08-18-2018, 12:52 PM,
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RE: Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी
बबिता अब घुटनो को बल बैठ कर मेरी पॅंट के बटन खोलने लगी. बटन खुलते ही मेरा लंड फुन्कर मार बाहर निकल आया. बबिता बड़े प्यार से उसे अपने मुँह मे ले चूसने लगी. वो इतने प्यार से चूस रही थी जैसे वो मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार कर रही हो.
मेने अपनी जिंदगी में कभी किसी औरत की गांद नही मारी थी. मेने कई बार प्रीति को इसके लिए कहा पर हर बार उसने सॉफ मना कर दिया. एक बार मेरे काफ़ी ज़िद करने पर वो तय्यार हो गयी. पर मेरी किस्मत जैसे ही मेने अपना लंड उसकी गंद मे घुसाया वो दर्द के मारे इतनी ज़ोर की चीखी, के घबरा कर मेने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसके बाद मेने दुबारा कभी इस बात की हिम्मत नही की.
मगर आज लग रहा था कि मेरी बरसों की मुराद पूरी होने वाला है. मेने बिना समय बिताई अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया और बबिता से कहा, "बैठो अब तुम मेरे लंड को अपनी गंद के लिए तय्यार करो?"
वो खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ मुझे बाथरूम की तरफ घसीटने लगी, "राज तुम्हारे पास कोई क्रीम है."
बाथरूम में पहुँच कर मेने स्टॅंड पर से वॅसलीन की शीशी उठा उसे दे दी. मेने सब तय्यारी कल शाम को ही कर ली थी. बबिता मुस्कुराते हुए शीशी मे से थोड़ी क्रीम ले मेरे लंड पर मसल्ने लगी. मेरे लंड मसल्ते हुए वो मेरे सामने खड़ी बड़ी कामुक मुस्कान के साथ मुझे देखे जा रही थी.
बबिता शायद समझ चुकी थी कि मेने अपनी ज़िंदगी मे कभी किसी की गांद नही मारी है. उसने हंसते हुए मुझे बताया कि गांद मरवाने में उसे बहोत मज़ा आता है. उसने बताया कि प्रशांत भी अक्सर उसकी गंद मारते रहता है.
जब मेरा लंड क्रीम से पूरा चिकना हो चुक्का था तो उसने क्रीम की शीशी मुझे पकड़ा कर घूम कर खड़ी हो गयी. शीशे के नीचे लगे शेल्फ को पकड़ वो नीचे झुक गयी और अपनी गांद मेरे सामने कर दी.
बबिता ने शीशे में से मेरी और देखते हुए अपने टाँगो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी चूत और खुल गयी. बबिता मेरी ओर देखते हुए बोली, "राज अब इस क्रीम को मेरी गान्ड पर अछी तरह चुपद कर मेरी गंद को भी चिकना कर दो?"
मेने थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगलियों पे ली और उसके गंद पे मलने लगा. जैसे ही मेरी उंगलियों ने उसके गंद को छुआ वो एक मादक सिसकारी लेते हुए अपने सिर को अपने हाथों पे रख दिया, "राज अब तुम अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दो और उसे गोल गोल घूमाओ."
में अपनी एक उंगली उसकी गंद मे डाल गोल गोल घुमाने लगा. थोड़ी देर बाद उसने कहा, "अब तुम थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली पे ले अपनी दो उंगलिया मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करने लागो."
उसने जैसा कहा मेने वैसा ही किया. मुझे बहोत मज़ा आ रहा था, एक किसी की बीवी की गांद मरने का मौका उप्पर से वो ही मुझे सीखा रही थी कि गंद कैसे मारी जाती है. काश प्रशांत ये सब देख पता कि कैसे मेरी दो उंगलियाँ उसकी बीवी की गंद मे अंदर बाहर हो रही थी.
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RE: Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी
थोड़ी देर बाद जब उसकी गंद पूरी तरह से चिकनी हो गयी थी, "राज अब तुम मेरी गंद मार सकते हो, ये तुम्हारे लंड के लिए पूरी तरह से तय्यार है."
मेने उसे सीधा किया और अपनी गोद मे उठा उसे बिस्तर पे ले आया. मेने कनखियों से खिड़की की तरफ देखा तो मुझे प्रशांत की परछाई दिखाई दी. मेने बबिता को इस अंदाज़ मे घुटनो के बल बिस्तर पर लिटाया की उसकी गांद खिड़की की तरफ हो और प्रशांत को सब कुछ साफ नज़र आए.
बबिता बिस्तर पर पूरी तरह अपनी छातियों के बल लेट गयी जिससे उसकी गान्ड और उपर को उठ गयी थी. में उसकी टाँगो के बीच आ गया और अपना खड़ा लंड उसकी गंद के गुलाबी छेद पे रख थोड़ा सा अंदर घुसा दिया.
जैसे ही मेरा लंड का सूपड़ा उसकी गंद के छेद में घुसा उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, "ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई मर गयी"
बबिता ने अपने दोनो हाथ पीछे कर अपने चूतड़ पकड़ अपनी गंद को और फैला लिया. उसकी गंद और मेरा लंड पूरी तरह से क्रीम से सने हुए थे. मेने उसके चुतताड को पकड़ अपने लंड को और अंदर घुसाया, पर उसकी गंद इतनी कसी हुई थी की मुझे अंदर घुसाने में तकलीफ़ हो रही थी.
बबिता ने अपने चूतड़ और फैला दिए, "राज थोड़ा धीरे और प्यार से घुसाओ."
मेने अपने लंड को बड़े धीरे से उसकी गंद मे घुसाया तो मुझे लगा कि उसकी गांद के दीवारें और खुल रही है और मेरे लंड के लिए जगह बना रही है. मुझे ऐसा लगने लगा कि मे उसकी गंद मे लंड नही डाल रहा हूँ बल्कि उसकी गंद मेरे लंड को निगल रही है. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी गंद मे समाया हुआ था.
अब मे अपने लंड को उसकी गंद मे धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. में अपने लंड को बाहर खींचता और जब सिर्फ़ सूपड़ा अंदर रहता तो एक ही धक्के मे अपना लंड उसकी गंद मे पेल देता.
बबिता भी अपने चुतताड को पीछे की और धकेल मज़ा ले रही थी, "ःआआआआण ऱाआआआआआज़ डाळ्ळ्ळ दो अपनीईए लुंद्द्द्दद्ड को मेरी गाआाअंड मे. फ़ाआड़ दो इसे. लगाओ ज़ोर के धककककककके."
मुझे भी जोश आता जा रहा था. मेने बबिता के कंधो को पकड़ उसे और अपने से चिपटा लिया. अब मेरा मुण्ड और गहराइयों तक उसकी गंद मे जा रहा था. में जैसे ही अपना लंड और घुसाता वो अपने को और मेरे बदन से चिपका लेती.
में इसी अवस्था में अपने लंड को उसकी गंद के अंदर बाहर कर रहा था कि मेने उसके हाथों को अपने आन्द्वों पे महसूस किया. वो धीरे धीरे मेरे गोलों को सहला रही थी. उसके हाथों की गर्मी मुझमे और उत्तेजना भर रही थी.
मेरा लंड अब तेज़ी से उसकी गांद के अंदर बाहर हो रहा था. मुझे मालूम था कि मेरा छूटने का समय नज़दीक आता जा रहा है. पर शायद उसका पानी नही छूटने वाला था, उसने अपना हाथ मेरे आंडो पे से हटा अपनी चूत को रगड़ने लगी. मे और ज़ोर से धक्के मार रहा था.
जब उसका छूटने का समय नज़दीक आया तो वो अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल कर अंदर बाहर करने लगी और चीखने लगी, "हाआआं मरो मेरी गाअंड को और ज़ोर सीईईई. राआआआअज चोद दो अपना पूरा पानी मेर्रर्र्र्ररी चूऊऊथ मे."
में ज़ोर से उसकी गंद मे अपना लंड पेले जा रहा था. बहुत ही दिलकश नज़ारा था, जब मेरा लंड उसकी गंद से निकलता तो उसका छेद सिकुड जाता और जब मे पेलता तो और खुल जाता. में ज़ोर के धक्के लगा रहा था.
मेने महसूस किया कि उसका शरीर आकड़ा और उसकी गान्ड ने मेरे लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया. में समझ गया कि उसका पानी छूट रहा है. मेने ज़ोर का धक्का लगाया और मेरे लंड ने भी अपने वीर्य की पिचकारी उसकी गांद मे छोड़ दी. जैसे ही मेरा लंड वीर्य उगलता मे अपने लंड को और उसके जड़ तक समा देता.
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RE: Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी
मुझे आज पहली बार एहसास हुआ की गंद मारने मे कितना मज़ा आता है. में बबिता की गंद मे अभी भी अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था. उसकी गंद क्रीम और मेरे वीर्य से इतनी गीली हो चुकी थी की मुझे अपना लंड जड़ तक घुसने मे कोई तकलीफ़ नही हो रही थी.
पर हमें नीचे पार्टी में भी शामिल होना था, इसलिए मेने अपना लंड धीरे धीरे उसकी गांद से निकालना शुरू किया. जब मेरा लंड उसकी गंद से बाहर निकल आया तो बबिता ने घूम कर मुझे चूम लिया, "में जानती हूँ तुमने आज पहली बार किसी की गंद मारी है और तुम्हे खूब मज़ा आया है. मुझे भी मज़ा आया है, आज के बाद तुम जब चाहो मेरी गंद मार सकते हो."
बबिता के इन शब्दों ने जैसे मेरे मुरझाए लंड मे जान फूँक दी. मेरे लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया. में समझ गया कि मुझे बबिता की गंद मारने का और मौका भविष्या मे मिलेगा.
मेने और बबिता ने अपने आप को टवल से साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए. में बबिता से पहले पार्टी में पहुँचा तो मेरा सामना प्रशांत से हो गया, "लगता है तुम्हारी और बबिता में अच्छी ख़ासी जमने लगी है. अब मेरा समय है कि में प्रीति के सेक्स ज्ञान को और आगे बधाउ."
प्रशांत अब प्रीति को खोज रहा था. प्रीति कमरे के एक कौने मे खड़ी अविनाश और मिनी से बातें कर रही थी. हक़ीकत में अविनाश बार स्टूल पे बैठा था और प्रीति उसके पास एक दम सत कर खड़ी थी. अविनाश के दोनो हाथ उसकी कमर पर थे.
मैने देखा कि प्रशांत प्रीति के पास गया और उसके कान में कुछ कहा. प्रीति उसकी बात सुनकर अविनाश से बोली, "सॉरी, में अभी आती हूँ." कहकर वो गेस्ट रूम की ओर बढ़ गयी.
प्रशांत मेरी तरफ आया और कहा, "अब तुम्हारी बारी है देखने की." कहकर वो गेस्ट रूम की ओर बढ़ गया. एक बार तो मेरी समझ में नही आया कि में क्या करूँ फिर में भी उसके पीछे बढ़ गया. में भी देखना चाहता था कि वो मेरी बीवी के साथ क्या करता है.
प्रशांत के जाते ही में भी उसके पीछे जा खिड़की के पीछे वहीं छुप गया जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत खड़ा था. प्रशांत और प्रीति कमरे में पहुँच चुके थे, और प्रीति उसे अविनाश और मिनी के बारे में बता रही थी. प्रीति बता रही थी अविनाश कितना हासमुख इंसान था उसके किस तरह जोक्स सुना कर हंसा रहा था.
प्रशांत ने प्रीति से पूछा, "क्या तुम्हे अविनाश अच्छा लगता है?".
"हाँ अविनाश एक अच्छा इंसान है और मिनी भी. दोनो काफ़ी अच्छे है." प्रीति ने जवाब दिया.
"नही सच बताओ क्या तुम अविनाश से चुदवाना चाहती हो, मुझे और बबिता को मालूम होना चाहिए. हम लोग पिछले साल भर से दोस्त है और तुम्हे नही मालूम अविनाश कितनी अछी चुदाई करता है." प्रशांत ने कहा.
क्रमशः...............
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08-18-2018, 12:53 PM,
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RE: Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी
15 मिनिट में सभी मेहमान चले गये. "चलो अब सब मिलकर इन औरतों का ख़याल रखते है, लेकिन सबको जैसा में कहूँगा वैसा ही करना होगा." हम सब ने हां में गर्दन हिलाई और सब कोई वापस गेस्ट बेडरूम मे आ गये.
रूम मे आते ही प्रशांत बिस्तर पर बैठ गया. उसने प्रीति और मिनी को अपने सामने खड़े होने को कहा. फिर वो अपने हाथ दोनो की चूत पर रखकर डिल्डो को अंदर घुसाने लगा. प्रीति की जीन्स के उपर से और मिनी की पॅंटी के उपर से.
"बबिता अब तुम अविनाश का लंड आज की शानदार चुदाई के लिए तय्यार करो, पर ध्यान रखना कि इसका पानी नही छूटना चाहिए." प्रशांत की बात सुनकर बबिता अविनाश को उसकी कुर्सी के पास ले गयी जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत बैठा था. थोड़ी ही देर में बबिता ने अविनाश का लंड बाहर निकाल लिया था और उसे अपने मुँह में ले चूस रही थी.
अब सिर्फ़ में ही बचा था कि जो कुछ भी नही कर रहा था. फिर मेने सुना प्रशांत प्रीति को मिनी के कपड़े उतारने को कह रहा था. प्रीति ने अपना हाथ बढ़ा मिनी के टॉप की ज़िप खोल दी जो थोड़ी देर पहले इसी तरह मेने खोली थी. पर प्रीति ने टॉप उसके कंधे से उठा उतार दिया और मिनी की चुचियाँ फिर एक बार नंगी हो गयी. अजीब कामुक द्रिस्य था मेरी बीवी किसी और औरत के कपड़े उतार रही थी.
प्रशांत खड़ा हुआ और दोनो औरतों के पास आ गया. उसने मेरी बीवी का एक बाया हाथ पकड़ा और मिनी की दाई चुचियों पे रख दिया, फिर उसने प्रीति का दाया हाथ पकड़ मिनी की चूत पे रख दिया. मेरी बीवी की समझ मे नहीं आ रहा था कि प्रशांत क्या चाहता है. दोनो औरतों ने आज तक किसी औरत के साथ सेक्स नही किया था.
प्रशांत ने प्रीति की तरफ देखते हुए कहा, "में चाहता हूँ कि तुम मिनी की चूत चूस कर उसका पानी छुड़ा दो फिर हम सब मिलकर तुम्हारी चूत पर ध्यान देंगे." ये कहकर प्रशांत ने प्रीति को मिनी के सामने घूटनो के बल बिठा दिया और उसके चेहरे को मिनी की गीली हुई पॅंटी पे धकेल दिया.
एक बार तो बबिता और अविनाश भी रुक से गये और में भी हैरत में खड़ा सोच रहा था कि क्या सच मूच मेरी बीवी इस औरत की चूत चूसेगी. पर प्रीति जो पिछले 4 घंटे से अपनी चूत में डिल्डो लिए घूम रही थी और उसकी चूत पानी चोदने को बेताब थी, प्रीति ने अपने हाथ मिनी की पॅंटी की एलास्टिक में फँसाए और उसे नीचे उतार दिया. जैसे ही मिनी की पॅंटी नीचे सर्काई तो सबने देखा की उसकी चूत भी साफ की हुई थी. बाल का नामो निशान नही था चूत पर.
प्रीति ने उसकी पॅंटी को और नीचे खस्कते हुए उसके पैरों के बाहर निकल दिया. अब मिनी पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. प्रीति ने अपने हाथ उसके कुल्हों पे रख उसे अपने पास खींचा और अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया. वो अबू अपनी उंगली से उसकी चूत का मुँह खोल अपनी जीब डिल्डो के साथ अंदर घूमने लगी.
प्रीति अब जोरों से मिनी की चूत को चाट और चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में फँसे डिल्डो को जोरों से अंदर बाहर कर रही थी. "ओह आःआआआआआआ और ज़ोर सीईईईई ःआआआआआआआआण चूऊऊसे मेर्रर्र्ररी चूत को चूद्द्द्दद्ड दो मेरा पानी ." मिनी सिसक रही थी. मिनी की साँसे तेज हो रही थी साथ ही उसकी चुचियाँ उसकी छाती पर फुदक रही थी.
प्रीति अपनी जीब की ओर डिल्डो की रफ़्तार बढ़ते जा रही थी, और साथ ही मिनी की चूत पानी छोड़ने के कगार पर आ रही थी. मिनी ने अपने दोनो हाथ प्रीति के सिर पर रख उसे ज़ोर से अपनी चूत पे दबा दिया. उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. फूच फूच की आवाज़ के साथ उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. प्रीति का पूरा चेहरा मिनी की चूत से छूटे पानी से भर गया था. प्रीति और जोरो से चूस्ते हुए उसकी चूत के सारे पानी को पी रही थी. आख़िर में थक कर मिनी बिस्तर पर निढाल पड़ गयी और गहरी साँसे लेने लगी.
प्रीति उठ कर खड़ी हो गयी. उसने अभी भी कपड़े पहने हुए थे. आज उसने पूरे दिन में पहले प्रशांत के लंड को चूसा था और बाद में अविनाश के लंड को. और अब वो हम सब के सामने मिनी की चूत का पानी पीकर खड़ी हुई थी. उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे पर उसके जिस्म की प्यास अभी बाकी थी. में आगे बढ़ा और अपनी बीवी को बाहों भर लिया. मेने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो मुझे मिनी की चूत से पानी की महक और स्वाद आया. में उसके होठों को चूसने लगा.
मेने अपना हाथ प्रीति की जीन्स के उपर से उसकी चूत पर रखा तो पाया वो पहले से ज़्यादा गीली हो चुकी थी. जैसे ही मेने उसकी चूत को सहलाया वो सिसक पड़ी, "ओह अहह ह्म्म्म्ममममम."
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