Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
41


रानी के जाने के थोड़ी देर बाद में रूम से बाहर आया….और सीधा बाथरूम में चला गया…..वहाँ जाकर फ्रेश हुआ…और फिर नीचे पहुँचा तो, 7 बज चुके थे… नाज़िया और रानी दोनो मिल कर टेबल पर खाना लगा रही थी….और सबा ज़ाकिया के साथ बैठी बातें कर रही थी…. में भी उनके पास जाकर ही बैठ गया…और नाज़िया की अम्मी ज़ाकिया मुझसे इधर उधर की बातें करनी लगी….

थोड़ी देर बाद हम सब ने एक साथ खाना खाया….और फिर मैं नीचे ही टीवी देखने लगा…..कोई मूवी आ रही थी….इसलिए उसे देखते हुए टाइम का पता ही नही चला कि, कब 10 बज गये….मूवी ख़तम हुई तो, मेने टीवी ऑफ किया और ज़ाकिया से इज़ाज़त लेकर रूम से बाहर आया….और ऊपेर जाने लगा….अभी में सीढ़ियाँ चढ़ ही रहा था कि, मुझे नाज़िया की आवाज़ सुनाई दी…..मैं वही रुक गया…क्योंकि उसने बात ही कुछ ऐसी कही थी…..

नाज़िया: देखो में अच्छी तरह जानती हूँ….तुम समीर को यहाँ किस लिए लेकर आए हो… पर मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो….ये मेरी अम्मी का घर है…वो रंडी खाना नही…जो तुमने समीर के साथ मिलकर वहाँ गाओं में हमारे घर को बनाया हुआ है….मैं यहाँ पर ऐसी कोई भी हिमाकत बर्दाश्त नही करूँगी…..अम्मी का पता लैने आए हो….तो हद में रहना….

सबा: अच्छा जी अब तुम मुझे मेरी हद बताओगी…..

नाज़िया: हां तुम जैसे गिरे हुए लोगो को उनकी औकात दिखानी ही चाहिए….

सबा: किसी खवाबो की दुनिया मत रहना नाज़ी….आज तक किसी ने मेरे साथ उँची आवाज़ में बात करने के कॉसिश नही की और तुम तो सीधे-2 मुझे धमकी दे रही हो….

नाज़िया: हां दे रही हूँ….तो तुम क्या कर लोगि….

सबा: हां तुमने ठीक सोचा कि, हम यहाँ किस लिए आए थे….पर तुम्हे देख कर मेने अपना इरादा बदल दिया था…मैं तुम्हे और हर्ट नही करना चाहती थी…पर समीर सही कहता है….तुम हो ही नकचाढ़ि….और रही बात मेरे और समीर के रिश्ते की, तो तुम भी कान खोल कर सुन लो…तुम्हे जो उखाड़ना है उखाड़ लो…. मैं उसके रूम में जा रही हूँ….रोक कर दिखाओ…

नाज़िया: हां-2 जाओ.-2 इस उम्र में भी तुम इतनी बेगैरत हो….तुमसे और उम्मीद ही की जा सकती थी…कुछ तो शरम करती….तुम्हारे बेटे का दोस्त है वो…तुम्हारे बेटे की उम्र का है समीर……

सबा: तो क्या हुआ…बेटा तो नही है नही….और मेरे बारे में तुम कुछ ना ही बोलो तो सही है….समीर ने मुझे सब बताया है कि, तुम कैसे चुप-2 कर अपने यार से मिलने जाया करती थी….जब समीर ने तुम्हे रंगे हाथो पकड़ा था…इसलिए तुम आज तक समीर का कुछ नही बिगाड़ पाई…..

हालाकी वो दोनो मुझे नज़र नही आ रही थी…पर नाज़िया की खामोशी ये बयान कर रही थी….कि सबा की बात सुन कर वो डर गयी है…”हां -2 जाओ…अपनी बूढ़ी भोसड़ी में जाकर उसका लंड लो….” नाज़िया ने फिर से बोला….

सबा: हां जा रही हूँ….तुम्हारी फुद्दि के बाल क्यों जल रहे है….मैं समीर का लंड फुद्दि में भी लूँगी और अपनी बुन्द में भी…..तुम्हे जो करना है कर लो….और अगर तुम्हारी फुद्दि में और आग लगे तो, आकर देख लेना….खिड़की खोल कर रखूँगी… तेरी आँखो के सामने उसका लंड उफ़फ्फ़….उसका मोटा लंड अपनी बुन्द में लूँगी…”

फिर उसके बाद खामोशी छा गयी….मुझे लगा कि कोई सीढ़ियों से नीचे आने वाला है….तो में सीढ़ियाँ चढ़ने लगा…जैसे ही आधी सीढ़ियों पर पहुँचा तो, मुझे नाज़िया नीचे उतरती हुई नज़र आई….वो सर को झुकाए साइड मे होकर नीचे चली गयी…जब में ऊपेर छत पर पहुँचा तो बाहर कोई नही था….जो रूम मुझे दिया गया था उसका डोर खुला हुआ था….लाइट ऑन थी….मैं सीधा रूम में गया तो, देखा सबा बेड पर बैठी हुई थी….गुस्से से उसका फेस लाल हो चुका था….’

मैं: (हंसते हुए) क्या हुआ ऐसे क्यों मूह फूला रखा है.....

सबा: कुछ नही….( सबा ने गुस्से से दीवार की तरफ देखते हुए कहा….) 

मैं सबा के पास जाकर बैठ गया…और उसके कंधे पर एक बाज़ू रखते हुए उसको अपनी तरफ खेंचा और दूसरे हाथ से कमीज़ के ऊपेर से उसके मम्मे को दबाने लगा……”मुझसे नाराज़ हो….” मेने सबा के मम्मे की निपल को कमीज़ के ऊपेर से उंगलियों के बीच लेकर दबाते हुए कहा….तो सबा ने सिसकते हुए प्यार से मेरी तरफ देखा…”तुम से नाराज़ क्यों होना है मेने….फ़ैज़ के बाद में तुमसे सबसे ज़्यादा प्यार करती हूँ…” सबा ने मेरी आँखो में देखते हुए कहा….

मैं: तो आख़िर हुआ क्या है….?

सबा: कुछ नही उस नाज़िया ने मूड खराब कर दिया…कह रही थी कि, यहाँ मैं कोई ऐसी वैसी हरक़त नही करूँ….नही तो उससे बुरा कोई नही होगा….बहुत सुनाया है उसने मुझे…पर मेने भी सोच लिया है…अब तो उसके सामने भी अपनी फुद्दि में तुम्हारा लंड लूँगी….कर ले जो वो कर सकती है…. 

ये कहते हुए सबा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी सलवार के अंदर डालते हुए अपनी फुद्दि के ऊपेर रखते हुए कहा....सबा की फुद्दि उसके रस को किसी झरने की तरह बहा रही थी...मेने सबा की फुद्दि में अपनी एक उंगली को घुस्सा कर आगे पीछे किया तो सबा एक दम से सिसक उठी.....

सबा ने मेरे हाथ को एक दम से अपनी सलवार से निकाला और घुटनो के बल बैठते हुए अपने कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए अपने बदन से अलग करके फेंक दिया....सबा की स्किन कलर की ब्रा में उसके मम्मे एक दम कसे हुए थे....और बाहर आने को बेताब हो रहे थे....मेने सबा की कमर में हाथ डालते हुए उसे अपने ऊपेर खेंचा तो सबा अपने दोनो घुटनो को मेरी कमर के दोनो साइड में रखते हुए ऊपेर आ गयी....
Reply
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मेने सबा की पीठ के पीछे हाथ लेजाते हुए जैसे ही सबा की ब्रा के हुक्स खोले, सबा ने अपनी ब्रा को पकड़ कर अपनी बाहों से निकालते हुए बेड पर फेंक दिया....सबा के तने हुए बड़े-2 निपल्स जैसे मुझे मूह में भरने के लिए कह रहे थे....एक दम तने हुए, शायद मेरी गरम सांसो को महसूस करके उसके निपल्स तन गये थे....मेने दोनो हाथों को सबा की कमर से ऊपेर की तरफ लेजाते हुए सबा के बड़े-2 सुडोल मम्मों को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए अपने हाथों में भर कर दबाया.....तो सबा के निपल्स और तीखे होकर बाहर की तरफ आ गये....

और अगले ही पल जैसे ही मेने सबा के लेफ्ट निपल को मूह में भर कर ज़ोर से चूसा, तो सबा एक दम से सिसक उठी....सबा का पूरा बदन थरथरा उठा....और अगले ही पल सबा ने अपनी बाहों को मेरे कंधो और सर के गिर्द कसते हुए, मुझे अपने मम्मो पर दबा लिया...."उंह सीईईईई समीर आह उंह उंघह चुस्स्स बेटा अपनी सबा चाची के मम्मो को आह अहह हाणा बहुत मज़ा आ रहा है......ले चूस दूसरा मम्मा भी चूस मेरा....

सबा ने एक हाथ से अपने राइट मम्मे को पकड़ कर मेरे होंठो की तरफ बढ़ाते हुए कहा....मेने बिना देर किए सबा के मम्मे को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया......."अहह सीईईईईईईई समीर उम्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हह मेरीए शोणे चूसो जितना मर्ज़ी चूसो ........ओह्ह्ह समीर पूरे चूस ले....." सबा अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी. उसने मेरे ऊपेर बैठे-2 अपनी सलवार और मेरी शलवार के ऊपेर से ही अपनी फुद्दि को मेरे लंड पर अपनी कमर हिलाते हुए रगड़ना शुरू कर दिया था..

सबा: ओह्ह्ह्ह समीररर एक मिनिट रूको अह्ह्ह्ह अब और इंतजार नही होता...

सबा ने अपने मम्मो को मूह से बाहर निकाला और एक दम से खड़ी हो गयी....और अपनी सलवार का नाडा पकड़ते हुए खेंच कर खोला और फिर अपनी सलवार को पैर से निकाल कर फेंक दिया....मेने भी नीचे अध लेटे -2 ने अपने शलवार और अंडरवेर को पैरो तक सरका दिया था.....मेरा लंड सीधा सबा की फुद्दि की तरफ देखते हुए फूँकार रहा था....सलवार उतरने के बाद सबा दोनो घुटनो के बल नीचे बैठी और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी फुद्दि के सूराख पर टिकाते हुए धीरे-2 अपनी फुद्दि को लंड की कॅप पर दबाते हुए नीचे की ओर अपनी बुन्द को दबाने लगी....

सबा की एक दम रस से भरी चिकनी फुद्दि में लंड का कॅप जैसे ही घुसा तो पूरा का पूरा लंड बिना किसी रुकावट के एक ही बार में अंदर घुसता चला गया.....एक ही पल में पूरा का पूरा 8 इंच लंबा लंड सबा की फुद्दि में उतर चुका था....सबा की आँखे बंद हो चुकी थी. सबा ने एक गहरी साँस ली और फिर आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा... आज वो बड़ी अजीब सी नज़रों से मुझे देख रही थी....

मैं: क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो...?

सबा: (शर्मा कर मुस्कुराते हुए) कुछ नही....

मैं: सबा अब मुझसे भी अपने दिल की बात छुपाओगी....

सबा: नही कुछ नही वो बस मैं तुम्हारे लंड को अपने अंदर महसूस कर रही थी.....

मैं: पहली बार तो नही गया है मेरा लंड आपकी फुद्दि के अंदर....

सबा: (अपनी नाभि पर हाथ लगाते हुए) यहाँ तक पहुँचाता है समीर लंड का टोप्पा....

मैं भी उठ कर बैठ गया....और सबा के मम्मो को मसलते हुए बोला " और क्या महसूस होता है मेरी जान को...." मेने सबा के मम्मो को छोड़ अपने हाथों को पीछे लेजाते हुए सबा की पीछे की तरफ निकली हुई मोटी बुन्द को दोनो हाथों से पकड़ कर फैलाते हुए मसलना शुरू कर दिया...

."और और लगता है.....जैसे मेरी फुद्दि अंदर से तुम्हारे लंड को कस कर प्यार कर रही हो...हाए समीर तूने ये कॉन सी बीमारी मुझे लगा दी है...."

सबा ने धीरे-2 अपनी बुन्द को आगे पीछे हिलाते हुए कहा..मेने भी बैठे-2 सबा की बाहर की तरफ निकली हुई बुन्द को मसलते हुए उसके मम्मों को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया...और नीचे से अपनी कमर तेज़ी से हिलाते हुए लंड को सबा की फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा...सबा ने मस्ती में आकर फिर से मेरे सर और कंधो पर अपनी बाहों का घेरा बनाते हुए मुझे अपने मम्मो पर दबा लिया....

सबा: उम्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह समीर अह्ह्ह्ह सीईईईईईईई सीईईईईईईई अहह अहह उंह उंह हाआँ समीरररर चोद दे अपनी सबा को अह्ह्ह्ह ....

सबा भी मेरी गोद मैं बैठी हुई तेज़ी से अपनी बूँद को आगे पीछे करने लगी थी....मेरा लंड आधे से ज़्यादा बाहर आता और फिर से सबा की फुद्दि की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ सबा की फुद्दि की गहराइयों में उतर जाता.....मैने सबा की बुन्द को मसलते हुए, सबा की बुन्द के सूराख पर अपनी उंगली से रगड़ना शुरू कर दिया.....

जैसे ही मेने सबा की बुन्द के सूराख को अपनी उंगली से रगड़ा तो सबा एक दम से मचल उठी....और पागलो की तरह मेरे कंधो पर अपनी बाहों को कसते हुए पूरी रफ़्तार से अपनी बुन्द को हिलाने लगी...गछ-2 की आवाज़ से मेरा लंड सबा की फुद्दि के अंदर बाहर हो रहा था....और सबा की मस्ती भरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी....

सबा: आह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हां समीर चोद मुझे फाड़ दे मेरी फुद्दि को आह रगड़-2 कर चोद आह मेरे मम्मे चूस समीर अहह अपनी सबा को रगड़ दे आज......

सबा अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी...और 10 मिनिट की धुँआधार चुदाई के बाद हम दोनो फारिघ् हो गये...हम हान्फते हुए वैसे कुछ देर बैठे रहे....थोड़ी देर बाद सबा उठी….और वहाँ पर पड़ी एक चद्दर को अपने नंगे जिस्म पर लपेटा और बाहर बाथरूम में चली गयी….उसके वापस आने के बाद में भी बाथरूम में चला गया….
Reply
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
42

थोड़ी देर बाद जब वापिस आया तो, देखा कि सबा बेड पर घुटनो के बल थी….और आगे की तरफ झुकी हुई थी….मैने डोर बंद किया तो मेरी नज़र खिड़की पर पड़ी..जो खुली हुई थी…. जैसे ही में खिड़की को बंद करने लगा तो, सबा ने धीरे से कहा…”समीर उसे बंद मत करो….” मुझे कुछ समझ में नही आया…मेने कुछ बोलने के लिए मूह खोला ही था….कि सबा ने अपने होंठो पर उंगली रख कर मुझे चुप रहने का इशारा किया…मेने आगे बढ़ कर पीछे सबा की बुन्द को मुट्ठी में भर कर मसलना शुरू कर दिया…..”अहह सीईईईईईईईई समीर…..” सबा ने सिसकते हुए गर्दन घुमा कर पीछे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली….”क्या हुआ इतनी जल्दी फिर से मूड बन गया तुम्हारा…..”

मैं: हां…तुम भी तो ऐसी कोड़ी होकर अपनी गान्ड और फुद्दि दिखा रही हो तो, मूड तो बनेगा ही नही….

सबा: सीईइ समीर मेरी बात ध्यान से सुनो…..

सबा ने धीरे से कहा….ताकि उसकी आवाज़ हम दोनो के दरमियान ही रहे…. “समीर जब मैं बाथरूम जाने के लिए बाहर निकली थी…तो मेने नाज़िया के रूम का डोर बंद होते हुए देखा….मुझे पूरा यकीन है कि, वो अंदर देखने की कॉसिश कर रही थी…और मेने भी सोच लिया है….मेने अब उसके सामने ही तुम्हारा लंड लेना है…कर ले जो उसे करना है…सबा की बात सुन कर पता नही क्यों मुझे मेरे लंड में अजीब सी बेचैनी महसूस होने लगी…..

मेने अपने सेमी एरेक्टेड लंड को सबा की बूँद की लाइन में ऊपेर नीचे करते हुए रगड़ना शुरू कर दिया…अपनी बुन्द के सूराख पर लंड के रगड़ महसूस करते ही सबा एक दम से सिसक उठी….उसकी आँखे मस्ती में बंद होने लगी…मेने झुक कर सबा की बुन्द को पूरा फैला दिया….और अपने मूह को उसकी फुद्दि के पास लेजाते हुए, उसकी फुद्दि के लिप्स को अपने होंठो में लेकर ज़ोर से चूसा….”ओह्ह्ह्ह समीरररर हां चूसो मेरी फुद्दि को खा जाओ….मुझे बहुत मज़ा आ रहा है समीर…ह ओह्ह्ह ओह्ह. ओह्ह्ह्ह समीर……दट’स सो वंडरफुल….” सबा ने सिसकते हुए अपने दोनो हाथो को पीछे की ओर लाते हुए अपनी बूँद को पकड़ कर दोनो तरफ फैला लिया….

उसकी बुन्द दोनो तरफ से मेरे गालो के साथ सट गयी…मैं पागलो की तरह सबा की फुद्दि के क्लिट को अपने होंठो में लेकर चूस रहा था…कभी अपने जीभ बाहर निकाल कर उसके क्लिट पर रगड़ना चालू कर देता….सबा एक बार फिर से मदहोश हो चुकी थी…मेने सबा की फुद्दि से अपने मूह को हटाया और अपने लंड की कॅप को सबा की फुद्दि के सूराख पर सेट करते हुए एक जोरदार धक्का मारा….मेरा लंड सबा की फुद्दि के सूराख को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….”ओह्ह्ह हाईए समीर….ये हुई ना मर्दो वाली बात…हां ऐसे घस्से मार मेरी अग लगानी चूत में…” सबा ने सिसकते हुए फिर से गर्दन घुमा कर मेरी तरफ देखा. मेने एक दो बार अपने लंड को सबा की फुद्दि के अंदर बाहर किया और फिर अपने लंड को सबा की फुद्दि से बाहर निकाल कर उसकी बुन्द के सूराख पर अपने लंड की कॅप को टिका दिया…

सबा मेरे लंड की कॅप की गरमी को अपनी बुन्द के सूराख पर महसूस करते ही सिसक उठी…उसकी कमर ने एक जोरदार झटका खाया…”ओह्ह्ह्ह समीर, तुम्हारा लंड बहुत गरम महसूस हो रहा है….” सबा ने एक हाथ बेड पर रख लिया और दूसरे हाथ से अपनी बुन्द को फैला कर रखा….सबा की फुद्दि में दो तीन शॉट लगाने के बाद मेरा लंड उसकी फुद्दि से निकल रहे कामरस से एक दम गीला होकर चिकना हो चुका था. मेने अपने लंड के कॅप को धीरे-2 सबा की बुन्द के सूराख पर दबाना शुरू किया. ….

जैसे ही मेरे लंड का कॅप सबा की बुन्द के सूराख को फैलाता हुआ थोड़ा सा अंदर घुसा….सबा ने अपना दूसरा हाथ भी बुन्द से हटा कर बेड पर रख लिया…. उसके गले से हल्की सी घुर्राने की आवाज़ आई….जैसे वो दर्द को सहन करने की कॉसिश कर रही हो….मैने थोड़ा और दबाव डाला तो, सबा की फुद्दि के कामरस से लिसलिसा हो चुका मेरे लंड का कॅप उसकी बुन्द के सूराख को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….सबा की बुन्द का सूराख बहुत टाइट था….उसकी बुन्द की दीवारे मेरे लंड की कॅप के चारो तरफ कसी हुई महसूस हो रही थी…

मेने अपने लंड को थोड़ा सा और उसकी बुन्द के सूराख में दबाया तो, उसकी बुन्द की दीवारे मेरे लंड पर और ज़्यादा कस गयी…जब मेरा एक चोथाई लंड उसकी बुन्द के सूराख में घुस गया…तो मेने उतावला पन दिखाते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा. मेरा लंड उसकी बुन्द के सूराख की गहराइयों में उतरता चला गया….पर इस धक्के से सबा का पूरा बदन दर्द से अकड़ गया…”ओह उफफफफ्फ़ समीर…..” सबा ने दर्द से सिसकते हुए पीछे गर्दन घुमा कर मेरी तरफ देखा…और दर्द के मारे अपने होंठो को दाँतों में दबा लिया….मेने अपने लंड को फिर से कॅप तक उसकी बुन्द से बाहर निकाला और इस बार एक ही बार में फिर से उसकी बुन्द में अपने लंड को घुसा दिया…..

मेने अपने लंड को जड तक सबा की बुन्द में उतार कर उसकी बुन्द पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और अपने लंड को सबा की बुन्द के सूराख के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…”ओह्ह समीरररर ….” सबा ने तेज साँसे लेते हुए सिसकते हुए कहा… ओह्ह तुम्हारा लंड तो बुन्द में जाकर भी वैसा ही सकून देता है..….मेरी बुन्द को भी अच्छा लग रहा है….हाँ मारो मेरी बुन्द फाड़ दो…अपने सख़्त लौडे से मेरे गान्ड फाड़ दो…ओह्ह्ह्ह समीर बहुत मज़ा आ रहा है...ओह समीर...हां और ज़ोर से घस्से मार…..तुमने अपना लौडा मेरी बुन्द से तब तक बाहर नही निकालना…जब तक मेरी बुन्द की प्यास तुम्हारे लंड के पानी से नही बुझ जाए…. सबा की सिसकारियों को सुनकर जोश में आते हुए अपने धक्कों की रफतार को और बढ़ा दिया…मेरा लंड अब बिना किसी रोकटोक के सबा की बुन्द के सूराख में अंदर बाहर हो रहा था….

मैं अपने लंड को कॅप तक सबा की बुन्द से बाहर निकाल-2 कर एक ही बार में पूरा अंदर डाल रहा था…सबा ने भी घुरते हुए पीछे की तरफ अपने बुन्द को पुश करना शुरू कर दिया…”ओह्ह्ह समीर और तेज आह हाआँ तेज और तेज….ओह्ह्ह समीर अपनी इस रांडी की बुन्द को फाड़ दो…ओह्ह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे….अह्ह्ह्ह ओह उंह उंह ओह समीर…..” सबा भी मानो आब फुल फॉर्म में आ चुकी थी….मेने सबा की कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर ताबडतोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए….

सबा: ओह्ह्ह समीर हां मेरी गान्ड मारो…अपने लंड के प्यासी इस गस्ती की बूँद के खुजली आज मिटा ही दो….अपनी इस गश्ती के ऐसी चुदाई करो…कि पूरी तसल्ली कर दो...मेरी बुन्द को अपने पानी से भर दो….ओह समीर….

मेने अपने लंड को सबा की बुन्द से बाहर निकाला और उसे उसके बालो से पकड़ कर खेंचते हुए बेड से नीचे करवट के बल लेटा दिया….और खुद उसके पीछे करवट के बल लेटते हुए अपने लंड की कॅप को उसकी बुन्द के सूराख पर रख कर पूरी ताक़त से आगे की तरफ पुश किया…लंड का कॅप सबा की बूँद के सूराख को फैलाता हुआ फिर से अंदर जा घुसा…मेने अपने एक हाथ से सबा की बुन्द को पकड़ कर फैलाते हुए धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”ओह्ह्ह्ह समीररर दिल करता है तुम्हे हमेशा के लिए अपने पास रखूं….अपने मालिक को….अपनी फुद्दि और बुन्द के मालिक को…अपने होंठो और अपने मम्मो के मालिक ओह समीर…..बोलो समीर तुम मेरे साथ रहोगे ना…”

सबा ने सिसकते हुए अपनी बुन्द को पीछे की तरफ धकेलते हुए कहा…तो मेने भी सबा के बालो को पकड़ कर खेंचते हुए और तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”आहह साली तेरे साथ रह तो सकता हूँ….पर इस लंड का क्या करूँ….इसे तो इसे तो रोज नयी फुद्दि और बुन्द बदलने की आदत पड़ गयी है….”

सबा: अहह हाआअँ समीर मैं हूँ ना….मैं तुम्हारे लिए सब अरेंज करूँगी….

मेने अपने लंड को सबा की बुन्द से बाहर निकाला और सबा को पकड़ कर खड़ा किया…और उसे बेड पर धकेल दिया. और खुद बेड पर चढ़ते हुए उसकी बुन्द पर ज़ोर दार थप्पड़ मारते हुए बोला….”चल साली गश्ती कुतिया बन जा….” सबा ने अपनी दोनो कोहनियों को बेड की पुष्ट के ऊपेर रखते हुए घुटनो के बल हो गयी….मेने सबा के पीछे आते हुए अपने लंड की कॅप को बुन्द के सूराख पर रख कर अभी हल्का सा ही दबाया था कि, मेरे लंड का कॅप सबा की बुन्द के सूराख को फैलाता हुआ आसानी से अंदर जा घुसा….उसकी बुन्द का सूराख और नसें एक दम नरम पड़ चुकी थी….

और अब सबा को भी मेरे लंड को अपनी बुन्द के सूराख में लेकर मज़ा आने लगा था….में सबा की मस्ती भरी सिसकारियों को सुन कर पूरे जोश में आ चुका था. और तेज़ी से अपने लंड को सबा की बुन्द के सूराख के अंदर बाहर करने लगा….”ओह्ह्ह्ह हाआँ समीरररर आईसीई ही और ज़ोर ज़ोर से घस्से मारो मेरी बुन्द में…अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह हाआँ फाड़ दो समीर….हां ऐसे ही मुझे रोज कुतिया बना कर चोदना है तुम्हे..”

सबा सिसकते हुए धीरे-2 बेड पर लेट गये….उसका पूरा बदन तेज़ी से कँपने लगा था… मेने अपना एक हाथ नीचे लेजाकर जैसे ही सबा की फुद्दि के लिप्स को छुआ तो, मेरी हैरत का कोई ठिकाना नही रहा…सबा की फुद्दि उसके कामरस से लबलबा रही थी. उसकी फुद्दि इस क़दर पानी बह रहा था कि, नीचे के बेड शीट भी गीली हो चुकी थी..

ये देख तो, मेरे सर पर पागलपन का भूत सवार हो गया….मेने अपने लंड को सबा की बुन्द के आख़िरी कोने तक अंदर घुसाना शुरू कर दिया…और फिर घुरते हुए सबा की बुन्द को अपने पानी से भर दिया…
Reply
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
43

मैं गहरी साँसे ले रहा था…मेने इतने जबरदस्त तरीके से आज तक किसी को नही चोदा था….मेरा लंड अभी भी सबा की बूँद में फँसा हुआ था…तभी सबा ने सरगोशी से भरी आवाज़ में कहा….”समीर सामने देखो….सामने आयने में देखो…कुछ बोलना नही….” मेने सबा की बात सुन कर जैसे ही बेड के पुष्ट पर रखे हुए आयने की तरफ देखा….तो में एक दम चोंक गया…बेड की पुष्ट रूम की पिछली दीवार की तरफ थी….और सबा बेड की पुस्त के साथ घोड़ी बनी हुई थी…और मैं उसके पीछे था…हम दोनो के पीछे वो खिड़की थी….जिसे सबा ने मुझे बंद करने से रोक दिया था….जैसे ही मेने आयने में देखा….तो मैं नाज़िया को खिड़की से बाहर खड़े देख कर चोंक गया….

पता नही क्यों…उसे वहाँ देख कर मेरे लंड की कॅप में अजीब सी सनसनी दौड़ गयी… और मेरे ढीले होते लंड ने सबा की बुन्द के सूराख में फँसे होने के बावजूद एक जबरदस्त झटका खाया….मैं सबा के पीछे घुटनो के बल बैठा था…मेने जानबूझ कर अपने पैरो पर खड़े होते हुए धीरे-2 सबा की बुन्द के सूराख में से अपने लंड को ऐसे बाहर निकाला….कि बाहर खड़ी नाज़िया मेरे लंड को सबा की बुन्द से निकलता हुआ एक दम सॉफ-2 देख सके…..

जैसे ही मेरा लंड सबा की बुन्द से बाहर आया….उसकी बुन्द के सूराख से मेरी मनी भी बाहर आकर बहने लगी…..”तुम तो ठंडी होकर लेट गयी हो…उस बेचारी रानी का क्या करना है….?” 

मेने सबा की बगल में लेटते हुए कहा….तो सबा ने मेरी तरफ करवट लेकर चोंक कर मेरी तरफ देखा, तो मेने सबा को आँख मारी…तो सबा मुस्कुराते हुए उठ कर बैठ गयी….”ठीक है उसे भी बुला लाती हूँ..उस बेचारी की फुद्दि भी बहुत प्यासी है…जब से तुम्हारा लौडा लिया है….तब से सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही पूछती रहती है….तुम आराम करो….मैं उसे बुला कर लाती हूँ…”

सबा वहाँ से उठी और फिर से उसने अपने नंगे जिस्म पर चद्दर डाली और रूम से बाहर चली गयी….थोड़ी देर बाद सबा रानी के साथ वापिस आ गयी…”लो समीर ले आई में रानी को भी अब मैं अपने रूम में सोने के लिए जा रही हूँ….” सबा ने मुस्कुराते हुए कहा…और बाहर चली गयी…..मैं बेड पर एक दम नंगा लेटा हुआ था…मेरा ढीला पड़ चुका लंड मेरी रानो के बीच में लटका हुआ था…मेने उठ कर डोर बंद किया और रानी को पीछे से बाहों में भर कर कमीज़ के ऊपेर से ही उसके मम्मो को दबाने लगा…..”सीईईईई ओह ख़ान शहाब….आपके हाथो में पता नही कॉन सा जादू है… जैसे ही आप मेरे मम्मे दबाते है….तो मेरी ये कंजरी फुद्दि रिसने लगती है….ऐसा लगने लगता है….जैसे अंदर चीटें रेंगने लग जाते है…..”

रानी ने अपने दोनो हाथो से अपनी इलास्टिक वाली शलवार को पकड़ा और नीचे करने लगी तो, मेने उसके मम्मो से हाथ हटा लिए….जैसे ही उसने शलवार अपनी रानो तक नीचे की….मेने उसके दोनो कंधो को पकड़ कर उसे बेड पर झुका कर कोड़ी कर दिया….रानी अपनी कोहनियों को बेड पर रख कर खड़ी हो गयी… मेने नीचे पैरो के बल बैठते हुए रानी की कमीज़ को ऊपेर किया और उसकी बुन्द के दोनो पार्ट्स को अपने पंजो में लेकर जैसे ही खोला….

तो रानी की बुन्द के भूरे सूराख को देखते ही मेरे लंड ने जबरदस्त सलामी ठोकी और मैं अपने आप पर काबू नही रख सका...और नीचे घुटनो के बल बैठ गया....और रानी की मोटी गोश्त से भरी बुन्द को दोनो हाथों से पकड़ कर दबाते हुए मसलने लगा....और साथ मैं अपनी एक उंगली को रानी की बुन्द के सूराख पर दबाने लगा.....

"अहह" रानी एक दम से सीधी हो गयी....और मेरी तरफ घूमी और मुझे देखते हुए मुस्कुराने लगी......"अब मेरी बारी है हिसाब चुकता करने की...' रानी ने अपनी सलवार को पकड़ कर ऊपर उठाया….और मुझसे बोली….”ख़ान सहाब आप बेड पर लेट जाओ… और अपनी इस कनीज़ को अपनी खिदमत करने को मोका दो…मैं अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए बेड पर लेट कर इंतजार करने लगा कि रानी क्या करने वाली है...रानी मेरे सामने खड़ी थी….एक-2 करके उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए....ट्यूब लाइट की रोशनी में उसका नंगा बदन एक दम चमक रहा था. रानी ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और फिर बेड पर आते ही मेरे लंड को पकड़ कर उसके ऊपेर झुकती चली गयी.....

अगले ही पल मेरे लंड का मोटा कॅप रानी के होंठो के बीच में दबा हुआ था. ....और रानी पूरी मस्ती में आकर मेरे लंड की कॅप के चुप्पे लगाने लगी...वो कभी मेरे लंड को आधे से ज़्यादा मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती तो कभी.....लंड को मूह से बाहर निकाल कर मेरे टट्टो को मूह में भर कर चूसना शुरू कर देती.....कुछ ही पलों में मेरा लंड रानी के थूक से एक दम चिकना हो गया....

मैं बेड पर उठ कर बैठ गया....और रानी को बाहों में भरते हुए उसे नीचे लेटा दिया.....और उसके ऊपेर आते ही मेने उसके बड़े-2 मम्मो को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया......"उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ख़ान सहाब हां चूसो मेरे मम्मो को आह....उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह अहह अहह ओह ......"

रानी ने हाथ नीचे लेजाते हुए मेरे लंड को पकड़ा और अपनी फुद्दि के सूराख पर सेट कर दिया......"सीईईईईईईई उंह समीर फक मी डियर डालो ना अपना लौडा मेरी फुद्दि में अहह......" रानी अब एक पल भी बर्दास्त नही कर पा रही थी....मेने अपने लंड को पूरी ताक़त से रानी की फुद्दि में धकेला तो मेरे लंड का कॅप रानी की गीली रसदार फुद्दि की दीवारो को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा......रानी ने अपनी टांगे और बाहें दोनो ऊपेर उठा कर मेरी पीठ पर कस ली....और अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछलने लगी.....मेने भी कुछ और जबरदस्त धक्के मार कर उसकी फुद्दि की गहराइयों में अपने लंड को उतार दिया......

ऐसे ही मेरे लंड का कॅप पूरा अंदर घुसा रानी ने मेरे फेस को पकड़ कर अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और पागलो की तरह मेरे होंठो को चूसने लगी....."ओह्ह्ह्ह समीर तुम्हारे लंड ने तो मेरी फुद्दि को पूरा भर दिया है....मुझे बहुत मज़ा आ रहा है समीर सच में दिल कर रहा है तुम्हारा लंड हमेशा ऐसे ही अपनी फुद्दि में लेकर लेती रहूं....."

मैं: तो फिर रोका किसने है......

मेने अपने लंड को धीरे-2 रानी की फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मेरे लंड का कॅप रानी की फुद्दि की दीवारों से रगड़ ख़ाता जैसे अंदर बाहर होता....रानी एक दम से मचल उठती और अपनी बुन्द को हवा में उछालने लगती.... "ओह समीर और ज़ोर से चोदो मुझे.....अह्ह्ह्ह हाआँ ऐसे ही ओह आह अहह ओह"

मेने भी अब अपनी स्पीड बढ़ा दी थी....और अपने लंड को पूरा बाहर निकाल -2 कर शॉट लगाने लगा ....पूरे रूम में फॅक-2 थप-2 की आवाज़े गूंजने लगी थी.....रानी की फुद्दि में से इतना पानी आ रहा था....कि लंड गच -2 आवाज़ करता हुआ रानी की फुददी के अंदर बाहर हो रहा था.....और रानी भी अपने टाँगो को पूरा ऊपेर उठा कर फैलाए हुए मेरे लंड को अपनी फुद्दि की गहराइयों में उतरता हुआ महसूस कर रही थी.....15 मिनिट की जोरदार चुदाई ने हम दोनो को सर्दी में भी पसीने ला दिए थे....हम दोनो एक दूसरे से ऐसे लिपटे हुए थे कि, जैसे एक जिस्म हो...
Reply
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
हम दोनो की कमर से नीचे का हिस्सा ही ऐसा था....जो एक पल के लिए अलग होता और अगले ही पल एक दूसरे से चिपक कर थप-2 की आवाज़ करता.....रानी एक बार फारिघ् हो चुकी थी...और मेरे लगातार धक्के लगाने से फिर से जोश में आ चुकी थी... "ओह्ह्ह समीर जी आज क्या हो गया है आपको अहह सीईईईईई हइई आपका हो क्यों नही रहा है.....निकालो ना अपना पानी मेरी फुद्दि में ओह्ह्ह्ह देख नही कितनी आग लगी हुई है मेरी फुद्दि में देखो समीर जी देखो मेरी फुद्दि आहह उंह ओह्ह्ह फिर से ओह्ह्ह्ह गइई ले निकल गयी सारी गरमी मेरी फुद्दि पर अब तुम भी निकाल दो अपने लंड की बढ़ास मेरी फुद्दि में......"

रानी ने अब और तेज़ी से अपनी बूँद को ऊपेर की ओर उछालना शुरू कर दिया था....आख़िर कार मेने भी 8-9 करारे शॉट मार कर अपना पानी रानी की फुद्दि में उदेलना शुरू कर दिया.....मुझे पता नही इस बार नाज़िया ने अंदर देख या नही देखा….पर मुझे इस बात की कोई परवाह भी नही थी….थोड़ी देर बाद रानी अपने कपड़े पहन कर बाहर चली गयी…..मेने भी कपड़े पहने और बेड पर लेट गया….फिर पता नही चला कब आँख लग गयी….अगली सुबह उठा तो, 9 बज रहे थे…..रानी ने मुझे आकर उठाया… मैं उठ कर बाथरूम में गया….फ्रेश होकर नीचे आया…चाइ पी और नाश्ता किया… फिर थोड़ी देर नीचे बैठा….नाज़िया मुझे खा जाने वाली नज़रों से घूर रही थी…उसका बस नही चल रहा था…नही तो, वो मुझे अभी धक्के देकर घर से बाहर निकाल देती….

मुझे उसके नज़रें अपने ऊपेर चुभती हुई महसूस होने लगी…हार कर में वहाँ से उठ कर ऊपर आ गया….ऊपर धूप निकल चुकी थी…मौसम बहुत अच्छा था…मैं वही बाहर खुली छत पर चारपाई पर बैठ गया…और धूप सेकने का मज़ा लैने लगा… धूप में बैठे-2 सुस्ती से आने लगी तो, में चारपाई पर लेट गया… मुझे नींद सी आने लगी थी…अभी में कच्ची नींद में ही था कि, मेरे कानो में नाज़िया की गुस्से से भरी आवाज़ पड़ी….”समीर….” 

नाज़िया की आवाज़ सुन कर में एक दम से चोंक कर उठ कर बैठ गया….और नाज़िया की तरफ देखने लगा….”मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है…छत पर आओ….” नाज़िया ने सीढ़ियों की तरफ जाते हुए कहा….तो मैं बिना कुछ बोले उठ कर उसके पीछे ऊपेर आ गया….मैं जब से यहाँ आया था…तब से आज पहली बार में दूसरी मंज़िल की छत पर चढ़ा था….हम दोनो छत के बीचो-2 खड़े थे…चारो तरफ 4-5 फुट उँची बाउंड्री थी….नाज़िया कुछ नर्वस भी लग रही थी…शायद वो ये सोच रही थी कि वो बात कहाँ से शुरू करे….”मुझे यहाँ छत पर खड़े होने के लिए बुलाया है… बोलो क्या कहना है तुम्हे….?” 

मेने नाज़िया की तरफ देखते हुए कहा…तो नाज़िया ने गुस्से से मेरी तरफ देखा…. “देखो समीर तुम सबा और उसके दो टके की नौकरानी जो जहाँ पर घटिया हरक़तें कर रहे हो…वो बिकुल भी ठीक नही है…मैं तुम्हे पहली और आखरी वॉर्निंग देने आई हूँ….अगर तुमने ये सब बंद नही किया तो, मेने तुम्हारे बारे में तुम्हारे अब्बू को बता देना है…फिर बाद में मुझे दोष मत देना…..”

मैं: बता दो….

नाज़िया ने मेरा जवाब सुन कर चोंक कर मेरी तरफ देखा…”समीर तुम्हे किसी का ज़रा से ख़ौफ़ भी नही है….? तुम जानते भी हो तुम कितने ग़लत रास्ते पर चल रहे हो…. तुम्हे पता भी है…तुम सबा के साथ यहाँ क्यों आए हो…कॉन से बहाने से आए हो… अगर तुम्हे मेरी परवाह नही तो, कम से कम एक बार मेरी अम्मी के बारे में सोचो.. वो सबा अम्मी का पता लेन यहाँ आई थी….और उसकी आड में तुम यहाँ अपने गुनाहों को अंज़ाम दे रहे हो….तुम्हे ज़रा भी शरम नही आई…. कम से कम ये सोच लेते कि तुम उस बूढ़ी औरत की आँखो में धूल तो नही झोंको…तुम सबा के साथ जिस रास्ते पर चल रहे हो…..वोई रास्ता तुम्हे जहन्नुम की तरफ ले जा रहा है… समीर अभी भी वक़्त है बाज़ आ जाओ….नही तो बहुत बुरा होगा तुम्हारे लिए… ये ग़लत रास्ता छोड़ दो….”

मैं: तुमने ठीक कहा कि ये रास्ता ग़लत है….पर इसी रास्ते पर चल कर मुझे मेरी मंज़िल मिलेगी….

नाज़िया: आख़िर ऐसी कॉन सी मंज़िल है….जिसे तुम ऐसे ग़लत रास्ते अख्तियार करके पाना चाहते हो….

मैं: तुम तुम हो मेरी मंज़िल…..तुम्हे पाना चाहता हूँ….तुम मेरी हो जाओ… तुम्हारे लिए में सब कुछ छोड़ दूँगा…..

नाज़िया: समीर अपनी हद में रहो….नही तो बहुत बुरा होगा…..

मैं: अच्छा क्या करोगी तुम…..

नाज़िया: अब तुम कुछ ऐसी वैसी हरक़त करके दिखाओ….फिर देखना मैं क्या करती हूँ….

मैं: तुम जो करना है करो….फिर मैं तुम्हे दिखाउन्गा कि मैं क्या कर सकता हूँ… अगर मेरे खिलाफ तुमने किसी तरह की साज़िश करने की कॉसिश की तो, याद रखना तुम्हारी वो रेकॉर्डिंग अभी तक मेरे पास है….मैं भी तुम्हे बख्शने वाला नही हूँ….याद रखना….खुद तो तुम लंड के लिए प्यासी घूमती रहती हो…फिर क्यों हमारे बीच अपनी टाँग अड़ाने की कॉसिश कर रही हो….

नाज़िया: क्या कहा तुमने….ज़ुबान संभाल कर बात करो…..

मैं: तुम भी अपने काम से मतलब रखो….शुरुआत तुमने की थी…. अब अगर कोई औरत या लड़की खुद मुझसे अपनी मरज़ी से फुद्दि मरवा रही है…तो तुम्हे क्यों आग लग रही है…..

नाज़िया: हूँ….देख लिया मेने….तुम्हारी औकात को….तुम हो ही उन दोनो के लायक ... कोई भी खूबसूरत और समझदार लड़की तुम्हारी तरफ देखेगी भी नही…

मैं: तो क्या तुम्हे अभी भी शक है….

नाज़िया: शक नही यकीन है मुझे….एक 40 साल की औरत और एक नीच जात की गिरी हुई लोगो के घर की भैंसो का गोबर उठाने वाली औरत के साथ ये सब कर सकते हो तुम…. तुम्हारी औकात यही है….

उसके बाद मेने नाज़िया से मजीद और बात करना ठीक नही समझा…और नीचे आ गया…और फिर से चारपाई पर लेट गया….नाज़िया की बात मेरे दिल में चुभ गयी थी…..काश में गाँव में होता तो, उसके सामने रीदा और शायद नजीबा को भी चोद कर उसे दिखा देता…कि मेरी औकात क्या है….थोड़ी देर बाद नाज़िया नीचे आई और फिर नीचे चली गयी…चारपाई पर लेटे-2 मेरी कब आँख लग गयी पता नही चला…
Reply
03-08-2019, 02:46 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
44



तकरीबन 12 बजे मेरी आँख खुली नीचे से काफ़ी शोर की आवाज़ आ रही थी… मैं उठा और मूह हाथ धो कर नीचे आया तो, मेने नाज़िया की अम्मी के रूम में एक लड़की को बैठे हुए देखा….उसने ब्लॅक कलर की जीन्स और वाइट कलर की शर्ट पहनी हुई थी… जो उसकी बॉडी पर एक दम फिट थी…एक दम कसी हुई थी….उसके अंदर उसकी ब्लॅक कलर की ब्रा भी वजह तोर पर नज़र आ रही थी….जैसे ही ज़ाकिया की नज़र मुझ पर पड़ी तो, उसने मुझे अंदर बुला लिया….नाज़िया और सबा ज़ाकिया के पास बेड पर बैठी हुई थी… और वो लड़की जो मॅरीड थी…..सामने सोफे पर बैठी हुई थी…ज़ाकिया ने उस लड़की को मेरे बारे में बताया….और मेरी जान पहचान उस लड़की से करवाई….पता चला कि, ये नाज़िया के बड़े चाचा की एक लौति बेटी नरगिस है…. वो अपने हज़्बेंड के साथ लंडन में रहती थी….शादी के बाद वो अपने हज़्बेंड के साथ लंडन चली गयी थी…..

वो लंडन से 15 दिन पहले ही अकेली वापिस आई थी….क्योंकि नाज़िया के सबसे छोटे वाले चाचा के बेटे की शादी थी 4 दिन बाद….इसलिए वो आई थी….नरगिस मुझे देखने में ही बहुत ज़्यादा मॉर्डन लगी…वो मुझे बड़ी अजीब सी नज़रो से देख रही थी… उसके मम्मे उसकी वाइट कलर की टी-शर्ट में ऐसी कसी हुई थी कि, दिल कर रहा था कि, अभी उनको अपने पंजो में लेकर दबाना शुरू कर दूं….और उसकी थाइस उस टाइट जीन्स में उनकी शेप सॉफ नज़र आ रही थी….क्या गोश्त से भरी हुई थाइस थी…. रंग भी एक दम दूध की तरह सफेद था…बाल एक दम काले और लंबे थे… आँखे भूरे रंग की थी….

खैर सब इधर उधर की बातें करने लगी….दोपहर के खाने का वक़्त हो गया था.. इसलिए दोपहर का खाना खा कर मैं ऊपेर आ गया….और अपने रूम में बेड पर आकर लेट गया….रात को 2 बजे सोया था….इसलिए बेड पर लेटते ही नींद आने लगी…. पर फिर कुछ आवाज़ सी हुई, तो मेरी आँख खुल गयी…मैं उठ कर बाहर आया तो देख बाहर कोई नही था….सबा का रूम भी खाली था…और रानी भी स्टोर रूम में नही थी….

तभी मुझे नजीबा के रूम के डोर के अंदर से कुण्डी लगने की आवाज़ आई…. मेने सोचा कि, नाज़िया है….शायद कपड़े चेंज करने के लिए इस वक़्त अंदर से कुण्डी लगाई होगी….तभी मुझे अंदर से नरगिस की आवाज़ आई…तो मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा… दिल में ख़याल आया कि कही दोनो या फिर नरगिस तो कपड़े नही चेंज करने लगी…पर उस वक़्त मेने इतना भी नही सोचा था कि, नरगिस की अम्मी अब्बू का घर भी यही थोड़ी दूर तो है…तो वो यहाँ क्यों कपड़े चेंज करेगे…वो तो वैसे ही थोड़ी देर के लिए मिलने आई थी…जैसे ही दिल में ये ख़याल आया….मैं अपने आप को रोक नही सका…और रूम के अंदर झाँकने की लिए जगह तलाश करने लगा….और किस्मत से मुझे नाज़िया के रूम के विंडो का काँच जो ऊपेर से थोड़ा टूटा हुआ था नज़र आया…. जैसे ही मेने अंदर झाँका तो,

मेरे पाँव वहाँ ऐसे जम गये….जैसे फर्श पर गम गिरा हो….और मैं चाह कर भी अपने पैरो को हिला नही पा रहा हूँ…अंदर के नज़ारे ने तो मेरे ऐसे होश उड़ाए. जैसे मेने अपनी रियल लाइफ में कोई भूत देख लिया हो…नरगिस ने सुबकते हुए नाज़िया के दोनो गालो पर हाथ रखे और उसके चेहरे पर झुकते हुए अपने रसीले होंठो को नाज़िया के रसीले होंठो पर लगा दिया…

ये देख मैं एक दम से हैरान रह गया…ये क्या हो रहा है….मेने अपनी लाइफ में ऐसा कुछ नही देखा था….हां लेज़्बीयन मूवीस के बारे में सुना था…एक आध सीन भी देखा था….पर मुझे पसंद नही आती थी…..पर आज अपनी आँखो के सामने ये सब होता देख कर मेरे दिल की धड़कने ही थम गयी थी….

उस वक़्त जब नाज़िया ने भी नरगिस को अपनी बाहों में भरते हुए उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपेर आते हुए, उसके होंठो को पॅशनली सक करने लगी…..

नरगिस भी अपनी आपी नाज़िया के होंठो को ऐसे सक कर रही थी…कि मानो वो किसी औरत के नही किसी लड़के के होंठो को चूस रही हो…उसकी किस में वही जोश नज़र आ रहा था…जो मेने तब महसूस किया था….जब मेने और नाज़िया ने उस रात दोनो ने एक दूसरे के होंठो को चूसा था….ये सब मेरे लिए हद से ज़्यादा शॉकिंग था… पता नही मेरे दिमाग़ में कहाँ से आया कि, और मेने अपना मोबाइल निकाला और वीडियो रेकॉर्डिंग करने लगा….

दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रही थी….करीब 3-4 मिनिट बाद नाज़िया उसके ऊपेर से उठी, और अपने बालो को संवारते हुए नरगिस से कुछ बोली, तो नरगिस ने हां में सर हिला दिया….नाज़िया ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा, और फिर अपना मोबाइल उठा कर डोर की तरफ बढ़ी…उसे डोर की तरफ बढ़ता देख मैं जल्दी से बाहर वाली बाउन्डरी के पास जाकर खड़ा हो गया…रेकॉर्डिंग सेव की…तभी पीछे से मुझे डोर खुलने की आवाज़ आई….मेने ऐसे रिक्ट करते हुए पीछे देखा कि, जैसे मैने डोर खुलने की आवाज़ सुन कर ही पीछे देखा है…

नाज़िया ने एक बार गहरी नज़र से मुझे ऊपेर से लेकर नीचे तक देखा….और फिर सीढ़ियाँ उतरते हुए नीचे चली गयी…थोड़ी देर बार नरगिस भी बाहर आई…उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा….और एक प्यारी सी स्माइल देकर नीचे चली गयी… थोड़ी देर पहले मेने जो कुछ भी देखा था….उसकी वजह से मैं इस क़दर शॉक्ड था कि, मुझे पता नही चला कब सबा मेरे पास आकर खड़ी हो गयी….”समीर…. समीर…समीर…..” सबा ने तीसरी बार बोलते हुए मेरे कंधे को पकड़ कर ज़ोर से हिलाया तो, मैं एक दम हड़बड़ाते हुए बोला…..”हां हाँ क्या है….?”

सबा: (हंसते हुए…) क्या कहीं खुली आँखो से किसी और को चोदने का ख्वाब तो नही देख रहे थे….कब से तुम्हे आवाज़ दे रही हूँ….

मैं: ख्वाब नही देख रहा था…पर थोड़ी देर पहले मेने जो कुछ देखा…अगर तुमने देखा होता तो तुम्हारी भी मेरे . हालत हो चुकी होती….

सबा: अच्छा जी . भी तो पता चले….जनाब ने ऐसा क्या देख लिया….

मेने एक बार सबा की तरफ देखा और फिर उसे सारी बात बता दी…सबा मेरी बात सुन कर हँसने लगी…

.” हंस क्यों रही हो….मैं सच कह रहा हूँ…” सबा ने हंसते हुए दीवार पर अपने दोनो हाथो को रखा और नीचे गली में देखते हुए बोली…” नही नही तुम पर नही हँस रही.,…”

मैं: तो फिर क्या अपने आप पर हंस रही हो….

सबा: नही नाज़िया पर….और उस नरगिस पर…..

मैं: क्यों….?

सबा: मुझे तो अब समझ में आया कि, नाज़िया की फुद्दि के बाल इतने क्यों सुलग रहे थी उस दिन….बेचारी लंड के लिए तड़प रही है….हाहाहा…..

फिर मेने सबा को छत पर मेरे और नाज़िया के बीच हुई बात के बारे में बता दिया… और सबा से कहा कि, अगर में गाँव में होता तो, उसे दिखा देता..कि समीर क्या है… सबा भी नाज़िया की बात सुन कर गुस्से में आ गयी…..क्यों कि नाज़िया ने जो सबा के बारे में कहा था….मेने उसको और नमक मिर्च लगा कर सबा को बताया था…. “ये कुछ ज़्यादा ही बोलने लगी है समीर…..”

मैं: हां….

सबा: इसका इलाज करना ही पड़ेगा….

मैं: उसका इलाज है मेरे पास…..

सबा: क्या….(सबा ने मुस्कुराते हुए कहा….)

मैं: देखो वो अपनी फुद्दि की प्यास अपनी छोटी बेहन के साथ मिटा रही है….अगर नरगिस हमारी तरफ हो जाए तो, नाज़िया की फुद्दि के बाल सुलगेंगे नही खाख हो जाएँगे…..

सबा: पर ये कैसे हो सकता है…..वो उसकी बेहन है….वो तो अपनी बड़ी आपी की बात ही सुनेगी ही ना…..

मैं: यार औरत के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार लंड होता है कि नही….

सबा: हां….

मैं: दोनो लंड की प्यासी है…नाज़िया का मेरे साथ रिश्ता कुछ और है….पर नरगिस का नही…तुम उसके साथ मीठी-2 बातें करो…और उसे अपने जाल में फँसाओ….

सबा: अच्छा बताओ करना क्या है…..
Reply
03-08-2019, 02:47 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मेने सबा को अपने प्लान के बारे में बताया तो सबा ने मुस्कुराते हुए शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को दबा दिया…..”इस साले को भी रोज नयी-2 फुद्दियो के चस्के लग गये है….चलो कोई बात नही तुम्हारी खातिर ये भी करूँगी….” सबा मुस्कुराते हुए नीचे चली गयी…….थोड़ी देर बाद जब मैं नीचे गया तो, मेने देखा सबा नरगिस के साथ सोफे पर बैठी बातें कर रही थी….ज़ाकिया बेड पर लेटी सो रही थी…. और नाज़िया किचन में थी…..सबा ने मेरी तरफ देखा और नरगिस से आँख बचा कर मुझे आँख मारी….तो मैं बाहर बरामदे में ही बैठ गया….नाज़िया सामने किचन में काम कर रही थी….थोड़ी देर बाद नाज़िया किचन से बाहर आई…

उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर रूम में चली गयी….अंदर जाकर उसने ज़ाकिया को उठाया और कुछ कहा….फिर वो पर्स उठा कर रूम से बाहर आई…और मेन गेट खोल कर बाहर चली गयी…सबा नरगिस से बातों में मशरूफ थी….और फिर मैं वहाँ से उठ कर ऊपेर आ गया…..और ऊपेर आकर छत पर इधर उधर टहलने लगा…15 मिनिट बाद सबा ऊपेर आई….उसके होंठो पर मुस्कान फेली हुई थी…जैसे उसने कोई जंग जीत ली हो….

मैं: क्या हुआ…..बहुत मुस्कुरा रही हो….

सबा: समीर काम तो एक दम सेट है…नरगिस का शोहार लंडन में बहुत बिज़ी रहता है….मुझे तो लगता है कि, अगर उसको थोड़ा सा इशारा करोगे तो, वो फुद्दि खोलने के लिए तैयार हो जाएगी…..

मैं: अच्छा…..

सबा: अच्छा अब तुम एक काम करो…..

सबा ने मेरे कान में कुछ कहा….और मैं सबा की बात सुन कर मुस्कुराने लगा….

“जो भी हो अब….जल्दी करो….नाज़िया बिजली का बिल जमा करवाने गयी है…हमारे पास ज़्यादा टाइम नही है….कम से कम हमें ये काम उसके आने से पहले पूरा करना है..” सबा ने नीचे जाते हुए कहा….तो में भी जल्दी से सबा के रूम में गया…और उसके बॅग से हेर रिमूविंग क्रीम निकाली और अपने रूम में आ गया….अपना बॅग खोला और उसमे से हेर आयिल की बॉटल निकाल कर टेबल पर रखी…और फिर डोर बंद करके चेर पर बैठ गया…..

मेने विंडो को थोड़ा सा खोल दिया…मैं चेर को ऐसे रख कर बैठा था कि, मेरा साइड विंडो से नज़र आए….फिर मेने अपनी शलवार को खोला और बेड पर रखा और फिर अपनी कमीज़ को भी उतार रख दिया….अब मेरे जिस्म पर सिर्फ़ एक बनियान थी…. मेने पहले अपने लंड के बालो पर हेर रिमूविंग क्रीम को अच्छी तरह लगाया….और फिर हेर आयिल से अपने लंड की मालिश करने लगा…. और लंड को हिलाते हुए बाहर देखने लगा…. 

अब मैं नीचे क्या चल रहा था सबा और नरगिस के बीच उसके बारे में आपको बता देता हूँ….” सबा नीचे गयी….तो उसने नीचे जाकर पहले नरीग्स से इधर के बातें की….और फिर सबा ने नरगिस की तरफ मुस्कुराते हुए देखा..और सरगोशी से भरी आवाज़ में बोली…..” नरगिस मेरे साथ ऊपेर चलो….मैं तुम्हे कुछ दिखाती हूँ…” 

नरगिस: क्या आपी….

सबा: वो जो समीर है ना….वो ऊपेर अपने लंड के बाल सॉफ कर रहा है… तोबा उफ्फ मेने आज तक इतना लंबा और मोटा लंड नही देखा….क्रीम लगा कर वो अपने लंड को तेल लगा कर हिला रहा था….चल आ….तुझे दिखाती हूँ….कि गाओं के लड़को के लंड कितने तगड़े होते है….

नरगिस: क्या आपी…मेने देख कर करना क्या है…..

सबा: तू चल तो सही…..फिर मुझे बताना कि तुम्हारे शोहार का बड़ा है या समीर का….चल देख तो सही….कि उसका लंड सच में बड़ा है….या फिर मुझे वेहम है…

नरगिस: पर आपी अगर उसने देख लिया तो….

सबा: तू चल तो सही…..

नरगिस की फुद्दि में सरसराहट होने लगी थे….और वो उठ कर सबा के साथ ऊपेर आने लगी….इधर मैं ऊपेर खिड़की से बाहर देख रहा था….तभी मुझे सबा नज़र आई….तो मेने अपना फेस सामने की तरफ कर लिया और अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को तेज़ी से हिलाने लगा….मेरा लंड फुल हार्ड हो चुका था….नरगिस ने शायद ही रियल लाइफ में ऐसा लंड देखा हो…..मैं काफ़ी देर तक अपने लंड को हिलाता रहा….मेरे लंड का कॅप भी सुर्ख होकर दहकने लगा था…..”सीईईई अहह ओह्ह…….” और फिर मेरे लंड से वीर्य की लंबी-2 पिचकारियाँ निकलने लगी…..

मुझे नही पता कि सबा और नरगिस ने देख या नही …..और वो कब नीचे गयी…चलो इसी बहाने लंड के बाल सॉफ हो गये…..खैर में वहाँ से उठा और अपने कपड़े पहन कर नीचे आ गया…..जब नीचे पहुँचा तो, नाज़िया वापिस आ चुकी थी…मैं वही बैठ गया….थोड़ी देर बाद सबा बाहर आई…और उसने मुझे ऊपेर आने का इशारा किया और खुद ऊपेर चली गयी…..रानी नीचे नाज़िया के साथ रात के खाने के तैयारी में लग गयी….और नरगिस बाहर बैठी नाज़िया से बातें कर रही थी…

मैं थोड़ी देर वहाँ बैठा रहा…और फिर उठ कर ऊपेर आ गया….जैसे ही मैं ऊपेर पहुँचा तो, मुझे दूसरी मंज़िल की छत पर से सबा ने आवाज़ लगाई….”ऊपेर आ जाओ… समीर…..” मेने ऊपेर देखा तो, सबा ऊपेर छत पर थी….मैं ऊपेर आ गया… सबा नीचे की तरफ देख रही थी….मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया….”क्या हुआ…?” सबा ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा….और मुझे घूरने लगी….

मैं: क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो….?

सबा: देख रही हूँ….तुम में ऐसी क्या ख़ास बात है….जो हर लड़की औरत तेरे लंड के नीचे लेटने को तैयार हो जाती है…..

मैं सबा की बात सुन कर खुस हो गया…..”तो क्या नरगिस मान गयी….” सबा स्माइल करते हुए नीचे देख रही थी…..सबा ने एक हाथ नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ कर दबाया और सरगोशी से भरी आवाज़ में बोली…”क्यों बड़ी आग लगी है तुझे….” सबा ने मेरे लंड से लेकर टट्टों तक सहलाया और फिर नीचे देखते हुए बोली….”मान नही गयी…मेरे कहने का मतलब था…तुम्हारा लंड देख कर उसकी फुद्दि भी लीक कर गयी….नीचे जाते ही….वो सीधा बाथरूम में चली गयी… काफ़ी देर बाद बाहर आई….उसका फेस एक दम रेड था….और वो शर्मा भी रही थी… ज़रूर बाथरूम के अंदर फुद्दि में उंगली ले रही होगी….”

सबा की बातें सुन कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था….और ऊपेर सबा मुसलसल लंड को दबाए जा रही थी….”बड़े कंज़र हो तुम…..?” सबा ने मुस्कुराते हुए प्यार से कहा

…” क्यों क्या हुआ…मेने क्या किया….” मेने सबा की तरफ देखते हुए कहा तो, सबा ने चारो तरफ देखा और फिर धीरे-2 नीचे बैठ गयी….उसने अपनी पीठ को छत की बाउड्री के साथ लगाया…और मुझे अपने फेस के सामने खड़ा करके, मेरी शलवार का नाडा खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया….फिर मेरे लंड को हिलाते हुए बोली….”ये क्या है…..नरगिस के बारे में सुनते ही ये कैसे खड़ा हो गया है….फुद्दि मार-2 कर तुम्हारा दिल नही भरता….” 

मेने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से सबा के सर को और अपने लंड के कॅप को उसके होंठो पर लगाते हुए बोला….”चुप कर साली….अब इसे खड़ा किया है तो चूस कर ठंडा भी कर….सबा ने झूठे गुस्से से मुझे देखा….इसलिए मेने उसकी कोई परवाह नही की…..और अपने लंड को पकड़ कर लंड की कॅप को उसके होंठो पर दबाने लगा….आख़िर कार सबा को अपने मूह को खोलना ही पड़ा….जैसे ही सबा ने अपना मूह खोला मेने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसके हलक तक घुसा दिया…. मेरी आँखे मस्ती के नशे में बंद होती चली गयी….मेने अपनी बाजुओ को फोल्ड करके छत की बाउंड्री के ऊपेर रखा और झुक कर खड़ा होकर नीचे देखने लगा…. मेरे आगे बैठी सबा अपनी ज़ुबान का कमाल मेरे लंड की कॅप पर दिखा रही थी…..

सबा कभी मेरे लंड की कॅप को अपने होंठो के बीच में दबा कर मूह के अंदर बाहर करती तो, कभी आधे से ज़्यादा लंड को मूह में लेकर सक करने लग जाती….तो कभी लंड को मूह से बाहर निकाल कर लंड को ऊपेर की तरफ करके मेरे पेट के साथ लगा कर मेरे टट्टों को मूह में लेकर सक करने लग जाती….मैं मज़े और लज़्जत की वादियों में खोाया हुआ था…कि तभी नीचे वाले फ्लोर के सहन में नरगिस आई और ऊपेर मेरी तरफ देखा…..” सबा आपी ऊपेर हैं क्या,…..?” उसने मुस्कुराते हुए पूछा तो, सबा ने जल्दी से मेरे लंड को मूह से बाहर निकाला…..”हां ऊपेर है…” मेने भी मुस्कुराते हुए कहा….सबा जल्दी से उठी और सीढ़ियाँ उतर कर नीचे की तरफ जाने लगी….

मेने लंड को शलवार के अंदर किया और नाडा बाँध कर वही पर खड़ा हो गया…. और नीचे देखने लगा….सबा और नरगिस वही बाहर पड़ी चारपाई पर बैठ कर बातें करने लगी…वो दोनो आपस में बात कर रही थी….कभी नरगिस ऊपेर मेरी तरफ देखती तो कभी सबा….पर नरगिस हर दो मिनिट बाद मेरी तरफ देखती और फिर सबा को कुछ धीरे से कहती और फिर दोनो सरगोशी में हसने लगती…ये सिलसिला काफ़ी देर तक चलता रहा….फिर रानी वहाँ आकर बैठ गयी….तो दोनो की बातें बंद हो गयी….. उसके बाद और कोई ख़ास बात नही हुई…थोड़ी देर बाद तीनो उठ कर नीचे चली गयी….
Reply
03-08-2019, 02:47 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
45



मैं नीचे वाली मंज़िल पर आया और वही चारपाई पर लेट गया…..पता नही चला कब आँख लग गयी….शाम को सबा ने मुझे ऊपेर आकर उठाया….बाहर सर्दी बढ़ने लगी थी….सबा ने मुझे बताया कि, वो नाज़िया और नरगिस के साथ मार्केट जा रही है शॉपिंग करने के लिए…..उसने मुझे भी साथ चलने के लिए कहा….पर मेने नाज़िया की वजह से मना कर दिया….मैं उठ कर सबा के साथ नीचे आ गया….सोचा कि थोड़ी देर टीवी देख कर टाइम पास कर लूँगा…. उसके बाद और कोई ख़ास बात नही हुई सबा नाज़िया और नरीग्स के साथ शॉपिंग के लिए चली गयी….जब सबा और नाज़िया वापिस आई तो, मुझे पता चला कि, नरगिस मार्केट से सीधा अपने घर (अपने अम्मी अब्बू के घर) चली गयी थी….

नीचे कुछ ख़ास बात नही हुई….खाना खा कर मैं ऊपेर आ गया….रूम में पहुँचा कर बेड पर लेटा ही था कि, सबा रूम में एंटर हुई, मैं उठ कर बैठ गया… सबा के होंठो पर फेली हुई स्माइल बता रही थी कि, वो मुझे कुछ ख़ास बात बताने वाली थी….”क्या हुआ बड़ी खुश नज़र आ रही हो…..?” मेने सबा की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा…

. सबा ने भी स्माइल करते हुए कहा….” तुम्हारे लिए एक खूसखबरी है….”

मैं: क्या….?

सबा: लगता है तीर निशाने पर लगा है…..

मैं: हुआ क्या बताओ भी……

सबा: जब हम शॉपिंग कर रहे थे…..तब नरगिस ने नाज़िया से थोड़ा साइड में होकर मुझे कहा कि, आप तीनो (यानी मैं तुम और रानी) कल हमारे घर आजाए…उसकी तरफ से दावत है….

मैं: तो इसमे कॉन सी ख़ास बात है…..

सबा: तुम भी समीर…..बिल्कुल बुद्धू हो…उसने ये बात नाज़िया के सामने नही की… मतलब सॉफ है कि, वो तुम्हारी तरफ अट्रेक्ट हो रही है…दूसरी बात और सुनो… कल उसके अम्मी अब्बू और भाई जिस लड़के की शादी है….वो सब लड़की वालो के घर जा रहे है… और नाज़िया भी जा रही है…तो वो घर पर अकेली होगी….

मैं: ओह्ह अच्छा…..पर फिर भी तुम और रानी भी तो वही होंगे….

सबा: आगे की कल सोचेंगे….शायद उसने ही कुछ सोच रखा हो….शायद तुम्हारे साथ वो बात को आगे बढ़ाना चाहती हो….तुम कल उससे घुलने मिलने और दोस्ती करने की कॉसिश करो….वैसी भी वो लंडन जैसे मॉडर्न और खुले सिटी से रह कर आए है… तुम्हे तो पता है ही….कि वहाँ के लोग कितने अड्वान्स होते है….शायद वहाँ का पानी भी उसे लग गया हो….

मैं सबा की बात सुन कर सोच में पड़ गया…”अब ज़्यादा सोचो मत….कल के कल देखेंगे….अब आराम करो….” ये कह कर सबा वहाँ से उठ कर चली गयी….फिर पता नही चला कब नींद आई…. अगली सुबह जब उठा तो, मूड बहुत फ्रेश था….नहा धोकर और फ्रेश होकर नीचे आया तो, देखा कि, आज नाश्ता जल्दी बना दिया गया था…और नाज़िया अपने चाचा के घर जाने के लिए रेडी हो रही थी….रानी ने मुझे चाइ और नाश्ता दिया… अभी मेने नाश्ता ख़तम ही किया था कि, नाज़िया का एक कज़िन उसे लेने के लिए आ गया… और नाज़िया उसके साथ चली गयी….उसके जाने के बाद सबा ने नाज़िया की अम्मी ज़ाकिया को बताया कि, आज हमें मार्केट जाना है….कुछ घर के लिए शॉपिंग करनी है…. 

उसके बाद हम तीनो तैयार हुए….और वहाँ से निकल कर नरगिस के घर की तरफ चल पड़े…कल ही वापिस आते हुए, सबा और नाज़िया उसको उसके घर तक छोड़ कर आई थी… इसीलिए सबा को पता था कि, नरगिस का घर कहाँ है….रास्ते में सबा ने मुझे एक स्लिप दी.. जिस पर एक लॅंडलाइन नंबर. लिखा हुआ था….”समीर ये नंबर. मिलाओ….ये नरगिस के घर का नंबर है….” मेने अपना मोबाइल निकाला और नंबर. मिला कर सबा को दिया….तो सबा हम से थोड़ा आगे जाकर कुछ देर बात करने के बाद आई….और मुस्कुराते हुए बोली…. “चलो….” मेने इशारे से पूछा कि, आख़िर बात क्या है…उसने नरगिस को फोन किस लिए किया तो, सबा ने थोड़ा धीरे-2 चलते हुए कहा…”वो मेने नरगिस से पूछना था कि, उसके घर वाले चले गये कि नही…..”

मैं: तो फिर क्या कहा उसने….

सबा: चले गये है….अब चुप चाप चलते रहो….रानी को इस बात का कोई ईलम नही है…मेने उसे इसके बारे में नही बताया है….

रानी जो कि हमसे थोड़ा आगे चल रही थी….इसलिए उसे नही पता था कि, हम क्या बात कर रहे है….थोड़ी देर बाद हम नरगिस के घर के बाहर थी….और नरगिस घर के गेट पर ही खड़ी थी…..”अर्रे आपी आप…..?” नरगिस ने ऐसे हैरान होते हुए कहा… जैसे उसको मालूम ही नही हो कि, हम उसके घर आने वाले है….और दूसरी तरफ सबा ने भी ऐसी ही रिएक्ट किया….जैसे हम उसके घर नही कही और जा रहे हो…. “आइए नही अंदर….” नरगिस ने आगे बढ़ कर सबा को गले मिलते हुए कहा….”वो हम मार्केट जा रहे थे…..शॉपिंग करने के लिए…”

नरगिस: अच्छा…अब अगर आप इधर से गुजर ही रहे हो तो, कम से कम अंदर तो चलिए…चाइ नाश्ता ही कर लें….

नरगिस ने सबा का हाथ पकड़ कर अंदर खेंचते हुए कहा….”आओ समीर अंदर आओ…” नरगिस ने मेरी तरफ देख कर स्माइल करते हुए कहा….हम तीनो नरगिस के साथ अंदर आ गये….अंदर आते ही नरगिस ने मेन गेट को लॉक किया और हमे घर के हॉल में ले गयी….जहाँ एक तरफ सोफा सेट और दूसरी तरफ किचन के पास डाइनिंग टेबल लगा हुआ था….नरगिस ने हमे बैठने के लिए कहा….और हम तीनो सोफे पर बैठ गये… “आप बैठो आपी में आपके लिए चाइ बना कर लाती हूँ….” ये कह कर नरगिस किचन में चली गयी…हम तीनो चुप चाप बैठे हुए थे….”रानी जाकर नरगिस की मदद करो….” सबा ने रानी को कहा तो, रानी चुप चाप उठ कर किचन में चली गयी…

जैसे ही रानी किचन में गयी…..सबा मेरे और करीब होकर बैठ गयी…”सुनो समीर जब हम यहाँ से जाने वाले होंगे तो, तुम कोई बहाना बना लेना…. कह देना कि, मेरे सर में दर्द हो रहा है…..या कोई और बहाना बना देना….पर हमारे साथ नही चलना….यहीं रुक जाना…बाकी आगे तुम खुद ही उस्ताद हो….” सबा ने मुस्कुराते हुए कहा….तो मैं भी सबा की बात सुन कर मुस्कुराने लगा…..”नरगिस की फुद्दि में ऐसा थपु ठोकना कि वो भी मेरी तरह तुम्हारे लंड की गुलाम हो जाए…..”

इतने में नरगिस और रानी बाहर आ गये….नरगिस ने चाइ के कप्स की ट्रे पकड़ी हुई थी…तो रानी ने स्नॅक्स वाली ट्रे पकड़ी हुई थी…दोनो ने आकर ट्रे को टेबल पर रखा और नरगिस ने पहले सबा को चाइ का कप दिया और फिर मुझे…उसके बाद रानी और नरगिस भी अपना चाइ का कप लेकर बैठ गये…..हम सब चाइ पी रहे थे…और सबा और नरगिस इधर उधर की बातें कर रही थी….पर मेरा ध्यान तो सिर्फ़ नरीग्स के कसे हुए जिस्म पर अटका हुआ था….28 साल की जवानी से भरी हुई नरगिस का जिस्म एक दम भरा हुआ था….उसकी थाइस बहुत मोटी और गोश्त से भरी हुई थी….उसने ब्लॅक कलर का कुर्ता और नीचे वाइट कलर की पाजामी पहनी हुई थी….जो उसकी गोश्त से भरी रानो को और ज़्यादा नुमाया कर रही थी….वाइट कलर की पाजामी उसके रानो पर इस क़दर कसी हुई थी…कि पाजामी का कपड़ा भी पूरा स्ट्र्च हो रखा था…

जिसकी वजह से उसकी नीचे पहनी हुई रेड कलर की पैंटी भी सॉफ नज़र आ रही थी… तभी अचानक सबा की कोहनी मेरे बाज़ू से टकराई….और मेरे हाथ से चाइ का कप गिर गया….और सारी चाइ मेरे लेफ्ट थाइ पर पेंट के ऊपेर से गिर गयी….चाइ ज़्यादा गरम तो नही थी….पर फिर भी एक पल के लिए मैं दर्द से कराह उठा….ये देख कर रानी सबा और नरगिस तीनो एक दम से घबरा गये….मैं जल्दी से खड़ा हुआ… तो नरगिस दौड़ कर टवल ले आई….और मेरी रान को पेंट के ऊपेर से सॉफ करने लगी…. “ज़्यादा जलन हो रही है समीर…..” सबा ने मेरी तरफ देखते हुए कहा…और जैसे ही मेने सबा की तरफ देखा तो, सबा ने मुस्कुराते हुए आँख मार दी….”आओ बाथरूम में जाकर अपनी थाइ पर ठंडा पानी डाल लो…..सकून मिलेगा….नरगिस बाथरूम कहाँ है….” 

नरगिस: आइए….मैं ले चलती हूँ…..

उसके बाद नरगिस मुझे और सबा को बाथरूम में ले गयी….”समीर अपनी पेंट उतार कर थाइ पर ठंडा पानी डाल लो….छाले नही पड़ेंगे…” ये कह कर सबा बाथरूम से बाहर चली गयी…मेने डोर बंद किया और अपनी पेंट उतारी और टॅप खोल कर अपनी रान पर पानी डालने लगा…..जहाँ पर चाइ गिरी थी….वहाँ पर हल्का सा लाल हो गया था…पर सूकर था कि, चाइ ज़्यादा गरम नही थी….इस वजह से ज़्यादा तकलीफ़ नही थी....और जो थोड़ी बहुत थी भी…वो पानी डालने से ख़तम हो गयी थी….थोड़ी देर बाद बाथरूम के डोर पर नॉक हुई….तो मेने थोड़ा सा डोर खोला….और बाहर झाँक कर देखा तो, नरगिस हाथ में टवल लेकर खड़ी थी….”ये लीजिए…. इसे कमर पर लपेट कर बाहर आ जाएँ….पेंट वही रख दें….मैं मशीन में धो कर सुखा देती हूँ….”

मैं: नही इसकी क्या ज़रूरत है….मैं घर वापिस जाकर चेंज कर लूँगा….

नरगिस: नही वो गीली पेंट पहनने से रशेष हो जाएँगे….आप टवल लपेट कर बाहर आ जाएँ…..ज़्यादा वक़्त नही लगेगा…..

ये कह कर नरगिस वापिस चली गयी…..अब मेरे जिस्म पर नीचे सिर्फ़ एक वाइट कलर का अंडरवेर था….और ऊपेर शर्ट और जॅकेट थी….मेने अपनी कमर पर टवल लपेटा और बाहर आ गया….जैसे ही में हाल में पहुँचा तो, देखा वहाँ कोई नही था… तभी नरगिस एक रूम से बाहर निकली….”आप बैठिए…..मैं क्रीम लेकर आती हूँ… उससे आपको जल्दी आराम मिल जाएगा….” नरगिस ने मुस्कुराते हुए कहा….और रूम में जाने लगी तो, मेने उसे आवाज़ देकर रोका….

मैं: सुनिए……

नरगिस ने एक बार पलट कर मुझे देखा "जी"

मैं: वो सबा आंटी और रानी कहाँ है….

नरीग्स: वो तो शॉपिंग के लिए चली गये….सबा आपी कह कर गयी है की, आप यहाँ से घर चले जाए…आप ऐसी हालत में कहाँ ख्वार होते फ़िरोगे…

मैं: अच्छा…

और फिर वो रूम में चली गयी.. .. मैं सोफे पर बैठ कर नरगिस के बारे में सोचने लगा कि, ऐसी जवान लड़की को चोदने में कितना मज़ा आएगा....और ये सोचते सोचते ही मेरा लंड मेरे अंडरवेर में एक दम तन चुका था.....अब अगला दाव खेलने का समय आ चुका था....मेने अपनी कमर पर लपेटे हुए टवल को निकाल कर साइड पर रख दिया…मेने वाइट कलर का अंडरवेर पहना हुआ था...और मेरा लंड पूरा तना हुआ एक साइड में मेरी रान के साथ ऊपेर की तरफ चिपका हुआ था....जैसे ही मुझे नरगिस के कदमो की आहट सुनाई दी....मेने अपने लंड को अपने अंडरवेर में ऐसे सेट किया कि, उसकी लंबाई और मोटाई सॉफ पता चले. .
Reply
03-08-2019, 02:47 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
जब मैं बाथरूम में अपनी थाइस पर पानी डाल रहा था….तब मेरा अंडरवेर आगे से गीला भी हो गया था….और अंडरवेर का वाइट कपड़ा ऐसा हो गया था….जैसे कोई ट्रॅन्स्परेंट (जाली वाला कपड़ा हो…..)और मैं फिर अपने चेहरे पर ऐसे एक्सप्रेशन ले आया कि, जैसे मुझे सच में दर्द हो रहा हो.....नरगिस अंदर आई, और जैसे ही उसने मुझे अंडरवेर में बैठा देखा तो वो थोड़ा सा नर्वस हो गयी....और सर को झुका लिया...वो थोड़ी सी सहमी हुई अंदर आई, मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था....मैं खड़ा हुआ, और उसके हाथ से क्रीम लेकर अपने हाथ में थोड़ा सा क्रीम लगा कर अपनी रानो की जड़ों पर लगाने लगा....मेने देखा कि, नरगिस ने एक बार चोर नज़रों से मेरे अंडरवेर की तरफ देखा और फिर मूड कर बाहर जाने लगी.....शायद वो भी झिझक रही थी.....

अब मुझे सीधे-2 खुल कर अपने प्लान पर काम करना था....चाहे उसके लिए मुझे नरगिस की मिन्नते भी करनी पड़ती तो करता....जैसे ही नरगिस रूम के डोर पर पहुँची तो, मेने उसे आवाज़ देकर रोक लिया...

मैं: एक मिनिट रुकिये ज़रा....

नरगिस: मेरी बात सुन कर मेरी तरफ घूमते हुए....वो सीधा मेरे फेस की तरफ देख रही थी...) जी.....

मैं: वो मुझे बहुत पेन हो रहा है.....इसीलिए मुझसे खुद अच्छे से क्रीम नही लगाया जा रहा.....प्लीज़ आप लगा कर इसकी मालिश कर देंगी...प्लीज़ कहते हुए मुझे अच्छा नही लग रहा पर मुझसे ऐसे झुका नही जा रहा. नही तो मैं आपको कहता ही नही....

नरगिस मेरी बात सुन कर चुप हो गयी....."चलिए ठीक है रहने दीजिए....मैं खुद कॉसिश करता हूँ...." मेने फिर से झुक कर अपनी रान पर क्रीम लगाने की कोशिश की और जान बुझ कर ऐसे कराहा कि जैसे मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही हो.....

और शायद अब मेने इतना तो कन्विन्स कर लिया था कि वो मान जाए.....दोस्तो लड़की की फुद्दि में भले ही जितनी मरज़ी आग लगी हो... पर वो सीधे सीधे कभी नही कहती कि उसकी प्यास बुझा दो...देसी औरतों और लड़कियों को लंड तो चाहिए.....पर दिखाती ऐसे है जैसे उन्हे लंड की बिल्कुल ज़रूरत नही....वो तो हम ही हैं जो उनकी फुद्दिओ के पीछे कुत्तों की तरह लंड हिलाते फिरते है....शायद यही हाल नरगिस का भी था....वो अपने आप में ऐसे बन रही थी जैसे वो मुझे टच नही करना चाहती...पर मेरे दर्द के कारण ही वो ये सब कर रही हो.....

चलो कोई बात नही तुम जीती मैं हारा.....मेने मन ही मन में कहा "रूकये मैं लगा देती हूँ....." नरगिस ने मेरे पास आते हुए कहा.....” मैं सीधा खड़ा हो गया. नरगिस मेरे सामने आकर उस टेबल पर बैठ गयी….और अपने हाथ की उंगलियों में थोड़ी सी क्रीम लगा कर मेरी ओर देखते हुए बोली…. “कहाँ पर लगानी है…..” तो मेने अपने अपनी शर्ट को उतार दिया जो अंडरवेर से भी नीचे तक लंबी थी….जैसे ही मेने अपनी शर्ट उठाई, तो अपने सामने मेरे अंडरवेर में बने हुए लंड के उभार जिसकी कि लंबी और चौड़ाई पूरी पता चल रही थी…उसे देखते ही उसके हाथ एक दम से थरथरा गये…..

उस समय कुछ इस तरह का नज़ारा था नरगिस की आँखो के सामने….और अगले ही पल उसने अपने काँपते हुए हाथों को मेरी रान पर रख दिया….मैं जॅकेट उतार कर सोफे पर बैठ गया….और अपने अंडरवेर को नीचे रानो से पकड़ कर अपनी रानो की जड़ों में इकट्ठा कर लिया….जिससे अंडरवेर का कपड़ा मेरे लंड पर और चिपक सा गया था…और लंड उसमे सॉफ नज़र आने लगा था…..

नरगिस की आँखो में चमक आ चुकी थी…..जैसे बिल्ली की आँखो में अपने शिकार को देख कर आती है... नरगिस मेरे सामने नीचे बैठी और अपने दोनो हाथों से मेरी रान पर क्रीम लगा रही थी…. उसके नरम हाथो का अहसास पाते ही मैं एक दम से सिसक उठा…..नरगिस ने मेरे सिसकने की आवाज़ सुन कर मेरी आँखो में देखा…..”दर्द हो रहा है…..” मेने बेचारा सा मूह बनाते हुए कहा…..

पर अब मेरा काम बन चुका था……नरगिस मेरे जाल में फँसती हुई नज़र आ रही थी…..उसका ध्यान बार-2 मेरे फूले हुए अंडरवेर पर जा रहा था….और उसकी साँसे ये बता रही थी कि, मेरे अंडरवेर में बने हुए उभार को देख कर वो गरम हो चुकी है…..अब उसके हाथ मेरी रानो को सहलाते हुए हल्के हल्के मेरे लंड के उभार पर टच हो रहे थे….मैं अपने सर को पीछे सोफे पर गिरा कर आँखे बंद किए हुए बैठा हुआ था……”ओह्ह्ह आपके हाथ कितने नरम है…..बहुत अच्छा फील हो रहा है……” मेने सिसकते हुए नरगिस की ओर देखते हुए कहा……तो उसने नज़रें उठा कर मेरी आँखो में देखा और फिर अगले ही पल मुस्कुरा कर शरमाते हुए सर को झुका लिया….

नरगिस: हां वो तो दिखाई दे रहा है कि, आपको मेरे हाथ कितने नरम फील हो रहे है….नरगिस ने मेरे अंडरवेर में बने हुए टेंट को देखते हुए कहा….

.”सब आपके हाथो का कमाल है... वैसे आप दिल की भी अच्छी है…..आप को मेरी वजह से परेशानी हो रही है…….” मेने नरगिस की ओर देखते हुए कहा, नरगिस होंठो में मुस्कुरा रही थी…..सर को नीचे की तरफ झुकाए हुए…..मेने नरगिस के हाथ पर हाथ रख दिया, तो नरगिस ने चोन्कते हुए मेरी तरफ देखा इससे पहले कि नरगिस कुछ समझ पाती मेने नरगिस का हाथ सीधा अपने अंडरवेर के ऊपेर से अपने लंड पर रख दिया. नरगिस का चेहरा एक दम से लाल सुर्ख होकर दहकने लगा…

“आपने मेरी रान का दर्द तो ठीक कर दिया…..पर इस बेचारे का दर्द बढ़ा दिया है आपने….” नरगिस ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया….वो तेज़ी से साँसे ले रही थी….ब्लॅक कलर के कुर्ता जो उसके मम्मो पर एक दम कसा हुआ था…उसके मम्मे ऊपेर नीचे होते हुए सॉफ दिखाई दे रहे थे….तभी बाहर से किसी की आवाज़ आई…..”बीबी जी दूध ले लो….” दूध वाले की आवाज़ सुन कर हम दोनो एक दम से चोंक गये…. फिर नरगिस एक दम से अपना हाथ पीछे खेंच कर खड़ी हो गयी….और रूम के डोर के पास जाकर तेज़ी से साँसे लेने लगी…..मैं सोफे से खड़ा हुआ और नरगिस की तरफ जैसे ही बढ़ने लगा तो, बाहर खड़े दूध वाले ने फिर से आवाज़ लगाई….

“आई ” ये कहते हुए उसने एक बार मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए भाग कर किचन में चली गयी …….और वहाँ से एक बर्तन उठा कर बाहर चली गयी…. में वही फिर से सोफे पर बैठ गया….मुझे गेट खुलने और फिर थोड़ी देर बाद गेट बंद होने की आवाज़ आई….और फिर थोड़ी देर बाद नरगिस दूध लेकर किचन में गयी… और उसे गरम करने लगी…मैं वही बैठा उसके बाहर आने का इंतजार कर रहा था…..एक बात तो पक्की थी कि, इंग्लेंड के रंग ढंग ने नरगिस को भी अपने रंग में रंग लिया था….थोड़ी देर बाद नरगिस बाहर आई….और किचन का डोर बंद करके मेरे सामने से गुज़रते हुए अपने रूम में चली गयी….रूम के डोर पर पहुँच कर उसने एक बार मेरी तरफ देखा….और आँखो ही आँखो में कुछ कहने की कॉसिश की… और फिर अंदर चली गयी…अब वक़्त आ गया था…मुझे अब आख़िरी कदम उठाना था….

मैं सोफे से खड़ा हुआ, और अपनी सारी हिम्मत को इकट्ठा करके मेने अपने अंडरवेर को अपने जिस्म से अलग कर दिया…..अब में एक दम नंगा हो चुका था…मैं उस रूम के डोर की तरफ बढ़ा….जिसमे नरगिस अंदर गयी थी….जैसे ही में रूम के डोर पर पहुँचा तो, देखा कि, नरगिस ड्रेसिंग टेबल के सामने एक छोटे से टेबल पर बैठी हुई थी….ड्रेसिंग टेबल के आयने में मेरे अक्श को देख कर नरगिस एक दम चोंक गयी…..उसने मुझे देखते ही अपनी नज़रें झुका ली….मैं धीरे -2 नरगिस की तरफ बढ़ा…मेरे कदमो की आहट सुन कर अपने आप में सिमटटी जा रही थी. और कुछ ही पल में मैं ठीक उसके पीछे खड़ा था.....मेने एक हाथ से नरगिस के सर को पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया तो उसने बैठे-2 ही अपने फेस को ऊपेर उठा कर मेरी तरफ देखा....उसकी साँसे उखड़ी हुई थी...और आगे आने वाले पलों में क्या होने वाला है....ये सोच कर उसका दिल जोरो से धड़क रहा था....मेने दूसरे हाथ से नरगिस के एक हाथ को पकड़ा और उसे अपनी तरफ घुमाने लगा.....

जैसे ही नरगिस बैठे-2 मेरी तरफ घूमी तो उसकी नज़र मेरी रानो के बीच में झूलते हुए मुन्सल जैसे लंड पर पड़ी.....तो उसने एक लंबी साँस लेते हुए मेरी आँखो में देखा.....मेने नरगिस का जो हाथ पकड़ा हुआ था. उसे अपनी राइट रान पर रख लिया.....मेरा लंड नरगिस के फेस के ठीक सामने कुछ इंचो के फँसले पर मेरी रानो के बीच में लटका हुआ था. जिसे देख कर उसकी साँसे अब और तेज हो चली थी.....

"समीर......" उसने मेरे लंड को देख कर गरम होते हुए कहा.....और अगले ही पल उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी जीभ बाहर निकालते हुए मेरे लंड के एक साइड से लंड को चाटना शुरू कर दिया....

नरगिस एक दम गरम हो चुकी थी....जैसे ही नरगिस की गरम और गीली जीभ मेरे लंड की फूली हुई नसों पर लगी तो मेरे बदन और लंड में करेंट सा दौड़ गया. मुझे अपने लंड की नसों में खून का दौरा एक दम तेज होता हुआ महसूस हो रहा था....
Reply
03-08-2019, 02:47 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
नरगिस अपनी गरम जीभ को मेरे लंड पर रगड़ रही थी….और उसकी गरम साँसे इस बात का सबूत थी कि, वो किस कदर गरम हो चुकी है….नरगिस ने मेरे लंड को जड से लेकर कॅप तक चाटा…..और फिर मेरे लंड की लाल कॅप को वासना भरी नज़रो से देखते हुए मेरी आँखो में देखा… और फिर से नज़रें लंड की कॅप पर टिकाते हुए, अपने होंठो को लंड की कॅप पर झुकाना शुरू कर दिया…और अगले ही पल मेरे लंड का लाल दहाकता हुआ कॅप नरगिस के होंठो के बीच में था….

नरगिस अपने रसीले होंठो में मेरे लंड की कॅप को दबाए हुए बहुत हॉट लग रही थी…..उसे देख कर कोई कह नही सकता था कि, ये नरगिस कुछ देर पहले ऐसे शरमा रही होगी कि, जैसे आज तक इसने पराए मर्द की तरफ आँख उठा कर नही देखा हो…और अब किसी गश्ती के तरह मेरे लंड की कॅप को अपने होंठो के बीच में दबा-2 कर चूस रही थी…नरगिस के दोनो हाथ मेरी रानो को सहला रहे थे…और मैं नरगिस के सर के पकड़ कर अपने लंड की कॅप को उसके मूह के अंदर बाहर करता हुआ मस्ती में सिसक रहा था……

नरगिस अब पूरे रंग में आ चुकी थी….और अब मेरे लंड को 4 इंच तक अपने मूह के अंदर बाहर करते हुए चूस रही थी….मेरे लंड की नसें और फूल चुकी थी…मेने नरगिस के मूह से अपना लंड बाहर निकाला और उसे पकड़ कर बेड के पास ले गया…और उसे ज़मीन पर बिछे कालीन पर ही डॉगी स्टाइल में करके उसके पीछे आ गया. नरगिस ने अपने दोनो हाथों को बेड के ऊपेर रख लिया….मेने नरगिस के पाजामा की इलास्टिक में अपने हाथो की उंगलियों को फँसाया और पाजामी के साथ पैंटी भी उसकी रानो तक नीचे सरका दी….मैं नरगिस के पीछे आया, और नीचे कालीन पर घुटनो के बल बैठते हुए, उसकी बुन्द के दोनो पार्ट्स को पकड़ कर फैला दिया. और फिर उसकी फुद्दि जो कि पहले से पानी से लबलबा रही थी…उसकी लिप्स को फैलाते हुए उसकी फुद्दि के छेद पर अपना मूह रख दिया…..

जैसे ही मेने नरगिस की फुद्दि के गुलाबी छेद को अपनी जीभ निकाल कर रगड़ा नरगिस एक दम से सिसक उठी….उसने बेड शीट को कस्के दोनो हाथों से पकड़ लिया… “उंह ओह समीर सीईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह “ नरगिस ने सिसकते हुए पीछे की तरफ अपना फेस घुमा कर देखा….नरगिस की आँखो में अब वासना का नशा और मस्ती के लाल डोरे तैर रहे थे….जिसे देख कर लग रहा था कि, वो काम से बहाल हो चुकी है… मेरी गरम जीभ को अपनी फुद्दि के छेद पर महसूस करते ही, उसने अपनी रानो को और फैला दिया, और पीछे से अपनी बुन्द ऊपेर की तरफ उठाते हुए अपनी फुद्दि को और बाहर की तरफ निकाल लिया…..

नरगिस की फुद्दि का दाना किसी अंगूर की तरह मोटा और फूला हुआ था…. जिसे देख मैं अपने आप को रोक नही सका और नरगिस की फुद्दि के दाने को अपने होंठो में भर कर दबाते हुए चूसना शुरू कर दिया…… “ओह सीईईईईई उंह सीईईई आह आह अहह अहह उंघह ओह समीरर ओह यस लीक मी डियर…..ओह्ह्ह्ह य्स्स एसस्स बेबी ओह……” नरगिस की सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी…और उसकी कमर तेज़ी से झटके खा रही थी…जैसे वो अपनी फुद्दि मेरे होंठो पर खुद ही रगड़ रही हो….”ओह्ह्ह्ह समीर ब्स्स्स अह्ह्ह्ह अब डालो ना अंदर अह्ह्ह्ह……”

मैं एक दम से घुटनो के बल सीधा बैठा और अपने लंड को पकड़ कर कॅप को नरगिस की फुद्दि के लिप्स के बीच रगड़ा तो मोटे कॅप का दबाब पड़ते ही, नरगिस की फुद्दि के लिप्स फेल गये…और मेरे लंड का मोटा दिखता हुआ कॅप नरगिस की फुद्दि के छेद पर जा लगा….लंड की कॅप की गरमी को अपनी लबलबाती फुद्दि के छेद पर नरगिस एक दम से सिसक उठी……”ओह्ह समीररर फक मी…..” 

मेने नरगिस के खुले हुए बालो को पकड़ कर अपनी कमर को आगे की ओर दबाना शुरू कर दिया….मेरे लंड का कॅप नरगिस की टाइट फुद्दि के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा तो, नरगिस ने भी मस्ती में आकर अपनी बुन्द को पीछे की ओर दबाते हुए, अपनी फुद्दि को मेरे लंड की कॅप पर दबाना शुरू कर दिया…लंड का कॅप नरगिस की फुद्दि से निकले उसके कामरस से चिकना होकर अंदर की ओर घुसने लगा. और जैसे ही मेरे लंड का कॅप नरगिस की फुद्दि के छेद में घुसा तो, नरगिस का बदन एक दम से अकड़ गया…

उसने पीछे की ओर देखते हुए अपनी बुन्द को गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया…और अगले ही पल मेने नरगिस के खुले हुए बालों को पकड़ कर पीछे की तरफ खेंचा तो नरगिस ने अपनी गर्दन किसी हीट में आई हुई घोड़ी की तरह ऊपेर उठा ली…और अपनी बुन्द को पीछे की तरफ ज़ोर से धकेला….मेरा आधे से ज़्यादा लंड नरगिस की फुद्दि में घुस गया….और फिर मेने बाकी लंड को एक ज़ोर दार धक्का मार कर नरगिस की फुद्दि की गहराइयों में उतार दिया…..”ओह्ह्ह्ह अहह एसस्सस्स समीर ओह फक मी डियर…” मेरा लंड नरगिस की फुद्दि में जड तक घुस कर फँसा हुआ था….

और नरगिस मस्ती में आकर अपनी बुन्द को गोल गोल घुमा रही थी…..जिससे मेरा लंड नरगिस की फुद्दि की दीवारों पर रगड़ खाने लगा….मेने नरगिस के बालो को पकड़ते हुए, तेज़ी से अपना लंड उसकी फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....मेरे जबरदस्त धक्को से नरगिस हीट में आई हुई घोड़ी की तरह हिना हिना रही थी....और सिसकारिया भरते हुए अपनी बुन्द को पीछे की तरफ धकेल रही थी.....मेरे मोटे लंड ने नरगिस की फुद्दि के लिप्स को बुरी तरह से खोल रखा था.....और मेरे लंड का कॅप उसकी फुद्दि की दीवारों से रगड़-2 कर अंदर बाहर हो रहा था.....

जिस जोश और वहेशी पन के साथ मैं नरगिस को चोद रहा था, उससे कई गुना जोश के साथ नरगिस अपनी बुन्द पीछे की तरफ धकेलते हुए मेरे लंड को अपनी फुद्दि की गहराईयो मे ले रही थी....."अह्ह्ह्ह समीर हाआँ और ज़ोर से पूरा अंदर डाल दो ओह्ह्ह्ह समीर उंह एससस्स ईसस्सस्स ओह फक मी हार्डर अहह......

मैं नीचे फर्श पर घुटनो के बल बैठा हुआ था....इसलिए अब मेरे घुटने सख़्त फर्श पर दर्द करने लगी थी....मैं एक दम से अपने पैरो पे आया और लगभग नरगिस की बुन्द के ऊपेर सवार हो गया....नरगिस ने एक बार फिर से पीछे मूड कर देखा और मुस्कुराते हुए अपनी बुन्द को और तेज़ी से पीछे की ओर धकेलने लगी......मेने भी फिर से अपने लंड को नरगिस की फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....इस पोज़िशन में मेरे धक्को की रफ़्तार सच में किसी एंजिन के पिस्टन की तरह हो गयी थी.....

नरगिस: अह्ह्ह्ह ओह समीर उफ़फ्फ़ धीरीए ओह उंह

नरगिस ने सिसकते हुए अपने दोनो हाथों को पीछे लाते हुए मेरी दोनो टाँगो की पिंदलियों को पकड़ लिया, उसकी चुचियाँ बेड पर दबी हुई थी... अब मेने नरगिस के बालो को एक हाथ से पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से नरगिस के एक कंधे को....नरगिस की फुद्दि से उसका कामरस बह कर नीचे की तरफ लिस रहा था.....

नरगिस: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह समीर ओह आइ आम कमिंग ओह्ह्ह फक मी डियर ओह्ह्ह ईससस्स एससस्स ओह्ह्ह बेबी ओह समीर.....

और फिर नरगिस का बदन एक दम से काँपने लगा.....उसने अपनी बूँद को पीछे की ओर दबाते हुए, मेरी रानो से पूरी तरह सटा लिया....और अगले ही पल उसकी फुद्दि में मेरे लंड ने भी उल्टी करनी शुरू कर दी... मैं एक दम से निढाल होकर उसके ऊपेर गिर गया....नरगिस की फुद्दि ने मेरे लंड को अंदर ही अंदर सख्ती से दबा लिया....जैसे उसकी फुद्दि अंदर ही अंदर मेरे लंड को निचोड़ रही हो.....

मैं नरगिस के ऊपेर से उठा और बेड पर पीठ के बल लेट गया.....मेरी टांगे बेड से नीचे लटक रही थी....नरगिस थोड़ी देर बाद सीधी हुई, और मेरी रानो पर लंड के पास अपने गालों को लगा कर अपना सर रख लिया...और फिर मेरे लंड जिस पर उसकी फुद्दि से निकला हुआ पानी लगा हुआ था....उसे पकड़ कर ऊपेर से नीचे सहलाने लगी....फिर लंड की कॅप पर लगे हुए अपनी फुद्दि के कामरस को अपने अगुठे से सॉफ करते हुए, लंड की कॅप को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया....

नरगिस उस कुतिया की तरह मेरे लंड को चाट रही थी....जब कोई कुत्ति हीट में आकर कुत्ते के लंड को चाटती है....ठीक वैसे ही वो मेरे लंड को मूह में लिए हुए चूस रही थी....फिर उसने मेरे लंड को मूह से बाहर निकाला और मेरी बगल में लेट गयी.....
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,633,980 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 559,668 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,289,999 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 975,050 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,728,025 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,143,244 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,060,348 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,431,550 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,153,020 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,536 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)