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RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैं अपने रूम मे आकर लेट गया…..लेकिन नींद का नामो निशान नही था…. वो सारी रात आँखो-2 मे कट गयी….अगली सुबह बड़ी देर से उठा….8 बज चुके थे… अबू ने रूम मे आकर आवाज़ दी तो उठा….मैं उठ कर बाहर आया और बाथरूम मे फ्रेश होने चला गया…..फ्रेश होकर जब बाहर आया तो, देख नजीबा अपनी स्कूल के ड्रेस पहने तैयार थी….और बरामदे मे बैठ कर नाश्ता कर रही थी….मैं भी डाइनिंग टेबल पर चला गया….थोड़ी देर बाद नाज़िया ने मेरे लिए भी नाश्ता लगा दिया….फिर हम सब ने नाश्ता किया तो, नाज़िया नजीबा से बोली….”नजीबा आज तुम हमारे साथ ही बाइक पर चलो…हम तुम्हे बाइक पर स्कूल छोड़ दैन्गे…”
मैने उसकी तरफ ध्यान ना दिया….नाश्ते के बाद नाज़िया नजीबा और अबू जाने लगे तो, अबू ने मुझे भी तैयार होकर कॉलेज जाने को कहा तो, मैने हां मे सर हिला दिया…वो लोग जैसे ही घर से निकले तो, मे ख़ुसी से उछल पड़ा….क्यों कि अब मे घर पर अकेला था…और मैं जल्द से जल्द तैयार होकर सबा चाची के घर जाना चाहता था….आधे घंटे बाद मैने कपड़े चेंज किए और घर को लॉक करके सबा चाची के घर की तरफ चल पड़ा….
मैं सारे रास्ते मे यही प्लॅनिंग कर रहा था कि, आज सबा चाची की फुद्दि मार-2 के उनकी तसल्ली कर देनी है…कि बाद मे वो खुद फुद्दि खोल-2 कर मेरे आगे पीछे घूमे….रास्ते मे मैं सोच रहा था कि, सबा चाची की कैसे कैसे लूँगा…चाची को कोड़ी (घोड़ी बना कर लूँ तो कितना मज़ा आएगा….) यही सब सोचते-2 मे पता नही कब सबा चाची के घर की गली मे पहुच गया…लेकिन जब मे सबा चाची के घर के पास पहुचा तो, मेरी सारी ख़ुसी और जनून एक पल मे उतर गया…क्योंकि बिल्लू चाचा वही पीपल के पेड के नीचे बैठा सबा चाची के घर के चुबारे की तरफ झाँक रहा था…वहाँ पर सबा चाची तो नही थी….शायद वो अभी भी आस लगाए बैठा था कि, सबा चाची की उसके साथ सेट्टिंग हो जाएगी….
खैर मे आगे बढ़ा….बिल्लू से दुआ सलाम के बाद मैं सबा चाची के घर के बाहर पहुचा और डोर बेल बजाई…थोड़ी देर बाद गेट खुला तो देखा सबा चाची खड़ी थी…उसने मुझे जल्दी से अंदर आने का इशारा किया….और मैं जैसे ही अंदर गया तो, सबा चाची ने गेट की कुण्डी लगा दी…और धीरे से बोली….”वो कंज़र बिल्लू अभी भी बाहर बैठा है क्या….?” मैने हां में सर हिला कर मुस्कुराना शुरू कर दिया….”अब क्या करें…..ये कंज़र तो, वहाँ से हिलने का नाम ही नही लेता…” सबा चाची ने सरगोशी मे कहा…..”फ़ैज़ और दादा दादी चले गये क्या…?”
सबा: हाँ वो तो चले गये है….पर इसका क्या करना है…उसने तुम्हे अंदर आते देखा होगा ना….
मैं: हां देखा तो है….फिर…..
सबा: अगर तुम ज़्यादा देर यहाँ ठहरे तो कही शक ना करे….ऐसा करो तुम बाहर जाओ…और थोड़ी देर बाद इधर का चक्कर लगा कर देखना…अगर वो चला गया हो तो, फिर यहाँ आ जाना…..
मैं: अच्छा ठीक है….
सबा: सुनो…
मैं: जी….
सबा: जाते हुए उसके पास रुक कर जाना…और अगर मेरे बारे मे कुछ पूछे तो कह देना कि, सबा चाची को बुखार है….इसलिए फ़ैज़ कॉलेज नही जा रहा है…
मैं: जी ठीक है….
मैं बाहर आया और पीपल के पेड के नीचे बैठे बिल्लू के पास चला गया… “और भतीजे क्या हुआ फ़ैज़ आज कॉलेज नही जा रहा क्या….?”
मैं: हां आज नही जा रहा वो….आज सबा चाची को बुखार है….इसलिए घर पर रुका है वो….
बिल्लू: ओह्ह अच्छा मैं सोच रहा था कि, आज सबा बाहर चौबारे पर क्यों नही आ रही… मतलब आज यहाँ बैठ कर टाइम खराब नही करना चाहिए….
मैं: हां सही है….(मैने हंसते हुए कहा…..और रोड की तरफ चल पड़ा…मैने पीछे मूड कर देखा तो, बिल्लू चाचा भी खड़ा होकर अपना रुख़ सुमेरा चाची के घर की तरफ कर चुका था….मैं थोड़ा आगे तक गया….और फिर जब देखा कि, बिल्लू गाली मे मूड गया है तो, मैं जल्दी से वापिस पलटा और सबा चाची के घर की तरफ चल पड़ा….मैने सबा चाची के घर के बाहर पहुँच कर जैसे गेट को हल्का सा धक्का दिया…गेट उसी समय खुल गया….सामने सबा चारपाई पर बैठी हुई थी…वो मुझे देख कर जल्दी से खड़ी हुई और गेट के पास आई…..
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RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
“वो कंज़र चला क्या….?” सबा चाची ने बाहर झाँकते हुए कहा….”हां वो चला गया है….” सबा चाची ने मेरा जवाब सुनते ही गेट की कुण्डी लगा दी….और मेरे तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली……”तुम्हे किसी ने अंदर आते हुए देखा तो नही… “ मैने ना मे सर हिला दिया…..”चल ऊपेर आ जाओ….” सबा चाची मेरे आगे चलाने लगी….मैने भी सबा चाची के पीछे ऊपेर जाने लगा….
मैं: फ़ैज़ और उसके दादा दादी कब निकले…..
सबा: वो तो सुबह 6 बजे ही निकल गये थे….बाहर से ड्राइवर बुलाया था…
मैं: कब वापिस आना है उन्होने…..
सबा: परसो सुबह तक….
हम ऊपेर पहुच गये…सबा मुझे अपने साथ अपने रूम मे ले गयी…जैसे ही मैं सबा के साथ अंदर पहुचा तो पता चला कि, अंदर रूम हीटर ऑन है…और रूम का टेंपरेचर काफ़ी गरम था…मतलब सॉफ था कि, सबा आज पूरे मूड मे तैयारी करके बैठी थी….
सबा: तुम बैठो मैं अभी आती हूँ…..
सबा बाहर चली गये….मैं वही बेड पर बैठ गया….अंदर सर्दी का नामो निशान नही था….मैं मन ही मन सोच रहा था कि, आज सबा को पूरी नंगी कर के फुद्दि मारनी है…मेरा लंड तो पहले से पेंट मे पूरी तरह सख़्त हो चुका था…जो झटके पर झटके खा रहा था…….थोड़ी देर बाद सबा अंदर आ गयी….उसके हाथ मे एक ट्रे थी….जिसस पर एक बड़ा सा स्टील का ग्लास रखा हुआ था….सबा मेरे पास आई और मुझे ग्लास उठाने को कहा…जैसे ही मैने ग्लास उठाया तो, देखा कि उसमे दूध था…”
ये क्या है….इसकी क्या ज़रूरत थी….” मैने सबा की ओर देखते हुए कहा…
सबा: पी लो ख़ास तुम्हारे लिए ड्राइ फ्रूट्स डाल कर बनाया है….
मैने ग्लास उठाया और मन ही मन मे सोचने लगा कि, ये तो मुझसे भी ज़्यादा उतावली हो रही है….सबा ने ट्रे को टेबल पर रख दिया….और खुद एक कोने मे पड़े हुए फोन के पास गयी….और फोन उठा कर कॉल करने लगी….नंबर डायल करने के बाद सबा ने दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखा….जिसमे अब 10 बज रहे थे….थोड़ी देर बाद सबा एक दम से बोली….”हेलो कैसे भाई जान….” सबा ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर मुस्कुराते हुए बात करने लगी….”जी मैं भी ठीक हूँ….फ़ैज़ और उसके दादा दादी खैरत से पहुँच गये है ना वहाँ पर….”
मैं वही बैठा उनकी बातें सुन रहा था….शायद सबा पक्का कर लेना चाहती थी कि, फ़ैज़ और उसके दादा दादी कही बीच रास्ते से मूड कर वापिस ना आजाए…..थोड़ी देर बात करने के बाद सबा ने फोन रख दिया…मैं भी दूध ख़तम कर चुका था… सबा ने मेरे हाथ से खाली ग्लास लिया और टेबल पर ट्रे पर रख दिया….जब सबा चाची ग्लास रखने के लिए झुकी तो, उनकी मोटी गोल सी बुन्द पीछे की जानिब बाहर को निकल आई…सामने का नज़ारा देख मुझसे रहा ना गया….मैने फॉरन बेड से खड़े होते हुए सबा चाची की कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर पेंट मे तने हुए अपने लंड को चाची की बुन्द पर दबा दिया…मेरी इस हरक़त से सबा चाची ना तो चोन्कि और ना ही उन्होने अपने आप को मुझसे अलग करने के कॉसिश की….मेरा पूरी तरह सख़्त लंड जो कि पूरी तरह हार्ड होकर खड़ा था…चाची की बुन्द की लाइन मे रगड़ खा रहा था….चाची जब सीधी होने लगी तो, मैने अपना एक हाथ चाची के कंधे पर रख कर उन्हे नीचे दबा दिया…
चाची टेबल पर अपने हाथ रख कर झुक गयी…..जिससे उनकी बुन्द पीछे से और बाहर की तरफ निकल आई…”बड़ी मस्ती कर रहा है….” सबा ने पीछे की तरफ फेस घुमा कर मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली….
”क्यों चाची तुम्हे पसंद नही ये सब…” मैने चाची की कमर से हाथ हटा कर चाची की मोटी-2 बुन्द के दोनो पार्ट्स को पकड़ कर मसलते हुए कहा…
सबा: आह सीईईई समीर तेरी इन्ही हरकतों ने तो मुझे लूट लिया है….. नही तो पहले बिल्लू का नंबर. लग जाना था…..
मैं: तो क्या तुम भी उसे पसंद करती थी….
सबा: दफ़ा करो उसे…..ये कॉन से बातों मे लग गये हो….
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RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
सबा मेरी तरफ घूम गयी…अब हम दोनो एक दूसरे के सामने थे…जैसे ही सबा मेरी तरफ घूमी तो सबा ने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर पेंट के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया…”लगता है इसे बाहर से ही तैयार करके लाए हो…”
मैं सबा की बात सुन कर मुस्कुराने लगा…और अपने दोनो हाथ उसके पीठ के पीछे लेजाते हुए, उसके मोटी सख़्त बुन्द पर रख कर दबाने लगा…”बाहर से तैयार नही आया ये…ये तो तुम्हारी इस मोटी बुन्द को देख कर तैयार हो गया है चाची जान…” मैने अपने हाथो मे सबा की मोटी सी बुन्द के दोनो पार्ट्स को लेकर दबाते हुए कहा…तो सबा ने मेरे लंड को छोड़ कर मेरे पेंट को ज़िप खोल दी..फिर उसने ज़िप के अंदर हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाला और अपनी मुट्ठी मे लेकर नापते हुए बोली,…..
“हाई समीर तेरा तो बड़ा मोटा है….” सबा चाची ने मेरे लंड को हाथ मे लेकर ऐसे हिलाना शुरू कर दिया…जैसे वो लंड की मूठ मार रही हो….
.”तुम्हे पसंद आया चाची जान…” मैने सबा चाची की गान्ड से हाथ हटा कर चाची के मम्मो पर रख कर दबाना शुरू कर दिया….
पहले इसे ठीक से देखने तो दो…फिर बताती हूँ…”
सबा चाची एक दम से टेबल पर बैठ गयी…..उसने मेरी पेंट को खोल कर घुटनो तक सरका दिया…मेरे 8 इंच लंबे और 5 इंच मोटे लंड को देख कर सबा चाची की आँखो मे चमक आ गयी….”हाईए समीर….तुम्हारा लंड तो बड़ा लंबा है….” सबा ने मेरे लंड की कॅप से चमड़ी को पीछे सरका दिया..अब लंड का सुर्ख कॅप उसकी आँखो के सामने था…जिसे वो खा जाने वाली नजरों से घुरे जा रही थी….
मैने अपनी जॅकेट उतार कर टेबल पर रख दी….और फिर अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा और साथ ही अपने कमर को आगे की तरफ पुश किया तो, मेरे लंड का कॅप सबा चाची के होंटो पर टच हो गया…..
सबा चाची ने फॉरन अपना फेस पीछे कर लिया…”हाहा बड़े गंदे हो तुम तो….” सबा चाची ने हंसते हुए कहा…..
मैं: क्यों कभी किसी का लंड मूह मे नही लिया…..
सबा: नही…..मैं ऐसे गंदे काम नही करती…
मैं: प्लीज़ चाची एक बार इसे मूह मे लेकर चूसो ना…. मैने अपने लंड को और आगे की तरफ पुश करते हुए कहा….और अपनी शर्ट उतार कर टेबल पर रख दी…अब मे फुल नंगा हो चुका था
…”हाईए समीर मुझसे ये सब नही होगा….” सबा ने अपना फेस दूसरी तरफ घूमाते हुए कहा…”
मैं: प्लीज़ सबा चाची एक बार….आज कल तो सब लोग ऐसे ही प्यार करते है…प्लीज़….
मैने मिन्नत भरे लहजे मे कहा तो, सबा चाची मुट्ठी मे पकड़े मेरे लंड के कॅप को घुरते हुए देखने लगी….फिर सबा चाची ने अपने होंटो को मेरे लंड की कॅप पर टच करवा कर दो तीन बार चूमा और फिर अपने हाथ से अपने होंटो को सॉफ करते हुए बोली…”बस अब खुस…..” फिर सबा चाची खड़ी हो गयी….मैने सबा चाची की कमीज़ को पकड़ कर ऊपर करना शुरू कर दिया….जैसे ही कमीज़ उनके गले तक ऊपेर हुई तो, मुझे ब्लॅक कलर की ब्रा मे उनके मम्मे कसे हुए नज़र आए… जिन्हे देख मैं बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो गया…और अगले ही पल मैने सबा की ब्रा को पकड़ कर ऊपेर खेंच दिया….
जैसे ही मैने ब्रा ऊपेर की, सबा चाची के 40 साइज़ के मम्मे उछल कर बाहर आ गये…मैने सबा चाची के मम्मों को हाथ मे पकड़ लिया और सबा चाची के चेहरे को पागलो की तरह चूमते हुए उनके मम्मे दबाने शुरू कर दिए….
“ओह्ह्ह्ह समीर और ज़ोर से दबाओ मेरे मम्मो को….” सबा चाची मस्ती मे सिसकते हुए बड़बड़ाई….तो मैने सबा चाची के होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूस्ते हुए चाची के मम्मो के मोटे निपल्स को उंगलयों मे लेकर दबाना शुरू कर दिया….
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RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
अब की बार सबा के मुँह से हल्की हल्की चीखे निकलने लगी... आ.आह..आ हह...ओी..आह...हह... मैं इन चीखो के रिदम के साथ साथ झटके मार रहा था .. ...सबा भी अपनी बड़ी सी बुन्द ऊपेर को उठा कर मेरा लंड अपनी फुद्दि की गहराइयों मे ले कर मज़े ले रही थी….मेरे झटके इतने जबरदस्त थे कि, पूरा का पूरा बेड चू चू की आवाज़ करने लगा था…सबा के मोटे-2 मम्मे बुरी तरह ऊपेर नीचे हो रहे थे….जिनको देख मुझसे रहा ना गया….मैने अपने झटको की स्पीड बढ़ाते हुए उसके दोनो मम्मो को अपने हाथो मे दोबच लिया…और पूरी रफ़्तार से फुद्दि मे अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसके मम्मो को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा….
सबा के गोरे-2 मम्मो पर कुछ ही पलो मे मेरी उंगलियों के निशान छप गये थे….लेकिन सबा ने एक बार भी मुझे दर्द की शिकायत नही की….”ओह्ह्ह्ह समीर बड़ा मज़ा आ रहा है…..आज पता चल रहा है कि, मैने आज तक क्या क्या मिस क्या है….” सबा ने सिसकते हुए कहा….तो मैने महॉल को और गरम करने के लिए कुछ गंदी वर्डिंग यूज़ करनी शुरू कर दी…..”हां चाची तुमने बहुत कुछ मिस कर दिया है… अगर तुम मुझे पहले इस बात का कोई इशारा दे देती कि तेरी फुद्दि मे इतनी आग लगी है….तो मैं तेरी फुद्दि को रोज अपने लंड का पानी पीला देता….” मैने अब अपने लंड को टोपे तक बाहर निकाल-2 कर सबा चाची की फुद्दि मे घुसाना शुरू कर दिया था….
“हाईए सीईईईईई सच समीर मुझे नही पता था कि, तेरा लंड मुझे इतना मज़ा देगा…. नही तो, मैने खुद तुम से चुदवा लेना था….”
मैं: कोई बात नही चाची जान…..आज के बाद तुम्हे लंड के लिए तरसना नही पड़ेगा….
सबा: सच समीर….ओह्ह्ह्ह मे भी तुम्हे कभी मना नही करूँगी…..जब भी तेरा दिल करे प्रोग्राम बना लिया करना….
मैं: वो तो बना ही लिया करूँगा…अगली बार तुम्हारी बुन्द का सुराख भी तो खोलना है…
मैने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर सबा चाची की बुन्द के सुराख पर उंगली से रगड़ने लगा…जैसे ही मैने अपनी उंगली उनकी बुन्द के सुराख पर दबाई तो, वो पागलो की तरह मचल उठी….”सीईईईईई ओह समीर…..नही बूँद नही….तेरा लंड तो मेरी बुन्द जखमी कर देगा….वैसे भी मैने कभी वहाँ नही लिया…..और तेरा है भी तो मोटा…
.”चुप कर साली….अब तू मुझे मना करेगी…..?” मैने ऐसे कस कस के झटके मारे कि, सबा का मूह पूरी तरह खुल गया…” तेरी तो गान्ड फाड़ कर ही मानूँगा….”
सबा मेरे मूह से गंदी बातें सुन कर पूरी तरह गरम हो चुकी थी….शायद उसे भी मेरी बातों से मज़ा आ रहा था….वो अब पूरी रफतार से अपनी गान्ड को ऊपेर उछाल रही थी….उसका जिस्म फिर से अकड़ने लगा था…”ओह्ह्ह समीर हाईए मेरी फुद्दि तो फिर से पानी निकालने वाली है…..ओह्ह्ह्ह अहह ओह सीईईईईई समीर…..” सबा की सिसकारियाँ मुझे पागल कर रही थी….
.”हां चोद साली निकाल दे अपनी फुद्दि का पानी मेरे लंड पर निकाल…..बहनचोद….मुझे गान्ड मारने से रोके गे तू…तेरा ससुर भी मुझे नही रोक सकता….तेरी गान्ड मारने से….उसके सामने कोड़ी करके तेरी बुन्द मारूँगा….”
सबा: मार लेना….जो करना है कर लेना…मैने तुम्हे नही रोकना….तुम चाहे जो मर्ज़ी करो मेरे साथ आह ओह हइईए समीर…..
सबा का बदन पूरी तरह अकड़ चुका था…मैने कुछ और जोरदार शॉट मारे तो, सबा की फुद्दि से पानी का सैलाब बह निकला…सबा ने अपनी टाँगो को उठा कर मेरी कमर पर कस लिया….उसकी बाजुएँ पहले से ही मेरे पीठ पर कसी हुई थी….”ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह समीर…..मुझे यकीन नही हो रहा….तेरे लंड ने तो हइई….इतनी जल्दी मेरी फुदी का दो बार पानी भी निकाल दिया……..”
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