Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
दोनो ने इधर उधर देखा दूर दूर तक कोई नही था …. फिर दोनो वहीं नंगी हो गयी और बिकनी पहन ली… कपड़े मोटर बोट में ही रख दिए… सुनील ने भी सभी कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अंडर वेअर में रह गया.

इसके बाद तीनो वहीं पानी में अधखेलियाँ करने लगे……सोनल ने शरारत में सुनील का अंडरवेर ही उतार डाला.

फिर सुनील उसके पीछे पड़ गया …..वह पानी में इधर उधर होती रही कभी सूमी के पीछे दुबक जाती कभी गहरे पानी की तरफ चली जाती. पर सुनील भी कम नही था… उसने उसे पकड़ ही लिया और बीच पे ला उसके उपर चढ़ गया. धिन्गा मस्ती में सोनल की बिकिनी फाटती चली गयी और वो नग्न हो गयी. 

सुनील कस कस के उसके उरोज़ मसल्ने लग गया. और सोनल की चीखें दूर दूर तक गूंजने लगी… पर वहाँ कोई नही था.. ये एक निर्जन आइलॅंड था ……यहाँ कोई वास नही कर पाता था क्यूंकी साल में 3-4 ऐसे तुफ्फान आते थे जो सब कुछ बहा ले जाते थे. इसलिए वह सिर्फ़ खाली बड़े बड़े नॅचुरल बीच और जंगल ही थे.

दोपहर हो चुकी थी सब थक चुके थे… सूमी ने वहीं एक चादर बिछा दी… और सुनील को सोनल से दूर किया जो अब तक रोने को हो आई थी.

फिर सुनील ने मोटर बोट से समान निकाला.. तीनो ने वाइन के साथ लंच ख़तम किया….जैसे जैसे लंच अपने आखरी दौर पे पहुँच रहा था सुनील सीरीयस होता जा रहा था….और दोनो औरतें बस उसका चेहरे को देख हैरानी में पड़ी हुई थी.

सुमन : डार्लिंग हम लोग हनिमून पे हैं……..प्लीज़ कोई ऐसी बात मत करना … कि हनिमून का मज़ा खराब हो जाए… जो भी बातें तुम करना चाहते हो वो हनिमून के बाद भी तो हो सकती हैं.

सुनील : मैं कुछ ज़यादा नही बोलने वाला… पर सोनल को पूरा हक़ है मेरे बारे में सब कुछ जानने का…. बीवी बन चुकी है वो मेरी और मैं नही चाहता कि उसे कोई भी बात ग़लत तरीके से किसी और से पता चले … और वो ग़लत मतलब निकाल बैठे……..मैं आज के बाद हम तीनो के भी कभी भी किसी तरहा की कड़वाहट नही चाहता.

सोनल : आप क्या बोल रहे हो… ऐसा क्या है आपके बारे में जो मुझे पता नही… मेरे सामने पाले बड़े हो…कुछ भी तो नही छुपा है मुझ से.

सुनील : क्या तुम जानती हो मैं अपने डॅड का बेटा नही हूँ.

बॉम्ब फट गया….. सूमी की गर्दन शर्म से झुक गयी और सोनल का मुँह खुला रह गया.

‘सुमन की तरफ ऐसे मत देखो. उसका कोई कसूर नही.. अगर होता तो आज वो मेरे बीवी नही होती.
जिस तरहा मैं डॅड के बेटा नही उसी तरहा रूबी समर की बेटी नही.’

सुनील का इतना कहना कि सुमन का कोई कसूर नही …. सोनल के लिए काफ़ी था. उसने सुनील के होंठों पे हाथ रख दिए…. ‘मुझे कुछ नही जानना…. मैं बस इतना जानती हूँ… मैं आपकी बीवी हूँ और जिंदगी भर आपके प्यार के साए तले रहना चाहती हूँ. पीछे हम लोगो का क्या इतिहास है उसे मैं नही जानना चाहती ……आप हम तीनो का हनिमून ये जली कटी बातें सुना के खराब मत करो.. ये सब जानने के बाद भी मेरे दिल में ना आपके लिए इज़्ज़त में कोई कमी आएगी ना ही मोम के लिए.’

सुमन – सोनल के गले लग रो पड़ी.

'बस दीदी …ये तो हैं ही ऐसे… हर वक़्त धर्मात्मा बने रहते हैं…फालतू में आपको रुला दिया…बस आपको मेरी कसम…अब एक आँसू भी नही…
और आप सुन लीजिए…. मैं जानती हूँ आप डॅड की कितनी इज़्ज़त करते हैं.. किस तरहा आपने खुद से लड़ डॅड के आखरी हुकुम को माना और दीदी को अपनी पत्नी बनाया……बस हम लोगो के लिए यही सच है और कुछ नही….प्लीज़ ना अपना दिल दुखाइए ना ही हम दोनो का.’

सुनील बस सोनल को देखता रहा… उसने सोचा था बहुत है हल्ला मचाएगी हर डीटेल में जाना चाहेगी … पर उसने तो बात ही यहीं ख़तम कर दी. सोनल के लिए उसके दिल में प्यार और भी बढ़ गया… ऐसा ही तो जीवन साथी चाहिए था उसे सुमन के बाद ……आज भी उसे जब सुमन का लिया हुआ वादा याद आता जो एक बड़ा कारण था सोनल का उसकी जिंदगी में आने का …. सुनील के दिल में सुमन के लिए अतः प्यार का सागर उमड़ पड़ता ……कितनी सेल्फलेस थी वो… उसे इस बात की ज़यादा चिंता थी … कि उम्र उसे बीच रास्ते में साथ छोड़ने को मजबूर कर देगी … तो उसके बाद मेरा क्या होगा…. कैसी शर्त रखी उसने और तब जा कर शादी करने को तयार हुई.

सुनील यही सब सोच रहा था कि सोनल उसके साथ चिपक गयी.

‘डार्लिंग हम हनिमून पे आए हैं… और ये समय होता है बस एक दूसरे से प्यार करने का…. दिल के घाव कुरेदने का नही….अब अपना मूड ठीक करो और देखो दीदी कितनी उदास हो गयी है… अब ज़रा उन्हें कुछ प्यार करो और दिल बहलाओ उनका… वैसे आपने ये आइलॅंड बड़ा मस्त चुना है… दूर दूर तक कोई नही सिवाय हमारे …. मैं ड्रिंक बनाती हूँ… सब का मूड ठीक हो जाएगा..’

सुनील सुमन को अपने पास आने का इशारा करता है और वो खिसक के अपना सर सुनील के कंधे पे रख देती है.

तभी सुनील को उसके मोबाइल पे मुंबई वाले दोस्त का मसेज आता है जिसमे – लिखा था…. रमण एमडी छोड़ के किसी गाँव में चला गया था और 8 महीने बाद वापस आ गया है और फिर से एमडी के लिए जुट गया है.

सुनील ये मेसेज सुमन को दिखाता है और दोनो के बीच रमण की चर्चा शुरू हो जाती है …. जिसे सोनल सुन रही थी पर उसे कुछ समझ नही आता क्यूंकी सारी बात उसे पता नही थी. वो ड्रिंक्स ले के सामने बैठी बस इनकी बातें सुन रही थी.


‘हेलो हेलो हेलो ……. ये सब गंभीर बातें होटेल में चल के करना ….. और अब ये प्यारा सा वाइन का ग्लास आपके लरजते हुए होंठ का इंतेज़ार करिंग …….कम कम…. टेकिंग टेकिंग… चुस्की लेइंग… मूड रेफ्रेश करिंग…’

बिल्कुल किसी कमीडियन की तरहा बोली सोनल और सुनील - सुमन दोनो का हंस हंस के बुरा हाल हो गया.

फिर तीनो वाइन ग्लास ख़तम करते हैं… मौसम कुछ बदलता हुआ नज़र आ रहा था… आसमान पे बादल छा गये थे……..सुनील ने पहली बार मोटर बोट चलाई थी … उसे कुछ डर सा लगने लग गया.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘बीवियों मौसम वाट लगाने की तायारी कर रहा है… फटाफट कपड़े पहनो और चलें…..बाकी बातें होटेल पे ही करेंगे.
सभी फटाफट तयार होते हैं और निकल पड़ते हैं….कुदरत का अहसान देखो कि जब ये मोटर बोट पार्क कर रहे थे तभी धुआँधार बारिश शुरू हो गयी.

भीगते हुए ये होटेल पहुँचे…….रिसेप्षन पे ही रूम सर्विस को ऑर्डर दे दिया और कमरे की तरफ भागे.

सुमन अपने कमरे में भागी – सोनल अपने में और सुनील लिविंग रूम के बाथरूम में घुस गया.

और अब जब दोनो बाहर आई तो कमरे की दीवारों तक को जलाने के इरादे से आई थी ----जब वीश्वामित्र मेनका की आगे नतमस्तक हो गया तो सुनील की क्या बिसात थी जो अपनी बीवियों के आगे नतमस्तक ना होता …..फिर भी उसने खुद पे संयम रखा और बात शुरू होने से पहले सूमी शुरू हो गयी …….

‘आज क्या हो गया है आपको…..क्या आज का पूरा दिन….बस किसी ना किसी पुराने जखम को ही कुरेदने के लिए रखा है क्या ….’

‘अब वो ई-मैल ही ऐसा आया…कि बात शुरू हो गयी…..लेट’स चेंज दा टॉपिक…..फिर कभी बात करेंगे…इस पे….’

तभी सोनल बोली डिन्नर आ गया है मैने टेबल पे लगवा दिया है…चलें… पहले खाना खा लें फिर बातें तो होती रहेंगी.

तीनो टेबल पे बैठ के खाना खाते हैं और अगले दिन कुछ शॉपिंग करने का डिसाइड कर लेते हैं.

खाने के बाद अंगड़ाई लेते हुए सोनल…मैं तो चली सोने…सारा बदन टूट रहा है…आज मुझे तंग मत करना प्लीज़…….असल में सोनल चाहती थी कि ये रात सुनील सुमन के साथ ही गुज़ारे… दोपहर में सुमन को रुला जो दिया था.

सोनल अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा अंदर से बंद कर सो गयी. सुमन और सुनील टेबल से उठ लिविंग रूम में सोफे पे बैठ गये. सुमन ने अपना सर सुनील की गोद में रख लिया और वहीं सोफे पे लेट गयी.

सुमन : सोनल कितनी अच्छी है – आज जान भुज के हमे अकेले रहने का वक़्त दे दिया

सुनील : बिल्कुल तुम पे गयी है 

सुमन : हां वो तो है ही…..अब मुझे कोई चिंता नही वो आपका बहुत अच्छे से ख़याल रखे गी.

सुनील : क्यूँ तुम कहाँ जानेवाली हो ….तुम नही रखोगी मेरा ख़याल.

सुमन : क्या पता कब बुलावा आ जाए… दिल तो यही चाहता है….ये उम्र बस यहीं पे रुक जाए…और तमाम सदिया तुम्हारी बाँहों में ही गुज़रे.

सुनील : तुमने फिर वही बकवास शुरू कर दी. कितनी बार कहा ऐसी बातें मत करा करो….जितने भी पल हमारे पास हैं उन्हें अपने प्यार के रंगों से भर दो…….और क्या चाहिए इस जिंदगी में….

सुमन : लव यू डार्लिंग ( सुनील के सर को झुका अपने होंठ उसके होंठों से मिला देती है)

कुछ देर बाद दोनो अलग हुए…. सुमन की लिपस्टिक सुनील के होंठों के आसपास्स लग चुकी थी. जिसे देख सुमन को हसी आ गयी और उठ के टेबल से नॅपकिन ले आई और सुनील के चेहरे को सॉफ किया.

सुनील उसे अपनी बाँहों में समेट वहीं सोफे पे अध्लेटा हो गया.

सुमन : जान मैने सोचा है.. वापस जा कर तुम्हारे कॉलेज से जो अटॅच्ड हॉस्पिटल है वहाँ ट्रान्स्फर ले लूँगी ……और वहीं एक स्टाफ क्वॉर्टर भी लेलेति हूँ… इस तरहा तुम्हे हॉस्टिल में नही रुकना पड़ेगा…. वहीं हम एक साथ रहेंगे………..घर पे सवी है ही जो घर की देखभाल कर लेगी …उसकी हेल्प के लिए किसी नोकर को रख देंगे और हफ्ते में एक बार मिलते रहेंगे.

सुनील : अरे वाह….क्या कमाल का आइडिया है…. मैं कब से सोच रहा था…. तुम दोनो के बगैर मैं हॉस्टिल में कैसे रहूँगा.

सुमन : लेकिन ये खुशी भी 3-4 महीने तक ही रहेगी

सुनील : क्यूँ?

सुमन : प्रेग्नेंट होने के बाद वहाँ कैसे रहूंगी…. क्या बोलूँगी सब को?

सुनील : तभी तो कह रहा हूँ – 3साल रुक जाओ ------जब तक मेरी डिग्री पूरी होती है हम वहीं इस स्टाफ क्वॉर्टर में एक साथ रहेंगे……..तुम्हारे बिना तो एक पल भी नही जी पाउन्गा ……..

सुमन : नही मुझे जल्दी बच्चा चाहिए……….

सुनील : फिर तुम फार्म हाउस चली जाओगी और मुझे हॉस्टिल में अकेले सडना पड़ेगा. प्लीज़ यार इतनी ज़िद क्यूँ कर रही हो बच्चे के लिए अभी…..

सुमन : तुम समझते क्यूँ नही…. मुझे एक मम्मी मम्मी बोलने वाला प्यारा सा बेटा चाहिए. 

सुनील : ये अच्छी बात है…..बेटे के चक्कर में अपने पति को अकेला छोड़ डोगी ….ये कहाँ का इंसाफ़ हुआ…..नही 3 साल बाद ही करेंगे……और तब तो उसे मैं हाल पल तुम्हारी कोख में बड़ा होता हुआ महसूस करूँगा…. क्यूँ छीन रही हो ये खुशियाँ मुझ से.

सुमन का मुँह बन जाता है….

सुनील : प्लीज़ डार्लिंग…..मान जाओ .. इतनी बड़ी सज़ा मत दो यार.

सुमन : ये क्या बोल रहे हो….मेरा कॉन सा दिल करता है आपके बिना रहने का……..अब मजबूरी है तो कर लेते हैं 3 साल इंतेज़ार………शुक्र है मैने अभी पिल्स बंद नही करी… वरना कल ही काम हो जाता….इस वक़्त मैं अपने फर्टाइल पीरियड में हूँ.

‘उम्म्म्मम लव यू बेब’ सुनील सुमन के होंठ चूम लेता है….. चलो बाल्कनी में चलते हैं….और हां सुबह पॅकिंग कर लेना… वी गॉट टू शिफ्ट टू वॉटर बंग्लॉ….

‘वॉटर बंग्लॉ !!!!!!’ बिल्कुल एक छोटी लड़की की तरहा चहकी सुमन…..मज़ा आजाएगा…..सो रोमॅंटिक…सो एग्ज़ाइटिंग……वाउ!!!!!!!’

‘ बाल्कनी छोड़ो चलो थोड़ी देर बाहर घूम के आते हैं……इस वक़्त बीच पे कोई नही होगा’

‘इन कपड़ों में……….’ लाइनाये में सुमन का कामुक बदन सॉफ दिख रहा था. उसने अंदर ब्रा और पैंटी भी नही पहनी थी.

‘तो क्या हुआ…..कॉन है वहाँ जो तुम्हें देख लेगा सिवाय मेरे’

‘बाहर चल रहे हैं तो सोनल को भी ले चलो ना……’

‘हां बुला लो उसे भी……..मैं नही चाहता वो बुरा फील करे कि उसे अकेला छोड़ गये’

सुमन जा के सोनल का रूम नॉक करती है…..बाहर जाने के लिए बोलती है… पर सोनल मना कर देती है…कि आज उसे सोना है…

सुनील और सुमन लॉक कर चले जाते हैं…लॉबी से जैसे ही निकलते हैं…. आग लग जाती है वहाँ….नाइट ड्यूटी वाला स्टाफ आँखें फाडे मुँह खोले बस सुमन को देखता रह गया.
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01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
ये लोग आराम से नाइट वॉक करने लगे. सुमन ने सुनील का हाथ थाम रखा था और अपना सर उसके कंधे पे टिका रखा था. सुनील ने भी अपनी बदन से उसे खुद से चिपका रखा था.

ठंडी ठंडी हवा सुमन की जुल्फेन उड़ा रही थी. करीब 15 मिनट दोनो यूँ ही चलते रहे और होटेल से बहुत दूर निकल आए. 

चारों तरफ सुनसान …..घुप अंधेरा……बस दूर दूर कहीं कोई लाइट जलती हुई दिख रही थी…लहरें किनारे तक आ के टकराती और लॉट जाती.

सुनील सुमन को ले कर वहीं बीच पे लेट गया…..और अपने होंठ सुमन के होंठों से जोड़ दिए…..ठंडी ठंडी रेत जिस्म पे लगती हुई अलग ही रोमांच दे रही थी.

सुमन समझ गयी कि सुनील उसे यहाँ क्यूँ ले के आया है… वो खुले में बीच पर छोड़ेगा…. ये सोच उसकी चूत गीली होने लगी….उसे वो दिन याद आ गया जब सुनील ने उसे जंगल में चोदा था. 

दोनो बड़ी शिद्दत से एक दूसरे के होंठ चूसने में लगे रहे और सुमन ने सुनील की शॉर्ट खोल उसके लंड को बाहर निकाल उसे सहलाने लगी.

दोनो ही सिसक रहे थे पर सिसकियाँ मुँह में दबाती रही. बीच के इतनी पास थे के पानी की लहरें उन तक आ रही थी.

काफ़ी देर तक दोनो एक दूसरे के होंठ चूमते रहे और फिर सुनील ने अलग हो अपने कपड़े उतार फेंके और सुमन की लाइनाये भी उतार बीच पे पीछे की और फेंक दी……जहाँ पानी नही पहुँचता था. कपड़े वैसे भी गीले हो चुके थे.

दोनो फिर चुंबन में खो गये सुमन उसके लंड को सहलाती रही और सुनील उसके निपल मसल्ने लग गया.

लहरें उनके जिस्म को छू बार बार वापस लौटती और फिर आती…. जैसे दोनो के बदन की खुश्बू से समुंद्र को तरबतर करना चाहती हो.

सुनील ने सुमन के होंठों को छोड़ा और उसके निपल को चूसने लग गया.

अहह उम्म्म्ममममम ढ़हिररईईई उफफफफफफफफफफ्फ़

सुमन की सिसकियाँ फ़िज़ा में फैलने लगी…..लहरें खुश हो कर और भी ज़ोर से किनारे तक आती और उनके जिस्म को भिगो के वापस चली जाती.

सुनील उसके निपल बुरी तरहा चूसने लग गया और थोड़ी थोड़ी देर बाद निपल बदल लेता.

उूुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्मममममममममाआआआआआआआअ

सुमन ज़ोर से चीखती जब सुनील उसके निपल को काट लेता,,,,,,,पानी की लहरें जब जिस्म से टकराती तो भाप सी उठ जाती क्यूंकी सुमन का बदन तपने लगा था…….उसके दिल की धड़कन तेज हो चुकी थी…..रात को खुल्ले में बीच पर चुदाई करने का अपना ही रोमांच था.

‘टेक मी नाउ डार्लिंग कॅन’ट वेट एनी मोर……फक मी नाउ…………’ 

सुमन लगभग चिल्लाते हुए बोली….उसकी कॅंट में जैसे लाखों चीटियाँ रेंगने लगी थी और इस वक़्त उसे लंड चाहिए था किसी भी कीमत पर.

वो सुनील के बाल पकड़ उसे खींचने लगी. सुनील ऐसे ही उसे थोड़ी देर और तडपाता रहा फिर उसने सुमन को वहीं बीच पे डॉगी पोज़ में कर दिया और पीछे से एक झटके में लंड अंदर घुसा डाला…..

म्म्म्मउममममममाआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगाआआआआआययययययययययययययीीईईईईईईईईई

सुमन बहुत ज़ोर से चिल्लाई …..इस तेज दर्द का अपना ही मज़ा था……..ये दर्द भी उसे अच्छा लगा…क्यूंकी देने वाला उसका सुनील था.
सुनील तेज़ी से उसे चोदने लग गया ……सतसट उसका लंड अंदर बाहर होने लगा..

अहह उूउउफफफफफफफफ्फ़ उूुुुुुुुुुउउइईईईईईईईई म्म्म्मगममममाआआआआ
आह्ह्ह्ह धीरे …..धीरे करो……

सुमन की चीखें उसकी सिसकियाँ गूँज रही थी बीच पर और सुनील बस अपनी पूरी जान लगा उसे चोद रहा था……. तभी सुनील ने अपनी एक उंगले सुमन की गान्ड में घुसा डाली.

एक तेज झटका लगा सुमन को और उसका बाँध टूट गया……ओह आअहह गगग्गगाआआयययययीीईईईईईई म्म्म्मीमाईिईन्न्नननणणन् ..उसकी चूत ने रस की फुहारें छोड़ दी 

सुनील के लंड पे एक सैलाब सा गया था सुमन की चूत में……….सुनील कुछ देर उसे ऐसे ही चोदता रहा और साथ में अपनी उंगली उसकी गान्ड में घुमाता रहा………जैसे गान्ड खोलने की तैयारी कर रहा हो……….सुमन गिर ही जाती अगर सुनील ने उसे अच्छे से पकड़ा ना होता.

तभी सुनील ने अपना लंड बाहर निकाला और अपनी उंगली भी उसकी गान्ड से बाहर निकाल उसकी गान्ड के छेद पे अपना लंड घिसने लगा और उसे उसकी चूत के रस से गीला और चिकना करने लगा.

सुमन सिहर उठी……. सॉफ सॉफ उसे लग गया था कि आज सुनील उसकी गान्ड भी मारेगा…. चूत की चुदाई से उसे इतना आनंद मिला था कि अब होने वाले दर्द के लिए खुद को मानसिक रूप से तयार करने लगी.

काफ़ी समय के बाद आज उसकी गान्ड में लंड घुसना था…. वो भी उसके नये पति का जो काफ़ी मोटा और लंबा था…..आगे क्या होगा सोच के घबरा रही थी वो……सुनील का लंड तो उसकी गान्ड के चिथड़े चिथड़े कर देगा………..जिस्म कांप उठा उसका……उसके कुछ कहने से पहले ही सुनील ने ज़ोर लगा कर अपने लंड का सुपाडा अंदर घुसा डाला. सूमी की गान्ड इतनी टाइट थी कि सुनील की भी चीख साथ साथ निकली.

ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईई ये क्या किया ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जििइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई 

उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सूमी यू आर सो टाइट………….

अहह म्म्म्मफममाआआआआआ म्म्म्मईमममममाआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर दिया अपने.

हाई बहुत मोटा है आपका.
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01-12-2019, 02:07 PM,
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सुमन की आँखों से आँसू बहने लगे………पर वो दर्द से रही थी अपने सुनील के लिए… जिसकी खुशी के लिए वो कुछ भी कर सकती थी.

आआहह अभी रुक जाओ प्लीज़ …….और अंदर मत डालना.

सुनील उसके उपर झुक गया……..और दोनो हाथ आगे ले जा कर उसके निपल मसल्ने लग गया……और उसकी पीठ पे चुंबन बरसाने लगा.

सुमन का जिस्म दर्द के मारे अकड़ चुका था और उसके दोनो हाथ रेत में घुस चुके थे.
निपल के मसले जाने से उसके अंदर उत्तेजना का संचार होने लगा……..और उसकी गंद खुद ही पीछे होने लगी लंड और अंदर लेने के लिए…. पर ये आसान ना था…… सुनील ने उसकी कमर पकड़ ली उसका इशारा पा कर और ज़ोर का झटका लगा अपना आधा लंड अंदर घुसा डाला.

म्म्म्मफममममममममममाआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

सुमन ज़ोर से चीखी ….. उसकी चीख इतनी ज़ोर के निकली थी कि लहरें घबरा के पीछे हट गयी.

अहह प्लीज़ और अंदर मत डालना….मर जाउन्गि…. उफफफफफफफफफफफफ्फ़

‘कुछ नही होता मेरी जान……नही मरने दूँगा तुझे’

‘हाऐईयईईईई इतना दर्द…….उफफफफ्फ़ माआ और नही झेल पाउन्गि………..’ बस इतने तक ही रहने दो……..प्लीज़ पूरा अंदर मत डालना………सुमन को यूँ लग रहा था मोटी लोहे की रोड उसकी गान्ड में घुस गयी हो.

सुनील कुछ देर रुका रहा और फिर फिर उसने धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और साथ ही वो सुमन की क्लिट से भी छेड़खानी करने लगा.

उफफफफफफफ्फ़ ओह धीरे धीरे ….. रुक जाओ अभी आहह
अहह सस्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईई उूउउफफफफ्फ़

क्लिट के छेड़े जाने से सुमन को कुछ शांति मिली और उसका ध्यान दर्द से हट कर अपनी क्लिट से उठती हुई आनंद भरी तरंगों की तरफ जाने लगा.
सुनील धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था जैसे गान्ड के अंदर जगह बना रहा हो.


सुमन को भी अब गान्ड मरवाने में मज़ा आने लगा एक तरफ सुनील उसकी क्लिट छेड़ रहा था औरदूसरी तरफ गान्ड में लंड पेल रहा था. अभी तक उसने पूरा लंड अंदर नही डाला था……क्यूंकी वो और ज़यादा दर्द सुमन को नही देना चाहता था…….

ओह सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल अब मज़ा आ रहा है…. थोड़ा तेज करो………..

सुनील ने धक्के तेज कर दिए और लंड धीरे धीरे और अपने आप अंदर घुसने लगा.

अहह अहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममममममम
हां ऐसे ही बस हां इतना ही अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
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01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुमन भी अपनी गान्ड पीछे मार रही थी…. जैसे ही सुनील अपना लंड बाहर निकलता सुमन अपनी गान्ड पीछे कर उसे फिर अंदर लेलेति.

इसी तरहा धीरे धीरे सुनील का पूरा लंड अंदर घुस गया ……………..

और सुनील के धक्के और तेज हो गये.

अहह सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल है तुमने तो पूरा ही डाल दिया…….. ओह माआआआआ

सुमन को ये अहसास तब हुआ जान सुनील की जांघे उसकी जाँघो से टकराने लगी.
अब सुमन को दर्द के साथ मज़ा भी मिल रहा था इसलिए वो भी उसी स्पीड से अपनी गान्ड पीछे करती जिस स्पीड से सुनील उसे चोद रहा था.

सुमन की टाइट गान्ड सुनील के लंड को बार बार जाकड़ रही थी……. और वो तेज़ी से मंज़िल की तरफ बढ़ रहा था.

कम इन मी डियर….कम इन मी….. शव इट अप हार्ड…. फक मी हार्ड डार्लिनिंग….यस यस फास्टर मोर फास्टर.

सुनील बस पागलों की तरहा धक्के मारने लगा और कुछ ही मिंटो में सुमन की गान्ड में जकड़ने लगा…. लगभग उसी वक़्त सुमन भी झड़ने लगी… उसमे हिम्मत ही ना बची थी आप अपने हाथों पे वजन बनाए रखने की ….. झड़ती हुई वो नीचे गिर पड़ी और सुनील उसके उपर…. दोनो ही पसीने से लत पथ थे.

बुरी तरहा हाँफ रहे थे दोनो…… जब सुनील पूरी तरहा अपनी पिचकारी खाली कर चुका तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और वहीं सुमन की बगल में गिर पड़ा.

अंधेरे में पता नही चल रहा था कि सुमन की गान्ड का क्या हाल हुआ था.

सुनील के लंड बाहर निकालने पर सुमन को फिर से दर्द ने घेर लिया था.

जब दोनो की सांस संभली तो सुनील ने सुमन को अपने उपर खींच लिया और प्यार से उसके होंठ चूमने लगा.

कुछ देर बाद सुनील अपने कपड़े पहनता है और सुमन को भी उसकी लाइनाये पहना देता है. लेकिन सुमन से उठा ही नही जा रहा था चलना तो दूर की बात रही. सुनील उसे अपनी गोद में उठा कर होटेल तक ले जाता है..उसकी बॉडी थी ही इतनी स्ट्रॉंग के उसे सुमन का वजन कुछ भी नही लगता.

दोनो के जिस्म रेत से भरे हुए थे. सुनील उसे बाथ रूम में ले गया और कपड़े उतार शवर के नीचे खड़ा कर दिया और खुद भी साथ खड़ा हो गया…. सुमन से तो खड़ा हुआ ही नही जा रहा था.. उसकी टाँगे कांप रही थी और उसकी गान्ड में तेज दर्द और मिर्चें लग रही थी.

'ऊऊहह माआ आपने तो आज मार ही डाला.'

'क्या बहुत दर्द हो रहा है'

'जान निकल रही है मेरी.'

कुछ देर में जब दोनो के जिस्म से रेत बह जाती है तो सुनील उसे टब में लिटा देता है और गरम पानी चालू कर देता है. जैसे जैसे तब में गरम पानी भर रहा था. सुमन के जिस्म को थोड़ा आराम मिलने लगा था.

करीब घंटा भर सुमन टब में लेटी रही और जब बाहर निकलने की कोशिश करी तो उसे उठा ना गया…..सुनील ने उठा के उसे टब से बाहर निकाला उसका बदन पोंच्छा और बिस्तर तक ले गया. सुमन ने पेन किल्लर माँगा और एक आयंटमेंट भी जो उसे गान्ड में लगानी थी… क्यूंकी नहाते वक़्त ही पता चल गया था कि काफ़ी खून निकला था और जख्म हो चुके थे. सुनील ने खुद उसकी गान्ड में आयंटमेंट लगाई और पेन किल्लर खिला के उसकी बगल में लेट गया. 

सुनील धीरे धीरे उसके बदन को सहला उसे आराम देने की कोशिश करने लगा…….कुछ देर बाद सुमन को नींद आ गयी.

जब सुमन सो गयी तो सुनील ने उसे चद्दर से ढँक दिया और लिविंग रूम में जा कर बैठ गया………..उसने भी अभी तक कोई कपड़े नही पहने थे.

उसने हल्की वॉल्यूम में टीवी चला लिया और चॅनेल्स सर्फ करने लगा.

पर उसका दिमाग़ कहीं और था……उसे वो ईमेल याद आ गया रमण के बारे में …..पहले उसका एमडी बीच में छोड़ना… किसी गाँव चले जाना….फिर 8 महीने बाद वापस आ जाना…. सब बहुत अजीब लग रहा था उसे…….उसने अपने दोस्त को मसेज भेज दिया रमण कि पूरी छान बीन करने के लिए …..कि आज कल वो क्या कर रहा है…किसी लड़की के साथ कोई चक्कर आदि आदि…

मसेज भेजने के बाद वो यूँ ही नंगा बाल्कनी में जा के खड़ा हो गया…..और डोर तक फैली समुद्र को देखने लगा……..

कहते हैं कि जब दिलों में प्यार होता है… तो मसेज दूसरे दिल तक पहुँच ही जाता है…….सुमन की नींद खुल गयी…. पर जिस्म में दर्द होने की वजह से उठ ना पाई और इधर 

सोनल की भी नींद खुल गयी ……कुछ अजीब सा फील होने लगा उसे और वो उठ के बाहर आई ….. सुमन के कमरे का दरवाजा खुला था… कुछ पल सोचा…. फिर कमरे के अंदर चली गयी … सुमन पेट के बल लेटी हुई थी…. और नंगी सिर्फ़ चद्दर ओढ़े हुए……

सुमन ने सोनल को देख लिया और पास बुलाया….क्या हुआ नींद नही आ रही क्या…..पता नही क्यूँ मेरी भी नींद टूट गयी ….सुमन ने हिलने की कोशिश करी तो एक कराह मार कर उसी पोज़िशन में लेटी रही…..इस वक़्त उसे बुखार भी चढ़ गया था…..

‘क्या हुआ दीदी ….कुछ तकलीफ़ है क्या?’ 

सुमन शर्मा गयी …….अब बोले भी तो क्या बोले…..सोनल ने जैसे ही सुमन के बदन पे हाथ रखा उसे पता चल गया कि सुमन को बुखार है.
‘अरे आपको तो फीवर है….ये …ये’

तभी सुमन सोनल को पास आने का इशारा करती है और उसके कान में बोलती है ‘ ये मुझे बीच पे ले गये थे …वहाँ चोदा भी और गान्ड भी मारी ….अहह इसलिए बुखार चढ़ गया….इतना मोटा लंड गान्ड में घुसेगा तो और क्या होगा.’
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01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल की सांस उपर नीचे होने लगी ….समझ गयी थी…कि एक दिन उसकी गान्ड का नंबर ज़रूर लगेगा….. ये सोचते ही चेहरा शर्म से लाल हो गया. सोनल ने फट से फर्स्ट एड बॉक्स से 

सुमन को फीवर की दवाई दी और साथ में नींद की भी गोली दे दी.

सुमन : तू उनको देख कहाँ हैं…. मुझसे तो उठा ही नही जा रहा. 

सोनल : आप सो जाओ … मैं उनको देखती हूँ.


सोनल सुनील को देखने लिविंग रूम में आती है…..वो उसे नंगा बाल्कनी में खड़ा दिखाई देता है ….हालत खराब हो जाती है सोनल की और उसे कल रात की चुदाई याद आ जाती है जो बाल्कनी में हुई थी…. शर्म से गढ़ जाती है और वापस अपने कमरे में भाग सुनील की एक बनियान और शॉर्ट निकालती है और फिर उसके पास चली जाती है.

‘हज़ूर बेशर्मी की भी कोई लिमिट होनी चाहिए……फटाफट ये कपड़े पहनिए’

सुनील उसे देखता है.

‘तुम सोई नही अभी तक …..’

‘कैसे सो सकती हूँ…..नींद आ गयी थी… फिर पता नही क्यूँ खुल गयी …..देखा तो दीदी को बुखार चढ़ा हुआ था और आप यहाँ इस हालतमें खड़े हैं’

‘क्या हुआ सूमी को… बुखार कैसे ….’

‘सब आप का ही किया धरा है …..मैने मोका दे दिया और आपने कांड कर दिया……..घबराने की ज़रूरत नही कल तक ठीक हो जाएँगी ……अब चलिए अंदर सोने … या रात भर जागने का प्रोग्राम है ‘

सुनील हँस पड़ता है और कपड़े पहन लेता है.

‘तुम्हें नींद आ रही है तो जाओ सो जाओ……..मुझे अभी नींद नही आ रही…….’

‘तो मैं भी आपके पास रहूंगी……अकेले तो नही छोड़ूँगी’

‘सोनल यार मुझ पे एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है और उसे पूरा करने के लिए मुझे तुम्हारी ज़रूरत पड़ेगी ……’

‘जहेनसीब आपने इस काबिल तो समझा ….बताइए मुझे क्या करना होगा ‘

‘चलो अंदर बैठते हैं……यहाँ कितनी देर खड़े रहेंगे ……..’

‘अरे अच्छी हवा चल रही है ……मैं एक और कुर्सी ले आती हूँ….सोनल की नज़र उस कुर्सी पे पड़ी जिसपे सुनील ने उसे चोदा था … जिस्म में झुरजुरी फैल गयी ‘

‘रहने दो – ये कुर्सी है ना…..तुम मेरी गोद में बैठ जाओ’

वही कुर्सी वही माहॉल…….रोमांच भर उठा सोनल के जिस्म में …..होंठ काँपने लगे ….धड़कते दिल से वो सुनील की गोद में बैठ गयी ……पर दोनो टाँगें एक तरफ रखी…..बैठने पे जब पता चला कि सुनील का लंड अभी खड़ा नही हुआ है तो थोड़ी चैन आई …क्यूंकी कल की चुदाई से अब भी उसकी चूत में दर्द हो रहा था.

सोनल ने अपना सर सुनील के कंधे पे टिका लिया.

‘अरे मैं भूल गया …. ज़रा मेरा मोबाइल तो ले के आओ’

सोनल जा के ले आती है और हैरानी से सुनील को देखती है … रात के इस वक़्त मोबाइल की क्या ज़रूरत पड़ गयी.

‘बैठो ……..’

सोनल फिर सुनील की गोद में बैठ गयी …. उसे कुछ डर लगने लगा……कहीं दोपहर वाली बात तो नही शुरू हो जाएगी …. पर सुनील तो किसी ज़िम्मेदारी की बात कर रहा है…..दिल की धड़कन बढ़ जाती है .

हाथ में पकड़े मोबाइल को सुनील घूर रहा था ……क्या अभी बात करे या हनिमून ख़तम होने के बाद करे ……कुछ पल सोचता है … फिर बोल पड़ता है ……उसने मोबाइल पे 
वो एमएमएस निकाल लिया जो रमण ने ग़लती से सागर को भेज डाला था….

‘जानती हो डॅड ने तुम्हें क्यूँ कहा था कि उनका मोबाइल मुझे देदेना………इस वजह से …. और यही वजह है डॅड के हार्ट अटॅक की ….उनकी असमय मौत की ’

सोनल वो एमएमएस देखती है उसकी साँस उपर नीचे होने लगी ……. बात तो वही दिखी उसे… जैसे वो और सुनील उसी तरहा … रमण और रूबी……दिमाग़ फटने लगा उसका.

ये देखो – रूबी का मसेज डॅड को -----सेव मी

सोनल को अब समझते देर ना लगी सुनील क्या कहना चाहता है.

‘आप ये बताइए मुझे क्या करना होगा ‘

तब सुनील उसे बताता है कि कैसे वो रमण से मिला और उसे 3 साल का वक़्त दिया.

उसके बाद …..
‘जान वो मेरी बहन है और कोई बहन अपने दिल की बात बहुत खुल के भाई से नही कर पाएगी …… मैं सूमी को भी ये काम नही बोल सकता ----- क्यूंकी वो सूमी उसकी मासी है… और कोई मासी कितनी भी सहेली बनने की कोशिश क्यूँ ना करे …..कुछ तो परदा रह ही जाता है …….सवी उसके दिल तक पहुँच सकती है… पर मैं उस से दूर रहना चाहता हूँ…. ये काम तुम ही कर सकती हो…..वो तुम्हारा बहुत मान करती है …… तुम उसके दिल में अच्छी तरहा झाँक सकती हो और मेरी मदद कर सकती हो……..उसके लिए जो डॅड ने मुझे ज़िम्मेदारी दी है उसे ठीक से पूरा करने की’
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01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘ आप आप कितने दर्द छुपा के बैठे हो अपने सीने में…….मुझे गर्व है आप पे…मुझे गर्व है इस जीवन पे … जिसे आपकी छाया मिली … मुझे गर्व है अपने जनम पे ….मुझे गर्व है कि मैने अपने लिए एक सही मर्द चुना था…….मैं तो आपकी दासी भी बनने के लायक नही ….आप जो चाहते हो वही होगा.’ और सोनल सुनील के चेहरे को अपने हाथों में थाम चूमती चली गयी …….उसके दिल में रमण के लिए वो नफ़रत जनम ले चुकी थी … कि सामने आया तो उसकी नज़रों की जवाला से ही भस्म हो जाएगा.

‘ओह सुनील ……अपने सारे दर्द मुझे देदो ……..ओह भगवान क्यूँ इन्हे ही चुना सभी दर्द झेलने के लिए’

‘जानम मर्द को दर्द नही होता…..दोगि ना मेरा साथ….’

‘जानती हूँ आपको कितना दर्द होता है….टूटते हुए देखा है आपको मर्यादा की दीवारों तले…. सच कोई भी इंसान आप की जगह होता तो अब तक उसकी टै बोल गयी होती …..आपकी ज़िम्मेदारी अब मेरी ज़िम्मेदारी है… आप निश्चिंत हो जाओ ….हम दोनो मिल के रूबी का जीवन सेट कर देंगे …….ओह डार्लिंग आइ अडॉर यू’ और सोनल ने अपने होंठ सुनील के होंठों से चिपका दिए.


‘डार्लिंग चलो अब कुछ देर सो लेते हैं’
सुनील उसे गोद में ही उठा उसके कमरे में ले गया और वहीं उसके पास लेट गया.
सोनल उसके सर को दबाने लगी.

‘अरे क्या कर रही हो…..छोड़ो …सो जाओ…..मुझे कोई सर दर्द थोड़े ही है’

‘आप चुप चाप आँखें बंद कर के लेटे रहिए और मेरे काम में दखल देने की कोई ज़रूरत नही…..’

सोनल के कोमल हाथों की मसाज से सुनील की आँखें भारी होती चली गयी और उसे नींद लग गयी….उसके सोने के बाद सोनल उसे निहारती रही….उसकी आँखों में आँसू आ गये …….उसके साथ चिपक के लेट गयी……..मैं हूँ ना डार्लिंग ………तुम्हारा हर दर्द बाँटने के लिए …तुम्हारी हर ज़िम्मेदारी पूरी करवाने के लिए………आइ लव यू जान.

सुनील के जिस्म की गर्मी पा सोनल भी नींद के आगोश में चली गयी.

सुबह जब नींद खुली सुनील की तो वो सोनल गहरी नींद में थी…सुनील ने उसे सोने दिया. और सुमन के कमरे में चला गया. वो वैसे ही नंगी सोई पड़ी थी….पेट के बल… सुनील ने धीरे से उसकी गान्ड का मुआईना किया…..तो गान्ड का छेद चौड़ा हो चुका था और दो तीन जगह जख्म भी थे. फिर उसने सुमन के माथे पे हाथ रख चेक किया तो बुखार नही था. सुमन के गाल पे किस कर वो बाथरूम में घुस्स गया.

तयार हो कर बाहर निकला तो सुमन जाग चुकी थी. सुनील उसके पास जा के बैठ गया……’गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट ….’ और सुमन के होंठों पे एक किस झाड़ दिया.

उम्म्म्ममम गुड मॉर्निंग डार्लिंग ….आज आप पहले उठ गये’ उसने एक अंगड़ाई लेते हुए कहा. और अपनी बाँहों का हार सुनील के गले में डाल दिया…..

जब उसने उठने की कोशिश करी तो फिर तेज दर्द महसूस हुआ उसे गान्ड में.

उफफफफफ्फ़ आपने तो मेरा कबाड़ा ही कर दिया. ऐसे थोड़े ही करते हैं’

फिर कैसे करते हैं मेरी जान तुम ही सिखा दो’

‘धत्त’ सुमन शर्मा गयी.

‘बताओ ना कैसे करते हैं…अगली बार ध्यान रखूँगा…….’

‘अब मैं करने दूँगी तब ना….’

‘अरे ऐसा ज़ुल्म मत करना यार ……कल ही तो हमारा शादी पूरी तरहा से मुकम्मल हुई है’

‘अच्छा जी….गान्ड मारने के बाद शादी मुकम्मल होती है’ सुमन बोल तो गयी पर शरमा के सुनील की छाती में मुँह छुपा लिया.

‘च्िी सुबह सुबह कैसी बातें शुरू कर दी……..उफफफफ्फ़ है उठा ही नही जा रहा……मुझे बाथरूम जाना है ‘

सुनील उसे उठा के बाथरूम ले गया और कमोड पे बिठा दिया. और वहीं खड़ा सुमन के हसीन जिस्म को निहारने लगा.

‘बाहर जाओ ना…..’

‘क्यूँ…बीवी को ही तो देख रहा हूँ….’

‘ओह्ह्ह माँ … जाओ ना…मुझे बहुत शर्म आ रही है….प्लीज़ हाथ जोड़ती हूँ आपके’

सुनील हँसता हुआ बाहर निकल गया और सोनल के कमरे में जा के उसे देखा… वो अभी तक सोई पड़ी थी.

फिर सुनील लिविंग रूम में चला गया और अपने लिए कॉफी बना के बाल्कनी में खड़ा हो चुस्कियाँ लेने लगा और दूर दूर तक फैले समुद्र में नावों और मोटर बोट्स को इधर से उधर जाते हुए देखने लगा.


करीब घाटे बाद तीनो तयार हो चुके थे और सुनील ने समान वॉटर बंग्लॉ में शिफ्ट करवा दिया.

सुमन तो बंगलो में जा कर अंदर लेट गयी....हालत ही खराब थी उसकी. वॉटर बंगलो था ही ऐसा कि सोनल तो मस्त हो गयी उसने एक खुल्ला टॉप और शॉर्ट पहना और नज़ारे देख मस्त होने लगी.

सुनील उसे खुश देख के खुश हो रहा था.


चारों तरफ समुद्र........कहीं कहीं पानी में से डॉल्फिन नज़र आ जाती उपर उछलती हुई. समुद्रा का पानी यहाँ काफ़ी सॉफ था और समुद्रा तल पे रंग बिरंगे कॉरल दिखाई दे रहे थे.

'हाउ रोमॅंटिक.... लव इट. ओह डार्लिंग.... यू रियली मेड मी हनिमून रॉकिंग' सोनल पास खड़े सुनील के गले में झूल गयी और दोनो के होंठ आपस में चिपक गये.

सोनल की हवा में उड़ती हुई जुल्फे,,, उसके डीप कट खुले टॉप का हवा में फड़फड़ाना….सुनील को मदहोश करने लगा.

सोनल जब उसके गले से लटकी तो सुनील ने सफाई से उसका टॉप उतार डाला …. अब सोनल ब्रा और एक छोटे शॉर्ट में थी.

सोनल फट से अलग हुई और उसने पानी में छलाँग लगा दी.
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01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
कुछ पल तो सुनील को यकीन ही नही हुआ कि सोनल ने अभी क्या किया. फिर उसने फट से अपने कपड़े उतारे और अंडरवेर में पानी में कूद पड़ा….. सोनल उसे कहीं नज़र ना आई …..घबरा गया वो………….चारों तरफ नज़रें घुमा रहा था वो पर सोनल का पता ही नही चल रहा था.

तभी किसी ने उसका अंडरवेर नीचे खींच दिया. जब उसने नीचे देखा तो फिर कोई नज़र ना आया…. सोनल समुद्र के पानी में सुनील के साथ लूका छुपी वाला खेल खेलने लगी. सुनील ने अंडरवेर की परवाह ना करी जो उसके जिस्म से अलग हो गया था ….वो तैरते हुए बंगलो के नीचे जो लकड़ी के पिल्लर थे उनके पीछे जा के देखने लगा…… तभी उसे अहसास हुआ कि एक कोमल हाथ उसके लंड को दबा के गायब हो गया.

कुछ देर तक यही लूका छुपी वाला खेल चलता रहा. सोनल कभी उसका लंड दबा के गायब हो जाती तो कभी पीछे से आ कर उसकी पीठ पे चुम्मा जड़ के गायब हो जाती. 
काफ़ी देर पानी में रहने की वजह से सोनल की साँस फूलने लगी और मजबूरन उसे एक पिल्लर के पीछे आ अपने सांस दुरुस्त करने के लिए बाहर आना ही पड़ा.

सुनील अभी भी उसे पानी के अंदर ढूंड रहा था और कुछ देर बाद उसे पानी में पिल्लर के पीछे कुछ हिलता दिखाई दिया……वो गहरे पानी में चला गया और तैरता हुआ बिल्कुल सोनल के सामने बाहर निकला…. उसकी शक्ल देख सोनल खिलखिला पड़ी और इससे पहले वो खिसकती. सुनील ने उसरे पकड़ अपने होंठ उसके होंठों पे चिपका दिया और दोनो फिर पानी में चले गये.

समुद्रा के सॉफ पानी में तैरते हुए चुंबन करना कोई मज़ाक नही था….पर दोनो को ही इसमे खुद बहुत लुफ्ट मिल रहा था.

दोनो के होंठ ऐसे चिपके की फेफड़ों के हवा का आदान प्रदान भी होंठों द्वारा होने लगा. साँसों की महक वाक़ई में एक दूसरे के अंदर सामने लगी. डिलकी धड़कन बढ़ती जा रही थी. दोनो के पाँव थिरक रहे थे पानी में एक स्थान तक बने रहने के लिए. कभी दोनो सीधे खड़े से नज़र आते कभी उलट बाजी खाने लगते .

मछलियाँ उनके जिस्म को छू छू के निकल जाती . 

जब सांस लेना दूभर हो जाता तो दोनो उपर सतह पे आ जाते और सांस लेते हुए एक दूसरे के होंठ चूसने लग जाते.
होंठों की मीठास और समुद्र के नमकीन पानी का कॉकटेल ......जिस्म में अंजानी सी तरंगों को जागृत कर रहा था.

आज समुद्र भी इनके प्रेम का साक्षी बन गया था और उस भावना को उनके जिस्म के बढ़ते हुए तापमान को खुद में समेटते हुए गर्व महसूस करने लगा.
यूँ लग रहा था जैसे दोनो के जिस्म किसी भाप से घिर गये हों क्यूँ कि समुद्रा का ठंडा पानी इनके जिस्म को छू भाप में परिवर्तित हो रहा था.


सोनल अपने होंठ छुड़ा पानी में घुस गयी और सुनील के लंड को थाम उसे चूमने लगी.

सिहर उठा सुनील…..ये एक बिल्कुल ही नया अनुभव था उसके लिए…… एक तरफ समुद्र का ठंडा पानी और दूसरी तरफ सोनल के गर्म होंठ – ये दो दो अहसास उसे पागल किए जा रहे थे और सोनल का क्या कहना पहली बार ब्लो जॉब की कोशिश करी तो वो भी समुद्र के अंदर.


वो सुनील का पूरा लंड तो अंदर तक नही ले पा रही थी… पर जितना भी वो मुँह के अंदर ले रही थी उतना सुनील के अंदर उत्तेजना का जवरभाता उठाने के लिए काफ़ी था और सोनल खुद उस अहसास से बहुत उत्तेजित हो गयी थी जो सुनील का लंड उसके मुँह के अंदर फड़फड़ाते हुए जागृत कर रहा था.

सोनल कुछ देर के लिए उपर आती … सांस भरती और फिर नीचे जा कर सुनील के लंड को मुँह में भर लेती.

सुनील से और बर्दाश्त ना हुआ और उसने सोनल को उपर खींच अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए. सोनल ने अपनी टाँगें सुनील की करम पे लपेट ली और बाहों का हार सुनील के गले में डाल दिया उसके साथ चिपक गयी…. इसका असर ये हुआ कि सुनील का लंड उसकी चूत में घुसने लगा.

अब सुनील अपने पैरो से दोनो को पानी के अंदर संभाले रख रहा था …. बीच में दोनो ही अपने हाथों का इस्तेमाल करते और पानी में उलतबाज़ियाँ खाते हुए अपने जिस्म एक दूसरे से टकराने लगते जिसकी वजह से सुनील का लंड उसकी चूत में घुसता और बाहर निकलता. पानी में दोनो के जिस्म पूरी तरहा से खलबली मचा रहे थे.
उत्तेजना अपनी चरम सीमा की तरफ बढ़ती जा रही थी, रोमांच का आलम ये था कि दोनो बदन सब कुछ भूल समुन्द्र में चुदाई का वो आनंद ले रहे थे जो हर किसी के बस में नही होता. ये हनिमून दोनो के लिए एक यादगार बनने वाला था.. और यही तमन्ना तो होती है हर कपल की.

दोनो में उत्तेजना इस कदर भड़की के 5 मिनट के अंदर ही दोनो स्खलित हो गये और खुद को संभालते हुए बंग्लॉ की सीडी पे जा कर एक दूसरे से चिपके बैठ गये और अपनी साँसे दुरुस्त करने लगे.

जब दोनो की सांस नॉर्मल हुई तो सीढ़ियाँ चढ़ उपर आ गये.......

सुनील एक लोंग चेर पे लेट गया और सोनल उसके उपर लेट गयी. 

'वाउ इट वाज़ सो रोमॅंटिक आंड अड्वेंचरस .....अपनी सहेलियों को बताउन्गी ना तो जल के खाक हो जाएँगी......हमने समुन्द्र में सेक्स किया....'.उम्म्म्मममम सुनील के होंठ चूमने लग गयी

'आज का दिन तो मरते दम तक नही भूलूंगी .....लव यू जान .......'

'जानेमन अब कुछ खिला भी दो .... पहले शवर लेलेते हैं.....'

दोनो एक साथ शवर लेते हैं एक दूसरे के बदन से खेलते हुए फिर बाहर आ कपड़े पहनते हैं और सोनल रूम सर्विस को ऑर्डर कर देती है. दोनो फिर सुमन के पास जा कर बैठ जाते हैं .... जो अब तक जाग चुकी थी और कोई नॉवेल पढ़ रही थी.

सोनल सुमन से लिपट गयी ….. अब कैसा हाल है

‘बेहतर है पर पूरा ठीक होने में तो टाइम लगना ही है’

‘मैं आपको आज ही ठीक कर दूँगी …..’

‘वो कैसे भला ….जादू करेगी’

‘यही समझ लो ‘

‘चलो देखते हैं क्या करती हो’
Reply
01-12-2019, 02:07 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल अपने बॅग से एक अनेस्तेटिक क्रीम निकालती है और उसे सुमन की गान्ड पे लगा देती है…. नसें सुन्न पड़ जाती हैं और सुमन का दर्द गायब हो जाता है.

‘कल रात ही ये लगा देती तो सारा दिन तड़पना नही पड़ता’

‘यही तो पंगा हो गया …. याद ही नही था कि ये ट्यूब है मेरे पास …. आज सुबह जब पॅकिंग करी तब मिली थी… उसके बाद वक़्त ही कहाँ मिला.

कुछ देर में होटेल से एक नाव आती है – उसमे दो वेटर थे जो इनका ऑर्डर ले के आए थे.
तीनो मिल के खाना खाते हैं और साथ में वाइन का भी दौर चलता है.
सोनल कुछ ज़यादा ही थक गयी थी अपने अड्वेंचर से… तो वो सो जाती है. सुनील भी आराम करता है .

इस बंगलो में जो बात थी वो ये थी कि एक ही बेडरूम था और किंग साइज़ बेड था साथ में एक छोटा लिविंग रूम था, एक छोटा स्विम्मिंग पूल और लिविंग रूम में एक बार काउंटर भी था.

बाहर तीन लोंग चेर्स थी जैसे स्विम्मिंग पूल के पास पाई जाती हैं.

कहते हैं कि अगर कुदरत मेहरबान हो जाए तो हनिमून का मज़ा डबल से भी बहुत ज़यादा हो जाता है.

शाम को जब सोनल की आँख खुली तो बारिश शुरू हो चुकी थी.

‘वाउ ……लव इट…. हाउ अबाउट आ रैन डॅन्स दीदी…. सच मज़ा आजाएगा.’

‘नही नही' सुमन बोली

‘ओह कम ऑन बी आ स्पोर्ट …. आज तो सही मोका मिल रहा है अपने कन्हैयाः को दिखाने का कि उनकी ये गोपियाँ किसी से कम नही’

‘मान जाओ ना यार कॉन सा यहाँ कोई और देख रहा है ……हम तीन ही तो हैं’ सुनील ने सुमन से गुज़ारिश करी…. अब उसका कहा कैसे टालती …… दोनो ही भड़कीले कपड़े पहन बाहर निकल पड़ती हैं और बारिश का मज़ा लेने गई…. 

फिर शुरू हुआ दोनो का डॅन्स जो आग बरसा रहा था.. इंद्र भी उपर बैठा अपनी किस्मत को कोस रहा था…काश सुनील की जगह वो होता.


सुनील ने म्यूज़िक सिस्टम में एक गाना लगा दिया और उसके बोलों के साथ सोनल और सुमन का डॅन्स भी एरॉटिक होता चला गया. सुनील भी उनके साथ पॅशनेट डॅन्स करने लगा.

नॉटी गर्ल्स नीड लव है ना
धक धक धक धक दिल धड़के
लव मी लव लव मी ये बोले
मेरी ज़ुल्फो से सांसो से
मेरी आँखो से होंठो से
ज़ुल्फो से सांसो से आँखो से
होंठो से जाएगा बचके कहाँ

इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करू कुछ तो बोल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करू कुछ तो बोल

तोड़ दे ये ये बदन
टेक माइ लव टेक माइ सौल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करू कुछ तो बोल
तोड़ दे ये बदन
टेक माइ लव टेक माइ सोल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करूँ कुछ तो बोल

टुमॉरो आइ वाइ अटेन्षन ऑर नोट
टुमॉरो नेवेर कम
आजा पास मेरे भूलके सारे गम
जब तक क्सेलामत है रंग
रखना जमी पे कदम
एक पल है ये जिंदगी
करले कुछ टाइम है कम

तोड़ दे ये बदन
टेक माइ लव टेक माइ सोल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करूँ कुछ तो बोल

नेर्वेर आइ सी नेवेर
आइ वॉंट यू आइ वॉंट यू फॉरेवर
टच मी कुछ तो बोल
लेट्स डू इट लेट्स टुगेदर
तू जो भी कहे दिलरुबा बाँध के रख्दु हवा

किस्सा है एक रात का होने लगी है सुबह
तोड़ दे ये बदन
टेक माइ लव टेक माइ सोल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करूँ कुछ तो बोल

इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करूँ कुछ तो बोल
तोड़ दे ये बदन
टेक माइ लव टेक माइ सोल
इन दा नाइट नो कंट्रोल
क्या करू कुछ तो बोल.


आज का ये रैन डॅन्स भी एक याद गार बननेवाला था तीनो के लिए. उपर से टपकती बारिश की बूंदे....नीचे नाचती दो आग से भरी हुई हसीनाएँ.........जब चाँद को पता चलेगा कि क्या हुआ था.... तो सोचो बेचारे का क्या हाल होगा ......उसकी नज़रों पे तो घने काले बादलों ने अपनी पट्टी बाँध रखी थी.

चूड़ियों की खनक और पायल की रुनझुन से समा कामुक होता जा रहा था. और जैसे ही गाना ख़तम हुआ…. सुनील ने फिर एक एरॉटिक धुन लगा दी….और सोनल ने तो आग बरसा दी…धीरे धीरे स्ट्रिपटीज़ करने लगी और उसकी देखा देखी नाचते हुए सुमन भी स्ट्रिपटीज़ करने लगी.

सुनील के तो तोते उड़ गये दोनो का ये रूप देख ……….झिलमिलाती हुई बूंदे दोनो के जिस्म को ज्वालामुखी का रूप दे रही थी.
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01-12-2019, 02:08 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल ने महॉल और भी कामुक बना डाला ------उसने खुद इस गाने को चला दिया और तब जो दोनो ने डॅन्स किया वो कामुकता की प्रकाष्ठा थी.

टिप-टिप बरसा पानी - 2 पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में तो दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो जल उठा मेरा भीगा बदन
अब तुम ही बताओ साजन मैं क्या करूँ

नाम तेरा मेरे लबों पर आया था - 2
हा मैने बहाने से तुम्हे बुलाया था
झूम कर आ गया सावन मैं क्या करूँ

टिप-टिप बरसा पानी पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में तो दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो जल उठा मेरा भीगा बदन
अब तुम ही बताओ साजन मैं क्या करूँ

डूबा दरिया में खड़ा मैं साहिल पर - 2
तू बिजली बनकर गिरी मेरे दिल पर
चली ऐसी यह पागल पवन मैं क्या करूँ

टिप-टिप बरसा पानी पानी ने आग लगाई
आग लगी दिल में जो तो दिल को तेरी याद आई
तेरी याद आई तो छा गया मुझपे दीवानापन
मेरे बस में नही मेरा मन मैं क्या करूँ

सुनील तो बस आँखें फाडे दोनो का डॅन्स ही देखता रहा... ये हुनर भी दोनो के अंदर था... ये बात उसे आज ही पता चली थी. उस पल का धन्यवाद करने लगा जब ये दोनो उसकी जिंदगी में आई.


बादलों तक इस आग की खबर पहुँच गयी और मस्ती में आ कर और भी तेज बरसने लगे.

गाना तो कब का ख़तम हो गया पर दोनो के बदन थिरकते रहे … जैसे आज आपस में कॉंपिटेशन कर रही हों… किसके पहलू में गिरता है सुनील. और सुनील की हालत तो ये हो रही थी कि दो दो जोड़ी लरजते हुए होंठ …… थिरकते हुए दो जोड़ी उरोजो की उसकी वाट लगाने पे तुले हुए थे. किस को पहले पाकडूं .. ये फ़ैसला ही नही कर पा रहा था… इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सुमन ने खुद को कितना मेनटेन कर के रख होगा जो एक 23 साल की लड़की को पूरा कॉंपिटेशन दे रही थी…….खैर ये कॉंपिटेशन तो बस इन्ही पलों का था --- इस वक़्त को ये बताने का… कि रोक लो खुद को …. आग अभी और भी भड़केगी.
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