10-03-2018, 04:19 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
"विक्की मान जा !! मैने कहा ना अभी मेरा मूड नही है" नीमा के अत्यधिक विरोध जताने के बावजूद विक्की ने उसके हाथ की मुठ्ठी को अपने शुषुप्त लंड की गोलाई पर कस लिया और फॉरन अपना लंड मुठियाना आरंभ कर देता है.
.
"उफफफ्फ़ दो दिन हो गये हैं मम्मी !! अब और मुझसे सहेन नही हो पाएगा" उसने आह भरी और साथ ही अपने दूसरे हाथ से अपनी मा की दाईं चुचि कठोरता से मसल्ने लगा.
.
"तू समझता क्यों नही, छोड़ मुझे !! वरना मैं थप्पड़ मार दूँगी" नीमा ने चिल्ला कर कहा. जहाँ कल तक वह मा अपने बेटे के सुंदर लंड की एक झलक पाने के लिए अपनी लार टपकाती फिरती थी वहीं अभी उसे मानसिक कष्ट हो रहा था. शायद स्नेहा की हृदय-विदारक हरक़त से नीमा बुरी तरह टूट चुकी थी.
.
"मगर क्यों ?" विक्की ने थप्पड़ वाली बात सुनते ही अपनी गति-विधियों को तुरंत रोक कर पुछा "जब आप का मन होता है तब क्या मैं आप को मना करता हूँ ?" वह खीज़ा.
.
"म .. मेरा मतलब है !! देख ना घर कितना गंदा पड़ा है, मैं सॉफ-सफाई कर लूँ फिर तू जो चाहेगा मैं करूँगी" नीमा की ज़ुबान लड़खड़ाने लगी जब उसने अपने पुत्र का चेहरा क्रोध-वश लाल होते देखा.
.
"सफाई की मा की चूत !! मुझे कुच्छ नही सुनना, बस फटाफट अपने कपड़े उतारो" अपनी टी-शर्ट उतारने के उपरांत विक्की पूरी तरह नंगा हो गया.
.
"मैं तुझे मना थोड़ी ना कर रही हूँ" अपने बेटे के स्वाभाव में अचानक आए परिवर्तन को महसूस कर नीमा सिहर जाती है "चल नाराज़ ना हो, अभी मैं तेरा लंड चूस कर तुझे झाड़वा देती हूँ. बाद में तू जो कहेगा मैं करने को तैयार रहूंगी" वह फर्श पर अपने घुटनो के बल बैठती हुई बोली.
.
"तो फिर ठीक है !! आज रात मैं आप की गान्ड मारूँगा" कह कर विक्की के होंठो पर कुटिल मुस्कान छा गयी.
.
"क्या !! नही-नही मैं अपनी गान्ड नही मरवाउन्गि" नीमा ने घबरा कर कहा. विक्की की बातें और तीव्रता से बढ़ती जा रही उसकी माँगे, सब उसकी मा के होश उड़ाने को काफ़ी थी.
.
"अब अपने वादे से मूकरो मत मम्मी !! वरना मुझे ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी" विक्की अपनी मा पर दबाव बनाते हुए बोला.
.
"त .. तेरी हिम्मत कैसे हुई जो तू अपनी मा से इस लॅंग्वेज में बात कर रहा है" नीमा भी थर्रा उठती है.
.
"क्यों ना करूँ !! जब आप का मन होता है, अपनी मर्ज़ी से मेरे साथ सब कुच्छ कर लेती हो और आज मेरा मन है तो मना कर रही हो. मुझे आज रात आप की गान्ड मारनी है, मतलब मारनी है" कह कर विक्की अपने पाव पटकते हुए नंगा ही अपने कमरे की ओर प्रस्थान करने लगा और नीमा टुकूर-टुकूर अपनी हैरत भरी निगाहों से उसे जाता देख रही थी.
|
|
10-03-2018, 04:20 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
"जब तुझे अपनी मा की गान्ड पसंद है तो मुझे भी अपने बेटे की गान्ड से बहुत प्यार है" नीमा ने अपने कोमल गालो को परस्पर विक्की की मुलायम गान्ड की ऊपरी सतह पर रगड़ते हुए कहा और तत-पश्चात अपने गीले बालो की लंबी लट अपनी प्रथम उंगली में लपेटने के उपरांत अपनी उसी उंगली से अपने पुत्र का गुदा-द्वार खुजाने लगती है.
.
"ओह्ह्ह !! म .. म .. मत करो" अपनी मा की यह अजीबो-ग़रीब हरक़त देख विक्की के कानो से धुंवा निकल गया और बिन पानी की मछ्ली की भाँति वा बिस्तर पर मचलने लगा.
"आईईई !! छोड़ दो मम्मी" चीखते हुए वह अपना माथा रूई से लबालब भरी तकिया पर पटकना शुरू कर देता है.
.
"अरे रुक तो सही !! जब तूने कहा है कि आज रात तू मेरी गान्ड मारेगा तो क्या मुझे हक़ नही कि मैं भी अपने बेटे की गान्ड से कुच्छ देर खेल सकूँ" नीमा ज़ोर से हँसी "सोचा था ग्लॉस लगाने के बाद तेरे होंठ चुसुन्गि मगर नही, अब मेरा मन तेरी गान्ड का सुराख चाटने को कर रहा है" बोल कर वह मा निर्लज्जता से अपना ढेर सारा थूक अपने पुत्र की गान्ड की खुली दरार में उडेल देती है और इससे पहले कि उसका थूक नीचे बह कर बेडशीट को गीला कर पाता, नीमा ने बिजली की गति से अपनी जीभ ओन्धे लेटे विक्की के फड़कते टट्टो पर अड़ा दी और शक्ति-पूर्वक सुड़कते हुए अपने थूक के साथ उसके टट्टो को भी अपने मूँह के भीतर खींच लेने का प्रयत्न करती है.
.
यह तो सर्व-विदित है चाहे मर्द हो या औरत, शरीर के सभी अंग एक तरफ मगर गुदा-द्वार की स्पंदानशीलता उन सभी अंगो से बिल्कुल भिन्न एवं अविश्वसनीय उन्माद से परिपूर्ण होती है और साथ ही उस छिद्र पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मिलने वाली हल्की सी छुवन, छोटी सी थिरकन भी प्राण-घातक व ना झेल पाने योग्य मालूम पड़ती है. विक्की बुरी तरह कराह रहा था मगर उसकी मा उसे सम्हलने का कोई मौका नही दे रही थी और कुच्छ लम्हे तक बेटे के टट्टो को चूसने के पश्चात नीमा ने अपना सारा ध्यान दोबारा विक्की की गान्ड के छेद पर केंद्रित करने का मन बनाया.
.
"ओह्ह्ह मम्मी .. मम्मी प्लीज़ छोड़ दो !! वरना दर्द के मारे मेरा लंड फट जाएगा" विक्की की ज़ुबान उसके जिस्म की तरह ही लहराने लगी, वाकयि उसका लंड किसी मजबूत पत्थर समान बेहद कड़क हो चुका था.
.
"अभी कहाँ से !! अभी तो तेरी गान्ड भी फटेगी और तुझे उसके फटने की आवाज़ भी सुनाई नही देगी" नीमा ने मन ही मन सोचा और अपनी तिकोनी जीभ में कठोरता ला कर वह अपने पुत्र की गान्ड के छिद्र को तीव्रता से चोदने भिड़ जाती है. विक्की ने लाख अपनी गान्ड सिकोडी, अपने हाथ-पाव फटकारे, अपने जबड़े भींचे, रहम की भीख माँगी मगर अपनी मा के कार्य में ज़रा भी बाधा उत्पन्न नही कर सका और ज्यों ही नीमा के होंठो ने उसके छेद को प्रचंडता से चूसना शुरू किया, सिहरन से काँपते हुए बिना किसी छुवन के खुद ब खुद विक्की के लंड से वीर्य की असीम फुहारें छूटने लगती हैं.
.
"अहह" अकसर पॉर्न मूवीस में देखने मिलता है कि मर्द के स्खलित होने से पूर्व उनकी पार्ट्नर उनके गुदा-द्वार में अपनी उंगली ठूंस देती हैं ताकि वे भारी गर्जना और प्रबलता से झडे हैं और वीर्य निकलने की मात्रा में भी वृद्धि हो सके. फिर नीमा तो अपने बेटे की गान्ड का छेद अत्यंत कठोरता से चूस रही थी और उसकी करारी आह सुनने के उपरांत भी उसने विक्की पर कोई ढील नही बरती.
|
|
10-03-2018, 04:20 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
"अब नखरे ना करो मम्मी !! वरना आप जानती हो, मुझे आप का मूँह खुलवाने के और भी कयि रास्ते मालूम हैं" विक्की ने अपने अंगूठे के नाख़ून को नीमा नाभि की अन्द्रूनि सतह पर घिस्ते हुए कहा.
"आप की नेवेल बहुत चिकनी है" वह अपनी मा का बायां हाथ ऊपर की दिशा में उठाते हुए बोलता है.
.
"न .. नही विक्की !! वहाँ कुच्छ ना करना बेटे. हां मैं तुझे मनाने आई थी" अपने पुत्र की मंशा समझते ही नीमा ने सारा सच चुटकियों में स्वीकार कर लिया और फॉरन अपनी बेवकूफी पर झुंझलाई.
"उफफफ्फ़ !! क्यों मैने स्लीवेलेस्स ब्लाउस पहेना, अब विक्की ज़रूर मेरी कांख चाटेगा" सोचने भर से उसकी चूत कुलबुला जाती है.
.
"हे हे हे हे बहुत चतुर हो मम्मी !! सुबह तो बड़ी ऐंठ से कह रही थी, गान्ड नही मर्वाओगि और अब खुद ही अपने बेटे को मनाने आ गयी" उसने अपनी मा की पसीने से लथपथ कांख को सूंघ कर कहा.
"ह्म्म्म !! मैं मदहोश हो जाता हूँ आप के जिस्म की खुश्बू से" शरारत भरी मुस्कान बिखेरने के उपरांत ही विक्की उसकी कांख पर अपनी जीभ रगड़ने लगता है.
.
"ओह्ह्ह्ह !! क .. क्या करता है विक्की, मत कर" नीमा सिहरन से काँपते हुए बोली, उसका संपूर्ण कथन भी उसके भर्राये गले से बाहर नही निकल पाता.
"स्नेहा आ जाएगी बेटा" उसकी आँखें बंद होने की कगार पर पहुँच गयी.
.
"मेरी नमकीन मम्मी !! तो फिर वादा करो, आज रात मुझे अपनी गान्ड चोदने डोगी" विक्की ने अपनी जीभ की मचलाहट को विराम दे कर कहा.
"वरना आप अच्छे से जानती हो !! आप का बेटा कितना बड़ा कमीना बन चुका है" वह अपने अंगूठे को बल-पूर्वक नीमा की गहरी नाभि के भीतर पेल देता है ताकि अपनी मा का रहा-सहा विरोध भी समाप्त कर सके.
.
"अहह मान जा बेटे" विक्की की निरंतर बढ़ती जा रही कामुक हरक़तें और उसके अश्लील संवादों के प्रभाव से नीमा के गोल मटोल मम्मो का उसके बेहद तंग ब्लाउस में क़ैद रह पाना ना-मुमकिन हो गया.
"मगर ..मगर मुझे दर्द हुआ तो ?" स्वतः ही उसके लब थरथरा उठते हैं.
.
"यह हुई ना बात !! दर्द की चिंता मत करो मम्मी. मैं बहुत आराम से करूँगा और फिर देखना, चूत से कहीं ज़्यादा मज़ा आप को अपनी गान्ड मरवाने में आएगा" अत्यंत खुशी से अभिभूत विक्की ने फॉरन अपनी मा के होंठ चूम लिए.
|
|
10-03-2018, 04:20 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
"तू कहता है तो मान जाती हूँ लेकिन मुझे ज़रा सा भी दर्द महसूस हुवा, उसी वक़्त तू अपना लंड बाहर निकाल लेगा" नीमा उसे चेताति है.
"मोटाई देखी इसकी, मेरी गान्ड का छेद फाड़ देगा तेरा लॉडा" साथ ही अपनी कजरारी आँखों को बड़ा करते हुए उसने शंका भी ज़ाहिर की.
.
"फिकर क्यों करती हो मम्मी !! मैं हूँ ना" आश्वासन देने के पश्चात विक्की ने अपनी मा के विशाल स्तनो के बीच की घाटी में अपना चेहरा छुपा लिया.
.
"स्नेहा सो जाए तब मेरे कमरे में आ जाना" कहने के उपरांत नीमा भी अपने पुत्र की नंगी पीठ सहलाना शुरू कर देती है.
-------------
"निकिता !! आज से इंटर-कॉलेज फुटबॉल लीग चॅंपियन्षिप स्टार्ट हो रही है. क्या तू चल रही है ग्राउंड में ?" क्लासमेट पूजा की आवाज़ सुन निक्की की तंद्रा टूटी.
"पूरी क्लास वही हैं" वह आगे बोली.
.
"तू चल !! मैं थोड़ी देर से आती हूँ" कह कर निक्की वापस अपनी सोच में डूब जाती है. आज उसका भाई निकुंज अकेला ही वॉक पर निकल गया था.
"पर क्यों ?" दर्ज़नो बार वह खुद से यही प्रश्न पुच्छ चुकी थी मगर अब तक उसे संतुष्टि-जनक उत्तर नही मिल पाया था.
.
"क्या मोम को मुझ पर किसी प्रकार का कोई शक़ है ?" बीती शाम की चाइ वाला किस्सा ज्यों का त्यों उसके मश्तिश्क में बवाल मचा रहा था. उसकी मा के वे साधारण सवाल, जिनके मामूली से जवाब देने मात्र में निक्की की हालत पस्त हो गयी थी.
"अगर भाई ने बीच-बचाव नही किया होता तो यक़ीनन मैं रो देती. कितना डर गयी थी मैं" लंबी साँस छोड़ते हुए उसने अपना सूख चुका थूक निगला और फॉरन जाना, उसकी घबराहट के अंश बरकरार थे.
.
"हुह !! भाई ने कहा, घर पर हमें एक-दूसरे से दूर रहना होगा. चलो कोई ना, मुझे आस थी कि घर से बाहर तो हम साथ होंगे मगर वहाँ भी मोम ने अपनी टाँग अड़ा दी. अब से वे भी रोज़ाना हमारी चौकीदारी करने पार्क जाया करेंगी" निक्की की पलकें भीगने लगी और इससे पहले कि वा फूट-फूट कर रोना शुरू कर देती, उसने अपना बॅग समेटा और तीव्रता से अपनी क्लास से बाहर दौड़ जाती है.
कॉलेज की छुट्टी होने में काफ़ी समय शेष था मगर तीव्रता से चलायमान निक्की के बोझिल कदम नही रुके. अत्यधिक गोरी रंगत के उसके मुलायम व चिकने गालो पर बहते आँसुओ का कोई पारवार ना था जो गहेन उदासी, अधीरता, क्रोध एवं कुंठा के मिले जुले संगम के नतीजन इस वक़्त सुर्ख लाग रंग धारण कर चुके थे. निश्चित अंतराल से वह अपने सूती दुपट्टे को बरबस अपनी भीगी पॅल्को और पनियाई नाक पर रगड़ लेती ताकि अगाल-बगल से गुज़रते हर चेहरे से अपनी आंतरिक पीड़ा छुपा सके. चलते हुए वह क्या बुदबुदा रही थी, स्वयं उससे अंजान थी.
"पहले प्यार का खुमार और पिया मिलन की आस" तंन से कहीं ज़्यादा अपने मन की प्यास से तड़पति उस कुँवारी युवती को देख शायद कुच्छ ऐसा ही प्रतीत हो रहा था. कॉलेज पार्किंग में खड़ी अपनी अक्तिवा पर सवार हो कर शीघ्र ही निक्की कॅंपस से बाहर आने लगती है.
.
"क्या भाई के ऑफीस जाना ठीक होगा ?" उसने विचार किया.
"नही-नही वहाँ नही, तो फिर कहाँ ?" असमंजस की स्थिति में फसि निक्की का धैर्य अब पूर्ण-रूप से टूटने की कगार पर पहुँच गया था और कब उसकी अक्तिवा उसके घर की दहलीज़ को पार कर जाती है उसे पता भी नही चलता.
.
"भाई तो घर पर हैं" बाहर मौजूद निकुंज की कार पर नज़र पड़ते ही निक्की के चेहरे पर सुबह से छाए मायूसी के बे-मौसम घने बादल फॉरन छाँट कर शीत ऋतु की ठंडी ल़हेर से ओत-प्रोत अतुलनीय आनंद में परिवर्तित हो गये और हमेशा की तरह हॉल से सीधे अपने कमरे की ओर प्रस्थान कर जाने वाली वह अत्यंत शर्मीली युवती बिना किसी अतिरिक्त भय के अपनी आदत में परिवर्तन करने पर मजबूर हो उठती है.
|
|
10-03-2018, 04:20 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
"निक्की !! कॉलेज से इतनी जल्दी कैसे लौट आई ?" डाइनिंग टेबल पर बैठते ही निकुंज ने अपनी बहेन से पुछा मगर पुछ्ते वक़्त उसने अपनी आँखें अपनी मा के खूबसूरत चेहरे पर जमा रखी थी.
"क्यों मोम !! पापा भी टाइम से पहले आ गये ना ?" वह दोबारा सवाल करता है और उसकी बात सुन जहाँ कम्मो अपनी कजरारी आँखों को बड़ा करते हुए इशारो में उसे चुप रहने का संकेत करती है वहीं अपने कोमल होंठो को खिलने से नही रोक पाती.
.
"काम से फ्री हो गये होंगे" कम्मो ने कहा. निकुंज और निक्की आमने-सामने और कम्मो अपनी बेटी के बगल में बैठी थी.
.
"भाई !! आज हमारे कॉलेज में फुटबॉल चॅंपियन्षिप का इनॉग्रेषन था तो मैं वापस लौट आई" बिना सर ऊपर उठाए निक्की ने नॉर्मल टोन में जवाब दिया और अपनी प्लेट में मौजूद राजमा-चावल चुग्ने लगती है.
.
"कितने दिनो तक चलेगी यह चॅंपियन्षिप ?" अपनी प्यारी बहेन के चेहरे पर छाई गहेन उदासी निकुंज प्रत्यक्ष रूप से देख रहा था. जिस तरह वह अपना सर नीचे झुकाए अपनी प्लेट में चम्मच घुमा रही थी, उसके भाई पर उसका दुख ज़ाहिर होने के लिए उतना काफ़ी था.
.
"10 दिन" वह फुसफुसाई और अगले ही पल अपनी कुर्सी समेत फर्श पर गिर पड़ी.
.
"निक्की" निकुंज के साथ उसकी मा की चीख से पूरा हॉल गूँज उठता है. वह फॉरन अपनी बहेन के समीप पहुच गया जिसका सर उसकी मा ने अपनी गोद में सँभाल रखा था.
"क्या हुआ निक्की !! बेटा कैसे गिर गयी ?" रुआंसे स्वर में कम्मो ने उसका गाल थप-थपा कर पुछा. वह खुद नही समझ पाई आख़िर कैसे उसकी बेटी अचानक अपनी कुर्सी समेत नीचे गिर सकती है.
.
"निकुंज !! लगता है इसे चक्कर आ गये" कम्मो ने चिंता जाताई और निकुंज अपनी मा का आशय समझ तुरंत निक्की को अपनी गोद में उठा लेता है.
"कमरे में चल !! मैं ग्लूकोस ले कर आती हूँ" कम्मो सीढ़िया चढ़ते हुए बोली और निकुंज अपनी बहेन के कमरे की ओर चल पड़ा.
.
"भाई !! मैं ठीक हूँ" कह कर निक्की की आँखों से आँसू बह निकले, जिन्हें देख निकुंज को अपनी करनी पर अफ़सोस होने लगा.
.
"माफ़ कर दे निक्की !! मैने तो मज़ाक में तेरे पाँव पर अपना पाँव रखा था. मुझे थोड़ी ना पता था कि तू घबरा कर नीचे ही गिर जाएगी" निकुंज भर्राये गले से बस इतना ही कह सका, उसकी आँखें भी नम हो गयी थी. निक्की को उसके बिस्तर पर लिटने के उपरांत वह खुद उसके बगल में बैठ गया.
.
"भाई !! मोम नाराज़ होंगी, आप इधर मत बैठो" वह सुबक्ते हुए बोली और अपनी बहेन की बात सुन निकुंज हैरत भरी निगाहों से उसका चेहरा घूर्ने लगा.
.
"तू मोम से इतना डरती क्यों है !! क्या तुझे अपने भाई पर भरोसा नही ?" अपनी बहेन के आँसू पोन्छ्ते हुए उसने पुछा. निक्की के लिए तो वह हर हद से गुज़रने को तैयार था, फिर चाहे उसके माता-पिता ही क्यों ना उसके दुश्मन बन जाते. निक्की अपने ही घर में चैन से नही जी पाए ऐसा निकुंज को कतयि मज़ूर नही था.
.
"आप के ऊपर तो अपनी जान से ज़्यादा भरोसा है भाई मगर ...." कमरे के दरवाज़े पर अपनी मा की आकृति देख निक्की ने अपना कथन अधूरा ही छोड़ दिया और बल-पूर्वक अपनी पलकें भींच लेती है. अपनी बहेन की यह हृदय-विदारक हरक़त व उसकी बुरी दशा निकुंज सह नही पाता और कम्मो के कमरे में प्रवेश करने के उपरांत बिना किसी जीझक के अपने होंठ अपनी बहेन के होंठो से जोड़ देता है.
निक्की के कुर्सी समेत फर्श पर गिर पड़ने से अत्यंत व्याकुल कम्मो तीव्रता से कमरे में प्रवेश करती है, बगैर किसी अव्रुद्धि के वह काफ़ी भीतर तक घुस आई थी मगर ज्यों ही उसकी नम आँखें अपने सगे पुत्र वा पुत्री के दरमियाँ पनपे चुंबन से टकराई, उस पहले से दुखी मा के पाँव वहीं जाम कर रह जाते हैं, जहाँ तक वह पहुँच पाई थी.
.
अपनी मा के सामने ही अपने होंठ, अपनी बहेन के होंठो से जोड़ देने वाले अपने भाई निकुंज की हिम्मत से अभिभूत निक्की का संपूर्ण जिस्म काँप उठता है, उसे निकुंज पर बेहद भरोसा था वरना डर के मारे यक़ीनन वह चीख देती. रोमांच से भरपूर कि उसके प्यारे भाई के होंठ उसके होंठो से चिपके हुए हैं, अब वह सच में बेहोशी की कगार पर पहुचने लगी थी.
.
अपनी मा की उपस्थिति को जानने के उपरांत भी निकुंज बिल्कुल भयभीत नही हुआ और अनुमान-स्वरूप कि कम्मो के बढ़ते कदम स्वयं उसी की अविश्वसनीय हरक़त देख थम गये हैं, वह फॉरन अपना दाहिना हाथ अपनी बहेन की दाईं चूची पर रखते हुए दोबारा अपनी मा को अचंभित कर देता है.
|
|
|