07-04-2018, 12:56 PM,
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RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 7
‘सच में ‘माधुरी खुश होते हुए बोली
‘हाँ पर तुमने पहले कभी बाय्फ्रेंड देखी है’ योगेश ने पूछा ”हाँ कॉलेग के टाइम सहेलियों के मोबाइल में बहुत बार देखी है’ वो बोली
”ठीक है तो फिर तुम जब चाहो मेरा लापी उसे कर सकती हो’ वो बोला
‘शुभ कम में देरी क्यों लाओ अभी ही वो वाला फोल्डर खोल के मुझे दे दो मैं मेरे रूम में जाकर आज ही सारी फिल्में देख लूँगी’ वो खुश हो कर बोली
”लगता है बहुत जल्दी है उंगली करने की” योगेश हंसाता हुआ बोला और उसने लापी पर बाय्फ्रेंड वाला फोल्डर ओपन कर के माधुरी को दे दिया मदूरी ने लापी लिया और बोली ‘टॅंक्स भाई & गुड नाइट’
”वेरी वेरी गुड ‘उंगली’ नाइट तो यू” वो हंस कर बोला माधुरी मूढ़ुरी भी मुस्कुराईं और गांड मतकते हुए अपने रूम में चली गई
”हे मेरी जान तेरी गांड तो मेरी जान ही निकल देगी” उसके जाने के बाद योगेश बोला अब उसे किसी बात का टेंशों नहीं था उसे लगा के आज नहीं तो कल वो मधु को चोद ही देगा पर अभी एक चिड़िया तो तुरंत ही फासने को तैयार है और वो योगिता का इंतजार करने लगा….
रात के करीब 10.30 बजे योगिता योगेश के कमरे में आई योगेश उसे देखते ही उठा और जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया फिर उसने ज़ोर से योगोटा को अपनी बाहों में भिच लिया जिससे योगिता के बूब्स उसके सीने में घुस गये और ऐसा करते ही उसका पहले से ताना हुआ लंड पूरा अकड़ के योगिता की नाभि में ही घुसने लगा अब वो योगिता की पीठ सहला रहा था और उसके होंठ योगिता की गर्दन पर टच हो रहे थे इन सब हरकतों से योगिता की चुत भी अब गीली हो गई थी ”आ गई मेरी प्यारी बहन मैं कब से तेरा इंतजार कर रहा था” योगेश अपने हाथ योगिता की कमर सहलाते हुए बोला ”वो भैया पूजा सोई नहीं थी तो मैं उसके सोने का इंतजार कर कर रही थी वरना बेकार में ही उसके सवालों का जवाब देना पड़ता” अब योगिता भी अपने भाई से चिपके जा रही थी उसने जानबूझ कर योगेश को ये नहीं बताया के वो पूजा को सब कुछ बता चुकी है अब योगेश के हाथ योगिता के भरी कुल्हो पर आ गये थे और योगिता भी अपने भाई की पीठ सहला रही थी एकाएक योगेश की एक उंगली योगिता की गांड की दरार पर पहुँची और वो उसे सहलाने लगा योगिता एक दम से सिहर उठी उसने कस कर योगेश को जकड़ लिया अब योगेश एक हाथ की उंगली से उसकी गांड की दरार को सहला रहा था और दूसरे हाथ से उसके कड़क कड़क कूल्हे को दबा रहा था दोनों ही भाई बहन सब कुछ भूल कर जैसे अपने जिस्म की गर्मी को ठंडा कर लेना चाहते थे तभी साइड वाले रूम से जो की माधुरी का था उन्हें खांसने की आवाज़ आई दोनों ही चिटक कर एक दूसरे से अलग हो गये अब उन्हें होश आया के वो दोनों क्या कर रहे थे कुछ देर दोनों ही नज़र नहीं मिला पाए और पलंग पर जा कर बैठ गये
कुछ देर बाद योगिता ने ही खामोशी को थोड़ा ”हाँ तो भैया क्या पूछना चाहते थे आप” योगेश कुछ देर सोचने के बाद हिचकिचाता हुआ बोला ”वो क्या है ना योगिता उस टाइम तो मैंने बोल दिया पर अब मुझे लगता है के मैं वो सवाल तुम से नहीं पूछ सकता क्यों की तुम मेरी बहन हो वो सवाल तो ऐसे है की गर्लफ्रेंड से पूछो तो वो भी शर्आंटी जाए,नहीं नहीं मैं तुम से ऐसी बातें नहीं कर सकता” योगिता को लगा के अगर उसने पहल नहीं की तो शायद बनता हुआ खेल बिगड़ जाएगा कहीं फिर से योगेश के अंदर सोया हुआ भाई फिर से ना जगह जाए ये सोचने के बाद की चाहे कुछ भी हो जाए चाहे उसका भाई उसे रंडी ही क्यों ना समझे अब वो पीछे नहीं हटेगी वो बोली ”तो अभी आप क्या कर रहे थे वो सब भी तो बहन के साथ नहीं किया जाता” ”वो क्या है ना योगिता उस टाइम मैं तुम्हारे बदन को छू कर बहक गया था”योगेश ने जवाब दिया वो ये सब करना चाहता था पर उसके अंदर का भाई उस पर फिर से हावी होना चाह रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था के वो क्या करे एक तरफ तो वो अपनी बहन के साथ सेक्स करना चाहता था और दूसरी ओर रिश्तो की जंजीर उसे आगे बढ़ने नहीं दे रही थी उसे सोचता हुआ देख योगिता बोली ”कितनी अजीब बात है उधर भाई अपनी बहन के बदन को छू कर बहक जाता है और इधर बहन भी अपने भाई के बदन को छूकर देखने के लिए बेताब है, दोनों भूखे है पर एक दूसरे के लिए कुछ कर नहीं सकते क्योंकि दोनों भाई बहन है, है ना भैया” योगेश के समझ में कुछ नहीं आ रहा था के वो क्या जवाब दे उसे चुप देख कर योगिता उसे उकसाते हुए बोली ”भैया क्या जिंदगी है आपकी बहनों की कभी आपने सोचा भी है घर से कॉलेग और कॉलेग से घर, पार्टी और दोस्तों के साथ कही जाने की बात तो दूर अपने सगे रिश्तेदारों के घर भी अकेले नहीं जा सकती शायद यही कारण है की बुआ घर से भाग गई थी और मेरी नज़र में तो शायद उन्होंने सही किया था कोई भी इंसान अपने आप को कब तक रोकेगा जो जिंदगी इस घर की लड़कियां जी रही है उससे तो जेल की जिंदगी अच्छी है” योगेश की सोचे योगिता की ये बातें सुन कर अब दूसरी दिशा में दौड़ने लगी थी वो सोचने लगा के ये तो लड़कियां है पर इस घर में लड़का होने के बावजूद उस पर भी इतनी ही बंदिशे लागू है आज तक इकलौता बेटा होने के बाद भी उसके अंकल ने उसे कभी अपने व्यापार और कहती बड़ी में साथ नहीं लिया था बस पढ़ाई ही उस की दुनिया बन गई थी.
उसने योगिता की ओर देखा और बोला ”यार तुम लड़की होने का रोना रोती हो पर मैं तो लड़का हूँ फिर भी तो मुझ पर तुम्हारी ही तरह बंदिशे लागू है मैं भी अपनी जिंदगी कहाँ खुल कर जी परहा हूँ”
अब योगिता को लगा के उसका तीर एकदम सही निशाने पर लगा है वो आग में और घी डालते हुए बोली ”कह तो आप सही रहे है भैया आप की हालत भी हमारे जैसी ही है तो क्योना भैया जो मजे हम बाहर नहीं ले पाए घर में ले ले”
”क्या कहना चाहती हो तुम” योगेश बोला
” भैया आपकी भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्योना आज से हम अपने पुराने रिश्ते को कोने में रख एक नये रिश्ते की शुरूआत करे मैं आपकी गर्लफ्रेंड और आप मेरे बाय्फ्रेंड”
योगेश उस की ओर देख कर एक कुटिल मुस्कान के साथ बोला ”मुझे मंजूर है पर उस रिश्ते में अभी थोड़ी देर पहले हमारे बीच में जो हुआ था उससे कहीं ज्यादा होता है बोलो कर पाएगी”
अँधा क्या चाहे दो आंखें ”भैया मैं तो सब कुछ करने को तैयर हूँ पर धीरे धीरे एकदम से नहीं कर पाऊंगी” वो बोली
”चल धीरे धीरे ही सही पर अब बोहिनी तो कर दे” कह कर वो उठा और योगिता को भी खड़ा कर लिया उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था अब उसके अंदर का भाई पता नहीं कहाँ भाग गया था और उसकी जगह एक सेक्स के भूखे नौजवान लड़के ने ले ली थी जिसके पास चोदने के लिए एक नहीं चार चार ऊंची छूते थी
अब उसने योगिता को अपने से चिपका लिया और अपने होंठ उसके होठों से जोड़ दिए योगिता ने भी मस्ती में अपनी आंखें बंद कर ली अकीर उसकी हसरते भी पूरी होने को आगाई थी अब योगेश उसके होठों को चूसते हुए अपने दोनों हाथों से अपनी बहन के बारे बारे बूब्स सहला रहा था और उसका लंड योगिता की चुत के पास रदद कहा रहा था अब योगिता भी उसके सर को पकड़ कर उसके होंठ चूस रही थी अब योगेश अपने एक हाथ की उंगली से योगिता की गांड की दरार सहला रहा था और दूसरा हाथ उसने अब कपड़ों के ऊपर से ही उसके एक बुबू पर रख कर धीरे धीरे दबाने लगा योगिता तो पहले से ही गरम थी और आज पहली बार किसी लड़के ने उसको इस प्रकार से छुआ था उसका बदन अकड़ गया और वो झड़ने लगी आज उसकी चुत ने इतना पानी चोदा था जितना आज तक कभी भी नहीं चोदा होगा उसकी पैंटी पूरी गीली हो गई थी चूँकि उसका कम हो गया था इसलिए उसने योगेश को ज़ोर से धक्का दिया और भाग कर दरवाजा खोल दिया योगेश हक्कबाक्का सा उसे देखते हुए बोला ”क्या हुआ कितना मजा आ रहा था”
”भैया अभी तो शुरूआत हुई है अभी तो बहुत मजे आएँगे पर मैंने कहा था ना धीरे धीरे तो अब कुछ इंतजार करो” कह कर वो रूम से बाहर निकल गई योगेश उसे मुंह फाड़े जाते हुए देख रहा था उस बेचारे की तो कलपद हो गई थी..
अगली सुबह सब उठ कर अपने अपने कम में लग गये. योगिता और पूजा साथ ही कम कर रही थी पूजा रात को योगिता के वापस आने से पहले ही सो गई थी इसलिए वो रात को क्या हुआ ये पूछने के लिए बेताब थी पर मौका ही नहीं मिल पा रहा था जैसे ही मौका मिला उसने योगिता से पुछज़ ”रात को क्या हुआ दीदी” योगिता जानती थी की पूजा भी चुदाई करवाने के लिए बेचैन है इस लिए वो थोड़ी देर उसके मजे लेना चाहती थी ”कुछ नहीं यार बस थोड़ी देर इधर उधर की बातें होती रही जब मुझे लगा की आगे कुछ नहीं होने वाला तो मैं उठ कर आ गयी और भैया ने भी मुझे नहीं रोका मुझे तो नहीं लगता के आगे हमारा कुछ हो पाएगा” ये सुनकर पूजा का मुंह उतार गया वो बोली ”पर यार तूने भी तो अपनी तरफ से कुछ करना था”
”क्या करती मैं, क्या नंगी होकर अपनी टाँगे फिलकर अपनी चुत दिखाते हुए कहती की आओ भैया आपकी बहन बहुत चुदसी है इसे चोद डालो और बाद में इससे भी बड़ी रंध पूजा को भी आपको ही चोदना है” योगिता ने उसे और सताया ”च्ीईीई….दीदी आप भी ना आज कल बहुत गंदे गंदे वर्ड उसे करने लगी हो, और आपने तो मेरे सारे सपने ही तोड़ दिए” ये कहते हुए पूजा की आंखों में आँसू आ गये
अब योगिता को उसे और सतना सही नहीं लगा उसने पूजा को गले लगा लिया और उसके आँसू पोछते हुए बोली ”अरे पागल मैं तो मज़ाक कर रही थी अपना कम हो चुका है और यदि मैं ही मना नहीं करती तो शायद भैया मुझे रात को ही चोद डालते” कह कर उसने रात की सारी घटना उसे सुना दी पूरी बात सुनते ही पूजा खुशी के मारे झूमने लगी उसने योगिता के गाल पर एक किस किया और बोली ”ई लव यू दीदी मुझे पता था के तुम ये कर लॉगी, अब तो बस मुझे यही इंतजार है की कब भैया का लंड मेरी चुत की खुजली मिटाएगा” ”नहीं पूजा इतनी जल्दी नहीं करनी है हमें वरना पता नहीं की भैया हमारे बारे में क्या सोचे” योगिता उसकी बात सुनकर बोली ”पर दीदी हमें जो भी करना है जल्दी ही करना पड़ेगा वरना पता है ना माधुरी दीदी भी इसी चक्कर में है अगर भैया को उन्होंने हम से पहले सेट कर लिया तो पता नहीं फिर हमें और कितना वेट करना पड़े” पूजा ने अपनी चिंता बताई, ये सुनकर योगिता भी सोच में पड़ गई क्योंकि उसे पता था की भले ही लड़कोको नहीं नहीं चुत चोदने में मजा आता है पर पहली चुत का नशा भी कुछ दिन बना ही रहता है और अभी घर में कोई नहीं है तो उसके पास मौका भी बहुत था पर सबके आने के बाद और खास टूर से मनीषा की वजह से उसको बाद में इतने मौके मिलने की उम्मीद कम ही थी उसने पक्का फैसला कर लिया के अब वो देर नहीं करेगी और अगर मौका मिलता है तो आज ही सबकुचकर लेगी.
उसे सोचता देख पूजा ने पूछा – क्या सोच रही हो दीदी?
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 7
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07-04-2018, 12:58 PM,
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RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 10
आवाजें लगातार निकल रही थी उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था टीना भी उसकी हालत समझ गई और अब वो दोनों पलंग पर आ गये टीना ने मनीषा को धक्का दे कर पलंग पर लिटा दिया और उसकी दोनों टाँगे फैला कर उसकी चुत चाटने लगी मनीषा तो जैसे सातवें आसमान में उड़ने लगी पूरे पाँच साल बाद उसे ऐसा मजा आ रहा था वरना तो उसे अपनी उंगली से ही कम चलना पड़ता था थोड़ी देर चुत को उप्पर से चाटने के बाद अब टीना ने मनीषा की चुत की फांके खोल कर उसमें अपनी जीभ घुसा दी और जीभ आगे पीछे करने लगी मजे के मारे मनीषा की आंखें बंद हुई जा रही थी तभी उसे एक और झटका लगा टीना ने उसकी चुत में जीभ करते करते अचानक अपनी उंगली उसकी गांड में घुसेड़ दी और आगे पीछे करने लगी अब मनीषा को दोनों ही छेड़ो से मजे आरहे थे एकाएक उसका शरीर अकड़ने लगा उसने टीना का सर अपनी चुत पर दबा दिया और आहह……उउंम्म……. हाईए…….. करते हुए झड़ने लगी इधर टीना भी उसकी हालत समझ गई और जोरों से जीभ अंदर बाहर करने लगी और मनीषा का पानी पीने लगी………..
थोड़ी देर बाद मनीषा नॉर्मल हुई तो बोली ”अब मेरी बड़ी चल तुझे भी ठंडी कर देती हूँ”
”रहने दे यार मेरी चुत को लंड की आदत पड़ गई है अब उंगली से कुछ मजा नहीं आता, वो तो तेरे लिए मैंने ये किया वरना तो अब मैंने उंगली करना बंद ही कर लिया है” टीना बोली
”तू सच में ही चुदाया चुकी है क्या” मनीषा ने पूछा
”हाँ यार मैं सच कह रही हूँ” टीना ने जवाब दिया
कौन है वो मुझे भी तो बता’ मनीसा बोली
”नहीं यार मैं तुम्हें उसका नाम नहीं बता सकती” टीना ने कहा
”बस 5 साल में ही अपनी दोस्ती को भुला दिया ठीक है मत बता” कह कर मनीषा ने नाराज़गी से दूसरी ओर मुंह फेयर लिया
”अरे यार तू तो गुस्सा हो गई”उसे नाराज़ देख कर टीना बोली ”चल मैं तुझे उसका नाम बता दूँगी पर तुझे मेरी कसम खानी होगी के ये बात तुम किसी को भी नहीं बनाएगी”
”वैसे भी मैंने आज तक तुम्हारी कोई भी बात किसी को नहीं बताई है फिर भी अगर कसम खाने से तुम्हें यकीन आएगा तो चलो मैं तुम्हारी कसम खाती हूँ अब तो उसका नाम बता दो” मनीषा ने टीना के सर पर हाथ रखते हुए कहा
”उसका नाम है राहुल भैया ” टीना ने जैसे बम फोड़ा
”क्य्ाआअ………” मनीषा इतनी ज़ोर से चीखी जैसे उसने बहुत देख लिया हो उसे यकीन ही नहीं आ रहा था की एक बहन अपने भाई से कैसे छुड़ा सकती है लेकिन टीना खुद बता रही थी इसलिए शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी
”कैसे, कैसे शुरू ये सब और तुमने अपने रिश्ते का ख्याल भी नहीं किया” मनीषा ने पूछा
”ये सब कैसे हो गया हमें पता ही नहीं चला और रही बात रिश्ते की तो हम दोनों का ही ये मना है की भाई बहन से पहले हम ‘औरत’ और ‘मर्द’ है जिनकी अपनी शारीरिक जरूरत होती है हम पुराने रिश्ते की बजाए अब नये रिश्ते से ज्यादा खुश है” टीना बोली
”ये सब कब और कैसे शुरू हुआ मुझे स्टार्ट से बता” मनीषा बोली
उसकी बात सुनकर टीना सोच में पड़ गई की कहाँ से शुरू करे..
कुछ देर सोचने के बाद टीना बोली ये बात आज से 5 साल पहले तब की है जब उजहे तेरे घर से आए हुए 4-5 महीने हो गये थे उस समय मेरी आगे 19 साल और भैया की 20 साल की थी तेरे साथ की हुई मस्ती के कारण वापस आने के बाद मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी मुझे हर पल बस सेक्स ही सेक्स की लगी रहती थी मैं हर रोज 2-3 बार फिंगरिंग भी कर लिया करती थी पर मेरा सेक्स का बुखार बढ़ता ही जा रहा था अब मुझे उंगली करने से भी मजा नहीं आता था मुझे ऐसा लगता था की कोई लड़का आकर मेरे सारे बदन को निचोड़ डाले और अपने मोटे लंड को मेरी चुत में घुसेड़ कर खूब ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करे पर मैं जानती थी की मेरी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकती थी क्यों के बाहर के किसी लड़के के साथ करने से बात खुलने पर बहुत बदनामी हो सकती थी मैंने इस डर के मारे ऐसी कोई कोशिश नहीं की और अपने आपको किस्मत के हवाले चोद दिया और जैसे तैसे अपनी उंगली से ही कम चलाने लगी.
तुझे तो पता ही है की हम दोनों भाई बहन के कमरों का एक ही कॉमन बाथरूम है जिसका एक दरवाजा मेरे साइड और दूसरा दरवाजा भैया के साइड में है कूलेग की छुट्टियाँ चल रही थी और अक्सर सारा दिन घर पर ही गुजरता था एक दिन दोपहर में मैं बाथरूम गई तो देखा की भैया के साइड का दरवाजा खुला है मैं उसे बंद करने गई तो मुझे भैया के कमरे से किसी लड़की की आहह… उहह… हमम्म्म… जसी कराहने की आवाजें सुनाई दी मैं हैरान हो गई की भैया के कमरे में कौन लड़की आगाई ये देखने के लिए मैंने धीरे से दरवाजा खोला और भैया के कमरे के अंदर आगाई पर जैसे ही मैंने अंदर का नज़ारा देखा मेरे तो होश ही उउड़ गये भैया अपने पीसी के सामने पूरे नंगे बैठे थे और पीसी पर ब्लू फिल्म देखते हुए अपने लगभग 8 इंच के लंड की मूठ मर रहे थे मैं मुंह खोले कभी फिल्म देखती कभी भैया को देखती वही खड़ी रही इधर इतने सेक्सी सीन को देख कर मेरी चुत खुशी के मारे चालक पड़ी और पूरी गीली हो गई तभी भैया की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो हड़बड़ा कर उठ गये और मैं भी अपनी चोरी पकड़े जाने भाग कर अपने कमरे में आकर पलंग पर बैठ गई मेरी नज़रो में अभी भी वही नज़ारा घूम रहा था मेरे समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था धीरे धीरे जो सेक्स की आग मैं बुझा रही थी वो एक ही झटके में फिर से भड़क गई थी मैं अभी चुत में उंगली करने ही वाली थी की भैया मेरे कमरे में आए और मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गये कुछ देर दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोला फिर भैया ने ही शुरूआत की ”तो तूने सब कुछ देख लिया है ना”
”हाँ, कितना गंदा कम कर रहे थे आप, शर्म नहीं आती आपको” मैं बनावटी गुस्से से बोली
”तूने एक बार मुझे ये कम करते देखा तो ऐसा बोल रही है पर मैंने यही कम जिसे तू गंदा कह रही है करते हुए कई बार देखा है पर मैंने तो तुझसे कभी ऐसा नहीं कहा” भैया ने मुझे झटका सा दिया
अब शरमाते की मेरी बड़ी थी मैं ज़मीन में नज़रे गड़ाए हुए बोली ”आपने मुझे कब और कहाँ ये करते हुए देखा है”
”अपने बाथरूम में, एक दिन जब मैं बाथरूम गया तो मैंने देखा की मेरे साइड का दरवाजा खुला है मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो अंदर तुझे यही कम करते हुए पाया तेरी आंखें बंद थी और तू पूरी मस्ती के साथ अपने कम में लगी हुई थी इसलिए तू मुझे देख नहीं पाई पर तुझे ऐसा करते देख मुझे बहुत मजा आया और मैंने तेरे वापस जाते ही तुझे देखने का पर्मनेंट जुगाड़ करने की सोची और बाथरूम के दरवाजे के हॅंडेल के पास ला स्क्रृू निकल के उससे अंदर देखा तो मुझे वहाँ से सब स्पष्ट नज़र आया अब मैंने उस स्क्रृू को ढीला कर दिया फिर उस दिन के बाद जब भी तू नहाने के लिए बाथरूम जाती मैं दरवाजे के पास बैठ कर तुझे ऐसा करते देख कर उत्तेजित होकर खुद भी ऐसा करने लगता” भैया ने जवाब दिया
मेरा सागा भाई मुझे चुत में उंगली करते देखता था और खुद भी मूठ मरता था ये सोच कर ही मैं हैरान हो गयी
”आप अपनी सगी बहन को ऐसी नज़रो से देखते है और उसे देख कर वो कम भी करते है आपको ये सब अच्छा लगता है?” मैंने पूछा
”देख टीना भाई बहन होने से पहले हम लड़का लड़की है और वो भी जवान हमारी उमर ही ऐसी है की इस उमर में बदन में सेक्स की आग भड़कती ही रहती है अब मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है की मैं किसी लड़की को पता कर उसके साथ ये सब करूं इसलिए मैं फिल्में देख कर ये सब करने लगा फिर उसमें भी मजा नहीं आने लगा फिर तुझे ऐसा करते देख लिया मुझे उसमें और ज्यादा मजा आया तो मैं तुझे देखते हुए ऐसा करने लगा इसमें गलत ही क्या है आख़िर मैं चुप कर ही तो ये सब कर रहा था”
मुझे भी उनकी बात सही लगी सभी अपने आप को शांत करते ही है कुछ ना कुछ करके.
अब मुझे भैया से बातें करते हुए शर्म नहीं आ रही थी
मैं शरारती धनग से बोली ”अब आपका क्या होगा अब तो मैं आपको ये मौका दोबारा नहीं देने वाली”
”इसी मुद्दे पर मैं तुझसे एक बात करना चाहता हूँ तू ध्यान से सुनना देख टीना हम दोनों ही अपने बदन की ज़रूरते अपने अपने ढंग से पूरी करते है और दोनों ही ये जानते भी है क्योना हम दोनों साथ में ये सब करे सोच कितना मजा आएगा” भैया बोले
”ये आप क्या कह रहे है भैया मैं आपकी बहन हूँ मैं आपके साथ सेक्स नहीं कर सकती” मैं भैया की बात सुनकर हैरानी से बोली
”तू मेरी बात को ठीक से समझी नहीं मैं सेक्स करने को नहीं कह रहा हूँ मैं तो सिर्फ़ ये कम जो हम अलग अलग करते है आमने सामने साथ बैठ कर फिल्म देखते हुए करने को कह रहा हूँ क्यों की मुझे अब अकेले में मजा नहीं आ रहा है और शायद तेरा भी हाल यही है तू अच्छे से सोच ले अगर तुझे मेरी बात मंजूर हो तो रात को 10 बजे के आस पास जब अंकल मुम्मी सो जाए तू मेरे रूम में आजना मैं इंतजार करूँगा” इतना कह कर भैया चले गये
इधर भैया को ऑफर सुन कर मैं सोच में पड़ गई मेरे दिल और दिमाग में जंग सी छिड़ गई थी मेरा दिमाग कहता की ये गलत है भाई बहन के बीच ऐसा होना गलत है तो वासना के नशे में डूबा हुआ दिल कहता की भाई बहन भी आख़िर इंसान ही है और जब दोनों ही आग में जल रहे है तो बुझाने में क्या हर्ज है और कौन सा हमें सेक्स करना है बस सामने बैठ कर मूठ ही तो मारनी है, दिमाग कहता की ऐसा करने के लिए भाई के सामने नंगा होना पड़ेगा तो दिल कहता की क्या फर्क पड़ता है भैया तो वैसे भी नंगा देख ही चुके है.
ऐसे ही कुछ सावाक मेरे मान में उताल पुथल मचाए हुए थे अकीर में मेरा दिल जीत गया और मैंने फैसला कर लिया की रात को भैया के रूम में जाना ही है आगे जो होगा देखा जाएगा…….
अब मैं रात होने का इंतजार करने लगी…
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 10
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