non veg story किरण की कहानी
09-07-2018, 01:03 PM,
#41
RE: non veg story किरण की कहानी
एक शाम जब मैं ऑफीस से वापस आ रही थी तो बारिश शुरू हो गई और मैं उसकी दुकान के सामने आ के खड़ी हो गई. बारिश अचानक शुरू हुई थी तो मेरे कपड़े भीग चुके थे और जैसा मैं पहले ही बता चुकी हू के ऑफीस जाने के टाइम पे मैं ने ब्रा और पनटी पहेनना छोड़ दिया है तो बारिश मे भीगने से मेरे कपड़े मेरे बदन से चिपक गये थे और मेरा एक एक अंग अछी तरह से नज़र आ रहा था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं नंगी हो गई हू शरम भी बोहोत आ रही थी पर अब क्या कर सकती थी. वो अकेला ही था दुकान पे और चाइ पी रहा था उसने मुझे भी गरम गरम चाइ ऑफर की तो मैं मना नही कर सकी ठंड बोहोत लग रही थी. मैं उसकी दुकान के अंदर आ गई उसने एक स्टूल दिया मेरे बैठने के लिए. मैं स्टूल पे बैठ के चाइ पीने लगी. ठंड मे गरम गरम चाइ बोहोत अछी लग रही थी. वो चाइ पी रहा था और मुझे देख रहा था हम दोनो कभी इधर उधर की बातें भी कर लेते. उसने मुझे बताया के वो कॉमर्स का ग्रॅजुयेट है और फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स भी कर रहा है इसी लिए ट्राइयल के तौर पे लॅडीस टेलर की दुकान खोल ली है. उसका घर कही और था लैकिन दुकान हमारे एरिया मे थी डेली आता जाता था अपनी मोटरबाइक पे. उस ने मेरे बारे मे भी पूछा ऐसे ही हम बातें करते रहे थोड़ी देर के बाद बारिश रुक गई तो मैं उसको थॅंक यू कह के जाने लगी तो उसने कहा

इस मे थॅंक यू की क्या बात है मेडम कभी हमे अपनी खिदमत का मौका दें तो हमे खुशी होगी. वाउ जब उसने मेडम कहा तो मुझे आरके एक दम से बोहोत ही अछा लगने लगा. उसकी ज़बान से अपने लिए मेडम का सुन के मुझे बोहोत ही अछा लगा और मैं किसी छोटे बच्चे की तरह खुश हो गई.

उस रात जब मैं बेड मे लेटी सोने के लिए तो मेरे ध्यान मे आरके ही घूमता रहा. उसका चाइ पिलाना और चाइ की कप देते देते मेरे हाथ से अपने हाथ टच करना, मुझे मीठी मीठी नज़रों से देखना और एस्पेशली मेडम कहना और यह कहाँ के हमै भी अपनी खिदमत का मौका दें तो हमै खुशी होगी याद आने लगा तो मैं ऑटोमॅटिकली मुस्कुराने लगी और सोचने लगी के कौनसी खिदमत का मौका देना है आरके को और यह सोचते ही एक दम से मेरी चूत गीली हो गई और मेरी उंगली अपने आप ही चूत के अंदर घुस गई और मैं क्लाइटॉरिस का मसाज करने लगी और उंगली को चूत के सुराख मे घुसेड के अंदर बहेर करना शुरू कर दिया और सोचने लगी के आरके कैसा चोद ता होगा ? ओफ़कौरसे उस से चुदवाने का ऐसा मेरा कोई इरादा तो नही था पर यह ख़याल आते ही मे झाड़ गई और थोड़ी देर मे गहरी नींद सो गई. सुबह उठी तो सब से पहले सोच लिया के आरके से अपने कुछ ब्लाउस और शर्ट सलवार सिल्वौगी.

दिन ऐसे ही गुज़रते रहे. ऑफीस आते जाते आरके मुझे देखता और मैं उसको देखती और हमारी नज़रें एक दूसरे को एक अंजाना इशारा देती रही हम इशारो ही इशारो मे एक दूसरे को भी प्रणाम कर लेते. कभी तो आहिस्ता से हाथ भी उठा के नमस्ते कर लेते जो किसी और को नज़र नही आता ऐसे ही जैसे लवर्स एक दूसरे को इशारा करते है. इसी तरह से हम दोनो के बीच मे एक अंजाना ब्रिड्ज बन गया. किसी दिन वो दुकान के अंदर होता और मुझे दिखाई नही देता तो उस दिन अजीब सा फील होता दिल मे एक बेचैनी रहती. मैं चाहने लगी के मेरे उसकी दुकान के सामने से गुज़रने के टाइम पे वो अपनी जगह पे खड़ा रहे और मैं उसको देख लू तो मुझे इतमीनान हो जाए. ऐसे ही ऑलमोस्ट 3 वीक्स गुज़र गये.

एक दिन मैं घर मे ही थी ऑफीस नही गई थी. एक वीक से एसके भी आउट ऑफ टाउन थे. अशोक भी अपने टूर पे थे. आंटी भी अपनी किसी मौसी के घर गई हुई थी. मैं बोहुत ही बोर हो रही थी. शाम से एसके की भी बोहोत याद आ रही थी. मॅन कर रहा था के कही से एसके आ जाए और मुझे बड़ी बे दरदी से चोद डाले और इतना चोदे के मेरी चूत एक बार फिर से फॅट जाए और खून निकल

आए. एसके से चुदाई का सोच ते ही मेरी चूत गीली होने लगी और सोफे पे बैठे बैठे अपनी टाँगें खोल दी और मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली चूत मे चला गया चिकनी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी मेरी आँखें बंद हो गई और मैं अपनी उंगली अंदर बहेर करने लगी और थोड़ी ही देर मे झाड़ गई.

मुझे मार्केट से कुछ खाने का समान भी लेना था सोचा के मार्केट जाउन्गी तो शाएद सेक्सी ख़यालात मेरे मंन से निकल जाएगा. फिर ख़याल आया के चलो कियों ना अपने ब्लाउस और शर्ट सलवार का कपड़ा भी ले लू और सिलाने के लिए दे दू. यह सोचते ही मैं ने अपनी अलमारी से 2 नये ब्लाउस के कपड़े और 2 सलवार सूट के कपड़े निकाले और कॅरी बॅग मे डाल के बहेर निकल गई. लेट ईव्निंग हो चुकी थी. बहेर ठंडी ठंडी हवा भी चलने लगी थी लगता था जैसे बारिश होगी पर हो नही रही थी. आरके टेलर्स की दुकान तो बेज़ार मे जाते हुए पहले पड़ती है तो मैं पहले वही चली गई उस टाइम पे आरके कही बहेर गया हुआ था उसका कोई एंप्लायी बैठा था उसने बताया के आरके अभी 10 मिनिट मे आ जाएगा मार्केट गया है बटन्स और थ्रेड वाघहैरा लेने के लिए तो मैं ने कहा ठीक है यह कपड़े यही रहने दो मैं भी मार्केट जा रही हू वापसी मे आ जाउन्गि आरके से कह देना के किरण मेडम आई थी और यह कपड़े रख के गई है अभी आ जाएगी तो उसने कहा ठीक है और कपड़े एक साइड मे रख दिए.

क्रमशः...............
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09-07-2018, 01:03 PM,
#42
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--16

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

मुझे मार्केट मे एक घंटे से कुछ ज़ियादा ही लग गया वापस आते समय तक तो रात के तकरीबन 8 बज गये थे. मैं सोच रही थी कही आरके दुकान ना बंद कर दे इसी लिए जल्दी से उसकी दुकान पे चली गई. आरके दुकान पे आ चुका था और उसकी दुकान भी खाली हो चुकी थी वो भी बंद करने की तय्यरी कर रहा था पर मेरा इंतेज़ार भी कर रहा था. उसका दूसरा टेलरिंग स्टाफ छुट्टी कर चुका था वो दुकान मे अकेला ही था. मुझे देख के वो खुश हो गया और उसका चेहरा च्मकने लगा और उसने पास वाली होटेल से चाइ मंगवा ली. ठंडी हवा चल रही थी मेरा मॅन भी चाइ पीने का कर रहा था. मैं ने उसको थॅंक्स कहा और गरम चाइ पीने लगी जो ठंड मे बोहोत ही अछी लग रही थी. उसने पूछा आपके कपड़े है मेडम ? तो मैं ने कहा हा बोहोत दीनो से सोच रही थी के तुम से कुछ ड्रेस सिल्वौगी तो आज चली आई. मैं भी फ्री थी कोई काम नही था और मुझे भी टाइम पास करना था तो चाइ पीने तक हम इधर उधर की बातें करते रहे. मेरे पूछने पे उसने बताया के वो फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स भी कर रहा है तो मैं ने ऐसे ही पूछ लिया के फॅशन डिज़ाइनिंग मे कपड़े कैसे सीए जाते है नाप कैसे लिया जाता है तो उसने कहा के मेडम जिसका नाप

लेना होता है उसको नंगा कर के नाप लिया जाता है ताके फिटिंग सही बैठे. मैं हैरान रह गई और पूछा के लड़कियाँ नंगी हो जाती है तो उसने कहा हा मेडम अगर किसी को अछी तरह से और सही फिटिंग का ड्रेस सिलवाना हो तो हो बोहोत आराम से नंगी हो जाती है लैकिन उस टाइम पे बस वोही आदमी अंदर होता है जो नाप ले रहा होता है ताके लड़की बॅस एक ही आदमी के सामने नंगी हो पूरे क्लास के सामने नही. मैं ने कहा के ऐसे कैसे हो सकता है तो उसने कहा के मैं सच कह रहा हू मेडम हम ऐसे ही नाप लेते है तो मैं ने हस्ते हुए कहा के क्या मेरा भी ऐसे ही लोगे तो उसने कहा के अगर आप भी सही और पर्फेक्ट फिटिंग के कपड़े सिल्वाना चाहती है और अगर आपको कोई ऑब्जेक्षन ना हो तो आप अपने कपड़े निकाल सकती है अदरवाइज़ हम सॅंपल साइज़ से ही काम चला लेते हैं तो मैं ने कहा के मैं तो सॅंपल नही ले के आई तो उसने कहा के मैं ऐसे ही ऊपेर से आपका साइज़ ले लुगा आप अंदर ड्रेसिंग रूम मे चलिए. अभी मैं सोच ही रही थी के क्या करू इतने मे हवा (वाइंड) बोहोत ही तेज़ी से चलने लगी और उसके काउंटर पे रखे कपड़े उड़ के नीचे गिरने लगे और नाप का रिजिस्टर के पेपर्स गिरने लगे तो उसने अपनी दुकान का शटर जल्दी से गिरा दिया और नीचे गिरे हुए कपड़े उठाने लगा. मैं ने देखा के उसने लूँगी पहनी हुई है और टीशर्ट. जब उसने देखा के मैं उसकी लूँगी को हैरत से देख रही हू तो उसने बताया के मार्केट मैं किसी दुकान से नीचे उतरते हुए कील (नाइल) लगने से उसकी पॅंट फॅट गई तो इसी लिए उसने पॅंट चेंज कर के लूँगी बाँध ली थी. मैं ने कहा अच्छा कोई बात नही हो जाता है कभी कपड़े किसी चीज़ मे लग के फॅट जाते हैं.

दुकान का शटर बंद करने से दुकान मे ठंडी हवा के झोके नही आ रहे थे अदरवाइज़ बहेर तो अछी ख़ासी सर्दी होने लगी थी. हम दोनो अंदर ड्रेसिंग रूम मे आ गये जहा वो मेरा नाप लेने वाला था. दुकान का शटर गिरते ही मुझे लगा जैसे हम एक सेपरेट रूम मे अकेले हैं और मेरे ख़याल मे आया के इस दुकान मे मैं और आरके अकेले है और हमै देखने वाला कोई नही तो मेरे दिमाग़ मे गर्मी चढ़ने लगी बदन मे खून तेज़ी से दौड़ने लगा साँस तेज़ी से चलने लगी और एक अजीब सा महसूस होने लगा. खैर उसने अंदर की लाइट जला दी. ड्रेसिंग रूम बोहोत बड़ा तो नही था लैकिन बोहोत छोटा भी नही था मीडियम साइज़ का था जहा पे एक तरफ बड़ा सा मिरर लगा हुआ था ता के अगर कोई चेक करना चाहे तो कपड़े पहेन के मिरर मे देख सकती थी. वो मेरे सामने खड़ा हो गया और पहले उसने सलवार का नाप लेने का कहा. जैसे टेलर्स की आदत होती है नाप लेने से पहले वो थोड़ा सा झुका और मेरे सामने बैठ ते बैठ ते उसने मेरी सलवार के सामने के हिस्से को पकड़ के थोड़ा सा झटका दिया तो सलवार थोड़ी सी सरक के

नीचे हुई तो मैं ने जल्दी से सलवार को ऊपेर से पकड़ लिया.
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09-07-2018, 01:04 PM,
#43
RE: non veg story किरण की कहानी
उसने अब नाप लेना शुरू किया साइड से कमर से पैर तक का नाप लिया और फिर टेप का वो बड़ा वाला पोर्षन जिसपे मेटल लगा होता है उसको जाँघो के अंदर पकड़ के साइज़ लेने लगा तो वो मेटल का पीस मेरी चूत से टकराया और मेरे मूह से एक सिसकारी सी निकल गई तो उसने कहा क्या हुआ मेडम तो मैं ने कहा कुछ नही तुम नाप लो तो उसने वो मेटल के पीस को थोड़ा और अंदर क्या तो मुझे लगा जैसे वो पीस मेरी चूत के लिप्स को खोल के अंदर घुस गया और क्लाइटॉरिस को टच करने लगा. जैसा के मैं पहले ही बता चुकी हू के मैं ने अब पॅंटी और ब्रस्सिएर पहनेन्ना ऑलमोस्ट छोड़ ही दिया था जब से ऑफीस जाने लगी थी तो आज भी मैं ने ना पॅंटी पहनी थी और ना ब्रस्सिएर.

उसका हाथ मेरे थाइस के अंदर वाले हिस्से मे था और नाप ले रहा था जिस से मेरी आँखें बंद हो गई और टाँगें अपने आप ही खुल गई थी और मैं उसके हाथ को मेरी चूत से खेलने का ईज़ी आक्सेस दे रही थी. मेटल पोर्षन चूत के अंदर महसूस करते ही चूत गीली होना शुरू हो गई और बदन मैं सनसनी दौड़ने लगी. वो खड़ा हो गया और मेरी कमर का नाप लेने लगा और कहा के मेडम थोड़ा शर्ट को ऊपेर उठा लीजिये तो मैं ने शर्ट को थोड़ा उठाया जिस से मेरा पेट दिखाई देने लगा तो उसने कहा के मेडम आपका कलर तो क्रीम जैसा है और बोहोत चिकना भी है मैं शर्मा गई पर कुछ नही कहा. जब से मुझहेऊसका हाथ मेरे थाइस के अंदर महसूस हुआ उसी टाइम से मुझे तो मस्ती छाने लगी थी और चूत मे खुजली भी होने लगी थी. मैं सोचने लगी के लकड़ियाँ ऐसे कैसे नंगे हो के नाप देती होगी यह सोचते ही मेरा भी मंन करने लगा के आरके अगर मुझ से भी कहे तो मैं नंगा हो के नाप दे सकती हू और फिर यह ख़याल आते ही मैं और गीली हो गई.

इतने मे वो खड़ा हो गया और शर्ट का नाप लेने लगा. लंबाई लेने के लिए शोल्डर्स से नीचे तक टेप लगाया तो टेप मेरी चुचिओ को टच करने लगा तो एक दम से मेरी निपल्स खड़े होगये साँसे तेज़ी से चलने लगी. फिर उसने मेरे हाथ सीधे रखने को कहा और मेरे बगल के अंदर से टेप डाल के चुचिओ के ऊपेर से नाप लेना शुरू किया उसी टाइम पे पीछे से जब वो टेप ठीक कर रहा था तो उसकी गरम साँस मेरी नंगे शोल्डर्स पे महसूस होने लगी जिस से मैं और गरम हो गई. वो भी ऑलमोस्ट मेरी ही हाइट का था जब वो खड़ा हुआ तो मेरे हाथ को ऐसा लगा जैसे उसका लंड मेरे हाथ से टच हुआ हो बॅस ऐसा महसूस होते ही मेरे दिमाग़ मैं एसके का लंड घूमने लगा. वो थोड़ा और आगे आया और टेप पीछे से

ठीक करने लगा तो इस टाइम पे सच मे उसका लंड मेरे हाथ पे लगा उसका लंड एक दम से खड़ा हो चुका था शाएद वो भी गरम हो गया था उसका लंड मेरे हाथ से टच होते ही मेरी चूत समंदर जैसी गीली हो गई और मुझे यकीन है के उसने भी महसूस किया के उसका लंड मेरे हाथ से टकराया है पर वो पीछे नही हटा और अपने लंड को मेरे हाथ पे ही रखे रखे टेप ठीक करने लगा. मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी और मेरे दिमाग़ मे जो शाम से चुदाई का भूत सवार था वो अब ज़ोर पकड़ने लगा और मैं वासना की आग मे जलने लगी और सोचने लगी के अगर आरके ने मुझे नही चोदा तो मैं खुद ही उसको चोद डालूंगी आज और मेरे मंन मे आया के उसके आकड़े हुए लंड को पकड़ के अपनी गीली गरम चूत मे घुसेड डालु पर बड़ी मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल कर पाई और चाहते हुए भी उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे ले का नही दबाया और ना ही अपनी चूत मे घुसेड़ा.

अब मैं ने फ़ैसला कर लिया के मैं भी नंगी हो के ही नाप दुगी. मैं ने कहा आरके क्या तुम भी मेरे लिए डिज़ाइनर और पर्फेक्ट फिटिंग की सलवार सूट और ब्लाउस बना सकते हो तो उसने कहा के मेडम उसके लिए आपको…. मैं ने कहा कोई बात नही यहा सिर्फ़ हम दो ही तो है क्या हुआ कोई बात नही मैं जैसा तुम चाहोगे नाप दे दूँगी तो उसके चेहरे से खुशी छलकने लगी. उसने कहा के ओके मेडम आप अपने कपड़े उतार लीजिए तो मैं ने शर्ट के अंदर हाथ डाल के शर्ट को ऊपेर उठा के निकाल दिया जिस से मेरे गोल गोल चुचियाँ हिलने लगी तो उसके मूह से वाउ वंडरफुल निकल गया अब मैं उसके सामने आधी नंगी (हाफ नेकेड) खड़ी थी. उसने कहा के अब सलवार भी निकाल दीजिए मेडम ताके मैं नाप ले साकु तो मे ने सलवार का स्ट्रिंग खोल दिया और मेरी सलवार किसी ओबीडियेंट वर्षिप की तरह से मेरे कदमो मे गिर पड़ी. मैं ने अपने पैर उसमे से उठाए और सलवार को अपने पैरो से एक तरफ हटा दिया.

क्रमशः......................
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09-07-2018, 01:04 PM,
#44
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--17

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

अब मैं उसके सामने बिल्कुल ही नंगी खड़ी थी मेरी आज ही की शेव की हुई चिकनी चमकदार चूत देख के उस ने कहा आप बोहोत ही खूबसूरत है मेडम. इतनी खूबसूरत मैं ने किसी को नही देखा आप एक दम से पर्फेक्ट फिगर की हो. उसके मूह से अपनी तारीफ सुन के मुझे बोहोत अछा लग रहा था. बहेर हवा तेज़ी से चलने लगी थी और लाइट बार बार जलने बुझने लगी जैसे कही लूस कनेक्षन होगया हो तो उसने साइड मे रखी हुई एक वॅक्स कॅंडल जला दी और एक कोने मे रख दी और उसके सामने एक कार्ड बोर्ड रख दिया ता के बहेर की हवा से कॅंडल बुझ ना जाए. मैं ने हस्ते हुए पूछा के क्या नाप लेते टाइम पे तुम सिर्फ़ लड़कियो को ही नंगा करते हो या तुम भी नंगे हो जाते हो तो वो शर्मा गया और कहा के अगर लड़की चाहे तो मैं भी

नंगा हो के ही नाप लेता हू तो मैं ने फिर हंसते हुए कहा के अब क्या इरादा है तो उसने कहा के मेडम अगर आप चाहे तो मैं भी आप की तरह ही नंगा हो के नाप ले सकता हू. मैं ने कहा तुम्हारी मर्ज़ी और अपनी टाँगे थोड़ी खोल दी ता के वो नाप लेना शुरू कर सके. उसने मेरा इशारा शाएद समझ लिया था और बैठे बैठे ही अपनी टी-शर्ट निकाल दी अब वो सिर्फ़ लूँगी मे बैठा हुआ था और नाप लेना शुरू किया. एक बार फिर से उसके हाथ मेरे थाइस के अंदर वाले हिस्से पे लगने लगे और मेटल का पोर्षन चूत के अंदर महसूस होने लगा. उसने भी शरारत मे मेटल पोर्षन चूत के अंदर घुसा दिया और मैं ने अपनी टाँगें खोल दी. मेटल पोर्षन चूत के अंदर लगते ही मेरे मूह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई. उसकी उंगलियाँ मेरी चूत से टकरा रहा था और मेरी छूत और ज़ियादा गीली होने लगी. उसने बैठे बैठे पूछा के मेडम सच आप चाहती है के मैं भी नंगा हो जाउ तो मैं ने मुस्कुरा के कहा तुम्हारी मर्ज़ी मुझे तो कोई प्राब्लम नही है कियों के मैं भी तो तुम्हारे सामने नंगी खड़ी हू.

मेरी चिकनी चूत लाइट मे चमक रही थी और गीली भी हो गई थी और मुझे पक्का यकीन है के आरके को मेरी गीली चूत की स्मेल ज़रूर आरही होगी. जिस तरह वो नीचे बैठा था, मेरी चूत उसके मूह के सामने थी. उसने ऊपेर टेप की तरफ देखते देखते मेरी चूत पे किस कर दिया तो मेरी टाँगें खुद ही खुल गई और मेरा हाथ उसके सर पे चला गया और वो नील डाउन जैसे हो गया और मेरी गंद पे हाथ रख के मेरी चूत को चूमने और चूसने लगा. मैं तो वासना की आग मे पहले से ही जल रही थी उसका मूह अपनी चूत पे महसूस करते ही मैं तो जैसे दीवानी हो गई और उसके सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसेड़ने लगी. उसने मेरी पूरी चूत को अपने मूह मे ले के दन्तो से काटा तो मेरे मूह से मस्ती की चीख निकल गई आआआआहह और मैं एक दम से झड़ने लगी. मेरी आँखें बंद हो गई और अपनी चूत को उसके मूह से रगड़ने लगी मैं झड़ती गई और वो मेरा जूस पीता गया. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ तो मैं ने झुक के उसके शोल्डर्स को पकड़ा तो वो उठ खड़ा हुआ. उसने पहले ही बैठे ही बैठे अपनी लूँगी को खोल दिया था. जब वो खड़ा हुआ तो उसकी लूँगी भी नीचे गिर पड़ी और वो भी नंगा हो चुक्का था और उसका लंड स्प्रिंग के जैसे ऊपेर नीचे हो के हिल रहा था जैसे मेरी चूत को सल्यूट कर रहा हो. उसका लंड भी बोहोत ही मस्त था बड़ा और मोटा. मैं ने अपनी सारी शरम एक तरफ रख दी और एक ही सेकेंड मे उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ लिया और दबाने लगी. वाउ मस्त और बोहोत ही कड़क लंड था उसका. अछा लंबा और मोटा लोहे जैसा सख़्त था. मैं ने एक हाथ उसके बॅक पे रख

के उसको अपनी तरफ खेच लिया और दूसरे हाथ से उसके लंड को पकड़ के अपनी चूत मे ऊपेर से नीचे और नीचे से ऊपेर रगड़ने लगी. उसने झुक के मेरे चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. उसके लंड मे से प्री कम निकल रहा था जो चूत को स्लिपरी बना रहा था.

मेरी चूत मे जैसे आग लगी हुई थी. मैं नीचे बैठने लगी और उसके लंड को किस किया और उसके लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगी तो उसने मेरा सर पकड़ के अपनी गंद आगे पीछे कर के मेरे मूह को चोदना शुरू कर दिया. अब मुझ से सबर नही हो रहा था अब तो बॅस मेरी गरम और गीली चूत को उसका लंबा मोटा कड़क और तगड़ा लंड चाहिए था. मैं बैठे ही बैठे लेट गई और उसको अपने ऊपेर खेच लिया और बस उसी वक़्त बिजली चली गई और कमरा एक दम से अंधेरा हो गया पर कॅंडल की रोशनी से रूम बोहोत रोमॅंटिक लगने लगा. मैं लेट गई और उसको अपने ऊपेर खेच लिया और अपनी टांग फैला ली. आरके मेरे दोनो टाँगों के बीच मैं आ गया अपने पैर पीछे की तरफ को सीधे कर दिया और उसका लंड मेरी चूत के लिप्स के बीच मे था. अपने दोनो कोहनीओ (एल्बो) को मेरे बदन के दोनो तरफ रख के मुझ पे झुक गया और मुझे किस करने लगा. उसकी ज़बान मेरे मूह मे घुस गई थी और मुझे अपनी चूत के जूस का टेस्ट उसके मूह से आना लगा. वो अपने लंड के सुपपडे को मेरी चिकनी चूत के अंदर बहेर कर रहा था. मेरी टाँगें उसके गंद पे क्रॉस रखी हुई थी. वो सूपदे को अंदर बहेर करते करते एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरे मूह से मस्ती की आआआआआआआआआअहह निकल गई और उसका गरम लंड मेरी भट्टी जैसे चूत मे ऐसे घुस्स गया जैसे गरम नाइफ मक्खन मे घुस जाती है. उसका लंड बोहोत ही मोटा था उसके लंड से मेरी चूत खुल गई थी. मेरी आँख से दो ड्रॉप्स आँसू भी निकल गये. यह आँसू मस्ती के थे जिसे उसने नही देखा.
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09-07-2018, 01:04 PM,
#45
RE: non veg story किरण की कहानी
मैं ने उसको ज़ोर से पकड़ा हुआ था और मेरे लेग्स उसकी गंद पे क्रॉस थी. उसने लंड को बहेर निकाल के चोदना शुरू कर दिया. बोहुत ही मज़ा आ रहा था उसकी चुदाई से. उसके हाथ मेरी बघल से निकल के शोल्डर्स को पकड़े हुए थे लेग्स को पीछे दीवार से टीका के घचा घच चोद रहा था. उसके एक एक झटके से मेरे चुचियाँ डॅन्स करने लगी थी. कमरे मे हल्की सी रोशनी चुदाई मे मज़ा दे रही थी कमरा रोमॅंटिक लग रहा था और चुदने मे मज़ा आ रहा था. वो घचा घच चोद रहा था मुझे लग रहा था के उसका लंड मेरी चूत फाड़

डालेगा आज. ळैकिन मैं भी रेडी थी मैं चाहती थी के आज वो सच मे मेरी चूत को फाड़ डाले और चोद ते चोद ते मेरी चूत को खून से भर दे. एक वीक से मेरी चुदाई नही हुई थी और मेरी चूत को तो बॅस लंड चाहिए था मेरी चूत की खुजली बढ़ गई थी और चाहती थी के मस्त चुदाई हो. आरके का लंड बोहोत वंडरफुल था. पूरी मस्ती मे चोद रहा था लंड को पूरा सूपदे तक बहेर निकाल निकाल के चूत मे घुसेड देता तो उसके लंड का हेल्मेट जैसा सूपड़ा मेरी बचे दानी से टकरा जाता तो मेरा सारा बदन काँप जाता. अब वो बोहोत तेज़ी से चोद रहा था और मैं शाएद 3 टाइम झाड़ चुकी थी. मेरे जूस से चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी अब उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और वो बोहोत ही ज़ोर ज़ोर से चूत फाड़ झटके मार रहा था. यंग था ना इसी लिए पूरी ताक़त से धक्के मार मार के चुदाई कर रहा था. मेरे मूह से ऑटोमॅटिकली निकलना शुरू हो गे आआईयईईई हहााआअ आईईसीईए हीईीईईई चूड्डूऊऊऊऊऊ आअरररर कक्क्ीई आअहह ऊऊओईईईईईईईइ आआअहह म्‍म्मज़ाआआआआआआआअ आआआआ रा हाआआआआआआआआअ हााईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आररर कीईए आआआहह आईसीईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और ज़ोर्र्र्र्र्र्र्र्ररर सीईईईई आअहह और उसका लंड बड़ी बे दरदी से मेरी चूत को चोद रहा था अब उसके चोदने की स्पीड बढ़ गई थी और उसके मूह से भी अजीब आवाज़े निकालने लगी थी और फिर अपना पूरा लंड बहेर निकाल के इतनी ज़ोर से मेरी चूत के अंदर धक्का मार के घुसेड दिया के मेरे मूह से चीक निकल गई ऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआ और मैं ने उसको बोहोत ज़ोर से पकड़ लिया और उसके लंड मैं से मलाई की पिचकारियाँ निकलनी शुरू हो गई उसके पहली पिचकारी जब मेरी चूत के अंदर पड़ी तो मैं फिर से झड़ने लगी और अब उसके लंड मे से क्रीम निकल निकल के मेरी एक वीक से प्यासी चूत की प्यास बुझाने लगी उसकी मलाई निकलती रही और मेरी चूत फुल होती रही उसकी मलाई भी बोहोत ही गाढ़ी (थिक) थी मज़ा आ रहा था उसकी मलाई चूत के अंदर महसूस कर के..
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09-07-2018, 01:04 PM,
#46
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--18

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

उसके धक्के अब स्लो होने लगे और अभी भी उसका लंड अंदर ही था वो मेरे सीने पे गिर गया जिस से मेरी चुचियाँ दब गई. थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा उसका लंड अभी अंदर ही था. जब मेरा झड़ना ख़तम हुआ और मेरी साँसें ठीक हुई तो देखा के अभी तक उसका लंड मेरी चूत के अंदर ही घुसा हुआ है और वैसे ही तना हुआ है लोहे जैसा सख़्त. उसकी क्रीम निकल ने से भी लंड नरम नही हुआ था. थोड़ी ही देर मे उसकी साँसें भी ठीक हो गई और फिर उसने मेरे मूह मे अपनी ज़बान डाल दी

और हम एक दूसरे की ज़बान को चूसने लगे. कमरे मे अभी भी वॅक्स कॅंडल जल रही थी धीमी रोशनी बोहोत अछी और रोमॅंटिक लग रही थी. मैं ने गौर किया है के रूममे अगर अंधेरा हो तो लड़की मे शरम नही रहती और वो हर तरीके से चुदवा सकती है और वो भी कर लेती है जो वो लाइट खुली होने पे नही कर सकती. कुछ यही हाल मेरा भी था मेरे पास अब कोई शरम बाकी नही थी ऐसा लग रहा था जैसे अंधेरा हो तो सारी दुनिया मे बस हम दो ही आदमी है और कोई नही फिर चाहे जिस तरह से चुदाई हो लंड चूस लो या अपनी चूत चटवा लो कोई फरक नही पड़ता.

आरके मेरे ऊपेर ही लेटा हुआ था और उसका आकड़ा हुआ सख़्त लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर घुसा हुआ था. उसका लंड मेरी चूत के अंदर ऐसे फिक्स बैठा था जैसे बॉटल के ऊपेर कॉर्क और लंड अंदर ही रहने की वजह से हमारी दोनो की क्रीम भी मेरी चूत के अंदर ही फँसी हुई थी बहेर नही निकली थी. हम दोनो किस कर रहे थे और वो मेरी चुचिओ को मसल रहा था निपल्स को अंगूठे और उंगली से मसल रहा था. थोड़ी ही देर मे उसने मेरी चुचिओ को चूसना शुरू कर दिया जिस से मेरी चूत मे फिर से खुजली होने लगी और बदन मे बिजली सी दौड़ने लगी. पर उसका इरादा तो कुछ और ही था उसने एक ही मूव्मेंट मे अपना लंड मेरी चूत मे से बहेर निकाल लिया और इस से पहले के मेरी क्रीम से भरी चूत मे से क्रीम ओवरफ्लो होने लगती, वो पलट गया और अपनी दोनो टाँगें मेरे सर के दोनो तरफ रख के 69 की पोज़िशन मे आ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसके लंड से हम दोनो की मिक्स क्रीम टपक कर मेरे मूह पे गिर रही थी तो मैं ने मूह खोल दिया और उसके हम दोनो की मिक्स क्रीम से भीगे हुए लंड को अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. बहुत ही टेस्टी था उसका लंड ऐसे लग रहा था जैसे मैं कोई शेहेद (हनी) चूस रही हू.

हम दोनो एक दूसरे की मिक्स क्रीम का टेस्ट कर रहे थे. उसका लंड तो अभी तक नरम नही हुआ था बल्कि मेरे चूसने से उसका लंड और भी ज़ियादा अकड़ गया था और अब वो मेरे मूह को चोद रहा था और साथ मे मेरी चूत को चाट रहा था.

ज़बान फोल्ड कर के मेरी चूत के अंदर बहेर कर के चोद रहा था. मेरी चूत का सुराख इतने बड़े और मोटे लंड से चुदने के बाद बड़ा हो गया था जिसके अंदर उसकी ज़बान आसानी से अंदर बहेर हो रही थी और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे ज़बान से चोद रहा हो और मेरी क्लाइटॉरिस को काटने लगा तो मैं झड़ने लगती इतनी मस्ती मे आ गई और गरम हो गई के उसके लंड को बोहोत ही ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो भी अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगा. उसने जब मेरी पूरी चूत को

अपने मूह मे ले के काटा तो मे कापने लगी और बोहोत ज़ोर से झाड़ गई और चूत से जूस निकलने लगा और मैं कुछ ज़ियादा ही मस्ती से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मुझे महसूस हुआ के उसका लंड मेरे मूह मे ही और ज़ियादा ही मोटा हो रहा है तो मैं समझ गई के अब उसकी क्रीम भी निकलने वाली है और उसी वक़्त उसने अपने लंड को मेरे थ्रोट मे पूरी अंदर तक घुसा दिया जिस से मेरी आँखें बहेर निकल आई और साँस बंद होने लगी और उसके लंड से मलाई की गाढ़ी गाढ़ी (थिक) पिचकारियाँ निकलनी शुरू हो गई और डाइरेक्ट मेरे थ्रोट मे गिरने लगी और उसके लंड मे से मलाई निकलती ही चली गई निकलती ही चली गई और इतनी बोहोत निकले के मुझे लगा जैसे मेरा पेट उसकी क्रीम से ही भर जाएगा पता नही इतनी क्रीम कैसे निकली उसके लंड से.

हम दोनो झाड़ चुके थे दोनो के जूस निकल चुके थे दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे उसका लंड मेरे मूह मे ही था और उसका मूह मेरी चूत पे. अब उसका लंड मेरे मूह मे थोड़ा थोड़ा नरम हो गया था पर अभी भी सख्ती थी उसके यंग लंड मे. थोड़ी ही देर के बाद मैं ने उसको अपने ऊपेर से हटा दिया और वो नीचे मेरे बाज़ू मे लेट गया. हम दोनो करवट से लेटे थे और अभी भी मेरा मूह उसके लंड के सामने था और मेरी चूत उसके मूह के सामने. मैं ने उसके लंड से खेलना शुरू कर दिया और उसने मेरी चूत मे उंगली डाल के क्लाइटॉरिस को मसलना शुरू कर दिया. उसका लंड एक ही मिनिट के अंदर फिर से क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा हो गया तो मैं ने उसको सीधा लिटाया और उसके ऊपेर चढ़ गई और उसके मूसल लंड को पकड़ के अपनी चूत के होल पे अड्जस्ट कर के बैठने लगी. गीली चूत और गीला लंड धीरे धीरे अंदर घुसने लगा. उसका मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे घुसता हुआ बोहोत मज़ा दे रहा था मैं पूरी तरह से उसके लंड पे बैठ गई और उसका लंड जड़ तक मेरी चूत मे घुस्स चुका था. मेरे मूह से मस्ती की सिसकियाँ निकल रही थी. अब मैं ने उसके लंड पे उछलना शुरू कर दिया जिस से मेरी चुचियाँ उसके मूह के सामने डॅन्स कर रही थी. मैं उसके लंड पे ऐसे सवार थी जैसे जॉकी हॉर्स रेसिंग के टाइम पे घोड़े पे सवार होता है. उसने मेरी चुचिओ को पकड़ के मुझे अपनी तरफ झुकाया और चूसने लगा. अभी हम मस्ती मे चुदाई कर रहे थे के रूम मे जलती वॅक्स कॅंडल ख़तम हो गई थी और कमरा एक दम से अंधेरा हो गया था पर हमारा ध्यान तो चुदाई मे था मैं उछाल उछाल के उसके लंड पे बैठ रही थी और उसका लंड मेरी चूत के बोहोत अंदर तक घुस रहा था..
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09-07-2018, 01:04 PM,
#47
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--19

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

चुदाई फुल स्पीड से चल रही थी. मैं उछल उछल के उसके क़ुतुब मीनार जैसे लंड पे अपनी चूत मार रही थी. उसके लेग्स

फोल्डेड थे. मेरे चूतड़ उसके थाइस से लग रहे थे. मेरे बॉल सेक्सी स्टाइल मे उड़ उड़ के मेरे मूह के सामने आ रहे थे. मैं ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी. मेरे उछलने से कभी तो पूरा लंड चूत के बहेर तक निकल जाता और जब मैं ज़ोर से उसके लंड पे बैठ ती तो उसका लोहे जैसा लंड घचक से मेरी चूत मे घुस के मेरी बच्चे दानी से टकरा ता तो मेरे बदन मे बिजली सी दौड़ जाती और मैं काँपने लगती. एक टाइम तो ऐसे हुआ के मैं जब उछल रही थी तो उसका पूरा लंड मेरी चूत के बहेर निकल गया और जब मैं ज़ोर से उसके लंड पे बैठी तो उसका लंड थोड़ा सा अपनी पोज़िशन से हिल गया और उसका मूसल लंड मेरी चूत मे घुसने के बजाए मेरी गंद मे घुस्स गया. मेरी गंद के होल को पता ही नही था के रॉकेट लंड मेरी गंद मे घुसे गा इसी लिए गंद के मसल्स रिलॅक्स और अनप्रिपेर्ड थे और एक दम से पूरे का पूरा लंड मेरी टाइट गंद मे घुसते ही मेरी चीख निकल गई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआ पर अब क्या हो सकता था लंड तो गंद मे घुस ही चुका था मैं थोड़ी देर ऐसे ही उसके लंड को अपनी गंद मे रखे रही और जब मेरी गंद उसके लंड को अपने अंदर अड्जस्ट कर चुकी तो मैं उछल उछल के अपनी गंद मरवाने लगी. अब उसका लंड मेरी गंद मे आसानी से घुस रहा था. वो फुल स्पीड से मेरी टाइट गंद मार रहा था. कभी कभी मे रुक के अपनी चूत को उसके नवल एरिया से रगड़ती थी और मैं फिर से झड़ने लगी और उसका लंड भी मेरी गंद के अंदर फूलने लगा और आरके ने अपनी गंद उठा के अपना मूसल लंड मेरी गंद मे पूरी अंदर तक घुसा के उसने भी अपनी क्रीम मेरी गंद के अंदर ही निकाल दी. मैं भी झाड़ चुकी थी और मदहोश हो के उसके बदन पे गिर पड़ी. हम दोनो एक दूसरे से लिपट गये और पता नही कब हमारी आँख लग गई और हम एक दूसरे से लिपटे हुए नंगे ही सो गये. इतनी ज़बरदस्त सॅटिस्फॅक्ट्री चुदाई के बाद नींद भी बोहोत मस्त आई. सुबह मे सारे बदन मे मीठा मीठा सा दरद हो रहा था और फुल चुदी हुई लड़कियो को पता ही होगा के ऐसी मस्त चुदाई के बाद जो बदन मे दरद होता है वो कितना मीठा होता है बार बार अंगड़ा लेने का मंन करता है और ऑटोमॅटिकली मूह पे चुदाई का सोच सोच के मुस्कुराहट आती रहती है और कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हो रहा था मुझे बोहोत ही अछा लग रहा था.

मे सुबह जल्दी ही उठ गई और देखा तो आरके के उठने से पहले ही उसका लंड उठ चुका था उसका मॉर्निंग एरेक्षन देख के मैं मुस्कुरा दी और उसके हिलते हुए लंड को अपने हाथ मे पकड़ के पूछा क्या यह अभी भी भूका है सारी रात तो चोद्ता रहा मुझे और अब फिर से अकड़ गया तो वो आँखें बंद किए हुए

मुस्कुराया और बोला के ऐसी प्यारी चूत मिले तो यह रात दिन खड़ा ही रहे और फिर हम दोनो हँसने लगे.

दोनो नंगे हे थे और उसने मुझे अपने ऊपेर खेच लिया और एक बार फिर से मुझे चोद डाला. मॉर्निंग के फर्स्ट चुदाई मे भी एक अजीब बात होती है जल्दी कोई भी नही झड़ता तो यह चुदाई भी बोहोत देर तक चलती रही उसका लोहे के मूसल जैसा लंड मेरी चूत को चोद चोद के भोसड़ा बनाता रहा और तकरीबन आधे घंटे की फर्स्ट क्लास चुदाई के बाद हम दोनो झाड़ गये और कुछ देर तक ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट के लेटे रहे ईक दूसरे को पॅशनेट किस करते रहे कभी वो चुचिओ को चूस्ता रहा और कभी मैं उसके लंड को ऐसे दबा ती रही जैसे मुझे और चुदाई करनी है ऐसे लंड से और लंड पकड़ के सिसकारियाँ भरती रही.
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09-07-2018, 01:04 PM,
#48
RE: non veg story किरण की कहानी
जल्दी ही मेरी चूत मे लगी क्रीम ड्राइ हो गई और फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनो उठ गये. वाहा उसके पास शवर लेने की कोई जगह तो नही थी बॅस अपने कपड़े पहेन लिए और अभी मैं अंदर ही बैठी रही. देखा तो वॅक्स कॅंडल जल के पता नही कब ख़तम हो चुकी थी बहेर से उजाला अंदर आ रहा था.

मेरे घर मे भी कोई नही था तो मुझे कोई प्राब्लम नही थी के रात कहा सोई थी. रात भर तेज़ बारिश हो रही थी इसी लिए बिजली और टेलिफोन के वाइर्स लूस हो गये थे ना बिजली थी और ना टेलिफोन के कनेक्षन्स. आज छुट्टी होने की वजह से उसकी दुकान भी बंद थी और उसके पास कोई वर्कर्स भी नही आने वाले थे तो हमै कोई मुश्किल नही हुई. सुबह के ऑलमोस्ट 10 बजे के करीब उसने दुकान का शटर आधा उठा दिया और मैं अभी भी अंदर के रूम मे ही बैठी थी बहेर अभी भी थोड़ी थोड़ी बारिश हो रही थी. थोड़ी देर के बाद वो करीब के होटेल से कुछ नाश्ता पॅक करवा के ले आया और चाइ भी. हम दोनो ने नाश्ता किया और चाइ पी के थोड़ी देर अंदर ही बैठे रहे. उसने मुझे बोहोत किस किया और मेरी चुचिओ को दबा ता ही रहा मुझे लगा के मेरी चूत फिर से गीली होनी शुरू हो गई हो और वो अब फिर से फुल चुदाई के मूड मे आ गया हो पर चोदा नही शाएद यह सोचा होगा के फिर कभी मौके से चुदाई करेगा.

जब देखा मार्केट की कुछ दुकाने खुल चुकी है तो मैं पहले तो दुकान के बहेर काउंटर पे आ के खड़ी हो गई ऐसे जैसे कोई कस्टमर खड़ा होता है आरके ने कपड़े एक वीक के बाद दीने का वादा किया और कुछ देर के बाद मैं अपने घर को चली गई. घर जा के पहले तो गरम पानी का शवर लिया गरम गरम चाइ पी और बेड पर लेट के ब्लंकेट ओढ़ लिया और रात की चुदाई के

बारे मे सोचने लगी जिस से मेरे मूह पे ऑटोमॅटिकली मुस्कुराहट आ गई और मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली मेरी चूत पे आ गया और मैं चूत का मसाज करने लगी थोड़ी देर के बाद मे झाड़ गई और गहरी नींद सो गई..

मुझे और एसके को इस बात का पक्का यकीन हो गया है के हमारे रिलेशन्स के बारे मे अशोक को पता चल चुका है पर वो खामोश है. बेचारा कर भी क्या सकता है उसको तो बॅस आग लगाना ही आता है जिसे एसके बुझाता है. हमे एक दूसरे के साथ रहने का ज़ियादा से ज़ियादा मौका देता रहता है और फिर एसके के साथ सिंगपुर को भी जाने का पर्मिशन दे दिया है. एसके ट्रॅवेलिंग प्लान मे लगा हुआ है. मेरे पासपोर्ट के लिए अप्लाइ किया है शाएद 2 मोन्थ्स के बाद मैं एसके के साथ एक मोन्थ के लिए सिंगपुर चली जाउ.

मेरी कहानी तो यहा ख़तम हो गई और मुझे अब एक वीक के बाद कपड़े लेने के लिए जाना है. अब मेरी समझ मे यह नही आ रहा है के क्या मे आरके से चुदाई का सिलसिला कंटिन्यू रखू या कभी कभी जब मुझे चुदाई की ज़रूरत हो यानी मेरा मतलब है के जैसे कभी एसके कुछ दीनो के लिए मेरे पास नही आ सके या कही बहेर टूर पे चला जाए तो क्या ऐसे सिचुयेशन के लिए जस्ट लाइक रिज़र्व मे रखू. आरके का यंग लंड बोहोत जल्दी जल्दी खड़ा हो जाता है और बोहोत देर तक एरेक्ट रहता है और वो किसी आछे घर का ही लड़का लगता है. ग्रॅजुयेट है और फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स भी कर रहा है और उसी के प्रॅक्टिकल्स के लिए ही उसने टेलरिंग की दुकान लगाई है और अपने शौक की खातिर यह दुकान चला रहा है. प्लीज़ मुझे बताइए के मैं क्या करू आरके के साथ अपने रिलेशन्स कंटिन्यू रखू या ऐसे ही रिज़र्व मे रखू. ज़रूर बताना मैं इंतेज़ार करूगी आपके मैल का.

एक दूसरी बात जो मेरी समझ मे नही आ रही है वो यह है. मेरा बॉस एसके और यह फॅशन डिज़ाइनर आरके दोनो मुस्लिमस हैं और दोनो के लंड सिरकुंसीज़ेड हैं और दोनो के लोहे जैसे सख़्त लंड और उनका हेल्मेट जैसा सूपड़ा चूत मे घुस के जब धूम मचाता है तो चूत समंदर जैसे गीली हो जाती है और झड़ने लगती है और इतना मज़ा आता है के पूछो नही. . मुझे अशोक के और सुनील के लंड से चुदवाने मे वो मज़ा नही मिला जो एसके और आरके के लंड से चुदवाने मे मिला है. अगर कोई लड़की ऐसी हो जिसने किसी सरकम्साइज़्ड और अनस्ष्कम्साइज़्ड दोनो ट्राइप के लंड से चुदवा चुकी हो तो प्लीज़ मुझे मैल कर के बताए के उनका एक्सपीरियेन्स कैसे था. क्या मेरे जैसा मज़ा उनको

भी आया या उसको कोई फरक नही पड़ा ? मुझे ऐसी फीमेल फ्रेंड्स के मैल का इंतेज़ार रहेगा प्लीज़ ज़रूर करना.

मैं किरण आप सब को यह बता दू के ग्रेट वॉरईयर ने जो मेरी कहानी लिखी है वो हंड्रेड पर्सेंट सच है. वॉरईयर ने कहानी लिख के मुझे मैल किया जिसे मैं ने पढ़ा है और अपनी कहानी को अप्रूव कर के बता दिया के अब वो मेरी कहानी को ग्रूप्स मे पोस्ट कर सकता है. मैं वॉरईयर का शुक्रिया अदा करना चाहती हू के उसने मुझ से चाटिंग की और मेरी कहानी लिखी. ग्रेट वॉरईयर से पहले मैं अपनी डार्लिंग ईशा शर्मा ( जो अमेरिकन मे रहती है और एक ज्यूयलरी कंपनी मे काम करती है) का शुक्रिया अदा करना चाहती हू के उसने मुझे वॉरईयर जैसे वंडरफुल दोस्त से इंट्रोड्यूस करवाया. थॅंक्स ईशा डार्लिंग फॉर इन्ट्रोकुसिंग मे तो वॉरईयर आंड मेकिंग हिम कंप्लीट माइ स्टोरी.

आपकी किरण.

दोस्तो यह तो हो गई किरण की कहानी. और हा यह ज़रूर बताना के वारियर की लिखी हुई किरण की कहानी आप सब को कैसे लगी आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त
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