non veg story किरण की कहानी
09-07-2018, 12:56 PM,
#1
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हाई फ्रेंड्स मैं भी इक कहानी इस फोरम मे पोस्ट कर रहा हूँ दोस्तो मैं कोई राईटर नही हूँ मैं तो बस कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ 
कहानी अच्छी है या बुरी इसका क्रेडिट इस कहानी के लेखक को देना 

किरण की कहानी 

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

हेलो दोस्तो. एक नई कहानी लिखी है पढ़ के बताइए के कैसी लगी. कहानी कुछ ज़ियादा ही लंबी हो गई है पर आइ एम शुवर के आप को पसंद आएगी. मुझे मैल करना के कहानी कैसी लगी. थॅंक्स इन अड्वान्स.

मेरी एक नेट फ्रेंड है किरण. किरण एक शादी शुदा लड़की (औरत) है. लड़की इस लिए के अभी उसकी एज छोटी ही है और औरत इस लिए के उसकी शादी हो चुकी है और उसकी चुदाई भी हो चुकी है. किरण एक बोहोत ही अछी लड़की है यह मैं इस लिए जानता हू के मैं उस से चॅट करता रहता हू और मैं किरण से इंट्रोडक्षन करवाने के लिए अपनी एक और फ्रेंड ईशा जो कहने को तो शिकागो, अमेरिका मे रहती है पर सच तो यह है के ईशा मेरे दिल मे रहती है और मेरा दिल ईशा के नाम से ही धड़कता है मैं उसको अपनी जान से ज़ियादा प्यार करता हू और अपनी इशू जान का शुक्रिया अदा करना चाहता हू. ईशा मेरी जान थॅंक्स फॉर दा इंट्रोडक्षन. आइ लव यू बोथ.

किरण की शादी को लग भाग 7 – 8 महीने हुए हैं. इंडिया के ही एक बड़े मेट्रोपोलिटन सिटी मे रहती है. उस ने मुझे अपनी जीवन की बोहोत सारी घटनाएँ बताई है जो उसके साथ घटी है और वो चाहती है के मैं उसकी ज़िंदगी के बारे मे एक कहानी लिखू. उसने मेरी लिखी हुई कहानिया पढ़ी हैं और मेरी स्टोरी राइटिंग की स्किल से इंप्रेस हो के उसने मुझ से रिक्वेस्ट की है तो इसी लिए मैं लिख रहा हू. मेरी उस से चॅट होती रहती है और चॅट करते समय उसने अपने बारे मे सब कुछ बता दिया जिसको मैं ने नोट कर लिया और एक कहानी की तरह से लिख दिया. सब से पहले यह कहानी उसके पास फॉर्वर्ड की उसके अप्रूवल के लिए और फिर कुछ चेंजस अडिशन्स के साथ और उसकी इजाज़त से ही यह आप सब लोगो के लिए भेज रहा हू. होप के आप को भी पसंद आएगी. मुझे ज़रूर मैल करना के आप सब को यह कहानी कैसी लगी. आपको बता दू के यह कहानी हंड्रेड पर्सेंट सच है.

अब आगे की कहानी किरण की ज़ुबानी सुनिए :

मेरा नाम किरण है. मेरी एज 27 साल की है. गोरा चिटा रंग. 5’ 6” की नॉर्मल हाइट. चेहरा बदन 36 द – 32 – 36 का मेरा फिगर है. लोग और मेरी सहेलिया कहती है के मैं खूबसूरत हू. मेरी शादी को तकरीबन 8 महीने हुए हैं. पति के साथ

सुहाग रात और बाकी की सेक्स लाइफ कैसे गुज़र रही है वो तो मैं आप को बताउन्गि ही लैकिन मैं आपको उस से पहले के कुछ और घटनाए सुना ने जा रही हू.

मैं उस समय इंटर के 2न्ड एअर (+2 ) के एग्ज़ॅम दे रही थी. उमर होगी कोई 16 साल के लग भग. मेरे फाइनल एग्ज़ॅम से पहले प्रिपॅरेटरी एग्ज़ॅम होने वाले थे. जन्वरी का महीना था बे इंतेहा सर्दी पड़ रही थी. मैं दो दो रज़ाई ( ब्लंकेट टाइप ऑफ कवर विथ कॉटन स्टफ्ड इनसाइड ) ओढ़ के पढ़ रही थी.

उन्न दीनो मेरे एक कज़िन सुनील जिनकी एज होगी कोई 29 – 30 साल की. उन्हो ने अपने सिटी मे कोई नया नया बिज़्नेस स्टार्ट किया हुआ था तो वो कुछ खरीदारी के लिए यहा आए हुए थे और हमारे घर मे ही ठहरे थे. हमारा घर एक डबल स्टोरी घर है ऊपेर सिर्फ़ एक मेरा रूम और दूसरा स्टोर रूम है जिस्मै हमारे घर के स्पेर बेड्स, ब्लॅंकेट्स, बेडशीट्स वाघहैरा रखे रहते हैं. जब उनकी ज़रूरत होती है तो निकाले जाते है मौसम के हिसाब से. और एक दूसरा रूम जिस्मै मैं अकेली रहती हू और अपनी पढ़ाई किया करती हू. मेरा रूम बोहोत बड़ा भी नही और बिल्कुल छोटा भी नही बॅस मीडियम साइज़ का रूम थे जिस्मै मेरा एक बेड पड़ा हुआ था. वो डबल बेड भी नही और सिंगल बेड भी नही बलके डबल से थोडा छोटा और सिंगल से थोड़ा बड़ा बेड था. इतना बड़ा के कभी कभी मेरी फ्रेंड रात मे मेरे साथ पढ़ने के लिए आती और रात मे रुक जाती तो हम दोनो इतमीनान से सो सकते थे. और रूम मे एक पढ़ाई की टेबल और कुर्सी रखी है. एक मेरी कपबोर्ड और एक मीडियम साइज़ का अटॅच्ड बाथरूम है जिस्मै वॉशिंग मशीन भी रखी हुई थी. घर मे नीचे तीन कमरे थे. एक मम्मी और डॅडी का बड़ा सा बेडरूम, दूसरा एक बड़ा हॉल जैसा ड्रॉयिंग रूम जिसके एक कॉर्नर मे डाइनिंग टेबल भी पड़ी हुई थी यह ड्रॉयिंग कम डाइनिंग रूम था और एक स्पेर रूम किसी भी गेस्ट्स वाघहैरा के लिए था जिस्मै सुनील को ठहराया गया था.

हा तो मैं पढ़ाई मे बिज़ी थी. सर्दी जम्म के पड़ रही थी. मैं अपना लहाफ़ ओढ़े बेड पे बैठे पढ़ रही थी. बाइयालजी का सब्जेक्ट था और मैं एक ज़ुवालजी की बुक पढ़ रही थी. इत्तेफ़ाक़ से मैं रिप्रोडक्टिव सिस्टम ही पढ़ रही थी. जिस्मै मेल और फीमेल ऑर्गन्स की डीटेल्स के साथ ट्रॅन्सवर्स सेक्षन की फिगर बनी हुई थी. रात काफ़ी हो चुकी थी मैं अपने पढ़ाई को फाइनल टचस दे रही थी. कुछ फिगर्स देख के बनाए हुए थे नोट्स के लिए उस मैं ही कोलौरिंग कर रही थी और साथ मे लेबलिंग कर रही थी.

रात के शाएद 11 बजे होंगे पर सर्दी होने की वजह से सब जल्दी ही सो गये थे जिस से लगता था के पता न्ही कितनी रात बीत चुकी हो. घर मे मेरी मम्मी और डॅडी नीचे ही रहते थे और डिन्नर के बाद अपनी दवाइयाँ खा के अपने रूम मे जा के सो चुके थे. अचानक सुनील मेरे कमरे मे अंदर आ गये. मैं देख के हैरान रह गई और पूछा के क्या बात है तो उस ने बताया के नींद नही आ रही थी और तुम्हारे रूम की लाइट्स जलती देखी तो ऐसे ही चला आया के देखु तो सही के तुम सच मे अपनी पढ़ाई कर रही हो ( एक आँख बंद कर के ) या कुछ और.

मैं ने कहा के देख लो अपने कोर्स का ही पढ़ रही हू मेरे एग्ज़ॅम्स हैं मैं कोई खेल तमाशा नही कर रही हू. उस ने कहा के लाओ देखु तो सही के तुम क्या पढ़ रही हो और मेरे नोट्स और रेकॉर्ड बुक अपने हाथ मे ले के देखने लगा. सर्दी के मारे उसका भी बुरा हाल हो गया तो वो भी मेरे साथ ही लहाफ़ के अंदर घुस आया और मेरे बाज़ू मे बैठ गया.

रेकॉर्ड बुक के स्टार्टिंग मे तो माइक्रोस्कोप की फिगर थी और फिर सेल का डाइयग्रॅम था उसके बाद ऐसे हो छोटे मोटे डाइयग्रॅम्स फिर फाइनली उसने वो पेज खोल लिया जिस्मै मैं ने मेल और फीमेल के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का डाइयग्रॅम बनाया हुआ था. मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा और बोला के क्या यह भी तुम्हारे कोर्स मे है. मैं ने कहा हा तो उस ने कहा के अछा मुझे भी तो समझाओ के यह सिस्टम कैसे वर्क करता है. मैं शरम से पानी पानी हुई जा रही थी. मैं ने कहा मुझे नही पता तुम खुद भी तो साइन्स के स्टूडेंट थे अपने आप ही पढ़ लो और समझ लो. उस ने फिर से पूछा के तुम्है समझ मे नही आया क्या यह सिस्टम तो मैं ने कहा के नही तो उसने फिर पूछा के मैं समझा दू तो मेरे मूह से अंजाने मे “हूँ” निकल गया. उसने कहा थे ठीक है मैं समझाता हू और मेरी बुक और मेरी रेकॉर्ड बुक को खोल के पकड़ लिया.
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09-07-2018, 12:56 PM,
#2
RE: non veg story किरण की कहानी
हम दोनो बाज़ू बाज़ू मे बैठे थे. मैं घुटने मोड़ के बैठी थी और वो पलटी (क्रॉस लेगेड) मार के बैठा था. अब उसने मुझे समझाना शुरू क्या के यह है फीमेल का रिप्रोडक्टिव ऑर्गन इसे इंग्लीश मैं वेजाइना, पुसी या कंट कहते है और हिन्दी मे योनि या चूत कहते हैं. मैं शरम के मारे एक दम से लाल हो गई पर कुछ कहा नही. फिर उसने डीटेल बताना शुरू किया के यह है लेबिया मेजॉरा जिसे पुसी के लिप्स कहते है और यह उसके अंदर लेबिया मिनोरा यह डार्क पिंक कलर का या लाल कलर का होता है और यह उसके ऊपेर जो छोटा सा बटन जैसा बना हुआ है वो क्लाइटॉरिस या हिन्दी मे घुंडी या चूत का दाना भी कहते हैं और जब इसको धीरे धीरे से रगड़ा जाता है या मसाज किया जाता है तो यह जो चूत का सुराख नज़र आ रहा

है इस मे से पानी निकलना शुरू हो जाता है. या फिर अगर लड़की बोहोत ही एग्ज़ाइटेड हो जाती है तो ये निकलने वाले जुजिसे से चूत गीली हो जाती है जो के रिप्रोडक्षन के इनिशियल काम को आसान बना देती है. इतना सुनना था के मेरी चूत मे से समंदर जितना जूस निकलने लगा और चूत भर गई.

अब यह देखो दूसरी फिगर यह मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन है. इसे इंग्लीश मे पेनिस या कॉक कहते है और हिन्दी मे लंड या लौदा कहते हैं. यह नॉर्मल हालत मे ऐसे ही ढीला पड़ा रहता है जैसे के पहली पिक्चर मे है ( दो डाइयग्रॅम्स थे. एक मे नों एरेक्टेड पेनिस था दूसरे मे फुल्ली एरेक्टेड पेनिस था ) . और जब यह बोहोत एग्ज़ाइटेड हो जाता है तो यह दूसरी फिगर की तरह खड़ा हो जाता है. यह पेनिस के अंदर जो ब्लड वेसल्स है इन्न मे डॉरॅन खून (ब्लड सर्क्युलेशन) बढ़ जाता है और उसकी वजह से मसल्स अकड़ के लंड लंबा मोटा और सख़्त हो जाता है और मेरा हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और कहा ऐसे .

अब मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी बदन मे इतनी गर्मी आ गई थी के मुझे लग रहा था मानो मेरा बदन किसी आग मे जल रहा हो. और यह देखो उसने मेरा हाथ लंड के नीचे किया और कहा इसके नीचे जो यह दो बॉल्स दिखाई दे रहे हैं इन्है इंग्लीश मे टेस्टिकल्स या स्क्रोटम और हिन्दी मे अंडे भी कहते हैं. यह आक्च्युयली स्पर्म प्रोड्यूसिंग फॅक्टरी है जहा स्पर्म बनते हैं. यह स्पर्म जब मेल के ऑर्गन से ट्रान्स्फर हो के फीमेल के ऑर्गन मे जाता है तो बचा पैदा होता है. मेरा मानो बुरा हाल हो गया था कुछ समझ मे नही आ रहा था के क्या कहु और सुनील था के बॅस एक प्रोफेसर की तरह से लेक्चर दिए जा रहा था. मैं अंजाने मे उसका तना हुआ लंड अपने हाथ मे पकड़े बैठी थी मुझे इतना होश भी नही था के मैं अपना हाथ उसके लंड पे से हटा लू.

जब मेल का यह एरेक्ट लंड फीमेल की चूत के अंदर जाता है और चुदाई करते करते जब एग्ज़ाइट्मेंट और मज़ा बढ़ जाता है तो अपना स्पर्म चूत के अंदर यह जो बचे दानी दिख रही है उसके मूह पे छोड़ देता है जिस से स्पर्म बचे दानी के खुले मूह के अंदर चला जाता है और बचा पैदा होता है. मुझे पता ही नही चला के उसका एक हाथ तो मेरी चूत पे है जिसका वो मसाज कर रहा है और मेरा हाथ उसके लंड को पकड़े हुए था और मैं अंजाने मे उसके मोटे लंड को दबा रही थी. यह पहला मोका था के मैं ने किसी के लंड को अपने हाथो मे पकड़ा हो. उसने फिर कहा के देखो कैसी गीली हो गई है तुम्हारी चूत ऐसे ही हो जाती है एग्ज़ाइट्मेंट के टाइम पे. तब मुझे एहसास हुआ के यह मैं क्या कर रही हू और एक दम से

अपना हाथ उसके लंड पे से खेच लिया लैकिन उसने अपने हाथ मेरी चूत पे से नही हटाया. मेरी नाइटी मे हाथ डाले हुए ही था और मेरी चूत का मसाज करता ही जा रहा था जिस से मेरी चूत बोहोत गीली हो चुकी थी,

सुनील हस्ने लगा और बोला के डरती कियों हो मैं तो तुम्है थियरी के साथ प्रॅक्टिकल भी बता रहा था ताके तुम अछी तरह से समझ सको. बॅस इतना कहा उसने और एलेक्ट्रिसिटी चली गई और बल्ब बुझ गया और कमरे मे अंधेरा छा गया. मैं तो बे तहाशा गरम और गीली हो चुकी थी साँसें तेज़ी से चल रही थी दिमाग़ और बदन मे सन सनाहट दौड़ रही थी ब्लड सर्क्युलेशन हंड्रेड टाइम्स बढ़ चुका था चेहरा लाल हो गया था गहरी गहरी सांस ले रही थी. उसने मुझे धीरे से पुश किया और मैं बेड पे सीधे लेट गई. वो मेरी साइड मे था उसका हाथ अभी भी चूत पे था मुझे इतना होश भी नही था के मैं उसका हाथ पकड़ के हटा दूं.

बॅस ऐसे ही चित्त लेटी रही और अंजाने मे मेरी टाँगे भी खुल गई थी और वो मेरी चूत का अछी तरह से मसाज कर रहा था. मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. अब उसने फिर मेरा हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और मेरे हाथ को अपने हाथो से ऐसे दबाया जैसे मैं उसका लंड दबा रही हू. बहुत मोटा, सख़्त और गरम था उसका लंड. उसन्ने एलास्टिक वाला जॉगिंग पॅंट पहना था जिसको उसने अपने घुटनो तक खिसका दिया था और मेरे हाथ मे अपना लंड थमा दिया था और मैं हमेशा की तरह बिना पॅंटी और बिना ब्रस्सिएर के नाइटी पहनी थी मुझे क्या मालूम था के ऐसे होने वाला है. मैं तो रोज़ रात को सोने के टाइम पे अपनी पॅंटी और ब्रस्सिएर निकल के ही सोती थी.
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09-07-2018, 12:57 PM,
#3
RE: non veg story किरण की कहानी
उसका हाथ मेरे सर के नीचे था उसने दूसरे हाथ से मुझे अपनी तरफ करवट दिला दी अब हम दोनो एक दूसरे की तरफ मूह करके करवट से लेटे थे. उसने मुझे किस करना शुरू किया तो मेरा मूह बे-इख्तेयार ऑटोमॅटिकली खुल गया और उसकी ज़बान मेरी मूह के अंदर घुस चुकी थी और मैं उसकी ज़बान को ऐसे एक्षपेरेट की तरह चूस रही थी जैसे मैं फ्रेंच किस्सिंग मैं कोई एक्सपर्ट हू हालाँके यह मेरी ज़िंदगी का पहला टंग सकिंग फ्रेंच किस था. मेरे बदन मे जैसे हल्के हल्के एलेक्ट्रिक शॉक्स जैसे लग रहे थे.

मैं सुनील के राइट साइड पे थी और वो मेरे लेफ्ट साइड पे. अब उस ने अपने पैरो को चलाते हुए अपनी जॉगिंग पॅंट भी निकाल दी और अपनी टी-शर्ट भी वो पूरे का पूरा नंगा हो गया था उसके सीने के बॉल मेरे नाइटी के ऊपेर से ही मेरे बूब्स पे लग रहे थे और मेरे निपल्स खड़े हो गये थे. सुनील ने मेरी

राइट लेग को उठा के अपने लेफ्ट थाइ पे रख लिया ऐसा करने से मेरी नाइटी थोड़ी सी ऊपेर उठ गई तो उसने मेरे थाइस पे हाथ फेरते फेरते नाइटी को ऊपेर उठाना शुरू किया और मेरे सहयोग से पूरी नाइटी निकाल दी. मैं एक दम से अपने होश ओ हवास खो चुकी थी और ऑटोमॅटिकली वो जैसे कर रहा था करने दे रही थी और पूरा मज़ा ले रही थी.

हम दोनो एक दूसरे की तरफ करवट लिए लेटे थे और मेरी एक टांग उसके थाइ पे थी और अब उसने मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और फिर उन्है मूह मे ले के चूसने लगा. बूब्स को मूह मे लेते ही मेरे बदन मे एलेक्ट्रिक करेंट दौड़ गया तो मैं ने उसका लंड छोड़ के उसका सर पकड़ के अपने सीने मे घुसा दिया वो ज़ोर ज़ोर से मेरी चूचिओ को चूस रहा था और उसका लंड जोश मे हिल रहा था. लंड का सूपड़ा मेरी चूत के लिप्स को टच कर रहा था. लंड के सुराख मे से प्री कम भी निकल रहा था. उसने मेरा हाथ अपने सर से हटाया और फिर से अपने लंड पे रख दिया और मैं ऑटोमॅटिकली उसको दबाने लगी और वो मेरी चूत का मसाज करने लगा ऊपेर से नीचे कभी चूत के सुराख मे धीरे से उंगली डाल देता कभी चूत के लिप्स के अंदर ही ऊपेर से नीचे और कभी मेरी क्लाइटॉरिस को मसल देता तो मैं जोश मे पागल हो जाती. मेरी एक टंग उसकी थाइस पे रखे रहने की वजह से मेरी चूत थोड़ी सी खुल गई थी और लंड का सूपड़ा चूत से टच हो रहा था तो मैं ने उसके लंड को पकड़े पकड़े अपनी चूत के अंदर रगड़ना शुरू कर दिया. मैं मस्ती से पागल हुई जा रही थी. मुझे लग रहा था जैसे मेरे अंदर कोई लावा उबल रहा है जो बहेर आने को बेचैन है. इसी तरह से मैं उसके लंड को अपनी चूत मे रगड़ती रही और लंड मे से निकला हुआ प्री कम और मेरी चूत का बहता हुआ जूस मिल के चूत को और ज़ियादा स्लिपरी बना रहे थे और मेरे मस्ती के मारे बुरा हाल हो चुका था अब मे चाह रही थी के यह लंड मेरी चूत के अंदर घुस जाए और मुझे चोद डाले.
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09-07-2018, 12:57 PM,
#4
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--2

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

सुनील ने मुझे फिर से चित्त लिटा दिया और मेरी टांगो को खोल के बीच मे आ गया और मेरी बे इंतेहा गीली चूत का किस किया तो मैं ने अपने चूतड़ उठा के उसके मूह मे अपनी चूत को घुसेड़ना शुरू कर्दिआ मेरी आँखें बंद हो गई थी और मज़े का आलम तो बस ना पूछो इतना मज़ा आ रहा था जिसको लिखना मुश्किल है.

उसका मूह मेरे चूत पे लगते ही मेरी टाँगें ऑटोमॅटिकली ऊपेर उठ गई और उसके नेक पे कैंची की तरह लिपट गई और मैं उसके सर को अपनी टांगो से अपनी चूत के अंदर घुसेड रही थी और मुझे ऐसे लग रहा था जैसे मेरे अंदर उबलता हुआ लावा

अब बहेर निकलने को बेचैन है. मेरी आँखें बंद हो गई और उसकी ज़बान मेरी क्लाइटॉरिस को लगते ही मेरे बदन मे सन सनी सी फैल गई और मेरे मूह से एक ज़ोर की सिसकारी निकली आआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और मेरी चूत मे से गरम गरम लावा निकलने लगा और पता नही कितनी देर तक निकलता रहा जब मेरा दिमाग़ ठिकाने पे आया तब देखा के सुनील अभी भी मेरी चूत मे अपनी ज़बान घुसेड के चाट रहा है और पूरी चूत को अपने मूह मे ले के दांतो से काट रहा है और मेरी चूत मे फिर से आग लगने लगी.

मैं सोच रही थी के बस अब सुनील मेरी चुदाई कर दे लैकिन उस से बोलने मे शरम भी आ रही थी बॅस इंतेज़ार ही करती रही के कब यह मुझे चोदेगा.

सुनील के हाथ मेरी गंद के नीचे थे और वो मेरी चूतदों को उठा के चूत को चूस रहा था. मैं अपनी चूतदो को उछाल उछाल के अपनी चूत सुनील के मूह से रगड़ रही थी चूत मे फिर से गुदगुदी शुरू हो गई थी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और मस्ती मे मेरी आँखें बंद थी और मैं सुनील का सर पकड़े हुए अपनी चूत मे घुसेड रही थी. अब शाएद सुनील से भी बर्दाश्त नही हो रहा था तो वो अपनी जगह से उठा और मेरे टाँगों के बीच मे बैठ गया और अपने लोड्‍े को अपने हाथ से पकड़ केउसके सूपदे को मेरी गीली और गरम जलती हुई चूत के अंदर ऊपेर से नीचे कर रहा था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी. मुझ से भी अब सहन नही हो रहा था तो मैं ने अपना हाथ बढ़ा के सुनील का लोहे जैसा सख़्त और मोटा तगड़ा लंड अपने हाथो से पकड़ के अपनी ही चूत मे घिसना शुरू कर दिया. उसके लंड मे से निकलता हुआ प्री कम से उसका लंड चूत के अंदर स्लिप हो रहा था और जब उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख पे लगता तो मेरे मूह से मज़े की एक सिसकारी निकल जाती.

सुनील अब मेरे ऊपेर बेंड हो गया और मेरे मूह मे अपनी ज़बान को घुसेड के फ्रेंच किस कर रहा था और मैं उसके लंड को अपनी चूत मे घिस्स रही थी. मेरी टाँगें सुनील के बॅक पे लपेटी हुई थी और सुनील का लंड मेरी चूत के लिप्स के बीचे मे सॅंडविच बना हुआ था. उसने अपने लंड को चूत के लिप्स के बीच मे से ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया. चूत बोहोत ही स्लिपरी हो गई थी और ऐसे ही ऊपेर नीचे करते करते उसके लंड का मोटा सूपड़ा मेरी छोटी सी चूत के सुराख मे अटक गया और मेरा मूह एग्ज़ाइट्मेंट मे खुला रह गया. उसने अपना लंड थोड़ा सा और पुश किया तो उसके लंड का सूपड़ा पूरा चूत के अंदर घुस गया और मुझे लगा जैसे मेरी अंदर की सांस अंदर और बहेर की सांस बहेर रह गई हो

मेरे मूह से हल्की सी चीख ऊऊऊीीईईईईईईईई निकल गई मैं ने अपने दाँत ज़ोर से बंद कर लिए.

उसने सूपदे को धीरे धीरे अंदर बहेर करना शुरू किया तो मेरी चूत मे एक अजीब सा मज़ा महसूस होने लगा और मैं ने अपने दोनो हाथ बढ़ा कर सुनील को अपने बाँहो मे ज़ोर से जाकड़ लिया. सुनील ने लंड को थोडा और अंदर घुसेड़ा तो मेरी चूत का सुराख जैसे बड़ा होने लगा और मुझे तकलीफ़ होने लगी. मैं ने कहा सुनील दरद हो रहा है अब और अंदर मत डालो प्लीज़ तो उस ने कहा अरे पगली अभी तो थोडा सा भी अंदर नही गया और कहा के अभी तुमको मज़ा आएगा थोडा वेट करो और फिर मेरे चुचिओ को चूसने लगा तो मेरे बदन मे फिर से सन सनी सी फैलनी शुरू हो गई और मैं उसके बॅक पे अपने हाथ फिराने लगी.

सुनील अपने लंड के सूपदे को मेरी छोटी सी टाइट चूत के अंदर बहेर करने लगा .मेरी चूत मे से जूस निकलने की वजह से उसके लंड का टोपा अब अंदर बहेर स्लिप हो रहा था ऐसे ही करते करते उसने अपने लंड को बहेर निकाला और एक झटका मारा तो उसका लोहे जैसा सख़्त लंड मेरे चूत के अंदर आधा घुस्स गया और मेरे मूह से चीख निकल गैइइ उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

लंड अब आधा अंदर घुस्स चुका था और मेरी चूत के अंदर जलन शुरू हो गई. मैं उस से ज़ोर से लिपट गई सारा बदन अकड़ गया तो सुनील ने धक्के मारना बंद कर दिया और मेरी चुचिओ को चूसने लगा. थोड़ी देर मे ही फिर से मुझे अछा लगने लगा और मेरी ग्रिप सुनील पे थोड़ी ढीली हो गई. उस ने अपना लंड मेरी चूत के अंदर ऐसे हो छोड़ दिया और चुचिओ को चूसने लगा. मुझे फिर से मज़ा आने लगा उसका आधा घुसा हुआ लंड अछा लगने लगा.

जब उसने देखा के मेरी चूत उसके मोटे लंड को अपनी छोटे से सुराख मे अड्जस्ट कर लिया है तो उसने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बहेर करना शुरू कर दिया जिस से मुझे बोहोत मज़ा आने लगा और मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकलने लगा जिस से मेरी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी. अब सुनील ने अपने हाथ मेरी बगल से निकाल के मेरे शोल्डर्स को पकड़ लिया और मुझे फ्रेंच किस करने लगा पोज़िशन ऐसी थी के दोनो के बदन के बीच मे मेरे बूब्स चिपक गये थे सुनील मुझ पे झुका हुआ था और उसका लंड मेरी चूत मे आधा घुसा हुआ था. सुनील ने धीरे धीरे लंड को अंदर बहेर कर के मेरी चुदाई शुरू की और मैं मज़े से पागल हो ने लगी.
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09-07-2018, 12:57 PM,
#5
RE: non veg story किरण की कहानी
मेरी चूत मे उसका

मोटा लंड फँसा हुआ था और अंदर बहेर हो रहा था. मुझे फिर से लगने लगा के मेरे चूत के बोहोत अंदर कोई लावा जैसा उबल रहा है और बहेर निकल ने को बेचैन है उतने मे ही सुनील ने अपने लंड को मेरी चूत से पूरा बहेर निकाल लिया तो मुझे अपनी चूत खाली खाली (एंप्टी) लगने लगी और फिर देखते ही देखते उसने इतनी ज़ोर का झटका मारा और मेरे मूह से ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममममाआआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ निकाआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊ बेयेयेयेयाहेयरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र माआआअरर्र्र्ररर ड्ड्डययेएयेएयीयायाऑल्ल्लायाआयायेयीययाया ऊवुवायीयीयियी माआआआआआआअ और मुझे लगा जैसे मेररे बदन को चीरता हुआ कोई मोटा सा लोहे का सख़्त डंडा मेरी चूत के रास्ते मेरी टाँगो के बीच मे घुस्स गया हो और मैं सुनील से ऐसे लिपट गई उसको ज़ोर से पकड़ लिया और एक दम से टोटल ब्लॅक आउट शाएद मैं एक लम्हे के लिए बे होश हो गई कमरे मे तो पहले से ही अंधेरा था मुझे कुछ नज़र ही नही आ रहा था और फिर सडेनली ऐसे चूत फाड़ झटके से तो मैं एक दम से बेहोश हो गई मुझे लगा जैसे सारा कमरा मेरे आगे घूम रहा हो मूह खुला का खुला रह गया था और आँखे बहेर निकल आई थी और आँखों मे से पानी निकल रहा था मेरा मूह तकलीफ़ के मारे खुल गया था लगता था बदन मेकई खून ही नही हो दिमाग़ काम नही कर रहा था..

पता नही मैं कितनी देर उसको ज़ोर से चिपकी रही और कितनी देर तक बेहोश रही जब होश आया तो देखा के वो अपने लंड से मेरी फटी चूत को चोद रहा है उसका लंड अंदर बहेर हो रहा है और मेरी चूत मे जलन से जैसे आग लगी हुई हो मेरी मूह से ऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईइ आआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊऊन्न्‍नननननननननननननननननणणन् आआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईई जैसी आवाज़ें निकल रही थी लैकिन सुनील था के रुकने का नाम ही नही ले रहा था लगता था जैसे पागल हो गया हो ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था और मेरी फटी चूत मे दरद हो रहा था. मेरा जो लावा निकालने को बेताब था पता नही वो कहा चला गया था और मुझे बे इंतेहा दरद हो रहा था लगता था जैसे कोई छुरी (नाइफ) से मेरी चूत को काट रहा हो चूत के अंदर बे इंतहा जलन और दरद हो रहा था.

सुनील मुझे चोदे ही जा रहा था अंधेरे मे उसे पता भी तो नही चल रहा था के मैं कितनी तकलीफ़ मे हू.
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09-07-2018, 12:57 PM,
#6
RE: non veg story किरण की कहानी
मैं उसके बदन

से चिपकी हुई थी उसके झटको से मेरे बूब्स आगे पीछे हो रहे थे. थोड़ी ही देर मे जब मेरी चूत उसके मोटे लंड को अपने छोटे से सुराख मे अड्जस्ट कर चुकी तो अब मुझे भी मज़ा आने लगा और मेरी ग्रिप उस पे से ढीली पड़ गई और वो अब धना धन चोद रहा था लंड अंदर बहेर हो रहा था मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था ऐसा मज़ा जो कभी सारी ज़िंदगी नही आया था. उसके हाथ अभी भी मेरे शोल्डर्स को पकड़े हुए था और वो अपनी गंद उठा उठा के लंड को पूरा हेड तक बहेर निकालता और ज़ोर के झटके से चूत के अंदर घुसे देता. उसके चोदने की स्पीड बढ़ गई थी और अब मेरा लावा जो पता नही कब से निकलने को बे ताब था मुझे लगा के अब वो फिर से बहेर आने वाला है और मुझे अपनी चूत के अंदर ही अंदर उसका लंड फूलता हुआ महसूस हुआ उसने बोहोत ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू किया और फाइनली लंड को पूरा चूत से बहेर निकाला और एक इतनी ज़ोर से झटका मारा के मेरा सारा बदन हिल गया और मेरे बदन मे जैसे बिजली की झटके लगने लगे सारा बदन काँपने लगा मैं ने फिर से सुनील को ज़ोर से अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया उसके साथ ही उसके लोहे जैसे सख़्त लंड मे से गरम गरम मलाई के फव्वारे निकलने लगे मेरी चूत को भरने लगा और बस उसी टाइम पे मेरा लावा जो चूत के बोहोत अंदर उबाल रहा था बहेर निकलने लगा ऐसे जैसे बौंड्रीएस टूड के दरिया का पानी बहेर निकल जाता है. आआआआआआआअहह मुझे लगा जैसे सारी दुनिया मे अंधेरा छा गया हो बदन मे झटके लग रहे थे दिमाग़ मे सन सनाहट हो रही थी और बोहोत ही मज़ा आ रहा था सुनील अभी भी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था जितनी देर तक उसकी मलाई निकलती रही उसके धक्के चलते रहे और फिर वो सडन्ली मेरे बदन पे गिर गया जिस से मेरे बूब्स हम दोनो के बदन के बीचे मे सॅंडविच बन गये. हम दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे मैं उसके बालों मे हाथ फिरा रही थी मेरी ग्रिप टोटली लूस पड़ गई थी टाँगें खुली पड़ी थी मैं चित्त लेटी रही सुनील का लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था पर अब वो धीर धीरे नरम होने लगा था और फिर एक प्लॉप की आवाज़ के साथ उसका लंड मेरी चूत के सुराख से बहेर निकल गया और मुझे लगा के उसकी और मेरी मलाई जो चूत के अंदर जमा हो चुकी थी वो बहेर निकल रही है और मेरी गंद के क्रॅक पे से होती हुई नीचे बेडशीट पे गिरने लगी.

सुनील थोड़ी देर तक मेरे ऊपेर ऐसे ही पड़ा रहा जब दोनो को होश आया तो उसने मुझे एक फ्रेंच किस किया और बोला के कल रात फिर तुम्है रिप्रोडक्टिव सिस्टम का दूसरा भाग पढ़ाने आउन्गा. मैं ने मुस्कुराते हुए कहा शैतान चलो भागो यहा से
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09-07-2018, 12:57 PM,
#7
RE: non veg story किरण की कहानी
तुम ने यह क्या कर डाला अगर कुछ हो गया तो क्या होगा. उसने कहा नही ऐसे नही होगा तुम फिकर ना करो. और वो अपने कपड़े पहेन के नीचे सोने चला गया.

मैं सुबह देर तक सोती रही नीचे से मम्मी आवाज़ें देती रही लैकिन मैं तो गहरी नींद सो रही थी तो मम्मी ने सुनील से कहा के जा बेटा ज़रा देख तो सही यह किरण की बच्ची अभी तक सोई पड़ी है. कॉलेज भी जाना है उसने. सुनील ऊपेर आया और मुझे जगाया. मैं जब जागी और अपने बेड से उठी तो देखा का वो तो ब्लड से भरी पड़ी है मैं तो एक दम से डर ही गई पर सुनील ने कहा डरने की कोई बात नही यह तुम्हारी हाइमेन थी जिसे हिन्दी मे झिल्ली भी कहते है वो फॅट गई और तुम्हारी चूत की सील टूट गई है. यह झिल्ली तो हर कंवारी लड़की को होती है और पहली चुदाई मे टूट जाती है और यह नॉर्मल है तो मैं ने इतमीनान का साँस लिया और बेडशीट को लपेट के वॉशिंग मशीन मे धोने के लिए डाल दिया और मैं जब नहा धो के नीचे उतर रही थी तो मुझ से ठीक से चला नही जा रहा था. मम्मी ने पूछा क्या हुआ ऐसे कियों चल रही है तेरी तबीयत तो ठीक हा ना तो मैं ने कहा पता नही मोम क्या हुआ तो सुनील ने शरारत से मुस्कुराते हुए बीच मे कहा के शाएद कोई चीज़ चुब्ब गई होगी तो मैं ने उसकी तरफ बनावटी घुस्से से देखा और मैं ने मा से कहा हा मा हो सकता है कोई चीज़ चुब्ब गई हो कल रात बिजली भी तो चली गई थी ना मोम और अंधेरा हो गया था तो हो सकता है कोई चीज़ सच मे चुब्ब गई हो तो मा ने इतमीनान का साँस लिया और कहा ठीक है अगर दवाई लगानी हो तो लगा लो तो सुनील ने मुस्कुराते हुए कहा आप फिकर ना करे आंटी मैं इसे आज दरद कम होने का इंजेक्षन लगा दूँगा जिसस से इसका दरद हमेशा के लिए ख़तम हो जाएगा. मा ने कहा हा यह ठीक है पर मा को क्या पता के सुनील कौन्से इंजेक्षन की बात कर रहा है और यह इंजेक्षन वो किरण को कहा लगाएगा यह तो बस मैं जानती थी या वो.

मैं ने नाश्ता किया और कॉलेज चली गई. कॉलेज तो चली गई पर कही दिल ही नही लग रहा था चूत मे मीठी मीठी खुजली हो रही थी बार बार मेरा हाथ मेरी चूत पे ही चला जाता था और सारे बदन मे मीठा मीठा सा दरद हो रहा था बार बार अंगड़ाई लेने का मन कर रहा था. आअज कॉलेज कुछ अजीब सा लग रहा था पता नही क्यों. खैर कॉलेज का टाइम ख़तम हुआ मैं घर आ गई और लंच के बाद अपने रूम मे जा के सो गई. बहुत देर तक सोती रही उठने का मंन ही नही कर रहा था सारे बदन मे एक अजीब सी मिठास लग रही थी. लेट ईव्निंग उठी और फ्रेश हो के नीचे आ गई और हम सब ने डिन्नर साथ किया. वही डिन्नर टेबल पे बैठ के हम सब बातें करने लगे

मगर मेरा मन तो कही और ही था मैं बातें सुन्न तो रही थी पर समझ मे कुछ भी नही आ रहा था. थोड़ी देर के बाद मैं ने कहा के अब मैं जाती हू मुझे पढ़ाई करनी है और मैं ऊपेर अपने कमरे मे चली गई.

क्रमशः.......................................
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09-07-2018, 12:57 PM,
#8
RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--3

लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर

हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा

गतांक से आगे........................

रात के ऑलमोस्ट 10:30 हो गये थे मुझे अभी भी नीचे से मम्मी डॅडी और सुनील की बातों की आवाज़ें आ रही थी. मैं आते ही अपने बेड पे लेट गई और मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली मेरी सलवार के अंदर चूत पे चला गया और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी चूत से खेलने लगी. जब देखा के मेरी चूत पे थोड़ी थोड़ी झातें उग आई है वैसे तो मैं एवेरी वीक अपनी झातें सॉफ करती हू अभी 3 ही दिन हुए थे मुझे झातें सॉफ किए हुए और अब हल्की हल्की सी महसूस हो रही थी तो मैं बाथरूम मे गई और क्रीम लगा के बची कूची झटों को सॉफ कर दिया अब मेरी चूत मक्खन जैसी चिकनी हो गई थी. मैं वापस बेड पे आके लेट गई कमरे की बिजली बंद करदी और अंधेरे मे ही एक बार फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी अब चूत एक दम से मक्खन की तरह चिकनी हो चुकी थी. ठंड बढ़ चुकी थी और मैं ब्लंकेट तान कर लेट गई और अब अंधेरे मे मुझे मसाज करने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. लड़कियाँ एस्पेशली कॉलेज जाने वाली लड़किया जानती हैं के सर्दी की रात हो और चूत मक्खन जैसी चिकनी हो तो चूत से खेलने मे और मसाज करने मे कितना मज़ा आता है और मैं भी अपनी चूत का मसाज करने लगी और मसाज करते करते मेरी उंगली तेज़ी से चलने लगी कभी उंगली चूत के सुराख मे अंदर डाल के और कभी क्लाइटॉरिस का मसाज कर रही थी और फिर सडन्ली मेरा हाथ तेज़ी से चलने लगा और बदन काँपने लगा और फिर मेरा लावा फिर से उबलने लगा और चूत मे से जूस निकलने लगा. मेरी आँखें बंद हो गई दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और दिमाग़ मे साय सायँ सी होने लगी और मस्ती मैं आ जाने मे कब सो गई.

मुझे अपनी चूत पे किसी का हाथ महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गई. पता नही कितनी रात हो गई थी मेरी आँख खुली और मुझे होश आया तो समझ मे आया के वो सुनील है. मैं उस से लिपट गई और हम दोनो फ्रेंच किस करने लगे एक दूसरे की ज़बान को चूस रहे थे उसका एक हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी चूत का मसाज मेरी सलवार के ऊपेर से ही करने लगा. मुझे चूत मे गर्मी महसूस होने लगी और गीली भी होने लगी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके लंड को पकड़ा तो पता चला के वो तो पूरा का पूरा नंगा लेटा है मैं उसका नंगा पन महसूस कर के मुस्कुरा दी और उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाने लगी. हम दोनो चित्त लेटे थे. उसका हाथ

अब मेरी सलवार के अंदर घुस चुका था उसने सलवार का स्ट्रिंग खोल दिया था और चूत को मसाज कर रहा था मेरी चिकनी चूत पे उसका हाथ बोहोत अछा लग रहा था.

वो अपने जगह से उठा और मेरी शर्ट को मेरा हाथ उप्पेर कर के निकाल दिया और मेरी टाँगों को खोल के टाँगों के बीच मे आ के बैठ गया और मेरी सलवार को नीचे खीच के उतारने लगा तो मैं ने अपनी चूतड़ उठा दी और सलवार निकालने मे सहयोग किया. अब हम दोनो नंगे थे और कमरा अंधेरा था घर के सारे लोग सो चुके थे मैं ने पूछा क्या टाइम हुआ है तो उसने बताया के रात का 1 बज रहा है और सर्दी के मारे मेरे मम्मी डॅडी ब्लंकेट तान के अपने कमरे मे कब के सो चुके हैं. सुनील मेरे ऊपेर ऐसे ही लेट गया उसका आकड़ा हुआ लंड जिस्मै से प्री कम निकल रहा था मेरी चूत के ऊपेर था हम दोनो के बदन के बीच मे. उसका लंड और मेरी चुचियाँ दोनो सॅंडविच बन गई थी. हम दोनो किस्सिंग मे बिज़ी हो गये. मेरी चूत के ऊपेर उसका लंड लगने से चूत मे खुजली शुरू हो चुकी थी और गीली भी हो चुकी थी. वो मेरी चुचिओ को मसल रहा था और किस्सिंग कर रहा था. उसका लंड मेरे चूत के लिप्स के बीच मे “हॉट डॉग” के सॅंडविच की तरह से फँसा हुआ था. लंड के डंडे का लोवर पोर्षन मेरी चूत को खोल के लिप्स के बीच मे था. लंड के डंडे का निचला भाग क्लाइटॉरिस से टच कर रहा था तो और मज़ा आ रहा था. अब उसने मेरे चुचिओ को चूसना शुरू कर दिया जिस से मेरे बदन मे बिजली दौड़ना शुरू हो गई और मुझे लग रहा था के सारे बदन से बिजली दौड़ती हुई चूत मे आ रही है जैसे मेरी चूत बिजली का न्यूक्लियस हो या सेंट्रल पॉइंट हो.
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09-07-2018, 12:58 PM,
#9
RE: non veg story किरण की कहानी
सुनील अपना लंड के डंडे को चूत के लिप्स के बीच मे ही ऊपेर नीचे करने लगा. उसके लंड मे से प्री कम भी निकल रहा था जिस से उसके लंड का लोवर पोर्षन जो मेरी चूत के लीप के बीच मे था स्लिपरी हो गया था और फिसल रहा था. मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे क्रॉस रखी थी और मैं उसको अपनी अरफ़ खेच रही थी. मेरी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी वो भी मस्ती मे था ऐसे ही लंड को चूत के अंदर ऊपेर नीचे करते करते उसका लंड मेरी चूत के सुराख मे फँस गया और एक ही झटके मे मेरी गीली चूत के अंदर आधा घुस्स गया तो मेरे मूह से आआआआआआआहह और ईईईईईईईईईईईईहह की सिसकारी निकल गई और मेरी आँखें फटी रह गई. उसने अब अपना लंड आधा ही अंदर बहेर करना शुरू कर दिया तो मुझे बोह्त मज़ा आने लगा मैं अपनी गंद उठा उठा के उसका लंड अपनी

चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी. सुनील ने अब अपना पूरा लंड सूपदे तक चूत से बहेर निकाल के एक ज़ोरदार झटका मारा तो मेरे मूह से आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली और मैं उस से ज़ोर से लिपट गई. मेरा अंदर का दम अंदर और बहेर का बहेर रह गया चूत पूरी स्ट्रेच हो चुकी थी मेरी चूत मे एक बार फिर से जलन होने लगी.

सुनील थोड़ी देर तक तो ऐसे ही लंड को चूत के अंदर घुसाए हुए लेटा रहा और मुझे फ्रेंच किस करने लगा. दोनो एक दूसरे की ज़बान चूस रहे थे. थोड़ी ही देर मे चूत के अंदर की जलन ख़तम हो गई और मुझे उसका लोहे जैसा सख़्त लंड अपनी चूत के अंदर बोहोत अछा लगने लगा. सुनील ने चुदाई शुरू करदी पूरा लंड बहेर तक निकाल निकाल के चोद रहा था. उसके पैर पीछे को थे और बेड के वुडन पट्टी से टीके हुए थे और मेरी टाँगें उसकी चूतड़ पे कैंची की तरह से जकड़ी हुई थी. वो वुडन बॅक का सहारा ले के अपने लंड को पूरा चूत मे से बहेर निकाल निकाल के ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर रहा था. जैसे ही उसका लंड चूत से बहेर निकलता मुझे लगता जैसे मेरी चूत एक दम से खाली (एंप्टी) हो गई हो और फिर जब लंड चूत के अंदर घुस्स जाता तो लगता जैसे चूत पूरी तरह से भर गई है और वो मुझे चोद्ता ही चला गया ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था उसके दोनो कोहनियाँ (एल्बोस) मेरे बदन के दोनो तरफ थे उसके पैर पीछे और मेरे पैर उसके गंद पे क्रॉस थे मुझे अब बोहोत ही मज़ा आने लगा था उसकी चुदाई से.

उसके हर धक्के से मेरे चुचियाँ आगे पीछे होने लगी तो उसने अपने मूह से उनको चूसना शुरू कर दिया. मस्ती से मैं पागल हो गई थी मेरी छोटी से टाइट चूत के अंदर उसका इतना बड़ा लोहे का डंडा बोहोत मज़ा दे रहा था. चुदाई मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. मेरी चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था और प्प्पकक्चक्कक प्प्पकक्चछक्कक प्प्पकक्चछक्क की आवाज़ें कमरे मे गूंजने लगी मुझे यह चुदाई का म्यूज़िक बोहोत मस्त लग रहा था मैं अपनी गंद उठा उठा के उस से चुदवा रही थी जैसे म्यूज़िक की ताल से ताल मिला रही हो.

सुनील के धक्के तेज़ हो चुके थे और मुझे भी लग रहा था के मेरी चूत के अंदर कोई तूफान उठ रहा हो मैं उस से लिपट गई. सुनील इतनी ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था के मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसका लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत को फाड़ के मेरे पेट तक घुस्स चुका है. वो दीवानो की तारह से चोद रहा था मैं उस से ज़ोर से लिपट गई और दोनो के साँसें तेज़ी से चल रही थी. मुझे लगा के मेरी चूत मे जो तूफान मचा हुआ था अब वो बहेर निकलने को मचल रहा हो

और ठीक उसी समय सुनील के लंड मे से मलाई के फव्वारे छूटने लगे
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09-07-2018, 12:58 PM,
#10
RE: non veg story किरण की कहानी
एक दो तीन चार पाँच उफफफ्फ़ मुझे तो मस्ती मे पता ही नही चला के कितनी मलाई निकल रही है जबके उसकी पहली मलाई के फव्वारे ही से मेरी चूत मे से तूफ़ानी लावा निकलने लगा मैं उस से ज़ोर से लिपट गई थी. उसके धक्के अब धीमे हो ने लगे और वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर ही छोड़ के मेरे ऊपेर गिर गया. मेरी चुदी हुई चूत हम दोनो की मलाई से फुल हो चुकी थी पर अभी तक बहेर नही निकली थी कियों के चूत के सुराख पे उसके लंड का टाइट ढक्कन लगा हुआ था. दोनो ऐसे हे गहरी गहरी साँसें लेते रहे मेरी ग्रिप भी अब लूस हो गई थी. उसका लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था ऐसे लग रहा था जैसे चूत के अंदर ही फूल के और मोटा हो रहा हो. अंधेरे कमरे मे हमारी तेज़ी से चलती हुई साँसें सुनाई दे रही थी मेरी आँखें बंद थी सारे बदन मे एक अजीब सी सन सनाहट हो रही थी मेरे दिल और दिमाग़ का टोटल ब्लॅकाउट हो गया था शाएद एक दो या तीन मिनिट के लिए मे सो गई थी या मस्ती मे बेहोश हो गई थी पता नही.

मुझे थोड़ा सा होश आया तो महसूस हुआ के सुनील मेरे ऊपेर पलट के आ चुका है और उसके लंड मे से टपकती हुई हम दोनो की मिक्स मलाई के ड्रॉप्स मेरे लिप्स पे गिर रहे हैं. शाएद वो अपना लंड चूत मे से बहेर निकालते ही पलट के 69 पोज़िशन मे आ गया था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और सुनील मेरी चूत को चाटना शुरू कर चुका था. मेरे बंद लिप्स पे जब मलाई गिरी तो ऑटोमॅटिकली मेरी ज़बान बहेर निकाली और मैं ने मलाई को टेस्ट किया और फिर जैसे खुद बा खुद ही मेरा मूह खुल गया और मैं सुनील के आधे आकड़े हुए लंड को चूसने लगी. दोनो की मिक्स मलाई उसके लंड पे लगी हुई थी और मैं चाट रही थी और वो मलाई को मेरी चूत मे से चाट रहा था. इस तरह से मैं ने उसके लंड को सॉफ किया और उसने मेरी चूत को सॉफ किया.

अब फिर से सुनील मेरे बाज़ू मे आ के लेट गया. मेरी पीठ के पीछे था वो मेरी पीट से उसका सीना लग रहा था ऐसे करवट से लेटी थी और वो मेरे पीछे मुझ से लिपटा हुआ करवट से लेटा था. मेरी चूतड़ पे उसका लंड महसूस हो रहा था. पर अभी तक मेरा दिमाग़ ठिकाने नही आया था अभी तक कमरा मेरे आँखों के सामने घूम रहा था और मे पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो चुकी थी.

उसका लंड मेरी चूतड़ से लग रहा था और उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरी चुचिओ को मसलना शुरू कर दिया. मेरी निपल्स बोहोत सेन्सिटिव हो चुकी थी और उसका हाथ लगने से

एरेक्ट हो चुकी थी. मैं अपनी टाँगों को फोल्ड कर के लेटी थी ऐसे के मेरे नीस मेरे चुचिओ के करीब थे और सुनील मेरे पीछे से लंड को चूत पे टच कर रहा था और आहिस्ता आहिस्ता से धक्के मार मार के पीछे से ही लेटे लेटे लंड के हेड को चूत के सुराख मे घुसाने की कोशिश कर रहा था.

उसके लंड का सूपड़ा मेरी चूत के सुराख मे लगते ही चूत मे जैसे फिर से जान आने लगी और वो गीली हो ना शुरू हो गई. मेरी चुचिओ को मसल रहा था और धक्के मार मार के लंड को सूपदे को पीछे से ही चूत के अंदर घुसा रहा था. थोड़ी ही कोशिश के बाद मेरी चूत मे उसका लंड आधा और फिर पूरा अंदर घुसने लगा. उसका लंड पूरी तरह से अकड़ गया था और्फिर से एक दम से लोहे जैसा सख़्त हो गया था.

मुझे फिर से मज़ा आने लगा था वो जोश मे लंड को फिर से सूपदे तक निकाल निकाल के पीछे से ही मुझे चोद रहा था. मेरा पूरा बदन रिलॅक्स हो गया था चूत मे से जूस भी निकलने लगा था और स्लिपरी हो गई थी चूत अंदर से. उसका लंड आसानी से अंदर बहेर हो रहा था और मैं फिर से मज़े लेने लगी थी. अचानक जब उसने अपना लंड पूरा बहेर खेंच के अंदर घुसाने के कोशिश की तो वो चूत मे से बहेर निकल के गंद के सुराख मे घुस्स गया मेरी मूह से फिर से एक ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआआआआअ चीख निकल गई. पर गंद के मसल्स तो रिलॅक्स थे क्या पता था के गंद मे घुस जाएगा. बॅस लंड मेरी चूत के जूस से गील हो गया था और एक ही झटके मे उन एक्षपेक्टेडली मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स चुका था मैं उछल के आगे हो रही थी उसी समय सुनील ने मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं उसके लोहे जैसे लंड को अपनी छोटी सी गंद के सुराख से बहेर नही निकाल पाई. अब वो मेरी गंद मार रहा था. मुझे बोहोत तकलीफ़ हो रही थी इतना मोटा लंबा लंड मेरी छोटी सी गंद मे घुस चुका था मुझे लग रहा था के मेरी गंद फट गई है.
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