09-17-2018, 01:34 PM,
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sexstories
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RE: kamukta kahani यादें मेरे बचपन की
वो दोनों अपने कपड़े पहन चुकी थी और मैंने क्रीम के बारे में पूछा तो सोनी ने कहा- मैंने बोरोलीन लगा दी है… अब दर्द भी इतना नहीं है।
मेरी जान में जान आई… क्योंकि मैं तो डर गया था कि दर्द के कारण चाल में बदलाव किसी ने पकड़ लिया तो क्या होगा।
मैंने बेडशीट को बाल्टी में भिगो दिया और सोनी की मदद से नई चादर बिछा दी।
हम तीनों फिर से बैड पर अलग-अलग छोर पर बैठ गये, चुप्पी को तोड़ते हुए मैं शर्मिंदा होते हुए बोला- सोरी अनु… पर मैं अपने आप को रोक नहीं पाया..!!
‘रोक तो मैं भी अपने आप को नहीं पाई… पर यह अच्छा नहीं हुआ… हमको यह नहीं करना चाहिए था..’ अनन्या ने भी नज़रें नीची झुका कर कहा।
उसके चेहरे पर अपराध-बोध साफ दिखाई दे रहा था तो मैंने बात को हल्का बनने के लिए धीरे से कहा- पर सच कहना… मज़ा आया या नहीं…? मुझे तो बहुत मज़ा आया… तुम बहुत अच्छी हो अनु…!
अब अनन्या ने धीरे से मुस्कुरा कर मेरी बात में अपनी सहमति दर्शायी।
‘अभी तुम लोग अपने कमरे में जाकर सो जाओ… कल हम डैडी को कह कर उनका नया सीडी प्लेयर और पोर्टेबल टीवी अपने कमरे में मंगा लेंगें और फिर मेरे पास रखी पोर्न सीडी देखेंगे… सच में सीडी में गजब की क्लेअरिटी होती है।’ मैंने बात बदलते हुए कहा।
‘ठीक है… कल दोपहर में हम ये वीडियो देखेंगे… जब घर में सब सो रहे होंगे… ओके..?’ सोनी ने चहकते हुए कहा और दोनों एक-एक करके उठ के अपने कमरे की ओर चल दी।
अगले दिन सुबह मैं नित्यकर्म से निवृत हो कर नीचे पहुँचा, तब तक सब आ चुके थे।
मैंने अनन्या को इशारे में दर्द के बारे में पूछा पर उसने थोड़ा जोर से जवाब दिया- ठीक है अब… मैंने मम्मा को सब सच-सच बता दिया!
यह सुन कर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई कि अनन्या ने बुआ को क्या सच-सच बता दिया पर अगले ही पल उसी ने बात सँभालते हुए कहा- मैंने मम्मा को बता दिया है कि कैसे तुमने चीटिंग करके मुझे नीचे गिरा दिया जिससे मेरे पैर में चोट लग गई… ठीक से चला भी नहीं जा रहा… खैर, तुमको माफ किया, आज मैं तुमको गिराऊँगी!
मेरी जान में जान आई और साथ में मैंने मन ही मन अनन्या के दिमाग की दाद भी दी कि कैसे उसने अपनी चाल के बारे में स्थिति को संभाल लिया।
थोड़ी देर में मैंने सोनी को डैडी से बात कर के पोर्टेबल टीवी और सीडी प्लेयर को मेरे कमरे में ले जाने के लिए के लिए मनाने को कहा क्योंकि मैं जानता था कि डैडी उसकी बात नहीं टालेंगे।
एक ही मिनट में उसने डैडी को मना लिया और डैडी ने उसे कहा कि वो दोपहर में ऑफिस से किसी आदमी को भेजेंगे जो टीवी और सीडी प्लेयर मेरे कमरे में लगा जाएगा।
हम तीनों बहुत खुश थे कि सब अच्छे से हो रहा था।
तीनों ने चाय पी, मेरे कमरे में गये और बैठकर बातें करने लगे। सोनी सैक्स के बारे में जानने को बहुत ज्यादा उत्साहित थी तो मैं उसे मौखिक ज्ञान देने लगा।
दोनों मुझे एकाग्रता और उत्सुकता से सुन रही थी।
काफी देर सैक्स पर चर्चा होती रही और फिर मम्मी डांटने लगी तो हम तीनों ने दोपहर की योजना बनाई और सब ख़ुशी-ख़ुशी नहाने चले गये।
नहाकर मैं अपने दोस्तों के साथ फुटबाल खेलने चला गया, लगभग एक बजे वापिस आया और मम्मी-डैडी के रूम टीवी देखने लगा।
कुछ ही देर में मम्मी ने लंच करने के लिए आवाज लगाई तो मैं उठ
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