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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित करुणा की चीखों की परवाह ना करते हुए अपनी उंगलियों को तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए अपने लण्ड को उसकी चूत में पेलने लगा। मोहित का लण्ड करुणा की चूत में वैसे ही टाइट जा रहा था और उसकी दो उंगलियां करुणा की गाण्ड में होने से मोहित का लण्ड बहुत जोर लगाने पर अंदर-बाहर हो रहा था। मोहित का पूरा जिश्म पशीने से भीग चुका था, और उसका जिश्म काँपते हुए करुणा की चूत में झड़ने लगा।
करुणा जो अब तक अपनी गाण्ड के दर्द से सिसक रही थी वो अचानक मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही सिहर उठी और उसकी चूत ने फिर से झड़ना शुरू कर दिया।
मोहित करुणा की चूत में झड़ने के बाद वहीं बेड पर ढेर हो गया।
मैं करुणा को उसके कमरे में छोड़कर खुद भी अपने कमरे में आकर सो गई।
दूसरे दिन सुबह उठते ही हम सभी तैयार होकर कालेज चले गये। ऐसे दिन बीतते गये। करुणा अब डेली मोहित से चुदवाकर सोती थी।
* * * * * * * * * *
धन्नो, करुणा, और मोहित की ट्रेन यात्रा
करुणा के और हमारे एग्जाम बहुत नजदीक आ चुके थे इसीलिए मैं बिंदिया और करुणा एक साथ मिलकर रात को पढ़ाई करते थे, और हमारी चुदाई भी नहीं हो रही थी। वक़्त गुजरता गया और हमारे एग्ज़ाम्स भी हो गये और हम सभी पास हो गये।
एग्जाम्स के बाद रोहन अपने घरवालों के साथ बिंदिया का रिश्ता मागने आ गया और रोहन की बिंदिया के साथ दो महीने के बाद की तारीख शादी के लिए पक्की हो गई।
मोहित का भी कालेज में एडमिशन हो गया और वो अपने गाँव जाकर अपना कुछ सामान लाना चाहता था।‘
मैंने आँटी से कहा- “मैं भी रोहन के साथ गाँव जाऊँगी, मेरे एग्जाम्स भी हो गये हैं और मैं गाँव घूमना चाहती हूँ..." और आँटी ने मुझे मोहित के साथ गाँव जाने की इजाजत दे दी।
करुणा ने भी आँटी से मेरे साथ गाँव जाने के लिए बोल दिया। आँटी ने पहले मना कर दिया, मगर करुणा के । जोर देने पर वो मान गई। मैं और करुणा मोहित के साथ गाँव जाने के लिए तैयारी करने लगी। मोहित ने गाँव जाने के लिए ट्रेन की शाम की तीन टिकटें बुक कर ली। हमारे गाँव जाने के लिए वहाँ से 8 घंटे का ट्रेन का सफर था। हमारी ट्रेन रात को 11:00 बजे की थी, सारा दिन ऐसे ही सामान पैक करने में गुजर गया और रात का खाना खाने के बाद आँटी और बिंदिया हमें ट्रेन तक छोड़ने आ गये। हमें ट्रेन में छोड़ने के बाद आँटी और बिंदिया वहाँ से चली गई, हम अपनी बोगी में दाखिल हुए।
मोहित ने पूरा ऊपर और नीचे का एक बर्थ बुक कराया था। हमारी बोगी के कमरे में दो बर्थं थी। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए दूसरी बर्थ पर एक जोड़ा पहले से मौजूद था। वो एक जवान कपल था, लड़का कोई 22 साल का गोरा कद में लंबा और हैंडसम था और लड़की 20 साल की बिल्कुल गोरी तो नहीं थी हल्की साँवली बड़ी-बड़ी चूचियां, भरा हुआ जिम और उसकी गाण्ड बहुत मोटी थी।
मोहित उस लड़की को बहुत गौर से देख रहा था। लगता था की मोहित को वो लड़की बेहद पसंद आ गई थी। हमने अपना सामान ऊपर वाले बर्थ पर रख दिया, खुद नीचे बैठ गये।
वो लड़का हमारे बैठते ही हमसे अपना परिचय कराते हुए बोला- “मेरा नाम प्रवीण है, यह मेरी पत्नी राधा है। हमारी दो महीने पहले ही शादी हुई है, और मैं इसे अपने ससुराल घुमाने ले जा रहा हूँ..” ।
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मोहित ने उस लड़के से कहा- “आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुई, मेरा नाम मोहित है, यह मेरी दोनों कजिंस हैं। करुणा और धन्नो...”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
वो लड़का हम दोनों को नमस्ते बोला। करुणा और मैंने उस लड़के को हँसकर नमस्ते का जवाब दिया। कुछ देर तक हम ऐसे ही बातें करते रहे। कुछ देर बाद टी.टी. आ गया और हमारी टिकेटें चेक करने के बाद वहाँ से चला गया। उसके जाते ही मोहित ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और सोने के लिए बिस्तर लगाने लगा। मोहित ने नीचे की दोनों बर्थों पर अपना और करुणा का बिस्तर लगाया और बची हुई ऊपर वाली बर्थ पर मेरा बिस्तर लगा दिया।
वो कपल भी सोने की तैयारी करने लगा और अपना बिस्तर एक ही बर्थ पर लगा दिया। वो लड़का बहुत चालाक था, उसने एक बहुत बड़ा कपड़ा अपने बैग से निकालते हुए बीच में पर्दा लगा दिया, जिसकी वजह से उसके और हमारे बर्थ में से कोई एक दूसरे को नहीं देख सकता था। मैं ऊपर की बर्थ पर होने के कारण उन्हें देख सकती थी, मगर उन्हें यह पता नहीं था क्योंकी वो मुझे नहीं देख पा रहे थे।
पर्दा लगाने के बाद उस लड़के ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी और उस लड़की के ऊपर चढ़ते हुए उसके होंठों को चूमने लगा। प्रवीण ने कुछ देर तक उसके होंठों को चूमने के बाद उठकर उसकी साड़ी को उसके जिम से अलग कर दिया। वो लड़की अब सिर्फ ब्रा और एक कच्छी में थी।
वो लड़की गोरी नहीं थी मगर उसका नंगा जिश्म देखकर मैं हैरान रह गई। साली की क्या चूचियां थीं और उसके नितंब तो बिल्कुल मोटे भरे हुए थे की कोई भी लड़का पहली नजर में उसकी गाण्ड का दीवाना हो सकता था। प्रवीण ने राधा की कच्छी को उसके जिम से अलग करते हुए अपने अंडरवेर को उतारने लगा। उस लड़की की काली चूत पे घने बाल थे।‘
प्रवीण का अंडरवेर उतरते ही मेरी साँसें बहुत जोर से चलने लगी। प्रवीण का अंडरवेर उतरते ही उसका गोरा बहुत लंबा और मोटा लण्ड स्प्रिंग की तरह हवा में झूलने लगा। मैं यह देखकर हैरान रह गई, क्योंकी प्रवीण ने ना तो उस लड़की की चूत को चाटा, ना ही अपने लण्ड को उसके मुँह में डाला, बस सीधे उसकी टाँगों को उठाया और अपने लण्ड को दो-तीन धक्कों में उस लड़की की चूत में डाल दिया।
उस लड़की की चूत में लण्ड घुसते ही उसके मुँह से ‘आअहह..' की हल्की चीख निकल गई। प्रवीण दस मिनट तक उसकी चूत में जोर के धक्के लगाता रहा और अपना वीर्य उसकी चूत में गिराता हुआ झड़ने लगा। मैं उनकी चुदाई देखकर समझ गई की वो बिल्कुल अनाड़ी हैं। प्रवीण झड़ने के बाद बाथरूम में जाने लगा। बाथरूम हमारी साइड में था।
मैंने उस लड़के को उठता हुआ देखकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया। उस लड़के के बाथरूम में जाते ही मैंने मोहित को ऊपर अपने बर्थ पर बुला लिया। करुणा तो कब की नींद के आगोश में चली गई थी।
वो लड़की प्रवीण के जाते ही एक कपड़ा उठाकर अपनी चूत को साफ करने लगी। वो अपनी चूत को साफ करते हुए उस कपड़े को बहुत जोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी। कपड़े को रगड़ते हुए उसके मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी और मजे से उसकी आँखें बंद हो गई थी।
मोहित उस लड़की को इस पोज में देखकर पागल हो गया और उस लड़की की तरफ देखते हुए मुसे कहा- “यार यह लड़की मिल जाए तो मजा आ जाएगा...”
मैंने मोहित से कहा- “तुम्हें इस लड़की को चोदना है?”
मोहित- “हाँ... मगर कैसे?” मोहित ने जल्दी से पूछा।
मैं कुछ करती हूँ..” कहते हुए मैं बर्थ से नीचे उतरने लगी और मोहित को सोने की आक्टिंग करने को कहा।
मोहित ने मुझे नीचे उतरते हुए पूछा- “क्या करोगी?”
मैंने मोहित से कहा- “तुम चुप करके सोने का नाटक करो, अगर प्रवीण को मैंने अपने जाल में काबू कर लिया तो तुम उसकी पत्नी से खूब एंजाय कर सकते हो...”’
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित मेरी बात सुनकर खामोश हो गया और अपनी आँखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा। मैंने जल्दी से अपनी कमीज उतारकर ब्रा को उतार दिया और अपनी कमीज को वापस पहन लिया। मैंने अपनी कमीज में से अपनी चूचियों को आधे से ज्यादा बाहर कर दिया और नीचे वाले बर्थ पर सीधा होकर लेट गई।
प्रवीण कुछ ही देर में बाथरूम से बाहर निकला और अपनी बर्थ की तरफ जाने लगा। प्रवीण जैसे ही मेरे करीब पहुँचा, मैं उसका ध्यान अपनी तरफ करने के लिए जोर से खर्राटे मारने लगी। प्रवीण ने मेरे करीब से गुजरते हुए खर्राटों की वजह से मेरी तरफ देखा। मेरी तरफ देखते हुए प्रवीण की आँखें फटी की फटी रह गई। प्रवीण मेरी आधी से ज्यादा गोरी नंगी चूचियों को देखकर बौखला गया और इधर-उधर देखने लगा।
मोहित और करुणा को सोता हुआ देखकर प्रवीण की हिम्मत कुछ बढ़ी और वो वहीं खड़ा होकर मेरी नंगी चूचियों को देखकर मजे लेने लगा। अचानक उसने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे को थोड़ा सा झंझोड़ा। मैं वैसे ही आँखें बंद किए सोने का नाटक करने लगी। प्रवीण मुझे गहरी नींद में समझकर अपना हाथ आगे बढ़ाकर मेरी एक चूची पर हाथ रख दिया।
प्रवीण का हाथ अपनी नंगी चूची पर महसूस करते ही मेरा अंग-अंग सिहर उठा।
प्रवीण थोड़ी देर तक मेरी चूची पर अपना हाथ रखे हुए था और फिर उसने अपने हाथ को हरकत में लाते हुए मेरी चूची पर फिराने लगा। कुछ देर तक एक चूची पर हाथ फिराने के बाद उसने अपना हाथ मेरी दूसरी चूची पर रख दिया और उसे सहलाने लगा।
प्रवीण की हरकतों से मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरा अंग-अंग टूट रहा था। दिल तो कर रहा था की अभी अपना हाथ बढ़ाकर उसके अंडरवेर में छुपे लण्ड पर रख लूं। मगर मैं ऐसा नहीं कर सकती थी, क्योंकी ऐसा करने से सारा काम बिगड़ सकता था।
प्रवीण ने अपने दोनों हाथ बढ़ाकर मेरी कमीज में से मेरी चूचियों को बाहर निकाल लिया। प्रवीण मेरी चूचियों के गुलाबी निपल देखकर उत्तेजना के मारे काँपने लगा, और अपने हाथों की उंगलियों से मेरी चूचियों के गुलाबी निपलों को मसलने लगा।
मोहित भी अपनी आँखें खोलकर कभी हमें तो कभी राधा को देख रहा था। राधा अपनी चूत में अपनी दो उंगलियां डालकर आगे-पीछे कर रही थी। प्रवीण का लण्ड तो बहुत बढ़िया था, मगर उसे इश्तेमाल करना नहीं आता था, जिसके कारण राधा हमेशा अपनी उंगलियों से अपनी चूत को शांत करने की कोशिश करती थी और अंदर ही अंदर जलती रहती थी। मैं कभी-कभी अपनी आँखों को थोड़ा सा खोलकर उसे देख रही थी। मगर वो तो मेरी चूचियों से खेलने में मसरूफ था।
प्रवीण सिर्फ अंडरवेर में था। वो नीचे झुकते हुए मेरी गुलाबी चूची पर अपनी जीभ फिराने लगा, और अपने अंडरवेर को थोड़ा नीचे करते हुए अपने हाथों से अपने लण्ड को सहलाने लगा। उसका लण्ड इतने नजदीक से देखकर मेरी हालत बिगड़ने लगी।
मोहित इतनी देर से हमें देखकर बहुत गरम हो चुका था, वो अपनी शर्ट और पैंट उतार चुका था। राधा की उंगलियां बहुत जोर से अपनी चूत में अंदर-बाहर हो रही थी। मोहित ने मोके का फायदा उठाते हुए अपना अंडरवेर उतारा और नंगा ही बर्थ से उस तरफ कूदते हुए राधा के सामने खड़ा हो गया।
राधा अपनी मंजिल के बिल्कुल करीब थी। वो अपनी आँखें बंद किए सिसकते हुए अपनी चूत में उंगलियां अंदरबाहर कर रही थी। मोहित राधा को ऊपर से नीचे तक गौर से देखते हुए अपने लण्ड को सहलाने लगा। मोहित को राधा का सांवला जिम, उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां, उसके भरे हुए नितम्ब और उसके काले बालों में छुपी हुए काली चूत बहुत अच्छी लग रही थी।
आअहहह...” करते हुए राधा और हाँफते हुए झड़ने लगी।
थोड़ी देर बाद राधा ने जैसे ही आँखें खोली अपने सामने एक अंजान मर्द को नंगा खड़ा देखकर उसके मुँह से चीख निकलने ही वाली थी की मोहित ने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसका मुँह अपने हाथ से। दबा दिया। राधा के मुँह से निकली हुए चीख मोहित के हाथों में दब गई। मोहित ने उसके मुँह पर अपना हाथ रखे हुए ही उसे इशारे से चुप रहने के लिए कहा।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित की जीभ अपनी चूत में घुसते ही राधा पूरी काँपने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा, और- “आह्ह्ह...” करते हुए वो मोहित के मुँह के ऊपर झड़ने लगी। झड़ते हुए राधा की चूत झटके खाने लगी। मोहित ने राधा की चूत से निकलता हुआ सारा पानी चाट लिया।
मैंने प्रवीण के बालों को पकड़ते हुए उसका मुँह नीचे अपनी चूत पर रख दिया। पहले कुछ देर तक मेरी भूरी चूत को देखने के बाद, उसने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए और मेरी पूरी चूत को चूमने लगा। मैं समझ गई की वो अनाड़ी है, इसलिए मैंने उसे बर्थ पर सीधा लिटा दिया। मैं उल्टा होकर उसके पेट पर बैठ गई। और नीचे होते हुए अपने कोमल हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया। मैं प्रवीण के लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी। उसके लण्ड से प्री-कम की कुछ बूंदें निकलने लगी। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड के छेद पर रख दी और उसके लण्ड से निकलता हुआ प्री-कम चाटने लगी।
मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस करते ही प्रवीण 'आअह्ह्ह... करके झटपटाने लगा और पीछे की तरफ से निकली हुई मेरी चूत के गुलाबी छेद को चूमने लगा।
मैंने चिल्लाकर प्रवीण से कहा- “अपनी जीभ से चाटो...”
प्रवीण अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत पर फिराने लगा और मैं मस्ती में आहें भरते हुए उसके लण्ड पर अपनी जीभ फिराने लगी। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी, मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं प्रवीण के मुँह पर अपनी चूत को जोर से रगड़ते हुए- “आअह्ह्ह.. इस्स्स्स .” करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए मस्ती में प्रवीण के लण्ड का टोपा अपने मुँह में डाल दिया।
प्रवीण अपना लण्ड मेरे मुँह में महसूस करते ही मजे से पागल हो गया और मेरी चूत का निकलता हुआ पानी अपनी जीभ से चाटने लगा। मैं प्रवीण के लण्ड का टोपा चूसने लगी, प्रवीण का लण्ड आज तक किसी ने अपने मुँह में नहीं लिया था इसीलिए वो बहुत उत्तेजित हो गया और मेरी चूत को चाटने के साथ हल्के से काटने लगा।
मैं अपनी चूत पर प्रवीण के दाँत महसूस करके चीख उठी- “ऊईई... आअहह...”
राधा झड़ने के बाद शांत लेटी हुई थी। मोहित ने अपना मुँह उसकी चूत से हटाते हुए, ऊपर होते हुए उसकी साँवली चूचियों में से एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और बहुत जोर से चूसने लगा। मोहित राधा की चूची को चूसते हुए उसे अपने दाँतों से काटने लगा।
मोहित के दाँत अपनी चूचियों पर महसूस करते ही राधा के मुँह से चीखें और सिसकियां साथ में निकलने लगीआअहह...”
मोहित ने उसकी चूचियों को जी भरकर चूसने के बाद उसके ऊपर से उठते हुए कहा- “आओ देखते हैं तुम्हारा पति क्या कर रहा है?”
राधा मोहित के साथ जाते हुए पर्दे के उस तरफ देखने लगी। मोहित पहले की तरह राधा के पीछे सटकर खड़ा हो गया और उसका खड़ा लण्ड राधा की गाण्ड से टकराने लगा। राधा पर्दे के उस तरफ देखकर सिहर उठी, उसके पति का लण्ड मेरे मुँह में था और वो मेरी चूत को चाट रहा था। राधा यह देखकर बहुत गरम हो गई और अपनी गाण्ड को मोहित के लण्ड पर जोर से रगड़ने लगी।
मैं प्रवीण का लण्ड अपने मुँह से निकालते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उसके तने हुए लण्ड को अपनी चूत पर टिका दिया और अपना पूरा वजन डालते हुए उसपर बैठ गई। मेरी चूत बहुत ज्यादा गीली होने के कारण प्रवीण का लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में समा गया।
प्रवीण का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसते ही उसके मुँह से निकल गया- “आअहहह... बहुत गरम है तुम्हारी चूत.."
मैं अपने चूतड़ों को प्रवीण के लण्ड पर उछालते हुए हल्के धक्के लगाने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित ने राधा को गरम होता हुआ देखकर अपना लण्ड उसके पीछे गाण्ड के नीचे चूत पर रगड़ने लगा। राधा मोहित का लण्ड अपनी चूत पर महसूस करके “आह्ह्ह... ओह्ह...” की सिसकियां भरने लगी। राधा सिसकते हुए थोड़ा सा नीचे झुक गई जिसकी वजह से मोहित का लण्ड सीधा उसकी चूत पर टिक गया। मोहित ने अपना हाथ बढ़ाकर उसकी चूत के होंठों को खोलते हुए अपना लण्ड वहाँ पर फंसा दिया।
राधा अपनी चूत के छेद पर मोहित का लण्ड महसूस करके बहुत ज्यादा उत्तेजित होते हुए अपने चूतड़ों को पीछे की तरफ मोहित के लण्ड पर दबा दिया। मोहित का लण्ड राधा की टाइट चूत में फिसलता हुआ आधा घुस गया। राधा के मुँह से मजे के मारे “आअह्ह्ह..." की सिसकी निकल गई।
मोहित को अपना लण्ड किसी गरम जगह में फँसा हुआ महसूस हो रहा था। मोहित ने अपने हाथ आगे ले जाते हुए राधा की चूचियों को पकड़ लिया और मोहित ने राधा की चूचियों को पकड़ते हुए अपने लण्ड को दो-तीन धक्के मारकर उसकी चूत में पूरा डाल दिया।
मैं अब प्रवीण के लण्ड पर बहुत जोर से उछलने लगी। मुझे उसका लण्ड अपनी चूत की गहराइयों में महसूस हो। रहा था। प्रवीण का पूरा लण्ड घुसते ही उसकी रगड़ से मेरे पूरे शरीर में मजे की लहर दौड़ जाती और मैं मजे के सागर में खोकर उसके लण्ड पर जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगती, जिसके कारण मेरा पूरा शरीर पशीने में भीग गया।
मोहित राधा को चूचियों से पकड़ते हुए बहुत जोर के धक्के लगाने लगा। राधा भी अपने चूतड़ों को पीछे की। तरफ धक्के देते हुए ताल से ताल मिलाने लगी। राधा प्रवीण से जाने कितनी दफा चुदवा चुकी थी, मगर जो मजा उसे मोहित दे रहा था आज तक नहीं आया था। प्रवीण हमेशा उसे ऐसे ही चोदता था, बिना कपड़े उतारे, बिना गरम किए। मगर मोहित ने तो राधा के अंग-अंग को चाटा और टटोला था, जिसके कारण बेचारी सीधीसाधी राधा भी अपने जिश्म को मोहित से ना बचा सकी, और अपनी जवानी को मोहित के सुपुर्द कर दिया।
प्रवीण ने पशीने से भीगी हुई मेरी चूचियों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उन्हें बहुत जोर-जोर से मीसने लगा। मेरा पूरा शरीर मजे से काँप रहा था और मेरी साँसें फूल रही थी।
मोहित ने राधा को चोदते हुए आगे से पर्दे को हटा दिया। मोहित की इस हरकत से राधा डर के मारे काँपते हुए मोहित को अपने आपसे दूर करने लगी। मगर मोहित ने उसे जोर से पकड़ते हुए कहा- “डरो मत मजे लो तुम्हारा पति भी तो मजे ले रहा है...”
मोहित की बात सुनकर राधा अपने पति को देखने लगी। प्रवीण मेरी चूचियों को पकड़े हुआ नीचे से अपना लण्ड मेरी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। मैं उसके लंबे और मोटे लण्ड को इतनी देर से अपनी चूत में डाले हुए थी, और मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी।
राधा हमको देखकर सब कुछ भूल गई और अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर जोर-जोर से उछालने लगी। मोहित ने राधा को वहाँ नीचे घुटनों के बल उल्टा बिठा दिया और खुद नीचे बैठते हुये हुए राधा की चूत में लण्ड डाल दिया। मोहित राधा को जोर-जोर से चोदते हुए उसके भारी चूतड़ों पर अपने हाथ फिराते हुए उसकी गाण्ड के छेद को सहलाने लगा।
अपनी गाण्ड पर मोहित का हाथ महसूस करके राधा के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।
मेरी चूत ने प्रवीण के लण्ड पर सिकुड़ना शुरू कर दिया, मेरी आँखें बंद होने लगी और मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा- “आअह्ह्ह... इस्स्स्स ...” करते हुए मैं झड़ने लगी। मैं झड़ते हुए बहुत जोर से उसके लण्ड पर उछलने लगी।
प्रवीण मेरे झड़ते हुए मेरी चूत का सिकुड़ना बर्दाश्त ना कर सका और मेरी कमर में हाथ डालते हुए नीचे झुका दिया। प्रवीण मेरी कमर को पकड़कर बहुत जोर के धक्के मारने लगा। धक्के मारते हुए वो मेरी चूचियों को चाटते और काटते हुए मेरी चूत में झड़ते हुए वीर्य को भरने लगा।
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