Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
दोनो एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे हुए थे .. सुनील का लंड सोनल की चूत को दस्तक दे रहा था…..जैसे कह रहा हो … आ रहा हूँ मेरी जान.. तयार होज़ा.
सोनल उसके लंड के झटकों से बार बार सिहर रही थी … और उसने सुनील के लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया.

‘ तुम्हारा ये तो बहुत नाराज़ लग रहा है’

‘ये क्या होता है .. इसका नाम भी है वो बोलो तो कुछ समझ में आए’

‘छी … बेशर्म’

‘यार अब शरमाओ मत बोल दो ना इसका नाम’

सोनल के गाल लाल सुर्ख हो गये .

‘मुझे नही पता’

‘अब जब तक तुम इसका नाम नही बोलोगि….. मैं तुम्हें हाथ तक नही लगाउन्गा’

‘मुझे शर्म आती है.. क्यूँ तंग कर रहे हो’

‘अच्छा ये बताओ क्या हो तुम मेरी ‘

‘बीवी’

‘तो बीवी तो मिया के लंड को लंड बोलने से नही शरमाती’

‘उूउउइइ माआअ कितने बेशर्म हो’

‘अब जैसा भी हूँ तुम्हारा हूँ…. अब जल्दी से इस बेचारे का नाम ले उसे पूचकार लो…. ‘

सोनल की जान आफ़त में पड़ गयी…. सुनील कितना बेशर्म है .. क्या क्या बुलवाना चाहता है…. मैं कैसे बोलूं … हाई… क्या दीदी से भी ऐसे ही बात करता है…. उफफफफफफफफ्फ़ ‘ मन में सोचती हुई बेखुदी में सुनील के लंड को ज़ोर से दबा देती है.

ऊऊऊुुुुुुुुुऊउक्कककककचह ओए शेरनी उखाडेगी क्या --- अब जल्दी से बोल्दे बहुत तरस रहा है तेरे होंठों से अपना नाम सुनने को’

सोनल के दिल की धड़कन तेज हो गयी … ज़ुबान साथ छोड़ रही थी… हिम्मत करते हुए बोल ही पड़ी …..ल ….ल्ल्ल …उूुउउ….न्न्न…ड्ड’

‘क्या?’

सुनील भी चुस्कियाँ ले रहा था.

‘उफफफफ्फ़ लंड… बस खुश अब ‘ और उसके लंड को फिर ज़ोर से दबा दिया.

ऊओउउच 

'जितना तंग करोगे ऐसे ही करूँगी'

दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे… सोनल की आँखों में नशा बढ़ने लगा था …. सुनील उन नशीली आँखों में गोते लगाता हुआ … उसके और कारेब होने लगा… दोनो की साँसे आपस में टकराने लगी… सोनल के होंठ काँपने लगे……. और सुनील ने उसके होंठों को अपने होंठों के क़ब्ज़े में कर लिया… सोनल की आँखें मस्ती में बंद हो गयी.. बेल की तरहा सुनील से लिपट गयी और उसकी पीठ सहलाने लगी.

सोनल के होंठ चूस्ते हुए सुनील उसके नितंबो को मसल्ने लग गया और उसे अपनी तरफ दबाने लगा – उसका लंड सोनल की चूत से सट गया --- और सोनल की चूत डर के मारे आँसू टपकाने लगी…

सोनल की सिसकियाँ सुनील के मुँह में घुलने लगी और उसका जिस्म काँपने लगा. काफ़ी देर तक सुनील उसके होंठ चूस्ता रहा और उसके नितंब मसलता रहा.

रात भी धीरे धीरे सरक रही थी… ना रात को जल्दी थी और ना ही सुनील को.

सुनील !! --- सोनल तब फुसपूसाई जब दोनो के होंठ अलग हुए.

ह्म्म

‘तुम्हारा लंड बहुत नाराज़ है … उसे खुश नही करोगे’ अब सीधा कैसे बोलती – कम फक मी.

‘कैसे खुश करूँ … तुम ही बताओ’

अब सोनल अपने ही जाल में फस गयी और सुनील को मोका मिल गया उसे और भी खोलने का.

‘ये मुझे क्या पता…. तुम्हें ही मालूम होगा…’

‘नही यार सच में मुझे कुछ नही पता’

सोनल उसकी छाती पे हल्के से मुक्का मार देती है और मन में सोचने लग गयी – अब ये मेरे मुँह से पता नही क्या क्या बुलवाएगा …. शर्म आने लगी उसे फिर भी हिम्मत करते हुए पासा सुनील के ही पाले में फेंकने की कोशिश करी .

‘जैसे तुम दीदी के साथ इसे खुश करते हो .. वैसे ही कर लो’

सुनील ने आँखें तरेर के उसे देखा.

‘उफ़फ्फ़ बाबा अपने लंड को जैसे दीदी के साथ खुश करते हो वैसे ही कर लो ना.’

‘तुम्हारी दीदी तो पहले कहती है … मेरी चूत में खुजली हो रही है – जल्दी करो और मुझे चोदो – तभी तुम्हारा लंड भी खुश होगा’

सोनल के कानो से धुआँ निकलने लग गया.. मुँह खुल्ला रह गया…… एक पल तो लगा जैसे कुछ और सुना था पर जब ध्यान दिया कि सुनील ने क्या बोला है 

सीसी कककककक क्या?

‘हां सच में … चाहो तू पूछ लेना……’

‘म म एम्म ‘ सोनल से कुछ बोला ही नही गया…

‘तुम भी बोल दो … फिर देखो कैसे में अपने लंड को खुश करता हूँ’

सोनल …. सुनील की छाती में मुक्के बरसाने लगी …. उसकी चूत कुलबुला रही थी .. लंड का इंतेज़ार कर रही थी और सुनील मस्त ले रहा था.

‘ दीदी इतनी बेशर्म नही हो सकती’

‘जब औरत की चूत में खुजली मचने लगती है.. तो पति के सामने वो बेशर्म हो जाती है’ 

‘अब तुम्हारी मर्ज़ी ……. वैसे भी रात बहुत हो चुकी है… चलो सो जाते हैं’

सोनल की आँखों में आँसू आ गये…. पहली रात को सुनील उसे कितना बेशहम बनने पे मजबूर कर रहा था.

सुनील उसकी आँखों में आँसू ही तो नही देख सकता था. 

सुनील ने उसे अपने गले से लगा लिया.

‘पगली मिया बीवी के बीच कोई शर्म नही होती …. और ये ज़रूरी नही होता कि फर्स्ट नाइट को कंप्लीट सेक्स करें… पहली रात होती है – एक दूसरे को समझने की ….. कुछ मीठी मीठी बातें करने की – एक दूसरे को ये अहसास दिलाने की …. कि हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं ….. सेक्स के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी है मेरी जान ….. और ये आँसू मत बहाया करो … मुझे बहुत तकलीफ़ होती है’
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01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल वाक़ई में रो पड़ती है….और रोते हुए बोलती है… ‘तुम तुम बहुत तंग करते हो .. प्यार भी बहुत करते हो…. क्यूँ मुझे इतना बेशर्म बनाने पे तुले हुए हो’

‘बेशर्म नही बना रहा ……. तुम्हारी शर्म को दूर करने की कोशिश कर रहा हूँ … ताकि तुम जिंदगी को खुल के एंजाय करो …… और मिया बीवी आपस में ऐसी बातें नही करेंगे तो क्या पड़ोसियों के साथ करेंगे …..’

‘ क्या ज़रूरी है के पहली रात को ही ऐसी बातें करें …क्या तुम मेरे दिल की हालत का अंदाज़ा नही लगा सकते … मुझे कुछ वक़्त तो दो…. ‘

‘जिस दिल में मैं रहता हूँ – उसे मुझे से बेहतर कों जान सकता है ……..जिंदगी का कोई भरोसा नही मेरी जान – क्या पता कल मैं रहूं ना रहूं … तो क्यूँ ना हर पल को लिव लाइफ किंग साइज़ …. बना दिया जाए’

‘खबर दार जो कभी ऐसी बात करी … तुम्हें कुछ हो गया तो में भी साथ ही आउन्गि … और दीदी तो उसी वक़्त ….. मत करा करो ऐसी बातें… क्या सुहागरात में पति ये बोलता है .. अपनी बीवी को’ सोनल ने फट उसके मुँह पे अपना हाथ रख दिया और आँसू बहाते हुए उसे देखने लगी.

‘अच्छा अच्छा माफ़ कर दो … अब नही बोलूँगा ऐसे’

‘नो थॅंक्स … नो सॉरी … ओन्ली लव…’ तुम ही कहते हो ना… फिर माफी क्यूँ माँग रहे हो … बस मुझे प्यार करो… इतना कि मेरी रूह को सकुन मिल जाए.

‘ तो बोलो ना जैसे तुम्हारी दीदी बोलती है’

‘जान प्लीज़ … आज बक्श दो.. कल से जो तुम कहोगे वही बोलूँगी ‘

‘वादा’

‘ अब इसकी भी ज़रूरत रह गयी’ एक ठंडी साँस लेते हुए सोनल बोली.

‘डॉन’ट फील बॅड स्वीट हार्ट आइ जस्ट वांटेड टू ओपन यू अप’

‘ देन ओपन मी … हू’स स्टॉपिंग यू … फक मी हार्ड’

बोल तो दिया सोनल ने और बोलने के बाद सोचा कि क्या बोल गयी … शर्मा के सुनील की छाती में खुद को छुपाने की कोशिश करने लगी .

सुनील खिलखिला के हँस पड़ा और सोनल अपनी मुस्कान छुपाते हुए उसकी छाती पे मुक्के बरसाने लगी 

‘यू टीज़र … लव यू.. लव यू.. लव यू’

‘ एक बात तुम्हें बताऊ जानी – आइ कॅन’ट फक यू ‘

सोनल के लिए ये एक बॉम्ब ही था – वो फटी आँखों से सुनील को देखने लग गयी.

‘आइ कॅन ओन्ली लव यू डार्लिंग …. ओन्ली लव …. विद नो लस्ट… प्यूर लव फ्रॉम दा ट्रू कॉर्नर ऑफ माइ हार्ट – आइ जस्ट टोल्ड यू सेक्स ईज़ नोट इंपॉर्टेंट इन फर्स्ट नाइट …. ‘

‘ लगता है मैं तुम्हें कभी समझ नही पाउन्गि … अभी तुम मुझे से क्या क्या बुलवाना चाहते थे और अब’

‘ कैसे समझोगी … जिसे तुम जानती थी … वो तुम्हारा भाई था… जिसके साथ तुम नग्न लेटी हुई हो .. वो तुम्हारा पति है … और इस पति को समझने में कुछ तो वक़्त लगेगा ही मेरी जान .. जैसे मुझे लगेगा तुम्हें समझने में’

सोनल कुछ नही बोली … बस सुनील को देखती रही … प्यार की गहराई को समझने की कोशिश करने लगी.

‘मैं तो बस इतना चाहती हूँ – कि जिंदगी भर आप के प्यार के साए तले रहूं’

‘लव यू डार्लिंग … और मैं वादा करता हूँ – जिंदगी भर तुम्हें सिर्फ़ प्यार ही प्यार करूँगा‘ कह के सुनील ने सोनल के होंठ चूम लिए .

दोनो एक दूसरे से लिपट गये और सुनील प्यार से उसके बालों के साथ खेलता रहा … जब तक सोनल नींद के आगोश में चली ना गयी और धीरे धीरे सुनील की भी आँख लग गयी


रात करीब 3 बजे सुनील की आँख खुल गयी ….. उसे ना जाने क्यूँ ये लग रहा था कि जैसे कुछ ग़लत हुआ है….पर क्या .. ये वो समझ नही पा रहा था… सोनल उसके साथ चिपकी … अपनी ही दुनिया में थी….. उसने बड़ी धीरे से सोनल के हाथ को अपनी छाती से अलग किया और बाथरूम चला गया …. थोड़ी देर बाद आया बाहर तो अपना नाइट सूट पहन लिया और सोनल को चद्दर से ढक दिया…. फिर अपने लिए कॉफी बनाई और बाल्कनी में जा के खड़ा हो गया और दूर तक फैले समुद्र को देखने लगा जो इस वक़्त बिल्कुल शांत था.

कहीं उसने सोनल के साथ ग़लत तो नही किया… हर लड़की की कुछ कामनाएँ होती हैं फर्स्ट नाइट को ले कर…. उसके कुछ ख्वाब होते हैं…. वो मुँह से नही बोल पाती … पर उसका दिल और उसका जिस्म बहुत कुछ चाहता है…. वो एक सपना ले के आती है … कली से फूल बनने का … लड़की से औरत बनने का … कहीं मेने उसका वो सपना तोड़ तो नही दिया….. पलट के वो सोनल को देखने लगा … उसके चेहरे को पढ़ने की कोशिश करने लगा .. कहीं कोई ऐसा भाव तो नही कि जो वो चाहती थी वो उसे ना मिला हो … वो पेट्रोलियम जेल्ली की ट्यूब …. ओह गॉड …. शी वांटेड इट….कितनी बार उसने कहा … मुझे प्यार करो और मैं उसे छेड़ता रहा….. ईवन आइ फोर्स्ड हर टू से – फक मी हार्ड…….उसने अपने दिल की बात बोल दी थी… पर मैं उसे समझ क्यूँ नही पाया… हर लड़की पहली रात को डरती है… जब मिलन का समय आता है… मैने उसका मिलन अधूरा छोड़ दिया….. ओह…… ये मैने क्या कर डाला.

सुनील अपने आप से लड़ने लगा …. क्या जो वो अब सोच रहा है वो ठीक है क्या……. जो हो चुका था उसे बदल तो नही सकता…. एक ठंडी साँस ले कर उसने अपनी कॉफी ख़तम की और सोनल के पास जा कर लेट गया.

जैसे ही वो लेटा सोनल उसके साथ नींद में ही चिपक गयी. और सुनील फिर सोचने लग गया…….क्या उसने जो किया वो ठीक था… बहुत सोचने पे वो इस नतीजे पे पहुँचा… हां जो किया वो ठीक था… इफ़ यू लव सम्वन यू कॅन’ट प्रॉजेक्ट युवरसेल्फ ऐज सेक्स क्रेज़ी… इट हॅपन्स ऑटोमॅटिकली इन दा सेकेंड ओर थर्ड नाइट … व्हेन दा टू स्टार्ट्स कमिंग क्लोज़र.

एक सकुन सा मिला उसे और वो सोने की कोशिश करने लगा.
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01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
करीब 5 बजे सोनल की नींद खुल गयी … सुनील सोया पड़ा था उसके साथ,,,, सोनल ये देख हैरान हुई कि सुनील ने नाइट सूट पहन रखा है … यानी वो रात को उठा था…… एक पल को उसके दिमाग़ में ये ख़याल आया – कि कहीं खुद को शांत करने के लिए वो दीदी के पास तो नही गया था…. फिर उसी वक़्त ये ख़याल अपने दिमाग़ से निकाल दिया … अगर वो ऐसा होता कि सेक्स उसके लिए बहुत ज़रूरी है… तो रात को कुछ भी कर सकता था उसके साथ… मगर उसने ऐसा नही किया….. उसने मेरे डर को समझा … और मुझे … वक़्त दिया कि मैं खुद को संभाल सकूँ और जिंदगी की इस नयी राह पे उसके साथ कदम से कदम मिला के चल सकूँ.

एक प्यारी सी मुस्कान आ गयी सोनल के चेहरे पे --- सुनील के गाल पे हल्का सा किस कर वो बाथरूम में चली गयी … फ्रेश हुई और नहा कर बाहर निकली … इस वक़्त उसने बाथरोब पहन रखा था… उसकी पायल की छन छन और चूड़ियों की खनक … कमरे में फैलने लगी…

इधर उधर फैले सभी कपड़े उसने संभाले और फिर सभी गहनो को संभाल कर वॉर्डरोब के लॉक्लर में रख दिया और सुनील के पास जा के बैठ गयी. नज़रें सुनील के चेहरे पे ही टिकी हुई थी….

सोनल थोड़ा उठ के सुनील के चेहरे पे झुक गयी … उसके गीले बालों से टपकती बूंदे सुनील के चेहरे पे गिरने लगी और उसके होंठ धीरे धीरे सुनील के होंठों की तरफ बढ़ने लगे.

जैसे ही सोनल के होंठ सुनील के होंठों से छुए … सुनील ने एक दम उसे अपनी बाँहों में कस लिया.. और सोनल के होंठ चूसने लग गया.

एक पल को सोनल घबरा सी गयी कि ये क्या हुआ… फिर सुनील को चुंबन में साथ देने लग गयी…

थोड़ी देर बाद जब सुनील ने उसे छोड़ा तो हाँफ रही थी.

‘अह्ह्ह्ह क्या मीठी मीठी सुबह है आज की’

‘गुड मॉर्निंग डार्लिंग’

‘ मॉर्निंग स्वीट हार्ट ---यार तुम ऐसे ही रोज उठाया करो … पूरा दिन महकता रहेगा.’

सोनल शर्मा गयी …. अब उठो रेडी हो जाओ – दीदी के पास चलते हैं… एक साथ ही ब्रेकफास्ट करेंगे.

‘जो हुकुम मेडम’ सुनील उठ के बिल्कुल किसी दरबारी की तरह हरकत करने लगा.
सोनल का हंस हंस के बुरा हाल होने लगा और तकिया उठा के सुनील पे मारते हुए बोली … आक्टिंग अच्छी करते हो… अब जल्दी करो .. पता नही दीदी क्या सोचेंगी

सुनील मुस्कुराता हुआ बाथरूम में घुस गया और सोनल ने नयी साड़ी निकाली और तयार होने लगी.

जब तक सुनील बाथरूम से निकला – सोनल तैयार हो चुकी थी – गुलाबी सिल्क की साड़ी में एक दम परी लग रही थी. 

सुनील चुप चाप उसके पीछे गया और पीछे से अपनी बाँहों में जाकड़ उसके गर्दन पे अपनी नाक रगड़ उसके बदन की खुश्बू लेने लगा.

सोनल के जिस्म में चिंगारियाँ उठने लगी… आँखें नशीली होने लगी…. ‘ अहह छोड़ो ना … ये भी कोई वक़्त है …..’

‘बीवी से प्यार करने का कोई वक़्त नही होता’ 

‘छोड़ो प्लीज़ …… दीदी क्या सोचेंगी…… छोड़ो नाआअ’

‘क्या यार कैसी बीवी मिली है थोड़ी देर भी पास नही आने देती ……. ‘ सुनील ने बिल्कुल ऐसे मुँह बनाया जैसे किसी बच्चे से उसका प्यारा खिलोना छीन लिया गया हो.

‘उफफफ्फ़ आप तो…….’

‘क्या आप तो….’

‘कुछ नही चलिए…’

दोनो सूमी के कमरे की तरफ बढ़ गये … दरवाजा अंदर से खुला था….. और दोनो ने जो देखा … उनकी रूह तक कांप गयी. 

टेबल पे सूमी ओंधी पड़ी थी …. एक खाली बॉटल और एक आधी बॉटल वोड्का की पड़ी हुई थी – सॉफ पता चल रहा था कि वो रात भर पीती रही है है …… दोनो की नज़र उस टिश्यू पेपर पर पड़ी जिसपे पेन्सिल से काई बार ---- रंडी और छिनाल लिखा हुआ था.

सोनल रोने लगी…… और जा के सूमी से लिपट गयी …. मोम … अभी तक दिल से लगा के बैठी हो …. मुझे माफ़ नही किया… मोम .. उठो मोम… प्लीज़ मोम. ( जब कोई अपना बहुत दर्द में होता है और जिस रिश्ते की वजह से दर्द में होता है --- वही रिश्ता उभर के सामने आ जाता है --- इस वक़्त सोनल के सामने उसकी सौतन नही थी – जिससे वो दीदी बोलने लग गयी थी .. उसके सामने उसकी माँ थी – जिससे खुद उसने बहुत जॅलील किया था.)

सूमी नशे में इतना बेसूध थी … कि सोनल का रोना उसे सुनाई ही नही दे रहा था.

सुनील तो जैसे पत्थर ही बन गया था …. ये क्या हाल कर लिया अपना उसकी सूमी ने…. बर्दाश्त ही नही कर पाया वो…. लगा जैसे अंदर कुछ टूट सा गया हो. कुछ देर बाद उसे होश आया….. ‘सोनल हट… सूमी को बिस्तर पे लिटाने दे.’ 

उसने सोनल को सूमी से दूर किया और अपनी गोद में उठा कर सूमी को बिस्तर पे लिटा दिया. सोनल सूमी के कदमो में सर पटक पटक माफी मांगती जा रही थी.
सुनील ने सूमी की नब्ज़ वगेरा देखी … उसे तसल्ली हो गयी कि वो सिर्फ़ नशे में है.

‘सोनल… चुप हो जा … सोने दे उसे… जब होश में आएगी तब माफी माँग लेना’ सोनल हिलने को तयार नही हुई पर जब सुनील ने गुस्से से घूरा तो डर के उठ गयी पर आँखों से आँसू बहे जा रहे थे.

बिना सोचे समझे जब इंसान रिश्तों की इज़्ज़त करना भूल जाता है … तब कभी कभी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ जाती है.

सोनल को ले कर सुनील लिविंग रूम में आ गया. सोनल के आँसू बह रहे थे. सुनील उदास सा सोफे पे बैठ गया.

सोनल के रोने से वो इरिटेट होने लगा .. पहले ग़लती करो … और फिर रोते रहो… 

‘सोनल ये रोना धोना बंद कर … मेरे लिए एक स्ट्रॉंग कॉफी बना दे और ब्रेकफास्ट के लिए कुछ मंगवा ले.’
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01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील थोड़ा ज़ोर से बोला था… सोनल के आँसुओं को वहीं ब्रेक लग गया. – अपने गाल पोंछती हुई – रूम्स सर्विस को कुछ टोस्ट/ओम्लेट/जूस का ऑर्डर दे दिया – जो सुनील पसंद करता था … और कॉफी मेकर से सुनील के लिए कॉफी बनाने लगी.

कॉफी बना कर वो सुनील के पास बैठ गयी और उसके सामने कॉफी रख दी. सुनील आँखें बंद किए अढ़लेटा सा पड़ा था सोफे पे. 

‘आपकी कॉफी’

एक ठंडी साँस लेता हुआ सुनील उठा और कप उठा के एक घूँट पी गया… जब भी उसका मूड ऑफ हो जाता था वो स्ट्रॉंग कॉफी ही पीता था.

‘मोम की तरहा आप भी मुझ से नाराज़ हो क्या?’

सुनील ने उसकी तरफ देखा और एक फीकी हँसी के साथ बोला

‘स्टुपिड अगर मैं या सूमी तुमसे नाराज़ होता तो तुम यहाँ मेरे साथ मेरी बीवी बनके नही बैठी होती – औरतें – मर्दों से ज़यादा संवेदनशील होती हैं… और कुछ बातें जब उनके जेहन में छाप जाती हैं.. उन्हें भूलना इतना आसान नही होता … वो आज भी तुम्हारी उन गालियों को नही भुला पा रही है--- वक़्त लगेगा इसमे’

‘ क्या करती मैं…पागल हो गयी थी….मेरी जगह आप होते तब ही समझ पाते …. कि क्या हाल हुआ था मेरा….. मैने जो मासी को करते देखा और बोलते सुना था .. मेरे पैरों के तले ज़मीन निकल गयी थी….मुझे ऐसा लगा जैसे किसीने मुझे अंगारों से झुलसा दिया हो…. मेरा सब कुछ एक पल में ख़तम हो गया था.’

‘तुम्हारी सबसे बड़ी ग़लती ये थी कि तुमने बेटी की तरहा नही सोचा था….. तुम जलन से सड़ गयी थी ….अगर बेटी की तरहा सोचती तो कारण जानने की कोशिश करती … पर तुमने ऐसे बिहेव किया जैसे कोई तुम्हारी फ्रेंड तुम्हारे बॉय फ्रेंड को तुमसे छीन चुकी हो’

सोनल की गर्दन झुक गयी.

‘एक बार उस लड़की की हालत सोचो … जो सिर्फ़ तुम्हें देखने कान्फरेन्स बीच में ही छोड़ के आई हो … वो लड़की जो कब से तुमसे प्यार की भीख माँग रही हो … और घर आ के देखती है कि मासी तुम्हारी शर्ट पहन के नंगी बिस्तर पे लेटी हुई डिल्डो का इस्तेमाल कर रही हो और ये बोल रही हो बार बार ‘ ओह सुनील फक मी टू …… तुम दीदी के साथ कर सकते हो तो मेरे साथ क्यूँ नही …. ऑल दट डॅम मोनिंग ‘ सोचो मुझ पे क्या असर पड़ा होगा … मैं क्या कोई भी लड़की होती मेरी जगह तो पागल हो जाती …. नही सह पाई इसलिए उसी वक़्त तुम्हें फोन किया और जो भडास थी गुस्सा था निकल गया. 

मेरे चिल्लाने से मासी होश में आई – खुद को ढक के मेरे पास आई लेकिन तब तक मैं जनुन में आ चुकी थी और जब मासी ने कहा तुम दोनो ने शादी कर ली है… ये धमाका मैं बर्दाश्त नही कर पाई .. शायद उस वक़्त बीपी इतना बढ़ गया कि बेहोश हो गयी.’

‘ एक पल के लिए ये तो सोचती … जो लड़का तुम से दूर भाग रहा था .. अपनी मर्यादा की वजह से… वही लड़का क्या अपनी मोम से शादी कर सकता था? अगर करी तो उसकी कोई तो ठोस वजह होगी …….. इस तरहा मोम को इतनी गंदी गालियाँ देना…….क्या कहूँ तुम्हें?’

इतने में रूम की बेल बज गयी – सुनील ने दरवाजा खोला – और सामने रूम सर्विस वाले को देखा. वेटर ने ब्रेकफास्ट टेबल पे लगा दिया और बिल साइन करवा के चला गया.

‘सोनल ज़रा देखना सूमी उठ गयी क्या’

सोनल सूमी के कमरे की तरफ चली गयी. सूमी उठ चुकी थी – हॅंगओवर की वजह से सर पकड़ के बैठी हुई थी.

‘सुनिए इधर आइए – दीदी उठ गयी है’ ये कह के वो सूमी का सर दबाने लगी.

सुनील जूस का ग्लास ले कर कमरे में चला गया. 

‘सोनल – ब्रेकफास्ट यही ले आओ’ सोनल जी अच्छा बोल उठ के चली गयी और सुनील ने सूमी को अपनी बाँहों में ले लिया.

‘जान पुराने ज़ख़्मों को नही कुरेदा करते’

सूमी – सुनील की आँखों में देखने लगी.

‘चलो ये जूस पियो फटाफट’ सुनील ने जूस का ग्लास सूमी के होंठों से लगा दिया.

सूमी धीरे धीरे जूस पीने लगी.

जूस का ग्लास पीने के बाद उसे कुछ राहत मिली थी – पर सर दर्द काफ़ी था.

सोनल तब तक ब्रेकफास्ट ट्रे ले आई.

टेबल पे रख वो सूमी के कदमो की तरफ बैठ गयी और उसके पैर दबाते हुए बोली

‘मोम अभी तक आपने दिल से मुझे माफ़ नही किया …. प्लीज़ मुझे जितना मर्ज़ी मार लो – जो मर्ज़ी सज़ा दे दो .. पर ऐसे खुद को मत तड़पाओ’

‘छोड़ मेरे पैर और मेरे पास आ के बैठ’

‘नही छोड़ूँगी – एक बार जब तक दिल से माफ़ नही कर दोगि’

‘इधर आती है या लगाऊ एक…’

सोनल उठ के सूमी के पास आ गयी अब सूमी की एक तरफ सुनील था और दूसरी तरफ सोनल.

‘भूल गयी अब मैं तुम्हारी दीदी हूँ मोम नही – रिश्ते बदल चुके हैं हमारे’

‘नही मोम – चाहे रिश्ते बदल गये हों – पर पुराने रिश्ते कभी ख़तम नही होते उनका अहसास बना रहता है ----- और जो हालत आपने अपनी कल रात करी वो मेरी दीदी ने नही की थी – मेरी मोम ने की थी – जिसे मैने बिना सोचे समझे बहुत कुछ कह दिया था – जो कोई बेटी अपनी मोम से नही कह सकती … मैने रिश्तों के आदर की – अपनी मर्यादा की - सभी सीमाएँ तोड़ दी थी – आपको और इनको गालियाँ दे कर’

‘जो हुआ भूल जा – अब नये सिरे से जिंदगी शुरू कर – बहुत ख़याल रखना है तुझे मेरे साजन का – मैं बीच रास्ते में ही कब….’

सुनील ने अपने होंठ सूमी के होंठों से चिपका कर उसका मुँह बंद कर दिया – और 

सोनल ने शर्मा के नज़रें नीचे कर ली.

और मन में बोल रही थी – हाई कितने बेशर्म हैं – मेरे सामने ही …..कहीं मेरे साथ भी तो…. उफ़फ्फ़ .. ये क्या सोचने लगी मैं’

सूमी छटपटा के रह गयी – और छूटने के लिए तड़पने लगी … पर सुनील की पकड़ मजबूत थी.

थोड़ी देर मैं सुनील ने खुद ही छोड़ दिया --- सूमी और सोनल दोनो ही नज़रें नही मिला पा रही थी. 

‘इतने बेशर्म कब से हो गये आप ….’ सूमी ने बोलते ही सुनील की छाती पे मुक्के बरसाने शुरू कर दिए.

‘इसमे क्या बेशर्मी – क्या लग ती हो तुम मेरी – बोलो?’

‘बीवी’ बहुत धीमी आवाज़ में सूमी.

‘क्या? ‘ सुनील ने अपने कान खिचते हुए इशारा किया कि कुछ सुनाई नही दिया .

‘बीवी हूँ तुम्हारी’ चिड़ते हुए सूमी अब ज़ोर से बोल बैठी.

‘और तुम क्या लगती हो मेरी ‘ अब सवाल सोनल के लिए था.

अपनी हँसी दबाते हुए बोली ‘ बीवी’ पर धीमे ही.

‘कुछ बीमारी हो गयी है क्या तुम दोनो को!!!!!!!!’

‘उफफफ्फ़ बीवी हूँ तुम्हारी’

‘तो बीवी को बीवी के सामने चूम लिया तो कॉन सा गुनाह कर दिया.’

‘बेशर्म’ दोनो एक साथ ही बोल पड़ी.

महॉल को थोड़ा हल्का करने के लिए सुनील ये गेम खेल गया था.

अच्छा यार चलो पहले नाश्ता कर लो फिर बातें करेंगे.
तीनो नाश्ता करने लग गये.
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01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
नाश्ते के बाद …

सूमी : सुनो जी --- अपनी इस नयी बीवी को थोड़ा समझा भी देना 

सुनील : अब क्या हो गया.

सूमी : याद है इसके फोन के बाद – कैसे अपना हनिमून बीच में छोड़ इसके पास उसी वक़्त भागे थे… और ये महारानी – होश में आते कैसे मुझे रंडी और छिनाल बोलने लगी थी. --- अब अगर इसने फिर कभी ऐसा किया तो…….

सोनल : रोते हुए बोली – मोम मुझ बेवकूफ़ को माफ़ कर दो प्लीज़.

सूमी : तेरी मोम ने तो कब का तुझे माफ़ कर दिया था – मैं तो अपनी सौतन के लिए बोल रही हूँ – कि कभी ऐसा फिर हुआ तो ….

सुनील : सूमी के गले में बाहें डालते हुए – अब माफ़ भी कर दे जान – हो गयी ग़लती इससे अब दुबारा नही करेगी मेरा वादा है. 

सूमी : ठीक है माफ़ किया.

सुनील गुड. अब तुम दोनो मेरे गाल पे किस कर इस डील को पक्का करो – नो डिस्कशन दिस आफ्टर टुडे.

दोनो एक एक तरफ से सुनील के गाल पे किस करने आगे बढ़ी और ऐन वक़्त पे सुनील बीच से हट गया और सूमी और सोनल के होंठ आपस में चिपक गये.

कुछ पल तो दोनो को समझ नही आया कि ये हुआ क्या. 

‘दट’स इट नाउ दा डील स्टॅंड्स फाइनली सील्ड’

दोनो होश में आई और सुनील को मारने लपकी. सुनील कमरे में इधर उधर भागने लगा और ये दोनो उसके पीछे.

‘अरे बचाओ – जंगली बिल्ली और शेरनी दोनो मेरे पीछे पड़ गयी.’

दोनो का यूँ धोके से एक दूसरे के होंठों को चूमना – दोनो को ही बहुत बुरा लगा था और सब सुनील की शर्त की वजह से हुआ था… इसलिए दोनो ही उसके पीछे पिल पड़ी --- ये भी कोई तरीका है …… अब जब दो बीवियाँ हों – तो मिया जाने क्या क्या मस्ती करने लगता है दोनो के साथ – और सुनील का मकसद तो दोनो की सुलह करना था – दोनो के बीच प्यार बढ़वाना था – सूमी के मन को सॉफ करना था – ताकि फिर से वो उन कड़वी यादों में ना चली जाए.

दोनो ने आख़िर उसे पकड़ ही लिया और बिस्तर पे गिरा दोनो उसपे पिल पड़ी.
और उसके हाथों को दबाते हुए उसके चेहरे को पकड़ दोनो ने उसके गाल काट लिए.

‘अरे खा गयी दोनो मुझे ‘--- सुनील ज़ोर से चिल्लाया.

इसके बाद तीनो हँस पड़े . मन ही मन सुनील ने राहत की साँस ली.

इनके लफडों को सुलटने में दोपहर हो गयी थी और अब तीनो ही बाहर चले गये रेस्टोरेंट में लंच करने. उसके बाद सूमी तो बीच पे लोंग चेर पे लेट गयी और सुनील और सोनल को मस्ती करने को बोल अपनी आँखें बंद कर ली और धूप का मज़ा लेने लगी.

सुनील और सोनल बीच पे लोंग वॉक के लिए निकल गये. सूमी दोनो को ज़यादा से ज़यादा साथ में रहने का मोका देना चाहती थी – इसलिए वो खुद बीच पे लेट के आराम करने लगी.

सुनील – सोनल को बीच के कोने में ले गया – जहाँ आसपास्स कोई नही था दूर दूर तक . एक बड़े से पत्थर पे बैठ उसने सोनल को अपनी गोद में बिठा लिया.

‘अरे क्या कर रहे हो कोई आ गया तो ----- मुझे साइड में बैठने दो ‘ 

‘जान ये ड्रेस बीच के लिए नही होती --- इस वक़्त तुम्हें बिकिनी में होना चाहिए था’

‘ना ना मैं नही पहनने वाली ये सब ‘

‘क्या यार बाबा आदम के जमाने की हो क्या – इतनी महनगी साड़ी पहन कॉन बीच पे आता है ----- अगर तुम्हारे पास बिकिनी नही है तो आज ही खरीदते हैं’

‘प्लीज़ नही मैं नही पहन पाउन्गि’

‘शादी के बाद बीवी – मिया के पसंद के कपड़े ही पहनती है’

‘चाहे नंगी दिखे उनमें’

‘नंगी नही – सेक्सी ‘

‘छि’

‘अरे ये तुम्हारी आँख के उपर क्या गिर गया.’

‘क्या…’

‘एक मिनट मैं देखता हूँ’

और सुनील ने इस बहाने सोनल के होंठ चूम लिए.

‘हो बेशर्म – यहाँ खुल्ले में’

‘नेचर की गोद में ज़यादा मज़ा आता है मेरी जान’

‘तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी दीदी से बहुत ही बेशर्म होते जा रहे हो’

‘कर लेना … वो कहेगी है काश मुझे चूमा होता बीच पे’

‘तुम तो उफ़फ्फ़ बस तुम ही हो’

‘बिल्कुल जानेमन ‘ और सुनील ने फिर सोनल के होंठ अपने कब्ज़े में ले लिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया – सोनल भी ढीली पड़ती गयी और उसका साथ देने लगी.

काफ़ी देर तक सुनील सोनल के साथ मस्ती करता रहा --- धीरे धीरे सोनल की भी झिझक ख़तम हो गयी थी और वो खुल के साथ देने लगी थी सुनील का.
शाम का धूंधलका शुरू हो गया था तो दोनो को सूमी की याद आई…. जब दोनो वहाँ पहुँचे तो सूमी जा चुकी थी …. सीधा दोनो सूट में गये – सूमी उनको वहीं मिली .

सूमी ने अपना नाइट गाउन पहना हुआ था और कोई नॉवेल पढ़ रही थी.

सोनल बाथरूम में घुस गयी और सुनील सूमी के पास जा के बैठ गया.

सुनील ने सूमी को अपनी तरफ खींचा – तो सूमी ने मना कर दिया.

‘क्या हुआ?’

‘अच्छा नही लगता … वो बाथरूम से आ के देखे गी तो क्या सोचेगी’

‘कुछ नही बस इतना कि उसका शोहर दूसरी बीवी को प्यार कर रहा है’

‘तुमने तो अभी सुहागरात भी ढंग से नही मनाई’

‘मतलब’

‘अच्छी तरहा जानती हूँ तुम्हें …. कैसे हो तुम…..’

‘यार कल वो डर रही थी … आगे बढ़ना ठीक नही लगा’

‘तुम बुद्धू हो’

‘ अब जो मर्ज़ी बोलो’

‘अब कुछ रातें उसके साथ ही बिताओ मेरे बारे में सोचना छोड़ दो ‘

‘ये तो हो नही सकता … तुम्हारा भी मुझ पे हक़ है ‘

‘पर अभी उसका ज़यादा हक़ है’

‘जो भी हो … मैं अब तुम्हें कभी अकेला नही छोड़ूँगा’

‘कुछ नही होता मुझे कल बस पुरानी बातें याद आ गयी थी … अब ठीक है ‘

‘मैं नही माननेवाला और ना ही वो मानेगी अब देख लेना’

‘मैं समझा दूँगी उसे ‘

‘फिर मैं उसको तुम्हारे पास भेज दूँगा – तुम दोनो सो जाना – मैं अलग सो जाउन्गा’

‘पागल हो क्या तुम’

‘हां पागल हूँ’

सुनील कुछ गुस्से में आ गया था … नही चाहता था कि सूमी की हालत फिर वही हो जो कल हुई थी .

उठ के उसने मिनी बार में से विस्की का मिनियेचर निकाला और नीट गटक गया.
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01-12-2019, 02:03 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल भी आ गयी थी – उसने एक सेक्सी लाइनाये पहनी थी और उपर एक गाउन डाल रखा था उसने जब सुनील को नीट पीते देखा तो चिल्ला पड़ी --- ‘ ये क्या कर रहे हैं आप …. नुकसान करेगी ‘

सुनील ने कुछ जवाब नही दिया और बाल्कनी में जा के खड़ा हो गया.

सूमी ने सोनल को इशारा किया कि वो सुनील के पास जाए.

‘आप जाओ पता नही क्यूँ नाराज़ हो गये हैं’

‘ जा ना – मना उसे जा के’

सूमी को घूरती हुई सोनल सुनील के पास चली गयी और पीछे से उसके साथ चिपक गयी.

‘क्या हुआ डार्लिंग मूड क्यूँ उखड़ा हुआ है’

सुनील ने उसे अपने आगे कर लिया और वहीं बाल्कनी में उसे चूमने लग गया. सोनल कसमसाने लगी पर उसने सुनील को रोका नही.

कुछ देर सुनील सोनल के होंठ चूमता रहा … सोनल की आँखें नशीली होने लगी … जिस्म में कंपन बढ़ने लगा.

फिर सुनील ने सोनल को छोड़ दिया… सोनल उसकी छाती में सर लगा अपनी साँस ठीक करने लगी.

‘जा सूमी को बोल वाइन की दो बॉटल्स मँगवाए और साथ में रोस्टेड चिकन और नट्स भी.

सोनल ड्रिंक्स के लिए मना करना चाहती थी, फिर खुद को रोक अंदर चली गयी.

सोनल अंदर आ के सूमी के पास बैठ गयी – दीदी ये ड्रिंक्स मंगवा रहे हैं --- क्या हो गया है इनको.

‘पगली वो बड़ा हो चुका है – और तू अब भी उसे छोटा समझ रही है ….. कुछ नही होता … वो लिमिट में ही रहता है और कोई रोज थोड़े ही लेता है. क्या मंगवा रहा है ….. 
‘वाइन और चिकन बोल रहे थे और नट्स’

‘चल मैं फोन कर के मँगवाती हूँ.

सूमी ने ऑर्डर प्लेस कर दिया ……. सुनील अब भी अंदर नही आया था. बाहर खड़ा दूर फैले समुन्द्र को देख रहा था…. अब उस पर दो बीवियों की ज़िम्मेदारी आ चुकी है – दोनो को खुश रखना --- दोनो की इच्छाओं को पूरा करना ....... क्या वो ये ज़िम्मेदारी अच्छी तरहा निभा पाएगा? इन ही बातों में खोया हुआ था सुनील.


कुछ देर मैं ऑर्डर का समान आ गया.

सूमी : जा बोल दे उन्हें.

सोनल : अब आप ही जाइए मुझे तो डर लग रहा है … इतने अच्छे मूड में थे पता नही क्या हो गया अचानक

सूमी : मेरी बात नही मानेगी

सोनल : डाँट पड़वाओगी आप

सूमी : कुछ नही कहेगा तुझे …. जा ना…. पता नही अकेले खड़ा क्या सोच रहा है.

सोनल दयनीय दृष्टि से सूमी को देखती है फिर धड़कते दिल से सुनील को बुलाने चली जाती है.

सुनील के पास पास पहुँच कर --- आ आ आ आप का ओ ओ ऑड एरा आ गया ------- बहुत अटक अटक के बोली.

सुनील की तंद्रा टूटी देखा सोनल पसीने से लथपथ डरी हुई है.


ये तुम्हें क्या हो गया है… हां … क्या बात है.

क क कुछ नही

सुनील उसे पास खींच अपने से चिपका लेता है …. किस बात से डर रही हो… बोलो. (बड़े प्यार से पूछता है)

‘आ आप क्को ककभी पहले ऐसे नही देखा’ बहुत मुश्किल से बोली.

‘ग्रो अप डार्लिंग’ और सुनील उसे बाँहों में उठा लेता है

ऊऊऊऊऊओउुुुुुुुऊउक्ककककककचह डर के एक दम सुनील से चिपक गयी सोनल.

सोनल ने जिंदगी में पहली बार सूमी को वोड्का पी के लुड़के हुए देखा था और आज सुनील को नीट पीते हुए देखा और अब दो वाइन की बॉटल्स …. वो अंदर ही अंदर बहुत डरी हुई थी.


सुनील उसे ले कर सूमी के साथ बैठ गया बिल्कुल चिपक कर ….. सोनल उसकी गोद में ही थी. सोनल ने उठने की कोशिश करी पर सुनील ने उठने ही नही दिया. उसे सुबह का सीन याद आ गया जब सुनील ने उसके सामने ही सूमी को चूमा था… घबराने लगी कि कहीं उसके साथ यहीं ना शुरू हो जाए और उसकी छाती में मुँह छुपाने लगी.

‘सूमी डार्लिंग यार ड्रिंक बनाओ – लेकिन एक ग्लास’

सूमी उसकी शरारत समझ गयी और उसके अधरों पे मुस्कान आ गयी. मुँह छुपाए सोनल देख रही थी – एक ग्लास सुन के राहत की सांस ली पर सूमी की मुस्कान देख घबराने लगी.

सुनील ने एक घूँट भरा और सूमी को पास खींच उसके होंठों से होंठ सटा आधा घूँट उसके मुँह में उडेल दिया और दोनो का स्मूच शुरू हो गया. सोनल यही समझी कि सिर्फ़ स्मूच कर रहे हैं … ना कि वाइन शेअर् कर रहे हैं.

फिर सुनील ने एक घूँट भरा और इस बार उसकी तवज्जो सोनल पे थी. सोनल घबरा रही थी पर सूमी ने उसे इशारा किया जो हो रहा है होने दे …. वो नही चाहती थी कि सुनील का मूड फिर खराब हो जाए.

सुनील ने जब अपने होंठ सोनल की तरफ बढ़ाए जो उसकी गोद में बैठी हुई थी तो सोनल ने चुप चाप अपने होंठ आगे कर दिए पर सुनील ने अब उसके चेहरे को दोनो हाथों में थाम लिया और जैसे ही सोनल ने अपने होंठ खोले सुनील उसके मुँह में वाइन डालने लगा …….. सोनल के लिए ये एक आफ़त से कम नही था. सुनील उसके होंठ छोड़ ही नही रहा था और मजबूरन सोनल को वाइन पीनी ही पड़ी. कड़वा …. खट्टा सा टेस्ट उसके मुँह में घुल गया और वो अजीब नज़रों से सूमी को देखने लगी . अब उसे समझ आया कि सूमी क्यूँ मुस्कुरा रही थी. वो गुस्से से सूमी को देखने लगी. पर सच में उसे कुछ तो मज़ा आया था.

दो तीन घूँट जब सोनल के अंदर चले गये तो उसे ज़्यादा अच्छा लगने लगा, उसके चेहरे से गुस्सा गायब हो गया और सूमी बार बार उसे पूछ रही थी इशारों से .. बोल कैसा लग रहा है.. सोनल बस शर्मा जाती है.

आधी बॉटल ख्तम हो गयी तो सूमी अंगड़ाई लेते हुए उठी… मैं तो सोने चली … अब तुम दोनो भी जाओ – रात भर यहीं लगे रहोगे क्या.

सुनील ने उसका हाथ पकड़ लिया …. ना तुम हमारे साथ ही रहोगी.

सोनल : हां दीदी अब तुम्हें अकेला तो कभी नही छोड़ेंगे.

सूमी : पागल मत बनो – मैं बहुत थकि हुई हूँ ….. कल सो नही पाई थी … प्लीज़ आज मुझे तंग मत करो… आज की रात सोनल की खास रात है… और मेरा बीच में होना ठीक नही है.

सोनल : अगर ऐसा है भी तो मुझे आपके सहारे की ज़रूरत पड़ेगी…… प्लीज़ आप नही जा सकती….. नही तो मैं भी आपके साथ ही सो जाती हूँ.

सूमी : प्लीज़ तुम दोनो छोटे बच्चों की तरहा ज़िद मत करो …. तुम दोनो के साथ मैं सो नही पाउन्गि और आज मैं आराम करना चाहती हूँ …… (फिर वो झुक के सुनील के कान में बोली …. मेरे पीरियड्स चल रहे हैं … तंग मत करो ..प्लीज़)

सुनील : तो क्या हुआ … अकेले तो नही छोड़ूँगा तुम्हें… सोनल तुम्हारे साथ रहेगी.
(और सुनील ने सोनल को गोद से उतारा …. फिर जा के बाल्कनी में खड़ा हो गया)

सूमी : उफ़फ्फ़ ये भी ज़िद पकड़ ही लेते हैं.

सोनल : ठीक ही तो कह रहे हैं.

सूमी : समझा कर डार्लिंग ….. दिस ईज़ युवर स्पेशल नाइट ….. यू शुड बी अलोन विद हिम.

सोनल : स्पेशल नाइट तो कल हो गयी ना……. अब जब हम दोनो ही इनकी हैं …. तो क्या इनकी खुशी हमे नही देखनी चाहिए.

सूमी : ओह कैसे समझाऊ तुम दोनो को.

सोनल : कुछ समझाने की ज़रूरत नही …. और जो आप सोच रही हो…. उसकी हमे कोई जल्दी नही है… कभी भी हो जाएगा …… ( वी जस्ट लव ईच अदर आंड दट’स ऑल …. वी ऑल नीड)

तभी सुनील अंदर आता है – दोनो को बोलता है ----तुम दोनो – सो जाओ – मेरा इंतेज़ार मत करना – मैं कुछ देर में आ जाउन्गा.

सुनील फट से निकल जाता है – और सूमी और सोनल मुँह खोले बस देखती रह जाती हैं.


सोनल – धम से बैठ गयी --- ‘आप दोनो ही जिद्दी हो’

सूमी … तू अभी छोटी है नही समझेगी

सोनल – क्या नही समझूंगी … पता है कितना प्यार किया कल मुझे …..उन्हें बस मेरी ही फिकर थी … अपने बारे में तो सोचा ही नही उन्होंने … ऐसे आदमी बड़ी मुश्किल से मिलते हैं … और हम इन्हें तकलीफ़ दे रहे हैं. 

सूमी --- हां इनके जैसा करोड़ो में एक ही होगा … पर अभी तो तेरे हनिमून की ढंग से शुरुआत भी नही हुई.

सोनल : और आपका जो अधूरा रह गया मेरी वजह से – उसका क्या. और आप हमारे मिलन की इतनी चिंता क्यूँ कर रहे हो – जब दिल मिल गये हैं तो जिस्म भी एक दिन मिल जाएँगे. जानते हो ना कितना प्यार करते हैं ये आपसे …. इनकी शकल देखने वाली थी – जब आपको सुबह देखा…. क्यूँ इन्हे दुख दे रही हो… नही बर्दाश्त कर पाएँगे – जैसे मेरे लिए ये मेरा पहला प्यार हैं.. आप इनका पहला प्यार हो. हम दोनो को कोई भी तकलीफ़ हो ये नही सह पाएँगे……. क्यूँ ज़िद कर रही हो आप.

सूमी : पति के साथ पहला मिलन …. हर लड़की … के खास वो क्षण होते हैं जो वो किसी के साथ बाँट नही सकती.

सोनल : तो क्या ये ज़रूरी है कि वो पहला मिलन आज ही होना चाहिए – कभी भी हो सकता है. – अब आप जाइए और उनको मना के लाएँ – मेरी नही सुनने वाले वो आज.
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01-12-2019, 02:04 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
अब सोनल भी ज़िद पकड़ के बैठ गयी थी. और सूमी परेशान हो गयी थी कि क्या करे. पता नही क्या सोचा उसने .. कपड़े बदले और सुनील को ढूँडने निकल पड़ी - दो ही जगह हो सकती थी जहाँ वो मिलता - या तो बार - या फिर बीच.

सुनील को ढूंढते हुए सूमी …. बीच पे पहुँची वो एक जगह बैठा बस समुन्द्र की उफनती हुई लहरों को देख रहा था.

सूमी उसके पास जाके बैठ गयी और उसके कंधे पे सर रख दिया.
‘क्यूँ इतनी ज़िद कर रहे हो’

‘मैं या तुम’

‘समझते क्यूँ नही …. उसे वक़्त दो … उसे तुम्हारी ज़यादा ज़रूरत है .. और अभी तक तुमने उसके साथ…’

‘यार मुझे एक बात समझ नही आती कि अभी तो हमारी (सोनल के साथ) जिंदगी शुरू ही हुई है – तो क्या सेक्स इतना इंपॉर्टेंट हो गया – अभी ना एक दूसरे को अच्छी तरहा समझे हैं तो फिर इतनी जल्दी भी क्या है’

‘दो बिल्कुल अजनबी होते तो तुम्हारी बात मान लेती …. कि इतनी जल्दी भी क्या है …. पर क्या तुम दोनो अजनबी हो …. नही ….अच्छी तरहा एक दूसरे को जानते और समझते हो … बस जिंदगी में दोनो की भूमिका बदल गयी है… ज़रा सोचो कितने साल से वो तुम्हें दिल में बसाए बैठी है … अब तुम उसे मिल कर भी ना मिलो तो कैसा लगेगा उसे……लड़की कभी मुँह से नही बोलेगी – उसके दिल की हालत समझो’

‘ सब समझता हूँ --- और वो भी समझती है …… देख लिया तुम्हें अकेले छोड़ने का नतीजा … अब कभी नही तुम्हें अकेले रहने दूँगा ……. बस मुझे और कुछ नही सुनना’

‘ओह माँ – कैसा जिद्दी मेरे पल्ले पड़ गया …. अरे हो गयी एक रात परेशान तो इसका मतलब ये तो नही तुम बस मेरी ही चिंता करो … अब वो भी तुम्हारी बीवी है उसे भी तो उसका हक़ दो’

‘मैं कब मना कर रहा हूँ… कि उसे उसका हक़ नही मिलेगा … लेकिन आज तो तुम्हें किसी भी कीमत पे अकेला नही छोड़ूँगा …. अब तुम जो मर्ज़ी समझो …..’

‘उफफफ्फ़ …. अच्छा ठीक है … आज मैं तुम्हारी बात मान लेती हूँ… कल तुम मेरी बात मानो गे ‘

‘कल की कल देखेंगे ….’

‘क्या चाहते हो मुझे रोना आजाए …. मेरी वजह से … मेरी गुड़िया को तरसना पड़ रहा है’

‘तुम्हारी वजह से उसे वो मिला जो कभी नही मिलता …. अब बस …. फिर तुम अगर पेन्सिव मूड में गयी तो सोच लो … मैं आगे क्या करूँगा…’

‘तुम्हारा हनिमून अधूरा रह गया था … उसका भी अभी अधूरा है … अब मुझ पे चोस दो मुझे कैसे क्या करना है … अब कोई बात नही सुनूँगा …… चलो वो परेशान हो रही होगी.’

सूमी बस उसे देखती रह गयी और चुप चाप साथ चल पड़ी… उसकी आँखों में आँसू थे… इतना प्यार…उससे संभाले नही सम्भल रहा था. 


एक औरत और एक बीवी तो खुश थी , पर एक माँ को तकलीफ़ होने लग गयी थी. आज दूसरी रात थी दोनो की, और आज की रात भी खाली जानेवाली थी …. क्या ये ठीक हो रहा था सोनल के साथ, क्या उसे वो करना चाहिए जो एक माँ तो कभी कर नही सकती , एक बीवी भी नही कर सकती, पर एक औरत शायद कर डाले…..सूमी अपने ही ख़यालों में सुनील के पीछे पीछे चल पड़ी.

जब दोनो कमरे में पहुँचे तो सोनल सुनील के गले लग गयी …. उसका रोना निकल गया था…. इतना नाराज़ क्यूँ हो जाते हो……

‘आए रोना नही बिल्कुल भी … ये तेरी दीदी मेरा दिमाग़ खराब कर देती है…… ‘

सूमी चुप चाप खड़ी रह गयी …. अब बोले भी तो क्या बोले…

‘ बीवियों ये वाइन बॉटल्स और ग्लासस अंदर बेड रूम में ले चलो, वहीं बैठेंगे… मैं चेंज कर के आता हूँ और सूमी तुम भी चेंज कर लो.

दोनो ने सारा समान फिर सोनल के बेडरूम में रखा .... जब सोनल अंदर घुसी तो हैरान रह गयी ... कमरा फिर सुहाग रात की तरहा सज़ा हुआ था... और ये कारस्तानी सूमी की थी -- दोनो को बीच पे छोड़ वो इसी काम में लगी हुई थी.. सुनील के कपड़े तो सूमी के रूम में ही थे.

'ये...ये...'

'हां तुम बेवकूफ़ दोनो मेरी बात ही कहाँ मानते हो'

सोनल .... सूमी के गले लग गयी .....लव यू मोम .... पर आज हम तीनो इस बिस्तर का मज़ा लेंगे.

अब सूमी के हैरान होने की बारी थी ..... सोनल ने जो बोला उसका मतलब क्या है... क्या वही जो वो सोच के आ रही थी... ये कुछ और.... उसके मुँह से कुछ नही निकला.....

'चल मेरे कमरे में चल, आज मेरी नाइट ड्रेस तू ही पसंद कर और तेरी मैं करूँगी'

दोनो सूमी के कमरे में चली गयी ..... सुनील के बाथरूम से निकलने का इंतेज़ार करने लगी.

सुनील बाथरूम से निकला तो दोनो वहीं बैठी हुई थी. 

‘मैं ड्रिंक्स बना रहा हूँ …… जल्दी आओ तुम दोनो’

कह कर सुनील दूसरे बेडरूम में चला गया.

अंदर पहुँचते ही उसे भी झटका लगा ….

‘वाह सूमी … वाह .. ये सिर्फ़ तू ही कर सकती थी… चाहे रिश्ते बदल जाएँ… एक माँ कभी नही भूलती… कि चाहे वो बीवी और सौतन बन गयी हो… है तो वो एक माँ ही ‘ सुनील की आँखें छलक पड़ी…… उसे अब कुछ ऐसा करना था कि सूमी का मान भी रह जाए … उसके अंदर जो सोनल के लिए इच्छा छुपी हुई है वो पूरी हो जाए… पर क्या ये ठीक रहेगा ….. दोनो के साथ … एक ही कमरा… एक ही बिस्तर…नही नही -- ये क्या सोचने लग गया मैं.... ये सूमी किसी दिन मेरे दिमाग़ की वाट लगा देगी' अपने लिए एक ड्रिंक बना कर बाल्कनी में जा के खड़ा हो गया.

सूमी : चल तू ये साड़ी पहन… अपने वॉर्डरोब से एक साड़ी निकालती है … जिसे पहन सोनल फिर से दुल्हन के लिबास में आ जाती – सिवाय उपरी साजो सज्जा के – जिसकी अभी कोई ज़रूरत भी नही थी … क्यूंकी मेहन्दी अभी फ्रेश ही थी, माथे पे सजी छोटी छोटी बिंदया अब भी चमक रही थी…. बस थोड़ी ज्यूयलरी , लीप ग्लॉस और फेस पॉडर की ज़रूरत थी. 

सोनल ने भी सूमी के लिए एक बहुत अच्छी ट्रॅन्स्परेंट साड़ी चुनी.

आधा घंटा लग गया दोनो को … इस वक़्त उन्हें कोई देखता तो ये कहता वह क्या बहनें हैं दोनो ही माल हैं माल .

और सच पूछो तो उर्वशी और मेनका भी दोनो को देख सड़ जाती…. और आपस में होड़ लगाने लगती इनकी जगह लेने के लिए – और बेचारे ईन्द्र का कॉंपिटेशन हो जाता सुनील से.

दिल दोनो के धड़क रहे थे कि सुनील का क्या रियेक्शन होगा… इतनी देर लगने पे कहीं फिर से ना गुस्से में आ जाए.

सूमी अब भी सोच रही थी कि सोनल …. क्या कहना चाहती थी जब उसने कहा … अब तीनो इस बिस्तर का मज़ा लेंगे.

सोनल सोच रही थी कि एक बार वो इनके साथ मस्त हो जाएँ तो चुप चाप कमरे से बाहर निकल जाएगी – शायद ऐसा ही कुछ सूमी सोच रही थी कि एक बार सुनील – सोनल के साथ मस्त हो जाए तो चुप चाप कमरे से बाहर निकल जाएगी और दोनो को एकांत दे देगी.

दोनो जब कमरे में पहुँची तो सुनील को बाल्कनी में खड़ा सोचो में गुम पाया … दोनो का ही दिल रो उठा .. उन दोनो की वजह से ही तो वो इस हालत में था … किस को कितना ध्यान दे और कब .. दोनो के हनिमून अधूरे उसको चिड़ा रहे थे … और वो फ़ैसला नही ले पा रहा था.. क्यूंकी दोनो ही उसको बहुत अज़ीज़ थे.

अब उसको संभालना एक का काम नही रह गया था और ये बात दोनो ही समझ रही थी. दोनो ने एक दूसरे की आँखों में देखा … आँखों ही आँखों में बातें हुई और दोनो के कदम एक साथ सुनील की तरफ बढ़ चली. 
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01-12-2019, 02:04 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
एक तरफ से सोनल उसके साथ सट गयी और दूसरी तरफ से सूमी. ‘ क्या हुआ हमारे साजन को.. किन सोचो में डूबे हुए हो’ दोनो एक साथ बोली --- जैसे तय ही करके आई हों – ऐसा होता ही है जब दिल दिल से मिल जाते हैं.

सुनील अपने ख़यालों से वापस आया – दोनो की तरफ देखा और टेन्षन.कॉम फिर शुरू हो गयी ‘क़िस्स्स्स्सस्स किस किस को प्यार करूँ… कैसे मैं प्यार करूँ… ये भी है … वो भी है… हहाआआआईयईईईईईईई क़िस्स्स्स्सस्स’

दोनो सुनील का हाथ पकड़ उसे अंदर की तरफ ले चली और बेडरूम में जो सोफा था उस पे तीनो बैठ गये …….सुनील को दोनो ने बीच में ही रखा. सोनल ने साक़ी बनने का फ़र्ज़ निभाया और दो ग्लास में वाइन डाली… उसे अभी तक थोड़ा सा नशा था पहले पी हुई वाइन का. 

ग्लास बनाने के बाद जब उसने दोनो की तरफ एक एक ग्लास बढ़ाया तो सुनील की थयोरियां चढ़ि हुई देखी.

फट से नीचे बैठ गयी …दाँतों तले जीब दबा ली … दोनो कान पकड़ लिए … उसकी ये नौटंकी देख सूमी और सुनील की हँसी ना रुकी और वो अपना ग्लास बनाने लगी पर कम ही वाइन डाली… जिसपे सुनील ने ऐतराज नही किया.

सोफे के बिल्कुल सामने बिस्तर था जो सुहाग सेज की तरहा सज़ा हुआ सुनील को मुँह चिड़ा रहा था…क्यूँ हज़ूर –दोनो के साथ ये एक .. अगर एक तो फिर कॉन… सोचो सोचो … अपना सुना पन अब नही सहा जा रहा….थोड़ा ऐक्शन मूड में आ जाओ यार …. बिस्तर की ये आवाज़ सुन सुनील फट से ग्लास खाली कर गया … जैसे कह रहा हो.. अभी बताता हूँ तुझे … रात भर तेरी चूलें हिल जाएँगी.

बिस्तर भी कम नही था हाज़िर जवाबी में …. हिलाओ हिलाओ … तभी तो मेरा मक़सद पूरा होगा.

अब सुनील चुप हो गया क्यूंकी दोनो उसे देख रही थी… ना चियर्स ना कोई बात और फट से बॉटम्स अप…..

‘ओह! शिट…… सॉरी बोलने जा रहा था कि दोनो के चेहरे देख रुक गया और सोनल को ग्लास भरने का इशारा कर दिया.

ग्लास बन गया और तीनो ने चियर्स किया ‘ सुनील के मुँह से निकला ---फॉर दा एवरलासटिंग ब्यूटी आंड लव ऑफ माइ वाइव्स’

सूमी ‘ फॉर युवर एवरलासटिंग हॅपी मॅरीड लाइफ’

सोनल : फॉर दा अनडाइयिंग लव अमॉंग्स्ट वी थ्री.

तीनो ने एक एक घूँट भरा और सूमी और सोनल दोनो ने एक साथ उसके गाल चूम लिए.

सुनील ने दोनो को अपनी बाँहों में भर लिया और दोनो के गालों से अपनी नाक रगड़ने लगा. तीनो के ही होंठ एक दूसरे की तरफ बढ़ने लगे और हाल ये हुआ कि सुनील के आधे होंठों पे सूमी का क़ब्ज़ा था और आधे पे सोनल का… झुरजुरी फैल गयी तीनो के अंदर. ये अहसास किसी सूनामी से कम नही था तीनो के लिए. एक बंधन था प्यार का जो तीनो एक दूसरे से करते थे. 

इसके बाद शुरू हुआ स्मूच सुनील और सोनल का क्यूंकी सूमी ने अपने होंठ वापस खींच लिए थे और ग्लास मुँह से लगा लिया था.

ये रात थी तीन प्रेमियों के मिलन की रात – ये रात थी बंधाओं को मिटाने की रात – ये रात थी तीन आत्माओं के मिलन की रात …. ये रात थी अटूट प्रेम की धारा में बहने की रात .

सुनील और सोनल का चुंबन जितना प्रगाढ़ होता जा रहा था उतना ही सकुन सूमी को मिल रहा था और सोनल चाहे इस चुंबन में खोती जा रही थी दिल से चाहती थी कि ये चुंबन टूटे और दीदी की बारी आए अपने साजन की बाँहों में समाने के लिए.

सुनील मस्ती में सोनल के होंठों का रस चुराए जा रहा था और सूमी मुस्कुराती हुई वाइन का ग्लास खाली करने में लगी हुई थी… ताकि नशे से उसे नींद आ जाए और एक भँवरा बेख़टके अपनी कली का रस चूस्ता रहे.

लेकिन शायद होनी कुछ और चाहती थी …. सुनील ने मजबूरन सोनल के साथ चुंबन तोड़ा क्यूंकी सोनल की सांस उखाड़ने लगी थी और जब तक वो खुद को संभालती सुनील ने सूमी को अपनी तरफ खींच वाइन का ग्लास उसके हाथों से ले खुद खाली कर दिया.

सूमी उसको देखती रह गयी और सुनील के होंठ उसके होंठों से जा चिपके – ये मंज़र देख सोनल की अंतरात्मा खुश हो गयी और उसके फड़कते हुए अधरों पे मुस्कान तैर गयी.

सूमी नही चाहती थी कि सुनील उसके साथ चिपके … पर वो उसे ना कर के उसे दुख नही दे सकती थी… धीरे धीरे वो उसे सोनल की तरफ कर देगी इतना उसे यकीन था … पर होंठों दिल में चल रही जंग कहाँ सुनते हैं वो तो अपनी भाषा में बात करते हैं और अपना ही रंग दिखाते हैं.

सूमी भी पिघलती चली गयी अपने साजन की बाँहों में और सुनील के होंठों ने उसके जिस्म में खलबली मचा के रख दी .. जिन भावनाओं को वो आज क़ैद में रख ना चाहती थी वो अपनी क़ैद तोड़ बाहर निकलने लगी थी. प्रेम किसी भी तरहा की भाषा नही समझता .. उसकी अपनी भाषा होती है .. उसके अपने रंग होते हैं और सूमी के होंठ सुनील के होंठों द्वारा कही गयी प्रेम की भाषा अच्छी तरहा समझते थे.

कुछ देर बाद सूमी खुद अलग हुई और सोनल का हाथ पकड़ सुनील के हाथों में रख दिया .. उसकी आँखों में इस वक़्त एक गुहार थी – एक इल्तीज़ा थी .
सुनील ने दोनो को अपनी बाँहों में भर लिया और कभी पागलों की तरहा सूमी को चूमता तो कभी सोनल को… दोनो ही उसके प्रेम में पिघल रही थी.

दोनो को चूमते हुए उसके हाथ दोनो के कंधों से नीचे सरकने लगे और दोनो के ही उरोजो पी आ गये.
अहह …….उूुुउउफफफफफफफफफफ्फ़ दोनो ही सिसक पड़ी … दोनो की आँखों में लाल डोरे तैरने लगे.

सूमी – धीरे से सुनील के कान में बोली – प्लीज़ अब मुझे जाने दो .. बात मान जाओ.

सुनील ने बहुत गुस्से से उसे देखा और सूमी सिहर गयी – आँखों ही आँखों में सॉरी बोलने लगी.

सुनील ने फिर उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लग गया …. सोनल अपने होंठ सुनील की गर्दन पे रगड़ने लगी.

सूमी ने सोनल के हाथ को पकड़ा और सुनील की छाती से सटा उसके बटन खोलने का इशारा किया … यहाँ सूमी ने ये हरकत सोनल से करवाई वहाँ सुनील ने सूमी की साड़ी का पल्लू नीचे सरका दिया और उसके उरोज़ को ब्लाउस के उपर से मसल्ने लग गया. सोनल सुनील की शर्ट के बटन खोलती चली गयी.
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01-12-2019, 02:04 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील और भी आगे बढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से सूमी के होंठ चूस्ते हुए उसके ब्लाउस के बटन खोलने लग गया.

सूमी को ये मोका अच्छा लगा … वो सुनील की शर्ट के बटन खोल चुकी थी और वाइन ग्लास उठाने के बहाने वो उठने लगी … तभी सुनील ने उसे पकड़ लिया .. क्यूंकी सूमी की नज़रें सोनल पे थी चाहे उसके साथ जो भी हो रहा था जिसका वो आनंद ले रही थी. 

सोनल ने गुस्से से सूमी की तरफ देखा और बैठ गयी और धीरे धीरे वाइन सीप करने लगी.

सुनील ने सूमी को छोड़ा और सोनल को पकड़ लिया…ऊऊओउऊउक्ककचह सोनल की तो चीख निकल गयी उसे उम्मीद नही थी कि सुनील जिस तरहा सूमी के साथ आगे बढ़ चुका था वो उसकी तरफ रुख़ भी करेगा … उसे तो झटका लग गया.

उम्म्म्म कुछ बोलना चाहती थी पर सुनील ने बोलने ही नही दिया. दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लग गये और सूमी ने जब अपने बटन बंद करने की कोशिश करी तो सुनील हत्थे से उखड़ गया.

इतना गुस्सा चढ़ा उसे कि सोनल से हट वो सामने पड़ी आधी वाइन की बॉटल ख़तम कर उसे खिड़की से बाहर फेंकता हुआ कमरे से बाहर निकल गया और लिविंग रूम में जा के मिनी बार से और निकल के पीने लग गया.

दोनो की दोनो उसे जाता हुआ देखती रही.

दोनो को होश आया तो सोनल सर झुका के बैठी रही और सूमी उसके पीछे भागी.

सूमी जा के उससे चिपक गयी ‘ क्या हो जाता है आपको’

सुनील गुस्से से उसे देखता है ‘ जो तुम करती हो उसका असर हो जाता है’

सूमी अब अच्छी तरहा समझ गयी थी कि ये उसकी एक नही चलने देगा वही करेगा जो इसका मन करेगा … और उसके गुस्से में छिपे प्यार को वो अच्छी तरहा पहचानती थी. उसकी खुशी के लिए अब वो कुछ भी करने को तयार हो गयी थी.

‘माफी….’ इतना ही वो बोली कि सुनील ने उसके होंठों पे हाथ रख दिया.

सूमी फिर उसे खींचते हुए वापस कमरे में ले गयी. और उसे बिस्तर पे बिठा पहले अपनी साड़ी उतारी फिर सोनल की भी उतार डाली और उसे ले कर सुनील के पास बैठ गयी… अब सब उसने होनी पे छोड़ दिया था. 

सुनील का मूड ऑफ हो चुका था… सोनल में पहल करने की हिम्मत नही थी. मूड सूमी ने बिगाड़ा था उसे ही ठीक करना था. सोनल बस सर झुकाए बैठी रही. 

सूमी उठ के दोनो के सामने खड़ी हो गयी .. उसकी आँखें नाम पड़ गयी. उसने दोनो को गले लगाया और सस्सूऊरररी बोलने वाली थी कि दोनो के हाथ उसके होंठों से चिपक गये और सूमी पागलों की तरह दोनो को चूमने लगी.

वो दोनो भी सूमी से चिपक गये. और सूमी ने खुद पहल करते हुए इस बार अपने होंठ सुनील के होंठों से सटा दिए. वो लज़्ज़त जो कुछ देर के लिए गायब हो गयी थी लोटने लगी. बाहर समुन्द्र की लहरें उछल उछल कर इतना उँचा उठने लगी कि खिड़के के अंदर झाँक सके …. हो क्या रहा है… आज वो मस्ती भरी सांसो की सरगम कहाँ चली गयी.

सूमी ने अपने होंठ अलग कर धीरे से सुनील के कान में बोला … मैं यही हूँ.. लेकिन पहले सोनल.. अब मुझे निराश मत करना. और फिर सुनील के होंठ चूसने लग गयी.
कुछ देर दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे फिर सूमी अलग हो गयी और सुनील को सोनल की तरफ ठेल दिया.

सूमी ने जब सुनील को सोनल की तरफ ठेल तो सोनल की साँस उपर नीचे होने लग गयी. सुनील ने उसके चेहरे को अपने हाथों में थाम लिया और उसकी आँखों में देखने लगा. सोनल शर्म के मारे मरी जा रही थी. उसे इस बात की परवाह नही थी कि सूमी भी माजूद थी … क्यूंकी वो खुद सूमी का साथ चाहती थी .. उनपलों में जब डर के मारे उसकी जान निकलने वाली हो. 

सूमी बिस्तर पे एक कोने में दूसरी तरफ मुँह कर के लेट गयी. और अपनी आँखें बंद कर ली. जो एकांत वो सोनल को देना चाहती थी वो .. चाह कर भी ना दे पाई. होनी के खेल भी निराले होते हैं.

सोनल ने अपनी आँखें बंद कर ली … उसके होंठ कपकपाने लगे और सुनील के गर्म होंठों का इंतेज़ार करने लगे. सुनील भी उन होंठों की दावत ना ठुकरा सका और उसके होंठ सोनल के होंठों के साथ अपना संगम करने लगे.

दोनो की सांस तेज होने लगी और एक दूसरे में घुलने लगी … वही चिरपरिचित सरगम कमरे में फैलने लगी और उस सरगम को सुन सूमी के चेहरे पे मुस्कान आ गयी और बंद आँखों के साथ वो इस सरगम के अंदर छुपे सुरों का मज़ा लेने लगी …. 

सोनल के मुँह में जब सुनील की ज़ुबान ने पदार्पण किया तो वो सिहर गयी …. काँपती हुई सुनील में सामने की कोशिश करने लगी … उसकी सिसकियाँ सुनील के मुँह में ही घुलने लगी … लेकिन सांसो से निकलता हुआ संगीत दोनो की हालत ब्यान कर रहा था … जो खिड़की से बाहर निकल फ़िज़ा में फैलने लग गया और उफनती हुई लहरों को भी चैन मिलने लगा.

समुद्र एक दम शांत हो गया ताकि वो इस संगीत का लुफ्त उठा सके और अपने भीतर वास करती मछलियों को सुना सके.

इस संगीत में छुपी कामुकता समुद्रि जीवों को भी आपस में संभोग करने को उकसाने लगी.

सोनल के दोनो हाथ सुनील के बालों को सहलाने लगे और सुनील के हाथ सरकते हुए सोनल के वक्षों को सहलाने लगे.

काम और रति ने अपना अभियान चालू कर दिया था. सुनील सोनल के ब्लाउस के बटन खोलने लग गया और सोनल ने अपने होंठ उसके होंठों के क़ैद से छुड़ा लिए और तेज तेज सांस लेते हुए सुनील की गर्दन से अपनी नाक रगड़ते हुए हल्की हल्की सिसकियाँ लेने लगी ‘ आअहह सुनील… माइ लव….’

‘सोनल लव यू डार्लिंग’

सुनील और वो दोनो एक दूसरे से चिपके हुए थे बस सुनील के दोनो हाथ बीच में सोनल के ब्लाउस के हुक खोलने में व्यस्ते थे.

ब्लाउस खोलने के बाद सुनील ने सोनल के पेटिकोट का नाडा भी खोल दिया और सोनल शर्म के मारे अमर बेल की तरहा सुनील से चिपकती चली गयी.

सुनील ने सोनल को खड़ा कर दिया… पेटिकोट सरकाता हुआ सोनल के पैरों के पास जमा हो गया और सुनील ने ब्लाउज भी उसके बदन से अलग कर दिया. 

सुनील ने उसे उठा के बिस्तर पे लिटा दिया और अंडरवेर छोड़ सभी कपड़ों से आज़ाद हो उसके पास लेट गया.

सूमी दूसरी तरफ मुँह कर के लेटी हुई थी और ये दोनो एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे हुए थे. 

अहह सोनल सिसकी जब सुनील ने उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया.

दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे… सोनल के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी.. आने वाले पलों का सोच कर उसके जिस्म में रोमांच बढ़ता जा रहा था. सुनील के हाथ उसके बदन पे थिरकते हुए जब उसकी ब्रा के हुक पे पहुँचे तो सोनल की पलकें भारी होती चली गयी और वक्षों का उठान और गिराव बढ़ गया. 

निपल सख़्त होते चले गये और ब्रा में से बाहर निकलने की तमन्ना करने लगे. जैसे ही सुनील ने हुक खोले और ब्रा और ब्रा की तनियो को उसकी बाँह से सरकाने का प्रयास किया सोनल थोड़ा सा हिली ताकि ब्रा को उसके जिस्म से बाहर निकालने मे आसानी हो.

सुनील की नज़रें सोनल के उरोजो से चिपक गयी. और शर्मा के सोनल ने अपने चेहरे को ढांप लिया.

अब सोनल बिस्तर पे पीठ के बल हो गयी थी. सुनील उसके उपर झुका और उसके हाथों को अलग कर उसके होंठों पे ज़ुबान फेरते हुए अपने दोनो हाथों से उसके वक्षों को सहलाने लगा … मचल उठी सोनल और उसने अपनी जाँघो को सख्ती से भींच लिया क्यूंकी उसके उरोजो से उठती हुई तरंगे सीधा उसकी योनि पे वार कर रही थी.
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01-12-2019, 02:04 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘ओह सुनील……अहह’ सोनल के अरमान मचलने लगे थे और सुनील सोनल में डूबने लगा था. सोनल के होंठों पे ज़ुबान फेरते हुए वो उसकी थॉडी को चाटने लगा और फिर गर्दन को चाटते हुए उसके उरोजो की घाटी में अपनी ज़ुबान फेरने लगा.

‘ओह्ह्ह्ह माआआआआअ….. हाई क्या कर रहे हो… मुझे कुछ हो रहा है’

अब सुनील उसके उरोजो की घाटी से अपनी ज़ुबान को फिराते हुए उसके उरोज़ की परिक्रमा करते हुए उसके निपल तक पहुँचा …. ये एक ऐसा अहसास होता है जैसे कोई तब महसूस करता है जब उँचे विशाल पर्वत की चोटी तक पहुँच जाता है.

‘उउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सक मी डार्लिंग… सक मी हार्ड…’ कल की सोनल और आज की सोनल में कुछ फरक आ चुका था आज वो सुनील के साथ जल्दी खुलने लगी थी.

सुनील भी उसकी मंशा को पूरा करने में लग गया और ज़ोर ज़ोर से उसके निपल को चूसने लग गया.

‘ओह्ह्ह यस… यस…. लव यू…..अहह’ सोनल की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी ……. ये वो समय होता है जब दो जिस्म दुनिया भूल कर एक दूसरे में सामने के लिए अग्रसर हो जाते हैं.

सुनील सोनल के उरोजो में डूब चुका था. सोनल के दिल की धड़कन पल पल बढ़ती जा रही थी…. यही वो समय था जब सूमी चुप चाप उठी और कमरे से बाहर निकल गयी….. क्यूंकी इस वक़्त उन दोनो को कोई होश नही था ….. अगर सूनामी भी आ जाती तो भी उन्हें परवाह नही होती.

सूमी अपने कमरे में आ कर लेट गयी… आज वो खुश थी… आज उसकी गुड़िया कली से फूल बन जाएगी…. आज सोनल और सुनील उस प्रेम रह पे चल पड़ेंगे… जहाँ से कोई लॉटा नही है बस आगे ही आगे बढ़ता रहता है.

सुनील कभी एक निपल को चूस्ता तो कभी दूसरे को… और सोनल बस सिसक के रह जाती. 

सोनल ने सुनील के बालों को सहलाना शुरू कर दिया और उसे अपने निपल पे दबाने लगी … सुनील भी मुँह खोलता गया और उसके मम्मे को जितना हो सके मुँह में भरता चला गया….

अहह मेरी जान ….आज निकाल दो दूध इनमे से… पी जाओ मुझे… ईट मी डार्लिंग ईट मी…. ड्रिंक मी… अहह आइ आम ओन्ली फॉर यू… ओन्ली फॉर यू लव….’

सुनील उसके निपल को मसल उसके जिस्म में तरंगो के ज्वारभाटे को जगा चक्का था और सोनल उस राह पे चल चुकी थी जहाँ वो तन मन से अपने प्रेमी के अंदर समा जाने को आतुर हो जाती है.

खिड़की से झाँकता हुआ चाँद लार टपका रहा था ….. सोनल के उन्नत उरोज़ उसके अंदर की जवाला को भड़का रहे थे और बेचारा बस बादलों के साथ आँख मिंचोली करने लग गया क्योंकि आज चाँदनी का मूड कुछ और था … वो अपनी छटा सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनल पे बिखेरना चाहती थी…. उसके जिस्म से निकलती उर्ज़ा से खुद को आनंदित करना चाहती थी. चाँद को आज ही महसूस हुआ… हाई मेरे ये दाग … इनकी वजह से आज मेरी चाँदनी भी विमुख हो गयी… देखो कैसे इन प्रेमियों की लीला से आत्मविभोर हो रही है.

सुनील सरकते हुए सोनल की नाभि तक पहुँच गया और सोनल ने अपनी टाँगे पटकनी शुरू कर दी … कल जो अहसास उसे हुआ था… आज शायद वो उसे बर्दाश्त करने के काबिल ना थी…उसकी नाभि उसके जिस्म का सबसे संवेदनशील हिस्सा था जो एक बटन की तरहा काम करता था… दबाया और मिज़ाइल छूट गया ….. ऐसा ही कामुकता से भरा मिज़ाइल सोनल के बदन में छूटने वाला था…… लो छूट ही गया क्यूंकी सुनील ने उसकी नाभि में अपनी जीब घुसा उस बटन को दबा दिया.

‘मत करो …. हाऐईयइ मुम्मय्यययययययययी रोको इन्हें….. उफफफफफफ्फ़ जान रुक जाओ ना…. हाई ये क्या हो रहा है मुझे….’

सोनल की चूत में ऐसी तेज खुजली मचनी शुरू हो गयी जैसे हज़ारों चीटियाँ अंदर रेंग रही हो … उसका जिस्म बिस्तर से उछलने लगा….कुछ ही पलों में वो उस कगार पे पहुँच गयी जहाँ हर लड़की आनंद के समुद्र में गोते लगाने लगती है और मन ही मन दुआ करती है कि समय रुक जाए और वो कभी इस समुद्र से बाहर ना निकले.

सोनल कैसे अछूती रहती वो आज का पहला चर्म सुख प्राप्त करने जा रही थी. सुनील तेज़ी से उसकी नाभि को अपनी जीब को नुकीला बना कर चोद रहा था और सोनल म्म्म्महममाआआआआआआआआआआअ करते हुए झड़ने लगी. उसने सुनील के सर को अपनी नाभि पे दबा डाला … जिस्म कमान की तरहा उठ गया और फड़फड़ाने लगा.

सोनल की चूत ने नदियों के बाँध खोल दिए थे जो उसकी पैंटी से रिस्ते हुए बिस्तर पे सैलाब बनाने लगे थे.

सोनल का जिस्म धम्म से बिस्तर पे गिरा और उसने सुनील को उपर खींच लिया…. वो हाँफ रही थी .. उसकी आँखों में आनंद के आँसू थे.

सुनील उसके चेहरे को देख रहा था…

सोनल ने उसके चेहरे को अपने हाथों में थाम लिया… ‘ मुझे ऐसे ही प्यार करोगे ना जिंदगी भर… कभी मुझ से नाराज़ तो नही हो जाओगे… मैं मर जाउन्गि तुम्हारे बिना…’

‘सोनल मेरी जान ‘ सुनील ने उसके चेहरे को चुंबनो से भर दिया.

‘सुनील…….’ सोनल की निगाहों में एक इल्तीज़ा थी …….. जो शर्म के मारे होंठों तक नही आ पा रही थी… आज वो कली से फूल बनना चाहती थी… अपने साजन को अपने अंदर समेटना चाहती थी.

सुनील ने उसकी आँखों की भाषा पढ़ ली थी…… आख़िर कब तक दो दिल एक दूसरे से दूर रहते जब दोनो ही एक लय में धड़कने की कामना रखते थे.

सुनील ने उसकी लज्जा का सम्मान किया और और उसके हाथ सोनल की पैंटी से उलझ गये.

सोनल की पैंटी उसके जिस्म से अलग हो गयी और सोनल की शर्म ने उस पे बार बार वार करना शुरू कर दिया…. वो अपना जिस्म ढकना चाहती थी… पर अपने साजन की तरसती हुई आँखों को देख जो उसके रूप योवन का पान कर रही थी … बस अपनी आँखें बंद कर पड़ी रही और अपने दिल की धड़कनो को समझने लगी … इतना मत भड़को अभी से … अभी मंज़िल दूर है.
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