RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
उस दिन काम ज़्यादा था फिर उसके बाद राज से अकेले मे टाइम नही मिला
पर प्रीति ने एक काम किया रूपा को मेरे और राज के बारे मे बता दिया
और जब हम रात को रूम मे थे
नेहा: अपनी बराबर की बहनों के साथ थी
और मे प्रीति और रूपा बैठे थे
राज का पता नही था शायद अपने पापा के साथ था
रूपा: दीदी क्या बोल रही है
मे: क्या
रूपा: कि आप और राज का
मे: तू बता क्या करती ऐसे हालत तेरे साथ होते तो
रूपा: वही जो आप ने किया हम औरतो की कोई अपनी लाइफ ही नही होती
बस पेटिकॉट ऊपर किया पति ने अपना माल निकाला और सो गये
बीवी का का हुआ या नही कोई मतलब नही उनको
पर खाना टाइम से चाहिए काम टाइम से होने चाहिए
बस बीवी जाए भाड़ मे
दीदी आप को तो राज मिल गया हम जैसों का क्या जिन के पास बेटा नही है और अगर है तो राज जैसा नही
मे इतनी टेन्षन क्यूँ ले रही है
रूपा: आप तो बोलोगि आज
आज से एक महीने पहले पूछती तो देखती आप का जवाब क्या होता
तभी राज का मेसेज आया
राज: क्या कर रही हो जान
मे: तुम्हारा इंतज़ार , कहाँ हो तुम
राज: बस आ रहा हूँ खोल कर रखना
मे: तुम्हारे लिए तो हमेशा खुली है
तुम आओ तो सही
प्रीति और रूपा हम दोनो की चॅट देख रही थी
राज: आज तो पक्का मारूँगा
मे: आह तो अपने बेटे को पक्का दूँगी
राज: क्या दोगि मेरी लुगाई
मे: अपने बेटे को उसकी माँ अपनी चूत देगी मारने और चाटने के लिए
राज: तो रेडी रहो खोल कर
तभी प्रीति और रूपा ने इशारों मे कहा कि हम भी है
मे: बेटा आज बुआ और चाची भी है
राज: उनको बोल दो पहले माँ की मारूँगा फिर उनकी
प्रीति और रूपा - बोलो मंज़ूर है हम भी तो देखे एक माँ बेटा कैसे चुदते है
मे: वो तैयार है
राज: उनसे बोलो अपनी अपनी चुतो मे तेल लगा कर रखें उनका भतीजा उनकी आज फाड़ देगा
प्रीति ने मोबाइल मेरे हाथ से छीन लिया
प्रीति: तो आ ना मे भी देखती हूँ कितना दम है तुम्हारे लंड मे
और नीचे लिख दिया मे प्रीति
राज: ओके वेट करो आता हूँ
और मोबाइल रख दिया
रूपा: दी जब राज ने पहली बार चोदा होगा तो आप की चाल बिगाड़ दी होगी
मे: हाँ दो दिन तक चल नही पाई थी
रूपा प्रीति को देखते हुए
प्रीति: डर क्यूँ रही है पहले देख तो ले
माँ बेटे को चुदाई करते हुए फिर देखते है क्या होता है
और हम राज का इंतज़ार करने लगे
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अब जब कि शादी है तो स्टोरी के प्लॉट की बड़ा करते है
जान से शॉपिंग करके नेहा आई थी
उसके पति जिसका नाम अनुपम था उसकी कॉल नेहा के पास आती थी
और जिस की वजह से नेहा आज अपनी बहनों के साथ सोने गई थी
क्यूँ कि वो समझ गई थी रिलेटिव के होने की वजह से उसका और राज का मिलना मुस्किल है
क्यूँ कि मैने उसको बोलो था मेरा ओपन होना अलग बात है पर तुम्हारा और राज का रीलेशन खुलना नही चाहिए
इस लिए मैने प्रीति को भी राज और नेहा का नही बताया
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