Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
08-05-2017, 12:34 PM,
#31
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
मेने उसकी टांगो को थोड़ा फैलते हुए अपनी जीब उसकी चूत के मुँह पर रख दी, "ओह आआआअहह ओह." उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी.

मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत के चारों तरफ फिरा रही थी कि बबिता ने मेरे सिर को पकड़ लिया और उसे अपनी ओर उठाते हुए पूछा, "दीदी तुम सही मे ये करना चाहती हो?"

"हां मैं तो करना चाहती हूँ, क्या तुम भी करना चाहती हो?" मेने उसकी चूत पर जीभ फिराते हुए कहा.

बबिता ने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और बोली, "ःआआआआण मीयेयिन कायर्नायये चाहती हूओन ऊहह प्रीईएटी मुझे प्याअर कारू."

उसकी चूत से उठ रही सुगंध मुझे बहोत अछी लग रही थी, में उसकी चूत का स्वाद भी लेना चाहती थी. मेने अपनी जीब उसकी चूत मे घुसाइ और चाटने लगी. उसकी चूत का स्वाद उसकी सुगंध से भी बेहतर था.

मेने अपने आपको ठीक उसकी टाँगो के बीच कर लिया और उसकी चूत को चाटने और चूसने लगी. चूत चूस्ते मेने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर डाल दी और अंदर बाहर करने लगी.

बबिता जोरों से सिसक रही थी, "ओह डीईईईड्डी चूऊवसो हाआँ और ज़ोर से ओह अया आआआआज़ तक किसीस ने मेरी चूओत को आईसीई नही चूवसा."

बबिता उत्तेजना मे अपने कूल्हे उपर को उठा मेरी जीब को और अंदर तक घुसाने की कोशिश करने लगी. उसने नीचे से खुल्‍हे उठाए और उपर से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया, मुझे लगा कि मेरी जीब उसकी बच्चेदानि को छू रही थी.

बबिता ज़ोर से चीखी, "हाआँ ख़ाा जाओ मेरी चूऊत को ओह हाां ऑश मेराअ चूऊओटा." कहकर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

बबिता की चूत भी मेरी चूत की तरह धार मार कर पानी छोड़ती थी. मैं अपने होठों से उसकी चूत को मुँह में भर लिया और उसका रस का स्वाद लेने लगी. मैं एक एक बूँद चूस चूस कर पी रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी जन्मों की प्यास बुझ रही थी.

बबिता निढाल होकर लेटी थी. मैं भी लेट कर अपनी उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल अब अंदर बाहर कर रही थी. मेरे बदन मे आग लगी हुई थी और में भी झड़ने को बेताब थी.

बबिता ने जब मुझे मुठियाते देखा तो पूछा, "दीदी क्या में तुम्हारी चूत को छू सकती हूँ?'

मेने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और बबिता अब मेरी टाँगो के बीच आ गयी. उसने धीरे से मेरी चूत पर हाथ फिराना शुरू किया.

मेने कई औरतों के साथ समय बिताया था पर ऐसा लग रहा था कि बबिता की उंगलियों मे जादू था. उसके हाथ लगाते ही एक अजीब नशा मेरे शरीर मे छा गया.

बबिता मेरे बदन को चूमते हुए नीचे की ओर आई और मेरी चूत को मुँह मे भर चूसने लगी. वो अपनी जीब को मेरी चूत के चारों और फिराते तो मुझे बड़ा अछा लगता. मैं भी उसकी पीठ को सहलाते हुए उसके चुतताड मसल रही थी.

बबिता ने मेरी जांघों को थोड़ा उठा कर अपने कंधे पर रख लिया जिससे मेरी चूत उपर को उठ गयी. उसने दोनो हाथों से मेरे कूल्हे पकड़ रखे थे और मेरी चूत मे अपनी ज़ुबान अंदर बाहर कर रही थी.

मैं उत्तेजना मे पागल हुए जा रही थी. मेने अपनी टाँगो को उसकी गर्दन मे फँसा लिया था और अपनी चूत को उँचा उठा उसके मुँह मे दबा रही थी.

मुझसे सहन नही हो रहा था, मेरे सारे शरीर मे मानो चीटियाँ रेंग रही थी, में चिल्ला रही थी, "ओह हाआअँ चूऊवसूओ ओह आअहह जूऊर सीई ओह."

बबिता अब और जोरों से मेरी चूत मे अपनी जीब और होठों का कमाल दिखा रही थी. मेरा झड़ने का वक़्त आ गया था मेने अपनी चूत को और दबाते हुए पानी छोड़ दिया, जैसे कोई बाँध टूट गया हो मेरी चूत पानी पर पानी छोड़ रही थी.

वो अपने होठों से मेरा सारा पानी पी गयी फिर ज़ुबान चारों ओर फिरा मेरे रस को चाट रही थी.

मैं निढाल हो अपनी सांसो पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी. बबिता मेरे बगल मे लेटते हुए बोली, "प्रीति मुझे नही पता था कि तुम इतनी गरम औरत हो?"

"हां और मुझे भी नही पता थी कि इतनी अच्छी तरह से चूत चूस्ति और चाट्ती हो?' मेने उसके होठों को चूमते हुए कहा.

"मुझे औरतों के साथ सेक्स करने में माज़ा आता है, क्या तुम्हारे पास कोई खिलोने है मज़े के लिए?" बबिता ने पूछा.

"हां दो है जो शायद तुम्हे पसंद आएँगे, वही जो उन लेज़्बीयन लड़कियों ने मुझे मनाली मे दिए थे." मेने उसे याद दिलाते हुए कहा.

"तब तो मज़्ज़ा आ जाएगा, में तो रुक नही सकती, और में रश्मि को भी अछी तरह से जान लेना चाहती हूँ." बबिता बोली.

"ज़रूर तुम्हारे जाने से पहले तुम्हे हर चीज़ का मज़ा मिलेगा ये मेरा वादा है." मेने कहा.

उसके बाद पूरे दिन हम बातें करते रहे. दोपहर को हमारा खेल एक बार फिर चला. शाम को प्रशांत अपने काम से वापस आया और हम दोनो को रात के खाने के लिए बाहर ले गया.
Reply
08-05-2017, 12:34 PM,
#32
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
राज, रश्मि और रवि ने घर पर ही रहना चाहा. मुझे नही मालूम था कि उन तीनो के दिमाग़ मे क्या था, में तो बस यही प्रार्थना कर रही थी कि जब हम वापस आएँ तो वो अपने कमरे मे हों.

प्रशांत रवि के बारे मे जानने के लिए बहोत उत्सुक था. मेने उसे बता दिया कि रवि राज का जिगरी दोस्त है और कुछ दिनो के लिए हमारे साथ रह रहा है. बबिता मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी.

मेने देखा कि प्रशांत मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही आकर्षित हो रहा था. मेने ध्यान दिया कि जब हम रेस्टोरेंट मे खाने की लिए घुसे तो प्रशांत ने मेरे कूल्हे हल्के से सहला दिए थे. पर उस रात ये हरकत उसने कई बार की पर हर बार अंजान बना रहा.

जब हम तीनो घर पहुँचे तो मेने चैन की सांस ली. राज रश्मि और रवि अपने कमरे मे थे, वरना मेने तो सोचा था कि वो तीनो यही हॉल मे चुदाई कर रहे होंगे.

हम तीनो ने एक दूसरे से विदा ली और में अपने कमरे मे आ गयी. प्रशांत और बबिता गेस्ट बेडरूम मे चले गये. थोड़ी ही देर मे मुझे उनके सिसकने और मादकता के शब्द सुनाई देने लगे. मेने चुप चाप सो गयी, किसी को मेरे और मेरी बेहन के रिश्तों के बारे मे पता नही चला था.

शुक्रवार की शाम मेरी बेहन के नाम

शुक्रवार की सुबह प्रशांत अपने काम से चला गया. मैं और बबिता दोनो दोपहर को खाने के टेबल पर बैठे थे कि रश्मि भी हमारे साथ आ बैठ गयी. शाम तक हम सब बातें करते रहे. बबिता रश्मि के साथ काफ़ी घुलमिल गयी थी.

शाम को मैं सब के लिए चाइ बनाने किचन मे चली गयी. वापस लौटती हूँ तो देखती हूँ कि रस्मी और बबिता नंगे हो सोफे पर 69 की मुद्रा मे हो एक दूसरे की चूत चूस रहे थे.

दोनो एक दूसरे की चूत चूस रहे थे और साथ एक दूसरे की गंद मे उंगली डाल अंदर बाहर कर रहे थे, जब वो दोनो झड़कर अलग हुए तो मेने कहा, "चलो चाइ तय्यार हो पी लो. मुझे तुम दोनो को एक मिनिट के लिए भी अकेले नही छोड़ना चाहिए था." मेने हंसते हुए कहा.

बबिता पहले बोली, "तुम सही कहती थी प्रीति, रश्मि से अछी चूत कोई नही चूस्ता, तभी मैं सोचूँ कि ये इतनी अछी टीचर कैसे बन गयी."

"बहुत आसान काम है बबिता, जब तुम्हारी जैसी गरम और मुलायम चूत सामने हो तो कोई भी चूस सकता, सही बोलू तो चाइ के स्वाद से तुम्हारी चूत का स्वाद मुँह से चला गया, मैं तो एक बार फिर तुम्हारी चूत चूसना चाहूँगी." रश्मि अपने होठों पर ज़ुबान फेरते हुए बोली.

"आज से ये चूत तुम्हारी है, तुम जब चाहो इसे चूस सकती हो काट सकती हो." बबिता ने अपनी चूत पे हाथ फेरते हुए कहा.

"ज़रा आराम से बबिता, तुम्हारे और प्रशांत के सामने अभी तो पूरी रात बाकी पड़ी है." मेने बबिता को याद दिलाते हुए कहा.

"बबिता तुम लोग एक काम क्यों नही करती, दो तीन दिन रुकने के बजाए पूरा हफ़्ता क्यों नही रुक जाते, साथ मे मौज मस्ती करेंगे बहोत मज़ा आएगा." रश्मि ने कहा.

"पता नही, प्रशांत को वहाँ ऑफीस मे काम है और फिर मेरा बेटा सन्नी भी तो सोमवार को घर आने वाला है." बबिता ने बताया.

"बबिता ये घर तुम्हारा है, तुम लोग जितने दिन चाहो यहाँ रह सकते हो. फिर तुम प्रशांत से बात करके तो देखो, शायद कोई रास्ता निकल आए, फिर तुम सन्नी को यही बुला लेना." मेने कहा.

"सुनकर तो अच्छा लग रहा है, में प्रशांत से बात करके देखूँगी." बबिता थोड़ा खुश होते हुए बोली.

"बबिता घड़ी देख लो, आज तुम्हे प्रशांत के साथ बाहर भी तो जाना है, चलो तय्यार हो जाओ?" मेने बबिता को एक बार फिर याद दिलाया.

"हां तुम सही कह रही हो, मुझे अभी नहाना भी है और फिर बाल भी तो बनाना है." कहकर बबिता बाथरूम की ओर जाने लगी.

"अगर तुम्हे ऐतराज़ ना हो तो क्या में तुम्हारे साथ शवर ले लूँ?" रश्मि ने बबिता से कहा.

"मुझे क्या ऐतराज़ होगा, बल्कि मुझे तो मज़ा आएगा." बबिता ने रश्मि का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ बाथरूम मे ले गयी.

"घड़ी पर नज़र रखना, प्रशांत टाइम का पाबंद है, मस्ती मे कहीं तुम समय को ही भूल जाओ." मेने पीछे से चिल्ला कर कहा.

करीब आधे घंटे बाद रश्मि बाथरूम से एक पारदर्शी गाउन पहने आई और सोफे पर बैठ गयी. दस मिनिट के बाद प्रशांत भी आया और पूछा, "बबिता कहाँ है?"

"वो गेस्ट रूम मे तय्यार हो रही है." मेने जवाब दिया. मेने गौर किया कि प्रशांत की नज़रें रश्मि के बदन पर गढ़ी हुई थी. वो उसके पारदर्शी गाउन से झलकते नंगे जिस्म को अपनी आँखों से नाप तौल रहा था.

"मैं भी जाकर तय्यार हो जाता हूँ." प्रशांत ने कहा.
Reply
08-05-2017, 12:34 PM,
#33
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
प्रशांत मूड कर गेस्ट रूम की ओर जाने लगा, मेने देखा कि उसका लंड खड़ा होकर पॅंट मे एक तंबू सा बन गया था. में सोच रही थी कि उसका लंड दिखने मे कितना बड़ा होगा? जिस हिसाब से सब कुछ हो रहा है, इससे ये सब मुझे जल्द ही पता लग जाएगा.

एक घंटे के बाद प्रशांत और बबिता तय्यार होकर आए. दोनो ही आज खूब सज धज कर आए थे. इन दोनो की जोड़ी वाकई मे बहोत ही सुन्दर लग रही थी. दोनो बाहर चले गये.

राज, रश्मि और रवि अपने दोस्तों के साथ बाहर चले गये. वो लोग रात को देरी से आने वाले थे, मैने खाना खाया और एक पतला सा गाउन बिना कुछ अंदर पहने सोफे पर बैठ पिक्चर देखने लगी. कब मुझे नींद आ गयी मुझे पता ही नही चला. मेरी आँख तब खुली जब प्रशांत और बबिता घर आए.

मेने उठ कर दरवाज़ा खोला और बबिता को अपनी बाहों मे ले लिया. उसकी सांसो से शराब की महक आ रही थी. उसने भी मुझे बाहों मे लेते हुए मेरी पीठ सहलाई और फिर नीचे की ओर अपने हाथ लेजाकार मेरे कूल्हे सहलाने लगी. प्रशांत के सामने वो ऐसा कर रही थी ये देख में चौंक गयी थी.

"प्रीति क्या तुम मेरी ड्रेस उतार दोगि प्लीज़?" बबिता ने मुझसे कहा.

प्रशांत अभी भी कमरे मे ही था और वो मुझसे खुद के कपड़े उतारने को कह रही थी. प्रशांत हॉल मे पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया और हमे देखने लगा. मेने आगे बढ़ कर उसकी ड्रेस को उतार दिया. उसकी नंगी पीठ पर में अपने हाथ फिराने लगी, उसके बदन को स्पर्श करते ही मुझे महसूस हुआ की मेरी चूत गीली हो गयी है.

"प्रीति प्लीज़ रुकना नही, तुम्हारा हाथ काफ़ी गरम है और मुझे अपने शरीर पर तुम्हारा हाथ काफ़ी अच्छा लग रहा है." बबिता उत्तेजना भरे स्वर मे बोली.

में अपने हाथों से उसके बदन को सहलाने लगी. में ये भूल चुकी थी प्रशांत कमरे मे ही मौजूद था. मैं उसके भरे भरे मम्मो को अपने हाथों मे ले मसल्ने लगी. उसके निपल तन कर खड़े हो चुके थे. मेने अपने होठ उसके होंठ पर रख दिए. फिर उसकी गर्दन को चूमते हुए मेने उसके कान की लाउ पर अपनी जीब फिराई फिर नीचे होते हुए उसकी चुचियों को चूसने लगी.

बबिता ने मेरा गाउन उठा उसे उतार दिया. फिर अपना हाथ मेरी चूत फिराते हुए उसने अपनी दो उंगली मेरी गीली चूत मे डाल दी. मेने अपने पावं को थोडा फैला उसकी उंगलियों को अपनी चूत मे जगह दी.

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपते हुए खड़े थे, बबिता ने मेरे चेहरे को अपने हाथों मे लिया और मेरे होठों को चूसने लगी, मेने कनखियों से प्रशांत की ओर देखा. प्रशांत अपनी पॅंट और शर्ट उतार चुक्का था. कुर्सी पर बैठे अपनी अंडरवेर नीचे घुटनो तक खिसकाए वो अपने तने लंड को मसल रहा था. उसका लंड रवि जितना लंबा और मोटा तो नही थी फिर भी दिखने मे काफ़ी अच्छा लग रहा था.

बबिता ने मेरे चेहरे को एक बार फिर अपनी ओर घुमाया और मेरे होठों पर अपने होठ रखते हुए अपनी जीब मेरे मुँह मे घुसा दी. फिर अपने पावं की मदद से उसने मेरे पावं को थोडा फैलाया और एक बार फिर अपनी उंगलिया मेरी चूत मे डाल दी.

बबिता अब घुटनो के बल मेरे सामने बैठ गयी, पहले उसने मेरे पेट को चूमा फिर मेरी नाभि को और अब मेरी चूत के उपर अपनी ज़ुबान घूमाने लगी. मेने अपने हाथों से उसके सिर को अपनी चूत पर दबा दिया. बबिता ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत को थोड़ा फैलाया कि मेरी चूत से पानी टपक कर उसकी उंगलियों पर गिर पड़ा, वो उस पानी को अपनी जीब से चाटने लगी.

"ओह बाआबबीइता ओह बाआबिता." में बड़बड़ा रही थी.

"क्या रुक जाउ में?" बबिता ने हंसते हुए पूछा.

"नही, अच्छा लग रहा है, पर प्रशांत क्या सोचेगा." मेने कहा.

"प्रशांत को पता है." उसने कहा.

"पता है, क्या पता है?" मेने खुद से पूछा, मेने गर्दन घुमाई तो देखा वो अपने लंड को पकड़े जोरों से मूठ मार रहा था.

बबिता ने अपनी उंगली मेरी चूत से बाहर निकाली और चाट कर एकदम साफ कर दी. उसने एक बार फिर अपनी उंगली मेरी चूत मे डाली और फिर मेरे रस से भीगी अपनी उंगली को बाहर निकाला और मेरे मुँहे मे दे दी.

"लो अपने रस का स्वाद चाखो?" उसने कहा.

लगता था कि शराब का नशा उसे चढ़ा हुआ था. आज वो ज़्यादा उत्तेजित लग रही थी. मेने खूब जोरों से उसकी उंगलियों को चूसने लगी. बबिता ने अपने मुँह को मेरी चूत पर रखा और जोरों से चूसने लगी. उसका चेहरा मेरी गुलाबी चूत मे पूरी तरह से छुपा हुआ था और उसकी तीन उंगलिया मेरी चूत के अंदर बाहर हो रही थी.

बबिता ने मेरे कूल्हे पकड़े और अपने मुँह पर और जोरों से दबा दिए. उसकी जीब मेरी चूत के चारों और घूमाते हुए चाट रही थी. मुझे लगा की मानो आज बबिता पागल हो गयी है, वो इतनी जोरों से मेरी चूत को चूस और चाट रही थी.

मेरी साँसे तेज हो गयी थी, जिसकी वजह से मेरी छातियाँ उपर नीचे हो रही थी. गहरी सांस लेते हुए मेने उसके सिर को और जोरों से अपनी चूत पर दबाया और पानी छोड़ दिया. बाहिता का पूरा चेहरा मेरे पानी से भीग गया था. में थक कर नीचे ज़मीन पर लुढ़क गयी.

मेने प्रशांत की ओर देखा, वो अब भी एक हाथ से अपने लंड को पकड़े मूठ मार रहा था और दूसरे हाथ से अपने अंडकोषों को सहला रहा था.

"क्यों ना हम बेडरूम मे चलते है? बच्चे कभी यहाँ आ सकते है." मेने एक कमज़ोर आवाज़ मे कहा.

वैसे तो राज, रश्मि और रवि को आनंद आता हमे इस हालात मे देखकर पर मे नही चाहती थी कि आज ये सब हो. जैसे हम कमरे में पहुँचे मेने बबिता को पलंग पर धकेल दिया और उसकी टाँगों को फैला दिया. अब में उसकी चूत वैसे ही चूसने जा रही थी जैसे उसने मेरी चूत थोड़ी देर पहले चूसी थी.

बबिता की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मैं हल्के से अपनी ज़ुबान उसकी चूत के चारों और घूमाने लगी. में थोड़ी देर उसे तड़पाना और चिढ़ाना चाहती थी. उसने अपनी उंगली अपनी चूत मे डालने की कोशिश पर मेने उसके हाथ को झटक दिया.

बबिता ने एक बार फिर कोशिश की तो मेने उसके हाथों को उसके सिर के पीछे कर दिया और प्रशांत को मदद के लिए बुलाया. प्रशांत अब पूरी तरह नंगा हो चुक्का था, और जब उसने अपनी बीवी के हाथों को कस कर पकड़ा तो उसका तना हुआ लंड बबिता के चेहरे के ठीक सामने था.

में जोरों से अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर फिरा रही थी. उसकी चूत और गरम और कड़ी होती जा रही थी. पर मेरे मन में तो आज उसकी चूत के साथ पूरी तरह खेलने का था, में बिस्तर से उठी और अपनी अलमारी से एक डिल्डो निकालने लगी.

"इसे कस के पकड़ के रखना?" मेने प्रशांत से कहा.

"प्रीति तुम क्या कर रही हो? कहाँ जा रही हो, प्लीज़ यहाँ वापस आओ मेरी चूत चूसो मुझे झड़ना है." बबिता सिसक कर बोली.

तभी बबिता ने मुझे अलमारी से वो नकली लंड निकालते देखा, "ये क्या हो रहा है, तुम इसके साथ क्या करने वाली हो?' वो थोड़ा डरते हुए पूछी.

"अब स्थिति तुम्हारे बस मे नही है बबिता, ये नकली लंड तुम्हे वासना उत्तेजना की उचाइन्यो तक ले जाएगा ये में जानती हू." मेने कहा.
Reply
08-05-2017, 12:34 PM,
#34
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
ये नकली लंड प्रशांत के असली लंड से काफ़ी मोटा और लंबा था, मेने उसे बबिता की चूत मे घुसाया और वो अपनी चूत को सिकोडते हुए उसे अंदर लेने लगी.

"ओह नाआआः इसस्स्ससे बाहर निकककककककाअलो बहूओत बद्ददडा और मूटा ःआईईई." बबिता दर्द से चिल्ला उठी.

"थोड़ा आराम से काम लो, पहले इसे तुम्हारी चूत मे तो घुसने दो, थोड़ी देर में तुम इस लंड की भीख माँगोगी." प्रशांत ने अभी बबिता के हाथों को पकड़ रखा था और में अब उसकी चूत मे वो नकली लंड अंदर बाहर करने लगी.

में अब वापस उसकी चूत चाटने लगी, साथ ही उस लंड को अंदर बाहर करती रही. थोड़ी देर मे बबिता भी अपने चुतताड उछाल उस लंड का मज़ा लेने लगी, और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसका रज लंड के साथ बहते हुए मेरे मुँह मे आ गया. मेने पहले उसकी चूत खूब चूस कर उसका सारा पानी पिया फिर उस नकली लंड को चाट साफ कर दिया.

"क्या अब तुम असली लंड लेने के लिए तय्यार हो?" प्रशांत ने अपनी बीवी से पूछा.

बबिता के मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी इसलिए उसने सिर्फ़ गर्दन हिला कर हां की. प्रशांत ने उसके हाथ छोड़ दिए और घूम कर उसकी टाँगो के बीच आ गया. उसने बबिता की दोनो टाँगे अपने कंधे पर रख ली और अपना लंड एक ही धक्के मे पूरा उसकी चूत मे घुसा दिया.

प्रशांत को बबिता को चोद्ते देख में फिर से गरमा गयी थी. मैं उठ कर बबिता के मुँह पर बैठ गयी और अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी. मेने अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ रही थी और प्रशांत ज़ोर के धक्कों से उसकी चूत चोद रहा था. थोड़ी देर बाद प्रशांत बिस्तर पर से उठ कर खड़ा हो गया. बबिता मेरी चूत चूसे जा रही थी.

में अपने हाथों से अपनी चूत को मसल रही थी और बबिता जोरों से चूसे जा रही थी. थोड़ी ही देर मे मेरा शरीर आकड़ा और मेरी चूत ने मेरी बेहन के चेहरे पर पानी छोड़ दिया. में लुढ़क कर मेरी बहन के बगल मे गिर पड़ी.

प्रशांत ने तब तक उस नकली लंड पर बेल्ट बाँध दी थी. उसने मेरी तरफ देखा और वो लंड मुझे पकड़ा दिया.

"इसे बांधो और बबिता को छोड़ो." उसने थोड़े उतावले स्वर मे कहा.

मैं बिस्तर से उठी और उस नकली लंड कि बेल्ट को अपनी कमर पर बाँध लिया. फिर मे बिस्तर पर आकर अपनी बेहन की टाँगो के बीच आ गयी और वो नकली लंड उसकी चूत मे घुसा दिया.

प्रशांत आकर बबिता के पेट पर बैठ गया और उसके दोनो मम्मो के बीच अपना लंड सटा दिया. अब वो उसके दोनो मम्मो को पकड़ अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था. जब भी उसका लंड बबिता के मुँह के पास आता तो वो उसे जीभ से चाट लेती.

कुछ देर इसी तरह करने के बाद प्रशांत उसके पेट पर से उठा और डिस्टर पर पेट के बल लेट गया. मेने प्रशांत के इशारे पर डिल्डो बबिता की चूत से बाहर खींच लिया.

"बबिता अब तुम मेरी चुदाई करो?" प्रशांत ने कहा.

बबिता उठ कर प्रशांत पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी चूत मे ले उपर नीचे हो उसे छोड़ने लगी. में बबिता के पीछे आ गयी और प्रशांत के आंडो से खेलने लगी. फिर धीरे से मेने अपनी एक उंगली प्रशांत की गांद मे घुसा दी.

मेरी इस हरकत से प्रशांत अचानक उछल पड़ा. बड़ी मुस्किल से बबिता अपने आपको गिरने से बचा पाई. डिल्डो अभी भी मेरी कमर से बँधा हुआ था. मेने बबिता के पीछे से वो डिल्डो उसकी गांद मे घुसा दिया. प्रशांत और बबिता थोड़ी देर के लिए रुक गये, जिससे डिल्डो आसानी से बबिता की गंद मे घुस सके.

अब हम तीनो धक्के लगा रहे थे. प्रशांत नीचे से धक्के लगाता और मैं पीछे से उसकी गांद मे. तीनो पसीने से लठ पथ हो चुदाई कर रहे थे. में उसकी पीठ सी चिपक सी गयी थी, में अपनी चुचियों को उसकी छाती पर रगड़ते हुए जोरों से धक्के मार रही थी.

"ओह आआआहह ओह हीई भाआगवाां मेराा चूऊओटाआ." बबिता सिसक रही थी.

"हाआँ राआनी चूऊद डूऊ अपन्‍न्णना प्ाअनी, चूऊओ दो साब पानी मेरी लुंदड़ड़ पर." प्रशांत अपने कूल्हे उठाते हुए बोला.

एक आखरी धक्का लगाते हुए प्रशांत ने अपने वीर्य की बौछार अपनी पत्नी की चूत मे छोड़ दी, वहीं बबिता ने उसके लंड को अंदर तक ले पानी छोड़ दिया.

मेने वो नकली लंड उसकी चूत से निकाल दिया. बबिता प्रशांत के शरीर से हट बिस्तर पर लुढ़क गयी और में उसकी टाँगो के बीच आ उसकी चूत से उसका और प्रशांत का वीर्य चूसने और चाटने लगी.

प्रशांत मेरे पीछे आ गया और मेरी चूत मे उंगली डाल मेरी गांद के छेद पर जीभ फिराने लगा. फिर उसने एक उंगली मेरी गांद मे डाल दी. अब वो मेरी चूत और गांद मे साथ साथ उंगली अंदर बाहर कर रहा था. में बबिता की चूत चूसे जा रही थी.

प्रशांत ने अब अपने लंड को मेरी गांद पर लगाया और एक धक्के मे पूरा लंड अंदर तक घुसा दिया. फिर वह अपनी उंगली से मेरी चूत और लंड से मेरी गांद चोद रहा था.

"हाां आईसससे ही चूओड़ो मेरी गाआं ऊहह आआआः आाज भर दो मेरी गाआं को आअपँे प्ाअनी से." में सिसक रही थी.

प्रशांत ने बालों को पकड़ा और मेरे सिर को अपनी बीवी की चूत पर दबाते हुए इतनी ज़ोर का धक्का मारा कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा वीर्य उसकी उंगलियों को और बिस्तर की चादर को भिगो रहा था.

बबिता ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया और प्रशांत ने पीछे मेरी गांद मे. हम तीनो निढाल हो बिस्तर पर लेट गये. हमारी सांसो की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी.

हम तीनो सुस्ता रहे थे कि कमरे की शांति रश्मि की आवाज़ से भंग हुई, "ये प्राइवेट पार्टी है या हम सब भी इसमे शामिल हो सकते है."

हम तीनो ने देखा कि दरवाज़े पर राज, रश्मि और रवि एक दम नंगे खड़े हमें ही देख रहे थे.

टू बी कंटिन्यूड………………..
Reply
08-05-2017, 12:34 PM,
#35
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......

में बबिता और प्रशांत दरवाज़े पर खड़े राज, रश्मि और रवि को देख रहे थे. तीनो पूरी तरह से नंगे थे. रश्मि ने तो कोई जवाब का इंतेज़ार भी नही किया और डिल्डो को उठा अपनी चूत मे घुसा लिया.

प्रशांत और बबिता रश्मि को घूर रहे थे. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और रश्मि को अपने उपर खींच डिल्डो के दूसरे सिरे को उसकी चूत मे घुसा दिया.

"अब तुम्हारी तीहरि चुदाई की बारी है, तुम्हारे पति को थोड़े आराम की ज़रूरत है इसलिए उनकी जगह मेने ले ली है." रश्मि ने कहा.

एक बार वो डिल्डो अछी तरह रश्मि और बबिता की चूत मे घुस चुका था, राज ने पीछे से अपना लंड उसकी गंद मे डाल दिया और रवि ने अपना लंड उसके मुँह मे दे दिया.

बबिता अस्चर्य भरी नज़रों से रवि के मोटे लंड को देख रही थी. उसके लंबे लंड को अब वो जोरों से चूस रही थी और अपने मूठ मे ले मसल भी रही थी. बीच मे वो उसके लंड को अपने थूक से भिगोति और फिर उसे चूसने लगती.

बबिता की अब तीहरी चुदाई हो रही थी. रश्मि नीचे से उसकी चूत मे धक्के मार रही थी और पीछे से राज उसकी गांद मार रहा था. रश्मि नीचे से धक्के मारते हुए खुद कितनी बार झड़ी उसे याद नही.

बबिता की चूत इस सामूहिक चुदाई से इतना पानी छोड़ रही थी जैसे कोई बाँध टूट गया हो. राज ने जोरों से धक्का मारते हुए उसकी गंद मे अपना वीर्य छोड़ दिया. रवि सबसे आख़िर मे झाड़ा, पर शायद बबिता इसके लिए तय्यार नही थी.

रवि के लंड ने जोरों का फावरा बबिता के मुँह मे छोड़ा, इसके पहले की बबिता उस वीर्य को निगलती दूसरी पिचकारी ने फिर उसके मुँह को भर दिया. रवि का वीर्य उसके मुँह से बहता हुआ उसकी तोड़ी से होता हुआ उसकी चुचियों पर गिर रहा था.

रश्मि ने बबिता को अपने पास खींचा और उसेक होठों से और चेहरे से रवि के वीर्य को चाटने लगी. उसने पूरा वीर्य चाट कर बबिता का चेहरा सॉफ कर दिया.

प्रशांत और बबिता, रश्मि राज और रवि के व्यवहार से चौंक से गये थे. ठीक है सेक्स उन्हे भी अच्छा लगता था पर इतना खुल्लम खुल्ला और सामूहिक चुदाई के ये आनंद उन्हे और उत्तेजित कर गया था.

बबिता को मेने सब पहले से बताया था, पर सुनने मे और हक़ीकत मे ऐसी चुदाई करने मे ज़मीन आसमान का फ़र्क था. प्रशांत का लंड बबिता की चुदाई देखकर एक बार फिर खड़ा हो गया था. वो रश्मि की गांद मे लंड डाल उसे चोदना चाहता था.

रश्मि इसके लिए तय्यार होगयि सिर्फ़ इस शर्त पर कि उसे बबिता की चूत चूसनी है. प्रशांत को रश्मि की गांद मारने मे मज़ा आया और थोड़ी ही देर मे वो झाड़ गया. रश्मि जोरों से बबिता की चूत चूस रही थी और साथ ही साथ डिल्डो उसकी गंद मे घुसा अंदर बाहर कर रही थी.

जब प्रशांत झाड़ कर अलग हो गया तो रश्मि इस अंदाज़ मे घूमी कि उसकी चूत अब बबिता के मुँह पर थी. बबिता ने रश्मि से वो डिल्डो ले लिया और रश्मि की चूत मे घुसा दिया, साथ ही वो उसकी चूत को अपनी जीब से चाट रही थी.

"ओह बब्ब्बीटा चूओत मे नाहि मेरी गाअंड मे डालो इसे." रश्मि सिसकते हुए बोली.

बबिता ने वो डिल्डो उसकी गंद मे घुसा अंदर बाहर करने लगी, और उसकी चूत को चूसने लगी. दोनो एक दूसरे की चूत को चूस रहे थे, ये नज़ारा लड़कों के लंड को खड़ा करने के लिए काफ़ी था.

तीनो जाकर बबिता के पास खड़े हो गये और अपने अपने लंड मसल्ने लगे. रश्मि के हटते ही रवि नीचे लेट गया और बबिता को अपने उपर करते हुए अपना लंड उसकी चूत मे घुसा दिया.

प्रशांत उसकी पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गांद मे घुसा धक्के मारने लगा. और मेरा बेटा अपनी मासी के मुँह को छोड़ने लगा. आज की रात सही मे बबिता के नाम थी. उसके शरीर का एक भी ऐसा छेद नही बहका था जो छुड़ा ना हो. बबिता की चूत पानी पर पानी छोड़े जा रही थी. वो कितनी बार झड़ी अब तो ये गिनती भी याद नही थी.

"हे बबिता में रवि के लंड को अपने लंड से टकराते महसूस कर रहा हूँ." प्रशांत खुशी से चिल्लाया.

बबिता के दोनो छेद दोनो लंड से फैल गये थे. उसका शरीर आकड़ा और एक बार फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. राज ने उसके मुँह मे पानी छोड़ दिया. थोड़ी देर बाद रवि और प्रशांत ने साथ साथ उसकी चूत और गांद मे पानी छोड़ दिया. बबिता उत्तेजना मे काँप रही थी.

"हे भगवान अब और सहन नही होता, प्लीज़ में थक गयी हूँ थोड़ा आराम करना चाहती हूँ." बबिता ने कहा.

सब कोई बुरी तरह थक गये थे और हम सबने ये तय किया कि अब सो जाना चाहिए. पूरा रविवार पड़ा था मज़ा करने के लिए. रात के साथी बदल गये थे, प्रशांत रश्मि के साथ, रवि बबिता के साथ और राज मेरे साथ. मुझे पता था कि बबिता को सुबह जब रवि अपने खड़े लंड से जागेगा तो उसे क्या मिलने वाला था.

रविवार एक मस्ती का दिन

रविवार की सुबह मुझे ऐसा महसूस हुआ कि किसी का लंड मेरे छूतदों मे चुभ रहा है. मैं ये भूल गयी थी कि रात मे कौन मेरे साथ सोया था पर वो जो कोई भी था काफ़ी उत्तेजित था. उसके हाथ मेरी छाती पर आए मेरे मम्मो को मसल्ने लगे. वो अपनी उंगलियाँ मेरी निपल पर इस तरह फिराने लगा कि मेरे शरीर मे भी गर्म आ गयी.

"गुड मॉर्निंग मा! सुबह सुबह अगर मैं तुम्हारी गांद मारू तो तुम्हे बुरा तो नही लगेगा?" राज ने मुझसे पूछा.

अब मुझे याद आया राज मेरा बेटा मेरे साथ सोया था, और उसकी बीवी रश्मि मेरे जीजाजी यानी प्रशांत के साथ सोई थी, और मेरी बेहन बबिता रवि के साथ.

राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और साथ साथ ही मेरी चूत मे अपनी उनली डाल अंदर बाहर करने लगा. वो इतना उत्तेजित था कि ज़्यादा देर नही ठहर सका और उसके लंड ने मेरी गंद मे पानी छोड़ दिया. उसने अपना लंड बाहर निकाला और बाथरूम मे चला गया. थोड़ी देर बाद वो नहा कर और कपड़े पहन बाहर आया.
Reply
08-05-2017, 12:35 PM,
#36
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
"में किचन मे जाकर कॉफी बनाता हूँ." कमरे से जाते हुए राज ने कहा.

में भी बिस्तर से उठी और बाथरूम मे घुस नहाने लगी. कपड़े पहन मे बाहर आई तो मेरा मन किया क्यों ना देखा जाए की सुबह सुबह सब क्या कर रहे है. किसी ने भी अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नही किया था इसलिए देखना और सुनना आसान था. मेने बबिता के कमरे मे झाँक कर देखा और मेने जैसा सोचा था वैसे ही रवि उसे चोद रहा था.

"ऑश हीए भाआगवान राआवी और नहिी अब मुझमईए टकककत नहिी है रुक्क्क जाआओ." बबिता सिसक रही थी.

जैसे मुझे उमीद थी रवि बाथरूम मे पिशाब कर के आया और अपना लंड बबिता के मुँह के सामने कर दिया. मुझे पता था कि वो ज़्यादा देर नही रुक पयाएगा और उसके लंड ने बबिता के मुँह को भर दिया. हर बार की तरह रवि के लंड ने इतना पानी छोड़ा की बबिता उसे निगल ना पाई और वो पानी बबिता की तोड़ी से होता हुआ उसकी चुचियों पर गिर रहा था.

रवि ने अपने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाला और उसके चेहरे से वापस सब वीर्य को लगा उसके मुँह मे फिर से लंड घुसा दिया. बबिता उस वीर्य को अपनी जीब से चाटने लगी.

मेने उन दोनो को वहीं छोड़ा और रश्मि के कमरे के बाहर आ गयी. रश्मि घोड़ी बनी हुई थी और प्रशांत पीछे से उसकी गांद मार रहा था.

"ओह आआआअ राअष्मम्मी मीराअ एक बाअर फिर्र चूओत रहा है." प्रशांत बड़बड़ा रहा था.

"हाां चूओद आपना सारा पानी मेर्र्री गांद मे ऑश हाअ कितना गरम प्ाअनी हाऐी तुम्हारा." रश्मि सिसक रही थी.

मुझे विश्वास नही हो रहा था कि मेरे घर मे चुदाई का ऐसा खुला दौर भी कभी चलेगा. मैं किचन मे आई और नाश्ता और कॉफी बनाने मे राज की मदद करने लगी. हम दोनो बाकी सब के आने का इंतेज़ार करने लगे.

नाश्ते के टेबल पर हम प्रशांत और बबिता के आने वाले साप्ताह के बारे मे बात करने लगे. प्रशांत ने कहा कि वो आज रात अपने घर चला जाएगा और दूसरे दिन ऑफीस मे छुट्टी की अप्लिकेशन देकर सन्नी उनके बेटे के साथ कल शाम तक वापस आ जाएगा.

प्रशांत मुस्कुराते हुए रश्मि की ओर देख रहा था, "और पूरे हफ्ते तुम्हारी गांद मारने को मिल जाएगी."

रश्मि टेबल से खड़ी हुई और अपनी गंद उसके सामने नाचते हुए बोली, "कल से क्यों अभी से हर समय मार सकते हो."

रश्मि की ये अदा देख सब हँसने लगे. हम सबने नाश्ता ख़तम किया. हम टेबल सॉफ कर रहे थे कि देखा रश्मि और प्रशांत वापस कमरे मे चले गये थे. शायद जाने से पहले वो रश्मि की गंद एक बार और मारना चाहता था, मेने सोचा.

थोड़ी देर बाद प्रशांत अपने काम से चला गया. में और बबिता ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ बातें करने लगे. राज रश्मि और रवि घूमने के लिए बाहर गये हुए थे. करीब तीन घंटे बाद वो वापा आए और हमारे पास बैठ गये.

बबिता हमे अपने बेटे सन्नी के बारे मे बताने लगी. वो बता रही थी कि सन्नी एक अजीब ही लड़का है. इस जवानी मे भी कॉलेज मे उसकी कोई लड़की दोस्त नही है. ना ही वो दोस्तों के साथ बाहर जाता है ना ही उसने आज तक कोई गर्लफ्रेंड बनाई थी. जब भी वो उससे इस विषय पर बात करती थी तो वो हमेशा ये कह कर टाल देता था कि उसे पढ़ाई से ही फ़ुर्सत नही मिलती है.

"शायद उसे लड़को मे दिलचस्पी हो!" रश्मि ने पूछा.

"रश्मि तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है." में उसपर चिल्ला पड़ी.

तभी बबिता बोली, "प्रीति ऐसा हो सकता है, कई बार मेरे भी मन मे यही विचार आया है."

"बबिता तुम चिंता क्यों कर रही हो." रवि ने कहा, "इस साप्ताह वो यहाँ आ ही रहा है हम सब को पता चल जाएगा कि उसकी दिलचस्पी किस चीज़ मे है."

"अगर वो गन्दू हुआ तो हम उसे लड़कियों को चोदना भी सिखा देंगे." राज ने हंसते हुए कहा."

"इस काम के लिए तो में ही काफ़ी हूँ, में उसे ऐसी चुदाई की शिक्षा दूँगी कि वो कभी भूल नही पाएगा." रश्मि मुस्कुराते हुए बोली.

राज खड़ा हुआ और अपना प्लान बताने लगा, "सन्नी सोमवार की रात को प्रशांत के साथ आ रहा है. मंगलवार को जब प्रशांत काम पर चला जाएगा तब तुम तीनो औरतों शॉपिंग के लिए चले जाना और सन्नी को मेरे और रवि के साथ छोड़ देना. इस दौरान में उससे खुल जाउन्गा और पटा लूँगा कि उसे क्या पसंद है."

"जब हमे उसकी पसंद पता चल जजयगी तो आगे उस हिसाब से पेश आएँगे." रवि ने कहा.

बबिता को राज का सुझाव पसंद आया और वो मान गयी. वो ये जानना चाहती थी कि कहीं उसका बेटा गान्डू तो नही है. उसे विश्वास था कि राज और रवि, अगर सन्नी को लड़कों मे दिलचस्पी हुई तो उसकी सोच को बदल उसे लड़कियों की तरफ आकर्षित कर देंगे.

उस रात हम सब खाने के लिए बाहर गये. रात के खाने के बाद हम सब नाइट ड्रेस पहन हॉल मे इकट्ठा हो गये. जब सोने का समय आया तो सब मेरे कमरे मे इकट्ठा हो गये. बबिता हमारी मेहमान थी इसलिए उसकी पसंद पहले थी कि वो रात किसके साथ गुज़ारे.

हम सब कपड़े उतार कर नंगे हो गये. पहले मैं अपना सिर बबिता की जांघों मे गुसा उसकी चूत चूसने लगी, वहीं रश्मि उसकी चुचियों को चूस रही थी. जब बबिता पूरी तरह गरमा गयी तो रवि उसकी टाँगो के बीच आ गया और अपना मूसल लंड उसकी चूत मे घुसा दिया.

रवि उसे इतनी जोरों से चोद रहा था कि बबिता कम से कम तीन चार बार झड़ी होगी. रवि ने भी उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. पूरी रात हम पाँचो जोड़े बदल बदल कर चुदाई करते रहे. फिर आख़िर तक कर सब गहरी नींद मे सो गये.

सोमवार सन्नी का आगमन

सोमवार की सुबह मेरी आँख खुली तो मेने पाया कि रश्मि मेरी चूत चूस रही है. जैसे ही मेरा पानी छूटा मेने उसके चेहरे को प्यार से सहलाया, "ऑश रश्मि तुम कितनी आछी हो कितने प्यारे तरीके से तुमने मुझे नींद से जगाया है."

"राज अभी तक सो रहा है, तो मेने सोचा क्यों ना तुम्हे इस तरीके से जगाया जाए. क्या तुम अपनी जीब का कमाल दिखाने को तय्यार हो?" रश्मि ने मुझ से पूछा.

में मुस्कुरई और उसकी टाँगो के बीच आ गयी. में उसकी चूत को चाटने और चूसने लगी. उसकी चूत का स्वाद हर बार की तरह स्वादिष्ट था. उसे भी झड़ने में ज़्यादा देर नही लगी. उसकी चूत के रस ने मेरे चेहरे को पूरी तरह भर दिया.
Reply
08-05-2017, 12:35 PM,
#37
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
हम दोनो उठ कर तय्यार हुए और किचन मे जाकर सब के लिए कॉफी बनाने लगे. में और रश्मि डाइनिंग टेबल पर अपनी कॉफी पी रहे थे की बबिता भी आ गयी. वो पूरी तरह से थॅकी हुई लग रही थी. वो अधमरी हालत मे कुर्सी पर बैठ गयी और अपने लिए कॉफी डालने लगी.

"रवि कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.

"वो बाथरूम मे नहा रहा है. रश्मि रवि मे बड़ी ताक़त है, दिन रात चुदाई करके वो कभी थकता नही है?" बबिता गहरी साँस लेते हुए बोली.

"क्या सुबह भी उसने तुम्हारी चुदाई की थी?" रश्मि ने उसे चीढ़या.

"बड़ा बेरहम है रवि, सुबह पूरे एक घंटे तक वो मुझे चोद्ता रहा. फिर पिशाब करने के बाद उसने मेरी गांद मारी और उसे अपने वीर्य से भर दिया. जब वो मेरी गांद मार रहा था तो मुझे लगा कि में किसी घोड़े से चुदवा रही है." बबिता ने बताया.

"तुम्हारी गांद कैसी है, कहीं फॅट तो नही गयी?" मेने अपनी बेहन से पूछा.

"नही फटी तो नही है, पर थोड़ी सूज गयी है और दर्द भी काफ़ी हो रहा है." बबिता ने कहा.

"रवि के लंड को अपनी गंद मे झेलने मे तुम्हे थोड़ा वक्त लगेगा. उसका लंड सही मे काफ़ी मोटा और लंबा है." मेने अपनी बेहन से कहा.

"हाँ अब तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा बन गयी हो. इस घर की हर औरत ने रवि के लंड अपनी गंद मे लिया है." रश्मि हंसते हुए बोली.

थोड़ी देर मे राज और रवि भी आ गये. नाश्ता करते हुए हम सभी ने तय किया कि हम सब सन्नी के साथ ठीक से पेश आएँगे. हम अपने साथी के साथ ही सोएंगे जिससे उस बच्चे को कोई शक़ ना हो. रवि उसके साथ उसके कमरे मे सोएगा. घर अब कोई नंगा नही घूमेगा और ना ही खुले आम कोई चुदाई करेगा. बबिता को प्रशांत की लगाम पकड़ कर रखनी होगी जिससे वो रश्मि की गंद के पीछे ना भागे.

बाकी के सारे दिन हम हँसी माज़ाक करते रहे. पर रश्मि राज और रवि कहाँ मानने वाले थे. दोपहर को भी उन तीनो ने जम कर चुदाई की.

दोपहर को हम पाँचो छत पर बैठे थे. रश्मि बबिता की तेल से मालिश कर रही थी. थोड़ी देर बाद बबिता रश्मि के शरीर की मालिश करने लगी. वो रश्मि के पीठ पर, पैरों पर और चूतड़ पर तेल मसल रही थी. तभी बबिता ने अपनी एक उंगली उसकी गंद मे घुसा दी.

"क्या गंद के अंदर ही मालिश करोगी?" रश्मि ने पूछा.

"नही चूत की भी करूँगी, ज़रा घुमो तो?" बबिता ने कहा.

रश्मि घूम कर पीठ के बल लेट गयी. बबिता ने अपने हाथों मे थोड़ा तेल लिया और उसकी चुचियों की मालिश करने लगी. वो उसके निपल को हल्के से भींच देती. फिर बबिता ने अपना हाथ नीचे की ओर बढ़ाया और उसकी चूत की चारों तरफ तेल की मालिश करने लगी.

रश्मि की साँसे तेज होने लग गयी थी. बबिता ने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर डाल दी थी. अब वो धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.

बबिता ने रश्मि की चूत मे उंगली अंदर बाहर करते हुए अपनी एक उंगली उसकी गांद मे घुसा दी. फिर उसने अपना सिर नीचे झुका अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया. अब वो उसकी गांद मे उंगली करते हुए उसकी चूत को चूस रही थी.

"ओह आआआआआं हााआआं चूऊऊओसो मेरिइइ चूऊत को ऑश." रश्मि उत्तेजना मे चिल्ला रही थी.

बबिता राशिमी की गंद मे उंगली किए जा रही थी और उसकी चूत को जोरों से चूस रही थी की रश्मि का शरीर ज़ोर से आकड़ा. रश्मि ने अपने हाथों से बबिता के सिर को अपनी चूत पर दावा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. बबिता ने अपना मुँह पूरा खोल उसकी चूत को मुँह मे भर लिया और उसका रस पीने लगी.

"ओह बबिता मज़ा आ गया, तुमने इन दीनो में काफ़ी सीख लिया है कि किसी औरत की चूत कैसे चूसी जाती है, लाओ अब में तुम्हारी चूत चूस दूं." रश्मि ने कहा.

बबिता भी उत्तेजना मे पागल हो रही थी, उसे भी अपनी चूत का पानी छुड़वाना था. बबिता बिस्तर पर पट लेट गयी और राशनी उसकी टाँगो के बीच आ गयी. रश्मि ने उसकी चूत को अपने मुँह भर चूसने लगी.

"रश्मि अपनी उंगली मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करो ना?" बबिता गिड़गिडाई.

रश्मि ने अपनी उंगली पर थोड़ा तेल लगाया और उसकी गंद मे पहले एक उंगली फिर दो उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. इस दोहरे मज़े से बबिता सिसक पड़ी. "ओह हाां राआहमी आईससीई ही करूऊ बहुत आछःःआ लग रहा हाईईइ."

इतने मे राज और रवि अपने खड़े लंड को लेकर दोनो औरतों के पास आ गये, "क्या तुम दोनो कुछ हमारी मदद कर सकती हो?" रवि ने अपने लंड को हिलाते हुए कहा.

रश्मि ने राज को पीठ के बल बिस्तर पर लिटा दिया फिर बबिता को उसके उपर चढ़ा उसके लंड को उसकी गांद मे डाल दिया. रवि इस तरह से बबिता के सामने खड़ा हो गया कि उसका लंड ठीक उसके मुँह के सामने था. बबिता अपना मुँह खोल उसके लंड को अंदर ले चूसने लगी.

"प्रीति यहाँ आओ और अपनी बेहन की चुचियाँ चूसो?" रश्मि ने मुझे हुक्म देते हुए कहा.

में बबिता के बगल मे बैठ गयी और उसकी चुचियों को मसल्ने और चूसने लगी.

रश्मि फिर से बबिता की चूत चूसने लगी और राज नीचे से धक्के लगा उसकी गांद मार रहा था. बबिता जोरों से सिसक रही थी. बबिता की चूत ने कई बार पानी छोड़ा और राज ने अपना वीर्य उसकी गंद मे छोड़ दिया और रवि ने उसके मुँह मे. रस्मी का मुँह बबिता के वीर्य से भर गया था. हम पाँचो थक कर निढाल पड़ गये थे.

"आज की शाम का तो मज़ा आ गया." बबिता ने कहा.

"मेरे शरीर की मालिश करते हुए ये सब तुमने शुरू किया था." रश्मि हंसते हुए कहा.

"अगर मालिश करने का आंजाम ये है तो में हमेशा तुम्हारी मालिश करना चाहूँगी." बबिता ने जवाब दिया.

बाकी की शाम हम सब हँसी मज़ाक करते हुए गुज़ारा. रात का खाना खाने के बाद हम सब हॉल मे बैठ कर प्रशांत और उसके बेटे सन्नी का इंतेज़ार करने लगे. वो दोनो काफ़ी लेट आए. सबसे परिचय के बाद हम सब बैठे बात कर रहे थे. प्रशांत काफ़ी गरम होकर आया था और रश्मि की गंद मे अपना लंड देना चाहता था, पर बबिता ने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया. प्रशांत को अपनी बीवी की गंद से ही संतोष करना पड़ा उस रात.
Reply
08-05-2017, 12:35 PM,
#38
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
मंगलवार सन्नी की पहचान

जैसा पहले से तय हुआ था, में बबिता और रश्मि शॉपिंग को चले गये. प्रशांत अपने काम से ऑफीस चला गया था. सन्नी राज और रवि अकेले घर मे रह गये. जब हम वापस आए तो राज ने हमे बताया कि उसने क्या पता लगाया. उसने कुछ इस तरह से अपनी कहानी सुनाई.

आप तीनो के जाने के बाद में रवि और सन्नी घर मे थोड़ी देर कसरत करते रहे. इस बीच सन्नी हम दोनो से काफ़ी खुल गया था. उसने हमे अपने कॉलेज और कॉलेज लाइफ के बारे मे बताया.

जब हम तीनो स्विम्मिंग पूल मे नहाने के लिए आए तो सन्नी ने मुझसे बेदिंग सूयीट उधार माँगा क्यों कि वो उसे अपने साथ लेकर नही आया था. तब मेने उसे बताया कि हम लोग तो नंगे ही स्नान करते हैं, वो चाहे तो नंगा स्नान कर सकता है.

सन्नी पहले तो काफ़ी हिचकिचाया पर बाद मे मान गया. थोड़ी ही देर मे वो हमसे खुल गया और उसने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ डटे पर जाया करता था पर बाद मे उसकी दोस्ती ऐसे लड़कों से हो गयी जो गांद मारना और मरवाना पसंद करते थे.

जब पूल मे स्नान करने के बाद हम आराम कुर्सी पर आराम कर रहे थे तो मेने सन्नी से कहा, "क्या में तुम्हारे शरीर की कुछ मालिश कर दूं?"

सन्नी ने गर्दन हिला कर मुझे हां कर दी. में थोड़ा तेल लेकर उसके शरीर पर मलने लगा. शरीर पर तेल मलते मलते मेने अपना हाथ उसकी गंद के दरार मे दे दिया और वहाँ भी तेल लगाने लगा.

सन्नी उत्तेजना मे कांप रहा था. मैं अपना समय लेते हुए तेल लगा रहा था. थोड़ी देर बाद मेने अपने तेल मे भीगी उंगली उसकी गांद मे डाल दी और घूमाने लगा.

"सन्नी क्या तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है?" मेने उससे पूछा.

उसने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और धीरे से कहा, "हां"

"घूम जाओ और मुझे अपना लंड दिखाओ?" मैने उससे फिर कहा.

"नही, प्लीज़ मुझे आकेयला छोड़ दो." सन्नी गिड़गिदते हुए बोला.

"इसमे इतना डरने की क्या बात है? सन्नी देखो यहाँ पर हम सब जवान है, अब घूमो और मुझे अपना लंड दिखाओ." मेने थोडा ज़ोर से कहा.

सन्नी शरमाते हुए घूम गया, उसका खड़ा लंड हवा मे सिर उठाए खड़ा था. सन्नी का लंड बहोत ही प्यारा है, करीब 7'इंच लंबा और 4'इंच मोटा. उसने अपनी आँख बंद कर रखी थी, मेने उसके लंड को अपने हाथ मे ले लिया.

"क्या तुम चाहते हो कि में तुम्हारे लंड का ख़याल रखूं?" मेने उससे पूछा.

सन्नी ने अपनी आँख बंद रखते हुए धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिला दी. में उसके लंड को धीरे धीरे मसल्ने लगा. फिर मेने अपने चेहरे को नीचे झुका कर उसके लंड को अपने मुँह मे ले लिया. अब मे अपनी जीब उसके लंड पर घूमाते हुए उसके लंड को अंदर तक ले चूस रहा था.

उसका लंड चूस्ते हुए मेने अपनी तेल से भीगी उंगली फिर से उसकी गंद मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. लड़कों से गंद मरवा मरवा कर उसकी गंद काफ़ी फैल गयी थी. मेरी उंगली बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रही थी.

"मेरा छूटने वाला है." सन्नी ज़ोर से चिल्लाया.

में और जोरों से उसके लंड को चूसने लगा. में उसकी गंद मे उंगली कर रहा था कि उसके लंड ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया. में उसका सारा वीर्य निगल गया. सन्नी ज़ोर की हुंकार भरते हुए अपना वीर्य छोड़ रहा था.

"तुम्हारा लंड बहोत प्यारा है सन्नी. मेरे लंड को देखो तुमने क्या कर दिया है. कैसे मेरा लंड स्टील की तरह तन गया है. क्या तुम मेरे लंड को चूसना चाहोगे या मेरे लंड से अपनी गंद मरवाना चाहोगे?" मेने पूछा.

"हां" वो उत्तेजित होते हुए बोला.

"हां क्या सन्नी? क्या चाहते हो तुम? में तो तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ, क्या तुम्हे मंज़ूर है?" मेने उससे पूछा.

"हां मेरी गांद मारो, में गांद मरवाना चाहता हूँ." वो ज़ोर से बोला.

मेने उसे घूमा कर घुटनो के बल कर दिया. फिर उसके पीछे आकर उसकी गांद मे और तेल लगाया. फिर धीरे से मेने अपना लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. जब मेरा लंड उसकी गंद मे घूसा तो वो थोड़ा से सहमा पर मेरा लंड आराम से अंदर घूस गया. उसने इसके पहले मुझसे से भी बड़े और मोटे लंड से गंद मरवाई थी.

"जब तक में तुम्हारी गंद मारता हूँ क्या तुम रवि का लंड चूसना पसंद करोगे? मेने उसकी गंद मे धक्के लगाते हुए पूछा.
Reply
08-05-2017, 12:35 PM,
#39
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
सन्नी ने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और रवि सन्नी के मुँह के पास आ गया. सन्नी ने रवि के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगा. थोड़ी ही देर मे में और रवि झाड़ गये.

थोड़ी देर सुस्ताने के बाद सन्नी का लंड एक बार फिर खड़ा हो गया था. मैने उसे पूछा कि क्या वो मेरी गंद मारना चाहेगे. उसे अपने नसीब पर यकीन नही हुआ और उसने अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया. ज़ोर ज़ोर के धक्के मारते हुए उसने अपना वीर्य मेरी गंद मे छोड़ दिया.

उसके बाद हम तीनो ने साथ साथ स्नान किया और हॉल मे बैठ बात करने लगे. तब हमे सन्नी ने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ बाहर जाता था, पर जबसे उसकी दोस्ती कुछ ऐसे लड़कों के साथ हुई जो गान्डू है तब से उसने भी लड़कियों के साथ चुदाई करना बंद कर दिया था.

रवि और मेने उसे फिर समझाया कि लड़कों के साथ ठीक है पर असली मज़ा तो लड़की के साथ ही है. सन्नी दुविधा में था कि कोई लड़की ऐसे लड़के को कैसे बर्दाश्त कर लेगी जिसे लड़कों में भी दिलचस्पी हो.

तब मेने उसे अपने और रवि के बारे में बताया. फिर मेने उसे बताया कि किस तरह मेने, रश्मि और रवि और प्रीति ने हनिमून पर मज़ा किया. मेने उसे समझाया कि उसे चिंता करने की बात नही है, रश्मि सब संभाल लेगी.

सन्नी को पहले तो विश्वास नही हुआ की रश्मि हम लोगो के साथ शामिल होगी. मेने उसे बताया कि वो सब कुछ मुझ पर छोड़ दे, रश्मि कल शाम को हमारे साथ होगी पर उसपर कोई दबाव नही होगा. उसकी मर्ज़ी होगी तो ही कुछ होगा नही तो नही होगा.

हम तीनो फिर शांत हो गये, मुझे पता था कि तुम लोग शॉपिंग से वापस आने वाले हो. ये है हमारी कहानी.

"हे भगवान मेरा बेटा गान्डू हो गया है, प्रशांत को पता चलेगा तो वो क्या सोचेगा?" बबिता थोड़ा निराश होते हुए बोली.

"सब ठीक हो जाएगा, तुम्हे प्रशांत को कुछ भी बताने की ज़रूरत नही है. मुझे लगता है कि कल के बाद वो लड़कियों मे भी दिलचस्पी लेने लगेगा." मेने बबिता को समझाते हुए कहा.

"में शर्त लगाकर कह सकती हूँ कि कल के बाद सन्नी लड़कों और लड़कियाँ दोनो को चोदने मे माहिर हो जाएगा." रश्मि ने कहा.

"तो फिर ठीक है, कल में और प्रीति आज की तरह शॉपिंग पर चले जाएँगे और रश्मि तुम लड़कों के साथ रह जाएगी, दुआ करती हूँ की ये प्लान कामयाब हो जाए." बबिता ने कहा.

हम सब रात के खाने की तय्यारी करने लगे. थोड़ी देर मे प्रशांत भी काम पर से वापस आ गया. खाने के बाद हम सब बैठ कर बातें कर रहे थे. प्रशांत रश्मि की गंद मारना चाहता था इसलिए राज ने उसे अपने कमरे में आने को कहा जिससे वो बबिता के पास जा सके. पर राज ने रवि को बबिता के कमरे में भेज दिया जिससे वो एक बार फिर सन्नी के साथ रात गुज़ार सके.

टू बी कंटिन्यूड………………..
Reply
08-05-2017, 12:36 PM,
#40
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......

बुधवार – सन्नी और रश्मि

अगले दिन जब प्रशांत काम पर चला गया तो बबिता और में शॉपिंग पर जाने के लिए तैयार हो गये. पीछे रह गये सन्नी, राज, रवि और रश्मि. मेने बबिता से कहा कि हम जाने का सिर्फ़ बहाना करेंगे और चुप कर उनका कारनामा देखेंगे. मेने बबिता को वो मेरी ख़ास जगह भी बताई जहाँ छुप कर मेने पहली बार राज, रवि और रश्मि को देखा था.

राज रवि और सन्नी हमारे गॅरेज मे चले गये पर रश्मि उपर कमरे मे ही रही. मेने रश्मि को बता दिया कि हमारे मन में क्या है तो उसने कहा की हम खामोश रहें और तमाशा देखें.

रवि और राज अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गये. सन्नी वैसे ही खड़ा रहा है फिर पूछा, "ये रश्मि कहाँ रह गयी?"

"ओह वो थोड़ी देर में आ जाएगी पर उसने कहा था कि हम शुरू हो जाएँ," राज ने बताया.

सन्नी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. राज और रवि अपने लंड को मसल रहे थे. सन्नी भी उन दोनो को देख गरमाने लगा था, उसका लंड भी धीरे धीरे खड़ा होता जा रहा था.

"सन्नी तुम क्या करना चाहोगे, क्या तुम रवि से या मुझसे पहले गंद मरवाना चाहोगे?" राज ने उससे पूछा.

"मुझे लगता है पहले तुम ही अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दो जिससे रवि का लंड लेने मे मुझे आसानी होगी." सन्नी ने राज से कहा.

"ठीक है फिर अपने घुटनो पर झुक जाओ और अपने हाथो से अपने चुतताड पकड़ कर थोड़ा फैला दो." राज ने कहा.

सन्नी बिस्तर का कोना पकड़ झुक गया. राज उसके पीछे आकर उसकी गंद पर क्रीम लगाने लगा. रवि उसके चेहरे के सामने आया और अपना लंड उसके होठों पर रगड़ने लगा. राज ने अपना लंड उसकी गंद मे डाल दिया और रवि उसके मुँह को चोदने लगा.

बबिता हैरत से खड़ी अपने बेटे को देख रही थी जिसके मुँह मे रवि का लंड अंदर बाहर हो रहा था, और राज ने अपना लंड उसकी गंद मे अंदर तक पेला हुआ था.

बबिता इस नज़ारे को देख गर्माती जा रही थी. तभी रश्मि एक दम नंगी कमरे मे दाखिल होती है और सन्नी के पास झुक कर उसका लंड अपने मुँह मे ले चूसने लगती है. सन्नी ने चौंकते हुए रश्मि की ओर देखा जो उसके लंड को जोरों से अपने मुँह मे ले चूस रही थी.

सन्नी इस तीहरे मज़े से इतना उत्तेजित हो गया था की उसे ज़्यादा देर नही लगी अपना पानी रश्मि के मुँह मे छोड़ने मे. सन्नी का वीर्य रश्मि के गले के अंदर छूट रहा था और वो उसे निगलते जा रही थी. रश्मि उसका वीर्य छूटने के बाद भी उसके लंड को चूस उसे बहते पानी को पीती रही. रश्मि का लंड चूसना जारी रखने से सन्नी का लंड मुरझाया नही बल्कि खड़ा खड़ा रहा.

"वाआह माआज़ाअ आअगाअ में साचमुच रश्मि के मुँह मईए झदादा एक लड़की के मूँह मे." सन्नी खुशी से उछलते बोला.

"हां सुन्न्नी तुमने ऐसा कर दिया, और तुम्हारे वीर्य का स्वाद भी बहोत अच्छा है." रश्मि अपने होठों पर अपनी जीब फेरते हुए बोली.

"सन्नी अब ऐसा करो रश्मि रवि के लंड पर चढ़ अपनी चूत मे लंड लेगी और तुम पीछे से उसकी गांद मे अपना लंड डालना. तुम्हे गंद के अंदर से रवि के लंड का एहसास होगा." रवि ने सन्नी से कहा.

रवि बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और रश्मि ने उसके उपर चढ़ उसके लंड को अपनी चूत मे ले लिया. रस्मी उपर नीचे होते हुए उसके लंड को अंदर तक लेने लगी. जब रवि का लंड पूरी तरह उसकी चूत मे घुस गया तो वो बैठ गयी और आगे को झुक गयी.

राज ने रश्मि की गांद क्रीम से चिकना किया फिर सन्नी के लंड को पकड़ उसकी गंद के छेद पर लगा दिया. सन्नी ने थोड़ा ज़ोर लगाते हुए अपना लंड उसकी गंद मे घुसा दिया वहीं राज ने अपनी उंगलियाँ सन्नी की गंद मे घुसा दी.

"ओह रवि मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को छू रहा है, में उसके मोटे लंड को महसूस कर रहा हूँ." सन्नी उत्तेजित होते हुए बोला.

तभी राज ने अपना लंड सन्नी की गांद मे डाल दिया. अब चारों ताल से ताल मिलाने की कोशिश करते हुए एक दूसरे को चोद रहे थे.

"ऊवू प्ररीईटी आब्ब्ब में ज़्यादा नााी डेक्ककख साकटि मईरी चूत मे आअग लगग्गी हु है." बबिता धीरे से मेरे कान मे फुस्फुसाइ.

"लाओ में तुम्हारी मदद करती हूँ," कहकर मेने बबिता की स्कर्ट उपर उठा कर उसकी पॅंटी उसके घुटनो तक नीचे कर दी.

मेने अपना हाथ बबिता की चूत पर रख दिया और उसे मसल्ने और रगड़ने लगी. बबिता इतनी उत्तेजित थी कि वो अपनी चूत को मेरे हाथो पर दबा रही थी. में समझ गयी की बबिता काफ़ी उत्तेजित है मेने अपने हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी. बबिता का बदन थोडा सा आकड़ा और उसकी चूत ने मेरे हाथों परपानी छोड़ दिया. उसने अपने बाहों से अपने मुँह को दबा रखा था जिससे उसकी सिसकारियाँ ना सुनाई दे.

"ओह थॅंक यूऊ प्रीएटी." वो धीरे से बोली और मेरी बाहों मे समा गयी.

हम दोनो फिर चारों को देखने लगे. तीनो लड़के अपने लंड को ताल से ताल मिला चोद रहे थे. जब रवि का लंड रश्मि की चूत से निकलता तो सन्नी का लंड उसकी गंद मे अंदर तक घुस जाता. जब सन्नी अपना लंड रश्मि की गंद से निकलता हुए पीछे को होता तो रवि का लंड रश्मि की चूत मे अंदर घुसता वहीं राज का लंड सन्नी की गंद मे.

चारों काफ़ी उत्तेजित थे ये उनके चेहरों से दिखाई दे रहा था. रश्मि जोरों से सिसकते हुए तीहरी चुदाई का मज़ा ले रही थी. वहीं सन्नी तो जैसे दूसरी दुनिया था, एक तो वो रश्मि की गांद मार रहा था वही अपनी गंद राज से मरवा रहा था.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,454,319 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,077 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,102 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,046 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,779 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,571 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,151 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,931,907 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,366 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,426 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)