ट बहुत यम्मी था!"


राज: "थॅंक्स. लेकिन उसी के कारण मैं इतनी देर तक रुक पाया! तुम्हारी चूत को फील करते हुए बहुत अच्छा और टाइट लगता है!" तभी तान्या ने अपनी चूत को मेरे लंड के उपर कस लिया. 


तान्या: "चूत को डिल्डो के उपर कसने की प्रॅक्टीस का बहुत फ़ायदा हो रहा है! मैं कई बार डिल्डो को इतना ज़ोर से कस लेती थी कि उसके बाद उसको अंदर बाहर करना भी मुश्किल हो जाता था."


राज: "ओके, उस रब्बर के लंड से कंपॅरिज़न की बातें बहुत हो गयीं, चलो अब नहा लेते हैं. आज मेरे साथ नहाओगी, तान्या?"


हम दोनो अलग होते हुए जब बेड से उतर रहे थे तब तान्या बोली, "आज का दिन मेरा बहुत अच्छा है, दूसरी बार कोई अच्छा ऑफर मिला है!" 
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03-31-2019, 03:10 PM,
#75
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
जब गीजर का पानी थोड़ा गरम हो गया, तब मैं तान्या के पीछे पीछे शवर के नीचे गया और हम बारी बारी गीला होने लगे. जब मैं साबुन उठाने ही वाला था तभी तान्या ने मुझे रोका और मुझसे चिपक गयी. हम एक दूसरे से इतना ज़्यादा टाइट्ली चिपके हुए थे कि पानी हमारे शरीर के बीच में घुस भी नही पा रहा था. तान्या की चूंचियाँ मेरी छाती से ज़ोर दबी हुई थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेरे हाथ तान्या की गान्ड की गोलाइिओं पर घूम रहे थे. कुछ देर बाद तान्या ने अपना चेहरा घुमाया और मेरी छाती पर हल्के से किस कर लिया. 


हम एक दूसरे से कुछ दूर हुए, तान्या ने मेरी आँखों में देखा. "तुम ... तुम कहीं मुझसे इस बात से नाराज़ तो नही हो कि मैं डिल्डो यूज़ करती हूँ, नाराज़ हो क्या?"


"मैं तुमसे नाराज़ हूँ?" मैं चौंक के बोला. "बिल्कुल नही! पहली बात तो ये है कि मैं बहुत सालों से मूठ मार रहा हूँ, तो फिर मैं इस के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार नही रखता, और दूसरी बात इस डिल्डो की वजह से ही हम एक दूसरे के करीब आ पाए, मैं तो तुम्हारे डिल्डो को थॅंक्स बोलना चाहूँगा!"


"सच में?"


"हां, सच में!"


तान्या: "चलो तो फिर ठीक है! अब मैं तुम्हारे साबुन लगाती हूँ और तुम मुझे लगाओ."


हम दोनो एक दूसरे को साबुन लगाने लगे. लेकिन मैं तान्या की चुचियों को काफ़ी देर तक मल्ता रहा, मैं मानो उनमे खो ही गया था, तान्या की चूंचियाँ मेरी उंगलियों के बीच कितनी सॉफ्ट और मुलायम फील हो रही थी, और उसके निपल्स कैसे पायंटेड होकर कड़े हो गये थे. जैसे ही तान्या का हाथ मेरे लंड पर पहुँच कर उस पर फिसलने लगा वो चिहुन्क उठी. तान्या के मूँह से हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी जब वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी. तान्या के मेरे लंड से खेलने के कुछ देर बाद, मेरा लंड फुल फॉर्म में आ गया और फन्फनाते हुए छत की तरफ देख के अकड़ने लगा.


"तुम्हारा तो फिर से खड़ा हो गया," तान्या ने शररारती अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा.


"ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, तान्या. लेकिन, अब जब ये खड़ा हो ही गया है, तो फिर क्या विचार है, जब तुम दिल्ली के इतना पास आ ही गये हैं तो फिर इंडिया गेट घूम ही लें?"


"तुम मेरे पीछे गान्ड में डालना चाहते हो?"


"हां! वैसे भी हम बिल्कुल सही जगह हैं, बाद में सफाई करने में कोई परेशानी भी नही होगी."


"सही कह रहे हो ..." तान्या बोली और उसकी उंगलियाँ मेरे औज़ार पर घूमने लगी. "ओके, पर थोड़ा धीरे धीरे प्यार से करना, मैने बस एक बार ही डिल्डो को उस जगह डाला था, बहुत ज़्यादा दर्द हुआ था."


"चिंता मत करो, मैं बहुत प्यार से करूँगा." मैने तान्या के हेर कंडीशनर की बॉटल उठाई और थोड़ा सा अपनी हथेली पर लेकर उसे अपने लंड के सुपाड़ा पर फैला दिया. तान्या मेरे से दूसरी तरफ फेस करके थोड़ा झुक गयी, तो मैने बॉटल को टेढ़ा कर के उसकी कुछ बूँदें तान्या की गान्ड के छेद पर उंड़ेल दी. "अपने हिप्स को थोड़ा स्प्रेड करो, तान्या," मैने कहा. फिर मैं अपने फन्फनाते लंड को पकड़ के उसकी गान्ड के छेद पर उपर नीचे कर के घिसने लगा, जिस से मेरे लंड का सुपाड़ा और तान्या की गान्ड का छेद दोनो ही थोड़े चिकने हो जायें.


तान्या ने मेरा कहा मानते हुए अपने दोनो हिप्स को पकड़ के चौड़ा लिया, तान्या की गान्ड के उभारों के थोड़ा सा खुलते ही, मैने अपना लंड गान्ड के छेद पर टिका दिया. तान्या हर धक्के के साथ कराहने लगी, और मेरे मूँह से भी आअहह आहह की आवाज़ें निकलने लगी. तीसरे प्रयास में, जैसे ही मेरा लंड गान्ड के छेद की बाहरी गोलाई को चीरता हुआ अंदर घुसा, तान्या ने ज़ोर से साँस ली, और मैं एक दम रुक गया. तान्या अब ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी, और मैं उसकी पीठ के निचले हिस्से को सहला रहा था, मैने पूछा, “सब ठीक है तान्या?” तान्या ने बस हां में सिर हिलाया, और अपनी गान्ड को मेरी तरफ धकेल दिया.


थोड़ी देर मेहनत करने के बाद, करीब 3-4 मिनिट तक धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा घुसाते हुए, मेरे पेट का निचला हिस्सा जो झान्टो से ढका हुआ था, वो अब तान्या की गान्ड की गोलाईयों से टकराने लगा, और मेरी गोलियाँ तान्या की चूत पर दस्तक देने लगी. "थोड़ी देर बस ऐसे ही रहो, राज, मुझे थोड़ा यूज़्ड तो हो जाने दो, प्लीज़."


मैने उसका कहा मानते हुए वैसा ही किया, मेरे हाथ उसकी पीठ, गान्ड और उपरी जांघों को सहलाने लगे. मैने थोडा आगे झुक कर तान्या की पीठ पर किस किया, और मेरे दाँये हाथ ने तान्या की चूत के दाने पर पहुँचकर उसको सहलाना शुरू कर दिया. "ओह राज, मेरे से अब नही रहा जाता, मैं बहुत गरम हो गयी हूँ! प्लीज़, धीरे धीरे शुरू करो, चोद दो मुझे. मेरी गान्ड को चोद दो ! ओह राज चोदते रहो, बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसे ही मेरी गान्ड में आगे पीछे करते रहो, और भर दो मेरी गान्ड को अपने गरम गरम पानी से!"



धीरे धीरे मैने स्पीड बढ़ा दी, छोटे छोटे झटके अब लंबे होते जा रहे थे, मैं तान्या की मस्त भारी गान्ड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था, और वो मेरे साथ आहें भर रही थी. कुछ मिनिट्स के बाद मेरा लंड पूरा 6 इंच अंदर बाहर हो रहा था, और जैसे जैसे तान्या उत्तेजित होती जा रही थी, उसकी आहें अब गुर्राने में बदलने लगी थी. जिस तरह से मैं झटके मार रहा था उनको संभालने के लिए तान्या ने अपने हाथ अपने घुटनों पर से हटा के दीवार पर सपोर्ट के लिए टिका दिए.


तान्या ने अपना सिर पीछे घुमा के मेरी तरफ देखा और कराहते हुए बोली, "राज, मेरे सारे बदन में आग लगी हुई है, ज़ोर से चोदो मेरी गान्ड को... और ज़ोर से ! हां, ऐसे ही ! ओह राज मैं बस झड़ने ही वाली हूँ!"


जैसे ही तान्या ने ये कहा, मैं समझ गया वो क्या कहना चाहती है, तान्या की गान्ड की गोल बाहरी रिम ने मेरे लंड को ज़ोर से जकड लिया था, जिस से मुझे और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. उस टाइटनेस के कारण मैं भी चरम पर पहुँचने ही वाला था, इसलिए मैने अपने बाँये हाथ से तान्या की एक चून्चि को पकड़ लिया, और दाँये हाथ से उसकी चूत के दाने को और ज़ोर से मसल्ने लगा.


"ओह राज, बहुत अच्छा लग रहा है" तान्या ज़ोर से चिल्लाई.


"ओह तान्या!"


"चोद दो! मार लो मेरी गान्ड को और भर दो इसे अपने लंड के पानी से!"


"ओह मैं बस छूटने ही वाला हूँ!" 


"छोड़ दो अपना पानी मेरे अंदर!"


"बस झड़ने ही वाला हूँ!"


"सारा पानी अंदर ही निकाल दो!" तान्या चिल्लाई. "ओह राज, मुझे लगता है तुम्हारा लंड तो मेरे अंदर और मोटा होता जा रहा है,!"


"ओह तान्या!!!"


"एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स!" तान्या चीखी, जैसे ही मेरे लंड ने वीर्य की पहली गरम गरम पिचकारी उसकी गान्ड में छोड़ी, वो खुशी में अपने आप को संभाल नही पाई और गिरते गिरते बची. मैने उसे अपने हाथों में संभाला , हम एक दूसरे के शरीर में अपने शरीर को धकेल रहे थे. मैने उसकी गान्ड में, गरम गरम वीर्य के पानी की ढेर सारी पिचकारियाँ छोड़ दी, और तान्या की गान्ड ने चिकनाहट छोड़ कर मेरा भरपूर साथ दिया.


हम दोनो हर चुदाई में एक साथ क्लाइमॅक्स पर पहुँचे, मैं उसकी गान्ड में लंड डाले रहा, हम वैसे ही खड़े खड़े ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहे थे. धीरे से तान्या सीधी खड़ी हुई, और अपने कमर को सीधा किया, मैं अभी उसकी गान्ड अपने हाथों से अपने से चिपका के खड़ा था. तान्या ने मुझे घूम के देखा, उसकी आँखों में संतुष्टि के भाव थे, वो बोली, "राज तुम्हारा लंड उस डिल्डो से लाख गुना बेहतर है! तुमने आज मुझे बहुत अच्छा तरह चोदा, मैं आज बहुत अच्छी वाली हुई हूँ... आइ लव यू!" तान्या ने फिर मुझे किस किया, उसकी जीभ ने मेरी जीभ को ढूँढा और फिर दोनो एक दूसरे के मूँह में डॅन्स करने लगी.


हम वैसे ही किस करते हुए खड़े रहे, जब तक कि मेरा मुरझाया हुआ लंड एक अजीब सी पूप्प्प की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया. "ओह, तुम्हारा ये तो निकल गया! मेरी गान्ड में घुसा हुआ, मेरे को ये बहुत अच्छा लगता है."


मैने तान्या को घुमा कर अपनी तरफ उसका फेस किया और फिर कस कर उसे अपनी बाहों में भरकर चिपका लिया और बोला "तुम्हारी इस मस्त टाइट गान्ड को मारने के लिए ये बंदा जब चाहो तब तय्यार है!"


तान्या खिलखिलाई और बोली, "जवाब बहुत अच्छा है, लेकिन गीजर का पानी अब ठंडा हो रहा है, जल्दी करो और बाहर निकलो यहाँ हैं."


तान्या सही कह रही थी, हमने अपने आप को अच्छी तरह धोया, जल्दी से, और फिर बाहर निकल के एक दूसरे को तौलिया से पोंच्छा. जब हम दोनो ड्राइ हो हाए तो तान्या ने मेरे गले में अपनी बाहें डाल दी, और फिर अपने पंजों के बल खड़ी होकर मेरी नाक पर अपनी नाक रगड़ने लगी. "एक बात बताऊं राज, आज के बाद अगर तुम को कभी भी वो ठक... या ठक.... ठक... की आवाज़ सुनाई दे, तो समझ जाना कि तुम मेरी ठीक से देखभाल नही कर रहे हो, और सावधान रहना, मैं ज़्यादातर बहुत हॉर्नी रहती हूँ.!”



"अगर तुम अभी के लिए इशारा कर रही हो, तो ठीक है, मैं तुम्हारी ये रिक्वेस्ट भी पूरी कर देता हूँ!"

"अभी?!" हल्के हंसते हुए उसने कहा. "ना बाबा ना, अभी अभी तो तुमने मुझे इतना अच्छा चोदा है, थॅंक यू! अब तो मैं बस सोना चाहती हूँ, बड़ी ज़ोर से नींद आ रही है." मैने हां में सिर हिलाया और दीवार पर लटकी घड़ी की तरफ देखा, सुबह के 5 बज रहे थे. मैं और तान्या दोनो तान्या के रूम की तरफ चल पड़े, मुझे अपने साथ चलता देख, तान्या थोड़ा मुस्कुराइ और पूछा, मेरे साथ मेरे बेड पर सो ओगे क्या?"


"हां, अब अकेले सोने का मन नही करेगा."
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03-31-2019, 03:10 PM,
#76
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं और तान्या एक दूसरे को बाहों में लिए तान्या के बेड पर लुढ़क कर तुरंत सो गये. सोने से पहले मैने अपने मोबाइल को साइलेंट मोड पर किया, जिस से सुबह सुबह कोई डिस्टर्ब ना करे. सोते हुए मैं अपने प्लान की कामयाबी के बारे में सोच के मुस्कुरा रहा था. एक बात तो अब पक्की थी कि उस रब्बर के लंड का यूज़ अब बहुत कम होने वाला था, हो सकता है आज के बाद शायद कभी हो ही ना....

जब मेरी आँख खुली तो रूम में उजाला ही उजाला था, तान्या के रूम के पर्दे इतने भारी नही थे कि सूरज की रोशनी को रूम में आने से रोक पाते. मैने तुरंत अपना मोबाइल उठाया और टाइम चेक किया, दोपहर के 12:15 बज रहे थे, मेरे मोबाइल पर मम्मी और पापा दोनो की 5-5 मिस्ड कॉल्स थी. तान्या मुझ से पहले उठ चुकी थी, और शायद बाथरूम में थी. जैसे ही तान्या बाथरूम से बाहर निकली, मैने अपने घर जाने का डिसाइड किया, जिस से तान्या को भी थोड़ा स्पेस मिल सके. हम दोनो ने एक दूसरे की झप्पी ली, और मैं बाहर निकल आया, अपनी कार स्टार्ट की और मोबाइल को साइलेंट मोड से हटा के अपने घर की तरफ चल दिया.

जब मैं घर पहुँचा तो चारों तरफ शांति थी, मैं चुप चाप बाथरूम में घुस गया. मैने डॉली दीदी के रूम की तरफ एक नज़र मारी, तो मुझे याद आया कि वो तो अपनी क्लासमेट्स के साथ 3 दिन के स्टडी टूर पर गयी हुई होगी, आज तो पहला ही दिन है. मैं नहा धो कर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम की तरफ चल दिया.

जब मैं अपने रूम की तरफ जा रहा था, तभी मम्मी पापा की नज़र मुझ पर पड़ी, वो दोनो मुझे देख कर एक दम शॉक हो गये. पापा ने कड़क आवाज़ में पूछा, कहाँ थे रात भर, सुबह से कितनी बार तुम्हारे मोबाइल पर मैने और तुम्हारी मम्मी ने कॉल किया, तुमने एक बार भी नही उठाया. मैं तो बस पोलीस में रिपोर्ट लिखाने ही जा रहा था. 

मैने झूठ बोल के समझाने की कोशिश की, मैने झूठ बोला कि मैं और मेरे दोस्त रोहित सारी रात सुबह 5 बजे तक पढ़ते रहे, और मैने सोने से पहले कोई डिस्टर्ब ना करे इसलिए मोबाइल साइलेंट पर कर लिया था.

जब वो दोनो थोड़ा शांत हुए तो मैं अपने रूम में गया, और जाते ही तान्या को फोन मिलाया, ये पूछने के लिए कि वो कैसी है. तान्या ने एक घंटी पर ही मेरा कॉल उठा लिया, वो मेरा कॉल रिसीव कर के बहुत खुश थी.

तान्या: कैसा फील हो रहा है, राज?

राज: बहुत अच्छा, थोड़ा सा दर्द हो रहा है लेकिन ठीक है

तान्या (हंसते हुए): मुझे भी हो रहा है, तुम्हारे मम्मी पापा ने तुमको लेट आने के लिए डांटा तो नही?

राज: हां, थोड़ा सा, लेकिन ज़्यादा नही, मुझे लगा कहीं तान्या मेरे मम्मी पापा को बूढ़ा खूंसट ना समझने लगे.

हमने कुछ देर और बातें की, उसके बाद तान्या ने बताया कि उसको ब्यूटी पार्लर जाना है, उसने अपायंटमेंट ले रखा है.

मैं अपने रूम में कुछ देर बैठा रहा, और पिछली रात जो मैने तान्या के साथ बिताई थी उसकी यादें संजोने लगा. फिर मेरे ख़यालों में डॉली दीदी आ गयी, हम दोनो ने उस रात सेक्स करने के बाद ज़्यादा टाइम एक दूसरे के साथ नही बिताया था, उसके बाद वो ट्रिप पर चली गयी थी. उस रात के बाद मेरे और दीदी के बाद ज़्यादा बातें नही हो पाई थी, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, कैसे मैं दीदी के रूम से उस रात सुबह होने से पहले निकल आया था, जिस से मम्मी पापा को पता ना चले. कुछ दिनों के लिए एक दूसरे से दूर रहना अच्छा होता है, लेकिन सच कहूँ तो, उस रात भी मैं जब तान्या को चोद रहा था, तब भी मैं दीदी को मिस कर रहा था.

* * *

आख़िर में 3 दिन के बाद वेडनेसडे आया, और मैं कॉलेज से आते ही डॉली दीदी के रूम में गया. दीदी अपने रूम में बेड के पास खड़ी थी, और अपना सूटकेस खोल रही थी. मैने अंदर घुसते हुए खांस कर अपना गला सॉफ किया. दीदी ने खुश होकर घूम के मेरी तरफ देखा, और फिर मुस्कुराइ, और फिर मेरे पास भागते हुए आई, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया.

"हे! वेलकम बॅक!"मैने दीदी को अपनी बाहों में लेते हुए कहा.

दीदी ने मुझ से दूर या मेरी बाहों में से निकलने की कोई कोशिश नही की, और फिर शरारत के साथ मेरी आँखों में आँखें डाल के बोली, "हाई राज! कैसे हो, डिड यू मिस मी?"

एक बार मैने अपने कंधे को देखा, और फिर घूमा और फिर दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए. दीदी ने मेरे सिर को पीछे से पकड़ के अपनी तरफ खींचते हुए मेरे किस का अपनी किस से करारा जवाब दिया. कुछ देर बाद जब हम किस करके अलग हुए तो एक दूसरे को देख शरम से मुस्कुराने लगे. मैं स्टडी टेबल के पास रखी कुर्सी पर बैठ गया और दीदी अपना सूटकेस खाली करने लगी.

दीदी फिर अपनी ट्रिप के बारे में बताने लगी, उस जगह के बारे में जहाँ वो अपने फ्रेंड्स के साथ गयी थी, और वो सब जो उन सब ने किया. दीदी ने बहुत मस्ती की थी, जिस खुशी के साथ उत्साहित हो कर तसल्ली से वो बता रही थी, उस से ये सॉफ जाहिर था.

फिर मैने दीदी को उस रात के बारे में बताया कैसे मैं मम्मी पापा को झूठ बोलकर तान्या के घर रात में सोने गया था, और फिर सोने जाने से पहले हम दोनो ने क्या बातें की. दीदी अपने बेड पर बैठ गयी और गौर से मेरी बातें सुनने लगी. तभी मम्मी ने हम दोनो को डिन्नर के लिए बुला लिया. हम दोनो ने नीचे जा कर डिन्नर किया. उसके बाद मैं पापा के साथ टीवी पर चल रही एक मूवी देखने लगा, दीदी और मम्मी किचन में ट्रिप के बारे में बातें करने लगी. एक डेढ़ घंटे के बाद, मम्मी पापा अपने रूम में सोने के लिए चले गये, और फिर बस मैं और डॉली दीदी ड्रॉयिंग रूम में टीवी देख रहे थे. थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद, दीदी ने पूछा, और तान्या के साथ कैसा चल रहा है? 

फिर मैं दीदी को वो ठक, ठक ठक की आवाज़ वाली स्टोरी सुनाने लगा, कैसे मैं तान्या के रूम में घुसा और उसे डिल्डो को अपनी चूत में घुसाते देखा

"एक मिनिट रूको, क्या वाकई में उसने वो अपने अंदर घुसा रखा था?" दीदी ने पूछा.

"हां, उम, हां...आंड वो..." मैं थोड़ा हकला गया.

"ओह माइ गॉड! फिर आगे क्या हुआ?" डॉली दीदी ने उत्सुकता से पूछा.

जब मुझे विश्वास हो गया कि दीदी को बिल्कुल भी जलन नही हो रही है, तो मैने जो कुछ हुआ था वो जैसे का तैसा बता दिया. दीदी मन्त्र मुग्ध होकर मेरी बातें सुनती रही, और बीच बीच में कुछ और डीटेल पूछ लेती. जब मैने सब कुछ बता दिया, तो दीदी मुझे देख के शरारत के साथ मुस्कुराइ, और अपना हाथ हाइ-फाइव की ताली के लिए उठा के बोली, "तुमने तो मैदान मार लिया, राज !"

"हां दीदी, लेकिन मुझे डाउट था, ना जाने ये जानकार आपको कैसा लगेगा." मैं कुछ देर बाद बोला.दीदी दुलार के साथ मुस्कुराइ और फिर मुझे छेड़ते हुए बोली, "हां, मुझे जलन तो बहुत हो रही है, लेकिन मैं तुम्हारे बारे में सोच के बहुत खुश हूँ, समझ में आया कुछ?और वैसे भी मुझे ट्रिप पर एक लड़का मिल गया था, अपनी झेंप मिटा कर हंसते हुए दीदी ने कहा.

"सच्ची में? बताओ ना दीदी!"मैने कहा, हालाँकि मुझे अंदर ही अंदर थोड़ी जलन सी हुई.

दीदी ने उसके बारे में बताना शुरू किया, उसका नाम केशव था, और वो भी क्लास के दूसरे सेक्षन में पढ़ता था. पिछले 3 दिनों में वो दोनो कयि बार एक साथ वॉक पर गये थे. ट्रिप ख़तम होने से पहले दोनो ने अपने मोबाइल नंबर्स भी एक्सचेंज कर लिए थे. दीदी ये बताते हुए थोड़ा शरमा गयी, कि कैसे ट्रिप पूरी होने के बाद, बस से उतरने के बाद, बाइ बाइ करने से पहले, झिझकते हुए, केशव ने दीदी को किस किया था, 

"मेरे को ये सब अच्छा नही लगता, किसी और के साथ, जब कि हम दोनो इतना क्लोज़ हैं." दीदी ने कहा.

"हां, वो तो है." मैं सोच में डूब गया. 

दीदी बोली, "पता नही, लेकिन जो कुछ हुआ वो कुछ अजीब नही था, मेरा मतलब 3 दिनों तक हम अकेले बोर हो जाते, केशव के साथ ने मुझे बोर नही होने दिया, और ऐसा नही है कि मैं इतना जल्दी उसको भूल पाऊँगी."

दीदी ने अपना निचला होंठ काटते हुए कहा, "हां, वो है ही इतना हॅंडसम”, और फिर दीदी हँसने लगी, और आगे बोली. “लेकिन वो जैसा भी है, मुझे तो तुम्हारे करीब आकर ही अच्छा लगता है."


"मुझे भी, दीदी" मैने मुस्कुराते हुए कहा.

कुछ पल के बाद, डॉली दीदी ने पूछा, "तो फिर तान्या के बूब्स कैसे लगे, मेरे मुक़ाबले?"

मुझे असहज होता देख दीदी मुझे चिढ़ाते हुए हँसी लेकिन मैं फिर भी बोला. "हां, अच्छे हैं, आपसे थोड़े बड़े हैं, लेकिन वो बहुत सेन्सिटिव हैं, वैसे सेन्सिटिव तो आपके भी हैं, लेकिन उसके मुझे लगा कुछ ज़्यादा ही हैं. और उसके, उम्म, निपल्स भी आपसे थोड़े बड़े हैं."

मैने दीदी की तरफ देखा, दीदी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.

"दीदी मैं एक बात कहूँ, अगर आपको बुरा ना लगे तो?" मैने पूछा. दीदी ने हां में गर्दन हिला दी. "अगर आप चाहो तो क्या हम ऐसे प्रिटेंड करें, जैसे मानो हम दोनो एक दूसरे के क्रश हों?"
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03-31-2019, 03:11 PM,
#77
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
दीदी झेंप कर थोड़ा नर्वस होते हुए बोली, "तुम्हारा मतलब, मैं ऐसे प्रिटेंड करूँ कि तुम केशव हो, और तुम मुझे तान्या समझते हुए प्रिटेंड करो?"

"हां! अच्छा है, बड़ा मज़ा आएगा!" दीदी ने बैठते हुए कहा.

"आप तय्यार हो? आप को बुरा तो नही लगेगा जब मैं वो सब कुछ करूँगा जो मैं तान्या के साथ करना चाहता हूँ?" थोड़ा नर्वस होते हुए मैने पूछा.

दीदी ने हां में गर्दन हिला दी. कुछ देर की असहज शांति के बाद पहल करते हुए, मैं दीदी के पास गया और उनको प्यार से गले लगा लिया. डॉली दीदी एक दम सिसक उठी, मैने झुक कर दीदी को गले लगा लिया. मैं दीदी को अपने और पास कर लिया, और फिर दीदी को सहलाने लगा, दीदी केशव का नाम बुदबुदा रही थी.

दीदी ने मेरी शर्ट उतार के फेंक दी और अपने हाथ मेरी छाती पर फिराने लगी, मैं दीदी की गर्दन को किस कर रहा था, मैने भी दीदी की शर्ट उतार दी और उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. दीदी उठी और उसने अपने आप अपनी पैंट और पैंटी एक साथ उतार दी, और बेड पर पूरी नंगी होकर लेट गयी.

मैने बेड पर घुटनों के बल बैठ कर उसकी चूंचियों को किस किया और अपने हाथ से उसकी जांघों के अन्द्रुनि भाग को सहलाने लगा. वो मेरे कानो में केशव का नाम लेकर कराह रही थी, और मैं अपने हाथ उसकी टाँगों के उपर सरका रहा था. उसने बेसब्र होते हुए अपने घुटनों को दूर करके अपनी टाँगें फैला दी, और मेरा हाथ अब आसानी से उसकी चूत को छुपा रहे बाहरी लिप्स को सहला रहा था. कुछ देर बाद मैने अपनी एक उंगली चूत के अंदर घुसा दी, और कल्पना करने लगा कि ये डॉली दीदी नही बल्कि तान्या के चेहरे की बंद आँखें और उसके गुलाबी होंठ हैं जो ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहे है.

दीदी ने अब पहल करते हुए उपर उठकर मेरे पॅंट के बटन को खोलना शुरू कर दिया. मैने उसके उपर से हाथ हटाते हुए, अपनी जीन्स को नीचे किया और फिर बॉक्सर उतार के मैं पूरा नंगा हो गया. उसने नीचे होकर अपनी गरम गरम उंगलियों से मेरे लंड को पकड़ लिया, और धीरे धीरे उसे उपर नीचे करने लगी. मैं एक हाथ उसकी पीठ पर ले गया और दूसरा उसकी टाँगों के बीच, मेरी उंगलिया उसकी गीली हो चुकी चूत में अब आसानी से अंदर बाहर हो रही थी. उसने अपना दूसरा फ्री हाथ से मेरी जांघों को पकड़ के, थोड़ा आगे खिसक कर अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया, हम दोनो एक दूसरे को गरम कर रहे थे, और वो मज़े में कराह रही थी.

मैं कल्पना कर रहा था कि तान्या ने मेरा लंड पकड़ रखा है, वो इसको हिला रही है, दबा रही है, मेरी गोलियों को छू रही है, और सुपाडे को सहला रही है. ये सोच के मैं पागल हो गया और दीदी को पीठ के बल सीधा लिटाते हुए उनकी टाँगों के बीच घुटनों के बल आ गया, और उनकी गीली चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. वो ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगी, वो छटपटाने लगी और करहाने लगी, और अपना हाथ नीचे लाकर मेरे सिर के उपर फिराने लगी, मैं अपनी जीभ को चूत के फांकों के बीच घुसा कर चूत के रस को चाट रहा था, वो बार बार केशव का नाम ले रही थी.

मैने उसको पलट कर पेट के बल लिटा दिया और मेरे जेहन में तान्या की मस्त गान्ड घूम गयी, मैने अपना कड़क लंड दीदी की मस्त सॉफ्ट गोलाईयों के बीच अंदर तक घुसा दिया. गद्देदार हिप्स के उपर से मैं झटके मारने लगा, जो बार बार दीदी के चूत के अंदर बाहर होते हुए, उनके चूत के दाने को छेड़ रहा था. मैं तान्या का नाम आअहह करते हुए ले रहा था, और अपने लंड को अंदर बाहर कर के चुदाई करने में मस्त था.

डॉली दीदी अपनी गान्ड उठा उठा के हर झटके के साथ, मेरा साथ दे रही थी, और मुझे और अंदर तक घुसाने के लिए प्रेरित कर रही थी. उसकी चूत एग्ज़ाइट्मेंट के कारण अच्छी तरह से चिकनी हो गयी थी, और जब मैं तान्या का नाम ले रहा था तो और ज़्यादा चिकनी होती जा रही थी. डॉली दीदी ने ज़ोर की साँस ली और करहाते हुए केशव का नाम लिया. दीदी की गान्ड पर मेरी कमर की थाप से रूम गूँज रहा था, उसके सिवा कुछ और आवाज़ सुनाई नही दे रही थी, फिर दीदी ने सीधा होकर लेटने के लिए इशारा किया. मैने अपने लंड को दीदी के अंदर से बाहर निकाल लिया, दीदी सीधी होकर लेट गयी, मैं दीदी की चूत के पानी से सने हुए गीले लंड को देखने लगा. फिर दीदी अपने हाथों का सहारा लेकर, मेरे पैरों की तरफ फेस करते हुए, मेरी तरफ अपनी पीठ कर के मेरे पेट के उपर आ गयी. फिर अपने घुटनों को सही जगह ले जाकर मेरे लंड को नीचे से हाथ लाकर पकड़ कर, लंड तो पहले से ही चूत की तरफ पॉइंट कर रहा था, उसको अपनी चूत के छेद पर ठीक से फिट करने लगी. सही जगह लंड को लगाने के बाद दीदी नीचे होते हुए लंड को अपनी चूत में अंदर सरकाते हुए नीचे होकर लंड को जड़ तक अपनी चूत में ले गयी, और मेरी कमर पर गान्ड टिका कर बैठ गयी. 

उसने अपना एक हाथ बॅलेन्स बनाने के लिए मेरे पेट पर रख दिया, फिर अपने आप को थोड़ा उपर करते हुए एक बार फिर से मेरे लंड को अपनी चूत में पेल लिया, और फिर बार बार ऐसे ही करने लगी, जब तक कि उसकी पीठ पर पसीने की बूंदे ना चमकने लगी, और हम दोनो अपने काल्पनिक प्रेमियों के ज़ोर ज़ोर से नाम लेने लगे. मैं उसकी मस्त गोल गान्ड को अपने सामने उपर नीचे होते देख रहा था, अपनी दीदी को मुझे चोदते हुए देख रहा था. मैं ऐसी कल्पना कर रहा था मानो ये तान्या मेरे उपर बैठी हो. लेकिन मेरी इस कल्पना को अब असलियत झुठलाने लगी थी और मैं डॉली दीदी को अपनी सवारी करते देख मेरा दिल गले तक आ रहा था.

कुछ देर ऐसे ही कराहने और गुर्राने की आवाज़ें निकालने के बाद, मैने दीदी के मूँह से केशव की जगह अपना नाम सुना. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और उसकी गरम गरम चूत को अपने खड़े लंड पर उपर नीचे होता महसूस करने लगा, मेरे मूँह से डॉली दीदी का नाम हल्के से निकालने लगा. कुछ देर शांत रहने के बाद, मैने दीदी के मूँह से फिर से अपना नाम, दर्द भारी आवाज़ में थोड़ी ज़ोर से सुना. मैने अपने हाथ बढ़ा कर उसके हिप्स को साइड से पकड़ लिया और उसको मेरे लंड पर उपर नीचे करने में मदद करने लगा. नीचे होते हुए दीदी ने एक बार फिर से ज़ोर से मेरा नाम कराहते हुए लिया.

"ओह, ओह...ओह डॉली दीदी...डॉली दीदी!" मैं कराहते हुए बोला.

और ज़ुबान पर दिल की बात आ गयी....
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03-31-2019, 03:11 PM,
#78
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
फिर हम कल्पना की दुनिया से बाहर निकल कर एक दूसरी साझा कल्पना की दुनिया में पहुच गये जिसमे दो सगे भाई बेहन एक बार फिर से चुदाई कर रहे थे. डॉली दीदी अपने शरीर को अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेकर उपर नीचे कर रही थी, और मैं दीदी को खुश करने के लिए कुछ भी करने को तय्यार था.

डॉली दीदी उपर होकर और फिर घूमने का प्रयास करने लगी. वो फिर से मेरे उपर मेरी तरफ चेहरा कर के बैठ गयी, और बिना समय गँवाए मेरे लंड को अपनी चूत में एक हाथ से पकड़ के घुसा लिया. मैं बैठ गया, और दीदी ने अपनी टाँगें मेरी गान्ड के चारों तरफ लपेट ली, दोनो के पेट के निचले झान्टो से घिरे हिस्से एक दूसरे से चिपके हुए थे. दीदी की चूंचियाँ अब मेरे चेहरे के सामने थी, मैं चूंचियों को बारी बारी किस करने लगा, और चूसने लगा, दीदी कराहते हुए अपनी छाति को मेरे मूँह में और ज्याद घुसाने के लिए, मेरे चेहरे की तरफ आगे कर रही थी. मैं दीदी की गान्ड की गोलाईयों को अपने अपने हाथ में लेकर, उन्हे बार बार उछालकर, दीदी की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर होने में मदद कर रहा था. दीदी ने एक ज़ोर की साँस ली और मैने महसूस किया कि दीदी की चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ कर मेरे लंड को गीला कर दिया है. दीदी ने मेरे सिर को अपनी बाहों में भर लिया और मेरे चेहरे को अपनी चूंचियों पर दबा लिया, और मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से कूदने का प्रयास करने लगी.

इतनी देर के बाद भी मुझे नही लगा था कि मेरा पानी निकलने वाला है, लेकिन अब शायद बेचैनी बढ़ती जा रही थी. जब दीदी थोड़ा शांत हुई तो मैने कहा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ. दीदी थोड़ा आगे हुई, उसके बाल और उसकी गरम गरम साँसें मेरे चेहरे को छूने लगी, और फिर दीदी ने मेरे को किस किया. और फिर मुझे बेड पर लिटाते हुए, मेरे लंड को चूत में से निकाल कर, मेरे उपर से उठकर दूर हो गयी.

डॉली दीदी ने आराम से बैठते हुए मेरे चेहरे को देखकर कन्फर्म किया कि मैं ठीक हूँ. दीदी अब मेरी गोलियों पर बैठी थी और मेरा लंड उनकी चूत की दरार को बस छू रहा था. दीदी झेन्प्ते हुए थोड़ा और नीचे हुई, और चूत के पानी से गीला होने के बाद चमकते हुए मेरे लंड को अपने उंगलियों में लपेट कर हिलाने लगी. दीदी लंड को हिलाते हुए, अपनी चूत को मेरे लंड के निचले हिस्से, जड़ पर घिस रही थी.

"ऐसा लगता है जैसे आपकी चूत के उपर लंड निकल आया हो!"मैने मज़ाक करते हुए धीरे से कहा, दीदी ने सवालिया नज़रों से मेरी तरफ देखा.

दीदी ने एक बार नीचे और फिर उपर मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा. दीदी ने लंड के सुपाडे पर उंगलियाँ फिराई, और फिर थोड़ा आगे होते हुए मेरे लंड को उपर नीचे करने लगी. एक बार फिर से हम दोनो ने नीचे देखा और फिर उपर, वाकई में ऐसा लग रहा था मानो दीदी के लंड निकल आया हो. दीदी खिलखिलाकर हँसी, और फिर अपने बालों को पीछे करते हुए, ऐसे आक्टिंग करने लगी जैसे कि वो अपने आप की मूठ मार रही है, और वैसे ही ज़ोर ज़ोर से साँसें लेकर हाँफने लगी. हर झटके के साथ अपने हिप्स को भी आगे पीछे कर के हिलाने लगी. दीदी को इस रूप में देख कर मुझ से ज़्यादा देर कंट्रोल नही हुआ, और फिर मूँह से गुर्राने की आवाज़ निकालते हुए मैं वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा. डॉली दीदी आहें भरते हुए, लंड से निकलती हर पिचकारी के साथ आगे पीछे हो रही थी, मेरे लंड को उपर नीचे कर रही थी और ऐसा प्रिटेंड कर रही थी मानो हर झटके के साथ अपनी चूत से झड़ते हुए पानी की धार फेंक रही हो.

एक दम दीदी उठी और मेरे पैरों के बीच जाकर बैठ गयी, उनका चेहरा मेरे लंड के करीब था, वो अब भी मेरे लंड को हिला हिला कर वीर्य की आख़िरी बूँद निकालने में लगी थी. फिर मेरी तरफ देखते हुए मुझे चिढ़ाते हुए बोली, "ओह, केशव!" और अपने चेहरे को झुकाकर अपने होंठों को मेरे टट्टों के उपर रख दिया, और मेरे मुरझाते जा रहे लंड को हिलाती रही. मेरे मूँह से एक दम ऊहह... की आवाज़ निकल गयी, जब दीदी की जीभ मेरी टट्टों को चूस्ति हुई मेरी गोलियों से खेलने लगी, दीदी खुशी में मेरे साथ साथ कराहने लगी....

2-3 महीने बाद एक रात डिन्नर ख़तम करने के बाद, जब हम सब डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे, तब मुझे और डॉली दीदी को मम्मी पापा ने बताया कि उन्होने दीदी के लिए एक फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के एक एक्सपोर्टर के एकलौते बेटे को मेरी दीदी की शादी के लिए फाइनल कर लिया है. उस लड़के का नाम धीरज है और वो खन्ना आंटी (तान्या की मम्मी) के किसी दूर के रिश्तेदार का बेटा है, उसकी एक छोटी बेहन संध्या है, जो अभी पढ़ाई कर रही थी. धीरज और दीदी किसी मॅरेज फंक्षन में कुछ दिन पहले मिल भी चुके थे. मुझे और डॉली दीदी को ये सुन के बहुत अच्छा लगा. मम्मी पापा ने बताया कि धीरज को डॉली पसंद है, अगर डॉली को भी धीरज पसंद हो तो अगले 2-3 महीने में वो उनकी शादी कर देंगे.

दीदी शरमा कर हँसती हुई, मानो अपनी सहमति जताती हुई अपने रूम में भाग गयी.

मैं भी अपने रूम में आ गया, मेरे दिमाग़ में बार बार यह ही विचार आ रहे थे कि थोड़े दिनों के बाद डॉली दीदी अपने ससुराल चली जाएगी. बचपन से अब तक दीदी के साथ बिताए सारे दिनों की यादें मेरे दिमाग़ में घूमने लगी.

बड़ा होते हुए मैने डॉली दीदी को हमेशा प्रशंसा भरी नज़रों से देखा था. जब मैं छोटा था, तब मैं उसकी इस चीज़ की प्रशंसा करता था, कि कितनी अच्छी तरह वो मम्मी पापा को हॅंडल कर लेती है, उसने मुझे कयि बार मम्मी पापा से पिटने से बचाया था. मैं दीदी की इस बात की प्रशंसा करता था जिस तरह से वो मेरे साथ पेश आती थी, मैं उसको कभी परेशान नही करता था. हम दोनो एक दूसरे के बहुत करीब थे. जब हम 5 से 15 साल के बीच थे, तब हर बार बेटर स्कूल में अड्मिशन होने के चक्कर में, हम दोनो के 3 स्कूल चेंज हुए थे, हर बार नये दोस्त बनाने में टाइम लगता था, लेकिन दीदी का साथ होने की वजह से कभी दोस्त की कमी महसूस नही हुई.

डॉली दीदी मेरे से ठीक 1 साल बड़ी है, और अभी बेहद खूबसूरत 21 साल की लड़की हैं. मुझे लगता है अभी जब उनकी शादी हो रही है, ये बिल्कुल सही टाइम है, क्यों कि आज वो जितना सुंदर लगती हैं आज से 5-6 साल पहले वो इतनी खूबसूरत नही लगती थी, अब उनका शरीर सही जगह पर सही मात्रा में भर गया है. दीदी की हाइट 5'4" है, और कंधे तक कटे हुए बाल उन पर बहुत सूट करते हैं. दीदी की चूंचियाँ सही आकर की (34 साइज़) और एक दम कड़क हैं, दीदी की गान्ड एक दम मस्त है, जिसका मैं हमेशा से दीवाना रहा हूँ. 

करीब 2 साल पहले से मैं दीदी को अपनी बेहन के रूप में ना देखकर एक बेहद आकर्षक कामुक लड़की की तरह देखने लगा था. वो उमर ही ऐसी होती है. मैं दीदी को छुप छुप के देखा करता था, कभी नहाते हुए, कभी कपड़े बदलते हुए, और उन सब जगह जहाँ कभी भी दीदी का कुछ छुपा हुआ देखने को मिल जाए. मुझे वो दिन आज भी अच्छी तरह याद है, करीब 2 साल पहले की बात है, जब दीदी बाथरूम से नहा कर बाहर निकली थी, और उसने बस एक तौलिया लपेट रखी थी, बाथरूम से बाहर निकलते वक़्त तौलिया डोर में फँस गयी थी, और वो तौलिया गिर गयी. दीदी तुरंत संभली, लेकिन तब तक मैं दीदी की मस्त चूंचियाँ देख चुका था, और उनकी ट्रिम की हुई झान्टो के भी दर्शन हो गये थे.
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03-31-2019, 03:12 PM,
#79
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
2 साल पहले की सारी बातें मेरे जेहन में घूमने लगी, कैसे दीदी के बाथरूम से निकलने के बाद, तौलिया गिरने की तस्वीर मेरे जेहन में 1 महीने तक छाइ रही थी, और मैने उस सीन को सोच सोच के ना जाने कितनी बार मूठ मारा था. उस दिन के बाद मैं दीदी को नंगा देखने के लिए हर प्रयास करता था, और कभी कभी कामयाब भी हो जाता था. उसके बाद अभी 3 महीने पहले की वो घटना जब दीदी ने मुझे पॉर्न देखते पकड़ा था, सब कुछ मेरे दिमाग़ में घूमने लगा

कुछ महीनों में दीदी की शादी हो जाएगी, और उसके बाद शायद मेरी शादी भी तान्या के साथ हो जाए, लेकिन दीदी के साथ बिताए हुए दिनों को मैं कभी नही भूला पाउन्गा.

उसके कुछ दिनों के बाद रोका की रसम हो गयी और 1 महीने बाद की मँगनी की डेट और 3 महीने के बाद शादी की डेट फिक्स हो गयी.

रोकका की सेरेमनी के कुछ दिन बाद जब मैं अपने रूम में अकेला था तब दीदी मेरे रूम में आई. हम दोनो बहुत देर तक शांत बैठे रहे, फिर दीदी बोली, राज अब तक हम दोनो के बीच जो कुछ चल रहा था, वो अब मेरी मँगनी के बाद हमको बंद करना होगा. मैने कहा, “दीदी, मँगनी को तो अभी बहुत दिन हैं, उसके बाद बंद कर देंगे जब तक तो कर सकते हैं?” 

दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरी मँगनी को बस एक वीक बचा है हम बस एक लास्ट बार करेंगे, और उसके बाद कभी नही.”

मैने खुश होकर आँखें मारते हुए कहा, “ओके दीदी, जब भी और जैसे भी आप चाहो, लेकिन उसके बाद भी जब कभी आप को लगे तो बिना संकोच बता देना.”

दीदी ने बनावटी गुस्से में कहा, “अब तान्या पर ध्यान लगाओ, और मुझे भूल जाओ, मुझे तो मेरा मिल गया है.”

मैं भी तुरंत बोला, “दीदी, नेवेर से नेवेर.”

दीदी: ओके, देख लेंगे, मैं अपनी बात पर कायम रहती हूँ या तुम्हारी बात सच्ची निकलती है?

राज: दीदी, लेकिन आपके लास्ट टाइम की डेट और टाइम आप जल्दी डिसाइड कर लेना.

अगले सॅटर्डे को ब्रेकफास्ट के बाद दीदी ने मेरे साथ लोंग ड्राइव पर जाने के लिए पूछा तो मैं यकायक विश्वास नही कर पाया. मैं तुरंत मान गया, और हम दोनो ट्रॅक सूट्स पहन के लोंग ड्राइव पर जाने को तय्यार हो गये, जाने से पहले दीदी ने फ्रिड्ज में से एक पीने के लिए वॉटर बॉटल निकाल ली. हम दोनो मेरी कार में लोंग ड्राइव के लिए निकल पड़े, हम दोनो को एक साथ जाते देख मम्मी भी ऐसा लग रहा था मानो बहुत खुश थी, हो सकता है वो भी घर में थोड़ी शांति या थोड़ा चेंज के लिए अकेलापन चाहती हों.

शहर से बाहर निकलते हुए हम दोनो के बीच ज़्यादा कोई बातचीत नही हुई, जो भी बात हुई वो संक्षेप में और आराम से हुई. हम उसी रास्ते पर जा रहे थे, जिस रास्ते पर कुछ दिन पहले हम दोनो जा चुके थे. करीब 60-65 किमी ड्राइव करने के बाद थोड़ा सुनसान सा दिखाई दिया, चारों तरफ बस खेत ही खेत थे.

हम दोनो कार से उतरकर, खेत की पगडंडी पर चलने लगे. गर्मी और उमस उस दिन कुछ ज़्यादा थी, कुछ दूर चलने के बाद ही हम दोनो पसीने में तरबतर हो गये, हवा थोड़ी तेज चल रही थी, पेड़ों के पीले पत्ते उड़ कर हमारे सिर और चेहरे पर आ रहे थे, खेतों की धूल से हमारे शूस गंदे हो गये थे. कुछ दूर एक ट्यूबिवेल की झोंपड़ी में से एक अधेड़ जोड़ा अपने कपड़े सही करते हुए बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया. जब वो वहाँ से दूसरी तरफ दूर चले गये तो डॉली दीदी ने एक लंबी साँस ली, और मेरे करीब आ गयी, अब हमारे कंधे एक दूसरे से टकराने लगे. दीदी ने चलते हुए, मुझे अपनी एक बाँह में, मेरी बाँह डाल के पकड़ लिया. 

हम लास्ट टाइम जितना दूर गये थे, इस बार उस से हम काफ़ी आगे निकल आए थे, अब चारों तरफ खेत ही खेत थे, ज़्यादातर खेतों में मूँग की फसल हो रही थी और कुछ में गन्ने की. आसमान में बादल छा गये थे, और गहरे काले बादल छाने लगे थे, हवा उनको अपने साथ बहा के दूर ले जा रही थी.

वहीं पास में एक झोपड़ी नुमा चीज़ बनी हुई थी, शायद रात को रखवाली के लिए किसान इसी में सोता होगा. हम उसके अंदर पड़ी चारपाई पर जा कर थोड़ा आराम करने को बैठ गये, मैने पूछा, "आप ठीक हो दीदी?"

"हां, लेकिन आज मेरी कुछ ज़्यादा ही वॉक हो गयी."

हम काफ़ी देर वहाँ पर बैठ कर आराम करते रहे, हम दोनो के बीच एक अजीब सी शांति थी, दीदी मुझे लगातार देख रही थी, उनके चेहरे पर निश्चय और उत्सुकता के भाव थे. दीदी के बालों की लटो को गरम हवा बार बार छेड़ कर उड़ा रही थी. 

"दीदी, मैं एक बात पूछूँ?"

"हां... हां" दीदी ने अपने कंधे उँचकाते हुए कहा.

"सोचो तो, हम दोनो ही एक अजीब सी परिस्थिति में हैं, और मैं बस यकीन करने के लिए आपसे पूछ रहा हूँ. क्या हम जो करे रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, वो आपके हिसाब से सही है?" मैने पूछा.

दीदी ने मेरी तरफ देखा, और फिर अपने चेहरे पर आई बाल की लट को हटाया, फिर बोली " तुम्हे क्या लगता है, कि मैं हम दोनो जो चुदाई कर रहे हैं, उसकी वजह से मैं परेशान हूँ?"

मैने किसी तरह साहस कर के बोला, “हाँ, दीदी”

“लेकिन क्यों”, दीदी ने पूछा.

कुछ भी बोलने से पहले मैं तोड़ा रुका, "ठीक है, लेकिन आप ने ही पहली रात को बोला था, की ये इन्सेस्ट है."

कुछ देर हम दोनो फिर से शांत बैठे रहे.

"अगर मैने वो सब बोला था, तो साथ में ये भी बोला था कि मुझे तुम्हारे साथ चुदाई कराने में बहुत मज़ा आता है, मुझे इस बात का कोई अफ़सोस नही है, अब तुमको पता चला मैं क्या फील करती हूँ?" डॉली दीदी ने पूछा.

मैने बस हां में गर्दन हिला दी.

दीदी मेरे कुछ और पास आई और बोली, "राज, मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने का कोई पछतावा नही है, आइ लव यू."

उस वक़्त की भावनाओं में कही गयी इन नाज़ुक लेकिन गहरी बातों ने मेरे दिल में दीदी के लिए और ज़्यादा जगह बना दी थी. मेरी डॉली दीदी के प्रति दीवानगी पहले से और ज़्यादा बढ़ गयी, ये मूवीस में दिखाए जाने वाला प्यार नही था, और ना सिर्फ़ रोमॅन्स था, और ना ही ये हवस थी, बल्कि ये वो गहरा प्यार था, जिसको मैं पहले भी महसूस कर चुका था. वो मेरी सग़ी बेहन डॉली दीदी थी, मेरा खून थी, मेरा परिवार थी, मेरी एक दोस्त थी, और साथ में मेरी प्रेमिका भी, और साथ में एक अविवाहित लड़की भी. दीदी मेरा एक अभिन्न अंग थी, जैसे कि मैं दीदी का.
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03-31-2019, 03:12 PM,
#80
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
दीदी समझ रही थी कि मेरे अंदर क्या सब कुछ चल रहा है, दीदी ने खुश होते हुए मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी, फिर अपनी नज़रें नीची कर ली, और फिर मेरी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी.

दीदी अब भी खुश नज़र आ रही थी, वो बोली, "मुझे मालूम है कि शायद ये सब ठीक नही है, और मुझे ये भी मालूम है कि हम इस तरह जिंदगी भर नही रह सकते, मेरी मँगनी के बाद हमको ये सब नही करना चाहिए." मैने हां में गर्दन हिला दी, दीदी आगे बोलती रही, "लेकिन इस वक़्त, मैं वो करना चाहती हूँ, जो मुझे अच्छा लगता है..." दीदी ने झेन्पते हुए अपने पैर के पंजों को हिलाया, और फिर नर्वसली बोला, ...मैं तुम्हारी होना चाहती हूँ."

मैं दीदी के पास आया और दीदी के गले में अपनी बाहे डाल दी, और दीदी के माथे को चूम लिया. "मुझे भी लगता है, कि ये सब सही नही है और ये बात भी सही है कि हम ये सब जिंदगी भर नही कर सकते, लेकिन आज की तारीख में तुम मेरी जिंदगी में सबसे इंपॉर्टेंट पर्सन हो, और मैं तुम्हारे साथ जब तक सभव हो, ज़्यादा से ज़्यादा रहना और टाइम स्पेंड करना चाहता हूँ."

दीदी मेरी तरफ देख के मुस्कुराइ, और फिर थोडा आगे बढ़ के मुझे एक किस कर लिया.

"तो फिर, अब ठीक हो?" दीदी ने पूछा.

"हां, दीदी अब मैं अच्छा फील कर रहा हूँ." मैने दीदी के दमकते चेहर की तरफ देखते हुए कहा.

हम दोनो ने एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए. हम दोनो हमारी जिंदगी में बाकी सब कुछ जो हो रहा था, उसके बारे में बाते कर ही रहे थे, तभी जोरदार बेरिश शुरू हो गयी, दीदी बारिश होती देख बहुत खुश हो गयी, और वो खुश होकर हँसने और खिलखिलाने लगी. हवा में गर्मी तो अभी भी थी लेकिन उमस थोड़ी कम हो गयी थी.

दीदी ने मेरी तरफ एग्ज़ाइटेड होकर देखा और आँखें गोल गोल घुमाकर पूछा, “तुम कभी नंगे होकर बारिश में नहाए हो?”

"हां...कई बार सोचा तो है, लेकिन बस सोच कर ही रह गया."

"तुम नहाना चाहोगे?" दीदी ने पूछा.

मैने झिझकते हुए अपने कंधे उँचका दिए. "अगर हम अपने कपड़े इसी झोंपड़ी में उतार दें तो ये गीले नही होंगे...."

कुछ देर बाद हम दोनो अपने शूस के लेसस खोल रहे थे और हमने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. दीदी ने अपनी ट्रॅक पॅंट और टी-शर्ट उतार दी, और पैंटी उतारते हुए मेरी तरफ स्माइल कर के देखा. मैं अपने बॉक्सर्स को उतार रहा था, उस वक़्त दीदी अपनी ब्रा के हुक को खोल के उसको उतार रही थी. हमने अपने कपड़े इकट्ठे करके उस चारपाई पर रख दिए, और पूरे नंगे होकेर बारिश में भीगने को बाहर आ गये, ज़मीन गीली होकर सॉफ्ट हो गयी थी, और मिट्टी हमारे पैरों पर चिपक रही थी. दीदी ने मेरा हाथ पकड़ के आगे की तरफ खींचा.

दीदी बारिश में भीग के बहुत खुश थी, वो अपने हाथों को उपर कर के अपने को बारिश में भीगने का भरपूर आनंद ले रही थी. मैं दीदी के शरीर के उभारों की मन ही मन प्रशंसा कर रहा था, और जब रहा ना गया तो दीदी को अपने पास खींच के मैने अपने शरीर से चिपका लिया. हम दोनो एक दम नंगे चिपक कर, दूर दूर तक प्राकृतिक हरियाली के बीच खड़े हुए थे.

काफ़ी देर बारिश में भीगने के बाद मैने दीदी से पूछा, दीदी अब थोड़ा देर चारपाई पर बैठ लें? दीदी तुरंत मान गयी और झोंपड़ी में अंदर जा कर चारपाई पर हंसते हुए बैठ गयी, और फिर अपने पैर चारपाई से लटकाए हुए ही, अपनी पीठ के बल लेट गयी. मुझे तो जन्नत का दीदार हो गया. अपने सिर को थोड़ा उठाते हुए और अपनी आँखों पर आए पानी को पोंछते हुए दीदी बोली "आज से पहले इतना मज़ा कभी नही आया!"

मैने वहाँ पर पड़ी हुई एक इंट (ब्रिक) उठाई और उसको चारपाई के पास, दीदी के पैरों के पास रख कर उस पर बैठ गया. मैने दीदी के दोनो पैरों को प्यार से अलग करके उनको चौड़ा कर दिया. मैं अपनी गान्ड इंट (ब्रिक) पर से उठा के दीदी के पैरों के बीच में आ गया. “हे भगवान...” दीदी के मूँह से अपने आप निकल गया, और उन्होने फिर से अपनी गर्दन नीचे करके अपने हाथो को अपने चेहरे पर रखते हुए, अपने सिर को चारपाई पर टिका लिया, और अपने आप ही अपनी टाँगें थोड़ी और चौड़ी करके, अपनी मस्त चूत का प्रदर्शन और ज़्यादा कराने लगी. मैने थोड़ा आगे बढ़कर अपना मूँह चूत की दोनो फांकों के बीच रख दिया, और चूत के बाहरी दोनो लिप्स जो हल्की हल्की झान्टो से ढके हुए थे उनको चूमने लगा, कुछ देर बाद मुझे चूत के अन्द्रूनि सॉफ्ट और गीले लिप्स का स्वाद लेने का भी मौका मिला. दीदी एक दम चिहुन्क उठी जब मेरी जीभ ने उनकी चूत के दाने की छूआ. बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी, और मैं दीदी की चूत चूस कर एक मादक नशे में खोता जा रहा था.

कुछ देर में दीदी की चूत के अंदर वाले लिप्स में हरकत होने लगी और चूत से लिसलिसा पानी निकलने लगा, और दीदी की चूत पनियाने लगी. मैने थोड़ा उपर की तरफ देखा तो दीदी ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी, उसने अपने हाथ अभी भी अपने चेहरे पर रखे हुए थे, लेकिन इतनी दूरी के साथ के उसको साँस लेने में कोई परेशानी ना हो.

तभी यकायक ज़ोर दार बिजली कडकी, मैं डॉली दीदी के और थोड़ा पास आ गया. दीदी ने अपना सिर उठा के मेरी तरफ देखा, और जैसे ही मैं उनके उपर झूका, दीदी ने अपने घूटने मोड़ कर उपर कर लिए. मेरा लंड तो अब तक खड़ा होकर फूँकार मारने लगा था, जैसे ही उठकर थोड़ा उपर हुआ, दीदी ने अपनी गीली बाहें मेरी पीठ के गिर्द लपेट ली, मेरे लंड ने दीदी की दहक्ति चूत को छूआ और बड़े आराम से जगह बनाते हुए अंदर घुस गया. दीदी ने एक ज़ोर से साँस बाहर की तरफ मेरे कान के उपर छोड़ी, और अपनी टाँगें मेरी गान्ड के चारों तरफ़ लपेट ली, मैं अपने लंड को दीदी की चूत के अंदर बाहर करने लगा. मेरे मूँह से अपने आप तरह तरह की आवाज़ें निकलने लगी, दीदी भी अब हाँफने लगी थी, हम दोनो के भीगे हुए शरीर अब एक हो रहे थे.

हम दोनो आलंगंबध होकर चुंबन ले रहे थे, और मेरे सिर में बारिस का जमा हुआ पानी मेरे गालों और थोड़ी पर से होता हुआ दीदी के मूँह पर गिर रहा था. जिस प्रकार हम कस के आलिंगंबध थे, दीदी की चूंचियाँ मेरी छाती से फिसल फिसलकर दब रही थी. दीदी ने अपनी गान्ड उठाकर मेरे लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अपने अंदर ले जाने का प्रयास किया.

दीदी की हाथों की उंगलियाँ अब मेरी पीठ में ज़ोर से दबाव डाल के गढ़ रही थी, दीदी के मूँह से आहें और कराहने की आवाज़ें अब चरम पर पहुँच चुकी थी, तभी दीदी ज़ोर से झटका मारते हुए झड गयी, और उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. दीदी के चेहरे पर अब भी मेरे बालों में से पानी गिर रहा था, लेकिन दीदी को इस चीज़ की कोई परवाह नही थी, वो ज़ोर ज़ोर से काँप रही थी, और दीदी का चेहरा लाल पड़ गया था. दीदी ने एक ज़ोर की आहह की आवाज़ निकालते हुए मुझे ज़ोर से अपनी टाँगों के बीच जकड लिया, दीदी की गान्ड अपने आप उछलने लगी, और अपने आप मेरे लंड को ज़ोर से कभी अंदर और कभी बाहर करने लगी. लंड दीदी की चूत के अंतिम छोर तक पहुँच कर किसी मुलायम चीज़ से टकराने लगा था, और मुझे भी अब अपने उपर काबू रखना मुश्किल हो रहा था. जैसे ही दीदी की चूत ने मेरे लंड को निचोड़ना बंद किया, मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया. दीदी मेरी गर्दन पर प्यार से हाथ फेरने लगी, और तभी मैने गुर्राते हुए अपने लंड से वीर्य की पिचकारी छोड़ दी जो दीदी की गान्ड के छेद और चारपाई पर गिरी. 

बारिश अब थोड़ा धीरे हो चुकी थी, और मैं अपनी नंगी दीदी के उपर उनको अपनी बाहों में लेकर उनके उपर नंगा लेटा हुआ था, हम ऐसे ही एक दूसरे को तब तक सहलाते रहे जब तक बारिश पूरी तरह से थम नही गयी. जैसे ही मैं दीदी के उपर से उठा, दीदी ने अपनी आँखों पर आए पानी को सॉफ किया, और फिर अपने चेहरे को अपने हाथो से पोंच्छा, मैने अपना हाथ बढ़ाकर दीदी को उठाने में मदद की. कुछ देर हम ऐसे ही चारपाई पर बैठे रहे, और दूर तक फैली मूँग की दाल और गन्ने की खेती की हरियाली को देखते रहे. 

कुछ देर बाद हमने अपने हाथों से एक दूसरे के उपर जमा पानी को हाथो से सॉफ करने का प्रयास किया, जिस से हम ज़्यादा से ज़्यादा सूख सके, और फिर कुछ देर हवा में अपने आप को सुखाया, और फिर अपने अपने कपड़े पहन लिए. दूर सड़क पर खड़ी कार तक आने में हालत खराब हो गयी, क्योंकि हम दोनो ही काफ़ी थक चुके थे, और कार की तरफ चलते हुए, हर कदम पर हम एक दूसरे का हौंसला बढ़ा रहे थे....

दीदी और धीरज की मँगनी बड़ी धूम धाम के साथ शहर के सबसे अच्छे 5 स्टार होटेल में हुई. तान्या और उसके मम्मी पापा भी शादी की सारी तय्यारियों में हमारा भरपूर सहयोग कर रहे थे. अब शादी को बस 2 महीने बचे थे, पापा और मैं इन्विटेशन कार्ड्स बाँटनें, होटेल के अरेंज्मेंट्स, और इवेंट मॅनेजर के साथ मीटिंग्स में बहुत बिज़ी हो गये थे. 

दीदी और धीरज अब अक्सर मिलने जुलने लगे थे और मम्मी पापा की पर्मिशन लेकर कई बार मूवीस देखने भी जाते थे. मँगनी की रसम के 1 हफ्ते बाद मुझे लगने लगा था, कि शायद वो दोनो सेक्स भी करते हैं, क्यों कि एक दिन मैने दीदी के रूम में एक यूज़्ड कॉंडम देखा था. एक दिन मैने उन दोनो को सेक्स करते हुए देखने का प्लान बनाया. एक दिन मम्मी पापा एक पार्टी में जा रहे थे, और वो देर रात को लौटने वाले थे. मैने उनसे अपने फ्रेंड के यहाँ कंबाइंड स्टडी के लिए रुकने की पर्मिशन ले ली, हालाँकि मैं जाने वाला नही था. जैसे ही मम्मी पापा पार्टी के लिए गये, मैने दीदी को बोला कि मैं भी जा रहा हूँ. दीदी मुझे जल्दी से जल्दी विदा करना चाहती थी, क्यों कि उसने धीरज को बुलाया हुआ था. मैं आगे वाले दरवाजे से बाहर निकल के, पीछे वाले (जिसको मैं पहले ही खोल गया था) से घुस के नीचे अंडरग्राउंड वाले स्टोर रूम में छुप के बैठ गया.

एक घंटे मैं वहीं पर छुपा रहा, तब मुझे धीरज के आने के आवाज़ सुनाई दी. मुझे मालूम था कि वो दोनो इतने ज़्यादा बेकरार होंगे कि बिना ज़्यादा देर किए वो ड्रॉयिंग रूम में ही चालू हो जाएँगे. मैं धीरे से उपर आया और ड्रॉयिंग हॉल से बेसमेंट में जाने के लिए बने डोर के पीछे छुप कर सब कुछ देखने लगा. जो कुछ मैने देखा वो अविश्वशनीय था, मानो कोई पॉर्न मूवी चल रही हो.

बस कुछ सेकेंड्स के बाद मुझे सब समझ में आ गया, और मैं सॉफ सॉफ देखने लगा. धीरज ड्रॉयिंग रूम के बींचो बीच नंगा खड़ा हुआ था, उसका लंड खड़ा था और उसका लंड भी काफ़ी बड़ा था. डॉली दीदी उसके सामने खड़े होकर उसको सम्मोहित करते हुए अपने एक एक करके कपड़े उतार रही थी. दीदी को एक एक करके कपड़े उतारते देख मेरा लंड खड़ा होने लगा. दीदी ने पहले अपनी टी-शर्ट उतारी और फिर धीरे धीरे अपनी ब्रा के हुक को पीछे से खोल के, पहले अपनी एक चून्चि दिखाई और फिर दूसरी, और एक बार फिर से दोनो को ढक लिया. फिर पीछे दूसरी तरफ घूम के ब्रा को नीचे गिरा दिया. मैं साइड से दीदी की चूंचियों के उपर खड़े हो चुके निपल्स को देख पा रहा था. मेरा लंड अब जीन्स के अंदर परेशान करने लगा था, इसलिए मैने जीन्स का बटन और ज़िप खोल के उसको थोड़ी आज़ादी दी. 
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