Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:53 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
जैसे ही में नीचे आया तो, नीलम मामी ने मुझे बरामदे में पड़े डाइनिंग टेबल पर बैठने को कहा…. मैं वही बैठ गया….थोड़ी देर बाद नीलम मेरे और अपने लिए खाना ले आई…”नजीबा ने खाना खा लिया….?”

नीलम: हां खा लिया….और मेडिसिन भी दे दी है….तुम शुरू करो…

मैं: जी….

उसके बाद मेने खाना शुरू कर दिया….मेरे सामने वाली कुर्सी पर नीलम बैठी खाना खा रही थे….”साना कैसी है….” मेने खाना खाते हुए पूछा….

“ वो ठीक है…उसके सास सुसर और सोहर बहुत अच्छे है…बड़ा ख़याल रखते है साना का…”

मैं: जी ये तो बहुत अच्छे बात है…..

नीलम: ह्म्म्मो अब तो बस एक ही दुआ है कि, जल्दी से साना की गोद भर जाए…. उसके सास सुसर को बड़ी आस है….आख़िर उनका एक ही बेटा है….

मैं: ह्म्म होनी भी चाहिए…..

हम ऐसी ही इधर उधर की बाते करते रहे….खाना खाने के बाद में जैसे ही उठने लगा तो, नीलम ने मुझसे कहा…” थोड़ी देर के लिए नजीबा के पास बैठ जो….में बर्तन किचिन में रख कर आती हूँ….” मेने नीलम मामी की बात सुन कर हां में सर हिला दिया…..और उठ कर नजीबा वाले रूम में आ गया… नजीबा बेड की पुष्ट से पीठ टिकाए टीवी देख रही थे….मुझे देख कर वो शरमा कर मुस्कुराइ और में उसके पास जाकर बैठ गया…..” तबीयत कैसी है तुम्हारी….” मेने नजीबा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा…” आप आ गये हो….में ठीक हूँ….” 

इतने में नीलम भी रूम में दाखिल हुई…..मेने जल्दी से नजीबा का हाथ छोड़ दिया और टीवी देखने लगा….”अच्छा में चलता हूँ….तीन दिन बाद एग्ज़ॅम है… मेने कितने दिनो से बुक्स को हाथ भी नही लगाया….अगर रिज़ल्ट खराब आया तो, अब्बू बहुत नाराज़ होंगे….”

नीलम: ठीक है तुम जाकर पढ़ाई करो….

नजीबा: ज़्यादा देर तक मत जगाना….नही तो सुबह देर से उठोगे आप…..और रात का रटा रटाया सब भूल जाएँगे….आप अभी सो जाओ….सुबह जल्दी उठ कर पढ़ाई कर लेना…..

मैं: सुबह कब पढ़ुंगा….सुबह कॉलेज से नोट्स भी लेने जाना है…

नजीबा: कोई बात नही मामी सुबह जल्दी उठ जाती है…वो तुम्हे जगा दैन्गी…. क्यों मामी आप उठा दोगि ना…..

नीलम: हां क्यों नही…समीर तुम सो जाओ….वैसी भी आज थक गये होगे….

मैं: जी जैसे आप कहें…..

मैं वहाँ से उठ कर ऊपए रूम में आ गया….और अपने पाजामा और टी-शर्ट उतार कर एक लंबा सा शॉर्ट पहना और बेड पर लेट गया….फिर पता नही चला कब नींद आई….
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03-08-2019, 02:54 PM,
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अगली सुबह जब आँख खुली तो देखा …सुबह के 5 बजे मुझे नीलम मामी मेरे कंधे से हिला कर उठा रही थी…

नीलम: उठो 5 बज गये हैं…उठ कर थोड़ा सा पढ़ लो…

में अपनी आँखे मलता हुआ खड़ा हुआ…और बाथरूम में घुस गया…में जब फ्रेश होकर रूम में आया, तो जो मेने देखा उसे देख कर में एक दम से हैरान रह गया…नीलम मामी सामने मेरे बेड पर लेटी हुई थी…उसकी पीठ मेरीए तरफ थी…उसकी बॉडी कर्व को देख में पागल सा हो गया…उसकी वो पतली कमर ने मुझ पर नज़ाने क्या जादू सा कर दिया था..जो में अपने होश को खो बैठा…

पीछे से उसकी गोरी नागिन से बल खाती हुई कमर को देख मेरा लंड एक दम से तन गया.. रात को नीलम मामी को नजीबा का भी ख्याल रखना होता था...नजीबा अकेली चल कर बाथरूम नही जा सकती थी….वो शायद नींद ना पूरी होने के कारण बेड पर लेटी सो गयी थी… ऐसे में किसी की नींद कैसे पूरी हो सकती है…इसीलिए वो यहीं सो गये…शायदा कल रात से बहुत थकि होंगी…मेने ये सोच कर बेड पर आकर बैठ गया…और पीछे नीलम मामी के भरे हुए मस्त जिस्म को देखने लगा

क्या मस्त और सेक्सी बदन था नीलम मामी का… 38 साइज़ के कसे हुई मम्मे…नीचे गठीला और भरा हुआ पेट और नागिन सी बाल खाती कमर उफ़फ्फ़ बुन्द तो पूछो ही मत क्या गोल मटोल बुन्द थी…में अपने आपे से बाहर हो गया…नीलम को देख कर मेरा लंड एक दम से सख़्त हो कर, मेरी शॉर्ट में झटके खाने लगा…मेने विंडो से बाहर देखा…

बाहर अभी भी अंधैरा था…अब मेरे दिमाग़ में वासना का तूफान उठ चुका था…मेने जल्दी से लाइट ऑफ की,और बेड पर नीलम के पीछे लेट गया…मेरे और नीलम मामी के बीच सिर्फ़ 7-8 इंच का फाँसला था…

नीलम मामी के इतना करीब लेटे होने कारण…मेरा लंड मेरे अंडरवेर में हलचल मचाए हुए था…अब मुझसे रहा नही जा रहा था…में मामी के करीब खिसक गया..मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…में डर रहा था..कि कहीं मामी जाग ना जाए… पर वासना के नशे में आकर में आगे खिसक गया…और नीलम मामी से एक दम चिपक गया…मेरा तना हुआ लंड अब नीलम मामी की शलवार के ऊपेर से उसकी बुन्द पर रगड़ खा रहा था…में काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा…जैसे में नींद में हूँ….

जब थोड़ी देर तक मामी नही हिली…तो मैं हिम्मत करके और करीब खिसक गया…और मेरा लंड नीलम मामी की बुन्द पर और दब गया…नीलम मामी ने पतली सी शलवार कमीज़ पहनी हुई थी….और नीचे पैंटी भी पहनी हुई थी…जिसके कारण मेरा लंड उनकी बुन्द की दर्रार में नही जा पा रहा था..पर वैसे ही लेटा-2 अपने लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़ कर नीलम मामी की गदराई हुए बुन्द पर रगड़ने लगा…

में साथ में मामी के ऊपेर नज़र जमाए हुआ था…पर वो बिल्कुल शांत लेटी हुई थे..अब मेरा लंड बिल्कुल अकड़ चुका था…और में फारिघ् होने के बिकुल करीब था… मेने अपना एक हाथ नीलम मामी की चिकनी और मखमल जैसे गोरी कमर पर रख दिया… 

इस बार नीलम मामी थोड़ा सा हिली..और फिर से शांत पड़ गये…पर उसके हिलने से मेरा लंड नीलम की शलवार और पैंटी को दबाता हुआ उसकी बुन्द की दर्रार में थोड़ा सा अंदर के जानिब दब गया था.. मुझे ऐसे लगा. जैसे वो जान बुझ कर कर रही हैं…पर में श्योर नही था… इसीलिए में वैसे ही लेटा रहा…

सुबह के 5: 30 बज चुके थे…में अभी भी जगा हुआ था…अचानक नीलम मामी करवट लेकर सीधी हो गयी…और फिर उठ कर बैठ गयी…में अपनी आँखों को बंद किए हुए था… पर थोड़ा सा आँख खोल कर देख रहा था…में उसके फेस के रियेक्शन को नोट करना चाहता पर. उसके फेस पर तो कोई भी एक्सप्रेशन नही थे…

नीलम मामी ने मेरे हाथ को अपने हाथ से हटा कर नीचे रख दिया…और उठ कर चली गयी…मामी के जाते ही में भी उठ गया…और पढ़ने लगा…

में 8 बजे तक पढ़ता रहा…फिर नहा कर तैयार होकर नीचे आया..तो देखा नीलम मामी डिन्निंग टेबल पर नाश्ता लगा रही थे…वो मुझे देख कर मुस्कुराइ और बोली….”अच्छा हुआ तुम आ गये…में तुम्हे ही बुलाने जा रही थे… बैठो नाश्ता कर लो……मैं वही बैठ गया…नीलम चाइ और नाश्ता प्लेट में लगाने लगी…में नीलम की आँखों को पढ़ने की कॉसिश कर रहा था…पर पूरा टाइम मेरी नज़रें उससे नही मिली…नाश्ते के बाद में बाहर आ गया…बाइक ली और कॉलेज चला गया.. और फिर अपने दोस्तो से नोट्स लेकर उसके फोटो स्टेट कॉपीस करवाए….और फिर में घर वापिस आ गया...में थोड़ी देर हाल में बैठ नीलम को घर का काम करते हुए देखता रहा…पर वो अपने काम में बिज़ी थी…हां बीच-2 में एक दो बार ये ज़रूर पूछा कि भूक तो नही लगी…

फिर में नजीबा के पास चला गया….उससे इधर उधर की बातें करने लगा…ऐसे ही टाइम पास होता रहा…नीलम घर का काम करते हुए कभी अंदर आती तो कभी बाहर…मुझे सारा कुछ मिट्टी में मिलता नज़र आ रहा था…आख़िर कार मेने अपने मन को समझा लिया..था कि वो सुबह शायद ज़्यादा थकि हुई थी..इसीलिए उन्होने सोने से पहले ये नही देखा कि वो कहाँ सो रही हैं…

में उठ कर अपने रूम में आ गया…और पढ़ने लगा…दोपहर के 3 बज रहे थे..में काफ़ी देर तक पढ़ता रहा, आख़िर कब तक किताबों के साथ सर फोड़ता… बोर होकर नीचे आ गया…जब नीचे पहुँचा तो, देखा कि, नजीबा भी बाहर सोफे पर बैठी हुई टीवी देख रही थी….और नीलम मामी सोफे पर बैठी कोई मॅगज़ीन पढ़ रही थी….मैं भी वही बैठ कर टीवी देखने लगा….पर मेरा ध्यान बार-2 नीलम मामी की तरफ जा रहा था…जो सोफे पर बैठी एक मॅगज़ीन पढ़ रही थी…पर अब में कर भी क्या सकता था…में अपने आप को टीवी के साथ बिज़ी रखने की कॉसिश कर रहा था…

खैर जैसे तैसे रात हुई…अगले दिन मेरा पहला एग्ज़ॅम था…इसीलिए में खाना खाने के बाद सीधा ऊपेर आ गया, और पढ़ने लगा… में रात के 12 बजे तक पढ़ता रहा. फिर मुझे नींद आने लगी…और में बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गयी.मुझे पता नही चला…पर उस दिन सोने से पहले में 5 बजे का अलाराम सेट कर दिया था…पर में सुबह अलार्म बजाने से पहले ही उठ गया था…

जैसे ही में उठा…मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया…मेने जल्दी से उठ कर अलार्म ऑफ किया और.अपना शॉर्ट्स और टी-शर्ट उतार कर रख दी…में अब सिर्फ़ अंडरवेर में था…और में बेड पर लेट गया. मुझे नीचे से कुछ आवाज़ आ रही थे...शायद नीलम मामी उठ चुकी थी….मैं सोच रहा था कि, क्या आज नीलम मामी मुझे उठाने के लिए ऊपेर आएँगी या नही…..

में अपने दिल की धड़कने संभालते हुए इंतजार करने लगा…थोड़ी देर बाद मुझे ऊपर चढ़ते कदमों की आवाज़ आई.मेने आँखों को हल्का सा बंद कर लिया…में पीठ के बल लेटा हुआ था…और मेरा तना हुआ लंड मेरे अंडरवेर को आगे से ऊपेर उठाए हुआ था….मेने जानबूज कर अपनी रज़ाई को अपनी रानो तक उतार दिया था….

तभी मेरे दिल की धड़कने बढ़ गयी…रूम में 0 वाट का बल्ब जल रहा था…में नीलम मामी को देख रहा था…वो अंदर आई और बेड के किनारे आकर खड़ी हो गयी…
उसने मुझे एक बार देखा..मेरे फेस पर देखते हुए उसने मुझे आवाज़ लगाई…समीर उठ जाओ 5 बज गये हैं…पर में जान बुझ कर गहरी नींद में सोने आक्टिंग करता रहा.

नीलम मामी ने मुझे दो बार और आवाज़ लगाई…पर में हिला भी नही, और वैसे लेटा रहा…फिर वो थोड़ा सा झुक कर मुझे अपने हाथ से हिलाने लगी…पर में ऐसे ही लेटा रहा,मुझे उठता ना देख, वो बेड के किनारे बैठ गयी…और एक उबासी के साथ अंगड़ाई लेते हुए मेरी तरफ देखने लगी…

नीलम: समीर उठो ना.. देख कितना टाइम हो गया है….

पर में जानबूझ कर थोड़ा सा हिला और फिर से वैसे ही लेट गया…नीलम ने मेरी ओर देखा…उसे देख कर ऐसा लग रहा है था, कि उसे बहुत नींद आ रही थी..

फिर वो हुआ जिसकी मुझे ज़रा भी उम्मीद नही थी…वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी. मेरे दिल की धड़कने बढ़ गये…लाखों सवाल मेरे मन में उठने लगे… क्या वो जान बुझ कर ऐसे मेरे साथ लेटी है, अगर उसे नींद आ रही थी, तो वो नीचे जाकर भी सो सकती थे..शायद वो जान बुझ कर ही सोई है…नही -2 हो सकता है..वो ज़्यादा थकि हूँ हों…मैं करीब 5 मिनट तक यही सब सोचता रहा….
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03-08-2019, 02:54 PM,
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आख़िर में मेने फैंसला कर लिया…चाहे वो जो भी सोच कर यहाँ लेटी हों…पर में ऐसे मोके को हाथ से नही जाने दूँगा…मेने अपनी आँखे खोल कर गौर से देखा…मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नही हुआ..नीलम मामी ने आज क्रीम कलर का पतला सा शलवार कमीज़ पहना हुआ था…..

मेरा तो लंड एक ही पल में खड़ा हो कर झटके खाने लगा…पीछे उसकी गोश्त से भरे गोरे बदन को देख कर मुझसे रहा नही गया…और में उसकी तरफ खिसक कर उससे पीछे से चिपक गया…और धीरे -2 अपने और नीलम मामी के बीच के गॅप को कम करने लगा…और कुछ ही देर में मैं नीलम मामी के बदन से पीछे से चिपक गया…इस बार मेरा तना हुआ लंड उसकी बुन्द की दर्रार में धँस गया…

मामी थोड़ा सा हिली…और अपनी बुन्द को पीछे मेरे लंड पर दबा दिया…मेरा लंड नीलम मामी की शलवार को उसकी बुन्द की दर्रार में आगे सरकता हुआ…उसकी बुन्द की दर्रार में धँस गया…पर वो ये सब ऐसे कर रही थे…जैसे वो बहुत ही गहरी नींद में हो…इसीलिए में कुछ भी खुल कर नही कर सकता था…

में धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर अपने लंड को उसकी बुन्द की दर्रार में रगड़ने लगा.. वो बिना हीले डुले वैसे ही पड़ी हुई थी….नीलम मामी अब तेज़ी से साँसें ले रही थी. पर में बिल्कुल श्योर नही था, कि वो जाग रही हैं…या सोई हुई हैं…

पर तब एक मेरे ऊपेर वासना के नशे का असर होने लगा था…मेने धड़कते दिल के साथ अपना एक हाथ उसके पेट पर रख दिया…और कुछ देर लेटे रहने के बाद भी जब कोई हरकत ना हुई…तो में धीरे-2 अपने हाथ को मामी के मम्मो की तरफ बढ़ाने लगा… और कुछ ही मिनिट में मेरा हाथ मामी की कमीज़ के ऊपेर उसके राइट मम्मे पर था..

जैसे ही मेरा हाथ नीलम मामी की कमीज़ के ऊपेर से उनके मम्मे पर पहुँचा… में मस्ती में एक दम पागल सा हो गया…उसके सख़्त और गोश्त से भरे मम्मे उनके तेज़ी से साँस लेने की वजह से ऊपेर नीचे हो रही थी… में उनकी नाक से साँस लेने की आवाज़ को भी सॉफ-2 सुन पा रहा था…

फिर में कोई 5 मिनट तक ऐसे ही अपना हाथ उसके मम्मे पर रखे अपने लंड को उसकी बुन्द की दर्रार में आगे पीछे करता हुआ रगड़ता रहा…फिर मेने हिम्मत करके धीरे-2 नीलम मामी के मम्मे को अपने हाथ से दबाना चालू कर दिया…

में अपना सर उठा कर नीलम मामी के फेस और आँखों पर नज़र जमाए हुआ था…ताकि अगर वो उठ भी जाए तो, में अपना हाथ पीछे खींच लूँ…पर मेरे अंदर वासना का तूफान बढ़ता ही जा रहा था…

और फिर मेने अपना आपा खो कर धीरे-2 नीलम मामी के मम्मे को दबाना शुरू कर दिया…वो एक पल के लिए थोडा सा हिली…और उनके मूह से उम्ह्ह की हलकी सी आवाज़ निकल गयी…पर वो ऐसे निकली जैसे वो नींद में हो….

में एक पल के लिए उसकी आवाज़ सुन कर अपने हाथ को वहीं रखे हुए थम गया… और जब थोड़े से इंतजार के बाद उसकी तरफ से कोई रियेक्शन नही हुआ…तो में फिर से अपने हाथ से धीरे-2 नीलम मामी के मम्मे को दबाना शुरू कर दिया…अब मेरे हाथ की सख्ती उसकी मम्मे पर बढ़ाता जा रहा था….

मेरा तना हुआ लंड अब और जायद अकड़ चुका था…मेने अपने हाथ को नीलम मामी के मम्मे से हटा कर, उसकी थाइ पर रख दिया…और धीरे थाइ को सहलाते हुए,नीचे आने लगा…जब मेरा हाथ उनके घुटने तक पहुँचा…तो मेने नीलम की कमीज़ के पल्ले को पीछे से पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…

मेरे हाथ पैर हवस और डर के मारे काँप रहे थे…में मामी के फेस की ओर सर उठा कर देखते हुए…मामी की कमीज़ को ऊपेर उठाने लगा…जैसे-2 उसकी कमीज़ ऊपेर उठ रही थी…मेरे दिल की धड़कने और तेज होने लगी…धीरे-2 मेने उनकी कमीज़ को उसकी कमर तक ऊपर कर दिया…और फिर एक बार मामी के फेस की तरफ देखा… उसकी आँखे अब भी बंद थी…पर उनके फेस पर अजीब सी तसूर्रत थी…मेने उसकी थाइस पर धीरे- हाथ फेरना चालू कर दिया...फिर में थोडा सा पीछे हुआ पीछे से नीलम की बुन्द को देखने लगा….”उफ़फ्फ़ मेरी तो जान ही निकल गयी….क्रीम कलर की पतली सी शलवार में से उसकी ब्लॅक पैंटी सॉफ नुमाया हो रही थी…

मेने अपना सारा कुछ दाँव पर रखते हुए…अपने शॉर्ट को नीचे करके अपने सख़्त खड़े हुए लंड को बाहर निकाल लिया…और उसकी शलवार और पैंटी के ऊपेर से अपने लंड को उसकी बुन्द की दर्रार में रगड़ने लगा…में अब पूरी सरगोश हो चुका था…

मेरा दिल कर रहा था, कि में अभी नीलम की शलवार और पैंटी को निकाल कर अपने लंड उसकी बुन्द के सूराख में डाल दूं…और खूब कस कस के मामी को चोदु… पर मेरी हिम्मत नही पड़ रही थी… और नीलम मामी भी कुछ सिग्नल नही दे रही थी…अब मेरे लंड की नसें फूलने लगी थी…

मेरा लंड अब अपना पानी छोड़ने वाला था…में नीलम मामी के जिस्म से एक दम चिपक गया…मेरे लंड का कॅप मामी की पैंटी को उसकी बुन्द के लाइन में फैलता हुआ…उसकी बुन्द के सूराख में पैंटी के ऊपेर से दब गया….

इसबार फिर उसके के मूह से उम्ह्ह की आवाज़ निकल गयी…मेने अपने हाथ को आगे लेजा कर उसके मम्मे पर कमीज़ के ऊपेर से रख दिया…और अपनी कमर को धीरे-2 हिलाने लगा.. अचानक मुझे अपने बदन का सारा खून अपने लंड की नसों में इकट्ठा होता महसूस होने लगा….और मेरे लंड से पानी की बोछार होने लगी…मेरा पूरा बदन काँप गया…

जब मुझे होश आया…तो मेरे डर के मारे गान्ड फटने लगी…में जल्दी से पीछे हो गया…और बेड से उठ कर एक कपड़े को उठा कर बेड पर आ गया, और पहले अपने लंड और बेड पर गिरे मनी को सॉफ किया…फिर मामी की थाइस और बुन्द वाले हिस्से से शलवार को बड़े ध्यान से सॉफ किया....पर मेरे गाढ़े वाइट कलर के कम से मामी की शलवार कुछ गीली हो गयी थी…मेने हल्के हाथ से मामी की कमीज़ के पल्ले को नीचे कर दिया…और बेड पर लेट गया…

करीब 10 में नीचे से नजीबा की आवाज़ आई… मामी मामी कहाँ हो आप…. में अपने आँखे बंद किए लेटा हुआ था…और थोड़ी सी आँखे खोल कर नीलम मामी को देख रहा था…नीलम मामी बेड पर उठ कर बैठ गयी…उसने एक बार मेरी तरफ देखा.. उनके फेस पर कोई एक्सप्रेशन नही था…जिससे मुझे पता चल सके कि.. वो सोई हुई थी..या जाग रही थी….

फिर वो उठ कर खड़ी हो गयी,और अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गयी…मेने राहत के साँस ली… उसके जाते ही, में उठ कर खड़ा हो गया, और बाथरूम में घुस गया….

जब में फ्रेश होकर नीचे आया, तो देखा नजीबा डाइनिंग टेबल पर बैठी नाश्ता कर रही थे….वो मुझे देख कर मुस्कुराइ…..तो मेने भी स्माइल के साथ जवाब दिया… और उसके पास बैठ गया….” गुड मॉर्निंग ख़ान सहाब…..” नजीबा ने मुस्कुराते हुए कहा….”गुड मॉर्निंग….” मेने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया…तभी नीलम मामी किचिन से चाइ का कप और नाश्ते की प्लेट पकड़े बाहर आई….और टेबल पर रखते हुए बोली….”लो समीर शुरू करो….” मेने नीलम की आँखो में देखने की कॉसिश की… पर उसने मुझसे नज़रें नही मिलाई….. 

जब मेरा नाश्ता ख़तम हुआ, तो नीलम मेरी खाली प्लेट उठाने आई…मेने फिर से नीलम मामी की आँखों में झाँकने की कॉसिश की…कहीं तो कोई हिंट मिल जाए..पर वो मेरी तरफ एक बार देख कर बोली और कुछ चाहिए….और मुझे उसकी आँखों में कोई हिंट नही मिला…वो मुझसे ऐसे पेश आ रही थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो…में अपने सर को झटकते हुए खड़ा हुआ, और उठ कर ऊपर आकर एग्ज़ॅम की तैयारी करने लगा….
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03-08-2019, 02:54 PM,
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मेने अपना ध्यान नीलम से हटाया और पढ़ने लगा….मुझे डर था कि, कही मेरा रिज़ल्ट खराब ना आए….उस दिन और कोई ख़ास बात नही हुई….वो दिन पढ़ाई करते हुए गुजर गया….रात को भी में 11 बजे तक पढ़ता रहा….फिर जब नींद आने लगी तो, में बेड पर लेट गया….लेटते ही कब नींद आई पता नही चला….अगली सुबह जब उठा तो सुबह के 7 बज रहे थे….आज नीलम मुझे उठाने ऊपेर नही आई थे…मुझे बहुत मायूषी हुई….पर मेने अपने दिल को समझा लिया था….कि शायद ऐसा कुछ हो ही नही जैसा में सोच रहा हूँ….शायद नीलम मामी के दिल में कुछ हो ही नही… अगर उसके दिल में कुछ होता तो, वो ज़रूर मुझे कुछ नही कुछ हिंट देती….पर ऐसा अभी तक कुछ नही हुआ था….मैं उठा और बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ…फिर तैयार होकर नीचे आया….तो नीलम मामी ने मुझे नाश्ता दिया…नाश्ता करने के बाद मैं बाइक लेकर एग्ज़ॅम देने के लिए कॉलेज चला गया….एग्ज़ॅम भी बेहद अच्छा हुआ….एग्ज़ॅम के बाद जब में वापिस पहुँचा और गेट के सामने पहुँच कर बाइक का हॉर्न मारा तो, थोड़ी देर बाद नीलम मामी ने गेट खोला….और मेने बाइक अंदर की और स्टॅंड पर लगा कर जैसे ही उतरा….तो नीलम मामी मुस्कुराते हुए बोली….

नीलम: (मुझे देख कर) आ गये कैसा हुआ एग्ज़ॅम

में: (घर के अंदर आते हुए)जी बहुत अच्छा हुआ…

नीलम: तुम बैठो में तुम्हारे लिए चाइ बनाती हूँ….

में: नही मामी चाइ रहने दो…बस एक ग्लास पानी दे दो…

नीलम किचिन में चली गयी…और एक ग्लास पानी ले आई…मेने पानी पिया,और नीलम की आँखों में झाँकते हुए, पानी का ग्लास नीलम मामी को पकड़ा दिया…

पर नीलम मामी ने मेरी तरफ देखा तो सही…पर में जो उसकी आँखों में ढूँढ रहा था…वो मुझे नही मिला…में उदास सा होकर सोफे पर बैठ गया…नीलम मामी ग्लास रख कर वापिस आ गयी. उनके हाथ में सब्जी थी…जिसे वो मेरे सामने सोफे पर बैठ कर काटने लगी…मेने नजीबा का पूछा तो उन्होने बताया कि, वो सो रही है…

हम दोनो इधर उधर के बातें करते रहें…पर मेरी ज़रा भी हिम्मत नही हुई, कि में उनसे सुबह की बात कर सकूँ…में हार कर ऊपेर आ गया…और बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गयी…मुझे पता नही चला… 

दोपहर के 3 बजे नीलम मामी ने मुझे ऊपेर आकर उठाया…में उठ कर बैठ गया…

नीलम : समीर नीचे आकर खाना खा लो….


में उठ कर उसके साथ नीचे आ गया…और नीचे आकर खाना खाने लगा…खाना खाने के बाद में नीचे बरामदे में बैठ कर टीवी देखने लगा…नीलम मामी कल की तरह सोफे पर बैठ कर मॅगज़ीन पढ़ रही थी…में बार-2 नीलम मामी को देख रहा था…ताकि मेरी नज़रों से उनकी नज़र मिले.. शायद कुछ बात बन जाए…पर कोई फ़ायदा नही..में अपना ध्यान टीवी पर लगाने लगा…

टीवी देखते -2 करीब अधाई घंटे के बाद मेने फिर से नीलम मामी की तरफ देखा…पर इसबार मेरे दिल में कुछ हलचल सी हुई…नीलम मामी मेरी तरफ देख रही थे. पर जैसे ही मेने उसकी तरफ देखा. वो मॅगज़ीन में देखने लगी…

मेरे दिमाग़ के घोड़े एक बार फिर से दौड़ने लगे…हां-2 वो मेरी तरफ देख रही थी…पर इसमे ऐसी क्या खास बात है…हो सकता है उनका ध्यान ऐसे ही मुझ पर पड़ गया हो. या फिर वो मुझे नही कहीं और देख रही हो…

ये सब बातें सोच-2 कर दिमाग़ का कबाड़ा बन चुका था….आख़िर में उठ कर ऊपेर रूम में आ गया…और अगले एग्ज़ॅम की तैयारी करने लगा…अगला एग्ज़ॅम दो दिन बाद था….बीच में दो दिन की लीव थी….ऊपेर आने के बाद मैं काफ़ी देर तक पढ़ता रहा…शाम कब ढल गये..मुझे पता नही चला…रात के 9 बजे मुझे नीचे से नीलम मामी की आवाज़ आई…में रूम से बाहर आकर सीढ़ियों से नीचे देखने लगा..मामी सीढ़ियों के पास खड़ी थी….

नीलम: (मुझे देखते हुए) समीर बेटा नीचे आकर खाना खा लो…फिर बाद में पढ़ लेना…

में नीचे आ गया…नजीबा खाना खा कर सो चुकी थे…में नीलम मामी के साथ खाना खाने लगा..और बीच-2 में चोर नज़रों से नीलम मामी की जवानी और हुश्न को देख रहा था…आज नीलम मामी बहुत ही खूबसूरत लग रही थे…उन्होने ने महरूण कलर की शलवार कमीज़ पहनी हुई थी…

नीलम: (खाना खाते हुए) और बताओ समीर आज का एग्ज़ॅम कैसा रहा…

में: जी बहुत अच्छा था…

नीलम: अब अगले एग्ज़ॅम की तैयारी कर लो….

में: जी …

नीलम: वैसे अब अगला एग्ज़ॅम कब है तुम्हारा….

मैं: जी दो दिन बाद….

नीलम : आज जल्दी सो जाना…ज़्यादा देर तक ना पढ़ना…कल सुबह में तुम्हाई उठा दूँगी…तुम सुबह जल्दी उठ कर पढ़ लेना...

में: जी….

में मामी की तरफ देखने लगा….ये सोच कर सुबह उठाने की बात को लेकर शायद उनके चहरे पर कुछ रियेक्शन आ जाएँ. पर वैसे कुछ भी नही हुआ…वो चुप-चाप खाना खाती रही…खाना खाने के बाद में उठ कर जाने लगा…तो अचानक मुझे याद आया कि, मेरे रूम के बाथरूम में हेअर आयिल ख़तम हो गया था…

में: मामी वो ऊपेर हेर आयिल ख़तम हो गया है…

नीलम : कोई बात नही…हमारे बेड रूम के बाथरूम में दो बॉटल पड़ी हैं…वहाँ से ले लो…
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03-08-2019, 02:54 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
में नीलम के रूम में आ गया…और बाथरूम में घुस गया…जैसे ही में बाथरूम में पहुँचा…तो वहाँ सबसे पहले मेरी नज़र ब्लॅक कलर की पैंटी पर पड़ी.मेने उसे उठ कर देखा तो, पता चला कि ये वोही पैंटी है. जो कल सुबह नीलम मामी ने पहनी हुई थी…उसपर मेरे कम के दाग अभी भी लगे हुए थे….

दाग काफ़ी बड़ा था…जो आसानी से दिख जाए…मुझे ये अहसास हो गया, कि नीलम मामी चाहे सो ही रही हों…पर उन्होने ने इस दाग को ज़रूर देखा होगा…अगर वो चुदवाना चाहती है. तो कम से कम कोई हिंट तो दें..

फिर मेने पैंटी को वहीं रख दिया…और आयिल की बॉटल को लेकर ऊपेर आ गया….मेने जल्दी से अपने मोबाइल में सुबह 4:30 बजे का अलार्म लगा दिया…और फिर कुछ देर पढ़ने के बाद सो गया..

सुबह 4:30 पर अलार्म बजा…मेने जल्दी से उठ कर अलार्म बंद किया…और अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर में लेट गया…और इंतजार करने लगा…5 बजे के करीब मुझे नीचे से कुछ आवाज़ सुनाई दी…

मेने अंदाज़ा लगाया. कि नीलम अब जाग गयी है…मेरे दिल की धड़कनें एक बार फिर से बढ़ गयी…अब वो ऊपेर आने वाली थी…क्या वो आज ऊपेर आएगी…कहीं कल उन्होने ने अपनी पैंटी देखी होगी..तो शायद वो ना आए…अगर आज वो ऊपेर नही आई तो इसका मतलब वो सच में उस दिन सो रही थी…

15 मिनट के इंतजार के बाद. मुझे ऊपेर आते हुए कदमों की आवाज़ आई…में अपने दिल की धड़कनो को संभालते हुए लेट गया…और कुछ ही पलों में मेरे रूम का डोर धीरे से खुला…और वो मेरे रूम में आ गयी…अब में अपने दिल की धड़कनो को थामे उसकी पहली हरकत का इंतजार करने लगा….वो मेरे पैरो की तरफ खड़ी थे… नीलम ने ऊपेर चादर ली हुई थी….मैं अपनी आँखो को हल्का सा खोल कर उसकी तरफ देख रहा था….वो किसी गहरी सोच में डूबी हुई नज़र आ रही थे…फिर वो डोर के तरफ मूडी और धीरे से डोर बंद कर दिया…पर कुण्डी नही लगाई…फिर उसने अपनी चद्दर जो उसने ली हुई थी….उसे उतार कर स्टडी टेबल पर रखा तो, सामने का मंज़र देख कर मेरे दिल की धड़कने बंद होते-2 रह गयी…सामने नीलम मामी मरून कलर की लोंग नाइटी में खड़ी थी….ऊपेर से नाइटी के स्लीव्स नही थे… जैसे ब्रा के स्ट्रॅप्स होते है…वैसे ही स्ट्रॅप्स थे….

रूम में 0 वाट का बल्ब जल रहा था…नीलम मामी ने एक बार मेरी तरफ देखा… फिर मेरे तने हुए लंड को जो कि अंडरवेर को आगे से टेंट की तरह उठाए हुए था… फिर उन्होने जल्दी से मेरे फेस की ओर देखते हुए आवाज़ दी…समीर उठो….पर में नही उठा…उन्होने ने फिर से आवाज़ दी…पर में वैसे ही लेटा रहा…नीलम मामी कल की तरहाण बेड पर बैठ गयी…और मुझे मेरे कंधे पर हाथ रख कर हिलाने लगी.. पर में टस से मस नही हुआ, और वैसे ही लेटा रहा…पर इस बार उन्होने मुझे ज़ोर से हीलिया…अब सोने का नाटक करना बेकार था…

में आँखों को मलते हुए उठ कर बैठ गया….

में: जी मामी….

मामी: (सुस्त आवाज़ में) चलो उठ जाओ…और थोड़ी देर पढ़ लो…

में उठ कर बाथरूम में चला गया…और पेशाब करने लगा…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था…और मन में यही दुआ कर रहा था…कि मामी आज भी बेड पर लेट जाए…

में जब पेशाब करके बाहर आया…तो मेरा लंड खुशी के मारें झटके लेने लगा… सामने वो दिल कश हसीना मेरे बेड पर लेटी हुई थी…उसकी पीठ आज भी मेरी तरफ थी…मेने गोर से देखा…नीलम की नाइटी उसके घुटनो तक ऊपेर चढ़ि हुई थी... जैसे आज वो उसे जान बुझ कर ऊपेर उठा कर लेटी हुई हों…

में बिना एक पल की देरी किए बेड पर आ कर उसकी बगल में लेट गया…और धीरे-2 उसकी तरफ खिसकने लगा…जब में मामी के बिल्कुल साथ हो गया…तो मेरा लंड एक दम अकड़ गया.. और मेरे अंडरवेर को ऊपेर उठा दिया…मुझे लंड को अंडरवेर में रखने में दिक्कत होने लगी…

मेने थोड़ा सा पीछे हो कर अपने लंड को अंडरवेर से बाहर निकाल लिया…और मामी के पीछे से उनके साथ लग गया…मेरा लंड उनकी महरूण कलर की नाइटी को उसकी बुन्द की दरार में धकेलटा हुआ उसकी बुन्द के सूराख पर जा लगा….

मामी थोड़ा सा हिली, और पीछे की तरफ अपनी बुन्द को थोड़ा सा दबा दिया…जैसे वो नींद में ये सब कर रही हो…मेने मामी की नाइटी को धीरे-2 ऊपेर करना चालू कर दिया…जो पहले से उसके घुटनो तक उठी हुई थी…

में बड़े ध्यान से मामी की नाइटी को ऊपेर उठाता रहा…और जब उनकी नाइटी उनकी रानो तक ऊपेर उठ गयी…मेने अपने लंड को पीछे करके मामी की नाइटी को ऊपेर उठा दिया…वाउ सामने का नज़ारा देख मेरा लंड की नसें फूलने लगी…

आज मामी ने मरूर्न कलर की नाइलॉन वीशेप पैंटी पहनी हुई थे…जैसे आज पूरी तैयारी के साथ आई हो…में अपने आप पर काबू ना रख सका… मरून कलर की नेट वाली वी शेप पैंटी मामी के बड़े-2 गोल मटोल चौड़ी बुन्द को नही ढक पा रही थे…अब में एक दम पागल हो चुका था…

में पिछले तीन चार दिनो से फुद्दि के लिए तड़प रहा था…इसीलिए मुझसे रहा नही गया… और बिना किसी बात की परवाह किए बगैर में अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी बुन्द के नीचे से उसकी फुद्दि पर लगा दिया…में तो मानो जैसे जन्नत में उड़ रहा था…इस बार मामी फिर से थोड़ा सा हिली पर फिर से शांत पड़ गयी…में धीरे-2 अपने लंड को मामी की पैंटी के ऊपेर उसकी फुद्दि के लिप्स पर रगड़ने लगा….

पर मामी की थाइस आपस में जुड़ी हुई थी…जिससे मेरा लंड बुन्द की नीचे से थोड़ा ही आगे जा पा रहा था…में अपने लंड को धीरे-2 रगड़ता हुआ आगे पीछे करने लगा.. पर हर बार मामी की थाइस के कारण आधे रास्ते में रुक जाता…मामी की मरून पैंटी में मुझे अपने लंड पर कुछ-2 गीला सा महसूस हुआ…ओह्ह्ह्ह ये तो मामी की फुद्दि गीली हो चुकी थे…क्या वो जाग रही हैं….हाँ शायद वो कुछ बोले बिना ही मज़ा लेना चाहती हैं…

में अपने लंड को पीछे उसकी फुद्दि पर पैंटी को ऊपेर से रगड़ते हुए…और आगे करने की कॉसिश करने लगा…फिर वो हुआ जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था…मामी ने अपनी ऊपेर वाली रान को हल्का सा ऊपेर कर लिया…जैसे ही मामी की थाइ ऊपेर हुई…मेरा तना हुआ लंड मामी की दोनो थाइस के बीच में से उसकी फुद्दि के लिप्स के बिल्कुल बीचो-जा कर दब गया….

मेरे पूरे बदन में वासना की लहर दौड़ गयी…दिल उतेजना के मारें तेज़ी से धड़कने लगा…मामी ने फिर धीरे-2 अपनी ऊपेर वाली थाइ को नीचे वाली थाइ पर वैसे ही रख दिया…मेरा तना हुआ लंड मामी की दहक्ती हुई थाइस और फुद्दि में लगा हुआ था..

मत पूछो मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नही आया…अब मेरा हॉंसला बढ़ चुका था…पर में फिर भी थोड़ा सा डर रहा था…मेने ये सोच लिया…जैसे नीलम मामी को पसंद हैं…में भी बिना कुछ बोले ही उनको सारी दुनिया का प्यार आज दे दूँगा..

मेने थोड़ी देर लेटने के बाद…अपना हाथ आगे लेजा कर उनकी नाइटी के ऊपेर से उनके राइट मम्मे पर रख दिया…ओह्ह्ह्ह क्या नरम और गोश्त से भरे हुए मम्मे हैं मामी की…में धीरे-2 मामी के मम्मे को ऊपेर से दबाने लगा…जैसे-2 में मामी के मम्मे को दबा रहा था… वैसे -2 मामी अपने बुन्द को पीछे की ओर हल्के-2 दबा रही थे…ताकि मुझे पता ना चले..पर में तो पहले से ही सब महसूस कर रहा था…मामी की नाइटी भी बेहद पतली सी थे……पीछे मामी की नाइटी के ऊपेर का हिस्सा काफ़ी खुला था….
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03-08-2019, 02:55 PM,
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मैने अपने काँप रहे होंठों को, नीलम की नाइटी के ऊपेर के खुले हिस्से पर लगा दिया… जैसे ही मेरे होंठ उसकी नंगी पीठ पर पड़े…वो एक दम से सीईईई करके सिसक उठी…आवाज़ बहुत धीमी थी…पर मुझे सुनाई दे गयी….में नीलम मामी की पीठ पर अपने होंठो को रगड़ने लगा…उसका नतीजा ये हुआ कि, उसने अपनी बुन्द को मजीब मेरे लंड पर पुश करना शुरू कर दिया.…

नीलम मामी की साँसें और तेज़ी से चलने लगी…मेरा हाथ उनकी नाइटी के ऊपेर से उसके मम्मे पर था….और मैं उसके मम्मे को धीरे-2 दबा रहा था…मामी की तेज़ी होते साँसों से उनके मम्मे तेज़ी से ऊपेर नीचे हो रह थे…जो में अपने हाथ से अच्छी तरह से महसूस कर रहा था…

अब मेरे बर्दास्त से बाहर हो चला था…मैने अपने होंठो को मामी के जिस्म पर रगड़ते हुए…उसकी नेक पर आ गया…और पीछे से उसके नेक को चूमने लगा…में मामी के फेस से उठ रही गरमी को सॉफ महसूस कर रहा था..उसकी नाक से साँस लेने तक की आवाज़ भी में सॉफ-2 सुन पा रहा था….

मैने मामी के मम्मे से अपना हाथ हटा कर, उनके कंधे की नीचे बाजू पर रख दिया…और अपनी कमर के नीचले हिस्से को पीछे कर अपने लंड को उसकी थाइस के दरम्यान से बाहर निकाल लिया…और थोड़ा सा पीछे हो कर उनके बाजू को पकड़ कर अपनी तरफ करने लगा…

थोड़ी ही देर में मामी ने धीरे-2 मेरी तरफ करवट बदल ली…अब मामी पीठ के बल लेटी थे…तेज़ी से चल रही साँसों से उसके 38 साइज़ के एक दम सख़्त मम्मे ऊपेर नीचे हो रहे थे, और में अपनी वासना से भरी नज़रों से देख रहा था…में नीलम के ऊपेर झुक गया…मेरा कमर का नीचे का हिस्सा बेड पर था…और बाकी का हिस्सा नीलम मामी के ऊपेर था…पर मैने उन पर वजन नही डाला था…वो अभी भी अपनी आँखे बंद किए हुए थी…उसके होंठ काँप रहे थे…आँखों की पलकें हिल रही थी…और उसके पेट कमर पर कंपन हो रहा था….

ये सब करते हुए मेरा दिल इतने जोरो से धड़क रहा था कि, मुझे पूरा यकीन है कि, नीलम मामी भी मेरे दिल की धड़कनो की आवाज़ को सुन सकती होंगी…मेरे हाथ पैर अजीब से डर और उतेजना के मारे काँप रहे थे….मैने अपने काँपते हाथो से नीलम मामी की नाइटी के दोनो स्ट्रॅप्स को पकड़ा और धीरे-2 उनके कंधो से स्ट्रॅप्स को नीचे करने लगा….मुझे पूरा यकीन था कि, नीलम जागी हुई है…पर फिर भी मैं ऐसे नाइटी के स्ट्रॅप्स को नीचे कर रहा था…जैसे मुझे नीलम के जाग जाने का ख़तरा हो…धीरे-2 नीलम की नाइटी के स्ट्रॅप्स उसके कंधो से उतार कर उसके बाज़ुओं पर आ चुके थे…अब उसकी नाइटी के स्ट्रॅप्स उसकी बाज़ुओं पर कोहानियों के पास थे….और अब मुझे नाइटी के स्ट्रॅप्स को उसकी बाज़ुओं को मोड़ कर उनसे निकालना था….

मैने एक हाथ से नीलम के लेफ्ट बाज़ू को पकड़ा और दूसरे हाथ से नाइटी के स्ट्रॅप को पकड़ कर धीरे-2 नीलम के बाज़ू को कोहनी से मोडते हुए, स्ट्रॅप को बाहर निकालने लगा…इसमे मुझे ज़रा भी मुस्किल नही हुई….सब इतनी आसानी से हो गया…जैसे नीलम खुद मेरी मदद कर रहे हो….फिर मैने ठीक उसी तरह दूसरी तरफ का स्ट्रॅप भी बाज़ू से निकाल दिया…और जैसे ही मैने नीलम मामी की नाइटी को पकड़ कर उनके मम्मों से नीचे खैंचा….तो सामने का नज़ारा देख मेरे लंड ने अंडरवेर में जोरदार झटका खाया….नीलम के बड़े-2 38 साइज़ के मम्मे रेड कलर की ब्रा में एक दम फँसे हुए थे…..जैसे ज़बरदस्ती उनको उस छोटी सी ब्रा में क़ैद कर दिया हो….अब मेरे बर्दास्त से बाहर हो चुका था….

मैने अपने होंठो को नीलम की नेक पर रख दिया…और नेक को चूमने लगा…मेरे होंठ नीलम के नेक के हर हिस्से को चूम रहे थे…मैने नीलम के हाथों की तरफ देखा…नीलम ने अपने हाथों से अपनी कमर के पास बेड शीट को कस्के पकड़ा हुआ था… में नीलम की नेक को किस करता हुआ नीचे आने लगा…और उसके बूब्स के ऊपेर वाले हिस्से को अपने होंठो से चूमने लगा…अब में हिम्मत करके उसके ऊपेर आ गया…नीलम ने अपने टाँगों को घुटनो से मोड़ा हुआ था…जिससे उसकी नाइटी सरक कर उसकी थाइस की जडो तक आ गयी थी…और उसकी मरून कलर की वीशेप की पैंटी सॉफ दिख रही थे…उसकी गोरी गोश्त से भरी राने एक दम सॉफ थी…ऐसे लग रहा था…जैसे उसने कल ही वॅक्सिंग करी हो…

जैसे ही में नीलम नीलम के ऊपेर आया… तो नीलम ने अपनी रानो को खोल लिया… में नीलम की रानो के दर्मियान घुटनो के बल बैठ गया…और अपने दोनो हाथों से नीलम की छोटी सी रेड कलर की ब्रा में क़ैद एक दम कसे हुए मम्मो को हाथ में ले लिया….मेरा लंड नीलम की रेड कलर की पैंटी के एक तरफ से उसकी फुद्दि के लिप्स के नज़दीक रगड़ खा रहा था….नीलम का फेस एक दम सुर्ख हो चुका था…और वो अपने सर को ऊपेर की तरफ उठाए हुए, अपने होंठो और मूह को थोड़ा सा खोल कर ठीक से साँस लेने की कॉसिश कर रही थी…
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03-08-2019, 02:55 PM,
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मैने नीलम के मम्मो को दोनो हाथों में लेकर धीरे-2 दबाना चालू कर दिया… उसके नर्मो मुलायम मम्मो को दबा कर में और गरम हुआ जा रहा था…पर अब वक़्त आ गया था…जब में अपने आप को रोक नही सकता था…और नीलम की ब्रा के कप्स को नीचे से पकड़ कर ऊपेर उठाने की कॉसिश करने लगा.. पर ब्रा बेहद टाइट थी… और ब्रा के हुक्स नीलम की पीठ पर थे…और नीलम पीठ के बल लेटी हुई थी… अब मेरा दिल नीलम की ब्रा में दिख रहे ब्राउन कलर के आधे इंच के निपल्स को मूह में लेकर चूसने को कर रहा था…

मैं नीलम की पीठ के दोनो साइड से अपने हाथों को नीलम की पीठ के नीचे लेजाने की कॉसिश करने लगा…पर नीलम की पीठ नीचे बिस्तर पर दबी हुई थी…और में अपने हाथों को नीचे ब्रा के हुक्स के पास नही ले जा रहा था…पर फिर वो हुआ जिससे मेरा लंड और झटके खाने लगा…नीलम ने अपनी आँखों को बंद किए हुए अपनी पीठ को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…मेरी ख़ुसी का कोई ठिकाना नही था…मैने जल्दी से अपने हाथों को नीलम की पीठ के पीछे लेजा कर नीलम की ब्रा के हुक्स को खोल दिए, और अपने हाथों को आगे लेजा कर नीलम के ब्रा के कप्स को ऊपेर उठा दिया….

मेरा तो जैसे गला ही सुख गया…एक दम सख़्त गोश्त से भरे हुए नीलम के 38 साइज़ के मम्मे मेरी आँखों के सामने थे…मम्मो के निपल तन कर एक दम सख़्त हो चुके थे…ब्राउन कलर के निपल को देख कर में एक दम पागल हो गया….नीलम के वेल शेप्ड बूब्स को देख कर में एक दम से पागल हो गया…और नीलम के दोनो मम्मो को अपने हाथों में पकड़ कर दबाने लगा…जिससे नीलम के मम्मो के निपल और नुकीले हो कर बाहर की तरफ आ गये….

मैने नीलम के मम्मो के एक निपल को मूह में ले लिया…और धीरे-2 चूसने लगा…नीलम ने अपने हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया…और उसके मूह से एक हल्की सी आह निकल गयी..अब में किसी भी बात पर ध्यान दिए बिना. नीलम के मम्मे की निपल को चूस रहा था…नीलम का बदन मस्ती में गरम हो कर काँप रहा था…में नीलम के मम्मे को ज़ोर-2 से सक करने लगा….नीलम के मूह से अहह सीयी की बहुत ही धीमी आवाज़ निकल रही थे…और वो अपने होंठो को अपने दाँतों में दबाए हुए अपनी आवाज़ को दबाने की कॉसिश कर रही थी

में अपने एक हाथ से नीलम के दूसरे मम्मे को धीरे-2 दबा रहा था..नीलम के निपल और कड़े हो कर तन चुके थे…में नीलम के दूसरे मम्मे के निपल को अपने हाथ की उंगलियों में लेकर मसलने लगा, और नीलम और ज़्यादा कसमसाने लगी…
नीलम के बाल बिखर चुके थे…और में नीलम के मम्मे को लगतार किसी बच्चे की तरह चूसे जा रहा था…में करीब 5 मिनट तक नीलम के एक मम्मे को चूस-2 कर लाल कर दिया था…मैने नीलम के मम्मेको मूह से निकाल कर, नीलम के दूसरे मम्मे को मूह में लेकर चूसना शुरू कर दिया…

और पहले वाले मम्मेको अपने हाथ में लेकर दबाने लगा…नीलम की आँखे अभी भी बंद थी…वो शायद अपनी आँखे खोल कर मेरा सामना नही करना चाहती थे.. मैं भी नीलम को बिना कुछ बोले, नीलम के मम्मे को चूस रहा था…करीब 15 तक नीलम के दोनो मम्मो को सक करने और दबाने के बाद में धीरे-2 अपने होंठो को नीलम के बदन पर रगड़ता हुआ, नीचे आने लगा….
मेरे होंठ नीलम के बदन के हर इंच को रगड़ रहे थे, और में नीलम के बदन पर अपनी ज़ुबान फेर कर चाट रहा था…

में अपनी आँखों को ऊपेर करके, नीलम के फेस को देख रहा था…उनके फेस पर पसीना आ चुका था…होंठ थरथरा रहे थे….और बालों की लट माथे और फेस पर बिखरी हुई थी… और वो तेज़ी से साँस ले रही थी…

में नीलम के जिस्म को अपने होंठों और जीभ से चूमता हुआ, नीलम की नाभि पर आ गया…और अपनी जीभ निकाल कर नीलम की नाभि के चारों तरफ गोल-2 घुमा कर चाटने लगा…नीलम बुरी तरह तड़प कर रह गयी…और अपने हाथों को एक झटके में ऊपेर करके सर के नीचे रखे तकिये को दोनो हाथों में कस कर पकड़ लिया…. नीलम के पेट में कांपन के कारण हल्की -2 लहरे उठ रही थी…नीलम के पेट की हल्की चर्बी थरथरा रही थी….और वो अपने होंठो को दाँतों में दबाए हल्की आवाज़ में उम्ह्ह्ह्ह्ह उंघ कर रही थी….

मैने अपनी जीभ निकाल कर नीलम की नाभि में डाल कर चाटने लगा…नीलम एक दम से मस्त हो गयी…उसकी कमर झटके खाने लगी….जिसकी वजह से उसकी नाइटी सरक कर उसकी कमर पर आ चुकी थी…और पैंटी फुद्दि के सूराख की जगह से एक दम गीली हो चुकी थे…में नीलम की नाभि को 5 मिनट तक चाटता रहा…और फिर नाभि को छोड़ कर नीचे की तरफ आने लगा…जैसे-2 में नीचे की ओर आ रहा था…नीलम की साँस लेने की आवाज़ और तेज होती जा रही थी…
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03-08-2019, 02:55 PM,
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में नीलम के बदन की हर एक इंच को चूमता हुआ, नीलम की पैंटी के ऊपेर आ गया…और नीलम की पैंटी के ऊपेर से ही अपने होंठो को उसकी फुद्दि के ऊपेर रगड़ने लगा…नीलम मेरी इस हरकत से और तड़पने लगी….में नीलम की फुद्दि को पनटी के ऊपेर से चाटने लगा…नीलम की थाइस मेरे सर पर कसने लगी…जब मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी…मैने नीलम की थाइस को दोनो हाथों से पकड़ कर खोल दिया….और घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा दिया… और नीलम की फुद्दि के सूराख के ठीक ऊपेर पैंटी के ऊपेर से चाटने लगा….

नीलम की थाइस को ऊपेर करने के बाद, मैने अपने हाथों को नीलम की टाँगों से हटा दिया…और नीलम की पैंटी के ऊपेर लाकर, नीलम की पैंटी को चाटते हुए, उसकी फुद्दि के धीरे-2 दबाने लगा….नीलम के पैर फिर से धीरे-2 नीचे की ओर आने लगी…में समझ गया था, कि नीलम से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा है…मैने जल्दी से अपना अंडरवेर उतरा और सीधा होकर उसके थाइस के दरमियाँ घुटनो के बल बैठ गया….और उसकी पैंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगा….

इस बार नीलम ने बिना कोई देर किए….अपने बुन्द को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया…मेरे होंठो पर मुस्कान फैल गयी…मैने पैंटी को धीरे-2 नीचे सरकाना चालू कर दिया…जैसे-2 नीलम की फुद्दि मेरी आँखों के सामने आ रही थे…वैसे-2 मेरा लंड हवा में झटके खा रहा था…मैने पैंटी को नीलम की टाँगों से निकाल कर बेड के एक साइड में रख दिया…और नीलम की थाइस को पूरी तरह खोल कर ऊपेर कर दिया…जैसे ही नीलम के घुटनो से मूडी हुई टाँगें ऊपेर हुई…नीलम के फूली हुई फुद्दि, जो नीलम की फुद्दि से निकले गाढ़े पानी से लबालब थे… मेरी आँखों के सामने थे… 

नीलम की फुद्दि के लिप्स आपस में जुड़े हुए थे…और वासना के कारण थोड़े खुल और बंद हो रहे थे…मैने नीलम को घुटनो से पकड़ कर नीलम की टाँगों को और ऊपेर करके फैला दिया…जिससे नीलम की फुद्दि के लिप्स थोड़ा सा फैल गये…और उसकी फुद्दि का गुलाबी सूराख जो उसके काम रस से भीगा हुआ था, मुझे थोड़ा-2 दिखाई देने लगा….

में नीचे झुक गया…और उसकी फुद्दि के लिप्स को दोनो हाथों की उंगलियों से फैला दिया…नीलम की फुद्दि का गुलाबी सूराख उसके काम रस से भीगा हुआ था…मैने बिना टाइम वेस्ट किए, नीलम की फुद्दि के पानी से लबलबा रहे सूराख पर, अपने मूह को रख दिया…और अपनी जीभ निकाल कर नीलम की फुद्दि के सूराख को चाटने लगा… नीलम बुरी तरह छटपटाने लगी…नीलम की कमर नीचे से झटके खाने लगी…और उसने तकिये को कस कर दोनो हाथों से पकड़ लिया….

में अपनी आँखों को ऊपेर करके नीलम को देखने लगा…नीलम अपने होंठो को दाँतों में दबाए हुए…अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी…और नीलम के मूह से सीईइ अहह सीयी अहह की धीमी-2 आवाज़ आ रही थे…

में नीलम की फुद्दि के लिप्स को फैला कर उसकी फुद्दि के गुलाबी सूराख को जीभ से अंदर तक चाट रहा था….बीच-2 में में नीलम की फुद्दि के लिप्स को अपने होंठो में दबा कर खींच देता…नीलम और तड़पने लग जाती….करीब 5 मिनट फुद्दि को चाटने के बाद…मैने नीलम की क्लिट जो उतेजना के मारें काफ़ी फूल चुका था…उसे मूह में ले लिया…

जैसे ही मैने नीलम के क्लिट को मूह में लिया…नीलम की कमर झटके खाने लगी… और वो और ज़ोर से अपने सर को इधर से उधर पटाकने लगी…पर अभी तक उसके मूह से सिसकारियों के अलावा एक अफलाज़ नही निकला था….

में नीलम की फुद्दि के क्लिट को पागलों की तरह चूस रहा था…में नीलम के क्लिट को मूह में भर कर अपनी जीभ से रगड़ने लग जाता…नीलम पूरी तरह गरम हो कर सीयी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए, अपनी बुन्द को हिला रही थे…

मैने नीलम की फुद्दि पर से अपना मूह हटा लिया… और अपने लंड की कॅप को नीलम की फुद्दि पर लगा दिया…जैसे ही मेरे लंड का कॅप उसकी दहकती फुद्दि के सूराख पर लगा…नीलम के बदन ने एक झटका खाया…और उसके होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल गयी…जिससे सॉफ पता चल रहा था, कि वो चुदवाने के इस खेल का पूरा मज़ा ले रही हैं….

इसीलिए जैसे ही मैने हल्का सा झटका दिया…मेरे लंड का कॅप उसकी फुद्दि के सूराख के अंदर घुसता चला गया…नीलम ने दो बच्चों को जनम दिया हुआ था…इसीलिए उसकी फुद्दि बहुत ज़्यादा टाइट नही थी…पर लग रहा था, कि वो काफ़ी दिनो से चुदि नही है…. दो बच्चों को जनम देने के बावजूद भी उसकी फुद्दि की दीवारें मुझे अपने लंड पर कसी हुई महसूस हो रही थे….और उसकी फुद्दि की दीवारें मेरे लंड की कॅप को कभी कस्ति और कभी ढीला छोड़ रही थी….
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03-08-2019, 02:55 PM,
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नीलम की फुद्दि एक दम गरम और गीली हो चुकी थी…मेने बिना कोई देर किए, एक और झटका मारा…मेरा आधा लंड नीलम की फुद्दि में समा गया…और नीलम के मूह से एक और दबी हुई आहह निकल गयी…

जैसे ही मेरा आधा लंड नीलम की फुद्दि में घुसा…में नीलम के ऊपेर झुक गया…नीलम के तने हुए एक निपल को मूह में लेकर चूसने लगा…और दूसरा हाथ नीचे लेजा कर नीलम के क्लिट को अपने हाथ के अंगूठे से मसलने लगा. जैसे-2 में नीलम की फुद्दि के क्लिट को अपने अंगूठे से रगड़ रहा था…वैसे-2 नीलम अपनी कमर को नीचे से हिला रही थी…

नीलम के मम्मो को में पागलों की तरह चूस रहा था…फिर थोड़ी देर बाद मैने नीचे से हाथ हटा लिया…और अपने दोनो हाथों से नीलम के मम्मो को चूस्ते हुए दबाने लगा…

अब नीलम बहुत गरम हो चुकी थी…उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थे…नीलम ने नीचे अपनी फुद्दि को धीरे-2 ऊपर मेरे लंड पर दाबना चालू कर दिया…नीलम की गीली फुद्दि में मेरा लंड फुद्दि की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा…और कुछ ही पलों में मेरा पूरा का पूरा लंड नीलम की फुद्दि में समा गया…
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03-08-2019, 02:55 PM,
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मैने नीलम के फेस की तरफ देखा…नीलम की आँखे अभी भी बंद थी…साँसें तेज़ी से चल रही थी…और वो अपने होंठो को दाँतों में दबाए हुए थी…

में: नीलम तुम्हारी फुद्दि बहुत गरम और टाइट है…देखो ना मेरा लंड कैसे तुम्हारी फुद्दि के पानी से भीगा हुआ है…

पर ये बात सुनते ही, नीलम ने अपने होंठो को दाँतों से निकाल लिया….और मेरी बात को सुनते ही उसके होंठो पर स्माइल आ गयी…पर ना तो उसने अपनी आँखों को खोला और ना ही वो कुछ बोली….शायद वो बोलना ही नही चाहती थी….में अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा…लंड नीलम की फुद्दि से बह रहे काम रस से चिकना हो कर धीरे-2 अंदर बाहर हो रहा था…नीलम ने एक बार फिर से अपने होंठो को दाँतों से काटना शुरू कर दिया था….

में नीलम के मम्मो को चूस्ते हुए अपने लंड को पूरा बाहर निकाल-2 कर शॉट मार रहा था… लंड फच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था…नीलम ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर मेरी कमर के ऊपेर रख लिया था… ताकि वो मेरे लंड को अपनी फुद्दि की गहराइयों में महसूस कर सकें….

में: अहह नीलम तुम्हारी फुद्दि सच में बहुत टाइट हैई….मेरे लंड को अपने अंदर लेकर दबा रही हैं….

में नीलम के फेस की तरफ देखते हुए…अपने लंड को उसकी फुद्दि के अंदर बाहर कर रहा था…पर नीलम बिना कुछ बोले अपनी आँखों को बंद किए लेटी रही…में नीलम को बुलवाना चाहता था….चाहे एक वर्ड ही सही….में सीधा हो कर घुटनो के बल बैठ गया….और नीलम की टाँगों को घुटनो से पकड़ कर धीरे-2 अपने लंड को उसकी फुद्दि से बाहर निकालने लगा…मेरे लंड का कॅप नीलम की गीली और गरम फुद्दि की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा….

जैसे ही मेरा लंड कॅप तक नीलम की फुददी से बाहर निकला…मैने एक गहरी साँस ली... और अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक जोरदार धक्का मारा…लंड का कॅप पूरी तेज़ी से नीलम की फुद्दि की दीवारों को फैलाता हुआ. अंदर घुस गया…धक्का इतना ज़बरदस्त था, कि नीलम के मूह से अहह की हल्की सी चीख निकल गयी…

अब मैने ये मान लिया था…कि में चाहे जितनी भी कॉसिश करूँ…नीलम नही बोली गी.. में वापिस नीलम के ऊपेर झुक गया, और नीलम के मम्मो को चूस्ते हुए अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…लंड फ़च-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…मेरे हर धक्के के साथ नीलम के मूह से हल्की से उन्घ की आवाज़ निकल जाती…और कभी आह सीईइ की आवाज़ सुन जाती…. लंड अब आसानी से नीलम की फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था…

मैने नीलम के मम्मो को छोड़ कर अपने होंठो को नीलम के रसीले होंठो की तरफ बढ़ा दिया…और नीलम ने जैसे ही मेरे होंठो को अपने होंठो पर महसूस किया…नीलम ने अपने होंठो को खोल लिया…में नीलम के गुलाबी रस से भरे होंठो को चूसने लगा… नीलम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी….मैने धीरे-2 अपने धक्को की रफ़्तार को और बढ़ा दिया…नीलम का बदन अकड़ने लगा…और वो तेज़ी से अह्ह्ह्ह अहह सीईईईईई उंह करने लगी… नीलम फारिघ् होने के करीब थी…में और जोश में आकर अपने लंड को और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…आख़िर कार नीलम का बदन अकड़ गया…और उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करके तेज़ी से साँस लेना शुरू कर दिया….

और फिर नीलम एक दम से तड़पते हुए पुरस्कून हो गयी…..मैने भी फुल स्पीड से घस्से मारने शुरू कर दिए…..और ऐसे 2- शॉट मारे कि, पूरा रूम पक -2 फॅट्चग-2 की आवाज़ो से गूँज उठा….”ओह्ह्ह मामी मैं फारिघ् होने वाला हूँ….जल्दी बताओ कहाँ पानी निकालु….जल्दी…” जैसे ही मैने कहा तो, नीलम ने अपने दोनो हाथो को तकिये से हटा मेरी पीठ को अपनी बाज़ुओं में ज़ोर से कस लिया….उसके मम्मे मेरी चैस्ट पर दब गये…और अगले ही पल नीलम ने अपनी टाँगो को उठा कर मेरी कमर पर रखते हुए सरगोशी से भरी आवाज़ में कहा…”अंदर फारिघ् होना समीर…सीईइ….” नीलम की बात सुनते ही मेरे लंड से लंबी-2 पिचकारियाँ निकालने लगी… और मैने नीलम की फुद्दि को अपने गरम लावे से भरना शुरू कर दिया…

में भी पूरी तरह थक चुका था…मेरा लंड रह-2 नीलम की फुद्दि के अंदर झटके खा रहा था….जिसे महसूस करके बीच-2 में नीलम का जिस्म भी काँप जाता….वो मेरी पीठ पर अपने हाथ फेर रही थी…थोड़ी देर बाद में नीलम के ऊपेर से हट कर उसकी बगल में लेट गया…और अपनी साँसों को दुरस्त करने लगा…

थोड़ी देर बाद मैने देखा…नीलम उठ कर अपने पैरों को लटका कर बेड के किनारे बैठ गयी…उसने अपनी पैंटी को उठाया…और झुक कर पहनने लगी…जैसे ही उसने अपने पैंटी पहनी…और वो उसके बाद अपने हाथों को पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स को बंद करने की कोशिस करने लगी…

में उसके पीछे लेटा हुआ सब देख रहा था…में नीलम को बुलाना नही चाहता था…पर उनसे उसकी ब्रा के हुक्स बंद नही हो रहे थे.. में उठ कर नीलम के पीछे बैठ गया…और अपने हाथों को उसकी ब्रा के स्ट्रॅप्स पर रख दिया…जैसे ही मेरे हाथ उसके हाथों से टकराए…नीलम ने अपने हाथों को झट से आगे कर लिया…मैने नीलम के ब्रा के हुक्स को बंद कर दिया…फिर नीलम पीछे देखे बिना ही अपनी नाइटी ठीक करने लगी…नाइटी ठीक करके…वो खड़ी हो गयी…और नीच जाने लगी….

मैने आगे बढ़ कर उनका हाथ पकड़ लिया….नीलम वहीं रुक गयी…में बेड से खड़ा हुआ…उसके पीछे से उसके पास जाकर उससे लग गया…मैने नीलम को अपनी तरफ घुमा लिया.. इस बार मैने पहली बार नीलम की आँखों को खुला देखा…जो उसके पुरस्कून होने को बयान कर रही थे…उसके होंठो पर हल्की सी मुस्कान थी…मैने अपने होंठो को नीलम के होंठो की तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…नीलम ने अपनी आँखों बंद कर ली…और में नीलम के होंठो को अपने होंठो में लेकर किस करने लगा. हम दोनो 2 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे…

जब नीलम ने अपने होंठो को मेरे होंठो से हटाया…तो उसकी आँखे शरम के मारे झुकी हुई थी…

में: नीलम आज तो में आप को पा कर बहुत खुस हूँ…आप को कैसा लगा…क्या में आप को खुस कर पाया…

नीलम ने हां में सर हिला दिया….और नीचे जाने लगी…पर मैने नीलम का हाथ पकड़ा हुआ था…

नीलम: (कांपति हुई आवाज़ में) नजीबा उठने वाली है….

में और कुछ नही बोला, और नीलम का हाथ छोड़ दिया…नीलम नीचे चली गयी…और में बाथरूम में घुस कर फ्रेश होने लगा….जब में फ्रेश हो कर नीचे आया तब नजीबा बाहर सोफे पर बैठी नाश्ता कर रही थे…मैं भी उसके पास जाकर बैठ गया….और उसके साथ बातें करने लगा…थोड़ी देर बाद नीलम मामी मेरे लिए भी खाना ले आई…..खाना खाने के बाद मैने अपने और नजीबा के बर्तन उठाए और किचिन में रखने चला गया…

मैने किचिन के सिंक में बर्तन रखे…..तो नीलम ने मूड कर मेरी तरफ देखा… उसके होंठो पर दिलकश मुस्कान थी….”मैं ले आती….तुम क्यों तकलीफ़ कर रहे हो…” नीलम की बात का मैने कोई जवाब नही दिया….नीलम अपने काम में बिज़ी थी… और उसकी पीठ मेरी तरफ थी….मुझे पता था कि, नजीबा चल कर किचिन की तरफ नही आ सकती….मैने मोका देखते हुए, नीलम को पीछे से अपने बाज़ुओं में भर लिया,.. मेरी इस हरक़त से नीलम एक दम से चोंक गयी…..

नीलम: ये क्या कर रहे हो…नजीबा देख लेगी.….

में: वो कैसे देख लेगी.….

और मेने नीलम की अपनी तरफ घुमाया और उसकी कमर में अपनी बाहों को कस कर उससे चिपक गया….और उसके होंठो को किस करने लगा…

नीलम: (अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करते हुए) नही अभी नही…पहले मुझे नाश्ता बनाने दो….

में: (नीलम से अलग होते हुए) जी पर में आप से कुछ पूछ सकता हूँ…

नीलम: (नाश्ते को प्लेट में डालते हुए) जी पूछिए…

में: नीलम जब आप भी यहीं चाहती थी..तो आप ने पूरा टाइम मेरे से कोई बात क्यों नही की…

नीलम: वो में बस मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था..और मेरे बोलने की हिम्मत नही हो रही थे…अच्छा समीर अब तुम जाओ…नजीबा को शक ना हो जाए,… कि तुम इतनी देर से किचिन में क्या कर रहे हो…

मैं: ठीक है…..अब फिर कब आप मुझ पर मेहरबान होंगी….
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